meri chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/meri-chudai/ Hindipornstories.org Sat, 29 Jan 2022 07:37:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 चूत मरवाने के लिए चली गई https://sexstories.one/maine-apni-chut-marwai/ Sat, 29 Jan 2022 07:37:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4527 मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है...

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Maine apni sexy chut marwai एक दिन मामा जी हमारे घर पर आये और वह मुझे कहने लगे कि तुम्हारी मम्मी कहां है, मैंने मामा जी से कहा मामा जी मम्मी तो अभी कहीं गई हुई हैं और पापा भी अभी कुछ देर में आने वाले होंगे। मामा घर में बैठ गए और वह मुझसे बात करने लगे वह मुझसे पूछने लगे बेटा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है मैंने उन्हें कहा मामा जी बस ठीक ही चल रही है, आप सुनाइए आप कैसे हैं तो मामा कहने लगे बेटा मैं भी ठीक हूं। मैंने मामा से पूछा आज आप काफी दिनों बाद घर आ रहे हैं मामा कहने लगे हां बेटा तुम्हें तो पता ही है कि मैं अपने काम की वजह से कितना बिजी रहता हूं लेकिन अब कुछ समय बाद मैं रिटायर होने वाला हूं उसी के लिए मैंने घर में एक छोटी सी पार्टी रखी है जिसमें कि अपने सारे रिश्तेदारों को मैं बुलाना चाहता हूं और इसीलिए मैं आज तुम्हारे घर आया था, मैंने मामा से पूछा मामा आप कब रिटायर हो रहे हैं वह कहने लगे बस अगले महीने मैं रिटायर होने वाला हूं।

मेरे मामाजी दिल के बहुत अच्छे हैं और वह बड़े ईमानदार आदमी भी हैं उनकी सब लोग बहुत तारीफ करते हैं, जैसे ही मेरी मम्मी आई तो वह मुझे कहने लगी तुमने मामा को चाय पानी कुछ पिलाया मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मैंने मामा को कॉफी पिला दी थी फिर मम्मी और मामा साथ में बैठ गए मामा जी ने मम्मी से कहा कि मैंने अगले महीने अपने रिटायरमेंट की पार्टी रखी है और आप लोगों को घर पर आना है मम्मी कहने लगी अगले महीने तुम रिटायर हो रहे हो? मामा जी ने कहा हां बहन मैं अगले महीने रिटायर हो रहा हूं।

मम्मी और मैं मामा के साथ मैं भी बैठे हुए थे, मम्मी ने कहा देखो समय कितनी तेजी से चलता है समय का कुछ पता ही नहीं चला अब तुमने अपने बच्चों की भी शादी कर दी है और हमारी भी बच्चों की शादी हो चुकी है बस प्रियंका की शादी होनी बची है और सब कुछ कितने जल्दी से हो गया तुम अब रिटायर भी होने वाले हो मम्मी मामा से कहने लगी तो मामा जी ने भी कहा हां बहन तुम बिल्कुल सही कह रही हो समय का तो बिलकुल पता ही नहीं चला कैसे समय इतनी तेजी से गुजर गया मुझे भी अपनी नौकरी का भी कुछ पता नहीं चला कि मुझे इतने वर्ष नौकरी करते हुए हो गए मुझे कुछ मालूम ही नहीं पड़ा।

मैंने मामा जी से कहा मामा जी आप फिर पार्टी में क्या क्या कर रहे हैं मामा कहने लगे बेटा तुम आ जाओ अभी से बता कर कोई फायदा नहीं है, मैंने मामा से कहा ठीक है मामा जी मैं तो वैसे भी आऊंगी और थोड़ी देर बाद मामा जी घर चले गए जब मामा जी चले गए तो उसके कुछ देर बाद ही पापा आ गए और मैंने पापा से कहा पापा आज मामा जी आए थे मम्मी भी कहने लगी कि वह अगले महीने रिटायर हो रहे हैं और वह हमें बुलाने के लिए आए थे, पापा कहने लगे चलो यह तो अच्छी बात है। कुछ समय बाद हम लोग मामा के घर चले गए जब हम लोग मामा के घर गए तो वहां पर काफी भीड़ थी हम लोगों ने मामा जी को रिटायरमेंट की बधाइयां दी और उन्हें कहा अब आप का आगे का जीवन बड़ा ही अच्छा बीते आपने इतने समय अपने नौकरी को दिए हैं अब कुछ समय अपने परिवार को भी दीजिए, पापा ने उन्हें गले लगा लिया और मम्मी ने भी उन्हें बहुत बधाइयां दी इस बात से मामा जी भी बहुत ज्यादा खुश हो गए थे और मामा जी कहने लगे आप लोग आज हमारे घर ही रुकेगा पापा ने कहा ठीक है आपकी बात कैसे टाल सकते हैं आज आप इतने खुश हैं तो और आज के बाद आप तो अपने परिवार को ही समय देंगे।

मैं भी बहुत ज्यादा खुश थी इतने समय बाद हमारा पूरा परिवार एक साथ था मैं सब को देख कर बहुत खुश थी और सब लोग बड़े ही मस्ती में थे मामा जी ने भी उस दिन डांस किया उनका डांस देखकर मुझे बहुत हंसी आ रही थी लेकिन उनकी खुशी में हम लोग शामिल होने आए थे और मैंने भी उस दिन जमकर डांस किया लेकिन जब एक व्यक्ति वहां पर डांस करने आये तो वह बड़ा ही अच्छा डांस कर रहे थे उनकी तरफ सब देख रहे थे और सब लोग तालियां बजा रहे थे मैं उन्हें जानती नहीं थी लेकिन उनके डांस से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी मैं उनके बारे में जानना चाहती थी और मैंने उनसे ही यह बात पूछ ली, उन्होंने मुझे कहा मेरा नाम अमित है और मैं यही पास में रहता हूं।

मैंने उन्हें बताया कि आप का डांस मुझे बहुत अच्छा लगा तो वह कहने लगे मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद कहता हूं जो आपने मेरे डांस की तारीफ की और उसके बाद मैं उनसे बात कर के अपने आप को बहुत अच्छा महसूस करने लगी, उनकी बातों में भी जैसे एक अलग ही जादू था मैं उनकी तरफ पूरी तरीके से खिंची चली गई मेरे साथ पहली बार ही ऐसा हुआ था कि कभी मैं किसी की बातों से ज्यादा प्रभावित हुई थी और कोई व्यक्ति मुझे इतना ज्यादा प्रभावित कर पाया था मैंने अमित जी से कहा की सर क्या आप मुझे भी डांस सिखाएंगे तो वह कहने लगे क्यों नहीं आपको जब भी मौका मिले तो आप मुझे मिल लीजिएगा मैं आपको जरूर डांस सिखाऊंगा।

उनके चेहरे पर बहुत ही खुशी थी लेकिन उस खुशी के पीछे शायद उनका दर्द भी छुपा हुआ था, मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं जानती थी लेकिन जब मुझे मेरे मामा जी ने बताया कि वह दिल के बहुत ही अच्छे हैं वह जिस भी पार्टी में जाते हैं तो वहां पर वह चार चांद लगा देते हैं लेकिन उनके साथ बहुत ही बुरा हुआ, मैंने मामा जी से पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ तो मामा जी कहने लगे अमित की शादी करीब 5 वर्ष पहले हुई थी हम लोग भी वहां पर गए थे और हम लोग शादी में बड़ा ही इंजॉय कर रहे थे क्योंकि अमित सबकी खुशियों में हमेशा शरीक होते हैं और वह सब के दुख में भी शरीक होते हैं वह दिल के बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं।

उन्होंने लव मैरिज की थी और जिस लड़की से उनकी शादी हुई थी वह भी उनसे बहुत प्यार करती थी लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ कि एक दिन वह घर से भाग गई और इस बात का अमित पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा लेकिन उसके बाद भी वह बिल्कुल नहीं बदले हैं वह हमेशा खुश रहने की कोशिश करते हैं और उन्हें देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि वह इतनी ज्यादा तकलीफ में है लेकिन वह किसी से भी यह बात नहीं कहते हैं। इस बात को सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और लगा कि अमित के साथ कितना ज्यादा बुरा हुआ मैं उनकी बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित होती, उनसे मैंने उसके बाद काफी देर तक बात की उस दिन हम लोग वहीं रुकने वाले थे इसलिए मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं अभी आती हूं, मैं जब रात के वक्त छत में टहल रही थी तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात आ रही थी कि अमित जी के साथ कितना बुरा हुआ और उनके जैसे व्यक्ति को उनकी पत्नी ने कैसे छोड़ दिया वह दिल के बहुत अच्छे हैं और ना जाने ऐसा उनके साथ क्या हुआ कि उनकी पत्नी को उन्हें छोड़ना पड़ा मैं इसी दुविधा में थी और मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात चल रही थी।

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मैंने अपनी एक सहेली को फोन किया और उसे अमित जी के बारे में बताया तो वह कहने लगी अरे यार उनके साथ तो बहुत बुरा हुआ और ऐसे लोगों के साथ इतना गलत होना वाकई में बहुत ही बुरा है। मैंने जब फोन रखा तो मेरी मम्मी मुझे आवाज देने लगी और मुझे वह नीचे बुलाने लगी मैंने मम्मी से कहा मम्मी बस कुछ देर बाद आती हूं। मैंने देखा सामने की छत में कोई व्यक्ति सिगरेट पी रहे थे लेकिन उनका चेहरा नहीं दिखाई दे रहा था वह मेरी तरफ देख रहे थे तब मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च से देखा तो मुझे पता चला वह तो अमित जी हैं, मैं उन्हें देखते रही।

वह मुझे हाथ से इशारे करने लगे और कहने लगे तुम छत में क्या कर रही हो। मैंने उन्हें कहा बस ऐसे ही टहल रही हूं लेकिन मेरा उनसे मिलने का मन होने लगा। जब रात को सब लोग सो गए तो मैं चुपके से घर से बाहर निकल आई अमित जी उस वक्त भी छत पर ही थे मैं उनके साथ उनके घर में चली गई। मुझे नहीं पता था कि उनके घर में कोई नहीं है जब हम दोनों साथ में थे तो वह मुझे अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगे। मै उनकी तरफ पूरी तरीके से खींची चली गई, उन्होंने मुझे कहा मैं क्या कर सकता हूं लेकिन मुझे खुश रहना पड़ता है। मुझे भी उन पर दया आने लगी मैंने उनके होठों को किस कर लिया जब मैंने उनके होठों को चूमना शुरू किया तो वह भी मुझे अपनी बाहों में लेने लगे उन्होंने मुझे वहीं नीचे लेटा दिया, उन्होंने मेरे स्तनों को चुसना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी निकलने लगी और मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा।

मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है, तुम्हारी चूत में एक भी बाल नहीं है उन्होंने मेरी चूत का बहुत देर तक रसपान किया। जब उन्होंने अपने 10 इंच मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मैं चिल्लाने लगी मुझे दर्द होने लगा मेरी योनि से खून का बाहव होने लगा। मैंने उन्हें कहा आपने तो मेरी चूत फाड़ दी अमित जी ने कुछ नहीं कहा। वह मुझे धक्के देते रहे उनके धक्के इतने तेज थे मेरा शरीर पूरा तरीके से हिलने लगा। मुझे ऐसा लगा उनका लंड मेरे पेट के अंदर तक जा रहा है परंतु उन्होंने मेरे साथ बहुत देर तक संभोग किया, मेरी चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था।

मैंने उन्हें कहा मैं अब चलती हूं मैं वहां से चुपचाप रात के वक्त चली आई, रात भर मेरी योनि में दर्द होता रहा लेकिन मुझे उसके बाद बहुत प्यारी नींद भी आ गई, मेरी सील अमित जी ने तोड़ दी थी।

उसके बाद में अमित जी से कभी नहीं मिली लेकिन उनकी यादें अब भी मेरे दिल में है।

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अपनी वर्जिनिटी खोई https://sexstories.one/virgin-ladki-ko-choda/ Fri, 17 Dec 2021 09:21:34 +0000 https://sexstories.one/?p=5036 मैंने उसे उसके बिस्तर पर खींच लिया और उसकी गुलाबी जाँघिया फाड़ दी... उसकी चूत से कुछ कामुक गंध आ रही थी... मैंने उसकी चूत चूसना शुरू कर दी... क्योंकि मैं एक पोर्न किंग हूँ मुझे पता है...

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Virgin Ladki ke Saath Chudai – नमस्ते, मैं हैदराबाद से हूँ। यह मेरी पहली कहानी है (असली अनुभव) अगर मुझसे कुछ गलती हो जाए तो मुझे माफ़ कर देना, तो चलिए मैं आपको अपने बारे में बताता हूँ! मैं 24 साल का हूं, हैदराबाद में अपना GRE कर रहा हूं, सुंदर, मुझे 7.8 इंच का डिक मिला है, मुझे इसे महिलाओं के लिए ऑनलाइन दिखाने में खुशी हो रही है।

कहानी की बात करें तो 4 साल पहले की बात है। मैं हमेशा एक कामुक प्रकार का लड़का हूं, मैंने लगभग हर समय सेक्स साइटों पर बिताया, मैं अपना कौमार्य खोने के लिए बहुत उत्सुक था, इसलिए हमेशा की तरह मैं Xhamster साइट ब्राउज़ कर रहा था मैं मैक्सिकन बेब के साथ चैट कर रहा था … फिर मैंने देखा दिल्ली की एक लड़की ऑनलाइन…

लेकिन मैं इस मैक्सिकन बेब को अपने डिक की तस्वीरें भेज रहा था … बाद में लगभग हर लड़की चली गई …. तब यह दिल्ली की लड़की अभी भी ऑनलाइन थी !!!

आधी रात हो गई थी, इसलिए मेरे दिमाग में एक विचार आया कि मैं इस महिला से अपना कौमार्य खो सकता हूं जो 23 साल की थी … इसलिए उसके साथ बातचीत की …

15 मिनट के बाद हम सेक्स के बारे में बात कर रहे थे, उसने मुझे अपनी नग्न तस्वीरें भेजीं और मैंने उससे कहा कि मैं उसे चोदना चाहता हूं।

उसने माना किया..

तब मैंने उससे कहा कि वह बहुत सुंदर है और मैं भाग्यशाली होगा कि मैं उससे अपना कौमार्य खो दूं। मैंने उससे इतने दिनों के लिए एक बकवास सत्र के लिए अनुरोध किया लेकिन उसने मेरे सभी अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया। आखिरकार एक दिन वह मान गई।

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मैंने उससे पूछा कि मैं कहाँ आऊँ? उसने मुझे अपना पता दिया, उसका फ्लैट नई दिल्ली इलाके में था। मुझे किसी भी समय आने के लिए कहा क्योंकि वह उस फ्लैट में अकेली रह रही थी।

वह एक अमीर परिवार से थी। वह दुबई से अपना वीज़ा रिन्यू कराने आई थी, इसलिए वह बिल्कुल अकेली थी!!!

मैं उस रात सो नहीं सका… मैंने उसके बारे में सोचकर 3 बार मास्टरबेशन किया!

अगली सुबह मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूं (मेरी सेमेस्टर की छुट्टी थी) और जब मैं दिल्ली पहुंचा तो विमान से उसके शहर गया।

मैंने एक कैब बुक की… रास्ते में मेरा डिक हर समय चट्टान की तरह सख्त था।

उसका घर ढूंढना मुश्किल था, क्योंकि उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर नहीं दिया था। तो मैंने दरवाज़ा खटखटाया, वहाँ वो मेरे सामने खड़ी थी… मेरी खूबसूरत सेक्सी लड़की!

उसने लाल साड़ी पहनी हुई थी… हे भगवान !! वह फोटो की तुलना में अधिक सुंदर दिख रही थी .. वह 32D- 28-30 आकार की थी .. मुझे ठीक से पता नहीं है … लेकिन उसके स्तन 32D थे … मैंने बाद में इसकी पुष्टि की … उसने मेरा स्वागत किया एक अनौपचारिक मुस्कान के साथ… मैं सोफे पर बैठ गया… उसने दरवाज़ा बंद कर लिया…

वह कुछ कोल्ड ड्रिंक ले आई और वह मेरे बगल में बैठ गई… हम एक-दूसरे की आंखों में देख रहे थे… मैं बहुत घबराई हुई थी, क्योंकि यह मेरा पहली बार था…

मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी जाँघों पर और दूसरा हाथ उसके चेहरे पर रखा और उसे चूमा…

वह मुझ पर हंस पड़ी और बोली- मैं तुम्हें दिखाऊंगी कि कैसे चूमना है…

उसने मुझे 2 मिनट तक किस किया… मेरी सांस फूल रही थी… फिर मैंने उसके स्तनों पर हाथ रखा और उन्हें महसूस करने लगा.. वो बड़े खरबूजे थे… वह अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी… फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी।

मैंने उसकी गुलाबी ब्रा उतार दी और उन स्तनों को चूसने लगा… मैं चूस रहा था फिर एक मेरा… कम से कम 15 मिनट के लिए…. स्तन मेरी कमजोरी थे…. उन स्तनों को चूसने से मेरा दिन बन गया… उसके बहुत मुलायम और बड़े स्तन थे….

उसने अपना हाथ मेरी पैंट में डाला और मेरे लंड को सहलाने लगी….

उसने कहा – यह वास्तव में कड़क है और वह इसे चूसना चाहती है ..

वो झुकी और मेरा लंड चूसने लगी…. दोस्तों !! वह बहुत अच्छा चूस रही थी … वह ऐसे चूस रही थी जैसे 10 दिनों से भूखी हो ….

मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में डाल दिया… उसने एक ही बार में सब पी लिया….

फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले आई….

मैंने उसे उसके बिस्तर पर खींच लिया और उसकी गुलाबी जाँघिया फाड़ दी… उसकी चूत से कुछ कामुक गंध आ रही थी… मैंने उसकी चूत चूसना शुरू कर दी… क्योंकि मैं एक पोर्न किंग हूँ मुझे पता है कि अच्छा कैसे चूसना है… .वह अपने शरीर को मजे से घुमा रही थी…. वह इतनी खुश थी कि उसने मेरे पूरे शरीर को चूम लिया…..

उसने कहा – मैं अब और इंतजार नहीं कर सकती… बस मुझमें डाल दो…

मैं इंतजार कर रहा था उन जादुई शब्दों का…

मैंने अपना 7″ डिक उसकी पुसी के मुंह में डाल दिया और उसे चोदने लगा…

हो .. हू .. हू .. वाह !!

अब मुझे पता है कि लोग सेक्स करना क्यों पसंद करते हैं, आनंद और गंध सब कुछ बहुत अच्छा है …

मैं आराम से अंदर और बाहर जा रहा था, भले ही उसकी चूत थोड़ी तंग थी, मुझे यकीन है कि वह कई बार गड़बड़ कर चुकी थी। और अंदर और बाहर जब मेरे हाथ मेरे स्तन पर थे और इसी तरह मैं सहने वाला था, मैंने उससे कहा कि उसने मुझे बताया कि यह इसे बाहर ले जाता है, उसने मेरे डिक को सहलाया और मैंने उसके स्तन में एक शिटलोड सह दिया, उसने इसे साफ किया और हम फिर से सेक्स के लिए तैयार थे, एक और सवारी के लिए गए इस बार हमने कुत्ते की शैली की कोशिश की, मैं उसे पागल की तरह चोद रहा था, मुझे पता था कि मैं हर समय भाग्यशाली नहीं रहूंगा, इसलिए मैंने तब तक चुदाई की जब तक कि मैं थक नहीं गया।

हमने दोपहर का भोजन किया और हम 2 घंटे सोए फिर हमने एक साथ स्नान किया मैं उसके साथ टब पर था, मैंने उसके स्तन पानी के माध्यम से चूसा, फिर हम फ्रेंच कम से कम 10 मिनट के लिए चुंबन करते हुए उसके हाथों को चूमते हुए मेरे डिक पर थे और मेरा हाथ था उसके स्तन और बिल्ली पर और फिर हम फिर से चोदने लगे इस बार हम एक दूसरे को चूम रहे हैं जबकि मैं अपना डिक उसकी चूत में डालने की कोशिश कर रहा हूँ, वह चिल्ला रही थी आआ आआआआआआआआह और मैं एक राक्षस था उसे वास्तव में तेजी से चोदना उसने कहा कि वह जा रही है एक संभोग करने के लिए,

मैंने अपनी गति बढ़ा दी और उसे तब तक चोद दिया जब तक कि हम दोनों टब में नहीं थे, मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ जब वह सह गई, सिवाय उसकी बिल्ली के मेरे डिक को कस रही थी, इस प्रकार हमारी कमबख्त समाप्त हो गई। यह मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव था दोस्तों, मेरे पास बहुत वीडियो कैम सेक्स था लेकिन असली सेक्स सबसे अच्छा है। शाम को मैंने उसे धन्यवाद दिया और उसे अलविदा चूमा। य

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शादी के बाद लडको से चुदाई के मजे लिए https://sexstories.one/meri-pyasi-chut-ki-chudai-sex-story/ Sun, 12 Dec 2021 07:20:10 +0000 https://sexstories.one/?p=3466 वो मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी और खीच कर मेरी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने के साथ में मेरी गांड को दबा रहा था...

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Meri pyasi chut ki sex story – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रूचि है | मैं रहने वाली कश्मीर की हूँ | मेरी शादी हो चुकी है | मेरी शादी को 2 साल हो चुके हैं | मैं दिखने में गोरी हूँ | मेरे बदन भरा हुवा है और मेरा चेहरा गोल है | जिससे मैं दिखने में काफी सुन्दर लगती हूँ | मेरे उम्र 24 साल है | मेरा फिगर सेक्सी है | मैं आप लोगो को बता देती हूँ की मेरे पति दिखने में गोरे हैं और उनके बदन गठीला है | वो काफी हट्टे कट्टे हैं | वो दिखने में तो बहुत अच्छे लगते हैं | वो किसी पहलवान से कम नही हैं | मेरे पति की उम्र 28 साल है | उनके शरीर की तरह उनका उनका लंड भी दमदार है और काफी लम्बा और मोटा है |

जब मैं उनके साथ सेक्स करती हूँ तो मुझे वो मंजा नही मिल पता है | जो मुझे कम उम्र के लडको के लंड से चुदने में मिलता है | अब मेरी इच्छा कम उम्र के लडको से चुदने की होती थी | वो मुझे बहुत ही अच्छे से चोदते हैं पर मुझे अब मज़ा नही आता है | मैं अब कम उम्र के लडको के लंड को अपनी चूत में कल्पना करके बहुत अच्छा महसूस करती हूँ | मैं बहुत बार अपने पति की नजरो से बच कर लडको के साथ सेक्स का मज़ा ले चुकी हूँ | मुझे तब से ही कम उम्र के लडको से चुदाई करने में मज़ा आता है | मैं अब अपनी कहानी पर आती हूँ | मैं कल्पना करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी |

दोस्तों जब मेरी शादी नही हुई थी | उस टाइम मेरी उम्र 17 -18 तक ही होगी | तब मैंने पहली बार 10 साल के लड़के को अपने घर से कुछ ही दूर पर एक सुनसान जगह है | मैं उस लड़के को अपने साथ ले गयी थी | फिर मैंने उस लड़के से अपने स्तन को  मुंह में लेकर चूसने को कहा | वो मेरे बूब्स को मुंह में रख कर चूसने लगा | वो मेरे निप्पल को मुंह में रख कर जोर जोर से दबाते हुए चूस रहा था | मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और मैं सोच रही थी की इसमें इतना मज़ा आता है | तब चुदाई में कितना मज़ा आता होगा | मैं अपने स्तन को चुसाने के बाद उस लड़के से बोली की अब तुम ये बात किसी से मत बोलना नही तो तुम्हे मार पड़ेगी | वो बोला की ठीक है किसी से नही कहूँगा | उसके 3 -4 महीने के बाद की बाद है जब मैंने अपन पहली चुदाई अपने घर के पीछे करवाई थी |

उस दिन मेरे मोहल्ले के  लड़के ने ही मेरी चूत की सील तोड़ी थी | उस दिन में एक मछली की तरह तड्पी थी | वो मेरी चूत में लंड को डाल कर मुझे पहली चुदाई का मज़ा दिया था | उसके बाद वो मुझे कभी कभी चोदने आ जाता था | मैं अपने घर के पीछे ही रात में चुद लिया करती थी | कुछ दिन बाद ही मेरी शादी के लिए कुछ लोग मुझे देखने आये | वो लोगो ने मुझे पसंद कर लिया और उसके 1 महीने बाद ही मेरी शादी हो गयी | मेरी सुहागरात के दिन मेरे पति ने मुझे पूरा नंगा करके मेरी चुदाई की थी | मैं उस रात पहली बार पूरी नंगी हो कर किसी से अपनी चुदाई करवा रही थी | उसके बाद मेरे पति मुझे अक्सर चोदा करता हैं |

इस तरह से मेरी शादी को धीरे धीरे  2 साल हो गए | अब मैं फिर से कम उम्र के लडको से चुदने के लिए सोचने लगी | एक दिन की बाद है जब मैं मार्केट में सब्जी लेने के लिए गयी थी | उस दिन एक लड़का मेरे पीछे पीछे घूम रहा था क्यूंकि में इतनी हॉट हूँ और मैं कहीं से शादीशुदा नही लगती हूँ | वो लकड़ा दिखने में अच्छा था इसलिए मैंने उसे माना नही किया | अब जब मैं काफी भी मार्केट जाती थी तो वो लकड़ा मुझे लाइन मारता और मेरा पीछा करता था | एक दिन की बात है जब वो लड़का बहुत हिम्मत करके मेरा पास आया |

वो लड़का – हाय कैसी हो आप ?

मैं – अच्छी हूँ आप ?

वो लड़का – मस्त हूँ और आप क्या करती हो |

मैं – कुछ नही अपने घर काम करती हूँ और तुम हो कौन जो ये सब मुझसे पूछ रहे हो |

वो लड़का – मेरा नाम सूरज है और आपका नाम क्या है ?

मैं – ठीक है तुम्हारा नाम सूरज है | ये सब आप मुझसे क्यूँ बोल रहे हो |

वो लड़का – मैं तुम्हे पसंद करता हूँ आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो |

मैं – बेटा अपनी उम्र देखो और मेरी उम्र देखो फिर मुझसे फिर प्यार करना |

मैं ये बोल कर वहां से चली आई | मुझे सूरज पसंद था पर औरत होने की वजह से कुछ नही बोली | एक दिन की बात है जब वो लड़का मुझे फिर मिल गया और बोला की आप मुझे अपना नाम तो बता दो | मैंने उस दिन उस लडको को अपना नाम बताया | फिर उसने मुझे अपना नम्बर देकर बोला आप एक बार कॉल कर देना और चला गया | मैंने उसे उस दिन कॉल नही की उसके कुछ दिन बाद की बात है जब मैंने उसे कॉल की और उससे बात करने लगी | फिर मेरी उससे रोज ही बात होने लगी जब मेरे पति घर पर नही होते थे तो मैं उससे बात करती थी |

वो मुझे कॉल पर किस भी करता था | इस तरह से मुझे उससे बात करते हुए 2 -3 महीने तक हो गये | अब वो मुझसे सेक्स के लिए भी कहता था | मैं भी उसके लंड की भूखी थी और मौका देखती थी की कब में उसके लंड का मज़ा ले पाऊँगी | उसके कुछ दिन के बाद की बात है जब वो मुझसे बोला की चलो कहीं घुमने चलते हैं | मैं और सूरज जब भी मिलते थे | वो मेरी होठो पर किस करता था | जब वो मुझे किस करता था तो मुझे अच्छा लगता था |

उस दिन वो मुझे घुमाने ले गया था | उसके बाद उसने मुझसे कहा मेरे घर पर आज कोई नही है और न ही कोई आज आएगा तो घर चलते थे | अब मुझे लगा की मुझे आज उसके लंड का मज़ा मिल जायेगा | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं और सूरज बैठ कर बात करने लगे | तब वो मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी और खीच कर मेरी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने के साथ में मेरी गांड को दबा रहा था | वो मेरी गांड को दबाने के साथ मुझे किस कर रहा था |

Chudai ki Kahaniya दो बार चुदाई एक रात में

मों कुछ देर में गर्म हो गयी और वो तो मेरी चुदाई करने के लिए तैयार था | फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिए साथ में मेरे भी निकाल दिए | मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | मैं उस दिन हल्के रेड कॉलर की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी | वो मेरे एक दूध को ब्रा के ऊपर से दबाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रही थी | जब मैं उसके लंड को सहला रही थी तो मुझे इसका लंड काफी बड़ा और मोटा लग रहा था | वो मेरे बूब्स को चूसने के साथ में मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया | फिर वो मेरे दूध के निप्पल को मुंह में रख कर चूसने लगा |

मैं उसके सर को पकड कर आ आ आ आ.. हूँ हूँ हूँ.. ह ह ह ह.. अ अ अ अ अ…. सी सी सी सी… उई की सिसकियाँ लेने लगी | वो मेरे निप्पल को मुंह से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मुझे सोफे पर लेटा दिया | फिर मेरी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर मेरी चूत को चाटने लगा | मैं अपने स्तन के निप्पल को दबाती हुई उ उ उ उ… आ आ आ आ… सी सी सी सी…. ऊ ऊ ऊ ऊ… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मेरी चूत को चाटने के साथ में मेरी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी जिससे मेरी चुत में आग सी लगा गयी |

फिर वो अपनी अंडरवियर से अपने लंड को निकला | मैं उसके लंड को देखकर बोली ओ माई गॉड लंड है ये कोई लाठी | उसका लंड मेरे पति से बहुत मोटा और लम्बा था | मैं अपने घुटने के भल बैठकर उसके लंड को हाथ में पकड़ कर मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उसके लंड को मुंह में रख कर अन्दर बाहर करती हुई चूसने लगी | मैं उसके लंड को मुंह में रखकर कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही |

फिर वो अपने लंड को मेरे मुंह से निकाल कर मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत के ऊपर लंड को रगड़ने लगा | वो मेरी चूत पर लंड को रगड़ते हुए मेरी चूत में अपने लंड को एक ही धक्के में आधा घुसा दिया | मेरी चूत गीली होने की वजह से उसका लंड मेरी चूत में आराम से घुसा गया | मेरी चूत में जोर से दर्द होने लगा तो मैं सोफे को कस के पकड कर अ अ अ अ.. ऊ ऊ ऊ ऊ.. हुई हुई हुई…आ आ आ… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मेरी चूत में अपने लंड को जोर जोर धक्को के साथ मुझे चोद रहा था | वो मेरी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था |

तब मेरे बड़े और चिकने बूब्स हिल रहे थे | फिर उसने मेरी चूत से अपने लंड को निकाल कर मुझे घोड़ी बनने को कहा | मैं घुटने के बल सोफे को पकड कर खाड़ी हो गयी | वो मेरी चूत में पीछे से लंड को डाल मेरी कमर को पकड कर चोदने लगा | वो मुझे ऐसे ही 20 मिनट तक चोदने के बाद झड़ गया | फिर वो मेरी चूत के पानी निकलने तक मेरी चूत में अपनी ऊँगली को डाल कर हिलाता रहा जिससे मेरी चूत से कुछ ही देर में पानी निकल गया | मैं अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | वो मुझे मेरे घर तक छोड़ने आया |

उस रात मैंने उससे 15 मिनट तक बात की थी | उसके बाद मुझे कम उम्र के लडको से चुदने में ज्यादा ही मज़ा आने लगा |

दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी |

मेरे प्यारे दोस्तों को मेरी कहानी पढने के लिए मैं धन्यवाद बोलती हूँ |

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शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली https://sexstories.one/boyfriend-ki-chudwa-liya/ Sat, 11 Dec 2021 07:07:46 +0000 https://sexstories.one/?p=4371 उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था....

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Shaadi se pehle boyfriend ki chudwa liya – कॉलेज में एग्जाम का आखिरी दिन था और उसके बाद शायद सब लोग एक दूसरे से अलग होने वाले थे मेरे दिल में सिर्फ यही चल रहा था कि जब मेरा कॉलेज पूरा हो जाएगा तो क्या उसके बाद भी मैं कभी शांतनु से मिल पाऊंगी। शांतनु और मैं एक ही क्लास में पढ़ते थे लेकिन मेरी हिम्मत कभी शांतनु से बात करने की नहीं हो पाई शांतनु को मैं अक्सर देखा जरूर करती थी लेकिन उससे मैं कभी बात नहीं कर पाई। मैंने शांतनु से कभी अपने दिल की बात नहीं कही थी मेरी सहेली पूजा मुझे अक्सर कहती थी कि तुम शांतनु को अपने दिल की बात क्यों नहीं बताती।

मैं शांतनु को दिल ही दिल चाहती थी लेकिन शायद शांतनु मेरी किस्मत में नहीं था। मैं और पूजा उस दिन बस से घर लौटे और मैं जब घर लौटी तो पापा उस दिन घर पर ही थे पापा मुझे कहने लगे कि महिमा बेटा तुम्हारा पेपर कैसा रहा। मैंने पापा से कहा पापा मेरा एग्जाम तो अच्छा हुआ। मेरी पापा के साथ बहुत बनती थी तो मैंने पापा से अपने दिल की बात कही और कहा कि आज मेरा मन कुछ अजीब सा है। मैंने जब पापा को यह बात कही तो पापा मुझे कहने लगे कि बेटा ऐसा होता है तुम्हें शायद अपने दोस्तों से दूर होने का गम हो सकता है क्योंकि आज के बाद उनसे तुम्हारी मुलाकात कम ही हो पाएगी या फिर हो सकता है कि शायद उनसे तुम्हारी कभी मुलाकात हो ही नहीं। पापा ने जब मुझसे ऐसा कहा तो मैं अंदर ही अंदर दुखी हो गई थी मैंने पापा से कहा पापा जब आप कॉलेज में पढ़ते थे तो आपके साथ भी तो ऐसा हुआ होगा। पापा मुझे कहने लगे कि हां बेटा कॉलेज पूरा होने के बाद मेरे कई दोस्त मुझसे दूर हो गए और शायद अब तक उनसे मेरा कोई संपर्क ही नहीं है। पापा और मैं साथ में बैठे हुए थे तभी मम्मी हमारे लिए चाय बना कर लायी मम्मी कहने लगी लो महिमा बेटा चाय पी लो। मैंने मां से कहा मां मेरा मन चाय पीने का नहीं हो रहा है लेकिन मां की जिद के आगे मुझे चाय पीनी पड़ी और मैंने चाय पी ली घर में मैं एकलौती थी इसलिए पापा मम्मी का मुझे पूरा प्यार मिला।

पापा मुझे बहुत अच्छे तरीके से समझते हैं पापा और मम्मी दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई उन दोनों ने मेरा हमेशा ही साथ दिया है। अब मेरा कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय बाद हमारा रिजल्ट भी आने वाला था जब मेरा रिजल्ट आ गया तो उस वक्त मेरी मुलाकात पूजा से हुई। पूजा मुझे कहने लगी कि चलो अब हम लोग पास तो हो ही चुके हैं तो तुमने आगे क्या सोचा है मैंने पूजा से कहा फिलहाल तो मैंने कुछ भी नहीं सोचा है और ना ही अभी इस बारे में मैं कुछ सोचना चाहती हूं। पूजा ने मुझसे शांतनु के बारे में पूछा तो मैंने पूजा से कहा देखो पूजा अब मुझे नहीं लगता कि मैं शांतनु से बात कर पाऊंगी और इस बात को यहीं खत्म कर लेना ही अच्छा रहेगा। मैं दिखने में बड़ी ही सिंपल सी हूं मैं और लड़कियों की तरह बिल्कुल भी नहीं हूं मैं पढ़ने में जरूर अच्छी हूं लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव की वजह से ही मैं शांतनु को अपने दिल की बात कह ना सकी। अब हम लोगों का कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय तक मैं घर पर ही थी तो एक दिन मम्मी मुझे कहने लगी की महिमा बेटा तुमने अब आगे क्या सोचा है।

Meri Chut Chudai मेरी पलागतोड़ चुदाई

मैंने मां से कहा मां फिलहाल तो मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है लेकिन जल्द ही मैं आप लोगों को बता दूंगी कि मैं आगे क्या करना चाहती हूं। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैं घर पर ही रहती थी मुझे घर पर एक साल हो चुका था और अभी तक ना तो मैं कहीं नौकरी कर रही थी और ना ही मैंने आगे कुछ करने के बारे में सोचा। उसी वक्त मेरे मामा जी घर पर आए और वह मुझे कहने लगे की महिमा बड़ी हो चुकी है तुम्हें उसके लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए। मामा जी ने मम्मी के दिमाग में अब यह बात डाल दी थी कि मेरे लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए और मम्मी ने यह बात पापा से कहीं तो पापा भी शायद अब मेरी शादी के लिए लड़का देखने लगे थे। मेरे लिए कई रिश्ते आ रहे थे क्योंकि पापा एक अच्छी जॉब पर थे और हमारा परिवार एक अच्छा परिवार है लेकिन मेरा शादी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था परंतु अपने पापा मम्मी के आगे शायद मैं कुछ कह ना सकी और मेरी शादी पापा मम्मी ने तय कर दी।

मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यह सब इतनी जल्दी में हो जाएगा मेरी शादी का दिन भी तय हो चुका था और मेरी सगाई प्रशांत से हो चुकी थी लेकिन मेरे दिल में अभी भी शांतनु बसा हुआ था। मैं हमेशा ही सोचती रहती की शांतनु को क्या मुझे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए थी लेकिन मेरे पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था प्रशांत अब मेरी जिंदगी में आ चुके थे और हम लोगों की शादी जल्दी होने वाली थी। जब हम लोगों की शादी होने ही वाली थी उससे कुछ महीने पहले मुझे शांतनु मॉल में मिला जब शांतनु मुझे मॉल में मिला हम लोगों की बहुत कम बातें होती थी लेकिन उस दिन शांतनु ने मुझसे बात की। जब शांतनु ने मुझसे बात की तो मुझे लगा कि शायद वही पुराना प्यार दोबारा से जाग उठा है और मुझे इस बात का डर भी था कि कहीं हम दोनों का रिश्ता आगे ना बढ़ जाए। उस दिन के बाद शांतनु मुझे फोन करने लगा शांतनु को भी शायद यह एहसास हो चुका था कि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं और इसी वजह से तो उसने अपने दिल की बात कि जो वह मुझसे कभी कहना ही नहीं चाहता था लेकिन उसने अपने दिल की बात मुझे कह दी।

अब मैं इस दुविधा में थी कि मैं क्या करूं क्योंकि एक तरफ तो मेरा दिल था और एक तरफ मेरे पापा मम्मी, मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे ऐसे समय में क्या करना चाहिए।  मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था मेरी शादी नजदीक आ चुकी थी लेकिन शांतनु से मैं मिलने के लिए चली गई। मैंने शांतनु से कहा मुझे बहुत डर लग रहा है मैं शादी नहीं करना चाहती। शांतनु का दिल भी मुझे देखकर धडकने लगा था उसने मुझे गले लगाते हुए कहा महिमा मैं भी तुमसे प्यार करता हूं। मैंने शांतनु को कहा देखो शांतनु मैं तुमसे कॉलेज के समय से ही प्यार करती थी लेकिन कभी अपने दिल की बात तुम्हें कह ना सकी इसीलिए हम दोनों एक दूसरे के हो ना सके। शांतनु ने मुझे गले लगा लिया था हम दोनों के अंदर से एक करंट सा दौड़ने लगा शांतनु ने जैसे ही मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा वह मेरे होठों को अच्छे से चूम रहा था। वह जिस प्रकार से मेरे होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी थी और मेरा बदन मैने पूरी तरीके से शांतनु को समर्पित कर दिया था।

शांतनु मुझे कहने लगा महिमा हमें ऐसा नहीं करना चाहिए तुम किसी और की अमानत हो। मैं शांतनु के साथ अंतरंग संबंध बनाने के लिए तैयार थी मैंने शांतनु के होठों को चूम लिया। शांतनु मेरे दिल की बात को समझ चुका था उसने मुझे अपनी बाहों में लेकर बिस्तर पर लेटा दिया। जब उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया तो वह मेरे स्तनों को दबाने लगा जब वह मेरे होठों को चूम रहा था मुझे अच्छा लग रहा था थोड़ी देर के बाद शांतनु ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया। वह जिस प्रकार से मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था शांतनु को भी बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे तरीके से किया जब हम दोनों उत्तेजित हो गए तो शायद वह भी अपने आपको ना रोक पाया और उसने मुझे कहा कि तुम अपनी सलवार उतार दो?

मैंने शांतनु से कहा तुम ही मेरी सलवार को उतार दो शांतनु ने मेरी सलवार को उतारते हुए मेरी पैंटी को भी उतार दिया। जब उसने मेरी पैंटी को उतारा तो वह मेरी योनि पर अपनी जीभ से चाटने लगा जब उसने जीभ को चूत के अंदर तक डाल था तो मुझे बहुत अच्छा लगता और शांतनु को भी बहुत खुशी मिलती। उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था। शांतनु ने जैसे ही मेरी चिकनी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसने धीरे से मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो मैं चिल्लाने लगी। पहली बार ही मैंने किसी के लंड को अपनी चूत के इतने नजदीक आने दिया था शांतनु ने धीरे से मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरी सील टूट चुकी थी और शांतनु का लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था।

शांतनु का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था मेरे मुंह से चीख निकलने लगी थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और शांतनु ने मेरा दोनों पैरों को खोल कर मुझे तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे। शांतनु मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदता रहा जब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होकर चरम सीमा पर पहुंच गई तो मैंने शांतनु से कहा मैं अब रह नहीं पाऊंगी। शांतनु ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत के अंदर उसने अपने लंड को घुसा दिया शांतनु को मोटा लंड मेरी चूत में प्रवेश हो चुका था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। उसके धक्के तेज होते ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती और कुछ क्षणो बाद शांतनु का वीर्य मेरी चूतडो पर गिर चुका था। मैंने शांतनु से कहा तुम मेरी चूतड़ों से वीर्य को साफ कर लो और शांतनु से कहा मेरी चूतडो से वीर्य को साफ कर दो। अब बहुत देर हो चुकी थी और शादी तो मुझे प्रंशात से ही करनी पड़ी लेकिन उसके बाद भी शांतनु और में मिलते रहते थे। अब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं।

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मेरी पलागतोड़ चुदाई https://sexstories.one/meri-palagtod-chudai-story/ Sat, 11 Dec 2021 07:03:02 +0000 https://sexstories.one/?p=4890 उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से... वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज...

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Meri Chudai / Patni ki Palagtod Chudayi Story – हेलो दोस्तों! कैसे हो सब? आज फिर से लेके आयीं हूँ उस सेक्सी स्टोरी का दूसरा भाग.. मैं अपने बारे में फिरसे बता दूँ.. मैं एक इंटीरियर डिज़ाइनर हूँ और मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी और स्लिम है.. उम्र २५ साल और मैं पूरी दूध की तरह गोरी चिट्टी हूँ.. एकदम सेक्सी कर्व्स, पेट स्लिम टीम और फ्लैट है… बेल्ली तो लगभग है ही नहीं.. और मेरे बूब्स और गांड बड़े हैं.. मैंने अपनी फोटो पहले भाग में शेयर की थी..

मेरा एक छोटा बच्चा है जो ४ महीने का है.. ऐसे तो मेरे पति मुझे रोज़ चोदते है.. वो भी एक जंगली जानवर की तरह…लेकिन आज रात तो वो एक अलग ही जानवर बन गए थे… चुदाई से घर में आधा सामान टूट चूका है… मेरे पति ऑफिस में थे और मैं अपना काम कर रही थी, वर्क फ्रॉम होम वाली… तभी मेरे पति का मुझे कॉल आया.. वो बोले के वो आज रात अलग ही जोश में होंगे… आज रात वो पूरी रात इतनी ज़ोर से चुदाई करेंगे की पूरा घर हिलने लगेगा.. मैं बोली, ठीक है.. मेरे पतिदेव.. पहले घर तो आ जाओ..

रात के १० बज चुके थे.. मैंने टेबल पे काम करते करते खाना लगा दी थी..

और मैं खुद काम करने लग गयी.. मेरे पति १० बजे आये और वो मुझे किस करना चाहते थे.. लेकिन मैंने उनको करने नहीं दिया क्योंकि मैं कांफ्रेंस कॉल पर ट्रेनिंग दे रही थी नई कैंडिडेट्स को… वो फ्रेश होक आये और खाना खाने बैठ गए.. मैं भी कांफ्रेंस कॉल ख़त्म करके खाने बैठ गयी.. फिर खाने के बाद, उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगे.. लेकिन मुझे अभी भी एक फाइल भेजना था कैंडिडेट को..

मैंने उनको बोला प्लीज अभी नहीं.. क्योंकि मुझे ये लास्ट फाइल भेजनी थी.. लेकिन वो माने ही नहीं… और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे ज़ोर से…

फिर उन्होंने अपना पायजामा खोल दिया और सैंडो भी उतार फेका और अपना अंडरवियर भी खोल दिया.. हमारा बेटा हमारे बेडरुम में सो रहा था.. फिर उन्होंने मुझे उठाया और टेबल पर लेटा दिया.. टेबल पर बहुत सारे खाने का सामान था और मेरे काम की चीज़े भी थी जैसे की पेपर्स, लैपटॉप और पेंसिल बॉक्स… मैं अपने ऑफिस से एक १८ साल के इंटर्न कैंडिडेट से पेंसिल बॉक्स लेके आयी थी.. क्योंकि वो गलती से छोड़ के चला गया था.. लेकिन मेरे पति ने मुझे टेबल पे उन सब के ऊपर लेटा दिया था… और मेरे कपडे फाड़ दिए.. और मेरे ऊपर आ गए.. मिशनरी पोजीशन में… और अपने बदन से मेरे बदन को ज़ोर से दबाने लगे…

मेरे पति बहुत भारी है क्योंकि उनका बड़ा सा पेट है.. मैं पेपर्स और पेंसिल बॉक्स के ऊपर लेटी हुई थी.. पेंसिल बॉक्स ठीक मेरी गांड के निचे था और मेरे पति मेरे ऊपर पूरे जोश में थे और मेरे बॉडी को काट रहे थे.. फिर उन्होंने अपना १० इंच का काला मोटा लंड ज़ोर से मेरी कमसिन चूत में घुसा दिया.. मैं चिल्ला उठी… लेकिन वो माने नहीं..

उन्होंने अपनी चुदाई को स्पीड बढ़ा दी..

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मैं चिल्ला रही थी… सिसकारियां निकाल रही थी..उउउउउ…. आआह्ह्ह्हह…. उम्म्म्म…. आउच! थोड़ा आराम से… लेकिन वो मान ही नहीं रहे थे.. उन्होंने और वज़न दाल दिया और ज़्यादा स्पीड से चोदने लगे… पूरा टेबल धप-धप-धप के आवाज़ कर रहा था.. और ज़ोर से हिल रहा था…

मेरे गांड के निचे जो पेंसिल बॉक्स था वो पूरा टूट गया और पेपर्स भी फट गए चुदाई से.. पेंसिल बॉक्स के टुकड़े मेरे गांड में चुभ रहे थे..

लेकिन मेरे पति पूरे जोश में जंगली सेक्स कूद-कूद के कर रहे थे.. जब वो मेरे ऊपर कूद-कूद के चुदाई कर रहे थे तो पूरा टेबल इतना ज़ोर से हिल रहा था आगे-पीछे की जैसे टूट ही जायेगा.. सारा खाना निचे ज़मीन पे गिर रहा था.. और देखते ही देखते टेबल टूट गया हम दोनों के चुदाई से…

हम दोनों निचे गिर गए.. फिर भी वो रुके नहीं… चुदाई करते रहे.. मैं आअह्ह्ह…. आह्ह्ह्ह… उईईई माँ…… मर गयी… आअह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह… आउच… आउच… उउउउउ….. सससस, करती रही… मेरी सेक्सी सिसकारियां सुन कर वो और भी ज़ोर से चुदाई करने लगे.. सब खाना मेरे बदन पर चिपक रहा था…

फिर वो अकड़ गए और एक ज़ोर का झटका मारते हुए उन्होंने अपने लंड का माल मेरी गर्म चूत में छोड़ दिया.. मुझे थोड़ी राहत मिली.. वो मेरे ऊपर ही लेटे रहे.. फिर जब हमलोग उठे तो हमने निचे देखा.. पूरा सत्यानाश हो चूका था टेबल का.. खाना बिखरा था.. सब टूट गया था..

मैं फ्रेश होने चली गई..

कुछ देर बाद मेरे पति फ्रेश हो कर बैडरूम में मेरे पास आ गए और सोने लगे.. १ घंटे बाद वो फिर उठ गए.. उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से… वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज.. उनके अंदर पता नहीं कितना माल और पड़ा था.. चोदे और पेले जा रहे थी मेरी गीली गर्म चूत… मैं कराह रही थी.. और उनकी स्पीड बढ़ती जा रही थी…

पूरा बेड हिल रहा था.. बेटा भी बेड पर हील रहा था.. मुझे डर था की कहीं वो जाग न जाए…

चुदाई के समय के कराह रही थी… ओह्ह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह… आराम से… पर मेरे पति कहा रुकने वाले थे… ५ मिनट चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उल्टा किआ और मेरे मोटे गांड पर हाथ फेरा.. मुझे भी रूमानी नशा सा हो गया था.. मेरे गांड के होल पर उन्होंने थूक लगा और अपने लंड पर भी और एक-दो जटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया… मैं दबी आवाज़ में चिल्ला उठा… वो कूद-कूद कर मेरी गांड मारने लगे… उनके चुदाई के रिथम से पूरा बेड हिल रहा था.. करीब आधे घंटे गांड मारने के बाद मुझे फिर से सीधा लेटा दिया और जमके १५ मिनट तक मेरी चूत मारी…

तो ये थी मेरी दुसरी चुदाई की कहानी। इस चुदाई के बाद मेरे पति मुझसे रोज, हर रात, रफ वाइल्ड मिशनरी सेक्स करते हैं। जिस कामरे मैं हमलोग सोटे है वहा का बिस्तर बहुत मजबूत था। लेकिन मेरे पति की कच्ची चुदाई से, वो बिस्तर भी हिलने लगता है, और चूर-चूर की आवाज आती है।

आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी…

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घर में आया मेहमान बना मेरी अन्तर्वासना का शिकार https://sexstories.one/meri-chudai-ki-antarwasna/ Wed, 08 Dec 2021 11:49:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3415 मेरे दोनों बूब्स को मुंह में रख कर जोर जोर से चूसने लगा | मैं बेड पर लेट कर जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही जोर जोर से 5 मिनट तक चूसता रहा | फिर मैंने उसके सर को पकड कर अपनी चूत में घुसा दिया...

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Chudai ki Antarwasna हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मैं उम्मीद करती हूँ की आप सभी लोग ठीक ही होगे | दोस्तों मुझे सेक्स में शुरू से ही काफी रूचि थी जिसकी वजह से मैं खुले बिचारो की थी और मैं खुल कर बात करने में अच्छा फील करती थी | मैं सेक्स करने के बारे में बहुत ही एडवांस रहती थी और मैं सेक्सी मूवी देखा भी पसंद करती थी और अभी भी पसंद करती हूँ |

मैं जब पहले सेक्सी मूवी देखा करती थी तो मुझे सेक्सी कहानी के बारे में पता चला था | मैं तब से सेक्सी कहानी पढने लगी और मुझे सेक्सी मूवी से ज्यादा मज़ा सेक्सी कहानी पढ़ने में आने लगा तो मैं सेक्सी कहानी पसंद आने लगी | मैं अभी तक इतनी कहानी पढ़ चुकी हूँ की मैं अब अपनी कहानी लिखने का विचार करने लगी | तब मेरा भी मन हुआ की मैं अपनी कहानी को आप लोगो तक पहुचाओ तो मैं आज टाइम निकाल कर आप लोगो के सामने अपनी कहानी को लेकर आई हूँ | मैं अपनी कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बात देती हूँ |

मेरा नाम नेहा है और मेर उम्र इस टाइम 23 साल है | मेरा रंग बहुत साफ है और मैं दिखने में बहुत सुन्दर हूँ | मेरी हाईट ठीक है जिससे मैं सेक्सी भी लगती हूँ | दोस्तों मैं आप सभी लोगो को अपने फिगर के बारे में बता देती हूँ | मेरे बूब्स काफी बड़े और गोल है | मेरे बूब्स गोल और बड़े होने के साथ बहुत चिकने है और मेरी गांड ज्यादा बड़ी तो नही पर सेक्सी बहुत है जिसको देख कर किसी की भी नियत ख़राब हो जाये | मेरी शादी हो चुकी हैं और मेरे पति मेरी रोज ही चुदाई करते हैं और मैं अपनी पति से बहुत खुश रहेती हूँ क्यूंकि उनका लंड लोहे के सामन है |

वो मेरी चुदाई की इच्छा को पुरी कर देते हैं जिससे मैं किसी और से चुदने के बारे में नही सोचती हूँ | दोस्तों मैं जो आज कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ ये मेरी शादी के पहले की है | मैं आप सभी लोगो से उम्मीद करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और मेरी कहानी को पढने में मज़ा तो खूब आएगा | अब मैं बिना टाइम को बर्बाद करती हुई सीधे कहानी शुरू करती हूँ |

जब मैं अपने घर में रहती थी तो उस टाइम मेरे घर में मेरी मम्मी और मैं ही रहती थी | मेरे पापा काम की वजह से घर बहुत काम ही आते थे | मेरी मम्मी मुझ पर बहुत कम ही ध्यान दे पाती थी क्यूंकि वो अपने काम में बहुत बिजी रहती थी | उस टाइम की बात है | मेरे घर पर एक लकड़ा आया हुआ था | मैं आप लोगो को उस लड़के के बारे में बता देती हूँ | उसका नाम रानू था और वो बहुत ही सर्मिला किस्म का लकड़ा था | वो दिखने में बहुत स्मार्ट था और उसकी बॉडी बहुत मस्त थी जिसको देख कर मैं उस लट्टू हो गयी थी | मेरे मन में उसके लंड से चुदने की इच्छा जग गयी थी और मैं उसे लाइन भी मारती थी |

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पर वो इतना सर्मता था की मुझसे कुछ कह ही नही पाता था | मैं उससे कभी कभी जब मम्मी घर में नही होती तो मैं उससे मजाक भी कर देती थी | पर वो मेरे हुस्न के जाल में नही फंसने वाला था क्यूंकि वो लकड़ा बहुत ही सीधा था | मैं उसके लंड से चुदने की कसम खा ली थी और उसके लंड से बिना चुदे मानने वाली नही थी | मैं उससे मजाक मजाक में उसके लंड को पकड लेती थी पर वो मेरी तरफ देख कर नज़ारे नीचे कर लेता था | एक दिन की बात है जब मेरी मम्मी कुछ लेने के लिए बाहर गयी हुई थी | मैं उस दिन उसे पकड कर बेड पर गिरा लिया और उसके हाथ को पकड कर अपनी टी शार्ट को हटा कर उसका हाथ कमर पर रख दिया | जब मैंने उसके हाथ को पकड कर रख दिया तो वो डर के मारे उसके शरीर में करंट सा लग गया |

तब मैं समझ गयी की इसकी प्रोबलम इसका डर है उसको पहले बाहर निकालती हूँ | मैंने दरवाजा बंद किया और उसकी होठो पर अपनी होठो को रख कर किस करने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके हाथ को अपने बूब्स पर रख दिया | उसने मेरे बूब्स को जैसे ही हाथ में पकडे तो उसने अन्दर भी आग लग गयी | दोस्तों मेरे बूब्स इतने गोल और चिकने थे की किसी का भी मन आ जाये | वो मेरे बूब्स पकड कर दबाने लगा और उसका लंड खड़ा हो गया था | जब उसके लंड खड़ा हो गया था तो उसकी पैंट ऊपर उठ रही थी |

तब मैंने उसके लंड को पैंट के ऊपर से पकड लिया और उसने मेरी चूत में अपनी ऊँगली घुसा दी | अब दोनों के अन्दर वासना की आग लग गयी थी और हम दोनों के शरीर ने पसीना छोड़ दिया | हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में थे और एक दुसरे को चूम चाट रहे थे | हम दोनों सेक्स करने वाले ही थे की मेरी मम्मी की बार से आवाज आई दरवाजा खोल नेहा क्या कर रही है | दोस्तों मैंने तुरंत अपने कपडे सही किये और अपने मुंह को सीसे में देख कर साफ किया | फिर बाल सही करने के बाद दरवाजा खोला तो मम्मी ने पूछा क्या करने लगी थी जो इतनी देर कर दी दरवाजा खोलने में तो मैंने कहा सो गयी थी | फिर मम्मी रात का खाना बनाने की तैयारी करने लगी | फिर कुछ देर में खाना बन कर तैयार हो गया और घर में तीन ही लोग थे उस टाइम तो खाना खाने के बाद लेट गए | मैं लेट कर सोच रही थी की अब मुझे कब मौका मिलेगा जो मैं उसके लंड को अपनी चूत में लेकर चुद पाऊँगी |

दोस्तों उसने 3 दिन बाद की बात है जब मेरी मम्मी मेरी पड़ोस की आंटी से साथ मार्केट गयी थी | जब मेरी मम्मी और आंटी मार्केट जाती है तो पूरा दिन लगा देती है | मेरी मम्मी और आंटी घूम कर आती हैं | उस दिन मुझे मौका भी था और मुझे ये नही पता था की मुझे मौका इतनी जल्दी मिल जायेगा | तब मैंने कंडोम लिया और अपने पास रख लिया | फिर उसके साथ मस्ती करने लगी मैं उसके साथ कुछ देर तक मस्ती करने के बाद हम दोनों एक दुसरे की होठो को चूसने लगे | वो मेरे साथ ऐसे कर करके उसकी हिम्मत भी बढ़ गयी थी जिससे उसे अब डर नही लगता था |

वो मेरी रसीली होठो को चूस रहा था साथ में मेरे चिकने बूब्स को कपडे के ऊपर से दबा रहा था | वो अभी तक मेरे बूब्स को पकडे के ऊपर से दबाता था जिससे उसने मेरे बूब्स को नही देखा था | मैंने उसके कपडे निकाल दिए और उसने मेरे कपडे निकाल दिए जिससे मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो मेरे गोर गोर स्तनों को देख कर पागल कुत्ते की तरह टूट पड़ा और ब्रा को खीच कर तोड़ दिया | जब वो मेरे साथ ऐसे कर रहा था तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं मज़े लेती हुई जोर जोर से गर्म सांसे लेने लगी |

वो मेरे दोनों बूब्स को मुंह में रख कर जोर जोर से चूसने लगा | मैं बेड पर लेट कर जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही जोर जोर से 5 मिनट तक चूसता रहा | फिर मैंने उसके सर को पकड कर अपनी चूत में घुसा दिया और मेरी चूत में ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए चाटने लगा | मैं ऊ ऊ ऊ… आ आ आ.. ई ई ई ई… अ अ अ… सिसकियाँ लेते हुए अपने बूब्स के निप्पल को घुमा रही थी |

वो मेरी चूत के दाने को अपनी होठो से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | मैं जोर जोर से ऊ ऊ ऊ… आ आ आ.. ई ई ई ई… अ अ अ…सेक्सी आवाजे कर रही थी | फिर मैंने उसके लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो अपने लंड को ऐसे ही कुछ देर तक चुसाने के बाद मेरे मुंह से लंड को निकाल लिया | तब मैंने कंडोम को निकाल कर उसके लंड पर चढ़ा दिया | फिर उसने मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत में लंड को घुसा दिया | उसका लंड मेरी चूत में जैसे ही घुसा तो मेरे मुंह से जोरदार सेक्सी आवाजे निकल गयी |

वो मेरी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगा | मैं मस्त सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | वो मेरी चूत में जोर जोर के धक्के मार रहा था और मैं नीचे लेट कर चुदाई का मज़ा लेती हुई ऊ ऊ ऊ… आ आ आ.. ई ई ई ई… अ अ अ… कर रही थी | वो मेरी टांगो को उठा कर जोर जोर से अन्दर बाहर कर रहा था | जब वो मेरी चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था तो मेरे बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे | वो मेरे हिलते बूब्स को देखकर धक्को की स्पीड और तेज कर दी और मुझे जोरदार धक्को के साथ चोदने लगा | मैं चुदाई के मज़े लेती हुई अपनी चूत को हिला हिला कर चुद रही थी | वो मुझे ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था जिससे मेरी चूत से गर्म पानी की धार निकल गयी और मैं झड़ गयी | मेरे झड़ने के 3 मिनट बाद वो भी झड़ गया |

तब मैंने उसके कंडोम को निकाल कर उसने लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी | मैंने उसके लंड को चूस चूस कर साफ कर दिया | फिर हम दोनों ने कपडे पहन लिए | उसके बाद मैं उस लकड़े से दो बार और चुदी थी | फिर मेरी कुछ दिनों बाद शादी हो गयी और तब से मुझे किसी और के लंड से चुदने की जरूरत ही नही हुई |

धन्यवाद……………

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लिफ्ट लेने के बदले चुत मारवाई https://sexstories.one/lift-lene-ke-badle-chut-marwayi/ Sat, 27 Nov 2021 08:24:58 +0000 https://sexstories.one/?p=3463 उसकी जीभ मैने अपने मुह में ली और चूसने लगा. उसने अपने हाथ को मेरी पेंट में डाल दिया और मैने भी उसकी ड्रेस को कंधो पर से सरका दिया. उसकी ड्रेस अब उसके बूब्स पर थी. मैने अब अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी..

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Lift Lene Ke Badle Chut Marwayi – मेरा नाम किंजल है और मैं वडोदरा, गुजरात में रहता हु. मेरी यहाँ पर जॉब चल रही है और मेरी उम्र २५ साल है और मेरी हाइट ५’१०” है और मेरा लुक जब तुम मिलोगे तो पता चल जायेगा. ये मेरी पहली स्टोरी है, आई होप आपको पसंद आएगी और अगर कोई गलती हो जाए, तो पहले से ही सॉरी.

तो अब मैं स्टोरी पर आता हु. बात एक वीक पहले की है, उस दिन मुझे कंपनी के काम की वजह से शाम तक रुकना पड़ा. वैसे तो मेरी कंपनी का टाइम जनरल शिफ्ट के हिसाब से होता है पर काम ज्यादा होने की वजह से मुझे सात बाज गये थे. अभी गुजरात में ठण्ड शुरू हो गयी है और शाम को थोडा अँधेरा हो जाता है और उस जब मैं कंपनी से निकला और रोड पर मस्त स्लो बाइक चला रहा था. तभी रास्ते में एक लेडी ने हाथ किया. उसकी उम्र कोई २८ साल रही होगी. एक्चुअली वो वो मेरी बाइक के पीछे आ रही थी और उसने ऑटो को हाथ किया था. मुझे मिसअंडरस्टैंड हुआ.

मैं उसके पास गया और बाइक खड़ी करके बोला – मैं सिटी की तरफ ही जा रहा हु, आपको कहाँ जाना है? वो हँसने लगी और बोली – मैं ऑटो वाले को हाथ कर रही थी. हम लोगो को इतनी ही बातो में उनकी ऑटो चली गयी. तो मैने बोला – ठीक है, लेकिन आपको कहीं रास्ते में जाना हो, तो मैं ड्राप कर सकता हु. वो बोली – कब से ऑटो का वेट कर रही हु, जो आया वो भी तुम्हारी वजह से चला गया. मैने बोला – चलो तो फिर और वो मेरी बाइक पर बैठ गयी. रास्ते में हम दोनों के बीच में बातें होने लगी और मैने उनसे उनके बारे में पूछा – तो उन्होंने अपना नाम रेशमा (बदला हुआ नाम) बताया और उनकी उम्र ३२ साल थी. वो एक टीचर थी और उनको उस पेपर चेक करने के वजह से देर हो गयी थी. फिर मैने उनके घर के लोगो के बारे में पूछा – तो उन्होंने बताया, कि उनकी ३ साल पहले शादी हुई थी और वो अपने हस्बैंड के साथ रहती है और उनके साँस-ससुर गावं में रहते है और उनके पति एक बड़ी कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव है. सॉरी, मैं उनका फिगर बताना भूल ही गया, वो मेरी हाइट से थोड़ी कम ही थी और उनका फिगर ३६-३०-३४ का था, जो मैने बाद में नापा.

रास्ते में मै बातो ही बातो में, मेरी बाइक की डिस्क-ब्रेक लगाता था, वो मुझसे टकरा जाती और मुझे पीठ में उनके बड़े चुचे गड जाते. मैने उनको बोला – अगर इतनी देर हो गयी थी, तो तुम्हे अपने पति को बुला लेना चाहिए था. वो बोली – वो ३ दिन से आउट ऑफ़ स्टेशन है और नेक्स्ट वीक आने वाले है. इन सब बातो में उनका घर आ गया. वो लोग एक २ BHK फ्लेट में रहते है. मैने उनको वहां ड्राप किया, तो उन्होंने मुझे थैंक्स बोला और मैने उनको भी वेलकम कहकर रिवर्ट किया. जा ही रहा था, तो उन्होंने मुझसे पूछा, कि पानी पीना है तो चलो अन्दर. मैने मन में सोचा, कि रूम पर जाकर क्या करूँगा. थोडा टाइम यहीं पास कर लेता हु. मैं पीजी में रहता हु. उनका फ्लेट ३rd फ्लोर पर था. मैं उनके पीछे उनके फ्लेट में चला गया. उन्होंने मुझे अन्दर बुलाकर डोर को लॉक कर दिया. फिर वो पानी लेकर आई और उसने साड़ी पहनी हुई थी ब्लू कलर की. और डीप गले वाला ब्लाउज. अब रौशनी में, मैं उन्हें घूर-घूर कर देख रहा था. और पानी पीने का बाद कुछ नार्मल बातें की और फिर मैने उनको बोला – आपको बुरा ना लगे, तो एक बात बोलू.

वो बोली – हाँ कहो. मैने कहा – आप एकदम अवीट लग रही हो. किसी किसी का भी मन हो जाए, आपको टाइट झप्पी करने का. तो वो हँसने लगी और नॉटी आवाज़ में बोली – तुमको लगानी है क्या? मैने बोला – इजाजत हो तो. तो उसने मुझे आँख मारी और स्माइल दी. मैं उसके पास चले गया और कसकर बाहों में ले लिया उसे और उसके मुह से अह्ह्ह्हह निकल गयी. मैं हग करते-करते उसकी पीठ में हाथ फेरने लगा. इससे वो कुछ नहीं बोली और मैने उसके ब्लाउज को एक साइड के कंधे से उसकी ब्रा की स्ट्रिप के साथ नीचे करने लगा और उसपर किस्सस करने लगा. वो एन्जॉय कर रही थी स्श्शश्स आआअ कर कर और फिर मैने उसकी आँखों में देखा, तो उसने अपनी साड़ी के पल्लू को गिरा दिया और ब्लाउज में वो क्या कयामत दिख रही थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैने उसे सोफे पर लिटाके उसके ऊपर चड़ गया और लिप्स चूसने लगा. मैने अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी और उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही रब करने लगा.

वो मोअनींग कर रही थी आआआआ हूहूहुहू आआअ स्सस्सस्सस मर गयी. मैने उसकी साड़ी किसिंग में ही निकाल कर फेंक दी. और उसके दोनों हाथो को ऊपर की तरफ करके किस करते हुए उसके बूब्स को प्रेस करने लगा. मैने अब किस करते हुए ही उसका ब्लाउज खीचा, तो उसके ब्लाउज के सारे बटन टूट गये और ब्लाउज खुल गया. उसने अन्दर वाइट कलर की फ्लावर वाली ब्रा पहनी हुई थी और अब मैने उसे मेरे ऊपर ले लिया और उसका ब्लाउज निकाल दिया. उसने अब नीचे से मेरी पेंट निकाल दी. वो मुझपर पूरी तरह से हावी थी और मेरे पुरे लिप्स को अपने मुह में लेकर चाट रही थी. मैं उसके पेटीकोट को ऊपर करने लगा और कमर तक ला दिया. उसकी एकदम मख्खन जेसी गांड पर हाथ फेरने लगा. क्या मस्त गांड थी उसकी. मैं उसपर जोर से चमाटे मारने लगा.

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उसकी वाइट पेंटी जो अब तक पूरी गीली हो चुकी थी, वो निकल दी और साथ में ही उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए, उसकी ब्रा का हुक भी भोल दिया. अब उसने मेरी पेंट और अंडरवियर निकाला. तो वो एकदम खुश हो गयी और मेरे लंड को चूमने लगी और मैने पूछा – क्या हुआ? तो वो बोली – आज मज़ा आएगा, तुम्हारा मेरे पति से बड़ा है यार. वो ब्लो जॉब करने लगी, मैं उसकी बॉडी पर हाथ फेर रहा था और बोल रहा था, खा जा पूरा दर्लिन्गग्ग्गग्ग्ग्ग पूरा का पूरा अहहहः और लंड चूस-चाट कर पूरा चिकना कर दिया. अब मैने उसको ऊपर खीचा और हॉट किस करने लगा. अब मैने बोला – मुझे तुम्हारा दूध चुसना है. वो बोली – आओ ना राजा, तुम्हे मना थोड़ी करुँगी. और मैने जैसे ही चूसने गया, तो उसने मुझे रोक दिया और बोली – वेट और फिर जाके फ्रिज में से आइसक्रीम लेके आई और उसके अपने बूब्स पर डाल दी और बोली – चलो मेरे बेबी,सारा चाट जाओ और खा जाओ मेरे बूब्स को.

मै उसे बाईट कर करके चुसना चाटने लगा. वो बहुत एक्साइट हो चुकी थी तो मै उसके निप्पल को अपनी जीभ से चाट रहा था और उसकी चूत के दाने को भी रब कर रहा था. वो मेरा मुह दबा-दबा के बूब्स चुसवा रही थी. थोड़ी देर उसने अपना बहुत सारा पानी छोड़ दियाऔर वो मुझे बोली – तूने तो मुझे इतने में ही सेटइसफाई कर दिया. मैं बोला – अभी तो बहुत कुछ बाकी है मेरी जान. फिर मैने अपना लंड उसके मुह में दे दिया और उसके ऊपर भी आइसक्रीम लगा दी और वो फुल्ली एन्जॉय करके मेरे लंड को चूस रही थी और मै उसके बूब्स और गांड बारी-बारी से प्रेस कर रहा था. अब मेरा भी निकलने वाला था. तो मैने उसको बोला – मेरा निकलने वाला है. वो बोली – मेरे मुह में ही निकाल दो पूरा. और वो फ़ास्ट हिला-हिलाकर चूसने लगी. मैने उसके बूब्स को मसल डाला और मेरा पूरा माल उसके मुह में छोड़ दिया और उसने एक ड्राप भी वेस्ट किये बिना पूरा चाट लिया. अब तक ९ बज चुके थे. फिर मैने उसे किस और वो बोली – आज की रात यहीं रुक जाओ, पूरी रात चुदाई करेंगे.

मैने बोला ठीक है डार्लिंग पर अभी मुझे अपने रूम पर जाना पड़ेगा और फ्रेंड को कुछ बहाना बताके आऊंगा, तेरी चूत और गांड मारने. इस बात में मैने फिर से उसके बूब्स मसल डाले और वो बोली ठीक है, मैं इंतज़ार करुँगी. फिर मैने कपडे पहने और उसे एक लोंग किस किया और हग करके अपने रूम पर चले गया.

मैं रात को उसके घर से अपने रूम के लिए निकल गया. उसने बोला था. कि तुम कहीं डिनर मत केर लेना. मै बनाकर रखूंगी और जल्दी आना, तो मैं अपने रूम पर आया और फ्रेश होकर अपने रूममेट को बोल आया – किसी काम से बाहर जा रहा हु, कल शाम तक वापस आऊंगा और मैने नेक्स्ट डे के ऑफिस के लिए कपडे भी ले लिए और निकल पड़ा.

रास्ते में मैने मेडिकल शॉप से २ पैकेट कंडोम के ले लिए और ४ सिल्क चॉकलेट ओर ये सब करते, मैं रात को १०:३० बजे उसके घर पर पंहुचा. मैने डोरबेल बजायी, तो उसने पूछा कौन है? मैं बोला – किंजल हु और उसने दरवाजा खोला, तो मेरे तो होश ही उड़ गये. वो सिर्फ नाईटइ में थी. वो उसकी गांड तक की थी और देख कर ही पता चल जाता था, कि उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था. उसका फिगर ही ऐसा था, कि उसकी कोई भी चीज़ उसमे से छुपी नहीं रह सकती थी. मैं उसे देखे ही जा रहा था तो वो बोली – अन्दर आ जाओ. मैं अन्दर गया और वो जैसे ही डोर बंद करके मुड़ी, मैने एकदम ही हमला कर दिया और उसको डोर पर ही लगाकर किस करने लगा और साथ ही साथ उसके बूब्स मसलने लगा. वो बहुत मोअनींग कर रही थी अहहहहः अहहहः ऊऊऊऊ खा जाओ मुझे आज रात .. ऊऊऊ …आज की रात मुझे मस्त चोदना किंजल …. अहाहहः…

ये सब सुनकर मैं भी जोश में आ गया था और उसकी जीभ मैने अपने मुह में ली और चूसने लगा. उसने अपने हाथ को मेरी पेंट में डाल दिया और मैने भी उसकी ड्रेस को कंधो पर से सरका दिया. उसकी ड्रेस अब उसके बूब्स पर थी. मैने अब अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी. वो क्या मस्ती में उसको चूस रही थी. अब मैने उसकी ड्रेस को उसके बूब्स पर से नीचे सरकाई, तो वो पूरी नीचे गिर गयी. मैं उसके बूब्स को बहुत जोर से मसलने लगा. इतना मसलने लगा, कि उसने मेरी जीभ को थोडा सा काट लिया और अब हमने करीब २० मिनट तक किस किया. फॉर वो बोली – चलो मैने तुम्हे खाना नहीं है. मैने बोला – डार्लिंग, मन कर रहा है, कि तुझे खा जाऊ. तो वो हँसने लगी और बोली – अच्छा बाबा, मुझे जो चाहो वो करना; पर पहले खा लो. तुम्हारे लिए मैने कितने प्यार से बनाया है. फॉर वो ऐसे ही नंगी किचन में गयी और मुझे सोफे के पास छोटे टेबल लाने को बोली. मैं टेबल ले आया और फिर वो सारी चीज़े लायी और प्यार से अपने हाथो से खिला रही थी.

उसने पनीर की सब्जी बनायीं थी और साथ में स्वीट में गुलाबजामुन भी बनाये थे. वो मुझे खिला रही थी और मैं उसकी पीठ, उसके बूब्स, उसकी कमर, जांघे, मुह, होठ, चूत सब पर हाथ फिरा रहा था, जैसा की मैने पहले बताया था. वो मुझे जानती थी और मैं ये बात नहीं जानता था. वो मुझे बोली – मैंने तुम्हारी बॉडी पहले भी देखी हुई है, मैं थोडा सा चौका, तो वो बोली – तुम जहा रहते हो, उसके सामने वाले फ्लेट में मेरी स्कूल की फ्रेंड रहती है. कल जब मैं उसको स्कूल के लिए लेने गयी थे, तो मैने तुमको वहां देखा था. तुम तभी-तभी नहाकर निकले थे और सिर्फ टॉवल में ही थे और कपडे सुखा रहे थे. इसलिए मैने तुमसे लिफ्ट ले ली थी. वरना मैं हर किसी लिफ्ट थोड़ी लेती हु. तो मैने उसको बोला – वही बता देना था, वरना वहीँ चोद देता था. फिर मैने एक गुलाबजामुन उठाया और उसकी चाशनी उसके दूध पर लगा दिया और उसको चाटने लगा. उसके निप्पल एकदम कड़े हो चुके थे और उसकी चूत अभी से गीली हो चुकी थी.

वो बोली – अब रहा नहीं जा रहा है. मैने थोडा सा पानी पिया और उसे वही सोफे पर लिटा के उसके ऊपर आ गया और उसको किस करने लगा. वो मेरी बेक पर हाथ फिरा रही थी और मेरे बम्म भी दबा रही थी. अब मैं सीधा हो गया और वो समझ गयी और मेरे लंड पर गुलाबजामुन वाली चाशनी लगाकर चाटने लगी और उसने अपने थूक से पूरा लंड चिपचिपा कर दिया. वो मेरे लंड को अपने मुह में पूरा लेने की ट्राई कर रही थी, लेकिन मेरा लंड पूरा अन्दर नहीं जा रहा था. एक दो बार तो वार्मइट जैसा हुआ, फिर भी उसने मेरा लंड चाटना नहीं छोड़ा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आआआआ ऊऊऊओ. अब मैने कंडोम निकाल लिया. वो मुस्कुराई और बोली – इससे क्यों लाये. मैने कहा – पगली, अभी तुझे माँ थोड़ी बनाना है. तो वो जोर से हँसने लगी और कंडोम लगा कर मेरे लंड के ऊपर चड़कर बैठ गयी. जैसे-जैसे मेरा लंड उसकी चूत में जाता, वो जोर से चिल्लाने लगती थी. मैने सामने उसके बड़े-बड़े बूब्स थे. मैं उनको मुह में लेकर चूसने लगा और उसे और भी एक्साइट कर दिया. उसके निप्पल पर बहुत जोर से जीभ से चाटने लगा और उसने मेरा पूरा लंड अन्दर ले लिया.

अब वो ऐसे ही रही थोड़ी देर मुझे किस करने लगी तो मैने उसकी गांड पकड़ ली और दबाने लगा और धीरे-धीरे मै उसकी गांड ऊपर नीचे करने लगा. वो किस किये जा रही थी. अब मैने उसकी गांड को ऊपर नीचे करना फ़ास्ट कर दिया. वो भी जोश में आ गयी और उछल-उछल कर चुदवाने लगी. अहहहः ऊऊऊ अहहहः सेक्सी मज़ा आ रहा है, ये सब बोल रही थी. वो मुझे बोल रही थी – वोव्वव्व्वो, राजा चोद मुझे ..आज की रात मुझे जमकर चोद … और तेज चोद और मेरी चूत का भोसड़ा बना दे.. मेरी जान. ये सब सुनकर मैने उसे सोफे पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ कर चोदने लगा. शॉट पर शॉट मारने लगा और वो चिल्लाने लगी – ओर्र्र्रर्र्र्र तेज्ज्ज्जज्ज्ज्जज …तेज्ज्जज्ज्ज्जज्ज्ज. जोर से और जोर से चोदो और फिर मुझे अपनी बाहों में जकड लिया. मैं उसे चोदे जा रहा था. इतने में मुझे हॉट-हॉट फील हुआ और मैने उससे पूछा – तो उसने बोला कि उसका पानी निकल गया है और वो बहुत हैप्पी होकर मुझे किस देने लगी तो मैने भी उसे किस करते-करते उसके बूब्स को पकड़ लिया और फटाफट शॉट मारते हुए झड़ गया.

और मैने अपना लंड बाहर निकाला और उसके ऊपर ही लेट गया. वो मेरे हेड और गांड पर किस किये जा रही थी. मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और फिर उसने मुझे साइड में किया और मेरे लंड से कंडोम निकाला और एक प्लास्टिक बेग में डाल दिया. मैने उससे पूछा – तुम्हारा फिगर क्या है? तो वो बोली – खुद ही नाप लो और उसने मुझे मेजरिंग टेप लाकर दे दी. पहले तो मैने उसके बूब्स को दबाया और फिर नापा तो वो ३६ के थे और उसकी कमर ३० की और फिर पहले उसकी गांड पर चाटा लगाया और किस किया और फिर नापा तो वो ३४ की थी. फिर मै उसके दूध चूसने लगा और हम पुरे पसीना-पसीना हो गये थे. फिर वो फ्रीज़ में से शरबत ले आई एनर्जी के लिए. मैने उसका एक सिप लिया और उसके हेयर पकड के नीचे की और खीच लिया. उसका मुह ऊपर की ओर हो गया. मैने उसके होठो पर अपने होठ रख के शरबत की पिचकारी उसके मुह में मारी, तो वो वो उसे पी गयी. फिर उसने सिप ली और किस से मुझे पिलाया. ऐसा करते हुए हम पूरा शरबत पी गये और फॉर से वो मेरे लंड पर बैठ गयी. मेरा लंड तो उसकी अदा देखकर ही खड़ा हो गया.

वो इतने सेक्सी एक्सप्रेशन दे रही थी, कि मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा था. तो मैने उसे सिल्क चॉकलेट दी और वो खुश हो गयी और बोली – मुझे ये बहुत पसंद है. मैने बोला – इसीलिए तो लाया हु डार्लिंग. वो बोली – अब तो मैं इसे अपने छोटे राजा पर लगाकर खाऊँगी और उसने पूरी चॉकलेट मेरे लंड पर लगा दी और उसे खाने लगी और चाटने लगी. वो चाटते हुए, मुझे आँख मार रही थी और मेरी चेस्ट पर हाथ फिरा रही थी. मुझे तो बस जन्नत का अहसास हो रहा था. दोस्तों, उसने करीब २० मिनट तक चाटा, मेरे लंड को. वो ऐसे चाटते हुए, पूरी चॉकलेट खा गयी और कभी-कभी मुझे भी चटा रही थी अपनी जीभ से मेरी जीभ को सटाकर. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. अब मैने उसको साइड में ले कर लंड चूसने को बोला, ताकि मैं उसकी गांड पर हाथ फिरा सकू. उसकी गांड एकदम गोरी-गोरी और स्मूथ थी और उसपर हाथ फिराते हुए मै उस पर थपलिया मार रहा था, वो भी एन्जॉय कर रही थी. तो मैने उसकी गांड पूरी लाल कर दी थी. फिर मैने उसकी गांड अपनी गोद में आये ऐसे लिटाया और उसकी गांड पर किस और काटने लगा.

वो आगगुछ्ह्हह्ह औचुचुचुह ईई ऊऊऊऊओ कर रही थी और साथ में, मैने अपनी २ उंगलिया उसकी चूत में डाल दी. वो बोल रही थी – fasssstttttt ..करो ना जान. मै उसकी गांड पर किस कर रहा था और उसको अपनी उंगलियों से चोद रहा था. वो फिर से झड़ गयी. मैने उसे कहा – अब मेरा तेरी गांड मारने का इरादा है. तो वो बोली तुम्हारे लिए सब हाज़िर है मेरे राजा. पर मैने कभी मरवाई नहीं है, तो तू आराम से डालना. वरना तेरा लंड मेरी गांड फाड़ देगा. मैने बोला – गांड फाड़ने के लिए ही तो मार रहा हु और उसे किस दे दिया. वो स्माइल करते हुए डौगी हो गयी. मैने उसे दूसरा कंडोम दिया, तो वो बोली – धत, गांड तो ऐसे ही मरवाने में मज़ा आएगा, डिअर. तो मै उसके पीछे आ गया और उसकी कमर पकड के लंड को उसकी गांड में डालने लगा. उसकी गांड बहुत टाइट थी. लेकिन उसकी गांड इतनी गोरी थी, कि रहा ही नहीं जा रहा था और मैने पूरी जान लगाकर एक जोर का धक्का मारा, तो मेरा लंड का टॉप वाला हिस्सा अन्दर चले गया. वो चिल्लाई ऊऊऊय्य्यीईईईइ .. मा. मर गयी. रुक जाओ प्लीज.

तो मैं रुक गया और उसे पीछे से चिपक गया और उसके लटके हुए बूब्स हाथ में ले खेलने लगा और साथ ही साथ उसके कंधे पर किस करने लगा और उन पर काटने लगा. अब वो धीरे-धीरे आगे पीछे होने लगी और मैं उसके बूब्स मसल रहा था. वो अपने आप गांड मरवाने लगी. इससे मेरा लंड आधा अन्दर चले गया और फिर मैने उसकी कमर पकड़ कर जोर से शॉट मारा तो पूरा अन्दर चला गया और उसकी गांड मारने लगा. उसकी गांड खूब मारी और करीब २०-२५ मिनट हो गये थे. वो २ बार झड़ी थी. मेरा निकलने वाला था. मैने उसे पूछा, तो वो बोली कि अभी मेरी गांड बहुत प्यासी है, मेरी गांड में ही निकाल दो, मेरे राजा. ये सुनकर मैने फुल स्पीड में उसकी गांड मारनी शुरू कर दी और अब मेरा माल निकलने वाला था तो मैं उस से चिपक गया और उसके बूब्स को जोर से मसल दिया और मेरा सारा माल उसकी गांड में छोड़ दिया. अब हम बहुत थक चुके थे. वो बोली – चलो अब सो जाते है. मैने उसको बोला – मैं तो २ पैकेट लाया हु कंडोम के.

तो वो बोली – क्या आज ही ख़तम करोग? मैं बोला – तेरे जैसी जन्नत सामने हो, तो दो क्या ५ खाली कर दू. फिर उसने मुझे हग कर लिया और मुझे प्यार से समझाया, कि सुबह स्कूल जाना है डिअर. तो मैं बोला – ठीक है और फिर हम उसके बेड में आके एक चादर में एक दुसरे से पूरा चिपक कर सो गये. सुबह ६ बजे, उसने मुझे उठाया और फिर हमने बाथरूम में सेक्स किया डिफरेंट-डिफरेंट पोजीशन में. फिर उसने मुझे ब्रेकफास्ट खिलाया. उसके बाद, ७:३० बजे मैं उसको स्कूल छोड़कर आया. वो आधा घंटा लेट हो गयी थी. वहां से मैं अपनी कंपनी चले गया. शाम को उसके घर पर कोई गेस्ट आने वाला था, तो उसने मुझे फ़ोन करके मना कर दिया. अब उसका हस्बैंड भी वापस आ गया है. अब ना तो मैं उससे कांटेक्ट करने की कोशिश करता हु और ना ही वो मुझसे.

वो बस हम दोनों का एक अच्छा सेक्स एक्सपीरियंस था.

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कमरे के लिए लड़के ने मेरी चूत की आग बुझाई https://sexstories.one/meri-pyasi-chut-ki-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:55:49 +0000 https://sexstories.one/?p=3431 मैं उसकी होठो को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए और उसने मेरे कपडे निकाल दिए | वो मेरे सामने अंडरवियर में आ गया था और मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में थी | वो मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से पकड कर दबाने लगा...

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meri pyasi chut ki chudai हेल्लो दोस्तों मेरा नाम सुमिता है | मैं आज सेक्सी कहानी पढ़ाने वालो के लिए अपनी एक कहानी को लेकर आई हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने प्रस्तुत करने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देती हूँ | मैं रहने वाली तम्बोर की हूँ और मेरी शादी होने के बाद मैं अपनी पति के घर रहती हूँ | मेरी उम्र 38 साल है | मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच है और मेरा रंग गोरा है | मैं दिखने में अभी भी बहुत सेक्सी लगती हूँ और मेरा फिगर अब बहुत ही सेक्सी है |

दोस्तों अब मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा कुछ ज्यादा ही जग गयी है और मेरे पति अब मेरी चुदाई की इच्छा को पूरी नही कर पाते हैं | मैं आप लोगो को अपने पति के बारे में बता देती हूँ | उनका नाम हरी प्रशाद है और उनकी उम्र 42 साल है | उनकी उम्र के साथ उनकी जवानी भी ढल गयी | पर मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा ज्यादा हो गयी है | अब मेरे पति मेरी चुदाई तो करते हैं पर उनका लंड मेरी चूत की आग को नही संत कर पाता है | दोस्तों मैं जो कहानी आप लोगो के सामने प्रस्तुत करने जा रही हूँ | मैं आप लोगो से आशा करती हूँ की आप लोगो को पसंद आयेगी और इस कहानी को पढ़ने में आप लोगो को मज़ा भी आएगा | अब मैं बिना टाइम को बर्बाद किये सीधे कहानी पर आती हूँ |

ये कहानी 1 साल पहले की है | दोस्तों मेरे पति एक सरकरी जॉब करते हैं और वो जॉब की वजह से घर कभी कबार आते हैं | जब वो घर आते हैं तब मेरी चुदाई करते हैं | पर वो मेरी चुदाई की इच्छा को पूरी नही कर पाते है जिसकी वजह से मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा रह जाती है | अब मैं क्या चाहती हूँ की कोई मेरी चुदाई खूब करे और वो जब मेरी चुदाई करते हैं तो 5 मिनट में ही झड़ जाते हैं | फिर सो जायंगे | इसलिए मैंने सोचा की अब ये मेरी चुदाई की इच्छा नही पूरी कर पाएंगे तो मैं अब किसी जवान लकड़े के लंड से चुदना चाहती थी और मैं किसी लकड़े हट्टे कट्टे लड़के की तलास करने लगी |

कुछ दिनों बाद मुझे मेरे मोहल्ले में एक लकड़ा दिखा और मैं उस लकड़े को पहली बार देख रही थी | फिर मैंने पता किया तो मुझे पता चला की वो लकड़ा मेरे घर के सामने वाले घर में कमरा किराए से लेकर रुक रहा है | अब मैं रोज ही उस लड़के को देखती और सोचती की कब इसके मोटे लंड को अपनी चूत में लेकर चुद पाऊँगी | अब मैं प्लान बनाने लगी | कुछ दिन बाद जब वो अपने घर में जा रहा था तो मैंने उसे आवाज दी और कहा बेटा कुछ काम है करा दो | वो बोला रूको सामन रख आता हूँ | फिर वो सामन रख कर आया | मैं उसे अपने बेडरूम में ले गयी और अपने बेडरूम में अलमारी उठवाने लगी | मैं अलमारी उठवा ही रही थी की मैंने चोट लगने का नाटक किया | वो मुझे ऐसे देख रहा था की मैं आप लोगो को क्या बताऊँ | मैं वहीँ जमीन पर बैठ गयी तो उसने मुझे अपनी बाँहों में उठा कर बेड पर लेटा दिया | तब मैंने उससे कहा यार पैर में बहुत दर्द हो रहा है | बाम लगा कर मालिश कर दो | उस लड़के ने पहले तो माना कर दिया |

Mastaram रसीली प्रज्ञा भाभी

फिर कुछ देर तक सोचने के बाद बोला लाओ लगा दूँ | जब उसने ये बाद कहीं तो मैं तुरंत बेड से बाम निकाल कर दिया और बोली लो प्यार से मालिश करना | उसने अपने हाथ में बाम पकड़ा और लगाने लगा | तब मैंने उससे उसका नाम पूछा उसने अपना नाम राकेश बताया | फिर बोला आंटी मैं तुम्हे क्या बोल सकता हूँ | मैंने उससे कहा आंटी क्यूँ बोल रहे हो तुम्हारा जो मन हो बोल सकते हो | मैं उसको सेक्सी नज़रो से देख रही थी | फिर मैंने उससे कहा राकेश तुम यहाँ क्या करते हो | उसने कहा मैं पढाई करता हूँ | वो बोला आंटी आपके के घर में कौन कौन रहता हैं | मैंने उससे कहा मेरे घर में अकेली ही रहती हूँ | मेरे पति तो कभी कभी घर में आते हैं और मेरा एक लकड़ा है जो बाहर जॉब करता है | वो बोला इतने बड़े घर में अकेली कैसे रहती हो आपको अच्छा भी लगता हैं इतने बड़े घर में अकेले |

मैंने उसे कह दिया अगर तुम्हारा मन हो तो तुम मेरे घर में रह सकते हो और मैं कोई किराया नही लुंगी | वो बोला सच में पर क्यूँ नही किराया लोगी | मैंने कहा बस ऐसे ही तुम मुझे अच्छे लगते हो | दोस्तों मैं उसे अपने जाल में धीरे धीरे फांस रही थी और वो फंस रहा था | वो मेरी टांग पर मालिश कर रहा था और मैं अपनी जांघ को धीरे धीरे पुरी खोल दी | वो मेरी गोरी जांघ को घुर घुर कर देखने लगा | जब वो मेरी जांघ को घुर घुर कर देखने लगा तो मैंने अपने ब्लाउज की 2 बदन खोल दी | वो ये देख कर समझ गया था की मैं क्या चाहती हूँ | पर वो करने में डर रहा था | वो मेरी जांघ को जोर जोर से मसल रहा था और मैं मस्त सेक्सी आवाजे करने लगी | वो मेरी ये आवाजे सुनकर मेरे बड़े बड़े बूब्स की तरफ तिरछी नज़रो से देखने लगा | फिर वो कुछ देर बाद बोला मैं जा रहा हूँ |

तब मैंने उससे कहा रुको यार कहाँ जा रहे हो सामने ही हो कुछ देर बाद चले जाना | वो मेरे इशारे को समझ रहा था पर जान कर भी अंजान बनने का नाटक कर रहा था | फिर जब वो मेरे पास बैठ गया तो मैंने उसके एक हाथ को अपने हाथो में पकड लिया और दुसरे हाथ को पकड कर अपनी कमर पर रख दिया | दोस्तों जब मैंने उसके हाथ को अपनी कमर पर रखा तो वो एकदम चौंक गया और बोला ये क्या कर रही हो आप | मैंने भी खोल कर कह दिया यार मैं तुम से चुदना चाहती हूँ | मैं तुमको रोज ही देखती हूँ और तुम मुझे बहत अच्छे लगते हो | अगर तुम मेरी चूत की आग बुझा दो तो मैं तुम्हे घर रहने के लिए दे दूंगी और खाना भी बना कर दूंगी और सब काम तुम्हारे करुँगी | बस तुम मुझे रोज खुश कर दिया करो | उसने कहा अगर तुम्हरे पति ने कुछ कहा तो मैंने कहा तुम उसकी चिंता न करो वो मुझे पास छोड़ दो |

फिर मैंने उसके सर को अपने हाथो में पकड कर उसकी होठो को पर अपनी होठो को रख दिया | वो मेरी कमर में हाथ को डाल कर मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूस रहा था और मैंने उसकी होठो को चूस रही थी | वो मेरी होठो को अपनी होठो को पकड के खीच खीच कर चूस रहा था और मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूस रही थी | मैं उसकी होठो को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए और उसने मेरे कपडे निकाल दिए | वो मेरे सामने अंडरवियर में आ गया था और मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में थी | वो मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से पकड कर दबाने लगा | वो मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने के साथ मेरी ब्रा को खोल दिया जिससे मेरे बड़े बूब्स उसके सामने आ गए | तब वो मेरे एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे दूध को हाथ में पकड कर मसलने लगा |

वो मेरे दोनों बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक एक एक करके चूसने के बाद उसने मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत में अपने मुंह को घुसा कर चाटने लगा | वो मेरी चूत में जीभ को घुसा कर मेरी चूत को चाटने लगा | मैं आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ… सी सी सी सी…. ह ह ह ह… की सिसकियाँ लेने लगी | वो मेरी चूत को चाटने के साथ मेरी चूत में ऊँगली को घुसा कर जोर जोर से हिलाने लगा | वो मेरी चूत में ऐसे ही 5 -6 मिनट तक करता रहा और मेरी चूत से गर्म पानी की धार निकल गयी | जब मैं झड़ गयी तो उसने अपने लंड को निकाल कर मेरी चूत में घुसा दिया | मेरी चूत गीली थी जिससे उसका लंड मेरी चूत में घुस गया | उसका लंड बड़ा और मोटा होने की वजह से मेरे मुंह से दर्द भरी सिसकियाँ निकल गयी|

वो मेरी चूत में जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोदने लगा | मैं जोर जोर से हह हह हह…. ऊ ऊ ऊ ऊ… सी सी सी… आ आ आ…. की सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | वो मेरे दोनों बूब्स को कस के हाथ में पकड कर मेरी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो मेरी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था और मैं मस्त होकर चुद रही थी | वो मेरी चूत में ऐसे ही जोरदार धक्के कुछ देर तक मारता रहा | फिर उसने मेरी चूत से लंड को निकाल कर मुझे घोड़ी बना दिया | वो मुझे घोड़ी बनाने के बाद मेरी चूत में पीछे से लंड को डाल कर जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगा |

जोर जोर से सेक्सी आवाजे करती हुई चुद रही थी साथ में अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुदाई के मज़े ले रही थी | वो मेरी चूत में धक्को की स्पीड इतनी तेज कर दी की धक्को की आवाज गूंजने लगी | कुछ ही देर में मैं दुबरा झड़ गयी और साथ में वो भी झड़ गया | फिर मैंने उसके लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया और उसने अपने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए |

फिर उसके कुछ दिन बाद वो मेरे घर में रहने लगा और वो मेरी रोज ही मस्त चुदाई करता था |

धन्यवाद…………….

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नयी दुल्हनिया के तीखे तेवर https://sexstories.one/dulhan-ki-chut-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:01:03 +0000 https://sexstories.one/?p=3388 मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था...

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Dulhan ki Chut Chudai – वह आराम से ९ बजे सोके उठती और नहाने धोने के बाद चाय पीती मानो कहीं की रानी हो | फिर चहक चहककर लोगों से बतियाने लग जाती, क्यूंकि मायका तो बगल में ही है मेमसाहब का और तो और माता पिता से दूर होने का गम भी नहीं सताता था उसे | बारह एक बजे वापस अपने कमरे में घुस जाना फिर एक मस्त से नींद का आनंद उठाना | फिर शाम को खाने और चाय पीने के लिए बाहर निकल के आना | दिनभर उसके भतीजे और भतीजियाँ घर घेरे रहते थे | बुआ के लिए ये भेजा है उनकी माँ ने उन्हें ये बहुत पसंद है |

आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास कर रही हूँ मैं | तो आपको बता दूँ ये बकवास तो बिलकुल नहीं हैं क्यूंकि हमारे घर के पड़ोस वाली मीनू बनी थी “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की” | मैं हूँ लीला और मैं हर खबर रखती हूँ | मोहल्ले में अगर कोई इधर की उधर भी करता है तो मुझे पता होता है जी | और इन दोनों ने तो हर हद पार कर दी थी अब मैं क्या बताऊ हमारा रिषभ तो बेचारा फस गया था मीनू के जाल में | “दैय्या रे दैय्या” बेचारा सीधा सादा लड़का कहा से इस कमबख्त से शादी कर बैठा |

पर एक बात बता रही हूँ आपको गौर से सुनना “ये अन्दर की बात है” | जब ये दोनों प्यार के पंछी चुदाई करते हैं न तो मेरे रोम रोम में उत्साह भर जाता है | जोश भर देते हैं अन्दर बिलकुल ऐसा कि मैं भी अपने पति को इतना गरम कर देती हूँ जिससे वो मुझे एक नयी दुल्हन की तरह चोदते हैं | पर मैं ये बात आपसे बता रही हूँ | तो चलिए शुरू करते हैं “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की”

बार बार आवाज़ लगाने पर भी कोई जवाब नहीं आया | चाय ठंडी हुए जा रही थी और रिषभ का कोई अत पता नहीं था | विवश होकर बेचारी शीतल भाभी खुद ही छत पर गयी | मीनू छत पे रिषभ से बतिया रही थी और उनकी “गुटर गूं” निरंतर जारी थी | “नमस्ते आंटी” रिया बोली पर लज्जा उसे बिलकुल ना आई | भाभी ने भी अभिवादन किया और बद्बदते हुए नीचे आ गयी | माँ के सामने ही उसके लड़के के साथ प्यार के पींगे पादेगी को कौन भला बर्दाश्त करेगा |

“माँ कहाँ हो तुम ? और कहाँ है मेरी चाय ? रिषभ नीचे आके पूछने लगा |

सुन रिषभ !!! अब तू बड़ा हो गया है और एक अच्छी खासी नौकरी कर रहा है | छत पे तुम दोनों क्या बातें कर रहे थे ? मन छोटे में साथ खेले हो तब मैंने ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा | बड़े होकर साथ में कॉलेज गए तब भी मैं चुप रही | पर अब क्या बातिएँ करते हो तुम दोनों ? शीतल भाभी ने एक गुस्से भरे अंदाज़ में कहा |

“माँ काहे चिंता करती हो हम दोनों एक बहुत लम्बे समय से एक दुसरे को जानते हैं और अब आदत सी हो गई है बात करने की “ तुम फ़ालतू के ख्याल दिमाग में मत लाओ ऐसा कुछ भी नहीं है | मैंने ये बात जैसे ही सुनी तो मुझे लगा अभी कुछ कहना ठीक न होगा मैं शाम को भाभी के पास जाउंगी | पर भाभी के लबों से जो शब्द निकले मानो मेरे ही हों |

“बात को आगे बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है रिषभ” पता नहीं क्यूँ उन्हें रिषभ की बात पे कहीं न कहीं भरोसा नहीं था | और मीनू के बदले तेवर अलग ही कहानी बयां कर रहे थे कभी भजिये तो कभी हलवा लेके घर के चक्कर मारती रहती थी |

जैसा कि मैंने कहा था मैं शाम को भाभी से मिलने गयी | भाभी के माथे पर पड़ रहीं लकीरों को देख के लगा जैसे वो अन्दर से तू रहीं हैं | फिर उन्होंने कहा लीला तुझे तो सब पता चल ही गया होगा | क्यूँ सही कहा ना मैंने ? मदद कर लीला ! लड़का भोला है मेरा | मैंने कहा भाभी रुको अपना खून मत जलाओ मैं चाय बना के लाती हूँ आपके लिए | मैं कित्चें में चाय बना ही रही थी कि अचानक दरवाज़े पे कुछ आवाज़ हुयी और मैं बहार आई |

कौन है भाभी चाय ज्यादा बनाऊ क्या ? बस इतना कहते ही मेरे होश उड़ गए | सामने देखा तो मीनू जी खड़ी थी साड़ी पेहेन के |

Dulhan ki Chut Chudai रिक्शावाले ने चोदा बारिश में..

आंटी जी !! देखिये न कैसी लग रही हूँ में ? मैंने कहा मीनू आप वाकई साड़ी दिखाने आये हो या भजिये तलने हैं ?

जो समझना है समझो लीला भाभी पर पहले बताओ मैं लग कैसी रही हूँ ? चाय उबलते उबलते कब उफन के गिर गयी परता ही नहीं चला और शीतल भाभी को तो जैसे सांप सूंघ गया था | हम दोनों बस उसे ही देख रहे थे इठलाते हुए | लीला वो गयी, अच्छा कहाँ गयी भाभी, अरे !! लीला मीनू गयी | शीतल भाभी ने मुझे धक्का मारते हुए कहा |

अच्छा भाभी, अरे हाँ नहीं ! भाभी क्या वो गयी ? अरे हाँ पागल जा चाय ला फिर से बना के जल गयी सारी | भगवान् इस मुसीबत से बचाए कहाँ से आ गयी | चाय बनी और हम दोनों एक दुसरे का चेहरा देखते हुए चाय पी ही रहे थे कि रिषभ आया और सीधा छत पे गया | मैंने कहा भाभी कही उस चुड़ैल ने मोहिनी मंत्र तो नहीं मार दिया अपने बच्चे पे ? नहीं रे लीला अभी उसकी माँ जिंदा है ऐसा कैसे कर पाएगी वो ? मैंने कहा भाभी देखो आक अमावस्या की काली रात है कही कुछ गलत न घट जाए ? शुभ शुभ बोल लीला कुछ भी मत कहा कर | खुद तो डरती है और मुझे भी डरा देती है | मैंने कहा भाभी आज हम दोनों रात में इन दोनों की तकवारी करेंगे आप सो मत जाना | मैं अपनी छत पे रहूंगी और आप भी मुझे खबर करती रहना सो मत मत जाना |

इतना मैंने भाही से कहा और मैं चली गयी अपने घर | रात के ८ बजे मैंने खाना खाया और तुरंत भाभी को फोन लगाके पुछा भाभी अपना लड़का कैसा है ? भाभी ने कहा खाना खा रहा है अभी पर फोन से चिपका हुआ है | मैं समझ गयी और टपक से कहा भाभी फोन पे लगा है खाते समय मतलब छत पे तेहेलने भी जाएगा | आप तैयार रहना मैं तो हूँ और इतना कहके मैं बर्तन मांजने लगी | फिर मुझे याद आया भाभी तो दवाई खाती हैं दर्द की और उससे उन्हें नींद आती है | मैं छत पे गयी और जैसे ही फोन लगाया तो सामने दिखा रिषभ | 10 बजे थे रात के पर वो बैठा था और भाभी भी फोन नहीं उठा रही थी | मैं समझ गयी हो गया बेडा पार आज |

पर ये रिषभ बैठा हुआ क्यूँ है ?

थोड़ी पास गयी तो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म का स्वर मुझे सुनाई दिया | मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था | मेरा मन व्याकुल हो गया और मैंने अपनी पति को बुला लिया और कहा जैसा वो लोग करें वैसा तुम करो | हम दोनों भी नंगे हो गए | रिषभ मीनू की चूत चाटने लगा और मैंने भी अपने पति का मुह अपनी चूत से लगा दिया | मेरी रसभरी चूत जैसे वापस जीवित हो उठी थी |

आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म आराम से करो न रिषभ, मीनू ने मादक स्वर में कहा | मीनू ने उसका लंड चूसना शुरू किया पर मेरे पति से चूत चटवाने का आनंद मुझे पहली बार प्राप्त हुआ था इसलिए मैंने जारी रखा | रिषभ भी आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रहा था और 10 मिनट बाद मीनू के मुह में अपना वीर्य छोड़ दिया | मैंने भी अपना पानी अपने पति के मुह में छोड़ दिया | मैं सुस्त पड़ गयी पर रिषभ ने अपना लंड जैसे ही मीनू की चूत में डाला वो चीख उठी | निकाल फट गयी मेरी चूत ! पर रिषभ घोड़े की तरह चोद रहा था और कुछ देर बाद वो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म करने लगी | मेरे पति ने भी मेरी गांड मारना चालु कर दिया था पर मैं शोर नहीं कर सकती थी | आधे घंटे तक ये चला और हम दोनों फिर से झड़ गए | फिर मैंने सोचा अब ये हो गया है तो क्या फायदा और हम दोनों नीचे आ गए |

सुबह मेरी नींद खुली तो चिल्लाने की आवाज़ आई | ये क्या किया मेरी बेटी के साथ तुमने ? बताओ अब क्या होगा इसका ? अंकल मैं आज ही इससे शादी करूँगा | रिषभ ये कहके निकला और बाजु में खड़ी शीतल भाभी की आँखे नम थी और उनको देख के मेरा भी दिल दुख गया | बाकि उसकी आदत आपने ऊपर पढ़ ही ली होंगी |

तो दोस्तों सब करो पर अपने माँ के बेपनाह प्यार की इज्ज़त भी करो और किसी गलत लड़की के लिए उसका भरोसा मत तोड़ो |

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रिक्शावाले ने चोदा बारिश में.. https://sexstories.one/rikshawale-ne-choda-baarish-me/ Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3326 मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड...

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Rikshawale Ne Choda Barish Me – हेलो दोस्तों. अपने लंड को हाथ में पकड़कर ये सेक्सी चुदाई वाली कहानी पढीये. मज़ा आएगा… मेरा नाम कोमल है. मैं २५ साल की पंजाबन लड़की हूँ और दिल्ली में कॉलेज में पढ़ रही हूँ. मेरा फिगर ३७-२८-३९ है और ऊंचाई ८ फुट ९ इंच है. मेरी आँखें और बाल काले हैं और मैं बहुत गोरी हूँ.. नाक पतली और छोटी, ठुड्डी राउंड है और फेस डायमंड शेप का है.. होंठ पतले हैं और चेहरा भरा हुआ है.. बात अभी कुछ दिन पहले की है.. जुलाई का महीना था और बारिश हलकी-फुलकी हो रही थी.. मैं अपने घर के रूम में बिस्तर पर बैठी अपने फ़ोन में सेक्सी वीडियोस देख रही थी.. अचानक मेरे फ्रेंड का फोन आया, जो की अपने मायके गयी हुई थी..

पायल – हेलो कोमल!

मैं – हाय पायल! कैसी है और कब आ रही है वापस?

पायल – अरे यार.. यहाँ बस स्टैंड पर कड़ी हूँ.. मुझे पुलिस स्टेशन में काम है अर्जेंट और मेरे पास काफी सामान है.. तू आजा.. साथ में डिनर करके चलेंगे फिर मार्केट से…

मैं – ओके! अभी आती हूँ.. सब ठीक तो है ना?

पायल – मेरा फ़ोन चोरी हो गया है, मुझे FIR करनी है अभी…

मैं – फिर चोरी हो गया? तू करती क्या है? बड़ी लापरवाह है… और FIR बाद में कर लेना.

पायल – अरे यार.. अभी ट्रैक हो जाये तो अच्छा है.. बाद में कोई कुछ नहीं करता…

मैं – ओके डार्लिंग.. डोंट वरी… मैं आती हूँ..

फिर मैं तैयार हुई जल्दी में, बिना ब्रा के ही, एक येलो टॉप और ब्लू जीन्स में.. घर से बाहर रिक्शा पकड़ा जो की ऊपर से खुला था..

ध्यान ही नहीं रहा की बारिश हुई तो सब भीग जायेगा.. बस स्टैंड करीब १० मिनट की दूरी पर था, और जो रास्ता है, वो काफी सुनसान सा है… रास्ते में जो डर था, वही हुआ.. बारिश शुरू ो गयी.. और मैं भीगने लगी.. खैर, इतनी तेज़ बारिश नहीं थी, इसलिए मैंने रिक्शा नहीं रुकवाया..

पर कुछ ही सेकंड में बहुत तेज़ बारिश होने लगी.. मैंने रिक्शावाले को साइड में पेड़ के निचे रुकने को कहा.. मैं जल्दी से रिक्शा से कूदकर पेड़ के निचे भागी.. रिक्शावाले को मैंने पैसे भी नहीं दिए थे.. इसलिए वो रुक गया और अपनी सीट पर ही बैठे-बैठे घूरने लगा…

रिक्शावाला – मैडम थोड़ी ही दूर है.. वह जाकर खड़ी हो जाना..

मैं – अरे.. दिख नहीं रहा भैया? मैं भीग गयी हूँ…! एक तो छत नहीं है तुम्हारे रिक्शे में, ऊपर से भीगा दोगे?

रिक्शावाला मुझे घुरे जा रहा था.. अचानक मुझे ध्यान आया!

हे भगवान्!!! मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे दोनों चुचे साफ़ चमक रहे है… टी-शर्ट गीली थी तो अंदर का सब दिख रहा था.. एकदम क्लियर!

ऊपर से बारिश की ठंडी बूंदे , जिनकी वजह से मेरे निप्पल्स कड़क हो गए थे.. रिक्शावाले ने रिक्शा साइड में लगाया और मेरे पास आकर खड़ा हो गया..

मुझे जैसे ही ध्यान आया, मैंने अपने हाथ फोल्ड कर लिए और निचे सर करके खड़ी हो गयी… स्लीवलेस टी-शर्ट पहनी थी, जिससे मेरे हांथों में हलकी हलकी ठण्ड लग रही थी.. जिससे मैं कांपने लगी.. मैं फ़ोन पर पोर्न देखने के बारे में सोचने लगी.. और मेरे दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे.. इतने में पायल का फ़ोन आय गया..

पायल – कहा है तू इशिका? मैं वेट कर रही हूँ…

मैं – अरे यार.. रिक्शा से आ रही थी और रिक्शे में छत ही नहीं है.. पेड़ के निचे कड़ी हु अभी..

पायल – अरे यार…

मैं – तू बाद में करवा लेना FIR , फ़ोन तो मिलेगा नहीं अब.. सिम इशू करवाने के लिए ही तो चाहिए होगी…

पायल – क्या पता मिल जाए…

मैं – अच्छा ठीक है.. बारिश कम होते ही आ रही हूँ..

मैं फ़ोन पर बात करते टाइम अपने हाथ निचे कर चुकी थी.. जिससे की रिक्शावाले को खूब मज़ा आ रहा था..

वो मेरे साइड में खड़ा होकर मेरे चुचे देख रहा था.. फिर वो बात करने की कोशिश करने लगा..

रिक्शावाला – मैडम, मौसम तो बढ़िया हो गया अब..

मैंने सोचा की ठीक है, बातें करुँगी तो यही रहेगा.. भागेगा नहीं.. तो मैं भी बातें करने लगी..

मैं – हाँ भैया.. कम से कम गर्मी तो कम होगी..

रिक्शावाला – पर अप्प लेट हो गयी बारिश में..

मैं – अब क्या करें? किसी का फायदा तो किसी का नुक्सान.. वैसे मुझे बारिश से कोई ख़ास शिकायत नहीं है..

रिक्शावाला – आप उत्तर प्रदेश से हो?

मैं – नहीं.. मैं पंजाब से हूँ.. आप शायद U.P. से हो..

रिक्शावाला मुस्कुराने लगा..

रिक्शावाला – मैडम.. आपका नाम क्या है?

मुझे अजीब लगा के ये क्या चाहता है जो नाम पूछ रहा है..

मैं – नाम का क्या करोगे?

रिक्शावाला – मेरा नाम लखन है.. ऐसे ही पुछा मैडम.. इंट्रोडक्शन के लिए..

मैं – हाँ.. हाँ.. आप तो मुझे पढ़े-लिखे लगते हो..

लखन – हांजी.. मैंने B.A. किया है.. वो तो मजबूरी में रिक्शा चला रहा हूँ..

मैं – ओह!

लखन – आप क्या करती है? मतलब क्या पढ़ रही हैं?

मैं – अरे, जो कॉलेज था न.. जहा आप खड़े थे.. वह पढ़ती हूँ..

लखन – अरे.. याद आया.. मैंने आपको कई बार आते-जाते देखा है..

लखन थोड़ा पास आ गया.. मेरा दिल धड़कने लगा तेज़ी से.. एक तो दिमाग में पोर्न मूवी चल रही थी.. जिसे देखकर मैं ऊँगली कर रही थी.. ऊपर से टी-शर्ट में खड़ी निप्पल्स!!

लखन बड़ा ही हसमुख आदमी था.. मुझसे हाइट में कुछ छोटा था.. पतला सा.. करीब ४५-५० के आस-पास का आगे वाला.. थोड़ी दाढ़ी भी थी उसको.. दो तीन मिनट तक तो वो खुद ही बोलता रहा… मेरे मन में अब लंड घूम रहा था.. मोटा सा लंड.. अपनी चूत में लेने की इच्छा हो रही थी.. फिर मेरे दिमाग में आया की क्यों न मैं लखन की साथ ही कुछ शरारत करू…?

मैंने अपने दोनों हाथ कमर पर रख लिए और फिर एक हाथ से टी-शर्ट की बाहर की तरफ खींचा.. खींचते ही टी-शर्ट से चिपके हुए मेरे मोठे चुचे अलग हो गए.. लखन बड़े ध्यान से देख रहा था..

उसका मुंह मेरे ही तरफ था शुरू से..

मैं – अच्छा तो आप मुझे देखते क्यों थे?

लखन – अरे मैडम.. इतनी खूबसूरत हो तो नज़र तो टिकेगी ही.. मैं अकेला थोड़े ही हूँ.. आप के कॉलेज के लड़के हो तो….

मैं – तो क्या? बताओ…

लखन – वही तो.. इशारे से पूछते थे के अच्छा लगा…

मैं – ओह! ऐसा है क्या? अच्छा तो फिर आप क्या कहते थे?

लखन – सच ही कहा था मैडम…

मैं – क्या कहते थे?

मैंने अपने आँखें बड़ी की और सीधा लखन की आँखों में बड़े प्यार से देखा..

लखन – यही की बड़ा मज़ा आया..

मैं – हम्म…. देख के मज़ा आता है..

लखन – और नहीं तो क्या मैडम..

मैं – मैडम मत कहो प्लीज.. मेरा नाम इशिका है.. बड़ा अजीब लगता है अपने से बड़े लोगों से मैडम सुनना…

लखन – ठीक है ईशिकाजी..

मैं सोच रही थी.. मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है जब तक लड़की पट नहीं जाती.. पर जब एक बार चोद लेते है तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड में डाल देते हैं…

मुझे ये सोच कर हंसी आ गयी.. के अभी जब इसे चुत दे दूंगी तो फिर जी-वि सब गायब हो जायेगा…

लखन – क्या हुआ इशिकाजी..

मैं – यही सोच रही थी के आपको क्या मज़ा आता होगा..

लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब..

लखन – आपको पता है क्या?

मैं – हाँ.. आजकल तो सब को पता होता है…

और मैं मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर निचे देखने लगी.. मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. लखन का लंड भी पैंट का शेप बिगाड़ रहा था अब..

मैं – आपकी शादी हो गयी होगी…

लखन – हाँ..

अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी.. और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था..

मैं – फिर भी आप जवान लड़कियों को देख कर मज़े लेते हो?

लखन – जितनी टाइट होती है न.. उतना मज़ा आता है देखने में…

और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे बाएं चुचे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो-तीन बार दबा दिया..

मैं – आअह्ह्ह!!! ये क्या कर रहे हो आप?

लखन – ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका.. बेवकूफ समझा है क्या? कब से लाइन दे रही हो तुम..

मैं – मैं तो नार्मल ही बात कर रही थी..

इतने कह मैंने उसे धक्का दिया.. मैं भी मज़े ले रही थी… ताकि मुझे रफ़ ट्रीट करे.. मुझे रफ़ ट्रीटमेंट पसंद है..

लखन – भोस्डीकी, नार्मल बातें.. सभी के लंड भी ले लेती होगी।

फिर तो वो मेरे ऊपर झपटा और मेरे चुचे को दोनों हांथों से पकड़ लिया कस के और भोंपू बजाने लगा.. फिर आटे की तरह गूंथने लगा.. मेरा हाथ उसके हांथों पर था.. मैं रेसिस्ट नहीं कर रही थी.. मेरी चुत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा.. मैं शाम के उजाले में खुले सड़क पर साइड में एक रिक्शावाले से अपने बोबे दबवा रही थी.. ये सोच कर मुझे और जोश आ गया.. अब मैं कराहने लगी..

मैं – स्स्स्सस्स्स्स……

लखन – हे..हे.. आया मज़ा तुझे.. आ गयी न तू लाइन पर..

ये कह कर उसने मेरे चुचो के बीच मुंह रगड़ दिया.. टी-शर्ट के ऊपर से ही…

लखन – पसंद आ रही है साली रंडी?

मैं – ओह! हाँ.. पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो..

लखन – देख लेगा तो क्या? वैसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है.. कोई कुछ नहीं कहता..

मैं – अरे.. पर मैं रंडी थोड़े ही हूँ..

लखन – जो भी हो तू माल तो ग़दर है..

उसने मेरे टी-शर्ट को ऊपर किया और अपना मुंह जितना खोल पाता, खोला और मेरे राइट बोबे पर चिपका दिया.. और खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था की आज तो दूध ही निकल जाएगा.. चूसते-चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर रख के उसे दबा दिए… खूब जानवरों की तरह मेरे चूतड़ मसल रहा था वो…

मैं – प्लीज, साइड में चलो.. मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ.. जो चाहो.. कर लेना… पर उस झाडी के पीछे..

फिर लखन मुझे झाडी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच लिया.. उसका मोटा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था.. उसने मेरी टी-शर्ट निकाल फेकी…

मैं – अरे.. क्या कर रहे हो..? मुझे जाना भी है कही.. गन्दा मत करो..

लखन मेरे बूब्स पर चींटी की तरह मुंह लगाकर चिपका हुआ था.. और ऐसे ही मैं टी-शर्ट उठाने लगी.. फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साइड में रखा.. अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी और मेरे एक बोबे को लखन चूस रहा था और एक लटक रहा था हवा में.. मुझे अंदाजा हो गया की ये बड़ा ठरकी है.. आज तो हज़ामत बनाकर ही दम लेगा.. मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते हैं.. मैंने झट से अपनी जीन्स के बटन खोल दिया और उतारकर साइड में रख दिया.. लखन खड़ा होकर ख़ुशी से देखने लगा..

लखन – अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है..

मैं – तुम तो सारा दिन बोबे ही चूसते रहोगे…

इतने में मैंने झट से पैंटी उतारी और कुतिया बन गयी.. मुझे लगा लखन अपना लंड डालेगा पीछे से.. देसी आदमी वैसे भी सिर्फ चुदाई ही जानते है.. पर वो भूखे शेर की तरह मेरी चूत पर मुंह लगाकर जूस चूसने लगा.. मेरी चीख निकल गयी.. सुननेवाले ने बहूत दूर से सुन ली होगी.. ऐसे चीख थी..

मैं – क्या कर रहे हो…. खा जाओगे क्या?

लखन – इतनी सूंदर चूत है तेरी.. खाना तो पड़ेगा ही.. ऐसे चूत तो सिर्फ विलायती फिल्मो में देखी है..

मैं – तुम्हे पसंद आयी ?

लखन – दिखाता हूँ.. कितनी पसंद आयी..

उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर दिया मेरे चूत पर.. मैं एकदम से उछल गयी…

मैं – आह्ह!!! जानवर हो क्या?

लखन – शेर हूँ.. शेर!

मैं – शेर का तो लंड छोटा होता है.. बड़ा तो सिर्फ गधे का होता है..

और मैं हंस पड़ी.. लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चूका था की मुझे काबू करना आसान है और मैं ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बिठाया गीले पत्तों पर और अपना पैंट उतार दिया.. उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था पर उसके सेहत के हिसाब से काफी ज़्यादा मोटा था..

मैं – वाओ! ये तो काफी मोटा है.. शेर के लिये..

इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और ज़ोर-ज़ोर से चुत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था और मुझे उबकाई आ रही थी.. पर वो चोदे जा रहा था.. उबकाई के वजह से चिपचिपा थूक निकल कर लंड पर लग गया.. जिससे की वो और चिकना हो गया और सर्र-सर्र मुंह में अंदर-बाहर होने लगा.. मैं मुंह साइड में करने की कोशिश कर रही थी पर उसने मुझे बालों से पकड़ा था कसकर.. पर आखिर में मुंह साइड में करने में कामयाब हो गयी मैं.. पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था..

मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोठे लंड से चोद रहा था.. गाल लग रहा था के फट ही जायेगा.. पर कम से कम, उबकाई तो नहीं आ रही थी अब.. उसने खूब मुंह चोदा ३-५ मिनट तक.. फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुतिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड दाल दिया..

Chudai kahani गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती

लखन – साली रांड! कितनो से चुदवा चुकी है? चूत तो खुली है तेरी पर टाइट है काफी..

मैं – आह्ह्ह्हह…. बस मेरे बॉयफ्रेंड ने चोदा है अब तक..

लखन – मेरा लंड कैसा लगा तुझे?

मैं – मज़ेदार… आअह्हह्ह्ह्ह… है काफी… काफी एक्सपीरियंस वाला लंड है तुम्हारा. पर थोड़ा.. और लम्बा होता तो गहरा उतर जाताआआआ…..

लखन – गहरे का क्या है.. अभी ये देख..

लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था, लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा है.. इतना मज़ा आ रहा था के क्या बताऊँ.. मैं वह पड़े-पड़े मज़े ले रही थी.. इतने में फ़ोन बज पड़ा…

पायल – कहा है तू इशिका?

मैं – आअह्ह्ह… यही… हु…..

पायल – बारिश तो कब की बंद हुई है.. कब आएगी?

मैं – अरे.. बससससस…. निकलल…. रही हूँ..

लखन – भोसड़ीकी, कौन है.. जो चुदाई में बाधा डाल रही है…

मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे ऊपर लगभग लेट ही गया और चोदने लगा..

पायल – अरे यार.. तेरे चक्कर में कब से कड़ी हूँ.. जल्दी आ अब तू…

मैं – बस.. पहुँच… रही… हु…. उईईईईई!!!!

पायल – ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ?

लखन धीरे से मज़े लेते हुए कहने लगा… चुत पिलवा रही है तेरे रंडी सहेली..

मैं – उम्मम्मम्म… रोड… पर…. गधे…. हैं…. यार… काफी…… उईईई! रिक्शावाले! धीरे करो… ना…. उईईईईई.. माँ!!!!

पायल – गधी! कौनसे रस्ते से आ रही है तू? खैर.. जल्दी आ…

मैं – ओके!

मैं – फूउ…. बच गयी…

लखन अब खुद तेज़ झटके माँ रहा था.. उसने अपने दोनों हथेली मेरी पीठ पर राखी थी और धकाधक चोदे जा रहा था मेरी चूत पीछे से… उसके झटके बहुत तेज़ हो रहे थे… मैं समझ गयी, इसका माल निकलने वाला है.. मैं एकदम से आगे हुई और उसका मोटा लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था इसलिए बाहर आते ही, लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा…

लखन – माँ की लौड़ी.. आनेवाला है.. क्या कर रही है?

मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड मेरे बोबों के बीच फसाकर आगे-पीछे घिसने लगा.. थोड़ी देर में उसके मोटे लंड की पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबों पर बिखर गयी.. मैंने मज़े लेकर उसका माल ऊँगली से छाता.. वो मेरे ऊपर ही लेट गया और लिपट गया मुझसे..

मैं – ले लिए मज़े अब तो..

लखन – अभी कहाँ? अभी तो असली काम बाकी है..

मैं – वो क्या?

लखन – मैं तेरी मोटी गांड पर फ़िदा हूँ.. वो लेनी है..

मैं – ओह! नो!! नहीं.. प्लीज़ अभी नहीं.. अभी मुझे जाना पड़ेगा.. मैं बाद में मिलूंगी कभी तो.. तब वो भी कर लेना …

लखन – चल ठीक है.. कहाँ भागेगी अब तू तो मेरी रंडी है..

मैं – हां.. हां..

फिर मैं उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ़ करवाया.. फिर अपने आपको साफ़ किया लखन की चड्डी से और कपडे पहने.. फिर मैं बाहर आयी झाडी से तो देखा के रोड के दूसरी तरफ से एक ऑटो आ रहा था..

ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया पर ऑटो कुछ आगे जाके रुका.. लखन पेशाब कर के मेरे पीछे से निकला और रिक्शा पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पायी थी..

लखन – चलो मैडम…

मैं – ओह.. रुको.. मेरी दोस्त यहाँ है..

लखन – चलो.. तो फिर अपना नंबर तो बता दो..

मैंने उसका नंबर लिया और अपना नंबर उसे दे दिया.. और फिर रिक्शा में बैठ कर उसी साइड चल दी जहा से आयी थी.. वैसे भी लखन को बीएस वापस जाना था वहीँ.. आगे मैं ऑटो के पास उत्तरी और ऑटो में बैठने लगी..

पायल – अरे.. पैसे तो दे दे बेचारे को..

मैं सोच रही थी की चूत और मुंह तो दे ही दिया है.. पैसे भी दू ऊपर से..

लखन – अरे नहीं.. मैडम का खाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूंगा जब दिखेंगी..

पायल – ओके!

और हम दोनों चल दी..

पायल ने रास्ते में कहा – मुझे पता है किस खाते की बात हो रही है..

मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.. के इसे कैसे पता?

फिर हॉस्टल पहुँचने पर उसने बताया की तुझे जो झटके लग रहे थे वो चुदाई के ही हो सकते थे क्योंकि तू तो पेड़ के नीचे थी जहा तूने कहा था.. मैंने आँख मारी और कहा की क्या करू.. करना पड़ता है चूत के लिए..

आशा है आप सबको ये सेक्सी स्टोरी पसंद आयी होगी।

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