chooth Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chooth/ Hindipornstories.org Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे https://sexstories.one/tum-meri-bur-chodo/ Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4534 उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा...

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Meri bur Chodo  मेरा दोस्त एक बार मुझे अपने घर लेकर जाता है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे दोस्त गौरव का घर अजमेर में है। गौरव मुझसे कहता है की तुम कुछ दिनों के लिए मेरे साथ अजमेर चलो, गौरव और मैं एक साथ एक ही कंपनी में नौकरी करते हैं। गौरव की बात को मैं मना ना कर सका और उसके साथ मैं उसके घर अजमेर चला गया, मैं जब उसके घर गया तो मैंने देखा उसके परिवार में काफी लोग हैं उसका परिवार काफी बड़ा था मैंने गौरव से कहा तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है, गौरव कहने लगा हां हम सब लोग एक साथ रहते हैं और हमारे परिवार में कभी भी कोई झगड़ा नहीं होता सब लोग मिलजुल कर एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं।

गौरव के पिताजी का व्यवहार भी मुझे बहुत अच्छा लगा और उनके साथ मैं जब भी बात करता तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती मैं उन्हें कहता कि मैं जब भी आपसे बात करता हूं तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती है, वह कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारे पिताजी की उम्र का हूं और तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे कहना क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत कुछ वर्ष पहले हो चुका था और उसके पिताजी मुझे उसी तरीके से समझते थे जिस प्रकार से मेरे पिताजी मुझे समझाया करते थे।

मैं उसके घर पर 4 दिन रहा लेकिन इन 4 दिनों में मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरा ही घर हो,  मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी गौरव और मैं साथ में होते हैं, गौरव मुझे हमेशा कहता कि राज तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो और जब से मेरी दोस्ती तुमसे हुई है तुमने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं आने दी, हम लोग जब अजमेर से वापस लौट रहे थे तो बस में ही मुझे एक लड़की दिखी शायद वह भी जयपुर जा रही थी वह हमारे सामने वाली सीट में बैठी हुई थी मैं उसे ही देखे जा रहा था और मैं उसे बड़े ही ध्यान से देखता लेकिन जब वह अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मेरी तरफ देखती तो मैं अपनी नजर झुका लेता, मैंने गौरव के कान में कहा यार यह लड़की मुझे बहुत पसंद आ रही है क्या इससे मेरी बात हो सकती है, गौरव मुझे कहने लगा राज तुम एक काम करो उस लड़की को एक चिट्ठी लिखो, मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है आजकल के जमाने में भला कौन चिट्ठी देता है, वह मुझे कहने लगा तुम ऐसा करो तो सही।

मैंने भी एक पेपर में अपना नाम और उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत लिखा जिससे कि वह लड़की प्रभावित हो सके और मैंने वह पेपर उसकी तरफ फेंक दिया उसने जब वह पेपर खोल कर देखा तो वह मुस्कुराने लगी, मुझे कहां पता था कि वह भी मुझे अपना नंबर दे देगी उसने उसी पेपर के पीछे अपना नंबर लिख कर मेरी तरफ फेंक दिया मुझे जब उसका नंबर मिला तो मैं बहुत खुश हो गया मैंने गौरव से कहा यार तुम्हारा तो कोई जवाब ही नहीं है क्योंकि वह लड़की अपने पिताजी के साथ बैठी हुई थी इसलिए उस वक्त तो उससे बात नहीं हो सकती थी परंतु जब हम लोग जयपुर पहुंच गए तो मैंने अपने घर से उसे फोन किया और उसका नाम पूछा, उसका नाम कविता है।

Desi Incest Stories मां का प्यार

मैंने कविता से पूछा तुम क्या करती हो तो वह कहने लगी कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं और हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं लेकिन मै कविता से मिल नहीं पाया था और उससे मिलने के बारे में एक दिन मैंने सोची, मैंने गौरव से कहा यार आज मैंने कविता से मिलने की सोची है क्या तुम मेरे साथ चलोगे, गौरव कहने लगा क्यों नहीं उस दिन हमारे ऑफिस की छुट्टी भी थी और हम दोनों अच्छे से बन ठन कर कविता से मिलने के लिए चले गए जब हम दोनों कविता से मिलने गए तो कविता के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी और हम लोग जिस जगह बैठे हुए थे वहां पर हम लोग एक दूसरे को देखते रहे मैंने सोचा कि पहले कविता कुछ कहे लेकिन 5 मिनट तक तो हम लोग कुछ भी बात नहीं कर पाए, तब गौरव ने कहा कि तुम लोग तो बिल्कुल ही चुप हो गए क्या एक दूसरे से कोई बात नहीं करोगे? तब जाकर कविता ने मुझसे बात की कविता मुझसे कहने लगी मुझे तुमसे बात करने में थोड़ा अजीब लग रहा है, मैंने कविता से कहा मुझे भी काफी अजीब लग रहा है क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा हूं।

अब हम लोगों की बातें शुरू हो चुकी थी और हम सब लोग एक दूसरे की बातों में इतने खो हो गए कि समय का पता ही नहीं चला उस दिन हम लोगों ने एक साथ 4 घंटे साथ में बिताए लेकिन मुझे लगा कि शायद 4 घंटे भी कम है जब गौरव और मैं वापस लौटे तो मैंने कहा यार आज तुम्हारी वजह से मैं कविता से बात कर पाया, गौरव मुझे कहने लगा राज मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और उसके बाद कविता और मैं एक दूसरे से मिलने लगे, हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो एक दूसरे को जरूर कोई ना कोई गिफ्ट दिया करते एक दिन मुझे कविता का फोन आया और कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं शायद तुम से मेरी बात ना हो पाए, मैंने कविता से पूछा लेकिन तुम दिल्ली से कब लौटोगी तो कविता कहने लगी कि मैं दिल्ली से एक महीने बाद आऊंगी।

मैंने सोचा कि चलो आज रात मैं कविता से बात कर सकता हूं, मैंने कहा चलो ठीक है हम लोग एक महीने तक बात नहीं करेंगे लेकिन आज पूरी रात मैं तुमसे बात करना चाहता हूं, कविता कहने लगी ठीक है, उस दिन वह चोरी छुपे मुझसे फोन पर बात करने लगी मैंने उससे लगभग सुबह के 4:00 बजे तक बात की और जब मेरी आंख लगी तो मुझे भी पता नहीं चला कि समय क्या हो गया है उस दिन मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया क्योंकि 4:00 बजे जब मैं सोया तो मेरी आंखें नहीं खुली जब मैंने अपने फोन को देखा तो मेरे फोन पर गौरव ने 20 बार कॉल किया हुआ था।

मैंने गौरव को कॉल बैक किया और कहा कि आज तो मैं ऑफिस नहीं आ सकता मैंने गौरव को सारी बात बताई गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं तुम आज आराम करो और मैं उस दिन घर पर ही था लेकिन मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी मेरा मन कविता से बात करने का होने लगा परंतु उससे मेरी बात हो ही नहीं सकती थी और इसी वजह से मुझे टेंशन होने लगी, मैंने जब गौरव को यह बात बताई तो गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं एक महीने तो ऐसे ही कट जाएगा तुम्हें कुछ पता भी नहीं चलेगा लेकिन मेरा मन तो सिर्फ कविता से बात करने का था और कविता और मेरी सिर्फ मैसेज के द्वारा ही बात हो पाती, कविता मुझसे सिर्फ इतना ही कहती कि मैं ठीक हूं इससे ज्यादा मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती, मैंने कविता से कहा कि मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं और तुमसे फोन पर बात करना चाहता हूं लेकिन कविता ने रिप्लाई किया कि अभी यह संभव नहीं हो पाएगा।

मैं हमेशा सोचता कि कब एक महीना कटेगा, धीरे-धीरे समय भी कटता गया और एक दिन मुझे कविता का फोन आया जिस दिन मुझे कविता का फोन आया मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे आज मिलना है, कविता कहने लगी कि आज तो मैं नहीं मिल पाऊंगी क्योंकि आज ही मैं दिल्ली से लौटी हूं कल हम लोग मिल लेते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं, रात भर मैं कविता से बात करता रहा और उसे मैंने बताया कि मैंने उसका इंतजार कितनी बेसब्री से किया। मैं जब अगले ही दिन कविता को मिला तो मैंने उसे देखते ही गले लगा लिया। वह मेरे साथ मेरे घर पर आई हुई थी मैंने कविता के होठों को भी चूमना शुरू किया।

उसके गालों पर मैंने किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था और इतने दिनों से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना मिस किया। वह कहने लगी मुझे भी मालूम है मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया लेकिन इस बीच मेरी तुमसे बात ही नहीं हो पाई। कविता और मैं एक दूसरे के होठों को चूमते रहे हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी। मैंने कविता के स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु किया और कविता के सलवार के अंदर जब मैंने अपने हाथ को डाला तो उसकी चूत को मैं अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जब मैंने उसकी चूत को चाटा तो उसे भी बहुत अच्छा महसूस होता, काफी देर तक मैंने उसकी कोमल चूत के मजे लिए। मैंने कविता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो, उसे मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने मे कोई आपत्ति नहीं जताई और अपने मुंह में ले लिया।

वह लंड को संकिग करने लगी काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चुसती रही, मेरे लंड ने भी पूरा पानी बाहर की तरफ को छोड़ना शुरू किया था। मैंने कविता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा मोटा लंड कविता की चूत में प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत को मजा आने लगा है। उसकी चूत से खून निकलने लगा, मैंने उसे कहा तुमने जैसे पहले कभी सेक्स नहीं किया। वह कहने लगी मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया, मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे, जब मेरा वीर्य मैंने कविता की योनि में गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो। मैंने उसे कपड़ा दिया उसने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और उसने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे उसके बाद भी कविता और मेरी हमेशा बात होती रहती। जब भी कविता मुझे फोन करती तो मैं उसे कहता तुम मुझसे मिलने आ जाओ लेकिन वह मुझसे मिलने नहीं आती।

वह कहती यदि मैं तुमसे मिलने आऊंगा तो तुम मेरी चूत मारोगे लेकिन फिर भी मैं उसे अपने पास बुला ही लेता।

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रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

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5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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मां का प्यार https://sexstories.one/maa-ka-sexy-pyar/ Fri, 31 Dec 2021 07:32:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3512 तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर...

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Maa Ka Pyar – मेरे घर मे में, मेरी माँ, मेरी पत्नी और मेरी बहन है, मेरी बहन की शादी हो चुकी है और वो अपने ससुराल मे रहती है। में अपनी माँ और पत्नी के साथ यहाँ कोलकाता मे रहता हूँ, हम लोग बनारस (उ.प.) से यहाँ बचपन मे ही आ गये थे और यही बस गये. मेरी उम्र 28 साल की है और मेरी पत्नी 24 की है. मेरी सास और मेरी साली अभी भी बनारस के पास एक गांव मे रहते है. और साल मे 2-3 महीने हमारे यहाँ आते है. सच पूछो तो मेरा घर एक स्वर्ग है, जहाँ किसी भी तरह की कोई मना नही, में आपको शुरू से ही ये सारी बातें बताता हूँ।

यह बात मेरे बचपन की है, घर पर मेरी माँ, मेरी दीदी और में सब साथ रहते थे, मेरी उम्र करीब 18-19 के आस पास थी. मेरी लंबाई 5’7” की है. मेरी दीदी की उम्र 18 साल हे, उसकी स्पोर्ट्स मे रूचि थी और वो स्टेडियम जाती थी. मेरी माँ टीचर है, उसकी उम्र 37-38 की होगी, मगर देखने मे किसी भी हालत मे 31-32 से ज्यादा की नही लगती थी. माँ और दीदी एकदम गोरे है. माँ मोटी तो नही लेकिन भरे शरीर वाली थी और कुल्हे उनके चलने पर हिलते थे. उनकी शादी बहुत जल्दी हो गयी थी, मेरी माँ बहुत सुंदर और हँसमुख है।

वो जिंदगी का हर मज़ा लेने मे विश्वास रखती है, हालाकि वो सबसे ओपन नहीं होती है पर मैने उसे कभी किसी बात पर गुस्सा होते हुए नही देखा. ये बात उस समय की जब मैं 9th मे था और हर चीज के बारे मे मेरी इच्छा बढ़ रही थी स्पेशली सेक्स के बारे मे. मेरे स्कूल के दोस्त अक्सर लड़की पटा कर मस्त रहते थे उन्ही मे से दो तीन दोस्तो ने अपने परिवार के साथ सेक्स की बाते भी बताई तो मुझे बड़ा अज़ीब लगा. मैने माँ को कभी उस नज़र से नही देखा था पर इन सब की बातों को सुन-सुन कर मेरे मन मे भी इच्छा बढ़ने लगी और मै अपनी माँ को ध्यान से देखने लगा, चूँकि गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और में हमेशा घर पर ही रहता था।

घर मे, में माँ के साथ ही सोता था और दीदी अपने कमरे मे सोती थी, माँ मुझे बहुत प्यार करती थी, माँ, दीदी और में आपस मे थोड़ा खुले हुए थे, हालाकि सेक्स करने की कोई बात तो नही हुई थी पर माँ कभी किसी चीज का बुरा नही मानती थी और बड़े प्यार से मुझे और दीदी को कोई भी बात समझाती थी, कई बार अक्सर उत्तेजना की वजह से जब मेरा लंड खड़ा हो जाता था और माँ की नज़र उस पर पड़ती तो मुझे देख कर धीरे से मुस्कुरा देती और मेरे लंड की तरफ इशारा करके पूछती कोई परेशानी तो नही है, में कहता “नही” तो वो कहती कोई बात नही… तो में भी मुस्कुरा देता, वो खुद कभी-कभी हम दोनो के सामने बिना शर्माये एक पैर बेड पर रख कर साड़ी थोड़ा उठा देती और अन्दर हाथ डालकर अपनी चूत खुजलाने लगती, नहाते समय या हमारे सामने कपड़े बदलते वक़्त अगर उसका नंगा बदन दिखाई दे रहा हो तो भी कभी भी शरीर को ढकने या छुपाने की ज़्यादा कोशिश नही की, ऐसा नही था की वो जान बुझ कर दिखाने की कोशिश करती हो, क्यों की इन सब के बाद भी मैने उसकी या दीदी की नंगी चूत नही देखी थी, बस वो हमेशा हमे नॉर्मल रहने को कहती और खुद भी वैसे ही रहती थी।

धीरे धीरे में माँ के और करीब आने की कोशिश करने लगा, और हिम्मत कर के माँ से उस वक़्त पास आने की कोशिश करता जब मेरा लंड खड़ा होता, मेरा खड़ा लंड कई बार माँ के बदन से टच होता पर माँ कुछ नही बोलती थी. इसी तरह एक बार माँ किचन मे काम कर रही थी और माँ की हिलते हुए कुल्ले देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने अपनी किस्मत आज़माने की सोची और भूख लगने का बहाना करते हुए किचन मे पहुँच गया, और माँ से बोला “माँ भूख लगी है कुछ खाने को दो.. ” और ये कहते हुए माँ से पीछे से चिपक गया, मेरा लंड उस समय पूरा खड़ा था और मैने अपनी कमर पूरी तरह माँ के कुल्हे से सटा रखी थी जिसके कारण मेरा लंड माँ के कुल्हो के बीच तोडा सा घुस गया था. माँ हंसते हुए बोली “क्या बात है आज तो मेरे बच्चे को बहुत भूख लगी है..” “हां माँ, बहुत ज्यादा, जल्दी से मुझे कुछ दो..” और मैने माँ को और ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और उनके पेट पर अपने हाथो को कस कर दबा दिया, कस कर दबाने की वज़ह से माँ ने अपने कुल्ले थोड़े पीछे किये जिससे मेरा लंड थोडा और माँ के कुल्हे के बीच मे घुस गया, उत्तेजना की वज़ह से मेरा लंड झटके लेने लगा पर में वैसे ही चिपका रहा और माँ ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा पर बोली कुछ नही।

फिर माँ ने जल्दी से मेरा खाना लगाया और थाली हाथ मे लेकर बरामदे मे आ गई, में भी उसके पीछे पीछे आ गया, खाना खाते हुए मैने देखा तो माँ मुझे और मेरे लंड को देख कर धीरे धीरे हंस रही थी, जब मैने खाना खा लिया तो माँ बोली की अब तू जाकर आराम कर में काम कर के आती हूँ… पर मुझे आराम कहा था में तो कमरे मे आकर आगे का प्लान बनाने लगा की कैसे माँ को चोदा जाए. क्योंकि आज की घटना के बाद मुझे पूरा विश्वास था की अगर में कुछ करता भी हूँ तो माँ अगर मेरा साथ नही देगी तो भी कम से कम नाराज़ नही होगी, फिर ये ही हरकत मैने 5-6 बार की और माँ कुछ नही बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ी।

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एक रात खाना खाने के बाद में कमरे मे आकर लाइट ऑफ कर के सोने का नाटक करने लगा, थोड़ी देर बाद माँ आई और मुझे सोता हुआ देख कर थोड़ी देर कमरे मे कपड़े और समान ठीक किया और फिर मेरे बगल मे आकर सो गई, करीब एक घंटे के बाद जब मुझे विश्वाश हो गया की माँ अब सो गयी होगी तो मै धीरे से माँ के ऊपर सरक गया और धीमे धीमे अपना हाथ माँ के कुल्हो पर रख कर माँ को देखा जब माँ ने कोई हरकत नही की तो में उनके कुल्हो को सहलाने लगा और उनकी साड़ी के ऊपर से ही दोनो कुल्हो और गांड को हाथ से धीमे धीमे दबाने लगा।

जब उसके बाद भी माँ ने कोई हरकत नही की तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ी और मैने माँ की साड़ी को हल्के हल्के ऊपर खिचना शुरु किया, ऊपर करते करते जब साड़ी कुल्हो तक पहुँच गई तो मैने अपना हाथ माँ की कुल्हो और गांड के ऊपर रख कर थोड़ी देर माँ को देखने लगा, पर माँ ने कोई हरकत नही की, फिर में अपना हाथ उनकी गांड के छेड़ से धीरे धीरे आगे की और करने लगा, पर माँ की दोनो जांगे आपस मे सटी हुई थी जिससे में उन्हे खोल नही पा रहा था. फिर मैने अपनी दो उंगलिया आगे की और बड़ाई तो मेरी सास ही रुक गई. मेरी उंगलिया माँ की चूत के ऊपर पहुँच गई थी।

फिर मैने धीरे धीरे अपनी उंगलियो से माँ की चूत सहलाने लगा, माँ की चूत पर बाल महसूस हो रहे थे, चूँकि मेरे लंड पर भी झांटे थी तो में समझ गया की ये माँ की झांटे है, इतनी हरकत के बाद भी माँ कुछ नही कर रही थी तो मैने धीरे से अपनी पूरी हथेली माँ के चूत पर रख दी और चूत के दोनो होंठो को एक एक कर के छूने लगा, तभी मुझे महसूस हुआ की माँ की चूत से कुछ मुलायम सा चमड़े का टुकड़ा लटक रहा है।

जब मैने उसे हल्के से खींचा तो पता चला की वो माँ की चूत की पूरी लंबाई के बराबर चूत यानी ऊपर से नीचे तक की लंबाई मे बाहर की तरफ निकला हुआ था और जबरदस्त मुलायम था।

उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था की लगा जैसे फट जाएगा, में धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी शर्ट उतार कर लंड को माँ के कुल्हे से सटाने की कोशिश करने लगा पर कर नही पाया तो में एक हाथ से माँ की चूत मे उंगली डाल कर बाहर निकले चमड़े को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा. 2-3 मिनट मे ही मैं झर गया पर जब तक में अपना जूस रोक पाता वो माँ के कुल्हो पर पूरा गिर चूका था, ये देख कर में बहुत डर गया और चुपचाप शर्ट पहन कर माँ को वैसा ही छोड़ कर सो गया. सुबह जब में उठा तो देखा की माँ रोज की तरह अपना काम कर रही थी और दीदी हाकी की प्रेक्टीस जो सुबह 6 बजे ही शुरू हो जाती थी, जा चुकी थी में डरते डरते बाथरूम की तरफ जाने लगा तो माँ ने कहा आज चाय नही मांगी तूने…

तो मैने बात पलटते हुए कहा की “हा पी रहा हूँ, पेशाब कर के आता हूँ..”, जब में बाथरूम से वापस आया तो देखा माँ बरामदे मे बैठी सब्जी काट रही थी और वही पर मेरी चाय रखी हुई थी. में चुपचाप बैठ कर चाय पीने लगा तो माँ मेरी तरफ देख कर हंसते हुए बोली की “आज बड़ी देर तक सोता रहा हां माँ नींद नही खुली..” तो माँ बोली “एक काम किया कर आज से रात को और जल्दी सो जाया कर..” ये कह कर वो हंसते हुए किचन मे चली गयी. जब मैने देखा की माँ कल रात के बारे मे कुछ भी नही बोली तो में खुश हो गया. उस दिन पूरे दिन मैने कुछ भी नही किया, मेने सोच रखा था की अब में रात को ही सब कुछ करूँगा जब तक या तो माँ मुझसे चुदाई के लिए तैयार ना हो या मुझे डाट नही देती. रात को में खाना खा कर जल्दी से रूम मे आकर सोने का नाटक करने लगा, थोरी देर मे माँ भी दीदी के साथ आ गई।

उस दिन माँ बहुत जल्दी काम ख़त्म करके आ गई थी, खैर में माँ के सोने का इंतजार करने लगा. थोरी ही देर मे दीदी के जाने के बाद माँ धीरे से बेड पर आकर लेट गई करीब एक घंटे तक लेटे रहने के बाद मैने धीरे से आँखे खोली और माँ की तरफ सरक गया, थोड़ी देर मे जब मैंने बरामदे की हल्की रोशनी मे माँ को देखा तो चौंक गया. माँ ने आज साड़ी की जगह नाईटी पहन रखी थी और उन्होने अपना एक पैर थोडा आगे की तरफ कर रखा था।

फिर मैने सोचा की अगर ये किस्मत से हुआ तो अच्छा है और अगर माँ जानबूझ कर यह कर रही है तो माँ जल्दी ही चुद जाएगी. उस रात मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी हुई थी, थोड़ी देर नाईटी के ऊपर से माँ का कुल्ले सहलाने के बाद मैने धीरे से माँ की नाईटी के सामने का बटन खोल दिया और उसे कमर तक पूरा हटा दिया और धीरे से माँ के कुल्हो को सहलाने लगा. मैं जांघो को भी सहला रहा था, माँ की कुल्ले और जांघे इतने मुलायम थे की में विश्वास नही कर पा रहा था।

फिर मैने अपना हाथ उनकी जांगो के बीच डाला तो मैं हैरान रह गया, माँ की चूत एकदम चिकनी थी, उनके चूत पर बाल का नामोनिशान नही था. उनकी चूत बहुत फूली हुई थी और चूत के दोनो होंठ फैले हुए थे शायद एक जांग आगे करने के कारणउनकी चूत से निकला हुआ चंदा लटक रहा था (मेरे कई दोस्तों ने उसके बारे मे बताया था की उनके घर की ओंरतो की चूत से भी ये निकलता है और उन्हे इस पर बड़ा नाज़ होता है). में तो उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था. मैने लेटे-लेटे ही अपना शर्ट निकाल दिया और माँ की तरफ थोडा और सरक गया जिससे मेरा लंड माँ के कुल्ले से टच करने लगा, थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद जब मैने देखा की माँ कोई हरकत नही कर रही है तो मेरी हिम्मत और बढ़ी।
में लेटे लेटे ही माँ की चूत को सहलाने का पूरा मज़ा लेने लगा.

थोड़ी ही देर मे मुझे लगा की माँ की चूत से कुछ चिकना चिकना पानी निकल रहा है. क्या खुशबु थी उसकी, मेरा लंड फूल कर फटने की इस्थिति मे हो गया. में अपना लंड माँ के कुल्ले, गांड के छेद, उनकी जांघो पर धीमे धीमे रगड़ने लगा. तभी मुझे एक आईडिया आया की क्यों ना आज थोडा और बढ़ कर माँ की चूत से अपना लंड टच करूं, जब मैने अपनी कमर को आगे खिसका कर माँ की जांघो से सटाया तो लगा जैसे करंट फैल गया हो, मुझे झड़ने का जबरदस्त मन कर रहा था पर मैने सोचा की एक बार माँ की चूत मे लंड डाल कर उनकी चूत के पानी से चिकना कर लूँगा और फिर बाहर निकाल कर मुठ मार लूँगा।

ये सोच कर मैने अपनी कमर थोडा ऊपर उठाया और अपना लंड माँ की चूत से लटके चमड़े को उंगलियों से फैलाते हुए उनके छेद पर रखा तो माँ की चूत से निकलते हुए चिकना पानी मेरे सूपडे पर लिपट गया और थोडा कोशिश करने पर मेरा सूपड़ा माँ की चूत के छेड़ मे घुस गया।

जैसे ही सूपड़ा अंदर गया उफ़ माँ की चूत की गर्मी मुझे महसूस हुई और जब तक में अपना लंड बाहर निकालता मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा माँ की चूत मे पिचकारी की तरह निकलने लगा में घबरा तो गया पर ज्यादा हिलने से डर रहा था की कहीं माँ जग ना जाए. जब तक मैं धीमे से अपना लंड माँ की चूत से निकालता तब तक मेरे लंड का पानी माँ की चूत मे पूरा खाली हो चूका था और लंड निकलते वक़्त वीर्य की धारा माँ के गांड के छेद पर बहने लगी. मुझे लगा अब तो में पक्का पीटूँगा और डर के मारे जल्दी से शर्ट पहन कर सो गया. मुझे नींद नही आ रही थी पर मैं कब सो गया पता ही नही चला।

अगले दिन उठा तो देखा की हमेशा की तरह माँ सफाई कर रही थी पर दीदी स्टेडियम नही गई थी. मुझे देखते ही माँ ने दीदी से कहा “वीना, जा चाय गर्म करके भाई को देदे… और मुझे प्यार से वहीं बैठने के लिए कहा. मैने चोरी से माँ की तरफ देखा तो माँ मुझे देख कर पूछी आज नींद कैसी आई… मैने कहा की “अच्छी”, तो माँ हसने लगी और मेरी पैंट की ऊपर देखकर बोली की “अब तू रात मे सोते समय थोड़े ढीले कपड़े पहना कर… अब तू बड़ा हो रहा है.. देख में और वीनू भी ढीले कपड़े पहन कर सोते है… में यह सुन कर बड़ा खुश हुआ की माँ ने मुझे डाटा नही।

उस दिन मुझे पूरा विश्वास हो गया था की अब माँ मुझे रात मे पूरे मज़े लेने से मना नही करेगी भले ही दिन मे चुदाई के बारे मे खुल कर कोई बात ना करे. अब तो में बस रात का ही इंतजार करता था, खैर उस रात फिर जब में सोने के लिए कमरे मे गया तो मुझे माँ की ढीले कपड़े पहनने वाली बात याद आई पर मेरे पास कोई बड़ी शर्ट नही थी. फिर मैने आलमरी मे से एक पुरानी लुंगी निकाली और अंडरवेयर उतार कर पहन लिया और सोने का नाटक करने लगा।
तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर इस तरह रखा की मुझे माँ दिखाई दे. थोरी ही देर मे माँ कमरे मे आई और नाईटी पहन कर बेड पर आने और लाइट ऑफ करने के लिए मूडी और मेरे लंड को देखते ही रुक गई।

थोड़ी देर वैसे ही मेरे लंड को जो की पूरे 6” लंबा और 1.5” मोटा था, देखती रही, फिर पता नही क्यों उसने लाईट बंद करके नाईट बल्ब जला दिया और बेड पर लेट गई वो मेरे लंड को बड़े प्यार से देख रही थी पर मेरे लंड को उसने छुआ नही. फिर दूसरी तरफ करवट बदल कर एक पैर को कल की तरह आगे फैला कर लेट गई. मुझे पक्का विस्वाश था की आज माँ जानबूझ कर नाईट बल्ब ऑन किया है ताकि में कुछ और हरकत करू।

आधे एक घंटे के बाद जब में माँ के ऊपर सरका तो लूँगी की गाँठ रगड से अपने आप ही खुल गई और में नंगे ही अपने खड़े लंड को लेकर माँ की तरफ सरक गया और नाईटी खोल कर कमर तक हटा दिया. उस रात मैने पहली बार माँ के कुल्हे, गांड और चूत को देख रहा था. मेरी खुशी का ठिखाना नही था, में झुक कर माँ की जांगो और कुल्हे के पास अपना चेहरा ले जाकर चूत को देखने की कोशिश करने लगा. मुझे अपनी आँखो पर विश्वास नही हो रहा था की कोई चीज इतनी मुलायम, चिकनी और सुन्दर हो सकती है, माँ की चूत से बहुत अच्छी भीनी भीनी खुशबु आ रही थी. में एकदम मदहोश होता जा रहा था. पता नही कैसे में अपने आप ही माँ की चूत को नाक से सटा कर सूंघने लगा। चूत से निकले हुए चंदे के दोनो पत्ते किसी गुलाब की पंखुड़ी से लग रहे थे. माँ की चूत का छेद थोडा लाल था और गांड का छेद काफ़ी टाइट दिख रहा था, पर सब मिला कर उनकी पुरे कुल्हे और जांघे बहुत मुलायम थी।

में उसी तरह कुछ देर सूंघने के बाद माँ के चूत के दोनो पत्तो को मुहँ मे भर लिया और चूसने लगा उनकी चूत से बेहद चिकना लेकिन नमकीन पानी निकलने लगा, में भी आज चुदाई के मज़े लेना चाहता था. फिर मैने माँ की चूत से निकलते हुए पानी को अपने सूपडे पर लपेटा और धीरे से माँ की चूत मे डालने की कोशिश करने लगा. पर पता नही कैसे आज मेरा लंड बड़ी आसानी से माँ की चूत के छेद मे घुस गया।

में वैसे ही थोड़ी देर रुका रहा फिर मैने लंड को अंदर डालना शुरू किया, दो तीन प्रयासो मे मेरा लंड माँ के चूत मे घुस गया ओह क्या मज़ा आ रहा था, माँ की चूत काफ़ी गर्म थी और मेरे लंड को चारो और से जकड़े हुए थी. थोड़ी देर उसी तरह रहने के बाद मैने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया ओह जन्नत का मज़ा मिल रहा था।

4-5 मिनट अंदर बाहर करते ही मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और अपना वीर्य माँ की चूत मे डाल दिया…

अच्छा दोस्तों फिर मिलता हूँ….

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पहला मजा, बड़ी बहन के साथ https://sexstories.one/pehla-maza-badi-behan-ke-sath-xxx/ Thu, 30 Dec 2021 10:14:48 +0000 https://sexstories.one/?p=3490 उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया...

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Pehla Maja Badi Behan Ke Sath XXX – मेरा नाम विवेक है और मैं इस का रेग्युलर रीडर रहा हूँ. जिससे मुझे भी अपनी घटना लिखने के लिये प्रेरित किया. ये घटना मेरे और मेरी बड़ी बहन जिसका नाम अनुष्का (नाम बदला हुआ) है के बीच हुई एक रात का है. मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. हम साधारण लोग है..

पापा सरकारी नोकरी में है. मम्मी हाउस वाइफ हैं. दीदी की शादी हो चुकी है और मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. हम आपस में ज्यादा बात नही करते है. हमारे घर में सेक्स को लेकर कभी कोई बात ही नही करता. अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ लम्बाई 5.3, साइज़ 38-26-36, कलर- गोरा है जो शादीशुदा हैं और उनकी शादी को 1 साल हो गया था. मेरे जीजा जी गावं में जॉब में है और उनका ट्रान्सफर रूरल एरिया में हो गया था जिससे दीदी को वो अपने परिवार की देखभाल के लिये कानपुर में ही छोड़ गये थे.

मेरे घर के सभी लोग शादी में गये थे इसलिये दीदी और मैं ही घर पर थे. सभी लोगो को बस में बिठाने के बाद मैं कॉलेज चला गया. रात को हमने खाना खाया और अपने–अपने कमरे में चले गये. रात को करीब 1 बजे दीदी मेरे कमरे में आई और मुझे जगाया में उठा और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही और वापस चली गयी. थोड़ी देर बाद फिर आई और पुछा विवेक सो गया क्या तो मैं बोला नही.

फिर मैने पुछा क्या हुआ तो बोली मुझे नींद नही आ रही है तो मैंने कहा आपकी तबीयत तो ठीक है ना. पर अब उनकी साँसे कुछ तेज़ चल रही थी और घबरा भी रही थी तो मुझे लगा की तबीयत ही खराब होगी मैने कहा आपकी तबीयत ठीक नही लग रही है. तो वो बोली तबीयत तो ठीक है पर तुमसे कुछ बात करनी है मैं बोला ठीक हैं बताओं. वो बोली की तुम अब बड़े हो गये हो. मेरी मदद करोगे तो मैने कहा हाँ क्यों नही. तो बोली मेरा दूध पीवोगे ? आज से पहले कभी हमारी इस तरह की बाते नही हुई थी (दीदी को कभी किसी लड़के के बारे में बात करते या मिलते नही सुना था) इसलिये ये सुनकर मैं दंग हो गया. मैने पुछा क्या? तो वो बोली हाँ..(अब उनकी साँसे काफ़ी तेज़ हो गई थी और दिल काफ़ी तेज़ धक धक कर रहा था जिससे उनके बूब्स के हिलने से पता चल रहा था.)

मैने पूछा किस लिये? कुछ देर चुप रहने के बाद उठकर चली गयी. इससे पहले मैने कभी किसी लड़की से ये बात नही की थी इसलिये मैं दंग था पर अंदर से अजीब सी खुशी हो रही थी जो मैं बता नही सकता. करीब 10 मिनिट के बाद वो फिर वापस आई और इस बार वो काफ़ी कॉन्फिडेंट दिख रही थी और पुछा क्या सोचा हैं. मैने कहा क्या हो गया है आपको? अब मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी जिससे मेरी आवाज़ नही निकल रही थी पर मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली देखो मैं काफ़ी दिनो से तुम्हारे जीजा से नही मिली हूँ अब मुझे उनकी ज़रूरत है. मेरी तबीयत अब सेक्स करने से ही ठीक होगी. ये सुन कर मेरा लंड अब पेन्ट फाड़ने को तो तैयार था. वो बोली मैं जानती हूँ की तुम्हे भी एक लड़की की ज़रूरत है. मैने कहा पर आप मेरी दीदी हो.. वो बोली इसलिये तो कह रही हूँ अब उनका और मेरा चेहरा लाल हो चुका था.

मैने कहा पर मैने कभी किया नही है तो बोली मेने तो किया है. मैने कहा अगर कुछ हो गया तो वो बोली कुछ नही होगा और ना किसी को पता चलेगा. अब सब बंद करो. मैने ब्लू फिल्म कई बार देखी थी तो मुझे पता था पर रियल में तो उससे भी ज्यादा मज़ा आता है. फिर वो मुझे अपने रूम में ले गयी. उस दिन उन्होने लाल सिल्क नाइटी पहन रखी थी क्या गजब लग रही थी ये तब पता चला जब ये सब हुआ. दीदी बोली आओ फिर मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिये और कहा इसे दबाओ. मेने वैसा ही किया पर थोड़ा डर रहा था की दर्द होगा.

Ghar me incest sex तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7

फिर वो बोली थोड़ा ज़ोर से दबाओ मैने कहा दर्द होगा वो बोली दर्द नही होगा और अपने लाल होठों को एक बार मेरे होठों से किस किया मुझे तो जैसे शॉक लगा पर मज़ा आया. फिर मैंने अपने होठों को उनके होठों से लगाया और चूसने लगा वो बराबर साथ दे रही थी. मैने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके उपर चड गया. मैने फिर किस करना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर बाद में थोड़ा नीचे आया और उनके बूब्स को नाइटी के उपर से काटा उनके मुँह से अहह निकल गयी. फिर मैं बूब्स से नीचे आया और उनके पेट पर किस किया फिर और नीचे गया पर चूत को किस नही किया. अब में उनके पैर के अंगूठे को किस किया और उपर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं उनकी नाइटी को उपर करता गया और पैरो को किस करता रहा.

जब मैने उनकी नाइटी को कमर पर किया तो देखा उन्होने सिल्क लाल पेंटी पहन रखी थी पर वो कुछ भीगी लग रही थी जब मैं उनकी जांघो को किस कर रहा तो एक मधहोश कर देने वाली सुगंध पेंटी से आ रही थी. मैने पेंटी को किस किया तो मेरे होठ भीग गये. मैंने धीरे धीरे नाइटी को उपर चढ़ाया और उनके बूब्स तक पहुच गया. उन्होने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी मैंने ब्रा के उपर से ही चूसना शुरू कर दिया वो एकदम कड़क हो गई. फिर उन्हे उठाया और नाइटी उतार दी दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये. दीदी बोली तुम तो कह रहे थे कुछ नही जानते हो तब ये सब कैसे? मेंने कहा आप को देख कर हुआ जा रहा है. मैने उन्हे किस किया और ब्रा उतार दी अब बूब्स नंगे थे मैने तुरन्त उनके निपल को चूसना और काटना चालू कर दिया वो बोली आराम से चूसो में कहीं नहीं जा रही हूँ.

मैंने कहा आपने ही तो बोला था दूध पीने को वो बोली तो दूध पीने का मज़ा आया मैने कहा बहुत. अब मैं नीचे आया और उनकी पेंटी निकाल दी. क्या चूत थी यारो. गुलाबी चूत वो भी रियल लाइफ में पहली बार तो आप लोग समझ सकते हैं उस वक़्त क्या महसूस हो रहा होगा मुझे. चूत के बाल छोटे छोटे थे. मैने उनके पैर फैलाये और लग गया चूत चाटने को जैसे ही मैने अपनी जीभ उनकी चूत की फाको पर रखी मधहोशी छा गयी. मैने धीरे धीरे चाटना जारी रखा पर दीदी ने मेरा सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी फिर कुछ देर में उनका पानी मेरे मुँह पर निकल गया. मैं कुछ समझ नही पाया पर टेस्ट अच्छा लगा तो चूत और चाट ली. दीदी बिल्कुल शांत हो गयी थी पर मैने चूत चाटना जारी रखा. कुछ देर बाद बोली उपर आ जा मैं उपर गया तो उन्होने फिर से किस स्टार्ट कर दिया. मैने रेस्पॉन्स दिया और साथ में बूब्स दबाता रहा अब वो फिर तैयार हो गयी.

मैं भी एग्ज़ाइटेड था इस बार में चूत मेंने एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा फिर एक और उंगली डाल दी. दीदी बोली उंगली निकाल लंड डाल उंगली करने से अगर ये शांत हो जाती तो तेरी क्या ज़रूरत थी. ये सुनकर मुझे जोश आ गया और मैने लंड दीदी की चूत के मुँह पर रख दिया और धक्का मारा. मेरे लंड का अगला सिरा ही बड़ी मुश्किल से गया की मुझे दर्द होने लगा. दीदी बोली जा क्रीम ले कर आ मैं क्रीम ले आया और उन्होने अपने हाथो से मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगी में एग्ज़ाइटेड होने की वजह से उनका हाथ लगते ही मैने उनके उपर ही वीर्य गिरा दिया. मैं डर गया पर वो बोली कोई बात नही ऐसा होता है. उन्होने वीर्य साफ किया और फिर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

फिर उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया की मुझे फिर दर्द होने लगा. दीदी बोली फर्स्ट टाइम होता है दर्द. चलो मर्द बनो और अपनी दीदी की चूत को फाड़ डालो. ये सुन कर मुझे जोश आ गया एक जबरदस्त झटका मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया मैं और दीदी दोनो ही चीख पड़े. मेरा लंड थोड़ा मोटा है और लंबा भी इसलिये. मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था तो दीदी बोली मेरा दूध पीओं तो ताक़त मिल जायेगी और लंड चूत में डाले डाले ही में उनके लिप्स और बूब्स बारी बारी से चूसने लगा.
अब मुझमे और ताक़त आ गई मैने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा.

दीदी भी साथ दे रही थी और मेरे झटको की गति बढ़ती जा रही थी. दीदी के मुँह से आआआआहह ओंऊऊऊओहूऊ की आवाज़ निकल रही थी जिसे सुनकर जोश बढ़ रहा था. दीदी अपनी टांगो को सिकोड़ने लगी जिससे मुझे ज्यादा ताक़त लगानी पड़ रही थी. फिर दीदी का पानी निकल गया. उन्होने रुकने को कहा. मैं रुक गया और उनके बूब्स को चूसने लगा कुछ देर में वो फिर तैयार हो गई और कहा तुम भी काम पूरा कर लो. में तुरन्त झटके मारना चालू कर दिया कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला तो मैने कहा मेरा निकल रहा है वो बोली अंदर ही डाल दे कुछ नही होगा जब तक गर्म लावा अंदर नही पड़ेगा तब तक शांति नही मिलेगी. फिर हम दोनो झड़ गये और मैं उनके उपर ही लेट गया. अब सुबह के 5 बज रहे थे.

और हम सोने चले गये थे.

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मामा की लड़की को घोड़ी बनाया.. https://sexstories.one/ghodi-bana-ke-choda-mama-ki-ladki-ko/ Wed, 15 Dec 2021 07:05:14 +0000 https://sexstories.one/?p=3467 उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई...

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Ghodi Bana Ke Choda Mama Ki Ladki Ko – मेरी ये कहानी कहानी ही नहीं मेरी जिदगी का वो समय था जिसे में आज तक नहीं भुला पाया। दोस्तों मेरा नाम राहुल उम्र 23 साल लम्बाई 5’11 है। में उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। बात उस समय की है जब में 12th मे पढ़ता था। और में छुट्टियों पर अपने मामा के घर पर गया हुआ था। मेरे मामा का परिवार बहुत बड़ा है।

परिवार के सभी लोग एक साथ रहते हैं। मामा का अपना खुद का व्यापार है। मामा के व्यापार में उनका बेटा भी साथ देता है। उनके साथ मे उनका बेटा भी जाता है। घर पर मेरी मामी और उनकी दो बेटीयाँ पलक और छाया और नाना नानी रह जाते हैं। छाया की उम्र 22 साल पलक की उम्र 18 साल की है। छाया की चूचियो का साइज़ पलक की चूचियो की साइज़ से कम है। पलक का फिगर होगा 34 28 34.. बड़ी चूची पतली कमर मोटी गांड बड़ी सेक्सी लगती थी। लेकिन में दोनो को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखता था।

एक दिन की बात है जब मामी और छाया शॉपिंग करने बाहर गये थे और पलक को कह गये कि मेरा ख़याल रखे नाना नानी नीचे के कमरे में सो रहे थे। पलक अपने काम मे लगी थी स्कूल का और में वहाँ घर पर बहुत बोर हो रहा था। तो में उठा और उपर वाले कमरे मे चला गया। और में कुछ गाने सुनने लगा तब पलक भी मेरे पीछे उपर वाले कमरे मे आ गई वो कुछ किताबे ले कर आई। और मुझसे कुछ पूछने लगी उसने लाइट कलर की सलवार कमीज़ पहन रखी थी। और दरवाज़ा बंद करके मेरे पास बेड पर बैठ गई। में उसको देखता रह गया क्या लग रही थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। इतने करीब से मैने उसको पहली बार देखा था।

इतने मे वो मुझसे बोली: भैया मुझे कुछ पूछना है। मैने कहा हाँ पूछो पलक बोली मुझे इसका उत्तर नहीं मिल रहा कुछ दिखाते हुए। वो किताब को बेड पर रख कर आगे की ओर झुकी तो उसकी कुरती ढीली होने के कारण उसकी मोटी मोटी चुचियो का उभर मुझे दिखा में देखता ही रह गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरा मन चाह रहा था की उसे पकडू और चोदू वो मुझे हिलाते हुए बोली भैया में कुछ कह रही हूँ। मैने कहा की कल में बताऊंगा आज मेरे सर मे दर्द है। तो उसने कहा लाओ में मालिश कर दूँ।

मैने मना किया तो उसने ज़बरदस्ती सर को पकड़ा और दबाने लगी। और कुछ समय के बाद मेरे दिमाग़ मे एक तरकीब आई मैने उसे कहा की तुम सामने बैठ कर पढ़ो। और में कांच की तरफ पीठ करके बैठ गया था। और मैने अपनी ज़ेब से मोबाईल निकाल कर उसमे ब्लू फिल्म चला दी। और में इस तरह बैठ गया की पीछे से शीशे मे उसको दिखे और मैने मोबाईल की अवाज बंद कर दी। मैने नोटीस किया की वो ये सब कुछ देख रही है। तभी पलक बोली भैया मोबाइल मे क्या कर रहे हो। मुझे भी दिखाओ वीडियो मैने कहा तुम अभी छोटी हो ये सिर्फ बड़े लोग ही देखते हैं।

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तभी पलक कहने लगी की मुझे दिख नहीं रहा क्या हो रहा है वीडियो मे फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब मैने मोबाईल की थोड़ी अवाज बड़ा दी और मोबाईल पर मैने गांड मारने वाला सीन चला दिया। वो कहने लगी भैया ऐसी वीडियो क्यों देखते हो। मैने कहा की मज़े के लिए तो वो कहने लगी। इसमे क्या मज़ा आता है उसमे लड़की रो रही है। दर्द से तुम्हे मज़े की सूझी है। मैने कहा नहीं पागल लड़की को भी मज़ा जब आता है तभी वो ऐसे करती है। तो पलक कहने लगी की अब अगर इसके बच्चा हो जाएगा तो। मैने कहा गांड मारने पर बच्चा नहीं होता है। वो ये सब देख कर गर्म हो चुकी थी। अब उससे रहा नहीं गया और तभी उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ लिया। और कहने लगी मेरी भी गांड मारो प्लीज भैया। फिर मैने उसको कहा ऐसे लंड थोड़ी ना घुस जाता है। गांड में पहले गांड को गीला करना पड़ता है। तभी पलक बोली में कर देती हूँ ना गीला बस आप तो लंड डाल दो।

फिर उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई। और उसने देखा की सब सो रहे हैं कमरे मे वो आ गई और उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। और तभी मैने उसे अपनी बाँहों मे भर कर उसके लिप्स अपने लिप्स मे भरकर उसका कुर्ता उतार दिया। और अब उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दी।

अब पलक अपने घुटनो पर बैठ कर मेरी पैंट नीचे खीँच कर मेरे लंड को पकड़ कर मुहं मे लेकर चूसने लगी। मैने उसकी ब्रा खोल दी आह दोस्तो वो मेरा पूरा लंड मुहं मे लेकर चूस रही थी। मैने उसे खड़ा किया और बेड पर लिप्स चूसते हुए उसे बेड पर लिटा दिया। और उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया उसके बूब्स बहुत बड़े थे। और में उस पर चड़कर चूसने लगा और निप्पल को मुहं मे लेकर चूस रहा था। वो आह आह भैया चूसो आहै उईमाआ मज़ा आ रहा है कह रही थी। मैने थोड़ा नीचे आकर उसकी पेंटी को फाड़ दिया और दोनो पैरो को फैलाकर अब में उसकी चूत में एक उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा और चूसने लगा वो आहैहा हा भैया चूसो प्लीज़ आहै आहै कर रही थी और मेरे मुहं मे ही झड़ गई और अब मैने उसको कहा क्या करू? तभी वो बोलने लगी चूत मे लंड मत डालना तो मैने कहा मेरा क्या होगा।

अब वो मुझसे बोली मेरी गांड मे अपना लंड डाल लो मैने कहा ठीक है मुझे लंड को चूत में लेने से डर लगता है। फिर उसको बेड से उठा कर जमीन पर लाकर के मैने उसे घोड़ी बनने को कहा। वो जल्दी से घोड़ी बन गई तभी मैने पीछे से आकर उसकी गांड के छेद को फैलाया। और उसे बहुत दर्द हुआ और मुझे भी तभी उसने कहा बेड के पास बॉक्स मे तेल है। तभी मैने तेल निकाल के कुछ अपने लंड पर लगाया और बाकी उसकी गांड के छेद पर लगा दिया था। मैने उसको गांड को फैलाने के लिए बोला उसने अपनी गांड अपने दोनो हाथो से फैला ली। तब मैने अपना 7 इंच के लंड का अगला हिस्सा उसकी गांड मे टिका कर एक हल्का सा धक्का दिया। अब लंड दो इंच अंदर गया था। वो ज़ोर से चीखी मरर गईइई मैने पीछे से उसका मुहं दबा दिया उसकी चीख दब गई थी।

फिर मैने थोडे समय रुकने के बाद जब वो शांत हो गई तब मैने पीछे से एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया। और दूसरे हाथ उसकी चूची को भींच कर एक जोरदार झटका मारा मेरा पूरा लंड उसकी गांड मे समा गया। और उसकी गांड से थोड़ा खून निकल गया। और उसकी आँख से आँसू आ गये थे। और ऐसे ही बिना मुड़े हुए में हिला तक नहीं फिर उसने मेरा हाथ अपने हाथ से हटा कर बोली भैया चोदो अपनी बहन की गांड मारो मेरी चूत मुझे रंडी बना कर चोदो। तब में धीरे धीरे झटके मारते हुए अपनी स्पीड बड़ा दी।

दोस्तों आज मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था। हर एक झटके मे अलग एहसास था। हम दोनों का दर्द से बुरा हाल हुआ उसकी गांड से अभी भी खून निकल रहा था। लेकिन मैने उसे नहीं बताया और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी। क्योकि में कुछ देर के बाद में झड़ने वाला था। मैने उसकी गांड मे वीर्य निकाल दिया तभी पलक ने कहा की उसको वीर्य मुहं में लेना है। तभी मैने देर ना की और जल्दी से लंड को उसके मुहं में दिया अब वो लंड को चूस रही थी और बोली मैने पहले कभी लंड मुहं में नहीं लिया लेकिन आज मुझे लंड को चूसना अच्छा लगा।

हम दोनों उठे और साथ में बाथरूम में जाकर नहाए हमने वहाँ पर भी चुदाई की और बाहर आ गये। दोस्तों मैने छाया और पलक को एक साथ कई बार चोदा लेकिन जो मजा मुझे पलक की गांड में आया वो मुझे छाया और पलक की चूत में अभी तक नहीं आया वो दोनों इस चुदाई में हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देती थी। अब उन्हें बिना लंड लिये नींद नहीं आती और मेरी भी आदत हो गई। दोस्तों ये थी पलक और मेरी सच्ची कहानी थी।

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मेरी सेक्सी प्रेमिका के साथ मेरे रोमांस की शुरुआत https://sexstories.one/sex-with-virgin-lover/ Tue, 14 Dec 2021 07:49:05 +0000 https://sexstories.one/?p=4989 उसके स्तन बड़े हो रहे थे और उसके निप्पल तेज हो गए थे। मैं अपने दिमाग से बाहर था, मैंने उसके चेहरे को अपनी ओर खींच लिया और उसके होठों को इतनी जोर से चूमा...

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Sex with Virgin Lover Girlfriend – नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ नानी, हैदराबाद से। आज अपना यौन अनुभव साझा कर रहा हूं। जो मेरे शर्मीले कुंवारी प्रेमी के साथ हुआ। उसका नाम निकिता है। आकार 32c, 26, 28. उसकी ऊंचाई 5’8 है। मैं उसकी गांड को छूता था और हमारी हर मुलाकात को निचोड़ता था, उसके स्तन उसके पास सबसे अच्छा हिस्सा थे। कभी-कभी सार्वजनिक स्थानों पर, मैं नियंत्रण खोने के कारण उसके स्तनों को छूता था और उन्हें दबा देता था। वह कुछ भी नहीं कहती है कि उसके शरीर पर मेरे स्पर्श का आनंद मिलता है।

मुख्य कहानी पर आते हैं, हम लगभग 4 साल के संबंध में हैं। इंटरमीडिएट में एक-दूसरे को प्रपोज करने के बाद, हमने अपने नंबरों का आदान-प्रदान किया, उसके साथ फोन पर चैट करना शुरू किया, और धीरे-धीरे हम खुले और काफी अच्छी तरह से देखभाल करने लगे, हमारे इंटरमीडिएट के पूरा होने तक यह सब सामान्य था।

हम दोनों एक ही डिग्री कॉलेज और एक ही कोर्स में शामिल हुए, कॉलेज की शुरुआत में हम लाइब्रेरी, कैंटीन और सभी एक साथ जाते थे। मैं उसकी सुंदरता का वासना लड़का था, मैं उसके शरीर में हर बदलाव को नोटिस करता था। मुख्य रूप से मैं उसके स्तन और गांड का दीवाना हो जाता हूँ।

कॉलेज के बाद, मैं उसके सेक्सी स्तन और गधे की इमेजिंग करते हुए कमरे में और बाथरूम में सह जाता। यह महीनों के लिए नियमित चला गया, एक अच्छा दिन यह हमारे कॉलेज में एक पारंपरिक दिन है वह हरे रंग के ब्लाउज के साथ लाल साड़ी में थी। वाह, मेरा लंड मेरी पैंट में रगड़ने लगा। ब्लाउज के साइड व्यू से उसके बूब्स दिखाई दे रहे थे, पूरी क्लास के लड़के उसे देख रहे थे।

मैं पागल हो गया था और मैं लगातार उसके स्तन और गांड को देख रहा था, वह उस दिन साड़ी पर बहुत गर्म थी। मैंने उसे लाइब्रेरी आने के लिए मैसेज किया, हम दोनों लाइब्रेरी में बात कर रहे थे। मैं उसके बूब्स को देख रहा था और उसकी नाभि का हिस्सा जल रहा था। उसने मेरी शक्ल देखी और चली गई। कॉलेज पूरा करने के बाद, मैंने उसे एक कॉफी शॉप में रुकने के लिए कहा, यह हमारा नियमित स्थान था। उसे बताया कि वह साड़ी पर बहुत सेक्सी थी, मैंने विशेष रूप से उसके स्तन का उल्लेख किया और उसकी गांड बहुत हॉट लग रही थी।

उसने मुझे थप्पड़ मारा और चली गई। शाम को मैंने उसे मैसेज किया कि उसने कोई जवाब नहीं दिया, करीब कुछ घंटों तक भीख मांगने के बाद वह मुझसे बात करने के लिए तैयार हो गई। फिर हम कभी-कभी आधी रात तक रोज बात करते और बातें करने लगे, मैंने सेक्स चैट करने की कोशिश की, लेकिन उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, वह विषय को डायवर्ट कर देती थी। जैसे-जैसे दिन बीतते गए उस प्यार की तरह नियमित चैट करें जहाँ वे चैट करते हैं और उससे अधिक नहीं।

Hindipornkahani – माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की

एक बार जब हम एक फिल्म के लिए गए, मैंने उसके स्तन पकड़ने और उसे चूमने की कोशिश की, वह चली गई, और मुझे उसे छूने दिया। मैं भी चुप रहा और ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी… क्योंकि ये केवल दिन बीत गए। मैंने रोमांस और सेक्स के बारे में पूछा लेकिन उसने मुझे डांटा।

इसलिए 15 अगस्त को कॉलेज में ध्वजारोहण समारोह के बाद सभी अपनी-अपनी दिनचर्या में जुटे हैं. मेरा मन सोच रहा था कि उसके स्तन और गांड को कैसे छूऊँ, मैंने उससे फिल्म के लिए पूछने की योजना बनाई। मुझे इस बात की बहुत चिंता थी कि अगर उसने मना कर दिया तो वह इस पर क्या प्रतिक्रिया देगी। लेकिन, उसने मेरे साथ एक फिल्म देखना स्वीकार किया, मैं खुश हुआ और उसे सिनेमाघर ले गया। इसलिए थिएटर दर्शकों से खाली था क्योंकि यह एक औसत फिल्म थी।

मैं अंदर से बहुत खुश था यह सोचकर कि यह मेरा भाग्यशाली दिन है, फिल्म लगभग आधे घंटे चल रही थी जब उसने चुप्पी तोड़ी और मुझे अपने परिवार के बारे में बता रही थी। तो मूड में था उसके होंठ इतने लाल थे और मैं उसके होठों का दीवाना हो रहा था, मैंने धीरे-धीरे उसकी जांघों पर अपनी दाहिनी जांघ को रगड़ा और उसकी दाहिनी जांघ को बहुत धीमी गति से रगड़ा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा

मुझे लगा कि वह आनंद ले रही है, उसकी सांसें भारी थीं और मैं उसके शरीर से किसी प्रकार की सुगंध को सूंघ रहा था। यह मेरे डिक को इतना सख्त बना रहा था और जब वह सांस ले रही थी, उसके स्तन बड़े हो रहे थे और उसके निप्पल तेज हो गए थे। मैं अपने दिमाग से बाहर था, मैंने उसके चेहरे को अपनी ओर खींच लिया और उसके होठों को इतनी जोर से चूमा और उसके होंठों को काट लिया।

वह सांस लेने के लिए संघर्ष कर रही थी और मेरा विरोध कर रही थी। उसके होठों को चाटने के एक मिनट बाद, मैंने चुंबन तोड़ दिया। उसने मेरे गालों पर थप्पड़ मारा, लगभग कुछ देर मैं चुपचाप बैठी रही और उससे बात किए बिना फिल्म देख ली। इंटरवल के बाद फिल्म दोबारा शुरू हुई तो उसने धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर सॉरी बोला लेकिन मैं उसका कोई जवाब नहीं दे रही थी.

उसने मेरा हाथ थाम लिया और अपने स्तनों पर रख दी। वे इतने नरम और कड़े थे, मैंने उसकी तरफ मुड़कर उससे कहा कि मैं उसके होंठों को चूमना चाहता हूं, एक शर्मीली मुस्कान के साथ धीरे-धीरे होंठों को मत काटो। मैं उसके बूब्स को उसकी ड्रेस के ऊपर से दबा कर इतनी धीरे से उसके होंठों को चूम रहा था।

वह इतनी धीरे से कराह रही थी जिससे मेरा डिक मजबूत हो गया था मैंने उसका हाथ लिया और उसे अपने जीन्स के ऊपर अपने डिक पर रख दिया वाह उसने धीरे से मेरे लिंग को मेरी जींस के ऊपर रगड़ा। मैं इतना सख्त हो रहा था और मेरे हाथ उसकी कमर को दबा रहे थे, वाह, जब मैं अपने हाथों को जाँघों पर ले जा रहा था, उसने फिर से उसे चूम कर धीरे-धीरे रोक दिया। मैं उसके स्तनों पर उतर गया और उन्हें उस पोशाक के ऊपर से चूसा जो वह धीरे से मेरे सिर को अपने स्तन की ओर पकड़कर कराह रही थी।

इस बीच, मैंने अपने हाथों को उसकी जांघों पर रखा और उन्हें निचोड़ा और उसकी पैंट से, मैं उसकी चूत को रगड़ रहा था उसने मेरी जीन्स जीप को हटा दिया और मेरे डिक को जोर से दबाते हुए बाहर निकाला, जबकि मैं उसकी चूत को उसकी पैंट के ऊपर से रगड़ रहा था, मैंने उसकी पैंट को ढीला कर दिया और मेरा बायाँ हाथ उसकी चूत में रख दिया वह आगे-पीछे घूम रही थी क्योंकि यह पहली बार था जब कोई लड़का उसे छू रहा था।

मैंने उसकी पैंटी से उसकी चूत को सहलाया और धीरे-धीरे मैंने उसके होंठों को चूमा अचानक मैंने अपनी बीच की उँगली उसकी चूत में डाल दी, वह पूरी तरह से गीली थी और उसके छेद के अंदर बहुत गर्म थी, उसने झटका दिया और मेरे होंठों को काट लिया, जबकि मैंने अचानक मेरी उंगली में प्रवेश किया।

3 मिनट के बाद, उसने अपना रस लीक कर दिया, मैंने अपनी उंगली निकाल दी और अपने मुंह में रख लिया, वह शर्मीली महसूस कर रही थी और मैंने उसे नीचे उतरने और अपना डिक चूसने के लिए कहा, कुछ मिनटों के अनुरोध के बाद उसने मेरे डिक को अपने मुंह में रखा और धीरे से उसे चूसा . मैं उसके बूब्स को उसकी ड्रेस के अंदर रख कर दबा रहा था और मैंने उसके बाल पकड़ कर अपना लंड चूस लिया और मैं बहुत तेज़ी से लीक हो गया, जैसे उसने मेरा आंड चूसा।

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी..

यह मेरी सेक्सी प्रेमिका के साथ मेरे रोमांस की शुरुआत है, मैं कहानी के अगले भाग में इस बारे में लिखूंगा कि मैंने उसे कैसे चोदा।

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दो बार चुदाई एक रात में https://sexstories.one/do-bar-chudai-ek-raat-mein-xxx/ Sun, 12 Dec 2021 07:09:00 +0000 https://sexstories.one/?p=3457 में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे...

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Do Bar Chudai Ek Raat Mein – मेरा नाम महेश और मेरे पडोश में रहती रागिनी से मेरी दो साल पहले आँख मिली थी जब वो यहाँ नयी नयी रहने आई थी जब उसका हसबंड ऑफिस होता और उसको किसी काम की जरुरत पड़ती तो वो सीधे मुजको ही बुलालिया करती थी और में उसका काम कर देता था मेरी तो पहले से ही उस पर नजर थी..

वो दो बच्चो की माँ थी फिर भी उसका फिगर एसा था की कोई भी उसको देख कर ललचाए मेने सोचा मेरी रोटी कोई और ले जाए इससे पहले इ ही उसे खा लेता हूँ.

और धीरे धीरे वो यहाँ के माहोल में सेटल्ड हो गयी और मेरे साथ भी हमारा प्यार हद से ज्यादा गुजर चूका था हम दोनों एक दुसरे की भूख और प्यास को बजाते थे…..

में था कुवारा २८ साल का लड़का और वो थी मेरिड लेकिन उसका पति पूरा दिन काम करके आता और थक कर रात को सो जाता था वो सेक्स की भूकी थी और उसका पति उसकी महीने दो चार बार ही चुदाई करता था और उसे ये रोज खाना था. जो की में ही दे सकता था और देता था.

एक दिन रात के ठीक बजे थे और उसका फोन आया उसने मुझे फोन पर बताया की आज उसका पति बहार गया हे तो वो सीधे कल दोपहर को आएगा तो आज रात हम दोनों ने मिल कर चडाई का प्रोग्राम बनाया. उसने बोला था बच्चे सो जायेंगे तब में मिसकॉल दू तो तुम सीधे टेरेस पे आ जाना..

तो ठीक १० बजे उसका मिस कॉल आया तो में चला गया उसके घर वो नाईटसूट पहने टेरेस पर मेरी राह देख रही थी. मेने तो जाते ही उसे अपनी बाहों में ब्भर लिया और चूमने लगा और वो भी जेसे तैयार ही थी जब मेने उसकी चूत में हाथ डाला तो उसकी चूत गीली गीली थी और उसका मेसेज मिलते ही मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और तब से ही खड़ा था..

मेने उसे चुमते चुमते ही उसके सारे कपडे उतार दिए और अपने भी वो सेक्स में चूर मुझे बाईट कर रहि थी.

और में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे अब लंड चूत के अन्दर घुस मारने के लिए बेताब था और मेरे काबू में नहीं था में उठा और सीधे उसकी चूत में लंड घुसा दिया लंड अन्दर घुसते ही वो अपनी गांड हिला हिला के चुदाई का मज़ा ले रही थी.

थोड़ी देर तक मेने उसे छोड़ने दिया फिर मेने लंड को चूत के अन्दर बहार करके चोदना सुरु कर दिया १;३० घंटे तक मेने उसकी चुदाई की फिर में झड़ने वाला था की उसने कहा की चूत के अन्दर मत झड़ना मेरे बूब्स पर अपनी मलाई निकाल देना और में जल्दी से लंड निकाल के उसकी दो बूब्स के बिच में झड गया.

Chudayi kahani शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

ये तो इतना जल्दी हुआ था की जेस अभी अभी हम दोनों भूके और प्यासे थे और वेसे भी आज तो पूरी रत हम दोनों के नाम थी तो क्या केहना १ घंटा तक हम दोनों नंगे ही टेरेस पर बीएड पर बेठे रहे. एक दुसरे के अंगो को सहलाते हुए कभी वो मेरे लंड को पकड़ कर दबाती थी सहलाती थी तो कभी मुझे किस करती थी और में भी उसके बूब्स को पकड़ पकड़ कर बारी बारी दबा रहा था..

मेने उसके बूब्स को दबा दबा कर और चूस चूस कर लाल टमाटर जेसे कर दिए थे.

और एक हाथ मेरा था उसकी चूत में कभी में उसकी चूत को नरम नरम हाथो से सहलाता तो कभी दो उंगलिया उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में घुमाता था जिससे वो और बभी एक्साईट हो रही थी मेरा तो दूसरी बार भी खड़ा हो चूका था और वो भी अब तो दूसरी बार भी पानी छोड़ चुकी थी.

इ तो पूरा का पूरा उसके ऊपर सो गया उसके पैर की उंगलिया मेरे पैर में मिलाता था और उसके बूब्स को एरे निपल से मिलाकर पुरे बदन को उसके बदन से घिस रहा था हम दोनों इस बार भी बहुत एक्साईट हो गए थे हम दोनों को सेक्स का नशा चदता ही चला था और फिर उसने अपने हाथ से ही अपनी चूत में मेरे कड़क कड़क लम्बे लंड घुसा दिया.

फिर मेरा तो क्या कहना में तो जोर जोर से उसे चोदने लगा इस बार हमारी चुदाई बहुत लम्बी चली और हमें भी लंबा चुदना था हम दोनों थक गए थे लेकिन नशा अभी भी बरकरार था.सेक्स की तलप हमें थकने नहीं देती थी मेने उसे बहुत जोर जोर से उसे छोड़ा वो आआआआआ ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊऊईईईईइमा जेसी सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी और सेक्स का मज़ा लोट रही थी..

फिर युही चुदाई करते करते में दूसरी बार भी झड़ने की आरे पर था उसने पहले कहा था तो मेने झट से अपना लंड उसकी चूत में से निकाला और उसके दो बूब्स की बिच दबाया और में झड गया फिर थोड़ी देर बाद में कपडे पहन कर में वह से चला आया.

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मेरी पलागतोड़ चुदाई https://sexstories.one/meri-palagtod-chudai-story/ Sat, 11 Dec 2021 07:03:02 +0000 https://sexstories.one/?p=4890 उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से... वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज...

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Meri Chudai / Patni ki Palagtod Chudayi Story – हेलो दोस्तों! कैसे हो सब? आज फिर से लेके आयीं हूँ उस सेक्सी स्टोरी का दूसरा भाग.. मैं अपने बारे में फिरसे बता दूँ.. मैं एक इंटीरियर डिज़ाइनर हूँ और मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी और स्लिम है.. उम्र २५ साल और मैं पूरी दूध की तरह गोरी चिट्टी हूँ.. एकदम सेक्सी कर्व्स, पेट स्लिम टीम और फ्लैट है… बेल्ली तो लगभग है ही नहीं.. और मेरे बूब्स और गांड बड़े हैं.. मैंने अपनी फोटो पहले भाग में शेयर की थी..

मेरा एक छोटा बच्चा है जो ४ महीने का है.. ऐसे तो मेरे पति मुझे रोज़ चोदते है.. वो भी एक जंगली जानवर की तरह…लेकिन आज रात तो वो एक अलग ही जानवर बन गए थे… चुदाई से घर में आधा सामान टूट चूका है… मेरे पति ऑफिस में थे और मैं अपना काम कर रही थी, वर्क फ्रॉम होम वाली… तभी मेरे पति का मुझे कॉल आया.. वो बोले के वो आज रात अलग ही जोश में होंगे… आज रात वो पूरी रात इतनी ज़ोर से चुदाई करेंगे की पूरा घर हिलने लगेगा.. मैं बोली, ठीक है.. मेरे पतिदेव.. पहले घर तो आ जाओ..

रात के १० बज चुके थे.. मैंने टेबल पे काम करते करते खाना लगा दी थी..

और मैं खुद काम करने लग गयी.. मेरे पति १० बजे आये और वो मुझे किस करना चाहते थे.. लेकिन मैंने उनको करने नहीं दिया क्योंकि मैं कांफ्रेंस कॉल पर ट्रेनिंग दे रही थी नई कैंडिडेट्स को… वो फ्रेश होक आये और खाना खाने बैठ गए.. मैं भी कांफ्रेंस कॉल ख़त्म करके खाने बैठ गयी.. फिर खाने के बाद, उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगे.. लेकिन मुझे अभी भी एक फाइल भेजना था कैंडिडेट को..

मैंने उनको बोला प्लीज अभी नहीं.. क्योंकि मुझे ये लास्ट फाइल भेजनी थी.. लेकिन वो माने ही नहीं… और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे ज़ोर से…

फिर उन्होंने अपना पायजामा खोल दिया और सैंडो भी उतार फेका और अपना अंडरवियर भी खोल दिया.. हमारा बेटा हमारे बेडरुम में सो रहा था.. फिर उन्होंने मुझे उठाया और टेबल पर लेटा दिया.. टेबल पर बहुत सारे खाने का सामान था और मेरे काम की चीज़े भी थी जैसे की पेपर्स, लैपटॉप और पेंसिल बॉक्स… मैं अपने ऑफिस से एक १८ साल के इंटर्न कैंडिडेट से पेंसिल बॉक्स लेके आयी थी.. क्योंकि वो गलती से छोड़ के चला गया था.. लेकिन मेरे पति ने मुझे टेबल पे उन सब के ऊपर लेटा दिया था… और मेरे कपडे फाड़ दिए.. और मेरे ऊपर आ गए.. मिशनरी पोजीशन में… और अपने बदन से मेरे बदन को ज़ोर से दबाने लगे…

मेरे पति बहुत भारी है क्योंकि उनका बड़ा सा पेट है.. मैं पेपर्स और पेंसिल बॉक्स के ऊपर लेटी हुई थी.. पेंसिल बॉक्स ठीक मेरी गांड के निचे था और मेरे पति मेरे ऊपर पूरे जोश में थे और मेरे बॉडी को काट रहे थे.. फिर उन्होंने अपना १० इंच का काला मोटा लंड ज़ोर से मेरी कमसिन चूत में घुसा दिया.. मैं चिल्ला उठी… लेकिन वो माने नहीं..

उन्होंने अपनी चुदाई को स्पीड बढ़ा दी..

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मैं चिल्ला रही थी… सिसकारियां निकाल रही थी..उउउउउ…. आआह्ह्ह्हह…. उम्म्म्म…. आउच! थोड़ा आराम से… लेकिन वो मान ही नहीं रहे थे.. उन्होंने और वज़न दाल दिया और ज़्यादा स्पीड से चोदने लगे… पूरा टेबल धप-धप-धप के आवाज़ कर रहा था.. और ज़ोर से हिल रहा था…

मेरे गांड के निचे जो पेंसिल बॉक्स था वो पूरा टूट गया और पेपर्स भी फट गए चुदाई से.. पेंसिल बॉक्स के टुकड़े मेरे गांड में चुभ रहे थे..

लेकिन मेरे पति पूरे जोश में जंगली सेक्स कूद-कूद के कर रहे थे.. जब वो मेरे ऊपर कूद-कूद के चुदाई कर रहे थे तो पूरा टेबल इतना ज़ोर से हिल रहा था आगे-पीछे की जैसे टूट ही जायेगा.. सारा खाना निचे ज़मीन पे गिर रहा था.. और देखते ही देखते टेबल टूट गया हम दोनों के चुदाई से…

हम दोनों निचे गिर गए.. फिर भी वो रुके नहीं… चुदाई करते रहे.. मैं आअह्ह्ह…. आह्ह्ह्ह… उईईई माँ…… मर गयी… आअह्ह्ह.. आह्ह्ह्हह… आउच… आउच… उउउउउ….. सससस, करती रही… मेरी सेक्सी सिसकारियां सुन कर वो और भी ज़ोर से चुदाई करने लगे.. सब खाना मेरे बदन पर चिपक रहा था…

फिर वो अकड़ गए और एक ज़ोर का झटका मारते हुए उन्होंने अपने लंड का माल मेरी गर्म चूत में छोड़ दिया.. मुझे थोड़ी राहत मिली.. वो मेरे ऊपर ही लेटे रहे.. फिर जब हमलोग उठे तो हमने निचे देखा.. पूरा सत्यानाश हो चूका था टेबल का.. खाना बिखरा था.. सब टूट गया था..

मैं फ्रेश होने चली गई..

कुछ देर बाद मेरे पति फ्रेश हो कर बैडरूम में मेरे पास आ गए और सोने लगे.. १ घंटे बाद वो फिर उठ गए.. उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था फिर से.. मेरे कपडे उतारकर उन्होंने एक झटके में पूरा लंड मेरे चूत में घुसेड़ दिया.. मैं चिल्ला उठी फिर से… वो रुके नहीं.. पेलते रहे.. एकदम जानवर बन चुके थे वो आज.. उनके अंदर पता नहीं कितना माल और पड़ा था.. चोदे और पेले जा रहे थी मेरी गीली गर्म चूत… मैं कराह रही थी.. और उनकी स्पीड बढ़ती जा रही थी…

पूरा बेड हिल रहा था.. बेटा भी बेड पर हील रहा था.. मुझे डर था की कहीं वो जाग न जाए…

चुदाई के समय के कराह रही थी… ओह्ह्ह्ह… आअह्ह्ह्ह… आराम से… पर मेरे पति कहा रुकने वाले थे… ५ मिनट चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उल्टा किआ और मेरे मोटे गांड पर हाथ फेरा.. मुझे भी रूमानी नशा सा हो गया था.. मेरे गांड के होल पर उन्होंने थूक लगा और अपने लंड पर भी और एक-दो जटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया… मैं दबी आवाज़ में चिल्ला उठा… वो कूद-कूद कर मेरी गांड मारने लगे… उनके चुदाई के रिथम से पूरा बेड हिल रहा था.. करीब आधे घंटे गांड मारने के बाद मुझे फिर से सीधा लेटा दिया और जमके १५ मिनट तक मेरी चूत मारी…

तो ये थी मेरी दुसरी चुदाई की कहानी। इस चुदाई के बाद मेरे पति मुझसे रोज, हर रात, रफ वाइल्ड मिशनरी सेक्स करते हैं। जिस कामरे मैं हमलोग सोटे है वहा का बिस्तर बहुत मजबूत था। लेकिन मेरे पति की कच्ची चुदाई से, वो बिस्तर भी हिलने लगता है, और चूर-चूर की आवाज आती है।

आशा करती हूं आपको मेरी कहानी अच्छी लगी होगी…

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अंजान लड़की को ट्रेन में उड़ाया https://sexstories.one/train-me-ladki-ki-chudayi-story/ Sat, 04 Dec 2021 06:21:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3366 वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया..

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Train me ladki ki chudayi story हेल्लो दोस्तों मेरा नाम राम है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक सेक्सी कहानी को लेकर हाज़िर हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची घटना है और उस दिन मुझे बहुत मज़ा भी आया था | दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में मज़ा तो जरुर आयेगा | इस कहानी को पढने में दोस्तों आप लोगो के लंड में आग तो लग ही जाएगी क्यूंकि मुझे अपनी कहानी पर इतना तो भरोसा है ही | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना चाहता हूँ |

मैं रहने वाला आगरा का हूँ और मेरी उम्र 25 साल है | मेरी पढाई पूरी हो चुकी है और मैं जॉब करता हूँ | मेरी हाईट भी ठीक ठाक है और मेरा रंग बहुत ही साफ है बिलकुल दूध की तरह | मैं दिखने में बहुत स्मार्ट लगता हूँ इसलिए मैंने अभी तक कई लड़कियों की चुदाई कर चूका हूँ | दोस्तों मैं दिखने में बहुत स्मार्ट था इसलिए मेरे क्लास के सब लकड़े मुझे स्मार्टबॉय कहते थे और मेरी क्लास की लड़कियां मुझे लाइन मारा करती थी | उसी क्लास की 2 लड़कियों की मैंने चुदाई की थी और एक को तो छोट्टी के टाइम कॉलेज में ही उड़ा दिया था | दोस्तों जिस दिन मैंने काजल की चुदाई क्लास में की थी मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और उसकी मैंने इतनी भयानक चुदाई की थी की वो चल भी नही पाई थी और इसलिए मैं ही उसको उसके घर तक छोड़ने गया था | उस दिन की चुदाई के बाद मैंने काजल की और कभी बार चुदाई की थी | मैं बिना टाइम को बर्बाद करते हुए कहानी शुरू करता हूँ |

दोस्तों मैं जब जॉब करता था तो मैं दुसरे शहर में रहता था | एक दिन की बात है जब मेरे ऑफिस में 7 दिनों की छुट्टी थी तो मैंने सोचा की क्यूँ न घर ही घूम आता हूँ और मैंने उस दिन घर जाने का प्लान बना लिया | जब मैंने घर जाने का प्लान बना लिया तो मैंने एक टिकट ऑनलाइन किया और जब मैंने तत्काल में टिकट किया तो मुझे कुछ रूपये ज्यादा पड़े | मैंने एक सिलीपर का टिकट बुक कर लिया और फिर अगले दिन मेरी ट्रेन थी | मैंने अपने सामान की पेकिंग की और सो गया | जब मैं सुबह उठा तो मैं नहा कर नाश्ता तैयार किया और नाश्ता करने के बाद घर के लिए निकल गया | मैं स्टेशन पर बैठ कर ट्रेन का इंतजार करने लगा |

मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था तो कुछ ही देर में ट्रेन आ गई और ट्रेन में चढ़ गया | मैं जब ट्रेन मे चढ़ गया तो मैं अपनी जगह पर गया | जब मैं अपनी जगह पर गया तो मैंने देखा की एक लड़की भी वहीँ पर है | तब मैं भी वहीँ पर बैठ गया और उस लड़की को देखने लगा | दोस्तों वो दिखने में बहुत सुन्दर थी | मैं कुछ देर तक बैठ रहा और फिर लेट गया और उसकी तरफ मुंह को करके लेट गया | मैं जब उसके साथ लेट गया तो वो मुझे बहुत घुर घुर कर देखने लगी | वो मुझे घुर घुर कर देख रही थी और मैं उसे घुर घुर कर देख रहा था |

मैं – हाय ?

वो – हाय |

मैं – आप का क्या नाम है ?

वो – सोनम और आपका क्या नाम है ?

मैंने उसे अपना नाम बता दिया और वो मुझसे बोली की आप कहाँ जा रहे हो तो मैंने उसे बता दिया की मैं अपने घर जा रही हूँ | वो मुझे बहुत घुर रही थी और मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को घुर रहा था | मैं उसके बड़े बूब्स को घुर रहा था और वो मुझे अपने बूब्स दिखा रही थी | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक देखता रहा फिर वो मुझसे बोली की आप बहुत देर से देख रहे हो अब बस भी करो |

मैं – क्या मतलब ?

Kamuk Kahaniya रंडी बन गयी दोस्त की बीवी

वो मुझसे बोली की जो तुम उतने देर से देख रहे हो मैं उसकी ही बात कर रही हूँ |

मैं – हाँ तो मैं क्या देख रहा हूँ मुझे नही पता है |

दोस्तों वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया | दोस्तों जैसे ही उसने मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखा तो मेरे अन्दर करंट लग गया | मैं उसके एक दूध को हाथ में पकड कर धीरे से दबा दिया तो उसने मुंह से अह की आवाज निकल गयी | जब उसके मुंह से आवाज निकल गयी तो मैंने उसके कपडे निकलने लगा तो उसने मुझे माना किया और कहा बस इतना ही इससे ज्यादा कुछ नही कर सकते हो | दोस्तों जब उसने ये बात कही तो मैंने भी कह दिया की आग लगने के बाद माना कर रही हो और मैं उसको कस के अपनी बाँहों में जकड़ लिया | जब मैंने उसे जकड़ लिया तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी |

दोस्तों मैं उसके साथ जबरदस्ती करने लगा क्यूंकि हम दोनों के डिब्बे में और कोई आने वाला था नही इसकी वजह ये थी की हम दोनों स्लीपर में थे | मैं उसे कस के जकड़ लिया और उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | जब मैंने उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया तो वो मुझसे बोली ये ठीक नही है | मैंने भी कहा की यार मन जाओ और ये कहते हुए उसकी होठो को चूसने लगा | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बड़े बूब्स को मसल रहा था | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बूब्स को मसल रहा था जिससे वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी | जब वो गर्म हो गयी तो मेरी होठो को चूसने लगी |

फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो ब्रा और पैंटी में मेरे सामने आ गयी | मैं उसको उस तरह घुर घुर कर देखने लगा और उसकी ब्रा को पकड कर खीच लिया जिससे उसकी ब्रा टूट गयी | जब उसकी ब्रा टूट गयी तो उसके बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और मैंने उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा तो वो तेज सांसो में अन्हे भरने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसके मस्त छोटे गोल निप्पल को मुंह में रख कर ठीक एक बच्चे की तरह चूसने लगा | मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो मस्त होकर आ आ आ उई माँ आ…. उई हाँ उई हाँ माँ माँ… सी उई सी उई सी उई सी…. अह अह अह उई आउच……. की सिसकियाँ लेती हुई मज़े ले रही थी | मैं उसके दोनों बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा दिया |

मेरी जीभ के स्पर्स से उसकी सिसकियाँ और तेज हो गयी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था साथ में उसकी चूत के दाने को होठो से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मस्त होकर मज़े ले रही थी और आह आह आह… ऊऊ ऊऊ… की आवाज कर रही थी | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ उसकी चूत में उँगलियों को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जितने जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करता वो उनते ही जोर से सेक्सी आवाजे करती | फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए और अपने मोटे लंड को उसके हाथ में पकड दिया |

फिर वो मेरे लंड को हाथ में पकड कर घुटनों के बल बैठकर चूसने लगी | वो मेरे लंड को ऐसे ही 5 मिनट तक चूसती रही फिर मैंने उसके मुंह से अपने लंड को निकाल लिया और उसको लेटा दिया | जब मैंने उसे लेटा दिया तो उसने अपनी टांगो को फैला दिया | उसने अपनी टांगो को फैला दिया तो मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को रख कर धीरे से घुसा दिया | जब मैंने उसकी चूत में थोडा लंड घुसा दिया तो वो सेक्सी आवाजे करती हुई अपनी चूत को हिलाने लगी | वो अपनी चूत को हिलाने लगी तो मैंने उसकी कमर को पकड लिया और एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसकी चुत में मेरा पूरा लंड घुस गया | मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में पूरा गया तो उसके मुंह से निकलने वाली सेक्सी आवाजे चीख में बदल गयी |

दोस्तों मैं उसकी वो चीख सुनकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और कुछ देर बाद फिर से उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया | जब मैंने अपने लंड को दुबारा उसकी चूत में घुसा दिया तो वो मज़े से बोली यार और तेज से चोदो | मैं तब उसकी टांग को उठा कर उसकी गांड पर हाथ मारते हुए बोला देख मादरचोद को मज़ा आ रहा है | मैं उसकी गांड पर हाथ मारते हुए उसकी चूत में धक्के मारने लगा | मैं जब उसकी चूत में धक्के मारने लगा तो वो मस्त सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | मैं उसको जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोद रहा था |

मैं उसको ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ 15 मिनट तक चोदता रहा और फिर मैं झड़ गया | जब मैं झड़ गया तो मैंने अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | तब मैं और वो एक दुसरे से लिपट कर लेट गए | फिर जब मैं अपने यहाँ पहुच गया तो उतर गया और वो सीधे चली गयी |

ये थी मेरी कहानी धन्यावाद……

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मेरी कामुक चाची https://sexstories.one/kamuk-chachi-ki-chudai-ki-sexy-kahani/ Thu, 02 Dec 2021 08:58:40 +0000 https://sexstories.one/?p=4904 सकी आँखें बंद थीं और मेरे स्पर्श पर प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी। जब मैंने उसकी स्कर्ट के अंदर अपना हाथ डाला, तो मैंने देखा कि कोई पैंटी नहीं थी! उसकी रसदार चुत चाटने लग. मैं उसकी चूत चाट रहा था और उसने एक छोटा सा कराह दिया..

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Kamuk Chachi ki Chudai – नमस्ते दोस्तों, मैं हूँ कमल। मैं 5’9” का औसत बॉडी बिल्ट के साथ हूं और आप सभी को बता दूं कि मैं एक औसत लण्ड वाला एक औसत भारतीय लड़का हूं और मैं दूसरों की तरह झूठ नहीं बोलने वाला हूं। आइए कहानी शुरू करते हैं। यह 100% काल्पनिक कहानी है। इसकी शुरुआत मेरी मौसी से हुई, जिन्हें मैं बचपन से हमेशा से पसंद करती रही हूं। जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ मैंने उसके साथ सेक्स की कल्पना करना शुरू कर दिया।

कुछ साल बाद वे एक नए घर में चले गए। उन्हें डिप्रेशन था, जिसकी वजह से उन्होंने अच्छी नींद लेने के लिए नींद की गोलियां लेना शुरू कर दिया था। मेरे चाचा अपने व्यवसाय के कारण देश और विदेश में बहुत यात्रा करते थे। ऐसे ही एक अवसर पर उन्होंने मुझे अपने घर सोने के लिए आमंत्रित किया और मैं चला गया क्योंकि उनके बच्चे अभी बहुत छोटे थे।

खाना खाने के बाद सब सो गए। केवल हमने विभिन्न विषयों के बारे में घंटों बात की और फिर उसने मुझसे मेरी प्रेमिका के बारे में पूछा, जिस पर मैंने सच कहा कि मेरे पास कोई नहीं है।

कुछ देर बाद उसने सोने का फैसला किया और उसने अपनी गोली ले ली। जब मैंने यह देखा तो मैंने इसके बारे में पूछा। उसने कहा कि वह गोलियों के बिना सो नहीं सकती। मैंने गोलियों का पैक लिया और सामग्री पढ़ी। बहुत भारी खुराक थी! जल्द ही उसे नींद आ गई। चूंकि सर्दियों का समय था, हम उसके बेडरूम में सो रहे थे। मैं पानी लेने गया और एसी चालू कर दिया। तब मैंने अपने फोन का उपयोग करने का फैसला किया क्योंकि मुझे अभी नींद नहीं आई थी।

1:00 बजे थे। मैं अपने इंस्टाग्राम पर सेक्सी तस्वीरें और वीडियो देखकर गर्म महसूस कर रही थी, इसलिए मैंने कुछ कामुक सेक्स कहानियों को पढ़ने का फैसला किया। मेरी यौन इच्छा 2:30 तक बहुत अधिक बढ़ गई थी। मैं खुलेआम अपना लंड सहला रहा था। मैंने पलट कर देखा तो मेरी मौसी मेरे बगल में सो रही थी। उसके विशाल स्तन ने उसकी कमीज में पहाड़ बना दिया। मैंने उसके स्तनों को छूना शुरू किया और उसके निप्पल को धीरे से महसूस किया और उसकी कमर को सहलाया। वह थोड़ा हिल गई। मुझे पता था कि वह नहीं उठेगी, क्योंकि डोज़ अधिक था.. फिर मैंने धीरे से उसकी कमीज़ में अपना हाथ डाला और उसके स्तन उसकी ब्रा के ऊपर महसूस होने लगा। मैंने उन्हें धीरे से दबाया।

फिर मैंने उसके होठों पर हल्का सा किस किया और कमीज के ऊपर से उसका दाहिना बूब निकाला और उसे चूसने लगा। साथ ही मैं उसके बाएं स्तन को दबाने लगा। वह नींद में कराह उठी। फिर मैंने दूसरे चूचे को निकाल कर प्यार से चूसा और दाहिनी ओर दबा दिया। धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ उसकी ट्रैक पैंट के ऊपर से उसकी चूत की ओर घुमाना शुरू किया, फिर मैंने अपना दाहिना हाथ उसकी पैंटी के माध्यम से उसकी पैंट में डाला, और उसके स्तन को चूसते हुए उसकी चूत को महसूस करने लगा।

फिर मैंने धीरे से उसकी पैंट उतारी। मैंने उसकी 36 इंच आकार की फूलों वाली काली पैंटी देखी। मैं उसकी जाँघों को बिना जगाए धीरे-धीरे चूमने लगा फिर मैं उसकी पैंटी के किनारे उसकी चूत के पास गया और उसकी चूत चाटने लगा। कितनी रसीली नमकीन चूत थी। उसे नींद में दर्द हो रहा था। मैंने उसे कुछ देर तक चूसा जब तक कि वह संभोग सुख तक नहीं पहुंच गई, मैंने उसका रस चाट लिया। यह मेरा पहली बार था, हालांकि मुझे स्वाद पसंद नहीं आया, मैंने कुछ चाट लिया और अपने रूमाल से उसकी चूत को साफ किया। मुझे प्यास लग रही थी तो थोड़ा पानी पीने चला गया और पता चला कि रात के लगभग 3:30 बजे हैं और मैं यह सब लगभग एक घंटे से कर रहा हूँ।

मैंने उन सभी चीजों की कोशिश की जो मैंने इंटरनेट से सीखी थी, लेकिन अंतिम चरण नहीं। समय कम था। मैंने अपनी पैंट और जॉकी उतार दी। मेरे लंड को मुक्त किया और उस पर कुछ वैसलीन लगा दी, ताकि वह आसानी से उसकी चूत में प्रवेश कर सके। चूँकि मुझे पता था कि वह मेरे चाचा द्वारा लंबे समय तक चुदाई नहीं की गई थी, जैसा कि मैंने उसकी चूत को चाटते हुए महसूस किया था। मैंने उसके ऊपर जाकर उसकी टांगों को अलग कर दिया और धीरे से अपना लंड डाला। शुरू में मुझे कुछ समस्या का सामना करना पड़ा, क्योंकि यह आसानी से नहीं जा रहा था।

फिर मैं उस पर झुकी और उसके स्तन चूसे। मैंने उसका टॉप नहीं हटाया क्योंकि वह टाइट था। फिर मैं धीरे-धीरे उसकी चूत चोदने के लिए आगे-पीछे होने लगा। मेरा वीर्य जल्दी गिरा, क्योंकि यह मेरा पहली बार था। फिर मैंने अपना लंड साफ किया। मुझे पता था कि यह सुरक्षित है, क्योंकि उसने अपने तीसरे बच्चे के जन्म के कुछ साल पहले अपने गर्भाशय को हटा दिया था। कुछ देर बाद फिर से मैंने कामुक महसूस किया और उसे चोदने के लिए अपना लंड उसमें डाला।

इस बार मैं लंबा चला। और उसे अच्छी तरह से चोद दिया। कमरा “थप थाप” के शोर से भर गया था। उसने अपनी नींद में कुछ चाल चली। उसने कुछ मिनटों के बाद अपनी चूत का रस निकाल दिया और मैंने अपनी गति बढ़ा दी, उसके स्तन और होंठ चूसकर उसे चोदा। जल्द ही मैंने अपना वीर्य फिर से उसकी गर्म चूत में गिरा दिया। मैंने अपना लंड निकाला और उसके पास लेट गया। लगभग 4:20 बजे थे। कुछ देर बाद मैंने सब कुछ साफ किया और अपना रस साफ करने के लिए अपना रूमाल उसकी चूत में डाल दिया। फिर मैंने उसे पैंटी और पैंट पहनाई, उसके स्तन वापस उसकी ब्रा और टॉप में डाले और सो गया।

सुबह जब मैं उठा तो 10 बज चुके थे और उसके बच्चे फिर से स्कूल जा चुके थे.. हम दोनों अकेले रह गए थे।

वह मेरे पास आई और नाश्ते के लिए आने को कहा। वह तरोताजा दिख रही थी क्योंकि वह नहा चुकी थी। जब मैं बाथरूम में गया तो मैंने उसकी काली पैंटी और मैरून कलर की 34 साइज की ब्रा देखी। मैं उसकी ब्रा और पैंटी चाटने लगा। फिर मैंने उसके पैंटी में अपना लंड हिला कर उसका माल गिरा दिया। फिर मैंने कुछ गर्म पानी के लिए गीजर चालू किया। मेरे पूरे शरीर में बिजली का झटका लगा! यह इतना शक्तिशाली था कि मैं चिल्लाया! और नीचे गिर गया।

मेरी चाची ने शोर सुना और वह दरवाजे पर आ गई। उसने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया और चिल्लाने लगी! मैं हिल नहीं पा रहा था, क्योंकि मैं अपने घुटने में मोच के कारण टेबल से गिर गया था। मैंने दरवाज़ा किसी तरह खोला तो मेरी आंटी अंदर आईं। उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? मैंने बताना शुरू किया कि मुझे बिजली का झटका कैसे लगा…

Chachi ki Chudai कर लो अपनी हवस पूरी

मैंने महसूस किया कि वह कामुक टकटकी में मेरे अर्ध-खड़े लंड को देख रही थी, और उसने फर्श पर अपनी ब्रा और पैंटी भी देखी। वह स्थिति को समझ गई और मुझे एक तौलिया के साथ बेडरूम में ले गई और मुझे लेटने के लिए कहा।

उसने मुझसे पूछा कि क्या मुझे चोट लगी है, और फिर मैंने उसे अपनी मोच दिखाई.. जिस पर वह एक मरहम ले आई और उसे लगाने लगी.. वह बैठ कर कर रही थी, मैं बिस्तर पर था, मुझे उसके आधे स्तन की एक झलक मिली उसके गाउन में। जल्द ही मेरा लण्ड खड़ा हुआ और तौलिये में तंबू बना दिया।

उसने मेरा लंड देखा और यह भी कि मैं उसके स्तनों को देख रहा था। फिर उसने मुझे लेटने को कहा और चली गई। कुछ देर बाद मैंने कपड़े पहने और किचन में नाश्ता करने चला गया। उसने मुझे नाश्ता दिया। मैंने देखा कि उसने अपने कपड़े बदल लिए हैं। उसने अब एक लंबी स्कर्ट और ढीली टॉप पहन रखी थी और उसमें उसकी नेवी ब्लू ब्रा दिखाई दे रही थी।

किसी तरह दिन ढल गया। रात को करीब 12 बजे सोने के दौरान, मैं फिर से उसके साथ खेलने लगा, यह सोचकर कि वह सो गई है …. लेकिन मैं गलत था। उसकी आँखें बंद थीं और मेरे स्पर्श पर प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी। जब मैंने उसकी स्कर्ट के अंदर अपना हाथ डाला, तो मैंने देखा कि कोई पैंटी नहीं थी! उसकी रसदार चुत चाटने लगी। मैं उसकी चूत चाट रहा था और उसने एक छोटा सा कराह दिया। फिर उसने मेरे बालों में अपना हाथ रखा और अपनी चूत की तरफ दबने लगी… मुझे एहसास हुआ, वो जाग रही थी… मैंने उसकी चूत को और ज़ोर-ज़ोर से चाटना शुरू कर दिया !!

जैसे ही मैंने क्लिट के साथ शुरुआत की, उसने अपनी चूत का रस निकलने दिया और जोर-जोर से सांस ले रही थी। मैं ऊपर गया और उसे चूमने लगा। वह अच्छी प्रतिक्रिया दे रही थी। फिर मैंने उसका टॉप हटा दिया और उसके स्तन को उसकी ब्रा के ऊपर दबा दिया.. फिर मैंने उसके बूब्स को चाटते हुए अपनी एक उँगली उसकी चूत में डाल दी।

वो कराह रही थी आआआहा उह्म्म्म उहम्म… फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. वह उसे अपनी जीभ से चाटने लगी। मैं बहुत उत्साहित महसूस कर रहा था और बहुत जल्द मैंने अपना माल उसके मुँह में गिरा दिया। वह मेरे बगल में लेट गई। कुछ देर बाद फिर वो मेरे लंड को सहला रही थी. और मैं उसके स्तनों से खेल रहा था।

उसने कहा कि ऊपर आओ और उसे चोदो। यह पहली बार था जब हमने फोरप्ले के दौरान बात की थी। फिर मैं ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। मैंने अपना लंड सीधे उसकी चूत में नहीं डाला तो उसे गुस्सा आ गया। उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और उसे अपनी चूत के अंदर सरकाकर धक्का देने को कहा। मैंने धीरे-धीरे शुरू किया और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ा दी। वह परमानंद के साथ कराह रही थी .. आह्ह्ह !!! उम्म ….! ऊह्ह्ह्ह!!!!… उसके कोमल कराह बहुत सेक्सी थे!

फिर मैंने अपना लंड निकाल कर एक बार में पूरी तरह से डाल दिया! वो चीखी… और अपनी टांगें मेरी कमर पर बंद कर ली… और मुझे चूमने लगी… थाप-थाप-थाप के शोर से कमरा भर गया। मैं उसके स्तन दबा रहा था और उसे चोद रहा था और उसके होंठों को काट रहा था। वह कराह उठी।

फिर मैंने उसे मुड़कर पेट के बल लेटने को कहा। मैं फर्श पर खड़ा था और वह बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैं उसे कोने में ले गया और फिर से अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाला और उसे चोदने लगा।

मैं पीछे से उसके स्तन दबा रहा था और उसे चोद रहा था .. वह मेरा नाम चिल्ला रही थी और मैं सुन सकता था कि दीईईप ओह्ह्ह्ह्ह्ह .. भर दो ओह्ह्ह्ह्ह्ह … जल्द ही उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया और मैंने अपनी गति बढ़ा दी और अपना वीर्य उसके अंदर गिरा दिया चूत और उसके ऊपर लेट गया..

कुछ देर बाद हम बाथरूम में गए और सफाई की। जब हम वापस आए तो उसने कहा, यह एक अच्छा सेक्स अनुभव था… लगभग 4 महीने बाद उसने इस तरह से सेक्स किया।

उसने पूछा मुझे कैसा लगा?

मैंने उसे उसके लिए अपनी लंबी वासना के बारे में बताया और कल रात मैंने उसे कैसे चोदा…

मुझे मौका देने के लिए मैंने उसे धन्यवाद दिया… हम एक दूसरे की बाहों में नग्न थे.. उसने मुझे चूमा और हम सो गए…

हमने अगले सात दिनों तक अपनी चुदाई जारी रखी, जब तक कि मेरे चाचा नहीं आए। दिन-रात वह सिर्फ गाउन और मुझसे चुदाई करवा रही थी में थी। सात दिन बाद जब मैं जा रहा था तो कुछ लाने के बहाने उसे स्टोर रूम में ले गया… मेरे चाचा हमेशा की तरह टीवी देख रहे थे। हमें मस्त चुदाई की। फिर मैं अपने घर चला गया

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