chut Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chut/ Hindipornstories.org Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे https://sexstories.one/tum-meri-bur-chodo/ Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4534 उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा...

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Meri bur Chodo  मेरा दोस्त एक बार मुझे अपने घर लेकर जाता है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे दोस्त गौरव का घर अजमेर में है। गौरव मुझसे कहता है की तुम कुछ दिनों के लिए मेरे साथ अजमेर चलो, गौरव और मैं एक साथ एक ही कंपनी में नौकरी करते हैं। गौरव की बात को मैं मना ना कर सका और उसके साथ मैं उसके घर अजमेर चला गया, मैं जब उसके घर गया तो मैंने देखा उसके परिवार में काफी लोग हैं उसका परिवार काफी बड़ा था मैंने गौरव से कहा तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है, गौरव कहने लगा हां हम सब लोग एक साथ रहते हैं और हमारे परिवार में कभी भी कोई झगड़ा नहीं होता सब लोग मिलजुल कर एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं।

गौरव के पिताजी का व्यवहार भी मुझे बहुत अच्छा लगा और उनके साथ मैं जब भी बात करता तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती मैं उन्हें कहता कि मैं जब भी आपसे बात करता हूं तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती है, वह कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारे पिताजी की उम्र का हूं और तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे कहना क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत कुछ वर्ष पहले हो चुका था और उसके पिताजी मुझे उसी तरीके से समझते थे जिस प्रकार से मेरे पिताजी मुझे समझाया करते थे।

मैं उसके घर पर 4 दिन रहा लेकिन इन 4 दिनों में मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरा ही घर हो,  मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी गौरव और मैं साथ में होते हैं, गौरव मुझे हमेशा कहता कि राज तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो और जब से मेरी दोस्ती तुमसे हुई है तुमने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं आने दी, हम लोग जब अजमेर से वापस लौट रहे थे तो बस में ही मुझे एक लड़की दिखी शायद वह भी जयपुर जा रही थी वह हमारे सामने वाली सीट में बैठी हुई थी मैं उसे ही देखे जा रहा था और मैं उसे बड़े ही ध्यान से देखता लेकिन जब वह अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मेरी तरफ देखती तो मैं अपनी नजर झुका लेता, मैंने गौरव के कान में कहा यार यह लड़की मुझे बहुत पसंद आ रही है क्या इससे मेरी बात हो सकती है, गौरव मुझे कहने लगा राज तुम एक काम करो उस लड़की को एक चिट्ठी लिखो, मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है आजकल के जमाने में भला कौन चिट्ठी देता है, वह मुझे कहने लगा तुम ऐसा करो तो सही।

मैंने भी एक पेपर में अपना नाम और उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत लिखा जिससे कि वह लड़की प्रभावित हो सके और मैंने वह पेपर उसकी तरफ फेंक दिया उसने जब वह पेपर खोल कर देखा तो वह मुस्कुराने लगी, मुझे कहां पता था कि वह भी मुझे अपना नंबर दे देगी उसने उसी पेपर के पीछे अपना नंबर लिख कर मेरी तरफ फेंक दिया मुझे जब उसका नंबर मिला तो मैं बहुत खुश हो गया मैंने गौरव से कहा यार तुम्हारा तो कोई जवाब ही नहीं है क्योंकि वह लड़की अपने पिताजी के साथ बैठी हुई थी इसलिए उस वक्त तो उससे बात नहीं हो सकती थी परंतु जब हम लोग जयपुर पहुंच गए तो मैंने अपने घर से उसे फोन किया और उसका नाम पूछा, उसका नाम कविता है।

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मैंने कविता से पूछा तुम क्या करती हो तो वह कहने लगी कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं और हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं लेकिन मै कविता से मिल नहीं पाया था और उससे मिलने के बारे में एक दिन मैंने सोची, मैंने गौरव से कहा यार आज मैंने कविता से मिलने की सोची है क्या तुम मेरे साथ चलोगे, गौरव कहने लगा क्यों नहीं उस दिन हमारे ऑफिस की छुट्टी भी थी और हम दोनों अच्छे से बन ठन कर कविता से मिलने के लिए चले गए जब हम दोनों कविता से मिलने गए तो कविता के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी और हम लोग जिस जगह बैठे हुए थे वहां पर हम लोग एक दूसरे को देखते रहे मैंने सोचा कि पहले कविता कुछ कहे लेकिन 5 मिनट तक तो हम लोग कुछ भी बात नहीं कर पाए, तब गौरव ने कहा कि तुम लोग तो बिल्कुल ही चुप हो गए क्या एक दूसरे से कोई बात नहीं करोगे? तब जाकर कविता ने मुझसे बात की कविता मुझसे कहने लगी मुझे तुमसे बात करने में थोड़ा अजीब लग रहा है, मैंने कविता से कहा मुझे भी काफी अजीब लग रहा है क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा हूं।

अब हम लोगों की बातें शुरू हो चुकी थी और हम सब लोग एक दूसरे की बातों में इतने खो हो गए कि समय का पता ही नहीं चला उस दिन हम लोगों ने एक साथ 4 घंटे साथ में बिताए लेकिन मुझे लगा कि शायद 4 घंटे भी कम है जब गौरव और मैं वापस लौटे तो मैंने कहा यार आज तुम्हारी वजह से मैं कविता से बात कर पाया, गौरव मुझे कहने लगा राज मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और उसके बाद कविता और मैं एक दूसरे से मिलने लगे, हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो एक दूसरे को जरूर कोई ना कोई गिफ्ट दिया करते एक दिन मुझे कविता का फोन आया और कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं शायद तुम से मेरी बात ना हो पाए, मैंने कविता से पूछा लेकिन तुम दिल्ली से कब लौटोगी तो कविता कहने लगी कि मैं दिल्ली से एक महीने बाद आऊंगी।

मैंने सोचा कि चलो आज रात मैं कविता से बात कर सकता हूं, मैंने कहा चलो ठीक है हम लोग एक महीने तक बात नहीं करेंगे लेकिन आज पूरी रात मैं तुमसे बात करना चाहता हूं, कविता कहने लगी ठीक है, उस दिन वह चोरी छुपे मुझसे फोन पर बात करने लगी मैंने उससे लगभग सुबह के 4:00 बजे तक बात की और जब मेरी आंख लगी तो मुझे भी पता नहीं चला कि समय क्या हो गया है उस दिन मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया क्योंकि 4:00 बजे जब मैं सोया तो मेरी आंखें नहीं खुली जब मैंने अपने फोन को देखा तो मेरे फोन पर गौरव ने 20 बार कॉल किया हुआ था।

मैंने गौरव को कॉल बैक किया और कहा कि आज तो मैं ऑफिस नहीं आ सकता मैंने गौरव को सारी बात बताई गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं तुम आज आराम करो और मैं उस दिन घर पर ही था लेकिन मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी मेरा मन कविता से बात करने का होने लगा परंतु उससे मेरी बात हो ही नहीं सकती थी और इसी वजह से मुझे टेंशन होने लगी, मैंने जब गौरव को यह बात बताई तो गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं एक महीने तो ऐसे ही कट जाएगा तुम्हें कुछ पता भी नहीं चलेगा लेकिन मेरा मन तो सिर्फ कविता से बात करने का था और कविता और मेरी सिर्फ मैसेज के द्वारा ही बात हो पाती, कविता मुझसे सिर्फ इतना ही कहती कि मैं ठीक हूं इससे ज्यादा मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती, मैंने कविता से कहा कि मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं और तुमसे फोन पर बात करना चाहता हूं लेकिन कविता ने रिप्लाई किया कि अभी यह संभव नहीं हो पाएगा।

मैं हमेशा सोचता कि कब एक महीना कटेगा, धीरे-धीरे समय भी कटता गया और एक दिन मुझे कविता का फोन आया जिस दिन मुझे कविता का फोन आया मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे आज मिलना है, कविता कहने लगी कि आज तो मैं नहीं मिल पाऊंगी क्योंकि आज ही मैं दिल्ली से लौटी हूं कल हम लोग मिल लेते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं, रात भर मैं कविता से बात करता रहा और उसे मैंने बताया कि मैंने उसका इंतजार कितनी बेसब्री से किया। मैं जब अगले ही दिन कविता को मिला तो मैंने उसे देखते ही गले लगा लिया। वह मेरे साथ मेरे घर पर आई हुई थी मैंने कविता के होठों को भी चूमना शुरू किया।

उसके गालों पर मैंने किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था और इतने दिनों से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना मिस किया। वह कहने लगी मुझे भी मालूम है मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया लेकिन इस बीच मेरी तुमसे बात ही नहीं हो पाई। कविता और मैं एक दूसरे के होठों को चूमते रहे हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी। मैंने कविता के स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु किया और कविता के सलवार के अंदर जब मैंने अपने हाथ को डाला तो उसकी चूत को मैं अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जब मैंने उसकी चूत को चाटा तो उसे भी बहुत अच्छा महसूस होता, काफी देर तक मैंने उसकी कोमल चूत के मजे लिए। मैंने कविता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो, उसे मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने मे कोई आपत्ति नहीं जताई और अपने मुंह में ले लिया।

वह लंड को संकिग करने लगी काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चुसती रही, मेरे लंड ने भी पूरा पानी बाहर की तरफ को छोड़ना शुरू किया था। मैंने कविता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा मोटा लंड कविता की चूत में प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत को मजा आने लगा है। उसकी चूत से खून निकलने लगा, मैंने उसे कहा तुमने जैसे पहले कभी सेक्स नहीं किया। वह कहने लगी मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया, मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे, जब मेरा वीर्य मैंने कविता की योनि में गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो। मैंने उसे कपड़ा दिया उसने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और उसने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे उसके बाद भी कविता और मेरी हमेशा बात होती रहती। जब भी कविता मुझे फोन करती तो मैं उसे कहता तुम मुझसे मिलने आ जाओ लेकिन वह मुझसे मिलने नहीं आती।

वह कहती यदि मैं तुमसे मिलने आऊंगा तो तुम मेरी चूत मारोगे लेकिन फिर भी मैं उसे अपने पास बुला ही लेता।

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रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

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5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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मां का प्यार https://sexstories.one/maa-ka-sexy-pyar/ Fri, 31 Dec 2021 07:32:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3512 तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर...

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Maa Ka Pyar – मेरे घर मे में, मेरी माँ, मेरी पत्नी और मेरी बहन है, मेरी बहन की शादी हो चुकी है और वो अपने ससुराल मे रहती है। में अपनी माँ और पत्नी के साथ यहाँ कोलकाता मे रहता हूँ, हम लोग बनारस (उ.प.) से यहाँ बचपन मे ही आ गये थे और यही बस गये. मेरी उम्र 28 साल की है और मेरी पत्नी 24 की है. मेरी सास और मेरी साली अभी भी बनारस के पास एक गांव मे रहते है. और साल मे 2-3 महीने हमारे यहाँ आते है. सच पूछो तो मेरा घर एक स्वर्ग है, जहाँ किसी भी तरह की कोई मना नही, में आपको शुरू से ही ये सारी बातें बताता हूँ।

यह बात मेरे बचपन की है, घर पर मेरी माँ, मेरी दीदी और में सब साथ रहते थे, मेरी उम्र करीब 18-19 के आस पास थी. मेरी लंबाई 5’7” की है. मेरी दीदी की उम्र 18 साल हे, उसकी स्पोर्ट्स मे रूचि थी और वो स्टेडियम जाती थी. मेरी माँ टीचर है, उसकी उम्र 37-38 की होगी, मगर देखने मे किसी भी हालत मे 31-32 से ज्यादा की नही लगती थी. माँ और दीदी एकदम गोरे है. माँ मोटी तो नही लेकिन भरे शरीर वाली थी और कुल्हे उनके चलने पर हिलते थे. उनकी शादी बहुत जल्दी हो गयी थी, मेरी माँ बहुत सुंदर और हँसमुख है।

वो जिंदगी का हर मज़ा लेने मे विश्वास रखती है, हालाकि वो सबसे ओपन नहीं होती है पर मैने उसे कभी किसी बात पर गुस्सा होते हुए नही देखा. ये बात उस समय की जब मैं 9th मे था और हर चीज के बारे मे मेरी इच्छा बढ़ रही थी स्पेशली सेक्स के बारे मे. मेरे स्कूल के दोस्त अक्सर लड़की पटा कर मस्त रहते थे उन्ही मे से दो तीन दोस्तो ने अपने परिवार के साथ सेक्स की बाते भी बताई तो मुझे बड़ा अज़ीब लगा. मैने माँ को कभी उस नज़र से नही देखा था पर इन सब की बातों को सुन-सुन कर मेरे मन मे भी इच्छा बढ़ने लगी और मै अपनी माँ को ध्यान से देखने लगा, चूँकि गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और में हमेशा घर पर ही रहता था।

घर मे, में माँ के साथ ही सोता था और दीदी अपने कमरे मे सोती थी, माँ मुझे बहुत प्यार करती थी, माँ, दीदी और में आपस मे थोड़ा खुले हुए थे, हालाकि सेक्स करने की कोई बात तो नही हुई थी पर माँ कभी किसी चीज का बुरा नही मानती थी और बड़े प्यार से मुझे और दीदी को कोई भी बात समझाती थी, कई बार अक्सर उत्तेजना की वजह से जब मेरा लंड खड़ा हो जाता था और माँ की नज़र उस पर पड़ती तो मुझे देख कर धीरे से मुस्कुरा देती और मेरे लंड की तरफ इशारा करके पूछती कोई परेशानी तो नही है, में कहता “नही” तो वो कहती कोई बात नही… तो में भी मुस्कुरा देता, वो खुद कभी-कभी हम दोनो के सामने बिना शर्माये एक पैर बेड पर रख कर साड़ी थोड़ा उठा देती और अन्दर हाथ डालकर अपनी चूत खुजलाने लगती, नहाते समय या हमारे सामने कपड़े बदलते वक़्त अगर उसका नंगा बदन दिखाई दे रहा हो तो भी कभी भी शरीर को ढकने या छुपाने की ज़्यादा कोशिश नही की, ऐसा नही था की वो जान बुझ कर दिखाने की कोशिश करती हो, क्यों की इन सब के बाद भी मैने उसकी या दीदी की नंगी चूत नही देखी थी, बस वो हमेशा हमे नॉर्मल रहने को कहती और खुद भी वैसे ही रहती थी।

धीरे धीरे में माँ के और करीब आने की कोशिश करने लगा, और हिम्मत कर के माँ से उस वक़्त पास आने की कोशिश करता जब मेरा लंड खड़ा होता, मेरा खड़ा लंड कई बार माँ के बदन से टच होता पर माँ कुछ नही बोलती थी. इसी तरह एक बार माँ किचन मे काम कर रही थी और माँ की हिलते हुए कुल्ले देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने अपनी किस्मत आज़माने की सोची और भूख लगने का बहाना करते हुए किचन मे पहुँच गया, और माँ से बोला “माँ भूख लगी है कुछ खाने को दो.. ” और ये कहते हुए माँ से पीछे से चिपक गया, मेरा लंड उस समय पूरा खड़ा था और मैने अपनी कमर पूरी तरह माँ के कुल्हे से सटा रखी थी जिसके कारण मेरा लंड माँ के कुल्हो के बीच तोडा सा घुस गया था. माँ हंसते हुए बोली “क्या बात है आज तो मेरे बच्चे को बहुत भूख लगी है..” “हां माँ, बहुत ज्यादा, जल्दी से मुझे कुछ दो..” और मैने माँ को और ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और उनके पेट पर अपने हाथो को कस कर दबा दिया, कस कर दबाने की वज़ह से माँ ने अपने कुल्ले थोड़े पीछे किये जिससे मेरा लंड थोडा और माँ के कुल्हे के बीच मे घुस गया, उत्तेजना की वज़ह से मेरा लंड झटके लेने लगा पर में वैसे ही चिपका रहा और माँ ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा पर बोली कुछ नही।

फिर माँ ने जल्दी से मेरा खाना लगाया और थाली हाथ मे लेकर बरामदे मे आ गई, में भी उसके पीछे पीछे आ गया, खाना खाते हुए मैने देखा तो माँ मुझे और मेरे लंड को देख कर धीरे धीरे हंस रही थी, जब मैने खाना खा लिया तो माँ बोली की अब तू जाकर आराम कर में काम कर के आती हूँ… पर मुझे आराम कहा था में तो कमरे मे आकर आगे का प्लान बनाने लगा की कैसे माँ को चोदा जाए. क्योंकि आज की घटना के बाद मुझे पूरा विश्वास था की अगर में कुछ करता भी हूँ तो माँ अगर मेरा साथ नही देगी तो भी कम से कम नाराज़ नही होगी, फिर ये ही हरकत मैने 5-6 बार की और माँ कुछ नही बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ी।

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एक रात खाना खाने के बाद में कमरे मे आकर लाइट ऑफ कर के सोने का नाटक करने लगा, थोड़ी देर बाद माँ आई और मुझे सोता हुआ देख कर थोड़ी देर कमरे मे कपड़े और समान ठीक किया और फिर मेरे बगल मे आकर सो गई, करीब एक घंटे के बाद जब मुझे विश्वाश हो गया की माँ अब सो गयी होगी तो मै धीरे से माँ के ऊपर सरक गया और धीमे धीमे अपना हाथ माँ के कुल्हो पर रख कर माँ को देखा जब माँ ने कोई हरकत नही की तो में उनके कुल्हो को सहलाने लगा और उनकी साड़ी के ऊपर से ही दोनो कुल्हो और गांड को हाथ से धीमे धीमे दबाने लगा।

जब उसके बाद भी माँ ने कोई हरकत नही की तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ी और मैने माँ की साड़ी को हल्के हल्के ऊपर खिचना शुरु किया, ऊपर करते करते जब साड़ी कुल्हो तक पहुँच गई तो मैने अपना हाथ माँ की कुल्हो और गांड के ऊपर रख कर थोड़ी देर माँ को देखने लगा, पर माँ ने कोई हरकत नही की, फिर में अपना हाथ उनकी गांड के छेड़ से धीरे धीरे आगे की और करने लगा, पर माँ की दोनो जांगे आपस मे सटी हुई थी जिससे में उन्हे खोल नही पा रहा था. फिर मैने अपनी दो उंगलिया आगे की और बड़ाई तो मेरी सास ही रुक गई. मेरी उंगलिया माँ की चूत के ऊपर पहुँच गई थी।

फिर मैने धीरे धीरे अपनी उंगलियो से माँ की चूत सहलाने लगा, माँ की चूत पर बाल महसूस हो रहे थे, चूँकि मेरे लंड पर भी झांटे थी तो में समझ गया की ये माँ की झांटे है, इतनी हरकत के बाद भी माँ कुछ नही कर रही थी तो मैने धीरे से अपनी पूरी हथेली माँ के चूत पर रख दी और चूत के दोनो होंठो को एक एक कर के छूने लगा, तभी मुझे महसूस हुआ की माँ की चूत से कुछ मुलायम सा चमड़े का टुकड़ा लटक रहा है।

जब मैने उसे हल्के से खींचा तो पता चला की वो माँ की चूत की पूरी लंबाई के बराबर चूत यानी ऊपर से नीचे तक की लंबाई मे बाहर की तरफ निकला हुआ था और जबरदस्त मुलायम था।

उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था की लगा जैसे फट जाएगा, में धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी शर्ट उतार कर लंड को माँ के कुल्हे से सटाने की कोशिश करने लगा पर कर नही पाया तो में एक हाथ से माँ की चूत मे उंगली डाल कर बाहर निकले चमड़े को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा. 2-3 मिनट मे ही मैं झर गया पर जब तक में अपना जूस रोक पाता वो माँ के कुल्हो पर पूरा गिर चूका था, ये देख कर में बहुत डर गया और चुपचाप शर्ट पहन कर माँ को वैसा ही छोड़ कर सो गया. सुबह जब में उठा तो देखा की माँ रोज की तरह अपना काम कर रही थी और दीदी हाकी की प्रेक्टीस जो सुबह 6 बजे ही शुरू हो जाती थी, जा चुकी थी में डरते डरते बाथरूम की तरफ जाने लगा तो माँ ने कहा आज चाय नही मांगी तूने…

तो मैने बात पलटते हुए कहा की “हा पी रहा हूँ, पेशाब कर के आता हूँ..”, जब में बाथरूम से वापस आया तो देखा माँ बरामदे मे बैठी सब्जी काट रही थी और वही पर मेरी चाय रखी हुई थी. में चुपचाप बैठ कर चाय पीने लगा तो माँ मेरी तरफ देख कर हंसते हुए बोली की “आज बड़ी देर तक सोता रहा हां माँ नींद नही खुली..” तो माँ बोली “एक काम किया कर आज से रात को और जल्दी सो जाया कर..” ये कह कर वो हंसते हुए किचन मे चली गयी. जब मैने देखा की माँ कल रात के बारे मे कुछ भी नही बोली तो में खुश हो गया. उस दिन पूरे दिन मैने कुछ भी नही किया, मेने सोच रखा था की अब में रात को ही सब कुछ करूँगा जब तक या तो माँ मुझसे चुदाई के लिए तैयार ना हो या मुझे डाट नही देती. रात को में खाना खा कर जल्दी से रूम मे आकर सोने का नाटक करने लगा, थोरी देर मे माँ भी दीदी के साथ आ गई।

उस दिन माँ बहुत जल्दी काम ख़त्म करके आ गई थी, खैर में माँ के सोने का इंतजार करने लगा. थोरी ही देर मे दीदी के जाने के बाद माँ धीरे से बेड पर आकर लेट गई करीब एक घंटे तक लेटे रहने के बाद मैने धीरे से आँखे खोली और माँ की तरफ सरक गया, थोड़ी देर मे जब मैंने बरामदे की हल्की रोशनी मे माँ को देखा तो चौंक गया. माँ ने आज साड़ी की जगह नाईटी पहन रखी थी और उन्होने अपना एक पैर थोडा आगे की तरफ कर रखा था।

फिर मैने सोचा की अगर ये किस्मत से हुआ तो अच्छा है और अगर माँ जानबूझ कर यह कर रही है तो माँ जल्दी ही चुद जाएगी. उस रात मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी हुई थी, थोड़ी देर नाईटी के ऊपर से माँ का कुल्ले सहलाने के बाद मैने धीरे से माँ की नाईटी के सामने का बटन खोल दिया और उसे कमर तक पूरा हटा दिया और धीरे से माँ के कुल्हो को सहलाने लगा. मैं जांघो को भी सहला रहा था, माँ की कुल्ले और जांघे इतने मुलायम थे की में विश्वास नही कर पा रहा था।

फिर मैने अपना हाथ उनकी जांगो के बीच डाला तो मैं हैरान रह गया, माँ की चूत एकदम चिकनी थी, उनके चूत पर बाल का नामोनिशान नही था. उनकी चूत बहुत फूली हुई थी और चूत के दोनो होंठ फैले हुए थे शायद एक जांग आगे करने के कारणउनकी चूत से निकला हुआ चंदा लटक रहा था (मेरे कई दोस्तों ने उसके बारे मे बताया था की उनके घर की ओंरतो की चूत से भी ये निकलता है और उन्हे इस पर बड़ा नाज़ होता है). में तो उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था. मैने लेटे-लेटे ही अपना शर्ट निकाल दिया और माँ की तरफ थोडा और सरक गया जिससे मेरा लंड माँ के कुल्ले से टच करने लगा, थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद जब मैने देखा की माँ कोई हरकत नही कर रही है तो मेरी हिम्मत और बढ़ी।
में लेटे लेटे ही माँ की चूत को सहलाने का पूरा मज़ा लेने लगा.

थोड़ी ही देर मे मुझे लगा की माँ की चूत से कुछ चिकना चिकना पानी निकल रहा है. क्या खुशबु थी उसकी, मेरा लंड फूल कर फटने की इस्थिति मे हो गया. में अपना लंड माँ के कुल्ले, गांड के छेद, उनकी जांघो पर धीमे धीमे रगड़ने लगा. तभी मुझे एक आईडिया आया की क्यों ना आज थोडा और बढ़ कर माँ की चूत से अपना लंड टच करूं, जब मैने अपनी कमर को आगे खिसका कर माँ की जांघो से सटाया तो लगा जैसे करंट फैल गया हो, मुझे झड़ने का जबरदस्त मन कर रहा था पर मैने सोचा की एक बार माँ की चूत मे लंड डाल कर उनकी चूत के पानी से चिकना कर लूँगा और फिर बाहर निकाल कर मुठ मार लूँगा।

ये सोच कर मैने अपनी कमर थोडा ऊपर उठाया और अपना लंड माँ की चूत से लटके चमड़े को उंगलियों से फैलाते हुए उनके छेद पर रखा तो माँ की चूत से निकलते हुए चिकना पानी मेरे सूपडे पर लिपट गया और थोडा कोशिश करने पर मेरा सूपड़ा माँ की चूत के छेड़ मे घुस गया।

जैसे ही सूपड़ा अंदर गया उफ़ माँ की चूत की गर्मी मुझे महसूस हुई और जब तक में अपना लंड बाहर निकालता मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा माँ की चूत मे पिचकारी की तरह निकलने लगा में घबरा तो गया पर ज्यादा हिलने से डर रहा था की कहीं माँ जग ना जाए. जब तक मैं धीमे से अपना लंड माँ की चूत से निकालता तब तक मेरे लंड का पानी माँ की चूत मे पूरा खाली हो चूका था और लंड निकलते वक़्त वीर्य की धारा माँ के गांड के छेद पर बहने लगी. मुझे लगा अब तो में पक्का पीटूँगा और डर के मारे जल्दी से शर्ट पहन कर सो गया. मुझे नींद नही आ रही थी पर मैं कब सो गया पता ही नही चला।

अगले दिन उठा तो देखा की हमेशा की तरह माँ सफाई कर रही थी पर दीदी स्टेडियम नही गई थी. मुझे देखते ही माँ ने दीदी से कहा “वीना, जा चाय गर्म करके भाई को देदे… और मुझे प्यार से वहीं बैठने के लिए कहा. मैने चोरी से माँ की तरफ देखा तो माँ मुझे देख कर पूछी आज नींद कैसी आई… मैने कहा की “अच्छी”, तो माँ हसने लगी और मेरी पैंट की ऊपर देखकर बोली की “अब तू रात मे सोते समय थोड़े ढीले कपड़े पहना कर… अब तू बड़ा हो रहा है.. देख में और वीनू भी ढीले कपड़े पहन कर सोते है… में यह सुन कर बड़ा खुश हुआ की माँ ने मुझे डाटा नही।

उस दिन मुझे पूरा विश्वास हो गया था की अब माँ मुझे रात मे पूरे मज़े लेने से मना नही करेगी भले ही दिन मे चुदाई के बारे मे खुल कर कोई बात ना करे. अब तो में बस रात का ही इंतजार करता था, खैर उस रात फिर जब में सोने के लिए कमरे मे गया तो मुझे माँ की ढीले कपड़े पहनने वाली बात याद आई पर मेरे पास कोई बड़ी शर्ट नही थी. फिर मैने आलमरी मे से एक पुरानी लुंगी निकाली और अंडरवेयर उतार कर पहन लिया और सोने का नाटक करने लगा।
तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर इस तरह रखा की मुझे माँ दिखाई दे. थोरी ही देर मे माँ कमरे मे आई और नाईटी पहन कर बेड पर आने और लाइट ऑफ करने के लिए मूडी और मेरे लंड को देखते ही रुक गई।

थोड़ी देर वैसे ही मेरे लंड को जो की पूरे 6” लंबा और 1.5” मोटा था, देखती रही, फिर पता नही क्यों उसने लाईट बंद करके नाईट बल्ब जला दिया और बेड पर लेट गई वो मेरे लंड को बड़े प्यार से देख रही थी पर मेरे लंड को उसने छुआ नही. फिर दूसरी तरफ करवट बदल कर एक पैर को कल की तरह आगे फैला कर लेट गई. मुझे पक्का विस्वाश था की आज माँ जानबूझ कर नाईट बल्ब ऑन किया है ताकि में कुछ और हरकत करू।

आधे एक घंटे के बाद जब में माँ के ऊपर सरका तो लूँगी की गाँठ रगड से अपने आप ही खुल गई और में नंगे ही अपने खड़े लंड को लेकर माँ की तरफ सरक गया और नाईटी खोल कर कमर तक हटा दिया. उस रात मैने पहली बार माँ के कुल्हे, गांड और चूत को देख रहा था. मेरी खुशी का ठिखाना नही था, में झुक कर माँ की जांगो और कुल्हे के पास अपना चेहरा ले जाकर चूत को देखने की कोशिश करने लगा. मुझे अपनी आँखो पर विश्वास नही हो रहा था की कोई चीज इतनी मुलायम, चिकनी और सुन्दर हो सकती है, माँ की चूत से बहुत अच्छी भीनी भीनी खुशबु आ रही थी. में एकदम मदहोश होता जा रहा था. पता नही कैसे में अपने आप ही माँ की चूत को नाक से सटा कर सूंघने लगा। चूत से निकले हुए चंदे के दोनो पत्ते किसी गुलाब की पंखुड़ी से लग रहे थे. माँ की चूत का छेद थोडा लाल था और गांड का छेद काफ़ी टाइट दिख रहा था, पर सब मिला कर उनकी पुरे कुल्हे और जांघे बहुत मुलायम थी।

में उसी तरह कुछ देर सूंघने के बाद माँ के चूत के दोनो पत्तो को मुहँ मे भर लिया और चूसने लगा उनकी चूत से बेहद चिकना लेकिन नमकीन पानी निकलने लगा, में भी आज चुदाई के मज़े लेना चाहता था. फिर मैने माँ की चूत से निकलते हुए पानी को अपने सूपडे पर लपेटा और धीरे से माँ की चूत मे डालने की कोशिश करने लगा. पर पता नही कैसे आज मेरा लंड बड़ी आसानी से माँ की चूत के छेद मे घुस गया।

में वैसे ही थोड़ी देर रुका रहा फिर मैने लंड को अंदर डालना शुरू किया, दो तीन प्रयासो मे मेरा लंड माँ के चूत मे घुस गया ओह क्या मज़ा आ रहा था, माँ की चूत काफ़ी गर्म थी और मेरे लंड को चारो और से जकड़े हुए थी. थोड़ी देर उसी तरह रहने के बाद मैने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया ओह जन्नत का मज़ा मिल रहा था।

4-5 मिनट अंदर बाहर करते ही मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और अपना वीर्य माँ की चूत मे डाल दिया…

अच्छा दोस्तों फिर मिलता हूँ….

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मामा की लड़की को घोड़ी बनाया.. https://sexstories.one/ghodi-bana-ke-choda-mama-ki-ladki-ko/ Wed, 15 Dec 2021 07:05:14 +0000 https://sexstories.one/?p=3467 उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई...

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Ghodi Bana Ke Choda Mama Ki Ladki Ko – मेरी ये कहानी कहानी ही नहीं मेरी जिदगी का वो समय था जिसे में आज तक नहीं भुला पाया। दोस्तों मेरा नाम राहुल उम्र 23 साल लम्बाई 5’11 है। में उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। बात उस समय की है जब में 12th मे पढ़ता था। और में छुट्टियों पर अपने मामा के घर पर गया हुआ था। मेरे मामा का परिवार बहुत बड़ा है।

परिवार के सभी लोग एक साथ रहते हैं। मामा का अपना खुद का व्यापार है। मामा के व्यापार में उनका बेटा भी साथ देता है। उनके साथ मे उनका बेटा भी जाता है। घर पर मेरी मामी और उनकी दो बेटीयाँ पलक और छाया और नाना नानी रह जाते हैं। छाया की उम्र 22 साल पलक की उम्र 18 साल की है। छाया की चूचियो का साइज़ पलक की चूचियो की साइज़ से कम है। पलक का फिगर होगा 34 28 34.. बड़ी चूची पतली कमर मोटी गांड बड़ी सेक्सी लगती थी। लेकिन में दोनो को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखता था।

एक दिन की बात है जब मामी और छाया शॉपिंग करने बाहर गये थे और पलक को कह गये कि मेरा ख़याल रखे नाना नानी नीचे के कमरे में सो रहे थे। पलक अपने काम मे लगी थी स्कूल का और में वहाँ घर पर बहुत बोर हो रहा था। तो में उठा और उपर वाले कमरे मे चला गया। और में कुछ गाने सुनने लगा तब पलक भी मेरे पीछे उपर वाले कमरे मे आ गई वो कुछ किताबे ले कर आई। और मुझसे कुछ पूछने लगी उसने लाइट कलर की सलवार कमीज़ पहन रखी थी। और दरवाज़ा बंद करके मेरे पास बेड पर बैठ गई। में उसको देखता रह गया क्या लग रही थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। इतने करीब से मैने उसको पहली बार देखा था।

इतने मे वो मुझसे बोली: भैया मुझे कुछ पूछना है। मैने कहा हाँ पूछो पलक बोली मुझे इसका उत्तर नहीं मिल रहा कुछ दिखाते हुए। वो किताब को बेड पर रख कर आगे की ओर झुकी तो उसकी कुरती ढीली होने के कारण उसकी मोटी मोटी चुचियो का उभर मुझे दिखा में देखता ही रह गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरा मन चाह रहा था की उसे पकडू और चोदू वो मुझे हिलाते हुए बोली भैया में कुछ कह रही हूँ। मैने कहा की कल में बताऊंगा आज मेरे सर मे दर्द है। तो उसने कहा लाओ में मालिश कर दूँ।

मैने मना किया तो उसने ज़बरदस्ती सर को पकड़ा और दबाने लगी। और कुछ समय के बाद मेरे दिमाग़ मे एक तरकीब आई मैने उसे कहा की तुम सामने बैठ कर पढ़ो। और में कांच की तरफ पीठ करके बैठ गया था। और मैने अपनी ज़ेब से मोबाईल निकाल कर उसमे ब्लू फिल्म चला दी। और में इस तरह बैठ गया की पीछे से शीशे मे उसको दिखे और मैने मोबाईल की अवाज बंद कर दी। मैने नोटीस किया की वो ये सब कुछ देख रही है। तभी पलक बोली भैया मोबाइल मे क्या कर रहे हो। मुझे भी दिखाओ वीडियो मैने कहा तुम अभी छोटी हो ये सिर्फ बड़े लोग ही देखते हैं।

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तभी पलक कहने लगी की मुझे दिख नहीं रहा क्या हो रहा है वीडियो मे फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब मैने मोबाईल की थोड़ी अवाज बड़ा दी और मोबाईल पर मैने गांड मारने वाला सीन चला दिया। वो कहने लगी भैया ऐसी वीडियो क्यों देखते हो। मैने कहा की मज़े के लिए तो वो कहने लगी। इसमे क्या मज़ा आता है उसमे लड़की रो रही है। दर्द से तुम्हे मज़े की सूझी है। मैने कहा नहीं पागल लड़की को भी मज़ा जब आता है तभी वो ऐसे करती है। तो पलक कहने लगी की अब अगर इसके बच्चा हो जाएगा तो। मैने कहा गांड मारने पर बच्चा नहीं होता है। वो ये सब देख कर गर्म हो चुकी थी। अब उससे रहा नहीं गया और तभी उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ लिया। और कहने लगी मेरी भी गांड मारो प्लीज भैया। फिर मैने उसको कहा ऐसे लंड थोड़ी ना घुस जाता है। गांड में पहले गांड को गीला करना पड़ता है। तभी पलक बोली में कर देती हूँ ना गीला बस आप तो लंड डाल दो।

फिर उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई। और उसने देखा की सब सो रहे हैं कमरे मे वो आ गई और उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। और तभी मैने उसे अपनी बाँहों मे भर कर उसके लिप्स अपने लिप्स मे भरकर उसका कुर्ता उतार दिया। और अब उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दी।

अब पलक अपने घुटनो पर बैठ कर मेरी पैंट नीचे खीँच कर मेरे लंड को पकड़ कर मुहं मे लेकर चूसने लगी। मैने उसकी ब्रा खोल दी आह दोस्तो वो मेरा पूरा लंड मुहं मे लेकर चूस रही थी। मैने उसे खड़ा किया और बेड पर लिप्स चूसते हुए उसे बेड पर लिटा दिया। और उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया उसके बूब्स बहुत बड़े थे। और में उस पर चड़कर चूसने लगा और निप्पल को मुहं मे लेकर चूस रहा था। वो आह आह भैया चूसो आहै उईमाआ मज़ा आ रहा है कह रही थी। मैने थोड़ा नीचे आकर उसकी पेंटी को फाड़ दिया और दोनो पैरो को फैलाकर अब में उसकी चूत में एक उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा और चूसने लगा वो आहैहा हा भैया चूसो प्लीज़ आहै आहै कर रही थी और मेरे मुहं मे ही झड़ गई और अब मैने उसको कहा क्या करू? तभी वो बोलने लगी चूत मे लंड मत डालना तो मैने कहा मेरा क्या होगा।

अब वो मुझसे बोली मेरी गांड मे अपना लंड डाल लो मैने कहा ठीक है मुझे लंड को चूत में लेने से डर लगता है। फिर उसको बेड से उठा कर जमीन पर लाकर के मैने उसे घोड़ी बनने को कहा। वो जल्दी से घोड़ी बन गई तभी मैने पीछे से आकर उसकी गांड के छेद को फैलाया। और उसे बहुत दर्द हुआ और मुझे भी तभी उसने कहा बेड के पास बॉक्स मे तेल है। तभी मैने तेल निकाल के कुछ अपने लंड पर लगाया और बाकी उसकी गांड के छेद पर लगा दिया था। मैने उसको गांड को फैलाने के लिए बोला उसने अपनी गांड अपने दोनो हाथो से फैला ली। तब मैने अपना 7 इंच के लंड का अगला हिस्सा उसकी गांड मे टिका कर एक हल्का सा धक्का दिया। अब लंड दो इंच अंदर गया था। वो ज़ोर से चीखी मरर गईइई मैने पीछे से उसका मुहं दबा दिया उसकी चीख दब गई थी।

फिर मैने थोडे समय रुकने के बाद जब वो शांत हो गई तब मैने पीछे से एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया। और दूसरे हाथ उसकी चूची को भींच कर एक जोरदार झटका मारा मेरा पूरा लंड उसकी गांड मे समा गया। और उसकी गांड से थोड़ा खून निकल गया। और उसकी आँख से आँसू आ गये थे। और ऐसे ही बिना मुड़े हुए में हिला तक नहीं फिर उसने मेरा हाथ अपने हाथ से हटा कर बोली भैया चोदो अपनी बहन की गांड मारो मेरी चूत मुझे रंडी बना कर चोदो। तब में धीरे धीरे झटके मारते हुए अपनी स्पीड बड़ा दी।

दोस्तों आज मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था। हर एक झटके मे अलग एहसास था। हम दोनों का दर्द से बुरा हाल हुआ उसकी गांड से अभी भी खून निकल रहा था। लेकिन मैने उसे नहीं बताया और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी। क्योकि में कुछ देर के बाद में झड़ने वाला था। मैने उसकी गांड मे वीर्य निकाल दिया तभी पलक ने कहा की उसको वीर्य मुहं में लेना है। तभी मैने देर ना की और जल्दी से लंड को उसके मुहं में दिया अब वो लंड को चूस रही थी और बोली मैने पहले कभी लंड मुहं में नहीं लिया लेकिन आज मुझे लंड को चूसना अच्छा लगा।

हम दोनों उठे और साथ में बाथरूम में जाकर नहाए हमने वहाँ पर भी चुदाई की और बाहर आ गये। दोस्तों मैने छाया और पलक को एक साथ कई बार चोदा लेकिन जो मजा मुझे पलक की गांड में आया वो मुझे छाया और पलक की चूत में अभी तक नहीं आया वो दोनों इस चुदाई में हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देती थी। अब उन्हें बिना लंड लिये नींद नहीं आती और मेरी भी आदत हो गई। दोस्तों ये थी पलक और मेरी सच्ची कहानी थी।

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दो बार चुदाई एक रात में https://sexstories.one/do-bar-chudai-ek-raat-mein-xxx/ Sun, 12 Dec 2021 07:09:00 +0000 https://sexstories.one/?p=3457 में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे...

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Do Bar Chudai Ek Raat Mein – मेरा नाम महेश और मेरे पडोश में रहती रागिनी से मेरी दो साल पहले आँख मिली थी जब वो यहाँ नयी नयी रहने आई थी जब उसका हसबंड ऑफिस होता और उसको किसी काम की जरुरत पड़ती तो वो सीधे मुजको ही बुलालिया करती थी और में उसका काम कर देता था मेरी तो पहले से ही उस पर नजर थी..

वो दो बच्चो की माँ थी फिर भी उसका फिगर एसा था की कोई भी उसको देख कर ललचाए मेने सोचा मेरी रोटी कोई और ले जाए इससे पहले इ ही उसे खा लेता हूँ.

और धीरे धीरे वो यहाँ के माहोल में सेटल्ड हो गयी और मेरे साथ भी हमारा प्यार हद से ज्यादा गुजर चूका था हम दोनों एक दुसरे की भूख और प्यास को बजाते थे…..

में था कुवारा २८ साल का लड़का और वो थी मेरिड लेकिन उसका पति पूरा दिन काम करके आता और थक कर रात को सो जाता था वो सेक्स की भूकी थी और उसका पति उसकी महीने दो चार बार ही चुदाई करता था और उसे ये रोज खाना था. जो की में ही दे सकता था और देता था.

एक दिन रात के ठीक बजे थे और उसका फोन आया उसने मुझे फोन पर बताया की आज उसका पति बहार गया हे तो वो सीधे कल दोपहर को आएगा तो आज रात हम दोनों ने मिल कर चडाई का प्रोग्राम बनाया. उसने बोला था बच्चे सो जायेंगे तब में मिसकॉल दू तो तुम सीधे टेरेस पे आ जाना..

तो ठीक १० बजे उसका मिस कॉल आया तो में चला गया उसके घर वो नाईटसूट पहने टेरेस पर मेरी राह देख रही थी. मेने तो जाते ही उसे अपनी बाहों में ब्भर लिया और चूमने लगा और वो भी जेसे तैयार ही थी जब मेने उसकी चूत में हाथ डाला तो उसकी चूत गीली गीली थी और उसका मेसेज मिलते ही मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और तब से ही खड़ा था..

मेने उसे चुमते चुमते ही उसके सारे कपडे उतार दिए और अपने भी वो सेक्स में चूर मुझे बाईट कर रहि थी.

और में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे अब लंड चूत के अन्दर घुस मारने के लिए बेताब था और मेरे काबू में नहीं था में उठा और सीधे उसकी चूत में लंड घुसा दिया लंड अन्दर घुसते ही वो अपनी गांड हिला हिला के चुदाई का मज़ा ले रही थी.

थोड़ी देर तक मेने उसे छोड़ने दिया फिर मेने लंड को चूत के अन्दर बहार करके चोदना सुरु कर दिया १;३० घंटे तक मेने उसकी चुदाई की फिर में झड़ने वाला था की उसने कहा की चूत के अन्दर मत झड़ना मेरे बूब्स पर अपनी मलाई निकाल देना और में जल्दी से लंड निकाल के उसकी दो बूब्स के बिच में झड गया.

Chudayi kahani शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

ये तो इतना जल्दी हुआ था की जेस अभी अभी हम दोनों भूके और प्यासे थे और वेसे भी आज तो पूरी रत हम दोनों के नाम थी तो क्या केहना १ घंटा तक हम दोनों नंगे ही टेरेस पर बीएड पर बेठे रहे. एक दुसरे के अंगो को सहलाते हुए कभी वो मेरे लंड को पकड़ कर दबाती थी सहलाती थी तो कभी मुझे किस करती थी और में भी उसके बूब्स को पकड़ पकड़ कर बारी बारी दबा रहा था..

मेने उसके बूब्स को दबा दबा कर और चूस चूस कर लाल टमाटर जेसे कर दिए थे.

और एक हाथ मेरा था उसकी चूत में कभी में उसकी चूत को नरम नरम हाथो से सहलाता तो कभी दो उंगलिया उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में घुमाता था जिससे वो और बभी एक्साईट हो रही थी मेरा तो दूसरी बार भी खड़ा हो चूका था और वो भी अब तो दूसरी बार भी पानी छोड़ चुकी थी.

इ तो पूरा का पूरा उसके ऊपर सो गया उसके पैर की उंगलिया मेरे पैर में मिलाता था और उसके बूब्स को एरे निपल से मिलाकर पुरे बदन को उसके बदन से घिस रहा था हम दोनों इस बार भी बहुत एक्साईट हो गए थे हम दोनों को सेक्स का नशा चदता ही चला था और फिर उसने अपने हाथ से ही अपनी चूत में मेरे कड़क कड़क लम्बे लंड घुसा दिया.

फिर मेरा तो क्या कहना में तो जोर जोर से उसे चोदने लगा इस बार हमारी चुदाई बहुत लम्बी चली और हमें भी लंबा चुदना था हम दोनों थक गए थे लेकिन नशा अभी भी बरकरार था.सेक्स की तलप हमें थकने नहीं देती थी मेने उसे बहुत जोर जोर से उसे छोड़ा वो आआआआआ ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊऊईईईईइमा जेसी सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी और सेक्स का मज़ा लोट रही थी..

फिर युही चुदाई करते करते में दूसरी बार भी झड़ने की आरे पर था उसने पहले कहा था तो मेने झट से अपना लंड उसकी चूत में से निकाला और उसके दो बूब्स की बिच दबाया और में झड गया फिर थोड़ी देर बाद में कपडे पहन कर में वह से चला आया.

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मेरी पलागतोड़ चुदाई https://sexstories.one/meri-palagtod-chudai-story/ Sat, 11 Dec 2021 07:03:02 +0000 https://sexstories.one/?p=4890 उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से... वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज...

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Meri Chudai / Patni ki Palagtod Chudayi Story – हेलो दोस्तों! कैसे हो सब? आज फिर से लेके आयीं हूँ उस सेक्सी स्टोरी का दूसरा भाग.. मैं अपने बारे में फिरसे बता दूँ.. मैं एक इंटीरियर डिज़ाइनर हूँ और मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी और स्लिम है.. उम्र २५ साल और मैं पूरी दूध की तरह गोरी चिट्टी हूँ.. एकदम सेक्सी कर्व्स, पेट स्लिम टीम और फ्लैट है… बेल्ली तो लगभग है ही नहीं.. और मेरे बूब्स और गांड बड़े हैं.. मैंने अपनी फोटो पहले भाग में शेयर की थी..

मेरा एक छोटा बच्चा है जो ४ महीने का है.. ऐसे तो मेरे पति मुझे रोज़ चोदते है.. वो भी एक जंगली जानवर की तरह…लेकिन आज रात तो वो एक अलग ही जानवर बन गए थे… चुदाई से घर में आधा सामान टूट चूका है… मेरे पति ऑफिस में थे और मैं अपना काम कर रही थी, वर्क फ्रॉम होम वाली… तभी मेरे पति का मुझे कॉल आया.. वो बोले के वो आज रात अलग ही जोश में होंगे… आज रात वो पूरी रात इतनी ज़ोर से चुदाई करेंगे की पूरा घर हिलने लगेगा.. मैं बोली, ठीक है.. मेरे पतिदेव.. पहले घर तो आ जाओ..

रात के १० बज चुके थे.. मैंने टेबल पे काम करते करते खाना लगा दी थी..

और मैं खुद काम करने लग गयी.. मेरे पति १० बजे आये और वो मुझे किस करना चाहते थे.. लेकिन मैंने उनको करने नहीं दिया क्योंकि मैं कांफ्रेंस कॉल पर ट्रेनिंग दे रही थी नई कैंडिडेट्स को… वो फ्रेश होक आये और खाना खाने बैठ गए.. मैं भी कांफ्रेंस कॉल ख़त्म करके खाने बैठ गयी.. फिर खाने के बाद, उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगे.. लेकिन मुझे अभी भी एक फाइल भेजना था कैंडिडेट को..

मैंने उनको बोला प्लीज अभी नहीं.. क्योंकि मुझे ये लास्ट फाइल भेजनी थी.. लेकिन वो माने ही नहीं… और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे ज़ोर से…

फिर उन्होंने अपना पायजामा खोल दिया और सैंडो भी उतार फेका और अपना अंडरवियर भी खोल दिया.. हमारा बेटा हमारे बेडरुम में सो रहा था.. फिर उन्होंने मुझे उठाया और टेबल पर लेटा दिया.. टेबल पर बहुत सारे खाने का सामान था और मेरे काम की चीज़े भी थी जैसे की पेपर्स, लैपटॉप और पेंसिल बॉक्स… मैं अपने ऑफिस से एक १८ साल के इंटर्न कैंडिडेट से पेंसिल बॉक्स लेके आयी थी.. क्योंकि वो गलती से छोड़ के चला गया था.. लेकिन मेरे पति ने मुझे टेबल पे उन सब के ऊपर लेटा दिया था… और मेरे कपडे फाड़ दिए.. और मेरे ऊपर आ गए.. मिशनरी पोजीशन में… और अपने बदन से मेरे बदन को ज़ोर से दबाने लगे…

मेरे पति बहुत भारी है क्योंकि उनका बड़ा सा पेट है.. मैं पेपर्स और पेंसिल बॉक्स के ऊपर लेटी हुई थी.. पेंसिल बॉक्स ठीक मेरी गांड के निचे था और मेरे पति मेरे ऊपर पूरे जोश में थे और मेरे बॉडी को काट रहे थे.. फिर उन्होंने अपना १० इंच का काला मोटा लंड ज़ोर से मेरी कमसिन चूत में घुसा दिया.. मैं चिल्ला उठी… लेकिन वो माने नहीं..

उन्होंने अपनी चुदाई को स्पीड बढ़ा दी..

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मैं चिल्ला रही थी… सिसकारियां निकाल रही थी..उउउउउ…. आआह्ह्ह्हह…. उम्म्म्म…. आउच! थोड़ा आराम से… लेकिन वो मान ही नहीं रहे थे.. उन्होंने और वज़न दाल दिया और ज़्यादा स्पीड से चोदने लगे… पूरा टेबल धप-धप-धप के आवाज़ कर रहा था.. और ज़ोर से हिल रहा था…

मेरे गांड के निचे जो पेंसिल बॉक्स था वो पूरा टूट गया और पेपर्स भी फट गए चुदाई से.. पेंसिल बॉक्स के टुकड़े मेरे गांड में चुभ रहे थे..

लेकिन मेरे पति पूरे जोश में जंगली सेक्स कूद-कूद के कर रहे थे.. जब वो मेरे ऊपर कूद-कूद के चुदाई कर रहे थे तो पूरा टेबल इतना ज़ोर से हिल रहा था आगे-पीछे की जैसे टूट ही जायेगा.. सारा खाना निचे ज़मीन पे गिर रहा था.. और देखते ही देखते टेबल टूट गया हम दोनों के चुदाई से…

हम दोनों निचे गिर गए.. फिर भी वो रुके नहीं… चुदाई करते रहे.. मैं आअह्ह्ह…. आह्ह्ह्ह… उईईई माँ…… मर गयी… आअह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह… आउच… आउच… उउउउउ….. सससस, करती रही… मेरी सेक्सी सिसकारियां सुन कर वो और भी ज़ोर से चुदाई करने लगे.. सब खाना मेरे बदन पर चिपक रहा था…

फिर वो अकड़ गए और एक ज़ोर का झटका मारते हुए उन्होंने अपने लंड का माल मेरी गर्म चूत में छोड़ दिया.. मुझे थोड़ी राहत मिली.. वो मेरे ऊपर ही लेटे रहे.. फिर जब हमलोग उठे तो हमने निचे देखा.. पूरा सत्यानाश हो चूका था टेबल का.. खाना बिखरा था.. सब टूट गया था..

मैं फ्रेश होने चली गई..

कुछ देर बाद मेरे पति फ्रेश हो कर बैडरूम में मेरे पास आ गए और सोने लगे.. १ घंटे बाद वो फिर उठ गए.. उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से… वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज.. उनके अंदर पता नहीं कितना माल और पड़ा था.. चोदे और पेले जा रहे थी मेरी गीली गर्म चूत… मैं कराह रही थी.. और उनकी स्पीड बढ़ती जा रही थी…

पूरा बेड हिल रहा था.. बेटा भी बेड पर हील रहा था.. मुझे डर था की कहीं वो जाग न जाए…

चुदाई के समय के कराह रही थी… ओह्ह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह… आराम से… पर मेरे पति कहा रुकने वाले थे… ५ मिनट चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उल्टा किआ और मेरे मोटे गांड पर हाथ फेरा.. मुझे भी रूमानी नशा सा हो गया था.. मेरे गांड के होल पर उन्होंने थूक लगा और अपने लंड पर भी और एक-दो जटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया… मैं दबी आवाज़ में चिल्ला उठा… वो कूद-कूद कर मेरी गांड मारने लगे… उनके चुदाई के रिथम से पूरा बेड हिल रहा था.. करीब आधे घंटे गांड मारने के बाद मुझे फिर से सीधा लेटा दिया और जमके १५ मिनट तक मेरी चूत मारी…

तो ये थी मेरी दुसरी चुदाई की कहानी। इस चुदाई के बाद मेरे पति मुझसे रोज, हर रात, रफ वाइल्ड मिशनरी सेक्स करते हैं। जिस कामरे मैं हमलोग सोटे है वहा का बिस्तर बहुत मजबूत था। लेकिन मेरे पति की कच्ची चुदाई से, वो बिस्तर भी हिलने लगता है, और चूर-चूर की आवाज आती है।

आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी…

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अंजान लड़की को ट्रेन में उड़ाया https://sexstories.one/train-me-ladki-ki-chudayi-story/ Sat, 04 Dec 2021 06:21:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3366 वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया..

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Train me ladki ki chudayi story हेल्लो दोस्तों मेरा नाम राम है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक सेक्सी कहानी को लेकर हाज़िर हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची घटना है और उस दिन मुझे बहुत मज़ा भी आया था | दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में मज़ा तो जरुर आयेगा | इस कहानी को पढने में दोस्तों आप लोगो के लंड में आग तो लग ही जाएगी क्यूंकि मुझे अपनी कहानी पर इतना तो भरोसा है ही | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना चाहता हूँ |

मैं रहने वाला आगरा का हूँ और मेरी उम्र 25 साल है | मेरी पढाई पूरी हो चुकी है और मैं जॉब करता हूँ | मेरी हाईट भी ठीक ठाक है और मेरा रंग बहुत ही साफ है बिलकुल दूध की तरह | मैं दिखने में बहुत स्मार्ट लगता हूँ इसलिए मैंने अभी तक कई लड़कियों की चुदाई कर चूका हूँ | दोस्तों मैं दिखने में बहुत स्मार्ट था इसलिए मेरे क्लास के सब लकड़े मुझे स्मार्टबॉय कहते थे और मेरी क्लास की लड़कियां मुझे लाइन मारा करती थी | उसी क्लास की 2 लड़कियों की मैंने चुदाई की थी और एक को तो छोट्टी के टाइम कॉलेज में ही उड़ा दिया था | दोस्तों जिस दिन मैंने काजल की चुदाई क्लास में की थी मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और उसकी मैंने इतनी भयानक चुदाई की थी की वो चल भी नही पाई थी और इसलिए मैं ही उसको उसके घर तक छोड़ने गया था | उस दिन की चुदाई के बाद मैंने काजल की और कभी बार चुदाई की थी | मैं बिना टाइम को बर्बाद करते हुए कहानी शुरू करता हूँ |

दोस्तों मैं जब जॉब करता था तो मैं दुसरे शहर में रहता था | एक दिन की बात है जब मेरे ऑफिस में 7 दिनों की छुट्टी थी तो मैंने सोचा की क्यूँ न घर ही घूम आता हूँ और मैंने उस दिन घर जाने का प्लान बना लिया | जब मैंने घर जाने का प्लान बना लिया तो मैंने एक टिकट ऑनलाइन किया और जब मैंने तत्काल में टिकट किया तो मुझे कुछ रूपये ज्यादा पड़े | मैंने एक सिलीपर का टिकट बुक कर लिया और फिर अगले दिन मेरी ट्रेन थी | मैंने अपने सामान की पेकिंग की और सो गया | जब मैं सुबह उठा तो मैं नहा कर नाश्ता तैयार किया और नाश्ता करने के बाद घर के लिए निकल गया | मैं स्टेशन पर बैठ कर ट्रेन का इंतजार करने लगा |

मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था तो कुछ ही देर में ट्रेन आ गई और ट्रेन में चढ़ गया | मैं जब ट्रेन मे चढ़ गया तो मैं अपनी जगह पर गया | जब मैं अपनी जगह पर गया तो मैंने देखा की एक लड़की भी वहीँ पर है | तब मैं भी वहीँ पर बैठ गया और उस लड़की को देखने लगा | दोस्तों वो दिखने में बहुत सुन्दर थी | मैं कुछ देर तक बैठ रहा और फिर लेट गया और उसकी तरफ मुंह को करके लेट गया | मैं जब उसके साथ लेट गया तो वो मुझे बहुत घुर घुर कर देखने लगी | वो मुझे घुर घुर कर देख रही थी और मैं उसे घुर घुर कर देख रहा था |

मैं – हाय ?

वो – हाय |

मैं – आप का क्या नाम है ?

वो – सोनम और आपका क्या नाम है ?

मैंने उसे अपना नाम बता दिया और वो मुझसे बोली की आप कहाँ जा रहे हो तो मैंने उसे बता दिया की मैं अपने घर जा रही हूँ | वो मुझे बहुत घुर रही थी और मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को घुर रहा था | मैं उसके बड़े बूब्स को घुर रहा था और वो मुझे अपने बूब्स दिखा रही थी | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक देखता रहा फिर वो मुझसे बोली की आप बहुत देर से देख रहे हो अब बस भी करो |

मैं – क्या मतलब ?

Kamuk Kahaniya रंडी बन गयी दोस्त की बीवी

वो मुझसे बोली की जो तुम उतने देर से देख रहे हो मैं उसकी ही बात कर रही हूँ |

मैं – हाँ तो मैं क्या देख रहा हूँ मुझे नही पता है |

दोस्तों वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया | दोस्तों जैसे ही उसने मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखा तो मेरे अन्दर करंट लग गया | मैं उसके एक दूध को हाथ में पकड कर धीरे से दबा दिया तो उसने मुंह से अह की आवाज निकल गयी | जब उसके मुंह से आवाज निकल गयी तो मैंने उसके कपडे निकलने लगा तो उसने मुझे माना किया और कहा बस इतना ही इससे ज्यादा कुछ नही कर सकते हो | दोस्तों जब उसने ये बात कही तो मैंने भी कह दिया की आग लगने के बाद माना कर रही हो और मैं उसको कस के अपनी बाँहों में जकड़ लिया | जब मैंने उसे जकड़ लिया तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी |

दोस्तों मैं उसके साथ जबरदस्ती करने लगा क्यूंकि हम दोनों के डिब्बे में और कोई आने वाला था नही इसकी वजह ये थी की हम दोनों स्लीपर में थे | मैं उसे कस के जकड़ लिया और उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | जब मैंने उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया तो वो मुझसे बोली ये ठीक नही है | मैंने भी कहा की यार मन जाओ और ये कहते हुए उसकी होठो को चूसने लगा | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बड़े बूब्स को मसल रहा था | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बूब्स को मसल रहा था जिससे वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी | जब वो गर्म हो गयी तो मेरी होठो को चूसने लगी |

फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो ब्रा और पैंटी में मेरे सामने आ गयी | मैं उसको उस तरह घुर घुर कर देखने लगा और उसकी ब्रा को पकड कर खीच लिया जिससे उसकी ब्रा टूट गयी | जब उसकी ब्रा टूट गयी तो उसके बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और मैंने उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा तो वो तेज सांसो में अन्हे भरने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसके मस्त छोटे गोल निप्पल को मुंह में रख कर ठीक एक बच्चे की तरह चूसने लगा | मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो मस्त होकर आ आ आ उई माँ आ…. उई हाँ उई हाँ माँ माँ… सी उई सी उई सी उई सी…. अह अह अह उई आउच……. की सिसकियाँ लेती हुई मज़े ले रही थी | मैं उसके दोनों बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा दिया |

मेरी जीभ के स्पर्स से उसकी सिसकियाँ और तेज हो गयी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था साथ में उसकी चूत के दाने को होठो से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मस्त होकर मज़े ले रही थी और आह आह आह… ऊऊ ऊऊ… की आवाज कर रही थी | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ उसकी चूत में उँगलियों को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जितने जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करता वो उनते ही जोर से सेक्सी आवाजे करती | फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए और अपने मोटे लंड को उसके हाथ में पकड दिया |

फिर वो मेरे लंड को हाथ में पकड कर घुटनों के बल बैठकर चूसने लगी | वो मेरे लंड को ऐसे ही 5 मिनट तक चूसती रही फिर मैंने उसके मुंह से अपने लंड को निकाल लिया और उसको लेटा दिया | जब मैंने उसे लेटा दिया तो उसने अपनी टांगो को फैला दिया | उसने अपनी टांगो को फैला दिया तो मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को रख कर धीरे से घुसा दिया | जब मैंने उसकी चूत में थोडा लंड घुसा दिया तो वो सेक्सी आवाजे करती हुई अपनी चूत को हिलाने लगी | वो अपनी चूत को हिलाने लगी तो मैंने उसकी कमर को पकड लिया और एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसकी चुत में मेरा पूरा लंड घुस गया | मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में पूरा गया तो उसके मुंह से निकलने वाली सेक्सी आवाजे चीख में बदल गयी |

दोस्तों मैं उसकी वो चीख सुनकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और कुछ देर बाद फिर से उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया | जब मैंने अपने लंड को दुबारा उसकी चूत में घुसा दिया तो वो मज़े से बोली यार और तेज से चोदो | मैं तब उसकी टांग को उठा कर उसकी गांड पर हाथ मारते हुए बोला देख मादरचोद को मज़ा आ रहा है | मैं उसकी गांड पर हाथ मारते हुए उसकी चूत में धक्के मारने लगा | मैं जब उसकी चूत में धक्के मारने लगा तो वो मस्त सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | मैं उसको जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोद रहा था |

मैं उसको ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ 15 मिनट तक चोदता रहा और फिर मैं झड़ गया | जब मैं झड़ गया तो मैंने अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | तब मैं और वो एक दुसरे से लिपट कर लेट गए | फिर जब मैं अपने यहाँ पहुच गया तो उतर गया और वो सीधे चली गयी |

ये थी मेरी कहानी धन्यावाद……

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रंडी बन गयी दोस्त की बीवी https://sexstories.one/randi-ban-gayi-dost-ki-biwi/ Wed, 01 Dec 2021 07:01:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3447 में भी तड़प रहा था उसकी चूत लेने के लिये करीब 15 मिनिट के इस खेल के बाद मैने उसको लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा वो बोली की मेरे राजा अब देर मत करो अब मुझ से रहा नही जा रहा है...

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Randi Ban Gayi Dost Ki Biwi हेलो दोस्तो! में गुरनाम, जालंधर से. आज में आपको एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ मेरा एक दोस्त है और उसकी वाइफ जो की वो भी जालंधर के ही रहने वाली है में अक्सर अपने दोस्त के घर जाया करता था उसकी वाइफ बड़ी ही सुंदर है फिगर बस ठीक ठाक ही है रंग गोरा बूब्स ज्यादा बड़े नही है पर फिर भी ठीक ही है उसकी स्माइल बड़ी ही कातिलाना है उनका एक बेटा है जो की अभी 7 साल का ही है, मेरे दोस्त के बहुत ज़िद करने पर में उसके बेटे को कोचिंग देने को तैयार हो गया, में दोपहर को उसके घर पर पढ़ाने जाया करता था उस समय मेरा दोस्त अपने काम पर होता था, पर भाभी जिनका नाम सुमन है एक दिन में दोपहर को जब उसके घर पंहुचा तो घर पर कोई नही था सिर्फ़ सुमन थी अकेली आज उनका बेटा अपनी मौसी के घर पर गया हुआ था.

मैने घन्टी बजाई दरवाज़ा खुला दरवाजे पर सुमन थी उसने एक हल्की सी मुस्कान दी और अंदर आने को कहा में अंदर चला गया उस समय उसने नाइटी पहने हुई थी उसके बाल खुले थे उसने मुझे बैठने को कहा और वो अंदर चली गई काफ़ी देर होने के बाद जब वो नही आई तो मे अंदर गया और इधर उधर देखा तो वो बाथरूम मे थी बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नही था मैने धीरे से अंदर देखा वो एकदम नंगी थी और नहा रही थी उसके मुँह पर साबुन था इस कारण वो मुझ को शायद देख ना सकी थी में वापस आया और मैंने दरवाजा लॉक कर दिया और में वापस बाथरूम की तरफ गया मेरा लंड खड़ा हो गया था मैं वही पर खड़ा रहा और उसको देखता रहा मैने अपने मोबाइल के कैमरे से उस की क्लिप भी बना ली थी वो बहुत ही सेक्सी थी और बार बार अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी चूत को रगड़ रही थी.

में समझ गया की उसको मेरा दोस्त पूर्ण रूप से संतुष्ट नही कर पाता है और जब वो नहा कर निकल रही थी तो में वापस आ कर उसी जगह बैठ गया कुछ देर बाद वो मेरे लिये चाय बना कर लाई और मेरे पास बैठ गई मेरा लंड अभी भी टाइट था मैने डरते डरते उससे कहा की भाभी में कुछ पूछु आपसे वो मुस्कुरा कर बोली पूछो मैने कहा की पूछना तो नही चाहिये है पर्सनल है पर पूछ रहा हूँ विकी और आप की शादीशुदा लाइफ सुखी है? वो बोली हाँ हम खुश है मैने कहा की नही आप की सेक्स लाइफ तो उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर खामोश रही फिर बोली की तुम्हारे दोस्त मुझको संतुष्ट नही कर पाते है अब मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैने पूछा की आप तो इतनी खूबसूरत हो सेक्सी हो आप पर तो कोई भी फिदा हो जायेगा आप कोई दूसरा रास्ता क्यो नही अपना लेती हो वो बोली कैसा रास्ता.

Mastram Sexy Kahani प्रेमिका के दोस्त के साथ सेक्स – भाग 2

मैने कहा की किसी दुसरे से संपर्क करो वो फिर से बोली की क्या तुम मुझको संतुष्ट करोगे यह सुनते ही मेरे तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नही रहा हो मैं तुरंत उठा और सुमन को अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होंठो पर एक किस किया और हम दोनो करीब 5 मिनिट तक एक दूसरे को किस करते रहे और वो मुझसे बोली की पहले दरवाज़ा तो बंद कर दो में बोला की वो तो मैने पहले ही बंद कर दिया है उसके बाद हम बेडरूम मे गये और उसने बिना देर लगाये मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मेरे लंड को अपने होठों मे ले कर दबाया और चूसने लगी में भी अब अपने होश खोता जा रहा था मैने भी उसका गाऊन खोल दिया उसने अंदर कुछ भी नही पहन रखा था अब वो बिल्कुल नंगी थी हम दोनो बेड पर लेट गये और वो मेरे उपर चड गयी और बोली की कब से मेरे मन मे एक प्लान था की में तुम से चुदवाऊँ आज मेरी इच्छा पूरी हो गई मैं भी बोला भाभी जी में भी आप को चोदना चाहता था.

यह सुन कर वो बोली की मेरे राजा देर किस बात की है आज मैं तुम्हारे पास हूँ जिस तरह से चाहो चोदो मुझ को बड़ी प्यासी है यह चूत मैने उसके टाइट बूब्स को धीरे धीरे दबाना चालू किया अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी उसने पीछे हट कर मेरे लंड को मुँह मे लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

में भी तड़प रहा था उसकी चूत लेने के लिये करीब 15 मिनिट के इस खेल के बाद मैने उसको लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा वो बोली की मेरे राजा अब देर मत करो अब मुझ से रहा नही जा रहा है में उठा और और अपने 6 इंच लंबा और मोटा लंड उसकी चूत के उपर रखा सुमंन एकदम ठीक थी पर उस की चूत काफ़ी टाइट और सूखी थी मैने उस को हांथ से धीरे-धीरे रगड़ा करीब 3 मिनिट के बाद उसकी चूत गीली हो गई फिर मैने अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया मेरा आधा लंड उसकी चूत मे था वो बोली जल्दी से पूरा अंदर करो मैंने एक जोर का धक्का दिया वो चिल्ला उठी मार डाला ज़ालिम तुने शायद उसके पति का लंड इतना लंबा और मोटा नही था.

Randi Biwi ki Chudai कर लो अपनी हवस पूरी

कुछ देर बाद वो भी मेरे झटको के साथ खुद भी साथ दे रही थी और कह रही थी की ले लो आज मेरी जम कर लूट लो मैने कितनी बार तुम्हारे दोस्त से चुदवाया है पर वो मजा नहीं आया आज तुम मुझको रियल मे चोदो मेरी जान में भी जोर जोर से झटके मार रहा था करीब 20 मिनिट के इस खेल मे वो 3 बार झड़ चुकी थी अब में भी झड़ने वाला था मैने कहा सुमन में झड़ने वाला हूँ उसने कहा की मेरे अंदर ही झड़ जाओं मैने कहा की अगर कुछ हो गया तो उसने कहा की कुछ नही होगा में गोली खा लूँगी पर तुम अन्दर ही झड़ना में जोर जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा कुछ ही देर बाद में उसके अंदर ही झड़ गया और हम बिल्कुल शांत थे किसी तूफान के बाद की शान्ति थी.

हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर में उठा उसको एक लीप किस किया अब 4:30 हो चुके थे वो बोली की अब तुम को चलना चाहिये पर हाँ एक बात ध्यान रहे यह बात बस मेरे और तुम्हारे बीच ही रहे तुम्हारे दोस्त को पता नहीं चलना चाहिये मैने वादा किया और हम दोनो एक दुसरे से लिपट गये फिर में उठा कपड़े पहने वो भी बाथरूम मे थी उसके बाथरूम से निकलने के बाद में वहा से चला आया, पर अब भी जब हम को मौका मिलता है या घर पर कोई नही होता है तो वो मुझको फोन करके बुला लेती है और हम भरपूर सेक्स का मज़ा लेते है।

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रिक्शावाले ने चोदा बारिश में.. https://sexstories.one/rikshawale-ne-choda-baarish-me/ Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3326 मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड...

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Rikshawale Ne Choda Barish Me – हेलो दोस्तों. अपने लंड को हाथ में पकड़कर ये सेक्सी चुदाई वाली कहानी पढीये. मज़ा आएगा… मेरा नाम कोमल है. मैं २५ साल की पंजाबन लड़की हूँ और दिल्ली में कॉलेज में पढ़ रही हूँ. मेरा फिगर ३७-२८-३९ है और ऊंचाई ८ फुट ९ इंच है. मेरी आँखें और बाल काले हैं और मैं बहुत गोरी हूँ.. नाक पतली और छोटी, ठुड्डी राउंड है और फेस डायमंड शेप का है.. होंठ पतले हैं और चेहरा भरा हुआ है.. बात अभी कुछ दिन पहले की है.. जुलाई का महीना था और बारिश हलकी-फुलकी हो रही थी.. मैं अपने घर के रूम में बिस्तर पर बैठी अपने फ़ोन में सेक्सी वीडियोस देख रही थी.. अचानक मेरे फ्रेंड का फोन आया, जो की अपने मायके गयी हुई थी..

पायल – हेलो कोमल!

मैं – हाय पायल! कैसी है और कब आ रही है वापस?

पायल – अरे यार.. यहाँ बस स्टैंड पर कड़ी हूँ.. मुझे पुलिस स्टेशन में काम है अर्जेंट और मेरे पास काफी सामान है.. तू आजा.. साथ में डिनर करके चलेंगे फिर मार्केट से…

मैं – ओके! अभी आती हूँ.. सब ठीक तो है ना?

पायल – मेरा फ़ोन चोरी हो गया है, मुझे FIR करनी है अभी…

मैं – फिर चोरी हो गया? तू करती क्या है? बड़ी लापरवाह है… और FIR बाद में कर लेना.

पायल – अरे यार.. अभी ट्रैक हो जाये तो अच्छा है.. बाद में कोई कुछ नहीं करता…

मैं – ओके डार्लिंग.. डोंट वरी… मैं आती हूँ..

फिर मैं तैयार हुई जल्दी में, बिना ब्रा के ही, एक येलो टॉप और ब्लू जीन्स में.. घर से बाहर रिक्शा पकड़ा जो की ऊपर से खुला था..

ध्यान ही नहीं रहा की बारिश हुई तो सब भीग जायेगा.. बस स्टैंड करीब १० मिनट की दूरी पर था, और जो रास्ता है, वो काफी सुनसान सा है… रास्ते में जो डर था, वही हुआ.. बारिश शुरू ो गयी.. और मैं भीगने लगी.. खैर, इतनी तेज़ बारिश नहीं थी, इसलिए मैंने रिक्शा नहीं रुकवाया..

पर कुछ ही सेकंड में बहुत तेज़ बारिश होने लगी.. मैंने रिक्शावाले को साइड में पेड़ के निचे रुकने को कहा.. मैं जल्दी से रिक्शा से कूदकर पेड़ के निचे भागी.. रिक्शावाले को मैंने पैसे भी नहीं दिए थे.. इसलिए वो रुक गया और अपनी सीट पर ही बैठे-बैठे घूरने लगा…

रिक्शावाला – मैडम थोड़ी ही दूर है.. वह जाकर खड़ी हो जाना..

मैं – अरे.. दिख नहीं रहा भैया? मैं भीग गयी हूँ…! एक तो छत नहीं है तुम्हारे रिक्शे में, ऊपर से भीगा दोगे?

रिक्शावाला मुझे घुरे जा रहा था.. अचानक मुझे ध्यान आया!

हे भगवान्!!! मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे दोनों चुचे साफ़ चमक रहे है… टी-शर्ट गीली थी तो अंदर का सब दिख रहा था.. एकदम क्लियर!

ऊपर से बारिश की ठंडी बूंदे , जिनकी वजह से मेरे निप्पल्स कड़क हो गए थे.. रिक्शावाले ने रिक्शा साइड में लगाया और मेरे पास आकर खड़ा हो गया..

मुझे जैसे ही ध्यान आया, मैंने अपने हाथ फोल्ड कर लिए और निचे सर करके खड़ी हो गयी… स्लीवलेस टी-शर्ट पहनी थी, जिससे मेरे हांथों में हलकी हलकी ठण्ड लग रही थी.. जिससे मैं कांपने लगी.. मैं फ़ोन पर पोर्न देखने के बारे में सोचने लगी.. और मेरे दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे.. इतने में पायल का फ़ोन आय गया..

पायल – कहा है तू इशिका? मैं वेट कर रही हूँ…

मैं – अरे यार.. रिक्शा से आ रही थी और रिक्शे में छत ही नहीं है.. पेड़ के निचे कड़ी हु अभी..

पायल – अरे यार…

मैं – तू बाद में करवा लेना FIR , फ़ोन तो मिलेगा नहीं अब.. सिम इशू करवाने के लिए ही तो चाहिए होगी…

पायल – क्या पता मिल जाए…

मैं – अच्छा ठीक है.. बारिश कम होते ही आ रही हूँ..

मैं फ़ोन पर बात करते टाइम अपने हाथ निचे कर चुकी थी.. जिससे की रिक्शावाले को खूब मज़ा आ रहा था..

वो मेरे साइड में खड़ा होकर मेरे चुचे देख रहा था.. फिर वो बात करने की कोशिश करने लगा..

रिक्शावाला – मैडम, मौसम तो बढ़िया हो गया अब..

मैंने सोचा की ठीक है, बातें करुँगी तो यही रहेगा.. भागेगा नहीं.. तो मैं भी बातें करने लगी..

मैं – हाँ भैया.. कम से कम गर्मी तो कम होगी..

रिक्शावाला – पर अप्प लेट हो गयी बारिश में..

मैं – अब क्या करें? किसी का फायदा तो किसी का नुक्सान.. वैसे मुझे बारिश से कोई ख़ास शिकायत नहीं है..

रिक्शावाला – आप उत्तर प्रदेश से हो?

मैं – नहीं.. मैं पंजाब से हूँ.. आप शायद U.P. से हो..

रिक्शावाला मुस्कुराने लगा..

रिक्शावाला – मैडम.. आपका नाम क्या है?

मुझे अजीब लगा के ये क्या चाहता है जो नाम पूछ रहा है..

मैं – नाम का क्या करोगे?

रिक्शावाला – मेरा नाम लखन है.. ऐसे ही पुछा मैडम.. इंट्रोडक्शन के लिए..

मैं – हाँ.. हाँ.. आप तो मुझे पढ़े-लिखे लगते हो..

लखन – हांजी.. मैंने B.A. किया है.. वो तो मजबूरी में रिक्शा चला रहा हूँ..

मैं – ओह!

लखन – आप क्या करती है? मतलब क्या पढ़ रही हैं?

मैं – अरे, जो कॉलेज था न.. जहा आप खड़े थे.. वह पढ़ती हूँ..

लखन – अरे.. याद आया.. मैंने आपको कई बार आते-जाते देखा है..

लखन थोड़ा पास आ गया.. मेरा दिल धड़कने लगा तेज़ी से.. एक तो दिमाग में पोर्न मूवी चल रही थी.. जिसे देखकर मैं ऊँगली कर रही थी.. ऊपर से टी-शर्ट में खड़ी निप्पल्स!!

लखन बड़ा ही हसमुख आदमी था.. मुझसे हाइट में कुछ छोटा था.. पतला सा.. करीब ४५-५० के आस-पास का आगे वाला.. थोड़ी दाढ़ी भी थी उसको.. दो तीन मिनट तक तो वो खुद ही बोलता रहा… मेरे मन में अब लंड घूम रहा था.. मोटा सा लंड.. अपनी चूत में लेने की इच्छा हो रही थी.. फिर मेरे दिमाग में आया की क्यों न मैं लखन की साथ ही कुछ शरारत करू…?

मैंने अपने दोनों हाथ कमर पर रख लिए और फिर एक हाथ से टी-शर्ट की बाहर की तरफ खींचा.. खींचते ही टी-शर्ट से चिपके हुए मेरे मोठे चुचे अलग हो गए.. लखन बड़े ध्यान से देख रहा था..

उसका मुंह मेरे ही तरफ था शुरू से..

मैं – अच्छा तो आप मुझे देखते क्यों थे?

लखन – अरे मैडम.. इतनी खूबसूरत हो तो नज़र तो टिकेगी ही.. मैं अकेला थोड़े ही हूँ.. आप के कॉलेज के लड़के हो तो….

मैं – तो क्या? बताओ…

लखन – वही तो.. इशारे से पूछते थे के अच्छा लगा…

मैं – ओह! ऐसा है क्या? अच्छा तो फिर आप क्या कहते थे?

लखन – सच ही कहा था मैडम…

मैं – क्या कहते थे?

मैंने अपने आँखें बड़ी की और सीधा लखन की आँखों में बड़े प्यार से देखा..

लखन – यही की बड़ा मज़ा आया..

मैं – हम्म…. देख के मज़ा आता है..

लखन – और नहीं तो क्या मैडम..

मैं – मैडम मत कहो प्लीज.. मेरा नाम इशिका है.. बड़ा अजीब लगता है अपने से बड़े लोगों से मैडम सुनना…

लखन – ठीक है ईशिकाजी..

मैं सोच रही थी.. मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है जब तक लड़की पट नहीं जाती.. पर जब एक बार चोद लेते है तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड में डाल देते हैं…

मुझे ये सोच कर हंसी आ गयी.. के अभी जब इसे चुत दे दूंगी तो फिर जी-वि सब गायब हो जायेगा…

लखन – क्या हुआ इशिकाजी..

मैं – यही सोच रही थी के आपको क्या मज़ा आता होगा..

लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब..

लखन – आपको पता है क्या?

मैं – हाँ.. आजकल तो सब को पता होता है…

और मैं मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर निचे देखने लगी.. मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. लखन का लंड भी पैंट का शेप बिगाड़ रहा था अब..

मैं – आपकी शादी हो गयी होगी…

लखन – हाँ..

अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी.. और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था..

मैं – फिर भी आप जवान लड़कियों को देख कर मज़े लेते हो?

लखन – जितनी टाइट होती है न.. उतना मज़ा आता है देखने में…

और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे बाएं चुचे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो-तीन बार दबा दिया..

मैं – आअह्ह्ह!!! ये क्या कर रहे हो आप?

लखन – ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका.. बेवकूफ समझा है क्या? कब से लाइन दे रही हो तुम..

मैं – मैं तो नार्मल ही बात कर रही थी..

इतने कह मैंने उसे धक्का दिया.. मैं भी मज़े ले रही थी… ताकि मुझे रफ़ ट्रीट करे.. मुझे रफ़ ट्रीटमेंट पसंद है..

लखन – भोस्डीकी, नार्मल बातें.. सभी के लंड भी ले लेती होगी।

फिर तो वो मेरे ऊपर झपटा और मेरे चुचे को दोनों हांथों से पकड़ लिया कस के और भोंपू बजाने लगा.. फिर आटे की तरह गूंथने लगा.. मेरा हाथ उसके हांथों पर था.. मैं रेसिस्ट नहीं कर रही थी.. मेरी चुत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा.. मैं शाम के उजाले में खुले सड़क पर साइड में एक रिक्शावाले से अपने बोबे दबवा रही थी.. ये सोच कर मुझे और जोश आ गया.. अब मैं कराहने लगी..

मैं – स्स्स्सस्स्स्स……

लखन – हे..हे.. आया मज़ा तुझे.. आ गयी न तू लाइन पर..

ये कह कर उसने मेरे चुचो के बीच मुंह रगड़ दिया.. टी-शर्ट के ऊपर से ही…

लखन – पसंद आ रही है साली रंडी?

मैं – ओह! हाँ.. पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो..

लखन – देख लेगा तो क्या? वैसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है.. कोई कुछ नहीं कहता..

मैं – अरे.. पर मैं रंडी थोड़े ही हूँ..

लखन – जो भी हो तू माल तो ग़दर है..

उसने मेरे टी-शर्ट को ऊपर किया और अपना मुंह जितना खोल पाता, खोला और मेरे राइट बोबे पर चिपका दिया.. और खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था की आज तो दूध ही निकल जाएगा.. चूसते-चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर रख के उसे दबा दिए… खूब जानवरों की तरह मेरे चूतड़ मसल रहा था वो…

मैं – प्लीज, साइड में चलो.. मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ.. जो चाहो.. कर लेना… पर उस झाडी के पीछे..

फिर लखन मुझे झाडी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच लिया.. उसका मोटा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था.. उसने मेरी टी-शर्ट निकाल फेकी…

मैं – अरे.. क्या कर रहे हो..? मुझे जाना भी है कही.. गन्दा मत करो..

लखन मेरे बूब्स पर चींटी की तरह मुंह लगाकर चिपका हुआ था.. और ऐसे ही मैं टी-शर्ट उठाने लगी.. फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साइड में रखा.. अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी और मेरे एक बोबे को लखन चूस रहा था और एक लटक रहा था हवा में.. मुझे अंदाजा हो गया की ये बड़ा ठरकी है.. आज तो हज़ामत बनाकर ही दम लेगा.. मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते हैं.. मैंने झट से अपनी जीन्स के बटन खोल दिया और उतारकर साइड में रख दिया.. लखन खड़ा होकर ख़ुशी से देखने लगा..

लखन – अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है..

मैं – तुम तो सारा दिन बोबे ही चूसते रहोगे…

इतने में मैंने झट से पैंटी उतारी और कुतिया बन गयी.. मुझे लगा लखन अपना लंड डालेगा पीछे से.. देसी आदमी वैसे भी सिर्फ चुदाई ही जानते है.. पर वो भूखे शेर की तरह मेरी चूत पर मुंह लगाकर जूस चूसने लगा.. मेरी चीख निकल गयी.. सुननेवाले ने बहूत दूर से सुन ली होगी.. ऐसे चीख थी..

मैं – क्या कर रहे हो…. खा जाओगे क्या?

लखन – इतनी सूंदर चूत है तेरी.. खाना तो पड़ेगा ही.. ऐसे चूत तो सिर्फ विलायती फिल्मो में देखी है..

मैं – तुम्हे पसंद आयी ?

लखन – दिखाता हूँ.. कितनी पसंद आयी..

उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर दिया मेरे चूत पर.. मैं एकदम से उछल गयी…

मैं – आह्ह!!! जानवर हो क्या?

लखन – शेर हूँ.. शेर!

मैं – शेर का तो लंड छोटा होता है.. बड़ा तो सिर्फ गधे का होता है..

और मैं हंस पड़ी.. लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चूका था की मुझे काबू करना आसान है और मैं ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बिठाया गीले पत्तों पर और अपना पैंट उतार दिया.. उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था पर उसके सेहत के हिसाब से काफी ज़्यादा मोटा था..

मैं – वाओ! ये तो काफी मोटा है.. शेर के लिये..

इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और ज़ोर-ज़ोर से चुत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था और मुझे उबकाई आ रही थी.. पर वो चोदे जा रहा था.. उबकाई के वजह से चिपचिपा थूक निकल कर लंड पर लग गया.. जिससे की वो और चिकना हो गया और सर्र-सर्र मुंह में अंदर-बाहर होने लगा.. मैं मुंह साइड में करने की कोशिश कर रही थी पर उसने मुझे बालों से पकड़ा था कसकर.. पर आखिर में मुंह साइड में करने में कामयाब हो गयी मैं.. पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था..

मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोठे लंड से चोद रहा था.. गाल लग रहा था के फट ही जायेगा.. पर कम से कम, उबकाई तो नहीं आ रही थी अब.. उसने खूब मुंह चोदा ३-५ मिनट तक.. फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुतिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड दाल दिया..

Chudai kahani गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती

लखन – साली रांड! कितनो से चुदवा चुकी है? चूत तो खुली है तेरी पर टाइट है काफी..

मैं – आह्ह्ह्हह…. बस मेरे बॉयफ्रेंड ने चोदा है अब तक..

लखन – मेरा लंड कैसा लगा तुझे?

मैं – मज़ेदार… आअह्हह्ह्ह्ह… है काफी… काफी एक्सपीरियंस वाला लंड है तुम्हारा. पर थोड़ा.. और लम्बा होता तो गहरा उतर जाताआआआ…..

लखन – गहरे का क्या है.. अभी ये देख..

लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था, लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा है.. इतना मज़ा आ रहा था के क्या बताऊँ.. मैं वह पड़े-पड़े मज़े ले रही थी.. इतने में फ़ोन बज पड़ा…

पायल – कहा है तू इशिका?

मैं – आअह्ह्ह… यही… हु…..

पायल – बारिश तो कब की बंद हुई है.. कब आएगी?

मैं – अरे.. बससससस…. निकलल…. रही हूँ..

लखन – भोसड़ीकी, कौन है.. जो चुदाई में बाधा डाल रही है…

मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे ऊपर लगभग लेट ही गया और चोदने लगा..

पायल – अरे यार.. तेरे चक्कर में कब से कड़ी हूँ.. जल्दी आ अब तू…

मैं – बस.. पहुँच… रही… हु…. उईईईईई!!!!

पायल – ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ?

लखन धीरे से मज़े लेते हुए कहने लगा… चुत पिलवा रही है तेरे रंडी सहेली..

मैं – उम्मम्मम्म… रोड… पर…. गधे…. हैं…. यार… काफी…… उईईई! रिक्शावाले! धीरे करो… ना…. उईईईईई.. माँ!!!!

पायल – गधी! कौनसे रस्ते से आ रही है तू? खैर.. जल्दी आ…

मैं – ओके!

मैं – फूउ…. बच गयी…

लखन अब खुद तेज़ झटके माँ रहा था.. उसने अपने दोनों हथेली मेरी पीठ पर राखी थी और धकाधक चोदे जा रहा था मेरी चूत पीछे से… उसके झटके बहुत तेज़ हो रहे थे… मैं समझ गयी, इसका माल निकलने वाला है.. मैं एकदम से आगे हुई और उसका मोटा लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था इसलिए बाहर आते ही, लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा…

लखन – माँ की लौड़ी.. आनेवाला है.. क्या कर रही है?

मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड मेरे बोबों के बीच फसाकर आगे-पीछे घिसने लगा.. थोड़ी देर में उसके मोटे लंड की पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबों पर बिखर गयी.. मैंने मज़े लेकर उसका माल ऊँगली से छाता.. वो मेरे ऊपर ही लेट गया और लिपट गया मुझसे..

मैं – ले लिए मज़े अब तो..

लखन – अभी कहाँ? अभी तो असली काम बाकी है..

मैं – वो क्या?

लखन – मैं तेरी मोटी गांड पर फ़िदा हूँ.. वो लेनी है..

मैं – ओह! नो!! नहीं.. प्लीज़ अभी नहीं.. अभी मुझे जाना पड़ेगा.. मैं बाद में मिलूंगी कभी तो.. तब वो भी कर लेना …

लखन – चल ठीक है.. कहाँ भागेगी अब तू तो मेरी रंडी है..

मैं – हां.. हां..

फिर मैं उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ़ करवाया.. फिर अपने आपको साफ़ किया लखन की चड्डी से और कपडे पहने.. फिर मैं बाहर आयी झाडी से तो देखा के रोड के दूसरी तरफ से एक ऑटो आ रहा था..

ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया पर ऑटो कुछ आगे जाके रुका.. लखन पेशाब कर के मेरे पीछे से निकला और रिक्शा पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पायी थी..

लखन – चलो मैडम…

मैं – ओह.. रुको.. मेरी दोस्त यहाँ है..

लखन – चलो.. तो फिर अपना नंबर तो बता दो..

मैंने उसका नंबर लिया और अपना नंबर उसे दे दिया.. और फिर रिक्शा में बैठ कर उसी साइड चल दी जहा से आयी थी.. वैसे भी लखन को बीएस वापस जाना था वहीँ.. आगे मैं ऑटो के पास उत्तरी और ऑटो में बैठने लगी..

पायल – अरे.. पैसे तो दे दे बेचारे को..

मैं सोच रही थी की चूत और मुंह तो दे ही दिया है.. पैसे भी दू ऊपर से..

लखन – अरे नहीं.. मैडम का खाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूंगा जब दिखेंगी..

पायल – ओके!

और हम दोनों चल दी..

पायल ने रास्ते में कहा – मुझे पता है किस खाते की बात हो रही है..

मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.. के इसे कैसे पता?

फिर हॉस्टल पहुँचने पर उसने बताया की तुझे जो झटके लग रहे थे वो चुदाई के ही हो सकते थे क्योंकि तू तो पेड़ के नीचे थी जहा तूने कहा था.. मैंने आँख मारी और कहा की क्या करू.. करना पड़ता है चूत के लिए..

आशा है आप सबको ये सेक्सी स्टोरी पसंद आयी होगी।

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पड़ोसी की पत्नी https://sexstories.one/padosi-ki-patni-ki-chudai/ Fri, 12 Nov 2021 08:31:16 +0000 https://sexstories.one/?p=4779 मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत की रेखाओं का स्वाद चखा, जो बहुत अधिक नमी के साथ थी और वह अपनी जांघों को हिला रही थी, जिससे उसका संभोग के पहले चरण का संकेत मिला। मैं पहले से ही तैयारी के साथ वहाँ गया था क्योंकि मेरे पास कंडोम था...

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Padosi ki patni ki chudai – मैं इंदौर से जॉन हूं और यहां एक कंपनी में सॉफ्टवेयर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हूं। यह धीमी प्रलोभन और पड़ोसी गृहिणी के साथ हॉट वाइल्ड सेक्स की कहानी है। मैं उसे हमारे स्कूल के समय से जानता हूं और हम साथ में पढ़ते रहे हैं, लेकिन कॉलेज के दौरान, उसने किसी और कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन छुट्टियों के दौरान घर वापस आ जाती थी। हां उसका नाम संध्या है और तेज विशेषताओं वाली बहुत प्यारी और खूबसूरत लड़की है। उसका आकार 34-30-34 है एक आदर्श सेक्सी फिगर!

शुरुआत में, यह हमारे बीच सिर्फ हाय और हैलो था और कई बार मुस्कुराता था। और अचानक एक दिन वह हमारे घर चली गई और एक निमंत्रण पत्र दिया कि वह अगले महीने शादी कर रही है और चाहती है कि हम इसमें शामिल हों।
ऐसा लगा जैसे मैंने शादी से पहले उसे गुनगुनाने का एक बड़ा मौका गंवा दिया लेकिन कौन जानता था कि यह हमारे बीच के समीकरण को बदल देगा।

एक दिन, मैंने उसे शादी के ठीक 3 महीने बाद छत पर एक कप कॉफी पीते हुए देखा और मैंने सिर्फ “हाय” कहा और उससे बातचीत की कि उसकी शादी और अन्य सभी चीजें कैसी हैं।

उसे इतनी दिलचस्पी नहीं लग रही थी और उसने कहा कि क्या हम कहीं बाहर एक कप कॉफी के लिए जा सकते हैं और मैंने इसे सामान्य समझा और उसे बाहर ले गया।

जब मैं बाइक चला रहा था तो वह मुझे पकड़ रही थी, हालांकि धीमी गति के कारण इसकी आवश्यकता नहीं थी जिस पर मैं सवारी कर रहा था। उसने मुझे पीछे से गले लगाया और कॉफी शॉप पहुंचने पर एक शब्द भी नहीं बोला, उसने कहा कि मैं तुम्हें लंबे समय से पसंद कर रही हूं लेकिन कभी भी इसे आपसे व्यक्त नहीं कर सकती और सोचा कि शादी के बाद मैं भूल जाऊंगा और आगे बढ़ूंगा लेकिन यह है मामला नहीं।

मैं यहाँ कुछ समय अकेले बिताने के लिए वापस आया क्योंकि मैं अपने वैवाहिक जीवन में उतना खुश नहीं हूँ और मैंने अपना हाथ मजबूती से पकड़ रखा है। मैं असमंजस में था लेकिन मेरा डिक स्पष्ट था कि मैं उसे जल्द ही बिस्तर पर लिटाने जा रहा हूं। हम वापस घर पहुँचे और अगले दिन उसके माता-पिता एक समारोह के लिए गए और वह अपने घर पर रुकी रही। मैं उसके बारे में सोच रहा था और जिस तरह से चीजें बदलीं।

शाम को एक फोन आया कि मुझे उसे रात के खाने के लिए बाहर ले जाने के लिए कहा, लेकिन मैंने कहा कि हम इसे आपके घर पर रख सकते हैं क्योंकि कोई भी हमारे पड़ोसी होने पर संदेह नहीं करेगा।

इसलिए इसकी योजना बनाई और मैं शराब की बोतल और ढेर सारी चॉकलेट लेकर पहुंचा। शुरू में हम बस बातें कर रहे थे और धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आ गए और हमारी जांघें छू रही थीं। इससे मेरे शरीर में एक झटका लगा और मैं अपने उठे हुए डिक में दबाव महसूस कर सकता था। वह शीशा उठाने के बहाने आगे आई और गहरी घाटी के साथ अपनी भरपूर दरार का प्रदर्शन किया। चिढ़ाने वाले स्वभाव से उसके बूब्स को मेरी नाक पर थोड़ा सा ब्रश किया और पलक झपकते ही मुस्कुरा कर किचन में चली गई।

Chudai ki kahani मां बेटी के साथ चुदाई का खेल

हां, मैं यह उल्लेख करना भूल जाता हूं कि उसने स्ट्रैपलेस ब्रा के साथ एक ढीली टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसके घुटने तक स्कर्ट थी क्योंकि यह गर्मी की गर्मी के अनुकूल था। लेकिन इसके बजाय, उसने मुझमें गर्मी बढ़ा दी थी।

मैंने बस उसका हाथ थाम लिया और एक तेज प्रतिक्रिया के साथ उसे पीछे कर दिया, वह मेरे सीने पर झुक गई और सख्त निपल्स को सहलाते हुए अपने स्पंजी स्तनों को दबा दिया।

मैंने अपना हाथ उसके कूल्हे पर रखा और उसके नरम मांस को महसूस करने के लिए शर्ट को बगल की तरफ घुमाया.. यह इतना चिकना था कि मैं उसे सुखाकर ही एक भार सह सकता था।

और मुझे नहीं पता था कि उसे क्या ले गया, उसने मुझे इतनी बेतहाशा स्मूच करना शुरू कर दिया जैसे कि वह इस पल का सालों से इंतजार कर रही हो।

हमारा स्मूच काफी देर तक चला कि हमने एक-दूसरे के होठों, सबसे छोटे और उसकी मीठी लार को भी खंगाला।

और मैंने उसकी स्कर्ट को थाम लिया और उसकी टी-शर्ट को फाड़ने के लिए अपना हाथ घुमाया और स्पंजी मांस के खूबसूरत ग्लोब पर थपथपाया, जो सबसे अच्छा चूसा जाने की प्रतीक्षा कर रहा था। उसके नुकीले निप्पल नुकीले चाकू की तरह इतने सीधे थे कि उसके उत्तेजित होने का तरीका दिखा रहे थे।

और कुछ ही समय में हम अपने कपड़े उतार कर हॉल में सोफे पर बेतहाशा किस कर रहे थे और उसने धीरे से मेरे कानों में कहा कि वह अपने कॉलेज के समय से इस पल का इंतजार कर रही है। मैंने उसके स्तनों पर बची हुई शराब डालकर और चूत को चमकाकर उसे यहाँ से ले लिया और उसे बेतहाशा चूसना शुरू कर दिया। वह अपने बेतहाशा तरीके से कराह रही थी और इस तरह के और अधिक चूसने के लिए कह रही थी क्योंकि उसने कभी भी ऐसी जंगली जीभ बकवास का अनुभव नहीं किया था।

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत की रेखाओं का स्वाद चखा, जो बहुत अधिक नमी के साथ थी और वह अपनी जांघों को हिला रही थी, जिससे उसका संभोग के पहले चरण का संकेत मिला।

मैं पहले से ही तैयारी के साथ वहाँ गया था क्योंकि मेरे पास कंडोम था और उसे बाहर निकालना शुरू कर दिया और उसने कहा कि मैं तुम्हें कच्चा और कठोर महसूस करना चाहती हूँ इसलिए आगे बढ़ो मैं गोलियाँ ले लूँगा।

इसने मुझे ऐसी सुंदरता को बिना कंडोम के गुनगुनाने का मौका दिया। उसने मुझे लेटने के लिए कहा और मेरे सीने को पकड़े हुए मेरे ऊपर आ गई, वह मेरे सीधे लंड पर बैठ गई और पूरी ताकत से कूदने लगी और अपने 34b स्तनों को हथकंडा बनाने लगी और जब तक वह मेरी सवारी कर रही थी, मैंने उसे पकड़ रखा था।

वहाँ पर मैंने इस हॉट कुतिया को कुत्ते की शैली में चोदने और उसके चूतड़ों को पीटने की अपनी शुरुआत और कल्पना की और सही जगह पर मामूली वसा के साथ पतले कूल्हों को पकड़ना बहुत बढ़िया एहसास था।

आपको अच्छा लगेगा जब आप किसी लड़की को डॉगी स्टाइल में चोद रहे हों और वह उठकर अपनी नंगी पीठ को अपने शरीर से छू ले और आप उसके स्तन पकड़ कर उसकी गर्दन को चूम लें.. यह एक अनुभव और अवर्णनीय अनुभव है।

हमने एक-दूसरे को सोफे पर चोदना शुरू किया और उसके बाद बिस्तर पर और यहां तक ​​कि शॉवर भी अकेला छोड़ दिया। हमने एक-दूसरे को चम्मच देने की कल्पना की कोशिश की और पूरी रात उसके साथ सोए और सुबह-सुबह संध्या द्वारा घुटनों पर हाथ फेरते हुए उसकी आँखों पर मुस्कान और उम्मीद के साथ उठा।

यह तब तक जारी रहा जब तक वह अपनी माँ के यहाँ छुट्टी पर नहीं थी। हम अभी भी उसके घर या इंदौर में अपने स्नातक कक्ष में एक साथ कुछ निजी समय का आनंद लेते हैं .. अब 2 साल हो गए हैं और बिना किसी तार के अवैध और सुखद संबंध एक सुंदर अंत में आ गए क्योंकि वह गर्भवती हो गई और अमेरिका चली गई। अपने पति के साथ। मुझे यकीन है कि मैं उसकी गर्भावस्था का कारण नहीं हूं क्योंकि हमारी योजना स्पष्ट थी कि हम कोई बंधन नहीं रखेंगे और केवल शुद्ध मनोरंजन और यौन संबंध होंगे।

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