antaravasna Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/antaravasna/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म https://sexstories.one/office-me-sex-aur-antarvasan/ Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3529 जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया...

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Office Antarvasan Sex हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता | मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ |

जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं | कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं |

भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता |

मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ | जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं |

कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं | भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | मैंने कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया पर एक बार की बात हैं मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे करना क्या है कॉलेज में इसलिए मैंने एक सर से मदद ली थी पर वो तो गधा निकला और मेरे मुह से ये शब्द निकल गया था उसके सामने |

मुझे बड़ा बुरा लगा पर फिर मैंने उससे कई बार माफ़ी मांगी बी उसने मुझे माफ़ कर दिया हो तो या न किया हो मैं तो हमेशा उसका भला ही चाहूँगा | मेरी कंपनी में सब कुछ मस्त है मेरे माँ बाप भी आ चुके हैं यहाँ और सब से मिल चुके हैं और उन्हें गर्व होता है मुझपे | देखिये किसी भी माँ बाप के साथ कोई दिक्कत नहीं होती बस एक चीज़ बदलती है और वो है समय क्यूंकि उनका समय अलग था और अपना समय अलग है | उनको ये समझने में थोडा वक़्त लगता है कि उनका बच्चा कुछ आगे करेगा और अच्छा इंसान बनेगा | क्यूंकि आज के दौर में शुरू में ही किसी को लाखों नहीं मिलने लगते | चलिए ये तो हुयी कंपनी के अन्दर की बात अब टाइम है कंपनी के बाहर की बात का तो जब हमारा काम ख़त्म हो जाता है तब हम सब मिलके चाय पीते हैं |

हमारे ग्रुप में लडकिय नहीं हैं क्यूंकि हम लोग मिटटी से जुड़े लोग हैं और लडकियांकुछ ज्यादा ही नखरे दिखाती है | अब जब हम लोग नीचे वाले टपरे में चाय पीते हैं तब बोलती हैं देखो चीप गाइस कितना सस्ता और गंदा काम करते हैं | मैंने उस दिन सोच लिया था की इन लोगों को इसका मज़ा चखा के रहूँगा | मैंने कहा चलो भाई लोग कल से इनको यहीं की की पिलाएंगे और फिर मज़े लेंगे | हमारे कैंटीन वाले से सेटिंग की और उससे कहा भाई कल से इस भाई से चाय लेना और उसको कुछ पैसे दे दिए | अब दो दिन उसने वही चाय सबको पिलाई और सबने जमके तारीफ की और कहा आजकल कैंटीन वाला सुधर गया है यार !! कितनी टेस्टी चाय बना के दे रहा है | तब मैंने कहा सबके सामने जाके हट चीप गर्ल्स कितनी सस्ती और गन्दी चाय पीती है |

तो उन्होंने कहा हेल्लो ये कैंटीन से है ओके | मैंने कहा अच्छा चलो दिखता हूँ |तब मैंने उन्हें खिड़की से नीचे दिखाया और उन्होंने देखा कैंटीन वाला उस टपरे वाले से चाय ले रहा था| तब उन्होंने कहा यार इसकी चाय इतनी टेस्टी होगी हमे ये पता नहीं था और हमने गलत समझ लिया तुम लोगों को सॉरी | पर उनमे से एक लड़की बड़ी कमीनी थी और उसने हमारी मेनेजर जो की कुछ ही महीने पहले दुबई से आई थी उसको बता दिया और मेरा नाम लगा दिया| मैंने कहा बस यही तो फर्क है तुम लोगों में और मुझमे मैं अपना काम चुप चाप कर देता हूँ पंगा तुम लोगों ने लिया और हारी भी तुम | पर आज साबित कर दिया आप लोग की सोच बहुत ही छोटी है और एक दम घटिया | साडी लड़कियां चुप चाप देख रही थी बस वही मुझ से बेहेस कर रही थी |

उतने में हमारी मेनेजर आ गयी और उसने कहा लड़कियों ये क्या हो रहा है सब अपने अपने काम पे चलो और भास्कर तुम मेरे साथ अन्दर आओ | वो अची हिंदी बोलती हैं इतनी अच्छी की हम लोग पीछे रह जाते हैं | मुझे उनकी बाते सुनना बहुत अच्छा लगता है क्यूंकि वो बोलती ही इतना प्यारा हैं| उस दिन उन्होंने पहली बार मुझपे गुस्सा किया कि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी| मैंने कहा मैडम मैंने कुछ नहीं किया शुरू उन्होंने किया और ख़त्म बस में कर रहा हूँ | मैडम ने कहा अच्छा क्या ख़त्म कर रहे हो | मैंने कहा मैडम बस चाय पिलाई है और कुछ नहीं किया मैंने | उन्होंनेकहा अच्छा अगर उसकी चाय पिके कोई बीमार पद जाता तो मैं क्या जवाब देती सबको जानते हो तुम | मैंने कहा मैडम सॉरी मुझे नहीं पता था आपको इस बात का इतना बुरा लग जाएगा |

उन्होंने कहा भास्कर तुम इतने अच्छे वर्कर हो और अच्छे इंसान भी हो क्यों इनके मुह लगते हो | इनका क्या हैं कल जिसके पास ज्यादा पैसा होगा उनका बिस्तर गरम करने लगेंगी पर तुम इनसे दूर रहो | मैंने मैडम से कहा मैडम आप ऐसी बाते भी करते हो | तो उन्होंने कहा हां क्यूँ नहीं कर सकती ? पर बस तुम्हरे सामने की है और एक मेरे पापा के सामने तो अब तुम समझलो बड़े ख़ास हो तुम मेरे | मैंने कहा मैडम मैं हमेशा आपका ख़ास ही | तब मैडम ने मुझे कहा चलो जाओ अब अपने काम पे ध्यान लगाओ | मैं वह से चला गया और कहा मैडम एक दिन मैं आपको वह की चाय ज़रूर पिलाऊंगा आपको मेरी कसम आप मन नहीं करोगे | मैडम ने कहा ठीक है अब जाओ | मैं वह से आ गया और मुझे हस्त देख उस लड़की का रोना निकल गया | पर क्या करे हमारे व्यवहार ही ऐसे हैं की कोई कितना भी बुरा हो मान ज़रूर जाता है | अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी पर मैडम ने मुझे कहा भास्कर तुम कल आजाना कल सबकी छुट्टी है पर मुझे एक हेल्पर चाहिए | मैंने कहा जी मैडम मैं कल इसी टाइम पर आ जाऊंगा |

Sexy kahani मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

अब मैं अगले दिन वहां गया और मैडम पहले ही वहां थी |अब मैडम ने मुझे कहा चलो काम शुरू करलू और वो पहले से ही थकी हुयी लग रही थी | अब इतने में लाइट चली गयी और मैडम ने कहा यार मुझे भूख लगी है और लाइट भी अभी जानी थी | मैंने कहा मैडम आप थक गए हो चलो चाय पी लो | मैडम ने कहा नहीं यार कैंटीन तो बंद है | मैंने कहा अरे मैडम अपना देसी कैंटीन २४ घंटे तक चालू रहता है | मैडम ने न नुकुर करते हुए हाँ किया और मैं चाय लेने नीचे गया | फिर जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया | फिर एकदू वो मेरे पास आई और कहा बूब्स छुए न कैसा लगा |

मैंने कहा मैडम और उतने में उन्होंने अपनी शर्ट खोल दी और मेरा मुह अपने बूब्स में लगा दिया | मे रेको क्या मैं भी मस्ती में चूसने लगा उनके बूब्स और निप्पल | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करने लगी |

फिर उन्होंने जल्दी से मेरा लंड निकाल और चूसने लगी |

मैंने भी आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करना शुरू किया |

फिर वो खुद मेरे लंड पे बैठ के ऊपर नीचे होने लगी और कहा यार कबसे मन था आज मिले हो | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऐसा आधे घंटे चला और हम झड़ गए |

अब तो मैडम को मैं उनके केबिन में ही चोद देता हूँ |

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी https://sexstories.one/desi-indian-family-ki-incest-porn-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:09:33 +0000 https://sexstories.one/?p=5020 उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था...

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Desi Indian Family ki Incest Porn Kahani – आरव अपने पिता द्वारा खरीदा गया रंगीन टीवी देखकर खुश था, यह उसके गाँव का पहला रंगीन टीवी था और वह अपने दोस्तों को इसके बारे में शेखी बघारते नहीं थकता था। आरव एक 18 साल के बच्चे के लिए थोड़ा अपरिपक्व था और उसकी काया ने मदद नहीं की या तो कोई उसे आसानी से 15 या 16 साल के लिए भूल जाएगा। इसके कुछ लाभ भी थे; उसके पिता उसे खेती में शामिल नहीं करते थे।

पिछली बार जब उनके पिता उन्हें चावल की बुवाई के लिए खेत में ले गए, तो उन्होंने एक ही छेद में सारे बीज डाल दिए, अपने बचाव में उन्होंने कहा “पिताजी, आपने मुझे बीज को जमीन में डालने के लिए कहा था, आपने कुछ भी नहीं बताया इसे समान रूप से फैलाने के बारे में। ” उस घटना के बाद उसके पिता उसे कभी खेत में नहीं ले गए।

“माँ, आरव मुझे परेशान करता है, वह मुझे मेरा एपिसोड देखने नहीं दे रहा है, मैं एक महीने से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरती ने अपनी मां से शिकायत की।

“माँ, मुझे शक्तिमान देखना है, मैं एक साल से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरव ने कहा कि वह जानता है कि उसकी मां उससे ज्यादा प्यार करती है और उसकी किसी भी इच्छा से इनकार नहीं किया; आखिर वह घर का इकलौता बेटा था।

“अरे तब हमारे पास टीवी नहीं था।” आरती अपने भाई पर चिल्लाई।

“आरती, अपने भाई को टीवी देखने दो, क्या तुमने बर्तन बनाए।” शालिनी कुएं से चिल्लाई।

वह गाँव के बाहर नदी में स्नान करने वाली अन्य महिलाओं के विपरीत, अपने घर के ठीक बाहर गाँव के कुएँ में स्नान करना पसंद करती थी। आमतौर पर महिलाएं कुएं से पानी अपने घर ले जाती थीं, लेकिन चमत्कारिक रूप से जब भी शालिनी स्नान करतीं तो कई पुरुष कुएं से पानी लेने आते। ऐसा नहीं था कि शालिनी को यह नहीं पता था, लेकिन गाँव के कुएँ में नहाना दिन का उसका पसंदीदा हिस्सा था, वह पूरे दिन उसका इंतजार करती थी।

“कमबख्त वेश्या।” आरती ने अपनी सांस के नीचे अपनी मां को बताया।

आरव ने अपने अहंकार को और भी अधिक चोट पहुँचाने पर विजयी रूप से मुस्कुराया और खुद को टीवी देखने में लगा दिया।

आरती ने बर्तन लिए और उन्हें साफ करने के लिए कुएं पर चली गई, लेकिन वह अपने सामने की जगह को देखकर चौंक गई, उसकी माँ का ब्लाउज गीला था और उसके लाल निप्पल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे, वह देख सकती थी कि दो आदमी खुलेआम अपनी आँखें उस पर दावत दे रहे हैं। . भले ही वह उससे नाराज़ थी, फिर भी उसने अपनी सुरक्षा महसूस की और उसने उसे चेतावनी देने का फैसला किया।

“अरे, माँ क्या तुम मुझे कुएँ से कुछ पानी खींचोगी।” आरती ने अपनी माँ से यह उम्मीद करते हुए पूछा कि वह उसकी ओर मुड़ेगी ताकि वह उसे अपनी स्थिति के बारे में बता सके।

Desi Maa ki Incest Sex – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3

“माँ, तुम्हारा ब्लाउज।” आरती ने अपनी माँ को इशारा किया कि वह उससे बाल्टी लेने के लिए उसकी ओर मुड़ी।

“ओह …” उसने हैरान होकर अपने ब्लाउज को समायोजित किया, उसे पछतावा हो रहा था कि उसने उसे व्यंजन करने के लिए बुलाया और उसने एक मानसिक नोट लिया, अगली बार जब वह स्नान करेगी तो वह उसे टीवी देखने देगी।

“माँ, आपने खाने में क्या बनाया है?” आरव ने पास बैठी आरती पर प्यार से चेहरा बनाते हुए अपनी माँ से पूछा।

वे मिट्टी और लकड़ी से बने एक बहुत छोटे से घर में रहते थे, छत सूखी झाड़ियों से बनाई जाती थी जो बारिश के पानी को घर में रिसने से रोकती थी, जिससे फर्श मैला हो जाता था, उनके पास दो छोटे कमरे थे। उन्होंने एक कमरे में खाना पकाने की सामग्री और दूसरे में घरेलू सामान रखा था, दोनों कमरे एक छोटे से दरवाजे के साथ मिट्टी की दीवार में एक छोटे से छेद से जुड़े थे।

“आरती, आज अपने भाई के साथ सो जाओ।” अपनी माँ की शर्मीली आवाज सुनकर आरती एक मुस्कान को दबा नहीं पाई, वह अपने भाई की तरह गूंगी नहीं थी, यह समझने के लिए कि जब भी वे एक साथ कुछ निजी समय बिताने के मूड में होते, तो उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए भेज दिया जाता था अन्यथा वह सो जाती थी माँ के साथ और उसका भाई अपने पिता के साथ सोएगा।

आरती ने लाल रंग की फूलदार स्कर्ट पहनी थी जो मुश्किल से उसकी जांघों के बीच में आती थी और कई जगहों पर सिल दी जाती थी, उसने अपने भाई को मुस्कुराते हुए देखा जब उसने सुना कि वह उसके साथ सो रही है।

“यदि आप आज कुछ भी करते हैं, तो मैं पिताजी को बता दूँगा और वह आपकी बकवास को हरा देंगे।” आरती ने अपने भाई से दृढ़ता से कहा, पिछली बार जब वह अपने भाई के साथ सोई थी, तो वह किसी तरह अपना हाथ उसके ऊपर डालने में कामयाब रहा था और उसके स्तनों को सहला रहा था, आरती उस पर नाराज थी लेकिन वह इसकी गंभीरता को जानती थी इसलिए उसने नहीं किया उसके माता-पिता के साथ उसका भंडाफोड़ किया और खुद चीजों को संभालने का फैसला किया।

“मैंने कुछ नहीं किया।” आरव ने साहसपूर्वक उत्तर दिया, वह जानता था कि वह झांसा दे रही है।

आरती ने उसे अनसुना कर दिया, वह बिस्तर बनाने में व्यस्त हो गई, उसने फर्श पर छोटी-सी चटाई बिछा दी और तकिया बनाने के लिए चादर घुमा दी। उसकी माँ ने उसके पिता को रंगीन टीवी खरीदने के लिए राजी किया था, जबकि वे उस पैसे से कई घरेलू सामान खरीद सकते थे।

आरव उत्तेजना से सो नहीं पा रहा था, वह उसके स्तनों की कोमलता के बारे में सोच रहा था, यह उसके हाथों में कैसा लगा, वह जानता था कि वह बादाम के आकार की आँखों से सुंदर थी, प्यारी छोटी नाक, उसके बेदाग गुलाबी गाल लेकिन सबसे अच्छा उसके चेहरे का हिस्सा उसके होंठ थे, स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग और ऐसा लग रहा था कि यह उसके चेहरे पर तराशा गया हो। “क्या बात है, क्या मैं सोच रहा हूँ कि वह एक झटका है।” उसने सोचा, उसे अपनी बहन की इस तरह सराहना करते हुए अजीब लगा।

आरव ने करवट बदली और देखा कि उसकी बहन गहरी नींद सो रही है, वह सोते समय बहुत सुंदर लग रही थी, वह उसके गुलाबी होंठों को देखकर उत्तेजित हो गया और उसे चूमना चाहता था, लेकिन इसके बजाय उसने अपना बायाँ हाथ ब्लाउज से ढके उसके स्तन पर घुमाया, उसने उसके स्तन दबा दिए थोड़ा और उसका चेहरा देखा कोई प्रतिक्रिया देखने के लिए, कोई नहीं। उसने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और अपने हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, उसे अपने हाथों में उसके नग्न स्तन को थपथपाना बहुत अच्छा लगा, और वह उसके निप्पल को अपनी हथेली से चरते हुए महसूस कर सकता था।

उसने धीरे से अपना हाथ उसके स्तन को घुमाते हुए घुमाया और वह उसके निप्पल को अपने हाथों में बढ़ता हुआ महसूस कर सकता था, उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था इसलिए वह नीचे झुक गया और भूख से उसके आधे स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसके चिकने, मुलायम लेकिन कोमल स्तनों को बेतहाशा चूस रहा था।

आरती को उत्तेजना महसूस हुई, वह एक उन्माद में थी कि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके स्तन को क्या हो रहा है, उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसके स्तन को उसके शरीर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है और इसने उसे उत्तेजना से जंगली बना दिया है। तब उसने महसूस किया कि यह उसका भाई है जो उसकी छाती को चूस रहा है, वह एक झटके के साथ अपना सिर एक तरफ करके बैठ गई।

“आप क्या कर रहे हो।” आरती ने पूछा, एक ही समय में दोहरी भावनाओं को महसूस करते हुए, वह उस पर गालियाँ देना चाहती थी, लेकिन वह अपनी उत्तेजित अवस्था के कारण ऐसा नहीं कर सकी। वह उत्तेजना से भर गई थी, उसके गाल लाल हो गए थे और उसने उसकी ओर देखा लेकिन उसे नहीं पता था कि क्या करना है।

“मुझे बहुत खेद है, आप बहुत सुंदर लग रहे थे, मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका, मुझे वास्तव में खेद है, कृपया पिता को मत बताना।” आरव चिंता से बौखला गया, वह जानता था कि वह बहुत दूर चला गया है, छूना एक बात है लेकिन उसके स्तनों को चूसना पूरी तरह से अलग था, वह एक रेखा थी।

वह शांत हो गई जब उसने अपने भाई को यह कहते हुए सुना कि वह सुंदर दिखती है, किसी ने उसे कभी नहीं बताया कि वह सुंदर थी, वह हमेशा अपने बारे में सचेत रहती थी, वह हमेशा सोचती थी कि वह अच्छी दिख रही है या नहीं, इसलिए जब उसने अपने भद्दे भाई (जो एक ट्रिलियन वर्ष में उसकी किसी भी चीज़ की प्रशंसा न करें) उसके पूरक के रूप में, उसने अपने भीतर गर्व की लहर महसूस की।

“क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ।” उसने अपने भाई से बाकी सब कुछ भूल जाने के लिए कहा, जो उसके अभी भी खुले स्तन को देख रहा था।

उसने महसूस किया कि उसने उसकी कमजोर जगह को छू लिया है। “बेशक, तुम सुंदर हो।” उसने मुस्कराहट दबाते हुए उत्तर दिया।

“चलो सो जाते हैं, लेकिन कोई शरारत नहीं।” आरती ने गंभीर स्वर में आरव से कहा।

to be continued..

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भाभी ने कहा मुझे चोदो https://sexstories.one/bhabhi-ki-chodai-xxx/ Thu, 16 Dec 2021 06:54:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3479 भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था...

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Bhabhi Ki xxx Chodai – मेरा नाम सतनाम है और मैं जालंधर (पंजाब )से हूँ. मेरा लंड साइज़ 6.5 इंच का है मुझे भाभीया चोदने मैं बड़ा मज़ा आता है अभी में सीधा स्टोरी पर आता हूँ यह मेरी पहली स्टोरी है जिसने मेरी ज़िंदगी खुश कर दी हमेशा के लिये स्टोरी मैं मैने अपने कजिन की वाइफ को चोदा उनका नाम सिमरन है आज से 3 साल पहले उनकी शादी हुई उनका एक बेटा है 1 साल का मेरे कजिन का डी.जे का काम है तो शादीयों के सीज़न मैं बाहर रहते है मेरा कजिन भी एक नंबर का हरामी है उसके डांसर से कॉन्टेक्ट है और जब मेरे घर मैं कोई नहीं होता तो हर बार एक नई डांसर को चोदने के लिये ले आता.

उनके घर मैं सिर्फ़ भाभी मेरा कजिन और उनकी माँ है जो की एक शॉप चलाती है भाभी घर पर दिन मैं अकेली होती है और भाभी को मेरे कजिन पर भी शक रहता है उनका घर करतारपुर मैं है जो की हमारे यहाँ से 25 किलोमीटर दूर है आंधे घंटे मैं में वहा पहुँच जाता हूँ बात फरवरी 2011 की है उन दिनों काफ़ी शादीयां होती है तो कजिन बिज़ी रहता है 2-3 दिन घर नही आता भाभी घर मैं उदास रहती हैं भाभी बहुत सेक्सी है और बूब्स का साइज़ 36 है. उस दिन मैं किसी काम से उनके घर गया तो भाभी अकेले घर मैं टी.वी देख रही थी मेरे को देख कर वो बहुत खुश हुई क्योकी वो बोर हो रही थी में काफ़ी मजाक टाइप के नेचर का हूँ तो मेरे साथ उनको अच्छा लगता है.

मैं सुबह 10 बजे वहाँ पहुँच गया था इसलिये वो अभी नहाई नही थी और उन्होंने केफ्री और टॉप डाल रखा था इतनी सेक्सी लग रही थी उनके बूब्स बाहर को आ रहे थे मैं देख कर हैरान हो गया उनका बेटा सो रहा था उन्होने मेरे लिये चाय बनाई और वो बोली मैं 5 मिनिट मैं नहा कर आती हूँ तब तक तुम चाय पियो और वॉशरूम चल गई वॉशरूम रूम के पास था मुझे पानी की आवाज़ आने लगी मैं फील करने लगा भाभी नंगी कैसी लग रही होंगी इतने मैं मेरा लंड खड़ा हो गया मेरी इच्छा करने लगी.

भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था विद टाइट कुरती उनका गीला गीला बदन और खुले बाल देख कर मेरे होश उड़ गये हम बेठ कर बाते करने लगे बातों बातों मे पता लगा की उनकी सास शॉप पर है जो दोपहर में खाना खाने आयेगे और कजिन शादी मैं जो रात भर नहीं आयेगे पर भाभी बिल्कुल मेरा साथ देनो वालो मैं से नही थी इतनी देर में उनका बेबी रोने लगा भाभी ने उसको अपना दूध थोड़ा सा साइड मैं हो कर उसे दूध पिलाने लगी मेरी अचानक नज़र सामने कांच पर गई भाभी ने अपना एक बूब पूरा निकाला था जो मुझे दिख रहा था मेरा लंड और ज्यादा खड़ा हो गया.

Chodai story टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया – भाग 2

कुछ देर मैं भाभी की नज़र कांच पर गई और वो शरमाने लगी और बूब्स ढक लिये उन्होने मेरी और देखा मेरा खड़ा लंड देख कर वो थोड़ी सी स्माइल देने लगी और फिर बाते करने लगी मुझसे फेमिली के बारे मैं और पास आकर बेठ गई बातों बातों मैं वो रोने लगी बोली की तुम्हारे भैया मुझे टाइम नहीं देते मैं अकेला फील करती हूँ मेने उनको चुप करने के लिये इशारा किया और मेने उनको कस के पकड़ लिया और देखा तो उनकी आँखे बंद थी उनके लाल लाल रसीले होंठ देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया था. और मेने स्मूच कर दिया 5 मिनिट स्मूच करने के बाद मैने बोला भाभी सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी भाभी का जवाब सुनके मैं हैरान हो गया की ग़लती पूरी करके सॉरी माँगना मैंने ना समझने का ड्रामा किया तो भाभी बोली सतनाम मैं ही काफ़ी दिनो से सॅटिस्फाइड नही हूँ और मुझे पता हे तु भी सेक्स चाहता है और मेरे को स्मूच करने लगी और बोली रुक मैं डोर लॉक करके आती हूँ.

जब तक वो डोर लॉक करके वापस आती मैने अपने पूरे कपड़े उतार लिये वो मेरा लंड डोर से देख कर हैरान हो गयी और भागी भागी आई और लंड मुँह मैं डाल लिया क्या चूसती थी यार. वो 15 मिनिट तक उन्होंने चूसा वो लंड पूरा गले तक ले जाती थी वो फिर मैं उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा मैने उनकी कुरती उतारी और बूब्स चूसने लगा मैं उनका पजामा उतारने लगा इतने मैं डोर बेल बजी उन्होने जल्दी से कपड़े पहने और डोर खोलने चली गई डोर पर उनकी सास थी मैने भी कपड़े पहन लिये थे. मैने उनके पैर छुए की और बाते करने लगा पता चला की आज वो शॉप बंद करके आई है क्योकी उनकी तबीयत ठीक नहीं है और वो भी वापस नही जायेगी.

मुझे लगा की मेरे खड़े लंड पर डंडा पड़ गया भाभी ने मेरे और देखा और बोली भाभी ने इशारे मैं कहा मैं हूँ ना वेट कर मेरी मामी जी जैसे ही आराम करने गयी तो बोली पूरी रात अपने पास है मज़े से सेक्स करेंगे और बोली अपनी मामी के सामने यह बोल कर आओ की तुम वापस जा रहे हो मैं मामी जी के पास वापस गया और बोला मैं जा रहा हूँ और भाभी के कमरे मैं छुप गया रात के 10 बजे भाभी ने देखा मामी जी सो गयी है तो डोर लॉक कर दिया और बोली आजा मेरे देवर जी अपनी भाभी को जम कर चोद ले मेने जल्दी से उन्हे गोद मे लिया और बेड पर ले आया मैने इस बार सीधा उनका पजामा उतारा तो मैने देखा एकदम पिंक चूत थी उनकी मैं चूत चाटने लगा मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है.

भाभी को मज़ा आने लगा और वो आआआः अयाया करने लगी और बोली अब मेरी बारी और मेरा लंड निकाला और ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी जैसे पता नही कितने दिनो से लंड की प्यासी थी मैने उनकी टांगे उठाई और बूब्स को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर ज़ोर से लंड डाल कर शॉट मारने लगा आधे घंटे मैं मेरा पानी छूट गया और भाभी भी पूरी सॅटिस्फाइड हो चुकी थी फिर हम 1 घंटे के लिये भाभी मेरे उपर चड कर नंगी ही सो गई एक घंटे बाद फिर से उठी और बोली देवर जी उठो अब नये तरीके से करते है.

मैने बोला कैसे तो उन्होने अलमारी में से ब्लू फिल्म निकाली और लगा दी फिर मैने हर स्टाइल से उन्हे चोदा घोड़ी बना कर, साइड से, खड़े हो कर वो बोली इतनी शान्ति तो मुझे सिर्फ़ अपनी सुहागरात पर मिली थी थैंक्स देवर जी मैं सुबह सुबह 5 बजे वहाँ से चुपचाप निकल आया ताकि मामी जी को पता ना चले भाभी उस दिन के बाद जब भैया घर पर नही होते तो मुझे फोन करके बुलाती है और हम नये नये तरीक़ो से सेक्स करते है तो दोस्तों केसी लगी मेरी स्टोरी

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मामा की लड़की को घोड़ी बनाया.. https://sexstories.one/ghodi-bana-ke-choda-mama-ki-ladki-ko/ Wed, 15 Dec 2021 07:05:14 +0000 https://sexstories.one/?p=3467 उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई...

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Ghodi Bana Ke Choda Mama Ki Ladki Ko – मेरी ये कहानी कहानी ही नहीं मेरी जिदगी का वो समय था जिसे में आज तक नहीं भुला पाया। दोस्तों मेरा नाम राहुल उम्र 23 साल लम्बाई 5’11 है। में उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। बात उस समय की है जब में 12th मे पढ़ता था। और में छुट्टियों पर अपने मामा के घर पर गया हुआ था। मेरे मामा का परिवार बहुत बड़ा है।

परिवार के सभी लोग एक साथ रहते हैं। मामा का अपना खुद का व्यापार है। मामा के व्यापार में उनका बेटा भी साथ देता है। उनके साथ मे उनका बेटा भी जाता है। घर पर मेरी मामी और उनकी दो बेटीयाँ पलक और छाया और नाना नानी रह जाते हैं। छाया की उम्र 22 साल पलक की उम्र 18 साल की है। छाया की चूचियो का साइज़ पलक की चूचियो की साइज़ से कम है। पलक का फिगर होगा 34 28 34.. बड़ी चूची पतली कमर मोटी गांड बड़ी सेक्सी लगती थी। लेकिन में दोनो को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखता था।

एक दिन की बात है जब मामी और छाया शॉपिंग करने बाहर गये थे और पलक को कह गये कि मेरा ख़याल रखे नाना नानी नीचे के कमरे में सो रहे थे। पलक अपने काम मे लगी थी स्कूल का और में वहाँ घर पर बहुत बोर हो रहा था। तो में उठा और उपर वाले कमरे मे चला गया। और में कुछ गाने सुनने लगा तब पलक भी मेरे पीछे उपर वाले कमरे मे आ गई वो कुछ किताबे ले कर आई। और मुझसे कुछ पूछने लगी उसने लाइट कलर की सलवार कमीज़ पहन रखी थी। और दरवाज़ा बंद करके मेरे पास बेड पर बैठ गई। में उसको देखता रह गया क्या लग रही थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। इतने करीब से मैने उसको पहली बार देखा था।

इतने मे वो मुझसे बोली: भैया मुझे कुछ पूछना है। मैने कहा हाँ पूछो पलक बोली मुझे इसका उत्तर नहीं मिल रहा कुछ दिखाते हुए। वो किताब को बेड पर रख कर आगे की ओर झुकी तो उसकी कुरती ढीली होने के कारण उसकी मोटी मोटी चुचियो का उभर मुझे दिखा में देखता ही रह गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरा मन चाह रहा था की उसे पकडू और चोदू वो मुझे हिलाते हुए बोली भैया में कुछ कह रही हूँ। मैने कहा की कल में बताऊंगा आज मेरे सर मे दर्द है। तो उसने कहा लाओ में मालिश कर दूँ।

मैने मना किया तो उसने ज़बरदस्ती सर को पकड़ा और दबाने लगी। और कुछ समय के बाद मेरे दिमाग़ मे एक तरकीब आई मैने उसे कहा की तुम सामने बैठ कर पढ़ो। और में कांच की तरफ पीठ करके बैठ गया था। और मैने अपनी ज़ेब से मोबाईल निकाल कर उसमे ब्लू फिल्म चला दी। और में इस तरह बैठ गया की पीछे से शीशे मे उसको दिखे और मैने मोबाईल की अवाज बंद कर दी। मैने नोटीस किया की वो ये सब कुछ देख रही है। तभी पलक बोली भैया मोबाइल मे क्या कर रहे हो। मुझे भी दिखाओ वीडियो मैने कहा तुम अभी छोटी हो ये सिर्फ बड़े लोग ही देखते हैं।

Desi Incest Sex Kahani – माँ ने चुदवा लिया मुझसे

तभी पलक कहने लगी की मुझे दिख नहीं रहा क्या हो रहा है वीडियो मे फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब मैने मोबाईल की थोड़ी अवाज बड़ा दी और मोबाईल पर मैने गांड मारने वाला सीन चला दिया। वो कहने लगी भैया ऐसी वीडियो क्यों देखते हो। मैने कहा की मज़े के लिए तो वो कहने लगी। इसमे क्या मज़ा आता है उसमे लड़की रो रही है। दर्द से तुम्हे मज़े की सूझी है। मैने कहा नहीं पागल लड़की को भी मज़ा जब आता है तभी वो ऐसे करती है। तो पलक कहने लगी की अब अगर इसके बच्चा हो जाएगा तो। मैने कहा गांड मारने पर बच्चा नहीं होता है। वो ये सब देख कर गर्म हो चुकी थी। अब उससे रहा नहीं गया और तभी उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ लिया। और कहने लगी मेरी भी गांड मारो प्लीज भैया। फिर मैने उसको कहा ऐसे लंड थोड़ी ना घुस जाता है। गांड में पहले गांड को गीला करना पड़ता है। तभी पलक बोली में कर देती हूँ ना गीला बस आप तो लंड डाल दो।

फिर उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई। और उसने देखा की सब सो रहे हैं कमरे मे वो आ गई और उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। और तभी मैने उसे अपनी बाँहों मे भर कर उसके लिप्स अपने लिप्स मे भरकर उसका कुर्ता उतार दिया। और अब उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दी।

अब पलक अपने घुटनो पर बैठ कर मेरी पैंट नीचे खीँच कर मेरे लंड को पकड़ कर मुहं मे लेकर चूसने लगी। मैने उसकी ब्रा खोल दी आह दोस्तो वो मेरा पूरा लंड मुहं मे लेकर चूस रही थी। मैने उसे खड़ा किया और बेड पर लिप्स चूसते हुए उसे बेड पर लिटा दिया। और उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया उसके बूब्स बहुत बड़े थे। और में उस पर चड़कर चूसने लगा और निप्पल को मुहं मे लेकर चूस रहा था। वो आह आह भैया चूसो आहै उईमाआ मज़ा आ रहा है कह रही थी। मैने थोड़ा नीचे आकर उसकी पेंटी को फाड़ दिया और दोनो पैरो को फैलाकर अब में उसकी चूत में एक उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा और चूसने लगा वो आहैहा हा भैया चूसो प्लीज़ आहै आहै कर रही थी और मेरे मुहं मे ही झड़ गई और अब मैने उसको कहा क्या करू? तभी वो बोलने लगी चूत मे लंड मत डालना तो मैने कहा मेरा क्या होगा।

अब वो मुझसे बोली मेरी गांड मे अपना लंड डाल लो मैने कहा ठीक है मुझे लंड को चूत में लेने से डर लगता है। फिर उसको बेड से उठा कर जमीन पर लाकर के मैने उसे घोड़ी बनने को कहा। वो जल्दी से घोड़ी बन गई तभी मैने पीछे से आकर उसकी गांड के छेद को फैलाया। और उसे बहुत दर्द हुआ और मुझे भी तभी उसने कहा बेड के पास बॉक्स मे तेल है। तभी मैने तेल निकाल के कुछ अपने लंड पर लगाया और बाकी उसकी गांड के छेद पर लगा दिया था। मैने उसको गांड को फैलाने के लिए बोला उसने अपनी गांड अपने दोनो हाथो से फैला ली। तब मैने अपना 7 इंच के लंड का अगला हिस्सा उसकी गांड मे टिका कर एक हल्का सा धक्का दिया। अब लंड दो इंच अंदर गया था। वो ज़ोर से चीखी मरर गईइई मैने पीछे से उसका मुहं दबा दिया उसकी चीख दब गई थी।

फिर मैने थोडे समय रुकने के बाद जब वो शांत हो गई तब मैने पीछे से एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया। और दूसरे हाथ उसकी चूची को भींच कर एक जोरदार झटका मारा मेरा पूरा लंड उसकी गांड मे समा गया। और उसकी गांड से थोड़ा खून निकल गया। और उसकी आँख से आँसू आ गये थे। और ऐसे ही बिना मुड़े हुए में हिला तक नहीं फिर उसने मेरा हाथ अपने हाथ से हटा कर बोली भैया चोदो अपनी बहन की गांड मारो मेरी चूत मुझे रंडी बना कर चोदो। तब में धीरे धीरे झटके मारते हुए अपनी स्पीड बड़ा दी।

दोस्तों आज मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था। हर एक झटके मे अलग एहसास था। हम दोनों का दर्द से बुरा हाल हुआ उसकी गांड से अभी भी खून निकल रहा था। लेकिन मैने उसे नहीं बताया और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी। क्योकि में कुछ देर के बाद में झड़ने वाला था। मैने उसकी गांड मे वीर्य निकाल दिया तभी पलक ने कहा की उसको वीर्य मुहं में लेना है। तभी मैने देर ना की और जल्दी से लंड को उसके मुहं में दिया अब वो लंड को चूस रही थी और बोली मैने पहले कभी लंड मुहं में नहीं लिया लेकिन आज मुझे लंड को चूसना अच्छा लगा।

हम दोनों उठे और साथ में बाथरूम में जाकर नहाए हमने वहाँ पर भी चुदाई की और बाहर आ गये। दोस्तों मैने छाया और पलक को एक साथ कई बार चोदा लेकिन जो मजा मुझे पलक की गांड में आया वो मुझे छाया और पलक की चूत में अभी तक नहीं आया वो दोनों इस चुदाई में हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देती थी। अब उन्हें बिना लंड लिये नींद नहीं आती और मेरी भी आदत हो गई। दोस्तों ये थी पलक और मेरी सच्ची कहानी थी।

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मुझे अपने लंड पे बैठा लो https://sexstories.one/kaala-lund-chut-me-dalwane-ki-kamukta/ Thu, 11 Nov 2021 06:01:10 +0000 https://sexstories.one/?p=3306 मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा...

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Kaala lund chut me dalvane ki kamukta story – मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता हूं हालांकि मेरे माता पिता नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने मुझे बहुत ही अच्छे से प्यार दिया है। मैं एक अनाथ आश्रम में पढ़ता था मेरी उम्र 10 वर्ष की थी तो मुझे गोद ले लिया था उसके बाद से ही मैं उनके साथ रह रहा हूं उन्होंने मुझे माता-पिता का पूरा प्यार दिया और कभी भी मुझे मेरे माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। मैंने जब अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली तो उसके बाद मैं कुछ काम करने की सोचने लगा उसमें मेरे पिताजी ने मेरी काफी मदद की और कहा कि बेटा तुम जो भी चाहते हो तुम वह काम कर लो, मैंने उन्हें कहा मैं एक एनजीओ खोलना चाहता हूं जो कि गरीब बच्चों की मदद करें और जितने भी गरीब बच्चे हैं उनकी पढ़ाई में मैं उनकी मदद करना चाहता हूं, वह कहने लगे बेटा तुम्हारे तो बहुत ही अच्छे ख्यालात हैं यदि तुम इस प्रकार की सोच रखते हो तो तुम्हें मुझसे जितनी भी मदद की आवश्यकता है वह मैं तुम्हें देने को तैयार हूं।

मेरे पिताजी बड़े ही अच्छे हैं और वह हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित करते रहते हैं, मैंने उनकी मदद से एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया और जितने भी आसपास के गरीब बच्चे थे जिन्हें मैं पढ़ा सकता था उन्हें मैंने पढ़ाने का बीड़ा उठाया और उनकी पढ़ाई में जितना मुझसे मुमकिन हो सकता था मैं उतना करता था, धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी और मेरे पास काफी बच्चों के माता-पिता आने लगे, वह कहते कि आप बहुत ही अच्छा और नेक काम कर रहे हैं इससे हमारे बच्चों को बहुत मदद मिल रही है, जब उनके चेहरे पर मैं मुस्कुराहट देखता तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता। एक बार मैं बच्चों को पढ़ा रहा था तभी मेरे पास एक तीन चार लोगों का ग्रुप आया और वह लोग मुझे कहने लगे क्या आप ही सतीश हैं? मैंने उन्हें कहा हां मेरा नाम ही सतीश है।

उन लोगों ने मुझे कहा कि सर क्या आप हमें थोड़ा समय दे सकते हैं? मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं मैं अपनी क्लास खत्म कर लेता हूं उसके बाद हम लोग मेरे ऑफिस में बैठ जाते हैं। मैंने उन्हें अपने ऑफिस में बैठा लिया और जब वह मेरे ऑफिस में बैठे तो मैं बच्चों को पढ़ाने के लिए चला गया जैसे ही क्लास खत्म हुई तो मैं उन लोगों के पास गया, वह लोग मुझसे कहने लगे सतीश जी हमने आपके बारे में काफी सुना है और आप गरीब लोगों की काफी मदद करते हैं हम लोग भी आपका साथ देना चाहते हैं, मैंने उनसे पूछा आप लोग कहां रहते हैं?

वह कहने लगे हम लोग भी यहीं रहते हैं और कुछ समय पहले ही हमारी पढ़ाई खत्म हुई है हम लोग आपकी मदद करना चाहते हैं। यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ, मैंने उन लोगों के नाम पूछे वह तीन लोग थे उनमें से दो लड़कियां थी और एक लड़का था लड़के का नाम शोभित है और उन लड़कियों का नाम पारुल और रंजना है। मैंने उन्हें कहा आप जैसे लोगों की ही मुझे जरूरत है यदि आप लोग मेरे साथ आ जाएं तो मुझे बहुत खुशी होगी, वह लोग कहने लगे सर हम लोग कल से सुबह के वक्त आ जाया करेंगे, मैंने उन्हें कहा आप कल से सुबह आ जाइएगा।

Kaala Lund Chut me Kamuk kahani मेरी चुड़क्कड़ बॉस

अगले दिन वह लोग सुबह ही आ गए और मैंने उन्हें सब कुछ समझा दिया, मैंने उन्हें बताया कि मैं बच्चों को कौन-कौन सी क्लास पढ़ाता हूं और उन लोगों को भी मैंने उनकी जिम्मेदारी सौंप दी थी वह लोग अपनी जिम्मेदारी पाकर बहुत खुश थे और वह बहुत ही अच्छे से मेरे साथ पढ़ाने लगे मुझे बहुत ही खुशी होती जिस प्रकार से वह लोग बच्चों को निस्वार्थ भाव से पढ़ाते, मुझे उन लोगो के विचार बहुत ही पसंद है हालांकि उनकी उम्र मुझसे थोड़ी ही कम थी लेकिन वह लोग बड़े ही समझदार और अच्छे हैं, मेरे पिताजी जब भी मुझसे मिलने आते तो हमेशा पूछते कि बेटा तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं है, मैं उन्हें कहता नहीं पिताजी मुझे कोई परेशानी नहीं है आप जितना कर सकते थे आप ने उतना मेरे लिए किया, अब मुझे धीरे-धीरे सफलता मिलती जा रही थी और मेरे साथ काफी लोग भी जुड़ते जा रहे थे।

मैंने जो मुहिम शुरू की थी उसका मुझे बहुत ही फायदा मिल रहा था और मेरे पास बच्चों की संख्या भी अधिक होती जा रही थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। एक दिन पारुल मेरे साथ ऑफिस में बैठी हुई थी वह मुझसे पूछने लगी सतीश आपके घर में कौन-कौन है? मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बताया उन्हें मेरे बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था लेकिन जब मैंने उनको बताया कि मैं भी एक अनाथ आश्रम में पढ़ता था और उसके बाद मुझे मेरे पिता ने गोद लिया तब से मेरे जीवन में परिवर्तन आ गया है इसीलिए मैंने बच्चों को पढ़ाने की सोची।

मेरे पिताजी ने इसमें मेरी बहुत मदद की, पारुल यह सुनकर कहने लगी आप बड़े ही नेक व्यक्ति हैं आपके जो भी ख्यालात हैं वह मुझे बहुत पसंद है और इसी वजह से हम लोगों ने आप के साथ जुड़ने की सोची, पारुल मुझे चाहने लगी यह उसके इरादो से मुझे पता चल जाता था। मैं एक दिन ऑफिस में बैठा हुआ था उस दिन पारुल मुझसे कहने लगी सतीश जी मुझे आपसे कुछ पूछना था मैंने उससे कहा हां कहो। वह मुझे कहने लगी क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है मैंने उसे कहा नहीं मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है। वह कहने लगी मैंने तो सुना था आपकी गर्लफ्रेंड है।

मैंने उसे कहा तुम्हे किसने कहा मैं तो सिंगल ही हूं। वह कहने लगी आप मेरी कसम खाइए, मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी कसम खाता हूं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। यह कहते हुए उसने मुझे कहा आप मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लीजिए। मैंने उसे कहा पर मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बना सकता। जब मैंने उसे मना किया तो वह मुझे अपने स्तनों को दिखाने लगी और बार बार अपने बालों पर हाथ फेरने लगी। उसके स्तनों की लकीर मुझे दिखाई दे रही थी मैं भी अपने आप को कितनी देर तक रोकता मैंने उसके स्तनों पर अपने हाथ को लगाया तो मेरे अंदर भी सेक्स भावना जाग उठी। मैंने उसे कहा तुम मेरी गोद में आकर बैठ जाओ, वह मेरी गोद में आकर बैठी तो उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी, मेरा लंड खडा हो चुका था।

मैंने उससे कहा तुम्हारी गांड तो बहुत ही बड़ी है। वह कहने लगी हां मेरी गांड बहुत बड़ी है मैं अब आपसे अपनी गांड मरवाना चाहती हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मैंने आज तक किसी की भी गांड नहीं मारी। वह कहने लगी आप मुझे बस अपना बना लीजिए मैंने उसे कहा तुम कैबिन का दरवाजा बंद कर लो। उसने दरवाजा बंद कर लिया उसने अपने सारे कपड़े उतारे तो उसका फिगर देखकर मैं उठ कर उसके पास चला गया और उसके बदन को सहलाने लगा। मैं जब उसके बदन को सहला रहा था तो उसकी चूत से तरल पदार्थ निकल रहा था।

वह कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा। मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा। वह कहने लगी नहीं आपको मेरी गांड तो मारनी ही पड़ेगी मैंने भी अपने लंड को उसकी गांड पर सटा दिया। जैसे ही मैंने धक्का देकर उसकी गांड के अंदर अपने लंड को डाला तो वहां चिल्लाने लगी और कहने लगी आपके मोटा लंड को लेकर तो मेरे अंदर और भी जोश बढ़ने लगा है। वह अपनी गांड को मुझसे टकराने लगी।

जिस प्रकार से मेरा लंड उसकी गांड के अंदर बाहर होता मेरा लंड दर्द होने लगा था लेकिन उसकी टाइट गांड मारने में मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैं तेजी से उसकी गांड मार रहा था मैं ज्यादा देर तक उसकी गांड की गर्मी को सह नहीं पाया जब मेरा वीर्य पतन उसकी गांड में हुआ तो वह कहने लगी क्या आपने मुझे अपना लिया है। मैंने उसे कहा हां पारुल मैंने तुम्हें अपना लिया है लेकिन तुम्हें याद रहे यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए यह बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए। हम दोनों के बीच अक्सर सेक्स संबंध बनते रहते हैं लेकिन यह बात किसी को भी नहीं पता।

पारुल मेरे लिए कई बार कंडोम ले आती है कभी वह कहती है आप कंडोम लगाकर मेरी चूत और गांड मारो और कभी बिना कंडोम के हम दोनो सेक्स करते है मुझे उसके साथ सेक्स संबंध बनाना बहुत अच्छा लगता है।

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भाभी के दूध का दीवाना https://sexstories.one/bhabhi-ke-mote-doodh-chuche-piye/ Thu, 04 Nov 2021 08:49:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3269 वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा...

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Bhabhi ke mote doodh piye हाय दोस्तों मेरा नाम नितिन चौहान है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 20 साल है और अभी मैं बी.कॉम. कर रहा हूँ | मेरे कॉलेज में मेरी एक गर्लफ्रेंड है लेकिन मेरा इंटरेस्ट बड़ी औरतों में है | मेरा ध्यान हमेशा अपने से बड़ी औरतों में रहता है और उनको पटाने के फायदे भी बहुत है | ये मेरी कहानी इसी पर आधारित है, मेरे घर के सामने रहने वाली एक औरत दीपिका और मेरे बीच की | मैंने अपने बारे में तो बताया ही है थोडा दीपिका के बारे में भी जान लो | रंग गोरा, पतली कमर, दूध बड़े और दिखने में बहुत मस्त | उसकी उम्र 28 साल है और उसकी शादी को 3 साल हो चुके है और उसकी एक बेटी भी है |

वो हमारे घर के सामने किराये से रहती थी और जैसा की मैंने बताया मेरा इंटरेस्ट ऐसी औरतों में है तो मैं आए दिन उसको आँख भर कर देखा करता था | वो भी मेरी हवस भरी निगाहों से वाकिफ़ थी कि मैं उसको ताड़ता हूँ लेकिन वो कुछ बोलती नहीं थी बल्कि नज़रें झुकाके निकल जाया करती थी | उसकी एक बेटी थी जिसका नाम शिल्पी था | मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उससे कैसे बात शुरू करूँ और कैसे उसे पटाऊं ? तो मेरे एक दोस्त जिसका नाम अमन है उसने मुझे दिमाग दिया कि पहले उस बच्ची से बात करना, खेलना शुरू करो, उससे बात अपने आप हो जाएगी |

मैंने ऐसा ही किया वो बच्ची जब भी बाहर आती थी मैं उसे खिलाता रहता था और ये पैंतरा काम कर गया | ऐसा करते करते मेरी उससे बात शुरू हो गई | मेरे दोस्त ने मुझे कहा था कि पहले उसको मैं आंटी ही बोलूं अगर उसे बुरा लगे तो समझ लेना कुछ बात बन सकती है और हुआ भी ऐसा | एक दिन उसने मुझे कहा देखो मुझे ठीक से मैं क्या आंटी लगती हूँ ? तो मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा अच्छा तो तुम मुझे आज से आंटी नहीं कहोगे | तो मैंने उनसे पूछा कि क्या बुलाऊं फिर आपको ? तो उसने थोडा सोचा और मुस्कुराते हुए कहा दीपू भाभी |

मुझे अपने दोस्त कि कही हुई बात याद आ गई और मैंने मन में सोचा कि थोड़े दिन और रुक जाओ दीपू मैं तुम्हे बेबी बुलाऊंगा | उसके पति की मार्केट में दूकान थी इसलिए वो सुबह जल्दी चला जाता था और रात में देर से आता था | क्या देखकर उसे पसंद किया था | खैर जो भी हो मुझे तो उसकी चूत चाहिए थी और मैं वही पाने में लगा हुआ था | एक दिन मैं उसके घर गया और शिल्पी को आवाज़ लगाते हुए अन्दर गया | दीपु घर पर अकेली थी और अपने लिए नाश्ता बना रही थी तो उसने कहा शिल्पी स्कूल गई है, तो मैंने कहा अच्छा ठीक है थोड़ी देर बाद आता हूँ |

bhabhi ke mote doodh chuche piye aur chooth choda

तो उसने कहा अरे रुको मैं नाश्ता बना रही थी तुम नाश्ता करके जाना | मैंने कहा नहीं मुझे भूख नहीं है तो उसने कहा चल नाटक नहीं कर बैठ जाके मैं नाश्ता लेकर आती हूँ | वो आई और जैसे ही उसने नाश्ता टेबल पर रखा तो उसका पल्लू नीचे हो गया और उसके थोड़े थोड़े दूध दिखने लगे और उसने मुझे ये देखते हुए देख लिया कि मैं उसके दूध देख रहा हूँ लेकिन उसने कुछ नहीं कहा |

फिर हम दोनों बैठकर नाश्ता करने लगे तभी मेरा फ़ोन बजा और मैंने फ़ोन काट दिया | मुझे फिर से फ़ोन आया लेकिन कॉल कंपनी से था तो मैंने फिर से काट दिया | तो दीपू ने मज़ाक में कहा अरे उठा लो भाभी के सामने गर्लफ्रेंड से बात नहीं कर सकते क्या ? तो मैंने कहा गर्लफ्रेंड का नहीं था | तो दीपू ने कहा अच्छा तो गर्लफ्रेंड का फ़ोन कब आता है रात में | तो मैंने कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | दीपू मुझसे ज्यादा दूर नहीं बैठी थी और उसने जो कहा वो मुझे सुनाई दे गया जबकि उसने बहुत धीमी आवाज़ में कहा था | उसने कहा बेचारा हाँथ से काम चलाता है तो मैंने कहा क्या ?

तो उसने कहा नहीं कुछ नहीं | फिर नाश्ता करके मैं अपने घर चला गया और जाते से ही अपने दोस्त अमन को फ़ोन लगाया और उसे पूरी बात बताई | उसने मुझे कहा एक काम कर कल सुबह फिर से उसके घर जाना और इस बार कंडोम लेकर जाना | ये सुनकर मुझे थोडा अटपटा सा लगा जैसे अगली बार जाऊंगा तो वो मुझसे चुदवा लेगी लेकिन फिर भी एक बार उसकी बात अजमाने के लिए मैं अगली दिन सुबह उसके घर गया लेकिन कंडोम लेकर नहीं गया | उसने फिर से मुझे नाश्ते के लिए रोक लिया और नाश्ता करने के बाद मैं जाने को हुआ तो उसने मुझे रोक लिया और कहा कोई काम है क्या घर में ? तो मैंने कहा नहीं तो उसने कहा तो यहीं बैठो मेरे साथ, तो मैं वहीँ बैठ गया | तो उसने कहा वहां नहीं यहाँ मेरे पास आकर बैठो तो मैं उसके बाजू में जाके बैठ गया |

बात करते हुए बार बार नीचे झुक रही थी और उसकी साड़ी भी नीचे हो रही थी जिसकी वजह से उसके ऊपर के दूध दिखने लगे थे लेकिन वो अपनी साड़ी ठीक नहीं कर रही थी और मेरी नज़र बार बार उसके दूध पर जा रही थी | तो मैंने उससे कहा जो आपने कल कहा था न वो मैंने सुन लिया था | तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा जब कहा था मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और उसके बाद जो आपने कहा था | तो एक पल के लिए वो शांत रही फिर उसने मेरी जांग पर हाँथ रखा और कहा तो मैंने कुछ गलत नहीं कहा था तुम्हें कोई तो चाहिए न अपनी मदद करने के लिए | तो मैंने कहा अच्छा तो आप ही कर दो मेरी मदद | तो वो एकदम से शांत हो गई और नीचे देखने लगी, तो मैंने सोचा चलो अब बारी है अपनी पैंट खोलने की और मैंने अपनी पैंट खोलना शुरू किया और जैसे ही मैंने अपनी पैंट उतारी उसने एक लम्बी साँस ली | फिर मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और जैसे ही मैं अपना लंड पकड़ने को हुआ तो उसने कहा नहीं और मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी |

Mote boobs wali bhabhi ne lund liya muh me

मैं वहीँ बैठ गया और वो ज़मीन पर बैठ कर लंड हिलाने लगी | फिर उसने मेरा लंड चूसा और मेरी गोटियाँ भी | फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और अपने दूध के बीच में मेरा लंड दबा के ऊपर नीचे करने लगी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इतना मज़ा आया की मेरे लंड ने माल छोड़ दिया | फिर मैंने कहा दीपू बेबी बहुत मज़ा आया तो उसने कहा जानेमन अभी तो असली काम बाकी है | तो मैंने कहा अरे मैं कंडोम तो लाया ही नहीं, तुम रुको मैं अभी लेकर आता हूँ | तो उसने कहा तुम बच्चों की यही प्रॉब्लम है कुछ पता ही नहीं होता है, रुको मेरे पास रखा है कंडोम लेकर आती हूँ |

फिर वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा | तो उसने अपना पेटीकोट और पैंटी उतारी और एक दो ठुमके लगाये | फिर मैंने उसका हाँथ पकड़ा और अपने पास खींच लिया और किस करने लगा | किस करते हुए मैं उसके दूध भी दबा रहा था, उसके दूध बड़े बड़े थे | फिर मैंने उसको वहीँ पर लेटाया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो अपने दूध दबाते हुए आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अहह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ करने लगी |

Sex katha कॉलेज के डायरेक्टर ने चोद दिया

फिर मैंने चूत से ऊँगली बाहर निकाली और उसके मुंह में डाल दी और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा | तभी मुझे याद आया मैंने कंडोम तो पहना ही नहीं तो मैंने जल्दी से कंडोम पहना और उसकी चूत में लंड डाल दिया | मैं उसको धीरे धीरे चोद रहा था और वो भी बिना पूरा लंड अन्दर डाले, तो उसने कहा बाकी का किसके लिए बचा रखा है पूरा डालो | तो मैंने एक जोर का झटका मारा और पूरा अन्दर कर दिया और उसकी अह्ह निकल गई | लेकिन अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा था तो मैंने चूत से लंड निकाल के गांड में डाल दिया और जोर जोर के झटके मारने लगा | जब मैंने उसकी गांड मारना शुरू किया तो उसकी आह्ह्ह्हह्ह्ह्हा ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ की चीखें निकलने लगी | फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैं उसके ऊपर लेट गया | फिर उसके बाद जब भी वो घर पर अकेली रहती थी मैं पहुँच जाता था और हम चुदाई करते थे | ये सिलसिला कई सालों तक चलता रहा जब तक वो वहां से चली नहीं गयी | अब मैंने नयी भाभी पटाई है |

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चाची ने करवाई जन्नत की सैर https://sexstories.one/chudas-chachi-ne-karwayi-jannat-ki-sair/ Sun, 31 Oct 2021 10:30:05 +0000 https://sexstories.one/?p=3210 दोनों पान की तरह रसमलाई खाकर, एक दुसरे के होठो को चूमने लगे और चाचा ने मलाई रस अपने लंड पर डाल दिया. फिर चाची लंड को चूसने लगी. ये देख कर मैं तो और एक्साइट हो रहा था. फिर दोनों एक कामसूत्र कपल की तरह उन्होंने चाची के दोनों बूब्स दबाने लगे...

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Chudas Chachi Ne Karwayi Jannat Ki Sair – मेरा नाम एश्वर्य है और मैं इस वेबसाइट का रेगुलर रीडर हु. मैंने यहाँ बहुत ही सेक्स स्टोरी पढ़ी है, जो बहुत ही रोमेंटिक है. आज मैं आपके साथ एक इन्तेरेस्तिंग एंड ट्रेडिशनल स्टोरी शेयर कर रहा था, जो मेरा एक रियल इंसिडेंट है.

दोस्तों, हमारा परिवार शुरू सी ही ट्रेडिशनल रहा है और मेरे परिवार में मेरे माँ – डेड के अलावा एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन है और मेरे चाचा – चाची भी है. चाचा एक बिज़नसमेन है, जो काम के सिलसिले में वीकली बाहर जाते है. चाची और चाचा के बच्चे नहीं है और वो इसको लेकर हमेशा ही चिंतित रहते थे. चाची की मेरिज की ४ साल बीत चुके थे, पर अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं था. मेरी चाची का नाम अलका है और वो बहुत ही हॉट फिगर वाली औरत है. वो भी एक पारंपरिक रिवाज वाले परिवार से है और बहुत ही ट्रेडिशनल लुक वाली है.

चाची हमेशा से ही पारंपरिक श्रृंगार, जिसमे लाल बिंदी, लिपस्टिक, शाइनिंग फेस और रंगीन साड़ी पहने हुए रहती थी. वो पैरो में पायल पहनती थी और उनकी पायल की छन – छन से मेरा दिल धड़कने लगता था. वो घर पर भी श्रृंगार में रहती थी. उनकी अदाए और चाल मदमस्त कर देने वाली थी. उनका फिगर भी बहुत हॉट था और मेंगो जैसे बूब्स को देख कर कोई भी अपना लंड पकड़ ले. मैं १२थ के बाद, इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया है.

अब मैं आपको अपनी रियल बात बता रहा हु. दोस्तों, बात उन दिनों की है, जब मैं १२थ में था और विंटर हॉलीडेज चल रहे थे. एकदिन मैं अपने स्टडी रूम में पढ़ रहा था. मेरा स्टडी रूम किचन के बाजु में है. उस दिन घर में चाची और उनकी फ्रेंड सोनाली थी. सोनाली बहुत ही सेक्सी एंड हॉट बम थी. वो अक्सर चाची से मिलने हमारे घर आया करती थी.

वो दोनों किचन में बैठे हुए थे. चाची का मूड ऑफ देख कर उसने पूछा, कि अलका रानी तुम इस तरह उदास क्यों हो? इस पर अलका चाची ने कहा – कैसे उदास ना रहू, हमारी शादी को ३ साल हो गये. हमारे एक भी बच्चा नहीं है. हमे लोग क्या – क्या नहीं कहते. मैं ये बात चुपचाप सुन रहा था. सोनाली ने कहा – मेरी बस्ती में एक बाबा है, तो उसकी पूजा से सब प्रॉब्लम ठीक कर देता है. मैं तुझे उसके पास ले चलती हु. चाची ने कहा – ठीक है. कल शाम को ही चलते है. मैं भी घुमने के लिए बाहर निकल गया.

फिर वापस आकर मैं फ्रेश हो गया और चाची बहुत अच्छी सी स्माइल लिए मेरे कमरे में आई और हम खाना खा कर सो गये और अगले दिन मैं फ्रेश हुआ और चाची को मैंने उठ कर गुड मोर्निंग बोला. ऊन्होने मुझे बहुत अच्छी स्माइल दी और बाथरूम में घुस गयी. वो तैयार हो कर मेरे पास आई और बोली – मैं अपनी फ्रेंड सोनाली के यहाँ जहाँ रही हु और शाम को मैं लेट हो जाउंगी. मैं भी तैयार होकर कोचिंग क्लास निकल गया. चाचा भी उसी दिन बाहर से आये थे. ५ बजे मैं क्लास से वापस आया और देखा, कि चाची एक वंडर स्माइल लेकर चाचा के कमरे में शरबत लेकर जा रही है. मैं भी चुपचाप से उनके पीछे चला गया. वो चाचा के पास एक मीठी सी मुस्कान के साथ किस कर आलिंगन कर एक्साइट हो गयी और चाचा से कहा – मैं आज एक बाबा से मिल कर आई हु मुझे देख कर चाची चुप हो गयी और दुसरे टॉपिक पर बात करने लगी. फिर चाचा मेरी पढाई के बारे में पूछने लगे और मैं समझ गया, कि चाची चाचा को कोई राज की बात बताने वाली थी.

फिर मैं खेलने का बहाना लेकर नीचे जाने लगा और चाची ने झट से डोर बंद कर लिया और चाचा से कुछ कहने लगी. मैं डोर के पास जाकर कान लगाकर सुनने लगा. चाची कह रही थी, एक पूजा करने पर; हम जल्द ही संतान पैदा कर सकते है. चाचा ने पूछा, वो कैसे? चाची ने कहा – उन्होंने कहा है, कि आने वाली अमावस्या की रात को, तुझे लिंग योनी पूजा करनी होगी और मैं डिटेल में सब बताउंगी. मैंने नीचे खाना बनाने जा रही हु.

मैं डोर से हटकर नीचे की तरफ चले गया. मैं लिंग योनी पूजा के बारे में सुनकर बहुत एक्साइट हो गया. २ दिनों बाद, अमावस्या आने वाली थी और कल मम्मी – पापा भी बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे. मेरी कोचिंग क्लास के कारण, मैं नहीं जा पा रहा था. दुसरे ही दिन, शाम को उन्हें हम (चाचा, चाची और मैं) उनको स्टेशन पर छोड़कर आ गये. अब घर में, मैं चाचा और चाची ही थे. घर आकर थक चुके थे, इसलिए खाना खा कर सो गये. फिर अगले ही दिन अमावस्या का दिन था.

मैं सुबह ही फ्रेश होकर दोस्त के घर चले गया और दोपहर को आकर हमने एक साथ खाना खाया और फिर मैं अपनी कोचिंग क्लास के लिए निकल गया. जब मैं शाम को वापस आया, तो चाचा मार्किट गये थे और देखा, कि चाची अपने कमरे में श्रृंगार कर रही थी. अपने हाथो में मेहंदी लगा रखी थी. पेरो में सुंदर सा अलता है, मैंने पूछा, कि ये श्रृंगार आज किस लिए? तो वो बोली – ऐसे ही. मुझे तो श्रृंगार में रहना अच्छा लगता है और कह कर टाल दिया. फिर मैंने दिखा, कि चाचा मार्किट से आकर फ्रेश होने चले गये. बाहर कमरे में थाली में कुछ पूजन सामग्री लाये थे. उसमे रसमलाई का एक बड़ा डिब्बा था. मैंने उन्हें देख कर बाहर खेलने चले गया. फिर आकर देखा, कि चाची सोलह श्रृंगार पूरी दुल्हन की तरह सजी थी. जो देवी से कम नहीं लग रही थी. चाची ने कहा – तुम खाना खा लेना. हम काली मंदिर जा रहे है, देवी के दर्शन के लिए. मैंने समझ गया, कि चाची आज कुछ विशेष करने वाली है.

मैं खाना खाकर जल्दी से ८ बजे ही सो गया और वो लोग थोड़ी देर बाद ही आ गये. मैंने डोर खोला और मैंने जब उन्हें दुल्हन रूप में देखा, तो मेरा फन से खड़ा हो गया. वो बहुत ही हॉट सेक्सी बम दिख रही थी. उन्होंने पूछा – ऐश्वर्या, तुमने खाना खा लिया. मैंने कहा – हाँ. चाची मुझे नीद लग रही है. मैं सोने जा रहा हु. वो एक अमस्वाया की रात थी. मुझे हलकी सी नीद भी लगी थी. चाचा – चाची ने प्यार से मिल कर खाना खाया और टेरेस पर टहलने चल दिए. बाद में, जब मेरी नीद कुछ १२ – १२:३० बीच खुली और मैं टॉयलेट करने जा रहा था. मेरी नज़र चाचा के कमरे पर पड़ी. उनके कमरे की लाइट जल रही थी. डोर और विंडो सब कुछ बंद किये हुआ था. वहां कुछ धुआ हो रहा था. मैंने चुपचाप वहां जाकर खड़ा हुआ. अन्दर से सुंगधित खुशबु आ रही थी. मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मुझे याद आया, कि चाची के कमरे में जो वेंटिलेटर है. वो टेरेस पर है और वहां से पूरा रूम दिखाई देता है. मैं वहां पहुच गया. मैंने वहां का जो नज़ारा देखा, तो मैं अमजेड रह गया.

मैंने देखा, कि चाची पुरे श्रृंगार रूप में पूरी निवस्त्र बालो में कजरा, मांग में सिंदूर, हाथो में मेहंदी लग थी. पेरो में अलता लगा हुआ था और उनके बूब्स और अस में भी मेहंदी लगी थी. उनकी कमर पर वेस्ट चेन बंदी हुई थी. इस रूप में देख कर मैं तो एकदम से वंडर हो गया. पहले कभी ऐसे किसी को श्रृगार रूप में न्यूड नहीं देखा था. चाचा भी पुरे नंगे खड़े थे और टेबल में पूजा की थाली रखी थी. जिसमे पूजा का सामान रखा हुआ था. उस समय करीब १ बजा हुआ था. चाची ने पहले चाचा को तिलक लगाया. फिर उनके हांथो में एक मोली बाँधी और अक्षत – चावल से पूजा. चाचा का लंड खड़ा ही था. चाची ने लंड को दूध – दही आदि से पूजा और फिर एक साफ़ कपड़े से पोछने लगी. इसके बाद लंड पर कुमकुम लगाया.

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फिर एक और मोली उनके लंड पर बाँधी और अक्षत चावल डाले. फिर थाल में दिया जलाकर उसकी आरती उतारी और उसके सामने कुछ मिठाई रखी. ये सब देख कर मैं बहुत एक्साइट हो गया और ऐसी लिंग पूजा मै पहली बार देख रहा था. कुछ देर बाद, चाचा ने थाल पकड़ा और चाची के बूब्स और योनी से को स्नान करवाया और उनके गुप्तांगो को पूजन किया. फिर चाचा ने उनकी चूत की आरती की उतारी. उसके बाद चाची ने चाचा के पेरो को छु कर आशीर्वाद लिया और चाचा ने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और उन्हें अपने आलिंगन में लेकर चूमना शुरू कर दिया. पूरा कमरा सुगंध से महक रहा था. एक सेक्स पूजा देख कर. चाची ने रसमलाई के डिब्बे में से, एक लेकर चाचा के मुह में डाल दिया.

दोनों पान की तरह रसमलाई खाकर, एक दुसरे के होठो को चूमने लगे और चाचा ने मलाई रस अपने लंड पर डाल दिया. फिर चाची लंड को चूसने लगी. ये देख कर मैं तो और एक्साइट हो रहा था. फिर दोनों एक कामसूत्र कपल की तरह उन्होंने चाची के दोनों बूब्स दबाने लगे. फिर चाची को बिस्तर पर लेटा दिया और अपना लंड चाची की योनी पर डाल दिया और दोनों सम्भोग का आनंद ले रहे थे. दोनों बहुत ही एक्साइट होकर चोद रहे थे. उन्होंने ६९ की पोजीशन भी लिया था. जब वो दोनों ६९ की पोजीशन में थे, तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था और पेंट के अन्दर ही फनफना रहा था. चाचा ने चाची की चूत को रसमलाई के रस में लपेट कर मीठा कर लिया था और उसको चटकारे लेकर चाट रहे थे. चाची भी रस में लिपटे हुए चाचा के लंड को मस्ती में और जोर – जोर से चूस रही थी. चाचा अपनी गांड को मस्ती हिलाते हुए, चाची के मुह को चोद रहे थे. फिर पता नहीं क्या हुआ, चाचा ने उठकर रूम की लाइट बंद दी और उसके बाद मैं कुछ नहीं देख पा रहा था. मैं रूम में नीचे आकर सो गया और मेरे सोने के १ घंटे बाद ही मेरा नाईट फाल हो गया. मुझे नीद ही नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में वहीँ सेक्स पूजा का दृश्य चल रहा था.

फिर सुबह उठ कर, मैंने देखा कि चाची फ्रेश होकर देवी पूजन की तैयारी कर रही थी और चाचा काम से निकल गये थे. मैंने चाची को पूछा, कल रात मुझे नीद नहीं आई और मैं छत पर घूम रहा था. चाची सन्न हो गयी और उनको अहसास हो गया, कि मैंने उनके गुप्तांगो की पूजा देख ली है. मैं मुस्कुरा रहा था और वो भी मुस्कुरायी और कहने लगी, तुमने क्या देखा? मैं मुस्कुरा रहा था और वो समझ गयी थी और मेरे फ़ोर्स करने पर, उसने कहा – ये गुप्त पूजा एक बाबा ने बताई थी. इसे लिंग योनी पूजा कहते है. जिससे संतान प्राप्ति जल्दी होती है. धीरे – धीरे, हम अच्छे दोस्त बन गये और सेक्स की बातें करने लगे. उन्होंने बताया, कि ये पूजा करवाचौथ की रात को भी किया जाता है. और मैं भी करुँगी. उनकी उस पूजा को एक साल हो गया था, तो भी कुछ नहीं हो रहा था और वो दोनों इस बात से परेशान थे.

फिर मैंने एक दिन चाची को बोला. अब एक पूजा मुझे करने दो और आप बहुत जल्दी प्रेग्नेंट हो जाओगी. वो बोली – मैं कुछ समझी नहीं. मैंने कहा – जब चाचा नहीं होंगे, तब समझाऊंगा. फिर एकदिन जब चाचा काम से बाहर गये हुए थे. उस रात मैं चाची के कमरे में गया और सुबह तक चाची को मस्त चोदा. चाची की काम वासना की तृप्ति पहली बार हुई थी. मैंने उनके मुह, उनकी चूत और उनके गांड के छेद की अच्छी ठुकाई की. फिर मैंने चाची को चाचा के वापस आने तक रोज़ चोदा और एक ही हफ्ते बाद, चाची ने घर में सबको खुशखबरी सुना दी. चाचा भी खुश थे, कि उन दोनों की पूजा सफल हो गयी. लेकिन ये तो सिर्फ मुझे और चाची को मालूम था, कि किसकी पूजा सफल हुई है.

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ससुराल वालों की खातिरदारी https://sexstories.one/sasural-walon-ki-khatirdari-xxx/ Tue, 26 Oct 2021 06:41:24 +0000 https://sexstories.one/?p=3171 दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया...

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Sasural Walon Ki Khatirdari xxx बात जनवरी २००९ कि है जब मेरी सासु जी और साली साहिबा मेरे यहाँ आई और शिर्डी साईं बाबा के दर्शन कि इच्छा जाहिर किया तो मैं और मेरी पत्नी ,सासु ,साली जी शिर्डी के लिए चल दिए ,दिब्या कि उम्र ३० साल के आसपास होगी जबकि मैं करीब ४२ साल का हु ,दिब्या बहुत ही आधुनिक खयालात कि और बहुत ही सुन्दर हल्की सा सावला रंग , गोल मटोल चेहरा ,मांसल सरीर गदराया वदन ,हमेशा ही कट बाह, बड़े गले का टाइट ब्लाउज पहनती है..

जब भी मैं ससुराल जाता हु दिब्या बहुत आव भगत करती है मेरा, एकात बार तो मेरे साथ बाइक में घूमेने भी जा चुकी है बाजार में काफी घुली मिली रहती है साली साहिबा को एक लड़का भी है करीब १८ माह का उसके कारण कई बार कार को रस्ते में रोकना पड़ा इस कारण हैम थोड़ा लेट हो गए और करीब ९ घंटे का सफ़र करने के बाद हम साम को ८ बजे शिर्डी से १८ किलोमीटर पहले एक छोटे से कसबे में एक होटल में रुक गए क्योकि शिर्डी में होटल बहुत महगे है होटल में हमें दो डबल बेड वाला रूम लिया हैम सभी ने खाना खाया और रात के ९ बजे के लगभग सोने कि तैयारी करने लगे..

एक बेड में मैं लेट गया और एक बेड ये तीनो (सासु जी और मेरी साली और पत्नी) मेरी पत्नी अपने माँ के कारण सरम के मारे मेरे साथ नहीं सोई और साली व सासु को मेरे साथ सोने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता मैंने तो कम्बल ओढ़ा और सो गया क्योकि जनवरी का महीना था और ठण्ड अच्छी पड़ रही थी |

xxx porn कुंवारी चाची की पहली चुदाई

रात में करीब ११.३० बजे मेरी नीद खुल गई क्योकि साली का लड़का रोने लगा क्योकि तीन तीन ओरते सोई थी इस कारण जगह कि कमी पड़ती थी बालक इस कारन रोने लगा तो मेरी सासु माँ ने मेरी पत्नी से कहा कि जा सो जा उस पलंग में यहाँ जगह कम है तो मेरी पत्नी ने मन कर दिया क्योकि कि ओ बहुत गहरी नीद में थी और ओ जब नीद में होती है तो जल्दी से नहीं उठती मेरी पत्नी ने साली को बोला कि दिब्या तू जा ना क्यों परेसान कर रही है प्रज्वल {साली के लड़के का नाम प्रज्वल है}को साली ने थोड़ा ना नुकूर करने के बाद करीब ११.४५ पर मेरे बेड पर आ गई मैं तो जाग गया था पर सोने का नाटक कर रहा था |

दिब्य ने हैम दोनों के बीच में अपने लड़के को सुला दिया और अपने कम्बल के साथ लड़के के साथ सोने लगी पर मैं जान बूझकर बीच बीच में उसके लड़के को करवट लेने के बहाने उसे दबा देता तो ओ रोने लगता कई बार ऐसा करने पर तो दिब्या ने लड़के को दूसरे किनारे पर लिटा दिया और फिर मेरे तरफ तरफ घूम कर सोने लगी मैं करीब रात में १.३० पर दिब्या को अपने कम्बल में ओढ़ा लिया और धीरे से बोला कि इतना नाटक क्यों कर रही थी पहले ही मेरे पास आ कर सो जाना था तुम मेरी पत्नी हो इसमें क्या संकोच था अब दिब्या तो सोयेगी नहीं मेरे साथ फिर इतना नाटक करने कि क्या जरुरत थी |

ये सब मैं जान बूझकर दिब्या से कह रहा था जिससे दिब्या ये समझे कि मैं उसे अपनी पत्नी समझ रहा हु दिब्या ने कोई जबाब नहीं दिया और चुपचाप कम्बल के नीचे सोई रही तो मैं कुछ देर बाद दिब्या को अपनी तरफ खीच लिया और कमर में हाथ डाल कर सीने से लगा लिया और बीच बीच में दिब्या के स्तनो को दबाने लगा दिब्या ने कोई बिरोध नहीं किया पर हलके से मेरे हाथ को अपने स्तन से हटा देती थी फिर मैं वापस स्तनो को दबाने लगता और मैं किस करने लगा दिब्या के होठो कि जोरदार किस करता और बीच बीच में दिब्या कि जीभ को अपने मुह में रख कर चूसने लगता अब दिब्या भी गर्म पड़ने लगी और अपने हाथ को मेरे कमर में डाल दिया और हलके हाथ से अपनी तरफ खीच लिया मैं समझ गया कि दिब्या को चुदाने का मन पड़ गया मेरे से पर उस समय कमरे में एक हल्का सा बल्ब जल रहा था हल्का सा उजाला था कमरे में मैं चुप चाप दबे पाँव उठा और उस बल्ब को भी बंद कर दिया अब कमरे में पूरा अन्धेरा छा गया
मोबाइल में देखा तो उस समय रात के २ बज रहे थे ,मैं वापस बिस्तर में आ गया और फिर से दिब्या के स्तन को दबाने लगा | पर मैं प्यूरी तरह से अनजान बना हुआ था मेरी नजरो में दिब्या मेरी पत्नी है और ये बात दिब्या भी समझ रही थी कि जीजा जी, जीजी समझ कर ये सब कर रहे है मैं मेरे नाटक में सफल हो रहा था ,मैं दिब्या कि साड़ी को जांघो से ऊपर खिसका दिया और जांघो को सहलाने लगा और धीरे से ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया तो स्तन आजाद हो गए तो मैं स्तनो को चूसने लगा

दिब्या अब मस्त गर्म पड़ गई सम्भोग के लिए ओ मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ लिया तो मैं दिब्या कि पेंटी को निकालने लगा तो दिब्या ने अपने हाथ से ही पेंटी को निकाल दिया अब मैं दिब्या कि चूत को सहलाने लगा मस्त चिकनी चूत थी एक भी बाल नहीं थे चूत में लगता है ओ मन बनाकर ही आई थी कि जीजा जी का लण्ड लुंगी | दिब्या के मुह से हलके हलके सी अस्स आस्स आ आ उ उउउ उउउ के आवाज आने लगी और मेरे लण्ड को बार बार दबाने लगी तो मेरा ९ इंची लण्ड तड़प उठा चूत का रस पीने के लिए ।

मैं दिब्या कि साड़ी को उतारने के लिए खीचने लगा तो दिब्या ने साडी को हाथ से से मैं समझ गया कि ये साडी नहीं उतरना चाहती है तो मैं पूरी साडी को पेट के ऊपर और पीठ के नीचे खिसका दिया और दिब्या के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लण्ड को दिब्या कि चूत में घुसेड़ने लगा तो दिब्या कि चूत टाइट है मैंने धीरे से दिब्या के कान में नाटक करते हुए कहा कि भब्या [ मेरी पत्नी का नाम भब्या है ] आज टाइट क्यों है तो दिब्या ने कुछ नहीं कहा और मेरे गाल पर किस लेकर जोर से चिपका लिया मैं धीरे धीरे दिब्या कि चूत में लंड घुसेड़ने लगा दिब्य कि चूत सच में टाइट थी जब पूरा लंड को घुसेड़ दिया तो दिब्या मेरे पोड में हाथ लगाकर अपनी तरफ खीचने लगी मैं समझ गया कि ये झटके चाहती है तो मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा बिना आवाज किये क्योकि मैं सोच रहा था कि कही मेरी पत्नी व सासु कि नीद नहीं खुल जाए |

मैं मजे से झटके मारते रहा दिब्या बड़े प्यार से मेरे मुह में ओठो में गालो में किस करती रही मैं बीच बीच में दिब्या के बड़े बड़े स्तनो को दबा देता कभी स्तनो को चूसने लगता दिब्या बड़े प्यार से चुदाती रही और दिब्या धीरे धीरे ऊऊऊऊऊआआआआसीएससी आह आह ऊ ऊ आए सी सी सी कि आवाज निकलती रही मैं झटके मरता रहा करीब ८ मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद दिब्या सिथिल पड़ गई मैं समझ गया कि ये तो जहर चुकी है तो मैं जल्दी जल्दी झटके मारने लगा तो मैं भी स्खलित हो गया और ढेर सारा वीर्य दिब्या कि चूत में उड़ेल दिया

तो दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया और फिर पेसाब करके उठ गई तो मैं आस्चर्य भरी निगाह से दिब्या को देखने लगा और बोला कि ओह आप थी ,मैं तो सोचा कि तुम्हारी दीदी है और इतना कहने के बाद मैं दिब्या के मुह से कपड़ा हटा दिया और गाल में एक जोरदार किस किया और बोला कि बहुत मजे देती हो आप तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा कर चली गई मैं भी पेसाब किया व मोबाइल कि घड़ी कि तरफ देखा तो रात के २ बजकर ४५ मिनट हो रहे थे मैं चुपचाप जा कर अलग अलग कम्बल में सो गया दिब्या ने अपने लड़के को बीच में सुला दिया और भी सो गई ,सुबह कब हो गई पता ही नहीं चला जब मेरी पत्नी ने पाँव पकड़ कर हिलाया तो नीद खुली उस समय पर ८ बज रहे थे पत्नी ने झुझलाते हुए बोली कि सोने आये हो या दर्शन करने तो मैं उठा और बैठ गया मेरी पत्नी और सास दोनों नहा कर कम्प्लीट थी…

सासु ने दिब्या को आवाज दिया तो ओ भी उठ गई और चौक कर इधर उधर देखने लगी और कहने लगी कि मैं इस बिस्तर पर कब आई माँ , तो सासु जी ने कहा कि रात में प्रज्वल रो रहा था तब मैंने तुझे यहाँ सोने के लिए कह दिया था तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ देखते हुए हसने लगी और मेरी पत्नी कि तरफ घूम कर बोली कि दीदी आज मैं तुम्हारी जहग आ गई , तो मेरी पत्नी बोली कि चल उठ बाते नहीं बना तैयार हो जा दर्शन नहीं करना है क्या फिर मैं और दिब्या दोनों जल्दी जल्दी तैयार हो गए और ९ बजे मंदिर के लिए निकल लिए और मंदिर में जाकर लाइन में लग गए करीब १० बजे दिब्या के लड़के ने लेट्रीन कर दिया तो दिब्या ने कहा कि अब कैसे दर्शन करू इसने अशुद्ध कर दिया तो मेरी पत्नी ने कहा कि जाओ इसे बाहर से साफ़ करवा लाओ तब मैंने पूछा कि कपड़ा लाइ हो इसका दिब्या तो बोली कि नहीं तो मैं मेरी पत्नी से बोला कि जब दूसरा कपड़ा नहीं है तो क्या करेगे ऐसे ही दर्शन कर लो कोई मूर्ति थोड़े ही छू रही हो तो मेरी पत्नी ने कहा नहीं आप जाओ होटल से फिर से इसके कपडे बदलवा कर लाओ तो मैंने बोला कि बहुत समय लग जयेगा तब तक तुम क्या करोगी तो पत्नी ने कहा कि मैं कई बार आ चुकी हु मम्मी को दर्शन कराकर मैं बाहर मिल जाउगी तब मैंने बोला टीक है और इतना कहकर बाहर निकल गया दिब्या को साथ में लेकर बाहर आने के बाद मैं एक केमिस्ट कि दूकान से वियाग्रा १०० पॉवर कि एक पैकेट और कंडोम खरीद लिया और एक गोली वही केमिस्ट कि दूकान में खा लिया और फिर

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बीवी और डोली भाभी https://sexstories.one/biwi-aur-doli-bhabhi-xxx/ Wed, 20 Oct 2021 05:43:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3075 मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अंदर बाहर हो रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद प्रिया फिर से झड़ गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लंड को तुरंत पकड़ लिया और कहने लगी, बाहर क्यों निकाल रहे हो. अभी मुझे और मज़ा लेना है...

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Biwi Aur Doli Bhabhi XXX तो डोली भाभी बाहर बैठी थी. उन्होने मुझसे पूछा, काम हो गया. मैने कहा, हाँ. वो बोली, मैं गरम पानी से उसकी चूत की सिकाई कर देती हूँ. इससे उसका दर्द कम हो जायेगा. मैं चुप रह गया क्योंकी मैने तो प्रिया की चूत को अभी तक छुआ ही नहीं था. मैने तो उसकी गांड मारी थी. में प्रिया के पास चला गया. डोली भाभी पानी गरम करके ले आई. वो बोली, मैं पानी गरम करके लाई हूँ, अंदर आ जाऊं. मैने कहा , आ जाओ. प्रिया बोली, मैं एकदम नंगी हूँ और तुम दीदी को यहाँ बुला रहे हो. मैने कहा, तो क्या हुआ. वो कुछ नहीं बोली.

डोली भाभी अंदर आ गयी. उन्होने प्रिया से कहा, लाओ मैं तुम्हारे छेद की सिकाई कर दूँ. इससे तुम्हारा दर्द कम हो जायेगा. प्रिया ने करवट बदल ली तो डोली भाभी ने कहा, तुमने करवट क्यों बदल ली. अब मैं कैसे तुम्हारे छेद की सिकाई करूँगी. उसने अपनी गांड के छेद की तरफ इशारा करते हुये कहा, इसी में तो इन्होने अपना औज़ार घुसाया था. डोली भाभी के मुहँ से निकला, क्या. डोली भाभी की नज़र प्रिया की गांड पर पड़ी. उसकी गांड खून से लथपथ थी. मैने अभी तक अपना लंड साफ नहीं किया था. मेरा लंड भी खून से भीगा हुआ था. डोली भाभी आँखें फाडे कभी मेरे लंड को और कभी प्रिया की गांड को और कभी मेरे चेहरे को देखने लगी. डोली भाभी ने गरम पानी से प्रिया की गांड की सिकाई की. उसके बाद उन्होने मुस्कुराते हुये प्रिया से कहा, प्रिया तुमने तो एक ही बार में मैदान मार लिया है. अब दूसरा मैदान मारना और बाकी है. वो बोली, दीदी, मैं समझी नहीं.

डोली भाभी ने प्रिया की चूत पर हाथ लगाते हुये कहा, अभी तो तुम्हें इस छेद में भी इसका औज़ार अंदर लेना है. प्रिया को बहुत दर्द हो रहा था. डोली भाभी की बात सुनकर वो गुस्से में आ गयी. उसने अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुये कहा, एक छेद के अंदर इनका औज़ार लेने में ही मेरा इतना बुरा हाल हो गया और आप कह रही हो की अभी इस छेद में भी अंदर लेना है. मैं अब किसी छेद में इनका औज़ार अंदर नहीं लूँगी. मुझे बहुत दर्द होता है. आप खुद ही इनका औज़ार अपने छेद में ले लो. डोली भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा, मेरे अंदर लेने से क्या होगा. आख़िर तुम्हें भी तो इसका औज़ार अपने इस छेद में अंदर लेना ही पड़ेगा.

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जैसे एक बार तुमने दर्द को सहन कर लिया है उसी तरह से एक बार और दर्द को सहन कर लेना. प्रिया ने डोली भाभी की चूत की तरफ इशारा करते हुये कहा, पहले तुम इनका औज़ार अपने इस छेद में अंदर ले कर दिखाओ. उसके बाद ही मैं इनका औज़ार अपने इस छेद में अंदर लूँगी. डोली भाभी मेरा मुझे देखने लगी और मैं उनको. प्रिया बोली, क्यों अब क्या हुआ. आप मुझे फसा रही थी लेकिन मैने आप को ही फसा दिया. दिखाओ इनका औज़ार अपने छेद के अंदर लेकर. डोली भाभी ने कहा,अच्छा बाबा, अभी दिखा देती हूँ लेकिन उसके बाद तो तुम मना नहीं करोगी.

वो बोली, पहले आप दिखाओ उसके बाद मैं इनका औज़ार अंदर ले लूँगी भले ही मुझे कितनी भी तकलीफ़ क्यों ना हो. डोली भाभी ने मुझसे कहा, देवर जी, प्रिया ऐसे नहीं मानेगी. अब तुम अपना औज़ार मेरे अंदर डाल ही दो. मैने कहा, प्रिया के सामने. प्रिया बोली, तो क्या हुआ. जब ये मुझे तुम्हारा औज़ार अंदर लेते हुये देखेगी तब ही तो ये तुम्हारा औज़ार अंदर लेगी.

डोली भाभी ने अपने कपड़े ऊतार दिये और प्रिया के बगल में लेट गयी. मैं डोली भाभी के पैरों के बीच आ गया तो डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तुम बैठ जाओ और देखो की कैसे मैं इसका औज़ार पूरा का पूरा अंदर लेती हूँ. प्रिया डोली भाभी के बगल में बैठ गयी. मैने डोली भाभी की चूत में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लंड डोली भाभी की चूत में समा गया. प्रिया आँखें फाडे देखती रही. उसके बाद मैने डोली भाभी की चुदाई शुरू कर दी. प्रिया मेरे लंड को डोली भाभी की चूत में सटा सट अंदर बाहर होते हुये देखती रही.

5 मिनिट की चुदाई के बाद डोली भाभी झड़ गयी तो प्रिया ने कहा, दीदी, तुम्हारे छेद में से क्या निकल रहा है. डोली भाभी ने कहा, ये मेरी चूत का पानी है. अब ये कई बार निकलेगा. जब ये तुम्हारी चूत में भी अपना लंड घुसा कर तेज़ी से अंदर बाहर करेगा तब तुम्हारी चूत में से भी ऐसा ही पानी निकलेगा. चूत से पानी निकालने पर बहुत मज़ा आता है. तुम खुद ही देख लो की मुझे कितना मज़ा आ रहा है. मैने डोली भाभी को लगभग 25 मिनिट तक खूब जम कर चोदा. प्रिया आँखें फाडे देखती रही. लंड का सारा पानी डोली भाभी की चूत में निकाल देने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया तो प्रिया बोली, तुम्हारे लंड पर तो ज़रा सा भी खून नहीं लगा है. मैने कहा, खून तो केवल पहली पहली बार घुसने में ही निकलता है. वो कुछ नहीं बोली. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तो तैयार हो इसका लंड अपनी चूत में लेने के लिये. वो बोली, हाँ, लेकिन दीदी, बहुत दर्द होगा.

डोली भाभी ने कहा, पगली, केवल एक ही बार तो दर्द होगा. उसके बाद तो तू खुद ही इससे बार बार कहेगी की अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. वो बोली, भला मैं ऐसा क्यों कहूँगी. डोली भाभी ने कहा, क्योंकी तुझे इसमें मज़ा जो आयेगा. मैं डोली भाभी के बगल में लेट गया. प्रिया मेरे लंड को देखती रही. थोड़ी देर बाद वो बोली, इनका लंड अब खड़ा क्यों नहीं हो रहा है. डोली भाभी ने कहा, अभी इसने मुझे चोदा है ना इसीलिये तू इसके लंड को सहलाना शुरू कर दे. थोड़ी ही देर में ये फिर से खड़ा हो जायेगा. डोली भाभी की चुदाई देख कर प्रिया को भी थोड़ा जोश आ गया था. उसने अपना हाथ धीरे से मेरे लंड पर रख दिया. थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को देखती रही. उसके बाद उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

15-20 मिनिट के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मैने देखा की उसकी आँखें कुछ गुलाबी सी होने लगी. लंड खड़ा होते देख प्रिया जोश में आ गयी और डोली भाभी से बोली, दीदी, अब तो इनका लंड खड़ा हो गया. डोली भाभी बोली, अब तू लेट जा. इतना कह कर डोली भाभी उठ कर बैठ गयी और प्रिया लेट गयी. डोली भाभी ने मुझसे कहा, तू मेरे साथ ज़रा बाहर आ. मै डोली भाभी के साथ बाहर आ गया. डोली भाभी ने कहा, इस बार प्रिया के ऊपर ज़रा सा भी रहम मत करना. पूरी ताक़त के साथ धक्का लगाते हुये पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा देना. ज़्यादा देर भी मत करना. उसके बाद उसकी किसी दुश्मन की तरह खूब जम कर चुदाई करना. समझ गये. मैने कहा, ठीक है, मैं ऐसा ही करूँगा.
डोली भाभी ने कहा, मैने कभी तेरे भैया से गांड नहीं मरवाई थी, मेरी गांड कब मारेगा.

मैने कहा, जब तुम कहो. वो बोली, ठीक है, मैं तुझे बता दूँगी. अब चल मेरे साथ कमरे में. मैं डोली भाभी के साथ कमरे में आ गया. प्रिया बेड पर लेटी हुई थी. डोली भाभी ने मुझसे कहा, अब तू अपने लंड पर तेल लगा ले और प्रिया की चुदाई शुरू कर. मैं इसके पास ही बैठ जाती हूँ. डोली भाभी प्रिया के बगल में बैठ गयी. मैने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगा लिया और प्रिया के पैरों के बीच में आ गया. जैसे ही मैने अपना लंड प्रिया की चूत पर रखा तो डोली भाभी ने कहा, ऐसे नहीं. मैं बताती हूँ. मैने कहा, बताओ. डोली भाभी ने कहा, तू अपना हाथ इसके पैरों के नीचे से डाल कर इसके कंधे को ज़ोर से पकड़ ले. उसके बाद अंदर घुसा.

मैने प्रिया के पैरों के नीचे हाथ डाल कर प्रिया के कंधे को ज़ोर से पकड़ लिया. डोली भाभी ने कहा, अब जैसा मैने तुझे समझाया था ठीक उसी तरह अंदर घुसा दे. मैने प्रिया की चूत के मुहँ पर अपने लंड का सुपाड़ा रख दिया. जैसे ही मैने धक्का लगाया तो डोली भाभी ने प्रिया के मुहँ को ज़ोर से दबा कर पकड़ लिया. प्रिया के मुहँ से गू गू की आवाज़ ही निकल पाई. डोली भाभी मुझसे बोली, घुसा दे जल्दी से पूरा का पूरा. मैं तो ताकतवर था ही. मैने अपनी सारी ताक़त लगाते हुये फिर से एक धक्का मारा.

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प्रिया की चूत से खून की धार निकलने लगी. मेरा लंड खून से नहा गया. वो अपने हाथों को ज़ोर ज़ोर से बेड पर पटकने लगी. उसकी सारी की सारी चूड़ीयां टूट गयी और उसका हाथ लहुलुहान हो गया. मुहँ दबा होने की वजह से उसके मुहँ से केवल गू गू की आवाज़ ही निकल पा रही थी. मैने फिर से एक धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही मेरा लंड प्रिया की चूत में 7″इंच तक घुस गया. प्रिया तड़प रही थी. उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे. बेड की चादर पर भी ढेर सारा खून लग गया था. भाभी बोली, जल्दी कर.

मैने एक धक्का और मारा तो मेरा लंड 8″इंच घुस गया. मैने गहरी सांस लेते हुये फिर से ज़ोर का धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लंड प्रिया की चूत में समा गया. डोली भाभी बोली, अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में फिर से अंदर कर दे. मैने वैसा ही किया. डोली भाभी ने कहा, शाबास, ठीक इसी तरह से 4-5 बार और कर. मैने 4-5 बार फिर से वैसा ही किया. प्रिया तड़प रही थी. उसका सारा बदन पसीने से नहा गया थी. उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थी और सारा बदन तर तर कांप रहा था. मैने प्रिया की चुदाई शुरू कर दी.

डोली भाभी अभी भी उसका मुहँ दबाऐ हुये थी. उसके मुहँ से गू गू की आवाज़ निकल रही थी. उसकी चूत ने मेरे लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था. मेरा लंड आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था. पूरी ताक़त के साथ मैं लगभग 10 मिनिट तक उसकी चुदाई करता रहा. प्रिया अब कुछ हद तक शांत हो चुकी थी. डोली भाभी ने अपना हाथ उसके मुहँ पर से हटा लिया तो प्रिया सिसक सिसक कर रोते हुये कहँने लगी, दीदी, आप दोनो ने मिलकर मुझे मार ही डाला. बहुत दर्द हो रहा है. डोली भाभी ने कहा, अब तो पहले जैसा दर्द नहीं है ना. वो बोली, नहीं, अब पहले से बहुत कम है. डोली भाभी ने कहा, थोड़ा सब्र कर, अभी बाकी का दर्द भी चला जायेगा. मैं तेज़ी के साथ उसकी चुदाई कर रहा था. अब वो चीख नहीं रही थी केवल आहें भर रही थी. मैने उसे 5 मिनिट तक और चोदा तो प्रिया झड़ गयी.

उसकी चूत और मेरा लंड एक दम गीला हो गया. अब मेरा लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा था. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. प्रिया ने धीरे धीरे सिसकारियाँ भरनी शुरू कर दी. डोली भाभी ने पूछा, अब कैसा लग रहा है. वो बोली, अब कुछ कुछ मज़ा आ रहा है लेकिन दर्द अभी भी है. डोली भाभी ने कहा, अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा. उसके बाद बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा. वो बोली, समय क्यों लगेगा. डोली भाभी ने कहा, जब ये तुम्हें 3-4 बार चोद देगा तब तुम्हारी चूत इसके लंड के साइज़ की हो जायेगी. उसके बाद ये दर्द अपने आप चला जायेगा.

मैने और ज़्यादा ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये थे और उसे तेज़ी के साथ चोद रहा था. प्रिया ने भी अब धीरे धीरे अपना चूतड़ उठना शुरू कर दिया था. वो भी अब मस्ती में आ रही थी. 5 मिनिट में ही वो फिर से झड़ गयी. उसने मेरे होठों को चूम लिया और कहा, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.

मैने उसकी चुदाई जारी रखी. 2 मिनिट भी नहीं गुज़रे थे की डोली भाभी ने कहा, प्रिया अब तुम इसका लंड अपने दूसरे छेद में ले लो. वो बोली, फिर से दर्द होगा. डोली भाभी ने कहा, अब ज़्यादा दर्द नहीं होगा क्योंकी तुम इसका लंड पहले ही अंदर ले चुकी हो. वो बोली, फिर इनसे कह दो की धीरे धीरे करेंगे. डोली भाभी ने कहा, ये धीरे धीरे ही करेगा. मैं हूँ ना यहाँ पर. अगर ये बदमाशी करेगा तो मैं इसे बहुत मारूँगी. वो बोली, ठीक है. मैने अपना लंड प्रिया की चूत से बाहर निकाला और उसकी गांड में घुसाने लगा. मेरे लंड पर प्रिया की चूत का ढेर सारा पानी लगा हुआ था.

धीरे धीरे मेरा लंड 7″इंच तक उसकी गांड में घुस गया. उसके बाद जब मैने और ज़्यादा घुसाने की कोशिश की तो उसे फिर से दर्द होने लगा और वो चीखने लगी लेकिन इस बार उसने मुझे रोका नहीं. वो बोली, अब रहने दो, दर्द हो रहा है. डोली भाभी ने कहा, बस थोड़ा सा ही तो बाकी है. उसे भी अंदर ले लो. वो कुछ नहीं बोली .

डोली भाभी ने मुझे आँख मारी तो मैने ज़ोर का धक्का लगा दिया. मेरा बाकी का लंड भी उसकी गांड में समा गया. वो ज़ोर से चीखी तो डोली भाभी ने कहा, बस हो गया. उसके बाद मैने उसकी गांड मारनी शुरू कर दी. थोड़ी देर चीखने के बाद वो शांत हो गयी. अब उसे गांड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था. लगभग 5 मिनिट तक मैने उसकी गांड मारी तो डोली भाभी ने कहा, अब रहने दो.

मैने कहा, अभी तो मेरे लंड का पानी ही नहीं निकला है. वो बोली, मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ. अब तुम इसकी चूत में अपना लंड डाल कर इसे चोदो. मैने अपना लंड प्रिया की गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया. उसके बाद मैने पूरी ताक़त के साथ ज़ोर ज़ोर से उसकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनिट में ही प्रिया फिर से झड़ गयी. मैं इसके पहले 2 बार प्रिया की गांड मार चुका था और डोली भाभी को चोद चुका था. इसलिये मेरे लंड का पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था. मैं ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुये प्रिया को चोद रहा था. वो भी अपना चूतड़ उठाने लगी थी.

थोड़ी देर बाद वो बोली, दीदी, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. इनसे कह दो की थोड़ा और ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाये. डोली भाभी ने मुझसे कहा, तुमने सुना ये क्या कह रही है. मैने कहा, हाँ. वो बोली, तो फिर तुम इसका कहा मानो और अपनी ताक़त दिखा दो इसे. मैने पूरी ताक़त लगाते हुये बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये. डोली भाभी ने प्रिया से पूछा, अब ठीक है. वो बोली, हाँ, अब मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा है. प्रिया अब चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अंदर बाहर हो रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद प्रिया फिर से झड़ गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लंड को तुरंत पकड़ लिया और कहने लगी, बाहर क्यों निकाल रहे हो. अभी मुझे और मज़ा लेना है. मैने कहा, मैं तुम्हें अभी और मज़ा दूँगा. अब तुम घोड़ी की तरह हो जाओ. वो डोगी स्टाइल में हो गयी तो मैं उसके पीछे आ गया. मैने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी गांड मारने लगा. वो जोश के मारे सिसकारियाँ भरने लगी.

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5 मिनिट तक उसकी गांड मारने के बाद मैं अपना लंड उसकी गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई करने लगा. मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था. वो भी अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ देने लगी थी. 10 मिनिट उसकी चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया. मेरे साथ ही साथ प्रिया भी फिर से झड़ गयी.

मैने अपना लंड बाहर निकाला तो डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तुम इसके लंड को चाट लो. वो बोली, मैं इनके लंड को नहीं चाटूँगी. इनका लंड गंदा है. डोली भाभी ने कहा, गंदा कहा है. इसके लंड पर तुम्हारी चूत का और इसके लंड का पानी ही तो लगा है. इसे चाटने से प्यार बढ़ता है. चाट लो इसे. वो बोली, मैं नहीं चाटूँगी. मुझे घिन आती है. डोली भाभी ने कहा, मैं ही चाट लेती हूँ. फिर आगे से तुझे ही चाटना पड़ेगा. वो बोली, ठीक है, पहले तुम चाट कर दिखाओ, बाद में मैं चाट लूँगी. डोली भाभी मेरे लंड को चाटने लगी. प्रिया देख रही थी.

मेरे लंड पर लगा हुआ थोड़ा सा पानी डोली भाभी ने चाट लिया फिर प्रिया से बोली, अब बाकी का तुम चाट लो. प्रिया ने शरमाते हुये मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरे लंड पर लगे हुये बाकी के पानी को चाट चाट कर साफ कर दिया. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तुम्हें जब ये फिर से चोदेगा तो चिल्लाओगी तो नहीं. वो बोली, अब क्यों चिलाऊँगी. अब तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा है. डोली भाभी ने कहा, फिर ठीक है, तुम आराम कर लो. जब तुम्हारा मन करे तो इसे बुला लेना. मैं इसके साथ अपने कमरे में जा रही हूँ. मुझे इससे कुछ बात करनी है. वो बोली, ठीक है, बुला लूँगी.

डोली भाभी बोली, मैं भी इसके साथ आऊँगी तुम्हारे पास और अपने सामने ही तुम्हारी चुदाई करा दूँगी. डोली भाभी बाहर चली गयी तो मैं भी उनके पीछे पीछे बाहर चला आया.

कहानी जारी रहेगी …

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होने वाली भाभी की बहन https://sexstories.one/hone-wali-bhabhi-ki-behan/ Tue, 19 Oct 2021 07:28:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3059 मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं...

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Hone Wali Bhabhi Ki Behan यह कहानी दो वर्ष पहले की है। जब मेरे भैया की शादी पटना शहर में ही तय हो गई थी। मैं उस समय बी.कॉम. फर्स्ट-ईयर में पढ़ता था। भैया की ससुराल मेरे कोचिंग के रास्ते में ही पड़ती थी।
एक दिन की बात है जब मैं कोचिंग से आ रहा था। तो रास्ते में मुझे मेरी होने वाली भाभी मिल गई और मैंने बाइक रोक दी। उन्होंने मुझे तुरन्त पहचान लिया, हम लोग सगाई पर मिल चुके थे। वो बाज़ार अपने निज़ी सामान लेने आई थीं।

मैंने कहा- आइए भाभी, आपको घर छोड़ दूँ।

उन्होंने ‘हामी’ भरी और मैंने उन्हें घर छोड़ दिया। वो अन्दर आने को कहने लगीं। मैंने मना कर दिया क्योंकि उस समय शाम के 5 बज़ रहे थे। परंतु उनके ज्यादा जोर देने पर मैं मना नहीं कर पाया और उनके पीछे अन्दर चला गया।
उस समय घर उनके और उनकी छोटी बहन जिसका नाम रूपा था, के सिवाए कोई नहीं था। सभी लोग पड़ोस में मेंहदी समारोह में गए हुए थे।

वो खाना खाने के लिए कहने लगीं, तो मैंने मना कर दिया। इतने में उनकी छोटी बहन रूपा आई।

क्या कमाल की छोरी थी, रंग तो उसका गेहुँआ था पर साली की फिगर कमाल की थी। उसने उस समय फ्रॉक पहनी हुई थी। हम लोग उनके बैडरुम में बैठकर इधर-उधर की बातें करने लगे। उससे पूछने पर पता चला इसी वर्ष उसने बारहवीं में प्रवेश किया है। उसकी निगाहें बड़ी चंचल थीं उसके हावभाव बताते थे कि वो मुझ पर कुछ अधिक आकर्षित थी। बात बात में उसकी आँख मारने की अदा बड़ी कामुक थी।

TMKOC Story अंजलि और जेठा का पहली बार – पार्ट 3

इतने में पड़ोस की आंटी ने भाभी को किसी काम से बुला लिया। हम लोग फिर से बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे जोरों से ‘एक नम्बर’ लगी। मैंने संकोचवश बाथरूम पूछा, उसने बता दिया। मैंने बाथरूम से आते समय देखा कि मेरा फोन उठाकर गैलरी में छिप कर ब्लू-फिल्म देख रही है और अपने चूचियों पर हल्के-हल्के हाथ रगड़ रही है।

मैं वहीं दरवाजे के पीछे खड़े होकर पर्दे के चिलमन से सब-कुछ देख रहा था। अब मेरा सब्र भी टूट रहा था और मेरा लण्ड भी तनकर ‘एफिल-टॉवर’ बन चुका था। मैंने पीछे जाकर फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा।
पहले तो वो चौंक गई लेकिन मुझे पाकर वो शांत हो गई। अब मैंने उसकी चूचियों को आहिस्ते-आहिस्ते मसलना शुरु किया, अब उसे भी मज़ा आने लगा था। धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। अब उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मैने अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी। हम दोनों को थोड़ी-थोड़ी गर्मी लगने लगी थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मैने उसकी फ्रॉक उतारा।

मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत उसकी पैंटी उतारी और उसक चूत को बुरी तरह चूसने लगा। वो तो जैसे तड़प उठी, मैं अभी भी उसकी चूत को चूसे जा रहा था। इसी बीच वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैंने सारा रस चट कर दिया। अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदे जा रहा था।

उसे भी मज़ा आ रहा था, अब वो फिर से अपने उफान पर आ रही थी। उसकी गहरी गुलाबी चूत को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था। अब मैं थोड़ा ऊपर आकर उसकी दोनों टाँगों को अलग-अलग फैलाकर अपने लण्ड को उसकी चूत पर जोर-जोर से रगड़ने लगा। उसकी सिसकारियाँ भी जोर पकड़ने लगीं, तभी मुझे अपने लण्ड पर गीलापन महसूस हुआ, वो फिर से झड़ चुकी थी।

अब मैंने भी देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा, चिकनाई की वज़ह से लण्ड थोड़ा अन्दर चला गया। मैंने एक जोर का धक्का मारा लण्ड पूरा अदंर चला गया। दर्द के मारे उसके मुँह से जोर की चीख निकली, मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया, उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।

Naukrani sex नौकरानी की बेटी को चोदा

अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था मैं कुछ देर इसी मुद्रा में रहा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया।

अब उसकी सिसकारियाँ भी आह-आह की आवाज़ में बदल चुकी थी, जिसने मेरी स्पीड बढ़ा दी। 20 मिनट तक मैंने जोरदार झटकों से उसे चोदा। उसके मुँह से ‘उँउँउँ…ईईई…ऊँऊँ” की आवाज़ें निकल रही थीं।

अब उसकी साँसें भी तेज़ होने लगी बदन ऐंठने लगा, ‘ओओओ…’ और उसकी चूत से झरना बह गया। मैंने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए पांच मिनट बाद अपना खौलता हुआ लावा उसकी चूत में उड़ेल दिया। हम लोग कुछ देर इसी हालत में रहे। थोड़ी देर बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और बैठ कर बातें करने लगे।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, रूपा ने कहा- लगता है दीदी आई है।

दरवाजा खोलने के पहले हमने एक-दूसरे की जोरदार चुम्मी ली और मै़ने उसके चूची को तीन-चार बार मसला। फिर वो दरवाजा खोलने चली गई, भाभी अदंर आईं।

मैंने पूछा- आप इतनी देर से कहाँ थीं?

भाभी ने कहा- मैं पड़ोस में मेहंदी समारोह में गई हुई थी।

रात के 9 बज़ चुके थे तो भाभी ने मुझे रुकने को कहा।

मैंने कहा-मैं यहाँ रुका तो घर पर सभी लोग परेशान होंगे और डाँट भी पड़ेगी।

भाभी ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं घर पर फोन करके कह देती हूँ कि आज तुम यहीं रुकोगे। तब तो कोई परेशान नहीं होगा?

मेरे तो मन मे जैसे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैंने भी कह दिया- जैसा आप ठीक समझें।

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