Dost ki saali ko choda kamuk kahani – हेल्लो दोस्तों मैं एक बार फिर एक कहानी लेकर आया हूँ | मेरा नाम अजय है मैं एक बार फिर अपनी कहानी लेकर आया हूँ | मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 25 वर्ष है | मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है जिसे देख कर अच्छी अच्छी लौंडियों की चूत मैं पानी आ जाता है | मैं एक साधारण युवक हूँ जो अपनी लाइफ को अपने हिसाब से इंजॉय करता हूँ |
दोस्तों वैसे मेरी जिन्दगी मैं कई मोड़ आये है | ये कहानी भी उन्ही में से एक है जो की मेरे साथ घटी हुई है और मैं आप लोगों के बीच आज लेकर आया हूँ | मुझे पता है की ये आप को पसंद आयेगी तो दोस्तों मैं आप सब का समय खराब न करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ |
दोस्तों मैं अपने एक ख़ास दोस्त की शादी मैं गया हुआ था वंहा पर मैं अपने दोस्तों के साथ खड़ा होकर इंजॉय कर रहा था | तभी मेरी नजर एक भाभी पर पड़ी जिनकी उम्र लगभग 26 या 27 की होगी कमाल लग रही थी | उनके चूतडो का उठान देख कर किसी का भी सामान हिलोरे लेने लगे और उनके गोल-गोल बूब्स देखकर तो मेरा सामान खड़ा होने लगा बड़ी मुस्किल से मैंने उसे सम्हाला और फिर मैं अपने दोस्तों के बीच बिजी हो गया |
पर सायद उन्होंने मुझे देख लिया था की मैं उनके बूब्स को देख रहा था इसी वजह से मैंने जब मुड कर देखा तो वो मुझे देख रही थी | तो मैंने नजरे वह से हटा ली पर मेरा मन नहीं मान रहा था तो मैंने अपने दोस्त से पुछा की जिसकी शादी थी की ये कौन है | तब मुझे पता चला की वो तो मेरे दोस्त की बड़ी साली है |
मेरी नजरे पूरी शादी में उन्ही पर टिकी रही और सायद उन्होंने ने भी इस बात पर गौर किया था | क्योंकि वो भी मुझे बहुत देर से घूरे जा रही थी | तो मैंने उनकी तरफ देख के प्यारी सी स्माइल की जिसका जवाब उन्होंने भी स्माइल से दिया | मानो मेरी तो लाटरी लग गयी हो फिर हम सब खाना खाने पहुंचे तो मैं अपने लिए प्लेट लेने गया तो वो भी प्लेट लेने मेरे पास आ गयी तो मैंने अपनी प्लेट उनको थमा दी और मैंने दूसरी प्लेट खुद ले ली वो मुस्कुरा कर वह से चली गयी | फिर पूरी शादी मैं हम एक दुसरे से इशारों से बाते करते रहे चलते वक़्त मैंने अपना मोबाइल नंबर चुपके उनको दे दिया और काल करने को कहकर मैं वहा से चला आया |
उस रात मैं सो नहीं पाया मैं जब भी आँखें बंद करता उनका चेहरा मेरी आँखों के सामने घूमने लगता मैं उनके बारे मैं सोंच कर पागल हुआ जा रहा था की न जाने कब वो मुझे चोदने को मिलेंगी कब उनके उठे हुए मम्मे मसलने को मिलेंगे | उस रात तो मैं उनके नाम की मुठ मार के सो गया और उनके सपनो मैं खो गया |
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अगले दिन उनका फ़ोन आया तो मैंने फोन उठाया क्या सेक्सी आवाज़ थी | लग रहा था की जैसे मैं 16 साल की लड़की से बात कर रहा हूँ | उसने अपना नाम सरिता बताया | मैंने कहा सरिता मुझे तुमसे प्यार हो गया है मैं तुम्हे बहुत चाहता हूँ | तो सरिता ने कहा की वो भी मुझे पसंद करती है | फिर हम दोनों एक दुसरे से रोज बाते करने लगे |
उसने बताया की उसके पति बिजनेस मैंन हैं और ज्यादातर घर से बाहर ही रहते है | और उसके घर मैं उसके सास-ससुर वो ही रहती है | और वो रोने लगी तो मैंने उसे चुप कराया और उसे पुछा की वो रो क्यों रही है | तो उसने बताया की उसके पति का चक्कर एक लड़की के साथ है और वो सही से उसकी आग नहीं बुझा पाता और उसका लंड भी बहुत छोटा इसी के कारण शादी के तीन साल बाद भी आज तक वो आज तक माँ नहीं बन सकी और उसके सास-ससुर उसे ताने देते रहते है |
मैं तो एक दम से उचल पड़ा जो बात मैं बोलना चाहता था की मैं उनकी चूत के लिए पागल हूँ | पर उसने ही वो बात बोल दी मैंने कहा की वो परेशान न हो मैं हूँ मैं उसकी प्यास बुझाऊंगा |
इस तरह हम दोनों एक दुसरे से गरम-गरम बाते किया करते थे और वो अपनी चूत मैं ऊँगली डाल कर और मैं मुट्ठ मार कर अपना कम चलने लगे | एक दिन की बात है | सुबह का समय था सरिता का फोन आया उसने बताया की उसके सास-ससुर आज बाहर जा रहे है | और आज शाम को मुझे अपने घर बुलाया आज वो समय आ ही गया जिसका हम दोनों को इन्तजार था | मैं तो खुशी से पागल होने लगा था | उस दिन मैं दिन भर सरिता के ख्यालो मैं खोया रहा | और शाम को मैं उसके घर पहुंचा और उसके दरवाजे की घंटी बजाई सरिता ने दरवाजा खोला तो मैं तो उसे देखता ही रह गया नीले कलर की नाइटी में कहर था रही थी |
उसे देखते ही मेरा लंड पैन्ट फाड़कर बाहर आने लगा तो उसने कहा अन्दर आओ राजा क्या आँखों से चोदोगे क्या तो मैं फिर उसके घर के अन्दर गया |
और उसने दरवाज़ा जैसे ही बंद किया मैंने उसे उठा कर अपनी बाँहों मैं ले लिया और उसके बेडरूम मैं ले जाकर बेड पे पटक दिया और अपने होंठों को उसके होंठो पर रख कर जोर से चुम्मा लेने लगा वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी वो मेरे बालो को पकड कर कसके किस कर थी | फिर मैं उसके मम्मो को मसलने लगा क्या मस्त मम्मे थे | एक दम कडक जैसे कि किसी ने छुआ ही न हो वो मदहोस होने लगी | मैंने उसकी नाइटी निकाल कर फेंक दी अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी मैं मेरे सामने थी क्या गज़ब लग रही थी काली ब्रा और पैन्टी मैं फिर मैंने उसे उल्टा किया और उसके पीठ पर किस करने लगा और ब्रा के हुक खोल कर उसकी ब्रा निकाल कर फैंक दी और उसके मम्मो को आज़ाद कर दिया |
और उसकी चूत मैं ऊँगली करने लगा उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी | मैंने उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी चूत पर अपना मुह रख कर उसे चाटने लगा और उसके मम्मो को अपने हांथों मैं लेकर मसलने लगा | वो मेरे सर को पकड़ कर मेरे मुह को अपनी चूत की ओर दबा रही थी | और जोर से सिस्कारिया ले रही थी | अब वो बहुत गरम हो चुकी थी उसने मेरी पैन्ट खोल दी और मेरा लंड को निकाल कर उससे खेलने लगी मेरा मोटा लंड देख कर वो बहुत खुश थी | उसने मेरा लंड अपने मुह मैं डाल लिया और उसे चूसने लगी मेरा लंड लोहे की राड की तरह कड़क हो चूका था |
उसने मुझसे कहा की अब मुझे मत तडपाओ मेरे राजा डाल दो अपना लंड मेरी चूत में | बुझा दो इसकी प्यास बहुत दिनों से प्यासी है और तुम्हारे लंड का इंतज़ार कर रही है | मैंने अपने लंड के सुपाडे पर थोडा सा थूक लागाया और उसकी टाँगे फैलाकर उसकी चूत पर रगड़ने लगा | साथ मैं उसके मम्मो को मसलने लगा और एक जोर के धक्के के साथ मैंने अपना आधा लंड उसकी चूत मैं घुसा दिया वो एक दम चीख उठी इतने दिनों से सुखी पड़ी उसकी चूत टाइट हो चुकी थी| उसकी चीख निकलते ही मैंने अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया और किस करने लगा और धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा अब वो मेरा साथ देने लगी थी | मैंने भी धक्को की स्पीड बढ़ा दी और अपना पूरा लंड उसकी चूत मैं पेल दिया |
अब वो भी मज़ा ले रही थी और गांड उठा-उठा मेरा साथ दे रही थी उसकी मादक सिस्कारिया आह ओह्ह उम्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्हओ अह्ह्ह फक मी अहह ओह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह आह्ह आह्ह्ह उम्म्ह्ह ओह्ह्ह कम ऑन फक मी अहह ओह्ह्ह उम्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह उम्ह्ह्ह ओह्ह्ह अहह्ह्ह आह्ह्ह ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह येस्स ओह्ह्ह उम्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह उम्ह्ह्ह ओम्ह्ह्ह यस्स्स्स उम्म्हह्ह अह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्म उम्ह्ह्ह अह्ह्ह्हा उम्ह्ह उम्ह्ह्ह पूरे कमरे में गूँज रही थी | उसकी मादक सिस्कारियों से मेरा जोश और बढ़ रहा था मैं और जोर से धक्के लगाने लगा |
15 मिनट की चुदाई के बाद वो झड गयी पर मैं कहा झड़ने वाला था | मैं बराबर धक्के लगाये जा रहा था और उसकी चुचियो पर अपना मुह रख कर उन्हें अपनी जीभ से सहला रहा था | वो आह्ह ओह्ह नो ओह्ह आह्ह्ह एस ओह्ह नो अह्ह्ह उम्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह उम्ह्ह्ह अह्ह्ह उम्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह की आवाज़े निकाल रही थी और मेरे बालो मैं हाँथ डालकर सहला रही थी | अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे पूंछा की बाहर निकालू या अन्दर ही रहने दूँ उसने कहा अन्दर ही रहने दो | मैं धक्के लगाता गया उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया उसके बाद हम एक दुसरे के ऊपर ऐसे लेटे रहे और एक दुसरे को चूमते रहे सरिता ने कहा आज जो मुझे आनंद मिला है वो आज तक मेरे पति मुझे नहीं दे पाए मेरी चूत धन्य हो गयी आज तुम्हारा लंड पाकर आज से चूत तुम्हारी फिर मने उस रात तीन बार चोदा और सुबह होते ही अपने घर चला आया |
उसके बाद मैंने सरिता को कई बार चोदा |
आज एक बच्चे की माँ है और वो मेरा बच्चा है |