lund Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/lund/ Hindipornstories.org Sun, 12 Dec 2021 07:09:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 दो बार चुदाई एक रात में https://sexstories.one/do-bar-chudai-ek-raat-mein-xxx/ Sun, 12 Dec 2021 07:09:00 +0000 https://sexstories.one/?p=3457 में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे...

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Do Bar Chudai Ek Raat Mein – मेरा नाम महेश और मेरे पडोश में रहती रागिनी से मेरी दो साल पहले आँख मिली थी जब वो यहाँ नयी नयी रहने आई थी जब उसका हसबंड ऑफिस होता और उसको किसी काम की जरुरत पड़ती तो वो सीधे मुजको ही बुलालिया करती थी और में उसका काम कर देता था मेरी तो पहले से ही उस पर नजर थी..

वो दो बच्चो की माँ थी फिर भी उसका फिगर एसा था की कोई भी उसको देख कर ललचाए मेने सोचा मेरी रोटी कोई और ले जाए इससे पहले इ ही उसे खा लेता हूँ.

और धीरे धीरे वो यहाँ के माहोल में सेटल्ड हो गयी और मेरे साथ भी हमारा प्यार हद से ज्यादा गुजर चूका था हम दोनों एक दुसरे की भूख और प्यास को बजाते थे…..

में था कुवारा २८ साल का लड़का और वो थी मेरिड लेकिन उसका पति पूरा दिन काम करके आता और थक कर रात को सो जाता था वो सेक्स की भूकी थी और उसका पति उसकी महीने दो चार बार ही चुदाई करता था और उसे ये रोज खाना था. जो की में ही दे सकता था और देता था.

एक दिन रात के ठीक बजे थे और उसका फोन आया उसने मुझे फोन पर बताया की आज उसका पति बहार गया हे तो वो सीधे कल दोपहर को आएगा तो आज रात हम दोनों ने मिल कर चडाई का प्रोग्राम बनाया. उसने बोला था बच्चे सो जायेंगे तब में मिसकॉल दू तो तुम सीधे टेरेस पे आ जाना..

तो ठीक १० बजे उसका मिस कॉल आया तो में चला गया उसके घर वो नाईटसूट पहने टेरेस पर मेरी राह देख रही थी. मेने तो जाते ही उसे अपनी बाहों में ब्भर लिया और चूमने लगा और वो भी जेसे तैयार ही थी जब मेने उसकी चूत में हाथ डाला तो उसकी चूत गीली गीली थी और उसका मेसेज मिलते ही मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और तब से ही खड़ा था..

मेने उसे चुमते चुमते ही उसके सारे कपडे उतार दिए और अपने भी वो सेक्स में चूर मुझे बाईट कर रहि थी.

और में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे अब लंड चूत के अन्दर घुस मारने के लिए बेताब था और मेरे काबू में नहीं था में उठा और सीधे उसकी चूत में लंड घुसा दिया लंड अन्दर घुसते ही वो अपनी गांड हिला हिला के चुदाई का मज़ा ले रही थी.

थोड़ी देर तक मेने उसे छोड़ने दिया फिर मेने लंड को चूत के अन्दर बहार करके चोदना सुरु कर दिया १;३० घंटे तक मेने उसकी चुदाई की फिर में झड़ने वाला था की उसने कहा की चूत के अन्दर मत झड़ना मेरे बूब्स पर अपनी मलाई निकाल देना और में जल्दी से लंड निकाल के उसकी दो बूब्स के बिच में झड गया.

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ये तो इतना जल्दी हुआ था की जेस अभी अभी हम दोनों भूके और प्यासे थे और वेसे भी आज तो पूरी रत हम दोनों के नाम थी तो क्या केहना १ घंटा तक हम दोनों नंगे ही टेरेस पर बीएड पर बेठे रहे. एक दुसरे के अंगो को सहलाते हुए कभी वो मेरे लंड को पकड़ कर दबाती थी सहलाती थी तो कभी मुझे किस करती थी और में भी उसके बूब्स को पकड़ पकड़ कर बारी बारी दबा रहा था..

मेने उसके बूब्स को दबा दबा कर और चूस चूस कर लाल टमाटर जेसे कर दिए थे.

और एक हाथ मेरा था उसकी चूत में कभी में उसकी चूत को नरम नरम हाथो से सहलाता तो कभी दो उंगलिया उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में घुमाता था जिससे वो और बभी एक्साईट हो रही थी मेरा तो दूसरी बार भी खड़ा हो चूका था और वो भी अब तो दूसरी बार भी पानी छोड़ चुकी थी.

इ तो पूरा का पूरा उसके ऊपर सो गया उसके पैर की उंगलिया मेरे पैर में मिलाता था और उसके बूब्स को एरे निपल से मिलाकर पुरे बदन को उसके बदन से घिस रहा था हम दोनों इस बार भी बहुत एक्साईट हो गए थे हम दोनों को सेक्स का नशा चदता ही चला था और फिर उसने अपने हाथ से ही अपनी चूत में मेरे कड़क कड़क लम्बे लंड घुसा दिया.

फिर मेरा तो क्या कहना में तो जोर जोर से उसे चोदने लगा इस बार हमारी चुदाई बहुत लम्बी चली और हमें भी लंबा चुदना था हम दोनों थक गए थे लेकिन नशा अभी भी बरकरार था.सेक्स की तलप हमें थकने नहीं देती थी मेने उसे बहुत जोर जोर से उसे छोड़ा वो आआआआआ ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊऊईईईईइमा जेसी सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी और सेक्स का मज़ा लोट रही थी..

फिर युही चुदाई करते करते में दूसरी बार भी झड़ने की आरे पर था उसने पहले कहा था तो मेने झट से अपना लंड उसकी चूत में से निकाला और उसके दो बूब्स की बिच दबाया और में झड गया फिर थोड़ी देर बाद में कपडे पहन कर में वह से चला आया.

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मेरी पलागतोड़ चुदाई https://sexstories.one/meri-palagtod-chudai-story/ Sat, 11 Dec 2021 07:03:02 +0000 https://sexstories.one/?p=4890 उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से... वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज...

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Meri Chudai / Patni ki Palagtod Chudayi Story – हेलो दोस्तों! कैसे हो सब? आज फिर से लेके आयीं हूँ उस सेक्सी स्टोरी का दूसरा भाग.. मैं अपने बारे में फिरसे बता दूँ.. मैं एक इंटीरियर डिज़ाइनर हूँ और मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी और स्लिम है.. उम्र २५ साल और मैं पूरी दूध की तरह गोरी चिट्टी हूँ.. एकदम सेक्सी कर्व्स, पेट स्लिम टीम और फ्लैट है… बेल्ली तो लगभग है ही नहीं.. और मेरे बूब्स और गांड बड़े हैं.. मैंने अपनी फोटो पहले भाग में शेयर की थी..

मेरा एक छोटा बच्चा है जो ४ महीने का है.. ऐसे तो मेरे पति मुझे रोज़ चोदते है.. वो भी एक जंगली जानवर की तरह…लेकिन आज रात तो वो एक अलग ही जानवर बन गए थे… चुदाई से घर में आधा सामान टूट चूका है… मेरे पति ऑफिस में थे और मैं अपना काम कर रही थी, वर्क फ्रॉम होम वाली… तभी मेरे पति का मुझे कॉल आया.. वो बोले के वो आज रात अलग ही जोश में होंगे… आज रात वो पूरी रात इतनी ज़ोर से चुदाई करेंगे की पूरा घर हिलने लगेगा.. मैं बोली, ठीक है.. मेरे पतिदेव.. पहले घर तो आ जाओ..

रात के १० बज चुके थे.. मैंने टेबल पे काम करते करते खाना लगा दी थी..

और मैं खुद काम करने लग गयी.. मेरे पति १० बजे आये और वो मुझे किस करना चाहते थे.. लेकिन मैंने उनको करने नहीं दिया क्योंकि मैं कांफ्रेंस कॉल पर ट्रेनिंग दे रही थी नई कैंडिडेट्स को… वो फ्रेश होक आये और खाना खाने बैठ गए.. मैं भी कांफ्रेंस कॉल ख़त्म करके खाने बैठ गयी.. फिर खाने के बाद, उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगे.. लेकिन मुझे अभी भी एक फाइल भेजना था कैंडिडेट को..

मैंने उनको बोला प्लीज अभी नहीं.. क्योंकि मुझे ये लास्ट फाइल भेजनी थी.. लेकिन वो माने ही नहीं… और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे ज़ोर से…

फिर उन्होंने अपना पायजामा खोल दिया और सैंडो भी उतार फेका और अपना अंडरवियर भी खोल दिया.. हमारा बेटा हमारे बेडरुम में सो रहा था.. फिर उन्होंने मुझे उठाया और टेबल पर लेटा दिया.. टेबल पर बहुत सारे खाने का सामान था और मेरे काम की चीज़े भी थी जैसे की पेपर्स, लैपटॉप और पेंसिल बॉक्स… मैं अपने ऑफिस से एक १८ साल के इंटर्न कैंडिडेट से पेंसिल बॉक्स लेके आयी थी.. क्योंकि वो गलती से छोड़ के चला गया था.. लेकिन मेरे पति ने मुझे टेबल पे उन सब के ऊपर लेटा दिया था… और मेरे कपडे फाड़ दिए.. और मेरे ऊपर आ गए.. मिशनरी पोजीशन में… और अपने बदन से मेरे बदन को ज़ोर से दबाने लगे…

मेरे पति बहुत भारी है क्योंकि उनका बड़ा सा पेट है.. मैं पेपर्स और पेंसिल बॉक्स के ऊपर लेटी हुई थी.. पेंसिल बॉक्स ठीक मेरी गांड के निचे था और मेरे पति मेरे ऊपर पूरे जोश में थे और मेरे बॉडी को काट रहे थे.. फिर उन्होंने अपना १० इंच का काला मोटा लंड ज़ोर से मेरी कमसिन चूत में घुसा दिया.. मैं चिल्ला उठी… लेकिन वो माने नहीं..

उन्होंने अपनी चुदाई को स्पीड बढ़ा दी..

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मैं चिल्ला रही थी… सिसकारियां निकाल रही थी..उउउउउ…. आआह्ह्ह्हह…. उम्म्म्म…. आउच! थोड़ा आराम से… लेकिन वो मान ही नहीं रहे थे.. उन्होंने और वज़न दाल दिया और ज़्यादा स्पीड से चोदने लगे… पूरा टेबल धप-धप-धप के आवाज़ कर रहा था.. और ज़ोर से हिल रहा था…

मेरे गांड के निचे जो पेंसिल बॉक्स था वो पूरा टूट गया और पेपर्स भी फट गए चुदाई से.. पेंसिल बॉक्स के टुकड़े मेरे गांड में चुभ रहे थे..

लेकिन मेरे पति पूरे जोश में जंगली सेक्स कूद-कूद के कर रहे थे.. जब वो मेरे ऊपर कूद-कूद के चुदाई कर रहे थे तो पूरा टेबल इतना ज़ोर से हिल रहा था आगे-पीछे की जैसे टूट ही जायेगा.. सारा खाना निचे ज़मीन पे गिर रहा था.. और देखते ही देखते टेबल टूट गया हम दोनों के चुदाई से…

हम दोनों निचे गिर गए.. फिर भी वो रुके नहीं… चुदाई करते रहे.. मैं आअह्ह्ह…. आह्ह्ह्ह… उईईई माँ…… मर गयी… आअह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह… आउच… आउच… उउउउउ….. सससस, करती रही… मेरी सेक्सी सिसकारियां सुन कर वो और भी ज़ोर से चुदाई करने लगे.. सब खाना मेरे बदन पर चिपक रहा था…

फिर वो अकड़ गए और एक ज़ोर का झटका मारते हुए उन्होंने अपने लंड का माल मेरी गर्म चूत में छोड़ दिया.. मुझे थोड़ी राहत मिली.. वो मेरे ऊपर ही लेटे रहे.. फिर जब हमलोग उठे तो हमने निचे देखा.. पूरा सत्यानाश हो चूका था टेबल का.. खाना बिखरा था.. सब टूट गया था..

मैं फ्रेश होने चली गई..

कुछ देर बाद मेरे पति फ्रेश हो कर बैडरूम में मेरे पास आ गए और सोने लगे.. १ घंटे बाद वो फिर उठ गए.. उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से… वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज.. उनके अंदर पता नहीं कितना माल और पड़ा था.. चोदे और पेले जा रहे थी मेरी गीली गर्म चूत… मैं कराह रही थी.. और उनकी स्पीड बढ़ती जा रही थी…

पूरा बेड हिल रहा था.. बेटा भी बेड पर हील रहा था.. मुझे डर था की कहीं वो जाग न जाए…

चुदाई के समय के कराह रही थी… ओह्ह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह… आराम से… पर मेरे पति कहा रुकने वाले थे… ५ मिनट चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उल्टा किआ और मेरे मोटे गांड पर हाथ फेरा.. मुझे भी रूमानी नशा सा हो गया था.. मेरे गांड के होल पर उन्होंने थूक लगा और अपने लंड पर भी और एक-दो जटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया… मैं दबी आवाज़ में चिल्ला उठा… वो कूद-कूद कर मेरी गांड मारने लगे… उनके चुदाई के रिथम से पूरा बेड हिल रहा था.. करीब आधे घंटे गांड मारने के बाद मुझे फिर से सीधा लेटा दिया और जमके १५ मिनट तक मेरी चूत मारी…

तो ये थी मेरी दुसरी चुदाई की कहानी। इस चुदाई के बाद मेरे पति मुझसे रोज, हर रात, रफ वाइल्ड मिशनरी सेक्स करते हैं। जिस कामरे मैं हमलोग सोटे है वहा का बिस्तर बहुत मजबूत था। लेकिन मेरे पति की कच्ची चुदाई से, वो बिस्तर भी हिलने लगता है, और चूर-चूर की आवाज आती है।

आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी…

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मुझे अपने लंड पे बैठा लो https://sexstories.one/kaala-lund-chut-me-dalwane-ki-kamukta/ Thu, 11 Nov 2021 06:01:10 +0000 https://sexstories.one/?p=3306 मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा...

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Kaala lund chut me dalvane ki kamukta story – मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता हूं हालांकि मेरे माता पिता नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने मुझे बहुत ही अच्छे से प्यार दिया है। मैं एक अनाथ आश्रम में पढ़ता था मेरी उम्र 10 वर्ष की थी तो मुझे गोद ले लिया था उसके बाद से ही मैं उनके साथ रह रहा हूं उन्होंने मुझे माता-पिता का पूरा प्यार दिया और कभी भी मुझे मेरे माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। मैंने जब अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली तो उसके बाद मैं कुछ काम करने की सोचने लगा उसमें मेरे पिताजी ने मेरी काफी मदद की और कहा कि बेटा तुम जो भी चाहते हो तुम वह काम कर लो, मैंने उन्हें कहा मैं एक एनजीओ खोलना चाहता हूं जो कि गरीब बच्चों की मदद करें और जितने भी गरीब बच्चे हैं उनकी पढ़ाई में मैं उनकी मदद करना चाहता हूं, वह कहने लगे बेटा तुम्हारे तो बहुत ही अच्छे ख्यालात हैं यदि तुम इस प्रकार की सोच रखते हो तो तुम्हें मुझसे जितनी भी मदद की आवश्यकता है वह मैं तुम्हें देने को तैयार हूं।

मेरे पिताजी बड़े ही अच्छे हैं और वह हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित करते रहते हैं, मैंने उनकी मदद से एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया और जितने भी आसपास के गरीब बच्चे थे जिन्हें मैं पढ़ा सकता था उन्हें मैंने पढ़ाने का बीड़ा उठाया और उनकी पढ़ाई में जितना मुझसे मुमकिन हो सकता था मैं उतना करता था, धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी और मेरे पास काफी बच्चों के माता-पिता आने लगे, वह कहते कि आप बहुत ही अच्छा और नेक काम कर रहे हैं इससे हमारे बच्चों को बहुत मदद मिल रही है, जब उनके चेहरे पर मैं मुस्कुराहट देखता तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता। एक बार मैं बच्चों को पढ़ा रहा था तभी मेरे पास एक तीन चार लोगों का ग्रुप आया और वह लोग मुझे कहने लगे क्या आप ही सतीश हैं? मैंने उन्हें कहा हां मेरा नाम ही सतीश है।

उन लोगों ने मुझे कहा कि सर क्या आप हमें थोड़ा समय दे सकते हैं? मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं मैं अपनी क्लास खत्म कर लेता हूं उसके बाद हम लोग मेरे ऑफिस में बैठ जाते हैं। मैंने उन्हें अपने ऑफिस में बैठा लिया और जब वह मेरे ऑफिस में बैठे तो मैं बच्चों को पढ़ाने के लिए चला गया जैसे ही क्लास खत्म हुई तो मैं उन लोगों के पास गया, वह लोग मुझसे कहने लगे सतीश जी हमने आपके बारे में काफी सुना है और आप गरीब लोगों की काफी मदद करते हैं हम लोग भी आपका साथ देना चाहते हैं, मैंने उनसे पूछा आप लोग कहां रहते हैं?

वह कहने लगे हम लोग भी यहीं रहते हैं और कुछ समय पहले ही हमारी पढ़ाई खत्म हुई है हम लोग आपकी मदद करना चाहते हैं। यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ, मैंने उन लोगों के नाम पूछे वह तीन लोग थे उनमें से दो लड़कियां थी और एक लड़का था लड़के का नाम शोभित है और उन लड़कियों का नाम पारुल और रंजना है। मैंने उन्हें कहा आप जैसे लोगों की ही मुझे जरूरत है यदि आप लोग मेरे साथ आ जाएं तो मुझे बहुत खुशी होगी, वह लोग कहने लगे सर हम लोग कल से सुबह के वक्त आ जाया करेंगे, मैंने उन्हें कहा आप कल से सुबह आ जाइएगा।

Kaala Lund Chut me Kamuk kahani मेरी चुड़क्कड़ बॉस

अगले दिन वह लोग सुबह ही आ गए और मैंने उन्हें सब कुछ समझा दिया, मैंने उन्हें बताया कि मैं बच्चों को कौन-कौन सी क्लास पढ़ाता हूं और उन लोगों को भी मैंने उनकी जिम्मेदारी सौंप दी थी वह लोग अपनी जिम्मेदारी पाकर बहुत खुश थे और वह बहुत ही अच्छे से मेरे साथ पढ़ाने लगे मुझे बहुत ही खुशी होती जिस प्रकार से वह लोग बच्चों को निस्वार्थ भाव से पढ़ाते, मुझे उन लोगो के विचार बहुत ही पसंद है हालांकि उनकी उम्र मुझसे थोड़ी ही कम थी लेकिन वह लोग बड़े ही समझदार और अच्छे हैं, मेरे पिताजी जब भी मुझसे मिलने आते तो हमेशा पूछते कि बेटा तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है, मैं उन्हें कहता नहीं पिताजी मुझे कोई परेशानी नहीं है आप जितना कर सकते थे आप ने उतना मेरे लिए किया, अब मुझे धीरे-धीरे सफलता मिलती जा रही थी और मेरे साथ काफी लोग भी जुड़ते जा रहे थे।

मैंने जो मुहिम शुरू की थी उसका मुझे बहुत ही फायदा मिल रहा था और मेरे पास बच्चों की संख्या भी अधिक होती जा रही थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। एक दिन पारुल मेरे साथ ऑफिस में बैठी हुई थी वह मुझसे पूछने लगी सतीश आपके घर में कौन-कौन है? मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बताया उन्हें मेरे बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था लेकिन जब मैंने उनको बताया कि मैं भी एक अनाथ आश्रम में पढ़ता था और उसके बाद मुझे मेरे पिता ने गोद लिया तब से मेरे जीवन में परिवर्तन आ गया है इसीलिए मैंने बच्चों को पढ़ाने की सोची।

मेरे पिताजी ने इसमें मेरी बहुत मदद की, पारुल यह सुनकर कहने लगी आप बड़े ही नेक व्यक्ति हैं आपके जो भी ख्यालात हैं वह मुझे बहुत पसंद है और इसी वजह से हम लोगों ने आप के साथ जुड़ने की सोची, पारुल मुझे चाहने लगी यह उसके इरादो से मुझे पता चल जाता था। मैं एक दिन ऑफिस में बैठा हुआ था उस दिन पारुल मुझसे कहने लगी सतीश जी मुझे आपसे कुछ पूछना था मैंने उससे कहा हां कहो। वह मुझे कहने लगी क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है मैंने उसे कहा नहीं मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है। वह कहने लगी मैंने तो सुना था आपकी गर्लफ्रेंड है।

मैंने उसे कहा तुम्हे किसने कहा मैं तो सिंगल ही हूं। वह कहने लगी आप मेरी कसम खाइए, मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी कसम खाता हूं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। यह कहते हुए उसने मुझे कहा आप मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लीजिए। मैंने उसे कहा पर मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बना सकता। जब मैंने उसे मना किया तो वह मुझे अपने स्तनों को दिखाने लगी और बार बार अपने बालों पर हाथ फेरने लगी। उसके स्तनों की लकीर मुझे दिखाई दे रही थी मैं भी अपने आप को कितनी देर तक रोकता मैंने उसके स्तनों पर अपने हाथ को लगाया तो मेरे अंदर भी सेक्स भावना जाग उठी। मैंने उसे कहा तुम मेरी गोद में आकर बैठ जाओ, वह मेरी गोद में आकर बैठी तो उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी, मेरा लंड खडा हो चुका था।

मैंने उससे कहा तुम्हारी गांड तो बहुत ही बड़ी है। वह कहने लगी हां मेरी गांड बहुत बड़ी है मैं अब आपसे अपनी गांड मरवाना चाहती हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मैंने आज तक किसी की भी गांड नहीं मारी। वह कहने लगी आप मुझे बस अपना बना लीजिए मैंने उसे कहा तुम कैबिन का दरवाजा बंद कर लो। उसने दरवाजा बंद कर लिया उसने अपने सारे कपड़े उतारे तो उसका फिगर देखकर मैं उठ कर उसके पास चला गया और उसके बदन को सहलाने लगा। मैं जब उसके बदन को सहला रहा था तो उसकी चूत से तरल पदार्थ निकल रहा था।

वह कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा। मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा। वह कहने लगी नहीं आपको मेरी गांड तो मारनी ही पड़ेगी मैंने भी अपने लंड को उसकी गांड पर सटा दिया। जैसे ही मैंने धक्का देकर उसकी गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो वहां चिल्लाने लगी और कहने लगी आपके मोटा लंड को लेकर तो मेरे अंदर और भी जोश बढ़ने लगा है। वह अपनी गांड को मुझसे टकराने लगी।

जिस प्रकार से मेरा लंड उसकी गांड के अंदर बाहर होता मेरा लंड दर्द होने लगा था लेकिन उसकी टाइट गांड मारने में मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैं तेजी से उसकी गांड मार रहा था मैं ज्यादा देर तक उसकी गांड की गर्मी को सह नहीं पाया जब मेरा वीर्य पतन उसकी गांड में हुआ तो वह कहने लगी क्या आपने मुझे अपना लिया है। मैंने उसे कहा हां पारुल मैंने तुम्हें अपना लिया है लेकिन तुम्हें याद रहे यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए यह बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए। हम दोनों के बीच अक्सर सेक्स संबंध बनते रहते हैं लेकिन यह बात किसी को भी नहीं पता।

पारुल मेरे लिए कई बार कंडोम ले आती है कभी वह कहती है आप कंडोम लगाकर मेरी चूत और गांड मारो और कभी बिना कंडोम के हम दोनो सेक्स करते है मुझे उसके साथ सेक्स संबंध बनाना बहुत अच्छा लगता है।

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लंड तो लेकर रहूंगी मैं https://sexstories.one/bur-me-lund-lekar-rahungi/ Mon, 25 Oct 2021 06:06:09 +0000 https://sexstories.one/?p=3117 मैंने सनी से कहा तुम देर मत करो जल्दी से तुम मेरी इच्छा पूरी कर दो। सनी ने भी अपने कपड़े खोल दिए उसका लंड ऊपर नीचे हो रहा था। जब सनी ने मेरे होठों को चूमना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी अधिक मात्रा में निकलने लगी, सनी ने जैसे ही मेरे स्तनों का रसपान किया...

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antarvasna, kamukta bur me lund sex मैं बहुत ही महत्वाकांक्षी महिला हूं मुझे जो चीज पसंद आ जाती है उसे में अपना बना कर ही छोडती हूं। मैं एक बार एक स्वीट शॉप में मिठाई लेने के लिए गई वहां पर मुझे एक गबरु जवान बहुत पसंद आया उसकी लंबाई लगभग 6 फुट के आसपास थी, उसे अपना बनाने की चाह मैंने अपने दिल में पल ली थी। मेरी चूत उसे लेकर बहुत प्यासी थी, उसका लंड मैं अपनी चूत में लेने के लिए तैयार बैठी थी मैं जानबूझकर उसकी शॉप में बार-बार जाने लगी ताकि उस लड़के से मेरी बातचीत हो सके लेकिन वह कभी-कभार ही मुझे वहां पर दिखाई देता था अधिकतर उसके पिताजी ही दुकान में होते थे। मैंने भी ठान ली थी कि उससे अपनी चूत की खुजली में मिटा कर ही रहूंगी मैंने उसका नाम पता करवा लिया उसका नाम सनी है। उसने ही मुझसे पहले बात की।

मैं सनी के पीछे एकदम हाथ धो कर पड़ गई थी और सनी को मेरे बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था, मैं अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं हूं मेरे पति बैंक में मैनेजर हैं और वह तो बिल्कुल भी रोमांटिक नहीं है यदि उनसे कभी भी कुछ प्यार की बातें करने की सोचो तो वह हमेशा ही अपना मुंह फेर लेते हैं और कहते हैं तुम्हें हमेशा यही सब सूझता रहता है तुम्हें पता है मैं अपने जीवन में कितनी मेहनत कर रहा हूं और उसी की वजह से हमारा घर चल पा रहा है। मैंने उनसे अब कुछ भी उम्मीद करना छोड़ ही दिया था लेकिन जब से मैंने सनी को देखा है उसके बाद से तो वह मुझे बहुत अच्छा लगने लगा मैं अधिकतर उसकी दुकान से ही मिठाई लेती थी।

Boor Chudai दोस्त की बीवी गैर मर्द की दीवानी

दिन मैं सनी की स्वीट शॉप में गई तो वहां पर सनी बैठा हुआ था जब मैंने पैसे कटवाए तो वह मुझे कहने लगा मैडम आप हमारी रेगुलर कस्टमर हैं मैं आपको हमेशा ही अपनी शॉप से मिठाई लेते हुए देखता हूं, मैंने सनी से कहा हां मैं अधिकतर आप की दुकान से ही मिठाई लेती हूं, सनी ने मेरा नाम पूछा मैंने सनी को अपना नाम बताया मैंने उसे कहा मेरा नाम शीला है और मैं यही पास में रहती हूं तुम्हारी दुकान की मिठाइयां मुझे अच्छी लगती है इसीलिए मैं तुम्हारी ही शॉप से हमेशा मिठाई लेकर जाती हूं।

सनी कहने लगा मैडम आप बहुत अच्छी बातें कर लेते हैं, मैंने सनी से कहा तुम भी दिखने में काफी अच्छे हो क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है? सनी कहने लगा अभी शादी तो नहीं हुई है लेकिन मैं एक लड़की को पसंद करता हूं और उसी से मैं शादी करना चाहता हूं हम दोनों के बीच काफी समय से रिलेशन है और हम दोनों एक दूसरे को पसंद भी करते हैं। मैंने सनी से कहा क्या इस बारे में तुम्हारे माता-पिता को पता है? सनी मुझसे कहने लगा हां इस बारे में मैंने अपने माता पिता को बता दिया है और उन्हें लकी भी काफी पसंद है इसीलिए वह मेरी शादी उससे कराने को तैयार है लेकिन मुझे अभी कुछ और वक्त चाहिए, मैंने सनी से कहा तुम्हें किस चीज के लिए वक्त चाहिए तुम्हारी शॉप तो काफी अच्छी चलती है और मुझे जहां तक जानकारी है कि तुम अपने घर में इकलौते हो, सनी कहने लगा अपने घर में तो मैं एकलौता हूं लेकिन मैं अभी कुछ समय और चाहता हूं।

मैंने सनी से कहा मैं भी चलती हूं फिर कभी फुर्सत में हम लोग बात करेंगे जैसे ही मैं दुकान से बाहर जाने वाली थी तभी सनी ने मुझे आवाज दी और कहां मैडम आप हमारे शॉप से कार्ड लेकर चले जाइए यदि आपको कभी भी कुछ मंगवाना हो तो आप मंगवा सकती हैं, मैंने सनी से कहा ठीक है आप मुझे अपना कार्ड दे दीजिए, सनी ने मुझे अपना कार्ड दिया और उसी कार्ड में सनी का नंबर भी था मेरे लिए तो यह बहुत खुशी की बात थी कि सनी का नंबर मुझे मिल चुका था और मैं अब सनी से मैसेज में बात करने लगी सनी से जब भी मैं मैसेज में बात करती तो वह मुझसे ज्यादा बातें नहीं करता था और उसका ज्यादा रिप्लाई भी नहीं आता। एक दिन मैंने सनी को फोन कर दिया और सनी से कहा क्या आज तुम अपनी शॉप पर हो?

सनी कहने लगा नहीं शीला जी मैं आज कहीं बाहर गया हुआ हूं आप दूसरे नंबर पर फोन कर लीजिए। मैंने कहा ठीक है मैं दूसरे नंबर पर फोन कर लेती हूं लेकिन यह तो सिर्फ मेरा एक बहाना था मुझे सिर्फ सनी से बात करनी थी उस दिन के बाद तो सनी से मेरी अक्सर फोन पर बातें होने लगी सनी और मेरे बीच में जितनी भी बातें होती मुझे बहुत अच्छा लगता मैंने सनी को अपने बारे में सब कुछ बता दिया था मैंने सनी से कहा मैं अपनी शादीशुदा जीवन से बिल्कुल भी खुश नहीं हूं क्योंकि मेरे पति मुझ पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते।

एक दिन सनी और मैं फोन पर बात कर रहे थे मैंने सनी से पूछा क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड से बहुत ज्यादा प्यार करते हो? सनी कहने लगा हां मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं इसीलिए तो इतने वर्षों से हम दोनों के बीच रिलेशन है। मैंने सनी से कहा क्या तुम दोनों के बीच में कभी भी सेक्स संबंध बने हैं। सनी मुझसे कहने लगा आप यह किस प्रकार की बातें कर रहे हैं, मैंने सनी से कहा यदि तुम्हें यह बात बुरी लग रही है तो हम लोग कुछ और बात कर लेते हैं। सनी कहने लगा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैंने सनी से दोबारा पूछा क्या तुम्हारे बीच में कभी सेक्स संबध बने हैं।

वह कहने लगा हां मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड के बीच में बहुत बार सेक्स हुआ है, मैंने सनी से अपनी इच्छा भी जाहिर की और उसे कहा क्या तुम मेरी इच्छा भी पूरी कर सकते हो ? सनी कहने लगा नहीं मैडम मैं सिर्फ अपनी गर्लफ्रेंड से ही प्यार करता हूं और उसी के साथ रिलेशन में हूं। उस दिन तो मैंने फोन रख दिया लेकिन कुछ दिनों बाद में उसे अपनी नंगी तस्वीरें भेजने लगी जब मैं उसे अपनी नंगी तस्वीर भेजती तो वह मुझे कोई भी रिप्लाई नहीं करता। सनी भी अपने आपको कितने दिनों तक रोकता आखिरकार वह मेरे बदन पर फिसल गया। एक दिन सनी का फोन मुझे आया और कहने लगा क्या आप घर पर ही हैं? मैंने उसे कहा हां मैं घर पर ही हूं सनी उस दिन मेरे घर पर आ गया।

Padosan ki choot पडोसन की चूत

जब वह घर पर आया तो सनी मुझे कहने लगा शीला जी आपकी नंगी तस्वीर देखकर मैं अपने आपको ज्यादा समय तक नहीं रोक पाया आपने मेरे अंदर की सेक्स भावना को जगा कर रख दिया है। मैंने सनी से कहा सनी मैं तो तुम्हारे लिए कब से तड़प रही हूं हम दोनों को ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए। मैंने सनी के सामने अपने कपड़े खोल दिए मै सनी के सामने एकदम नंगी खड़ी थी। जब सानी ने मेरे नंगे बदन को अपने हाथों से छुआ तो मेरे अंदर जैसे करंट सा दौड़ने लगा, सनी मुझे कहने लगा आपका बदन तो बड़ा ही गजब का है।

मैंने सनी से कहा तुम देर मत करो जल्दी से तुम मेरी इच्छा पूरी कर दो। सनी ने भी अपने कपड़े खोल दिए उसका लंड ऊपर नीचे हो रहा था। जब सनी ने मेरे होठों को चूमना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी अधिक मात्रा में निकलने लगी, सनी ने जैसे ही मेरे स्तनों का रसपान किया तो मैंने भी सनी से कहा मैं तुम्हारे लंड को चूसना चाहती हूं। मैंने सनी के लंड को बहुत देर तक सकिंग किया जब उसके लंड से पानी बाहर निकल आया तो मैंने उसे कहा तुम अब मेरी चूत की गहराइयों में अपने लंड को डाल दो।

उसने जैसे ही मेरी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरी योनि पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी मेरी योनि से बहुत अधिक मात्रा में पानी बाहर की तरफ निकल रहा था सनी उसका बखूबी इस्तेमाल कर रहा था। वह मेरी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करता जाता उसने काफी देर तक मेरे साथ संभोग किया, जब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई तो मेरे मुंह से सिसकियां निकलने लगी। उन सिसकिंयो के बीच में सनी का वीर्य पतन मेरी योनि में हो गया, हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे से संभोग किया। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि सनी के साथ में इतने अच्छे से सेक्स संबंध बना पाऊंगी उसने मेरी इच्छा को बखूबी पूरा किया।

जिस प्रकार से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स का आनंद लिया मुझे बहुत ही खुशी हुई।

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लौड़े में दम नहीं फिर भी हम किसी से कम नहीं https://sexstories.one/laude-me-dum-nahi-hum-kisise-kum-nahi/ Tue, 19 Oct 2021 09:59:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3062 उन्होंने भी कई बार मुझे उस तरीके की नजर से देखा था। मैं उनके ख्यालात भाप चुकी थी। इसलिए मैं भी इशारे करने लगी थी। एक दिन वह समय आ ही गया जब उन्होंने मुझे मेरे बिस्तर पर लेटा कर मेरे चूचो को दबाने लगे। वह बोलने लगे मैं तो कब से इस मौके का इंतजार कर रहा था।....

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antarvasna, desi laude porn kahani बबीता के पिता पुलिस में कांस्टेबल थे। बबीता के पिता का देहांत जब हो 15 साल की थी तभी हो गया था। उसके परिवार में पांच बहने थी।बबीता एक सामान्य परिवार से होने के नाते कोई दुख और तकलीफ  का सामना  अपने जीवन में किया था। अब 42 साल की हूं। अभी मे हसीन और मस्त हू। इसलिए मैं एक नंबर वन की गस्ती बन गई। जो आज पूरे पंजाब में बबीता गस्ती के नाम से मसहूर हूं।मैंने कई लंडो की प्यास को बुझाया है। इसीलिए लोग आज मुझे इतना मानते हैं। मैं अपने बारे में आपको बताती हूं कि मैं एक कॉल गर्ल कैसे बनी। मैं बचपन से बहुत ही सीधी और शरीफ थी। मुझे तो चूत और लंड के बारे में कुछ भी पता नहीं था। मैं आपको बताती हूं। किस प्रकार से कुछ लोगों का हाथ मुझे बबीता गस्ती बनाने में है। मैं आपको बताती हूं।

मेरी मां काफी जुगाडू  किस्म की महिला हैं। उसका अहम योगदान रहा  मुझे  कॉल गर्ल बनाने में और मुझे कभी भी ऐसा करने से रोकती नहीं। मैं जब अपने रिश्तेदारी के यहाँ जाती थी। वहां पर मेरे रिश्तेदार मेरे साथ कई बार मेरी गांड पर हाथ फेर देते थे। पेहले मुझे इस बात का एहसास नहीं था। एक दो बार तो उन्होंने मुझे चॉकलेट खिलाने के बहाने अपना लंड भी चुसवा दिया। और मुझे बोलते थे यह वाली ओरिजिनल चॉकलेट है। मुझे भी बहुत मजा आता था। और मैं ज्यादा से ज्यादा ओरिजिनल वाली चॉकलेट खाना पसंद करती थी। मेरे चाचा ने भी कई बार मुझे ऐसे ही अपना लंड चुसवा दिया। यह मेरी शुरुआती दिनों की ट्रेनिंग थी। और हमारे घर पर जो भी आता मैं उन सबके लंड चुस्ती। मुझे बहुत आनंद आता ओरिजिनल चॉकलेट खाने में यह तो मेरे बचपन के दिनों की बात है।

मैं स्कूल में 12 वी क्लास में थी। और मेरी एक दोस्त थी।जो हमेशा मुझे अपने काम के लिए बोलती थी। एक अच्छी दोस्त की तरह मैंने कभी मना नहीं किया। मै हमेशा उसकी हेल्प करती थी। जब उसका कुछ काम होता नहीं था स्कूल का तो वह मुझे टीचरों के आगे खड़ा कर देती थी। और बोल देती इसकी वजह से मेरा काम नहीं हुआ। फिर वह टीचर मेरी स्कर्ट उठाकर मेरी गांड पर छड़ी से प्रहार करते। और वह टीचर मुझे अपने घर  बुलाते थे। और मुझे अपना लंड चुसवाते थे। कुछ मुझसे कहते थे। चलो अपनी स्कर्ट ऊपर करो और घोड़ी बन जाओ।

फिर वह मेरी चुत और गाड़ लेते थे। मेरे चलते मेरी सहेली को भी कभी भी कोई फेल नहीं करता था। बाद में मैंने भी एक बार अपनी सहेली की सहायता ली और उसे कहां मेरा काम कर दे। अपना काम करवाने के बहाने मैंने उसे अपने घर पर बुलवा लिया। और मेरे चाचा से उसकी बुंड फड़वा दी। क्योंकि उसने भी मेरा बहुत फायदा उठाया था। हमें भी समझ गई थी दुनिया को चाचा मैं मेरा काम इसलिए किया क्योंकि वह रोज मेरी गांड मारते थे। मैंने उनके सामने प्रस्ताव रखा आज मैं आपको नई सील बंद गांड दिलऊंगी।

तो आप मुझे क्या दोगे उन्होंने कहा जो मांगेगी वह दे दूंगा। उन्होंने मुझे एक सोने की अंगूठी थी और कुछ पैसे भी तब से मुझे इसकी प् प्रेरणा मिलने लगी थी। ऐसे मैं पैसे कमाए जा सकते हैं। मेरे चाचा ने उस दिन मेरी सहेली की सरसों का तेल लगाकर ऐसे लिए उसके गांड के गूदे से खून निकलने लगा था। और उसकी चूत तो पूछो मत क्या हाल किया मेरे चाचा ने क्योंकि उनका काफी सख्त और कड़क था। मैं तो उनका रोज लेती थी। इसलिए मुझे एहसास था कि मेरी सहेली पर क्या बीत रहा होगा। मेरी सहेली मुझे कहने लगी तूने मेरे साथ गलत किया। मैंने उसको कहा कोई बात नहीं यह कुछ गलत नहीं है मैंने भी तेरे लिए बहुत कुछ किया है। फिर मैंने उसको कुछ पैसे दिया और कहा दवाई ले लेना क्योंकि तेरी गांड से 1 महीने तक बैठा नहीं जाएगा।

पैसे देखकर उसका भी मन ललचा गया। तब से हम दोनों यही काम करने लगे। लेकिन अभी भी कुछ कसर बची थी। मार्केट में हमारा नाम था नहीं और हमारी उम्र भी कम थी तो हम घर से बाहर भी नहीं जा सकते थे। मेरी सहेली भी आज दिल्ली में नंबर एक की जुगाड़ है। उसने भी आज दिल्ली के  लोड़ो को ले लिया है। वह भी बहुत पैसे कमाती है।

जब मेरी जॉब लगी।वह शुक्ला जी थे।जो मुझसे अपनी काम में मदद लेते थे। शुक्ला जी ने मुझे पहचान लिया। कि मैं एक नंबर की जुगाड़ हूं। तो उन्होंने मुझे पैसे दिए और अपनी कैबिन में बुलाया। और कई बार मेरी गांड और योनि का आनंद लिया। तब तक मैं भी पूरी खाई खेली बन चुकी थी। अब मैं कोई कच्ची कली नहीं थी अब मैं बड़े बूढ़ों को लेने लगी थी। मुझे भी बहुत मजा आता था। मुझे पैसे भी मिल जाते थे और मुझे भी हो जाते थे। देखते ही देखते मेरी चर्चाए और ऑफिस में भी होने लगी। हां मैं सब जगह बुकिंग पर जाने लगी। मेरी डिमांड बढ़ने लगी थी। मुझे शुक्ला जी ने फेमस कर दिया था अपने दोस्तों के बीच में सब एक से बढ़कर एक अय्याश और बड़े-बड़े लंड वाले थे। 9 इंच से कम तो किसी का भी नहीं था। मुझे बुड्ढों के साथ बहुत मजा आता था।

उन्होंने ही मेरा नाम बबीता रांड रखा था। सब के सब मेरी बहुत तारीफ करता है। बोलते हैं तेरे जैसा कोई नहीं देखा। और मैं भी उनकी तारीफों से अपने आप को खुशनसीब मानती हूं उन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। अब इसके बाद और बचा था। फिर मेरा मन भरने लगा था। फिर मेरे घर वालों ने मेरे लिए लड़का देखना है शुरू किया। क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत हो चुका था। मुझे भी मेरे पिता के मरने का अफसोस हुआ। उसी के कुछ समय बाद मेरे चाचा जी भी मर गए। जो कि मुझे पैसे दिया करते थे। अपनी बुड़ फडवाने के लिए इसलिए मेरे पास अब कोई चारा नहीं बचा था।

फिर मैंने शादी का फैसला कर ही लिया। मेरी शादी रवि नाम के एक लड़के से हो गई। घर वालों ने  अपने हिसाब से मेरे लिए लड़का देखा था। वह बहुत ही शरीफ था। वह किसी सरकारी नौकरी पर था। वह एक चिकना लौंडा था। हमारी शादी की पहली रात उसको कुछ पता ही नहीं था क्या करना है। उस कुत्ते को मैंने ही सब कुछ सिखाया। लेकिन उसमें कुछ दम नहीं था। क्योंकि मुझे सख्त और कड़क लंड लेने की आदत थी। इस वजह से मुझे कुछ मजा नहीं आ रहा था। लेकिन मेरे ससुर जी एक रौबदार और कड़क तरीके व्यक्ति थे।

उन्होंने भी कई बार मुझे उस तरीके की नजर से देखा था। मैं उनके ख्यालात भाप चुकी थी। इसलिए मैं भी इशारे करने लगी थी। एक दिन वह समय आ ही गया जब उन्होंने मुझे मेरे बिस्तर पर लेटा कर मेरे चूचो को दबाने लगे। वह बोलने लगे मैं तो कब से इस मौके का इंतजार कर रहा था। मैं भी बोल दिया ससुर जी आपने मेरे दिल की बात छीन ली। उसके बाद तो उन्होंने मुझे नंगा करना शुरू कर दिया और बोलने लगी बहू मैंने तो अपनी प्यास बुझाने के लिए तुमसे अपने लड़के की शादी करवाई। मे दिल ही दिल खुश हो उठी। और अपने ससुर से बोली आपने अपने बेटे को क्या खाकर पैदा किया है। साला पूरा का पूरा फुस पटाखा है।

फिर तो जैसे मैं मेरे ससुर का बीपी हाई हो गया। बोलने लगे बताता हूं क्या खाकर पैदा किया था। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को चोड़ा किया। फिर अपना 9 इंच का सरिया मेरे चूत मैं बड़ी तेजी से उतार दिया। जैसे ही वह मेरी योनि में उत्तरा वैसे ही मेरे बदन में हलचल पैदा हो गई। उसके बाद तुम्हें भी तड़पने लगी। तड़प तड़प कर मैंने अपने ससुर का गला दबा दिया। उन्होंने कहा मादरचोद मुझे मारेगी क्या मैंने कहा हां इतने दिनों से तुमने ऐसा क्यों नहीं किया। मेरा तो मन ही नहीं हो रहा था। फिर मेरे से सुनना है लंबी गहरी सांस लेते हुए कहा।

रंडी तू देखती है ना सब लोग घर में अपनी मां  बहन करवाते रहते हैं। बातों बातों में मेरे ससुर ने ऐसा झटका मारना शुरू किया मानो ऐसा लगा जैसे मेरी चूत मेरे गले में आ गई हो। उसके बाद मेरे ससुर का झडने को हुआ। उन्होंने अंदर ही गिरा दिया। और आज जो मेरी बेटी है वह मेरे ससुर की पैदाइश है। क्योंकि मेरा पति कुछ काम का था नहीं मेरे ससुर को भी यह काम करना पड़ा। खुश मैं बहुत मेरे ससुर चल बसे। मुझे यह सब अच्छा नहीं लगा और मैं दोबारा से जुगाड़ बनने के लिए निकल पड़ी।

और देखते ही देखते पता नहीं कब मैं बबीता गस्ती बन चुकी थी।

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समीक्षा ने मुझे तसल्ली दी https://sexstories.one/desisex-chodayi/ Fri, 01 Oct 2021 07:41:08 +0000 https://sexstories.one/?p=4392 जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे भी मजा आने लगा और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैने उसके बदन को पूरी तरीके से गरम कर दिया था जैसे ही मैंने समीक्षा की योनि के अंदर अपने लंड को धीरे धीरे डाला तो उसकी योनि से खून बाहर आने लगा था

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desisex porn antarvasna kahani – घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए तो काम करने के लिए शहर जाना पड़ा। मैं जब ट्रेन से उतरा तो मुझे मुंबई ऐसा लगा कि जैसे ना जाने मैं कहां आ गया हूं इतनी भीड भाड और इतने लोग देखकर मैं तो हैरान था। मेरी आंखें उन सब लोगों को देख रही थी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कौन सी तरफ से जाना है मैंने अपने बैग को अपने कंधे पर रखा और मैं स्टेशन से बाहर के लिए निकला तभी एक व्यक्ति मुझे दिखाई दिए उनकी मोटी तोंद और उन्होंने मोटे से चश्मा पहने हुए थे। मुझे लगा यह काफी समझदार लग रहे हैं इनसे ही मुझे पता पूछना चाहिए मैंने उनसे पता पूछा तो उन्होंने मुझे पहले तो ऊपर से लेकर नीचे तक देखा फिर मुझे कहने लगे अरे भाई साहब तुम्हें क्या सुबह सुबह कोई और नहीं मिला। मैंने उन्हें कहा भाई साहब आप ही बता दीजिए वह कहने लगे जाओ किसी और से ही पूछो वह चिल्लाते हुए चले गए ना जाने अपनी किस परेशानी से वह जूझ रहे थे जो की मुझ पर इतना चिल्लाने लगे।

मैं थोड़ा आगे गया तो एक सज्जन व्यक्ति मुझे मिले उन्होंने मुझे पता बताते हुए कहा कि भैया आप यहां से ऑटो कर लीजिए आपको कुछ दूरी पर ही ऑटो वाला छोड़ देगा। मैंने भी सोचा कि यह ठीक कह रहे हैं इसलिए मैंने ऑटो रिक्शा कर लिया ऑटो रिक्शा वाले ने अपने ऑटो के मीटर को ऑन किया और हम लोग वहां से आगे बढ़ गए थे। मैंने अपने मामा को फोन किया और कहा मामाजी मैं आने वाला हूं मामा कहने लगे तुम कहां पहुंचे मैंने मामा से कहा बस आस-पास ही हूं मुझे नहीं पता लेकिन यह ऑटो वाले भैया ही मुझे छोड़ देंगे। वह कहने लगे ठीक है तुम फ्लैट के पास आ  जाओ मैं पहुंचता हूं लेकिन मुझे क्या पता था कि जैसे ही मैं वहां पहुंच जाऊंगा तो मामा जी का फोन ही बंद हो जाएगा। मैं काफी देर तक वहीं बाहर खड़ा उनका इंतजार करता रहा मेरे पास तो उनका पूरा पता भी नहीं था उन्होंने मुझे जो सोसायटी का नाम बताया था वही मुझे मालूम था।

दरवाजा खुला रह गया

वह तो अच्छा हुआ कि मामा जी ने नीचे आकर मुझे देख लिया जब मामा जी मुझे मिले तो मैंने मामा जी से कहा मैं कितनी देर से आपका यहां इंतजार कर रहा हूं। मामा जी कहने लगे मेरी आंख लग गई थी और मुझे पता ही नहीं चला कि तुम्हारा फोन आ रहा था और फिर मेरा फोन भी बंद हो गया था। मैंने मामा जी से कहा कोई बात नहीं वह कहने लगे ठीक है चलो फिर घर चलते हैं। वह मुझे अपने साथ अपने फ्लैट में ले गए जब मैं मामा के फ्लैट में गया तो मैंने मामा जी से कहा आप तो बड़ी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।

मामा कहने लगे अरे खाक अच्छी है यहां दुनिया भर की परेशानियां है जीवन तो जैसे रेस का मैदान बना पड़ा है पता ही नहीं चल रहा है कि कहां जाना है और कहां से आना है बस ऐसे ही अपनी जिंदगी काटे जा रहे हैं। मामा जी ने अब तक शादी नहीं की है और वह 45 वर्षीय कुंवारे हैं मामा एक कंपनी में मैनेजर के पद पर हैं। उन्होंने मुझे कहा कि देखो ललित बेटा यहां पर तुम बड़े ही सोच समझ कर रहना किसी भी लड़की के चक्कर में मत पड़ जाना। मैंने उन्हे कहा अरे मामा जी आप कैसी बात कर रहे हैं मैं यहां काम करने के लिए आया हूं कोई लड़की बाजी करने के लिए थोड़ी आया हूं।

मामा कहने लगे तुम्हें मालूम है ना कि इससे पहले मेरे साथ भी क्या हुआ है। मामा जी को लड़कियों से थोड़ी दिक्कत होती थी मामा जी ने मुझे कहा कि कल तुम मुझे अपना बायोडाटा दे देना और मेरे साथ ही ऑफिस चलना मैंने उन्हें कहा ठीक है मामा जी। अगले दिन मैं उनके साथ ही उनके ऑफिस में गया उन्होंने मुझे अपने बॉस से मिलवा दिया जब उन्होंने मुझे अपने बॉस से मिलाया तो उनका रुतबा देख कर ही लग रहा था कि वह किसी कंपनी के मालिक हों। जब उन्होंने मुझसे मेरे बारे में पूछना शुरू किया तो मैंने उन्हें अपने बारे में सब कुछ बता दिया और उन्होंने मुझसे मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा उसके बाद उन्होंने मुझे काम पर रख लिया था। जब मैं उनके कैबिन से बाहर निकला तो मामा जी ने मुझे बताया कि ललित बेटा तुम्हें मालूम है सर कि ना जाने कितनी कंपनियां चल रही हैं और मेरी उनसे बहुत अच्छी बनती है इसलिए उन्होंने तुम्हें काम पर रख लिया नहीं तो इस कंपनी में आने के लिए भी लोगों को जूते घिसने पड़ते हैं।

मेरा पहला ही दिन था इसलिए मैं ज्यादा देर ऑफिस में नहीं रुका और घर चला गया मैंने मामाजी के लिए खाना बना दिया था मामा जी जब घर आए तो कहने लगे अरे ललित तुम तो बड़ा अच्छा खाना बनाते हो। मैंने मामा जी से कहा मामा जी घर में खाना बनाना सीख लिया था ताकि जीवन में आगे चलकर कोई परेशानी ना हो। मामा जी मुझे कहने लगे तुम ने बहुत ही अच्छा किया, बेटा ऐसा स्वादिष्ट खाना यदि तुम मुझे रोज खिलाओगे तो मैं तो मोटा हो जाऊंगा और यह कहते हुए ही मामा जी हंसने लगे। मैं और मामा जी साथ में बैठे हुए थे तो वह मुझे अपने ऑफिस के बारे में बता रहे थे, अब अगले दिन मेरा ऑफिस का पहला ही दिन था मैं जब ऑफिस में गया तो ऑफिस में पहले दिन मैं कई लोगों से मिला। मेरे मामा को वहां काम करते हुए काफी वर्ष हो चुके थे इसलिए सब लोग मुझसे बड़े ही अच्छे से बात कर रहे थे।

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मेरे मामाजी बॉस के बहुत ही  चहिते थे इसीलिए तो बॉस ने मुझे काम पर रख लिया था मैं अब अपने काम पर अच्छे से ध्यान दे रहा था क्योंकि मुझे आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था इसलिए मुझे थोडी समस्या हो रही थी लेकिन धीरे धीरे सब कुछ ठीक होने लगा था। अब मैं भी काफी हद तक काम सीख चुका था मैं अच्छे से काम करने लगा मुझे ऑफिस में करीब 3 महीने हुए थे लेकिन इस 3 महीने के दौरान मेरे अंदर बहुत कुछ बदलाव आ चुका था मैं भी अब मुंबई में रहने वाला एक जिम्मेदार नागरिक बन चुका था। मेरे कई दोस्त भी बनने लगे थे उन्ही दोस्तों के माध्यम से मेरी मुलाकात समीक्षा से हुई। जब समीक्षा से मैं मिला तो उससे बात करना मुझे अच्छा लगा और ऐसा लगा कि जैसे उससे मैं बात ही करता रहूँ। मैं समीक्षा से अपने दिल की बात कह दिया करता था और जब भी मैं परेशान होता तो उसे ही मैं सब कुछ बता देता था।

सब कुछ बड़े अच्छे से चल रहा था और सब तेजी से भी चल रहा था समय का पहिया इतनी तेजी से चला कि मेरा प्रमोशन भी हो गया। गांव से आया हुआ एक सामान्य सा लड़का मुंबई की बड़ी बिल्डिंग मे रहने लगा था। समीक्षा से मेरी नज़दीकियां भी बढ़ने लगी थी यह बात जब मेरे मामा जी को मालूम पडी तो उन्होंने मुझे कहा बेटा यह सब बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे समीक्षा अच्छी लगती थी और उससे बात करना मुझे बहुत पसंद था मैं समीक्षा से घंटो तक बात किया करता था। एक दिन मैंने समीक्षा को अपने फ्लैट में बुला लिया जब वह आई तो उस दिन हम लोगो ने एक दूसरे को किस कर लिया। पहली बार हम दोनों ने एक दूसरे के होठों को चूमा था मैंने समीक्षा को अपना बना लिया था। उसके नरम होठों को चूम कर मुझे ऐसा लगा जैसे उसे मैं अपना बना लूंगा। उस दिन तो हम दोनों के बीच कुछ नहीं हो पाया लेकिन अब हम दोनों के अंदर सेक्स को लेकर चिंगारी जल चुकी थी और वह चिंगारी को बुझाने का समय आ चुका था क्योंकि उसने आग का रूप ले लिया था। हम दोनों ही बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे और मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था मैंने समीक्षा के होठों को बहुत देर तक चूसा और उसे अपनी बाहों में ले लिया।

हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे तरीके से किस किया जैसे ही मैंने समीक्षा की टी-शर्ट को उतारा तो वह मेरे सामने नंगी थी उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। उसकी ब्रा को उतारते हुए उसके बड़े और सुडौल स्तनो को काफी देर तक मैं चूसता रहा मुझे बढ़ा ही मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था। जैसे ही हम लोग ऐसा करते तो समीक्षा की चूत से पानी बाहर निकलने लगा वह चाहती थी कि मैं उसकी योनि को चाटू। मैंने उसकी योनि को बहुत देर तक चाटा समीक्षा की योनि को चाट कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था। जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे भी मजा आने लगा और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैने उसके बदन को पूरी तरीके से गरम कर दिया था जैसे ही मैंने समीक्षा की योनि के अंदर अपने लंड को धीरे धीरे डाला तो उसकी योनि से खून बाहर आने लगा था। मुझे भी अच्छा लगा समीक्षा की टाइट और मुलायम योनि के अंदर मेरा लंड जा चुका था उसकी चूत के अंदर लंड जाते ही उसके मुंह से तरह-तरह की आवाज निकलने लगी।

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वह बहुत ज्यादा बेचैन होने लगी थी और मुझे उसे धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसे ऐसे ही तेज गति से धक्के मारता रहा लेकिन जब उसकी चूत से खून बाहर निकलने लगा तो वह मुझे कहने लगी मेरी चूत से बहुत ज्यादा खून निकाल रहा है। मैंने उसे अपने ऊपर आने के लिए कहा और उसने मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर ले लिया। मै उसे तेजी से धक्के मार रहा था और वह भी अपनी चूतडो को मेरे लंड के ऊपर नीचे करती जाती जिससे कि उसके अंदर की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी और मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था। वह अपनी चूतडो को बड़े अच्छे से मेरे लंड से मिलाती जाती। मुझे उसकी उत्तेजना का अंदाजा लग रहा था कुछ ही समय बाद वह झडने वाली थी मैंने उसे अपने नीचे लेटा दिया और बड़ी तेजी से धक्के मारता जाता। जब मेरा वीर्य पतन समीक्षा की योनि के अंदर गया उसने मुझे कहा तुमने तो मेरी योनि में गिरा दिया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैं हूं ना।

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मेरी चुड़क्कड़ टीचर https://sexstories.one/hotel-mein-chudakad-teacher-ki-chudai/ Wed, 21 Jul 2021 03:21:11 +0000 https://sexstories.one/?p=3977 मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 26 साल है। में 5.6 इंच लंबा और मेरा गोरा गठीला बदन है। में एक टीचर हूँ और में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची स्टोरी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 26 साल है। में 5.6 इंच लंबा और मेरा गोरा गठीला बदन है। में एक टीचर हूँ और में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ जो कि कुछ दिन पहले मेरे साथ में घटित हुई एक सच्ची घटना है जिसमे मैंने अपने साथ की एक टीचर के साथ चुदाई की और बहुत मज़े किये.

दोस्तों मेरे ऊपर हमेशा से ही भगवान बहुत मेहरबान रहे है जिस कारण मुझे अलग अलग लड़कियों के साथ सेक्स करने का मौका मिलता रहा है। मैंने इसकी कहानियाँ पढ़कर बहुत सारे चुदाई के तरीके सीखे और उन्हे चुदाई करते समय अपनाए भी है। मैंने हर बार एक नए तरीके से चुदाई की और मैंने बहुत बार इसकी सेक्सी कहानियों को पढ़कर मुठ मारकर भी काम चलाया। अब में अपनी कहानी की तरफ आगे बढ़कर आपको पूरी कहानी विस्तार में सुनाता हूँ।

तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे साथ पढ़ाने वाली एक टीचर अपने मायके कोलकात्ता से लौटकर आ रही थी और मेरे उसके साथ पहले से ही शारीरिक संबंध थे। तो उसने मुझे फोन किया कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ और तुम पास के ही रेलवे स्टेशन पर 8 बजे के बाद मिलो।

तो मैंने अपनी सभी तैयारी की और 70 किलोमीटर दूर सतना रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया, वहां पर जैसे ही वो एक्सप्रेस ट्रेन आकर रुकी उसमे से वो मुझे मुस्कुराती हुई दिखी और वहीं से वो बोली कि ऊपर आ जाओ। तो में तुरंत बोगी में चढ़ गया, वो बोली कि हम लोग यहाँ से पास की एक माता जी के दर्शन के लिए जायेगें और वहीं पर रात भर रुकेंगे। तो मैंने उससे कहा कि मेरे पास ना तो इतने पैसे है और ना समय, में तो बस तुम्हारे कहने से ऐसे ही चला आया।

तो वो बोली कि में हूँ ना तो फिर तुम चिंता क्यों करते हो? तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर हम दोनों 30 किलोमीटर दूर मैहर स्टेशन पर उतर गये और स्टेशन से बाहर निकलते ही हम लोग कमरे की तलाश में आगे बड़ने लगे और तभी वहां पर हमे कई लोज दिखे। तो वो मुझसे बोली कि तुम अपनी आई-डी बाहर निकाल लो, हमे रूम लेने के लिए उसे दिखानी होगी।

तो मैंने अपना लाईसेन्स जेब से बाहर निकाल लिया और हम एक लोज में गए और मैंने वहां पर अपनी आई-डी दिखाई और अपने नाम से एक कमरा बुक किया और वहां पर मैंने हम दोनों को एक दूसरे का पति-पत्नी लिखवाया था और फिर हमें 1000 रूपये में 24 घंटे के लिए एक एसी रूम मिल गया, हम रूम में अंदर गए और अपना समान रखा और फिर मैंने उससे कहा कि में अभी आता हूँ। में नीचे गया और कुछ देर बाद एक सिगरेट पीकर वापस आया।

तो मैंने जाते समय दरवाजे को बाहर से बंद किया था इसलिए में बाहर से दरवाजा खोलकर अंदर चला गया और फिर मैंने देखा कि वो बाथरूम के अंदर थी, मैंने सोचा कि क्यों ना में भी नहा लेता हूँ? मैंने अपने कपड़े उतारे और बाथरूम के खुले हुए दरवाजे से जब अंदर गया तो मैंने देखा कि वो अंदर एकदम नंगी खड़ी हुई नहा रही थी, मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया तो वो मुस्कुराने लगी और अब में भी बिल्कुल गीला हो गया था।

उसने साबुन लिया और मुझे नहलाने लगी, उसने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को साबुन से मलकर धोने लगी और अब उसके नाज़ुक नाज़ुक हाथों के छूने के कारण मेरा लंड एकदम टाईट हो गया और इधर में भी उसके गोरे-गोरे जिस्म को साफ करने और लगा साबुन लगाकर धीरे धीरे मसलने लगा। तभी उसने मुझे पीछे की तरफ धकेल दिया, में दीवार से सट गया तो उसने ढेर सारा साबुन का झाग मेरे लंड पर लगाया और फिर वो अपने पंजो के बल थोड़ा ऊपर हुई।

उसकी लम्बाई मुझसे ज़्यादा नहीं थी, लेकिन वो दिखने में उसका सेक्सी जिस्म बिल्कुल मदहोश कर देने वाला था।

उसकी चूत में वो नशा था जिसमें हर कोई अपने आप को डुबोना चाहता था। उसके बड़े बड़े बूब्स उसकी सुन्दरता पर चार चाँद लगाते थे और जब वो चलती तो हर किसी का लंड उसकी गांड को देखकर एकदम मजबूर होकर खड़ा हो जाता और उसकी गांड, चूत को सलामी देने लगता था, वो शादीशुदा होने के बाद भी अनछुई कली की तरह दिखती थी। उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियां मुझे चूत चाटने पर मजबूर करती।

दोस्तों फिर उसने लंड को पकड़कर अपनी चूत की गुलाबी पंखड़ियों पर रगड़ना शुरू किया और फिर अपनी कामुक चूत में डालने लगी, तो मैंने भी उसकी मदद की और थोड़ी ही देर में मेरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया।

तो मैंने उसकी कमर को पकड़ा और खुद थोड़ा नीचे होकर उसको धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा, ऊपर से उस गर्मी के मौसम में ठंडे पानी की बरसात हम दोनों के ऊपर हो रही थी जिसकी वजह से हमारे बदन एक दूसरे को और भी जोश से भर रहे थे और फिर में चुदाई के साथ साथ उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा और मेरे ऐसा करने से वो मदमस्त हो रही थी, लेकिन उससे ज़्यादा तो में मस्त हो रहा था।

तो कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बाथरूम के फर्श पर नीचे लेटा दिया। तो वो बोली कि क्या तुम मुझे यहाँ पर लेटाओगे? तो मैंने कहा कि में लेटाउंगा भी और साथ तुम्हारी चुदाई भी करूंगा। फिर वो झट से मुझसे लिपटकर बोली कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन क्यों में तुम्हे इतना प्यार करती हूँ मुझे नहीं पता? तो मैंने कहा लेकिन में तो तुम्हे प्यार नहीं करता, में तो बस तुम्हारे इन अंगो का दीवाना हूँ।

तो वो बोली कि तुम्हारे अंग अंग में सेक्स भरा है मुझे यह सारा चाहिए। तो में उससे लिपट गया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर घिसने लगा तो वो बोली कि इसे थोड़ा अंदर करो ना और फिर मैंने तुरंत ही एक जोरदार धक्का देकर चूत में लंड को पूरा घुसा दिया।

फिर में फर्श पर लेटाकर उसको धक्के देकर चोदने लगा, में जितना उसकी चुदाई में अपनी स्पीड को बढ़ता वो उतना ही मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगती। फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखा और फिर चोदने लगा। वो अपने होंठो को दातों में दबाए हुए थी और अपनी दोनों आँखे बंद किए हुई थी और कुछ देर तक चोदने के बाद मेरा काम तमाम हो गया और में उसकी चूत में ही झड़ गया।

मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया, लेकिन वो अभी बाकी थी और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाई तब जाकर उसका काम तमाम हुआ वो कुछ समय एकदम निढाल होकर पड़ी रही। फिर हम दोनों वहां पर नहाए, में उससे पहले बाथरूम से बाहर निकल आया और अपने शरीर को साफ करके बेड पर लेटकर टीवी देखने लगा।

तभी वो बाथरूम से बाहर आई तो उसने अपने सुंदर जिस्म पर सिर्फ़ एक टावल लपेटा हुआ था, तभी उसने उसी टावल को एकदम से खोल दिया और खुद को नीचे ऊपर तक साफ करने लगी और फिर साफ करके मेरे पास लेट गई, वो एकदम ताजी खिली खिली सी लग रही थी, वो मुझसे बातें करते करते मेरे लंड से खेल रही थी और में भी उसके बूब्स दबा रहा था।

फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद में फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया। तो मैंने उसको चूमना शुरू किया और में उसके माथे से चूमते हुए नीचे की तरफ आया बूब्स चूसे, फिर मैंने उसके दोनों पैरों को दूर करते हुए चूत को चूमते हुए चूसना भी शुरू कर दिया वो इस कदर तड़प रही थी मानो पहली बार उसके साथ यह सब हो रहा हो और थोड़ी ही देर के बाद मैंने अपने तने हुए लंड पर थूक लगाया और चूत में घुसा दिया।

तो वो आआहहहहा अहहहहा यार और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्ह प्लीज और ज़ोर से कह कहकर मुझे जोश दिलाते रही और में भी उसको ताबड़तोड़ धक्के देकर चोद रहा था और मेरे हर एक धक्के से उसके बूब्स हिलते हुए दिख रहे थे। तभी मेरी नज़र सामने की तरफ लगे हुए शीशे पर पड़ी उसमें हम दोनों अपनी चुदाई करते हुए दिखाई दे रहे थे…

तो मैंने उससे कहा कि देखो शीशे में। वो हम दोनों को शीशे में देखकर और भी जोश में आकर बोली कि बिल्कुल ब्लूफिल्म जैसा लग रहा है और मैंने भी उसको लगातार धक्के लगाकर बिल्कुल मस्त कर दिया और कुछ ही देर में हमारा यह तूफान थम गया और थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों मार्केट गए। वहां पर हमने खाना खाया और फिर वापस आकर कमरे में लेट गए। हम लोगो को नींद आ गई, फिर अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने उसकी तरफ देखा और उसके चेहरे पर हाथ फेरा।

तो वो बोली कि में अभी सोई नहीं हूँ, मैंने कहा कि क्यों नहीं सोई हो? वो मुझसे लिपटकर बोली कि अगर मुझे सोना ही होता तो घर ना चली जाती। तो मैंने कहा कि अगर ऐसा है तो में तुम्हे जगा सकता हूँ? वो बोली कि तो फिर जगाओ ना मुझे सारी रात। हम दोनों फिर से लिपट गये और शुरू हो गए, पूरी रात हम दोनों सिर्फ़ सेक्स में डूबे रहे और 5 बजे सोए।

7 बजे फिर से जाग गए तैयार हुए फिर माता के दर्शन के लिए गये और वहां से दो घंटे बाद वापस आए। कमरे पर आकर हम अपने कपड़े बदलने लगे, मैंने सिर्फ़ अंडरवियर पहना हुआ था और में जैसे ही पलटा तो वो बिल्कुल नंगी थी और थोड़ा झुककर अपनी पायल उतार रही थी। उसके गोरे गोरे कूल्हे देखकर में चुपके से पास गया और पीछे से उसके कूल्हों को चूमने लगा, वो पायल उतारकर झुके हुए मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई।

फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और तुम ऐसे ही झुकी रहो और वो झुकी रही। मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और पीछे से लंड को डालकर चोदने लगा और कुछ ही देर में उसके पैर दर्द होने लगे, तो वो सीधी हो गई और बेड के पास आकर दो तकियों को किनारे पर रखकर उन पर अपने दोनों हाथ रखकर झुक गई और में फिर से उसे चोदने लगा।

तो मैंने उससे कहा कि मुझे ऐसा बहुत अच्छा लग रहा है और में साथ में उसकी पीठ को चूम रहा था और बूब्स भी दबा रहा था और बहुत देर की इस धमाचौकड़ी के बाद हम लोग ढेर हो गये और थोड़ी देर लेट गये। फिर हमने चाय मंगवाई उसके बाद टीवी देखने लगे और फिर बाहर होटल में जाकर खाना खाकर वापस आए और थोड़ी ही देर आराम किया और फिर से हम लोग शुरू हो गये, वो मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी।

वो बिल्कुल अनुभवी लग रही थी और वो सेक्सी फिल्म देखने की बहुत शौकीन थी और मेरे साथ हर तरह से सेक्स करने के लिए तैयार थी। वो एक 32 साल की शादीशुदा औरत थी। फिर मैंने उसको बहुत देर तक लंड चुसवाया। वो लंड चूसते हुए एकदम गरम हो चुकी थी और वो लंड चूसते हुए जब मुझे देखती तो उसकी लाल बड़ी बड़ी आँखे देखकर मुझे उसके जोश का अंदाज़ा साफ साफ मिल रहा था और अब में भी बहुत जोश में आ चुका था।

फिर मैंने एक तकिया उठाया और उसके कूल्हों के नीचे रख दिया और अब उसकी चूत ज़्यादा खुलकर ऊपर की तरफ आ गई थी। तो मैंने तुरंत ही उसमे लंड डाल दिया, लेकिन इस बार पता नहीं क्यों वो ज़्यादा ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी और इस बार वो चोदो हाँ अह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरे राजा आईईईईइ इसी चुदाई के लिए तो में तुम्हारे साथ हूँ और ज़ोर से चोदो मुझे आहहह्ह्ह्ह यह सब सुनकर में और भी जोश में आ रहा था और मेरे हर एक धक्के में हम दोनों के जिस्म टकराने की ठप-ठप की आवाज़ हमे और भी मदमस्त कर रही थी और वो आवाज़ तेज थी इसलिए मुझे टीवी की आवाज को तेज करना पड़ा।

फिर तो मानो हम दोनों ने जिस्मो को इस तरह से आगोश में ले लिया कि मानो बस एक दूसरे के लिए ही बने हो। उस वक़्त हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद भी पसीने से भीग गए थे। वो बार बार मेरे चेहरे, सीने से पसीने को साफ करती जा रही थी और इधर उसके शरीर से निकलने वाली मादक खुश्बू आ रही थी, जिससे में और भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था और बहुत देर बाद जब मेरे अंदर का लावा फूटा तो उसने पूरी ताक़त से मुझे जकड़ लिया और मैंने उस वक़्त उसके जिस्म को जी भरकर भोगा।

इस तरह हम लोगों ने 24 घंटे साथ में बिताए और इस बीच हमने कितनी बार सेक्स कर लिया यह तो हमे याद ही नहीं था। लेकिन हम दोनों बहुत खुश थे। फिर उसी शाम को हम लोग वहां से अपने शहर वापस आ गए और बस में वो मेरे पास में बैठी हुई थी और फिर मेरे कंधे पर अपना सर रखकर सो गई और उसने एक बेग मेरी गोद में रख दिया और उसके नीचे से अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रखकर सहलाने लगी और नीचे पैर में पैर फंसाकर घिसने लगी और में मज़े लेता रहा।

दोस्तों मुझे इस बात से बहुत हैरानी हो रही थी कि उसकी चूत चुदते चुदते एकदम फूल गई थी, लेकिन वो अब भी मुझसे चुदवाने को तैयार थी और कुछ घंटो के सफर के बाद बस हमारे शहर में आ गई।

फिर बस से दोनों उतरे और अपने अपने घर को चल दिए ।।

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पता नहीं कैसे हुयी चुदाई https://sexstories.one/mama-ke-ladke-ne-ki-meri-chudai/ Thu, 01 Jul 2021 04:20:48 +0000 https://sexstories.one/?p=3867 मेरा नाम रीता है और मैं 26 वर्ष की मुंबई की रहने वाली होती हूं। मैं खुले विचारों की लड़की हूं। मैं जब अपने कॉलेज में पढ़ती थी तब से मैं एक बिंदास लड़की हूं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम रीता है और मैं 26 वर्ष की मुंबई की रहने वाली होती हूं। मैं खुले विचारों की लड़की हूं। मैं जब अपने कॉलेज में पढ़ती थी तब से मैं एक बिंदास लड़की हूं और अपना जीवन खुद ही अपने तरीके से जीती हू। मेरे घर वालों ने भी मुझे कभी किसी चीज के लिए मुझ पर पाबंदी नहीं लगाई। मैं नाइट लाइफ को जीना बहुत ही पसंद करती हूं और मेरे ऑफिस के जितने भी दोस्त हैं हम सब लोग जमकर पार्टी किया करते हैं और मेरे कॉलेज के पुराने दोस्त जब भी मुझे मिलते हैं तो हम लोग अक्सर शराब पीने एक बार में जाते हैं। मुझे शराब पीने का बहुत ही शौक है और मैं हमेशा ही शराब पीती हूं।

क्योंकि मुझे उस की लत लग चुकी है लेकिन मेरे पिताजी को यह बात नहीं पता। यदि मेरे पापा को यह बात पता होती तो वह मुझ पर बहुत गुस्सा करते और ना ही यह बात मेरी मां को पता है। मैं अपने घर में एक लौती लड़की हूं। शायद इसी वजह से मैं इतनी बिगड़ गई हूं लेकिन मुझे फिर भी कभी भी अपनी इस चीज मैं कुछ गलत नहीं लगा और मुझे हमेशा ही ऐसा लगता है कि मैं अपनी लाइफ अपने तरीके से ही जीऊ। मैं जिस कंपनी में जॉब करती हूं वह कंपनी एक बहुत ही बड़ी कंपनी है और वहां पर मुझे जॉब करते हुए काफी समय हो चुका है।

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एक दिन मेरे मामा का मुझे फोन आया और मुझे कहने लगे कि हमारे लड़के का भी कहीं पर जॉब के लिए देख लो। मेरे मामा के लड़के का नाम शोभित है। उसने इसी वर्ष अपनी पढ़ाई पूरी की है तो मैंने उन्हें कहा कि मैं उसके लिए ऑफिस में जॉब देख लूंगी। आप मुझे उसका रिज्यूम भेज दीजिए। उन्होंने मेरा नंबर शोभित को दे दिया और शोभित नके अगले दिन मुझे फोन किया क्योंकि उसकी और मेरी बात इतनी ज्यादा नहीं होती वह बहुत ही शर्मीला नेचर का है और कम बात करता है। वह मुझसे छोटा भी है इस वजह से शायद वह मुझसे बात नहीं करता।

जब शोभित ने मुझे फोन किया तो मैंने उसे बताया कि तुम मुझे अपना रिज्यूम भेज देना और मैं तुम्हारा अपने ऑफिस में कहीं ना कहीं पर करवा दूंगी। अब उसने मुझे अपना रिज्यूम भिजवा दिया और मैंने अपने बॉस से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर 1 वैकेंसी खाली है तो तुम उसे बुला देना, मैं उसका इंटरव्यू ले लूंगा। अब मैंने उसे अपने ऑफिस में बुला लिया और अपने बॉस से मिलवाया।

मेरे बॉस ने उसे काम पर रख लिया। अब वह भी हमारे ऑफिस में ही काम करने लगा लेकिन वह मुझसे कम ही बात किया करता था। वह अपने काम में ही लगा रहता था और उसके बाद सीधा अपने घर चला जाता था। मैंने एक दिन शोभित से इस बारे में पूछा की क्या तुम मुझसे शर्माते हो। तो वह कहने लगा कि नहीं मैं तुमसे नहीं शर्माता। बस मैं ऐसे ही कम ही बात करता हूं। मैंने उसे कहा कि तुम कभी पार्टियों में भी जाते हो या सिर्फ घर में ही रहते हो। वह कहने लगा कि मुझे ऐसा कुछ शौक नहीं है।

मैं सिर्फ घर में रहना ही पसंद करता हूं लेकिन अब मैंने उसे कहा कि तुम कभी हमारे साथ भी पार्टी में चलो तो तुम्हें अच्छा महसूस होगा और तुम्हारा फ्रेंड सर्कल भी बढ़ने लगेगा। नहीं तो तुम घर में ही रहोगे। अब वह मुझे कहने लगा ठीक है मैं आज तुम्हारे साथ चलता हूं। रात को हम लोग क्लब में चले गए और वहां हमने जमकर शराब पी। जब उसने मुझे शराब पीते हुए देखा तो वह कहने लगा क्या तुम ड्रिंक भी करती हो।

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मैंने उसे कहा मैं तो हमेशा ही ड्रिंक करती हूं। मुझे तो कई वर्ष हो चुके हैं शराब पीते हुए। मैंने उसे पूछा क्या तुम ड्रिंक नहीं करते। वह मुझे कहने लगा नहीं, मैंने आज तक कभी भी नहीं की है। इसलिए मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया और वह हमारे साथ बैठकर इंजॉय कर रहा था और चुपचाप एक जगह पर बैठा हुआ था। अब हम लोग घर चले गए मुझे ज्यादा नशा हो गया था। इसलिए शोभित ने मुझे घर पर छोड़ा और उसके बाद वह अपने घर चला गया। अब ऐसे ही शोभित ऑफिस में आ जा रहा है और मैं भी ऑफिस में जाती। अब धीरे-धीरे वह मुझसे बात करने लगा और हम दोनों की बातें होने लगी।

एक दिन मैंने उससे पूछा तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं। वह कहने लगा हां मेरी एक गर्लफ्रेंड है और मैं उससे फोन पर बात किया करता हूं। मैंने उसे कहा यह तो बहुत ही अच्छी बात है। कभी तुम मुझे भी उससे मिलवा दो। उसने कहा क्यों नहीं, मैं तुम्हें उससे जरूर मिलवा दूंगा। अब धीरे-धीरे वह मुझसे खुलने लगा था और हमारी बातें भी काफी होने लगी थी। मैं अब उसे अपने साथ पार्टियों में भी ले जाती थी और वह भी मेरे साथ पार्टी में आने लगा लेकिन वह शराब नहीं पीता था।

एक दिन हम लोग ऑफिस से जल्दी फ्री हो गए और हम सब दोस्तों ने प्लान बनाया कि हम लोग पब में चलते हैं। जब हम लोग पब में गए तो हम ने जमकर शराब पी लेकिन उस दिन मुझे कुछ ज्यादा ही शराब चढ़ चुकी थी। शोभित भी मुझे मना कर रहा था कि तुम इतनी शराब मत पियो तुम्हें बहुत नशा हो चुका है लेकिन मुझे उस दिन कुछ ज्यादा ही नशा हो गया। जब हम लोग वहां से अपने घर के लिए निकले तो मैं अच्छे से चल भी नहीं पा रही थी। शोभित मुझे मेरे घर तक छोड़ने आया और वह मुझे मेरे कमरे के अंदर छोड़ने आया लेकिन  मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। मैने अपने स्तनों पर उसके मुंह को लगा दिया।

जैसे ही मैंने ऐसा किया तो उसका लंड भी खड़ा हो गया और उसने मेरे कपड़े खोल दिए। जब उसने मेरे कपड़े उतार दिए तो वह मेरे बदन को देख कर रह नहीं पा रहा था। उसने तुरंत अपने लंड को बाहर निकालते हुए मेरे मुंह के अंदर डाल दिया। जब उसने अपने लंड को मेरा मुंह में डाला तो मैंने उसे अच्छे से सकिंग करना शुरू कर दिया। मै बहुत ही अच्छे से उसके लंड को चसे जा रही थी। वह बहुत ही खुश हो रहा था और कहने लगा तुम तो बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में ले रही हो।

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मैंने अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उसे कहा कि तुम मेरी चूत मारो। उसने जैसे ही अपने मोटे और सख्त लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो उसे बहुत ही मजा आ गया। अब वह मेरे दोनों पैरों को पकड़कर मुझे बहुत तेजी से चोदने लगा। वह इतना तेज चोद रहा था कि मेरा पूरा शरीर टूट रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था शोभित मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।

उसने मुझे इतनी तेज धक्के मारे कि मेरा शरीर पूरा हिल रहा था और वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान किए जा रहा था। कुछ समय बाद उसने मेरे होठों को भी बहुत अच्छे से चूसा और मुझे बड़ी तेजी से उसने धक्का देना शुरू किया। अब उसने मुझे अपने ऊपर बैठा दिया और जैसे ही उसने मेरी योनि में लंड डाला तो मैं चिल्ला उठी। वह बड़ी तेजी से झटके मारने पर लगा हुआ था। कुछ समय बाद मैंने भी अपने चूतडो को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।

जब मैं अपने चूतडो को ऊपर नीचे करती जाती तो मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और उसे भी बहुत ही मजा आ रहा था। वह बहुत ज्यादा खुश था वह कह रहा था कि तुम्हें चोदना में तो मुझे अलग ही तरीके की अनुभूति हो रही है जिससे कि मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह मुझे बड़ी तीव्रता से धक्के दिए जा रहा था जिससे कि मेरी पूरी चूतड लाल हो चुकी थी। उसने मेरे स्तनों पर अपने दांत भी मार दिए थे जिससे कि मेरे स्तनों से खून भी निकलने लगा था। लेकिन मुझे उतना ही मजा आता जितना वह मुझे चोदता।

अब उसने अपनी स्पीड को ज्यादा ही बढ़ा लिया। जब उसने अपनी गति को तेज किया तो मेरे चूतड़ों पर कुछ ज्यादा ही दर्द होने लगा और मेरी योनि से खून टपकने लगा। क्योंकि मेरी योनि बुरी तरीके से छिल चुकी थी और उसका लंड भी बहुत बुरी तरीके से छिल चुका था क्योंकि मेरी योनि बहुत ही ज्यादा टाइट है। उसे अब इतना मजा आ रहा था कि उसने मुझे बड़ी तेजी से धक्का मारना शुरु किया थोड़ी देर में मेरी योनि से कुछ ज्यादा ही गर्मी निकलने लगी और उसने अपने वीर्य को मेरी योनि के अंदर ही गिरा दिया।

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लड़की को पटा कर चोदा https://sexstories.one/ladki-ko-pata-kar-choda/ Thu, 18 Mar 2021 03:13:06 +0000 https://sexstories.one/?p=3160 मैं उसके दूध को जोर जोर से दबा कर चूस रहा और निप्पलस को भी जीभ से गोल गोल फेर कर चूस रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए...

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Geeli chut wali ladki ko pata kar choda – हाय दोस्तों गुड इवनिंग, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करता हूँ कि आपस सभी अच्छे होंगे और इतनी गांड फाड़ देने वाली गर्मी में भी चुदाई कर रहे होंगे | मेरा नाम शाश्वत है और मैं प्रतापगढ़ अलाहबाद का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 24 साल है और मैं 420 टाइप का चोर हूँ | मैं अभी कुछ नहीं करता बस लड़की पटा कर उन्हें धोखे में रख कर और उनकी चुदाई करके दूसरी ढूँढने निकल जाता हूँ |

दोस्तों मैं इस साईट का दैनिक पाठक हूँ और मैं रोज यहाँ पर चुदाई की कहानियां पढ़ता हूँ | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन एक दम सत्य घटना है | मैं आशा करता हूँ कि आप लोग को मेरी कहानी जरुर पसंद आएगी | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय नहीं लेते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूँ |

दोस्तों ये घटना पिछले साल की है | ladki ko pata kar choda

मेरे घर में मैं, मम्मी ( राधिका ), पापा ( शिवहरे ), छोटा भाई ( रिषभ ) रहते हैं | मेरे पापा सरकारी नौकरी करते हैं और मम्मी हाउसवाइफ हैं और मेरा छोटा भाई कॉलेज की पढाई कर रहा है | दोस्तों मैंने बचपन से ही बहुत चुरकट किस्म का इंसान हूँ और जब मैं दूसरी क्लास में था तब मैंने अपने घर में पहली बार चोरी किया था |

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तब मैं पकड़ गया था फिर कुछ समय बाद जब मैं थोडा बड़ा हुआ तो मैंने धीरे धीरे दूसरो के घर से जा कर कुछ भी सामान चोरी कर लेता था और कभी किसी शॉप से कुछ खाने की चीज़ या कुछ खेलने की चीज़ चुरा लिया करता था | फिर मैं और बड़ा हो गया तब एक बार मैं और बड़ी बड़ी चोरी करने लगा और फिर एक बार मेरे पापा जब घर में बहुत सारा पैसा किसी काम के लिए लाये हुए थे और मेरी नजर उन पैसों पर गड गई थी |

मैंने सोच लिया था कि मैं ये सारा पैसा चुरा लूँगा | ladki ko pata kar choda

फिर एक दिन मैंने सही मौका देख कर अपने घर में ही चोरी कर लिया और सीधा जोधपुर निकल गया सारा पैसा ले कर | तब मेरी पहचान के लड़की से जिसका नाम निशा था | वो दिखने में गोरी थी मगर अच्छी नहीं दिखती थी |

Mote lund se chudai ki kahani aur chachi ki choot

मैंने सोचा कि हटाओ यार शक्ल से क्या करना | मैंने उससे बात करना चालू कर दिया और बात करते करते हमारी अच्छी दोस्ती हो गई | निशा पुलिस में जॉब करती थी | मैंने उसको अपने प्यार में फंसा लिया और जब वो मेरे प्यार में पागल हो गई तो मैंने उसे एक बार किस करने के लिए कहा और वो तुरंत ही हाँ कर दी | उसके बाद जिस होटल में मैं रहता था वहां उसे बुला लेता था और उसके साथ ऊपर ही ऊपर सब कुछ किया करता था |

वो मुझसे हर बार कहती कि यार मैं तुम्हे अच्छी नहीं लगती जो तुम मेरे साथ सेक्स नहीं करते तो मैंने कहा नहीं यार वो बात नहीं है असल में मैं तुम्हे धोखा नहीं देना चाहता | अगर मैंने तुम्हरे साथ सेक्स कर लिया और बाद में हम दोनों शादी नहीं कर पाए तो तुम मुझपे केस कर दोगी और मुझे धोखे बाज समझोगी | इसलिए मैं ऐसा नहीं करना चाहता | उसने भी सहमती जताई लेकिन ये कहा कि मुझे तुम पर भरोसा है कि तुम मुझे धोखा नही दे सकते | मेरी बातो से वो और भी ज्यादा प्रभावित हो चुकी थी और वो मुझसे बेपनाह प्यार करने लगी थी |

Chudas randi ladki ko choot chodi maine

अब मेरे पास धीरे धीरे पैसे खत्म होने लगे थे.. ladki ko pata kar choda

तो मैंने सोचा कि चलो मैं इससे मदद मांग लूँगा लेकिन ये तब हो पायेगा जब मैं उसे एक बार चोदूंगा | सन्डे के दिन उसकी छुट्टी रहती थी तो मैंने उसे फ़ोन कर के अपने रूम में बुला लिया | उसके बाद मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया और उसके बदन को सहलाने लगा | वो भी मेरी बांहों में रह कर मेरे बदन को सहलाने लगी | उसके बाद मैंने उसके होंठ में अपने होंठ रख दिया और उसके होंठ को चूसने लगा और वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगी |

मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसके उसके दूध को दबा रहा था और वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे चेहरे को सहला रही थी | हम दोनों ने एक दूसरे को 15 मिनट तक चूसे | फिर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को दबा रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी |

उसके बाद मैंने उसके ब्रा को भी उतार दिया.. ladki ko pata kar choda

और उसके दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी |

मैं उसके दूध को जोर जोर से दबा कर चूस रहा और निप्पलस को भी जीभ से गोल गोल फेर कर चूस रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे सिर पर हाँथ फेर रही थी | उसके बाद मैंने उसके जीन्स को उतार दिया और उसको बेड पर लेटा दिया और मैंने उसकी पेंटी भी उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया |

Jawan ladki ko bur faad daali maine

अब मैं अपनी जीभ उसकी चूत को सहलाते हुए चाटने लगी.. ladki ko pata kar choda

और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | मैं उसकी चूत को चाटते हुए उसके चूत के दाने को भी होंठ से दबा कर खींच कर चूस रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह को अपनी चूत पर दबा रही थी |

उसके बाद मैंने अपने जीन्स और शर्ट को उतार दिया और फिर मैंने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया | अब मैं भी नंगा था और वो उठ कर मेरे लंड को अपने हाँथ में ले कर हिलाने लगी और जब मेरा लंड तन के खड़ा हो गया तो उसने अपनी जीभ मेरे लंड पर फेरते हुए चाटने लगी और तो मेरे मुंह से भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी |

वो मेरे लंड पर बहुत मजे से जीभ से चाटते हुए मेरे लंड को चाट रही थी.. ladki ko pata kar choda

और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रहा था | उसके बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे ले रहा था | वो मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे करते हुए चूस रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके मुंह को चोदने लगा |

Ladki ko moti gand chodne ka mann tha mera.

उसके बाद वो मेरे टट्टे को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे ले रहा था | फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी |

उसके बाद मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दिया.. ladki ko pata kar choda

और जोर जोर से चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड उचका उचका कर चुदाई में साथ देर रही थी |

फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जा कर अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और चोदने लगा दूध दबाते हुए और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदा रही थी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी गांड के ऊपर ही छोड़ दिया |

चुदाई करने के बाद मैं रोने लगा तो उसने मुझसे पुछा कि क्या हुआ ? तो मैंने कहा कि मुझे दो लाख रूपए की जरुरत है | तो उसने कहा कि मेरे पास है तुम चिंता मत करो | उसके बाद उसने मुझे पैसे दिए और मैंने उसे धोखा दिया और वहां से भी भाग गया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | कैसे लगी ?

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लंड ने मेरी चूत की झिल्ली को उखाड़ फेंका https://sexstories.one/land-chut-ki-kahani/ Wed, 10 Feb 2021 22:59:04 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9d%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95/ मेरा नाम वर्षा है मैं लखनऊ की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 27 वर्ष है। मेरे पिताजी स्कूल में प्यून है और उन्होंने मेरी बहन की शादी में जितना उनसे बन सकता था उन्होंने पूरा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम वर्षा है मैं लखनऊ की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 27 वर्ष है। मेरे पिताजी स्कूल में प्यून है और उन्होंने मेरी बहन की शादी में जितना उनसे बन सकता था उन्होंने पूरा खर्च किया। मेरी बहन का नाम किरण है। मेरी भी अब उम्र हो चुकी है इसलिए मेरे लिए भी बहुत अच्छे रिश्ते आ रहे हैं लेकिन सब लोग दहेज की मांग कर रहे हैं इसलिए मेरी कहीं शादी नहीं हो पा रही। chut land

जब भी मेरे पापा अपने काम से घर लौटते हैं. chut land

तो वह काफी थके हुए होते हैं और ना चाहते हुए भी उनके मुंह से यह बात निकल जाती है कि मुझसे जितना बन सकता था मैंने किरण की शादी में किया और तुम्हारी शादी के लिए भी मैं कोई कमी नहीं करना चाहता। मैं अपने पापा से कहती हूं कि आप बेकार में इन सब चीजों के बारे में ना सोचो तो ही अच्छा होगा, वह सब तो हो जाएगा। मैंने अपने पापा से कहा कि मैं उसी लड़के से शादी करुँगी जो दहेज नहीं मांगेगा।

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मेरे पापा कहने लगे बेटा आजकल ऐसा संभव नहीं है ऐसा लड़का मिलना मुश्किल है। मैंने अपने पिता से कहा देखते हैं ऐसा लड़का कहीं तो होगा जो हमें मिलेगा। मेरे पापा कहने लगे तुम्हें पता नहीं कितने रिश्ते आये मुझे तो याद भी नहीं है लेकिन सब लोगों की तो इतनी डिमांड होती है कि मैं उनकी डिमांड पूरी नहीं कर सकता। जब कि तुम्हारे अंदर कोई भी कमी नहीं है तुम अच्छी पढ़ी-लिखी हो और हम लोगों ने तुम्हें अच्छे संस्कार भी दिए हैं।

मैंने अपने पापा से कहा कि आप इन सब चीजों के बारे में मत सोचिए। पापा कहने लगे बेटा मैं क्यों ना सोचू अब तुम्हारी उम्र भी होती जा रही है और एक बार तुम्हारी उम्र निकल गई तो तुमसे कोई भी शादी नहीं करेगा। मैंने भी गुस्से में उस दिन अपने पापा को कह दिया कि कोई मुझसे ना शादी करें मैं आप लोगों की सेवा कर लूंगी और अपने जीवन को आपकी सेवा करके ही बिता दूंगी।

यह कहते हुए मैं अपने कमरे में चली गई और मैं रोने लगी। chut land

मेरे पीछे पीछे मेरी मम्मी भी आ गई और वह कहने लगी कि बेटा तुम अपने पापा से इस बारे में मत कहा करो। वह भी बहुत परेशान रहते हैं और तुम्हें पता है कि यदि लड़की किसी अच्छे घर नहीं गई तो सारे रिश्तेदार कितने ताना देते हैं। तुम तो इस बात को जानती ही हो। मैंने अपनी मम्मी से कहा आप यह तो ठीक कह रही हैं लेकिन मैं पिताजी को ऐसे दुखी नहीं देख सकती इसीलिए तो मैं उनसे कह रही हूं कि आप मेरी शादी की चिंता मत कीजिए। मेरी मम्मी कहने लगी बेटा चिंता तो होती ही है अब तुम दोनों ही तो हमारी लड़की हो।

किरण की तो हमने जैसे कैसे शादी करवा दी लेकिन अब तुम्हारी शादी का सारा दारोमदार हमारे कंधों पर ही तो है यदि हम तुम्हारी शादी नहीं करवाएंगे तो कौन करवाएगा। यह कहते हुए मम्मी काफी भावुक हो गई।  मैंने उन्हें कहा कि आप चिंता मत कीजिए। ठीक है मैं आगे से इस बारे में कभी भी नहीं कहूंगी। एक दिन मेरी बहन का फोन आया और वह कहने लगी कि आप कुछ दिनों के लिए वर्षा को मेरे पास भेज दीजिए। मेरी मम्मी कहने लगी बेटा तुम्हे कुछ काम है तो हम लोग आ जाते हैं। वह कहने लगी नहीं वर्षा को ही हमारे पास भेज दीजिए।

मेरी मम्मी ने मुझे कहा कि किरण तुम्हें अपने घर आने के लिए कह रही है। chut land

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पता नहीं उसे ऐसा क्या काम है। मैं जब अपनी बहन के घर गई तो उसने मुझे बताया कि तुम मौसी बनने वाली हो। मैं बहुत खुश हो गई। मैंने किरण से कहा तुमने यह बात मम्मी को क्यों नहीं बताई। वह कहने लगी मुझे उनसे कहना अच्छा नहीं लग रहा था। तुम उनसे यह बात कह देना और तुम कुछ दिन मेरे पास ही रखोगी। मैंने कहा ठीक है मैं तुम्हारे पास ही कुछ दिन रुक जाती हूं। मैंने अपनी मम्मी को फोन किया और कहा कि मम्मी अब तुम नानी बनने वाली हो। मेरी मम्मी बहुत खुश हो गई और कहने लगी क्या किरण मुझसे यह बात नहीं कह सकती थी।

मैंने मम्मी से कहा उसे आपसे कहने में शर्म आ रही है इसलिए उसने आपसे यह बात नहीं कही। मैं भी बहुत खुश थी। मैंने अपने जीजा जी से कहा कि आज आप की तरफ से पार्टी होगी। वह कहने लगे ठीक है आज मेरी तरफ से पार्टी होगी। वह शाम को हमें डोमिनोज में ले गये और वहां पर हम लोगों ने पिज़्ज़ा खाया। मेरी बहन ने तो नहीं खाया वह कहने लगी कि मुझे नहीं खाना मेरा मन नहीं है। मैं अब अपनी बहन के घर पर ही रहने लगी थी लेकिन उसकी सास मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करती।

एक दिन मेरे जीजा के चाचा का लड़का उनके घर पर आया हुआ था उसका नाम मुकेश है। chut land

वह बहुत ही अच्छा है और मुझे वह अच्छा भी लगता है लेकिन उसके दिल में मेरे लिए ऐसा कुछ भी नहीं था इसलिए मैंने उससे कभी भी इस बारे में बात नहीं की। हम दोनों की बातें तो होती हैं लेकिन इस बार उसका झुकाव मेरी तरफ होने लगा था और वह मुझ पर कुछ ज्यादा ही लाइन मारने लगा।

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मैंने सोचा कि क्या पता वह मेरे साथ ऐसे ही मस्ती कर रहा हो लेकिन वह मेरे लिए काफी सीरियस था। एक दिन हम लोग साथ में बैठे हुए थे तो वह कहने लगा कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। मैंने उसे सारी बात बता दी और कहा कि मेरे पिताजी दहेज देने में सक्षम नहीं है यदि तुम मेरे साथ ऐसे ही शादी कर सकते हो तो कर लो। वह कहने लगा मुझे कोई दिक्कत नहीं है। अब हम दोनों साथ में बैठकर समय बिताते लेकिन मेरे जीजाजी की मां को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं था और एक दिन उन्होंने मुझे इस बात के लिए डांट भी दिया। मुझे उस दिन बहुत बुरा लगा। जब यह बात मुकेश को पता चली तो वह मुझसे मिलने आया और मुझे कहने लगा मैं तुमसे प्रेम करता हूं।

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उसने मेरे हाथ को पकड़ते हुए मुझे अपनी बाहों में ले लिया। जब मुकेश ने मुझे अपनी बाहों में लिया तो मैं भी उसकी बाहों में अपने आपको बहुत अच्छा महसूस कर रही थी। उसने जब मेरे होठों को चूमा तो मैंने उसे कहा कम से कम तुम दरवाजा तो बंद कर लो। वह कहने लगा ठीक है मैं दरवाजा बंद कर देता हूं उसने दरवाजा बंद कर दिया। वह मेरे होठों को किस करने लगा जब वह मेरे होठों को किस कर रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

वह मेरे होठों को काफी देर तक किस करता रहा जब मैं पूरी तरीके से गर्म हो गई तो मैंने अपने कपड़े खोल दिया। वह अपने आप को ना रोक सका वह मेरे ऊपर से लेट गया और मेरे स्तनों को उसने चूमना शुरू कर दिया। वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। उसने मेरे स्तनों पर अपने दांत के निशान भी मार दिए। उसने मेरे पेट को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।

उसने मुझे ऐसे चूसा जैसे वह काफी समय से भूखा बैठा हुआ हो और उसने मेरी योनि को पूरी तरीके से चाट कर गिला कर दिया। जब उसने। अपने लंड को बाहर निकाला तो मैं डर गई। मैं सोचने लगी मैं इतने मोटे लंड को अपनी चूत के अंदर कैसे लूंगी लेकिन मैंने हिम्मत करते हुए उसके लंड को अपनी योनि पर लगा दिया। उसने मुझे कहा तुम अपने पैरों को खोल लो उसने मेरे पैरों को खोला और उसने धीरे धीरे मेरी गीली चूत के अंदर अपने लंड को डालने की कोशिश की उसे बहुत ज्यादा मेहनत करनी पडी जब उसका लंड मेरी योनि में अंदर जा रहा था तो मेरी झिल्ली भी टूट गई और जैसे ही मेरी चूत की झिल्दी टूटी तो मुझे बहुत दर्द महसूस हुआ..

मेरी योनि से खून बहने लगा। chut land

वह मुझे कहने लगा आज मैंने तुम्हारे साथ सुहागरात मना ली मुझे तुम्हें चोदकर बहुत अच्छा लग रहा है। उसका लंड जब मेरी योनि के अंदर बाहर होता तो मेरी चूत से भी तरल पदार्थ बाहर की तरफ गिरने लगा।

मुझे बहुत अच्छा लगने लगा मेरी चूत पूरी तरीके से चिकनी हो गई। chut land

जैसे ही मैं झड़ने वाली थी तो मैंने अपने दोनों पैर के बीच मे मुकेश को जकड लिया मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में इतने कसकर जकड़ा वह हिल भी नहीं पा रहा था लेकिन उसने भी पूरी ताकत से मुझे धक्के देना शुरू कर दिया। उसने इतनी तेज गति से मुझे धक्के मारे जैसे ही उसका वीर्य मेरी योनि के अंदर गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा। जब उसने अपने लंड को मेरी योनि से बाहर निकाला तो मैंने उसे कहा मुझे आज तुम्हारे साथ सेक्स कर के बहुत अच्छा लगा।

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