chodayi story Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chodayi-story/ Hindipornstories.org Tue, 16 Nov 2021 11:44:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मीटर बदलने का इनाम चूत चुदाई https://sexstories.one/meter-badalne-ka-inam-chut-chodai/ Tue, 16 Nov 2021 11:44:01 +0000 https://sexstories.one/?p=3319 क्या मुलायम होंठ थे मुझे उनके होंठों को चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर धीरे-धीरे मेरे हाथ उनके चूचों पर रेंगने लगे ओर उन्हें ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा। थोड़ी देर में मैंने उनके चूचों को उनके कपड़ों से आज़ाद कर दिया...

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Meter badalne ka inam chut chodai – मैं कोटा सिटी में रहता हूँ और बिजली विभाग में जॉब करता हूँ। बात कुछ समय पहले की है, जब मैं विभाग के एक उपभोक्ता का बिजली का मीटर लगाने गया था। कनेक्शन किसी सुनीता जैन महिला के नाम से इश्यू हुआ था। मैं मीटर ले कर अपनी बाइक से उनके घर पहुँचा तो वो घर के बाहर ही कुर्सी पर बैठी थीं।

मुझे देखते ही वो खड़ी हो गईं और मैं उनसे बोला – आपका बिजली कनेक्शन इश्यू हो गया ओर मैं आपके घर मीटर लगाने आया हूँ।

अब इधर पहले मैं आप लोगों को सुनीता जी के बारे में बता दूँ। मेरे अनुमान से उनकी उम्र 30-32 साल की होगी.. उनका रंग बिल्कुल साफ़ था और चूचे तो उनके बड़े ही मस्त थे। उनके जिस्म का साइज़ शायद 34-30-36 के आस-पास
था। जिस वक्त मैं उनके घर गया था उस वक्त ब्लाउज तो उन्होंने बिल्कुल खुले गले का पहना हुआ था… जिसके कारण उनके चूचे मुझे साफ़ दिखाई दे रहे थे और उन चूचों की घाटी की गहराई तो देखने लायक थी।

कुल मिला कर ऊपर वाले ने उनको बड़ी फ़ुर्सत से बनाया था। शायद उन्होंने मुझे पकड़ लिया था कि मेरी नज़र उनके चूचों पर थी। फिर वे मुझे अपने घर में मीटर लगाने के लिए बोलीं। मैं उनका मीटर लगा रहा था तो मेरी नज़र बार-बार उनके चूचों पर ही जा रही थी।

मेरी इस हरकत पर वो मुस्कुरा रही थीं। थोड़ी देर में मैंने उनका मीटर लगा दिया। उसके बाद उन्होंने मुझे अन्दर बैठने के लिए बोला। मैं जाकर एक सोफे पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद वो चाय लेकर आईं और झुक कर कप में चाय डालने लगीं। इस कारण मुझे उनके बड़े-बड़े चूचों के सम्पूर्ण दर्शन हो रहे थे।

उनको मस्त चूचों को देखते ही मेरा लंड तो पैन्ट के अन्दर ही तंबू हो गया था और सुनीता जी ने भी इसे भाँप लिया था।

वो मेरे पास आकर बैठ गईं और मुझे चाय देते हुए बोलीं – आपको मेरे घर पर नया मीटर लगाने का इनाम तो देना ही पड़ेगा।

ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरा लंड पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ लिया और उसे सहलाने लगीं। मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वो ऐसा करेंगी। फिर भी उनकी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिलते ही मैं तो उनके ऊपर टूट पड़ा। मैं अपने होंठों से उनके होंठों का रसपान करने लगा। क्या मुलायम होंठ थे मुझे उनके होंठों को चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर धीरे-धीरे मेरे हाथ उनके चूचों पर रेंगने लगे ओर उन्हें ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा। थोड़ी देर में मैंने उनके चूचों को उनके कपड़ों से आज़ाद कर दिया।

Sexy Chut Chodai story सेक्सी भाभी के साथ सेक्स का गर्म मजा

सुनीता जी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी.. जिसमें से उनके गोरे-गोरे चूचे चमक रहे थे। मैंने उसको भी निकाल फेंका और उनके एक मम्मे को पकड़ कर पागलों की तरह चूसने लगा। मैं एक को चूसता और दूसरे को मसलता..

इस तरह करते हुए मुझे 15 मिनट के ऊपर हो गए थे और सुनीता जी अपनी मस्ती में अपने चूचों को मसलवाने का मज़ा ले रही थीं और बड़बड़ा रही थीं, ‘ओर मसलो.. और ज़ोर-ज़ोर से दबाओ इन्हें… सारा दूध निकाल दो इनका…’

मैंने देर ना करते हुए हम दोनों के बाकी के कपड़े भी उतार दिए। अब हम पूरी तरह नंगे थे। फिर सुनीता मेरा लंड अपने मुँह में लेकर उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। उस समय मेरे पूरे शरीर में हाई-वोल्टेज का करंट दौड़ रहा था।वाकयी में सुनीता जी लंड चूसने में माहिर थीं। उस समय मेरे मुँह से मज़े में अजीब-अजीब सी सिसकारियाँ निकल रही थीं। थोड़ी देर में ही मेरा जिस्म अकड़ने लगा और सुनीता जी मेरा पूरा वीर्य गटक गईं।

अब बारी मेरी थी..

मैंने उनको बिस्तर पर लिटाया और उनके जिस्म को चूमने लगा। थोड़ी देर बाद जैसे ही मैंने उनकी चूत के दाने को अपनी ज़ुबान से चाटा तो वो एकदम से अपनी गाण्ड मटकाने लगीं। फिर तो मैं उनकी चूत को रस ले-ले कर चूस और चाट
रहा था। अब तो मैं एक तरह से अपनी ज़ुबान से उनकी चूत चोद रहा था।

सुनीता जी अपनी गाण्ड उचका-उचका कर अपनी चूत चटवा रही थीं।

वो बोलीं- अब देर ना करो और अपना लंड मेरी चूत में पेल दो.. क्योंकि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

मैंने उनकी टाँगों को अपने कन्धों पर रखा और लंड के टोपे को चूत के मुँह पर टिका कर एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड सुनीता जी की चूत की गहराइयों में ‘गच्छ’ की आवाज़ के साथ उतरता चला गया।

जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत में गया.. उन्होंने अपने पैरों का घेरा मेरी कमर पर बना लिया। मेरे लंड के धक्के लगातार उनकी चूत को चोद रहे थे। चूत गीली होने की वजह से लंड चूत से ‘फ़चक.. फ़चक..’ की आवाजें आ रही थीं।

सुनीता जी अपनी पूरी मस्ती से चुदवा रही थीं और मेरे लंड के हर धक्के का जवाब वो अपनी गाण्ड उचका कर दे रही थीं। फिर करीब 20-30 धक्कों के बाद उनका जिस्म अकड़ने लगा और चूत से फॅक-फॅक की आवाजें आने लगीं। थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने भी अपना लावा उनकी चूत में उड़ेल दिया।

फिर हम दोनों के जिस्म थोड़ी देर के लिए किसी चुंबक की तरह चिपक गए। फिर हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए।

वो मुझसे बोलीं – ये तुम्हारे मीटर लगाने का इनाम था।

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फेसबुक से चुदाई तक का साथ https://sexstories.one/facebook-se-chodai-tak/ Thu, 28 Oct 2021 07:31:12 +0000 https://sexstories.one/?p=3177 मैं अब काफी दिनों से राकेश से बात नहीं कर रही थी। एक दिन वह मुझसे बातें करने लगा और कहने लगा कि तुम मुझसे बात नहीं कर रहे हो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा। जब वह मेरे पास आकर बैठा था  तो मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने उसके हाथों को पकड़ लिया...

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hindi porn kahani – desi chodai stories मेरा नाम शगुन है और मैं कोलकाता में रहती हूं। मेरी उम्र 23 वर्ष है और मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूं। मेरे घर में मेरे बड़े भैया भी हैं। वह पुलिस में हैं और मेरे पिताजी अब रिटायर हो चुके हैं। इस वजह से वह घर पर ही रहते हैं और मेरी मां है। हम लोगों की छोटी सी फैमिली है। हम लोगों के घर में बहुत ही अच्छा माहौल रहता है। मेरे पिताजी हमेशा ही मुझसे मेरी जरूरतों के लिए पूछते रहते हैं। वह बोलते हैं कि जब भी तुम्हें किसी भी चीज की आवश्यकता होती है तो तुम मुझे बता दिया करो और मैं भी उन्हें बेझिझक बता दिया करती हूं।

क्योंकि मुझे मालूम है कि मेरे पिता मेरी किसी भी चीज को मना नहीं करेंगे और वह मेरी हर ख्वाहिश को तुरंत ही पूरा कर देते हैं। मैं जब कॉलेज में जाती हूं तो मुझे बहुत सारे लड़के घूर कर देखा करते हैं। इसलिए मुझे बहुत ही दिक्कत होती थी। मैंने एक दिन अपने भैया से कह दिया और वह हमारे कॉलेज में आए। उसके बाद से वह लड़के मुझसे बात भी नहीं करते थे और ना ही मेरे आस पास कभी दिखाई दिए। क्योंकि मेरे भैया ने उस दिन उन्हें अच्छे से समझा दिया था। मेरे भैया बहुत ही अच्छे लड़के हैं और वह एक अच्छे दिल के भी हैं।

वह मुझसे बहुत ही प्यार करते हैं और हमेशा ही मुझसे पूछते हैं कि तुम्हें कभी भी किसी प्रकार से कोई समस्या होती है तो तुम मुझसे ही बोल दिया करो। तुम्हें पापा से कहने की जरूरत नहीं है। अब मैं भी कमाने लगा हूं। इसलिए तुम मुझे ही बता दिया करो। वह दोनों ही मुझे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और कभी भी मुझे कुछ समस्या नहीं होने देते। कॉलेज में भी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और मैं उनके साथ समय बिताना बहुत ही पसंद करती हूं। वह जब भी कॉलेज में होते हैं तो मुझे कहते हैं कि तुम्हारे साथ हमें समय बिताना बहुत अच्छा लगता है और हम लोग जमकर मस्तियां भी किया करते हैं।

हमारे कॉलेज से घूमने के लिए जाने वाले थे। मैंने जब इस बारे में अपने घर पर बताया तो वह कहने लगे कि कोई बात नहीं तुम घूमने के लिए चली जाओ। अब हम लोग घूमने के लिए चले गए। हम लोगों ने बहुत ही इंजॉय किया और उसके बाद कुछ दिनों बाद हम लोग वापस लौट आए। जब मैं वापस आई तो मैंने देखा हमारे घर पर एक लड़का आया हुआ था लेकिन मैंने उसे पहचाना नहीं। क्योंकि मैंने उसे कभी भी नहीं देखा था। मैंने जब अपने भैया से उसके बारे में पूछा तो वह कहने लगे कि यह पापा के दोस्त का लड़का है और उसका नाम राकेश है। जब उन्होंने मुझे राकेश से मिलाया तो मुझे भी उससे मिलकर बहुत खुशी हुई और मैंने उससे पूछा कि तुम क्या करते हो।

Desi chodai ससुराल वालों की खातिरदारी

वह कहने लगा कि मैं पढ़ाई करता हूं। यहां मेरा एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया था। इसलिए पापा ने मुझे यही पर पढ़ने के लिए भेज दिया है। उसकी उम्र भी मेरे जितनी ही थी। इसलिए मैं उससे खुलकर बात कर सकती हूं। अब राकेश और मैं एक दोस्त के तरीके से रहने लगे। वह हमारे घर पर ही रहता था क्योंकि उसके पिताजी ने मेरे पापा से बात की थी कि उसे कुछ दिनों के लिए आप अपने साथ ही रखिए और जब उसे थोड़ा समय हो जाएगा तो वह अपने लिए कहीं और व्यवस्था कर लेगा।

मुझे राकेश के साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा लगता था। वह मुझसे बहुत ही मजाक किया करता था और मैं भी उसे बहुत छेड़ा करती थी। अब राकेश को हमारे घर पर काफी समय होने लगा था और वह हमारे घर के सदस्य की तरह ही बन गया था। घर में जब भैया नहीं होते तो वही घर का सारा काम किया करता था और जब कभी कुछ सामान लाना होता तो वह पापा के साथ चले जाया करता था। वह एक बहुत ही अच्छा लड़का था। मुझे अब उसे देख कर अच्छा लगने लगा। एक दिन मैं उसे अपने साथ अपने कॉलेज ले गई तो वो कहने लगा कि तुम्हारा कॉलेज तो बहुत ही अच्छा है। मैंने जब उसे अपने दोस्तों से मिलाया तो वह उनसे मिलकर भी बहुत खुश हुआ और कहने लगा तुम्हारे दोस्त भी बहुत अच्छे हैं। मैं उसे अपने साथ कई बार घुमाने के लिए ले जाया करती थी और हम लोग कई बार मूवी देखने भी चले जाया करते थे।

जब से वह हमारे घर पर आया है तब से मैं उसके साथ ही ज्यादा समय बिताया करती थी और मुझे उसके साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा लगता था। मुझे ऐसा लगता था जैसे मैं उसके साथ ही समय बिताती रहूं। एक दिन राकेश ने मुझे कहा कि मैंने कॉलेज में ही कोई लड़की पसंद कर ली है। मुझे यह सुनकर बहुत ही बुरा लगा। मैंने उसे कहा कि तुमने मुझे यह बात पहले क्यों नहीं बताई। तो वो कहने लगा कि मुझे लगा तुम्हें सरप्राइज दूंगा लेकिन मुझे यह बात सुनकर वाकई में बहुत बुरा लगा था। जब उसने मुझे उस लड़की की फोटो दिखाई तो वह बहुत ही सुंदर थी। पर मुझे ऐसा लगता था कि शायद राकेश मुझे प्रपोज करेगा या फिर मैं ही उसे प्रपोज करूँगी लेकिन उससे पहले उसे कोई और लड़की पसंद आ चुकी थी। अब मैं उससे कम बात करने लगी और वह भी अपनी पढ़ाई में लगा हुआ था।

एक दिन उसने मुझसे पूछा कि तुम मुझसे बहुत कम बात किया करती हो। मैंने उसे कहा कि आजकल मैं पढ़ाई कर रही हूं। इस वजह से तुम से बात नहीं कर रही हूं। उसने मुझे कहा कि हम लोग कहीं घूम आते हैं। उस दिन वह मुझे अपने साथ मूवी ले गया। हम लोग मूवी देख रहे थे और हम दोनों बहुत ही इंजॉय कर रहे थे। जब हम वापस लौट रहे थे तो मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें बहुत पसंद करती हूं और तुमने कॉलेज में ही अपनी गर्लफ्रेंड बना ली है। मुझे इस बात से बहुत ही गुस्सा आ रहा है। यह बात सुनकर वह मुझे कहने लगा कि तूमने मुझे पहले यह बात क्यों नहीं बताई। मैंने उसे कहा कि अब जो होना था। वह हो चुका है। तुम सिर्फ अपना ध्यान दो। अब हम दोनों बातें तो किया करते थे लेकिन हम दोनों के बीच उतनी बातें नहीं हुआ करती थी।

Matwali bhabhi ki chodayi भाभी बोली, आ तुझे मर्द बनती हूँ

मैं अब काफी दिनों से राकेश से बात नहीं कर रही थी। एक दिन वह मुझसे बातें करने लगा और कहने लगा कि तुम मुझसे बात नहीं कर रहे हो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा। जब वह मेरे पास आकर बैठा था  तो मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने उसके हाथों को पकड़ लिया। जब मैंने उसके हाथों को पकड़ा तो मैंने उसे गले लगा लिया। उसने भी मुझे कसकर गले लगा लिया और वह मेरे स्तनों को दबा रहा था। वह मेरे होठों को चूम रहा था मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था जब वह मेरे होठो को अपने होठो से किस कर रहा था। मैं बहुत ही खुश हो रही थी और वह भी बहुत खुश नजर आ रहा था। मैंने उसके सामने अपने सारे कपड़े खोल दिए और जब उसने मेरा बदन देखा तो उसने मेरा पूरा बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटा। उसने मेरे बदन को अच्छे से चाटा जिससे कि मेरा बदन पूरा पसीना पसीना हो चुका था। मेरे अंदर की उत्तेजना भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी। उसने मेरे दोनों पैरों को खोलते हुए जब मेरी योनि को अपने मुंह में लिया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। अब उसने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया।

जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी योनि में डाला तो मेरी चूत से खून निकलने लगा। उसने मेरे दोनों पैरो को कसकर पकड़ लिया और वह बड़ी तेजी से मुझे झटके मार रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा पूरा शरीर गरम होने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी शरीर से कुछ निकल रहा है और मुझसे वह बर्दाश्त नहीं होगा। कुछ देर बाद उसका भी वीर्य मेरी चूत के अंदर गिर गया। उसके बाद मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगा और मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू किया। कुछ देर तक मैं ऐसे ही उसके लंड को चुसती रही। उसने मुझे घोडी बना दिया और घोड़ी बनाकर उसने काफी देर तक मुझे चोदा जिससे कि मेरी चूतडे पूरी लाल हो चुकी थी और मेरा शरीर पूरा गर्म होने लगा था। मैंने भी अपनी चूतड़ों को उसके लंड पर धक्का मारना शुरू किया तो उसका माल दोबारा से मेरी योनि के अंदर जा गिरा।

उसके बाद उसने अपनी गर्लफ्रेंड से बात करना बंद कर दिया और अब हम दोनों ही साथ रहते हैं।

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भाभी ने बहन और माँ को पटाया https://sexstories.one/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be/ Tue, 19 Oct 2021 09:28:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3055 मैंने देखा रूम में भाभी अपने चुत में ऊँगली कर रही थी और अपने मम्मे मसल रही थी.. मैंने वहा खड़े होकर उनकी वीडियो बनाई... कुछ टाइम बाद भाभी अपना फ़ोन वहीँ रख कर वाशरूम चली गयी... मैंने जल्दी से जाकर देखा। फ़ोन में बहुत साड़ी उनकी वीडियोस थी...

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Bhabhi sex story Maa aur Bahan ko pataya हेलो दोस्तो मेरा नाम कबीर है। मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं। ये कहानी में मैं अपनी आप बीती सुनाने जा रहा हूं। मेरी उमर 23 साल है और मैं कॉलेज में पढ़ता हूं। मेरी भाभी और भैया की शादी को 1 साल हुआ है। और घर में मैं, मेरी मम्मी, भाई और भाभी और एक बहन रहती है।

मेरी भाभी का जिस्म देख वड्डे वड्डो का लंड पंत में ही पानी छोड़ दे। जिस्म के बारे में बताना तो भूल गया। भाभी का नाम रिया है (बदला हुआ)। भाई का नाम साहिल (बदला हुआ) और बहन प्रीत (बदला हुआ) और मां सविता (बदला हुआ).. मेरी बहन की भी शादी हो चुकी है और उनके बारे में तो क्या कहूं वड्डे मम्मे, मोटी गांड, चोदने वाले को मजा ही आ जाए….

अब आता हूं कहानी पर ……

मैंने अपनी +2 बोर्डिंग स्कूल से की थी, तो ज्यादा तर घर से बहार ही रहा हूं। पर कॉलेज के लिए मैं चंडीगढ़ ही वापीस आ गया था। और भैया की शादी भी नई-नई हुई थी। भैया एक कंपनी एम जॉब करते हैं, सेल्स के रिलेटेड, तो वो ज्यादा तर बिजी या घुमते ही रहते हैं..

भाभी इतनी सुंदर थी का मेरा मन उनके ऊपर रहा था। जब वो तयार होती, तो पताका लगी थी। धीरे धीरे में उनकी तरफ आकर्षित हो गया था। और मैं अब भाभी को छेड़ने के स्पर्श करने के बहाने ढूंढ़ता था.. एक दिन की बात है. जब भाभी नीचे खड़ी हुई थी और मैं उनकी ओर देख रहा था.. और मुझे उनके मम्मे आधे दिखाई दे रहे थे… क्या नज़ारा था… और मैंने देखना नहीं बंद किया… देखता रहा…

फिर अचानक भाभी ने ऊपर देखा। मुझे देखकर उन्होंने अपना दुप्पटा ठीक किया और अंदर चली गयी…

मेरे डर के मारे शॉट हो गए थे.. की अब डांट पक्की… फिर मैंने कुछ नहीं किया और वहां से चला गया… एक दिन भाइये ५ दिन के लिए कहीं ट्रिप पर थे काम से तो भाभी अकेली थी उस टाइम…

जब मैं उस दिन रात को उठा और किचन में जाते हुए देखा भाभी के रूम में.. भाभी ने देख लिया…. पर मुझे शक था की कुछ तो बात है की भाभी किसीसे बात कर नहीं है..

और मैं रूम में आ गया. उसके १० मिनट् बाद भाभी मेरे रूम में आ गयी…

भाभी – तुम्हे शर्म नहीं आती, अपनी भाभी को ऐसे देखते हुए… मैं तुम्हारे भाइये को बताउंगी… और घर में भी बताउंगी…

मैं डर के मारे कांप रहा था की अब तो फस गया.. अब पिटाई होगी..

मैं – भाभी, मुझे माफ़ कर दो.. मैंने कुछ जान बूझ के नहीं किया.. मैं गुज़र रहा था तब अचानक से आपको देखकर रुका नहीं गया… माफ़ कर दो… आगे से नहीं होगा…

भाभी – तुम्हे मार तो पड़नी चाहिए… मैंने देखा था उस दिन तुम मुझे छत पर से घूर रहे थे…

मैं – भाभी ऐसे कुछ नहीं है.. मुझे माफ़ करदो… आगे से नहीं होगा… प्रॉमिस करता हु…

भाभी – चलो अब प्रॉमिस करते हो तो लास्ट वार्निंग दे रही हूँ… वरना घर में बता दूंगी..

मैं – शुक्रिया भाभी…

भाभी वह से चली गयी और मेरी भी सांस में सांस आयी…

फिर मैं उनसे बदला लेने का मौका ढूंढ़ता रहा…

एक दिन जब मैं कॉलेज से घर वापस आया तो मैंने देखा रूम में भाभी अपने चुत में ऊँगली कर रही थी और अपने मम्मे मसल रही थी.. मैंने वहा खड़े होकर उनकी वीडियो बनाई… कुछ टाइम बाद भाभी अपना फ़ोन वहीँ रख कर वाशरूम चली गयी… मैंने जल्दी से जाकर देखा। फ़ोन में बहुत साड़ी उनकी वीडियोस थी जो उन्होंने किसी लड़के को भेजी थी… और उनकी चैट जो उससे की हुई थी…

मैं – भाभी बता देना भैया को मैं भी बताऊंगा की आप उनके पीठ पीछे क्या करती हो…

भाभी – पागल है क्या? भौंक रहा है तू… जानता भी है?

मैं – सब जानता हूँ… और मेरे पास प्रूफ भी है.. डरो मत.. मैंने आपके फ़ोन से सारा डाटा अपने फ़ोन में दाल रखा है.. दिखाऊंगा मैं भैया को…

भाभी – कबित देख.. मैं तेरी भाभी हूँ… सच बताऊँ… मेरी भी कुछ तमन्ना है.. तुम्हारे भैया कुछ करते नहीं.. ट्रिप पर ही रहते है ज़्यादा टाइम… मेरी भी कुछ ज़रूरतें है..

Desi incest होने वाली भाभी की बहन

मैं – ऐसी कैसी ज़रूरत? क्या नहीं देते भैया आपको जो आपको ये सब करना पद रहा है?

भाभी – हर चीज़ पैसे से नहीं खरीदी जाती.. कुछ पर्सनल भी होता है… मेरी शारीरिक ज़रूरत जो हर औरत अपने पति से चाहती है..

मैं – बताओ क्या नहीं दिया आपको भाइये ने…

भाभी – तुम्हारे भैया मुझे टाइम नहीं देते.. मेरी सेक्स लाइफ ठीक नहीं चल रही है.. इसीलिए मुझे ये कदम उठाना पड़ा…

मैं – पर ये तो गलत है..

भाभी – तुम जो मांगोगे मैं दूंगी. जितने पैसे कहोगे दे दूंगी.. पर प्लीज किसी को मत बताना…

मैं – पैसों की ज़रूरत नहीं है..

भाभी – तो क्या चाहिए तुझे?

मैंने – मैं आपके साथ वही सब करना चाहता हूँ जो आप भाइये से चाहते हो..

भाभी – पागल तो नहीं हो तुम? मैं तुम्हारी भाभी हूँ.. ये कभी नहीं होगा…

मैं – ठीक है फिर… मैं भैया तो बता देता हूँ…

भाभी – देखो कबिर, ये गलत है…

मैं – जो तुम कर रही हो वो कौनसा ठीक है.. और तुम्हारी ज़रुरत है, मेरी भी ज़रूरत है.. कुछ गलत नहीं है… और मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा…

भाभी – ठीक है.. पर…

मैं – पर-वर कुछ नहीं.. आप बस साथ दो..

फिर मैंने उनके एक ना सुनी और अपने होंठ भाभी को होंठों पर रख दिए… और किस करने लगा… धीरे धीरे भाभी भी साथ देने लगी..

फिर मैंने भाभी को बेड पर धक्का दिया और उनके कपडे खोलने शुरू किये… और पूरी बॉडी पर किस करते जा रहा था..

भाभी – देवरजी, जबसे शादी हुई तबसे प्यासी हूँ..

मैं – आप चिंता मत करो भाभी, मैं आज आपकी साड़ी प्यास बूझा दूंगा…

भाभी अंगड़ाइयां ले रही थी.. और मज़े ले रही थी..

फिर मैंने धीरे-धीरे उनके कपडे खोले और जब मैंने उनकी ब्रा खोली तो उनके वड्डे-वड्डे मम्मे आज़ाद हुए… क्या नज़ारा था… फिर मैंने भाभी के दूध पीना शुरू किया और भाभी आअह्ह्ह्हह…. आह्ह्ह्हह्ह…. ऊह्ह्ह्हह्ह…. ऊह्ह्हह्ह… की आवाज़े निकाल रही थी…

भाभी – देवरजी क्या कमाल हो… आपने क्यों नहीं शादी की मुझसे? आपका भाई तो फुद्दू है.. एक नंबर का माल जैसे बीवी पर ध्यान नहीं देता…

मैं – ये तो सही है भाभी… आपको देखकर बुड्ढ़ों का भी लंड खड़ा हो जाए…

भाभी – तुम अपना खड़ा करो.. और अपने कपडे तो उतारो.. मुझे तो एक पल में नंगा कर दिया..

मैं – तुम खुद ही उतार दो.. इतनी उतावली हो अगर…

और इतना कहने की देर थी, भाभी जानवर के तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी.. मेरे कपडे खोल दिए… मेरा लंड देखकर बोली…

भाभी – क्या औज़ार है यार तेरा….. मार डालेगा मुझे पर मज़ा भी बहुत आएगा…

मैं – इस औज़ार को मुँह में लेकर देखो.. मज़ा आएगा…

भाभी – यार मैंने कभी नहीं लिया…. गन्दा लगता है…

मैं – यार भाभी प्लीज… मेरे लिए ले लो एक बार…

भाभी – तुम्हारे लिए तो कुछ भी मंज़ूर है.. तुमने आज मुझे खुश जो कर दिया…

फिर भाभी धीरे-धीरे मेरे लंड को चूसने लगी.. और फिर एक झटके में मैंने अपना सारा लंड उनके मुँह में दाल दिया.. और उनके मुँह को चोदने लगा..

२०-२५ मिनट बाद मैं उनके मुँह में ही झड गया..

भाभी – अब खुश हो मेरे देवरजी…

मैं – भाभी आपने मुझे जन्नत की सैर करवादी… अब मेरी बारी…

और मैंने भाभी की चुत की चाटना शुरू किया… क्या मज़ा आ रहा था.. क्या बताऊँ…

१० मिनट बाद भाभी भी झड़ गयी.. और भाभी ने फिरसे चूसकर मेरा लंड खड़ा कर दिया.. फिर भाभी तड़पने लगी… कहने लगी की..

भाभी – अब और मत तड़पाओ चोद डालो मुझे…

मैं – रुक जाओ मेरी रंडी भाभी… अभी लो..

और मैंने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और लंड सेट किया उनकी चूतपर और ज़ोर से झटका मारा… आधा लंड अंदर चला गया और भाभी चिल्ला उठी…

भाभी – पति निठल्ला और देवर निकला बल्ला-बल्ला… मार दिया साले कुत्ते ने… आराम से कर…. रंडी नहीं हु… तेरी भाई तो ठोकता ही नहीं… समझ तेरी ही बीवी हूँ… नयी-नयी चुत है…

मैं – मेरी हो तभी तो प्यार कर रहा हु… मेरी रंडी जान..

५-१० मिनट बाद भाभी का दर्द शांत हुआ… अब वो आवाज़ें निकाल रही थी…

“आआह्ह्हह्ह्ह्ह….. ऊह्ह्ह्ह…. उम्मम्मम्मम…. फ़क फ़क हार्ड बब्बी… एस्सस…. उह्ह्ह… अरे.. ग्रेट… आह्ह्ह्ह… ऊह्ह्ह्ह…. फ़क… ”

मैंने भाभी को कम से कम आधे घंटे चोदा और पुछा की..

मैं – मेरा झड़ने वाला है.. कहाँ निकालूँ?

भाभी – अंदर ही निकाल दे कबीर… मेरी जान… मैं तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ… वैसे भी तेरे भाई ने मुझे ये सुख नहीं दिया अभी…

मैं – लो मेरी जान…

Sexy story पड़ोस वाली आंटी की गांडमस्ती

ऐसे ही हमारा चलता था… मैं भाभी को ठोकता रहता जब भी मौका मिलता…

कुछ दिनों बाद जब मेरी बहन, जिसकी नयी नयी शादी हुई थी वो जब पहली बार कुछ दिन रहने के लिए घर आयी, तब मैं उसे लेने गया तो मैं देखता ही रह गया…

उसके चुचे पहले से थोड़े बड़े लग रहे थे.. शायद भाभी को चोदने के बाद मेरा नजरिया बदल गया था…

मैंने अपनी बहन को बाइक पर बिठाया और घर ले आया.. आते टाइम मैंने काफी बार ब्रेक लगायी.. जिससे उनके बड़े-बड़े तरबूज़ मैं महसूर कर सकू… क्या मज़ा आ रहा था तब…

घर पहुँचा और कुछ टाइम बाद जब मैं भाभी से मिला तब मैंने भाभी को किस किया और बोला की भाभी प्रीत तो पहले से भी ज़्यादा माल बन गयी है… भाभी चौंक गयी और बोली…

भाभी – तू क्या बोल रहा है? वो तेरी बहन है…

मैं – क्या करू भाभी… लंड बहन मानने को राज़ी नहीं हो रहा… उसके मम्मे देखकर रहा नहीं जा रहा… एक बार दिलादो उसकी…

भाभी – पागल हो गया है क्या? तू क्या बोल रहा है? ऐसा नहीं हो सकता…

मैं – क्यों नहीं हो सकता… जब मैं तुझे चोद सकता हूँ तो उसको क्यों नहीं?

भाभी – चल देखती हूँ… मनाने की कोशिश करती हूँ… तू भी उलटी पुलटि चीज़े बोलता है..

मैं – लव यू मेरी प्यारी भाभी जान..!!

इतना कहकर मैंने भाभी के चूचियों को मसला और किस किया.. और अपने रूम में चला गया… उसके बाद भाभी ने दीदी से बात की और दीदी को मनाने की कोशिश की..

भाभी – और प्रीत, क्या हाल है?

प्रीत – ठीक हूँ भाभी.. आप बताओ..

भाभी – मैं भी ठीक हूँ.. और तुम्हारी सुहागरात कैसी थी? क्या क्या किया दामादजी ने?

प्रीत – क्या करना… कुछ नहीं किया भाभी.. बल्कि मैंने करने की कोशिश को तो उन्होंने मुझे दूर कर दिया और सो गए.. मेरे तो अरमान ऐसे ही रह गए…

भाभी – तुम्हारे अरमान ऐसे कैसे रह गए.. मैं पूरे करुँगी.. तुम रात को तैयार रहना..

भाभी ये सब बातें करके मेरे पास आयी और बोली की रात को तैयार रहना.. मैंने मना लिया है… तुम कैसे वश में करते हो तुम पर है..

जैसे मुझे भाभी ने बोलै, मैंने ठीक वैसे ही प्रीत के रूम में गया.. जाकर लोअर खोली और उसके ऊपर चढ़ गया.. उसके मम्मे दबाने लगा और किस करने लगा.. मैंने देर न करते हुए उसके कपडे खोल दिए और नंगा कर दिया उसको.. और खुद भी नंगा हो गया…

पर प्रीत ने जैसे ही लाइट चालू किया वो शर्म के मारे मरने लग गयी.. और खुद को कपड़े से ढकने लगी.. तभी भाभी आयी और बोली…

भाभी – कुछ नहीं होता.. तुम बस मज़ा लो.. मैं खुद प्यासी थी… और मेरी प्यास इसिने बुझाई है.. तुम भी इसपर भरोसा रखो.. कुछ नहीं होगा.. तुम्हे खुश कर देगा ये मेरा वादा है..

प्रीत – ठीक है भाभी.. अगर आप कहते हो तो…

फिर जब मैंने रौशनी में देखा… क्या मम्मे थे प्रीत के.. मज़ा आ गया.. मैंने उसको लंड चूसने को बोलै और उसने पहले मना किया फिर मान गयी और फिर अच्छे से उसने मेरा लंड चूसा…

प्रीत – अब तड़पाओ मत.. चोद डालो मुझे…

मैं – रुको बहना… लो अभी.. लो..

और मैंने ठुकाई शुरू की। वो वर्जिन थी.. तो उसको बहुत दर्द हुआ… खून भी निकला और वो बहुत आवाज़ें निकाल रही थी… जैसे.. आह्ह्ह्ह… ऊह्ह्ह…. ममम…. फ़क… फ़क….

फिर ऐसे ही ये सिलसिला चलता रहा.. जब जब वो आती मैं उसकी ठुकाई करता.. बाद में तो भाभी ने मुझे मेरी माँ की चूत भी दिलवाई…

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दोपहर में मिली एक रंडी https://sexstories.one/dopehar-mein-mili-randi-xxx/ Mon, 18 Oct 2021 06:17:14 +0000 https://sexstories.one/?p=4559 मेरा लंड इतना कड़क हो गया था की मेरा अंडरवेर फटने को हो गया था. उसने अंडरवेर के अंदर ही पकड़ा और हिलाया, और फिर थोड़ी देर बाद मेंरी अंडरवेर उतार दी. मेने शवर को चालू किया और उसे किस करने लगा, मुझे बदबू नही आ रही थी अब मुझे कोलगेट की मिंटी खुशबु आ रही थी...

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Chudas randi ki chodayi ki kahani में 23 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं और दिल्ली में रहता हूं गुडगाँव में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कम्पनी में जॉब करता हूं l पहले में अपने बारे में कुछ बताना चाहता हूं. इस घटना को अभी 2-3 सप्ताह ही हुए होंगे l में ऑफिस से दोपहर 12, 1 बजे मेरे घर आ रहा था मेरा घर ब्लू लाइन मेंट्रो स्टेशन के पास ही है यह एक सुनसान जेसा है जहा कोई आता जाता नही है स्टेशन के आगे एक रोड है जो अब बंद है…उसके साइड से एक नयी रोड है अब जो चलती है…परन्तु में पुरानी रोड को उपयोग में लेता हूं क्योंकी बहुत कम भीड़ होती है तो दिन के समय में बाइक पे घर आ रहा था l

तो अचानक मेने देखा 3-4 आंटियां एक एक कर के हाथ दिखा के जेसे लिफ्ट मांगते है l मेने सोचा देखे तो सही क्या बोल रही है में उनके पास रुक गया और बोला क्या हुआ, तब मेने सोचा ये आंटीयां नही है इनमें तो एक ही आंटी है और दो लड़कियां तो मेंरी उम्र की ही थी, उनमें से एक ने सुपर टाइट टॉप पहने हुआ था, कुछ ज्यादा ही लिपस्टिक लगा रखा था और दो ने सूट पहना हुआ था, जिसमें से टॉप पार्ट मतलब बोब्स दिख रहे थे और आंटी साधारण कपडे पहने हुए थे.

आंटी: करेगा क्या?.

में: क्या बोल रहे हो आंटी?

आंटी: अरे करेगा क्या?

में: क्या करना है?

आंटी: ज्यादा भोला मत बन तुझे पता है क्या बोल रही हू…

मेरे तो कुछ समझ में नही आया क्या बोलू मेने पहले घबरा के कह दिया की…

में: ”क्यों टाइम वेस्ट कर रही हो मेरा मुझे कुछ भी नही करना…” और में बाई और से मेरे घर आ गया (जो मेरा दोस्त था शरद वो ऑफिस में ही था) मेने सोचा की एक लड़की को यहा ले आता हू मज़े आएँगे…मेने एक पैकिट कोंडम का खरीदा और में वापिस उसी जगह 5 मिनट्स में पहुंच गया और वही रुक गया.

में: आंटी रेट क्या है l

Mast chodayi बहन का देवर – पार्ट ३

आंटी: अब आया ना लाइन पे 500 किसी का भी.

में: 500 तो ज्यादा है.

आंटी: ऐसी चूत कही नही मिलेगी 500 में.

में: आंटी देख लो कुछ कम कर दो.

आंटी: चल साले बनिए तू 400 दे देना.

में: (उस टाइट टॉप वाली को बुलाया ओर उसके बूब टच करके कहने लगा), चल तू आ जा l

आंटी: ठीक है, यही करेगा या कही ओर

में: मेरा घर है यही पास में…

आंटी: लेजा पर आधे पैसे दे दे अभी l

मेने 200 आंटी को दिए ओर उसे बाइक पे बीटा के ले गया… मेने गेट खोला ओर अपने बेडरूम में ले गया, उसे पानी दिया तो वो बोली “जल्दी जल्दी कर टाइम नही है”, मेने उसे बताया ये मेरा पहला टाइम है आराम से करना तो वो हंस के कहने लगी चलो आज मज़ा आएगा. उसने कहा यहाँ आ मेरे कपडे खोल, मेने उसका टॉप उतारा उसके बूब्स क्या दिख रहे थे में क्या बताऊ, उसकी ब्रा गुलाबी कलर कि थी मेने कहा ऐसे बोबे तो मेने आज तक नही देखे, वो कह रही थी “तूने फिर देखा ही क्या है आगे आगे देखते जाओ”.

और वो मेरे पास आई और उसका हाथ मेरे लंड पर गया, तो वो बोली अरे ये तो अभी से खड़ा हो गया. में हंस के उसके मुह के पास आके उसको किस करने लगा परन्तु उसके मुह से बदबू आ रही थी तो मेने कहा की घोड़े का मुह में लिया है क्या केसी बदबू आ रही है उसने कहा अरे यार ब्रश करने का टाइम ही नही मिला आज.

में उसको अपने बाथरूम में ले गया और उसे अपने रूम मेंट का ब्रश दिया और कहा ब्रश करले ऐसे मुझसे नही होगा. वो हंस ने लगी और उसके दांतों को साफ करने लगी. मेने उससे कहा कपड़े खोल दोनो नहा लेते हैं, उसने कहा 1 घंटा है तेरे पास, मेने कहा बहुत है, मेने उसकी ब्रा उतारी और उसने उसकी जीन्स (एक लड़की की जीन्स को उतारना मेरे लिए हमेंशा की समस्या थी), मेने उसकी पेंटी देखी, उसपे हाथ लगाया वहां थोड़े थोड़े बाल थे परन्तु इतने ज्यादा भी नही थे. मेने उसकी पेंटी उतारी और मेने देखा क्या चूत थी मेरा लोडा आज भी सलाम करता है याद कर-कर के अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी उसने हंस ते हुए मेंरी शर्ट और जीन्स उतार दी,

Randi ki chodayi दम लगा के चोद भोसड़ी के

मेरा लंड इतना कड़क हो गया था की मेरा अंडरवेर फटने को हो गया था. उसने अंडरवेर के अंदर ही पकड़ा और हिलाया, और फिर थोड़ी देर बाद मेंरी अंडरवेर उतार दी. मेने शवर को चालू किया और उसे किस करने लगा, मुझे बदबू नही आ रही थी अब मुझे कोलगेट की मिंटी खुशबु आ रही थी, मेने उसके बूब्स को भी दबाया मजा आ गया एसा लग रहा था जेसे कोई गुब्बारा हो, बस दबाते जाओ, उसके निप्पेल्स तो थोड़े काले थे पॉर्न में तो पिंक पिंक होते ही है परन्तु फिर भी टाइट हो गये थे, उसने मेरा लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया, मेने उसे चाटना स्टार्ट कर दिया,

पहले उसकी गर्दन फिर एक बूब फिर उसकी निपल चाटने लगा. उसकी निपल मेने थोड़ी सी काटी, उसके मुह से निकला आउच!!… खाएगा क्या और हंस ने लगी, थोड़ी देर बाद में नीचे उसकी चूत पर आया l क्या बताऊ दोस्तों जिंदगी में पहली बार चूत चाटी है में केसे बताऊ कितना मजा आया मेरा लंड तो पागल ही हो गया, फिर मेने शावर बंद किया और उसको उठाकर बेड पर ले गया और डौगी स्टाइल में उसकी चूत चाटने लगा. फिर वो सेक्सी आवाज निकालने लगी अववव…ह्म….आह्ह …उम्म्म्मम…. . और मेने बोला ये नकली आवाज मत निकाल, कोई जरुरत नही है,

तो वो बोली साले ये नकली आवाज नही है कभी किसी की चूत नही चाटी ? आवाजे खुद ही निकलने लगती है पांच मिनट चूत चाटने के बाद मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और हम 69 की अवस्था में आ गये l अब वो मेरा लंड चाट रही थी और में उसकी चूत को, जब उसने मेरा लंड मुह में लिया तो कितनी ख़ुशी हुई उसका गरम गरम मुह हाय रे लंड मजा आ गया l फिर मेने कहा करें ? उसने कहा तेरी मर्जी. मेने अपनी जींस की जेब से कॉन्डोम निकाला और उसे दे दिया उसने मेरे लंड पर उसे पहना दिया l मेने उसे किस किया और उसे बेड पर लिटा दिया l

मेने उसको देखा और उसके ऊपर लेट गया l फिर मेने अपना लंड उसकी चूत में डाला तो बहुत मजा आया मेने अपने जीवन में जितनी भी बार मुठ मरी थी सब फैल था इसके सामने, मेने उससे कहा केसा लग रहा है, उसने कहा मस्त और मेने जोर के झटके देने चालू कर दिए, वो तो आवाजे निकालने लगी …उम्म्म…ओर ज़ोर से आआआअअ…बोहोत बाड़िया…उम्म्म…. मेने झटके और तेज कर दिए, फिर में लेट गया और उसको मेरे लंड पर बिठा दिया बहुत अच्छा वो भी मस्त करने लगी थी और मेने दोनों हाथों से उसके बोब्स को पकड़ लिया और उनको ऊपर नीचे – ऊपर नीचे करने लगा, तो उसने कहा ओर कितना करोगे, मेने कहा 23 साल की भड़ास निकालूँगा अभी और मेने उसे कुतिया स्टाइल में लिया और उसकी चूत मारने लगा l

दोस्तों कुतिया स्टाइल अच्छी पोजीशन है यह सेक्स को और भी सेक्सी बना देता है l फिर मेने उससे कहा की मेरा निकलने वाला है तो उसने कहा तो निकलना फिर मेने उसको सीधा किया और उसके ऊपर लेटके झड गया l मेने कहा केसा लगा, उसने कहा मस्त और हंसने लगी l अभी 10 मिनट बचे थे उसने मेरे कॉन्डोम को हटाया और लंड को साफ किया और बोली बढ़िया लंड है तेरा मेने उसको और उसके बूब्स को किस किया l मेने कहा एक फोटो ले लूँ तेरा नंगे बदन का तो उसने कहा ले ले 10 मिनट है अभी और मेने 5 – 6 फोटो ली और उसने अपनी ड्रेस पहन ली l फिर मेने उसको 300 रू दिया.

वो हंसने लगी और कहने लगी तो में जाऊ ? या और कुछ मेने कहा चलो में तुम्हे छोड़ आता हूं पास में ही तो है तू रुक. और में हंसने लगा और मेरे ऑफिस का टाइम भी हो गया था l उसको छोड़ के में ऑफिस के लिए निकल गया l तो दोस्तों केसी लगी मेंरी कहानी l

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बहन का देवर – पार्ट ३ https://sexstories.one/behan-ka-devar/ Sun, 17 Oct 2021 09:27:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3025 राकेश ने अपने मुहँ को और नीचे किया और मेरी नाभि का चाटने लगा. यह सब मेरे बर्दाश्त से बाहर हो रहा था. मैं आँखें बंद किए शावर के ठंडे पानी से भीगती हुई ज़ोर-ज़ोर से साँसें ले रही थी. राकेश ने अपनी एक हथेली मेरी पेंटी पर रख दी और…मेरी चूत को रगड़ने लगा.

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मैं उत्सुकता के कारण दरवाजे के पास खड़ी हो गयी और दरवाज़ेके करीब अपना कान लगा दिया. यह क्या? उम्म्म.. हाआअँ… उफफफ्फ़… जैसी सिसकारियाँ सुनाई दे रही थी. यह लोग क्या टीवी पर ब्लू फिल्म देख रहे है? सोचते ही मन मे और देखने की तमन्ना जाग उठी. दीदी के बेडरूम का टीवी रूम के दरवाजे से सॉफ दिखता था. मैं भी क्यों ना इस ब्लू फिल्म को देखु यह सोचकर दरवाजे को थोडा और खोल दिया. देखते ही मैं सकते मे आ गयी. desi incest sex

यहाँ टीवी पर ब्लू फिल्म नही बल्कि लाइव टेलीकास्ट चल रहा था. बेड पर दो नही बल्कि चार जने थे. ग्रूप चुदाई चल रही थी. क्या है यह सब? कौन है यह लोग? दिल मे कई प्रश्न थे. गौर से देखा तो मालूम पड़ा की नीचे कोई एक मर्द लेटा हुआ अपने ऊपर रजनी दीदी को लेटा रखा था और अपना लंड दीदी की चूत मे डाल रखा था. दीदी की पीठ पर जीजाजी सोए हुए थे और अपना लंड दीदी की गांड मे डाल रखा था।

तीनो के सामने एक लड़की पलंग के ऊपर बैठी हुई थी. उसकी चूत को नीचे सोया हुआ आदमी अपनी जीभ से चाट रहा था और दीदी उसके एक बोब्स को अपने मुहँ मे ले रखा था. दूसरा बोब्स लड़की ने आँखे बंद किए हुए पकड़ रखा था. मेरे जीजाजी दीदी की गांड, मारते हुए उस लड़की का होंठ और चेहरा चूम रहे थे. उफ़फ्फ़! दीदी और जीजाजी ऐसी हालत मे. मेरा दिमाग ही घूमने लगा. मेरी आँखें ही बंद होने लगी. दीदी इतनी मॉडर्न हो गयी. कल तक की एक छोटे शहर की सीधी-सादी लड़की आज ब्लू फ़िल्मो की हिरोईन्स को भी मात दे रही थी. वाकई मे कोई कितना जल्दी बदल जाता है. अब मैने फिर से आँखें खोली और उनको हैरत से देखती रही. एक धक्का नीचे से लगा रहा था तभी दूसरा धक्का ऊपर से जीजाजी गांड मे मार रहे थे. आवाजे अब साफ सुनाई दे रही थी।

Desi incest sex झांट वाली सेक्सी बड़े चुके वाली बीवी के पिक्स

सब लोग उफ़फ्फ़..हाइईइ.. ह.. करते हुए सिसकारियाँ ले रहे थे. आवाज़ें धड़ल्ले से आ रही थी. तभी दीदी बोली, “अग्रवाल.. स्टॉप…”अब मुझे समझ मे आया की यह कौन है. दोपहर मे जब जीजाजी ने कहा की मिस्स. & मिस्टर. अग्रवाल आ रहे है और दीदी का चेहरा खिल उठा था. यानी यह ग्रूप मे चुदाई के लिए एकत्रित हुए थे. उनकी चुदाई देखते हुए मैं मस्त हो गयी. मेरा हाथ मेरी मिनी स्कर्ट के अंदर चला गया और भीगी हुई चूत को सहलाने लगा. दूसरा हाथ मेरे टॉप के ऊपर से ही अपने बोब्स को दबाने लगा. मेरे मुहँ से सिसकारियाँ निकल रही रही थी. बेड रूम मे से कोई बाहर आने वाला नही था. सिवाय अग्रवाल के किसी की नज़र मुझ पर नही पड़नी थी. और मिस्स. अग्रवाल का चेहरा जीजाजी ने ढ्ख रखा था उसका चुंबन लेने के लिए।

मैं बेकौफ़ होकर अपनी चूत मे पेंटी को साइड कर अपनी अंगुली डाल दी. लाइव टेलीकास्ट के साथ मैं भी चुदसी हो गयी. कोई मुझे भी अपनी बाहों मे ले. कोई मेरे भी बोब्स चूसे. कोई मुझे भी चोदे. मैं आँखें बंद किए हुए अपनी चूत को अपनी अंगुली से रग़ड और छोड़ रही थी. मेरी सिसकारियों की आवाज़ तेज हो रही थी की अचानक किसी ने मुझे अपनी बाहों मे ले लिया. और मेरे होंठो को चूमने लगा. मैं घबरा कर अपनी आँख खोली. यह तो राकेश था. मैने उस से अपने से अलग करना चाहा और कुछ बोलने लगी ही थी की राकेश ने अपने होंठ पर एक अंगुली रख कर मुझे चुप रहने का इशारा किया. फिर मुझे उसने अपनी बाहों मे उठा लिया.

मैं विरोध करने की परिस्थिति मे नही थी. मेरे पूरे बदन मे सामूहिक चुदाई को देखते हुए वासना की लहरें उठ रही थी. मेरी साँसे गर्म हो चुकी थी. मेरे बोब्स उन गहरी सांसो के साथ काफ़ी ऊपर-नीचे हो रहे थे. राकेश के नंगे सीने पर हाथ रख कर मैं और मतवाली हो गयी. तभी राकेश ने मुझे कोई विरोध ना करते हुए देख मुझे बाहों मे लिए मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए. मैं तड़प उठी. उसकी बाहों मेरा तन-बदन मचल उठा. उसने अपनी गिरफ़्त बढ़ा दी और अपनी जीभ मेरे मुहँ मे डाल दी. राकेश के बेडरूम मे पहुँचते ही मैं उसकी बाहों से उतर गयी लेकिन राकेश ने मुझे अपनी बाहों से आज़ाद नही किया और ना ही मेरे सुलगते होंठो को छोड़ा. उसने अपने आलिग्न मे मुझे कस कर जकड़ लिया और मेरे सुर्ख गुलाबी होंठो को चूमता जा रहा था. मुझे ऐसी दीवानगी ही पसंद थी।

मैं चाह भी रही थी की राकेश मेरे होंठो का सारा रस पी ले. तभी राकेश ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे बदन पर चढ़ गया. उसने अपने बदन से मेरे बदन को मसलते हुए मेरे गाल, मेरे कान और मेरी गर्दन को चूमता रहा. अपने गरमा-गर्म चुंबनो की छाप छोड़ता रहा. मैं सुलग उठी. मुझ से रहा नही जा रहा था. अब मैं भी उसके चुंबनो का जवाब अपने गर्माते चुंबनो से देने लगी. उसके कान और उसकी गर्दन बेतहासा चूमने लगी. उसे चूमते हुए मेरा दिल धड़क रहा था. और मन मे ही यह शायरी आ गयी: चूम लू होंठ तेरे, दिल की यह ख्वाइश है! यह ख्वाइश हमारी नही, यह तो दिल की फरमाइश है! काफ़ी देर की चुम्मा चाटी के बाद हम दोनो की साँसे उखड़ने लगी थी. तभी राकेश खड़ा हो गया और मुझे फिर अपनी बाहों मे उठा कर बाथरूम की और ले चला. बाथरूम मे पहुँचते ही उसने शावर चालू कर दिया. मैं और राकेश आपस मे चिपके हुए शावर के नीचे भीगने लगे।

सुबह-सुबह का ठंडा पानी पड़ते ही मैं और राकेश दोनो काँपने लगे. लेकिन दोनो के चिपके हुए जिस्म आपस मे एक दूसरे को गर्मी भी दे रहे थे. मेरे टॉप मे से अब मेरी ब्रा झाँकने लगी. राकेश ने अपने मुहँ को मेरी गर्दन से नीचे लाते हुए मेरे दोनो बोब्स के बीच की घाटी मे अपनी जीभ डालने लगा. उसने अपने दांतो से मेरे टॉप के बटन को खोलने लगा. दो-तीन मिनट की कोशिश के अंदर ही मेरा टॉप नीचे उतर गया. अब मेरी ब्रा मे से मेरे बोब्स की गोलाई और निप्पल का कलर दिखाई पढ़ रहा था. राकेश ने अपने हाथ आगे बढाते हुए मेरे दोनो बोब्स को चोली के साथ ही थाम लिया और अपनी अंगुलियों से दबाने लगा. मैं सिहर उठी. उत्तेजना के मारे मुहँ से सिसकारियाँ निकल रही थी।

Ghar me chudai रिश्तेदार के भाई की बेटी – भाग २

मैने राकेश की कमर को कश कर जकड़ लिया और उसकी जांघों के बीच अपनी जांघें घुसाने लगी. इधर राकेश ने मेरी चोली के ऊपर से ही मेरे दोनो बोब्स को बारी-बारी से अपने गाल से रगड़ने लगा. अब मुझ से रहा नही जा रहा था. मैने सिसकारी भरते हुए कहा, “राकेश.. निकाल फेंको मेरी चोली को और मेरे दोनो क़ैद कबूतरो को आज़ाद कर दो… इनको अपने मुहँ मे लेकर चाटो… राकेश..” मेरी बात को सुनकर राकेश ने अपने हाथ से मुझे दीवार की और धकेल दिया और मुझे पलट दिया. अब मेरी पीठ राकेश के सामने थी. राकेश ने अपनी जीभ से मेरी पूरी पीठ को चाटने लगा. जिससे मेरे पूरे जिस्म मे वासना की लहरे और ज़ोर मारने लगी. मैं काँप रही थी. इस बार पानी के ठण्डेपन से नही बल्कि उसकी हरकतो के कारण।

मैने सिसकारी लेते हुए अपना चेहरा ऊपर उठाया और शवर के पानी को अपने चेहरे पर पड़ने दिया. तभी राकेश ने अपने दाँत से मेरी चोली का हुक खोल दिया और मुझे पलट कर अपनी बाहों मे जकड़ लिया. अब मेरे दोनो कबूतर चोली से आज़ाद होकर राकेश के सीने से सट गये. मैं सेक्स के हिलोरे लेते हुए अपने दोनो बोब्स को उसके सख़्त सीने से रगड़ने लगी. ऐसा करते देख राकेश ने मेरे होंठो को फिर अपने होंठो की गिरफ़्त मे ले लिया और लगा मेरे मादक होंठो का रस पीने. मुझसे रहा नही जा रहा था. मैने राकेश के दोनो हाथो को पकड़ा और अपने दोनो बोब्स उसकी हथेली की गिरफ़्त मे दे दिए. और बोली, “राकेश.. अब रहा नही जा रहा है. पकड़ के रग़ड दो इन शैतानो को… मुझे अपनी बाहों मे लेकर मेरे दोनो बोब्स (बोब्स) को मसल दो. इन्हे अपने मुहँ मे लेकर चूसो राकेश.. “राकेश ने अब अपने दोनो हाथो से मेरे भरे हुए सख़्त बोब्स को जकड़ लिया और लगा उन्हे मसलने।

मसलने के साथ ही मेरी सिसकारियाँ बढ़ गयी. मैं झूम उठी. मैं पानी से भीगते हुए राकेश की हरकतो का मजा ले रही थी. राकेश मेरे दोनो कबूतरो को मसलते हुए चूम रहा था. मेरे दोनो निपल्स उसके मुहँ मे बारी- बारी से जा रहे थे. साथ ही मैं उसके सिर को पकड़ कर मेरे सीने पर ज़्यादा से ज़्यादा दबाने मे लगी हुई थी. अब राकेश ने अपने एक हाथ से मेरी स्कर्ट की ज़िप खोल दी. मेरे स्कर्ट मेरे टागो से चिपकती हुई नीचे गिरने लगी।

राकेश ने अपने मुहँ को और नीचे किया और मेरी नाभि का चाटने लगा. यह सब मेरे बर्दाश्त से बाहर हो रहा था. मैं आँखें बंद किए शावर के ठंडे पानी से भीगती हुई ज़ोर-ज़ोर से साँसें ले रही थी. राकेश ने अपनी एक हथेली मेरी पेंटी पर रख दी और…मेरी चूत को रगड़ने लगा. हाईईईई… मेरी तो जान ही अटक गयी. एक तो राकेश की थियेटर की हरकत और दूसरी दीदी के रूम मे चल रही सामूहिक चुदाई ने मुझे वासना से भर कर रख दिया था. अब राकेश की भरपूर हरकतो ने मुझे उतावला कर दिया. राकेश ने अपने दूसरे हाथ से मेरी पेंटी को नीचे उतार दिया और मैं एकदम मर्दजात नंगी उसके सामने भीगती हुई खड़ी थी. राकेश अब थोड़ी दूर होकर मुझे निहारने लगा. मेरे जिस्म की शराब को अपनी आँखों से पीने लगा. तभी तो किसी शायर ने क्या खूब कहा है:.”हुस्न पर जब मस्ती छाती है, शायरी पर बहार आती है.., पी कर महबूब के बदन की शराब, जिंदगी झूम-झूम जाती है…”ऐसा ही हाल उसके लंड का था जो बॉक्सर के अंदर झूम रहा था।

मेरे बदन की शराब का नशा मैं उसके लंड पर देख रही थी जोकि बॉक्सर के बटन के बीच अटका हुआ था. उसका लंड मेरे हुस्न का दीदार करने को उतावला हो चुका था. यह कमीना बॉक्सर ही उसके आड़े आ रहा था. उसका लंड बॉक्सर के बटन्स के बीच से चीख-चीख कर कह रहा था: पलट के देख ज़ालिम, तमन्ना हम भी रखते हैं, हुस्न तुम रखती हो तो जवानी हम भी रखते हैं.. गहराई तुम रखती हो तो लंबाई हम भी रखते हैं…अब मुझसे रहा नही जा रहा था. दिल तड़फ़ रहा था लाइट के उजाले उसे भरपूर देखने के लिए।

इससे आगे कि कहानी अगले भाग में . .

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दम लगा के चोद भोसड़ी के https://sexstories.one/dumdaar-chudai-ki-kamuk-kahani/ Wed, 13 Oct 2021 08:11:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3130 उसने मेरी पैंट से मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला तो वह बहुत ही अच्छे से उसे चूस रही थी। उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को समा लिया था वह इतनी तेजी से उसे चूस रही थी कि मेरा पानी भी गिरने लगा। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था...

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indian sex, hindi sex stories kamuk chudai मेरा नाम आनंद है और मैं एक शादीशुदा व्यक्ति हूं। मेरी शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं। मेरी उम्र 34 वर्ष है। मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं और मेरे घर पर मेरे पापा और मेरी मम्मी हैं। मेरे दो भाई भी मेरे साथ ही रहते हैं। वह अभी अपने कॉलेज की ही पढ़ाई कर रहे हैं और वह दोनों साथ में ही पढ़ते हैं। मैं अपने जूतों की दुकान चलाता हूं और मुझे वह दुकान चलाते हुए काफी समय हो चुका है। मेरे घर का माहौल बहुत ही खुशनुमा रहता है और मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं अपने घर पर होता हूं।

मेरी पत्नी का नेचर भी बहुत अच्छा है। वह मुझसे बहुत प्रेम करती है और मैं भी उसे बहुत प्रेम करता हूं। मैंने जब उसे पहली बार देखा तो मुझे उसे देखते ही प्रेम हो गया था और मैंने उसी समय सोच लिया था कि मैं उसी से शादी करूंगा। मेरी पत्नी का नाम रेखा है। वह हमेशा ही मेरा साथ देती है और कहती है कि मैं हमेशा ही तुम्हारे साथ खड़ी हूं।

एक वक्त मेरे पिताजी का मेरे साथ बहुत ज्यादा बुरा बर्ताव हो गया था। क्योंकि मेरा काम बिल्कुल नहीं चल रहा था और मेरे पिताजी चाहते थे कि मैं अपना काम बदल कर कुछ और काम शुरू कर लूं लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मैं यही काम करूंगा। आप थोड़ा सब्र रखिए, कुछ ना कुछ अच्छा हो जाएगा लेकिन वह मुझे कहते कि यदि तुम इसी प्रकार से काम करते रहोगे तो तुम्हारा भविष्य खराब हो जाएगा और पहले तो तुम अकेले थे, परंतु अब तुम्हारे साथ तुम्हारी पत्नी भी है। तुम उसका भी भविष्य खराब मत करो। इसलिए मुझे भी ऐसा लगने लगा कि कहीं मेरी वजह से मेरी पत्नी का भविष्य खराब ना हो जाए।

मैंने उससे इस बारे में बात की तो वह कहने लगी कि आप अपने काम पर ध्यान दीजिए। पिताजी से मैं बात कर लूंगी। आप उसकी दिक्कत बिल्कुल भी मत ले। अब मैं अपने काम पर पूरा ध्यान देने लगा और जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे ही मेरा काम भी समय के साथ अच्छा होता गया और अब बहुत ज्यादा अच्छा चल रहा है। जिससे मेरे पिताजी भी बहुत खुश हैं और यह सब मेरी पत्नी की वजह से संभव हो पाया है। क्योंकि उसने मेरा बहुत साथ दिया है। मुझे जब भी समय मिलता तो मैं उसके साथ जरूर समय बिता लिया करता।

हमारे पड़ोस के अग्रवाल जी ने अपना घर बेच दिया तो वह घर किसी और ने खरीद लिया। जब वह घर किसी और ने लिया तो मैं अक्सर वहां एक महिला को देखा करता था। मैं जब भी अपने काम से सुबह घर से निकलता तो वह मुझे घूर कर देखती और मुझे उसके सामने अपनी नजरों को झुकाना पड़ता। परंतु वह हमारे पड़ोस में ही रहती थी इसलिए वह मुझे अक्सर देखी जाती थी। बाद में जब मैंने उस महिला का नाम पता करा तो उसका नाम सुमन था और वह एक विधवा महिला थी। उसके साथ में उसका एक बच्चा भी रहता था।

जिसकी उम्र 10 वर्ष की होगी और वह स्कूल में पढ़ता था। सुमन अक्सर मुझे मिल जाया करती थी। मैं जब भी शाम को अपनी दुकान से वापस आता तो मैं छत पर टहला करता था। वह मुझे दिख जाया करती और वह मुझे घूर कर देखा करती थी। मैं कई बार उससे नजर बचाने की कोशिश करता था। क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि वह मुझ पर लाइन मार रही है। परंतु फिर भी मैं उससे बचने की कोशिश किया करता था। क्योंकि मैं अपनी पत्नी रेखा से बहुत प्रेम करता था और मैं उसे कभी भी धोखा नहीं देना चाहता था। एक दिन इत्तेफाक से सुमन मेरी दुकान में आ गई। उसे पता नहीं किस ने बता दिया कि मेरी दुकान है। जब वह मेरी दुकान में आई तो मुझे कहने लगी कि मुझे कुछ अच्छी सैंडले दिखा दीजिए। मैंने उससे दुकान से फैंसी सैंडल निकाल कर दी तो वह मुझसे बात करने लगी।

Kamuk chudai जेठालाल और आयुषी का धमाल सेक्स

वह मुझसे बहुत बात कर रही थी और मैं भी उससे बात करने लगा। क्योंकि वह मेरी दुकान में आई हुई थी इसलिए मैं उसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं कर सकता था। अब उसने मेरी दुकान से कुछ सामान खरीद लिया और कहने लगी कि यदि मुझ पर यह सैंडल छोटी होती है या मुझे पसंद नहीं आएगी तो क्या आप वापिस कर देंगे। मैंने उसे कहा कि हां वापस हो जाएगी। अब हमारी दुकान से काफी शॉपिंग करके ले गई और जब वह अपने घर गई तो मुझे वह शाम को मिली और कहने लगी कि मुझे एक सैंडल पसंद नहीं आ रही है। तो आप उसे अभी ले जाइए और कल आप जब शाम को लौट आए तो आप मुझे वापस कर दीजिएगा। मैंने उसे कहा ठीक है आप मुझे बहुत सैंडल दे दीजिए। मैं आपको कल दूसरी ला दूंगा और अब उसने अपने घर से लाकर मुझे वह सैंडल दे दी और मैंने उससे कहा कि मैं कल आपको दूसरी सैंडल लाकर दे देता हूं।

अब मैं अपने घर चला गया।

जब मैं सुबह घर से निकल रहा था तो मुझे सुमन दिखाई दे गई। वह कहने लगी कि आप आज मेरी सैंडल ले आएंगे। मैंने कहा कि हां मैं आपकी सैंडल ले आऊंगा आप उसकी चिंता मत कीजिए। अब मैं अपनी दुकान में चला गया और शाम को जब मैं अपनी दुकान से लौटा तो मुझे याद था कि सुमन की सेंडल लेकर जानी है। मैंने जब उसके घर की डोरबेल बजाई तो उसने मुझे अंदर बुला लिया और कहने लगी आप थोड़ी देर बैठ जाइए। वह मेरे लिए पानी ले आई और जैसे ही वह पानी ला रही थी तो उसका पैर फिसल गया वह मेरे ऊपर गिर पड़ी।

जब वह मेरे ऊपर गिरी तो उसके स्तन मेरे मुंह पर लग गए और मुझे उसे देखकर बिल्कुल भी रहा नहीं गया। उसने भी तुरंत ही मेरे होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वह बहुत ही अच्छे से मेरे होठों को चूस रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा था और मैंने भी तुरंत उसके सारे कपड़े उतार दिया और उसके बड़े बड़े स्तनों को जब मैंने देखा तो मेरा मूड खराब हो गया। मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। उसके स्तनों से दूध भी निकल रहा था जो मैं पी जाता।

उसने मेरी पैंट से मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला तो वह बहुत ही अच्छे से उसे चूस रही थी। उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को समा लिया था वह इतनी तेजी से उसे चूस रही थी कि मेरा पानी भी गिरने लगा। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उसे उठाते हुए उसके बिस्तर पर पटक दिया। उसकी सलवार को जब मैंने खोला तो उसकी योनि बड़ी ही मस्त थी मैंने उसमें उंगली डालना शुरू कर दिया। मैं जब अपनी उंगली को उसकी योनि के अंदर बाहर करता तो उसे बहुत ही अच्छा लगता उसकी योनि पूरी चिपचिपी हो चुकी थी और मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था।

मैंने भी अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डाल दिया और मैं उसे धक्के देने लगा। जब मैं उसे धक्के देता तो वह अपने मुंह से बड़ी तेज मादक आवाज निकाल रही थी और उसकी उत्तेजना भी बहुत बढने लगी थी। उसे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। उसने अपने दोनों पैरों को खोल लिया और मैं उसकी योनि के अंदर जब अपने लंड को डालता जिससे कि उसके गले से आवाज निकल जाती। मैंने उसे उल्टा लेटाते हुए उसकी गांड के अंदर अपने मोटे लंड को डाल दिया। जब मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी कि आपने तो मेरी गांड ही फाड दी है। मैंने उसे कहा कि तुम मुझे इतना घूर घूर कर देखती हो मेरी गांड भी तुम्हें देखकर फटती है अब मैं तुम्हें बताता हूं कि तुम्हारी गांड में कैसे मारता हूं। अब मैं उसे बड़ी तीव्रता से झटके दिए जा रहा था।

मैंने इतनी तेजी से झटके दिए कि उसका पूरा शरीर हिलने लगा और उसकी चूतडे पूरी लाल हो जाती। उसकी गांड पूरी तरह लाल हो चुकी थी  मैंने उस पर अपने हाथों से भी फेरना शुरू कर दिया। वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी अपने चतडो को ऊपर की तरफ उठाती तो मैं उसे धक्का देकर नीचे कर देता। उसकी गांड छिल चुकी थी लेकिन मैं उसे ऐसे ही धक्के दे रहा था।

कुछ देर बाद उसकी गांड से कुछ ज्यादा ही गर्मी बढ़ाने लगी  और मेरे लंड से वीर्य उसकी गांड के अंदर जा गिरा।

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