Jija Se Chudi Ghar Ki Chat Pe

मेरा नाम रूपल है। मैं 27 साल की हूँ। फिगर – 35-27-37 रंग मेरा गोरा है और अपनी बॉडी की बात करूँ तो भगवान ने भरपूर मेहरबानी की है। हर हिस्सा गजब का हैं आम जीतने बड़ी चूचियाँ है। गदराया हुआ बदन है अगर कोई 70 साल का बुढा भी देख ले तो कहे की काश भगवान इसे 40-50 साल पहले भेजता। Jija Se Chudi

मेरी शादी अतुल के साथ 2 साल पहले हुई थी और वो रोज़ मुझे भोगते हैं घर का कोई कोना ऐसा नहीं है जहाँ मैं चुदी ना हूँ। मेरी सील अतुल ने ही तोड़ी थी आज मैं आपको अपनी लाइफ के दूसरे मर्द के बारे में बता रही हूँ। मुझे शादी से पहले सेक्स का कोई अनुभव नहीं था। अतुल मेरी लाइफ के पहले मर्द है और मेरी लाइफ का दूसरा मर्द है मेरी कज़िन सिस्टर का पति मतलब मेरे जीजा।

मेरी कज़िन सिस्टर का नाम दिशा है। Jija Se Chudi

उसके पति का नाम सतीश है. सतीश में ऐसी कोई ख़ास बात नहीं है की हर औरत उससे चुदे अगर मैं अपने पति अतुल से सतीश की तुलना करूँ तो सतीश तो कुछ भी नहीं है लेकिन फिर भी पराए मर्द के एक हल्के से टच से ही कुछ होने लगता है। बात कुछ ऐसी है मेरे मायके में एक समारोह था। मैं और अतुल वहाँ गये थे लेकिन अतुल को वापस आना था उन की सुबह एक जरुरी मीटिंग थी।

दिशा और सतीश भी आए थे। समारोह के बीच में डांस फ्लोर पर सब डांस कर रहे थे। सतीश ने मुझे भी फ्लोर पर खींच लिया मैं भी नाचने लगी वो मेरा हाथ पकड़ कर नाच रहा था, अचानक मेरा बेलेन्स बिगड़ा तो उसने मुझे पकड़ लिया उसका हाथ मेरी कमर पर था और दूसरा मेरे हाथ के नीचे मेरी बूब्स के साइड में था। मैं गिरने से बच गयी प्रोग्राम ठीक तरह से खत्म हो गया। अब सब लोग थक गये थे।

हमारा घर काफ़ी बड़ा है तीन मंज़िल का घर है। Jija Se Chudi

ग्राउंड फ्लोर पर सब बड़े लोग मतलब बूड़े लोग थे। फर्स्ट फ्लोर पर सब बच्चे थे और सेकेंड फ्लोर पर हम सब कज़िन थे। मेरी तीन कज़िन और मेरी छोटी सिस्टर सब बिना शादीशुदा थे और मेरा बड़ा भाई और उसकी वाइफ अलग रूम में थे। सतीश बोला की मैं तो छत पर सोने जा रहा हूँ।

दिशा बोली की मैं इतने दिन के बाद आई हूँ मैं तो सब के साथ सोऊँगी। Jija Se Chudi

तब सतीश ने कहा की मैं अकेला बोर हो जाऊंगा नींद आने में तो टाइम लगेगा तो मैने कहा की चलो मैं चलती हूँ थोड़ा ठंडी हवा खा लूँगी ऊपर मुझे क्या पता था की मैं ठंडी हवा नही कुछ और खाऊँगी आज। सतीश बोला ठीक है हम छत पर चले गये छत काफ़ी बड़ी थी और आस पास के घरों से बहुत उँची थी। हम दोनो नीचे चटाई पर गद्दा बिछा कर बैठ गये और बातें करते रहे मैं काफ़ी थक गयी थी. सतीश ने कहा की थोड़ी देर यहाँ ही आराम कर लो हवा भी अच्छी चल रही है।

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और बातें करते करते मुझे पता नही कब नींद आ गयी बस सतीश की तो लॉटरी निकल गयी वो मेरे पैरों की तरफ बैठा था। पता नहीं कब वो उठ कर मेरे पास आ कर लेट गया और अपना हाथ मेरे पेट पर रख कर सहलाने लगा मैं ऐसी गहरी नींद में थी की पता ही नही चला। मैं सोती ही इस तरह हूँ की अतुल कई बार मेरा ब्लाउस खोल देते है और मुझे पता ही नही चलता। आज सतीश ने मेरे पति की जगह ले ली थी वो मेरा ब्लाउस खोल चुका था।

अचानक मेरी आँख खुली तो मैं हैरान रह गयी। Jija Se Chudi

किसी अजनबी मर्द को अपने जिस्म से खेलते हुए पाकर मेरी साँस तेज हो गयी पता नहीं मैं क्यूँ उसे रोक नहीं पाई। पता नहीं जहाँ जहाँ वो मुझे टच कर रहा था। मेरी साँस अटक जाती थी। जीजा सतीश ने अब मेरी साडी के नीचे से मेरी जाँघ को सहलाना शुरू किया अब वो भी समझ चुका था की मैं जाग गयी हूँ और उस को रोक नही रही। अब उसने अपने होट मेरे होट से चिपका दिए हम एक दूसरे की जीभ को टटोल रहे थे। उस ने मेरे बूब्स मेरी ब्रा के उपर से ही दबाने शुरू कर दिए अब उसका एक हाथ मेरी अंडरवियर तक पहुँच चुका था जो गीली हो चुकी थी।

मैने मेरे एक हाथ की उंगलियाँ उसके बालों में घुमा रही थी। मैं तो किसी और ही दुनिया में थी। मुझे इतना भी होश नहीं था की कोई छत पर आ भी सकता है। जीजा ने मेरी ब्रा उतार दी और मेरी गोरी और सुडोल चूची उस के सामने थी। उसकी आँखे तो बस मेरी चूची को देखती ही रही उस ने एक हाथ मेरी एक चूची पर रखा और दूसरी चूची पर अपने गरम होट रख दिए मेरे मुहं से सिसकारी निकल गयी मैं अपने होश पूरी तरह खो चुकी थी। वो सिर्फ़ लुंगी में ही था और उस के लंड का सख़्त होना मुझे महसूस हो रहा था।

उस ने मेरी साडी को एक तरफ करके मेरे पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसे अपने पैरो से नीचे करने लगा मैने अपनी दोनो आँखें बंद कर रखी थी। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में उसके नीचे पड़ी थी। उसकी आँखो की चमक बता रही थी की उसने इस से अच्छा बदन कहीं नहीं देखा था।

अब वो मेरी अंडरवियर को उतारने लगा। Jija Se Chudi

मैं उस का साथ दे रही थी मैने अपने चूतड़ उपर उठाए और उस ने मेरी अंडरवियर निकाल दी एक पराए मर्द के सामने नंगी होने के ख्याल से ही मैं सिहर गई थी। अब मुझ से बर्दाश्त नही हो रहा था वो मेरे पूरे बदन से खेल रहा था जिस भी हिस्से में उसका मन करता अपने होटो से चूमने चाटने लगा मैं पागल हुई जा रही थी। उफ क्या एहसास है मैं बस उस की छाती में समा जाना चाह रही थी। वो धीरे धीर नीचे जाने लगा।

जैसे जैसे वो मुझे चूमते हुए पेट और नाभि और अंडरवियर की लाइन तक गया मेरी हल्की सी चीख निकल गयी। मैं अपने होश में नहीं थी। बस अब मुझे उस का गरम और टाइट लंड अपनी चूत में चाहिए था। अरे उस टाइम तो उसका लंड क्या किसी का भी लंड होता तो मैं चुद लेती अब वो मेरी चूत को चाट रहा था। मैं बस पागल हो रही थी। थोड़ी देर चूत चाटने के बाद वो उठा और मेरे होटों पर अपने लंड को टिका दिया इस से पहले मैने कभी लंड मुहँ में नही लिया था। अतुल का भी नहीं। मुझे अजीब लगता था लेकिन सतीश जीजा के लंड के लिए मेरा मुहँ अपने आप ही खुल गया।

मैं उनका लंड चूस रही थी और जीजू की सिसकारी निकल रही थी। Jija Se Chudi

शायद दिशा ने कभी उनका लंड नहीं चूसा था। मैं पागलों की तरह जीजू के लंड को चूसने लगी वैसे इतना बड़ा और मोटा लंड नहीं था जीजू का। पर आज मुझे पता नहीं क्या हो रहा था। मैं उसके बॉल को चाटने लगी वो भी पागल सा हो रहा था। अब वो उठ गया और मुझे नीचे लेटा कर मेरे उपर आ गया और उस ने मेरी चूत पर अपना लंड टिकाकर रगड़ना शुरू कर दिया। अब मैं भी कामुक हो रही थी।

मैंने उसके चूतड़ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया तो उसका लंड मेरी गीली चूत में समा गया और झटके मारने लगा मैं उस के चुतड को अपनी तरफ खींचे जा रही थी। वो ज़ोर ज़ोर से मुझे चोद रहा था और मैं तो सातवे आसमान में थी। आज तक उसने मुझ जैसा माल नही चोदा था। इस लिए वो ज़ोर से झटके मार रहा था और मेरी चूत की गर्मी से उसे रहा नहीं गया और वो अपने चूतड़ हिला हिला कर मुझे चोदे जा रहा था और फिर उसके लंड से पिचकारी निकली और मेरी चूत की दीवारों को अपने लंड की निशानी से भिगोने लगा में भी झड़ चुकी थी।

वो मुझ पर निढाल हो कर पड़ा रहा फिर वो साइड में आँख बंद कर लेट गया और मुझे फिर एकदम होश सा आया और मैं अपने कपड़े उठा कर छत पर बने बाथरूम में चली गयी और कपड़े पहनकर बिना जीजू को देखे नीचे चली आई.

नीचे सब सो रहे थे। में भी जगह देख कर लेट गयी और मेरी आँखो के सामने मेरी चुदाई ही चुदाई घूमने लगी। बस अब मैं सोना चाहती थी और ना जाने कब मेरी आँख लग गयी।

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