मेरा नाम मीरा है और मैं 24 साल की हूँ. मैं हैदराबाद की एक आईटी कम्पनी में काम करती हूँ. वैसे मैं पंजाब की रहनेवाली हूँ. मेरे परिवार में मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई है जो पंजाब में ही रहते है.
मेरे मम्मे का साइज़ 34DD है जो की मेरी एज की लड़कियों के काफी बड़े है. मेरे बूब्स मेरी मम्मी के ऊपर गए है. मेरी माँ के बूब्स तो मेरे से भी बड़े हैं. उनके बूब्स तो उनके स्यूट से बहार गिरते है. और मेरी गांड का साइज़ आप मेरी पेंटी की साइड से इमेजिन कर सकते हो. मेरी पेंटी का साइज़ 15X है. वैसे तो मैं इतनो होर्नी मतलब की हवस की प्यासी नहीं हूँ पर कभी कभी पोर्न देख के टाइम पास कर लेती हूँ.
ये बात तब की हैं जब मैं समर में अपने ऑफिस से 15 दिन की होलीडे ले के अपने घर पंजाब गई थी. तो मुझे अभी घर आये थोड़े दिन ही हुए थे की मैं बोर होने लगी क्यूंकि मेरे मम्मी पापा दोनों काम करते है तो वो पूरा दिन जॉब पर होते है और मेरा छोटा भाई कोलेज चला जाता है. मैं घर पर अकेली रहती थी. तो एक दिन मैंने सोचा की बोर ही हो रही हूँ तो क्यूँ ना अपने अंडरगारमेंट्स धो लूँ. और जैसे ही मैंने अपनी सारी ब्रा पेंटीस धो ली. और उन्हैं सूखने के लिए बालकनी में ही टांग दिया.
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अपनी पेंटीस को धोने के बाद मुझे थोडा होर्नी फिल होने लगा क्यूंकि मेरी चूत काफी टाइम से सुखी थी. तो मैंने फिर टीवी पे पोर्न लगा ली और देखने लगी. और धीरे धीरे मैं अपनी चूत पे रिमोट से रब कर रही थी. मेरे बूब्स उस वक्त एकदम टाईट हो चुके थे.
फिर मैंने अपनी साइड से एक क्लोथक्लिप मतलब चुटकनी या चिमटी उठाई और अपने टी शर्ट से ही अपने एक निपल के ऊपर लगा दी. पर तभी बेल बजी और मैं टीवी ऑफ़ कर के दरवाजा खोलने चली गई. और दरवाजे के ऊपर रमेश अंकल खड़े हुए थे.
मैं आप को अंकल के बारे में पहले बता देती हूँ. वो तकरीबन 41 बरस के है और उनका बदन अभी इस उम्र में भी किसी 28-30 साल के यंग मॉडल के जैसा फिट और चुस्त है. उनकी वाइफ यानि की आंटी भी अंकल के जैसी ही हॉट थी. और वो भी अपनी उम्र से काफी छोटी लगती थी. हम जिस बिल्डिंग में रहते है उसमे वो भी रहते है. हमारे फ्लेट के ठीक निचे अंकल जी का फ्लेट है.
रमेश अंकल को देख के मैंने उन्हैं कहा की आओ अंकल. अंकल की नजरें मेरे बूब्स के ऊपर चिपक सी गई थी. और उन्हैं वो आँख टिका के मजे से देख रहै थे. फिर जैसे ही मैंने निचे देखा तो मैंने कहा ओह शिट! भागमभाग में मैं अपने निपल के ऊपर लगा हुआ वो क्लिप निकालना ही भूल गई थी! मैंने जल्दी से घबरा के उस क्लिप को निकाल दिया और हँसते हुए रमेश अंकल को बोला वाशिंग कर रही थी. फिर मैंने अंकल को घर में आने के लिए कहा. अंकल ने घर में घुसते ही अपनी जेब में हाथ डाला और उनके हाथ में एक यलो कपडा था. और मैंने देखा की वो कपडा कुछ और नहीं लेकिन मेरी नयी पेंटी ही थी. वो पेंटी को मैंने धो के बहार टांगी हुई थी.
मुझे अब एकदम से शर्म आ चुकी थी. और अंकल ने मुझे बोला की मैं निचे गार्डन में था तो मैंने ये देखा. और ऊपर देखा तो बहुत सब लटकी हुई थी इसलिए मैं समझ गया की ये तुम्हारी ही है. उन्होंने कहा निचे गिरने की वजह से ये थोड़ी गन्दी हो चुकी थी. लेकिन मैं उसे निचे से धो के लाया हूँ. और अंकल के मुहं से ये सब सुन के तो मैं और भी होर्नी फिल करने लगी थी.
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ये सब सुन के मुझे अब ऐसे फिल हो रहा था की जैसे मैं किसी पोर्न मूवी की फिमेल स्टार हूँ और रमेश अंकल मेरे मेल पोर्नस्टार है. मेरी टी शर्ट फाड़ के मेरे बड़े मम्मे चूस ले अंकल ऐसा मैं चाह रही थी. और वो अपने लंड से मेरी चूत और गांड को मारे. और मैं सोच रही थी की अभी अंकल की पेंट की ज़िप को खोल के उनके लोडे को अपने मुहं मे भर के चूस लूँ. लेकिन मैंने खुद के ऊपर कंट्रोल किया और अंकल को थेंक्स बोला. मैंने उनके हाथ से मेरी पेंटी ले ली. और अंकल की एक ऊँगली मेरी पेंटी के छेद में थी.
तब मेरा फेस शर्म से एकदम लाल था. मेरी पेंटी को शायद अंकल ने खुद फाड़ के उसके अन्दर होल बनाया था वरना पेंटी तो नयी थी उसमें होल कहा से आता भला. लडको की चड्डी में मुतने के होल होते है पेंटी में नहीं!!! मैंने पेंटी को खिंच लिया.
अंकल ने कहा आप की पेंटी का साइज़ देख के लगता है की आप सच में अब जवान हो चुकी हो. मैं समझ गई की अंकल का लोडा भी मेरी पेंटी को देख के कडक हो चूका था और वो भी काफी होर्नी थे. मुझे लगा की आज सही मौका है अपनी चूत में इस मच्योर अंकल का लंड ले लेना का. तभी कबाब में हड्डी के जैसी आवाज आई उनकी वाइफ की. अंकल ने कहा मैं आया अभी मीरा, रूही आवाज दे रही है. तब मुझे रूही आंटी मेरी सौतन लगी.
मेरी चूत उस वक्त एकदम गीली हो चुकी थी. और मैं उस वक्त अंडरवेर भी पहनी नहीं हुई थी. तो मेरी सामने से पेट भी थोड़ी गीली हुई थी. मेरा मन तो कर रहा था अभी अपने कपडे उतार के अंकल को कहूँ की छोडो आंटी को और मुझे चोद लो. अंकल के जाने के बाद मैंने सोचा की पेंटी पहन लू वरना चूत का पानी पेंट को भिगो देगा तो कोई देख लेगा.
पर मैं उस वक्त अपनी सब पेंटी को धो के बैठी हुई थी तो मैंने सोचा की चलो मेरी पेंटी नहीं है तो मम्मी की बड़ी पेंटी ही पहन लेती हूँ. और फिर मैंने मम्मी के कमरे से उनकी एक सेक्सी मखमली पेंटी निकाली जो ब्ल्यू कलर की थी. और मैंने जैसे ही पेंटी पहनने के लिए मम्मी के रूम से बहार आई तो देखा की रमेश अंकल वापस हमारे घर में आये थे. और उन्होंने मेन डोर को भी बंद कर दिया था.
मैंने सोचा की आज अपने अंदर की चुदाई की प्यास को बुझा ही लेती हूँ. और अपनी पेंटी पर हाथ रखते हुए अंकल को कहा की एक मिनिट मैं पेंटी पहन के आती हूँ. पर तभी रमेश अंकल की पेंट के अन्दर मैंने तमबु बना हुआ था देखा. वो लंड बांस के जैसे सीधा खड़ा हुआ था और एकदम सेक्सी लग रहा था. मैं खुद को रोक नहीं सकी और अंकल के पास जा के मैंने उनकी जिप खोल दी और उनके अंडरवेर से ही उनके लंड को चाटने और किस करने लगी.
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अंकल ने मेरे नाल पकड लिए और मुझे ऊपर की और खिंच लिया. और वो मुझे किस करने लगे और एक ही ज़टके में उन्होंने मेरी टी शर्ट को उतार दिया. मेरी ब्रा भी निचे कर के वो मेरे बूब्स को चूसने लगे सेक्सी आवाजों के साथ. वो निपल्स को पिंच करते हुए मेरे बूब्स को मजे से लिक कर रहै थे.
फिर अंकल ने मुझे अपने से चिपका लिया और मुझे उल्टा कर के मेरी गांड के ऊपर किस करते हुए वो सीधे एसहोल पर चले गए और उसे लिक करने लगे. मैं आहै भरने लगी और अंकल जोर जोर से जबान को गांड के ऊपर घिस के लिक कर रहै थे.
अंकल ने अब मेरे चहरे के ऊपर किस दिया और बोले साली क्या गांड है तेरी माँ की और तेरी. तेरी माँ भी तेरे जैसी ही रंडी है. तेरी पेंटी को देख के ही मैं समझ गया की तू भी उसके जैसी रंडी बनेगी आगे चल के.
मैंने कहा, आप मेरी माँ जो चोदते हो क्या?
अंकल ने कहा अरे तेरी माँ को तो आधा मोहल्ला चोद चूका है. और तुझे भी बहुतों के लंड लेने है शायद आगे जा के!
मम्मी की ये बात मुझे पता नहीं थी. अब अंकल ने अपनी अंडरवेर उतार दी और उनका लम्बा सा लंड उछल के बहार आया. मेरी आँखे खुली की खुली रह गई उस लंड को देख के. वो पोर्न मूवी में होता है ऐसा ही बड़ा लंड था अंकल का. मैंने कहा, वाऊ कितना बड़ा है आपका अंकल जी!
वो बोले, अब बोलना बंद कर और लंड को खुश कर दे. मैं नीचे बैठ गई और अंकल के लोडे को अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगी. अंकल ने मेरे बाल पकडे और वो मुझे कस कस के लंड चटाने लगे. लंड चुसाने के बाद अंकल ने मुझे निचे फर्श पर ही लिटा दिया. मेरी चूत के ऊपर की हलकी हलकी झांट को ऊँगली से हिला के उन्होंने लंड को ऊपर रखा. अंकल का लंड एकदम गर्म गर्म था और मैं एकदम होर्नी फिल कर रही थी. अंकल ने मेरी चूत में एक ऊँगली डाली और फिंगरिंग करने लगे. उनकी ऊँगली काफी बड़ी और लम्बी थी जैसे कोई छोटा लंड हो. वो फिंगर करते हुए अंदर का पानी चाट लेते थे बिच बिच में. अंकल मुझे आँख मार के बोली, सही माल है तू मेरी जान!
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और फिर अंकल ने मुझे बाहों में भर लिया. एक हाथ से मैंने उनके लंड को अपनी चूत के ऊपर रख दिया. आधा लंड अंदर घुस गया. अंकल मुझे किस करने लगे और बोले, वाऊ मस्त गर्मी है तेरी चूत के अन्दर तो. फिर उन्होंने धीरे से एक और धक्का दे के पुरे लंड को अन्दर कर दिया. मैंने अंकल की बाहों में समा गई. अंकल का लोडा मेरी चूत में घुस के जैसे अन्दर और भी फूल रहा था. पूरी चूत के अन्दर लंड एकदम फिट हो चूका था. अंकल ने मुझे लिप किस किया और बोले, वाह मजा आ गया पहले धक्के में ही!
और फिर वो घपाघप मुझे पेलने लगे. मैं अंकल की बाहों में सिमट के उन्हैं चोदने दे रही थी. और वो अपने लंड का तांडव ले के मेरी चूत को ठोकते चले गए. मेरी आह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह निकल रही थी. फिर अंकल ने मुझे अपनी गोदी में उठा लिया. वो खड़े खड़े मुझे चोद रहै थे और मेरे बूब्स को पी रहै थे. उछल उछल के मैं भी अंकल से चुद्वाती चली गई.
रमेश अंकल ने अब मुझे घोड़ी बना दिया और वो मेरे पीछे आ गए. मेरी गांड पकड़ के वो चूत मारते हुए बोले, पीछे ले लोगी?
मैंने कहा नहीं अंकल प्लीज़ आज सिर्फ आगे.
वो हंस के बोली, वैसे एक बात है की तुम्हारी गांड तुम्हारी माँ से छोटी जरुर है लेकिन सेक्सी तुम्हारी ज्यादा है.
मैं अपनी तारीफ से खुश हुई. अंकल के झटके और धक्के और भी तेज होने लगे थे. वो बोले, वाह मेरी रंडी क्या चूत है तेरी. तेरी माँ को चोदता हूँ और रूही को भी लेकिन तेरी चूत में जो मजा है वो उन दोनों में नहीं है.
फिर वो कराह उठे और उनके मुहं से एक अह्ह्ह्ह निकली. निचे उनके लंड की पिचकारी मेरी गर्म गर्म चूत में वीर्य की पिचकारियाँ उगल रही थी!