office me chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/office-me-chudai/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म https://sexstories.one/office-me-sex-aur-antarvasan/ Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3529 जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया...

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Office Antarvasan Sex हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता | मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ |

जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं | कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं |

भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता |

मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ | जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं |

कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं | भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | मैंने कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया पर एक बार की बात हैं मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे करना क्या है कॉलेज में इसलिए मैंने एक सर से मदद ली थी पर वो तो गधा निकला और मेरे मुह से ये शब्द निकल गया था उसके सामने |

मुझे बड़ा बुरा लगा पर फिर मैंने उससे कई बार माफ़ी मांगी बी उसने मुझे माफ़ कर दिया हो तो या न किया हो मैं तो हमेशा उसका भला ही चाहूँगा | मेरी कंपनी में सब कुछ मस्त है मेरे माँ बाप भी आ चुके हैं यहाँ और सब से मिल चुके हैं और उन्हें गर्व होता है मुझपे | देखिये किसी भी माँ बाप के साथ कोई दिक्कत नहीं होती बस एक चीज़ बदलती है और वो है समय क्यूंकि उनका समय अलग था और अपना समय अलग है | उनको ये समझने में थोडा वक़्त लगता है कि उनका बच्चा कुछ आगे करेगा और अच्छा इंसान बनेगा | क्यूंकि आज के दौर में शुरू में ही किसी को लाखों नहीं मिलने लगते | चलिए ये तो हुयी कंपनी के अन्दर की बात अब टाइम है कंपनी के बाहर की बात का तो जब हमारा काम ख़त्म हो जाता है तब हम सब मिलके चाय पीते हैं |

हमारे ग्रुप में लडकिय नहीं हैं क्यूंकि हम लोग मिटटी से जुड़े लोग हैं और लडकियांकुछ ज्यादा ही नखरे दिखाती है | अब जब हम लोग नीचे वाले टपरे में चाय पीते हैं तब बोलती हैं देखो चीप गाइस कितना सस्ता और गंदा काम करते हैं | मैंने उस दिन सोच लिया था की इन लोगों को इसका मज़ा चखा के रहूँगा | मैंने कहा चलो भाई लोग कल से इनको यहीं की की पिलाएंगे और फिर मज़े लेंगे | हमारे कैंटीन वाले से सेटिंग की और उससे कहा भाई कल से इस भाई से चाय लेना और उसको कुछ पैसे दे दिए | अब दो दिन उसने वही चाय सबको पिलाई और सबने जमके तारीफ की और कहा आजकल कैंटीन वाला सुधर गया है यार !! कितनी टेस्टी चाय बना के दे रहा है | तब मैंने कहा सबके सामने जाके हट चीप गर्ल्स कितनी सस्ती और गन्दी चाय पीती है |

तो उन्होंने कहा हेल्लो ये कैंटीन से है ओके | मैंने कहा अच्छा चलो दिखता हूँ |तब मैंने उन्हें खिड़की से नीचे दिखाया और उन्होंने देखा कैंटीन वाला उस टपरे वाले से चाय ले रहा था| तब उन्होंने कहा यार इसकी चाय इतनी टेस्टी होगी हमे ये पता नहीं था और हमने गलत समझ लिया तुम लोगों को सॉरी | पर उनमे से एक लड़की बड़ी कमीनी थी और उसने हमारी मेनेजर जो की कुछ ही महीने पहले दुबई से आई थी उसको बता दिया और मेरा नाम लगा दिया| मैंने कहा बस यही तो फर्क है तुम लोगों में और मुझमे मैं अपना काम चुप चाप कर देता हूँ पंगा तुम लोगों ने लिया और हारी भी तुम | पर आज साबित कर दिया आप लोग की सोच बहुत ही छोटी है और एक दम घटिया | साडी लड़कियां चुप चाप देख रही थी बस वही मुझ से बेहेस कर रही थी |

उतने में हमारी मेनेजर आ गयी और उसने कहा लड़कियों ये क्या हो रहा है सब अपने अपने काम पे चलो और भास्कर तुम मेरे साथ अन्दर आओ | वो अची हिंदी बोलती हैं इतनी अच्छी की हम लोग पीछे रह जाते हैं | मुझे उनकी बाते सुनना बहुत अच्छा लगता है क्यूंकि वो बोलती ही इतना प्यारा हैं| उस दिन उन्होंने पहली बार मुझपे गुस्सा किया कि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी| मैंने कहा मैडम मैंने कुछ नहीं किया शुरू उन्होंने किया और ख़त्म बस में कर रहा हूँ | मैडम ने कहा अच्छा क्या ख़त्म कर रहे हो | मैंने कहा मैडम बस चाय पिलाई है और कुछ नहीं किया मैंने | उन्होंनेकहा अच्छा अगर उसकी चाय पिके कोई बीमार पद जाता तो मैं क्या जवाब देती सबको जानते हो तुम | मैंने कहा मैडम सॉरी मुझे नहीं पता था आपको इस बात का इतना बुरा लग जाएगा |

उन्होंने कहा भास्कर तुम इतने अच्छे वर्कर हो और अच्छे इंसान भी हो क्यों इनके मुह लगते हो | इनका क्या हैं कल जिसके पास ज्यादा पैसा होगा उनका बिस्तर गरम करने लगेंगी पर तुम इनसे दूर रहो | मैंने मैडम से कहा मैडम आप ऐसी बाते भी करते हो | तो उन्होंने कहा हां क्यूँ नहीं कर सकती ? पर बस तुम्हरे सामने की है और एक मेरे पापा के सामने तो अब तुम समझलो बड़े ख़ास हो तुम मेरे | मैंने कहा मैडम मैं हमेशा आपका ख़ास ही | तब मैडम ने मुझे कहा चलो जाओ अब अपने काम पे ध्यान लगाओ | मैं वह से चला गया और कहा मैडम एक दिन मैं आपको वह की चाय ज़रूर पिलाऊंगा आपको मेरी कसम आप मन नहीं करोगे | मैडम ने कहा ठीक है अब जाओ | मैं वह से आ गया और मुझे हस्त देख उस लड़की का रोना निकल गया | पर क्या करे हमारे व्यवहार ही ऐसे हैं की कोई कितना भी बुरा हो मान ज़रूर जाता है | अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी पर मैडम ने मुझे कहा भास्कर तुम कल आजाना कल सबकी छुट्टी है पर मुझे एक हेल्पर चाहिए | मैंने कहा जी मैडम मैं कल इसी टाइम पर आ जाऊंगा |

Sexy kahani मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

अब मैं अगले दिन वहां गया और मैडम पहले ही वहां थी |अब मैडम ने मुझे कहा चलो काम शुरू करलू और वो पहले से ही थकी हुयी लग रही थी | अब इतने में लाइट चली गयी और मैडम ने कहा यार मुझे भूख लगी है और लाइट भी अभी जानी थी | मैंने कहा मैडम आप थक गए हो चलो चाय पी लो | मैडम ने कहा नहीं यार कैंटीन तो बंद है | मैंने कहा अरे मैडम अपना देसी कैंटीन २४ घंटे तक चालू रहता है | मैडम ने न नुकुर करते हुए हाँ किया और मैं चाय लेने नीचे गया | फिर जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया | फिर एकदू वो मेरे पास आई और कहा बूब्स छुए न कैसा लगा |

मैंने कहा मैडम और उतने में उन्होंने अपनी शर्ट खोल दी और मेरा मुह अपने बूब्स में लगा दिया | मे रेको क्या मैं भी मस्ती में चूसने लगा उनके बूब्स और निप्पल | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करने लगी |

फिर उन्होंने जल्दी से मेरा लंड निकाल और चूसने लगी |

मैंने भी आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करना शुरू किया |

फिर वो खुद मेरे लंड पे बैठ के ऊपर नीचे होने लगी और कहा यार कबसे मन था आज मिले हो | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऐसा आधे घंटे चला और हम झड़ गए |

अब तो मैडम को मैं उनके केबिन में ही चोद देता हूँ |

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समाज सेवा के साथ चूत सेवा https://sexstories.one/office-me-manager-ko-choda/ Mon, 24 Jan 2022 07:18:59 +0000 https://sexstories.one/?p=5113 उसके बाद फिर से हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए. लेकिन दोनों ही समझ चुके थे कि हम एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हैं. इंतजार सिर्फ इस बात का है की पहल कौन करता है. मेरे तन बदन में गुदगुदी सी हो रही थी.

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Office me Choda – मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं. एक अधिकारी के माध्यम से मेरी पहचान बैंक की असिस्टेंट मैनेजर से हुई. वो अविवाहित थी. हम दोनों की दोस्ती हुई और बात चुदाई तक पहुँच गयी. दोस्तो, मेरा नाम दीप है यह मेरी पहली कहानी है. पिछले कई वर्षों से मैं सेक्स कहानियां पढ़ रहा हूं लेकिन कभी कहानी लिखने का मौका नहीं मिला.

आज मैं आपसे कुछ महीनों पहले अपने साथ हुई एक हसीन घटना शेयर करूँगा.

पहले मैं आपको अपने बारे में बताता हूं. मैं एक सामाजिक संगठन का सदस्य हूँ और हिमाचल के मंडी जिले में रहता हूँ. मेरी उम्र 28 साल है. बॉडी फिट है और लंड का साइज़ भी काफी मोटा है.

यह कहानी मेरी और कँगना की है. कँगना बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है. हालांकि कँगना उम्र में मुझसे बड़ी है वो लगभग 32 वर्षीय एक अविवाहित लड़की है और एक सोसाइटी में फ्लैट लेकर अकेली रहती है.

कँगना दिखने में काफ़ी सुंदर है. उसका फ़िगर 34-30-36 का होगा. रंग गोरा है और आंखें गहरी और नीली हैं.

कँगना से मेरी पहचान एक मेरे परिचित पुलिस अधिकारी के माध्यम से हुई. क्योंकि मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं और कई अधिकारियों के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं.

उस पुलिस अधिकारी ने एक दिन बातों बातों में मुझसे कहा- मेरी एक दूर की रिश्तेदार कँगना यहां बैंक में कार्यरत है. और उसके घर वालों ने उसकी शादी के लिए लड़का ढूंढने की जिम्मेदारी मुझे दी है.

उन्होंने मुझसे कहा- अगर तुम्हारी नजर में कोई लड़का हो तो तुम जरूर बताना. और तुम एक बार कँगना से बात कर लो.

और उन्होंने मुझे कँगना का नंबर व्हाट्सएप पर सेंड कर दिया.

उस समय मैंने बात को इतनी गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन कुछ दिनों बाद उनके फिर से जिक्र करने पर मैंने कँगना को कॉल किया.

फोन पर कँगना की आवाज़ में एक मुझे एक मस्ती सुनाई दी.

मैंने उसे बताया कि आपके रिलेटिव पुलिस अधिकारी ने मुझे आपका नंबर दिया है.

वो बहुत फ्रैंकली मुझसे बात कर रही थी. उस समय हम दोनों में थोड़ी बात हुई और बाद में बात करना तय हुआ.

दो दिन बाद उसका फोन आया और उसने काफी देर तक मुझसे बात की.

इस दौरान मैंने उससे पूछा- शादी के लिए तुम्हें किस तरह का लड़का चाहिए?

तो उसने मुझे अपनी पसंद बताई.

बातों बातों में कँगना ने कहा- कभी समय मिले तो मुझसे मिलने आना.

मैंने पूछा- कहाँ पर?

तो उसने कहा- बैंक में भी आ सकते हो और घर पर भी.

मैंने कहा- ठीक है.

लगभग दो सप्ताह बाद मैंने कँगना को वाट्सएप पर मैसेज किया कि मुझे बैंक का कुछ काम है और आपसे मिलना है.

तो उसने कहा कि परसों रविवार को मैं घर पर आ जाऊँ और उसने मुझे अपना एड्रेस सेंड कर दिया.

उस समय तक मैं नहीं जानता था कि कँगना फ्लैट में अकेली रहती है.

रविवार को मैं कँगना के घर पहुंचा. कँगना ने दरवाज़ा खोला और मेरा स्वागत किया.

थोड़ी देर बैठने के बाद मैंने पूछा- घर में और कोई नहीं है?

तो कँगना ने बताया- नहीं, यहां मैं अकेली ही रहती हूँ और छुट्टियों में अपने घर जाती हूँ.

तब मुझे लगा कि कँगना काफी खुले विचारों की और फ्रेंक लड़की है. तभी तो एक अंजान को घर पर बुला लिया.

हम दोनों में उस दिन बहुत सारी बातें और हंसी मज़ाक हुआ.

उस दिन के बाद कँगना से मेरी मैसेज और फोन से आये दिन बातें होने लगी. मेरे मन में हर वक्त कँगना का ख्याल रहने लगा और उसका भी शायद यही हाल था.

पता ही नहीं चला कि मैं कब कँगना के प्रति सेक्सुअली आकर्षित हो गया. अब मैं हर वक्त कँगना को चोदने के बारे में सोचता रहता था लेकिन अपनी तरफ से कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था.

एक दिन कँगना का फ़ोन आया और हमारी सामान्य बातचीत हुई बातों ही बातों में उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया.

इस बार मैं कँगना से मिलने के लिए उत्साहित था. मैं चाहता था कि बात किसी भी तरह से आगे बढ़े.

कँगना ने उस दिन हरे रंग का टाइट शर्ट और लेगी पहनी हुई थी. इन कपड़ों में उसके सभी अंगों का उभार और आकार साफ देखा जा सकता था. उसका सेक्सी फ़िगर देखकर मेरी साँसें तेज़ हो गई.
उस दिन कँगना के चेहरे पर एक खास चमक थी.

हमने चाय नाश्ता किया और बातें करने लगे.

मैंने देखा कि कँगना मुझसे बात करने वक्त अपनी आंखें नहीं मिला रही थी. तो मैंने पूछा- आंखें क्यों नहीं मिला रही हो?

तो वो और ज्यादा शर्मा गई और नीचे की तरफ देखने लगी.

मैं समझ गया कि बेचैनी उसके मन में भी है.

मैंने उससे दोबारा जोर देकर पूछा तो उसने शर्माते हुए कहा- पता नहीं क्यों तुमसे नजरें नहीं मिला पाती हूं. तुम जब मेरी तरफ देखते हो तो कुछ कुछ होता है.

मैंने पूछा- क्या होता है?

तो वह चुप हो गई और दूसरी तरफ देखने लगी.

मैंने मौके का फायदा उठाते हुए कहा- मैं जानता हूं कि क्या होता है. और जो तुम्हें होता है वह मुझे भी होता है.

इसके बाद हम दोनों थोड़ी देर के लिए शांत हो गए और मंद मंद मुस्कुराते रहे.

थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा- अगर तुम बुरा न मानो तो एक बात पूछूं?

उसने कहा- पूछो.

मैंने कहा- तुम इतनी पढ़ी लिखी हो, सेल्फ डिपेंड हो. और घर से बाहर अकेली रहती हो. क्या तुमने कभी सेक्स किया है?

तो उसने मुस्कुराते हुए बोला- नहीं! हालांकि मैं अकेली रहती हूं और खुले विचारों की भी हूं. इसलिए इस बात पर तुम्हारे लिए यकीन करना मुश्किल होगा लेकिन मैंने आज तक कभी सेक्स नहीं किया.

फिर उसने मुझसे पूछा- क्या तुमने किया है?

तो मैंने कहा- हां, मैंने आज तक तीन बार सेक्स किया है.

उसके बाद फिर से हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए. लेकिन दोनों ही समझ चुके थे कि हम एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हैं. इंतजार सिर्फ इस बात का है की पहल कौन करता है.

मेरे तन बदन में गुदगुदी सी हो रही थी. मुझे पूरा माहौल अनुकूल लग रहा था और मैं इस मौके को छोड़ना भी नहीं चाहता था इसलिए मैंने कँगना से स्पष्ट कह दिया.

मैंने उससे कहा- तुम मुझ पर पूरी तरह भरोसा कर सकती हो. मैं तुम्हें किसी भी हाल में नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा. तुम मुझे अच्छी लगती हो मैं तुम्हारे प्रति आकर्षित हूं और तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं. अगर तुम्हें ये सब बुरा लगा हो तो तुम मुझसे साफ-साफ कह सकती हो. आगे से मैं कभी भी इस तरह की बात नहीं करूंगा.

उसने कहा- नहीं, मुझे बुरा नहीं लगा.

इतना कहकर वह रुक गई और मुस्कुराने लगी.

अब मैं समझ गया कि ग्रीन सिगनल मिल चुका है. मैंने उठकर कँगना का हाथ पकड़ लिया. उसने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश नहीं की तो मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया. वह भी मुझसे लिपट गई.

थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हुए और कँगना मेरा हाथ पकड़ के मुझे बेडरूम की तरफ ले गई.

बेडरूम में लाइट काफी कम थी.

मैंने अपने जूते उतारे और बेड पर लेटते ही कँगना को अपनी ओर खींच लिया. कँगना भी पूरी तरह से मुझसे लिपट कर लेट गई. थोड़ी देर बाद मैं कँगना के ऊपर लेट गया और उसके होठों को चूमने लगा.

कँगना ने भी मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया. कँगना के अंदाज से साफ पता चल रहा था कि वह भी वासना की आग में जल रही थी.

मैंने कँगना के होंठों को चूसते हुए नीचे से उसके शर्ट के अंदर हाथ डाल दिया. कँगना के मुँह से आह निकल गई.

हम दोनों की गर्म साँसें एक दूसरे से टकरा रही थी.

मैंने कँगना के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. पहले मैंने उसका कमीज उतारा और फिर नीचे से उसकी पजामी को भी उतार दिया.

अब वह सिर्फ पेंटी और ब्रा में मेरे सामने लेटी हुई थी. शर्म की वजह से उसने अपने चेहरे को हाथों से ढक लिया.

उसका गोरा बदन देखकर मेरा लंड भी सख्त हो गया.

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मैंने ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को दबाना शुरू किया और उसके पूरे गोरे बदन पर हाथ फिराया. चूची, पेट से लेकर जांघों तक हाथ फिराने से मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया था.

मेरे सामने अर्धनग्न लेटी हुई कँगना किसी मछली की तरह मचल रही थी. मचलते हुए कँगना ने दूसरी ओर करवट बदल ली और मेरी तरफ अपनी पीठ कर ली.

मैंने अपनी शर्ट और जीन्स उतारी और कँगना के शरीर से सटकर लेट गया. फिर पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा. नीचे से मेरा लंड कँगना की गांड से लग रहा था. तब तक मैंने अपना अंडरवियर नहीं उतारा था. मेरा लंड अंडरवियर के अंदर से ही उसके चूतड़ों के बीच में घुसने को तैयार था.

शायद अपनी गांड पर मेरे लंड का स्पर्श पाकर कँगना को भी अच्छा लग रहा था. इसीलिए वो भी अपने चूतड़ों को मेरे लंड पर दबा रही थी.

अब मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके स्तनों को आजाद कर दिया. मैं पीछे से ही उसकी दोनों चूचियों को सहलाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा. नीचे से अपने लंड को उसकी गांड पर रगड़ना भी जारी था. इस अवस्था में दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर ना जाने कब कँगना का हाथ आकर मेरे लंड पर रखा गया. पहले उसने लंड पर हाथ रखा और फिर उसने अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

मैंने भी अपना हाथ उसके स्तनों से हटा कर उसकी चूत पर रख दिया.

उसकी चूत पर मेरे हाथ पहुंचते ही कँगना ने लंड को मुट्ठी में भर लिया. मैं कँगना को सामने से नंगी देखना चाहता था इसलिए मैंने उसे सीधा लेटने के लिए हाथ से जोर दिया.

कँगना सीधी मेरे सामने लेट गई. कँगना के बदन पर सिर्फ पेंटी थी.

उसके गोरे और मोटे स्तनों को देखकर मैंने तुरंत उन्हें चूसना शुरू कर दिया. स्तन का निप्पल मेरे मुँह में जाते ही कँगना आह आह की आवाज़ कर रही थी.

स्तनों को चूसते हुए मैंने उंगलियों से उसकी पेंटी को नीचे खिसकाया और कँगना ने पेंटी को अपने जिस्म से अलग कर दिया. अब वो पूरी तरह नंगी हो चुकी थी.

मैंने उसकी चूत पर हाथ रख कर उसे सहलाना शुरू किया. उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी शायद चुदने का मन होने की वजह से कँगना ने चूत के बाल साफ किये थे. मैंने कँगना की चूत में उंगली घुसाई तो कँगना ने दोनों टांगों को आपस में भींच लिया.

कँगना ने मेरा अंडरवियर नीचे की तरफ खींच कर उसे उतारने का इशारा किया. मैंने देर ना करते हुए अपना अंडरवियर और बनियान उतार दिया. अब हम दोनों ही पूरी तरह नंगे हो गए. मैंने कँगना की टांगें फैलाई और उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गया.

अब चुदाई का खेल शुरू होने वाला था.

पहली बार मैंने सामने से कँगना की चूत देखी. कँगना की चूत एकदम कसी हुई थी और चूत की फांकें एकदम गुलाबी थी. गुलाबी फांकें देख कर मुझसे रुक नहीं गया और मैंने कँगना की चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मेरी जीभ का चूत पर स्पर्श पाकर कँगना के मुँह से तेज़ सिसकारी निकल गई. मैं लगातार चूत को चाटता रहा.

फिर मैं रुक कर इस तरह लेट गया कि मेरा लंड कँगना के मुँह की तरफ आ गया और मेरा मुँह कँगना की चूत के पास. जिसे 69 की पोजिशन भी कहते हैं.

मैं देखना चाहता था कि क्या कँगना भी मेरा लंड चूसना चाहती है.

मैं फिर से उसकी चूत को चाटने लगा.

कँगना ने भी देर नहीं कि पहले उसने मेरे लंड को पकड़कर सहलाया और फिर उस पर अपनी जीभ फिराने लगी. कँगना की जीभ और होंठों को लंड से छूने पर मेरे अंदर करंट सा दौड़ गया और मैंने भी अपनी जीभ कँगना की चूत के छेद में अंदर तक घुसा दी.

मेरी जीभ चूत में अंदर जाते ही कँगना जोश से भर गई और मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. कँगना की मुँह की गर्मी को मैं अपने लंड पर महसूस कर रहा था. मैं भी उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था. करीब पांच मिनट तक चूसने और चाटने का सिलसिला चलता रहा. हम आपस में बात नहीं कर रहे थे लेकिन चुदाई के खेल में दोनों एकदूसरे का भरपूर साथ दे रहे थे.

अब मैं उठा और कँगना की दोनों टांगों के बीच में जाकर उसकी चूत पर अपना लंड रखा और बिना रुके धीरे से धक्का लगाया.

लंड पर थूक लगा होने के कारण लंड सीधा कँगना की चूत में प्रवेश कर गया. कँगना को हल्का दर्द हुआ तो उसके मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसने दोनों हाथों से बैड की चादर को पकड़ लिया.

अब मैं पोजिशन बदलते हुए पूरी तरह कँगना के ऊपर लेट गया और धक्के लगाने शुरू कर दिए. धक्कों के साथ कँगना की चूचियाँ भी फुदक रहीं थीं.

एक हाथ को बैड पर टिकाकर मैंने कँगना की चूची को भी दूसरे हाथ से जकड़ लिया और उसे मसलते हुए कँगना की चुदाई करने लगा. हम दोनों के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही और तेज धक्के लगातार जारी थे.

थोड़ी देर ऊपर लेट कर चोदने के बाद मैंने लंड निकाला और साइड में लेट गया.

कँगना समझ गई कि मैं क्या चाहता हूं. वो उठी और मेरे ऊपर आकर बैठ गई. उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़कर चूत के छेद को लंड के सामने किया और चूत को लंड पर दबा दिया जिससे पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.

अब उसने लंड पर बैठकर ऊपर नीचे होना शुरू कर दिया. मैं अपने दोनों हाथों से उसके स्तनों को दबाने लगा. करीब दस मिनट तक ऐसे ही चुदने के बाद कँगना पूरी तरह मेरे ऊपर लेट गई और मेरे होंठों को चूसने लगी.

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है. मैंने भी नीचे लेटकर ही तेज़ तेज़ धक्के लगाने शुरू कर दिए.

उसकी चूत से आ रही फचक फचक की आवाज के बीच हम दोनों एक साथ झड़ने लगे. झड़ते वक्त कँगना मेरे बालों को पकड़ लिया और मैंने भी उसके स्तनों को मसल डाला.

थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और उसके बाद कँगना ऊपर से हटकर बराबर में लेट गई और हमें गहरी नींद आ गई. करीब आधे घंटे बाद हम उठे और कपड़े पहनने लगे.

कपड़े पहनते हुए मैंने कँगना से पूछा- कैसे लगा?

उसने मुस्कुराते हुए कहा- अच्छा लगा.

फिर मैंने कँगना के गाल को चूमा और वहां से निकल गया.

उसके बाद भी कई बार मैंने कँगना की चुदाई की.

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जिग्ना की कामुकता https://sexstories.one/jigna-ki-kamukta/ Tue, 21 Dec 2021 07:16:05 +0000 https://sexstories.one/?p=5056 उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। "मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।"...

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Jigna ki Kamukta – यह अनिवार्य रूप से एक सच्ची कहानी है, जिसमें शामिल लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नाम और घटनाओं को संशोधित किया गया है। यह बहुत विस्तृत है, एकतरफा प्यार और छूटे हुए अवसर, रोमांटिक और कोमल की कहानी है, लेकिन इसके गुदा विषयों को भी तीव्र करती है। यह जिग्ना के साथ मेरे थोड़े समय की कहानी है, एक ऐसी महिला जिससे मैं प्यार करता था और जिसके बारे में मैं अक्सर सोचता रहता हूं।

जिग्ना… जब मैं बिक्री विभाग में था, मुझे हमेशा नए, अनुभवहीन ग्राहक सेवा प्रतिनिधि सौंपे जाते थे; मेरे पास एक उत्कृष्ट प्रशिक्षक होने का रिकॉर्ड था, उन्हें कार्यालय में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, और फिर उन्हें किसी अन्य बिक्री प्रतिनिधि को फिर से सौंपा जाएगा जो मुश्किल से सक्षम था और अपने व्यवसाय को एक साथ रखने के लिए एक अत्यधिक सक्षम ग्राहक सेवा प्रतिनिधि की आवश्यकता थी। हर एक युवा, महिला, आकर्षक और बहुत बार, छह आंकड़े बिक्री प्रतिनिधि या ऊपर और आने वाले युवा प्रबंधक को प्राप्त करने में बहुत दिलचस्पी थी — कई ने किया। मैंने अपने बॉस के पूरक की सराहना की, लेकिन हमेशा प्रशिक्षण मोड में रहने के कारण अक्सर निराश होता था।

कॉलेज के ठीक बाहर जिग्ना बोर्ड पर आई; नौकरी के लिए अधिक शिक्षित और बहुत उज्ज्वल, उसने एक प्रबंधन, प्रवेश स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार किया था, कार्य के लिए काफी नहीं देखा गया था और एक घंटे की नौकरी लेने के लिए सहमत हो गया था; यह आसानी से उसके घर आ गया था और सड़क के नीचे पुनर्मूल्यांकन का वादा किया गया था। चूंकि वह मेधावी थी और उसने एक शीर्ष नाम के विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी की शिक्षा प्राप्त की थी, उसने आश्चर्यजनक रूप से जल्दी सीखा और एक शानदार ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बन गई।

मैंने कार्यालय के कर्मचारियों के साथ कभी बेवकूफ़ नहीं बनाया; वे सभी गपशप थे, यह मनोबल के लिए बुरा होता और अधिकांश दुकान की लड़कियों से थोड़ा अधिक थे। जिग्ना अलग थी। मेरी पहली शादी भी आखिरी पायदान पर थी; मेरे पूर्व और मैं अलग हो गए थे, तलाक आसन्न था और मैंने शायद जिग्ना के साथ अपनी अधिक निराशा साझा की, जो कि एक दुकान की लड़की नहीं थी, जितना मुझे होना चाहिए था। हम फोन पर बहुत गैर-यौन रूप से मजाक करते थे, वह अगले दरवाजे की क्लासिक लड़की थी, और मैं उसके लिए एक वास्तविक स्नेह बढ़ा। मैं उसे सप्ताह में कई बार कार्यालय में देखता था और कभी-कभी उसे अपने ग्राहकों से मिलने के लिए सड़क पर ले जाता था। वह छोटे स्तनों और कॉलेज फ़ुटबॉल और चीयरलीडिंग से एक एथलेटिक शरीर के साथ लगभग पाँच छ: की थी। उसकी फोन आवाज शानदार थी और हमारे सभी ग्राहक उससे प्यार करते थे। उसके गंदे गोरे बाल थे और सुंदर चेहरा नहीं तो प्यारा था। वह मेरे पास या मेरे पास कभी नहीं आई। मैं उनका बहुत सम्मान करता था और सम्मान परस्पर था।

Kamukta2 गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना

मैं उसके माता-पिता से मिला था और मेरे मन में यह सवाल नहीं था कि वह एक अच्छी लड़की है। जिस लड़के ने आखिरकार उससे शादी की, वह सेल्स फोर्स में एक युवा, अच्छा दिखने वाला लड़का था। वह उसके साथ प्यार में सिर के बल गिर गया; उसने एक बार मुझसे कहा था कि जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, वह उसे अपनी पैंट में नहीं बैठने देगी। मैं उसकी शादी में गया था; उसका परिवार स्थानीय रूप से प्रमुख था और यह एक बहुत बड़ा और भव्य मामला था। जब सेल्स फ़ोर्स के अन्य लोगों की बात आती है तो मैं उसके लिए सुरक्षात्मक था और उस पर कभी प्रहार नहीं किया।

एक दिन मैं एक विशेष रूप से कठिन ग्राहक की सेवा से संबंधित कुछ समस्याओं पर विचार करने के लिए कार्यालय में था। जिग्ना और मैं ऑप्स मैनेजर के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक छोटे से सम्मेलन कक्ष में गए। उस बैठक में लगभग 30 मिनट लगे; संचालन प्रबंधक चला गया और जिग्ना और मैंने कुछ और मिनट बात की और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं टेनिस खेलता हूं। मैंने उसे हाँ कहा, लेकिन बुरी तरह से। उसने कहा कि वह हाल ही में जिस कॉन्डो में आई थी, उसके माता-पिता के घर से बाहर जाने के बाद पहली बार उसके पास बहुत अच्छे कोर्ट थे, लेकिन किसी ने भी उनका इस्तेमाल नहीं किया। जिग्ना जल्दी उठने वाली थी, जैसा कि मेरे अधिकांश अधिक मांग वाले ग्राहक थे, इसलिए वह सुबह 6:00 बजे आकर और दोपहर 2:00 बजे तक काम करके बहुत खुश थी, जो मेरे और मेरे प्रमुख ग्राहकों के शेड्यूल से पूरी तरह मेल खाता था। जिग्ना ने पूछा कि क्या मैं उसके साथ कुछ समय टेनिस खेलना चाहूंगी। मैंने निश्चित रूप से कहा, और उसे याद दिलाया कि सप्ताह में कुछ दिन मैं वास्तव में ग्राहकों को फोन कर रहा था, जहां से वह रहती थी … आज की तरह, उदाहरण के लिए। उसका चेहरा खिल उठा, और वह व्यापक रूप से मुस्कुराई, और पहली बार जब से मैंने उसके साथ काम करना शुरू किया था, उसके चेहरे पर यहाँ आने का वह संकेत मिला, लगभग मोहक जैसा कि मैंने बाद में देखा, लेकिन मैं वास्तव में संकेतों से चूक गया, उस सुबह।

मैंने उससे कहा कि मेरे पास कार में हमेशा मेरा टेनिस सामान होता है और उसने कहा कि मैं उसके स्थान पर बदल सकता हूं। हमने लगभग 3:00 बजे मिलने का फैसला किया और उसने मुझे सटीक निर्देश दिए। मैं कसम खाता हूँ कि मेरे मन में कोई यौन विचार नहीं था।

मैं नियत समय पर उसके कोंडो में गया, उसके शयनकक्ष में व्यवसायिक पोशाक से बदल कर, उसे बहुत ही शानदार ढंग से सजाए गए घर की प्रशंसा की और देखा कि, टेनिस टॉग्स में, उसका दृढ़, एथलेटिक शरीर बहुत आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया था। मौसम गर्म था। हमने लगभग एक घंटे तक जोरदार टेनिस राउंड खेला। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इस समन्वित युवती को काम करते हुए देखना अदालत का अंत बहुत उत्तेजित करने वाला था। एक घंटे के बाद हम दोनों इसे एक दिन कहने के लिए तैयार थे। उसने मैच को समाप्त करने के लिए एक शानदार शॉट बनाया और मुझे एक बड़ा गले लगाने के लिए बाध्य किया, जो कि मेरी अपेक्षा से बहुत कम प्लेटोनिक था। वापस कॉन्डो में, उसने मुझसे कहा कि मैं पहले शॉवर ले सकती हूं, इसलिए मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया, कपड़े उतार दिए और शॉवर में कूद गई।

कुछ ही मिनटों में मैं पूरी तरह से चौंक गया जब उसने दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा, अपनी पूरी युवा सुंदरता में नग्न। उसने अपनी उँगली अपने होठों से ऐसे पकड़ रखी थी मानो कह रही हो, ‘एक शब्द भी मत कहो’, और प्यार से मेरी पीठ धोने लगी…और मेरी गांड और मेरा लंड। बेवजह, मैंने एहसान वापस कर दिया, उसके स्तन, योनी और गधे को ऊपर उठाते हुए। मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चूत खा ली… वह कुछ ही सेकंड में आ गई। वह अपने कूबड़ पर नीचे चली गई और मुझे एक मिनट से भी कम समय में संभोग सुख के लिए उड़ा दिया। हमने चूमा, टटोला और प्यार किया। हमने एक दूसरे के बाल धोए; मेरा डिक फिर से सख्त था।

“बेडरूम में मेरे लिए रुको।” वह फुसफुसाई। वह कुछ मिनट बाद बाथरूम से बाहर आई और मुझे उन अविश्वसनीय पोस्ट ऑर्गेज्म में से एक दिया, मैला गीला और गर्म चुंबन।

उसने कहा – “पहले दिन से ही मुझे आप पर क्रश है। एक छोटी सी समस्या है। मैं कुंवारी हूं। मैं अपनी शादी की रात तक इसी तरह रहने का इरादा रखती हूं। मुझे पुराने जमाने का बुलाओ। मुझे वास्तव में जरूरत है अभी कुछ आराम है, और आपके जीवन में जो कुछ भी चल रहा है, मुझे पता है कि आप भी करते हैं। मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूं। लेकिन मैं तुम्हें अपनी चूत में नहीं जाने दे सकता … वह आरक्षित है।’

उसने जारी रखा – ‘अगर तुम बहुत ज्यादा ग्रॉस आउट नहीं होते, तो मैं तुम्हें अपनी चुतड़ देना चाहती हूँ। नहीं तो मुझे बुरा नहीं लगेगा। मैंने इसे पहले बट में लिया है और इसका आनंद लिया है, और मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं कि मेरी गांड साफ और अच्छी तरह से चिकनाई हो। क्या तुमने कभी…आह, ऐसा पहले किया है?”

मैंने उससे कहा कि मुझे उस विभाग में अनुभव है और हम मजे करेंगे। मैं उसकी गांड के छेद में अपनी उँगली डालने लगा। यह बहुत अच्छी तरह से लथपथ था। मैंने उसे उसके सामने लुढ़कने के लिए कहा और धीरे से रिम करना शुरू कर दिया … और फिर अधिक सख्ती से … जीभ उसकी रमणीय छोटी भूरी आंख को चोदती है, जबकि ध्यान से उसके भगशेफ को छूती है।

उसने अपना रस छोड़ दिया और लुढ़क गई।

“मेरी गांड को सामने से ले लो।” वह सहम गई।

मैं सहमत। उसने बिस्तर की मेज से एस्ट्रो-ग्लाइड की एक बोतल ली, प्यार से मेरे लंड को चिकना किया, वह मुस्कुराई और धीरे से मुझे हरकत में लाने का आग्रह किया। “मुझे अब इसकी ज़रूरत है बेबी, कृपया मुझे चोदो।”

उसने अपने मांसपेशियों वाले पैरों को अपने छोटे, दृढ़ स्तनों के खिलाफ वापस रखा; मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने लंड का सिर उसकी गांड में डाल दिया।

“मैंने यह काफी समय से नहीं किया है, इसलिए मुझे इसकी आदत डालने दें।” वह फुसफुसाई।

उसे समायोजित होने में कुछ मिनट लगे, लेकिन अंत में उसने कहा, “मैं अब तैयार हूं, मुझे करो।”

मैंने एक धीमी गति से स्ट्रोक शुरू किया, उसका हाथ लिया और उसे अपनी बिल्ली पर रख दिया ताकि वह खुद को किनारे पर लाने में मदद कर सके। हम लय में आ गए और मैंने गति बढ़ा दी। मैंने हिलना बंद कर दिया और उसके कान में फुसफुसाया। “इसे ले लो जिग्ना, मेरे लंड को अपनी गांड से चोदो।”

उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। “मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।” मैंने कहा।

“बस एक और मिनट, मैं बहुत करीब हूँ।” वह कराह उठी।

उसके विलाप बढ़ गए, वह हांफने लगी…

उसका सिर पीछे की ओर लुढ़क गया… और उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया..

उसके गुदा नहर पर उसके संभोग के संकुचन मुझे किनारे पर ले गए और मैंने उसके मलाशय में गर्म सह का एक ताजा भार डाला। मेरा डिक उसकी गांड से निकल गया और हम गले मिले और चूमा और प्यार किया। वह बिस्तर से उठी, कुछ मिनट बाद एक गर्म कपड़े और दो गिलास रेड वाइन के साथ लौटी। उसने मेरे लंड को साफ किया, और मेरी गांड को, मेरे बट पर अच्छी तरह से चिपकी हुई उंगली डालते हुए और फिर अब नरम सदस्य को अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ से उसे इधर-उधर घुमाया। मुझे पता था कि मैं फिर से जा सकता हूं, लेकिन ठीक होने के लिए आधे घंटे या उससे भी ज्यादा समय लगेगा। हमने अपनी शराब पी ली, वस्तुतः बिना किसी शब्द के और वह मेरे बगल में आ गई।

“मुझे लगता है कि हम दोनों को थोड़ा झपकी लेने की ज़रूरत है।” जिग्ना ने सुझाव दिया।

हम आधे घंटे से अधिक समय तक सोए रहे, जब मैं उठा, मैं अपनी गांड को उसके सामने रखकर लुढ़क गया था और वह मेरे बट के छेद को चीरने के लिए आगे बढ़ रही थी। उसे बिस्तर की मेज से कुछ मिला, जो मुझे जल्दी से पता चला कि एक छोटा हिल बट प्लग था, इसे ऊपर की ओर बढ़ाया और इसे मेरी गुदा नहर में डालना शुरू कर दिया। “मुझे बताओ कि क्या यह दर्द होता है, या आपको यह पसंद नहीं है, और मैं रुक जाऊंगा।” वह सहम गई, क्योंकि वह मेरे लंड को उठाने के लिए अपने दूसरे हाथ का उपयोग करते हुए ध्यान से एक हाथ से मेरी गांड में प्लग डालने के लिए आगे बढ़ी ताकि वह नीचे की तरफ चाट सके। उसके मौखिक ध्यान और बट घुसपैठ के संयोजन ने मुझे एक बार फिर हड्डी की तरह कठोर कर दिया।

फिर उसने पूरी प्लग को मेरी गांड में धकेल दिया, और पूछा, “क्या आप इसे वहाँ पकड़ सकते हैं?”

to be continued…

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पूर्णा का सेक्सी एडवेंचर https://sexstories.one/poorna-ki-office-porn-kahani/ Mon, 29 Nov 2021 06:28:12 +0000 https://sexstories.one/?p=4868 उसका हाथ उसके अंडरवियर में चला गया और उसकी चूत पर उंगली करने लगा, जबकि उसने उसकी गर्दन को चाटा। खिड़की की सलाखों पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई। वह हवा के लिए हांफने लगी और उसके कराहने...

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Office Porn Kahani Antarvasnax यह एक विभागीय उत्सव था। सभी ने अच्छे कपड़े पहने और अच्छी तरह से वाकिफ थे। उस अवसर की मुस्कान और सुंदरता की मात्रा अवर्णनीय थी। पूर्णा एक साड़ी में विशेष रूप से सुंदर थी वह भी काले और लाल रंग में साड़ी लाल रंग की थी जो उसकी त्वचा के साथ जाती थी और काले फीता की सीमा होती थी।

उनका ब्लाउज भी ब्लैक कलर का था जो उन्हें गुड़िया जैसा बना रहा था। सब अपने-अपने काम में व्यस्त थे। हमारी सेक्सी महिला सीढ़ियाँ चढ़कर डिपार्टमेंट स्टाफ रूम की ओर बढ़ी। उसके चेहरे पर भावनाओं का मिश्रण था। उसके हाथ कांप रहे थे कि क्या होगा। वह वही थी जिसे आप ‘शरारती लड़की’ कहेंगे।

अपने बॉयफ्रेंड के साथ उसकी नटखटता की कोई सीमा नहीं थी। वह कॉलेज की सेक्स डॉल के रूप में काफी लोकप्रिय थीं। उसका शानदार शरीर इसका कारण था। पूर्णा, एक जादूगरनी, उसकी आँखें उसका सबसे बड़ा हथियार थीं। वह उन अच्छी आँखों से किसी भी आदमी को दुगनी नज़र से देख सकती थी।

उसका शरीर उसकी सुंदरता का जलवा बिखेर रहा था और उसे केवल गर्म कहा जा सकता था। उसकी काफ़ी गोरी त्वचा, उसके रसीले होंठों से मुँह में पानी आ गया था। उसने एक शानदार फिगर बनाए रखा था। उसके स्तन उसके गर्म शरीर के लिए एक गहना थे। एक गोल गधे के साथ, उसने कई राय व्यक्त की हैं।

कॉरिडोर से होते हुए स्टाफ रूम की ओर भागते समय उसके हाथ थोड़े काँप रहे थे। वहां वह एचओडी केबिन में दाखिल हुई। कमरे में अंधेरा था। नीचे क्या हो रहा था, यह देखने के लिए वह अपने दोस्तों के साथ खिड़की के पास चली गई। अचानक दो बड़े हाथों ने उसे पीछे से पकड़ लिया।

यह कोई और नहीं बल्कि उनके एचओडी सूरज थे। उसने उसके हाथ जबरदस्ती खिड़की से पकड़ लिए, उसकी गर्दन चाटने और उसकी नाभि को सहलाने लगा। सूरज एक जिम्मेदार और आकर्षक एचओडी थे। वह छोटा था लेकिन उसके पास कई डिग्रियां और काफी अनुभव था। कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें राजनीतिक समर्थन से वह मिला जहां वे हैं।

लेकिन वह जितना चालाक है उतना ही चतुर भी है। उसने उसकी सुडौल नाभि को दबाना शुरू कर दिया, जबकि उसके दूसरे हाथ उसके गोल 32c स्तन पर चले गए। उसके निप्पल सख्त और दिलेर थे। जैसे ही उसने उन्हें छुआ, एक झटका उसके शरीर से नीचे चला गया और उसे अपनी चूत में झुनझुनी दे दी। उसके निपल्स पर उसके हल्के और कामुक स्पर्शों ने उसके कराहों से कमरा भर दिया।

जल्द ही उसकी सांस उसके कान में आ गई और एक हाथ उसके स्तन में पूरी तरह से लीन हो गया। वह उन्हें पीछे से दबा रहा था। उसने उन्हें अपने ब्लाउज के माध्यम से निचोड़ा। वह जानता था कि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि उसने उससे पूछा था। उसके हाथ उसकी नाभि से होते हुए उसके पेट के बटन में चले गए और उसकी श्रोणि और फिर उसकी चूत तक पिंच किया।

उसने अपनी चार अंगुलियों से उसकी टांगों के बीच में ताला लगा दिया, और जोर से उसकी श्रोणि को सहलाया। उसने उसके बैकलेस ब्लाउज को चाटा और उसके स्तनों को ऐसे सहलाया जा रहा था जैसे वह उसका अपना हो। उसने उसे विलाप किया और खुशी से कराह उठा। उस खुशी के आलोक में उसने खिड़की के हैंडलबार को पकड़ लिया।

वह इस तथ्य को भूल गई कि उसकी शिक्षिका उसका आनंद उठा रही थी और वह एक खिड़की के पास थी। उनकी इस मासूमियत को पूरी जनता देख सकती थी. वह पूरी तरह से उस आनंद में डूबी हुई थी। उसे याद आया कि वह इस तरह के जाल में कैसे फंस गई।

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विभाग आंतरिक मूल्यांकन को अंतिम रूप देने की तैयारी कर रहा था। उन्होंने पाया कि कुछ छात्र अपेक्षित प्रदर्शन तक नहीं पहुंच सके। उन सभी को सीढ़ी पर आने के लिए दया का मौका दिया गया था। लेकिन कुछ के लिए मौका अभी तक व्यर्थ था।

हॉट गर्ल गैंग के बीच चर्चा थी कि एचओडी कुछ ‘फॉर्म’ भरने के इच्छुक लोगों के लिए एक विशेष ‘व्यवस्था’ दे रहा है। पूर्णा सीधी-सादी छात्रा नहीं थी। फिर भी वह अपने चालाकी और चतुर स्वभाव के साथ यहाँ तक पहुँचने में सफल रही। वह इससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोद सकी।

फिर भी उसका आकर्षक स्वभाव कई दिनों तक दोषपूर्ण हो गया था जब तक कि वह एक जन्मदिन की पार्टी में नहीं गई। वहीं उनकी मुलाकात काजल से हुई। वह परीक्षा में भी फेल हो गई थी, फिर भी वह ज्यादा तनाव में नहीं लग रही थी, बल्कि शांत हो गई थी। पूर्णा ने रहस्य को बाहर निकालने और उसे बाहर निकालने की पूरी कोशिश की।

एचओडी ने कुछ समय के लिए उसकी गांड में चुदाई की थी। उसने उसे जो संतुष्टि दी, वह उसकी अपेक्षा से कहीं अधिक थी और उसे पास होने के लिए अतिरिक्त श्रेय मिला। यह रहस्योद्घाटन मुस्कान और भय दोनों लेकर आया। वह परिणामों से डरती थी।

लेकिन वह डर जल्द ही उस आनंद से जीत लिया गया जिसे वह जानती थी कि वह अनुभव करेगी। उसकी नटखटता जिससे वह हर दिन उसके मोटे लंड की कल्पना करते हुए खुद को रगड़ती और उँगली उठाती थी। यह उस दिन की बात है जब उसने झाँका और देखा कि सूरज ने लाइब्रेरियन को अपने मोटे शाफ्ट से कहाँ चोदा।

वह सभी विचारों से भीग चुकी थी और आगे बढ़ना चाहती थी। वह एक महान अवसर की प्रतीक्षा कर रही थी। उसकी यादें अचानक पटरी से उतर गई जब सूरज ने उसकी पीठ को काटना शुरू किया। वह उसकी पीठ पर लव बाइट दे रहा था जबकि उसके हाथों ने उसके स्तन को जीत लिया था।

वह उसके मालिक से भूरे रंग के सख्त बटन के निप्पल खींच रहा था, जिससे वह विलाप कर रही थी। उसकी गाढ़ी हार्ड कॉक ड्राई उसकी गांड को कूबड़ देती है। उसके कपड़े से फर्श को अच्छी तरह से सजाया गया था। उसका ब्लाउज हटा दिया गया था। उसके सीने के सामने जो कुछ भी खड़ा था वह उसकी लेस वाली पारदर्शी साड़ी थी।

जबकि उनकी साड़ी को सूरज ने उनके कूल्हों तक उठाया था। फिर वह उसकी गीली चूत पर उसकी चूत रगड़ने लगा। उसकी चूत फोरप्ले से लेस पैंटी पर गीली हो गई थी। उसने उसे जोर से रगड़ा ताकि उसे मुर्गा चाहने की कामुक भावना का एहसास हो। फिर उसने उसकी पीठ को महसूस करना शुरू कर दिया, अपने हाथों को एक के बाद एक उसके भूरे रंग के निप्पल की तरफ घुमाते हुए उन्हें पिंच किया।

उसका हाथ उसके अंडरवियर में चला गया और उसकी चूत पर उंगली करने लगा, जबकि उसने उसकी गर्दन को चाटा। खिड़की की सलाखों पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई। वह हवा के लिए हांफने लगी और उसके कराहने से उसका शरीर कांपने लगा। वह अपने हाथों से उसके स्तनों पर अच्छा काम कर रहा था। घुटने टेक दिए और अपने अंडरवियर को दूर फेंक दिया।

फिर उसने उसकी चूत पर और साथ ही उसके गधे को भी मला। उसने लटकते निप्पल पर हाथ रखे। भूरे रंग के निपल्स उसके स्तन से मृत पुरुषों की तरह लटके हुए थे। उसने उन्हें और भी नीचे खींच लिया। उसने अपनी उँगलियों को उसके गधे की गहराई में धकेल दिया और वह चिल्ला पड़ी। उसके कराह और विलाप से कमरा भर गया।

उसकी उँगलियाँ उसकी चूत तक पहुँच गईं जबकि उसकी जीभ अंदर से रगड़ रही थी। उसके दाँतों ने उसकी चूत के होठों को पकड़ लिया। वह उसकी गांड पर उंगली करने लगा। उसकी चूत में उसकी उंगलियाँ उसके सारे सुख-स्थानों को छू गयीं जिससे उसका शरीर काँपने लगा। उसके प्रेम रस को उसकी जीभ ने चाटा।

स्तन और उसकी उंगलियों के साथ उसकी सामयिक चंचलता ने उसे एक हिंसक कराह के साथ सह दिया क्योंकि वह हवा के लिए हांफ रही थी।

एक और फ्लैशबैक।

जैसे ही उसने अपने प्यार के रस को फर्श पर उतारा, उसे उस समय की याद दिला दी गई। उसे उसके प्रेमी और उसके दोस्त रोड ट्रिप पर ले गए थे। उसे बांधकर चारों ओर सहलाया गया था। उसके स्तन के साथ खेला गया था जबकि केवल उसकी गांड चोद रही थी।

उसकी चूत में दर्द हो रहा था एक लंड के लिए। वह लंड के लिए भीख माँगती थी और उसे चूसा जा रहा था और बिल्ली में उँगलियाँ पकड़ी जा रही थीं, जबकि उन्होंने उसके मुँह को चोद दिया। अभी…

सूरज ने फिर खुद को उठाया। और पूर्णा को पकड़ कर उसकी टांगें ऊपर उठा दीं और अपनी कठोर मोटी छड़ को उसके गधे में डाल दिया। उसका मुंह ढका होने के कारण केवल उसकी कराह निकली। उसके पैर उसके हाथ में थे क्योंकि वह उस खिड़की के सामने चुदाई कर रही थी और एक रहस्यमय फोन ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया।

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मेरी चुड़क्कड़ बॉस https://sexstories.one/meri-chudakad-boss-xxx-stories/ Mon, 08 Nov 2021 11:20:35 +0000 https://sexstories.one/?p=3302 उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी...

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Meri Chudakad Boss सबसे पहले मैं अपनी बॉस का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसकी बदौलत मैं आज मस्ती के उस मुकाम पर पहुंचा हूं जहां मेरी वासना का ज्वार हर लहर के साथ टूट कर नहीं बिखरता। हर एक लहर अगली लहर को तब तक बढाती है जब तक कि आखिरी मंजिल पर पहुंच कर एक जबरदस्त उफान के साथ मेरे प्यार का लावा असीम आनन्द देता हुआ मेरे साथी को अपने साथ बहा ले जाता है।

बात उस समय की है जब मैं एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहा था। मिस रचना मेरी बॉस थी। उम्र रही होगी करीब २८ साल की। लम्बी करीब ५’८” और सारी गोलाईयां एकदम परफेक्ट।

अफवाह थी कि वो मिस इन्डिया में भी भाग ले चुकी थी। पर गजब की सख्ती बरतती थी वो हम सब के साथ।

किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी कि उनके बारे में सपने में भी गलत बात सोचें। वो हम सब से दूरी बना कर रखती थी।

मैं नया नया आया था।

इसलिए एकाध बार उनके साथ गरम जोशी से बात बढाने की गुस्ताखी कर चुका था।

पर उनकी तरफ से आती बर्फीली हवाआें में मेरा सारा जोश काफूर हो गया।

अब मुझे मालूम हुआ कि मेरे साथियों ने उनका नाम मिस आईस मैडेन क्यों रखा है। पर मुझे क्या पता था कि ऊपर वाले ह्यया ऊपर वाली हृ की मर्जी क्या है। एक दिन हमारे आफिस का नेटवर्क गडबडा गया। कभी ऑन होता तो कभी ऑफ। उसदिन शनिवार था। मैं दिन भर उसी में उलझा रहा पर उस गुत्थी को सुलझा नहीं पाया।

आखिर थक कर मैंने मैडम को कहा कि अगले दिन यानि रविवार को सुबह नौ बजे आकर इस को ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैंने उनसे आफिस की चाभियां ले लीं।

अगले दिन जब मैं नौ बजे ऑफिस पहुंचा तो देखा कि रचना मैडम मेन गेट के सामने खडी हैं। मैंने उन्हें विश किया और पूछा “आप यहां क्या कर रही हैं”।

वो बोलीं ” बस ऐसे ही। घर में बोर हो रही थी तो सोचा कि यहां आकर तुम्हारी मदद करूं”।

Hindi Porn Kahani ताऊजी की बेटी सोनम

हम दरवाजा खोलकर अन्दर गए।

मैडम ने कहा कि आज इतवार होने की वजह से कोई नहीं आएगा। इसलिए सुरक्षा के खयाल से दरवाजा अन्दर से बन्द कर लो।

मैंने उनके कहे अनुसार दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया।

अब पूरे आफिस में हम दोनों अकेले थे और हमें कोई डिस्टर्ब भी नहीं कर सकता था।

मुझे रचना मैडम की नीयत ठीक नहीं लग रही थी। दाल में जरूर कुछ काला था। नहीं तो भला आज छुट्टी के दिन एक छोटी सी समस्या के लिए उन को दफ्तर आने की क्या जरूरत।

मैडम घूम कर कम्प्यूटर लैब की तरफ चल दी और मैं भी मन्त्रमुग्ध सा उनके पीछे पीछे चल दिया।

पूरे माहौल में उनके जिस्म की खुशबू थी।

जब हम कॉरीडोर में थे तो मैंने उनकी पिछाडी पर गौर किया। हाय क्या फिगर था।

हालांकि मैं कोई एक्सपर्ट नहीं हूं पर यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर रचना मैडम किसी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग ले तो अच्छे अच्छों की छुट्टी कर दें और देखने वाले अपने लन्ड संभालते रह जाएं। उनकी मस्तानी चाल को देख कर यूं लग रहा था मानो फैशन शो की रैम्प पर कैट वॉक कर रही हो।

उनके चूतड पेन्डुलम की तरह दोनों तरफ झूल रहे थे। उन्होंने गहरे नीले रंग का डीप गले का चोलीनुमा ब्लाउज मैचिंगपारदर्शी साडी के साथ पहना था। उनकी पीठ तो मानो पूरी नंगी थी सिवाय एक पतली सी पट्टी के जो उनके ब्लाउज को पीछे से संभाले हुई थी।

उन्होंने साडी भी काफी नीची बांधी हुई थी जहां से उनके चूतडों की घाटी शुरू होती है। बस यह समझ लो कि कल्पना के लिए बहुत कम बचा था। सारे पत्ते खुले हुए थे। अगर मुझमें जरा भी हिम्मत होती तो साली को वहीं पर पटक कर चोद देता। पर मैडम के कडक स्वभाव से मैं वाकिफ था और बिना किसी गलत हरकत के मन ही मन उनके नंगे जिस्म की कल्पना करते हुए चुप चाप उनके पीछे पाीछे चलता रहा।

मैडम ने कल्पना के लिए बहुत ही कम छोडा था। साडी भी कस कर लपेटे हुई थी जिससे कि उनके मादक चूतड और उभर कर नजर आ रहे थे और दोनों चूतडों की थिरकन साफ साफ देखी जा सकती थी। मैंने गौर किया कि चलते वक्त उनके चूतड अलग अलग दिशाआें में चल रहे थे।

पहले एक दूसरे से दूर होते फिर एक दूसरे के पास आते। मानो उनकी गान्ड खुल बन्द हो रही हो। जब दोनों चूतड पास आते तो उनकी साडी गान्ड की दरार में फंस जाती थी। यह सीन मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मन कर रहा था कि साडी के साथ साथ अपने लन्ड को भी उनकी गान्ड की दरार में डाल दूं।

बडा ही गुदाज बदन था रचना मैडम का।

cntd………..

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चूत की बिछ गयी है बिसात https://sexstories.one/mohini-ki-chut/ Wed, 20 Oct 2021 06:26:05 +0000 https://sexstories.one/?p=3098 मैं मोहनी के साथ ही मिलकर काम करने लगा। मोहनी काफी अच्छे से काम करती थी। वह अपने काम में काफी ध्यान देती थी और अपना हर काम पर अच्छे से करती थी। जिससे मुझे वह काफी अच्छी लगती थी। मैं कभी भी कोई भी समस्या होती थी तो मै मोहनी को पूछ लेता था...

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sex stories in hindi mohini ki chut मेरा नाम सनी है। मैंने अभी-अभी अपना पोस्ट ग्रेजुएशन इसी वर्ष पूरा किया है और अब मैं नौकरी की तलाश में हूं। मैंने कई जगह पर अपनी नौकरियों के लिए बायोडाटा भेजा हुआ है। मुझे कई जगह से ऑफर आ रहे थे। लेकिन मेरा कहीं अच्छी जगह पर नहीं हो पा रहा था। कहीं पर वह लोग सैलरी कम देते तो कहीं पर टाइम ज्यादा था।

ऐसे ही एक दिन मुझे एक कंपनी से ऑफर आया। मैं वहां पर इंटरव्यू देने गया मैंने जैसा अपने इंटरव्यू दिया वहां पर मेरी जो बॉस की लड़की थी। वह भी मेरा इंटरव्यू ले रही थी। उसने बहुत ही अच्छे से इंटरव्यू लिया। मैंने उसको अपना इंटरव्यू दिया मेरा इंटरव्यू क्लियर होने के बाद उन्होंने मुझे एक सैलरी ऑफर कि मैंने उस सैलरी पर वहां ज्वाइन करने का फैसला किया। अब मैं उस कंपनी में ज्वाइन हो गया मेरी बॉस के लड़की का नाम मोहिनी था। वह दिखने में काफी हॉट थी। मुझे उसे देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। लेकिन वह मेरी बॉस की लड़की थी इसलिए मुझे लिमिट क्रॉस नहीं करनी थी।

मैंने अगले दिन से ऑफिस ज्वाइन किया और पहले मेरा पहला दिन ऑफिस का था। मुझे वहां पर सब लोगों से मिलवाया गया। सब लोगों से मुलाकात हुई और मुझे मेरा काम सिखाया गया। एक हफ्ते तक तो मेरी ट्रेनिंग चली। मुझे सारी जानकारी दी गई कि ऑफिस में किस तरीके से काम करना है और कहां पर क्या चीजें हैं। सारी चीजें मुझे एक हफ्ते में बताई कि एक हफ्ते बाद मुझे पूरे काम की जिम्मेदारी सौंपी गई।

मैंने अपना कार्य करना शुरू कर दिया मेरे काम में कभी भी कोई शिकायत नहीं आती थी और सब लोग मुझसे खुश ही रहते थे।

एक दिन मेरी वजह से हमारी कंपनी को बहुत बड़ा प्रोजेक्ट मिल गया। जिससे खुश होकर मेरे बॉस ने एक पार्टी ऑर्गेनाइज कर दी पार्टी में सब लोगों को बुलाया गया जितने भी हमारे दफ्तर के लोग थे। वह सब लोग वहां आए तो मेरे बॉस ने मेरी काफी तारीफ की मेरी वहां पर और मुझे प्रमोशन भी मिला। प्रमोशन मिलने से मैं काफी खुश हो गया। अब और ज्यादा मैं काम करने लगा। काम करते करते ऐसे कई प्रोजेक्ट मेरे द्वारा मेरी कंपनी को मिलते गए और मेरा प्रमोशन होता गया।

Sex kahani padhiye पानी और चुत

मैं मोहनी के साथ ही मिलकर काम करने लगा। मोहनी काफी अच्छे से काम करती थी। वह अपने काम में काफी ध्यान देती थी और अपना हर काम पर अच्छे से करती थी। जिससे मुझे वह काफी अच्छी लगती थी। मैं कभी भी कोई भी समस्या होती थी तो मै मोहनी को पूछ लेता था। उसका एक्सपीरियंस मुझसे ज्यादा था और वह उसकी कंपनी ही थी। वह काम अच्छे से करती थी। तो वह मेरी हेल्प कर दिया करती थी।

एक दिन लंच टाइम में हम लोग बैठे हुए थे। हम लोग आपस में काफी बातें करने लगे। वह मेरे बारे में पूछने लगी मैंने उसे अपने बारे में सारी जानकारियां दी। मैंने अपनी पढ़ाई कहां से पूरी की मेरे घर में कितने लोग ।हैं इस तरीके से मैंने उसे सारी जानकारी दी अब वह भी मेरी तरफ काफी आकर्षित हो गई थी। मैं मन लगाकर काम किया करता था। उसे मेरे काम काफी अच्छा लगता था। अब हम दोनों एक ही कैबिन में बैठने लगे थे। तो उसे जब भी कुछ आवश्यकता होती। वह मुझे बोल देती कि मुझे इस चीज की जरूरत है तो तुम मेरा यह काम करवा दो मैं उसके काम के लिए कभी मना नहीं करता था।

एक दिन वह ऑफिस में आई उसने वाइट कलर की शर्ट पहनी हुई थी। उसके अंदर उसकी ब्रा साफ साफ दिखाई दे रही थी। अब वह मेरे पास आकर बैठ गई। और मुझे उसकी ब्रा दिखाई दे रही थी। मैं थोड़ा अनकंफर्टेबल महसूस कर रहा था पहले तो उसे भी पता नहीं चला। लेकिन बाद में किसी ने शायद उसे बता दिया। उसने मुझसे पूछ लिया कि तुम मेरी  ब्रा देख कर थोड़ा अनकंफर्टेबल कर रहे हो। मैंने उसे कहा हां यही बात है। वह मुझसे बात करने लगी कि इसमें बुराई क्या है। इसमें कोई बुराई नहीं है।

यह कहते कहते उसने अपनी शर्ट उतार दी और अपनी ब्रा मुझे दिखाने लगी। मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मुझे भी ऐसा लग रहा था जैसे कुछ भी नहीं हुआ लेकिन मेरे लिए तो यहां बहुत कुछ हो चुका था। मैंने उसे समझाया कि यह सब ठीक नहीं है। आप अपनी शर्ट पहन लो लेकिन उससे भी शर्ट नहीं पहनी। मैं उसके पास गया और मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। वह मुझे कहने लगी मुझे छोड़ो मैंने उसे छोड़ा ही नहीं मैंने उसे कहा जब मैं आपको मना कर रहा था तो आप मेरी बात नहीं मान रही थी। अब मैं आपको छोड़ने वाला नहीं हूं।

अब मैं तुम्हारी चूत मारूंगा। मैंने उसके बालों को पकड़ा अपनी पैंट की जिप खोलता ही अपने लंड को बाहर निकाल लिया। पहले वह मुझे मना कर रही थी। मैं नहीं करूंगी ओरल सेक्स लेकिन मैंने जबरदस्ती उसके मुंह में अपना लंड दे दिया जैसे ही मैंने उसके मुंह में लंड दिया तो उसे भी अच्छा लगने लगा।

मैं अंदर बाहर करने लगा जैसे-जैसे मैं उसके मुंह के अंदर बाहर करता जाता तो उससे  अच्छा लगता। मैंने उसके मुंह के पूरे अंदर तक लंड डाल दिया था। मेरे अंडकोष उसके मुंह पर लग रहे थे लेकिन उसे अच्छा लग रहा था। उसके बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया। और मोहनी को मैंने अपनी गोद में बैठा लिया। जैसे ही मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो मैंने उसकी पैंट को खोलना शुरू किया जैसे ही मैंने उसकी पैंट को खोला तो मैंने देखा उसने नेट वाली पैंटी पहनी हुई है। उसकी पैंटी बहुत ही सुंदर लग रही थी। जैसे ही मैंने उसकी पैंटी को हाथ लगाया तो वह काफी सॉफ्ट थी।

मैंने उसकी पैंटी को बीच में से पकड़ा और मैंने उसकी पैंटी फाड़ डाली। जैसे ही मैंने मोहनी की पैंटी फाड़ी। वैसे ही मुझे उसकी चिकनी योनि दिखाई पडी। वह काफी मुलायम और नरम थी। यह देख कर तो मेरा और मन खराब हो गया। मैंने कुर्सी में बैठे बैठे ही उसकी योनि में अपना लंड डाल दिया और उसे ऊपर नीचे करने लगा उसकी गांड मेरे लंड से टकराती और मैं उसकी योनि को अच्छे से चोदता जाता। अब उससे भी अच्छा लगने लगा था। तो वह भी ऊपर नीचे हो रही थी। वह काफी देर से ऊपर नीचे हो रही थी क्योंकि वह मेरे ऊपर ही बैठी हुई थी। इसलिए मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मुझे उसकी गांड से उसकी चूत साफ साफ दिखाई दे रही थी। जैसे ही उसकी चूत में लंड बाहर निकलता तो मुझे साफ साफ दिखाई देता कि मेरा लंड़ बाहर निकल रहा है। वह उसके ऊपर बैठ जाती मुझे काफी अच्छा लगा ऐसा देखते हुए।

मै ऐसे में ही खड़ा हुआ और उसने टेबल पर उसके दोनों हाथों को रखते हुए। उसके चूतड़ों को पकड़कर धक्का मारने लगा जैसे ही मै तेज तेज धक्के मारता। तो उसकी चुतड़ और तेज तेज हिलती। जिसे देख कर मुझे काफी अच्छा लग रहा था। ऐसा करते-करते काफी देर बाद मेरा गिरने को हो गया। मेरा गिरने वाला था। तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उसके मुंह से ओरल सेक्स कराने लगा जैसे ही मोहनी ओरल सेक्स कर रही थी तो मेरा माल गिर गया उसके मुंह के अंदर ही और उसने पूरा ही वीर्य अपने अंदर ले लिया।

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मोहनी मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा जो तुमने मेरे साथ सेक्स किया। मेरा एक बार और करने का मन हो रहा है। जैसे ही उसने यह कहा तो मैंने उसक चूत को चाटना शुरू कर दिया। जैसे जैसे मैं उसके स्तनों को चाटता जाता तो वह पागल होती जाती। अब मैंने उसकी चिकनी योनि में दोबारा से अपना लंड डाल लिया और धक्के मारने शुरू कर दिऐ लेकिन उसकी योनि अभी बहुत टाइट लग रही थी। मुझे मालूम नहीं पड़ रहा था कि इसकी योनि क्यों अभी तक ढिली नहीं हुई है लेकिन मुझे काफी अच्छा लग रहा था।

ऐसे ही में आधे घंटे तक उससे चोदता।  इस बार मेरा दोबारा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि में ही डाल दिया। जिससे उसे काफी अच्छा लगा। अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहनने लगे तो वह मुझे कहने लगे तुमने मेरी पैंटी की फाड़ दीया है। तो मुझे पैंटी कौन देगा मैंने उसे कहा मै तुम्हें पैंट ला कर दूंगा कल मैं तुम्हारे लिए नई पैंटी ले आऊंगा। उसको दोबारा फाड़ दूंगा यह सुनकर वह मुस्कुराने लगी और वह मुस्कुराते मुस्कुराते बाथरूम की तरफ चली गई।

जब वह बाथरुम से लौटी तो वह अपना मेकअप कर कर वापस आई। जिससे कि वह बहुत सेक्सी लग रही थी।

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ऑफिस वाली मेरे लंड की दीवानी हो गयी https://sexstories.one/office-wali-ladki-ki-chudai/ Sat, 02 Jan 2021 11:27:41 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%91%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b8-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%be/ ये कहानी पढने वाले सभी हवसियों को मेरा नमस्कार | मैं हूँ चन्दन और मैं पुणे का रहने वाला वाला हूँ | मैं पुणे में एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेर इंजीनियर हूँ | मैं वहाँ ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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ये कहानी पढने वाले सभी हवसियों को मेरा नमस्कार | मैं हूँ चन्दन और मैं पुणे का रहने वाला वाला हूँ | मैं पुणे में एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेर इंजीनियर हूँ | मैं वहाँ पर अपनी टीम का लीडर हूँ और अच्छी खासी कमाई कर लेता हूँ | मैं देखने में अच्छा हूँ और मेरी टीम की लड़कियां मुझे बहुत कॉम्प्लीमेंट देती हैं | office wali ladki ki chudai

मेरा रंग गोरा है और 5 फीट 10 इंच की हाइट है| मेरा लंड 6 इंच का है और चोदने का स्टैमिना भी बहुत है | मैंने कॉलेज में काफी लड़कियां के साथ गुल छार्रे उडाए है और बहुत चुदाई भी करी है | अब मैं पुणे में ही काम करता हूँ और ये कहानी है मेरी टीम में आई एक नई लड़की के साथ चुदाई की |

हमे कंपनी की तरफ से रहने के लिए घर मिलते है. office wali ladki ki chudai

जहाँ पर सभी कंपनी में काम करने वाले रहते है | मेरा रूम सेकंड फ्लोर पर है | तो एक दिन जब मैं अपने रूम की तरफ जा रहा था तो मुझे एक लड़की दिखी | वो लड़की मेरे रूम से दो छोड़ कर आगे वाले रूम पर कड़ी थी और अपना बैग अन्दर ले जा रही थी | मैंने उसे पीछे से देखा तो मुझे लगा की ज़रूर ये कोई नई आई है कंपनी में | फिर वो पलटी तो मैं देखता ही रह गया | वो बहुत ही सुन्दर थी उसके होंठ पिंक थे और आँखें तो ! क्या बताऊँ | उसके दूध बड़े थे और गांड भी गज़ब की थी | मैं उसे ऊपर से नीचे देख रहा था एक टक वहीँ खड़ा होकर | तभी उसने मुझे देखा और अन्दर चली गई और दरवाज़ा लगा लिया | फिर अगले दिन हमारे सर की सेक्रेटरी मेरे पास उस लड़की और दो लड़कों के साथ आई और कहा चन्दन ये तुम्हारी टीम में है |

मैंने कहा ओके मैडम | office wali ladki ki chudai

फिर वो चली और मैं उनसे उनका नाम पूछने लगा और उसने अपना नाम तानिया बताया | फिर मैंने कहा कि तुम लोगों को अपना काम पता ही होगा | तो लडको ने कहा कि हाँ पता है सर  लेकिन तानिया ने कहा सर मुझे नहीं पता | मैंने दो लडको को भेज दिया और उसे अपने पास बैठा लिया |

जब मैं उसे काम समझा रहा था तो उसका पेन नीचे गिर गया और वो पेन उठाने नीचे झुकी और उसने ढीला सा टॉप पहना था | तो मुझे उसके दूध की क्लीवेज दिख गई और मेरा लंड खड़ा होने लगा | मैंने जैसे तैसे फिर उसको समझाया और भेज दिया | फिर मैं उसके जाने के बाद हस्तमैथुन किया टॉयलेट में जा कर | ऐसे ही कुछ दिन बीत रहे थे एक दिन की बात है ऑफिस से छूटने के बाद मैं पार्किंग से गाडी निकाल कर बाहर आया और देखा तो ऑफिस के बाहर तानिया रोड में खड़ी थी और शायद टैक्सी का इंतज़ार कर रही थी | मैंने उसके पास अपनी बाइक लगाई और उससे पुछा कि क्या तुम टैक्सी का इंतजार कर रही हो ? उसने कहा हाँ सर मैं इंतजार कर रही हूँ तो मैंने उससे कहा कि अगर तुम्हे ऐतराज़ न हो तो मैं तुम्हे घर तक छोड़ सकता हूँ | उसने पहले तो मना किया फिर वो मान गयी वो मेरे पीछे बाइक पर बैठ गयी और मैं गाड़ी स्टार्ट करके चलने लगा | चलते चलते ऐसे ही हम ऑफिस वर्क की बात कर रहे थे मेरा ध्यान उसके दूध पर था जो मेरे पीठ से बार बार सट रहे थे अचानक से एक बच्चा सामने आ गया तो मुझे डिस्क ब्रेक लगाना पड़ा और वो एक दम से अपने दूध मेरे पीठ में टकरा गई | मुझे उसके दूध का एहसास बहुत अच्छा लगा और मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा| फिर मैंने गाड़ी चलाई और हम अपनी बिल्डिंग पहुँच गए और अपने अपने रूम में चले गए |

Kambi katha

फिर एक बार में ऑफिस के नीचे खड़ा था और बारिश हो रही थी | office wali ladki ki chudai

तभी तानिया भागती हुई आई जैसे ही मैंने उसकी तरफ देखा मेरी आँखें और मुंह फटा का फटा ही रह गया | वो भीग चुकी थी और उसके दूध एक साफ झलक रहे थे और हर बार की तरह मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा | तभी मैं उसके पास गया और कहा कि आज तुम घर चले जाओ ऑफिस में कोई काम नहीं है | उसने कहा ठीक है सर फिर मैंने कहा कि मैं भी घर ही जा रहा हूँ चलो छोड़ देता हूँ | वो मान गई और हम घर के लिए निकल गए | रास्ते में जाते वक़्त मैंने उससे कहा कि तुम्हे काम कोई प्रॉब्लम तो नहीं आ रही है | उसने कहा नहीं सर फिर मैंने पूछा कि तुम्हे मेरी तरफ से कोई प्रॉब्लम ?

तो नहीं सर आप बहुत ही अच्छे हैं | office wali ladki ki chudai

मैंने तभी सोचा कि लोहा गरम है मार दो हाथोंड़ा | फिर मैंने उससे कहा की तानिया मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हारे भी नहीं जी सकता | उसने कहा कि सर ये कोई मजाक है क्या ? मैंने कहा नहीं मैंने सीरियस हूँ | उसने कहा आप भी अच्छे लगते हो पर मुझे थोडा समय चाहिए | मैंने कहा ठीक है |फिर थोड़े दिन के बाद उसने हाँ कर दी | फिर एक बार हम दोनों मूवी देखने गए और एक दुसरे को किस कर रहे थे | तो मैंने उसके दूध दबा दिए तो उसने मुझे पकड़ा और जोर जोर से किस करने लगी | किस करते करते अब वो मेरा लंड रगड़ने लगी थी | फिर हम दोनों ने मूवी देखी और खाना खाने होटल में चले गए | फिर हमने खाना खाया और अपने बिल्डिंग वापस आ गए |

वो अपने रूम की तरफ जा रही तो मैं भी उसके रूम में उसके साथ चला गया | office wali ladki ki chudai

जैसे ही मैं उसके रोम में घुसा तो मैंने उसको कमर से पकड़ा और जोर से दबाके उसे किस करने लगा | वो भी मिस करने में मेरा साथ देती जा रही थी | फिर मैंने उसके दूध दबाने लगा और फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया | उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी थी | मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले और उसके दूध चूसने लगा | उसके दूध अच्छे बड़े बड़े थे और बहुत मुलायम भी जिन्हें दबाते और चूसते हुए मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था | वो ऊमम्म्म ऊउम्मम्म की आवाजें निकल रही थी और मेरी सर को मल रही थी | फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला और उसे उतर दिया |

अब वो सिर्फ पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी | office wali ladki ki chudai

वो ही सैक्सी लग रही थी तभी मैंने उसे टेबल पर बैठाया और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से रगड़ने लगा | उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी पैंटी को गिला कर रहा था | तो मैंने उसकी पैंटी किनारे करी और उसकी चूत को देखने लगा | उसकी चूत में हलके हलके से बाल थे और बिलकुल सनी लियॉन की चूत की तरह लग रही थी | मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगाई तो उसने एकदम से अपनी गांड उठा ली और ऊम्म्म की आवाज़ निकाली | फिर मैं उसकी चूत चाटने लग गया और चाटते हुए कहा कि ऐसी चूत मैंने कभी नहीं देखी | तो उसने कहा कि और चांटो | मैं फिर से उसकी चूत को चाटने लग गया | उसकी चूत से जो भी पानी निकल रहा था तो मैं उसे पीता जा रहा था और वो ऊउम्मम्म आहाहह्हा ऊउम्मम्म की आवाजें निकाल रही थी |

फिर वो उठी और हम फिर से किस करने लगे | office wali ladki ki chudai

अब वो टेबल से उतरी और मेरी शर्ट उतारी और मेरे सीने को चूमने लगी | फिर वो मेरे पैन्ट तक पहुंची और उसने मेरी बेल्ट खोली और मेरा पैन्ट उतार दिया | फिर उसने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर के ऊपर से मलना शुरू किया और कहा की तुम्हारा लंड तो बड़ा है | फिर उसने मेरी अंडरवियर उतार दिया और मेरे लंड को हाँथ में लेकर कहा की सच में तुम्हारा लंड बड़ा है मैंने पहले कभी इतने बड़े लंड से चुदाई नहीं करी है | तो मैंने पूछा कि तुमने पहली बार कब चुदाई करी थी | तो उसने कहा कि कॉलेज में फर्स्ट ईयर में एक लड़का था | फिर वो मेरा लंड हिलाने लगी और चूसने लगी | वो मेरा लंड बहुत अच्छे से चूस रही थी | फिर मैंने उसको उठाया और किस किया और उसकी पैंटी उतार दी |

फिर मैंने उसको झुकाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डालने लगा | office wali ladki ki chudai

जैसे ही मेरा लंड ने उसकी चूत को छुआ तो मुझे जन्नत का एहसास हो गया | फिर मैं उसे छोड़ने लगा और जोर जोर से झटके मारने लगा और वो आअह्ह्हह आहाहाहा करने लगी | फिर मैंने उसको टेबल पर बैठाया और उसके पैर फैला के उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और फिर चोदने लगा | वो भी आहाहाह आहाहा की आवाजें निकल रही थी | फिर मैं उसको 15 मिनिट तक चोदता रहा और फिर मेरा मुझे लगा की निकल अब निकलने वाला है | तो मैंने अपना लंड निकाला और हिलाते हुए मुट्ठ उसके पेट पर गिरा दिया | फिर हमने किस किया और रात में उसके कमरे में ही सोया और दो बार और उसके साथ चुदाई करी |

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सुप्रिया की चुदाई की कहानी https://sexstories.one/office-me-sex-aur-chudai/ Sat, 02 Jan 2021 07:26:44 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8/ भाइयो एवं बहनों आज में आप लोगो को अपनी लाइफ की एक रियल घटना बताने जा रहा हूँ | यह कहानी पढ़ कर आप लोगो को बहुत मजा आने बाला है और आप लोगो का ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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भाइयो एवं बहनों आज में आप लोगो को अपनी लाइफ की एक रियल घटना बताने जा रहा हूँ | यह कहानी पढ़ कर आप लोगो को बहुत मजा आने बाला है और आप लोगो का लंड खड़े होने वाला है | मुझे पता है कि आप लोगो को यह कहानी पढ़ने में बहुत मजा आने वाला है | अब में बिना समय गंवाए अपनी कहानी में आता हूँ | office me sex

मेरा नाम सिब्बू राठोर है | में मुंबई का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 28 साल है और में मुंबई में एक कंपनी में बिलिंग का काम करता हूँ | मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मेरी एक बहन बस है |

भाइयो एवं बहनों जब में कम्पनी में बिलिंग का काम करता था | तो कंपनी में एक सी एक लडकिया काम करने के लिए आती थी | सभी लडकिया देखने में बहुत ही ज्यादा सेक्सी और एक नंबर की माल दिखती थीं | मुझे तो सभी लडकियों को देख कर चोदने का मन करता था जब भी में उन लोगो को देखता था तो मेरा लंड उन लोगो की चूत की याद में खड़ा हो जाता था और रिसने लगता था | फिर कुछ दिन बाद कम्पनी में एक और लड़की काम पर आई और वो लड़की मेरे बाजु वाली सीट पर ही बैठती थी और वो दिखने में बहुत ही सुंदर और सेक्सी दिखती थी |

फिर तो उसके बाद मेरा लंड उसकी चूत के लिए तड़प रहा था | office me sex

वो मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी | उसका नाम सुप्रिया था | वो भी मुंबई की रहने वाली थी | …..फिर उसके बाद जब भी वो रोज कम्पनी काम पर आती तो मुझे उसे देख कर बस चोदने का मन करता था | फिर उसके बाद में उसे पटाने में लग गया क्यूंकि में उसे बहुत पसंद करने लगा था | …..फिर मुझे तो उसे पटाना था और चोदना था | फिर मैं धीरे धीरे करके उसे बात करना शुरु कर दिया कर दिया वो बात करने में बहुत अच्छी थी वो मुझसे अच्छे से बात किया करती थी फिर एक दिन बातो बातो में मैंनेउसका मोबाइल नंबर ले लिया था | और फिर उसके बाद हम दोनों की मोबाइल पर भी कभी कभी बात हो जाती थी | मैं सुप्रिया को लाइन मारा करता था और उसे बहुत देखा करता था | सुप्रिया से मेरी बहुत अच्छे से बात होने लगी थी कुछ दिन बाद |

मैं जब भी सुप्रिया को देखता था तो वो मुझे देख कर मुस्कुरा देती थी | office me sex

हम दोनों लंच टाइम एक साथ खाना खाया करते थे | और एक दुसरे से बहुत मजाक किया करते थे | फिर एक दिन मैंने मजाक मजाक में सुप्रिया से कह दिया ……कि सुप्रिया मैं तुमको बहुत पसंद करने लगा हूँ | तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो यह बात सुनकर वो मुझसे बोलने लगी की सही में तुम मुझे पसंद करने लगे हो …..और फिर मैंने  उसे कह दिया कि हाँ में तुमको बहुत पसंद करने लगा हूँ | फिर वो स्माइल करने लगी और मुझसे कहने लगी तुम भी मुझे अच्छे लगते हो और फिर उसके बाद हम दोनों जाकर काम करने लगे | फिर उसके बाद दूसरे दिन से सुप्रिया मुझसे रोज मोबाइल पर बात करने लगी | सुप्रिया भी मुझे बहुत पसंद करने लगी थी | सुप्रिया पूरी तरीके से मेरे प्यार में पागल हो गई थी |

वो मुझसे बहुत प्यार करने लगी | office me sex

मैं जो भी सुप्रिया से बोला करता वो करती थी वो हमेशा मेरी बात माना करती थी | मुझे तो बस उसकी चूत चाहिए थी मुझे उसे चोदना था | फिर एक दिन मैं और सुप्रिया कम्पनी में अकेले काम कर रहे थे सब लोग कही मीटिंग के लिए गए हुए थे | तो उस दिन मुझे सुप्रिया को चोदने का बहुत मन कर रहा था | मेरा लंड सुबह से उसकी चूत की याद में तड़प रहा था | फिर उसके बाद मैंने सोचा आज सुप्रिया को चोदने के लिए मना ही लेता हूँ | फिर उसके बाद कम्पनी में मैं और सुप्रिया बस थे तो मैंने सुप्रिया से कहा सुप्रिया क्या तुमने कभी किसी को किस किया है तो सुप्रिया ने मुझसे बोला क्यों | फिर मैंने सुप्रिया से कहा मुझे तुम्हे किस करने का मन कर रहा है | मुझे तुम्हे किस करना है | यह सुनकर सुप्रिया हसने लगी …..फिर मैंने सुप्रिया से कहा जल्दी से मुझे किस दो तो उसने मुझे जल्दी से मेरे होट में किस कर दिया और कहने लगी की बस |

फिर मैं सुप्रिया से कहने लगा कि तुम इसे किस कहती हो | office me sex

तो वो मुझसे कहने लगी की और नहीं तो क्या तो फिर किसे कहते हैं ? फिर मैंने सुप्रिया को पकड़कर अपनी कुर्सी पर अपनी गोद में बैठाया और उसे किस करने लगा | मैंने सुप्रिया को बहुत देर तक किस किया और फिर उसके बाद सुप्रिया से कहा किस इसे कहते है | धीरे से मैं उसके दूध दबाने लगा और उससे कहने लगा कि आज तुमको मुझे चोदना है मेरा लंड सुबह से तुम्हारी चूत की याद में तड़प रहा है | सुप्रिया आह्ह्ह आःह ऊउह्ह्ह ऊह्ह्ह करने लगी और अपने हाथ से मेरे खड़े लंड को पकड़ने लगी फिर उसके बाद मैंने अपना हाथ भी सुप्रिया की चूत में डाल दिया और सुप्रिया जोर से आह्ह आह्ह्ह करने लगी | जोश जोश में सुप्रिया ने अपने पूरे कपडे उतार दिए और अपनी चूत खोलकर बेंच पर लेट गयी और चोदने को कहने लगी |

Meri chut ki chudai

फिर मैंने सुप्रिया की चूत की याद में तड़प रहे लंड को उसकी चूत में डाला और सुप्रिया को धीरे धीरे चोदा | सुप्रिया आह्ह्ह आह्ह ऊउह्ह ऊह्ह्ह कर रही थी और कह रही थी जल्दी जल्दी चोदो कही कोई आ ना जाये और आह्ह आःह कर रही थी | मुझे बहुत मजा आ रहा था सुप्रिया को चोदने में फिर उसके बाद कोई कम्पनी वाला ना आ जाये उसके डर में सुप्रिया कहने लगी कि बस करो कोई आ जाएगा और हमें देख लेका चोदते हुए और आआह्ह्ह अआह्हह आअह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऊह्ह्ह मेरे लंड की मार से | उसके बाद जब मैंने सुप्रिया को चोद कर अपने कपडे पहन लिए और सुप्रिया को भी जल्दी कपडे पहनने को बोला क्योकि सब लोगो का कम्पनी आने का टाइम हो गया था | फिर हम दोनों अपना काम करने लगे |

अब हम दोनों एक दुसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे | office me sex

फिर मैंने सुप्रिया से बोला मजा आया चुदने में ….तो वो हसने लगी और बोलने लगी बहुत मजा आया ऐसा लग रहा था की बस तुम मुझे चोदते रहो | फिर वो मुझसे पूछने लगी तुमको आ रहा था कि नहीं मजा | मैंने बोला मुझे तो बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड तुमको चोदने के लिए बहुत दिन से तड़प रहा था | फिर उसके बाद हम दोनों घर चले गए | जब दूसरे दिन कम्पनी में काम के लिए आए तो सुप्रिया मुझसे कहने लगी कि मुझे कल रात में नींद नहीं आ रही थी मेरी चूत तुम्हारे लंड को बहुत याद कर रही थी | कल रात में मुझे बहुत चुदने का मन कर रहा था | मुझे आपसे और चुदना है और फिर वो मुझे रात में अपने घर आने के लिए मनाने लगी | मैंने कहा मुझे भी तुमको चोदने की बहुत इक्च्छा हो रही थी रात में | आज रात में तुम्हे बहुत चोदुंगा फिर सुप्रिया मुझसे कहने लगी कि जल्दी आना मुझसे बिलकुल रहा नहीं जा रहा है | फिर मैं रात में सुप्रिया के घर गया | वो मुझे देखकर बहुत खुश गयी और आकर मुझसे लिपट गयी और अपने हाथ से मेरे जीन्स को खलने लगी और मेरे लंड को अपने मुह में लेने लगी |

मुझे बहुत मजा आ रहा था जब वो मेरा लंड अपने मुह में ले रही थी | फिर मैंने उसे बेड पर लेटा के उसके पूरे कपडे फाड़ दिए और उसकी चूत में अपना लंड डालकर चोदने लगा | मैं सुप्रिया को उपर नीचे कर के अलग अलग स्टायल में बहुत चोद रहा था | सुप्रिया जोर जोर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी और बहुत चिल्ला रही थी और मैं सुप्रिया के मस्त दूध पीने लगा और जोर जोर से दबाने लगा सुप्रिया के बहुत मस्त दूध थे चिकने चिकने उनको पीने में बहुत मजा आ रहा था | वो तो बस आह्ह आह्ह आह्ह ऊउह्ह ऊह्ह कर रही थी और बोल रही थी और चोदो और चोदो और मैं उसे चोदता रहा | मुझे तो उसे चोदना ही था और मुझे बहुत मजा भी आ रहा था | मुझसे चुदने के बाद भी मुझे घर नहीं जाने दे रही थी और चुदने की ज़ि कर रही थी | उसे बहुत मजा आ रहा था चुदने में और मुझे भी चोदने में | फिर मैं कभी भी सुप्रिया को चोदता रहता था और सुप्रिया भी मुझसे खुद चुदने आती थी |

उसे नशा चढ़ गया था मुझसे चुदने का | office me sex

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ऑफिस के लड़के मारी मेरी चूत https://sexstories.one/office-me-meri-chudai/ Wed, 18 Mar 2020 21:24:57 +0000 https://sexstories.one/?p=460 हेलो दोस्तों मेरा नाम मीनाक्षी है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं मेरा सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है मैंने कई बार अपनी चुत चुदवाई है मगर आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की दास्तां सुनाने ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों मेरा नाम मीनाक्षी है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं मेरा सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है मैंने कई बार अपनी चुत चुदवाई है मगर आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की दास्तां सुनाने जा रही हूं यह तब की बात है जब मैं 16 साल की थी और 12वीं क्लास के बाद मैंने जॉब शुरू की और मैं एक कॉलिंग की जॉब करने लगी जिसमें मुझे सोशल वर्क के लिए कॉल कर दी होती थी वह एक अनाथ आश्रम का कॉल सेंटर का जहां पर मैं और सिर्फ दो लड़की और कॉलिंग करती थी हमारा एक बॉस था जो कि हमें काम समझाता था और हम काम करते थे वहां पर हम बच्चों की मदद करने के लिए लोगों से पैसे मांगते थे..

हमारे ऑफिस में 3 4 लड़के काम करते थे जोकि लोगों से पैसे कलेक्ट करते थे जिसमें से एक लड़का था जिसका नाम लकी था वह मुझे बहुत देखता था मैं भी उसे देखा करती थी ऐसे ही हमारे बातें शुरू हुई और बातों बातों में दोस्ती हो गई मेरे साथ जो लड़कियां काम करती थी वह एक दो महीने में जॉब छोड़ कर चली गई और लकी के साथ जो लड़के काम करते थे..

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वह भी धीरे-धीरे चले गए अब कॉलिंग के लिए सिर्फ मैं एक लड़की थी ऑफिस में और पैसे कलेक्ट करने के लिए लकी था सिर्फ हमारा बॉस अब हमारे ऊपर प्रेशर डालने लगा था काम का और ज्यादा से ज्यादा काम मांग रहा था कोई भी लड़की नहीं आ रही थी जॉब के लिए इसी बीच मेरी और लकी की गहरी दोस्ती हो गई और हम एक दूसरे से प्यार करने लगे हमारा बोस अक्सर ऑफिस से बाहर चला जाता था और ऑफिस में सिर्फ मैं और लकी रह जाते थे…

मैं कॉलिंग करती थी लकी बैठा रहता था और मुझे देखता रहता था इसी बीच कभी कभी हम दोनों एक दूसरे को किस भी कर लिया करते थे हमारा बॉस पूरा पूरा दिन नहीं आया करता था इस बात का हम दोनों बहुत फायदा उठाया करते थे और खूब मस्ती किया करते थे खूब प्यार करते थे एक दिन हमारा बॉस बाहर गया था कहीं और ऑफिस हमारे हवाले सौंप कर चला गया.

अब ऑफिस में हम अकेले ही रहते थे पूरे पूरे दिन लकी ने मुझे एक दिन किस की और किस करते करते उसने मेरे बूब्स पर अपने हाथ रख दिया और मसलने लगा जब मैंने उससे कहा यह मत करो तो उसने कहा मीनाक्षी हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं तो इसमें इतना तो चलता है तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने मेरी कमीज के अंदर हाथ डाल दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगा सब करते करते उसने मेरी कमीज़ उतार दी और मैं इतनी गरम हो गई थी..

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उसको मना नहीं कर पाई अब मैं उसके सामने ब्रा और सलवार में थी उसने मुझे किस करते करते मेरी कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और धीरे से उसने मेरी ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया मैं चाह कर भी उसको रोक नहीं पाई उसने मुझे उठाकर टेबल बनने का उसने मुझे फिर से किस करना शुरू किया और फिर भी धीरे धीरे नीचे आता क्या पहले उसने मेरी गर्दन पर किसकी है फिर उसने मेरे बुक्स पर किसकी और मेरे बूब्स चूसने लगा एक हाथ से मेरे एक बूब्स को दबा रहा था और चूस रहा था…

फिर उसने धीरे से नीचे आता क्या मेरे पेट पर नाभि पर अपनी जीभ रगड़ने लगा और चाटने लगा मैं बहुत गर्म होती जा रही थी और उसने धीरे से मेरी सलवार का नाडा खोल दिया मैंने उससे कहा यह क्या कर रहे हो मत करो ऐसा मुझे कुछ हो रहा है तो उसने कहा मीनाक्षी मेरी जान मुझे मत रोको मैं तुमसे बहुत प्यार करना चाहता हूं और तुम्हें अपनी रानी बनाना चाहता हूं आज मैं तुमको अपनी बीवी की तरह प्यार करूंगा और तुम्हें खुश कर दूंगा मैंने उससे कहा जो करना है मेरी जान जल्दी करो ..

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा प्लीज़ कुछ करो तो उसने यह सुनते ही मेरी सलवार उतार दी अब मैं उसके सामने सिचुत एकदम साफ थी और कुंवारी थी एक भी बाल मेरी छत पर नहीं था एकदम मक्खन जैसी मुलायम चुत देखकर लकी पागल हो गया और उसने अपना मुंह फिर से मेरी चुत पर रख दिया और अपनी जीभ से मेरी चुत को चोदने लगा जैसे ही उसकी जीव मेरी चुत के अंदर कई मुझे एकदम करंट सा लगा मानव में एक सातवें आसमान पर थी और मुझे बिल्कुल होश नहीं रहा कि मेरे साथ क्या हो रहा है..

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मैं कहां पर हूं क्या कर रही हूं मुझे कुछ नहीं पता था बस चुत चुदाई आग में जल जाना चाहती थी और मैंने लकी का सर अपनी चुत पर दबा दिया मोर मानो ऐसे दबा रही थी जैसे लकी को अपनी चुत में ही घुसा लूंगी अब लकी मैं अपने कपड़े उतार दिए और अपना अंडरवियर भी उतार दिया..

मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था और लंड भी पहली बार देखा था इतना बढ़ा लंड देख कर मैं घबरा गई थी और लकी से बोली तुम्हारा इतना बड़ा है चुत में कैसे जाएगा मेरी चुत तो छोटी सी है मैं मर जाऊंगी नहीं ले पाऊंगी से प्लीज इससे ज्यादा आगे मत पढ़ो तो उसने मुझे समझाया और हंसते हुए बोला की पतली भूतनी बड़ी कमीनी चीज होती है इसे इतना बड़ा लंड नहीं हाथी का लंड बी दे दो तो भी यार आपसे अंदर ले लेती है तुम घबराओ मत मैं बहुत प्यार से चोदूंगा तुम्हें…

अब उसने मुझे टेबल से उठाकर जमीन पर पीछे बिठा दिया और मेरे सामने खड़ा हो गया उसने मुझसे कहा मीनाक्षी सेहार पकड़ो मैंने उसे हार में पकड़ लिया उसने मुझसे कहा मीनाक्षी जैसे आगे पीछे करो मैंने अपने हाथों से उसे आगे पीछे करना स्टार्ट कर दिया वह और बड़ा होने लग गया धीरे-धीरे ..

अब उसने कहा मीनाक्षी इसे अपने मुंह में लेकर चूसो जैसे आइसक्रीम चुस्ती हो..

मैंने वैसे ही किया मैंने लैंड को मुंह में लेकर चूसना जादू किया मुझे बहुत अच्छा लगा मेरा जोश पढ़ रहा था मैंने उसे जोर जोर से अंदर बाहर करना चालू किया और लकी भी अब अपने मुंह से सिसकारियां निकलने लगा और अब उसने मुझे फिर से खड़ा कर दिया और टेबल पर लेटने को कहा मैं टेबल पर सीधी लेट के उसने मेरी टांगें चौड़ी कर दी और मेरी टांगों के बीच आकर अपना लंड मेरी चुत पर रगड़ने लगा …

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मैं पागल हुए जा रही थी और लकी को गाली देने लगे बहन चोर क्या कर रहा है डाल देना इसको चुत में उतर पा रहा है जल्दी से डाल अंदर लकी ने अब लंड को मेरी चुत के दरवाजे पर सेट किया और धक्का देने लगा मेरी चुत इतनी टाइट थी कि लंड अंदर नहीं जा रहा था तो उसने मेरी चुत पर थूका और अपने लंड को भी रूप से गिला किया फिर उसने दोबारा अपना लंड मेरी चुत पर रखा और जोरदार धक्का मारा उसका लंड का अगला हिस्सा में घुस गया मैं दर्द से चिल्ला उठी हुई मां मर गई निकालो इसे बहुत दर्द हो रहा है.. मैं मर जाऊंगी निकालो इसे बाहर..

लकी रुक गया और वह मेरे ऊपर लेट गया और मेरे होंठ चूसने लगा और कुछ देर तक रुका रहा है ऐसे ही मुझे किस करता था और अपने हाथों से मेरे बूब्स दबाता रहा मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसने दोबारा एक जोरदार धक्का मारा और इस बार उसका पूरा लंड मेरी चुत को समझ चुका था और मैं फिर से चिल्ला उठी इस बार उसने मेरा मुंह अपने मुंह में ले लिया था और मेरी चीख को मेरे मुंह में ही दबा दिया और फिर मुझे धीरे धीरे चोदने लगा अब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने का मजा लेने लगी..

लकी समझ गया कि आप मुझे मजा आ रहा है उसने अपनी कमर और तेजी दानी शुरू कर दी और लंड तेजी से अंदर बाहर होने लगा मुझे और मजा आने लगा मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी हां हां ऐसे ही चोदते रहो बहुत मजा आ रहा है और तेज से चोदो बहुत मजा आ रहा है बाढ़ दो मेरी चुत में अपना बड़ा सा लंड और बना लो मुझे अपनी रंडी आज से मैं तुम्हारी रंडी हूं लकी तुम मेरे राजा हो तुम जैसे चाहो जब चाहो मुझे चोद सकते हो मैं तुम्हें कभी मना नहीं करूंगी आज से मैं तुम्हारी हूं आ जोर से चोदो ..

तभी मैं अकड़ने लगी और मुझे नीचे कुछ हो रहा था पता नहीं क्या हो रहा था और जो भी हो रहा था अच्छा हो रहा था मैंने लकी को कस के पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचने लगी मैंने उसकी पीठ पर नाखून काट दिए खरोच ने लगी लकी की भी स्पीड बढ़ गई उसने मुझसे कहा मेरा होने वाला है कहां निकालूं…

मैंने उससे कहा जानू पहली बार कर रहे हैं तो मेरी चुत में ही अपना माल निकाल दो… मैं भी होने वाली हूं लगता है ऐसे ही करते रहो रुकना मत उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और तेजी से मुझे चोदने लगा मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उस से चुदवाने लगी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी ऐसी चोदते चोदते हैं हम दोनों एक साथ झड़ गए उसने मेरी चुत में ही अपना मां सारा माल झाड़ दिया और मैं भी झड़ गई तकरीबन 5 मिनट बाद उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला पूरा खून मिला रखा था..

मेरी चुत का माल और उसके लंड का माल भी लगा हुआ था उसके लंड पर मैंने देखा मुझे बहुत अच्छा लगा मेरी चुत से खून और उसका माल मेरा माल हम दोनों का माल मिलकर टेबल पर गिर रहा था मैंने उठकर बाथरूम में गई और अपने आप को साफ किया वापस आए तो दिखा लकी फिर से लंड को मिला रहा था ..

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मैंने उससे कहा मेरी चुत को स्विच हुई है दर्द बहुत हो रहा है अब नहीं करते फिर कभी करेंगे उसने कहा ठीक है अब इसको तुम मुंह में लेकर शांत कर दो तो अब बाकी की जुदाई फिर कभी करेंगे मैंने वैसा ही किया मैंने लगी का लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी तकरीबन 15 मिनट तक उसका लंड चूसा फिर उसने मेरे मुंह में माल झाड़ दिया..

लकी का सारा माल पी गई अब हमें जब भी मौका मिलता है हम ऑफिस में खूब जमकर सेक्स का मजा लेते हैं मुझे लकी से अपनी चुत जमाना बहुत अच्छा लगता है..

अब मुझे के लंड की आदत हो गई है तो दोस्तो यह थी मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल जरूर भेजना मैं अपनी बार भी नहीं कहा कि आप के साथ साथ ही रहूंगी ताकि आपको मेरा सारा अनुभव मिले और लड़की तलाश में रहती हो ..

मुझे अपना प्यार ई-मेल जरूर भेजना आपकी मीनाक्षी

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जुगाड़ में मिली छोकरी https://sexstories.one/office-me-chudai/ Wed, 18 Mar 2020 09:23:56 +0000 https://sexstories.one/?p=458 बात २ साल पहले की है !मैं बैंगलोर की एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में साक्षात्कार देने के लिए गया था।साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात HR मैनेजर स्वाति से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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बात २ साल पहले की है !मैं बैंगलोर की एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में साक्षात्कार देने के लिए गया था।साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात HR मैनेजर स्वाति से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही मेरा लण्ड खड़ाहो रहा था, उफ्फ्फ्फ़ क्या क़यामत लग रही थी वो ! मैं पागलों की तरह बस उसकी चूचे और गांड को देख रहा था। office me chudai. उसकी गांड और चूचों को देख कर मेरा लण्ड एकदम तन गया था।

मैंने टांग के ऊपर टांग रख कर उसे दबाने की कोशिश की पर लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। तभी मेरा नाम बोला गया। मैंने सामान्य होने की कोशिश करते हुए अंदर प्रवेश किया पर मेरा खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिखाई दे रहा था और स्वाति की निगाह अब मेरे लण्ड पर लग चुकी थी।

office me chudaiगुड मॉर्निन्ग मैडम कह कर मैं लण्ड को छुपाते हुए कुर्सी पर बैठ गया। मैं स्वाति से निगाह नहीं मिला पा रहा था। निगाह ना मिलाने का एक कारण उसकी चूचियाँ थी जिसकी वज़ह से मेरा लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था।

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पर स्वाति शायद लण्ड की प्यासी थी, उसने मुझसे कहा- आप को बैठने के लिए किसने बोला था?

मैंने कहा- माफ़ करें मैडम ! मैं मजबूर हूँ !

उसने मुझे खड़े होने के लिए कहा और खुद भी अपनी सीट से खड़ी हो गई। लेकिन मैं खड़ा नहीं हुआ।

अबवह खड़ी होकर मेरे लण्ड को निहाररही थी। ऐसा लग रहा था कि वो लण्डसे खेलना चाहती थी। मैंने हाथ से लण्ड को नीचे कर दोनों
टांगों के बीच में लण्ड को दबा लिया।

अब मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा था और उसी दशा में मैं सीधा खड़ा भी हो गया। उसने मेरा नाम पूछा और कहा- तुम क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हो? भगवान ने इसे छुपाने के लिए नहींबनाया है।

Office me chudai sex storyऑफिस के लड़के मारी मेरी चूत

मैं उसकी बात सुनकर सकपका गया औरमेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया, मैंने कहा- कुछ नहीं मैडम !

उसके बाद मैं सामान्य हो गया पर स्वाति के मन में कुछ और था और वहखुल कर बोलने लगी- तुम लण्ड क्यों छुपा रहे हो?

मैं ऐसा सुन कर मन ही मन में सोचने लगा- आज तो भगवान मुझ पर मेहरबान हैं !

मैंने कहा- मैडम, आपकी चूची और गांड को देखकर मेरा लण्ड खड़ा होगया है और अब यह बैठने का नाम नहीं ले रहा है ! और आप इन्टरव्यू लेने की बजाए मुझे छेड़ रही हैं ! बस इसी वज़ह से मैं ना तो आपसे निगाह मिला पा रहा हूँ और लण्ड को छुपा रहा हूँ। असल में मैंने आपको जब टेस्ट के समय देखा था तभी से भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि आपकी चूत मारने का मौका दिलवा दे !

स्वाति ने कहा- मुझे तुम्हारी निडरता अच्छी लगी।

तब मैंने कहा- और मेरा लण्ड

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उसने कहा- तुम उतने शरीफ नहीं हो जैसा मैं सोच रही थी। तुम काफ़ी शरारती हो ! तुम इस नौकरी के लिय चुन लिए गए हो ! आज शाम 11 बजे मुझे इस पते पर मिलो !

मैं फूला नहीं समा रहा था और मुझे वो कहावत याद आ रही थी- जब भगवान देता है तो छप्पर फ़ाड़ करदेता है !

मैंने धन्यवाद मैडम !

कह कर स्वाति से हाथ मिलाने के बहाने उसकी चूची पर चुटकी भर दी और वह चहुंक उठी। वो कौन सी पीछे रहने वाली थी, उसने आगे बढ़कर सीधा लण्ड को पकड़ कर सहला दिया।।

मैं सावधानी बरतते हुए जल्दी से वहाँ से निकललिया और बस रात का इंतज़ार करने लगा।

आखिर रात भी आ गई और मैं उसके बताये स्थान पर पहुँच गया। उसने नाईटी पहन रखी थी और वह घर पर अकेली थी। वो अपनी सहेली के साथ कमरे में रहती थी।

उसकी सहेली बाहर पार्टी में गई थी। उसकी नाईटी में से सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था। दरवाजे पर ही उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया।

मैंने भी उसका पूरा साथ दिया और जम कर उसके होंठों को चूसा और एक हाथ से दरवाजा बंद कर दिया।

और अब धीरे-2 उसके चूचे दबाने लगा। इतनी ठण्ड होने के बावजूद हम दोनों गरमाने लगे थे। धीरे-2 दोनों नंगे हो गए। स्वाति पहले से खेली-खाई लग रही थी और वह सीधा लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी।

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मैं भी उसके बालों को पकड़ कर उसके मुँह को अपने लण्ड से चोदनेलगा। 30-35 झटकों के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया। मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहाथा कि सुबह मैं जिसकी चूत मारना चाह रहा था, वो अब मेरे लण्ड को चूस रही है।

थोडी देर बाद ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और इस बार में उसके स्तन मुँह में लेकर चूस रहा था और हाथ से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था।

स्वाति एकदम गरम हो चुकी थी और कह रही थी- अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है, मेरी चूत को चोद दो !

मैंने भी उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद पर लगा कर सीधा जोर लगाया और आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चूत कसी थी और उस झटके से उसके मुँह से चीख निकल गई।

मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे रोका। थोड़ी देर में ही उसे मजा आने लगा और गांड हिला-2 कर खुद चुदने लगी। धीरे-2 मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसके मुँह से आह ऊह्ह आः उछ स सी की आवाज़ निकलरही थी। ुझे अब अनुभव हो रहा था कि धरती पर कही स्वर्ग है तो चूत मारने में ही है।

करीब 25-30 झटकों में वो और मैंदोनों एक साथ झड़ गये और काफी देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे। कुछ देर बाद फिर से हम दोनों एक दूसरे को वासना भरी नजरों से देखरहे थे।

इस बार मेरी निगाह उसकी गांड पर थी पर वो इससे अनजान थी। मैंने ढेर सारी क्रीम लेकर उसकी मस्तानी गांड की छेद पर मलने लगा।

Office me chudai sex story – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका

मुझे ऐसा करते देख, वो चुदास भरी नजरोँ से देखते हुए पूछी- ये क्या कर रहे हो राजा? उसने कहा- मैंने अभी तक गांड नहीं मरवाई है।

मैंने कहा- अब मरवाओ ना!

इतना कह कर मैंने लण्ड का सुपाराउसकी गांड के छेद पर लगाया और हल्का सा धक्का लगाया। सुपारा छेद में चला गया। गांड बहुत ज्यादा तंग थी। दर्द के साथ-2 बहुत मजा आ रहा था। वह भी दर्द केमारे अ आ या ऊह रहने दो ! चिल्ला रही थी।

थोड़ी देर में ही वह सामान्य हो गई और उसे भी मजा आने लगा। अब मैंभी पूरा लण्ड उसकी गांड में बार बार अंदर-बाहर कर रहा था। काफी देर तक चुदाई करने के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।

इस तरह उसकी गांड और चूत की चुदाई पूरी रात चलती रही ।।।

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