TMKOC Story गोकुलधाम में शाम हो गयी थी. सारे मर्द अभी भी अपने काम से घर वापस नहीं आये थे. आज सुबह ही गोकुलधाम की साड़ी लेडीज ने आयुषी को अंजलि की जेठालाल के साथ पहली चुदाई की दास्ताँ बताई थी। आयुषी भी अब जेठालाल के लंड की दीवानी हो गयी थी. उसे भी अब किसी भी तरह से जेठालाल को इम्प्रेस करना था ताकि जेठालाल को जब भी मौका मिले वो किसी और के पास न जाकर सिर्फ उसके पास आये…
खैर अब आगे…
टप्पू सेना कंपाउंड में फुटबॉल खेल रही थी..
तभी सोसाइटी में सब्ज़ी वाली आती है और ‘ सब्ज़ीवाली… सब्ज़ी ले लो सब्जी… ‘ चिल्लाती है…
साड़ी लेडीज धीरे धीरे सब्ज़ी वाली के पास आती हैं सब्ज़ी लेने… (सब्ज़ी वाली का नाम अनीता है )
अंजलि – अरे अनीता, ये टमाटर कैसे दिए.. ?
अनीता – २० रूपए किलो
अंजलि – अरे नहीं, बहुत ममहंगी है..
और सब इसी तरह मज़ाक करने लगते हैं.. तभी दया कहती है..
दया – अरे अनीता, आज बड़ी दुखी लग रही हो, क्या बात है?
अनीता – अरे क्या बताऊ दया भाभी…
दया – अरे अनीता बताओ तो सही तुम्हारे दुखी होने का कारण क्या है..
अनीता – अरे दया भाभी, मैं गोकुलधाम आ रही थी की तभी कुछ बाइक पर बदमाशों ने सब्ज़ी लेने के बहाने बाइक रोकी और मेरे दूध दबा दिए…
माधवी – ऐसे बदमाशों को तो नागा करके सड़क पर छोड़ना चाहिए… कल मैं भी अचार पापड़ की डिलीवरी करने गयी तो बदमाशों ने मुझे बीच सड़क पर रोक के मेरे ब्लाउज के अंदर हाथ डाल दिया…
अंजलि – सच माधवी भाभी? फिर क्या हुआ?
माधवी – मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने मेरे चूचियों पर चाकू तान दिया…. मैं बहुत डर गयी थी…
दया – माधवी भाभी बिलकुल सही कह रही है.. ये बदमाश हमे जीने नहीं देंगे…
रोशन – अरे अनीता, तुम्हारे चूचियां तो बहुत बड़े लग रहे हैं…
अनीता – क्या रोशन भाभी, आप भी…
रोशन – नहीं अनीता, सच में.. बहुत अचे लग रहे है.. एकदम भरे हुये..
अंजली – ज़रा दिखाना…
फिर अनीता अंजलि के पास जाती है और अपने साड़ी का पल्लू नीचे करती है और अंजलि के सामने अपने चुचे हाज़िर करती है..
अंजलि – क्या बात है अनीता, तेरे चुचे तो बहु मुलायम है, दया भाभी, आप भी छू के देखो…
फिर बारी – बारी सब अनीता की चूचियों को चुटी है और उनकी तारीफ़ करती है…
अनीता – अच्छा भाभियों, अब मैं चलती हु, मेरा पति मेरा इंतज़ार कर रहा होगा…
फिर सारी लेडीज अपने अपने घर चली जाती है..
सारे मर्द घर पर आनेवाले होते है…
अब चलते है बारी बारी सबके घर…
पहले जेठालाल का घर –
दया हमेशा की तरह समय पर सारा काम ख़तम करके अपने बैडरूम में बैठी हुई थी की तभी उसके घर के फ़ोन की घंटी बजती है.. दया फ़ोन उठाती है…
दया – हलू …. कौन? है… बापुजी?
चम्पक – अरे दया बहु, मैं आज घर नहीं आऊंगा..
दया – क्यों बापूजी?
चंपक – अरे बहु, हमारे यंग ओल्ड ग्रुप में नथिया है ना….
दया – हां नथिया काका..
चम्पक – हां वही, उसने आज अपने घर पर अपने बेटे की बीवी को घर पर बुलाया है. आज हम सब का प्रोग्राम यही पर रहने का है..
दया – क्या बापूजी?
चम्पक – अरे बहु, तू बहुत भोली है.. हम सब यहाँ पर रुकेंगे और नथिया की बहु को रात भर चोदेंगे।
दया – अरे वाह! बापूजी लेकिन आप अपना ध्यान रखना…
चम्पक – हां बहु, अच्छा चल मैं रखता हूँ…
दया – अरे बापूजी तो आज नहीं आएंगे…
तभी दया के पास दूसरा फ़ोन आता है…
दया – कौन?
जेठालाल – अरे दया, मैं बोल रहा हु…
दया – है बोलिये टपु के पापा…
जेठालाल – अरे दया, आज मैं घर पर नहीं आ पाउँगा…
दया – क्यों????
जेठालाल – अरे आज हमारे बिज़नेस के मामले में गोवा जा रहा हु, कल शाम तक आऊंगा..
दया – ठीक है, अपने ध्यान रखना..
(आप लोगो को लग रहा होगा की दया की मुसीबतें अभी ख़तम हो गयी है, लेकिन ऐसा नहीं है)
दया अपने और टप्पू के लिए खाना टेबल पर लगा रही थी की तभी टप्पू वहा आता है और कहता है…
टप्पू – मम्मी … मम्मी ….
दया – है बोल टप्पू डिक्रा क्या हुआ?
टप्पू – मम्मी, आज पूरी टप्पू सेना रॉकी के यहाँ पढ़ने जा रही है २ महीने बाद हमारी परीक्षा है ना इसलिए..
दया – बीटा ठीक है… ज़रूर जा लेकिन….
टप्पू – लेकिन क्या मम्मी?
दया – टप्पू डिक्रा, देख न बापूजी भी यंग ओल्ड ग्रुप के मेंबर के साथ है और कल तक आएंगे.. और तुम्हारे पापा भी गोवा गए है और कल शाम तक आएंगे.. अब मेरी चूत कौन मारेगा….?
टप्पू – अरे मम्मी ये तो प्रॉब्लम हो गयी, लेकिन मम्मी मैं मजबूर हु, जाना बहुत ज़रूर है…
दया – ठीक है डिक्रा, मन लगा कर पढ़ना..
टप्पू चला गया था… दया घर पर अकेली थी..
दया अब उदास हो गयी थी.. वो सोच रही थी की आज रात उसकी चुत को कौन शांत करेगा…
– अगले भाग में जारी रहेगा –