office me sex Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/office-me-sex/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म https://sexstories.one/office-me-sex-aur-antarvasan/ Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3529 जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया...

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Office Antarvasan Sex हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता | मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ |

जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं | कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं |

भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता |

मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ | जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं |

कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं | भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | मैंने कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया पर एक बार की बात हैं मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे करना क्या है कॉलेज में इसलिए मैंने एक सर से मदद ली थी पर वो तो गधा निकला और मेरे मुह से ये शब्द निकल गया था उसके सामने |

मुझे बड़ा बुरा लगा पर फिर मैंने उससे कई बार माफ़ी मांगी बी उसने मुझे माफ़ कर दिया हो तो या न किया हो मैं तो हमेशा उसका भला ही चाहूँगा | मेरी कंपनी में सब कुछ मस्त है मेरे माँ बाप भी आ चुके हैं यहाँ और सब से मिल चुके हैं और उन्हें गर्व होता है मुझपे | देखिये किसी भी माँ बाप के साथ कोई दिक्कत नहीं होती बस एक चीज़ बदलती है और वो है समय क्यूंकि उनका समय अलग था और अपना समय अलग है | उनको ये समझने में थोडा वक़्त लगता है कि उनका बच्चा कुछ आगे करेगा और अच्छा इंसान बनेगा | क्यूंकि आज के दौर में शुरू में ही किसी को लाखों नहीं मिलने लगते | चलिए ये तो हुयी कंपनी के अन्दर की बात अब टाइम है कंपनी के बाहर की बात का तो जब हमारा काम ख़त्म हो जाता है तब हम सब मिलके चाय पीते हैं |

हमारे ग्रुप में लडकिय नहीं हैं क्यूंकि हम लोग मिटटी से जुड़े लोग हैं और लडकियांकुछ ज्यादा ही नखरे दिखाती है | अब जब हम लोग नीचे वाले टपरे में चाय पीते हैं तब बोलती हैं देखो चीप गाइस कितना सस्ता और गंदा काम करते हैं | मैंने उस दिन सोच लिया था की इन लोगों को इसका मज़ा चखा के रहूँगा | मैंने कहा चलो भाई लोग कल से इनको यहीं की की पिलाएंगे और फिर मज़े लेंगे | हमारे कैंटीन वाले से सेटिंग की और उससे कहा भाई कल से इस भाई से चाय लेना और उसको कुछ पैसे दे दिए | अब दो दिन उसने वही चाय सबको पिलाई और सबने जमके तारीफ की और कहा आजकल कैंटीन वाला सुधर गया है यार !! कितनी टेस्टी चाय बना के दे रहा है | तब मैंने कहा सबके सामने जाके हट चीप गर्ल्स कितनी सस्ती और गन्दी चाय पीती है |

तो उन्होंने कहा हेल्लो ये कैंटीन से है ओके | मैंने कहा अच्छा चलो दिखता हूँ |तब मैंने उन्हें खिड़की से नीचे दिखाया और उन्होंने देखा कैंटीन वाला उस टपरे वाले से चाय ले रहा था| तब उन्होंने कहा यार इसकी चाय इतनी टेस्टी होगी हमे ये पता नहीं था और हमने गलत समझ लिया तुम लोगों को सॉरी | पर उनमे से एक लड़की बड़ी कमीनी थी और उसने हमारी मेनेजर जो की कुछ ही महीने पहले दुबई से आई थी उसको बता दिया और मेरा नाम लगा दिया| मैंने कहा बस यही तो फर्क है तुम लोगों में और मुझमे मैं अपना काम चुप चाप कर देता हूँ पंगा तुम लोगों ने लिया और हारी भी तुम | पर आज साबित कर दिया आप लोग की सोच बहुत ही छोटी है और एक दम घटिया | साडी लड़कियां चुप चाप देख रही थी बस वही मुझ से बेहेस कर रही थी |

उतने में हमारी मेनेजर आ गयी और उसने कहा लड़कियों ये क्या हो रहा है सब अपने अपने काम पे चलो और भास्कर तुम मेरे साथ अन्दर आओ | वो अची हिंदी बोलती हैं इतनी अच्छी की हम लोग पीछे रह जाते हैं | मुझे उनकी बाते सुनना बहुत अच्छा लगता है क्यूंकि वो बोलती ही इतना प्यारा हैं| उस दिन उन्होंने पहली बार मुझपे गुस्सा किया कि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी| मैंने कहा मैडम मैंने कुछ नहीं किया शुरू उन्होंने किया और ख़त्म बस में कर रहा हूँ | मैडम ने कहा अच्छा क्या ख़त्म कर रहे हो | मैंने कहा मैडम बस चाय पिलाई है और कुछ नहीं किया मैंने | उन्होंनेकहा अच्छा अगर उसकी चाय पिके कोई बीमार पद जाता तो मैं क्या जवाब देती सबको जानते हो तुम | मैंने कहा मैडम सॉरी मुझे नहीं पता था आपको इस बात का इतना बुरा लग जाएगा |

उन्होंने कहा भास्कर तुम इतने अच्छे वर्कर हो और अच्छे इंसान भी हो क्यों इनके मुह लगते हो | इनका क्या हैं कल जिसके पास ज्यादा पैसा होगा उनका बिस्तर गरम करने लगेंगी पर तुम इनसे दूर रहो | मैंने मैडम से कहा मैडम आप ऐसी बाते भी करते हो | तो उन्होंने कहा हां क्यूँ नहीं कर सकती ? पर बस तुम्हरे सामने की है और एक मेरे पापा के सामने तो अब तुम समझलो बड़े ख़ास हो तुम मेरे | मैंने कहा मैडम मैं हमेशा आपका ख़ास ही | तब मैडम ने मुझे कहा चलो जाओ अब अपने काम पे ध्यान लगाओ | मैं वह से चला गया और कहा मैडम एक दिन मैं आपको वह की चाय ज़रूर पिलाऊंगा आपको मेरी कसम आप मन नहीं करोगे | मैडम ने कहा ठीक है अब जाओ | मैं वह से आ गया और मुझे हस्त देख उस लड़की का रोना निकल गया | पर क्या करे हमारे व्यवहार ही ऐसे हैं की कोई कितना भी बुरा हो मान ज़रूर जाता है | अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी पर मैडम ने मुझे कहा भास्कर तुम कल आजाना कल सबकी छुट्टी है पर मुझे एक हेल्पर चाहिए | मैंने कहा जी मैडम मैं कल इसी टाइम पर आ जाऊंगा |

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अब मैं अगले दिन वहां गया और मैडम पहले ही वहां थी |अब मैडम ने मुझे कहा चलो काम शुरू करलू और वो पहले से ही थकी हुयी लग रही थी | अब इतने में लाइट चली गयी और मैडम ने कहा यार मुझे भूख लगी है और लाइट भी अभी जानी थी | मैंने कहा मैडम आप थक गए हो चलो चाय पी लो | मैडम ने कहा नहीं यार कैंटीन तो बंद है | मैंने कहा अरे मैडम अपना देसी कैंटीन २४ घंटे तक चालू रहता है | मैडम ने न नुकुर करते हुए हाँ किया और मैं चाय लेने नीचे गया | फिर जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया | फिर एकदू वो मेरे पास आई और कहा बूब्स छुए न कैसा लगा |

मैंने कहा मैडम और उतने में उन्होंने अपनी शर्ट खोल दी और मेरा मुह अपने बूब्स में लगा दिया | मे रेको क्या मैं भी मस्ती में चूसने लगा उनके बूब्स और निप्पल | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करने लगी |

फिर उन्होंने जल्दी से मेरा लंड निकाल और चूसने लगी |

मैंने भी आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करना शुरू किया |

फिर वो खुद मेरे लंड पे बैठ के ऊपर नीचे होने लगी और कहा यार कबसे मन था आज मिले हो | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऐसा आधे घंटे चला और हम झड़ गए |

अब तो मैडम को मैं उनके केबिन में ही चोद देता हूँ |

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मेरी चुड़क्कड़ बॉस https://sexstories.one/meri-chudakad-boss-xxx-stories/ Mon, 08 Nov 2021 11:20:35 +0000 https://sexstories.one/?p=3302 उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी...

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Meri Chudakad Boss सबसे पहले मैं अपनी बॉस का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसकी बदौलत मैं आज मस्ती के उस मुकाम पर पहुंचा हूं जहां मेरी वासना का ज्वार हर लहर के साथ टूट कर नहीं बिखरता। हर एक लहर अगली लहर को तब तक बढाती है जब तक कि आखिरी मंजिल पर पहुंच कर एक जबरदस्त उफान के साथ मेरे प्यार का लावा असीम आनन्द देता हुआ मेरे साथी को अपने साथ बहा ले जाता है।

बात उस समय की है जब मैं एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहा था। मिस रचना मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट।

अफवाह थी कि वो मिस इन्डिया में भी भाग ले चुकी थी। पर गजब की सख्ती बरतती थी वो हम सब के साथ।

किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि उनके बारे में सपने में भी गलत बात सोचें। वो हम सब से दूरी बना कर रखती थी।

मैं नया नया आया था।

इसलिए एकाध बार उनके साथ गरम जोशी से बात बढाने की गुस्ताखी कर चुका था।

पर उनकी तरफ से आती बर्फीली हवाआें में मेरा सारा जोश काफूर हो गया।

अब मुझे मालूम हुआ कि मेरे साथियों ने उनका नाम मिस आईस मैडेन क्यों रखा है। पर मुझे क्या पता था कि ऊपर वाले ह्यया ऊपर वाली हृ की मर्जी क्या है। एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया।

आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं।

अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि रचना मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”।

वो बोलीं ” बस ऐसे ही। घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”।

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हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए।

मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के खयाल से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लो।

मैंने उनके कहे अनुसार दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया।

अब पूरे आफिस में हम दोनों अकेले थे और हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं कर सकता था।

मुझे रचना मैडम की नीयत ठीक नहीं लग रही थी। दाल में जरूर कुछ काला था। नहीं तो भला आज छुट्टी के दिन एक छोटी सी समस्या के लिए उन को दफ्तर आने की क्या जरूरत।

मैडम घूम कर कम्प्यूटर लैब की तरफ चल दी और मैं भी मन्त्रमुग्ध सा उनके पीछे पीछे चल दिया।

पूरे माहौल में उनके जिस्म की खुशबू थी।

जब हम कॉरीडोर में थे तो मैंने उनकी पिछाडी पर गौर किया। हाय क्या फिगर था।

हालांकि मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं पर यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर रचना मैडम किसी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग ले तो अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दें और देखने वाले अपने लन्ड संभालते रह जाएं। उनकी मस्तानी चाल को देख कर यूं लग रहा था मानो फैशन शो की रैम्प पर कैट वॉक कर रही हो।

उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी।

उन्होंने साडी भी काफी नीची बांधी हुई थी जहां से उनके चूतडों की घाटी शुरू होती है। बस यह समझ लो कि कल्पना के लिए बहुत कम बचा था। सारे पत्ते खुले हुए थे। अगर मुझमें जरा भी हिम्मत होती तो साली को वहीं पर पटक कर चोद देता। पर मैडम के कडक स्वभाव से मैं वाकिफ था और बिना किसी गलत हरकत के मन ही मन उनके नंगे जिस्म की कल्पना करते हुए चुप चाप उनके पीछे पाीछे चलता रहा।

मैडम ने कल्पना के लिए बहुत ही कम छोडा था। साडी भी कस कर लपेटे हुई थी जिससे कि उनके मादक चूतड और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतडों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने गौर किया कि चलते वक्त उनके चूतड अलग अलग दिशाआें में चल रहे थे।

पहले एक दूसरे से दूर होते फिर एक दूसरे के पास आते। मानो उनकी गान्ड खुल बन्द हो रही हो। जब दोनों चूतड पास आते तो उनकी साडी गान्ड की दरार में फंस जाती थी। यह सीन मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मन कर रहा था कि साडी के साथ साथ अपने लन्ड को भी उनकी गान्ड की दरार में डाल दूं।

बडा ही गुदाज बदन था रचना मैडम का।

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चूत की बिछ गयी है बिसात https://sexstories.one/mohini-ki-chut/ Wed, 20 Oct 2021 06:26:05 +0000 https://sexstories.one/?p=3098 मैं मोहनी के साथ ही मिलकर काम करने लगा। मोहनी काफी अच्छे से काम करती थी। वह अपने काम में काफी ध्यान देती थी और अपना हर काम पर अच्छे से करती थी। जिससे मुझे वह काफी अच्छी लगती थी। मैं कभी भी कोई भी समस्या होती थी तो मै मोहनी को पूछ लेता था...

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sex stories in hindi mohini ki chut मेरा नाम सनी है। मैंने अभी-अभी अपना पोस्ट ग्रेजुएशन इसी वर्ष पूरा किया है और अब मैं नौकरी की तलाश में हूं। मैंने कई जगह पर अपनी नौकरियों के लिए बायोडाटा भेजा हुआ है। मुझे कई जगह से ऑफर आ रहे थे। लेकिन मेरा कहीं अच्छी जगह पर नहीं हो पा रहा था। कहीं पर वह लोग सैलरी कम देते तो कहीं पर टाइम ज्यादा था।

ऐसे ही एक दिन मुझे एक कंपनी से ऑफर आया। मैं वहां पर इंटरव्यू देने गया मैंने जैसा अपने इंटरव्यू दिया वहां पर मेरी जो बॉस की लड़की थी। वह भी मेरा इंटरव्यू ले रही थी। उसने बहुत ही अच्छे से इंटरव्यू लिया। मैंने उसको अपना इंटरव्यू दिया मेरा इंटरव्यू क्लियर होने के बाद उन्होंने मुझे एक सैलरी ऑफर कि मैंने उस सैलरी पर वहां ज्वाइन करने का फैसला किया। अब मैं उस कंपनी में ज्वाइन हो गया मेरी बॉस के लड़की का नाम मोहिनी था। वह दिखने में काफी हॉट थी। मुझे उसे देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। लेकिन वह मेरी बॉस की लड़की थी इसलिए मुझे लिमिट क्रॉस नहीं करनी थी।

मैंने अगले दिन से ऑफिस ज्वाइन किया और पहले मेरा पहला दिन ऑफिस का था। मुझे वहां पर सब लोगों से मिलवाया गया। सब लोगों से मुलाकात हुई और मुझे मेरा काम सिखाया गया। एक हफ्ते तक तो मेरी ट्रेनिंग चली। मुझे सारी जानकारी दी गई कि ऑफिस में किस तरीके से काम करना है और कहां पर क्या चीजें हैं। सारी चीजें मुझे एक हफ्ते में बताई कि एक हफ्ते बाद मुझे पूरे काम की जिम्मेदारी सौंपी गई।

मैंने अपना कार्य करना शुरू कर दिया मेरे काम में कभी भी कोई शिकायत नहीं आती थी और सब लोग मुझसे खुश ही रहते थे।

एक दिन मेरी वजह से हमारी कंपनी को बहुत बड़ा प्रोजेक्ट मिल गया। जिससे खुश होकर मेरे बॉस ने एक पार्टी ऑर्गेनाइज कर दी पार्टी में सब लोगों को बुलाया गया जितने भी हमारे दफ्तर के लोग थे। वह सब लोग वहां आए तो मेरे बॉस ने मेरी काफी तारीफ की मेरी वहां पर और मुझे प्रमोशन भी मिला। प्रमोशन मिलने से मैं काफी खुश हो गया। अब और ज्यादा मैं काम करने लगा। काम करते करते ऐसे कई प्रोजेक्ट मेरे द्वारा मेरी कंपनी को मिलते गए और मेरा प्रमोशन होता गया।

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मैं मोहनी के साथ ही मिलकर काम करने लगा। मोहनी काफी अच्छे से काम करती थी। वह अपने काम में काफी ध्यान देती थी और अपना हर काम पर अच्छे से करती थी। जिससे मुझे वह काफी अच्छी लगती थी। मैं कभी भी कोई भी समस्या होती थी तो मै मोहनी को पूछ लेता था। उसका एक्सपीरियंस मुझसे ज्यादा था और वह उसकी कंपनी ही थी। वह काम अच्छे से करती थी। तो वह मेरी हेल्प कर दिया करती थी।

एक दिन लंच टाइम में हम लोग बैठे हुए थे। हम लोग आपस में काफी बातें करने लगे। वह मेरे बारे में पूछने लगी मैंने उसे अपने बारे में सारी जानकारियां दी। मैंने अपनी पढ़ाई कहां से पूरी की मेरे घर में कितने लोग ।हैं इस तरीके से मैंने उसे सारी जानकारी दी अब वह भी मेरी तरफ काफी आकर्षित हो गई थी। मैं मन लगाकर काम किया करता था। उसे मेरे काम काफी अच्छा लगता था। अब हम दोनों एक ही कैबिन में बैठने लगे थे। तो उसे जब भी कुछ आवश्यकता होती। वह मुझे बोल देती कि मुझे इस चीज की जरूरत है तो तुम मेरा यह काम करवा दो मैं उसके काम के लिए कभी मना नहीं करता था।

एक दिन वह ऑफिस में आई उसने वाइट कलर की शर्ट पहनी हुई थी। उसके अंदर उसकी ब्रा साफ साफ दिखाई दे रही थी। अब वह मेरे पास आकर बैठ गई। और मुझे उसकी ब्रा दिखाई दे रही थी। मैं थोड़ा अनकंफर्टेबल महसूस कर रहा था पहले तो उसे भी पता नहीं चला। लेकिन बाद में किसी ने शायद उसे बता दिया। उसने मुझसे पूछ लिया कि तुम मेरी  ब्रा देख कर थोड़ा अनकंफर्टेबल कर रहे हो। मैंने उसे कहा हां यही बात है। वह मुझसे बात करने लगी कि इसमें बुराई क्या है। इसमें कोई बुराई नहीं है।

यह कहते कहते उसने अपनी शर्ट उतार दी और अपनी ब्रा मुझे दिखाने लगी। मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मुझे भी ऐसा लग रहा था जैसे कुछ भी नहीं हुआ लेकिन मेरे लिए तो यहां बहुत कुछ हो चुका था। मैंने उसे समझाया कि यह सब ठीक नहीं है। आप अपनी शर्ट पहन लो लेकिन उससे भी शर्ट नहीं पहनी। मैं उसके पास गया और मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। वह मुझे कहने लगी मुझे छोड़ो मैंने उसे छोड़ा ही नहीं मैंने उसे कहा जब मैं आपको मना कर रहा था तो आप मेरी बात नहीं मान रही थी। अब मैं आपको छोड़ने वाला नहीं हूं।

अब मैं तुम्हारी चूत मारूंगा। मैंने उसके बालों को पकड़ा अपनी पैंट की जिप खोलता ही अपने लंड को बाहर निकाल लिया। पहले वह मुझे मना कर रही थी। मैं नहीं करूंगी ओरल सेक्स लेकिन मैंने जबरदस्ती उसके मुंह में अपना लंड दे दिया जैसे ही मैंने उसके मुंह में लंड दिया तो उसे भी अच्छा लगने लगा।

मैं अंदर बाहर करने लगा जैसे-जैसे मैं उसके मुंह के अंदर बाहर करता जाता तो उससे  अच्छा लगता। मैंने उसके मुंह के पूरे अंदर तक लंड डाल दिया था। मेरे अंडकोष उसके मुंह पर लग रहे थे लेकिन उसे अच्छा लग रहा था। उसके बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया। और मोहनी को मैंने अपनी गोद में बैठा लिया। जैसे ही मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो मैंने उसकी पैंट को खोलना शुरू किया जैसे ही मैंने उसकी पैंट को खोला तो मैंने देखा उसने नेट वाली पैंटी पहनी हुई है। उसकी पैंटी बहुत ही सुंदर लग रही थी। जैसे ही मैंने उसकी पैंटी को हाथ लगाया तो वह काफी सॉफ्ट थी।

मैंने उसकी पैंटी को बीच में से पकड़ा और मैंने उसकी पैंटी फाड़ डाली। जैसे ही मैंने मोहनी की पैंटी फाड़ी। वैसे ही मुझे उसकी चिकनी योनि दिखाई पडी। वह काफी मुलायम और नरम थी। यह देख कर तो मेरा और मन खराब हो गया। मैंने कुर्सी में बैठे बैठे ही उसकी योनि में अपना लंड डाल दिया और उसे ऊपर नीचे करने लगा उसकी गांड मेरे लंड से टकराती और मैं उसकी योनि को अच्छे से चोदता जाता। अब उससे भी अच्छा लगने लगा था। तो वह भी ऊपर नीचे हो रही थी। वह काफी देर से ऊपर नीचे हो रही थी क्योंकि वह मेरे ऊपर ही बैठी हुई थी। इसलिए मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मुझे उसकी गांड से उसकी चूत साफ साफ दिखाई दे रही थी। जैसे ही उसकी चूत में लंड बाहर निकलता तो मुझे साफ साफ दिखाई देता कि मेरा लंड़ बाहर निकल रहा है। वह उसके ऊपर बैठ जाती मुझे काफी अच्छा लगा ऐसा देखते हुए।

मै ऐसे में ही खड़ा हुआ और उसने टेबल पर उसके दोनों हाथों को रखते हुए। उसके चूतड़ों को पकड़कर धक्का मारने लगा जैसे ही मै तेज तेज धक्के मारता। तो उसकी चुतड़ और तेज तेज हिलती। जिसे देख कर मुझे काफी अच्छा लग रहा था। ऐसा करते-करते काफी देर बाद मेरा गिरने को हो गया। मेरा गिरने वाला था। तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उसके मुंह से ओरल सेक्स कराने लगा जैसे ही मोहनी ओरल सेक्स कर रही थी तो मेरा माल गिर गया उसके मुंह के अंदर ही और उसने पूरा ही वीर्य अपने अंदर ले लिया।

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मोहनी मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा जो तुमने मेरे साथ सेक्स किया। मेरा एक बार और करने का मन हो रहा है। जैसे ही उसने यह कहा तो मैंने उसक चूत को चाटना शुरू कर दिया। जैसे जैसे मैं उसके स्तनों को चाटता जाता तो वह पागल होती जाती। अब मैंने उसकी चिकनी योनि में दोबारा से अपना लंड डाल लिया और धक्के मारने शुरू कर दिऐ लेकिन उसकी योनि अभी बहुत टाइट लग रही थी। मुझे मालूम नहीं पड़ रहा था कि इसकी योनि क्यों अभी तक ढिली नहीं हुई है लेकिन मुझे काफी अच्छा लग रहा था।

ऐसे ही में आधे घंटे तक उससे चोदता।  इस बार मेरा दोबारा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि में ही डाल दिया। जिससे उसे काफी अच्छा लगा। अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहनने लगे तो वह मुझे कहने लगे तुमने मेरी पैंटी की फाड़ दीया है। तो मुझे पैंटी कौन देगा मैंने उसे कहा मै तुम्हें पैंट ला कर दूंगा कल मैं तुम्हारे लिए नई पैंटी ले आऊंगा। उसको दोबारा फाड़ दूंगा यह सुनकर वह मुस्कुराने लगी और वह मुस्कुराते मुस्कुराते बाथरूम की तरफ चली गई।

जब वह बाथरुम से लौटी तो वह अपना मेकअप कर कर वापस आई। जिससे कि वह बहुत सेक्सी लग रही थी।

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