mote lund se chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/mote-lund-se-chudai/ Hindipornstories.org Sun, 12 Dec 2021 07:20:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 शादी के बाद लडको से चुदाई के मजे लिए https://sexstories.one/meri-pyasi-chut-ki-chudai-sex-story/ Sun, 12 Dec 2021 07:20:10 +0000 https://sexstories.one/?p=3466 वो मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी और खीच कर मेरी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने के साथ में मेरी गांड को दबा रहा था...

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Meri pyasi chut ki sex story – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रूचि है | मैं रहने वाली कश्मीर की हूँ | मेरी शादी हो चुकी है | मेरी शादी को 2 साल हो चुके हैं | मैं दिखने में गोरी हूँ | मेरे बदन भरा हुवा है और मेरा चेहरा गोल है | जिससे मैं दिखने में काफी सुन्दर लगती हूँ | मेरे उम्र 24 साल है | मेरा फिगर सेक्सी है | मैं आप लोगो को बता देती हूँ की मेरे पति दिखने में गोरे हैं और उनके बदन गठीला है | वो काफी हट्टे कट्टे हैं | वो दिखने में तो बहुत अच्छे लगते हैं | वो किसी पहलवान से कम नही हैं | मेरे पति की उम्र 28 साल है | उनके शरीर की तरह उनका उनका लंड भी दमदार है और काफी लम्बा और मोटा है |

जब मैं उनके साथ सेक्स करती हूँ तो मुझे वो मंजा नही मिल पता है | जो मुझे कम उम्र के लडको के लंड से चुदने में मिलता है | अब मेरी इच्छा कम उम्र के लडको से चुदने की होती थी | वो मुझे बहुत ही अच्छे से चोदते हैं पर मुझे अब मज़ा नही आता है | मैं अब कम उम्र के लडको के लंड को अपनी चूत में कल्पना करके बहुत अच्छा महसूस करती हूँ | मैं बहुत बार अपने पति की नजरो से बच कर लडको के साथ सेक्स का मज़ा ले चुकी हूँ | मुझे तब से ही कम उम्र के लडको से चुदाई करने में मज़ा आता है | मैं अब अपनी कहानी पर आती हूँ | मैं कल्पना करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी |

दोस्तों जब मेरी शादी नही हुई थी | उस टाइम मेरी उम्र 17 -18 तक ही होगी | तब मैंने पहली बार 10 साल के लड़के को अपने घर से कुछ ही दूर पर एक सुनसान जगह है | मैं उस लड़के को अपने साथ ले गयी थी | फिर मैंने उस लड़के से अपने स्तन को  मुंह में लेकर चूसने को कहा | वो मेरे बूब्स को मुंह में रख कर चूसने लगा | वो मेरे निप्पल को मुंह में रख कर जोर जोर से दबाते हुए चूस रहा था | मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और मैं सोच रही थी की इसमें इतना मज़ा आता है | तब चुदाई में कितना मज़ा आता होगा | मैं अपने स्तन को चुसाने के बाद उस लड़के से बोली की अब तुम ये बात किसी से मत बोलना नही तो तुम्हे मार पड़ेगी | वो बोला की ठीक है किसी से नही कहूँगा | उसके 3 -4 महीने के बाद की बाद है जब मैंने अपन पहली चुदाई अपने घर के पीछे करवाई थी |

उस दिन मेरे मोहल्ले के  लड़के ने ही मेरी चूत की सील तोड़ी थी | उस दिन में एक मछली की तरह तड्पी थी | वो मेरी चूत में लंड को डाल कर मुझे पहली चुदाई का मज़ा दिया था | उसके बाद वो मुझे कभी कभी चोदने आ जाता था | मैं अपने घर के पीछे ही रात में चुद लिया करती थी | कुछ दिन बाद ही मेरी शादी के लिए कुछ लोग मुझे देखने आये | वो लोगो ने मुझे पसंद कर लिया और उसके 1 महीने बाद ही मेरी शादी हो गयी | मेरी सुहागरात के दिन मेरे पति ने मुझे पूरा नंगा करके मेरी चुदाई की थी | मैं उस रात पहली बार पूरी नंगी हो कर किसी से अपनी चुदाई करवा रही थी | उसके बाद मेरे पति मुझे अक्सर चोदा करता हैं |

इस तरह से मेरी शादी को धीरे धीरे  2 साल हो गए | अब मैं फिर से कम उम्र के लडको से चुदने के लिए सोचने लगी | एक दिन की बाद है जब मैं मार्केट में सब्जी लेने के लिए गयी थी | उस दिन एक लड़का मेरे पीछे पीछे घूम रहा था क्यूंकि में इतनी हॉट हूँ और मैं कहीं से शादीशुदा नही लगती हूँ | वो लकड़ा दिखने में अच्छा था इसलिए मैंने उसे माना नही किया | अब जब मैं काफी भी मार्केट जाती थी तो वो लकड़ा मुझे लाइन मारता और मेरा पीछा करता था | एक दिन की बात है जब वो लड़का बहुत हिम्मत करके मेरा पास आया |

वो लड़का – हाय कैसी हो आप ?

मैं – अच्छी हूँ आप ?

वो लड़का – मस्त हूँ और आप क्या करती हो |

मैं – कुछ नही अपने घर काम करती हूँ और तुम हो कौन जो ये सब मुझसे पूछ रहे हो |

वो लड़का – मेरा नाम सूरज है और आपका नाम क्या है ?

मैं – ठीक है तुम्हारा नाम सूरज है | ये सब आप मुझसे क्यूँ बोल रहे हो |

वो लड़का – मैं तुम्हे पसंद करता हूँ आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो |

मैं – बेटा अपनी उम्र देखो और मेरी उम्र देखो फिर मुझसे फिर प्यार करना |

मैं ये बोल कर वहां से चली आई | मुझे सूरज पसंद था पर औरत होने की वजह से कुछ नही बोली | एक दिन की बात है जब वो लड़का मुझे फिर मिल गया और बोला की आप मुझे अपना नाम तो बता दो | मैंने उस दिन उस लडको को अपना नाम बताया | फिर उसने मुझे अपना नम्बर देकर बोला आप एक बार कॉल कर देना और चला गया | मैंने उसे उस दिन कॉल नही की उसके कुछ दिन बाद की बात है जब मैंने उसे कॉल की और उससे बात करने लगी | फिर मेरी उससे रोज ही बात होने लगी जब मेरे पति घर पर नही होते थे तो मैं उससे बात करती थी |

वो मुझे कॉल पर किस भी करता था | इस तरह से मुझे उससे बात करते हुए 2 -3 महीने तक हो गये | अब वो मुझसे सेक्स के लिए भी कहता था | मैं भी उसके लंड की भूखी थी और मौका देखती थी की कब में उसके लंड का मज़ा ले पाऊँगी | उसके कुछ दिन के बाद की बात है जब वो मुझसे बोला की चलो कहीं घुमने चलते हैं | मैं और सूरज जब भी मिलते थे | वो मेरी होठो पर किस करता था | जब वो मुझे किस करता था तो मुझे अच्छा लगता था |

उस दिन वो मुझे घुमाने ले गया था | उसके बाद उसने मुझसे कहा मेरे घर पर आज कोई नही है और न ही कोई आज आएगा तो घर चलते थे | अब मुझे लगा की मुझे आज उसके लंड का मज़ा मिल जायेगा | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं और सूरज बैठ कर बात करने लगे | तब वो मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी और खीच कर मेरी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने के साथ में मेरी गांड को दबा रहा था | वो मेरी गांड को दबाने के साथ मुझे किस कर रहा था |

Chudai ki Kahaniya दो बार चुदाई एक रात में

मों कुछ देर में गर्म हो गयी और वो तो मेरी चुदाई करने के लिए तैयार था | फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिए साथ में मेरे भी निकाल दिए | मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | मैं उस दिन हल्के रेड कॉलर की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी | वो मेरे एक दूध को ब्रा के ऊपर से दबाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रही थी | जब मैं उसके लंड को सहला रही थी तो मुझे इसका लंड काफी बड़ा और मोटा लग रहा था | वो मेरे बूब्स को चूसने के साथ में मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया | फिर वो मेरे दूध के निप्पल को मुंह में रख कर चूसने लगा |

मैं उसके सर को पकड कर आ आ आ आ.. हूँ हूँ हूँ.. ह ह ह ह.. अ अ अ अ अ…. सी सी सी सी… उई की सिसकियाँ लेने लगी | वो मेरे निप्पल को मुंह से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मुझे सोफे पर लेटा दिया | फिर मेरी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर मेरी चूत को चाटने लगा | मैं अपने स्तन के निप्पल को दबाती हुई उ उ उ उ… आ आ आ आ… सी सी सी सी…. ऊ ऊ ऊ ऊ… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मेरी चूत को चाटने के साथ में मेरी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी जिससे मेरी चुत में आग सी लगा गयी |

फिर वो अपनी अंडरवियर से अपने लंड को निकला | मैं उसके लंड को देखकर बोली ओ माई गॉड लंड है ये कोई लाठी | उसका लंड मेरे पति से बहुत मोटा और लम्बा था | मैं अपने घुटने के भल बैठकर उसके लंड को हाथ में पकड़ कर मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उसके लंड को मुंह में रख कर अन्दर बाहर करती हुई चूसने लगी | मैं उसके लंड को मुंह में रखकर कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही |

फिर वो अपने लंड को मेरे मुंह से निकाल कर मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत के ऊपर लंड को रगड़ने लगा | वो मेरी चूत पर लंड को रगड़ते हुए मेरी चूत में अपने लंड को एक ही धक्के में आधा घुसा दिया | मेरी चूत गीली होने की वजह से उसका लंड मेरी चूत में आराम से घुसा गया | मेरी चूत में जोर से दर्द होने लगा तो मैं सोफे को कस के पकड कर अ अ अ अ.. ऊ ऊ ऊ ऊ.. हुई हुई हुई…आ आ आ… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मेरी चूत में अपने लंड को जोर जोर धक्को के साथ मुझे चोद रहा था | वो मेरी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था |

तब मेरे बड़े और चिकने बूब्स हिल रहे थे | फिर उसने मेरी चूत से अपने लंड को निकाल कर मुझे घोड़ी बनने को कहा | मैं घुटने के बल सोफे को पकड कर खाड़ी हो गयी | वो मेरी चूत में पीछे से लंड को डाल मेरी कमर को पकड कर चोदने लगा | वो मुझे ऐसे ही 20 मिनट तक चोदने के बाद झड़ गया | फिर वो मेरी चूत के पानी निकलने तक मेरी चूत में अपनी ऊँगली को डाल कर हिलाता रहा जिससे मेरी चूत से कुछ ही देर में पानी निकल गया | मैं अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | वो मुझे मेरे घर तक छोड़ने आया |

उस रात मैंने उससे 15 मिनट तक बात की थी | उसके बाद मुझे कम उम्र के लडको से चुदने में ज्यादा ही मज़ा आने लगा |

दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी |

मेरे प्यारे दोस्तों को मेरी कहानी पढने के लिए मैं धन्यवाद बोलती हूँ |

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मुझे अपने लंड पे बैठा लो https://sexstories.one/kaala-lund-chut-me-dalwane-ki-kamukta/ Thu, 11 Nov 2021 06:01:10 +0000 https://sexstories.one/?p=3306 मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा...

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Kaala lund chut me dalvane ki kamukta story – मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता हूं हालांकि मेरे माता पिता नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने मुझे बहुत ही अच्छे से प्यार दिया है। मैं एक अनाथ आश्रम में पढ़ता था मेरी उम्र 10 वर्ष की थी तो मुझे गोद ले लिया था उसके बाद से ही मैं उनके साथ रह रहा हूं उन्होंने मुझे माता-पिता का पूरा प्यार दिया और कभी भी मुझे मेरे माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। मैंने जब अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली तो उसके बाद मैं कुछ काम करने की सोचने लगा उसमें मेरे पिताजी ने मेरी काफी मदद की और कहा कि बेटा तुम जो भी चाहते हो तुम वह काम कर लो, मैंने उन्हें कहा मैं एक एनजीओ खोलना चाहता हूं जो कि गरीब बच्चों की मदद करें और जितने भी गरीब बच्चे हैं उनकी पढ़ाई में मैं उनकी मदद करना चाहता हूं, वह कहने लगे बेटा तुम्हारे तो बहुत ही अच्छे ख्यालात हैं यदि तुम इस प्रकार की सोच रखते हो तो तुम्हें मुझसे जितनी भी मदद की आवश्यकता है वह मैं तुम्हें देने को तैयार हूं।

मेरे पिताजी बड़े ही अच्छे हैं और वह हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित करते रहते हैं, मैंने उनकी मदद से एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया और जितने भी आसपास के गरीब बच्चे थे जिन्हें मैं पढ़ा सकता था उन्हें मैंने पढ़ाने का बीड़ा उठाया और उनकी पढ़ाई में जितना मुझसे मुमकिन हो सकता था मैं उतना करता था, धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी और मेरे पास काफी बच्चों के माता-पिता आने लगे, वह कहते कि आप बहुत ही अच्छा और नेक काम कर रहे हैं इससे हमारे बच्चों को बहुत मदद मिल रही है, जब उनके चेहरे पर मैं मुस्कुराहट देखता तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता। एक बार मैं बच्चों को पढ़ा रहा था तभी मेरे पास एक तीन चार लोगों का ग्रुप आया और वह लोग मुझे कहने लगे क्या आप ही सतीश हैं? मैंने उन्हें कहा हां मेरा नाम ही सतीश है।

उन लोगों ने मुझे कहा कि सर क्या आप हमें थोड़ा समय दे सकते हैं? मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं मैं अपनी क्लास खत्म कर लेता हूं उसके बाद हम लोग मेरे ऑफिस में बैठ जाते हैं। मैंने उन्हें अपने ऑफिस में बैठा लिया और जब वह मेरे ऑफिस में बैठे तो मैं बच्चों को पढ़ाने के लिए चला गया जैसे ही क्लास खत्म हुई तो मैं उन लोगों के पास गया, वह लोग मुझसे कहने लगे सतीश जी हमने आपके बारे में काफी सुना है और आप गरीब लोगों की काफी मदद करते हैं हम लोग भी आपका साथ देना चाहते हैं, मैंने उनसे पूछा आप लोग कहां रहते हैं?

वह कहने लगे हम लोग भी यहीं रहते हैं और कुछ समय पहले ही हमारी पढ़ाई खत्म हुई है हम लोग आपकी मदद करना चाहते हैं। यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ, मैंने उन लोगों के नाम पूछे वह तीन लोग थे उनमें से दो लड़कियां थी और एक लड़का था लड़के का नाम शोभित है और उन लड़कियों का नाम पारुल और रंजना है। मैंने उन्हें कहा आप जैसे लोगों की ही मुझे जरूरत है यदि आप लोग मेरे साथ आ जाएं तो मुझे बहुत खुशी होगी, वह लोग कहने लगे सर हम लोग कल से सुबह के वक्त आ जाया करेंगे, मैंने उन्हें कहा आप कल से सुबह आ जाइएगा।

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अगले दिन वह लोग सुबह ही आ गए और मैंने उन्हें सब कुछ समझा दिया, मैंने उन्हें बताया कि मैं बच्चों को कौन-कौन सी क्लास पढ़ाता हूं और उन लोगों को भी मैंने उनकी जिम्मेदारी सौंप दी थी वह लोग अपनी जिम्मेदारी पाकर बहुत खुश थे और वह बहुत ही अच्छे से मेरे साथ पढ़ाने लगे मुझे बहुत ही खुशी होती जिस प्रकार से वह लोग बच्चों को निस्वार्थ भाव से पढ़ाते, मुझे उन लोगो के विचार बहुत ही पसंद है हालांकि उनकी उम्र मुझसे थोड़ी ही कम थी लेकिन वह लोग बड़े ही समझदार और अच्छे हैं, मेरे पिताजी जब भी मुझसे मिलने आते तो हमेशा पूछते कि बेटा तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है, मैं उन्हें कहता नहीं पिताजी मुझे कोई परेशानी नहीं है आप जितना कर सकते थे आप ने उतना मेरे लिए किया, अब मुझे धीरे-धीरे सफलता मिलती जा रही थी और मेरे साथ काफी लोग भी जुड़ते जा रहे थे।

मैंने जो मुहिम शुरू की थी उसका मुझे बहुत ही फायदा मिल रहा था और मेरे पास बच्चों की संख्या भी अधिक होती जा रही थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। एक दिन पारुल मेरे साथ ऑफिस में बैठी हुई थी वह मुझसे पूछने लगी सतीश आपके घर में कौन-कौन है? मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बताया उन्हें मेरे बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था लेकिन जब मैंने उनको बताया कि मैं भी एक अनाथ आश्रम में पढ़ता था और उसके बाद मुझे मेरे पिता ने गोद लिया तब से मेरे जीवन में परिवर्तन आ गया है इसीलिए मैंने बच्चों को पढ़ाने की सोची।

मेरे पिताजी ने इसमें मेरी बहुत मदद की, पारुल यह सुनकर कहने लगी आप बड़े ही नेक व्यक्ति हैं आपके जो भी ख्यालात हैं वह मुझे बहुत पसंद है और इसी वजह से हम लोगों ने आप के साथ जुड़ने की सोची, पारुल मुझे चाहने लगी यह उसके इरादो से मुझे पता चल जाता था। मैं एक दिन ऑफिस में बैठा हुआ था उस दिन पारुल मुझसे कहने लगी सतीश जी मुझे आपसे कुछ पूछना था मैंने उससे कहा हां कहो। वह मुझे कहने लगी क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है मैंने उसे कहा नहीं मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है। वह कहने लगी मैंने तो सुना था आपकी गर्लफ्रेंड है।

मैंने उसे कहा तुम्हे किसने कहा मैं तो सिंगल ही हूं। वह कहने लगी आप मेरी कसम खाइए, मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी कसम खाता हूं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। यह कहते हुए उसने मुझे कहा आप मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लीजिए। मैंने उसे कहा पर मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बना सकता। जब मैंने उसे मना किया तो वह मुझे अपने स्तनों को दिखाने लगी और बार बार अपने बालों पर हाथ फेरने लगी। उसके स्तनों की लकीर मुझे दिखाई दे रही थी मैं भी अपने आप को कितनी देर तक रोकता मैंने उसके स्तनों पर अपने हाथ को लगाया तो मेरे अंदर भी सेक्स भावना जाग उठी। मैंने उसे कहा तुम मेरी गोद में आकर बैठ जाओ, वह मेरी गोद में आकर बैठी तो उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी, मेरा लंड खडा हो चुका था।

मैंने उससे कहा तुम्हारी गांड तो बहुत ही बड़ी है। वह कहने लगी हां मेरी गांड बहुत बड़ी है मैं अब आपसे अपनी गांड मरवाना चाहती हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मैंने आज तक किसी की भी गांड नहीं मारी। वह कहने लगी आप मुझे बस अपना बना लीजिए मैंने उसे कहा तुम कैबिन का दरवाजा बंद कर लो। उसने दरवाजा बंद कर लिया उसने अपने सारे कपड़े उतारे तो उसका फिगर देखकर मैं उठ कर उसके पास चला गया और उसके बदन को सहलाने लगा। मैं जब उसके बदन को सहला रहा था तो उसकी चूत से तरल पदार्थ निकल रहा था।

वह कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा। मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा। वह कहने लगी नहीं आपको मेरी गांड तो मारनी ही पड़ेगी मैंने भी अपने लंड को उसकी गांड पर सटा दिया। जैसे ही मैंने धक्का देकर उसकी गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो वहां चिल्लाने लगी और कहने लगी आपके मोटा लंड को लेकर तो मेरे अंदर और भी जोश बढ़ने लगा है। वह अपनी गांड को मुझसे टकराने लगी।

जिस प्रकार से मेरा लंड उसकी गांड के अंदर बाहर होता मेरा लंड दर्द होने लगा था लेकिन उसकी टाइट गांड मारने में मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैं तेजी से उसकी गांड मार रहा था मैं ज्यादा देर तक उसकी गांड की गर्मी को सह नहीं पाया जब मेरा वीर्य पतन उसकी गांड में हुआ तो वह कहने लगी क्या आपने मुझे अपना लिया है। मैंने उसे कहा हां पारुल मैंने तुम्हें अपना लिया है लेकिन तुम्हें याद रहे यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए यह बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए। हम दोनों के बीच अक्सर सेक्स संबंध बनते रहते हैं लेकिन यह बात किसी को भी नहीं पता।

पारुल मेरे लिए कई बार कंडोम ले आती है कभी वह कहती है आप कंडोम लगाकर मेरी चूत और गांड मारो और कभी बिना कंडोम के हम दोनो सेक्स करते है मुझे उसके साथ सेक्स संबंध बनाना बहुत अच्छा लगता है।

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