gaand Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/gaand/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 गांड का छेद माल से भर डाला https://sexstories.one/naukrani-ki-gaand-me-lund-daala/ Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4378 नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं..

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Naukrani ki Gaand – रोहित और मेरी दोस्ती पूरे कॉलेज में बड़ी फेमस थी.. हम दोनों ही एक दूसरे के साथ हमेशा ही खड़े नजर आते थे.. एक दिन रोहित मुझसे कहने लगा यार अब तो कॉलेज भी खत्म होने वाला है तुमने क्या सोचा है। मैंने रोहित से कहा मैं क्या सोचूंगा पापा ने मुझे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरा काम संभालोगे और इसके अलावा तो शायद मैं और कुछ भी नहीं सोच सकता। मुझे रोहित कहने लगा चलो पारस तुमने तो अच्छा किया जो अपने पापा की हां में हां मिला दी लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि मैं अपना फैमिली बिजनेस ना संभाल कर कुछ और काम शुरू करूं। मैंने रोहित से कहा लेकिन इसमें तुम्हें दिक्कत भी हो सकती है रोहित कहने लगा अरे यार इसमें दिक्कत वाली क्या बात है अब तुम ही मुझे बताओ कि मैं भी क्या करूं मेरा मन पापा के बिजनेस को करने का बिल्कुल भी नहीं है और मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

मैंने रोहित से कहा वह तो तुम अपने पापा का काम संभाल कर भी कर सकते हो और उन्होंने इतने साल की मेहनत की है उसके बाद तुम्हे ही तो सारा काम संभालना है। रोहित और मेरे बीच में काफी समानताएं थी रोहित के पिताजी भी एक बिजनेसमैन है और मेरे पिताजी भी बिजनेसमैन है हम दोनों ही घर में एकलौते हैं लेकिन रोहित चाहता था कि वह कुछ अलग करें इसलिए उसने अमेरिका जाने के बारे में सोच लिया था। मैंने रोहित से कहा कि तुमने क्या अपना पूरा मन बना लिया है कि तुम अमेरिका चले जाओगे रोहित मुझे कहने लगा हां पारस मैंने पूरा मन बना लिया है अब मैं अमेरिका में ही कुछ काम शुरू करना चाहता हूं।

रोहित के पिताजी भी शायद उसे मना ना कर सके और वह अमेरिका चला गया। मैं दिल्ली में रहकर ही अपने पापा का काम संभालने लगा और देखते ही देखते कब समय बीत गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा समय बड़ी तेजी से निकला और मुझे काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके थे। इन 5 वर्षों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था और यह सब पापा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि पापा ने ही मुझे अपने बिजनेस के तौर तरीके और अपने काम की बारीकियों को सिखा दिया था।

रोहित से मेरी बात तो होती रहती थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात सिर्फ एक या दो बार ही हो पाई थी अब वह अमेरिका में ही सेटल हो चुका था। एक दिन उसका मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा पारस मैं दिल्ली आ रहा हूं मैंने रोहित से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा है कम से कम इतने समय बाद तुम मुझे मिलोगे तो सही पिछले दो वर्षों से हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हो पाई है। रोहित मुझे कहने लगा हां क्यों नहीं मैं बस तुम्हारे पास अगले हफ्ते पहुंच जाऊंगा मैंने रोहित से कहा चलो ठीक है तो फिर हम लोग मुलाकात करते हैं।

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रोहित कहने लगा मैं तुम्हें पहुंच कर फोन करता हूं मैंने उससे कहा हां तुम मुझे पहुंच कर फोन कर देना, रोहित जब अपने घर पहुंच गया था तो उसने मुझे फोन किया और उसके बाद मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया। जब मैं उसके घर पर गया तो उसके पापा का चेहरा उतरा हुआ था मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं सोफे पर बैठा हुआ था रोहित के पापा मेरी तरफ देख रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा पारस बेटा तुम क्या कर रहे हो। मैंने उन्हें बताया कि अंकल मैं तो अपने पापा का ही काम संभाल रहा हूं, रोहित के घर पर मैं काफी सालों बाद गया था तो रोहित के पापा के मन में कई सवाल थे।

वह मुझसे कुछ पूछने लगे तो मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया लेकिन वह रोहित को कहने लगे कि देखा पारस भी तो अपने पापा का काम संभाल रहा है और एक तुम हो कि तुम हमें अकेला छोड़ कर अमेरिका चले गए। मैंने रोहित और उसके पापा के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी नहीं कहा और जब रोहित ने मुझे कहा कि चलो मेरे रूम में चलते हैं तो हम दोनों उसके रूम में चले गए। रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे रोहित ने मुझे कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है मैंने रोहित से कहा मेरा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम सुनाओ तुम तो लगता है अमेरिका में ही सेटल हो चुके हो। रोहित मुझे कहने लगा यार अब तुम्हें क्या बताऊं यहां रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है और मैं तो सोच रहा हूं कि अमेरिका में ही शादी करूं।

रोहित की बातों से इतना तो प्रतीत हो चुका था कि उसने अपने लिए कोई लड़की देख ली है रोहित मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपने लिए कोई लड़की देख ली है। मैंने उसे कहा कहां यार मैंने तो अपने लिए कोई लड़की नहीं देखी है लेकिन इतना जरूर है कि पापा और मम्मी मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित मुझे कहने लगा अच्छा तो वह तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं मैंने कहा हां वह लोग मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित ने मुझे जब नताशा की फोटो दिखाई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे होने वाली भाभी हैं मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हारी इतनी आगे बात बढ़ चुकी है और तुम मुझे अब बता रहे हो। रोहित मुझे कहने लगा कि नताशा और मैंने सगाई भी कर ली है मैंने रोहित से कहा लेकिन तुमने तो घर में किसी को भी नहीं बताया। रोहित कहने लगा यार यदि मैं घर में यह सब बताऊंगा तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह सब बताना ठीक नहीं समझा।

मैंने रोहित से कहा लेकिन तुम्हें उन्हें बता देना चाहिए रोहित कहने लगा उन्हे मैं कुछ समय बाद बता दूंगा। रोहित पूरी तरीके से बदल चुका है वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया है जो कि पहले बातें सीधा ही किया करता था। रोहित अब बातों को बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया करता है।

रोहिता पूरी तरीके से बदल चुका था और वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया था मैं उसके साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था। मैंने रोहित से कहा रोहित मैं घर जा रहा हूं तो वह कहने लगा कि चलो मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करता हूं। मैंने रोहित से कहा ठीक है, मैं जब घर आया है तो मैं सोचने लगा कि रोहित कितना बदल चुका है क्योंकि वह तो बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा और उसके बदलने का कारण सिर्फ यही था कि वह अमेरिका चला गया था। वह अपने पापा के साथ रहना ही नहीं चाहता था यही कारण था कि उसके पापा और उसके बीच में अब दूरियां पैदा होने लगी थी। रोहित अपनी जिंदगी अच्छे से जी रहा था वह अपने जीवन को पूरा एंजॉय करना चाहता था। जब में रोहित के घर दोबारा से गया तो उसके घर में 22, 23 वर्ष की उसकी नौकरानी थी।

मैंने रोहित से पूछा नौकरनी कब रखी तो वह कहने लगा पापा ने ही रखी है मुझे तो इसके बारे में ज्यादा नहीं मालूम और ना ही मैं उनसे इस बारे में बात करता हूं। उसकी नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं। मैंने उसे कहा आओ ना मेरे पास बैठो मैंने उसे अपने पास बैठा दिया वह शर्मा रही थी रोहित मुझे कहने लगा मैं कुछ देर बाद आता हूं।

रोहित भी चला गया था मैं अकेला ही था इसलिए मैं उसे चोदना चाहता था मैंने उसे कुछ पैसे दिए और वह भी पैसों के लालच में आ गई। मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा वह मेरे लंड को अच्छे से मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। जब मैंने उसके बदन से कपडे उतारे तो उसकी जालीदार पैंटी और उसका सावला रंग मेरे सामने था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला लेकिन उंगली जा ही नहीं रही थी।

मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत मैं अपने लंड को ही घुसाना पड़ेगा। उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और कहने लगी साहब अगर कोई आ गया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम बिस्तर में लेट जाओ वह बिस्तर में लेट गई। जब वह लेटी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मैं उसकी गांड मारना चाहता था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों के बीचो-बीच अपने लंड को लगाया और अपने लंड को उसके स्तनों पर रगडने लगा लेकिन जब उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उसे अच्छा लग रहा था। वह लंड को ऐसे ही चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत मे लंड घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक घुस चुका था। मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही उसके मुंह से चीख निकल और उसकी चीख के साथ मैंने उसक चूतडो को खोल कर रख दिया। उसके दोनों पैरों को मैंने चौड़ा कर लिया था मैंने उसे तेज धक्के देने शुरू कर दिए वह पूरी तरीके से चिल्लाने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी कि मुझसे नहीं रहा जा रहा मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम्हें अब अच्छा लगने लगेगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए और मैंने इतनी तेज गति से उसे धक्के मारे। वह मुझे कहने लगी मालिक मुझे छोड़ दो लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था और उसे छोड़ने का तो कोई सवाल ही नहीं था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें और पैसे दूंगा तुम मुझसे अपनी गांड मरवा लो पैसे के लालच में वह आ गई और मुझसे भी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसके अंदर प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड मे जाने को बेताब था जैसे ही मेरा लंड अंदर की तरफ घुसा तो उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी। वह कहने लगी मुझसे नहीं रहा जाएगा वह अपनी चूतडो को पकडकर मेरी तरफ करने लगी। मैं उसकी चूतड़ों के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और 5 मिनट के बाद जब मेरे वीर्य की बूंदों से मैंने उसकी गांड के छेद को भर दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मजा आ गया। मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हें अब मजा आ गया लेकिन तुमने मुझे बहुत अच्छा मजा दिया।

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क्या मस्त गांड है तेरे, जिया! https://sexstories.one/jiya-ki-gaand-chudai-ki-kahani/ Sat, 06 Nov 2021 07:01:26 +0000 https://sexstories.one/?p=3293 अब उसने मेरे कपडे उतारने शुरू कर दिए | फिर उसने मेरी निक्कर को उतार दिया और चड्डी भी उतार के अलग कर दी | अब मैं उसके सामने पूरा नंगा खड़ा हुआ था | फिर वो मुझे चूमते हुए मेरे लंड को हाँथ से पकड़ कर हिलाने लगी और जब वो सख्त हो गया...

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kamukta, chodan, gaand chudai ki kahani नमस्कार मेरे प्रिय Hindi Sex Kahaniyan के पाठको, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करता हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे और सभी अपना लौड़ा हिला रहे होंगे | मेरा नाम विनय है और मैं लालपुर का रहने वाला हूँ | लालपुर एक गाँव है | मेरी उम्र 21 साल है और मैं दिखने में अच्छा हूँ और रंग गोरा है | मेरा कद 5 फुट 8 इंच है और मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है | दोस्तों, आज जो मैं अपनी कहानी लिखने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है |

मैं चुदाई की कहानियों का शौक़ीन हूँ और मुझे इन्ही सब कहानी से पढ़ कर मन किया है मैं आप सभी के सामने अपनी कहानी प्रस्तुत करू | मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी ये कहानी जरुर पसंद आयगी | ये कहानी मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड जिया की कहानी है | इस कहानी में मैं आप लोगो को बताऊंगा कि कैसे मैंने जिया की मस्त चूत और गांड चोदा | चलिए दोस्तों, मुद्दे पर आता हूँ अब |

मैं और जिया एक दुसरे से बहुत प्यार करते थे | हम दोनों ही एक दूसरे से शादी करना चाहते लेकिन वो मुस्लिम है और मैं हिन्दू | इसी वजह से हमारे घर वालो की कई बार लड़ाइ हो चुकी है | इसके बावजूद हम दोनों ने कभी एक दूसरे का साथ नही छोड़ा | अगर हम दोनों एक दूसरे के नही हुए तो हम दोनों कभी किसी से भी शादी नही करेंगे | कॉलेज टाइम में ही धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती हुई और फिर अचानक से दोस्ती कब प्यार में बदल गयी पता ही नही चला | फिर जब हम पहली बार मिले तो हम दोनों काफ़ी देर तक चुप ही रहे क्यूंकि दोनों को ही कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या करे ? कैसे बात करे | फिर हमने बात शुरू की |

फिर हमारा चोरी छुपे मिलना, बाहर बिना बताये घूमने जाना, खाना पीना, ये सब हमे चोरी छुपे करना पड़ता था | क्यूंकि जिया के पापा वसूली भाई हैं और उनकी काफ़ी चलती है गाँव में | एक दिन की बात है मेरा घर खाली था तो मैंने जिया को अपने घर बुलाया | मैंने जिया को पहले ही बता दिया था कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ और उसने भी मना नही किया | वैसे मैं ये बता दूँ आप लोगो को कि जिया एक बहुत सीधी सादी लड़की है और वो भी मेरे ही उम्र की है | उसके बूब्स मध्यम साइज़ के हैं और गांड उठी हुई है | कुल मिलाकर वो मस्त माल है |

जब वो मेरे घर आई तो मैंने दरवाजा बंद किया और सीधा उसे अपनी बांहों में भर लिया | वो भी मुझे सहलाने लगी और मैं भी उसे सहला रहा था | फिर मैंने उसके होंठ में अपने होंठ रख दिया और उसके होंठो कि लालिमा को चूसने लगा | वो भी मेरा साथ देते हुए मुझे किस करते हुए मेरे होंठ को जोर जोर से चूसे जा रही थी | थोड़ी देर बाद मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा | गर्दन पर किस करते करते मैंने उसके टॉप को उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके दोनों दूध को मसलने लगा तो वो  आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआ ह ह हह ह ह हह हह ह्ह्ह हह ह ह अहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहा आअ करते हुए सिसकियाँ भरने लगी |

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अब मैंने उसकी ब्रा भी उतार दिया और उसके दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और दूसरे को जोर से मसलने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहा आअ हाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह उम् मम म म मम म मम म म मम अहहहा आआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआ आहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए आन्हे भरने लगी | फिर मैंने दूसरे दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और पहले वाले दूध को मसलने लगा और वो आआ हाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहा आअहाअ अहहहा हहहा आअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआ आउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआ आहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअ हाआअ की सिस्करिया लगातार लिए जा रही थी |

फिर मैंने दोनों दूध को अपने मुंह में लिया और साथ में चूसने लगा साथ ही साथ उसके दूध के निप्पलस को भी होंठ से दबा कर चूसने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहा आअहाअ अहहहा हहहा आअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहा आअ करते हुए मेरे सिर के बाल को सहलाने लगी |

अब उसने मेरे कपडे उतारने शुरू कर दिए | फिर उसने मेरी निक्कर को उतार दिया और चड्डी भी उतार के अलग कर दी | अब मैं उसके सामने पूरा नंगा खड़ा हुआ था | फिर वो मुझे चूमते हुए मेरे लंड को हाँथ से पकड़ कर हिलाने लगी और जब वो सख्त हो गया तो उसने अपनी जीभ से चाटना चालू कर दिया | उसके लंड चूसने का तरीका मुझे बहुत पसंद आया | थोड़ी देर तक ऐसे ही लंड चुस्वाने के बाद मिने उसको लिटा दिया | अब मैंने उसकी टांगो से चूमना चालू कर दिया और अब मैं उसकी चूत में अपनी जीभ लगाया और चाटने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह  ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआ आ आह्ह  हह ह हह हह ह हह आउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहा आअ करने लगी |

उसकी चूत गीली हो चुकी थी |

अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और साथ में उसके दूध को दबाते जा रहा था और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊ म्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहा आआअ आहाआ आउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपनी गांड मटका रही थी | थोड़ी देर उसकी चूत चाटने के बाद मैंने अपने लंड पर क्रीम लगायी और उसकी चूत में भी | अब मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक ही झटके में उतार दिया | वो दर्द की वजह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए चुदवा रही थी |

फिर मैंने उसकी एक टांग को उठाया और अपने कंधे पर रख लिया | अब मैं फिर से उसकी चूत को जोर जोर से धक्के मार मार के चोदने लगा | वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआ आउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते चुदवाने लगी |

थोड़ी देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाल कर चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहा आअहाअ अह हहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआ आहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए गांड आगे पीछे करते हुए साथ देने लगी | फिर मैंने उसकी गांड में वैसलीन लगाया और अपने लंड पर भी | वो मेरा इशारा समझ गयी और मना करने लगी | मैंने उसको थोडा समझाया की मैं आराम से करूंगा, दर्द नही होगा | मेरे काफी देर तक मनाने के बाद वो मान गयी |

उसकी इजाजत मिली तो मुझे तो मजा ही आ गया | अब मैंने लंड उसकी गांड पर टिकायाऔर धीरे धीरे उसकी गांड में डाल दिया | अब मैं उसकी गांड को जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा और वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊ म्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआ अहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहा आआअ आहा आआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आ आह्ह हह ह्ह्ह हह हह ह ऊऊ उ ऊऊऊऊ ऊऊउईइ ईई ईईई ईईईइ ईईईइ ईई ईईई ईई आआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपने दूध को मसल रही थी |

फिर मैंने आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके गांड में ही झड़ गया |

गांड से लंड निकालने पर मैंने देखा की उसमे से खून आ रहा था | मैं समझ गया की वो सच में मुझसे बहुत प्यार करती है इसीलिए इतना दर्द झेल लिया उसने | तो दोस्तों, ये थी मेरी चुदाई की कहानी | मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी |

आप सभी का मेरी कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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लौड़े में दम नहीं फिर भी हम किसी से कम नहीं https://sexstories.one/laude-me-dum-nahi-hum-kisise-kum-nahi/ Tue, 19 Oct 2021 09:59:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3062 उन्होंने भी कई बार मुझे उस तरीके की नजर से देखा था। मैं उनके ख्यालात भाप चुकी थी। इसलिए मैं भी इशारे करने लगी थी। एक दिन वह समय आ ही गया जब उन्होंने मुझे मेरे बिस्तर पर लेटा कर मेरे चूचो को दबाने लगे। वह बोलने लगे मैं तो कब से इस मौके का इंतजार कर रहा था।....

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antarvasna, desi laude porn kahani बबीता के पिता पुलिस में कांस्टेबल थे। बबीता के पिता का देहांत जब हो 15 साल की थी तभी हो गया था। उसके परिवार में पांच बहने थी।बबीता एक सामान्य परिवार से होने के नाते कोई दुख और तकलीफ  का सामना  अपने जीवन में किया था। अब 42 साल की हूं। अभी मे हसीन और मस्त हू। इसलिए मैं एक नंबर वन की गस्ती बन गई। जो आज पूरे पंजाब में बबीता गस्ती के नाम से मसहूर हूं।मैंने कई लंडो की प्यास को बुझाया है। इसीलिए लोग आज मुझे इतना मानते हैं। मैं अपने बारे में आपको बताती हूं कि मैं एक कॉल गर्ल कैसे बनी। मैं बचपन से बहुत ही सीधी और शरीफ थी। मुझे तो चूत और लंड के बारे में कुछ भी पता नहीं था। मैं आपको बताती हूं। किस प्रकार से कुछ लोगों का हाथ मुझे बबीता गस्ती बनाने में है। मैं आपको बताती हूं।

मेरी मां काफी जुगाडू  किस्म की महिला हैं। उसका अहम योगदान रहा  मुझे  कॉल गर्ल बनाने में और मुझे कभी भी ऐसा करने से रोकती नहीं। मैं जब अपने रिश्तेदारी के यहाँ जाती थी। वहां पर मेरे रिश्तेदार मेरे साथ कई बार मेरी गांड पर हाथ फेर देते थे। पेहले मुझे इस बात का एहसास नहीं था। एक दो बार तो उन्होंने मुझे चॉकलेट खिलाने के बहाने अपना लंड भी चुसवा दिया। और मुझे बोलते थे यह वाली ओरिजिनल चॉकलेट है। मुझे भी बहुत मजा आता था। और मैं ज्यादा से ज्यादा ओरिजिनल वाली चॉकलेट खाना पसंद करती थी। मेरे चाचा ने भी कई बार मुझे ऐसे ही अपना लंड चुसवा दिया। यह मेरी शुरुआती दिनों की ट्रेनिंग थी। और हमारे घर पर जो भी आता मैं उन सबके लंड चुस्ती। मुझे बहुत आनंद आता ओरिजिनल चॉकलेट खाने में यह तो मेरे बचपन के दिनों की बात है।

मैं स्कूल में 12 वी क्लास में थी। और मेरी एक दोस्त थी।जो हमेशा मुझे अपने काम के लिए बोलती थी। एक अच्छी दोस्त की तरह मैंने कभी मना नहीं किया। मै हमेशा उसकी हेल्प करती थी। जब उसका कुछ काम होता नहीं था स्कूल का तो वह मुझे टीचरों के आगे खड़ा कर देती थी। और बोल देती इसकी वजह से मेरा काम नहीं हुआ। फिर वह टीचर मेरी स्कर्ट उठाकर मेरी गांड पर छड़ी से प्रहार करते। और वह टीचर मुझे अपने घर  बुलाते थे। और मुझे अपना लंड चुसवाते थे। कुछ मुझसे कहते थे। चलो अपनी स्कर्ट ऊपर करो और घोड़ी बन जाओ।

फिर वह मेरी चुत और गाड़ लेते थे। मेरे चलते मेरी सहेली को भी कभी भी कोई फेल नहीं करता था। बाद में मैंने भी एक बार अपनी सहेली की सहायता ली और उसे कहां मेरा काम कर दे। अपना काम करवाने के बहाने मैंने उसे अपने घर पर बुलवा लिया। और मेरे चाचा से उसकी बुंड फड़वा दी। क्योंकि उसने भी मेरा बहुत फायदा उठाया था। हमें भी समझ गई थी दुनिया को चाचा मैं मेरा काम इसलिए किया क्योंकि वह रोज मेरी गांड मारते थे। मैंने उनके सामने प्रस्ताव रखा आज मैं आपको नई सील बंद गांड दिलऊंगी।

तो आप मुझे क्या दोगे उन्होंने कहा जो मांगेगी वह दे दूंगा। उन्होंने मुझे एक सोने की अंगूठी थी और कुछ पैसे भी तब से मुझे इसकी प् प्रेरणा मिलने लगी थी। ऐसे मैं पैसे कमाए जा सकते हैं। मेरे चाचा ने उस दिन मेरी सहेली की सरसों का तेल लगाकर ऐसे लिए उसके गांड के गूदे से खून निकलने लगा था। और उसकी चूत तो पूछो मत क्या हाल किया मेरे चाचा ने क्योंकि उनका काफी सख्त और कड़क था। मैं तो उनका रोज लेती थी। इसलिए मुझे एहसास था कि मेरी सहेली पर क्या बीत रहा होगा। मेरी सहेली मुझे कहने लगी तूने मेरे साथ गलत किया। मैंने उसको कहा कोई बात नहीं यह कुछ गलत नहीं है मैंने भी तेरे लिए बहुत कुछ किया है। फिर मैंने उसको कुछ पैसे दिया और कहा दवाई ले लेना क्योंकि तेरी गांड से 1 महीने तक बैठा नहीं जाएगा।

पैसे देखकर उसका भी मन ललचा गया। तब से हम दोनों यही काम करने लगे। लेकिन अभी भी कुछ कसर बची थी। मार्केट में हमारा नाम था नहीं और हमारी उम्र भी कम थी तो हम घर से बाहर भी नहीं जा सकते थे। मेरी सहेली भी आज दिल्ली में नंबर एक की जुगाड़ है। उसने भी आज दिल्ली के  लोड़ो को ले लिया है। वह भी बहुत पैसे कमाती है।

जब मेरी जॉब लगी।वह शुक्ला जी थे।जो मुझसे अपनी काम में मदद लेते थे। शुक्ला जी ने मुझे पहचान लिया। कि मैं एक नंबर की जुगाड़ हूं। तो उन्होंने मुझे पैसे दिए और अपनी कैबिन में बुलाया। और कई बार मेरी गांड और योनि का आनंद लिया। तब तक मैं भी पूरी खाई खेली बन चुकी थी। अब मैं कोई कच्ची कली नहीं थी अब मैं बड़े बूढ़ों को लेने लगी थी। मुझे भी बहुत मजा आता था। मुझे पैसे भी मिल जाते थे और मुझे भी हो जाते थे। देखते ही देखते मेरी चर्चाए और ऑफिस में भी होने लगी। हां मैं सब जगह बुकिंग पर जाने लगी। मेरी डिमांड बढ़ने लगी थी। मुझे शुक्ला जी ने फेमस कर दिया था अपने दोस्तों के बीच में सब एक से बढ़कर एक अय्याश और बड़े-बड़े लंड वाले थे। 9 इंच से कम तो किसी का भी नहीं था। मुझे बुड्ढों के साथ बहुत मजा आता था।

उन्होंने ही मेरा नाम बबीता रांड रखा था। सब के सब मेरी बहुत तारीफ करता है। बोलते हैं तेरे जैसा कोई नहीं देखा। और मैं भी उनकी तारीफों से अपने आप को खुशनसीब मानती हूं उन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। अब इसके बाद और बचा था। फिर मेरा मन भरने लगा था। फिर मेरे घर वालों ने मेरे लिए लड़का देखना है शुरू किया। क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत हो चुका था। मुझे भी मेरे पिता के मरने का अफसोस हुआ। उसी के कुछ समय बाद मेरे चाचा जी भी मर गए। जो कि मुझे पैसे दिया करते थे। अपनी बुड़ फडवाने के लिए इसलिए मेरे पास अब कोई चारा नहीं बचा था।

फिर मैंने शादी का फैसला कर ही लिया। मेरी शादी रवि नाम के एक लड़के से हो गई। घर वालों ने  अपने हिसाब से मेरे लिए लड़का देखा था। वह बहुत ही शरीफ था। वह किसी सरकारी नौकरी पर था। वह एक चिकना लौंडा था। हमारी शादी की पहली रात उसको कुछ पता ही नहीं था क्या करना है। उस कुत्ते को मैंने ही सब कुछ सिखाया। लेकिन उसमें कुछ दम नहीं था। क्योंकि मुझे सख्त और कड़क लंड लेने की आदत थी। इस वजह से मुझे कुछ मजा नहीं आ रहा था। लेकिन मेरे ससुर जी एक रौबदार और कड़क तरीके व्यक्ति थे।

उन्होंने भी कई बार मुझे उस तरीके की नजर से देखा था। मैं उनके ख्यालात भाप चुकी थी। इसलिए मैं भी इशारे करने लगी थी। एक दिन वह समय आ ही गया जब उन्होंने मुझे मेरे बिस्तर पर लेटा कर मेरे चूचो को दबाने लगे। वह बोलने लगे मैं तो कब से इस मौके का इंतजार कर रहा था। मैं भी बोल दिया ससुर जी आपने मेरे दिल की बात छीन ली। उसके बाद तो उन्होंने मुझे नंगा करना शुरू कर दिया और बोलने लगी बहू मैंने तो अपनी प्यास बुझाने के लिए तुमसे अपने लड़के की शादी करवाई। मे दिल ही दिल खुश हो उठी। और अपने ससुर से बोली आपने अपने बेटे को क्या खाकर पैदा किया है। साला पूरा का पूरा फुस पटाखा है।

फिर तो जैसे मैं मेरे ससुर का बीपी हाई हो गया। बोलने लगे बताता हूं क्या खाकर पैदा किया था। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को चोड़ा किया। फिर अपना 9 इंच का सरिया मेरे चूत मैं बड़ी तेजी से उतार दिया। जैसे ही वह मेरी योनि में उत्तरा वैसे ही मेरे बदन में हलचल पैदा हो गई। उसके बाद तुम्हें भी तड़पने लगी। तड़प तड़प कर मैंने अपने ससुर का गला दबा दिया। उन्होंने कहा मादरचोद मुझे मारेगी क्या मैंने कहा हां इतने दिनों से तुमने ऐसा क्यों नहीं किया। मेरा तो मन ही नहीं हो रहा था। फिर मेरे से सुनना है लंबी गहरी सांस लेते हुए कहा।

रंडी तू देखती है ना सब लोग घर में अपनी मां  बहन करवाते रहते हैं। बातों बातों में मेरे ससुर ने ऐसा झटका मारना शुरू किया मानो ऐसा लगा जैसे मेरी चूत मेरे गले में आ गई हो। उसके बाद मेरे ससुर का झडने को हुआ। उन्होंने अंदर ही गिरा दिया। और आज जो मेरी बेटी है वह मेरे ससुर की पैदाइश है। क्योंकि मेरा पति कुछ काम का था नहीं मेरे ससुर को भी यह काम करना पड़ा। खुश मैं बहुत मेरे ससुर चल बसे। मुझे यह सब अच्छा नहीं लगा और मैं दोबारा से जुगाड़ बनने के लिए निकल पड़ी।

और देखते ही देखते पता नहीं कब मैं बबीता गस्ती बन चुकी थी।

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पड़ोस वाली आंटी की गांडमस्ती https://sexstories.one/aunty-ki-gand-chudai-ki-kahani/ Mon, 18 Oct 2021 08:12:56 +0000 https://sexstories.one/?p=3063 मेरे लंड को चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह डाल लिया और चूसने लगी तो मेरे मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा....

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Aunty ki gand chudai ki kahani – Hindi Porn kahaniya हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम अतुल है और मैं जमनादास कॉलोनी में रहता हूँ | मेरी उम्र 25 साल है रंग गोरा है | हाईट 5 फुट 8 इंच है | बाप का नाम जगन और मम्मी का नाम पार्वती है | बड़े भाई का नाम अनुज है और छोटे वाले भाई का नाम प्रत्युष है | मैं सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूँ | ऐसा नही लग रहा है जैसे मैं किसी जॉब के लिए अप्लाई कर रहा हूँ हाहाहा ! सॉरी यार मुझे ना मुहचोदी करने में बड़ा मजा आता है | दोस्तों, आज मैं पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ क्यूंकि इससे पहले तो लिखी नहीं है |

ये जो मेरी कहानी है ये एक बहुत ही बड़ी चुदक्कड़ औरत की कहानी पर बेस है | मैं बताता हूँ कि इस चुदक्कड़ औरत की गंडमस्ती को कैसे उतारा | आप लोग बोर तो नहीं हुए न | अगर हो भी गए तो लौड़ा मुझे उससे क्या कौन सा सब यहाँ प्रवचन देने आते हैं | चलो दोस्तों, अब मैं ले चलता हूँ आप सभी को चुदाई की दुनिया में |

ये कहानी 2 साल पहले की है | मेरे घर के बाजू में एक औरत रहती है जिसका नाम तो मिनाक्षी है पर लौड़ी है बहुत बड़ी चुदक्कड़ | उसका पति कलकत्ता में जॉब करता है और साला मादरचोद खसुआ है लौंडो से गांड मरवाता है और उनका लंड चूसता है | अब हुआ यूँ कि ये तो चुदाई करता नहीं था अपनी बीवी की और वो साली रंडी कभी उसके पति के दोस्तों से तो कभी किसी से भी अपनी चूत की प्यास बुझा लेती थी | एक दिन की बात है दोस्तों, मैं छत में मुठ मार रहा था | मुठ मारते मारते मैने देखा कि वो रंडी दूध वाले के साथ छत पर चुदाई कर रही थी |

Aunty ki chudai चाची की जबरदस्त चुदाई

मैं भी लाइव ब्लू फिल्म देख कर मुठ मारने लगा | मैं मुठ मारते हुए सोचने लगा कि क्यूँ ना मैं भी इसके चूत के दर्शन कर लू और इसकी चूत को चोद के अपने लंड को तृप्त कर लूं | मैंने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और उन दोनों का वीडियो बना लिया | एक दिन मम्मी ने मुझे सब्जी लेने के लिए मार्किट भेजा | मैं जब मार्किट गया तो देखा कि मिनाक्षी रंडी भी सब्जी ले रही थी | मैंने सोचा मौका सही है चौका मार ही देता हूँ | मैंने उनसे कहा नमस्ते आंटी आप भी सब्जी लेने आई हैं ? तो उन्होंने कहा कि नमस्ते बेटा हाँ मैं सब्जी लेने आई हूँ |

मैंने कहा अच्छा अरे सुनिए ना आपसे कुछ बात करनी है | तो उन्होंने कहा हाँ बोलो न ! तो फिर मैंने उनसे कहा कि कल जब आप दूधवाले के साथ चुदाई कर रहे थे तो मैंने आप दोनों का वीडियो बना लिया | उनकी ये सुन कर गांड फट गयी | वो बोलने लगी क्या बकवास कर रहा है तू मैंने कुछ नहीं किया समझा |

फिर मैंने कहा कि अरे आंटी चुदाई करते हो तो बोल दो न डरते क्यू हो ? वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उन्हें वीडियो दिखा दिया | वो पसीना पसीना हो गयी | फिर उन्होंने कहा कि तू चाहता क्या है ? तो मैंने कहा कि देखो आंटी तुम तो दूसरो से अपनी चूत कि मरम्मत करवा लेती हो | मेरे लंड का भी स्वाद चख लो | ये सुन के उन्होंने कहा कि बेटा तू अभी बच्चा है कितना बड़ा है तेरा लंड जो तू मुझे चोदेगा ? अरे आंटी जिस दिन मेरा लंड लोगी ना तो और किसी का लंड लेने में मजा नही आयगी | तब उन्होंने बोली बहुत बोल रहा है चल आज आना तू शाम को 4 बजे | मैंने भी कह दिया ठीक है आ जाऊंगा | उसके बाद हम अलग अलग अपने घर चले गये |

मैं शाम को 4 बजे आंटी के घर गया और दरवाजा खटखटाया | उन्होंने दरवाजा खोला और अन्दर आने को कहा | मैं अन्दर गया तो उन्होंने तुरंत दरवाजे की कुंडी लगा ली | मैंने कहा हाँ आंटी कहाँ चुदना चाहोगी ? तो उसने कहा कि तू पहले अपना लंड दिखा जो तू खूब पकर पकर कर रहा था | मैंने कहा ओके और अपना जीन्स उतारा और फिर अंडरवियर भी | मेरा लंड सोये हुए भी 4 इंच का था | ये देख कर वो बोल पड़ी तेरा लंड तो सच में अच्छा है कितना लम्बा लंड है तेरा तो मैंने कहा इसको खड़ा कर खुद समझ जायगी ( मेरी बात करने की टोन बदल चुकी थी ) |

वो मेरे पास आई तब मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दिया | अब वो मेरे लंड को पकड के हिलाने लगी | मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसका टच करना | जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो वो अपनी जीभ से चाटने लगी और मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की आवाज़े निकालने लगा | वो मेरे लंड को किस करते हुए अपनी जीभ से चाटने लगी तो मैंने भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके दूध दबाने लगा कपड़ो के ऊपर से ही |

मेरे लंड को चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह डाल लिया और चूसने लगी तो मेरे मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया निकलने लगी | वो मेरे लंड को बहुत मन लगा कर चूसने लगी तो मैंने पूछा कि कैसा है मेरा लंड तो उसने कहा कि तेरा लंड तो मस्त है ऐसा लग रहा है कि इसको अपनी चूत में डाले रहू और कभी ना निकालू |

Antaravasna नौकरानी की बेटी को चोदा

फिर वो चूसने लगी मेरे लंड को | उसके बाद उसने अपने कपडे उतारने चालू कर दिया | मै बड़े ध्यान से देख रहा था | खेर मैं तो वैसे भी उसे नंगा देख चुका था इसलिए मेरे लिए कोई नयी बात नहीं थी उसको नंगा देखना | जब वो नंगी हो गयी तो मैंने उसके होंठ में अपने होंठ रख दिया और चूमने लगा | वो भी मुझे चूम रही थी और मेरे लंड को हाँथ से पकड के हिला रही थी | कुछ देर किस करने के बाद मैं उसके दूध को दोनों हाँथ से पकड़ के दबाने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी | अब मैंने उसके दूध को दबाते हुए चूसने लगा तो वो आँखे बंद कर के आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी |

मैं समझ गया था कि इसको अच्छा लगने लगा है | तो मैं अब जोर जोर से उसके दूध को दबाने और चूसने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर को सहलाने लगी | कुछ देर उसके दूध पीने के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए कह रही थी कि और चाटो मेरी चूत को |

मैं उसकी चूत की अपनी जीभ से चुदाई भी कर रहा था और चटाई भी और वो बस आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ बेचैन हो रही थी मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए | उसके बाद मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अन्दर डालते हुए उसकी चूत में पूरा घुसेड दिया | अब मैं उसकी चूत को चोदने लगा जोर जोर से और वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपने दूध को मसलने लगी |

मैं उसकी चूत की जोर जोर से चुदाई करते हुए उसके दूध को दबाने लगा तो वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ मेरे सीने पर हाँथ फेरते हुए सहलाने लगी | उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाल के चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी | कुछ देर चुदाई करने के बाद मैंने अपनी धात उसके मुंह में गिरा दिया और उसने पी लिया |

मैंने उसे तबियत से खूब चोदा था | वो अब सिर्फ मेरे ही लंड से चुदती है और किसी के लंड को उसको पसंद नहीं आते है | जब भी उसको चुदाई का मन होता है तो वो छत से इशारे कर देती है | दोस्तों, ये थी मेरी एक सच्ची दास्ताँ | आशा है आप लोगों को पसंद आई होगी | कमेंट करके अपने अपने विचार जरुर व्यक्त कीजियेगा |

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दोपहर में मिली एक रंडी https://sexstories.one/dopehar-mein-mili-randi-xxx/ Mon, 18 Oct 2021 06:17:14 +0000 https://sexstories.one/?p=4559 मेरा लंड इतना कड़क हो गया था की मेरा अंडरवेर फटने को हो गया था. उसने अंडरवेर के अंदर ही पकड़ा और हिलाया, और फिर थोड़ी देर बाद मेंरी अंडरवेर उतार दी. मेने शवर को चालू किया और उसे किस करने लगा, मुझे बदबू नही आ रही थी अब मुझे कोलगेट की मिंटी खुशबु आ रही थी...

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Chudas randi ki chodayi ki kahani में 23 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं और दिल्ली में रहता हूं गुडगाँव में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कम्पनी में जॉब करता हूं l पहले में अपने बारे में कुछ बताना चाहता हूं. इस घटना को अभी 2-3 सप्ताह ही हुए होंगे l में ऑफिस से दोपहर 12, 1 बजे मेरे घर आ रहा था मेरा घर ब्लू लाइन मेंट्रो स्टेशन के पास ही है यह एक सुनसान जेसा है जहा कोई आता जाता नही है स्टेशन के आगे एक रोड है जो अब बंद है…उसके साइड से एक नयी रोड है अब जो चलती है…परन्तु में पुरानी रोड को उपयोग में लेता हूं क्योंकी बहुत कम भीड़ होती है तो दिन के समय में बाइक पे घर आ रहा था l

तो अचानक मेने देखा 3-4 आंटियां एक एक कर के हाथ दिखा के जेसे लिफ्ट मांगते है l मेने सोचा देखे तो सही क्या बोल रही है में उनके पास रुक गया और बोला क्या हुआ, तब मेने सोचा ये आंटीयां नही है इनमें तो एक ही आंटी है और दो लड़कियां तो मेंरी उम्र की ही थी, उनमें से एक ने सुपर टाइट टॉप पहने हुआ था, कुछ ज्यादा ही लिपस्टिक लगा रखा था और दो ने सूट पहना हुआ था, जिसमें से टॉप पार्ट मतलब बोब्स दिख रहे थे और आंटी साधारण कपडे पहने हुए थे.

आंटी: करेगा क्या?.

में: क्या बोल रहे हो आंटी?

आंटी: अरे करेगा क्या?

में: क्या करना है?

आंटी: ज्यादा भोला मत बन तुझे पता है क्या बोल रही हू…

मेरे तो कुछ समझ में नही आया क्या बोलू मेने पहले घबरा के कह दिया की…

में: ”क्यों टाइम वेस्ट कर रही हो मेरा मुझे कुछ भी नही करना…” और में बाई और से मेरे घर आ गया (जो मेरा दोस्त था शरद वो ऑफिस में ही था) मेने सोचा की एक लड़की को यहा ले आता हू मज़े आएँगे…मेने एक पैकिट कोंडम का खरीदा और में वापिस उसी जगह 5 मिनट्स में पहुंच गया और वही रुक गया.

में: आंटी रेट क्या है l

Mast chodayi बहन का देवर – पार्ट ३

आंटी: अब आया ना लाइन पे 500 किसी का भी.

में: 500 तो ज्यादा है.

आंटी: ऐसी चूत कही नही मिलेगी 500 में.

में: आंटी देख लो कुछ कम कर दो.

आंटी: चल साले बनिए तू 400 दे देना.

में: (उस टाइट टॉप वाली को बुलाया ओर उसके बूब टच करके कहने लगा), चल तू आ जा l

आंटी: ठीक है, यही करेगा या कही ओर

में: मेरा घर है यही पास में…

आंटी: लेजा पर आधे पैसे दे दे अभी l

मेने 200 आंटी को दिए ओर उसे बाइक पे बीटा के ले गया… मेने गेट खोला ओर अपने बेडरूम में ले गया, उसे पानी दिया तो वो बोली “जल्दी जल्दी कर टाइम नही है”, मेने उसे बताया ये मेरा पहला टाइम है आराम से करना तो वो हंस के कहने लगी चलो आज मज़ा आएगा. उसने कहा यहाँ आ मेरे कपडे खोल, मेने उसका टॉप उतारा उसके बूब्स क्या दिख रहे थे में क्या बताऊ, उसकी ब्रा गुलाबी कलर कि थी मेने कहा ऐसे बोबे तो मेने आज तक नही देखे, वो कह रही थी “तूने फिर देखा ही क्या है आगे आगे देखते जाओ”.

और वो मेरे पास आई और उसका हाथ मेरे लंड पर गया, तो वो बोली अरे ये तो अभी से खड़ा हो गया. में हंस के उसके मुह के पास आके उसको किस करने लगा परन्तु उसके मुह से बदबू आ रही थी तो मेने कहा की घोड़े का मुह में लिया है क्या केसी बदबू आ रही है उसने कहा अरे यार ब्रश करने का टाइम ही नही मिला आज.

में उसको अपने बाथरूम में ले गया और उसे अपने रूम मेंट का ब्रश दिया और कहा ब्रश करले ऐसे मुझसे नही होगा. वो हंस ने लगी और उसके दांतों को साफ करने लगी. मेने उससे कहा कपड़े खोल दोनो नहा लेते हैं, उसने कहा 1 घंटा है तेरे पास, मेने कहा बहुत है, मेने उसकी ब्रा उतारी और उसने उसकी जीन्स (एक लड़की की जीन्स को उतारना मेरे लिए हमेंशा की समस्या थी), मेने उसकी पेंटी देखी, उसपे हाथ लगाया वहां थोड़े थोड़े बाल थे परन्तु इतने ज्यादा भी नही थे. मेने उसकी पेंटी उतारी और मेने देखा क्या चूत थी मेरा लोडा आज भी सलाम करता है याद कर-कर के अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी उसने हंस ते हुए मेंरी शर्ट और जीन्स उतार दी,

Randi ki chodayi दम लगा के चोद भोसड़ी के

मेरा लंड इतना कड़क हो गया था की मेरा अंडरवेर फटने को हो गया था. उसने अंडरवेर के अंदर ही पकड़ा और हिलाया, और फिर थोड़ी देर बाद मेंरी अंडरवेर उतार दी. मेने शवर को चालू किया और उसे किस करने लगा, मुझे बदबू नही आ रही थी अब मुझे कोलगेट की मिंटी खुशबु आ रही थी, मेने उसके बूब्स को भी दबाया मजा आ गया एसा लग रहा था जेसे कोई गुब्बारा हो, बस दबाते जाओ, उसके निप्पेल्स तो थोड़े काले थे पॉर्न में तो पिंक पिंक होते ही है परन्तु फिर भी टाइट हो गये थे, उसने मेरा लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया, मेने उसे चाटना स्टार्ट कर दिया,

पहले उसकी गर्दन फिर एक बूब फिर उसकी निपल चाटने लगा. उसकी निपल मेने थोड़ी सी काटी, उसके मुह से निकला आउच!!… खाएगा क्या और हंस ने लगी, थोड़ी देर बाद में नीचे उसकी चूत पर आया l क्या बताऊ दोस्तों जिंदगी में पहली बार चूत चाटी है में केसे बताऊ कितना मजा आया मेरा लंड तो पागल ही हो गया, फिर मेने शावर बंद किया और उसको उठाकर बेड पर ले गया और डौगी स्टाइल में उसकी चूत चाटने लगा. फिर वो सेक्सी आवाज निकालने लगी अववव…ह्म….आह्ह …उम्म्म्मम…. . और मेने बोला ये नकली आवाज मत निकाल, कोई जरुरत नही है,

तो वो बोली साले ये नकली आवाज नही है कभी किसी की चूत नही चाटी ? आवाजे खुद ही निकलने लगती है पांच मिनट चूत चाटने के बाद मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और हम 69 की अवस्था में आ गये l अब वो मेरा लंड चाट रही थी और में उसकी चूत को, जब उसने मेरा लंड मुह में लिया तो कितनी ख़ुशी हुई उसका गरम गरम मुह हाय रे लंड मजा आ गया l फिर मेने कहा करें ? उसने कहा तेरी मर्जी. मेने अपनी जींस की जेब से कॉन्डोम निकाला और उसे दे दिया उसने मेरे लंड पर उसे पहना दिया l मेने उसे किस किया और उसे बेड पर लिटा दिया l

मेने उसको देखा और उसके ऊपर लेट गया l फिर मेने अपना लंड उसकी चूत में डाला तो बहुत मजा आया मेने अपने जीवन में जितनी भी बार मुठ मरी थी सब फैल था इसके सामने, मेने उससे कहा केसा लग रहा है, उसने कहा मस्त और मेने जोर के झटके देने चालू कर दिए, वो तो आवाजे निकालने लगी …उम्म्म…ओर ज़ोर से आआआअअ…बोहोत बाड़िया…उम्म्म…. मेने झटके और तेज कर दिए, फिर में लेट गया और उसको मेरे लंड पर बिठा दिया बहुत अच्छा वो भी मस्त करने लगी थी और मेने दोनों हाथों से उसके बोब्स को पकड़ लिया और उनको ऊपर नीचे – ऊपर नीचे करने लगा, तो उसने कहा ओर कितना करोगे, मेने कहा 23 साल की भड़ास निकालूँगा अभी और मेने उसे कुतिया स्टाइल में लिया और उसकी चूत मारने लगा l

दोस्तों कुतिया स्टाइल अच्छी पोजीशन है यह सेक्स को और भी सेक्सी बना देता है l फिर मेने उससे कहा की मेरा निकलने वाला है तो उसने कहा तो निकलना फिर मेने उसको सीधा किया और उसके ऊपर लेटके झड गया l मेने कहा केसा लगा, उसने कहा मस्त और हंसने लगी l अभी 10 मिनट बचे थे उसने मेरे कॉन्डोम को हटाया और लंड को साफ किया और बोली बढ़िया लंड है तेरा मेने उसको और उसके बूब्स को किस किया l मेने कहा एक फोटो ले लूँ तेरा नंगे बदन का तो उसने कहा ले ले 10 मिनट है अभी और मेने 5 – 6 फोटो ली और उसने अपनी ड्रेस पहन ली l फिर मेने उसको 300 रू दिया.

वो हंसने लगी और कहने लगी तो में जाऊ ? या और कुछ मेने कहा चलो में तुम्हे छोड़ आता हूं पास में ही तो है तू रुक. और में हंसने लगा और मेरे ऑफिस का टाइम भी हो गया था l उसको छोड़ के में ऑफिस के लिए निकल गया l तो दोस्तों केसी लगी मेंरी कहानी l

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पहली बार गांड मराने का अनुभव https://sexstories.one/first-time-anal-sex-story/ Wed, 13 Oct 2021 08:07:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3020 मैं उसके सामने एकदम नंगी खड़ी थी। वह मेरे स्तनों को भी अच्छे से पी रहा था। उसके बाद उसने मेरी योनि में भी अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह इस तरीके से कर रहा था। तो वह ऐसा करता ही जा रहा था। मैंने आदित्य के लंड को पकड़ते हुए अपने मुंह में ले लिया और उसे सकिंग करने लगी

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hindi sex stories, antarvasna first time anal sex story – मेरा नाम आरोही है। मैं मुंबई के एक क्लब में काम करती हूं। मुंबई मैं साहिल के साथ आई थी। उसी ने मुझे क्लब की नौकरी दिलाई। उस क्लब में एक लड़का हमेशा आता रहता था। वह साहिल का दोस्त था। उसका नाम आदित्य था। आदित्य से मेरी मुलाकात साहिल के जरिए ही हुई थी।

जब मैं क्लब में काम करती थी तो पहले दिन  मुझे एक फोन आया। लेकिन मुझे पता नहीं था कि यह फोन किसका है।  फिर वह मुझसे बातें करता था। और कई बार तो वह मेरी फोटो खींचकर मुझे ही सेंड कर देता था। मैं घबरा सी गई थी मैं सोचने लगी कि मैं यहां किसी को जानती तक नहीं पर फिर भी मेरे साथ ऐसा कौन कर रहा है। मैंने इधर उधर देखा लेकिन मुझे ऐसा कोई नहीं दिखा। फिर मैंने सोचा की साहिल से बात करूं। मैं साहिल को ढूंढ रही थी लेकिन तब तक साहिल जा चुका था। मैं थोड़ा परेशान थी। उसके बाद मैं जब घर आई तो मुझे मैसेजेस आने लगे। और वह मुझे मिलने को कह रहा था। लेकिन मैंने मिलने से मना कर दिया। मुझे नहीं पता था कि वह कौन है।

एक दिन मेरे नाम का टैटू अपने हाथ पे बनाया और उसे क्लिक करके मुझे भेजा। मैं वह टैटू देखकर हैरान हो गई। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है। मैंने उस नंबर पर कॉल किया। लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया। कुछ दिनों तक मैं ऐसे ही उसके मैसेजेस और फोन से परेशान थी और उसने एक दिन फिर मुझे मिलने को कहा। मैंने क्लब में आने के लिए कह दिया। वह क्लब में तो आया था लेकिन  मुझे मिला ही नहीं। मैंने सब जगह देखा लेकिन उसका कोई पता ही नहीं था। उसके बाद उसने फिर से मेरी फोटो खींच कर मुझे ही भेजी। मैंने उससे कई बार पूछा कि तुम कौन हो। लेकिन उसने कहा कि यह सब मैं तुम्हें अकेले में मिलकर बताऊंगा। मैंने भी उससे मिलने के लिए कह दिया। क्योंकि उस दिन क्लब में वह आया तो था। पर  मुझे मिले बिना ही वहां से चले गया।

अगले दिन उसने मुझे अकेले में बुलाया। उस दिन मैं उससे मिलने के लिए राजी हो गई थी। और मैं उससे मिलने के लिए चली गई। मेरे वहां पहुंचने से पहले वह वहां मौजूद था। जब मैंने उसे देखा। मैं तब भी नहीं समझ पाई कि यह कौन है और जब  उसने मुड़कर मेरी तरफ देखा। मैं उसे देखकर हैरान हो गई। मैंने कभी सोचा भी नहीं था की यह आदित्य हो सकता है। आदित्य ही था जो मुझे फोन और मैसेज करता रहता था।

वह साहिल का दोस्त था इसलिए वह मुझसे क्लब में नहीं मिलना चाहता था। उसी ने अपने हाथ में मेरे नाम का टैटू बना रखा था। आदित्य ने मुझे यह बात साहिल को बताने से मना की थी क्योंकि साहिल फिर उसके बारे में गलत सोचता। साहिल क्लब में भी आता था और घंटों तक वहां बैठा रहता था। कभी कभार जब मुझे समय मिलता तो हम तीनों साथ में बैठ कर बातें किया करते थे। मुझे तब भी समझ में नहीं आया कि यह आदित्य ही था और इसी दौरान हम दोनों  आपस में बातें करने लगे थे। और मिलने भी लगे थे।

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मुझे भी आदित्य पसंद आने लगा था। वह एक अच्छा लड़का है। हम दोनों की फोन पर बात होने लगी थी। वह मुझे क्लब से बाहर भी मिलता रहता था और हम दोनों में प्यार हो गया। लंबे समय तक हम दोनों के बीच फोन पर ही ज्यादा बातें होती थी। एक बार आदित्य ने भी मुझे अपने हाथ पर उसके नाम का टैटू बनाने के लिए कहा लेकिन मुझे यह कुछ ठीक नहीं लग रहा था। मैंने उसे एक बारी तो मना कर दिया था पर दूसरी बार मैं उसे मना नहीं कर पाई और मैंने भी अपने हाथ में उसके नाम का टैटू बना दिया। हम दोनों साथ में बहुत खुश थे और एक दिन वह एक लड़की से बात करने लगा।

मैंने भी उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मुझे लगा उसकी कोई दोस्त होगी लेकिन वह उसके लिए दोस्त से भी बढ़कर थी। मैंने उससे कभी पूछा भी नहीं कि वह किस से मिलता है और किस से इतनी बातें करता है। क्योंकि मेरे पास भी इतना समय नहीं होता था और मुझे आदित्य पर पूरा विश्वास था। आदित्य से जब मैंने एक दिन पूछा कि वह लड़की कौन है तो उसने मुझे बताया कि वह मेरी बहन है। क्या तुम इस बात को लेकर डरी हुई हो। तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है अब उसने मुझे उस लड़की से भी मिलाया। तो मैं संतुष्ट हो गई और हम दोनों को भरोसा और ज्यादा गहरा हो गया था।

एक दिन क्लब में ही आदित्य ने मुझे कहा कि आज मेरा बहुत मन है। तुम्हारे साथ सेक्स करने का मुझे आदित्य पर पूरा भरोसा हो चुका था। तो मै उस पर अब अच्छे से यकीन करने लगी थी और मुझे उससे कोई दिक्कत भी नहीं थी। तो मैंने उसे कहा ठीक है एक काम करते हैं।

तुम मेरे घर पर आ जाना और वहीं पर हम सेक्स कर लेंगे। मैं तैयार होकर रहूंगी तुम्हारे लिए आदित्य मेरे घर पर आया और वह मेरे लिए गिफ्ट लाया था। मैंने जैसे ही गिफ्ट खोला तो मैं बहुत खुश हो गई। मैं उसे गले लग कर कहा कि मैं तुमसे वाकई में बहुत प्यार करती हूं। आदित्य ने मुझे पकड़ लिया और वह मुझे किस करने लगा। किस करते करते वह मुझे मेरे बिस्तर तक ले गया और उसने मुझे वहीं लेटा दिया। जैसे ही वह किस कर रहा था। तो उसने मेरे होठों को भी काट लिया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह इस तरीके से कर रहा था वह मेरे स्तनों को भी दबा रहा था और अब उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे।

मैं उसके सामने एकदम नंगी खड़ी थी। वह मेरे स्तनों को भी अच्छे से पी रहा था। उसके बाद उसने मेरी योनि में भी अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह इस तरीके से कर रहा था। तो वह ऐसा करता ही जा रहा था। मैंने आदित्य के लंड को पकड़ते हुए अपने मुंह में ले लिया और उसे सकिंग करने लगी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब मैं सकिंग कर रही थी। मैंने उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लेती और फिर बाहर निकालती। ऐसा मैंने कुछ देर तक किया। उसके बाद आदित्य ने मुझे लेटाते हुए। अपने लंड को मेरी चूत मे डालना शुरू किया। जैसे ही वह मेरी चूत मे अपना डाल रहा था। तो मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था लेकिन मैं दर्द बर्दाश्त करती रही। उसने मेरी चूत मे अपना लंड डाल दिया।

जैसे ही उसने अपने लंड को डाला तो मैं चिल्ला पड़ी और मेरे मुंह से बड़ी तेज आवाज निकलने लगी। उसने मेरे मुंह को दबा दिया और वह मुझे बड़ी तेजी से चोदने लगा। उसने मेरी दोनों जांघों को बड़ी कसकर पकड़ रखा था और वैसे ही बड़ी तेजी से करता जा रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा तो झड़ गया और आदित्य का भी झड़ने वाला था। तो उसने अपना वीर्य मेरी चूत मे ही डाल दिया। मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जब उसने अपना वीर्य मेरे चूत में डाला। आदित्य ने मुझे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है। मैंने आज तक कभी गांड़ नहीं मारी है। मैंने आदित्य से कहा कि मैंने भी आज तक कभी किसी से अपनी गांड नहीं मरवाई है।

मैं आदित्य को मना भी नही कर पाई और आदित्य  ने सरसों का तेल अपने पूरे लंड पर लगा दिया। उसके बाद उसने मेरी गांड को अच्छे से चाटा अब उसने मेरी गांड़ के अंदर तक अपना लंड डाल दिया। जैसे ही उसने अपना लंड अंदर डाला तो मै बड़ी तेज आवाज में चिल्ला पड़ी। लेकिन उसने मुझे छोड़ा नहीं ऐसे ही धक्के मारता रहा। काफी देर तक मेरे साथ सेक्स करता रहा। पहले मुझे काफी दर्द हो रहा था लेकिन बाद में जैसे-जैसे एडजस्ट हो गया। मुझे काफी अच्छा लगने लगा। उसने मेरे चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़ रखा था और वह बड़ी तेज तेज धक्के मार रहा था। मेरी सांसे भी रुक जाती थी। जब वह अंदर धक्का मारता। ऐसा करते हुए उसका वीर्य गिर गया और उसने मेरी गांड के अंदर ही अपना वीर्य डाल दिया।

यह मेरा पहला ही अनुभव था। जो कि काफी अच्छा रहा। इसके बाद तो ना जाने कितनी बार ही आदित्य ने मेरी गांड के छेद में अपना लंड डाला और मुझे अच्छा भी लगता है। जब वह इस तरीके से मेरे साथ करता है। अब मुझे आदत सी हो गई है और मुझे बड़ा ही अच्छा भी लगता है जब वह इस तरीके से मेर गांड़ मारता है।

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चूत और गांड मे लंड https://sexstories.one/choot-aur-gand-me-lund/ Fri, 08 Oct 2021 07:13:42 +0000 https://sexstories.one/?p=4459 जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था

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Hindi sex kahani, antarvasna choot aur gand ki chudai ki –  मोहन और कामिनी के बीच में अक्सर झगड़े होते रहते थे और उनके झगड़ों की वजह से पूरे मोहल्ले वाले परेशान हो जाते थे क्योंकि कामिनी और मोहन के झगड़े इतने ज्यादा बढ़ चुके थे कि कामिनी पुलिस को बुला लिया करती थी और सब लोग इस बात से परेशान रहते थे। कई बार मैंने और मेरी पत्नी ललिता ने दोनों को समझाया लेकिन वह दोनों समझ ही नहीं रहे थे और एक दूसरे से झगड़ा करते रहते थे। दोनों की वजह से पूरा माहौल खराब होने लगा था और जब एक दिन मैंने मोहन को कहा तुम दोनों आपस में क्यों झगड़ा करते रहते हो हम लोगों ने तुम्हें इतनी बार समझाया है लेकिन उसके बावजूद भी तुम दोनों कितना झगड़ते हो।

मोहन कहने लगा यार अब तुमसे क्या छुपाना तुम्हें तो मालूम ही है कि जब से मेरी शादी कामिनी से हुई है तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है। हम दोनों ने लव मैरिज की थी लेकिन उसके बाद भी इतने झगड़े हम दोनों के बीच होंगे मैंने कभी सोचा नहीं था। मैंने किसी भी चीज को लेकर आज तक कामिनी को कमी नहीं होने दी लेकिन उसके बावजूद भी कामिनी मुझसे झगड़ा करती रहती है। मैं इस बात से इतना ज्यादा परेशान हो गया हूं कि मुझे कई बार लगता है कि क्या हम दोनों ने इसीलिए शादी की थी, मैंने कामिनी से कई बार कहा की यदि हम दोनों साथ में नहीं रह सकते तो हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए लेकिन कामिनी चाहती ही नहीं है कि हम दोनों अलग हो जाएं। मैं किसी भी सूरत में अब कामिनी के साथ आगे अपने जीवन को बर्बाद नहीं कर सकता। मैंने मोहन को समझाया और कहा तुम दोनों एक दूसरे से बात तो करो तभी तो इस चीज का कोई जवाब निकलेगा लेकिन वह दोनों तो आपस में बात करने के बाद भी झगड़ते रहते थे। एक दिन मोहन ने कामिनी पर हाथ उठा दिया उस दिन कामिनी के परिवार वालों ने मोहन के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया और मोहन को अपनी पत्नी के साथ हिंसा के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया। मोहन अब जेल में ही था कामिनी को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि वह जेल में है कामिनी उसे जेल में मिलने तक नहीं गई।

वह उसकी जिंदगी बर्बाद करना चाहती थी इसके लिए उसने पूरी तरीके से सोच लिया था कि उसकी जिंदगी कैसे बर्बाद करेगी। उसने उसके माता-पिता का जीना भी हराम कर दिया था उनका परिवार बहुत ही अच्छा परिवार है मैं उन्हें काफी वर्षों से देखता हुआ आ रहा हूं। कामिनी ने उनके साथ बहुत गलत किया उन्हें भी वह परेशान करने लगी मोहन जेल जा ही चुका था लेकिन इसका कामिनी पर कोई असर ही नहीं पढ़ रहा था। एक दिन उनके माता-पिता भी घर छोड़ कर चले गए उनका परिवार तो पूरी तरीके से खत्म हो चुका था यह सब कामिनी ने जानबूझकर किया था। वह मोहन को अपनी जिंदगी से निकालना चाहती थी उसके बाद वह पूरे घर पर अपना कब्जा करना चाहती थी और उसने ऐसा ही किया। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैं इस बात से बहुत ज्यादा दुखी हो गया क्योंकि कामिनी कि मैं बहुत इज्जत किया करता था लेकिन उसने मोहन के परिवार के साथ बहुत बड़ा धोखा किया।

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मोहन ने उस पर आंख बंद कर के भरोसा किया लेकिन कामिनी ने उसके भरोसे को चकनाचूर कर दिया और उसे किसी भी जिसकी कोई चिंता नहीं थी। हमारे पूरे मोहल्ले में कोई भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैंने भी कामिनी से बात करना लगभग बंद ही कर दिया था। एक दिन मैं अपने घर पर बैठा हुआ था तभी मेरी पत्नी आई और वह कहने लगी आपको मालूम है कि कामिनी ने दूसरी शादी कर ली। मैंने ललिता से कहा तुम क्या बात कर रही हो उसने कब दूसरी शादी की वह मुझे कहने लगी सब लोग तो इस बात से अचंभित हैं कि आखिरकार उसने मोहन के साथ ऐसा क्यों किया। मोहन तो उसे बहुत ज्यादा प्यार करता था लेकिन उसने मोहन के साथ बहुत बड़ा धोखा किया। मोहन तो इस सदमे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और वह पागल हो गया।

कामिनी ने अब दूसरी शादी कर ली थी और वह हमारे मोहल्ले में ही रहती थी लेकिन उसके बावजूद भी उसका रवैया बिल्कुल बदला नहीं था वह अभी भी पहले जैसे ही थी। हम लोग तो उससे बचने की कोशिश किया करते थे क्योंकि मुझे कामिनी पर बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि वह किसी के साथ कभी अच्छा भी कर सकती है। जिस प्रकार से उसने मोहन और उसके परिवार को घर से निकाल फेंका वैसा ही वह किसी के साथ भी कर सकती है इसीलिए मैं तो बिल्कुल भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैं उससे बचने की कोशिश किया करता था। एक दिन मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था तभी मेरे सामने कामिनी आ गई मैंने जब उसे देखा तो मुझे इस बात की चिंता होने लगी कि अब कामिनी के दिमाग में क्या चल रहा होगा। कामिनी मुझे कहने लगी अरे सूरज भैया आप कैसे हैं मैंने उसे कहा मैं तो अच्छा हूं तुम सुनाओ तुम कैसी हो वह मुझे कहने लगी बस मैं भी ठीक हूं। वह मुझसे बात करने लगी तो मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था लेकिन वह मुझसे बात करते जा रही थी ना जाने उसके दिल और दिमाग में क्या चल रहा था। मुझे तो उसे देख कर बहुत ज्यादा डर लग रहा था कि उसके दिमाग में ना जाने क्या चल रहा होगा और इसी के चलते मैंने कामिनी से पूछा और कामिनी आजकल क्या कर रही हो। वह कहने लगी बस कुछ नहीं मैं तो घर पर ही रहती हूं आप से मुझे एक जरूरी काम था।

मैंने उससे कहा कि हां कहो क्या काम था वह मुझे कहने लगी दरअसल मोहन की मानसिक स्थिति तो खराब हो चुकी है और अब मैं नहीं चाहती कि वह यहां पर आए इसीलिए यदि वह आपसे मेरे बारे में कुछ पूछे तो आप उसे कह दीजिएगा कि कामिनी ने यह घर बेच दिया है और अब यहां पर कोई और ही रहता है। मैं मन ही मन सोचने लगा कि कामिनी कितनी ज्यादा चालाक महिला है उसने पहले तो उनकी जिंदगी बर्बाद की और अब अपनी जिंदगी आराम से जी रही है। मुझे जब मालूम पड़ा कि कामिनी उस घर को बेचने वाली है तो मैं यह सुनकर दंग रह गया। कामिनी किसी भी हद तक जा सकती थी इसलिए उस पर भरोसा कर पाना बिल्कुल मुश्किल था और उसने उस घर के लिए ना जाने कितने लोगों से बात की हुई थी लेकिन उसे सही दाम नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह उस घर को नहीं बेच पा रही थी। उसी बीच मोहन और उसके माता-पिता एक दिन हमारे घर पर आए और वह मुझसे पूछने लगे कि क्या कामिनी घर पर है।

मैंने उनसे कहा मुझे कुछ नहीं मालूम लेकिन वह अब यहां नहीं रहती है मैंने सुना है कि उसने घर भी बेच दिया है। मैं बिल्कुल भी कामिनी और मोहन के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहता था क्योंकि कामिनी ने मोहन की जिंदगी तो पूरी तरीके से बर्बाद कर ही दी थी। यदि उसे यह मालूम पड़ता कि मैंने उसके बारे में मोहन को बता दिया तो वह शायद मुझे भी कॉलोनी में नहीं रहने देती इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें मैं कह दूँ कि कामिनी अब यहां नहीं रहती। मैंने उनसे कहा आप लोग कैसे हैं वह कहने लगे बस आपको क्या बताएं हम लोग तो अपना पूरा जीवन बर्बाद कर चुके हैं और हमारे पास कुछ भी नहीं बचा। उनके चेहरे पर बहुत ज्यादा तनाव था लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर सकता था और थोड़ी देर बाद वह वहां से चले गए। कामिनी दिन-ब-दिन बहुत ज्यादा सेक्सी होती जा रही थी जब भी मैं उसे देखता तो उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता परंतु एक दिन उसने मुझे कहा चलो आज आप भी मजे ले ही लो।

मैंने उसे कहा तो क्या तुमने यह काम भी शुरू कर दिया वह मुझे कहने लगी हां लेकिन मैं उसके बदले तुम से पैसे जरूर लूंगी। मैंने उससे कहा ठीक है मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा मैंने उसे पैसे दिए उसके बाद उसने मुझे कहा मैं पैसों के लिए कुछ भी कर सकती हूं जब उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए तो मेरा लंड खड़ा होने लगा। जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी। काफी देर तक तो उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया पर जब मैंने उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देने लगा।

मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसकी चूत के मजे लेता रहा जब वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गई तो मुझे कहने लगी मजा तो आज बहुत आ गया। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे अभी मजा नहीं आया है वह कहने लगी तुम एक बार मेरी चूत और मार लो। मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी गांड मारनी है क्या तुम अपनी गांड मारने का मौका मुझे दोगी। पहले तो वह मना करती रही लेकिन जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया तो उसका भी मन मचलने लगा और वह तैयार हो गई। उसने मेरे लंड पर अच्छे से तेल की मालिश की और जैसे ही उसने मेरे सामने अपनी गांड को किया तो मैंने भी उसकी गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और उसे बड़ी तेजी से मैं धक्के मारने लगा। मुझे उसे धक्के देने में बहुत आनंद आता मैं लगातार तेजी से उसे धक्के दिए जा रहा था मैंने उसकी गांड से खून भी निकाल कर रख दिया था जिससे कि वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी जब मेरे वीर्य पतन उसकी गांड मे हुआ तो उसे भी मजा आ गया। उसका जिससे मन होता उससे वह अपनी चूत मरवाती।

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गांड चुदाई एक हॉट मारवाड़ी भाभी की https://sexstories.one/gand-chudai-marwari-hot-bhabhi-ki/ Fri, 08 Oct 2021 07:11:32 +0000 https://sexstories.one/?p=4460 मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा।

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Gand Chudai Marwari Bhabhi Ki – मेरा नाम राज शर्मा है और में असम का रहने वाला हूँ। ये बात 2010 की है.. ये दुर्गा पूजा के दिन की बात है। घूमते वक़्त मुझे एक मारवाड़ी भाभी दिखी और में उसके पीछे चल दिया। जब उसको पता चला कि में उसका पीछा कर रहा हूँ तो वो अपने पति का हाथ पकड़कर साईड में चलने लगी। फिर जब हम पूजा मंडप पहुंचे तो वहां पर फास्ट फूड का स्टॉल लगा हुआ था। उसके पति ने उसको कुछ लाने के लिये भेजा और वो पूजा मंडप के अंदर चला गया। मुझे ये अच्छा मौका मिला और में भी उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया.. वो दुकानदार से पावभाजी ले रही थी। फिर मैंने भी ऑर्डर किया और उसके साईड में खड़ा हो गया। उसने मुझे गुस्से से देखा.. लेकिन मैंने एक सिंपल सा स्माईल दिया। उसका कंधा और मेरा हाथ बिल्कुल चिपके हुये थे। वो चाहकर भी हटा नहीं सकी और में और ज़्यादा उससे चिपकने लगा।

फिर वो थोड़ा आगे हुई तो इससे उसकी गांड (40) मेरे लंड से चिपकी गई। ये बात उसको भी पता थी.. लेकिन मजबूरी में वो भी कुछ नहीं कर सकती थी। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था.. लंड एकदम कड़क हो गया और मैंने थोड़ा सा धक्का दिया और पीछे होकर उसके कंधे के पास से उसके कान में सॉरी कहा। उसने हल्की स्माईल के साथ इट्स ओके कहा। अब मुझे यकीन हो गया कि ये मारवाड़ी माल मुझसे पट जायेगी और फिर हम दोनों पावभाजी लेकर आ गये.. वो और उसका पति मुझसे 10 फीट की दूरी पर खड़े थे और में उसे घूरे जा रहा था और वो शरमा रही थी और बीच बीच में स्माईल भी दे रही थी।

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फिर मैंने मौका देखकर उसको नंबर के लिये इशारा किया.. लेकिन उसने कुछ रिप्लाई नहीं दिया।

फिर उसके पति के दोस्त आ गये और वो उनके साथ व्यस्त हो गया और वो कोल्ड ड्रिंक लेने के लिये गई और में भी उसके पीछे पीछे चल दिया और उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। उसने अपने पति को पलटकर देखा और मुझसे कहा कि नंबर क्यों चाहिये? फिर मैंने कहा कि आप बहुत खूबसूरत है और वो शरमा गई। फिर मैंने कहा कि प्लीज.. तो उसने अपने पति को देखा और कहा कि लिखो। फिर उसने अपना नंबर दिया। में तुरंत वहां से हट गया और मोबाईल निकालकर नम्बर नोट किया और फिर उसके नंबर पर रिंग किया और काट दिया.. वो अपने पीछे देख रही थी। फिर उसने मेरी तरफ देखा और मैंने इशारे से कहा कि मेरा नम्बर है और फिर वो अपने पति के साथ चली गई। अगले दिन दशहरा था। मैंने उसको फोन किया और उसने हेल्लो बोला.. फिर मैंने कहा कि कल आपने नंबर दिया था ना.. तो उसने कहा कि क्या काम है मुझसे? मैंने कहा कि बस आप मुझे अच्छी लगी और में आपसे बात करना चाहता था.. इसलिये आपका नम्बर लिया। फिर हम नॉर्मल बातें करने लगे। फिर उसको कोई काम आ गया.. उसने फोन रख दिया।

फिर मैंने 3-4 दिन तक उसको फोन नहीं किया। अगले दिन उसका मिस कॉल आया। फिर मैंने रिप्लाई कॉल किया.. उसने फोन उठाया और कहने लगी क्या हुआ? 3-4 दिनों से फोन नहीं किया। मैंने कहा कि थोड़ा बिज़ी था। फिर मैंने पूछा कि क्या रही हो अभी.. तो उसने बताया कि घर पर कोई नहीं है.. बोर हो रही थी तो तुम्हे फोन कर दिया। मैंने पूछा कहाँ गये सब? तो उसने बताया कि उसके ससुर की तबीयत ठीक नहीं है.. इसलिये उनको हॉस्पिटल ले गये है और सास भी साथ गई है। फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपसे मिलने का मन कर रहा है तो उसने कहा कि कैसे और कहां मिलेंगे? मैंने कहा कि आपके घर पर.. तो उसने कहा कि नहीं.. मेरे पड़ोस में बहुत लोग रहते है। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. में सेल्समैन बनकर आ जाऊंगा। कुछ सामान लेकर तो उसने मना कर दिया। फिर उसने कहा कि अगर मेरे पति और सास ससुर आज वापस नहीं आयेंगे.. तो तुम शाम को अंधेरा होने के बाद आ सकते हो। उसने कहा कि में तुम्हे फोन कर दूँगी और फिर हमने फोन रख दिया और में बैचेनी से उसके फोन का इंतज़ार कर रहा था।

फिर शाम को 6 बजे उसका फोन आया और उसने कहा कि अब तुम आ सकते हो। मैंने फोन रखा और तैयार होकर निकल गया। फिर उसके घर से कुछ दूर बाईक पार्क की और सबकी नज़रो से बचते हुये उसके घर के दरवाज़े पर पहुंचा.. जैसे ही मैंने बेल बजाई तो उसने दरवाज़ा खोला और अंदर बुलाया। फिर मैंने पूछा कि आपकी बेटी कहाँ है तो उसने कहा कि मैंने उसको सुला दिया.. वरना वो अपने पापा से बोल देगी कि एक अंकल आये थे। उसने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी थी.. जो नाभि से थोड़ी नीचे थी और ब्लाउज से भी.. उसकी लाईन दिख रही थी। उसने कहा कि ऐसे क्या देख रहे हो.. कभी कोई और नहीं देखी क्या? मैंने कहा कि औरत तो बहुत देखी है.. लेकिन आप जितनी खूबसूरत नहीं देखी। आपके पति कितने ख़ुशनसीब होंगे। फिर उसने कहा अब इतनी भी तारीफ़ मत करो कि मुझे शर्म आ जाये। फिर मैंने कहा कि आप हो ही तारीफ़ के काबिल। फिर उसने मुझे कहा कि बैठो में चाय लेकर आती हूँ। में सोफे पर बैठकर उसके घर को देखने लगा।

फिर में उठकर किचन की और जाने लगा.. वो खड़ी होकर चाय बना रही थी.. जब मैंने उसको पीछे से देखा तो मन हुआ कि अभी उसकी साड़ी उठाकर उसकी गांड चाट लूँ। फिर उसने पलटकर मुझे देखा और कहा कि तुम बैठो में चाय लेकर आती हूँ। मैंने कहा कोई नहीं.. में यही ठीक हूँ आपके पीछे। उसने पलटकर एक नॉटी स्माईल दी। फिर वो चाय लेकर आई.. हमने चाय पी। फिर उसने कहा कि तुम जल्दी चले जाना.. वरना कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी। फिर मैंने कहा कि ओके। फिर वो बेडरूम में गई और वहां से मुझे आवाज़ दी और में गया तो वो वहां मुझे हेल्प करने को कह रही थी और मैंने अनजान बनते हुये हाथ उसकी गांड पर रख दिया.. उसने कुछ नहीं कहा। फिर में गांड की लाईन में हाथ को सहलाने लगा.. उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम्हे मेरी पीछे की साईड इतनी अच्छी लगती है क्या?

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फिर मैंने थोड़ा ज़ोर से उसकी गांड को पकड़ा और उसके बिल्कुल पास जाकर कहा कि जब से देखा है.. बस इसका दीवाना हो गया हूँ और में उसके सामने घुटनों पर बैठ गया और उसकी गांड को ज़ोर से पकड़ लिया। फिर उसकी नाभि पर किस करने लगा.. वो एकदम से मचल गई और उसने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और कहा आआहहा आअहह् प्लीज राज। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी नाभि को किस करने लगा और उसने दोनों पैरो को मोड़ लिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा। 10 मिनट तक निप्पल चूसने के बाद मैंने नीचे से उसकी साड़ी को पूरा कमर तक उठा दिया। उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.. बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी। एकदम 18 साल की लड़की की तरह। में उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे सर को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाने लगी। 5 मिनट चूत चाटने के बाद उसने कहा कि प्लीज राज अब कुछ करो और सहन नहीं होता है।

फिर मैंने अपना पेंट खोला और 8 इंच का लंड बाहर निकालकर उसकी चूत के ऊपर रखा। उसकी चूत एकदम आग की भट्टी की तरह जल रही थी.. उसने मुझसे विनती की.. प्लीज मत तड़पाओ.. अब डाल भी दो वरना में मर जाउंगी। फिर मैंने धीरे से अपना लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसाया.. वो थोड़ी तड़प उठी। फिर उसने नीचे से थोड़ी गांड ऊपर उठाई और मेरा लंड आधा घुस गया.. वो पूरी तड़प गई और मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और उसके मुँह से चीख निकल गई। में उसके ऊपर आ गया और उसके होठों को चूसने लगा। फिर कुछ देर चूसने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्का देना शुरू किया और वो भी मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी.. आह्ह्ह्ह राज चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत.. आज बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे लंड में.. अब तो हमेशा तुमसे ही चुदवाऊंगी.. आज से में तुम्हारी रंडी.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दो। मेरी गांड भी तुम्ही मारना।

मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है.. अब तुमसे ही अपनी गांड भी मरवाऊंगी.. आह्ह्ह बहुत मज़ा दिया तुमने मुझे और फिर मैंने तेज़ी से धक्का देना चालू किया और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया। वो झड़ गई और में भी 4-5 धक्को के बाद झड़ गया।

फिर हम वैसे ही लेटे रहे। उसके बाद वो उठी और मेरे लिप्स पर किस दिया और थैंक्स कहा और कहा कि अब तुम जाओ.. अगर कल मौका मिला तो में तुम्हे बता दूंगी। कल तुम मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ देना। फिर मैंने एक बार और उसको पकड़कर उसकी गांड को सहलाया और चाटने लगा और फिर में वहां से चला आया ।।

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सब्जी वाले का फौलादी लंड https://sexstories.one/sabzi-wale-ka-faulaadi-mota-lund/ Sat, 17 Apr 2021 02:33:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3246 हाय फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे | मेरा नाम प्रतिमा है और मैं झारखण्ड की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे | मेरा नाम प्रतिमा है और मैं झारखण्ड की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और मैं शादीशुदा हूँ | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरा बदन एक दम भरा हुआ है | मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और मेरे दूध और चूतड़ बड़े हैं | मेरे दो बेटे हैं और दोनों स्कूल में पढाई करते हैं | मेरे पति प्राइवेट जॉब करते हैं |

दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के लिए`कहानी लिखने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की एक दम सच्ची घटना है | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोगो को मेरी कहने पसंद आयगी | मेरी ये पहली कहानी है तो हो सकता है कि मुझसे गलती हो सकती है | अगर आप लोगो को मेरी गलती नजर आये तो कृपया नजरंदाज करके कहानी का मजे लेना | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी शुरू करती हूँ |

दोस्तों मेरे घर में मैं और मेरे पति साथ में दो बेटे रहते हैं | हमारा परिवार एक दम अच्छे से और हँसते खेलते रहता था | लेकिन सिर्फ मेरा परिवार मैं नहीं | मैं इसलिए खुश नहीं रहती थी क्यूंकि मेरे पति अब नामर्द जैसे हो गए हैं | मेरा पति मुझे नहीं चोदता और मैं मेरी चूत को लंड चाहिए | मेरा पति रात को काफी लेट घर आता था और शराब पी कर आता था |

मुझे उसके शराब पीने से कोई दिक्कत नहीं थी क्यूंकि वो मेरे साथ कभी बदतमीजी नहीं करता था | लेकिन वो मेरी चुदाई भी नहीं करता था ये बात मुझे बहुत खलती थी | मैं हर बार सोचती कि काश कोई अच्छा सा मोटा लंड मेरी चूत में घुसे और मेरा रोम रोम भड़का दे | यही सब सोच कर मेरी चूत गीली हो जाती | मेरी चूत को लंड ऐसा चाहिए कि बस मेरी चूत को भोसड़ा बना दे |

Sex Katha padhiye – Kunwari Dulhan

एक दिन की बात है और मेरा पति काम पर गया हुआ था और मेरे दोनों बेटे भी स्कूल गए हुए थे | उस दिन मेरी चूत में ऐसी आग लगी हुई थी कि मैं बता नहीं सकती | मैं अपने आँगन में पीछे गई और वहां सीड़ी पर बैठ कर अपने ब्लाउज के दोनों हुक खोल कर और ब्रा को ऊपर खिसका कर अपने दूध बाहर निकाल कर बैठ गयी | फिर अपनी साड़ी को ऊपर खिसका कर पेंटी भी उतार दी |

उसके बाद मैं जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी और एक हाँथ से अपने दोनों दूध को बारी बारी से मसल रही थी | जब मैं ऐसा कर रही थी तब मेरे मुँह से आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां निकल रही थी | मैं जोर जोर से अपनी चूत को आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां लेते हुए रगड़ रही थी |

करीब 15 मिनट तक मैंने अपनी चूत को खूब रगड़ा और वहीँ रस्खलन हो गया मेरी चूत का | मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैं 5 मिनट तक वहीँ नंगी ही लेटी रही | फिर मैं उठी और नहाने चले गई | जब मैं नहा कर आई तो बाहर सब्जी वाले की आवाज़ आई | मैंने सोचा कि चलो रात के लिए सब्जी ले लूं | उस समय मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी और एक पतले से कपड़े का गाउन पहना हुआ था | मेरा बदन गीला था तो उसमे मेरा गाउन चिपक गया और मेरे निप्पलस साफ़ नजर आने लगे थे | ये बात मुझे मालुम थी लेकिन मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था |

मैं सब्जी लेने बाहर गई और सब्जी लेने लगी | मैं देख रही थी कि सब्जी वाला मुझे और मेरे दूध को घूर घूर कर देख रहा था | मुझे उसका ऐसा देखना अच्छा लग रहा था पर मैं उससे चुदवा तो नहीं सकती थी क्यूंकि और भी लेडीज वहां पर सब्जियां ले रही थी | सब्जी लेने के बाद मैं घर आ गई | मुझे इतना अंदाजा हो गया था कि सब्जी वाले का तो पक्का लंड खड़ा हो ही गया होगा | वो सब्जी वाला हर हफ्ते आता था क्यूंकि वो हर एक एरिया में जाता था | हमारे कॉलोनी के काफी लोग उसे सब्जी लेते थे क्यूंकि वो एक दम ताजा सब्जियां बाजार से लाता था |

अगले हफ्ते वो फिर आया लेकिन उस समय मेरे घर में सब लोग थे तो मैं उससे नहीं चुदा सकी लेकिन हाँ मैंने उसे इशारो इशारो में समझा दिया था कि मेरी चूत प्यासी है और मुझे एक तगड़े लंड की जरुरत है | ऐसे ही करते करते मुझे काफी दिन हो गए पर मौका नहीं मिल पा रहा था कि कैसे मैं उसे अन्दर बुलाऊं और उससे अपनी चूत चुद्वाऊ ? मैं हर दिन बस उस सब्जी वाली याद में अपनी उँगलियाँ चूत में चलाती | वो सब्जी वाला लगभग 40 साल की उम्र का होगा और उसका बदन एक दम गठीला था और उसकी कदकाठी एक पहलवान के जैसी थी |

मैं तो बस ये सोच कर चूत से पानी निकाल लेती कि कितनी बेरहमी से वो मुझे चोदेगा | फिर दिन वो मेरे घर के सामने से निकल रहा था और उस दिन उसने सब्जी का ठेला भी नहीं लिया था | मैंने उसे रोका और पूछा कि आज तुम सब्जी नहीं लाये क्या ? तो उसने कहा मेम साब गया था बाजार लेने सब्जी | पर बहुत महंगी पड़ रही थी क्यूंकि जहाँ से सब्जियां आती हैं वहां ट्रक फंसे हुए हैं |

मैंने कहा अच्छा तो अभी कहाँ जा रहे हो ? तो उसने कहा कि मैडम कहीं नहीं बस पान की दुकान जा रहा हूँ गुटका लगवाने | मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है अगर आज मैं इसे अपनी चूत चुदवा भी लूं तो किसी को शक भी नहीं होगा | मैंने उससे कहा कि अन्दर आओ मुझे तुमसे एक काम है | उसने अन्दर आते हुए कहा हाँ बोलिए | मैंने कहा देख आज मेरे घर में कोई नहीं है और मुझे लंड की बहुत जरूरत है |

मुझे तुझसे अपनी चूत चुदवाना है | तो उसने कहा अरे डार्लिंग इसके लिए तो मैं हमेशा तैयार हूँ | इतना कह कर उसने मुझे अपने गले से लगा लिया और वो कभी मेरे बदन को सहलाता तो कभी मेरी गांड को दबाता | मुझे भी अच्छा लग रहा था उसका ऐसा करना और मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी | फिर वो अपने होंठ मेरे होंठ के पास ले कर आया तो मैंने तुरंत उसके चेहरे को पकड़ कर अपने होंठ से उसके होंठ को दबा दिया और चूसने लगी | वो भी मेरे होंठ को चूस रहा था | हम दोनों ने 10 मिनट तक होंठ को चूसा |

फिर मैंने अपना गाउन उतार दिया और बस ब्रा पेंटी में उसके सामने खड़ी हो गई | वो मेरे पास आया और मेरे ब्रा के ऊपर से ही मेरे दूध को मसलने लगा तो मेरे मुँह से आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | फिर उसने ब्रा को भी अलग कर दिया और मेरे दोनों दूध को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए उसके लंड को पेंट के ऊपर से ही मसलने लगी |

उसके बाद मैंने उसके कपड़े उतार कर उसे भी पूरा नंगा कर दिया और उसके लंड को अपने हाँथ में ले कर जीभ से चाटने लगी तो वो आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए निप्पलस दबाने लगा | उसके लंड को चाटने के बाद मैं उसके लंड को अपने मुँह के अन्दर ले कर चूसने लगी तो वो भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए मेरे मुँह को चोदने लगा |

मुझे काफी मजा आ रहा था | फिर उसने मुझे लेटा दिया और पेंटी को उतार कर मेरी चूत को चाटने लगा तो मैं आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए आन्हे भरने लगी | मेरी चूत को उसने बहुत अच्छे से चाटा और मुझे मदहोश कर दिया |

फिर उसने अपने फौलादी लंड को मेरी चूत में टिका कर अन्दर पेल दिया और चुदाई शुरू कर दी तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | वो काफी देर तक मुझे ऐसे ही चोद रहा था और फिर उसने एक दम से अपनी चुदाई तेज कर दी  और जोर जोर से शॉट लगाते हुए चोदने लगा तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां भरते हुए चुदाई में उसका साथ देने लगी | करीब आधे घंटे की चुदाई करने के बाद उसने अपना वीर्य मेरे मुँह में छोड़ दिया |

उसके बाद उसको मैंने चुपके से घर से बाहर किया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी |

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बड़े चूतडो से टकराता मेरा लंड https://sexstories.one/bade-desi-chutad-ki-chudai/ Wed, 10 Feb 2021 04:58:11 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ac%e0%a5%9c%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4%e0%a4%a1%e0%a5%8b-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9f%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%b2/ मेरा नाम सुमित है मेरा हैंडीक्राफ्ट का काम है, मैं एक बार हैंडीक्राफ्ट के सिलसिले में अहमदाबाद गया हुआ था वहां पर काफी बड़ी एग्जीविशन लगी थी मुझे मेरे एक दोस्त ने बताया था कि ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम सुमित है मेरा हैंडीक्राफ्ट का काम है, मैं एक बार हैंडीक्राफ्ट के सिलसिले में अहमदाबाद गया हुआ था वहां पर काफी बड़ी एग्जीविशन लगी थी मुझे मेरे एक दोस्त ने बताया था कि यदि तुम अपना स्टॉल लगाना चाहते हो तो तुम मुझे बता देना क्योंकि वह भी वहां पर अपना कोई स्टॉल लगाने वाला था। chutad

मैंने उसे कहा मेरे लिए भी तुम एग्जिबिशन स्टॉल बुक कर देना. nange chutad

उसने मेरे लिए एग्जीविशन इंस्टॉल बुक करवा दी मैं भी अब अपना सामान लेकर अहमदाबाद पहुंच गया, मेरे साथ में मेरे दुकान में काम करने वाले दो लड़के भी थे, मैंने अपने छोटे भाई से कह दिया था कि तुम दुकान का ध्यान रखना क्योंकि उस वक्त कॉलेज की छुट्टियां पड़ी थी तो इसी वजह से मैंने उसे कहा कि तुम दुकान संभाल लेना, उसे काम की अच्छी जानकारी थी क्योंकि वह मेरे साथ ही ज्यादा वक्त गुजारता था।

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जब हम लोग अहमदाबाद पहुंच गए तो मैं सबसे पहले अपने दोस्त से मिला मैंने अपने सामान को होटल के रूम में ही रखवा दिया था और वह दोनों लडके भी वही रूम में थे, मैं जब अपने दोस्त सुधीर से मिलने गया तो वह मुझे कहने लगा तुम इस बार सामान तो काफी लाये हो, मैंने उसे कहा इस बार तो मैं बिल्कुल नया सामान लाया हूं ऐसा सामान तो हम लोगों ने खुद ही पहली बार बनाया है, वह कहने लगा यह काफी बढ़िया एग्जीविशन है यहां पर तुम्हे अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा।

जिस दिन हम लोगों ने पहली बार एग्जीबिशन में अपना सामान रखवाया तो उस दिन लोगों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा था और सब लोग हमसे काफी सामान खरीद कर भी ले गए, मैंने अपनी दुकान का कार्ड भी उन्हें दे दिया था यदि उन्हें कुछ सामान मंगवाना हो तो मैं उनके पास कोरियर से वह सामान भिजवा दूँ। उसी एग्जिबिशन में मेरी मुलाकात मीनाक्षी से हुई, वह हमारे हैंडीक्राफ्ट से बने सामान को देखकर इतना खुश हुई कि वह कहने लगी मैं अब यहां पर एक दुकान खोलना चाहती हूं आप उसमें मेरी मदद करेंगे? मैंने मीनाक्षी से कहा क्यों नहीं मैं आपकी जरूर मदद करूंगा।

मैंने उसे कहा यदि आपको लगता है तो जब तक एक्जिवेशन है आप यहां रुक सकती हैं, आप को सामान की भी अच्छी जानकारी हो जाएगी और पता भी चल जाएगा लोगों के साथ कैसे डील करनी है, जब मैंने उससे यह बात कही तो वह कहने लगी ठीक है मैं आपके पास ही रुक जाती हूं। वह मेरे पास ही रुक गई और काम को पूरी तरीके से देखने लगी, उसे भी काम काफी अच्छा लगा और वह काफी हद तक समझ भी गई थी..

वह मुझसे पूछती कि आप लोग यह सामान कैसे बनाते हैं? desi chutad

मैंने उसे कहा कि हम लोगों को तो यह सामान बनाते हुए काफी वर्ष हो चुके हैं और हमारे सामान कि विदेशों में भी बहुत अच्छी डिमांड है।

वह कहने लगी मेरे भी यहां पर काफी अच्छे कस्टमर है लेकिन मेरे पास अच्छा सामान नहीं होता इसीलिए वह लोग इतना सामान नहीं खरीद पाते परंतु आपके बनाए हुए सामान की यहां पर काफी अच्छी डिमांड रहेगी और उसने इस बात से अंदाजा लगा ही लिया था कि मेरा सामान काफी हद तक बिक चुका था। जब एग्जीविशन खत्म होने वाली थी तो अगले दिन वह कहने लगी क्या आज आप मेरे साथ कुछ समय बिता सकते हैं? मैं आपसे जानकारी लेना चाहती हूं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं आज यहीं रुक जाता हूं।

Geeli Chut wali bhabhi mera lund lenewali thi!

मैंने अपने सात के लड़कों को वापस जयपुर भेज दिया और मैंने उन्हें कहा मैं एक-दो दिन बाद लौट आऊंगा, वह लोग अब जा चुके थे, मीनाक्षी मुझे सबसे पहले तो अपनी शॉप पर ले गई वहां पर पहले से ही कोई व्यक्ति अपनी दुकान चला रहे थे, वह कहने लगी मैंने बोल दिया है यह लोग एक महीने में जगह खाली करवा देंगे और उसके बाद मैं आपसे सामान भी खरीद लूंगी, मीनाक्षी काम के प्रति काफी एक्टिव थी और वह बहुत ज्यादा मेहनती भी लग रही थी।

मैंने जब उसकी शॉप देखी तो मैंने उसे कहा, शॉप तो काफी अच्छी जगह पर है तुम्हारा काम यहां बहुत अच्छा चलेगा यदि तुम काम में पूरे मन लगाकर काम करो तो, वह कहने लगी कि मैंने पहले भी घर से इस काम की शुरुआत की थी लेकिन मुझे सही दामों पर सामान नहीं मिल पा रहा था इसलिए मैंने अपना काम बंद कर दिया परंतु अब आप से मेरी मुलाकात हुई है तो मैं अब इस काम को दोबारा शुरू कर लूंगी, मैंने उसे कहा यदि तुम्हें वक्त मिले तो तुम जयपुर आ जाना और जयपुर में ही तुम मेरे पास सामान देख लेना वहां पर काफी वैराइटी भी तुम्हें मिल जाएगी, वह कहने लगी कोशिश करूंगी यदि मैं जयपुर आई तो, नहीं तो आप ही मुझे वहां से सामान भिजवा दीजिएगा..

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मैंने उसे कहा ठीक है। bade chutad

वह मुझे अपने एक परिचित के रेस्टोरेंट में ले गई वहां पर बैठकर हम दोनों कॉफी पी रहे थे और आपस में बात कर रहे थे, मुझे उससे बात कर के ऐसा लगा कि यह काफी मेहनती है और काम के प्रति बहुत ही सीरियस है, मैंने मीनाक्षी से कहा कि अब मैं चलता हूं मैं थोड़ा आराम कर लेता हूं क्योंकि सुबह मुझे जल्दी ट्रेन से निकलना है, वह कहने लगी आप थोड़ी देर बैठ जाइये उसके बाद आप चले जाइएगा, मैंने सोचा चलो थोड़ी देर मीनाक्षी के साथ बैठ जाते हैं उसके बाद चलूंगा।

हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे लेकिन हम दोनों के बीच कुछ और ही बातें होने शुरू हो गई मैं मीनाक्षी की पर्सनल लाइफ के बारे में पूछने लगा। जब हम दोनों की बातें चल रही थी उस वक्त मैंने मीनाक्षी के हाथ को पकड़ते हुए कहा तुम मेरे साथ ही चलो। वह कहने लगी ठीक है वह मेरे साथ आने को राजी हो गई, जब वह मेरे साथ आई तो मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया।

जब मैंने उसकी नरम जांघ पर हाथ रखा तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई उसका शरीर गर्म होने लगा उसके शरीर से बहुत ज्यादा गर्मी निकल रही थी। मुझे तो बिल्कुल भी नहीं लगा नहीं था मैं उसके साथ सेक्स कर पाऊंगा लेकिन वह मेरे पूरे काबू में थी। जब मैंने उसके होंठो को चूसना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी आप अच्छे से मेरे होठों का रसपान कीजिए।

मैंने उसके होठों का बड़े अच्छे से रसपान किया जब उसकी योनि ने पानी छोड़ दिया तो उस वक्त मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को लगाते हुए अंदर डाल दिया।

Maa ki chut bhi chodi maine baad me!

उसकी चूत बहुत टाइट थी। bade chutad

मुझे उसे धक्के मारने में बहुत आनंद आ रहा था हम दोनों का शरीर पूरी तरीके से गर्म हो चुका था, जब मेरा लंड ज्यादा गरम हो गया तो उसकी चूत गर्म पानी छोडने लगी, उस गर्मी से मेरा वीर्य मीनाक्षी की योनि में गिर गया। उसने कपड़े से अपनी योनि को साफ किया और कहने लगी मैं अब चलती हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई है। मैंने उसकी बड़ी गांड को अपने हाथों में पकड़ा और उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया।

जब मेरा लंड उसकी योनि में प्रवेश हुआ तो उसके मुंह से आवाज निकल आई, वह इतनी तेजी से चिल्ला रही थी मुझे उसे धक्के मारने में बहुत आनंद आ रहा था। वह मेरा पूरा साथ देने लगी उसके बदन की गर्मी इतनी ज्यादा होने लगी मेरा लंड भी पूरी तरीके से तपने लगा था। उसकी योनि से लगातार पानी का रिसाव हो रहा था मेरा लंड उसकी योनि में आसानी से अंदर बाहर होने लगा क्योंकि उसकी योनि बड़ी चिकनी हो चुकी थी।

मुझे उसकी चिकनी चूत मे अपने लंड को डालने में बड़ा आनंद आ रहा था। chutad

जब वह झड गई तो उसने अपनी चूतड़ों को ऐसे ही मेरे सामने रखा और मैं उसे बड़ी तेजी से चोद रहा था उसी धक्के के दौरान मेरा वीर्य गिरने वाला था। जब मैंने अपने वीर्य को उसकी बड़ी गांड के ऊपर डाला तो उसे बहुत अच्छा महसूस हुआ। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लगा जब आपने अपने वीर्य को मेरे ऊपर गिरा दिया उसने अपनी गांड से मेरे वीर्य को साफ किया और उसके बाद मैंने उसके होठों को चूम लिया।

मैंने उसे कहा तुम अब जयपुर भी आ जाना वहां भी हम लोग खूब सेक्स करेंगे। वह कहने लगी ठीक है मैं जयपुर भी आ जाऊंगी और आप मुझे मेरे दुकान का सामान भी भिजवा दीजिएगा। मैंने उसे कहा ठीक है उसके बाद वह जयपुर भी आई, जयपुर मे भी हम दोनों ने जमकर चुदाई का लुफ्त उठाया।

उसकी शॉप अब शुरू हो चुकी है और उसका काम भी अच्छा चलने लगा है। chutad

वह मुझे हमेशा फोन पर कहती है मैं आपके लिए तड़प रही हूं आप कब यहां आने वाले हैं। मैंने उसे कहा बस कुछ ही समय बाद आऊंगा लेकिन उसके बाद मेरा अहमदाबाद जाना नहीं हो पाया और वह मेरा बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है।

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