Chudai Makan Malkin Ki मेरा नाम सुदेश है। मेरी उम्र 25 साल है। मेरी अभी शादी नहीं हुई है और में भोपाल का रहने वाला हूँ में एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करता हूँ। ये बात करीब दो साल पहले की है। जब मेरी कंपनी ने मेरा तबादला जयपुर कर दिया था। शुरू के 15 दिन मैने होटेल मे ही गुजार कर अपने लिए कोई कमरे की तलाश शुरू की। आख़िर एक कमरा मिला जिस घर की मालकिन एक विधवा औरत और उसके तीन बच्चे थे। मैंने वहां अपना सामान कमरे मे शिफ्ट कर लिया।
मकान मालकिन की उम्र 34 साल दिखने मे सुंदर और चहरे से 25 साल उम्र जैसे लगती थी। शुरू के दो चार दिन तक में उनसे ज्यादा बात नही करता था। और ना ही वो कुछ कहती थी। फिर एक दिन रविवार को में कमरे पर था। तो मेरे कमरे के सामने मकान मालकिन सब्जी काट रही थी। क्योकि किचन मे लाईट नही थी। तो मैने खिड़की की जाली से परदा उठाकर मैने देखा की उसने नाईटी पहनी हुई थी। और एक दम मस्त लग रही थी। में काफ़ी देर उसे गौर से देखता रहा। मेरा लंड खड़ा हो गया मन मे अजीब ख़याल आने लगे थे।
तो मैने उनसे बात करने की सोची और बोला भाभी जी क्या कर रहे हो। तो वो एक दम चोंक कर बोली ओह आप हो क्या अंदर बैठे हो। तुम्हे अंदर गर्मी नही लग रही क्या? और उन्होंने इतना कहते हुए मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अंदर झाँका तो में एक दम शर्म से झुक गया क्योकि मेरा खड़ा लंड पेंट मे से बाहर की ओर उभर कर निकला हुआ था। वो गौर से उसे उभरते हुए देखने लगी। और चुपचाप बाहर जाकर अपने काम मे लग गई। और थोड़ी थोड़ी देर मे खिड़की की तरफ देखने लगी। में फिर से उसी खिड़की से उसे देख रहा था।
फिर वो अंदर जा कर अपने काम मे लग गई और में मार्केट चला गया। में खाना बाहर ही खाता था तो में रात को 9:30 बजे के आस-पास कमरे पर आया तो भाभी बोली आज इतने लेट कैसे हो गये? मैने जवाब दिया की में तो रोज़ इसी समय तो आता हूँ।
भाभी बोली : अच्छा खाना कहाँ खाते हो?
मैने बोला: होटल पर लेकिन थोड़े दिनों मे टिफिन लगवा लूँगा। फिर मैने कपड़े चेंज किये और लाइट बंद करके सो गया और मोबाइल मे टाइम देखा तो रात के 10:30 बज चुके थे। भाभी ने आवाज़ लगाई आप सो गये हो क्या? तभी मेंने बोला क्या करू कुछ भी काम नही है। तो सोना ही है। अवाज़ साफ सुनाई दे रही थी क्योंकि मेरे कमरे के पास ही उनका बेडरूम था और उसका एक गेट मेरे कमरे मे भी खुलता था। तो मैने पूछा आप इसी कमरे मे सोती हो क्या? तो वो बोली हाँ वैसे हम कमरे किराए पर कभी नही देते है। वो तो हमारे चाचा जी के बहुत कहने पर दे ही दिया है। क्योंकि उसके पड़ोस के चाचा जी मेरी कंपनी मे ही जॉब करते है। तो मैने कहा भाभी धन्यवाद। फिर मैने कहा तो पहले इस कमरे में आप सोते थे? वो बोली नही बड़ी बेटी सोती थी। वैसे हमारे अंदर भी तीन कमरे और है। और भाभी टॉपिक चेंज करके बोली आप पूरा जयपुर देख चुके हो क्या?
मैने कहा : नही अभी ऑफीस मे सबसे दोस्ती नही हुई है तो कहीं भी घूमने नहीं गया।
तो वो बोली कोई अच्छी सी गर्लफ्रेंड बना लो। आपको पूरा शहर घुमा देगी मैने एकदम कहा वैसे आप भी तो मस्त हो।
तभी भाभी बोली : नहीं हमारी तो उम्र निकल गई है।
मैने पूछा “ आपकी उम्र क्या है? वो बोली 34 तो मैने कहा लगती नहीं आप 34 की हो आपके पति को क्या हो गया था।
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वो बोली कि वो विदेश में थे और तीन साल पहले गुजर गये थे। मैने फिर मोबाइल मे टाइम देखा तो 1:30 से उपर टाइम हो चुका था। फिर भाभी बोली सो जाओ अब और तुम सुबह कितने बजे उठते हो। मैने कहा रोज तो जल्दी 6:00 उठता हूँ। पर आज तो दो बज गये तो पता नही कब नींद खुलेगी?
भाभी बोली में तुम्हे जगा दूँगी बोलो कितने बजे जगाना है?
मैने कहा 6:00 या 6:30 बजे तक बोली ठीक है। सुबह मुझे भाभी ने आवाज़ लगाई और गेट खटखटाया तो में उठा और सोचा की शायद भाभी अंदर आएगी। कुण्डी मेरी साइड से नही थी गेट की कुण्डी खुली ही थी। लेकिन उसने गेट नही खोला आख़िर में अपने लंड को हिलाकर रह गया।
दूसरे दिन फिर नाइट मे हमारे बीच काफ़ी देर तक बाते हुई। और नाइट के 11:00 बजे थे। मैने तुरंत कहा आपके बच्चो को ये बाते सुनाई नही देती क्या? भाभी बोली वो तो अपने सामने वाले कमरे मे सोते है। और बड़ी बेटी उपर के कमरे मे सोती है।
तो मैने तुरंत कहा भाभी जी तो आपने इधर का गेट क्यो बंद कर रखा है? तो इसे खोलो भाभी बोली नही यार परदा तो होना ही चाहिए। उसने मुझे यार कहा तो मैने कहा आपने तो अब यार कहा है। और वैसे भी आप अकेली और में भी अकेला ना मुझे नींद आती है और ना आपको तो वो हँसने लगी और बोली मुझे तो नींद आती है आपको ही नही आती तो मैने कहा तो मेरे लिए ही सही गेट तो खोल दो प्लीज़ प्लीज़-प्लीज़ भाभी।
भाभी बोली ठीक है में खोलती हूँ। पर आप मेरी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करोगे। मैने कहा आपकी कसम प्लीज़ प्लीज़ भाभी ने गेट खोल दिया। हम लोग एक दुसरे की बाते करने लगे। बाते करते करते हम थक गये थे। और हमे नींद आने लगी तभी भाभी बोली मेरे पास ही सो जाओ। अब मुझे नींद कहाँ आनी थी। मेरी नींद उड़ गयी थी और साथ में भाभी की भी मेरे हाँ कहने से हम एक ही बेड पर सो रहे थे। वो आंखे बंद करके लेटी हुई थी और इंतजार कर रही थी मेरे कुछ करने का तो मैने भी मौका देख कर हल्का सा भाभी को छुआ वो कुछ नही बोली मैने एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। फिर गले से लगा लिया और सभी जगह छूने लगा। उसके लिप्स को फिर वो मेरा साथ देने लगी थी। अब में उसे छेड़ने लगा कभी उसके मस्त-मस्त बूब्स चूसता कभी उसकी चूत पर हाथ लगाता मैने मौका देख अपने सारे कपड़े खोल दिये और में एक दम नंगा हो गया तो भाभी मेरे लंड को देखकर बोली इतना बड़ा लंड? मैने कहा अब तक मैने किसी के साथ सेक्स नहीं किया। मेरा लंड तो आपकी चूत पर ही मेहरबान हुआ है।
अब मैने कहा भाभी ये नाईटी क्यो पहनी हुई है। प्लीज़ खोलो इसे तो वो बोली नही। में ये काम नही करूँगी और सब कुछ कर लूँगी। तो मैने उनके शरीर पर हाथ फेर कर उसकी चूत को जगा दिया और अपना लंड उसके हाथ मे थमा कर बोला लो ये आपके लिए ही है। जैसे चाहो खेलो खाओ। मुझे भी कोई जल्दी नही थी। अब भाभी थोड़ी देर तक हिलाती रही। फिर उठ कर लंड मुहं मे ले लिया।
लगभग दस मिनट तक वो चूसती रही। आख़िर मैने कहा भाभी अब निकलने वाला है। प्लीज़ आपकी चूत में तो अभी लंड डालना बाकी है। तो भाभी ने तुरंत अपनी नाईटी उतार दी तो मैने उसकी पेंटी भी खींच कर खोल दी। अब में लंड उसकी चूत मे डालने के मूड मे था पर भाभी ने उसे चूसने को कहा। मैने जैसे ही उसकी मस्त चूत के पास मुहं रखा उसमे थोडा पानी जैसा तरल और एक अजीब सी मदहोशी छा रही थी। मैने भाभी को कहा तो उसने तुरंत मुझे अपनी चूत के पास से दूर कर दिया।
उसकी चूत बहुत मस्त लग रही थी। फिर हम 69 स्टाइल मे आ गये। भाभी ने मेरे लंड को चूसना बंद नही किया। दस मिनट बाद मेरे लंड से तेज पिचकारी निकली भाभी का पूरा मुहं भर गया। अब वो लंड बाहर निकाल कर खांसने लगी। बोली मेरा गला भर गया है। लेकिन ये बहुत टेस्टी है और फिर पूरा वीर्य निकल जाने के बाद भाभी फिर मेरे लंड को चूसने लगी। और चूस चूस कर लंड को दोबारा खड़ा किया। और अपनी चूत मे लंड डालने का इशारा किया। मैने कहा भाभी बिना कंडोम के मुझे डर लगता है। क्योंकि आज कल एड्स का ख़तरा बहुत ज्यादा है। ये हमारे लिये सेफ नहीं है।
भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी और नंगे बदन मे भाभी कि मासूमियत देख रहा था। भाभी बोली लाइट ऑफ कर दो अड़ोसी पड़ोसी शक करेंगे मैने तुरंत लाइट ऑफ की और भाभी को बोला की इस चूत को और टाइट करो। भाभी ने ठीक ऐसा ही किया। फिर मैने भाभी से पूछा कि आपको कौन सी स्टाइल मे मज़ा आता है। वो बोली जैसे आप चाहो वैसे चोद लो लेकिन जल्दी करो अब नहीं रहा जाता चोदो मुझे डाल दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में प्लीज जल्दी करो और मैने भाभी को लिटा दिया और चूत मे लंड डालने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी। क्योकि वो बहुत दिनों से नही चुदी थी। फिर मैने एक झटका लगाया लंड अंदर नही जा रहा था। मुझे बहुत दर्द हुआ और उसको भी वो दर्द से चीखी। तभी मैने लंड बाहर निकाल कर अपनी दो उँगलियाँ चूत में डाल दी।
उसे मजा आने लगा वो दर्द भूल गयी थी। मैने मौका देख कर लंड डाल दिया। अब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया। ओह मर गई ओहऊऊओह करने लगी। मैने ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिये। भाभी का चीखना जारी था। फिर उसे बहुत अच्छा लगने लगा। और कहने लगी चोदो इसे फाड़ दो मेरी चूत को।
अब में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा। तभी वो बोली यार मुझे बहुत समय के बाद लंड मिला है। मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। प्लीज़ ज़ोर से चोदो में लगातार चार मिनट तक चोदते चोदते जैसे थक सा गया था। क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी। मैने अब लंड बाहर निकलना चाहा पर भाभी बोली अभी लंड ना निकलना। अभी तो मुझे जोर जोर से चोद डालो यार फाड़ डालो इसे मैने भाभी की बात मानकर फिर से चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद भाभी भी झड़ने लगी और फिर में भी झड़ गया। मैने पूरा वीर्य चूत में ही निकाल दिया। अब भाभी बहुत खुश थी। सीधी होकर मुझसे लिपट गई और बोली मेरे राजा बहुत मज़ा आया आप बहुत अच्छे हो। फिर मुझे चूमने लगी। मेंने भी उसके लिप्स अपने मुहं मे ले लिए और दोनो सो गये। रात को भाभी नींद मे सो रही थी। में बीच बीच मे जाग जाता सुबह 5:30 बजे थोड़ा उजाला हुआ तो मैने भाभी को गौर से देखा। नींद मे उसका चेहरा बहुत ही मासूम लग रहा था। जैसे की बहुत सालों के बाद सूकून की नींद सो रही हो। मुझसे रहा नहीं गया मैने उसके माथे गाल और होंठ पर किस किए तभी वो जाग गई। मैने बोला तुम कितनी मासूम लग रही हो। तुम यहाँ घर मे अकेली रहती हो तो पड़ोस मे किसी की नज़र नही पड़ी क्या?
वो बोली मेरे साथ मेरी सास भी रहती है। अभी वो मेरे देवर के पास गावं मे है। क्योंकि मेरे देवर के घर में लड़की हुई है। मैने उनसे पूछ कर ही कमरे के लिए आपके अंकल को हाँ किया था। मेरी नजर उसके बूब्स पर पड़ी वो बहुत बड़े गोल थे। बूब्स को देख कर कुछ समय मे मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मैने उसको फिर से चोदने के लिये बहुत मनाया कुछ समय बाद वो मान गई। मैने उसकी टांगे ऊँची करके लंड डाल दिया तो वो बोली मेरे राजा अब में आपको मना तो नहीं कर सकती। लेकिन चुदाई ज्यादा नहीं करनी चाहिए। इससे शरीर मे बहुत कमज़ोरी आती है।
मैने पूछा तो कब-कब करते है। वो बोली दो दिन मे एक बार मैने फिर जमकर चुदाई की तो भाभी पूरा मजा ले रही लेकिन वो थक गयी थी। उनके चहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। मैने करीब 10 मिनट चुदाई की और उनकी चूत लाल हो गई और में झड़ गया और बहुत थक गया था। तभी भाभी बोली लगता है नई नई जवानी आई है इसलिये तुम्हारा मन एक बार चुदाई से नही भरा। तब सुबह के 6:00 बज चुके थे। में उठ कर अपने कमरे में चला गया। और उन्होंने उठ कर गेट अंदर से बंद कर लिया था।
फिर उसने बच्चो को जगाया उन्हे स्कूल के लिए तैयार किया। आज में भी बहुत खुश था। में बाथरूम मे नहा रहा था। तभी गेट बजा मैने तुरंत गेट खोला वो सामने खड़ी थी। में बिल्कुल नंगा था वो शरमाते हुए बोली नहा लिये क्या? नाश्ता बन गया है में लेकर आती हूँ। और कमरे से बाहर चली गई। जब तक मैने कपड़े पहने तब तक वो गोभी के परांठे दही लेकर आई थी। मैने मना किया तो वो बोली जब तक मेरी सास नही आती आप खाना यहीं खाया करो। मैने नाश्ता किया और फिर में ऑफीस चला गया। शाम को उसने अपने बच्चो से मेरा परिचय कराया। तभी से में भाभी और उनके बच्चो से बहुत ज्यादा घुल मिल गया। और रोजाना रात को हम साथ ही सोते थे। कभी मेरे कमरे पर तो कभी भाभी के कमरे पर। बहुत सारी स्टाइल्स से चुदाई करके हमने खूब मज़े लिए। भाभी ने चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया। हम इस चुदाई से एक दूसरे के बहुत पास आ गये थे।
अब हमें चुदाई करे बिना नींद नही आती थी। मुझे उसकी चुदाई और चूत चाटने में बहुत मजा आने लगा था। फिर आठ महीने बाद मेरा तबादला वापस भोपाल हो गया। में अपने घर भोपाल आ गया। बाद मे भाभी से फोन पर ही बात होती थी। मैने कई बार उनके घर जाकर उनकी चुदाई की। लेकिन कुछ महीने के बाद पता नही उनका फोन नम्बर बंद हो गया। तब हमारा लिंक टूट गया वैसे भी अब जयपुर मे मेरा कोई काम भी नही है और मेरी शादी भी होने वाली थी। लेकिन दोस्तो मेरे वो आठ महीने जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हें है जिन्हें में चाह कर भी नहीं भुला सकता ।।