मेरी चुड़क्कड़ बॉस

Meri Chudakad Boss सबसे पहले मैं अपनी बॉस का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसकी बदौलत मैं आज मस्ती के उस मुकाम पर पहुंचा हूं जहां मेरी वासना का ज्वार हर लहर के साथ टूट कर नहीं बिखरता। हर एक लहर अगली लहर को तब तक बढाती है जब तक कि आखिरी मंजिल पर पहुंच कर एक जबरदस्त उफान के साथ मेरे प्यार का लावा असीम आनन्द देता हुआ मेरे साथी को अपने साथ बहा ले जाता है।

बात उस समय की है जब मैं एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहा था। मिस रचना मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट।

अफवाह थी कि वो मिस इन्डिया में भी भाग ले चुकी थी। पर गजब की सख्ती बरतती थी वो हम सब के साथ।

किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि उनके बारे में सपने में भी गलत बात सोचें। वो हम सब से दूरी बना कर रखती थी।

मैं नया नया आया था।

इसलिए एकाध बार उनके साथ गरम जोशी से बात बढाने की गुस्ताखी कर चुका था।

पर उनकी तरफ से आती बर्फीली हवाआें में मेरा सारा जोश काफूर हो गया।

अब मुझे मालूम हुआ कि मेरे साथियों ने उनका नाम मिस आईस मैडेन क्यों रखा है। पर मुझे क्या पता था कि ऊपर वाले ह्यया ऊपर वाली हृ की मर्जी क्या है। एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया।

आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं।

अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि रचना मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”।

वो बोलीं ” बस ऐसे ही। घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”।

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हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए।

मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के खयाल से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लो।

मैंने उनके कहे अनुसार दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया।

अब पूरे आफिस में हम दोनों अकेले थे और हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं कर सकता था।

मुझे रचना मैडम की नीयत ठीक नहीं लग रही थी। दाल में जरूर कुछ काला था। नहीं तो भला आज छुट्टी के दिन एक छोटी सी समस्या के लिए उन को दफ्तर आने की क्या जरूरत।

मैडम घूम कर कम्प्यूटर लैब की तरफ चल दी और मैं भी मन्त्रमुग्ध सा उनके पीछे पीछे चल दिया।

पूरे माहौल में उनके जिस्म की खुशबू थी।

जब हम कॉरीडोर में थे तो मैंने उनकी पिछाडी पर गौर किया। हाय क्या फिगर था।

हालांकि मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं पर यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर रचना मैडम किसी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग ले तो अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दें और देखने वाले अपने लन्ड संभालते रह जाएं। उनकी मस्तानी चाल को देख कर यूं लग रहा था मानो फैशन शो की रैम्प पर कैट वॉक कर रही हो।

उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी।

उन्होंने साडी भी काफी नीची बांधी हुई थी जहां से उनके चूतडों की घाटी शुरू होती है। बस यह समझ लो कि कल्पना के लिए बहुत कम बचा था। सारे पत्ते खुले हुए थे। अगर मुझमें जरा भी हिम्मत होती तो साली को वहीं पर पटक कर चोद देता। पर मैडम के कडक स्वभाव से मैं वाकिफ था और बिना किसी गलत हरकत के मन ही मन उनके नंगे जिस्म की कल्पना करते हुए चुप चाप उनके पीछे पाीछे चलता रहा।

मैडम ने कल्पना के लिए बहुत ही कम छोडा था। साडी भी कस कर लपेटे हुई थी जिससे कि उनके मादक चूतड और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतडों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने गौर किया कि चलते वक्त उनके चूतड अलग अलग दिशाआें में चल रहे थे।

पहले एक दूसरे से दूर होते फिर एक दूसरे के पास आते। मानो उनकी गान्ड खुल बन्द हो रही हो। जब दोनों चूतड पास आते तो उनकी साडी गान्ड की दरार में फंस जाती थी। यह सीन मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मन कर रहा था कि साडी के साथ साथ अपने लन्ड को भी उनकी गान्ड की दरार में डाल दूं।

बडा ही गुदाज बदन था रचना मैडम का।

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