office sex Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/office-sex/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म https://sexstories.one/office-me-sex-aur-antarvasan/ Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3529 जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया...

The post ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म appeared first on Antarvasna.

]]>
Office Antarvasan Sex हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता | मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ |

जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं | कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं |

भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता |

मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ | जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं |

कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं | भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | मैंने कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया पर एक बार की बात हैं मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे करना क्या है कॉलेज में इसलिए मैंने एक सर से मदद ली थी पर वो तो गधा निकला और मेरे मुह से ये शब्द निकल गया था उसके सामने |

मुझे बड़ा बुरा लगा पर फिर मैंने उससे कई बार माफ़ी मांगी बी उसने मुझे माफ़ कर दिया हो तो या न किया हो मैं तो हमेशा उसका भला ही चाहूँगा | मेरी कंपनी में सब कुछ मस्त है मेरे माँ बाप भी आ चुके हैं यहाँ और सब से मिल चुके हैं और उन्हें गर्व होता है मुझपे | देखिये किसी भी माँ बाप के साथ कोई दिक्कत नहीं होती बस एक चीज़ बदलती है और वो है समय क्यूंकि उनका समय अलग था और अपना समय अलग है | उनको ये समझने में थोडा वक़्त लगता है कि उनका बच्चा कुछ आगे करेगा और अच्छा इंसान बनेगा | क्यूंकि आज के दौर में शुरू में ही किसी को लाखों नहीं मिलने लगते | चलिए ये तो हुयी कंपनी के अन्दर की बात अब टाइम है कंपनी के बाहर की बात का तो जब हमारा काम ख़त्म हो जाता है तब हम सब मिलके चाय पीते हैं |

हमारे ग्रुप में लडकिय नहीं हैं क्यूंकि हम लोग मिटटी से जुड़े लोग हैं और लडकियांकुछ ज्यादा ही नखरे दिखाती है | अब जब हम लोग नीचे वाले टपरे में चाय पीते हैं तब बोलती हैं देखो चीप गाइस कितना सस्ता और गंदा काम करते हैं | मैंने उस दिन सोच लिया था की इन लोगों को इसका मज़ा चखा के रहूँगा | मैंने कहा चलो भाई लोग कल से इनको यहीं की की पिलाएंगे और फिर मज़े लेंगे | हमारे कैंटीन वाले से सेटिंग की और उससे कहा भाई कल से इस भाई से चाय लेना और उसको कुछ पैसे दे दिए | अब दो दिन उसने वही चाय सबको पिलाई और सबने जमके तारीफ की और कहा आजकल कैंटीन वाला सुधर गया है यार !! कितनी टेस्टी चाय बना के दे रहा है | तब मैंने कहा सबके सामने जाके हट चीप गर्ल्स कितनी सस्ती और गन्दी चाय पीती है |

तो उन्होंने कहा हेल्लो ये कैंटीन से है ओके | मैंने कहा अच्छा चलो दिखता हूँ |तब मैंने उन्हें खिड़की से नीचे दिखाया और उन्होंने देखा कैंटीन वाला उस टपरे वाले से चाय ले रहा था| तब उन्होंने कहा यार इसकी चाय इतनी टेस्टी होगी हमे ये पता नहीं था और हमने गलत समझ लिया तुम लोगों को सॉरी | पर उनमे से एक लड़की बड़ी कमीनी थी और उसने हमारी मेनेजर जो की कुछ ही महीने पहले दुबई से आई थी उसको बता दिया और मेरा नाम लगा दिया| मैंने कहा बस यही तो फर्क है तुम लोगों में और मुझमे मैं अपना काम चुप चाप कर देता हूँ पंगा तुम लोगों ने लिया और हारी भी तुम | पर आज साबित कर दिया आप लोग की सोच बहुत ही छोटी है और एक दम घटिया | साडी लड़कियां चुप चाप देख रही थी बस वही मुझ से बेहेस कर रही थी |

उतने में हमारी मेनेजर आ गयी और उसने कहा लड़कियों ये क्या हो रहा है सब अपने अपने काम पे चलो और भास्कर तुम मेरे साथ अन्दर आओ | वो अची हिंदी बोलती हैं इतनी अच्छी की हम लोग पीछे रह जाते हैं | मुझे उनकी बाते सुनना बहुत अच्छा लगता है क्यूंकि वो बोलती ही इतना प्यारा हैं| उस दिन उन्होंने पहली बार मुझपे गुस्सा किया कि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी| मैंने कहा मैडम मैंने कुछ नहीं किया शुरू उन्होंने किया और ख़त्म बस में कर रहा हूँ | मैडम ने कहा अच्छा क्या ख़त्म कर रहे हो | मैंने कहा मैडम बस चाय पिलाई है और कुछ नहीं किया मैंने | उन्होंनेकहा अच्छा अगर उसकी चाय पिके कोई बीमार पद जाता तो मैं क्या जवाब देती सबको जानते हो तुम | मैंने कहा मैडम सॉरी मुझे नहीं पता था आपको इस बात का इतना बुरा लग जाएगा |

उन्होंने कहा भास्कर तुम इतने अच्छे वर्कर हो और अच्छे इंसान भी हो क्यों इनके मुह लगते हो | इनका क्या हैं कल जिसके पास ज्यादा पैसा होगा उनका बिस्तर गरम करने लगेंगी पर तुम इनसे दूर रहो | मैंने मैडम से कहा मैडम आप ऐसी बाते भी करते हो | तो उन्होंने कहा हां क्यूँ नहीं कर सकती ? पर बस तुम्हरे सामने की है और एक मेरे पापा के सामने तो अब तुम समझलो बड़े ख़ास हो तुम मेरे | मैंने कहा मैडम मैं हमेशा आपका ख़ास ही | तब मैडम ने मुझे कहा चलो जाओ अब अपने काम पे ध्यान लगाओ | मैं वह से चला गया और कहा मैडम एक दिन मैं आपको वह की चाय ज़रूर पिलाऊंगा आपको मेरी कसम आप मन नहीं करोगे | मैडम ने कहा ठीक है अब जाओ | मैं वह से आ गया और मुझे हस्त देख उस लड़की का रोना निकल गया | पर क्या करे हमारे व्यवहार ही ऐसे हैं की कोई कितना भी बुरा हो मान ज़रूर जाता है | अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी पर मैडम ने मुझे कहा भास्कर तुम कल आजाना कल सबकी छुट्टी है पर मुझे एक हेल्पर चाहिए | मैंने कहा जी मैडम मैं कल इसी टाइम पर आ जाऊंगा |

Sexy kahani मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

अब मैं अगले दिन वहां गया और मैडम पहले ही वहां थी |अब मैडम ने मुझे कहा चलो काम शुरू करलू और वो पहले से ही थकी हुयी लग रही थी | अब इतने में लाइट चली गयी और मैडम ने कहा यार मुझे भूख लगी है और लाइट भी अभी जानी थी | मैंने कहा मैडम आप थक गए हो चलो चाय पी लो | मैडम ने कहा नहीं यार कैंटीन तो बंद है | मैंने कहा अरे मैडम अपना देसी कैंटीन २४ घंटे तक चालू रहता है | मैडम ने न नुकुर करते हुए हाँ किया और मैं चाय लेने नीचे गया | फिर जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया | फिर एकदू वो मेरे पास आई और कहा बूब्स छुए न कैसा लगा |

मैंने कहा मैडम और उतने में उन्होंने अपनी शर्ट खोल दी और मेरा मुह अपने बूब्स में लगा दिया | मे रेको क्या मैं भी मस्ती में चूसने लगा उनके बूब्स और निप्पल | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करने लगी |

फिर उन्होंने जल्दी से मेरा लंड निकाल और चूसने लगी |

मैंने भी आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करना शुरू किया |

फिर वो खुद मेरे लंड पे बैठ के ऊपर नीचे होने लगी और कहा यार कबसे मन था आज मिले हो | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऐसा आधे घंटे चला और हम झड़ गए |

अब तो मैडम को मैं उनके केबिन में ही चोद देता हूँ |

The post ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म appeared first on Antarvasna.

]]>
जिग्ना की कामुकता https://sexstories.one/jigna-ki-kamukta/ Tue, 21 Dec 2021 07:16:05 +0000 https://sexstories.one/?p=5056 उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। "मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।"...

The post जिग्ना की कामुकता appeared first on Antarvasna.

]]>
Jigna ki Kamukta – यह अनिवार्य रूप से एक सच्ची कहानी है, जिसमें शामिल लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नाम और घटनाओं को संशोधित किया गया है। यह बहुत विस्तृत है, एकतरफा प्यार और छूटे हुए अवसर, रोमांटिक और कोमल की कहानी है, लेकिन इसके गुदा विषयों को भी तीव्र करती है। यह जिग्ना के साथ मेरे थोड़े समय की कहानी है, एक ऐसी महिला जिससे मैं प्यार करता था और जिसके बारे में मैं अक्सर सोचता रहता हूं।

जिग्ना… जब मैं बिक्री विभाग में था, मुझे हमेशा नए, अनुभवहीन ग्राहक सेवा प्रतिनिधि सौंपे जाते थे; मेरे पास एक उत्कृष्ट प्रशिक्षक होने का रिकॉर्ड था, उन्हें कार्यालय में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, और फिर उन्हें किसी अन्य बिक्री प्रतिनिधि को फिर से सौंपा जाएगा जो मुश्किल से सक्षम था और अपने व्यवसाय को एक साथ रखने के लिए एक अत्यधिक सक्षम ग्राहक सेवा प्रतिनिधि की आवश्यकता थी। हर एक युवा, महिला, आकर्षक और बहुत बार, छह आंकड़े बिक्री प्रतिनिधि या ऊपर और आने वाले युवा प्रबंधक को प्राप्त करने में बहुत दिलचस्पी थी — कई ने किया। मैंने अपने बॉस के पूरक की सराहना की, लेकिन हमेशा प्रशिक्षण मोड में रहने के कारण अक्सर निराश होता था।

कॉलेज के ठीक बाहर जिग्ना बोर्ड पर आई; नौकरी के लिए अधिक शिक्षित और बहुत उज्ज्वल, उसने एक प्रबंधन, प्रवेश स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार किया था, कार्य के लिए काफी नहीं देखा गया था और एक घंटे की नौकरी लेने के लिए सहमत हो गया था; यह आसानी से उसके घर आ गया था और सड़क के नीचे पुनर्मूल्यांकन का वादा किया गया था। चूंकि वह मेधावी थी और उसने एक शीर्ष नाम के विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी की शिक्षा प्राप्त की थी, उसने आश्चर्यजनक रूप से जल्दी सीखा और एक शानदार ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बन गई।

मैंने कार्यालय के कर्मचारियों के साथ कभी बेवकूफ़ नहीं बनाया; वे सभी गपशप थे, यह मनोबल के लिए बुरा होता और अधिकांश दुकान की लड़कियों से थोड़ा अधिक थे। जिग्ना अलग थी। मेरी पहली शादी भी आखिरी पायदान पर थी; मेरे पूर्व और मैं अलग हो गए थे, तलाक आसन्न था और मैंने शायद जिग्ना के साथ अपनी अधिक निराशा साझा की, जो कि एक दुकान की लड़की नहीं थी, जितना मुझे होना चाहिए था। हम फोन पर बहुत गैर-यौन रूप से मजाक करते थे, वह अगले दरवाजे की क्लासिक लड़की थी, और मैं उसके लिए एक वास्तविक स्नेह बढ़ा। मैं उसे सप्ताह में कई बार कार्यालय में देखता था और कभी-कभी उसे अपने ग्राहकों से मिलने के लिए सड़क पर ले जाता था। वह छोटे स्तनों और कॉलेज फ़ुटबॉल और चीयरलीडिंग से एक एथलेटिक शरीर के साथ लगभग पाँच छ: की थी। उसकी फोन आवाज शानदार थी और हमारे सभी ग्राहक उससे प्यार करते थे। उसके गंदे गोरे बाल थे और सुंदर चेहरा नहीं तो प्यारा था। वह मेरे पास या मेरे पास कभी नहीं आई। मैं उनका बहुत सम्मान करता था और सम्मान परस्पर था।

Kamukta2 गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना

मैं उसके माता-पिता से मिला था और मेरे मन में यह सवाल नहीं था कि वह एक अच्छी लड़की है। जिस लड़के ने आखिरकार उससे शादी की, वह सेल्स फोर्स में एक युवा, अच्छा दिखने वाला लड़का था। वह उसके साथ प्यार में सिर के बल गिर गया; उसने एक बार मुझसे कहा था कि जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, वह उसे अपनी पैंट में नहीं बैठने देगी। मैं उसकी शादी में गया था; उसका परिवार स्थानीय रूप से प्रमुख था और यह एक बहुत बड़ा और भव्य मामला था। जब सेल्स फ़ोर्स के अन्य लोगों की बात आती है तो मैं उसके लिए सुरक्षात्मक था और उस पर कभी प्रहार नहीं किया।

एक दिन मैं एक विशेष रूप से कठिन ग्राहक की सेवा से संबंधित कुछ समस्याओं पर विचार करने के लिए कार्यालय में था। जिग्ना और मैं ऑप्स मैनेजर के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक छोटे से सम्मेलन कक्ष में गए। उस बैठक में लगभग 30 मिनट लगे; संचालन प्रबंधक चला गया और जिग्ना और मैंने कुछ और मिनट बात की और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं टेनिस खेलता हूं। मैंने उसे हाँ कहा, लेकिन बुरी तरह से। उसने कहा कि वह हाल ही में जिस कॉन्डो में आई थी, उसके माता-पिता के घर से बाहर जाने के बाद पहली बार उसके पास बहुत अच्छे कोर्ट थे, लेकिन किसी ने भी उनका इस्तेमाल नहीं किया। जिग्ना जल्दी उठने वाली थी, जैसा कि मेरे अधिकांश अधिक मांग वाले ग्राहक थे, इसलिए वह सुबह 6:00 बजे आकर और दोपहर 2:00 बजे तक काम करके बहुत खुश थी, जो मेरे और मेरे प्रमुख ग्राहकों के शेड्यूल से पूरी तरह मेल खाता था। जिग्ना ने पूछा कि क्या मैं उसके साथ कुछ समय टेनिस खेलना चाहूंगी। मैंने निश्चित रूप से कहा, और उसे याद दिलाया कि सप्ताह में कुछ दिन मैं वास्तव में ग्राहकों को फोन कर रहा था, जहां से वह रहती थी … आज की तरह, उदाहरण के लिए। उसका चेहरा खिल उठा, और वह व्यापक रूप से मुस्कुराई, और पहली बार जब से मैंने उसके साथ काम करना शुरू किया था, उसके चेहरे पर यहाँ आने का वह संकेत मिला, लगभग मोहक जैसा कि मैंने बाद में देखा, लेकिन मैं वास्तव में संकेतों से चूक गया, उस सुबह।

मैंने उससे कहा कि मेरे पास कार में हमेशा मेरा टेनिस सामान होता है और उसने कहा कि मैं उसके स्थान पर बदल सकता हूं। हमने लगभग 3:00 बजे मिलने का फैसला किया और उसने मुझे सटीक निर्देश दिए। मैं कसम खाता हूँ कि मेरे मन में कोई यौन विचार नहीं था।

मैं नियत समय पर उसके कोंडो में गया, उसके शयनकक्ष में व्यवसायिक पोशाक से बदल कर, उसे बहुत ही शानदार ढंग से सजाए गए घर की प्रशंसा की और देखा कि, टेनिस टॉग्स में, उसका दृढ़, एथलेटिक शरीर बहुत आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया था। मौसम गर्म था। हमने लगभग एक घंटे तक जोरदार टेनिस राउंड खेला। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इस समन्वित युवती को काम करते हुए देखना अदालत का अंत बहुत उत्तेजित करने वाला था। एक घंटे के बाद हम दोनों इसे एक दिन कहने के लिए तैयार थे। उसने मैच को समाप्त करने के लिए एक शानदार शॉट बनाया और मुझे एक बड़ा गले लगाने के लिए बाध्य किया, जो कि मेरी अपेक्षा से बहुत कम प्लेटोनिक था। वापस कॉन्डो में, उसने मुझसे कहा कि मैं पहले शॉवर ले सकती हूं, इसलिए मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया, कपड़े उतार दिए और शॉवर में कूद गई।

कुछ ही मिनटों में मैं पूरी तरह से चौंक गया जब उसने दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा, अपनी पूरी युवा सुंदरता में नग्न। उसने अपनी उँगली अपने होठों से ऐसे पकड़ रखी थी मानो कह रही हो, ‘एक शब्द भी मत कहो’, और प्यार से मेरी पीठ धोने लगी…और मेरी गांड और मेरा लंड। बेवजह, मैंने एहसान वापस कर दिया, उसके स्तन, योनी और गधे को ऊपर उठाते हुए। मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चूत खा ली… वह कुछ ही सेकंड में आ गई। वह अपने कूबड़ पर नीचे चली गई और मुझे एक मिनट से भी कम समय में संभोग सुख के लिए उड़ा दिया। हमने चूमा, टटोला और प्यार किया। हमने एक दूसरे के बाल धोए; मेरा डिक फिर से सख्त था।

“बेडरूम में मेरे लिए रुको।” वह फुसफुसाई। वह कुछ मिनट बाद बाथरूम से बाहर आई और मुझे उन अविश्वसनीय पोस्ट ऑर्गेज्म में से एक दिया, मैला गीला और गर्म चुंबन।

उसने कहा – “पहले दिन से ही मुझे आप पर क्रश है। एक छोटी सी समस्या है। मैं कुंवारी हूं। मैं अपनी शादी की रात तक इसी तरह रहने का इरादा रखती हूं। मुझे पुराने जमाने का बुलाओ। मुझे वास्तव में जरूरत है अभी कुछ आराम है, और आपके जीवन में जो कुछ भी चल रहा है, मुझे पता है कि आप भी करते हैं। मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूं। लेकिन मैं तुम्हें अपनी चूत में नहीं जाने दे सकता … वह आरक्षित है।’

उसने जारी रखा – ‘अगर तुम बहुत ज्यादा ग्रॉस आउट नहीं होते, तो मैं तुम्हें अपनी चुतड़ देना चाहती हूँ। नहीं तो मुझे बुरा नहीं लगेगा। मैंने इसे पहले बट में लिया है और इसका आनंद लिया है, और मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं कि मेरी गांड साफ और अच्छी तरह से चिकनाई हो। क्या तुमने कभी…आह, ऐसा पहले किया है?”

मैंने उससे कहा कि मुझे उस विभाग में अनुभव है और हम मजे करेंगे। मैं उसकी गांड के छेद में अपनी उँगली डालने लगा। यह बहुत अच्छी तरह से लथपथ था। मैंने उसे उसके सामने लुढ़कने के लिए कहा और धीरे से रिम करना शुरू कर दिया … और फिर अधिक सख्ती से … जीभ उसकी रमणीय छोटी भूरी आंख को चोदती है, जबकि ध्यान से उसके भगशेफ को छूती है।

उसने अपना रस छोड़ दिया और लुढ़क गई।

“मेरी गांड को सामने से ले लो।” वह सहम गई।

मैं सहमत। उसने बिस्तर की मेज से एस्ट्रो-ग्लाइड की एक बोतल ली, प्यार से मेरे लंड को चिकना किया, वह मुस्कुराई और धीरे से मुझे हरकत में लाने का आग्रह किया। “मुझे अब इसकी ज़रूरत है बेबी, कृपया मुझे चोदो।”

उसने अपने मांसपेशियों वाले पैरों को अपने छोटे, दृढ़ स्तनों के खिलाफ वापस रखा; मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने लंड का सिर उसकी गांड में डाल दिया।

“मैंने यह काफी समय से नहीं किया है, इसलिए मुझे इसकी आदत डालने दें।” वह फुसफुसाई।

उसे समायोजित होने में कुछ मिनट लगे, लेकिन अंत में उसने कहा, “मैं अब तैयार हूं, मुझे करो।”

मैंने एक धीमी गति से स्ट्रोक शुरू किया, उसका हाथ लिया और उसे अपनी बिल्ली पर रख दिया ताकि वह खुद को किनारे पर लाने में मदद कर सके। हम लय में आ गए और मैंने गति बढ़ा दी। मैंने हिलना बंद कर दिया और उसके कान में फुसफुसाया। “इसे ले लो जिग्ना, मेरे लंड को अपनी गांड से चोदो।”

उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। “मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।” मैंने कहा।

“बस एक और मिनट, मैं बहुत करीब हूँ।” वह कराह उठी।

उसके विलाप बढ़ गए, वह हांफने लगी…

उसका सिर पीछे की ओर लुढ़क गया… और उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया..

उसके गुदा नहर पर उसके संभोग के संकुचन मुझे किनारे पर ले गए और मैंने उसके मलाशय में गर्म सह का एक ताजा भार डाला। मेरा डिक उसकी गांड से निकल गया और हम गले मिले और चूमा और प्यार किया। वह बिस्तर से उठी, कुछ मिनट बाद एक गर्म कपड़े और दो गिलास रेड वाइन के साथ लौटी। उसने मेरे लंड को साफ किया, और मेरी गांड को, मेरे बट पर अच्छी तरह से चिपकी हुई उंगली डालते हुए और फिर अब नरम सदस्य को अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ से उसे इधर-उधर घुमाया। मुझे पता था कि मैं फिर से जा सकता हूं, लेकिन ठीक होने के लिए आधे घंटे या उससे भी ज्यादा समय लगेगा। हमने अपनी शराब पी ली, वस्तुतः बिना किसी शब्द के और वह मेरे बगल में आ गई।

“मुझे लगता है कि हम दोनों को थोड़ा झपकी लेने की ज़रूरत है।” जिग्ना ने सुझाव दिया।

हम आधे घंटे से अधिक समय तक सोए रहे, जब मैं उठा, मैं अपनी गांड को उसके सामने रखकर लुढ़क गया था और वह मेरे बट के छेद को चीरने के लिए आगे बढ़ रही थी। उसे बिस्तर की मेज से कुछ मिला, जो मुझे जल्दी से पता चला कि एक छोटा हिल बट प्लग था, इसे ऊपर की ओर बढ़ाया और इसे मेरी गुदा नहर में डालना शुरू कर दिया। “मुझे बताओ कि क्या यह दर्द होता है, या आपको यह पसंद नहीं है, और मैं रुक जाऊंगा।” वह सहम गई, क्योंकि वह मेरे लंड को उठाने के लिए अपने दूसरे हाथ का उपयोग करते हुए ध्यान से एक हाथ से मेरी गांड में प्लग डालने के लिए आगे बढ़ी ताकि वह नीचे की तरफ चाट सके। उसके मौखिक ध्यान और बट घुसपैठ के संयोजन ने मुझे एक बार फिर हड्डी की तरह कठोर कर दिया।

फिर उसने पूरी प्लग को मेरी गांड में धकेल दिया, और पूछा, “क्या आप इसे वहाँ पकड़ सकते हैं?”

to be continued…

The post जिग्ना की कामुकता appeared first on Antarvasna.

]]>
पूर्णा का सेक्सी एडवेंचर https://sexstories.one/poorna-ki-office-porn-kahani/ Mon, 29 Nov 2021 06:28:12 +0000 https://sexstories.one/?p=4868 उसका हाथ उसके अंडरवियर में चला गया और उसकी चूत पर उंगली करने लगा, जबकि उसने उसकी गर्दन को चाटा। खिड़की की सलाखों पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई। वह हवा के लिए हांफने लगी और उसके कराहने...

The post पूर्णा का सेक्सी एडवेंचर appeared first on Antarvasna.

]]>
Office Porn Kahani Antarvasnax यह एक विभागीय उत्सव था। सभी ने अच्छे कपड़े पहने और अच्छी तरह से वाकिफ थे। उस अवसर की मुस्कान और सुंदरता की मात्रा अवर्णनीय थी। पूर्णा एक साड़ी में विशेष रूप से सुंदर थी वह भी काले और लाल रंग में साड़ी लाल रंग की थी जो उसकी त्वचा के साथ जाती थी और काले फीता की सीमा होती थी।

उनका ब्लाउज भी ब्लैक कलर का था जो उन्हें गुड़िया जैसा बना रहा था। सब अपने-अपने काम में व्यस्त थे। हमारी सेक्सी महिला सीढ़ियाँ चढ़कर डिपार्टमेंट स्टाफ रूम की ओर बढ़ी। उसके चेहरे पर भावनाओं का मिश्रण था। उसके हाथ कांप रहे थे कि क्या होगा। वह वही थी जिसे आप ‘शरारती लड़की’ कहेंगे।

अपने बॉयफ्रेंड के साथ उसकी नटखटता की कोई सीमा नहीं थी। वह कॉलेज की सेक्स डॉल के रूप में काफी लोकप्रिय थीं। उसका शानदार शरीर इसका कारण था। पूर्णा, एक जादूगरनी, उसकी आँखें उसका सबसे बड़ा हथियार थीं। वह उन अच्छी आँखों से किसी भी आदमी को दुगनी नज़र से देख सकती थी।

उसका शरीर उसकी सुंदरता का जलवा बिखेर रहा था और उसे केवल गर्म कहा जा सकता था। उसकी काफ़ी गोरी त्वचा, उसके रसीले होंठों से मुँह में पानी आ गया था। उसने एक शानदार फिगर बनाए रखा था। उसके स्तन उसके गर्म शरीर के लिए एक गहना थे। एक गोल गधे के साथ, उसने कई राय व्यक्त की हैं।

कॉरिडोर से होते हुए स्टाफ रूम की ओर भागते समय उसके हाथ थोड़े काँप रहे थे। वहां वह एचओडी केबिन में दाखिल हुई। कमरे में अंधेरा था। नीचे क्या हो रहा था, यह देखने के लिए वह अपने दोस्तों के साथ खिड़की के पास चली गई। अचानक दो बड़े हाथों ने उसे पीछे से पकड़ लिया।

यह कोई और नहीं बल्कि उनके एचओडी सूरज थे। उसने उसके हाथ जबरदस्ती खिड़की से पकड़ लिए, उसकी गर्दन चाटने और उसकी नाभि को सहलाने लगा। सूरज एक जिम्मेदार और आकर्षक एचओडी थे। वह छोटा था लेकिन उसके पास कई डिग्रियां और काफी अनुभव था। कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें राजनीतिक समर्थन से वह मिला जहां वे हैं।

लेकिन वह जितना चालाक है उतना ही चतुर भी है। उसने उसकी सुडौल नाभि को दबाना शुरू कर दिया, जबकि उसके दूसरे हाथ उसके गोल 32c स्तन पर चले गए। उसके निप्पल सख्त और दिलेर थे। जैसे ही उसने उन्हें छुआ, एक झटका उसके शरीर से नीचे चला गया और उसे अपनी चूत में झुनझुनी दे दी। उसके निपल्स पर उसके हल्के और कामुक स्पर्शों ने उसके कराहों से कमरा भर दिया।

जल्द ही उसकी सांस उसके कान में आ गई और एक हाथ उसके स्तन में पूरी तरह से लीन हो गया। वह उन्हें पीछे से दबा रहा था। उसने उन्हें अपने ब्लाउज के माध्यम से निचोड़ा। वह जानता था कि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि उसने उससे पूछा था। उसके हाथ उसकी नाभि से होते हुए उसके पेट के बटन में चले गए और उसकी श्रोणि और फिर उसकी चूत तक पिंच किया।

उसने अपनी चार अंगुलियों से उसकी टांगों के बीच में ताला लगा दिया, और जोर से उसकी श्रोणि को सहलाया। उसने उसके बैकलेस ब्लाउज को चाटा और उसके स्तनों को ऐसे सहलाया जा रहा था जैसे वह उसका अपना हो। उसने उसे विलाप किया और खुशी से कराह उठा। उस खुशी के आलोक में उसने खिड़की के हैंडलबार को पकड़ लिया।

वह इस तथ्य को भूल गई कि उसकी शिक्षिका उसका आनंद उठा रही थी और वह एक खिड़की के पास थी। उनकी इस मासूमियत को पूरी जनता देख सकती थी. वह पूरी तरह से उस आनंद में डूबी हुई थी। उसे याद आया कि वह इस तरह के जाल में कैसे फंस गई।

Porn Kahani भिखारी लड़की के जलवे

विभाग आंतरिक मूल्यांकन को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रहा था। उन्होंने पाया कि कुछ छात्र अपेक्षित प्रदर्शन तक नहीं पहुंच सके। उन सभी को सीढ़ी पर आने के लिए दया का मौका दिया गया था। लेकिन कुछ के लिए मौका अभी तक व्यर्थ था।

हॉट गर्ल गैंग के बीच चर्चा थी कि एचओडी कुछ ‘फॉर्म’ भरने के इच्छुक लोगों के लिए एक विशेष ‘व्यवस्था’ दे रहा है। पूर्णा सीधी-सादी छात्रा नहीं थी। फिर भी वह अपने चालाकी और चतुर स्वभाव के साथ यहाँ तक पहुँचने में सफल रही। वह इससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोद सकी।

फिर भी उसका आकर्षक स्वभाव कई दिनों तक दोषपूर्ण हो गया था जब तक कि वह एक जन्मदिन की पार्टी में नहीं गई। वहीं उनकी मुलाकात काजल से हुई। वह परीक्षा में भी फेल हो गई थी, फिर भी वह ज्यादा तनाव में नहीं लग रही थी, बल्कि शांत हो गई थी। पूर्णा ने रहस्य को बाहर निकालने और उसे बाहर निकालने की पूरी कोशिश की।

एचओडी ने कुछ समय के लिए उसकी गांड में चुदाई की थी। उसने उसे जो संतुष्टि दी, वह उसकी अपेक्षा से कहीं अधिक थी और उसे पास होने के लिए अतिरिक्त श्रेय मिला। यह रहस्योद्घाटन मुस्कान और भय दोनों लेकर आया। वह परिणामों से डरती थी।

लेकिन वह डर जल्द ही उस आनंद से जीत लिया गया जिसे वह जानती थी कि वह अनुभव करेगी। उसकी नटखटता जिससे वह हर दिन उसके मोटे लंड की कल्पना करते हुए खुद को रगड़ती और उँगली उठाती थी। यह उस दिन की बात है जब उसने झाँका और देखा कि सूरज ने लाइब्रेरियन को अपने मोटे शाफ्ट से कहाँ चोदा।

वह सभी विचारों से भीग चुकी थी और आगे बढ़ना चाहती थी। वह एक महान अवसर की प्रतीक्षा कर रही थी। उसकी यादें अचानक पटरी से उतर गई जब सूरज ने उसकी पीठ को काटना शुरू किया। वह उसकी पीठ पर लव बाइट दे रहा था जबकि उसके हाथों ने उसके स्तन को जीत लिया था।

वह उसके मालिक से भूरे रंग के सख्त बटन के निप्पल खींच रहा था, जिससे वह विलाप कर रही थी। उसकी गाढ़ी हार्ड कॉक ड्राई उसकी गांड को कूबड़ देती है। उसके कपड़े से फर्श को अच्छी तरह से सजाया गया था। उसका ब्लाउज हटा दिया गया था। उसके सीने के सामने जो कुछ भी खड़ा था वह उसकी लेस वाली पारदर्शी साड़ी थी।

जबकि उनकी साड़ी को सूरज ने उनके कूल्हों तक उठाया था। फिर वह उसकी गीली चूत पर उसकी चूत रगड़ने लगा। उसकी चूत फोरप्ले से लेस पैंटी पर गीली हो गई थी। उसने उसे जोर से रगड़ा ताकि उसे मुर्गा चाहने की कामुक भावना का एहसास हो। फिर उसने उसकी पीठ को महसूस करना शुरू कर दिया, अपने हाथों को एक के बाद एक उसके भूरे रंग के निप्पल की तरफ घुमाते हुए उन्हें पिंच किया।

उसका हाथ उसके अंडरवियर में चला गया और उसकी चूत पर उंगली करने लगा, जबकि उसने उसकी गर्दन को चाटा। खिड़की की सलाखों पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई। वह हवा के लिए हांफने लगी और उसके कराहने से उसका शरीर कांपने लगा। वह अपने हाथों से उसके स्तनों पर अच्छा काम कर रहा था। घुटने टेक दिए और अपने अंडरवियर को दूर फेंक दिया।

फिर उसने उसकी चूत पर और साथ ही उसके गधे को भी मला। उसने लटकते निप्पल पर हाथ रखे। भूरे रंग के निपल्स उसके स्तन से मृत पुरुषों की तरह लटके हुए थे। उसने उन्हें और भी नीचे खींच लिया। उसने अपनी उँगलियों को उसके गधे की गहराई में धकेल दिया और वह चिल्ला पड़ी। उसके कराह और विलाप से कमरा भर गया।

उसकी उँगलियाँ उसकी चूत तक पहुँच गईं जबकि उसकी जीभ अंदर से रगड़ रही थी। उसके दाँतों ने उसकी चूत के होठों को पकड़ लिया। वह उसकी गांड पर उंगली करने लगा। उसकी चूत में उसकी उंगलियाँ उसके सारे सुख-स्थानों को छू गयीं जिससे उसका शरीर काँपने लगा। उसके प्रेम रस को उसकी जीभ ने चाटा।

स्तन और उसकी उंगलियों के साथ उसकी सामयिक चंचलता ने उसे एक हिंसक कराह के साथ सह दिया क्योंकि वह हवा के लिए हांफ रही थी।

एक और फ्लैशबैक।

जैसे ही उसने अपने प्यार के रस को फर्श पर उतारा, उसे उस समय की याद दिला दी गई। उसे उसके प्रेमी और उसके दोस्त रोड ट्रिप पर ले गए थे। उसे बांधकर चारों ओर सहलाया गया था। उसके स्तन के साथ खेला गया था जबकि केवल उसकी गांड चोद रही थी।

उसकी चूत में दर्द हो रहा था एक लंड के लिए। वह लंड के लिए भीख माँगती थी और उसे चूसा जा रहा था और बिल्ली में उँगलियाँ पकड़ी जा रही थीं, जबकि उन्होंने उसके मुँह को चोद दिया। अभी…

सूरज ने फिर खुद को उठाया। और पूर्णा को पकड़ कर उसकी टांगें ऊपर उठा दीं और अपनी कठोर मोटी छड़ को उसके गधे में डाल दिया। उसका मुंह ढका होने के कारण केवल उसकी कराह निकली। उसके पैर उसके हाथ में थे क्योंकि वह उस खिड़की के सामने चुदाई कर रही थी और एक रहस्यमय फोन ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया।

The post पूर्णा का सेक्सी एडवेंचर appeared first on Antarvasna.

]]>
अंकुश ने ऑफिस में मेरी चूत की गर्मी को शांत किया https://sexstories.one/office-me-meri-chodai/ Fri, 19 Nov 2021 08:57:20 +0000 https://sexstories.one/?p=3436 अंकुश ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे कहने लगा बहुत दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है। मैंने उससे कहा मुझे भी बहुत दिन हो गए हैं इसीलिए तो मैं यहां आई थी अपनी चूत मरवाने के लिए वह कहने लगा चलो अच्छे से आज सेक्स करते हैं...

The post अंकुश ने ऑफिस में मेरी चूत की गर्मी को शांत किया appeared first on Antarvasna.

]]>
Office me meri chodai मेरा नाम सोनाली है। एक दिन मैं अपनी फ्रेंड के साथ क्लब में गई। वहां हम दोनों बातें करते करते ड्रिंक भी कर रहे थे तो अचानक मेरी नजर एक लड़के पर गई उसने बहुत सारी ड्रिंक कर रखी थी और उसके कोई भी दोस्त वहां पर नहीं थे वह सब जा चुके थे। वह लड़का अकेला ही वहां पर था वह तो खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। उसने इतनी ड्रिंक कर रखी थी तो हमने सोचा कि इसे हम ही इसके घर ड्रॉप कर देंगे, लेकिन उसने हमें अपने घर के बारे में कुछ नहीं बताया उसे बहुत ज्यादा नशा हो रखा था..

इसलिए हम उसे अपने ही घर लेकर चले गए। उसे आराम करने के लिए कहा और फिर उसके बाद मेरी फ्रेंड भी अपने घर जा चुकी थी। जब वह लड़का सो रखा था तो मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग किया और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं उसके बड़े लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी और उसका वीर्य लंड से गिर गया था जो कि मैंने अपने मुंह से अंदर ही ले लिया था। थोड़ा-बहुत मैंने उसके लंड को अपनी चूत मे रगड़ा था जिससे कि  मेरा चूत का पानी भी निकल रहा था और मैंने वह पानी उसके मुंह में लगा दिया था। उसके बाद मैं आराम से सो गई।

अगले दिन जब सुबह हुई तब उस लड़के को होश आया और वह कहने लगा कि तुम मुझे यहां लेकर क्यों आए और तुम कौन हो मैंने उसे अपना नाम बताया। उससे भी मैने उसके बारे में बताने को कहा फिर उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम अंकुश था। मैंने उसके लिए कॉफी बनाई फिर हम दोनों ने बैठकर कॉफी पी कॉफी पीने के बाद वह अपने घर जाने की बात कर रहा था। मैंने उसे ब्रेकफास्ट करने के बाद घर जाने को कहा वह मान गया फिर मैं उसके लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी। तब वह पीछे से आया और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे साथ हेल्प करने लगा।

उसने जब मेरा हाथ पकड़ा तो मुझे बहुत अजीब लगा पहली बार किसी ने इस तरीके से मेरा हाथ पकड़ा होगा। उसके बाद हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और वह अपने घर निकल गया। उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर भी ले लिए थे फिर हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और मिलने भी लगे। वह मुझसे मिलने मेरे घर आया करता था। मैं घर पर अकेली ही रहती थी इसलिए वहीं मुझसे मिलने घर पर आता था। कुछ ही दिनों में हम दोनों बहुत करीब आ गए थे। अंकुश मुझे मेरे घर पर आकर बहुत ही चोदता था। जब उसका मन करता तो वह मुझे भी अपने घर पर बुला लेता।

कुछ समय बाद उसने अपना बिजनेस खोलने की सोची और अपना बिजनेस सही तरीके से संभालने लगा। एक दिन मैंने सोचा क्यों ना अंकुश को सरप्राइज दूं मैं उसके ऑफिस गई और मैंने अंकुश के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा अभी तक अंकुश ऑफिस नहीं आए हैं। मैं अंकुश का वहीं बैठ कर इंतजार करने लगी काफी देर तक तो वहां आए नहीं अब जैसे ही अंकुश आया तो उसने मुझे देखा तो वह भी एक दम से शॉक्ड रह गया और कहने लगा तुम ऑफिस में कहां से आ गई। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें सरप्राइज देना चाहती थी।

Chodai ki kahani हवस चुदाई की

यह सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गया और मुझे अपने गले से लगा लिया। मैं उसके लिए कुछ गिफ्ट लाई थी तो मैंने उस वह गिफ्ट दिया। उसने वह गिफ्ट खोलकर देखा वह और ज्यादा खुश हो गया और मुझे कहने लगा तुम मेरा कितना ध्यान रखती हो। मैंने जब अंकुर को ऑफिस देखा तो उसने ऑफिस को बहुत अच्छे से डेकोरेट करा हुआ था। जिससे मैं उसे कहने लगी तुमने तो बहुत अच्छे से अपने ऑफिस का डेकोरेशन किया हुआ है और यह देखने में भी अच्छा लग रहा है। उसने कहा हां मैंने एक फ्रेंड को बोला था उसने मेरी बहुत मदद की इसमें तो यह ऑफिस को मैं अच्छे से डेकोरेट कर पाया और इस तरीके से बना पाया।

मैंने उसे कहा अब तुम अपना कैबिन तो दिखाओ, तुम कहां पर बैठते हो। वह मुझे अपने केबिन में ले गया तो उसने बहुत ही सुंदर तरीके से अपने केबिन को सजा रखा था। वहां पर हल्की-हल्की लाइटें लगी हुई थी जोकि एक माहौल बना रही थी सेक्स के लिए मुझे यह सब देखकर अच्छा लग रहा था कि उसने अपना आंफिस को बहुत ही बढ़िया तरीके से बनाया है। अंकुश और मैं बैठ कर बातें करने लगे। अंकुश ने पहले मेरे लिए चाय मंगाई मैंने वह चाय पी और उसके बाद हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही बैठे रहे और बातें करते रहे।

अंकुश ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे कहने लगा बहुत दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है। मैंने उससे कहा मुझे भी बहुत दिन हो गए हैं इसीलिए तो मैं यहां आई थी अपनी चूत मरवाने के लिए वह कहने लगा चलो अच्छे से आज सेक्स करते हैं। मैंने उसकी शर्ट को उतारना शुरू किया जैसे ही मैंने उसकी शर्ट को उतारना शुरू किया तो मैंने उसकी छाती पर लव बाइट दे दी और अब उसके होठों को मैं किस कर रही थी। मुझे यह सब काफी अच्छा लग रहा था। वह भी मेरे होठों को किस कर रहा था ऐसा काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के साथ किया। अंकुश का लंड भी खड़ा हो चुका था और वह मुझे कह रहा था कि मेरे  लंड को मुंह में ले लो और उसे सेकिंग करो। जैसे ही उसने अपने लंड को मेरे मुंह के अंदर डाला था मुझे ऐसा लगा ना जाने कितने सालो बाद में कर रही हूं और ऐसे ही अंकुश ने पूरे लंड को अंदर तक धक्के मारते हुए मेरे गले तक टच कर दिया था। जिससे कि मेरे गले का बुरा हाल हो गया था लेकिन वह ऐसे ही करता रहा।

अब उसने अपने लंड को मुंह से बाहर निकालते हुए मेरे बदन को सहलाने लगा। सहलाते हुए अंकुश ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए थे। अब वह भी तैयार हो चुका था मुझे चोदने के लिए उसने जैसे ही मेरे पूरे कपड़े उतारे तो सबसे पहले उसने मेरे चूचो को चूसना शुरु किया। बहुत देर तक तो उसने अपने मुंह के अंदर बाहर स्तनों को करता रहा और अपने हाथो से स्तनों को दबाने लगा। वह बड़ी ही तेजी से मेरे स्तनों को दबाए जा रहा था क्योंकि मेरे स्तन बहुत बड़े बड़े हैं इसलिए उसे मेरे स्तन दबाने में मजा आता है। मेरी चूत से पानी निकलने लगा था। अंकुश भी अब कंट्रोल नहीं कर पा रहा था तो उसने भी मुझे वही अपने सोफे पर लेटा दिया जैसे ही उसने मुझे सोफे में लेटाया।

उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे चूत के अंदर बड़ी ही तेजी से घुसा दिया। उसने इतनी तीव्र गति से लंड डाला कि मेरी सांसे रुक गई थी और उसके बाद जब मेरी सांस मे सांसे आई तो मैंने उसे कहा तुमने इतनी तेजी से क्यों डाला। वह कहने लगा मेरा लंड बहुत दिन से भूखा बैठा था तो ऐसा तो करना ही था और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। उसने थोड़ा सा अपने लंड बाहर निकालते हुए फिर दोबारा से जोर से धक्का मारना शुरू किया। मेरे मुंह से चीख निकलने लगी और मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकालती जाती जिससे वह उत्तेजित होता जाता। उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी अब वह पूरे चरम पर थी।

वह बड़ी तीव्र गति से मुझे धक्के मार रहा था और मेरी चूतडे हिलती जा रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब वह इतनी तेजी से मेरी चूत मे अपने लंड को डालता और फिर बाहर निकालता। अंकुश मेरे स्तनों को भी चूसता रहता और मेरे स्तनों से मेरे निप्पलों को काटता जा रहा था। जिससे कि मेरे स्तनों से खून भी निकलने लगा था। उसने मेरी पूरी कमर पर अपने नाखूनों के निशान लगा दिए थे। मानो ऐसा लग रहा था जैसे कितने दिनों का भूखा बैठा था। इतनी भूखी तो मैं भी नहीं थी जितना उसने मेरा बुरा हाल कर दिया था। भोसड़ी का गंदे तरीके से मुझे चोद रहा था बहुत देर तक वह मुझे धक्के मारते रहा।

अब मेरा तो झड़ चुका था, तो मैं उसके सामने बस ऐसे ही लेटी रही। जैसे ही उसका झड़ने वाला था तो उसने बड़ी ही तेजी से धक्का मारा और उसकी पिचकारी मेरी चूत मे इतनी तेजी से गई कि मुझे ऐसा लगा कि कहीं मेरे गले से बाहर ना आ जाए। उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसका वीर्य मेरी चूत से टपक रहा था। मैंने उसे उसका रुमाल मांगा और अपनी चूत को साफ किया। अब हम दोनों ने कपड़े पहन लिए थे और हम आराम से बैठ कर बातें करने लगे। मैंने उसे पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है वह कहने लगा कि काम तो बहुत अच्छा चल रहा है और काफी प्रॉफिट भी हो रहा है।

The post अंकुश ने ऑफिस में मेरी चूत की गर्मी को शांत किया appeared first on Antarvasna.

]]>
मेरी चुड़क्कड़ बॉस https://sexstories.one/meri-chudakad-boss-xxx-stories/ Mon, 08 Nov 2021 11:20:35 +0000 https://sexstories.one/?p=3302 उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी...

The post मेरी चुड़क्कड़ बॉस appeared first on Antarvasna.

]]>
Meri Chudakad Boss सबसे पहले मैं अपनी बॉस का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसकी बदौलत मैं आज मस्ती के उस मुकाम पर पहुंचा हूं जहां मेरी वासना का ज्वार हर लहर के साथ टूट कर नहीं बिखरता। हर एक लहर अगली लहर को तब तक बढाती है जब तक कि आखिरी मंजिल पर पहुंच कर एक जबरदस्त उफान के साथ मेरे प्यार का लावा असीम आनन्द देता हुआ मेरे साथी को अपने साथ बहा ले जाता है।

बात उस समय की है जब मैं एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहा था। मिस रचना मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट।

अफवाह थी कि वो मिस इन्डिया में भी भाग ले चुकी थी। पर गजब की सख्ती बरतती थी वो हम सब के साथ।

किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि उनके बारे में सपने में भी गलत बात सोचें। वो हम सब से दूरी बना कर रखती थी।

मैं नया नया आया था।

इसलिए एकाध बार उनके साथ गरम जोशी से बात बढाने की गुस्ताखी कर चुका था।

पर उनकी तरफ से आती बर्फीली हवाआें में मेरा सारा जोश काफूर हो गया।

अब मुझे मालूम हुआ कि मेरे साथियों ने उनका नाम मिस आईस मैडेन क्यों रखा है। पर मुझे क्या पता था कि ऊपर वाले ह्यया ऊपर वाली हृ की मर्जी क्या है। एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया।

आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं।

अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि रचना मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”।

वो बोलीं ” बस ऐसे ही। घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”।

Hindi Porn Kahani ताऊजी की बेटी सोनम

हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए।

मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के खयाल से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लो।

मैंने उनके कहे अनुसार दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया।

अब पूरे आफिस में हम दोनों अकेले थे और हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं कर सकता था।

मुझे रचना मैडम की नीयत ठीक नहीं लग रही थी। दाल में जरूर कुछ काला था। नहीं तो भला आज छुट्टी के दिन एक छोटी सी समस्या के लिए उन को दफ्तर आने की क्या जरूरत।

मैडम घूम कर कम्प्यूटर लैब की तरफ चल दी और मैं भी मन्त्रमुग्ध सा उनके पीछे पीछे चल दिया।

पूरे माहौल में उनके जिस्म की खुशबू थी।

जब हम कॉरीडोर में थे तो मैंने उनकी पिछाडी पर गौर किया। हाय क्या फिगर था।

हालांकि मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं पर यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर रचना मैडम किसी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग ले तो अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दें और देखने वाले अपने लन्ड संभालते रह जाएं। उनकी मस्तानी चाल को देख कर यूं लग रहा था मानो फैशन शो की रैम्प पर कैट वॉक कर रही हो।

उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी।

उन्होंने साडी भी काफी नीची बांधी हुई थी जहां से उनके चूतडों की घाटी शुरू होती है। बस यह समझ लो कि कल्पना के लिए बहुत कम बचा था। सारे पत्ते खुले हुए थे। अगर मुझमें जरा भी हिम्मत होती तो साली को वहीं पर पटक कर चोद देता। पर मैडम के कडक स्वभाव से मैं वाकिफ था और बिना किसी गलत हरकत के मन ही मन उनके नंगे जिस्म की कल्पना करते हुए चुप चाप उनके पीछे पाीछे चलता रहा।

मैडम ने कल्पना के लिए बहुत ही कम छोडा था। साडी भी कस कर लपेटे हुई थी जिससे कि उनके मादक चूतड और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतडों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने गौर किया कि चलते वक्त उनके चूतड अलग अलग दिशाआें में चल रहे थे।

पहले एक दूसरे से दूर होते फिर एक दूसरे के पास आते। मानो उनकी गान्ड खुल बन्द हो रही हो। जब दोनों चूतड पास आते तो उनकी साडी गान्ड की दरार में फंस जाती थी। यह सीन मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मन कर रहा था कि साडी के साथ साथ अपने लन्ड को भी उनकी गान्ड की दरार में डाल दूं।

बडा ही गुदाज बदन था रचना मैडम का।

cntd………..

The post मेरी चुड़क्कड़ बॉस appeared first on Antarvasna.

]]>