नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | दोस्तों मेरा नाम पुष्कर है मैं अरुणाचल प्रदेश का रहना वाला हूँ | मैं अभी 12 th क्लास में पढ़ता हूँ और मैं 17 साल का हूँ | मेरा परिवार एक परिवार है जिसमे मेरे मम्मी पापा और मेरा एक बड़ा भाई है | बड़ा भाई अपनी पढाई पूरी करके फ़ौज में हो गया था और घर से बाहर ही रहता था | वो साल में 1-2 बार घर पे आता था | पापा मेरे जिमीदार है और मम्मी हाउसवाइफ है वो दोनो लोग घर पर ही रहते थे | दोस्तों मैं भी अपने बड़े भाई की तरह आर्मी में जाना चाहता था | तो चलिए दोस्तों मैं अपनी ज्यादा बकवास न करता हुआ सीधा कहानी की ओर बढ़ता हूँ |
दोस्तों ये बात उस समय की है जब मैं अपनी 12th की पढाई अपने ही शहर में कर रहा था | मैं अपने कॉलेज में बहुत ही शरारती और मस्तीखोर था | मैं अपने दोस्तों को ले के पूरे कॉलेज मैं घूमा करता था | हम लोगो की अपने कॉलेज में पूरी गैंग थी | जिससे हर एक लड़के की फटती थी | केवल लडको की नही टीचर भी डरते थे हम लोगो से क्योकि हम लोगो के बहुत से काण्ड कॉलेज में फेमस थे | हम लोगो मस्ती के साथ-साथ अपनी पढाई का भी ध्यान रखते थे | दोस्तों मैं अपने घर का सबसे छोटा था इसलिए घर वाले मुझे बहुत प्यार करते थे | मम्मी-पापा मुझे कभी नही डाटते थे | मैं जितने रूपये पापा-मम्मी से मांगता वे लोग बिना पूंछे मुझे दे देते थे | यहाँ तक की मेरे भईया भी कहीं-कहीं मेरे बैंक अकाउंट में मेरी पॉकेट मनी डाल देते थे | मुझे रुपयों की कभी कोई नही प्रॉब्लम हुई | जिन्दगी बड़े मौज से कट रही थी | दोस्तों मेरी एक गर्ल फ्रेंड भी थी वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मैं भी उसे उतना ही प्यार करता था | वो मेरे ही कॉलेज मी पढ़ती थी वो मेरे से 1 क्लास जूनियर थी | हम लोग इंटरवेल में कोलेज की कैंटीन में बैठकर खाना खाया करता था | मैं उसे तरह के गिफ्ट वगेरह दिया करता था और वो भी मुझे दिया करती थी | मेरा एक दोस्त था निखिल वो देहरादून का रहने वाला था और कॉलेज के हॉस्टल में रहता था | उसकी एक गर्लफ्रेंड सेट कर राखी थी | साला मेरा दोस्त बस उससे टाइम पास करता था वो बस उसे चोदने की फिराक में रहता था | साले को कब मौका मिल जाये और वो उसे चोद | मैंने ये बात अपनी गर्लफ्रेंड को बताई तो वो भी हसने लगी और बोली तुम्हे क्या | एक दिन मेरे दोस्त ने मुझसे कहा की भाई आज मैं इसको टॉयलेट में मिलने को वादा किया है तो तु भाई देखते रहना की कोई आ न जाए पहले तो मैंने उसको मना कर दिया की भाई ये सब ठीक नही है | वो बोला भाई साली जब वही गरम है तो मैं क्या करू, मैंने कहा की साले थीक है जा | वो कॉलेज के टॉयलेट में चला गया और थोड़ी देर बाब वो भी आ गयी और बाथरूम में घुस गयी | उन दोनों ने टॉयलेट की कुण्डी बंद कर ली और चुदाई का प्रोग्राम स्टार्ट कर दिया | जब मेरा दोस्त उसकी चोद था तब उसके मुह से जोर-जोर से आह आह आह आह आह आह आह आह आह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आः आह आह आह आह आः आः आः आः आः आह आः आः आह आः आः आः आः की सिस्कारियां निकाल रही थी | धीरे-धीरे उसने पूरा पीरियड टॉयलेट में उसकी चुदाई की थी और फिर साला बाद में बाहर निकला | और बोला थैंक्यू मजा आ गया साली की चूत बहुत मक्खन थी तू नही होता तो मैं इसकी गर्मी शांत नही कर पाता | हम लोग जाके अपनी क्लास में बैठ गये |
मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड की चूत को चोदने का मन करता था पर वो साली मना कर देती थी | खाली किस करने को देती थी | किस करने के बहाने मैं उसके बूब्स में हाथ लगा दिया करता था और वो गुस्सा हो जाती थी साली बहुत स्ट्रिक्ट थी पर पटाका माल थी | हम लोगो के हाफ इयरली एग्जाम हो चुके थे और अब अगले महीने से हमारे बोर्ड के एग्जाम शुरू होने वाले थे | हमलोगों ने अपनी थोड़ी मस्ती कम करदी ओर पढाई की ओर ध्यान देने लगे | धीरे-धीरे महिना बीत गया और काल हमरे एग्जाम थे | लगभग हमारे एग्जाम 1 महीने तक चले थे | अब हम लोगो को रिजल्ट की टेंशन हो रही थी |
रिजल्ट निकला हम सभी लोग पास थे और बहुत खुस थे | एक दिन मेरे भईया का फोन आया उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया था और कहा की अपने पूरे डाक्यूमेंट्स भी साथ लेते आना | उन्होंने ने मुझे अपने ट्रेनिंग सेण्टर नासिक में बुलाया था | वहां आर्मी की भर्तियाँ चल रही थी और मेरे भईया की ड्यूटी आर्मी भर्ती में लगी थी | मैंने अपने पूरे डाक्यूमेंट्स लिए और नासिक के लिए निकल गया | मैं रात को नासिक पहुंचा भईया मुझे स्टेशन से लेके गये | रात में भईया ने मुझे पूरी तरह से समझा दिया है की तुझे सिर्फ 1600 मीटर की रेस निकालनी है बाकी मैं देख लूँगा | मैंने कहा की ठीक है भईया मुझे अपने आप पे पूरा यकीन था कि मैं रेस निकाल लूँगा | सुभह 4 बजे रेस थी मैं ग्राउंड में पहुंचा | रेस शुरू हुई मैं भागा और मैंने रेस निकाल दी मैं 4 नंबर पे था | फिर हमलोगों का मेडिकल और एग्जाम हुआ | अगले दिन लिस्ट लगी मेरा नाम लिस्ट में था | क्योकि भईया ने तगड़ी सेटिंग की थी होता कैसे नही | मैं अपनी ट्रेनिग पर चला गया लगभग 1 साल मेरी ट्रेनिंग चली और मेरी पोस्टिंग जबलपुर में हुई | मुझे मेजर साहब के साथ रहना था | मै रोज मेजर साहब के साथ रहता था उनका गनर बन के | मेरी मेजर साहब से खूब बनती थी | वो थोड़े उम्र के थे | वो थे तो मेरे सीनियर पर हमलोग अच्छे दोस्त भी बन गये थे | इक दिन मेजर साहब ने मुझे रात को अपने घर खाने पर बुलाया | मैं रात को तैयार हुआ ओर कैंटीन से मेजर साब के लिए ब्रांडेड विष्की लेके गया | मैं जब मेजर साहब के घर पर पहुंचा तो मेजर साहब बाहर ही खड़े होके मेरा इन्तजार कर रहे थे | मैंने उनको गुड इवनिंग विश किया और अंदर जाके बैठ गया | पहले तो हम लोगो ने व्हिस्की पी और फिर खाना खाने के लिए उठे | हम लोग जा के दिनिंग टेबल पर जा के बैठ गये | मेजर साहब को नसा हो गया था | उनकी पत्नी खाना लेके आयी मैं उनको देख कर हैरान हो गया | उनकी इतनी कम उम्र थी कि मानो वो मेजर साहब की पत्नी नही लड़की हो | मैंने उनको गुड इवनिंग विश किया उन्होंने भी मुस्कुराके गुड इवनिंग विश किया | उन्होंने फिर खाना परोसा और हम लोग खाने लगे | मेजर साहब ने 1-2 निवाले खाए और उनसे अब सभला नही जा रहा था | मेजर साहब ने अपनी पत्नी से कहा की मुझे अंदर छोड़ दो और पुष्कर को खाना खिला कर ही भेजना | मेजर साहब की पत्नी ने उन्हें उठाया पर साहब काफी भारी थे और साहब की खूबशूरत पत्नी उन्हें रोक नही पा रही थी | मैं भी उठकर उन्हें पकड़ लिया और कमरे तक मैडम के साथ साहब को छोड़ने चला गया | जब मैं साहब को चोदने मैडम के साथ कमरे में जा रहा था तब मेरा हाथ मैडम के बूब्स में लग रहा था | मैंने अपना हाथ हटाने की कोशिश की पर वो दबा हुआ था | मैडम ने एक बार मेरी तरफ देखा और सरमा के हस रही थी | हम लोग साहब को उनके बेडरूम मी छोड़ आये थे और वापस आके टेबल पर बैठ गये थे |उनकी पत्नी भी मेरी ही पास वाली कुर्शी पर बैठ गयी और साथ में खाना खाने लगी | वो अपना शरीर मेरे शरीर में चिपका रही थी | मैं समाज गया था की मैडम गरम है और मेजर साहब उनकी गर्मी शांत नही कर पा रहे हैं | और करते भी कैसे इतनी जवान बीवी थी और उनके उम्र निकल गयी थी | अब मेरा मन भी मैडम पर डोल गया मैं भी उनकी चूत की गर्मी शांत करना चाहता था | जब तक मैंने खाना खाया तब तक मैडम अपना शरीर मेरे शरीर से टच करती रही और फिर अचानक से अपना हाथ मेरी झांघो पर रख दिया और सहलाने लगी मेरे भी रोयें खड़े हो गये और अब मुझे बरदास नही हो रहा था | मैंने तुरंत अपने हाथ धुले और मैडम को अपने आप से चिपका लिया और उनकी होंठो को चूसने लगा और वो भी मेरे होंथो को चूस रही थी | वो मुझे लेके दुसरे कमरे में चली गयी | उन्होंने मेरे सब कपडे उतार दिया और मेरे लंड को अपने मुह में लेके चूसने लगी और मेरे मुह से आह आह आह आह आह आह आह आह आह उह्ह उह्ह उह्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह्होह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आह आह आह आह आह आह अहः आह आह आह आहा आह आह आह आह की सिस्कारिया निकाल रहा था | थ्गोदी देर के बाद में उन्होंने अपने भी कपडे उतार दिए और बेड पर लेट गयी | मैं भी बेड पर जाके उनके दोनों पैरों को फैला दिया और अपना मोटा लंड उनकी चूत में डाल दिया और मैडम ने अपनी दोनों टांगो को मेरी कमर में फसा लिया था | मैं फिर जोर-जोर से उनकी चूत को चोदने लगा और वो मेरी पीठ पर अपना हाथ सहलाकर आह आह आह आह आह आह आह आह आहा आह आह आह आहा हाह उह्ह उह्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह की सिस्कारियां निकाल रही थी |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी इस तरह से मैंने अपने मेजर साहब की बीवी को चोदा |