chudayi Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chudayi/ Hindipornstories.org Tue, 21 Dec 2021 07:44:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 दोस्त की बहन की गुलाबी चूत को अपने घर में चोदा https://sexstories.one/dost-ki-behan-ki-gulabi-choot-choda/ Tue, 21 Dec 2021 07:44:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3489 हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी.. वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी...

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Dost ki Behan ki gulabi choot ko Choda – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रियाज़ है | मैं रहने वाला भोपाल का हूँ | मैं अभी जॉब करता हूँ | मैं आज आप लोगो की सेवा में एक कहानी को लेकर हाजिर हूँ | दोस्तों मैं भी आप लोगो की ही तरह कहानी पढने का शौक़ीन  हूँ | मैं काफी अरसे से सेक्सी कहानी पढ़ता आ रहा हूँ | मैं बहुत सी कहानियाँ पढ़कर उनका मज़ा ले चूका हूँ और दोस्तों मुझे ज्यादा कहानी पढना दोस्त की बहन और दोस्त की गर्लफ्रेंड वाली पसंद है | मेरी हाईट 6 फुट 4 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | दोस्तों मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है और मैं अभी तक काफी बार चूत चोद चूका हूँ इसलिए मुझे अब चुदाई करने के इतने पोजीशन मालूम हैं | मैं अपने इस सात इंच के लंड से किसी भी लड़की या औरत की चूत की गर्मी को बुझा सकता हूँ तो दोस्त ये तो मैंने अपने बारे में बता दिया | दोस्तों अब बकचोदी हो गयी है | मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ महीने पहले की है जब मैं एक साफ्टवेयर कम्पनी में जॉब करता था | मैं जॉब बंगलौर में करता था इसलिए मुझे बंगलौर में रहना पढता था | मैं वहीँ पर घर रेंट पर लेकर रहता था | जब मैं उस कम्पनी में जॉब करता था तो उस टाइम वहां मेरा एक लड़का दोस्त बन गया था | उसका नाम रोहन था और वो मेरे साथ ही जॉब करता था इसलिए मेरी उसकी दोस्ती हो गयी थी | धीरे धीरे काफी दिन हो गए और मेरी उसकी दोस्ती कुछ ज्यादा ही हो गयी | वो मुझे एक दिन अपने घर पर डिनर करने के लिए कहा | तब मैंने उससे कहा की सन्डे के दिन चलता हूँ  | दोस्तों मेरे ऑफिस में संडे को छुट्टी रहती हैं | उस दिन मैं और रोहन साथ में घुमने गए और जब हम दोनों लोग घूम कर आये | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं उसके घर जाकर उसके साथ सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा | मैं टीवी देख रहा था तभी उसकी बहन आई |

रोहन – सुमित ये मेरी बहन नीलम है और नीलम ये मेरा दोस्त सुमित है |

मैं – हाय नीलम ?

नीलम – हाय सुमित |

मैं – हाउ आर यू ?

नीलम – जस्ट  फ़ाईन एंड यू ?

मैं – आई ऍम सो हैप्पी |

फिर मैं उससे ऐसे ही बात करने लगा साथ मैं मेरा दोस्त रोहन भी बैठा था | मैंने नीलम से पूछा इस टाइम क्या कर रही हो तो उसने बताया की मैं इस टाइम बी कॉम कर रही हूँ | दोस्तों मैं इससे आगे की कहानी बताने से पहले नीलम के फिगर के बारे में बता देता हूँ क्यूंकि ये ही मेरी कहानी की हिरोइन है | उसका मस्त कटीला भरा हुवा बदन है और उसके बूब्स तो काफी बड़े थे जो कपडे के ऊपर से ही साफ गोल दिखा करते हैं | उसकी गांड तो आकर्षण के केंद्र है | वो मुझे किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही लगी थी जब मैंने उसको पहली बार देखा था |

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पहली बार में ही मेरा दिल उस पर आ गया था और मैं उसे पटाने के बारे में सोचने लगा था | फिर उस दिन मैंने उसके साथ बैठ कर खाना खाया उसके बाद मेरा दोस्त रोहन मुझे छोड़ने आया | मैं अपने घर चला आया | दुसरे दिन की बात है जब मैं अपने ऑफिस में काम कर रहा था तो मेरे दोस्त ने कहा भाई चलते हैं लंच कर लेते हैं काम बात में कर लेना क्यूंकि उस टाइम लंच टाइम चल रहा था | मैं और रोहन एक साथ में लंच किया और अब मैं रोहन के घर अक्सर जाया करता था | मैं वहां नीलम से बात किया करता और वो मुझसे बता करती थी | जब वो मुझसे बात करती थी तो मुझे अच्छा लगता था | वो भी मुझे पसंद करती थी ये बात मुझे कुछ ही दिन में पता चल गया | एक दिन की बात है जब मैं छोट्टी पर था और उस दिन रोहन जॉब पर गया हुआ था | उस दिन नीलम शॉपिंग करने जा रही थी |

रोहन – ने मुझे कॉल की और कहाँ सुमित नीलम शॉपिंग के लिए जा रही है | मुझे टाइम नही है तो तू साथ में चला जा |

मैं – ठीक है चला जाता हूँ उस बोल दो की मेरे साथ जाना है |

रोहन –  हाँ मैं उसे बोल देता हूँ और तुम्हारा नम्बर देता हूँ |

मैं – हाँ देदो |

पर दोस्तों मेरे पास उसका नम्बर पहले से था और मेरा उसके पास क्यूंकि उसकी मेरी बात कभी कभी हुआ करती थी | कुछ ही देर में उसका फ़ोन आया |

नीलम – हेल्लो |

मैं – हेल्लो हाँ बोलो |

नीलम – भईया ने तुम्हारे साथ शॉपिंग के लिए जाने को कहा है |

मैं – तो मेरे साथ नही जाने का मन है क्या ?

नीलम – नही ऐसा नही है आप तो मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मुझे तो भरोसा भी नही था की मुझे शॉपिंग के लिए तुम्हारे साथ जाने को मिलेगा |

फिर मैं और नीलम एक साथ शॉपिंग करने गए | जब मैं और नीलम एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे तो नीलम ने कुछ चीजे ली उसके बाद नीलम को एक जींस और पंसद आ गयी थी | नीलम ने अपने वॉलेट में देख तो रुपये कम थे तो वो जींस मैंने उसे लेके देदी | तब नीलम ने मुझे थैंक्स बोला और कहा तुम भी कुछ ले लो और नीलम ने मेरे लिए जींस और शार्ट सेलेक्ट किया | मैं लेके घर चला आया उस दिन से वो मुझे ज्यादा ही पंसद करने लगी थी | उसके 4 महीने के बाद की बात है जब वो मेरे साथ घुमने भी जाने लगी थी | उस दन मैं और नीलम मूवी देखने गए थे | उस दिन जब हम मूवी देख रहे थे तो उसने मुझे वहां मेरी होठो पर किस की और मेरा लंड खड़ा हो गया था वेसे हम लोग किस तो बहुत पहले से करते थे पर उस दिन मेरी अन्दर का जानवर जग गया था | मैंने भी उसे वहीँ पर गर्म कर दिया |  वो अब चुदने के लिए तैयार हो गयी थी |

मैं तुरंत ही वहां से अपने घर आया और फिर अपने बेडरूम में ले गया | वो मेरे से लिपट गयी और मैं उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी | मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके बूब्स के निप्पल को मुंह में रख कर चूस रहा था | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही 3 -5 मिनट तक चूसने के बाद उसकी पैंटी को मुंह से पकड कर निकाल दिया | फिर मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर उसकी चूत तो चाटने लगा |

वो बिस्तर को कस के पकड का सेक्सी आवाज में ह ह ह ह ह…. अ अ अ अ अ….. हु हु हु हूँ…. आ आ आ…. सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी मस्त सेक्सी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया | तब मैंने उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | वो हु हूँ हूँ हु….. आ आ आ आ….. हाँ हाँ हाँ… उई उई उई… हह हह ह हह… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको अपनी ऊँगली से चोदने लगा | मैं उसकी चूत में ऐसे ही 3 -4 मिनट तक ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपडे निकाल कर उसकी टांगो को फैला कर अपने लंड में थूक लगा कर उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत में धीरे से अपने लंड को घुसा दिया |

उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में आराम से घुसा गया | वो सेक्सी आवज में उ ऊ ऊ ऊ….. हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में धीरे धीरे धक्को के साथ अन्दर बाहर करने लगा | मैं कुछ देर तक ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | वो कुछ ही देर में मस्त होकर चुदने लगी और मज़ा लेने लगी | तब मैं उसके दोनों बूब्स को पकड कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी कमर को पकड कर उसको अपनी और खीच कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा जिससे कुछ ही देर में धक्को की आवाज कमरे में गूंजने लगी | वो सिसकियाँ पर सिसकियाँ ले रही थी साथ वो मस्त होकर अपने बूब्स के निप्पल को दबाती हुई चुदने लगी | मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया |

फिर वो अपनी चूत में ऊँगली डाल डाल कर वीर्य को निकालने लगी | वो वीर्य को इसलिए निकाल रही थी अगर वीर्य अन्दर रह गया था | उसके बाद उसने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए | फिर उसको उसके घर तक छोड़ आया | दोस्तों ये थी मेरी कहानी मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी पढने में मज़ा आया होगा |

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दीदी की रंगीन रातो का चौकीदार https://sexstories.one/didi-ne-chudwaya-ajnabi-se/ Wed, 15 Dec 2021 07:00:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3508 अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी. मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है..

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Didi ne chudwaya ajnabi se नमस्कार दोस्तों. मै दाशिन खान राजस्थान के छोटे से गांव का रहने वाला हूं मेरी उम्र 23 साल है सबसे पहले मै आपको अपने परिवार का परिचय करवा देता हूं मेरे घर में हम 6 भाई बहन है 3 बहने और 3 भाई मेरे से सब बड़े है सब की शादी हो चुकी है मेरे को छो़कर… यह कहानी मेरी सबसे बड़ी बाजी (दीदी) सुल्ताना की है जिसकी उम्र करीब 42 साल है शादी शुदा औरत है दिखने में भोली भाली और शरीफ लगती हैं व हमारे घर के पास में ही उनका ससुराल है जहां वो अपने पति के साथ रहती हैं उनके 4 बच्चे हैं

बाजी दिखने में सुंदर है ज्यादा गोरी तो नहीं फिर भी उनकी हाइट ज्यादा और थोड़ी मोटी होने से उनका फिगर कातिलाना है मोटी मोटी आंखे, बड़ी बड़ी चूचियां और जांघे और सबसे ज्यादा आकर्षित उनके बहुत बड़े बड़े चूतड जो चलने पर बहुत मस्त लगते थे ! गाव में औरतें घाघरा चोली ही पहनती हैं मेरी बाजी भी यही पहनती थी जीजाजी 45 साल के है और हट्टे कट्टे लगते हैं यहां गांव में ज्यादा तर का काम खेती का ही होता है हालाकि बाजी कभी कभी नौकरानी का काम भी कर लेती हैं बड़े घरो में खाना बनाने का

मै बचपन से ही अपनी बाजी के पास ज्यादा रहा हूं क्युकी हमारे गांव में स्कूल नहीं था इसलिए मैं उनके पास रहता था और पढ़ाई करता था जब मै छोटा था और मेरे में समझ कम थी तब रात को बाजी और जीजाजी रात को उठकर घर के अंदर जाते थे और 15-20 मिनट बाद वापस आ जाते थे बस मुझे बाजी की चूड़ीयो की और सिसकारी की आवाज आती थी पर मुझे उस समय पता नहीं था कि अंदर क्या होता था बाद में पता चला कि अंदर क्या होता था
खैर बात साल भर पुरानी है काफी समय बाद अब मै शहर में रहता था और पढ़ाई करता था जब भी मैं घर जाता तो पहले मै बाजी के घर जाता था क्यूकी शहर से जो बस जाती वो जीजा जी के गाव जाती आगे मै जीजाजी की बाइक लेकर घर जाया करता था

उस दिन भी मै शहर से रवाना हुआ जीजा जी को फोन लगाया तो बंद बता रहा था मैंने सोचा घर पर होगे तो आज उन्हें मिलकर सरपाइज देता हूं रात को करीब 10 बजे मै उनके गांव पहुंच गया बस स्टैंड से पास में ही उनका घर था तो मैं उनके घर की तरफ रवाना हुआ बाजी का घर बाकी घरों से सबसे अंतिम में है उनके घर में 2 गेट है एक सामने और एक पीछे

पीछे की तरफ गायो का बाड़ा बना हुआ है मै धीरे धीरे उनके घर के पीछे वाले हिस्से में पहुंचा था और सोचा जीजा जी कोल करू की आप आगे का गेट खोले मै आ रहा हूं

जैसे ही मै पीछे वाले गेट के पास पहुंचा मुझे बाजी के घर के पिछले रूम जो स्टोर रूम बना हुआ है उसमे से आवाज आई मै रुक गया थोड़ा रुका तो फिर लगा कोई आपस में बात कर रहे हैं मैंने सोचा कोन हो सकता है इतनी रात में वो भी स्टोर रूम में मै पीछे गेट से स्टोर रूम की खिड़की जो बाहर की तरफ थी उसके पास गया और आवाज सुनने लगा तो बाजी की आवाज सुनाई दी

आह धीरे से करो ना आज कोई नहीं है….

मुझे अजीब लगा दीदी और जीजू यहां क्यू आए हैं वो यह सब कुछ आगे वाले रूम में भी कर सकते थे ….

बाजी की आवाज फिर सुनाई दी आज सिर्फ बच्चे ही है और कोई नहीं आप आराम से करिए।।।

मेरा दिमाग खराब हो गया मतलब की बाजी के साथ जीजू नहीं थे कोई और था मै शोक हो गया पहले सोचा घर का आगे का गेट बजा देता हूं पर मै वही रुक गया और आवाज सुनने लगा कि बाजी के साथ और कोन है

मै बिल्कुल खिड़की के पास चला गया और अंदर देखने लगा तो लाइट बंद थी पर जो टूटी फूटी चारपाई थी उस पर बाजी लेटी हुई थी और एक आंदमी उस पर चढ़ा हुआ था शायद वो बाजी के चूचे दबा रहा था जिसे बाजी हल्की सी सिसकारी ले रही थी क्युकी चारपाई का मुंह खिड़की के पास में था इसलिए बाजी का सर बिल्कुल खिडकी से सटा हुआ था यानी कि बस कुछ ही दूरी पर मेरी बाजी को बजा रहा था.

थोड़ी देर तक बाजी की आवाज़ आई “अब राहा न जाता मुझे चोदो ना”

अब मुझे भी मजा आने लगा और मेरा हाथ अपने आप पैंट में चला गया और मैं अपने लन्ड को दबाने लगा

कुछ देर बाद पायल की आवाज सुनाई दी और वह बाजी को लिप किस करने लगा

अभी फिर उस आदमी की आवाज़ आई

‘मेरी जान तैयार हो’ उधर से बाजी की सिर्फ हम्ममम की आवाज़ आई

अचानक से बाजी जोर से चीखी

, मादरचोद आराम से मारेगा क्या’

उफ्फ आराम से उम्मम्मम हाय री’

अब बाजी की पायल की आवाज़ आने लगी और साथ में चारपाई की चू चू करती आवाज़

मेरा लन्ड पूरा तन गया था और मै भी मूठ मार रहा था

अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी

मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है तो मुझे क्या दिक्कत

खैर कमरे से आती गालियों की आवाजे भी अब मुझे मधुर लगने लगी

बाजी- मादर चोद आराम से करो ना मै कोई रडी नही हूं

आदमी- साली हमेशा मैरा मोटा लन्ड लेती हो और बोलती हो रांड नहीं हो ।।।। ‘साली आज तेरी बुर् फाड़ दुगा” “साली रांड ले मेरा लन्ड पूरा”

बाजी बड़े मजे से लन्ड खा रही थी उसका छोटा भाई सिर्फ़ उसकी धमाके दार चुदाई देख रहा था

करीब 15 मिनट बाद उनका तूफान शांत हुआ वो आदमी बड़े जोर से चिल्लाता हुआ बाजी के भोसड़े में झड़ गया

उनके साथ मेरे लन्ड का पानी भी निकल गया और मैं धीरे से आगे वाले गेट पर आ गया और बाजी को आवाज़ लगाई

थोड़ी देर बाद बाजी बाहर आयी और मुझे देखकर बोली “अरे छोटे तू कब आया’

मैंने कहा “अभी आया हूं बाजी

बाजी थोड़ी सी डरी हुई थी और उसकी हालत थोड़ी थोड़ी खराब थी और होती थी क्यों नहीं अभी एक आदमी से जमकर अपना भोसड़ा मरवा के आय्यी हो

मै अंदर आ गया तो बाजी बोली “छोटू तुम रुको यहां मै तेरे लिए खाना लगा देती हूं”

और इतना कहकर वो पीछे वाले गेट की तरफ गयी शायद वो आदमी अभी पीछे वाले गेट पर ही था

मै भी उठा और पीछे की तरफ चला गया पीछे की तरफ देखा तो वहां कोई नहीं था थोड़ा और पीछे गया तो सामने बाड़े में उस आदमी ने मेरी बाजी को पकड़ रखा था क्युकी चांदनी रात थी इसलिए मुझे सब साफ दिख रहा था

एक लंबा सा और मोटा सा आदमी मेरी बाजी पकड़े हुए था मुझे तो बहुत आश्चर्य हुआ कि केसे इस सांड को बाजी ने अपने ऊपर लिया हुआ था

बाजी कराहा कर बोली “”जाओ जल्दी छोटा भाई आ गया है”

तो वो आदमी बोला “तो क्या हुआ भाई को भी देखने दे कि केसे उसकी बहन रात में अपनी चुदाई करवाती हैं”

इतना कहकर उसने मेरी बाजी के होठ अपने मुंह में ले लिया

मै मन हारकर रह गया कि कोई मेरी बाजी को मेरे सामने मसल रहा है और मैं सिर्फ़ देख रहा हूं

मै वापस आकर रूम में बैठ गया थोडी देर बाद दीदी वहां पर आई उसके बाल बिखरे हुए थे और गालों पर काटने जैसे निशान थे

मैंने कहा “बाजी इतनी देर कहा लगा दी”

तो वो बोली “छोटू गाय के बाड़े में सांड घुस गया था उसे निकालने गई थी”

मै मन में ही बोला “अभी तो वो सांड आपके ही ऊपर था”

खैर थोडी देर इधर उधर की बाते हुई और मै सो गया

सुबह बाजी ने उठाया और चाय दी

मैने चाय ली और कहा “बाजी जीजा जी कहा है

वो बोली”तेरे जीजा जी पास के गांव में गए है कुछ खेतो के काम से 2 दिन बाद आएगे”

मैने नहा धोकर खाना खाया और पीछे गेट पर आ गया और धूप सेकने लगा इतने में बाजी आ गई और हम बाते करने लगे

बाजी- “छोटे अब बता कैसी चल रही है तेरी पढ़ाई ”

मै बोला”बहुत ही अच्छी है बाजी”

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बाजी- “घर कब जा रहे हो अम्मी के पास”

मै बोला”शाम को जीजा जी की बाइक लेकर जाऊगां”

पर वो बोली “बाइक तो तेरे जीजा जी ले गए”

थोड़ा सोचकर बोली “एक काम हो सकता है अपने स्कूल के सर जी पीछे ही रहते हैं उनके पास बाईक है तुम ले जाना और वापस आते हुए ले आना”

मैने कहा”तुम केसे जानती हो सर जी को” तो वह कहने लगी कि ‘स्कूल में प्रोग्राम होता रहता है इसलिए मै वहां खाना बनाने जाती हूं”

और बाजी ने सर जी को फोन किया और सब बात बताई तो वह बोला मैं आ रहा हूं 10 मिनट में

और थोडी देर बाद एक आदमी आया

अरे यह तो रात वाला ही आदमी है जो मेरी बाजी को चोदकर गया था

उसने कहा “यह लो चाबी छोटू शाम से पहले चले जाना यहां बहुत सर्दी है”

मुझे तो ऐसा लगा कि बो बोल रहा हो कि शाम से पहले चले जाना क्युकी रात में तेरी बाजी मेरे से भोसड़ा मरवाएगी

खैर वो बोलकर चला गया

और हम इधर उधर की बाते करने लगे

इतने में जीजा जी का कोल आया तो पहले बाजी बात करने लगी बाद में उसने मेरे बारे में बताया तो जीजाजी ने कहा कि यह यह तो बहुत ही अच्छा हुआ कि मुझे अभी 4-5 दिन और लग जाएंगे तुम छोटू को अपने पास में रहने देना
शायद बाजी को यह अच्छा न लगा और लगता भी केसे उसका प्लान खराब हो गया था

मै खुश हो गया और बाजी मायूस हो गई

मैने कहा “क्या हुआ बाजी”

वो बोली “कुछ नहीं”

ऐसे करके 2 दिन निकल गए

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मेरी पलागतोड़ चुदाई https://sexstories.one/meri-palagtod-chudai-story/ Sat, 11 Dec 2021 07:03:02 +0000 https://sexstories.one/?p=4890 उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से... वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज...

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Meri Chudai / Patni ki Palagtod Chudayi Story – हेलो दोस्तों! कैसे हो सब? आज फिर से लेके आयीं हूँ उस सेक्सी स्टोरी का दूसरा भाग.. मैं अपने बारे में फिरसे बता दूँ.. मैं एक इंटीरियर डिज़ाइनर हूँ और मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी और स्लिम है.. उम्र २५ साल और मैं पूरी दूध की तरह गोरी चिट्टी हूँ.. एकदम सेक्सी कर्व्स, पेट स्लिम टीम और फ्लैट है… बेल्ली तो लगभग है ही नहीं.. और मेरे बूब्स और गांड बड़े हैं.. मैंने अपनी फोटो पहले भाग में शेयर की थी..

मेरा एक छोटा बच्चा है जो ४ महीने का है.. ऐसे तो मेरे पति मुझे रोज़ चोदते है.. वो भी एक जंगली जानवर की तरह…लेकिन आज रात तो वो एक अलग ही जानवर बन गए थे… चुदाई से घर में आधा सामान टूट चूका है… मेरे पति ऑफिस में थे और मैं अपना काम कर रही थी, वर्क फ्रॉम होम वाली… तभी मेरे पति का मुझे कॉल आया.. वो बोले के वो आज रात अलग ही जोश में होंगे… आज रात वो पूरी रात इतनी ज़ोर से चुदाई करेंगे की पूरा घर हिलने लगेगा.. मैं बोली, ठीक है.. मेरे पतिदेव.. पहले घर तो आ जाओ..

रात के १० बज चुके थे.. मैंने टेबल पे काम करते करते खाना लगा दी थी..

और मैं खुद काम करने लग गयी.. मेरे पति १० बजे आये और वो मुझे किस करना चाहते थे.. लेकिन मैंने उनको करने नहीं दिया क्योंकि मैं कांफ्रेंस कॉल पर ट्रेनिंग दे रही थी नई कैंडिडेट्स को… वो फ्रेश होक आये और खाना खाने बैठ गए.. मैं भी कांफ्रेंस कॉल ख़त्म करके खाने बैठ गयी.. फिर खाने के बाद, उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगे.. लेकिन मुझे अभी भी एक फाइल भेजना था कैंडिडेट को..

मैंने उनको बोला प्लीज अभी नहीं.. क्योंकि मुझे ये लास्ट फाइल भेजनी थी.. लेकिन वो माने ही नहीं… और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे ज़ोर से…

फिर उन्होंने अपना पायजामा खोल दिया और सैंडो भी उतार फेका और अपना अंडरवियर भी खोल दिया.. हमारा बेटा हमारे बेडरुम में सो रहा था.. फिर उन्होंने मुझे उठाया और टेबल पर लेटा दिया.. टेबल पर बहुत सारे खाने का सामान था और मेरे काम की चीज़े भी थी जैसे की पेपर्स, लैपटॉप और पेंसिल बॉक्स… मैं अपने ऑफिस से एक १८ साल के इंटर्न कैंडिडेट से पेंसिल बॉक्स लेके आयी थी.. क्योंकि वो गलती से छोड़ के चला गया था.. लेकिन मेरे पति ने मुझे टेबल पे उन सब के ऊपर लेटा दिया था… और मेरे कपडे फाड़ दिए.. और मेरे ऊपर आ गए.. मिशनरी पोजीशन में… और अपने बदन से मेरे बदन को ज़ोर से दबाने लगे…

मेरे पति बहुत भारी है क्योंकि उनका बड़ा सा पेट है.. मैं पेपर्स और पेंसिल बॉक्स के ऊपर लेटी हुई थी.. पेंसिल बॉक्स ठीक मेरी गांड के निचे था और मेरे पति मेरे ऊपर पूरे जोश में थे और मेरे बॉडी को काट रहे थे.. फिर उन्होंने अपना १० इंच का काला मोटा लंड ज़ोर से मेरी कमसिन चूत में घुसा दिया.. मैं चिल्ला उठी… लेकिन वो माने नहीं..

उन्होंने अपनी चुदाई को स्पीड बढ़ा दी..

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मैं चिल्ला रही थी… सिसकारियां निकाल रही थी..उउउउउ…. आआह्ह्ह्हह…. उम्म्म्म…. आउच! थोड़ा आराम से… लेकिन वो मान ही नहीं रहे थे.. उन्होंने और वज़न दाल दिया और ज़्यादा स्पीड से चोदने लगे… पूरा टेबल धप-धप-धप के आवाज़ कर रहा था.. और ज़ोर से हिल रहा था…

मेरे गांड के निचे जो पेंसिल बॉक्स था वो पूरा टूट गया और पेपर्स भी फट गए चुदाई से.. पेंसिल बॉक्स के टुकड़े मेरे गांड में चुभ रहे थे..

लेकिन मेरे पति पूरे जोश में जंगली सेक्स कूद-कूद के कर रहे थे.. जब वो मेरे ऊपर कूद-कूद के चुदाई कर रहे थे तो पूरा टेबल इतना ज़ोर से हिल रहा था आगे-पीछे की जैसे टूट ही जायेगा.. सारा खाना निचे ज़मीन पे गिर रहा था.. और देखते ही देखते टेबल टूट गया हम दोनों के चुदाई से…

हम दोनों निचे गिर गए.. फिर भी वो रुके नहीं… चुदाई करते रहे.. मैं आअह्ह्ह…. आह्ह्ह्ह… उईईई माँ…… मर गयी… आअह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह… आउच… आउच… उउउउउ….. सससस, करती रही… मेरी सेक्सी सिसकारियां सुन कर वो और भी ज़ोर से चुदाई करने लगे.. सब खाना मेरे बदन पर चिपक रहा था…

फिर वो अकड़ गए और एक ज़ोर का झटका मारते हुए उन्होंने अपने लंड का माल मेरी गर्म चूत में छोड़ दिया.. मुझे थोड़ी राहत मिली.. वो मेरे ऊपर ही लेटे रहे.. फिर जब हमलोग उठे तो हमने निचे देखा.. पूरा सत्यानाश हो चूका था टेबल का.. खाना बिखरा था.. सब टूट गया था..

मैं फ्रेश होने चली गई..

कुछ देर बाद मेरे पति फ्रेश हो कर बैडरूम में मेरे पास आ गए और सोने लगे.. १ घंटे बाद वो फिर उठ गए.. उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से… वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज.. उनके अंदर पता नहीं कितना माल और पड़ा था.. चोदे और पेले जा रहे थी मेरी गीली गर्म चूत… मैं कराह रही थी.. और उनकी स्पीड बढ़ती जा रही थी…

पूरा बेड हिल रहा था.. बेटा भी बेड पर हील रहा था.. मुझे डर था की कहीं वो जाग न जाए…

चुदाई के समय के कराह रही थी… ओह्ह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह… आराम से… पर मेरे पति कहा रुकने वाले थे… ५ मिनट चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उल्टा किआ और मेरे मोटे गांड पर हाथ फेरा.. मुझे भी रूमानी नशा सा हो गया था.. मेरे गांड के होल पर उन्होंने थूक लगा और अपने लंड पर भी और एक-दो जटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया… मैं दबी आवाज़ में चिल्ला उठा… वो कूद-कूद कर मेरी गांड मारने लगे… उनके चुदाई के रिथम से पूरा बेड हिल रहा था.. करीब आधे घंटे गांड मारने के बाद मुझे फिर से सीधा लेटा दिया और जमके १५ मिनट तक मेरी चूत मारी…

तो ये थी मेरी दुसरी चुदाई की कहानी। इस चुदाई के बाद मेरे पति मुझसे रोज, हर रात, रफ वाइल्ड मिशनरी सेक्स करते हैं। जिस कामरे मैं हमलोग सोटे है वहा का बिस्तर बहुत मजबूत था। लेकिन मेरे पति की कच्ची चुदाई से, वो बिस्तर भी हिलने लगता है, और चूर-चूर की आवाज आती है।

आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी…

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मामी के साथ अनोखा रिश्ता https://sexstories.one/maami-ko-choda/ Mon, 22 Nov 2021 08:49:18 +0000 https://sexstories.one/?p=3443 उनका ब्लाउज अपने होठों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को खूब चाटा। फिर ब्रा खुलने के बाद उनकी बॉडी का ऊपर का शरीर देखकर में सिहर उठा और सारे बदन में कंपकपी छूट गई और उनके निपल्स को खूब चूसा और चाटा..

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Maami ko choda – मेरा नाम रोहन है और मेरी उम्र 24 साल है। में आज जो ये स्टोरी लिख रहा हूँ वो मेरी और मेरी एक मामी ज़ी के साथ हुए अनुभव के बारे में है। मेरे मामा की शादी 2005 में हुई थी। मामी अच्छी है और दिखने में सुंदर है। उनका साइज़ 36-25-34 है और उनकी उम्र 28 साल है। मामा की शादी के वक़्त जब वो पहली बार ससुराल आई तभी से मैंने उनसे दोस्ती बना ली थी, वैसे भी आप जानते है कि जब नई दुल्हन आती है तो उसका ख़ास ध्यान रखा जाता है। यहाँ भी वही होना लाज़मी था। में भी इस काम में मदद करता था, क्योंकि मुझे मामी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता था और मामी भी मुझसे बातें करके टाइम पास कर लेती थी। ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी और हम लोग खाना भी साथ खाने लगे, क्योंकि बाद में मेरे कॉलेज की पढाई की बात थी तो मुझे 1 हफ्ते के बाद वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा।

मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और मामा जी का घर कानपुर में है यहाँ से में मामी ज़ी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और धीरे-धीरे मैंने उनसे गहरी दोस्ती का रिश्ता बना लिया। उनकी शादी में मुझे उनकी एक फ्रेंड भी काफ़ी पसंद आई थी और में अक्सर मामी से कहता कि मेरी उससे शादी करावा दो तो वो भी कहती कि हाँ हाँ करवा देंगे जब सही समय आयेगा। तो इन सब बातों को करते हुए हम काफ़ी फ्रेंड्ली हो गये थे, में अक्सर उनसे उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में, फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था, जिस पर कभी वो शरमाती तो कभी तुरंत जवाब देती और मजाक़ में कहती कि तुम्हारी शादी होने दो, फिर देखेंगे तुम क्या-क्या प्लानिंग करते हो।

ऐसे ही वक़्त गुज़रता चला गया और फिर करीब 8-10 महीने के बाद मैंने छुट्टियों का प्लान किया और मामा जी के घर पहुँच गया और इस बार वहां रहने के लिए मेरे पास काफ़ी टाईम था और घर पहुँच कर सभी से मिला नानी, मामा, कज़िन, सभी काफ़ी खुश हुये और में भी बहुत खुश हुआ, लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी मामी जी से मिलने की थी और उनके साथ वक़्त बिताने की थी। मामा स्कूल टीचर है तो वो सुबह जाते और शाम को घर आते। मामा, मामी की शादीशुदा लाईफ काफ़ी अच्छी चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे और आज भी है और नानी, मौसी और अन्य फेमिली मेंबर वही रोज के घर के काम में लगे रहते थे। गावों में, वैसे भी कोई ना कोई काम लगा ही रहता है। मामी भी घर के काम करती है, लेकिन ज़्यादा नहीं और नॉर्मल काम करके फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय बिताती है। में भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था।

फिर जब वो खाना बना रही होती तो कभी किचन में उनके साथ समय बिताता या फिर बाद में उनके रूम के आस-पास मंडराता रहता और इसी बीच वो मुझसे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती। लंच तो हम साथ में ही करते थे, वो भी अच्छी है और में भी ठीक ठाक हूँ। तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी आपस में अच्छी बनती थी। हम नॉर्मली उनके बेड पर बैठकर ही लंच करते थे। कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया है। मुझे बहुत मज़ा आता था। ऐसे ही एक दिन लंच टाइम में मामी नहाने के बाद तैयार हुई। उन्होंने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी, बाल खुले हुए जिनसे से हल्की-हल्की पानी की बूंदे टपक रही थी, ब्लाउज जो सामान्य ही था, लेकिन उनकी हेल्थ अच्छी होने की वजह से और भी चार चाँद लगा रहा था।

उनका गोरा और चिकना पेट देखकर मेरे मन में हलचल मच गयी थी। में भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने तैयार हो रहा था, उस समय मामी किचन में थी। में तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है, लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रोडक्ट्स की किट में से क्रीम और कोई भी सामान जो मुझे चाहिए हो, वो ऑफर किया। मैंने कहा मामी में तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसे गोरे और सुंदर लोगों लिए अच्छे है। तभी वो बोली तुम कहाँ से बुरे हो, गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता व्यवहार का भी तो असर होता है और तुम्हारा व्यवहार काफ़ी अच्छा है। मैंने उन्हें मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा तो उन्होंने कहा तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे।

फिर लंच करते समय वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी, उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही ख़त्म हो गई थी, मेरा तो दिल कर रहा था कि इन्हें ही खा जाऊं। फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा क्या बात है खाना क्यों नहीं खा रहे हो? तो मैंने कहा मन नहीं है। फिर उन्होंने मुझसे काफ़ी बार पूछा, लेकिन में उन्हें क्या बता सकता था। फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाना शुरू किया। उनके मुलायम हाथों से खाना खाने में अच्छा लग रहा था। कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होठों के बीच में दबा लिया और वो मुस्कुराती हुई कहती कि ऑश, बदमाश खाना खाओ, मेरी उंगलियाँ मत खाओ।

में : मुझे खाना तो खाना नहीं है में तो बस आपकी उंगलियों की वजह से ही में इतना खाना खाने की इच्छा जता रहा हूँ।

Sexy kahani – पहले पहले प्यार का लम्बा इंतजार – 2

मामी : अच्छा जी तो खाना खाने में नहीं मेरी उंगलियों में रूचि है?

में : मुझे तो आपकी हर बात में रूचि है। आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, में आपको तो खा सकता हूँ, लेकिन खाना नहीं खा सकता।

मामी : ओह हो तो ये बात है। इतनी हिम्मत है, लगता है कि अब तो तुम्हारी शादी करवानी ही पड़ेगी।

में : में तो कब से कह रहा हूँ, लेकिन आप ही बात आगे नहीं बढ़ाती हो तो इस पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया। मुझे पानी पीना था तो मैंने मामी के बालों से टपकते पानी को देखा जो कि उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था। मैंने कहा मामी पानी देना तो वो ग्लास देने लगी मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है।

उन्होंने मुझे चिढाते हुए मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ दिया और कहा सुधर जाओ, वरना मार पड़ेगी। फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो हल्की नींद लेने का प्लान था। लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे। बातें करते-करते में उनका पेट देख रहा था और पेट पर उनकी गहरी नाभि क्या कमाल लग रही थी। मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद है और बातें करने के समय ही में उनके और करीब चला गया और उनके भीगे बालों को छूने लगा। मामी के लाल होंठ मुझे आमंत्रित कर रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होठों को चूम लूँ। इसके बाद मैंने अपना हाथ मामी के हाथ पर रखा और हल्का सा सहलाया, मामी ने मेरी तरफ देखा और मैंने उनकी तरफ देखा, मेरी साँसे भारी हो रही थी।

इतने में मैंने हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया और उसे सहलाया तो मामी मना करने लगी। तो उन्होंने कहा हम दोस्त है, लेकिन ऐसा मत करो, ये सब ठीक नहीं। लेकिन फिर में दुखी हो गया और उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया। उनके बदन की खुशबू और स्पर्श ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया। फिर मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक कोने से दूसरे कोने पर रोल होने लगे। मामी मुझे प्यार से सहला रही थी, तभी में उठा और मामी को सीधा करते हुए उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए।

फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी। फिर मामी मुस्कुराते हुए बोली बदमाश, किस्सर तो ज़बरदस्त हो, पहले कितनों को कर चुके हो? में मुस्कुराया और कहा आगे-आगे देखो में क्या-क्या करता हूँ। फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनका ब्लाउज अपने होठों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को खूब चाटा। फिर ब्रा खुलने के बाद उनकी बॉडी का ऊपर का शरीर देखकर में सिहर उठा और सारे बदन में कंपकपी छूट गई और उनके निपल्स को खूब चूसा और चाटा। तो मामी उत्तेजना की वजह से बड़बडा रही थी, ओह्ह्ह्ह रोहन तुम कितने अच्छे हो मजा आ गया और करो। फिर इसके बाद में पेट की तरफ बढ़ा, चिकने पेट पर मेरी नियत कब से खराब थी। उस पर पहले तो जी भरकर हाथ फेरा और फिर उसे चूमा, मैंने अपनी जीभ से उसे चाट-चाट कर लाल कर दिया और साथ ही साथ मैंने उनका पेटिकोट भी खोल दिया।

फिर अब बारी थी गहरी नाभि की, क्या गजब चीज़ थी। मैंने वहीं ग्लास में रखा पानी नाभि में भरा और उसे पिया। मामी सिसकारियाँ भर रही थी, उन्हें जैसे जन्नत के दर्शन हो गये हो और कहने लगी कि ओह्ह्ह रोहन तुमने कैसा नशा घोल दिया है, मुझे गुदगुदी हो रही है, ऑफ उहह वो मेरे बालों में उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थी। फिर मैंने अपनी पेंट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया, इतने में मामी बोली, ओह रोहन प्लीज़ अंडरवेयर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे अंडरवेयर को धीरे-धीरे उतारने लगी। फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवेयर ऊतार फेंका और लंड हाथ में लेकर उसे किस करने लगी, में सातवें आसमान पर था। मैंने उनकी गीली चूत में साईड से हाथ डालते हुए उसे टाँगों से अलग कर दिया। उनकी एकदम शेव चूत थी उनके पेट और चूत का रंग एक जैसा था। एकदम गोरा और मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 6 इंच लम्बा है।

फिर में उनकी चूत में उँगलियाँ कर रहा था और वो मेरे लंड को किस कर रही थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे कि तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधा लेट गया। मामी की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी। मैंने अपना लंड चूत के मुँह पर रखा और एक झटके में ही आधा लंड पेल दिया, मामी चहक उठी, ओह्ह्ह्हह डियर मज़ा आ गया। फिर मैंने इसके बाद दूसरे झटके में पूरा लंड चूत में पेल दिया और थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा और साथ ही साथ मामी के होठों को चूसता रहा। फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तो मैंने अपनी स्पीड तेज की और फिर ताबड़तोड़ झटके अंदर-बाहर करने लगा।

मामी : ओह्ह्ह जानू, आई लव यू, लगे रहो और अंदर घुस जाओ अपनी मामी को खा जाओ, उई उम्म अहह।

में बीच-बीच में कभी नाभि को चाटता तो कभी बूब्स चाटता तो कभी होंठ को चाटता। ऐसा करते-करते 10-15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और उसी पोज़िशन में काफ़ी देर तक पड़े रहे। उसके बाद मामी ने मुझे खूब किस किया और प्यार किया। फिर बाद में मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाये और ऐसा करते हुए उन्हें काफ़ी चोदा और और में उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आइसक्रीम भरकर चाटता हूँ और ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आता है। मामी और मेरा प्यार आज भी वही है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है।

कहीं कोई प्रोब्लम नहीं है, सब जगह प्यार ही प्यार है ।।

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समीक्षा ने मुझे तसल्ली दी https://sexstories.one/desisex-chodayi/ Fri, 01 Oct 2021 07:41:08 +0000 https://sexstories.one/?p=4392 जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे भी मजा आने लगा और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैने उसके बदन को पूरी तरीके से गरम कर दिया था जैसे ही मैंने समीक्षा की योनि के अंदर अपने लंड को धीरे धीरे डाला तो उसकी योनि से खून बाहर आने लगा था

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desisex porn antarvasna kahani – घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए तो काम करने के लिए शहर जाना पड़ा। मैं जब ट्रेन से उतरा तो मुझे मुंबई ऐसा लगा कि जैसे ना जाने मैं कहां आ गया हूं इतनी भीड भाड और इतने लोग देखकर मैं तो हैरान था। मेरी आंखें उन सब लोगों को देख रही थी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कौन सी तरफ से जाना है मैंने अपने बैग को अपने कंधे पर रखा और मैं स्टेशन से बाहर के लिए निकला तभी एक व्यक्ति मुझे दिखाई दिए उनकी मोटी तोंद और उन्होंने मोटे से चश्मा पहने हुए थे। मुझे लगा यह काफी समझदार लग रहे हैं इनसे ही मुझे पता पूछना चाहिए मैंने उनसे पता पूछा तो उन्होंने मुझे पहले तो ऊपर से लेकर नीचे तक देखा फिर मुझे कहने लगे अरे भाई साहब तुम्हें क्या सुबह सुबह कोई और नहीं मिला। मैंने उन्हें कहा भाई साहब आप ही बता दीजिए वह कहने लगे जाओ किसी और से ही पूछो वह चिल्लाते हुए चले गए ना जाने अपनी किस परेशानी से वह जूझ रहे थे जो की मुझ पर इतना चिल्लाने लगे।

मैं थोड़ा आगे गया तो एक सज्जन व्यक्ति मुझे मिले उन्होंने मुझे पता बताते हुए कहा कि भैया आप यहां से ऑटो कर लीजिए आपको कुछ दूरी पर ही ऑटो वाला छोड़ देगा। मैंने भी सोचा कि यह ठीक कह रहे हैं इसलिए मैंने ऑटो रिक्शा कर लिया ऑटो रिक्शा वाले ने अपने ऑटो के मीटर को ऑन किया और हम लोग वहां से आगे बढ़ गए थे। मैंने अपने मामा को फोन किया और कहा मामाजी मैं आने वाला हूं मामा कहने लगे तुम कहां पहुंचे मैंने मामा से कहा बस आस-पास ही हूं मुझे नहीं पता लेकिन यह ऑटो वाले भैया ही मुझे छोड़ देंगे। वह कहने लगे ठीक है तुम फ्लैट के पास आ  जाओ मैं पहुंचता हूं लेकिन मुझे क्या पता था कि जैसे ही मैं वहां पहुंच जाऊंगा तो मामा जी का फोन ही बंद हो जाएगा। मैं काफी देर तक वहीं बाहर खड़ा उनका इंतजार करता रहा मेरे पास तो उनका पूरा पता भी नहीं था उन्होंने मुझे जो सोसायटी का नाम बताया था वही मुझे मालूम था।

दरवाजा खुला रह गया

वह तो अच्छा हुआ कि मामा जी ने नीचे आकर मुझे देख लिया जब मामा जी मुझे मिले तो मैंने मामा जी से कहा मैं कितनी देर से आपका यहां इंतजार कर रहा हूं। मामा जी कहने लगे मेरी आंख लग गई थी और मुझे पता ही नहीं चला कि तुम्हारा फोन आ रहा था और फिर मेरा फोन भी बंद हो गया था। मैंने मामा जी से कहा कोई बात नहीं वह कहने लगे ठीक है चलो फिर घर चलते हैं। वह मुझे अपने साथ अपने फ्लैट में ले गए जब मैं मामा के फ्लैट में गया तो मैंने मामा जी से कहा आप तो बड़ी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।

मामा कहने लगे अरे खाक अच्छी है यहां दुनिया भर की परेशानियां है जीवन तो जैसे रेस का मैदान बना पड़ा है पता ही नहीं चल रहा है कि कहां जाना है और कहां से आना है बस ऐसे ही अपनी जिंदगी काटे जा रहे हैं। मामा जी ने अब तक शादी नहीं की है और वह 45 वर्षीय कुंवारे हैं मामा एक कंपनी में मैनेजर के पद पर हैं। उन्होंने मुझे कहा कि देखो ललित बेटा यहां पर तुम बड़े ही सोच समझ कर रहना किसी भी लड़की के चक्कर में मत पड़ जाना। मैंने उन्हे कहा अरे मामा जी आप कैसी बात कर रहे हैं मैं यहां काम करने के लिए आया हूं कोई लड़की बाजी करने के लिए थोड़ी आया हूं।

मामा कहने लगे तुम्हें मालूम है ना कि इससे पहले मेरे साथ भी क्या हुआ है। मामा जी को लड़कियों से थोड़ी दिक्कत होती थी मामा जी ने मुझे कहा कि कल तुम मुझे अपना बायोडाटा दे देना और मेरे साथ ही ऑफिस चलना मैंने उन्हें कहा ठीक है मामा जी। अगले दिन मैं उनके साथ ही उनके ऑफिस में गया उन्होंने मुझे अपने बॉस से मिलवा दिया जब उन्होंने मुझे अपने बॉस से मिलाया तो उनका रुतबा देख कर ही लग रहा था कि वह किसी कंपनी के मालिक हों। जब उन्होंने मुझसे मेरे बारे में पूछना शुरू किया तो मैंने उन्हें अपने बारे में सब कुछ बता दिया और उन्होंने मुझसे मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा उसके बाद उन्होंने मुझे काम पर रख लिया था। जब मैं उनके कैबिन से बाहर निकला तो मामा जी ने मुझे बताया कि ललित बेटा तुम्हें मालूम है सर कि ना जाने कितनी कंपनियां चल रही हैं और मेरी उनसे बहुत अच्छी बनती है इसलिए उन्होंने तुम्हें काम पर रख लिया नहीं तो इस कंपनी में आने के लिए भी लोगों को जूते घिसने पड़ते हैं।

मेरा पहला ही दिन था इसलिए मैं ज्यादा देर ऑफिस में नहीं रुका और घर चला गया मैंने मामाजी के लिए खाना बना दिया था मामा जी जब घर आए तो कहने लगे अरे ललित तुम तो बड़ा अच्छा खाना बनाते हो। मैंने मामा जी से कहा मामा जी घर में खाना बनाना सीख लिया था ताकि जीवन में आगे चलकर कोई परेशानी ना हो। मामा जी मुझे कहने लगे तुम ने बहुत ही अच्छा किया, बेटा ऐसा स्वादिष्ट खाना यदि तुम मुझे रोज खिलाओगे तो मैं तो मोटा हो जाऊंगा और यह कहते हुए ही मामा जी हंसने लगे। मैं और मामा जी साथ में बैठे हुए थे तो वह मुझे अपने ऑफिस के बारे में बता रहे थे, अब अगले दिन मेरा ऑफिस का पहला ही दिन था मैं जब ऑफिस में गया तो ऑफिस में पहले दिन मैं कई लोगों से मिला। मेरे मामा को वहां काम करते हुए काफी वर्ष हो चुके थे इसलिए सब लोग मुझसे बड़े ही अच्छे से बात कर रहे थे।

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मेरे मामाजी बॉस के बहुत ही  चहिते थे इसीलिए तो बॉस ने मुझे काम पर रख लिया था मैं अब अपने काम पर अच्छे से ध्यान दे रहा था क्योंकि मुझे आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था इसलिए मुझे थोडी समस्या हो रही थी लेकिन धीरे धीरे सब कुछ ठीक होने लगा था। अब मैं भी काफी हद तक काम सीख चुका था मैं अच्छे से काम करने लगा मुझे ऑफिस में करीब 3 महीने हुए थे लेकिन इस 3 महीने के दौरान मेरे अंदर बहुत कुछ बदलाव आ चुका था मैं भी अब मुंबई में रहने वाला एक जिम्मेदार नागरिक बन चुका था। मेरे कई दोस्त भी बनने लगे थे उन्ही दोस्तों के माध्यम से मेरी मुलाकात समीक्षा से हुई। जब समीक्षा से मैं मिला तो उससे बात करना मुझे अच्छा लगा और ऐसा लगा कि जैसे उससे मैं बात ही करता रहूँ। मैं समीक्षा से अपने दिल की बात कह दिया करता था और जब भी मैं परेशान होता तो उसे ही मैं सब कुछ बता देता था।

सब कुछ बड़े अच्छे से चल रहा था और सब तेजी से भी चल रहा था समय का पहिया इतनी तेजी से चला कि मेरा प्रमोशन भी हो गया। गांव से आया हुआ एक सामान्य सा लड़का मुंबई की बड़ी बिल्डिंग मे रहने लगा था। समीक्षा से मेरी नज़दीकियां भी बढ़ने लगी थी यह बात जब मेरे मामा जी को मालूम पडी तो उन्होंने मुझे कहा बेटा यह सब बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे समीक्षा अच्छी लगती थी और उससे बात करना मुझे बहुत पसंद था मैं समीक्षा से घंटो तक बात किया करता था। एक दिन मैंने समीक्षा को अपने फ्लैट में बुला लिया जब वह आई तो उस दिन हम लोगो ने एक दूसरे को किस कर लिया। पहली बार हम दोनों ने एक दूसरे के होठों को चूमा था मैंने समीक्षा को अपना बना लिया था। उसके नरम होठों को चूम कर मुझे ऐसा लगा जैसे उसे मैं अपना बना लूंगा। उस दिन तो हम दोनों के बीच कुछ नहीं हो पाया लेकिन अब हम दोनों के अंदर सेक्स को लेकर चिंगारी जल चुकी थी और वह चिंगारी को बुझाने का समय आ चुका था क्योंकि उसने आग का रूप ले लिया था। हम दोनों ही बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे और मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था मैंने समीक्षा के होठों को बहुत देर तक चूसा और उसे अपनी बाहों में ले लिया।

हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे तरीके से किस किया जैसे ही मैंने समीक्षा की टी-शर्ट को उतारा तो वह मेरे सामने नंगी थी उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। उसकी ब्रा को उतारते हुए उसके बड़े और सुडौल स्तनो को काफी देर तक मैं चूसता रहा मुझे बढ़ा ही मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था। जैसे ही हम लोग ऐसा करते तो समीक्षा की चूत से पानी बाहर निकलने लगा वह चाहती थी कि मैं उसकी योनि को चाटू। मैंने उसकी योनि को बहुत देर तक चाटा समीक्षा की योनि को चाट कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था। जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे भी मजा आने लगा और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैने उसके बदन को पूरी तरीके से गरम कर दिया था जैसे ही मैंने समीक्षा की योनि के अंदर अपने लंड को धीरे धीरे डाला तो उसकी योनि से खून बाहर आने लगा था। मुझे भी अच्छा लगा समीक्षा की टाइट और मुलायम योनि के अंदर मेरा लंड जा चुका था उसकी चूत के अंदर लंड जाते ही उसके मुंह से तरह-तरह की आवाज निकलने लगी।

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वह बहुत ज्यादा बेचैन होने लगी थी और मुझे उसे धक्के मारने में बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसे ऐसे ही तेज गति से धक्के मारता रहा लेकिन जब उसकी चूत से खून बाहर निकलने लगा तो वह मुझे कहने लगी मेरी चूत से बहुत ज्यादा खून निकाल रहा है। मैंने उसे अपने ऊपर आने के लिए कहा और उसने मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर ले लिया। मै उसे तेजी से धक्के मार रहा था और वह भी अपनी चूतडो को मेरे लंड के ऊपर नीचे करती जाती जिससे कि उसके अंदर की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी और मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था। वह अपनी चूतडो को बड़े अच्छे से मेरे लंड से मिलाती जाती। मुझे उसकी उत्तेजना का अंदाजा लग रहा था कुछ ही समय बाद वह झडने वाली थी मैंने उसे अपने नीचे लेटा दिया और बड़ी तेजी से धक्के मारता जाता। जब मेरा वीर्य पतन समीक्षा की योनि के अंदर गया उसने मुझे कहा तुमने तो मेरी योनि में गिरा दिया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैं हूं ना।

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