chutad Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chutad/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 गांड का छेद माल से भर डाला https://sexstories.one/naukrani-ki-gaand-me-lund-daala/ Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4378 नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं..

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Naukrani ki Gaand – रोहित और मेरी दोस्ती पूरे कॉलेज में बड़ी फेमस थी.. हम दोनों ही एक दूसरे के साथ हमेशा ही खड़े नजर आते थे.. एक दिन रोहित मुझसे कहने लगा यार अब तो कॉलेज भी खत्म होने वाला है तुमने क्या सोचा है। मैंने रोहित से कहा मैं क्या सोचूंगा पापा ने मुझे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरा काम संभालोगे और इसके अलावा तो शायद मैं और कुछ भी नहीं सोच सकता। मुझे रोहित कहने लगा चलो पारस तुमने तो अच्छा किया जो अपने पापा की हां में हां मिला दी लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि मैं अपना फैमिली बिजनेस ना संभाल कर कुछ और काम शुरू करूं। मैंने रोहित से कहा लेकिन इसमें तुम्हें दिक्कत भी हो सकती है रोहित कहने लगा अरे यार इसमें दिक्कत वाली क्या बात है अब तुम ही मुझे बताओ कि मैं भी क्या करूं मेरा मन पापा के बिजनेस को करने का बिल्कुल भी नहीं है और मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

मैंने रोहित से कहा वह तो तुम अपने पापा का काम संभाल कर भी कर सकते हो और उन्होंने इतने साल की मेहनत की है उसके बाद तुम्हे ही तो सारा काम संभालना है। रोहित और मेरे बीच में काफी समानताएं थी रोहित के पिताजी भी एक बिजनेसमैन है और मेरे पिताजी भी बिजनेसमैन है हम दोनों ही घर में एकलौते हैं लेकिन रोहित चाहता था कि वह कुछ अलग करें इसलिए उसने अमेरिका जाने के बारे में सोच लिया था। मैंने रोहित से कहा कि तुमने क्या अपना पूरा मन बना लिया है कि तुम अमेरिका चले जाओगे रोहित मुझे कहने लगा हां पारस मैंने पूरा मन बना लिया है अब मैं अमेरिका में ही कुछ काम शुरू करना चाहता हूं।

रोहित के पिताजी भी शायद उसे मना ना कर सके और वह अमेरिका चला गया। मैं दिल्ली में रहकर ही अपने पापा का काम संभालने लगा और देखते ही देखते कब समय बीत गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा समय बड़ी तेजी से निकला और मुझे काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके थे। इन 5 वर्षों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था और यह सब पापा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि पापा ने ही मुझे अपने बिजनेस के तौर तरीके और अपने काम की बारीकियों को सिखा दिया था।

रोहित से मेरी बात तो होती रहती थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात सिर्फ एक या दो बार ही हो पाई थी अब वह अमेरिका में ही सेटल हो चुका था। एक दिन उसका मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा पारस मैं दिल्ली आ रहा हूं मैंने रोहित से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा है कम से कम इतने समय बाद तुम मुझे मिलोगे तो सही पिछले दो वर्षों से हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हो पाई है। रोहित मुझे कहने लगा हां क्यों नहीं मैं बस तुम्हारे पास अगले हफ्ते पहुंच जाऊंगा मैंने रोहित से कहा चलो ठीक है तो फिर हम लोग मुलाकात करते हैं।

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रोहित कहने लगा मैं तुम्हें पहुंच कर फोन करता हूं मैंने उससे कहा हां तुम मुझे पहुंच कर फोन कर देना, रोहित जब अपने घर पहुंच गया था तो उसने मुझे फोन किया और उसके बाद मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया। जब मैं उसके घर पर गया तो उसके पापा का चेहरा उतरा हुआ था मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं सोफे पर बैठा हुआ था रोहित के पापा मेरी तरफ देख रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा पारस बेटा तुम क्या कर रहे हो। मैंने उन्हें बताया कि अंकल मैं तो अपने पापा का ही काम संभाल रहा हूं, रोहित के घर पर मैं काफी सालों बाद गया था तो रोहित के पापा के मन में कई सवाल थे।

वह मुझसे कुछ पूछने लगे तो मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया लेकिन वह रोहित को कहने लगे कि देखा पारस भी तो अपने पापा का काम संभाल रहा है और एक तुम हो कि तुम हमें अकेला छोड़ कर अमेरिका चले गए। मैंने रोहित और उसके पापा के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी नहीं कहा और जब रोहित ने मुझे कहा कि चलो मेरे रूम में चलते हैं तो हम दोनों उसके रूम में चले गए। रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे रोहित ने मुझे कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है मैंने रोहित से कहा मेरा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम सुनाओ तुम तो लगता है अमेरिका में ही सेटल हो चुके हो। रोहित मुझे कहने लगा यार अब तुम्हें क्या बताऊं यहां रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है और मैं तो सोच रहा हूं कि अमेरिका में ही शादी करूं।

रोहित की बातों से इतना तो प्रतीत हो चुका था कि उसने अपने लिए कोई लड़की देख ली है रोहित मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपने लिए कोई लड़की देख ली है। मैंने उसे कहा कहां यार मैंने तो अपने लिए कोई लड़की नहीं देखी है लेकिन इतना जरूर है कि पापा और मम्मी मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित मुझे कहने लगा अच्छा तो वह तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं मैंने कहा हां वह लोग मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित ने मुझे जब नताशा की फोटो दिखाई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे होने वाली भाभी हैं मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हारी इतनी आगे बात बढ़ चुकी है और तुम मुझे अब बता रहे हो। रोहित मुझे कहने लगा कि नताशा और मैंने सगाई भी कर ली है मैंने रोहित से कहा लेकिन तुमने तो घर में किसी को भी नहीं बताया। रोहित कहने लगा यार यदि मैं घर में यह सब बताऊंगा तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह सब बताना ठीक नहीं समझा।

मैंने रोहित से कहा लेकिन तुम्हें उन्हें बता देना चाहिए रोहित कहने लगा उन्हे मैं कुछ समय बाद बता दूंगा। रोहित पूरी तरीके से बदल चुका है वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया है जो कि पहले बातें सीधा ही किया करता था। रोहित अब बातों को बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया करता है।

रोहिता पूरी तरीके से बदल चुका था और वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया था मैं उसके साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था। मैंने रोहित से कहा रोहित मैं घर जा रहा हूं तो वह कहने लगा कि चलो मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करता हूं। मैंने रोहित से कहा ठीक है, मैं जब घर आया है तो मैं सोचने लगा कि रोहित कितना बदल चुका है क्योंकि वह तो बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा और उसके बदलने का कारण सिर्फ यही था कि वह अमेरिका चला गया था। वह अपने पापा के साथ रहना ही नहीं चाहता था यही कारण था कि उसके पापा और उसके बीच में अब दूरियां पैदा होने लगी थी। रोहित अपनी जिंदगी अच्छे से जी रहा था वह अपने जीवन को पूरा एंजॉय करना चाहता था। जब में रोहित के घर दोबारा से गया तो उसके घर में 22, 23 वर्ष की उसकी नौकरानी थी।

मैंने रोहित से पूछा नौकरनी कब रखी तो वह कहने लगा पापा ने ही रखी है मुझे तो इसके बारे में ज्यादा नहीं मालूम और ना ही मैं उनसे इस बारे में बात करता हूं। उसकी नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं। मैंने उसे कहा आओ ना मेरे पास बैठो मैंने उसे अपने पास बैठा दिया वह शर्मा रही थी रोहित मुझे कहने लगा मैं कुछ देर बाद आता हूं।

रोहित भी चला गया था मैं अकेला ही था इसलिए मैं उसे चोदना चाहता था मैंने उसे कुछ पैसे दिए और वह भी पैसों के लालच में आ गई। मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा वह मेरे लंड को अच्छे से मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। जब मैंने उसके बदन से कपडे उतारे तो उसकी जालीदार पैंटी और उसका सावला रंग मेरे सामने था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला लेकिन उंगली जा ही नहीं रही थी।

मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत मैं अपने लंड को ही घुसाना पड़ेगा। उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और कहने लगी साहब अगर कोई आ गया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम बिस्तर में लेट जाओ वह बिस्तर में लेट गई। जब वह लेटी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मैं उसकी गांड मारना चाहता था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों के बीचो-बीच अपने लंड को लगाया और अपने लंड को उसके स्तनों पर रगडने लगा लेकिन जब उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उसे अच्छा लग रहा था। वह लंड को ऐसे ही चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत मे लंड घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक घुस चुका था। मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही उसके मुंह से चीख निकल और उसकी चीख के साथ मैंने उसक चूतडो को खोल कर रख दिया। उसके दोनों पैरों को मैंने चौड़ा कर लिया था मैंने उसे तेज धक्के देने शुरू कर दिए वह पूरी तरीके से चिल्लाने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी कि मुझसे नहीं रहा जा रहा मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम्हें अब अच्छा लगने लगेगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए और मैंने इतनी तेज गति से उसे धक्के मारे। वह मुझे कहने लगी मालिक मुझे छोड़ दो लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था और उसे छोड़ने का तो कोई सवाल ही नहीं था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें और पैसे दूंगा तुम मुझसे अपनी गांड मरवा लो पैसे के लालच में वह आ गई और मुझसे भी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसके अंदर प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड मे जाने को बेताब था जैसे ही मेरा लंड अंदर की तरफ घुसा तो उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी। वह कहने लगी मुझसे नहीं रहा जाएगा वह अपनी चूतडो को पकडकर मेरी तरफ करने लगी। मैं उसकी चूतड़ों के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और 5 मिनट के बाद जब मेरे वीर्य की बूंदों से मैंने उसकी गांड के छेद को भर दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मजा आ गया। मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हें अब मजा आ गया लेकिन तुमने मुझे बहुत अच्छा मजा दिया।

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सेक्सी भाभी के साथ सेक्स का गर्म मजा https://sexstories.one/antarvasna-aunty-ki-sex-stories/ Tue, 16 Nov 2021 11:32:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3315 अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था तो मैंने अपना लंड झटके से उसकी कसी हुई चूत में घुसा दिया। तो उसने धीरे से कहा कि हाईईईई रे फाड़ डाला, आअ। अब मेरा 3 इंच लंड उसकी चूत में अंदर घुस गया था। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकालकर एक ज़ोर का धक्का मारा...

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Aunty Sex Stories – किसी हिन्दी सेक्स स्टोरी साइट पर ये मेरी पहली कहानी है. जो मैं एक भाभी की चुदाई स्टोरी के रूप में आपके साथ साझा करने जा रहा हूँ.अगर मुझसे लिखने में कोई चूक हो जाए, तो बुरा मत मानिएगा … बस नजरअंदाज करते हुए इस सेक्स कहानी का मजा लीजिएगा.

दोस्तों, मेरा नाम राहुल (बदला हुआ नाम) है, में अभी 26 साल का हूँ और अभी कॉलेज में हूँ। में औरंगाबाद (महाराष्ट्र) का रहने वाला हूँ। उन दिनों मैं अपने मोहल्ले में रहने वाली एक लड़के को ट्यूशन पढ़ाने जाता था. मैं जिधर पढ़ाने जाता था उस लड़की की मम्मी को मैं भाभी बोलता था. क्योंकि उनकी उम्र काफ़ी कम थी, यही कोई 32 से 35 साल के बीच की होंगी., उनका नाम मालती (बदला हुआ नाम) है, वो बहुत ही मस्त औरत है, क्या फिगर है उसका? वो ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत मस्त माल है। मेरा मन तो करता है कि उसे देखता ही रहूँ, क्या गजब का बदन है उसका? में जब भी उसको देखता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है और बस मेरा मन करता है कि उस साली को चोद दूँ। अब बस दिन रात में यही सपने देखता रहता था।

फिर में रोज दोपहर को 2 बजे उसको पढ़ाने जाने लगा। अब मेरी मालती से काफ़ी बात होने लगी थी। अब जब भी में उसके बेटे को पढ़ाता, तो वो मेरे पास ही रहती थी। अब मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया था तो मुझे लगा कि वो अब काफ़ी सेक्सी कपड़े पहनती है। अब जब कभी वो साड़ी पहनती है तो उसका ब्लाउज काफ़ी कसा हुआ होता था, जिसकी वजह से उसकी 40 साईज की चूचीयाँ तनी हुई रहती थी और उसकी साड़ी भी उसके चूतड़ों पर भी काफ़ी कसी हुई रहती थी, उसकी चूचीयाँ बहुत बड़ी-बड़ी थी जिसे देखकर ही मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो जाता था और वो जब कभी भी सलवार पहनती थी, तो वो भी बहुत कसी हुई होती थी और ऊपर से बड़े गले वाला जिसकी वजह से उसकी चूचीयाँ बहुत ही सेक्सी लगती थी और उसकी गांड भी एकदम कसी हुई रहती थी। उसकी गांड का साईज भी 44 था और कमर 34, वो पूरी की पूरी जबरदस्त माल थी, आस पास के काफ़ी लोग उसके चक्कर में थे।

फिर एक दिन जब में उसके लड़के को पढ़ा रहा था, तो वो मेरे सामने वाले सोफे पर बैठी थी। उस दिन उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और बहुत ही कसा हुआ ब्लाउज पहना था, ऐसा लगता था कि वो उसकी चूचीयों की साईज़ से काफ़ी छोटा था, तो तब भी उसने पहन रखा था, वो बड़ी ही मस्त लग रही थी। अब में थोड़ी-थोड़ी देर में उसको देख लेता था, तो कभी कभी उससे नजर भी मिल जाती थी। वो कोई किताब पढ़ रही थी तो तभी वो किताब गिर गयी, तो वो उसको उठाने की लिए झुकी, हाए क्या गजब का नज़ारा था? एकदम कसी हुई दो बहुत ही मोटी-मोटी चूचीयाँ अब मेरे सामने थी। उसने ब्लाउज बहुत ही लो-कट का पहना था, तो मुझे उसकी काफ़ी चूचीयाँ दिख गयी थी। फिर वो किताब लेकर पढ़ने लगी, लेकिन उसने अपनी साड़ी का पल्लू ऊपर नहीं किया था।

अब उसकी कसी हुई मोटी-मोटी चूचीयाँ उसके ब्लाउज में कसी हुई साफ-साफ दिख रही थी। फिर वो ऐसे ही काफ़ी देर तक पढ़ती रही और मेरे लंड का बुरा हाल होता रहा और फिर वो बाद में उठकर चली गयी। फिर एक दिन जब में उसके घर गया तो पता चला कि उसका लड़का अपने फ्रेंड के यहाँ गया है, तो मैंने कहा कि ठीक है तो में चलता हूँ। तो वो बोली कि चले जाना थोड़ी देर रूको, तो में रुक गया। फिर मैंने उसको गौर से देखा, तो उसने आज नाइटी पहनी हुई थी, वो भी काफ़ी सेक्सी। अब उसके अंदर का सब कुछ साफ-साफ दिख रहा था, उसने अंदर काली ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी। अब उसकी पेंटी तो उसके चूतड़ों में एकदम फंसी हुई थी। अब मेरा लंड पूरी तरह से तन गया था, जो मेरी पैंट के ऊपर से साफ- साफ दिख रहा था। अब वो भी मेरे लंड को ही काफ़ी ध्यान से देख रही थी। फिर उसने मुझसे पूछा कि तुम कुछ लोगे? तो मैंने कहा कि कोल्ड ड्रिंक, तो वो कोल्डड्रिंक लाने के लिए चल दी। अब में उसके चूतड़ों को देख रहा था, वो इधर उधर मटक रहे थे, वो गजब की सेक्सी लग रही थी।

फिर वो कोल्डड्रिंक लेकर आई और मुझे दी। फिर वो कोल्डड्रिंक देने के लिए जैसे ही झुकी, तो मुझे उसकी चूचीयाँ की दरार दिखाई देने लगी। अब में उसको ही देखने लगा था और ड्रिंक लेना ही भूल गया था। फिर वो भी कुछ नहीं बोली, अब उसको पता चल गया था कि में उसकी चूचीयों को देख रहा हूँ। फिर मुझे याद आया कि मुझे ड्रिंक लेना है तो मैंने जल्दी से ले लिया। फिर वो बोली कि इतनी भी क्या जल्दी है? आराम से देख लो, फिर ले लेना। तो में उसकी बात सुनकर हैरान रह गया। अब में समझ गया था कि वो भी तैयार है। फिर मैंने कहा कि नहीं अब में ड्रिंक पीकर, फिर इन्हें अच्छे से नंगी करके देखूँगा। तो वो बोली कि इसमें कौन सी बड़ी बात है? में ही तुझको अपनी चूचीयाँ दिखा देती हूँ और फिर वो अपनी नाइटी उतारने लगी, तो मैंने कहा कि अभी नहीं मेरी जान, तुझको में अपने हाथों से नंगा करूँगा। तो वो बोली कि हाँ ये भी ठीक है, मुझको नंगा करते समय तुम अच्छे से मेरी जवानी के मज़े ले लेना और फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और में उसके बदन को छूने लगा, आज मेरी दिल की मुराद पूरी हो रही थी। उसका बदन वाकई में काफ़ी गजब का था, एकदम मुलायम और चिकना।

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अब मुझे उसको सहलाने में बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसकी नाइटी को ऊपर सरकाना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी नाइटी उतार दी। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में ही रह गयी थी, हाए क्या गजब का माल लग रही थी? फिर मैंने उसके होंठ चूमने शुरू किए और उसकी चूचीयों को भी दबाने लगा। अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी। फिर उसने मेरी शर्ट और पैंट उतार दी, अब में सिर्फ़ अंडरवेयर में था। फिर वो मेरे खड़े हुए लंड को देखने लगी, जो मेरी अंडरवेयर से बाहर आ गया था, मेरा लंड बहुत ज़्यादा मोटा और लंबा नहीं है सिर्फ़ 7 इंच लंबा है, लेकिन एक बात उस दिन मालती की चुदाई करने के बाद मुझे पता चला कि में काफ़ी देर तक चुदाई कर सकता हूँ। ख़ैर फिर उसने धीरे से मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसको चूसने लगी।

अब मुझे भी मज़ा आने लगा था तो मैंने भी धीरे से उसकी पेंटी उतार दी और फिर उसकी ब्रा भी उतार दी। अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, वो बहुत ही गजब की लग रही थी। फिर मैंने भी उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। अब वो काफ़ी उत्तेजित हो रही थी और मेरा लंड भी तना जा रहा था। फिर में उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उसकी चूत से सटा दिया और कस-कसकर उसकी चूचीयों को रगड़ने लगा। अब वो सिसकारियाँ ले रही थी सीईईईईई मेरे राजा, अब जल्दी से पेल डालो मुझको, अब मत सताओ, चोद दो मेरी इस चूत को, साली बहुत तरसी है तुम्हारे लंड के लिए, अब फाड़ दो इसको।

अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था तो मैंने अपना लंड झटके से उसकी कसी हुई चूत में घुसा दिया। तो उसने धीरे से कहा कि हाईईईई रे फाड़ डाला, आअ। अब मेरा 3 इंच लंड उसकी चूत में अंदर घुस गया था। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकालकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया। तो वो और जोर से बोली कि हाईईईईईईईई रे माँआआअ, मार डाला, आाआअ रे, फाड़ दी हाईईईईईई, मेरी हाइईई चूत, अब में कस-कसकर धक्के लगाने लगा था। अब वो भी मस्त हो गयी थी और पता नहीं क्या-क्या बोल रही थी? हाईईईईईईई रे, हाईई मारा डाला जालिम, बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा और कसकर पेल डालो, हाँ ऐसे ही चोदो, हाईईईईई, सीईईईईईई, उईईई मज़ा आआआअ रहा है, हाईईइ और कसकर फाड़ डालो मेरी चूत को।

अब में भी जोश में आ गया था और ये सुनकर मेरे अंदर और भी जोश चढ़ गया था तो तभी में बोला कि चुदती रह मादरचोद, फाड़ डालूँगा तेरी चूत समझी। अब वो और भी मस्त में आ गयी थी हाईईई, सीईईईईईईई और पेलो राजा, आआआहह मज़ा आ गया रे और कसकर चोदो मुझको, फाड़ डालो मेरी चूत को, उईईईईई, सस्स्सईईईई, उईईईईइ माँ, आआआ में मरी, हाईईईईईई। अब मुझको उसे चोदते हुए 15 मिनट हो गये थे, वो अब तक कई बार झड़ चुकी थी। फिर तभी मेरा ध्यान उसकी गांड पर गया तो मैंने उसका छेद छूकर देखा तो मुझे बड़ा कसा हुआ लगा।

फिर तभी उसने पूछा कि क्या इरादा है? अब गांड भी मारेगा क्या मेरी? तो मैंने कहा कि हाँ बिना चोदे तो नहीं छोड़ूँगा तुझको और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसे कुत्तिया की तरह खड़ा कर दिया। अब मुझे उसकी गांड का गुलाबी छेद साफ-साफ दिख रहा था। अब मेरा लंड उसकी चूत के पानी से पहले से ही गीला था तो मैंने उसकी गांड से अपना लंड सटा दिया और हल्के से एक धक्का लगा दिया तो मेरा लंड 2 इंच उसकी गांड में घुस गया। फिर तभी वो चिल्ला उठी ही हाईईईई में मररररर गयी, हाईईईई रे, हाईई बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और फिर से एक धक्का लगा दिया और बार-बार लगाने लगा, तो 10 मिनट के बाद वो थोड़ी नॉर्मल हो गयी।

अब उसको भी मज़ा आ रहा था, अब वो सिसकने लगी थी हाईईईईई रे, हाईई, इसमें तो चूत से भी ज़्यादा मज़ा आता है. बहुत मजाआाआअ आ रहा है, सीईईईई हाईईई, चोदो, सीईईईईईईई और कसकर, हाईईईई, उईईईईईईईईईईईई माँ, आआआआआअ, मजा आ गया रे और अब में उसको चोदता ही जा रहा था। फिर मैंने करीब 20 मिनट तक उसे चोदा। अब मेरा झड़ने वाला था तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, साली क्या मस्त गांड है तेरी? अब तो तू मेरी ही गयी है, अब रोज तेरी कसकर चुदाई किया करूँगा, साली, रंडी तू बहुत मस्त औरत है, हाए मज़ा आ गया हाईईईईईईई, हाईई, मेरा निकलने वाला है, हाए रे और फिर मेरा पानी उसकी गांड में ही निकल गया।

फिर हम काफ़ी देर तक चिपककर लेटे रहे और फिर थोड़ी देर के बाद में उठा और अपने कपड़े पहन लिए। फिर वो बोली कि राहुल अब तो मेरी रोज चुदाई करनी पड़ेगी। तो मैंने कहा कि ठीक है करूँगा मेरी रानी। फिर उसके बाद मैंने उसे खूब जमकर चोदा और हमने खूब इन्जॉय किया ।

आपको मेरी हॉट भाभी सेक्स कहानी पसंद आई होगी. मेल करना न भूलिएगा. मुझको आप सभी पाठकों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. फिर मिलते हैं. [email protected]

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लौड़े में दम नहीं फिर भी हम किसी से कम नहीं https://sexstories.one/laude-me-dum-nahi-hum-kisise-kum-nahi/ Tue, 19 Oct 2021 09:59:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3062 उन्होंने भी कई बार मुझे उस तरीके की नजर से देखा था। मैं उनके ख्यालात भाप चुकी थी। इसलिए मैं भी इशारे करने लगी थी। एक दिन वह समय आ ही गया जब उन्होंने मुझे मेरे बिस्तर पर लेटा कर मेरे चूचो को दबाने लगे। वह बोलने लगे मैं तो कब से इस मौके का इंतजार कर रहा था।....

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antarvasna, desi laude porn kahani बबीता के पिता पुलिस में कांस्टेबल थे। बबीता के पिता का देहांत जब हो 15 साल की थी तभी हो गया था। उसके परिवार में पांच बहने थी।बबीता एक सामान्य परिवार से होने के नाते कोई दुख और तकलीफ  का सामना  अपने जीवन में किया था। अब 42 साल की हूं। अभी मे हसीन और मस्त हू। इसलिए मैं एक नंबर वन की गस्ती बन गई। जो आज पूरे पंजाब में बबीता गस्ती के नाम से मसहूर हूं।मैंने कई लंडो की प्यास को बुझाया है। इसीलिए लोग आज मुझे इतना मानते हैं। मैं अपने बारे में आपको बताती हूं कि मैं एक कॉल गर्ल कैसे बनी। मैं बचपन से बहुत ही सीधी और शरीफ थी। मुझे तो चूत और लंड के बारे में कुछ भी पता नहीं था। मैं आपको बताती हूं। किस प्रकार से कुछ लोगों का हाथ मुझे बबीता गस्ती बनाने में है। मैं आपको बताती हूं।

मेरी मां काफी जुगाडू  किस्म की महिला हैं। उसका अहम योगदान रहा  मुझे  कॉल गर्ल बनाने में और मुझे कभी भी ऐसा करने से रोकती नहीं। मैं जब अपने रिश्तेदारी के यहाँ जाती थी। वहां पर मेरे रिश्तेदार मेरे साथ कई बार मेरी गांड पर हाथ फेर देते थे। पेहले मुझे इस बात का एहसास नहीं था। एक दो बार तो उन्होंने मुझे चॉकलेट खिलाने के बहाने अपना लंड भी चुसवा दिया। और मुझे बोलते थे यह वाली ओरिजिनल चॉकलेट है। मुझे भी बहुत मजा आता था। और मैं ज्यादा से ज्यादा ओरिजिनल वाली चॉकलेट खाना पसंद करती थी। मेरे चाचा ने भी कई बार मुझे ऐसे ही अपना लंड चुसवा दिया। यह मेरी शुरुआती दिनों की ट्रेनिंग थी। और हमारे घर पर जो भी आता मैं उन सबके लंड चुस्ती। मुझे बहुत आनंद आता ओरिजिनल चॉकलेट खाने में यह तो मेरे बचपन के दिनों की बात है।

मैं स्कूल में 12 वी क्लास में थी। और मेरी एक दोस्त थी।जो हमेशा मुझे अपने काम के लिए बोलती थी। एक अच्छी दोस्त की तरह मैंने कभी मना नहीं किया। मै हमेशा उसकी हेल्प करती थी। जब उसका कुछ काम होता नहीं था स्कूल का तो वह मुझे टीचरों के आगे खड़ा कर देती थी। और बोल देती इसकी वजह से मेरा काम नहीं हुआ। फिर वह टीचर मेरी स्कर्ट उठाकर मेरी गांड पर छड़ी से प्रहार करते। और वह टीचर मुझे अपने घर  बुलाते थे। और मुझे अपना लंड चुसवाते थे। कुछ मुझसे कहते थे। चलो अपनी स्कर्ट ऊपर करो और घोड़ी बन जाओ।

फिर वह मेरी चुत और गाड़ लेते थे। मेरे चलते मेरी सहेली को भी कभी भी कोई फेल नहीं करता था। बाद में मैंने भी एक बार अपनी सहेली की सहायता ली और उसे कहां मेरा काम कर दे। अपना काम करवाने के बहाने मैंने उसे अपने घर पर बुलवा लिया। और मेरे चाचा से उसकी बुंड फड़वा दी। क्योंकि उसने भी मेरा बहुत फायदा उठाया था। हमें भी समझ गई थी दुनिया को चाचा मैं मेरा काम इसलिए किया क्योंकि वह रोज मेरी गांड मारते थे। मैंने उनके सामने प्रस्ताव रखा आज मैं आपको नई सील बंद गांड दिलऊंगी।

तो आप मुझे क्या दोगे उन्होंने कहा जो मांगेगी वह दे दूंगा। उन्होंने मुझे एक सोने की अंगूठी थी और कुछ पैसे भी तब से मुझे इसकी प् प्रेरणा मिलने लगी थी। ऐसे मैं पैसे कमाए जा सकते हैं। मेरे चाचा ने उस दिन मेरी सहेली की सरसों का तेल लगाकर ऐसे लिए उसके गांड के गूदे से खून निकलने लगा था। और उसकी चूत तो पूछो मत क्या हाल किया मेरे चाचा ने क्योंकि उनका काफी सख्त और कड़क था। मैं तो उनका रोज लेती थी। इसलिए मुझे एहसास था कि मेरी सहेली पर क्या बीत रहा होगा। मेरी सहेली मुझे कहने लगी तूने मेरे साथ गलत किया। मैंने उसको कहा कोई बात नहीं यह कुछ गलत नहीं है मैंने भी तेरे लिए बहुत कुछ किया है। फिर मैंने उसको कुछ पैसे दिया और कहा दवाई ले लेना क्योंकि तेरी गांड से 1 महीने तक बैठा नहीं जाएगा।

पैसे देखकर उसका भी मन ललचा गया। तब से हम दोनों यही काम करने लगे। लेकिन अभी भी कुछ कसर बची थी। मार्केट में हमारा नाम था नहीं और हमारी उम्र भी कम थी तो हम घर से बाहर भी नहीं जा सकते थे। मेरी सहेली भी आज दिल्ली में नंबर एक की जुगाड़ है। उसने भी आज दिल्ली के  लोड़ो को ले लिया है। वह भी बहुत पैसे कमाती है।

जब मेरी जॉब लगी।वह शुक्ला जी थे।जो मुझसे अपनी काम में मदद लेते थे। शुक्ला जी ने मुझे पहचान लिया। कि मैं एक नंबर की जुगाड़ हूं। तो उन्होंने मुझे पैसे दिए और अपनी कैबिन में बुलाया। और कई बार मेरी गांड और योनि का आनंद लिया। तब तक मैं भी पूरी खाई खेली बन चुकी थी। अब मैं कोई कच्ची कली नहीं थी अब मैं बड़े बूढ़ों को लेने लगी थी। मुझे भी बहुत मजा आता था। मुझे पैसे भी मिल जाते थे और मुझे भी हो जाते थे। देखते ही देखते मेरी चर्चाए और ऑफिस में भी होने लगी। हां मैं सब जगह बुकिंग पर जाने लगी। मेरी डिमांड बढ़ने लगी थी। मुझे शुक्ला जी ने फेमस कर दिया था अपने दोस्तों के बीच में सब एक से बढ़कर एक अय्याश और बड़े-बड़े लंड वाले थे। 9 इंच से कम तो किसी का भी नहीं था। मुझे बुड्ढों के साथ बहुत मजा आता था।

उन्होंने ही मेरा नाम बबीता रांड रखा था। सब के सब मेरी बहुत तारीफ करता है। बोलते हैं तेरे जैसा कोई नहीं देखा। और मैं भी उनकी तारीफों से अपने आप को खुशनसीब मानती हूं उन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। अब इसके बाद और बचा था। फिर मेरा मन भरने लगा था। फिर मेरे घर वालों ने मेरे लिए लड़का देखना है शुरू किया। क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत हो चुका था। मुझे भी मेरे पिता के मरने का अफसोस हुआ। उसी के कुछ समय बाद मेरे चाचा जी भी मर गए। जो कि मुझे पैसे दिया करते थे। अपनी बुड़ फडवाने के लिए इसलिए मेरे पास अब कोई चारा नहीं बचा था।

फिर मैंने शादी का फैसला कर ही लिया। मेरी शादी रवि नाम के एक लड़के से हो गई। घर वालों ने  अपने हिसाब से मेरे लिए लड़का देखा था। वह बहुत ही शरीफ था। वह किसी सरकारी नौकरी पर था। वह एक चिकना लौंडा था। हमारी शादी की पहली रात उसको कुछ पता ही नहीं था क्या करना है। उस कुत्ते को मैंने ही सब कुछ सिखाया। लेकिन उसमें कुछ दम नहीं था। क्योंकि मुझे सख्त और कड़क लंड लेने की आदत थी। इस वजह से मुझे कुछ मजा नहीं आ रहा था। लेकिन मेरे ससुर जी एक रौबदार और कड़क तरीके व्यक्ति थे।

उन्होंने भी कई बार मुझे उस तरीके की नजर से देखा था। मैं उनके ख्यालात भाप चुकी थी। इसलिए मैं भी इशारे करने लगी थी। एक दिन वह समय आ ही गया जब उन्होंने मुझे मेरे बिस्तर पर लेटा कर मेरे चूचो को दबाने लगे। वह बोलने लगे मैं तो कब से इस मौके का इंतजार कर रहा था। मैं भी बोल दिया ससुर जी आपने मेरे दिल की बात छीन ली। उसके बाद तो उन्होंने मुझे नंगा करना शुरू कर दिया और बोलने लगी बहू मैंने तो अपनी प्यास बुझाने के लिए तुमसे अपने लड़के की शादी करवाई। मे दिल ही दिल खुश हो उठी। और अपने ससुर से बोली आपने अपने बेटे को क्या खाकर पैदा किया है। साला पूरा का पूरा फुस पटाखा है।

फिर तो जैसे मैं मेरे ससुर का बीपी हाई हो गया। बोलने लगे बताता हूं क्या खाकर पैदा किया था। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को चोड़ा किया। फिर अपना 9 इंच का सरिया मेरे चूत मैं बड़ी तेजी से उतार दिया। जैसे ही वह मेरी योनि में उत्तरा वैसे ही मेरे बदन में हलचल पैदा हो गई। उसके बाद तुम्हें भी तड़पने लगी। तड़प तड़प कर मैंने अपने ससुर का गला दबा दिया। उन्होंने कहा मादरचोद मुझे मारेगी क्या मैंने कहा हां इतने दिनों से तुमने ऐसा क्यों नहीं किया। मेरा तो मन ही नहीं हो रहा था। फिर मेरे से सुनना है लंबी गहरी सांस लेते हुए कहा।

रंडी तू देखती है ना सब लोग घर में अपनी मां  बहन करवाते रहते हैं। बातों बातों में मेरे ससुर ने ऐसा झटका मारना शुरू किया मानो ऐसा लगा जैसे मेरी चूत मेरे गले में आ गई हो। उसके बाद मेरे ससुर का झडने को हुआ। उन्होंने अंदर ही गिरा दिया। और आज जो मेरी बेटी है वह मेरे ससुर की पैदाइश है। क्योंकि मेरा पति कुछ काम का था नहीं मेरे ससुर को भी यह काम करना पड़ा। खुश मैं बहुत मेरे ससुर चल बसे। मुझे यह सब अच्छा नहीं लगा और मैं दोबारा से जुगाड़ बनने के लिए निकल पड़ी।

और देखते ही देखते पता नहीं कब मैं बबीता गस्ती बन चुकी थी।

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दोपहर में मिली एक रंडी https://sexstories.one/dopehar-mein-mili-randi-xxx/ Mon, 18 Oct 2021 06:17:14 +0000 https://sexstories.one/?p=4559 मेरा लंड इतना कड़क हो गया था की मेरा अंडरवेर फटने को हो गया था. उसने अंडरवेर के अंदर ही पकड़ा और हिलाया, और फिर थोड़ी देर बाद मेंरी अंडरवेर उतार दी. मेने शवर को चालू किया और उसे किस करने लगा, मुझे बदबू नही आ रही थी अब मुझे कोलगेट की मिंटी खुशबु आ रही थी...

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Chudas randi ki chodayi ki kahani में 23 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं और दिल्ली में रहता हूं गुडगाँव में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कम्पनी में जॉब करता हूं l पहले में अपने बारे में कुछ बताना चाहता हूं. इस घटना को अभी 2-3 सप्ताह ही हुए होंगे l में ऑफिस से दोपहर 12, 1 बजे मेरे घर आ रहा था मेरा घर ब्लू लाइन मेंट्रो स्टेशन के पास ही है यह एक सुनसान जेसा है जहा कोई आता जाता नही है स्टेशन के आगे एक रोड है जो अब बंद है…उसके साइड से एक नयी रोड है अब जो चलती है…परन्तु में पुरानी रोड को उपयोग में लेता हूं क्योंकी बहुत कम भीड़ होती है तो दिन के समय में बाइक पे घर आ रहा था l

तो अचानक मेने देखा 3-4 आंटियां एक एक कर के हाथ दिखा के जेसे लिफ्ट मांगते है l मेने सोचा देखे तो सही क्या बोल रही है में उनके पास रुक गया और बोला क्या हुआ, तब मेने सोचा ये आंटीयां नही है इनमें तो एक ही आंटी है और दो लड़कियां तो मेंरी उम्र की ही थी, उनमें से एक ने सुपर टाइट टॉप पहने हुआ था, कुछ ज्यादा ही लिपस्टिक लगा रखा था और दो ने सूट पहना हुआ था, जिसमें से टॉप पार्ट मतलब बोब्स दिख रहे थे और आंटी साधारण कपडे पहने हुए थे.

आंटी: करेगा क्या?.

में: क्या बोल रहे हो आंटी?

आंटी: अरे करेगा क्या?

में: क्या करना है?

आंटी: ज्यादा भोला मत बन तुझे पता है क्या बोल रही हू…

मेरे तो कुछ समझ में नही आया क्या बोलू मेने पहले घबरा के कह दिया की…

में: ”क्यों टाइम वेस्ट कर रही हो मेरा मुझे कुछ भी नही करना…” और में बाई और से मेरे घर आ गया (जो मेरा दोस्त था शरद वो ऑफिस में ही था) मेने सोचा की एक लड़की को यहा ले आता हू मज़े आएँगे…मेने एक पैकिट कोंडम का खरीदा और में वापिस उसी जगह 5 मिनट्स में पहुंच गया और वही रुक गया.

में: आंटी रेट क्या है l

Mast chodayi बहन का देवर – पार्ट ३

आंटी: अब आया ना लाइन पे 500 किसी का भी.

में: 500 तो ज्यादा है.

आंटी: ऐसी चूत कही नही मिलेगी 500 में.

में: आंटी देख लो कुछ कम कर दो.

आंटी: चल साले बनिए तू 400 दे देना.

में: (उस टाइट टॉप वाली को बुलाया ओर उसके बूब टच करके कहने लगा), चल तू आ जा l

आंटी: ठीक है, यही करेगा या कही ओर

में: मेरा घर है यही पास में…

आंटी: लेजा पर आधे पैसे दे दे अभी l

मेने 200 आंटी को दिए ओर उसे बाइक पे बीटा के ले गया… मेने गेट खोला ओर अपने बेडरूम में ले गया, उसे पानी दिया तो वो बोली “जल्दी जल्दी कर टाइम नही है”, मेने उसे बताया ये मेरा पहला टाइम है आराम से करना तो वो हंस के कहने लगी चलो आज मज़ा आएगा. उसने कहा यहाँ आ मेरे कपडे खोल, मेने उसका टॉप उतारा उसके बूब्स क्या दिख रहे थे में क्या बताऊ, उसकी ब्रा गुलाबी कलर कि थी मेने कहा ऐसे बोबे तो मेने आज तक नही देखे, वो कह रही थी “तूने फिर देखा ही क्या है आगे आगे देखते जाओ”.

और वो मेरे पास आई और उसका हाथ मेरे लंड पर गया, तो वो बोली अरे ये तो अभी से खड़ा हो गया. में हंस के उसके मुह के पास आके उसको किस करने लगा परन्तु उसके मुह से बदबू आ रही थी तो मेने कहा की घोड़े का मुह में लिया है क्या केसी बदबू आ रही है उसने कहा अरे यार ब्रश करने का टाइम ही नही मिला आज.

में उसको अपने बाथरूम में ले गया और उसे अपने रूम मेंट का ब्रश दिया और कहा ब्रश करले ऐसे मुझसे नही होगा. वो हंस ने लगी और उसके दांतों को साफ करने लगी. मेने उससे कहा कपड़े खोल दोनो नहा लेते हैं, उसने कहा 1 घंटा है तेरे पास, मेने कहा बहुत है, मेने उसकी ब्रा उतारी और उसने उसकी जीन्स (एक लड़की की जीन्स को उतारना मेरे लिए हमेंशा की समस्या थी), मेने उसकी पेंटी देखी, उसपे हाथ लगाया वहां थोड़े थोड़े बाल थे परन्तु इतने ज्यादा भी नही थे. मेने उसकी पेंटी उतारी और मेने देखा क्या चूत थी मेरा लोडा आज भी सलाम करता है याद कर-कर के अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी उसने हंस ते हुए मेंरी शर्ट और जीन्स उतार दी,

Randi ki chodayi दम लगा के चोद भोसड़ी के

मेरा लंड इतना कड़क हो गया था की मेरा अंडरवेर फटने को हो गया था. उसने अंडरवेर के अंदर ही पकड़ा और हिलाया, और फिर थोड़ी देर बाद मेंरी अंडरवेर उतार दी. मेने शवर को चालू किया और उसे किस करने लगा, मुझे बदबू नही आ रही थी अब मुझे कोलगेट की मिंटी खुशबु आ रही थी, मेने उसके बूब्स को भी दबाया मजा आ गया एसा लग रहा था जेसे कोई गुब्बारा हो, बस दबाते जाओ, उसके निप्पेल्स तो थोड़े काले थे पॉर्न में तो पिंक पिंक होते ही है परन्तु फिर भी टाइट हो गये थे, उसने मेरा लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया, मेने उसे चाटना स्टार्ट कर दिया,

पहले उसकी गर्दन फिर एक बूब फिर उसकी निपल चाटने लगा. उसकी निपल मेने थोड़ी सी काटी, उसके मुह से निकला आउच!!… खाएगा क्या और हंस ने लगी, थोड़ी देर बाद में नीचे उसकी चूत पर आया l क्या बताऊ दोस्तों जिंदगी में पहली बार चूत चाटी है में केसे बताऊ कितना मजा आया मेरा लंड तो पागल ही हो गया, फिर मेने शावर बंद किया और उसको उठाकर बेड पर ले गया और डौगी स्टाइल में उसकी चूत चाटने लगा. फिर वो सेक्सी आवाज निकालने लगी अववव…ह्म….आह्ह …उम्म्म्मम…. . और मेने बोला ये नकली आवाज मत निकाल, कोई जरुरत नही है,

तो वो बोली साले ये नकली आवाज नही है कभी किसी की चूत नही चाटी ? आवाजे खुद ही निकलने लगती है पांच मिनट चूत चाटने के बाद मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और हम 69 की अवस्था में आ गये l अब वो मेरा लंड चाट रही थी और में उसकी चूत को, जब उसने मेरा लंड मुह में लिया तो कितनी ख़ुशी हुई उसका गरम गरम मुह हाय रे लंड मजा आ गया l फिर मेने कहा करें ? उसने कहा तेरी मर्जी. मेने अपनी जींस की जेब से कॉन्डोम निकाला और उसे दे दिया उसने मेरे लंड पर उसे पहना दिया l मेने उसे किस किया और उसे बेड पर लिटा दिया l

मेने उसको देखा और उसके ऊपर लेट गया l फिर मेने अपना लंड उसकी चूत में डाला तो बहुत मजा आया मेने अपने जीवन में जितनी भी बार मुठ मरी थी सब फैल था इसके सामने, मेने उससे कहा केसा लग रहा है, उसने कहा मस्त और मेने जोर के झटके देने चालू कर दिए, वो तो आवाजे निकालने लगी …उम्म्म…ओर ज़ोर से आआआअअ…बोहोत बाड़िया…उम्म्म…. मेने झटके और तेज कर दिए, फिर में लेट गया और उसको मेरे लंड पर बिठा दिया बहुत अच्छा वो भी मस्त करने लगी थी और मेने दोनों हाथों से उसके बोब्स को पकड़ लिया और उनको ऊपर नीचे – ऊपर नीचे करने लगा, तो उसने कहा ओर कितना करोगे, मेने कहा 23 साल की भड़ास निकालूँगा अभी और मेने उसे कुतिया स्टाइल में लिया और उसकी चूत मारने लगा l

दोस्तों कुतिया स्टाइल अच्छी पोजीशन है यह सेक्स को और भी सेक्सी बना देता है l फिर मेने उससे कहा की मेरा निकलने वाला है तो उसने कहा तो निकलना फिर मेने उसको सीधा किया और उसके ऊपर लेटके झड गया l मेने कहा केसा लगा, उसने कहा मस्त और हंसने लगी l अभी 10 मिनट बचे थे उसने मेरे कॉन्डोम को हटाया और लंड को साफ किया और बोली बढ़िया लंड है तेरा मेने उसको और उसके बूब्स को किस किया l मेने कहा एक फोटो ले लूँ तेरा नंगे बदन का तो उसने कहा ले ले 10 मिनट है अभी और मेने 5 – 6 फोटो ली और उसने अपनी ड्रेस पहन ली l फिर मेने उसको 300 रू दिया.

वो हंसने लगी और कहने लगी तो में जाऊ ? या और कुछ मेने कहा चलो में तुम्हे छोड़ आता हूं पास में ही तो है तू रुक. और में हंसने लगा और मेरे ऑफिस का टाइम भी हो गया था l उसको छोड़ के में ऑफिस के लिए निकल गया l तो दोस्तों केसी लगी मेंरी कहानी l

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ফাকা রুমে বন্ধুর গার্লফ্রেন্ডকে পেয়ে চোদার গল্প https://sexstories.one/phaka-rume-bandhura-garlaphren%e1%b8%8dake-pe%e1%ba%8fe-codara-galpa/ Sun, 17 Oct 2021 09:18:20 +0000 https://sexstories.one/?p=2966 বুক ঢিপ ঢিপ শুরু হয়ে গেল আমার, জমে রইলাম, একটুও নড়লাম না, মনিকাকে বুঝতে দিতে চাই না যে আমার ঘুম ভেঙেছে। মনিকা এমনভাবে আমাকে জড়িয়ে ধরে শুয়ে আছে তাতে এর বড় বড় নরম মাইগুলো আমার পিঠের সাথে সেঁটে আছে।

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Choti bangla golpo কলেজ হোস্টেলে সিট পাওয়াটা ছিল আমার জন্য দুধ-ভাত। bangla choti club কারন হোস্টেল সুপার ছিলেন সম্পর্কে আমার দূর সম্পর্কের দাদা। banglachati story শুধু সিট পাওয়াই নয় আরো অনেক সুযোগ সুবিধাই আমি সেখানে ভোগ করতাম। chotigolpo bangla new যেমন, অন্যান্য রুমে চারজন করে ছাত্র থাকলেও আমার রুমে থাকতাম দুইজন। bangla hot golpo

এছাড়া কলেজ লম্বা ছুটিতে হোস্টেলে কোন ছাত্র থাকার নিয়ম ছিল না কারন ক্যান্টিন বন্ধ থাকতো। কিন্তু আমি হোস্টেল ছাড়তাম না, রুমেই হিটার বসিয়ে নিজে রান্না করে খেতাম আর আমার কিছু বিশেষ বন্ধুর সাথে আড্ডা মারতাম, তাস-দাবা খেলতাম। আসলে এসবের প্রধান কারন ছিল, আমি একটা রাজনৈতিক দলের মোটামুটি উপর সারির কর্মী, ফলে আমার রুমটা দলীয় মিটিং বা অন্যান্য আলাপ-আলোচনার জন্য আদর্শ স্থান ছিল। Choti bangla golpo

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আমার সেইসব বিশেষ বন্ধুদের মধ্যে রায়হান ছিল অন্যতম। ও আমার এতোটাই ঘনিষ্ঠ বন্ধু ছিল যে ও প্রায়ই আমার সাথে আমার বিছানায় ঘুমাতো। একবার রোজার জন্য কলেজ প্রায় ৪০ দিনের জন্য বন্ধ হয়ে গেল এবং যথারিতী সব ছাত্ররা হোস্টেল ছেড়ে চলে গেল, একমাত্র আমি ছাড়া। একদিন রায়হান এসে আমাকে বললো যে ওর দুই রাতের জন্য একটা রুম লাগবে, আমি যেন ওকে আমার রুমটা দুই রাতের জন্য ছেড়ে দেই। Choti bangla golpo

কারন জিজ্ঞেস করাতে ও অকপটে সত্যি কথাটাই বললো যে ওর এক গার্লফ্রেন্ড (ওর গার্লফ্রেন্ডের অভাব ছিল না) আসবে সিলেট থেকে। মেয়েটা দুই রাত থাকবে, সুতরাং আমার রুমটা পেলে ও নিশ্চিন্তে মেয়েটাকে দুই রাত ধরে চুদতে পারবে। কি আর করা, আমি রাজি হয়ে গেলাম। এতো সহজে রাজি হওয়ার পিছনে অবশ্য একটা কারন ছিল। প্রথমতঃ সুদুর সিলেট থেকে একটা মেয়ে রায়হানকে চুদা দিতে আসছে, তাকে দেখার লোভ সামলাতে পারলাম না।

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দ্বিতীয়ত আমি তালা খোলার কৌশল জানি, যে কোন একটা রুম সহজেই তালা খুলে আমি সেখানে ঘুমাতে পারবো, আমার কোনই কষ্ট করতে হবে না। সেদিনই রাত প্রায় নয়টার দিকে রায়হান এলো একটা সুন্দরী মেয়েকে সাথে নিয়ে। এতো সুন্দর একটা মেয়েকে রায়হানের মত একটা ছেলে কি করে পটালো ভেবে অবাক হলাম। ৫ ফুট ৫ ইঞ্চি, ৩৪-২৬-৩৮ ফিগারের মেয়েটা দেখতে খুবই সুন্দর। Choti bangla golpo

আমি মেয়েটার দিকে অপলক তাকিয়ে আছি দেখে মেয়েটাই আমাকে হ্যালো বলে হাসলো। দারুন স্মার্ট মেয়ে। রায়হান মেয়েটার সাথে আমার পরিচয় করিয়ে দিল, মেয়েটার নাম মনিকা। আমি ওদের সাথে কয়েক মিনিট গল্প করলাম, রায়হান ইশারায় আমাকে যেতে বললে আমি বিদায় নিলাম। আগেই আমি আরেকটা রুম খুলে রেখেছিলাম, তীব্র শীত হলেও একটা বিছানায় লেপ ছিল, মুড়ি দিয়ে ঘুমিয়ে গেলাম। Choti bangla golpo

যদিও আমার মাথার পোকাটা বারবার আমাকে খোঁচাচ্ছিল, “যা দরজায় কান পেতে শুনে আয় ওরা কি করছে”। আমি পোকাটাকে ধমক দিয়ে বললাম, “শোনার কি আছে? আমিতো জানিই ওরা চুদাচুদি করছে”, তারপর ঘুমিয়ে গেলাম। সকালে উঠে ওদের খবর নিতে গিয়ে দেখি রুম ফাঁকা, কেউ নেই। সম্ভবত ওরা ভোরে উঠে চলে গেছে। পরদিন রাতে রায়হান মনিকাকে নিয়ে আবার এলো আর ভোরে চলে যাওয়ার কারনে ক্ষমা চাইলো। Choti bangla golpo

সেই রাতটাও ওরা আমার রুমেই কাটালো। রায়হান মজা করে সারা রাত ধরে মনিকাকে চুদছে অথচ আমি লেপের মধ্যে শুয়ে ধোন নেড়ে রাত পার করছি। অন্য কেউ হলে ধরে বসতাম, কিন্তু রায়হানের প্রেমিকা বলে কথা। সেদিনও সকালে উঠে ওদেরকে পেলাম না। পরে ২ দিন রায়হানের দেখা পাওয়া গেল না, ভাবলাম মনিকা হয়তো সিলেটে ফিরে গেছে আর রায়হান হয়তো মনিকার সাথে গেছে অথবা অন্য কোথাও গেছে।

যাকগে, আমি রায়হানের কথা ভুলে গেলাম, তবে মনিকাকে আমি ভুলতে পারলাম না। ৫ দিন পর, সন্ধ্যার পর আমি পড়তে বসেছি, এমন সময় কে যেন দরজায় বেশ জোরে জোরে ঘা দিতে লাগলো। বিরোধী পার্টির শত্রু ভেবে ভয়ে আমি প্রতিরক্ষার প্রস্ততি নিয়ে দরজা খুলতেই আমার একটা হার্টবিট মিস হয়ে গেল। Choti bangla golpo

আমার নিজের চোখকে বিশ্বাস করতে পারছিলাম না, চোখ কচলে ভাল করে তাকালাম। বাইরে ঘুটঘুটে অন্ধকার, রুমের আলোতে স্পষ্ট দেখা যাচ্ছে, আগন্তুক আর কেউ নয়, মনিকা। মনিকার হাতে একটা লাগেজ ব্যাগ, আমাকে ঠেলে ভিতরে ঢুকে দরজা বন্ধ করতে বললো ও। আমি অবাক হয়ে একবার ওর দিকে আরেকবার বাইরে তাকাতে লাগলাম। মনিকা বললো, “ওদিকে কি দেখছো, আর কেউ নেই, আমি একাই এসেছি, তাড়াতাড়ি দরজা লাগাও।

আমি কোন কিছু চিন্তা না করেই দরজা বন্ধ করে দিলাম। মনিকাকে বেশ বিধ্বস্ত আর বিষন্ন লাগছিল, মনে হচ্ছিল সারা দিন ওর পেটে দানাপানি পড়েনি। আমি প্রথমে মানসিক ধাক্কাটা সামলামাম তারপরে ওকে বসতে বললাম। যত দ্রুত সম্ভব রান্নার আয়োজন করলাম, মনিকাও সাহায্য করলো। রান্না শেষে ওকে ফ্রেস হয়ে আসতে বললাম। মনিকা ঘরের বাতি নিভিয়ে দিল, বললাম, “কি ব্যাপার মনিকা, বাতি নিভালে কেন?” মনিকা ধমক দিয়ে বলল, “গাধা কোথাকার, আলো জ্বেলে আমি বাইরে বেরোই আর দূর থেকে কেউ দেখে ফেলুক, তখন অবস্থাটা কি হবে ভেবে দেখেছো, দুজনকেই প্যাদাবে লোকজন”।

মনে মনে ওর বুদ্ধির প্রশংসা না করে পারলাম না। খেতে বসে গোগ্রাসে গিলল মনিকা, বলতে গেলে একটু বেশিই খেলো, বুঝলাম প্রচন্ড ক্ষিদে পেয়েছিল ওর। খাওয়ার পরে আমি *ওর কাছে জানতে চাইলাম সব কথা। প্রথমে ইতস্তত করলেও আমার চাপাচাপিতে পরে বলল যে, আমার রুমে দুই রাত কাটানোর পর রায়হান ওকে নিয়ে রায়হানের এক দূর সম্পর্কের মামার বাসায় রাখে। Choti bangla golpo

যদিও রায়হান বলেছিল পরদিনই ওকে নিয়ে যাবে কিন্তু পরপর ২ দিন চলে গেল রায়হান আসেওনি কোন খবরও দেয়নি। তাতে অবশ্য কোন সমস্যা হচ্ছিল না, বেশ খাচ্ছিল আর আরাম করছিল মনিকা কিন্তু কপাল খারাপ হলে যা হয়, রায়হানের সেই মামার শ্বশুড় হঠাৎ করে মারা গেছে রাতে। ভোরে খবর পেয়ে তারা বাড়িঘর তালা দিয়ে চলে গেছে। যাওয়ার সময় বলে গেছে, ওদের আসতে ৪/৫ দিন দেরি হবে, মনিকা যেন অন্য কোথাও গিয়ে থাকে। Choti bangla golpo

রায়হানের সাথে যোগাযোগের কোন পথ নেই মনিকার কাছে, রায়হানের বাসার ঠিকানা জানে কিন্তু সেখানে গেলে রায়হান ওকে খুন করে ফেলবে। তাছাড়া মনিকার কাছে কোন টাকা পয়সাও নেই যে সে সিলেট ফিরে যাবে। এই অবস্থায় সারাদিন এদিক ওদিক ঘুরে রায়হানের খবর নেওয়ার চেষ্টা করেছে, কিন্তু পায়নি। সারাদিন খাওয়াও হয়নি। শেষ পর্যন্ত হঠাৎ করেই ওর আমার কথা মনে পড়ায় সন্ধ্যার জন্য অপেক্ষা করেছে যাতে আমার কাছে ওর আসাটা কেউ না জানতে পারে। কাঁদছিল মনিকা।

আমি ওকে আশ্বস্ত করে বললাম, আচ্ছা ঠিক আছে, আমার কাছে যখন এসেছ অসুবিধা নেই, তোমার যে কয়দিন খুশি থাকো। রায়হান এলে আমার কাছে আসবেই। তবে দিনে তোমাকে অন্য রুমে লুকিয়ে থাকতে হবে, কারন আমার কাছে অনেক বন্ধু আসে, তাদের চোখে পড়া চলবে না। কিন্তু মনিকা আমাকে বললো যে ওর পক্ষে বেশি দিন এখানে থাকা সম্ভব না, আমি যদি ওকে সিলেটের ট্রেনের টাকাটা ধার দেই তাহলে ও সিলেট ফিরে যাবে আর টাকাটা পরে পাঠিয়ে দেবে, ও পরদিনই চলে যেতে চায়। Choti bangla golpo

আমি বললাম, “আচ্ছা সে দেখা যাবে, তুমি যেতে চাইলে যাবে, আর তুমি রায়হানের বন্ধু, টাকা ফেরৎ দিতে হবে না, আমি ওটা রায়হানের কাছ থেকে বুঝে নেবো”। মনিকা হাসলো আর আমাকে ধন্যবাদ জানালো। অনেক রাত হয়ে গিয়েছিল, ঘুমাতে যেতে হবে। আমি মনিকাকে বললাম, “তুমি এই রুমে আমার বিছানায় ঘুমাও, আমি অন্য একটা রুমে যাচ্ছি, সকালে দেখা হবে”। মনিকা বললো, “না না মনি, আমি একা একটা রুমে থাকতে পারবো না, ভয়েই মরে যাবো।

তুমি এই রুমেই ঘুমাও”। আমি একটু ইতস্তত করাতে ও বললো, “ধুর, এতো ভাবছো কেন? আমিই তো তোমাকে বলছি। দুটো বিছানা আছে, দুজন দুটোতে ঘুমাই, একটা মাত্র রাত”। অগত্য রাজি হলাম, ভয় ভয় করতে লাগলো, রায়হান যদি জানতে পারে আমি মনিকার সাথে একই রুমে রাত কাটিয়েছি ও শালা আমাকে প্যাদাবে। খেলাম না ছুঁলাম না তবুও প্যাদানি খেতে হবে মনে করে মনটা বিষিয়ে গেল মনিকার উপরে। Choti bangla golpo

শালা কোন পাপে যে হোস্টেলে থাকতে গেছিলাম! রুমে ডিমলাইট ছিল না, বাতি নেভানোর পর নিকষ অন্ধকার। আমি মনিকার চুড়ির শব্দ পাচ্ছিলাম। কখন ঘুমিয়ে গেছি বলতে পারবো না। গভীর রাতে হঠাৎ কি যেন একটা অস্বস্তিতে আমার ঘুম ভেঙে গেল। আমি একদিকে কাত হয়ে শুয়েছিলাম, প্রথমে পিঠের দিকে কি একটা চাপ অনুভব করলাম। তারপর বুঝতে পারলাম, আমার পিঠের দিকে একটা মানুষ আমাকে জড়িয়ে ধরে শুয়ে আছে এবং এই রুমে আমি ছাড়া আর একজনই আছে, সে মনিকা। Choti bangla golpo

বুক ঢিপ ঢিপ শুরু হয়ে গেল আমার, জমে রইলাম, একটুও নড়লাম না, মনিকাকে বুঝতে দিতে চাই না যে আমার ঘুম ভেঙেছে। মনিকা এমনভাবে আমাকে জড়িয়ে ধরে শুয়ে আছে তাতে এর বড় বড় নরম মাইগুলো আমার পিঠের সাথে সেঁটে আছে। পিঠে নরম মাইয়ের স্পর্শ অনুভব করতেই চড়চড় করে আমার ৮ ইঞ্চি লম্বা ধোনটা শক্ত হয়ে দাঁড়িয়ে গেল। আমার বুকের মধ্যে ধরফর করতে লাগলো। ঘুমের ঘোরে মানুষ যেভাবে নড়ে সেভাবে আমি একটু নড়লাম, মনিকা আমাকে আরো শক্ত করে জড়িয়ে ধরলো আর একটা পা আমার গায়ের উপরে তুলে দিল।

তাতে মনিকার মাইগুলো আরো বেশি করে আমার পিঠের সাথে লেপ্টে গেলো। আমি কিছুক্ষণ অপেক্ষা করলাম, তারপর আবার একটু নড়ে চিৎ হয়ে শুলাম। মনিকা একইভাবে আমাকে চেপে ধরে রাখলো, কেবল ওর পা-টা নেমে গেল। কাৎ হয়ে শোয়ার ফলে আমার হাত ওর মাইয়ের মধ্যে চেপে গেল। ওর মাইগুলোর চাপ থেকে বুঝতে পারলাম যে ওর কাপড়ের নিচে ব্রা পড়েনি। আমি আবার একটু নড়ে আমার হাতটা ওর নরম মাইয়ের মধ্যে আরো ডুবিয়ে দিলাম।

আমার নড়ার সাথে সাথে মনিকাও নড়ে উঠলো আর আবারও ওর পা আমার গায়ের উপরে তুলে দিল। আর তখনি ঘটনাটা ঘটলো। আমার ধোনটা শক্ত লোহার রডের মত খাড়া হয়ে ছিল, মনিকার হাঁটু গিয়ে সরাসরি সেটার সাতে ধাক্কা খেলো। আমি ঠিক বুঝতে পারছিলাম না যে, মনিকা কি আসলেই ঘুমাচ্ছে না আমার মতো ঘুমের ভান করে আছে। তবে ওর কাজকর্মে মনে হচ্ছিল যে ও ঘুমাচ্ছে না, আমার সাখে খেলছে। Choti bangla golpo Choti bangla golpo

আমিও ঘুমের মধ্যে চুলকাচ্ছি এমন ভান করে আমার বুকে চুলকাতে লাগলাম, ওর নরম মাইগুলোকে ইচ্ছে করেই একটু চেপে দিলাম। তাতে আমার ধোন আরো বেশি শক্ত হয়ে টনটন করতে লাগলো। বুঝতে পারলাম ধোনের মাথা দিয়ে রস গড়িয়ে আমার লুঙ্গি ভিজে যাচ্ছে। মনিকার নিপলগুলি শক্ত হয়ে আমার শরীরে চাপ দিচ্ছিল, সেটাও আমি বুঝতে পারছিলাম। চুলকানোর সময় ওর একটা নিপল আমার দুই আঙুলের মাঝে পেয়ে একটু চাপ দিয়ে ডলে দিলাম।

আমার গায়ের সাথে লেগে থাকায় পরিষ্কার বুঝতে পারলাম মনিকার শরীর কেঁপে কেঁপে উঠতে লাগলো। আমার লালসা এতো বেড়ে গেল যে নিজেকে কন্ট্রোল করা খুব কঠিন হয়ে যাচ্ছিল। কিন্তু নিজেকে এই বলে শাসন করলাম যে, না, মনিকার সম্মতি ছাড়া আমি ওকে চুদতে পারি না কারন ও আমার ঘনিষ্ঠ বন্ধু রায়হানের প্রেমিকা। তাই আমি মনিকার ইচ্ছের উপরেই নিজেকে সঁপে দিলাম। হঠাৎ করেই মনিকা আরেকটু এগিয়ে এলো। Choti bangla golpo

ওর গুদের নরম স্পর্শ আমার উরুর সাথে আর ওর মাথা আমার বুকের উপর তুলে দিল, ওর ঘন কালো লম্বা চুলে আমার চোখ মুখ ঢেকে গেল, আমি সুন্দর স্যাম্পূর গন্ধ পেলাম। যা আমাকে মাতাল করে তুলছিল, মনে হচ্ছিল এই মুহুতেৃ ওকে চেপে ধরে আচ্ছামত তুলোধুনো করে চুদি কিন্তু আমি কিছুই করতে পারছিলাম না। আমি আরেকবার একটু নড়েতেই মনিকার যে হাতটা আমার বুকের উপরে ছিল সেটা পিছলে নিচের দিকে নামিয়ে নিল। আমার নাভির ওখানে নিয়ে একটু আদর করলো, আমার ধোনটা টনটন করতে লাগলো, এখন ওর একটা গুদ চাই।

মনিকা ওর মুখ উপর দিকে টেনে এনে আমার গালের সাথে গাল ঘসাতে লাগলো, সেই সাথে ওর হাতটা আরো টান করে আমার ধোনের গোড়ায় নিয়ে গেল। তারপর উপর দিকে উঠিয়ে শক্ত করে আমার লোহার রডের মতো শক্ত ধোনটা চেপে ধরলো। আমি নিজেকে আর ঠেকাতে পারলাম না, ওর দিকে মুখ ফেরাতেই ও আমার ঠোঁটদুটো মুখে নিয়ে চুষতে লাগলো আর আমার মুখের মধ্যে জিভ ঢুকিয়ে দিল। আমিও ওর জিভ নিয়ে চুষতে লাগলাম। Choti bangla golpo

তখন মনিকা সব ভান ছেড়ে দিয়ে আমার ধোনটা শক্ত করে ধরে উপর নিচে খেঁচতে লাগলো। তারপর আমার লুঙ্গি টেনে উপরে তুলে আমার ধোন বের করে নিয়ে চেপে ধরে খেঁচতে লাগলো। ধোনর মাথা দিয়ে সমানে রস বেরুচ্ছিল, মনিকা ওর বুড়ো আঙুল দিয়ে ধোনের পুরো মাথায় সেই পিছলা রস লেপ্টে দিল। আমি এদিকে ওর একটা মাই ধরে টিপতে লাগলাম, কি নরম! মনিকার গায়ে একটা ঢোলা মেক্সি ছিল, সম্ভবত ও রাতে সালোয়ার কামিজ খুলে মেক্সিটা পড়েছিল।

আমি একটু একটু করে টেনে মনিকার মেক্সিটা উপরে তুলে ফেললাম আর ওর মাইগুলো আলগা করে নিয়ে চেপে ধরে টিপতে লাগলাম। মনিকার মুখ থেকে কেবল আআআআ্হহহহহহ শব্দ বের হলো। তখন আমি ওকে ঠেলে দিয়ে উপরে উঠলাম এবং ওর দুটো মাই দুই হাতে ধরে আচ্ছামত চটকাতে লাগলাম। তখন মনিকা ইইইইশশশশ ইইইইইশশশশ করতে লাগলো। আমি আঙুল দিয়ে বুঝতে পারলাম ওর নিপল দুটো শক্ত হয়ে উঠেছে, আমি একটু পিছনে সরে নিচু হয়ে ওর একটা নিপল মুখে নিয়ে চুষতে লাগলাম।

ক্ষুধার্ত ছোট বাচ্চা যেভাবে তার মায়ের মাইয়ে হামলে পরে দুধ চুষে চুষে খায়, আমিও সেভাবেই মনিকার মাইদুটো চুষতে লাগলাম, এছাড়া জিভ দিয়ে নিপলটা বেশি করে নেড়ে দিতে লাগলাম। মনিকা আনন্দের আবেশে সিৎকার দিতে লাগলো উউউউম উউউউম উউউউম উউউউম। মনিকা একনাগাড়ে আমার ধোনটা নিয়ে খেলা করছিল। এবারে আমি মনিকার তলপেটের নিচে হাত দিলাম, গুদটা বেশ নরম ফোলা ফোলা। পরনে পেটিকোট ছিল, টেনে উপরে তুলে ফেললাম। গুদে হাত দিয়ে দেখি পুরু কার্পেটের মত বালের ঝোপ। Choti bangla golpo

বিলি কেটে গুদের চেরা বের করে আঙুল ঢুকিয়ে দিলাম। রসে জবজবে হয়ে রয়েছে জায়গাটা। গুদের ফুটোয় আঙুল ঢুকিয়ে দিতেই আআআআআআআহহহহহহহহহহহহ করে আরাম প্রকাশ করল মনিকা। আমার হাঁটু ধরে টেনে এক পা এপাশে নিয়ে এলো ও, তখন ওর গুদের উপরে আমার ধোনটা ঝুলছে। ধোনটা এমনই শক্ত হয়েছে যে সেটা সটান উপর দিকে উঠে গেছে অর্থাৎ ঐ অবস্থায় মনিকার মুখের দিকে ধোনের মাথা। মনিকা ধোনটা ঠেলে নিচের দিকে সোজা করে নিয়ে নিজের গুদের চেরার সাথে ধোনের মাথাটা ঘষাতে লাগলো। Choti bangla golpo

কয়েকবার উপর নিচে চেরা বরারবর ঘষিয়ে শেষে গুদের ফুটোর মুখে সেট করে ফিসফিস করে বললো, “আর পারছি না, আহ্, ঢোকাও এখন”। মনিকার গুদের ফুটোটা রসে জবজবে হয়ে ছিল, ফলে দারুন পিছলা গুদে আমার ধোনের সূচালো মাথাটা পকাৎ করে ঢুকে গেল, পুরো মাথা ঢুকে গলার ওখানে গিয়ে টাইট মনে হলো, কারন ওর পর থেকেই ধোনটা ক্রমশঃ মোটা হয়ে গেছে। আমি ওকটু চাপ দিতেই মনিকা আমার তলপেটে হাত রেখে বাধা দিয়ে বলল, “ইইইইশশশশশ ব্যাথা পাচ্ছি, ব্যাথা পাচ্ছি, উউউহহহ উউউহহহ”।

আমি একটু থামলাম, ভাবলাম, এভাবে হবে না, যা করার আচমকা করতে হবে। এই ভেবে আমি আস্তে করে ধোনটা পিছিয়ে আনতে লাগলাম একটু একটু করে। মনিকা ওর হাত সরিয়ে নিল। যখন ধোনের মাথাটা একেবারে গুদের ফুটোর মুখে চলে এলো, তখুনি একটু নিচু হয়ে দিলাম এক রাম ঠাপ। এক ঠাপে ধোনের অর্ধেকটা ঢুকে গেল। মনিকা ব্যাথায় কুঁকড়ে গেল। তারপর দম নিয়ে বলল, “মাদারচোদ আমার ভুদাটা ছিঁড়ে ফেলেছে, উহুহুহুহুহুহ, শালা তোর ঐটা কি ধোন না কলাগাছ?” আমি ওর কথায় কান না দিয়ে আরো কয়েকবার ধোনটা আগুপিছু করে পুরোটা ওর গুদে ভরে দিয়ে পকাৎ পকাৎ করে ঠাপাতে লাগলাম। Choti bangla golpo

কিছুক্ষনের মধ্যেই মনিকা সব ব্যাথা সহ্য করে নিল এবং ক্রমে ক্রমে তলঠাপ দিতে শুরু করলো। বেশ কায়দা করে ওর গুদ দিয়ে আমার ধোনটা নিয়ে খেলছিল, আমার প্রতিটা ঠাপের সাথে সাথে মনিকাও নিচ থেকে সুন্দরভাবে একটা ঢেউ তুলে আমার ধোনটা গিলে নিচ্ছিল। আমি দুই হাতে ওর দুটো মাই আলুভর্তা করছিলাম। পরে আমি আরো নিচু হয়ে ওর গায়ের উপরে শুয়ে পড়লাম, আমার হাঁটু আরো ভাঁজ করে ওর উরুর নিচ দিয়ে বাঁকা করে দেওয়াতে আমার হাঁটু প্রায় ওর বগলের কাছে চলে এলো, ওর মাইদুটো আমার বুকের নিচে চিড়েচ্যাপ্টা হতে লাগলো। আমি ওর ঠোঁটদুটো মুখে পুরে চুষতে লাগলাম। আমি আমার শরীরের নিচেরটুকু দিয়ে সমানে ঠাপাচ্ছিলাম আর উপরের দিকে আমাদের দুজনের জিভ যুদ্ধ করছিল।

মনিকার তলঠাপ পেত পেতে হঠাৎ আমার একটা বুদ্ধি মাথায় এলো আর আমি মনিকাকে জড়িয়ে ধরে একটা গড়ান দিয়ে ওকে আমার গায়ের উপরে তুলে দিয়ে আমি চিৎ হয়ে গেলাম। মনিকা আমার উদ্দেশ্য বুঝতে পেরে বিছানায় হাঁটুতে ভর দিয়ে সমানে ঠাপাতে লাগলো। মেয়েদের উপরে তুলে দিলে ওরা বেশিক্ষণ অর্গাজম ধরে রাখতে পারে না। মনিকার বেলাতেও এর ব্যতিক্রম হলো না। ৩/৪ মিনিটের মধ্যেই ওর মুখ দিয়ে অজস্র খিস্তি বেরোতে লাগলো। তারপর একেবারে শেষের দিকে দুই হাঁটু দিয়ে আমার দুই পাঁজর জোরসে চেপে ধরে গোঁ গোঁ করতে করতে আমার ধোনটা গুদ দিয়ে চেপে ধরে রস খসিয়ে দিল, আমি ওর গুদের ভিতরের খিঁচুনি ধোনের মাথায় অনুভব করলাম। Choti bangla golpo

রস খসিয়ে মনিকা নেতিয়ে পড়লো, তখন আমি ওকে টেনে বিছানার কিনারে নিয়ে গেলাম। মনিকাকে উপুড় করে রেখে ওর দুই পা আমার কোমড়ের দুই পাশ দিয়ে টেনে নিয়ে হাতে ধরে রাখলাম এবং বিছানার কিনারে দাঁড়িয়ে আমার ধোন ওর গুদে ঢোকানোর চেষ্টা করলাম, কিন্তু আমার ধোনটা উপর দিকে বাঁকা হযে থাকায় সেটা সম্ভব হচ্ছিল না। তখন মনিকা ওর হাত দিয়ে আমার ধোনটা ধরে নিচের দিকে বাঁকা করে ওর গুদের মুখে সেট করে দিল। তখন আমি ঠেলা দিয়ে পুরো ধোনটা ঢুকিয়ে দিয়ে চুদতে লাগলাম। ৪/৫ মিনিট চুদার পর আমার হাঁফ ধরে গেল। তখন আমি মনিকার পা নামিয়ে রেখে ওর কোমড় ধরে ঠাপাতে লাগলাম। ওর দুই হিপের সাথে আমার উরুর সংঘর্ষে থাপ থাপ শব্দ হতে লাগলো। Choti bangla golpo

এভাবে কিছুক্ষণ চোদার পর আমি ওকে বিছানার কিনার বরাবর শুইয়ে দিলাম এবং একটা পা তুলে আমার মাথার উপরে খাড়া করে দিলাম এবং আমি আমার ওক পা ওর আরেক পায়ের উপর দিয়ে তুলে দিলাম বিছানায়, আমার এক পা থাকলো মেঝেতে। এই অবস্থায় ওর পা-টা বুকের সাথে জগিয়ে ধরে আমি ওকে চুদতে লাগলাম। প্রথম দিকে মনিকার গুদের ভিতরটা আঠালো হয়ে আসলেও চুদতে চুদতে ক্রমে ওর ভিতরের রসটা বেরোতে লাগলো এবং গুদের ভিতরটা পিছলা হয়ে এলো, আমি প্রচন্ড গতিতে চুদতে লাগলাম, আমার বিচি গিয়ে ওর উরুর সাথে লাগছিল আর আমার ধোনটা ওর গুদটাকে তুলোধুনো করছিল। এভাবে চুদতে চুদতে মনিকা আবার গরম হয়ে উঠলো। আমার অবস্থা ক্রমেই শোচনীয় হয়ে এলো, মাল আউট হওয়ার জন্য নয়, হাঁফিয়ে যাচ্ছিলাম। সেজন্য আমি আবার মনিকাকে উপরে তুলে দিয়ে নিজে চিৎ হয়ে শুয়ে থাকলাম। Choti bangla golpo

মনিকা ঠাপাতে ঠাপাতে উহ মাগো, গেলাম গো, মাদারচোদ আমার ভুদটা আলুভর্তা কোর দিল রে, উহ যাচ্ছে যাচ্ছে, এই গেল গেল, আর পারিনা ওসসসসসস বলে কয়েকবার খিঁচুনি দিয়ে দ্বিতীয়বার রস খসিয়ে নেতিয়ে পড়লো। আমি ওর উপরে উঠে পকাপক ঠাপাতে লাগলাম। মিনিট তিনেকের মধ্যেই আমার মাল আউট হওয়ার সময় হয়ে গেল, আমি ধোনটা টেনে বের করে নিয়ে ওর পুরো বুক পেট মাল দিয়ে ভাসিয়ে দিলাম। পরে আমরা দুজনেই গা মুছে জড়াজড়ি করে শুয়ে ঘুমিয়ে পড়লাম। পরদিন ঘুম ভাঙলো বেলা ১০ টায়। আমি মনিকাকে বললাম, “তুমি চাইলে চলে যেতে পারো, আমি তোমার গাড়ি ভাড়া দিয়ে দিচ্ছি”। মনিকা বললো, “আমি যদি আরো দুই এক দিন থাকি, তোমার অসুবিধা হবে?” বলে মুচকি হাসলো। আমি বললাম, “হ্যাঁ আছে, তুমি ঘুমাতে দিবে না”। Choti bangla golpo

মনিকা এগিয়ে এসে আমার নাক টিপে দিয়ে বললো, “ওওও আমি তোমাকে ঘুমাতে দেইনা, আর তুমি সাধু সন্যাসী, কিছুই জানো না, না? শালা বানচোত, রাতে আমার ভুদাটা ভর্তা করে ফেলাইছে, এরকম চুদন আমি জীবনে খাইনি, তোমার বন্ধুতো ১০ মিনিটের বেশি পারে না, আর তুমি? শালা প্রায় পোনে এক ঘন্টা ধরে চুদেছ, আবার কয় আমি নাকি ঘুমাতে দেবোনা, ঠিক আছে, আমি তোমারে কিছুই বলবো না, রাজী?” যাই হোক পরে মনিকা থেকে গেল আরো দুই দিন আর ওই দুই দিন আমরা শুধু ঘুমানো আর খাওয়ার সময় বাদে চুদাচুদি করলাম। পরে মনিকা ভয় পেয়ে গেল, যদি রায়হান চলে আসে আর জানতে পারে ও তিন দিন ধরে আমার রুমে তাহলে দুজনেই বিপদে পড়বো, রেগে গেলে রায়হানের মাথা ঠিক থাকে না। পরে আমি ওকে কিছু টাকা দিলাম, ও বিদায় নিয়ে চলে গেল। Choti bangla golpo

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