train sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/train-sex-stories/ Hindipornstories.org Sat, 04 Dec 2021 06:21:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 अंजान लड़की को ट्रेन में उड़ाया https://sexstories.one/train-me-ladki-ki-chudayi-story/ Sat, 04 Dec 2021 06:21:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3366 वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया..

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Train me ladki ki chudayi story हेल्लो दोस्तों मेरा नाम राम है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक सेक्सी कहानी को लेकर हाज़िर हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची घटना है और उस दिन मुझे बहुत मज़ा भी आया था | दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में मज़ा तो जरुर आयेगा | इस कहानी को पढने में दोस्तों आप लोगो के लंड में आग तो लग ही जाएगी क्यूंकि मुझे अपनी कहानी पर इतना तो भरोसा है ही | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना चाहता हूँ |

मैं रहने वाला आगरा का हूँ और मेरी उम्र 25 साल है | मेरी पढाई पूरी हो चुकी है और मैं जॉब करता हूँ | मेरी हाईट भी ठीक ठाक है और मेरा रंग बहुत ही साफ है बिलकुल दूध की तरह | मैं दिखने में बहुत स्मार्ट लगता हूँ इसलिए मैंने अभी तक कई लड़कियों की चुदाई कर चूका हूँ | दोस्तों मैं दिखने में बहुत स्मार्ट था इसलिए मेरे क्लास के सब लकड़े मुझे स्मार्टबॉय कहते थे और मेरी क्लास की लड़कियां मुझे लाइन मारा करती थी | उसी क्लास की 2 लड़कियों की मैंने चुदाई की थी और एक को तो छोट्टी के टाइम कॉलेज में ही उड़ा दिया था | दोस्तों जिस दिन मैंने काजल की चुदाई क्लास में की थी मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और उसकी मैंने इतनी भयानक चुदाई की थी की वो चल भी नही पाई थी और इसलिए मैं ही उसको उसके घर तक छोड़ने गया था | उस दिन की चुदाई के बाद मैंने काजल की और कभी बार चुदाई की थी | मैं बिना टाइम को बर्बाद करते हुए कहानी शुरू करता हूँ |

दोस्तों मैं जब जॉब करता था तो मैं दुसरे शहर में रहता था | एक दिन की बात है जब मेरे ऑफिस में 7 दिनों की छुट्टी थी तो मैंने सोचा की क्यूँ न घर ही घूम आता हूँ और मैंने उस दिन घर जाने का प्लान बना लिया | जब मैंने घर जाने का प्लान बना लिया तो मैंने एक टिकट ऑनलाइन किया और जब मैंने तत्काल में टिकट किया तो मुझे कुछ रूपये ज्यादा पड़े | मैंने एक सिलीपर का टिकट बुक कर लिया और फिर अगले दिन मेरी ट्रेन थी | मैंने अपने सामान की पेकिंग की और सो गया | जब मैं सुबह उठा तो मैं नहा कर नाश्ता तैयार किया और नाश्ता करने के बाद घर के लिए निकल गया | मैं स्टेशन पर बैठ कर ट्रेन का इंतजार करने लगा |

मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था तो कुछ ही देर में ट्रेन आ गई और ट्रेन में चढ़ गया | मैं जब ट्रेन मे चढ़ गया तो मैं अपनी जगह पर गया | जब मैं अपनी जगह पर गया तो मैंने देखा की एक लड़की भी वहीँ पर है | तब मैं भी वहीँ पर बैठ गया और उस लड़की को देखने लगा | दोस्तों वो दिखने में बहुत सुन्दर थी | मैं कुछ देर तक बैठ रहा और फिर लेट गया और उसकी तरफ मुंह को करके लेट गया | मैं जब उसके साथ लेट गया तो वो मुझे बहुत घुर घुर कर देखने लगी | वो मुझे घुर घुर कर देख रही थी और मैं उसे घुर घुर कर देख रहा था |

मैं – हाय ?

वो – हाय |

मैं – आप का क्या नाम है ?

वो – सोनम और आपका क्या नाम है ?

मैंने उसे अपना नाम बता दिया और वो मुझसे बोली की आप कहाँ जा रहे हो तो मैंने उसे बता दिया की मैं अपने घर जा रही हूँ | वो मुझे बहुत घुर रही थी और मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को घुर रहा था | मैं उसके बड़े बूब्स को घुर रहा था और वो मुझे अपने बूब्स दिखा रही थी | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक देखता रहा फिर वो मुझसे बोली की आप बहुत देर से देख रहे हो अब बस भी करो |

मैं – क्या मतलब ?

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वो मुझसे बोली की जो तुम उतने देर से देख रहे हो मैं उसकी ही बात कर रही हूँ |

मैं – हाँ तो मैं क्या देख रहा हूँ मुझे नही पता है |

दोस्तों वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया | दोस्तों जैसे ही उसने मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखा तो मेरे अन्दर करंट लग गया | मैं उसके एक दूध को हाथ में पकड कर धीरे से दबा दिया तो उसने मुंह से अह की आवाज निकल गयी | जब उसके मुंह से आवाज निकल गयी तो मैंने उसके कपडे निकलने लगा तो उसने मुझे माना किया और कहा बस इतना ही इससे ज्यादा कुछ नही कर सकते हो | दोस्तों जब उसने ये बात कही तो मैंने भी कह दिया की आग लगने के बाद माना कर रही हो और मैं उसको कस के अपनी बाँहों में जकड़ लिया | जब मैंने उसे जकड़ लिया तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी |

दोस्तों मैं उसके साथ जबरदस्ती करने लगा क्यूंकि हम दोनों के डिब्बे में और कोई आने वाला था नही इसकी वजह ये थी की हम दोनों स्लीपर में थे | मैं उसे कस के जकड़ लिया और उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | जब मैंने उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया तो वो मुझसे बोली ये ठीक नही है | मैंने भी कहा की यार मन जाओ और ये कहते हुए उसकी होठो को चूसने लगा | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बड़े बूब्स को मसल रहा था | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बूब्स को मसल रहा था जिससे वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी | जब वो गर्म हो गयी तो मेरी होठो को चूसने लगी |

फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो ब्रा और पैंटी में मेरे सामने आ गयी | मैं उसको उस तरह घुर घुर कर देखने लगा और उसकी ब्रा को पकड कर खीच लिया जिससे उसकी ब्रा टूट गयी | जब उसकी ब्रा टूट गयी तो उसके बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और मैंने उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा तो वो तेज सांसो में अन्हे भरने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसके मस्त छोटे गोल निप्पल को मुंह में रख कर ठीक एक बच्चे की तरह चूसने लगा | मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो मस्त होकर आ आ आ उई माँ आ…. उई हाँ उई हाँ माँ माँ… सी उई सी उई सी उई सी…. अह अह अह उई आउच……. की सिसकियाँ लेती हुई मज़े ले रही थी | मैं उसके दोनों बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा दिया |

मेरी जीभ के स्पर्स से उसकी सिसकियाँ और तेज हो गयी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था साथ में उसकी चूत के दाने को होठो से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मस्त होकर मज़े ले रही थी और आह आह आह… ऊऊ ऊऊ… की आवाज कर रही थी | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ उसकी चूत में उँगलियों को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जितने जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करता वो उनते ही जोर से सेक्सी आवाजे करती | फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए और अपने मोटे लंड को उसके हाथ में पकड दिया |

फिर वो मेरे लंड को हाथ में पकड कर घुटनों के बल बैठकर चूसने लगी | वो मेरे लंड को ऐसे ही 5 मिनट तक चूसती रही फिर मैंने उसके मुंह से अपने लंड को निकाल लिया और उसको लेटा दिया | जब मैंने उसे लेटा दिया तो उसने अपनी टांगो को फैला दिया | उसने अपनी टांगो को फैला दिया तो मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को रख कर धीरे से घुसा दिया | जब मैंने उसकी चूत में थोडा लंड घुसा दिया तो वो सेक्सी आवाजे करती हुई अपनी चूत को हिलाने लगी | वो अपनी चूत को हिलाने लगी तो मैंने उसकी कमर को पकड लिया और एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसकी चुत में मेरा पूरा लंड घुस गया | मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में पूरा गया तो उसके मुंह से निकलने वाली सेक्सी आवाजे चीख में बदल गयी |

दोस्तों मैं उसकी वो चीख सुनकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और कुछ देर बाद फिर से उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया | जब मैंने अपने लंड को दुबारा उसकी चूत में घुसा दिया तो वो मज़े से बोली यार और तेज से चोदो | मैं तब उसकी टांग को उठा कर उसकी गांड पर हाथ मारते हुए बोला देख मादरचोद को मज़ा आ रहा है | मैं उसकी गांड पर हाथ मारते हुए उसकी चूत में धक्के मारने लगा | मैं जब उसकी चूत में धक्के मारने लगा तो वो मस्त सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | मैं उसको जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोद रहा था |

मैं उसको ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ 15 मिनट तक चोदता रहा और फिर मैं झड़ गया | जब मैं झड़ गया तो मैंने अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | तब मैं और वो एक दुसरे से लिपट कर लेट गए | फिर जब मैं अपने यहाँ पहुच गया तो उतर गया और वो सीधे चली गयी |

ये थी मेरी कहानी धन्यावाद……

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ट्रैन में मिली चोरनि की चूत https://sexstories.one/train-mein-chorni-ki-choot-ki-choda/ Wed, 01 Dec 2021 07:07:46 +0000 https://sexstories.one/?p=3416 मैने उसे पूरा नंगा कर दिया अब मे उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और मुँह मे लेकर चूस रहा था अब मैने उसके पैरो को चोड़ा किया और अपना मुँह उसकी चूत मे डाल कर सहलाने लगा उसकी चूत पर बाल थे...

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Train Mein Chorni Ki Choot ko Choda – मेरा नाम संतु है. ये आज से 7 महीने पहले की बात है जब मेरा पोस्टिंग दिल्ली मे हुआ है तो मैं अपना बिस्तर बाँध कर दिल्ली की ओर रवाना हुआ. मैं ट्रेन से जा रहा था मैने रिज़र्वेशन करवाया हुआ था. मैं जिस ट्रेन से सफ़र कर रहा था उसमे ज्यादा भीड़ नही थी मैं खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा हुआ था. करीब रात के 11.30 बज चुके थे ट्रेन एक स्टेशन पर आकर रुकी तभी मेरे कंम्पारटमेंट में एक लेडी चड गयी शादी शुदा नही थी पर साड़ी पहने हुये थी पीले कलर की गोरी थोड़ी मोटी बहुत सेक्सी लग रही थी तभी मैं उस औरत को देखता ही रह गया वो औरत मेरे बगल से होकर चली गयी और मैंने पीछे मुड के देखा तो उसकी गांड को देख कर मैं फिदा हो गया फिर मैंने अपना सिर घुमा लिया कुछ सेकेंड के बाद मैंने देखा की वो मेरी तरफ आ रही है वो आई और मेरे बाजू वाली सीट पर अपना बेग रखा और उसकी सीट पर मेरा बेग था.

उसने मेरे बेग को पकड़ा और नीचे फेक दिया मैं बेठा हुआ सब देख रहा था अब मुझे गुस्सा आ गया मैने उससे कहा की आपने मेरा बेग ऐसे क्यों फेक दिया? उसने कहा मुझे क्या पता ये आपका है मेरी सीट पर था तो मैने फेंक दिया. मुझे तभी और गुस्सा आया वो औरत थी करके मैने उससे ज्यादा कुछ नही कहा मेरा मन तो तभी कर रहा था की इस खाली ट्रेन मे साली की गांड ही मार दूँ फिर भी मैने उसे कुछ नही कहा तभी रात के करीब 12 बज चुके थे तभी उसने अपने बेग से एक चादर निकाला और बर्थ पर बिछा दिया मैं उसे साइड से देखे जा रहा था.

उसने अपने बेग से एक छोटा सा बिस्किट का पैकेट निकाला और खाने लगी तभी उसने मुझसे पानी माँगा मैने तुरंत गुस्से मे कह दिया नही है फिर मुझे लगा छोड़ यार औरत है दे देता हूँ मे सोच ही रहा था की मैने देखा उसने अपने दोनो पैरो को मेरी सीट पर रखा हुआ है बेग के उपर रख कर बैठ गई अब मुझे फिर से गुस्सा आया तभी मैने देखा उसका पैर क्या सुन्दर है एकदम गोरा यार सच बता रहा हूँ उसके पैरो को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया तभी मैने शान्त हो कर उससे कहा की आपने मेरे बेग के उपर पैर क्यों रखा तो उसने कुछ नही कहा तभी मैंने उसके पैरो को पकड़ कर अपने बेग से नीचे हटा दिया.

करीब रात के 12.30 हो गये थे मुझे प्यास लगी तो मैने बेग से पानी का बोतल निकाला मैने पानी पिया मैने देखा की वो मेरी तरफ देख रही है मैं समझ गया की वो पानी पीना चाहती है फिर मैने सोचा यार छोड़ जो हुआ सो हुआ इसे पानी दे देता हूँ बेचारी प्यासी है मैने उसे पानी दिया तभी मैने देखा साली रंडी ने मेरी बोतल को मुँह से लगा कर पानी पी लिया मुझे फिर गुस्सा आया पर मैं उससे इतना तंग आ गया की और पूछो मत मैंने फिर कुछ नही कहा अब वो सो गई मुझे तभी लगा की अब मुझे भी सोना चाहिये मै भी अपनी सीट पर जा कर सो गया मेरा बीच का बर्थ था तो मै उपर चढ़ गया और वो औरत नीचे सो गई कुछ देर बाद वो मुझसे बात करने लगी मुझसे पूछने लगी.

लेडी : आप कहाँ जा रहें है?

मे : मैने कहा दिल्ली मैने पूछा और आप?

लेडी : मैं भी दिल्ली मे जा रही हूँ.

फिर मैने कहा उससे गुड नाइट क्योकी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उस औरत के उपर साली रंडी ने मुझे बहुत डिस्टर्ब किया मेरी जगह अगर दूसरा कोई होता तो साली की गांड मार कर चोद देता अब मैं सो गया थोड़ी देर बाद मैने देखा की वो कहीं जा रही है मैं चुपचाप देखने लगा मैने सोचा वो बाथरूम जा रही होगी 5 मिनिट हो गये वो अब तक आई नही मुझे शक हुआ मै बाथरूम की तरफ जाने लगा पर वो मुझे दिखी नही मैने थोड़ा और आगे जा कर देखा की तो वो किसी का बेग सर्च कर रही है.

मैने दूर से ही देखा ट्रेन मे लाइट ऑफ थी थोड़ी सी रोशनी हो रही थी तो मैने उसी मे से उसे देख लिया और मेने पीछे से वीडियो बना लिया उसके बाद मैं अपनी सीट पर आकर चुपचाप सो गया थोड़ी देर बाद वो भी आ गई मैने देखा की उसने बहुत सारा कैश और कुछ ज्वेलरी अपने बेग मे भर ली उसके बाद मैने देखा की उस औरत ने मेरे बेग को खोल के मेरे बेग से 5000 कैश निकाल लिये मै सोच नही पाया की मैं क्या करूँ फिर मैने सोचा इसको सुबह रेल्वे पुलिस को पकड़ा दूँगा उसने मेरे बेग पर अपना हाथ साफ कर लिया रात के करीब 3.30 बज चुके थे तभी एक टी.टी आया और हम लोगों से टिकट माँगने लगा मैने अपना टिकट दिखाया. अब टी.टी ने उससे पूछा आपका टिकट दिखाओ. उसके पास टिकट नही था क्योकी वो सुबह ट्रेन से भागने वाली थी उसे पता नही था की टी.टी अचानक इतनी रात मे टिकट चेक करने आ जायेगा वो टी.टी को बोलने लगी की उसके पास टिकट नही है टी.टी तो बहुत जिद्दी था वो उसे छोड़ ही नही रहा था.

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अब मैंने सोचा की इस लड़की का सच टी.टी को बता दूँ की तभी बगल से ज़ोर ज़ोर की आवाज़ आई हम सब ने जाकर देखा तो जिन लोगों के बेग उस औरत ने साफ किये थे वही लोग चिल्ला रहें थे फिर टी.टी ने कहा अभी सबका बेग चेक होगा कोई यहाँ से नही हीलेगा तो मैं और टी.टी और कुछ 3 लोग सभी यात्रीयों का बेग चेक कर रहे थे हालाकिं मुझे पता था फिर भी मैं खामोश था ना जाने क्यों अब उस औरत की बारी थी मैने तो सोचा की बेटा अब तो साली गयी मुझे बहुत परेशान किया छीनाल ने उसकी बेग खोलते ही मेरा कैश और बाकी का सामान सब निकल आया सब लोग चिल्ला रहे थे की इसे जैल मैं डालो अब वो पूरी तरह फंस गई थी टी.टी ने कहा आप सब शान्त हो जाये इसे मैं छोड़ूँगा नही ये तो कम से कम 5 साल के लिये अंदर जायेगी.

अब वो औरत रोने लगी और टी.टी से मिन्नते करने लगी की उसे छोड़ दे अब सब लोग अपनी अपनी जगह पर चले गये टी.टी मेरे पास आकर बैठा उस औरत को साथ में लेकर अब मैने टी.टी को वो वीडियो क्लिप्स दिखाया वो औरत और रोने लगी मुझसे मिन्नते करने लगी की मैं कुछ करूँ मैने बोला मैं कुछ नही कर सकता अब तुम गई अंदर मैने उससे कहा की तूने मेरे साथ जो किया रात भर तू क्या उसे भूल गयी उसे तुझ जैसी औरत के साथ तो ऐसा ही होना चाहिये इस बीच मेरी टी.टी से अच्छी दोस्ती हो गई टी.टी कहने लगा आप नेक्स्ट स्टेशन पर मेरे साथ आये आपका वो वीडियो क्लिप्स सबूत के तोर पर चाहिये.

मैने कहाँ हाँ ज़रूर कोई बात नही अब वो औरत हमारे पैरों पर गिडगिडाने लगी तभी टी.टी ने गाली दी छीनाल चुप कर वरना तेरी गांड मार दूँगा और 10 साल के लिये अंदर डाल दूँगा तभी टी.टी ने मुझसे कहा ज़रा इस औरत को देखो मैं बाथरूम से अभी आया मैने कहा हाँ ठीक है टी.टी गया मैने उसे पकड़ के रखा था उसकी हालत डर के मारे इतनी खराब थी की उसकी साड़ी के उपर उसका कोई कंट्रोल नही था तभी उसकी साड़ी का पल्लु गिर गया और साड़ी ढीली हो गई उसकी तरबूज जेसी चूची को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया मुझे मन ही मन उसको चोदने का मन कर रहा था मैने उसको कस के पकड़ा था तभी वो मेरे हाथ को अपने दातो से काटने लगी मैंने एक थप्पड़ मारा उसे साली मुझे काटती है तो मैने गुस्से मे उसे सीट पर झटका मारते हुये उसके उपर चढ़ गया मतलब उसे कस के ऐसे दबाया की उसकी मोटी गांड के उपर मेरा खड़ा हुआ लंड मुझे बहुत अच्छा लगने लगा की तभी टी.टी आया.

अब करीब 5.30 बज चुके थे हम सब ट्रेन से उतरे और उन लोगो ने अपनी शिकायत लिखाई और चले गये टी.टी ने मुझे रुकने को कहा तो मैं रुक गया उस छीनाल को अंदर ले जाकर बंद कर दिया वो बहुत रो रही थी उन लोगो ने उसे अपनी गिरफ़्त मे ले लिया मैं वहीं बैठा था की तभी मुझे क्या हुआ मुझे पता नही मै तुरंत टी.टी के पास गया और टी.टी को बोलने लगा सर इस औरत का अब क्या होगा? तो उसने कहा क्या होगा कल उसे कोर्ट ले जायेगे फिर जैल होगी तभी मैने कहा की ये मामला क्या यहाँ रफ़ा दफ़ा नही हो पायेगा? उसने मुझे थोड़ी देर देखा और कहा क्यों तुम ये बात क्यों बोल रहे हो? मैने कहा नही आप बताये ना की कुछ बंदोबस्त होगा तो खर्चा मैं करूँगा तभी उसने कहा हाँ हो जायेगा अंदर सर बैठें है उन्हे अगर कुछ माल दिया जाये तो हो जायेगा.

मैने कहा ठीक है तभी मैने कहा चलिये अंदर जाकर सर से बात करतें है हम गये टी.टी सर से बात करने लगा सर बोलें ठीक है मैं 12000 लूँगा मैने कहाँ ठीक है टी.टी ने अब मुझे कहा यार इस औरत के लिये तू इतना पैसा अपना क्यों बर्बाद कर रहा है? मैने कहा नही मालूम मुझे इस पर दया आ रही है और इस छीनाल ने जो मेरे साथ रात भर किया उसका बदला लेना है इससे इसे मैं अपने साथ ले जाऊंगा थोड़ी देर बाद सर ने हम सब को अंदर बुलाया उस रंडी का तो रो रो कर बुरा हाल था अब सर ने औरत से पूछा तू ये सब काम क्यों कर रही थी? तो वो रोने लगी और कहने लगी साहब आज के बाद से में कभी नही करूँगी मुझे जाने दीजिये सर बोले नही तू अब 5 साल के लिये जायेगी जैल सर ने पूछा की तेरे घर मैं और कौन है?

उसने कहा कोई नही उसका एक पति था वो उसे छोड़ के चला गया वो अब अकेली है और शान से रहने के लिये लोगो को ट्रेन मे लूटती रहती है तभी उससे सर ने कहा देख ये भाई साहब तुझे छुड़ा के ले जा रहे है अपने साथ 12000 मैं तुझे इनके साथ जाना पड़ेगा अगर आगे से भागने की कोशिश की या गड़बड़ की तो सारी उम्र के लिये अंदर डाल दूँगा अब उसने रोना बन्द कर दिया और उसने मेरी तरफ देखा की जैसे वो इशारो मैं कहना चाह रही हो की थैंक्स मैने सर को 12000 कैश दिया और सर ने एक एग्रीमेंट साइन करवाया और उसका भी साइन लिया मैने टी.टी को 4000 दिये अब टी.टी ने मुझे 2 टिकट दिये और कहाँ जाओ इसे लेकर चल जाओ मैने अपना सामान उठाया और अपने रुमाल से उसके आँसू पोछे और उसका हाथ पकड के जाने लगा.

मैने फिर दूसरी ट्रेन पकडी और उसे ट्रेन मे लेकर आया और सारे रास्ते मैं उसे अपनी नज़रों के सामने कहीं जाने नही दिया कहीं साली 420 भाग ना जाये यहाँ तक की वो ट्रेन मे बाथरूम करने गई तो मैं भी उसके पीछे पीछे जाने लगा ट्रेन मे उसने मुझे बोला थैंक्स मुझे मुसीबत से बचाने के लिये मैं तब मन ही मन सोच रहा था की तेरी मुसीबत तो अब शुरू होगी कल रात तूने मुझे तडपाया उसका हिसाब लेना है मैने कहा ठीक है तो उसने मुझे बताया की उसका पति उसे छोड़ के चला गया और उसे बड़े लोगों के जैसा रहने का बहुत शोक है इसीलिये वो ट्रेन मे बड़ी बड़ी चोरीयां करती है उसने मुझसे कहाँ आप मुझे कहाँ ले जा रहें है? मैने कहाँ मेरे साथ मेरे नये घर मे उसने कहा नही मुझे रास्ते मे उतार दीजिये मैं चली जाउंगी.

मैने कहा मैने तुम्हे 16000 मे छुड़ाया है उसका क्या होगा तब वो चुप हो गयी मैने कहाँ मेरे साथ चल मेरे घर का सारा काम तू कर देना मेरे साथ रहना उसने बोला नही मुझे जाने दीजिये मैने कहाँ चुप छीनाल रंडी तेरा वीडियो क्लिप्स मेरे पास है अभी केस कर दूँगा तो 10 साल की जैल हो जायेगी तब वो चुप हो गयी मैने उसे ट्रेन मे कहा चल मेरा पैर दबा उसने दबाया फिर शाम को हम दिल्ली मे उतरे मेरी कंपनी ने मुझे एक घर दिया है मैने टेक्सी पकडी और उसे लेकर मैं घर चला आया मुझे बहुत भूख लगी थी तो मै रात के खाने के लिये कुछ खाना लाया मेरा रूम बहुत ही छोटा है सिर्फ़ 1 बेडरूम 1 किचन 1 बाथरूम मैने नीचे बिस्तर लगाया मैंने उससे कहा तुम खाना खा लो आज से तुम मेरे ही साथ ही रहोगी.
सॉरी दोस्तों मै उसका नाम और उम्र बताना तो भूल ही गया उसका नाम है शालू और उम्र है 33 साल, गोरी है मोटी है पर कोई राजकुमारी से कम नही है उसका बूब्स तो तरबूज के साइज़ का है और गांड इतनी बड़ी की दो हाथ से भी पकड़ने मे तकलीफ़ होती है)

उसने कहा ठीक है अगर भागने की कोशिश की तो फिर समझ लेना क्या होगा उसने कहा ठीक है मैने बिस्तर लगाया और दोनो सो गये वो मेरे बगल मे ही सो गयी उसे भी नींद नही आ रही थी और मुझे भी मुझे बहुत सेक्स चढ़ रहा था तो मैंने अपना हाथ पेन्ट के अंदर डाल लिया मैं उसकी पीठ को देखे जा रहा था और उसकी बड़ी सी गांड को और पेन्ट के अंदर से ही मूठ मारने लगा उसने अचानक पीछे मुड़ कर मुझे देख लिया की मैने अपना हाथ पेन्ट के अंदर डाला हुआ था मैने बोला कहो क्या बात है उसने कहा मैं आप को क्या कह कर बोलू साहब? मैने कहा तुम मुझे जान कह कर बोलना तो उसने मुझे कहा आप बहुत अच्छे हो जान और वो पीछे मूड कर सो गई.

मैने मन ही मन सोचा मैं और अच्छा मैं कितना कमीना हूँ तुझे कल से पता चलेगा वो भी सो गई और मैंने शालू को याद करके बाथरूम जा कर मूठ मारा और उसके बगल मे आकर सो गया नेक्स्ट दिन सुबह मैं उठा और नहा के फ्रेश हो गया शालू अभी भी सो रही थी अब मैने सोचा अभी से इससे बदला लेने का टाइम शुरू होता है मैने उसे आवाज़ लगाई पर वो उठी नही मैने अपना शेतानी आइडिया लगाया और उसके पीछे जाकर उसकी गांड के सामने गया वो 2 दिनो से वही साड़ी पहने हुई थी तो साड़ी काफ़ी ढीली हो गई थी मैने गांड से साड़ी को थोड़ा नीचे किया और एक थप्पड़ मारा अब वो हडबडा के उठ गयी मैने कहा छीनाल रंडी कितनी देर तक सोयेगी चल उठ जा नाह कर फ्रेश हो जा उसने मुझसे कहाँ चाटा क्यों मारा.

मैने कहा मुझसे कभी सवाल मत करना वरना और मारूँगा तो वो चुप हो गयी और चुपचाप बाथरूम में चली गयी कल से मुझे ड्यूटी जॉइन करना था तो मुझे सुबह बाज़ार जाकर घर का सामान खरीदना था मैं सोच ही रहा था की तभी वो बाथरूम से बाहर आई यार क्या बताऊँ क्या लग रही थी वो उसके पास कपड़े नही होने के कारण उसने वही साड़ी पहन ली साड़ी गंदी हो चुकी थी तो मैंने कहा साड़ी खोल दे गंदी चीज़ मत पहना कर मेरे सामने तो उसने कहा तो मे क्या पहनू? मैं नही खोलूँगी मुझे गुस्सा आया मैंने कहा मुझे मना करती है रंडी की बच्ची मैने साड़ी पकडी और ज़ोर से खींच के पूरी उतार दी.

अब वो सिर्फ पेटीकोट मे थी मुझसे रहा नही गया मैंने उसको नीचे ज़मीन मे पटक दिया और उसके बूब्स को ज़ोर से पकड़ लिया वो मुझसे कहने लगी मुझे छोड़ो आप क्या कर रहे हो मैने कहा चुप हो जा चिल्ला मत मै उसके गुलाबी होठो को ज़ोर से किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा वो दर्द से उम्म बहुत लग रहा है छोड़ो मुझे उईईईईईइमाँ वो मुझे किस करने से रोक रही थी तो मैंने एक चाटा मारा वो चुप हो गयी फिर मैने उसे छोड़ दिया हमने सुबह नाश्ता किया और शालू को कहा छीनाल चल मार्केट चल मेरे साथ घर का समान खरीदना है मै उसे मार्केट ले गया और घर का ज़रूरत का समान खरीद कर लाया छोटा सा बेड खाना बनाने के लिये स्टोव और भी कुछ लाया दोपहर मे उसने मेरे लिये खाना बनाया और हम दोनो ने खाया और सो गये शाम को मैं उसे फिर से घूमाने ले गया ताकि उसे मुझ पर भरोसा हो जाये.

ये मेरे लिये ज़रूरी था क्योकी नेक्स्ट दिन जब मैं काम पर चला जाऊंगा उसे अकेला छोड़ कर फिर कहीं वो भाग ना जाये इसीलिये मै उसे शाम को घूमाने ले गया और लास्ट मे उसके लिये ब्रा पेंटी और बहुत सारी साड़ी और एक गोल्ड का हार खरीद के दिया हार से वो बहुत खुश हो गयी मैने उसके चेहरे पर ख़ुशी देखी साली ने आज मेरा फिर से खर्चा करवा दिया हमने बाहर ही खाना खाया अब हम घर पहुंचे मैने दरवाज़ा लगाया औए उसे अचानक एक झटके मे नीचे गिराया और उसकी साड़ी को खींच के निकाल दिया और ब्लाउज को पकडा और एक झटके मे फाड़ दिया उसे पता ही नही चला की ये अचानक उसके साथ ये क्या हो रहा है उसके साथ उसने कहा ये क्या कर रहे हो कपड़े क्यों फाड़ रहे हो? मैने कहाँ तुझे चोदना है उसने कहा नही मुझे छोड़ो मैने कहाँ रंडी चुप कर नही नही तो तेरी चूत और गांड मार दूँगा वो डर गयी.

मैने उसे पूरा नंगा कर दिया अब मे उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और मुँह मे लेकर चूस रहा था अब मैने उसके पैरो को चोड़ा किया और अपना मुँह उसकी चूत मे डाल कर सहलाने लगा उसकी चूत पर बाल थे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था अब वो भी मेरा साथ देने लगी और मुँह से आवाज़ निकालने लगी उहहमाआ माआआआ माआअ मैं मर गयी जान और चाटो मेरी चूत को जान मैं बहुत सालो से प्यासी हूँ मैने कहाँ तू चिंता मत कर मेरी जान आज मैं तुझे चोद के तेरी माँ चोद दूँगा मैने कहा चल अब नया वाला ब्रा और पेंटी पहन और वो गोल्ड का हार भी मैं देखना चाहता हूँ तुझे तू केसी लगती है.

उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहनी यार क्या बताऊँ क्या गजब लग रही थी यार अब मैंने उसे गोद मे उठाया और नीचे सुलाया और ब्रा और पेंटी को खोला मेरे सामने एक पतली लंबी लौकी थी मैने उसे उठाया और उसकी चूत मे मेरा लंड पेलने लगा अब वो चिल्ला रही थी मे मर जाउंगी निकालो निकालो मैने उसके गाल पर बूब्स पर गांड पर 2-2 चाटे मारे मैने उससे कहा साली छीनाल ट्रेन मे तूने मेरे साथ जो किया उसे मैं भुला नही पाया उसी का बदला ले रहा हूँ मैं उसने कहा माफ़ कर दो बहुत बड़ी ग़लती हो गयी मुझसे मैने कहा मुँह बंद कर साली तेरे भरोसे की माँ चोद दूँगा आज मैं अब मैने अपना लंड उसके मुँह मे घुसा दिया उसको ज़बरदस्ती चटवाया उसको मैने इतना मारा की वो हल्का हल्का रोने की हालत मे आ गयी मैने उसकी चूत मे हल्का सा अपना लंड डाला.

उसके बाद एक ज़ोर का शॉट मारा मेरा लंड अंदर चला गया और तभी साली ने बड़े बड़े नाख़ून मेरी पीठ पर चुबा दिये उसने मुझे कस के पकड़ा और ज़ोर से चिल्लाने लगी मैं मर गयी ऊहह माँ जान मुझे चोदो और ज़ोर से मैं आज मर जाउंगी छोड़ना मत मुझे मेरी जान और चोदो मुझे ऊवू मैं ज़ोर ज़ोर से उसे चोद रहा था जान मुझे अपनी रखैल बना लो मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ मुझे चोद के मेरे भोसड़े की माँ चोद दो पूरे रूम में सिर्फ़ छप छप की आवाज़ आ रहा थी अब वो झड़ने वाली थी कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मैने मेरा माल उसके मुँह में डाल दिया और वो उसने पी लिया रात के 12 बज चुके थे में झड़ने के बाद उसके बदन से लिपट कर 5 मिनिट तक सोया रहा अब मे फिर से खड़ा हो गया और उसे गोदी मे उठाया और घोड़ी के जैसा बनाया मेरी सबसे प्यारी चीज़ उसकी गांड मैने उसकी गांड मे अपना लंड घुसाया वो चिल्ला उठी आआहह निकालो निकालो मैं मर गयी वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी पर मैने उसे कस के पकड रखा था और गांड मे ज़ोर ज़ोर का शॉट मारता गया.

अब उसे इतना दर्द हो रहा था फिर भी उसे कुछ पता नही चल रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है वो अब सिर्फ़ गग्ग्गूणन ग्गगूउंण की आवाज़ निकाल रही थी मै 30 मिनिट तक उसकी गांड मारता गया. फिर मैने उसका मुँह खोला और मेरा लंड उसके मुँह मे डाल दिया और उसे लंड साफ करवाया और उसके मुँह मे ही लंड घुसा के चोदता रहा और लास्ट मे अपना स्पर्म उसके मुँह मे ही डाल दिया और वो पी गई अब उसके बदन मे बिल्कुल ज़ोर नही था फिर भी मैने उसे नही छोड़ा उसे सीधा किया.

उसकी चूत मे अपना लंड फिर से डाल कर चोदने लगा मुझे पता ही नही चला की कब वो बेहोश हो गई मैने उसके बूब्स पर अपना रस फिर छोड़ा और उसे होश मे लाया और उसके बदन को मैने साफ किया और उसकी गर्म चूत मे मैंने फिर से अपना लंड घुसाया और उसकी बूब्स को बच्चो की तरह चूसता रहा और हम कब सो गये पता ही नही चला दूसरे दिन सुबह मैं जल्दी उठा और नहाकर फ्रेश हो गया वो छीनाल रंडी वेसे ही नंगी सोई थी मैने आवाज़ लगाई वो उठी नही अब मैं उसकी गांड के उपर चड गया और मेरे लंड को फिर से घुसा दिया अब वो दर्द की वजह से उठ गयी और मुझे कहने लगी कल रात जेसे आपने मुझे चोदा मुझे बहुत मज़ा आया मैं आपकी रखैल बनना चाहती हूँ और अभी मेरी गांड आप मत चोदो मे मर जाउंगी.

मैने कहाँ हाँ चल ठीक है जा अब जाकर फ्रेश हो कर आ वो टायलेट गई और मैं किचन मे तभी शालू चिल्लाई मैं चोक गया तो देखा की शालू डरती हुई मेरे पास आई और रोने लगी और कहने लगी की वो टायलेट नही कर पा रही है उसे बहुत दर्द हो रहा है मैने उसे चुप कराया और कहा चलो मैं देखता हूँ हम जैसे गले मिलते है वेसे ही पोज़ मे मैने उसे कस के पकडा और टायलेट के उपर दोनो बैठ गये मैने उसकी गांड को दोनो तरफ़ खींचा तभी पेशाब कर पाई तभी उसने मुझे अपने पेशाब से मुझे नहला दिया मैने तभी उसे कस के 2 थप्पड़ मारा साली मै अभी नाहया था तूने सब ख़राब कर दिया अब मैं ओर वो एक साथ नहाये उसने मेरे लिये टिफिन बनाया और मैं 10 बजे ऑफीस निकल गया मैने हालचाल जानने के लिये फोन किया तो उसने कहा वो ठीक है और घर का काम कर रहीं है मैं 5 बजे घर चला आया जैसे ही मैंने बेल बजाया उसने दरवाजा खोला उसने साड़ी पहन रखी थी.

मुझे फिर गुस्सा आया मैंने साड़ी खींच के उसे नंगा कर दिया और उसकी गांड मे एक बार फिर लंड घुसा दिया वो रोने लगी मैने फिर कहा मैं जब ऑफीस से घर आऊंगा तो मुझे तू साड़ी मे नही दिखनी चाहिये उसने कहा ठीक है अब मैं नंगी ही रहूंगी मैने उससे कहा मेरे लिये दूध ला मुझे पीना है वो मेरे लिये दूध लाई मैने दूध लिया और उसके नंगे बदन पर दूध डालने लगा और दूध उसकी चूत पर गिरता गया और मैं चूत मे मुँह लगा के उसका दूध पीने लगा था फिर शाम को मैने उससे कहा चल मुझे नाच के दिखा अपनी चूत में उंगली मार मार के दिखाना वो वेसे ही नाची फिर वो खाना बनाने लिये किचन मे चली गयी मैं भी उसके पीछे चल दिया.

मैंने उसे पीछे से पकड़ा और वो खाना बनाने लगी फिर दो दिन बाद जब उसे दर्द से छुटकारा मिल गया तभी शाम के टाइम वो खाना बना रही थी और मैंने पीछे से जाकर उसकी गांड मैं लंड डाल दिया और खड़ा खड़ा चोदने लगा और वो खाना बनाने लगी अब हर रात को मैं उसे चोदता हूँ फिर मैने उससे कहा मुझे तेरा दूध पीना है उसने कहा जान इसके लिये तो एक बच्चे को जन्म देना पड़ेगा और उसी दिन रात को मैंने उसे चोदा पहले उसकी टांगो को चूमता हुआ चूत मे जाकर खुजली की अब उसकी एक टांग को उठाया और अपने लंड को उसकी चूत मे डाल दिया. दोस्तों ये अब रोजाना का काम हो गया था..

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ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा https://sexstories.one/train-me-maa-ko-ajnabhi-ne-choda/ Fri, 22 Oct 2021 06:04:32 +0000 https://sexstories.one/?p=4611 माँ लेट गयी और वो आदमी उनके पैर के तरफ उकडू बैठ गया… उसका काला लंड लुंगी के बाहर था… उसने फिर माँ के पैर से साड़ी ऊपर किया.. मैं आँखें बंद कर के पड़ी रही… फिर उसने साड़ी पूरी हटा दी… माँ ने तो पहले से ही सारे उन्देर्गर्मेन्ट्स उतार दिए थे..

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Train me maa ko ajnabi ne chodaदोस्तों, मेरा नाम जग्गी है और मैं बरोदा का रहनेवाला हूँ। मैं अक्सर हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानियाँ (Hindi sex kahaniyaan) , बीवी कि चुदाई (Biwi ki chudai), माँ की चुदाई (Maa ki Chudai), सामूहिक चुदाई (Samuhik Chudai) की कहानियाँ पढ़ने आता हूँ। अब जो कहानी मैं बताने जा रहा हूँ, वो मेरे माँ, सरिता, के बारे में है।

मेरी माँ, सरिता, एक हाउसवाइफ है और दिखने में एवरेज है, मगर उनका फिगर कातिलाना है। चूची 36D, कमर 34 और चाल जान लेने वाली। वो अक्सर साडी ही पहनती है। मेरे पापा, कांट्रेक्टर है। वो आउट ऑफ़ स्टेट आते-जाते रहते है। मेरी एक छोटी बहन भी है, जो १२ साल की है।

ये कहानी उस वक़्त की है, जब हमे एक शादी अटेंड करने जाना था, दिल्ली.. पापा तो आगरा में काम से गए हुए थे, तो वो वहीँ से दिल्ली आने वाले थे.. हमे बरोदा से जाना था फंक्शन अटेंड करने। माँ ने ऑनलाइन टिकट निकलवाया 2 AC कोच का। मगर जैसे के ऑनलाइन टिकट का पन्गा हमेशा होता है.. सीट एक लाइन में नहीं मिला… २ सीट आमने-सामने मिले और एक sidewala-ऊपर का….

खैर, वो दिन आ गया और हम तैयार हो कर स्टेशन पहुंच गए.. माँ ने साड़ी पहनी थी, बहन जीन्स-टॉप और मैं अपने कैसुअल ऑउटफिट में था.. ट्रैन टाइम पर आ गयी और हमने पकड़ ली… जब सीट पर पहुंचे तो देखा के आमने-सामने वाले दोनों सीट ऊपर के थे.. माँ के लिए ऊपर चढ़ना मुश्किल होगा, तो मैंने उनसे साइड वाले सीट पर बैठने के लिए कह दिया… मैं और मेरी बहन, काजल, ऊपर वाले सीट पर चले गए…

क्योंकि रात के ९ बज रहे थे.. सब सोने की तैयारी करने लगे थे। हमने घर पर ही डिनर कर लिया था तो हम भी सोने लगे। माँ साइड वाले बर्थ पर बैठी थी, वह एक अधेड़ उम्र का काला सा आदमी भी था.. मैं ऊपर लेट गया और बैग से एक किताब निकाल पढ़ने लगा।

Sexkatha चूत की बिछ गयी है बिसात

काजल सो चुकी थी। करीब २ घंटे बीत गए थे और मुझे भी नींद आ रही थी… मैंने नीचे देखा… वो आदमी और मेरी माँ कुछ बात कर रहे थे और बैठे थे… बाकी सब सो रहे थे.. लाइट्स भी एकदम धीमी थी.. ज़्यादा कुछ दिख नहीं रहा था.. पर क्योंकि मेरा सर साइड वाले बर्थ के तरफ था तो मुझे उनकी बातें सुनाई दे रही थी और दिख भी रहा था…

“आप दो बच्चों की माँ नहीं लगती.. “, उस आदमी ने कहा…

माँ मुस्कुरा दी.. वो थोड़ा शर्मा भी गयी.. ,”कुछ भी… मेरे बच्चे तो अब बड़े भी हो गए है… आप अपना बताइये..”

“मैं तो बरोदा में ही रहता हूँ.. मेरा ठेकेदारी का बिज़नेस है… कुछ काम है तो दिल्ली जाना पड़ रहा है.. अच्छा ही हुआ के मैं आ गया, वरना आप जैसे खूबसूरत कली से मुलाकात कैसे होती…”

उस आदमी ने कहा… और दोनों हंस पड़े… माँ और उस आदमी में कुछ ज़्यादा ही बातें हो रही थी…

उन दोनों के फॅमिली लाइफ के बारे में बातें की… कुछ देर बाद वो आदमी उठा और बैग से लुंगी निकल ली…

“अगर बुरा न मानो, तो मैं चेंज कर लू… रात को पूरे कपड़ों में मुझे नींद नहीं आती… ” उसने शर्ट का बटन खोलते हुए कहा…

माँ ने अगल-बगल और हमारी तरफ देखा… मैंने झट से अपने सर नीचे कर लिया और सोने की एक्टिंग करने लगा… माँ को लगा के हम दोनों सो रहे है..

“नो प्रॉब्लम, कर लो.. पर पर्दा लगा डोज तो अच्छा होगा.. “, माँ इशारा करते बोली…

उस आदमी ने हमारी तरफ वाली कर्टेन खींच के बंद कर दी… साइड वाले बर्थ का पर्दा पूरा बंद नहीं हुआ था तो मुझे लगभग पूरा नज़ारा ऊपर से दिख रहा था…

कुछ देर में वो आदमी सिर्फ बनियान में आ गया, और अपनी पैंट माँ के सामने उतार दी… मैं चोर नज़रो से उसका अंडरवियर देख रही थी.. पैंट निकाल कर उसने ऊपर से लुंगी पहन ली..

“मैं ज़रा फ्रेश हो कर आता हु..”, इतना कह वो बाथरूम चला गया…

माँ भी उठी और चुपके से अपनी ब्लाउज और ब्रा निकाल दी.. मैंने कभी माँ को ऐसे नहीं देखा था… उनकी बड़ी चूचियाँ हवा में थी… फिर माँ ने अपनी चूचियाँ साड़ी से ढकी और झुक कर साड़ी के अंदर हाथ डाला…

मैं सन्न रह गया… माँ ने अपनी चड्डी भी निकाल दी… माँ पूरे चुदाई के मूड में आ गयी थी.. पता नहीं उस आदमी के क्या जादू किया था…

फिर माँ साड़ी पकड़ बर्थ पर बैठ गयी… कुछ देर में वो आदमी आया और मुस्कुराते हुए बोला.. ,”लेट जाओ आप.. थकी हुई लगती हो.. मैं कोने में बैठ जाता हु…”.

इतने कह उसने दूसरे हाथ में से कुछ अपने बैग में डाल दिया…

वो उसका अंडरवियर था..!!!!

Chodayi पानी और चुत ki

उसने बाथरूम में अपना अंडरवियर भी निकाल दिया था… अब दोनों पूरे नंगे थे अंदर से… बाद कार्यक्रम शुरू करना बाकी था…

माँ लेट गयी और वो आदमी उनके पैर के तरफ उकडू बैठ गया… उसका काला लंड लुंगी के बाहर था…

उसने फिर माँ के पैर से साड़ी ऊपर किया.. मैं आँखें बंद कर के पड़ी रही… फिर उसने साड़ी पूरी हटा दी… माँ ने तो पहले से ही सारे उन्देर्गर्मेन्ट्स उतार दिए थे.. बस पेटीकोट रह गया था.. उस आदमी में वो भी उतार दिया…

माँ पूरी नंगी थी… झांटों वाली चूत, मोटी जांघ, बड़े गोल चूचियां… सब नंगे थे…

उस आदमी ने अपनी लुंगी उठायी और अपने लंड ले थोड़ा थूक लगाया… माँ की टाँगे फैलियी और २ ऊँगली उनके चूत में दाल ऊँगली से चोदने लगा… माँ हल्का-हल्का कराहने लगी…

कुछ देर चूत गीला करने ले बाद उसने अपना लंड उनके चूत में डाल दिया… माँ उछल पड़ी.. उसका लंड बड़ा था…

धीरे धीरे आगे अपना लंड पेलते वो माँ की चूचियाँ मसल और चबा रहा था… माँ रोमांच में किसी मछली के तरह मचल रही थी… फिर उसने ज़ोर के धक्के देना शुरू कर दिया…

उसने माँ की चूत करीब १५ मिनट तक चोदी और अंदर ही झड़ गया… झड़ने के बाद कुछ देर माँ पर लेटा रहा…

“मज़ा आया?”, उसने हलके से पुछा…

माँ मुस्कुरा दी.. कुछ बोली नहीं।

“अब ज़रा मेरा लंड चूसोगी तो और मज़ा आएगा.. “, उसने अपना लंड माँ के मुँह के तरफ किया…

माँ ने बिना रुके उसका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी… माँ ने उसका लंड चूस के साफ़ किया और दोनों एक दूसरे से लिपट लेते रहे..

मैं ये सब देख भोचक्का रह गया था… माँ ने किसी गैर मर्द से अपनी चूत चुदवाई थी…

अगले सुबह हम दिल्ली पहुंचे… पापा स्टेशन पर हमसे मिले… और हम फंक्शन अटेंड करने चल दिए…

उस आदमी में जाते-जाते माँ की गांड ज़ोर से दबा दी… मेरे अलावा किसी और ने ये देखा नहीं था..

माँ हंस कर दूसरी तरफ हो ली..

माँ ने फंक्शन में भी मज़े किये… पर वो कहानी आगे के अंक में..

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अनजान लड़की ट्रेन में मिली https://sexstories.one/ladki-ko-train-me-choda/ Mon, 22 Feb 2021 04:00:17 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b2%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b2/ मेरा नाम राजीव है मैं बनारस का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 24 वर्ष है। मैं पुणे से एमबीए की पढ़ाई कर रहा हूं, यह मेरा आखिरी वर्ष है, मुझे पुणे में 10 वर्ष के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राजीव है मैं बनारस का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 24 वर्ष है। मैं पुणे से एमबीए की पढ़ाई कर रहा हूं, यह मेरा आखिरी वर्ष है, मुझे पुणे में 10 वर्ष के करीब हो गया है और मैं अपनी पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा ध्यान देता हूं। मैं पढ़ने में भी पहले से ही अच्छा था इसीलिए मेरे पिताजी ने मुझे आगे की पढ़ाई के लिए पुणे भेज दिया. train me choda

वह चाहते थे कि मैं एक अच्छे कॉलेज में पढूं इसीलिए मैं पुणे के एक अच्छे कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूं.. train me choda

और जिस प्रकार से उन्होंने  मुझे एक अच्छे कॉलेज में पढ़ने के लिए भेजा मैं हमेशा ही उनके लिए सोचता हूं क्योंकि वह ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। मेरे पिताजी स्कूल में एक कलर हैं, मैं हमेशा ही उन्हें ध्यान में रखकर अपनी पढ़ाई करता हूं और सोचता हूं कि किस प्रकार से उन्होंने मुझे इतनी दूर पढ़ने के लिए भेजा।

मैं कॉलेज के हॉस्टल में रहता हूं. train me choda

मेरी एक बार कॉलेज में किसी बात को लेकर कुछ लड़कों के साथ बहस हो गई थी, वह बात बहुत ज्यादा बढ़ गई जिसकी वजह से कॉलेज प्रशासन ने मेरे घर वालों को कॉलेज में बुला लिया, मैं नहीं चाहता था कि उनके सामने मेरी बेइज्जती हो लेकिन जब यह बात मेरे पापा को पता चली तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम यदि अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पा रहे हो तो तुम आपस आ जाओ।

वह अच्छे व्यक्ति होने के साथ साथ बहुत सख्त किस्म के भी हैं। train me choda

मैंने उन्हें कहा कि ऐसी कोई भी बात नहीं हुई है, उन लड़कों ने हीं मेरे साथ बदतमीजी की थी इसीलिए मैंने भी उन्हें उसका जवाब दे दिया जिस वजह से कॉलेज प्रशासन को पता चल गया और उन्होंने आपको नोटिस भिजवा दिया। मैंने उस दिन अपने पापा को तो मना लिया लेकिन कॉलेज में वह लोग मेरी बात मानने को तैयार नहीं थे, मैंने उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह लोग बिलकुल भी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थे।

वह मुझे कहने लगे कि तुम्हें अपने पापा को तो कॉलेज में बुलाना ही पड़ेगा क्योंकि हमारे कॉलेज के रूल बडे ही शक्त थे इसीलिए मुझे अपने पापा को कॉलेज में बुलाना पड़ा।

जब वह आए तो उन्होंने कॉलेज में मेरे टीचर बात की, उन्होंने उस दिन तो वार्निंग देकर छोड़ दिया परंतु मेरे पापा अपने स्कूल से छुट्टी लेकर आए थे और मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि वह मेरे लिए इतनी दूर आए। मैंने पापा को कहा कि मेरी वजह से आपको इतनी तकलीफ हुई, वह कहने लगे कोई बात नहीं यदि तुम गलत नहीं हो तो मैं तुम्हारा साथ हमेशा दूंगा।

मैंने उनके लिए रुकने के लिए एक गेस्ट हाउस में बात की थी.. ladki ko train me choda

और वह वहीं रूके, जब वह वहां रुके थे तो उस दिन मैंने पापा के साथ ही बाहर डिनर किया। जब मेरे पापा मेरे साथ बैठे हुए थे तो वह मुझसे पूछने लगे  तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है, मैंने उन्हें कहा पढ़ाई तो अच्छी चल रही है  परन्तु आपको मेरी वजह से बहुत ही दुख हुआ होगा,  वह कहने लगे कोई बात नहीं तुम यदि पहले ही यह बात बता देते तो मैं खुद ही आ जाता लेकिन अब मेरे पिताजी पूरी तरह से संतुष्ट हो चुके थे इसलिए वह कहने लगे कोई बात नहीं तुम अपनी पढ़ाई में ध्यान दो कभी कबार ऐसा हो जाता है।

मैंने अपने पिताजी को गेस्ट हाउस में छोड़ा, उसके बाद मैं वहां से अपने हॉस्टल आ गया, जब मैं अपने हॉस्टल में पहुंचा तो मैंने अपने पापा को फोन कर दिया, वह मुझे कहने लगे मेरी कल सुबह की ट्रेन है मैं सुबह सुबह ही निकल जाऊंगा। वह कहने लगे तुम अपना ध्यान रखना और अगली सुबह वह बनारस के लिए निकल पड़े, जब वह बनारस पहुंच गए तो उन्होंने मुझे फोन कर दिया और कहने लगे मैं घर पहुंच चुका हूं।

antarvasna2 ki chudai

उनके जाने से मुझे भी बहुत अजीब सा लग रहा था इसलिए मैं भी सोचने लगा मैं भी कुछ दिनों बाद घर चला जाता हूं, कुछ दिनों के बाद हमारे कॉलेज की छुट्टियां पढ़ने वाली थी तो मैंने अपना रिजर्वेशन पहले ही करवा लिया था। मैंने अपना रिजर्वेशन करवाया तो मैंने अपने पापा को बता दिया कि मैं कुछ दिनों के लिए घर आ रहा हूं क्योंकि कॉलेज की छुट्टियां पड़ रही है।

यह बात सुनकर मेरे पापा मम्मी बहुत खुश हो गए.. train me choda

और वह कहने लगे तुम्हारी कितने दिनों की छुट्टियां है, मैंने उन्हें कहा कि 20 दिन की हमारी छुट्टियां हैं और मैं यहां से कुछ दिनों में ही निकल जाऊंगा। मैं जब अपने घर के लिए निकला तो मैं ट्रेन में ही बैठा हुआ था, मेरे आसपास काफी लोग बैठे हुए थे, मेरे सामने ही एक परिवार था वह मुझसे पूछने लगा कि क्या कम पुणे के रहने वाले हो, मैंने उन्हें कहा नहीं मैं बनारस का रहने वाला हूं।

मैं अब अपनी सीट में लेट गया, ट्रेन भी अपनी रफ्तार से चल रही थी, मैं अपने लैपटॉप में ही मूवी देख रहा था और जब एक स्टेशन में ट्रेन रुकी तो मैं ट्रेन से नीचे उतर गया, मैंने बाहर से एक पानी की बोतल ली और कुछ देर तक मैं बाहर ही टहलका रहा। जब ट्रेन निकलने वाली थी तो मैं ट्रेन में चढ़ गया। मैं जब ट्रेन में चढ़ा तो मुझे सामने ही एक लड़की दिखाई दे गई वह जींस और टॉप पहने हुए बैठी हुई थी उसने वाइट कलर का टॉप पहना हुआ था उसमें वह बड़ी ही सेक्सी लग रही थी। मैं दरवाजे के सामने ही खड़ा हो गया और उसे देखने लगा।

मैं काफी देर तक उस पर अपने नजरों से बाण चलाता रहा.. train me choda

जब उसकी नजर मुझ पर पड़ी तो वह भी बड़े ध्यान से मुझे देख रही थी कुछ देर मैंने उसे इशारा किया और अपने पास बुला लिया। वह दरवाजे के पास आ गई, हम दोनों वहां पर खड़े होकर बात करने लगे उसका नाम रूपल था। रूपल और मेरी काफी देर तक बात हुई जब वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो गई तो हम दोनों ही बाथरूम में घुस ग।ए मैंने जब रूपल के गुलाबी होठों को बहुत देर तक रसपान किया और उसके होठों से खून निकाल दिया तो मैं बहुत खुश हो गया।

जब मैंने उसके स्तनों को चूसा तो उसके छोटे से स्तन मैंने काफी देर तक चूसे, उसके निप्पल भी बड़े गोल थे और उन्हें चूसकर मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था और वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। मैंने जब रूपल से कहा तुम अपनी जींस को उतार दो, जब उसने अपनी जींस के बटन को खोला तो उसने अंदर से ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई थी..

उसमें वह बड़ी सेक्सी दिख रही थी। train me choda

उसने जैसे ही अपनी जींस को नीचे उतारा तो मैंने उसकी योनि के अंदर अपनी उंगली डाल दी उसकी योनि बड़ी ही टाइट थी और वह पूरी तरीके से मेरे साथ सेक्स करने को उतारू थी। जब मैंने उसे घोड़ी बनाया तो मैंने धीरे धीरे उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मोटा है।

मैंने उसकी गांड को पकड़ कर रखा और बड़ी तेज गति से मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर बाहर करना जारी रखा। मैं जब भी अपने लंड को अंदर करता तो वह अपने मुंह से मादक आवाज निकालती और मुझे अपनी ओर आकर्षित करती। मैंने उसकी चूत बहुत देर तक मारी जब उसकी चूत ने कुछ ज्यादा ही तरल पदार्थ छोड़ना शुरू किया तो मुझे लग गया कि अब यह झडने वाली है।

मुझे उसे चोदते हुए 5 मिनट हो चुके थे .. train me choda

और उन 5 मिनट में मैंने उसे 250  झटके मार दिए थे लेकिन मेरे झटके इतनी तेज थे कि मेरे झटको से रूपल को दर्द होने लगा था। उसकी चूतड लाल हो चुकी थी, उसकी चूतड का साइज बड़ा गोल सा था उसकी टांगें भी बहुत लंबी थी। मैंने उसे बड़ी तेज गति से झटके मारे जैसे ही मेरा वीर्य उसकी टाइट योनि के अंदर गिरने वाला था तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई।

मैंने उसे तेजी से झटके देने शुरू कर दिए.. train me choda

मेरा वीर्य इतनी तेजी से गिरा कि उसे बिल्कुल भी पता नहीं चला। वह सोच रही थी मेरा वीर्य अभी भी नहीं गिरा है लेकिन मेरा वीर्य गिर चुका था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो वह मुझे कहने लगी डार्लिंग तुम तो बड़े ही सेक्सी हो मुझे तुम्हारे साथ संभोग कर के बड़ा मजा आ गया। मैंने भी रूपल के साथ बहुत अच्छे से सेक्स किया लेकिन उसके बाद ना तो कभी वह मुझे मिली और ना ही मेरा उससे कोई संपर्क हो पाया।

मैं अब भी उसकी खोज में हूं मै उसे हमेशा ही हर जगह तलाशने की कोशिश करता हूं लेकिन अभी तक वह मुझे नहीं मिली।

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Chalti Train Me Poonam Ki Chudai https://sexstories.one/chalti-train-me-poonam-ki-chudai/ Fri, 05 Feb 2021 05:09:08 +0000 https://sexstories.one/chalti-train-mein-poonam-ki-chudai-xxx-storiez/ मेरा नाम राहुल है। मेरा रंग गोरा भूरा कद 5.10 फिट है। मै बहुत सुन्दर हूँ। में दिल्ली का रहने वाला हूँ। ये मेरी पहली कहानी है। मैं एक बार दिल्ली से कानपुर ट्रेन के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राहुल है। मेरा रंग गोरा भूरा कद 5.10 फिट है। मै बहुत सुन्दर हूँ। में दिल्ली का रहने वाला हूँ। ये मेरी पहली कहानी है। मैं एक बार दिल्ली से कानपुर ट्रेन के 1st एसी में सफ़र कर रहा रहा था और जैसा आप को पता ही होगा की 1st एसी मैं एक केबिन होता है। जिसमे चार बर्थ होती है। तो में दिल्ली से ट्रेन में बैठा और मेरे अलावा कोई भी उस ट्रेन के केबिन में नही था। chalti train me chudai

कुछ समय बाद ट्रेन चल पड़ी और ग़ाज़ियाबाद स्टेशन पर पहली बार रुकी।

वहाँ से एक सेक्सी औरत ट्रेन मै चड़ी उसकी उम्र 32 साल की होगी फिगर 38-30-38 होंगे। उसने सफेद और गुलाबी कलर की गहरे गले की कुर्ती पहनी थी। जिसमे से उसकी ब्रा का रंग साफ झलक रहा था। और गुलाबी कलर की पेंट पहने हुई थी वो अंदर आई और अपना सामान रखा और मेरे पास बैठ गयी और वो मुझसे पूछने लगी की आप अकेले है??

और मैने जवाब दिया जी हाँ मै अकेला हूँ। chalti train me chudai

और फिर हमारी जनरल बातचीत शुरु हो गयी। उसने अपना नाम पूनम बताया । कुछ समय बाद ट्रेन चल पड़ी और हम बैठे बाते कर रहे थे। इतने में उनको बाथरूम जाना था वो खड़ी हो गई। और उसी समय अचानक ट्रेन का झटके से ब्रेक लगा और वो एक दम से मेरे उपर आ गिरी और उसके बूब्स जो की आधे खुले हुए थे मेरे मुहँ पर आकर के चिपक गये। वो मुझसे कहने लगी ऊ..सॉरी सॉरी..

Hotel me chudai ki Mastram story

मैने उनसे कहा कोई बात नही मेडम वो हंसी और फिर उठ कर बाथरूम करने चली गयी… जब वो वापस आई फिर इतने समय में टीटी आया उसने हम दोनों की टिकट चेक की मैंने उनसे पूछा टीटी साहब कोई इन दोनों उपर वाली बर्थ पर सवारी नहीं आयेगी क्या? उन्होने कहा शायद जिसकी बर्थ थी वो नही आए रिज़र्वेशन उनका दिल्ली से ही था। और फिर पूनम जी उठी उन्होने केबिन लॉक कर दिया।

कुछ समय बाद वापस लोटी तब वो मेरे पास आकर बैठ गयी। हमारी फिर से बातचीत शुरु हो गयी। लेकिन इस बार थोड़ी खुलकर बातें होने लगी। फिर मैने पूछा पूनम तुम क्या करती हो। उसने कहा की वो किसी ऑफिस में काम करती है। लेकिन मेरी नज़र उसके आधे खुले बूब्स पर थी। वो मुझे देख रही थी की मैं उसके बूब्स को ही देख रहा हूँ। एक दम से उसने पूछा अच्छे लग रहे है क्या?? मैने कहा क्या मतलब?? उसने कहा की जो तुम देख रहे हो मेरे बूब्स।

मेरे तो एक दम से तोते उड़ गये। chalti train me chudai

मैने कहा सॉरी डियर।

असल में कुछ सोच रहा था। मेरी नज़र उधर थी पर ध्यान कही और था। पूनम हँसने लगी और कहने लगी इधर भी ध्यान दे दो यार। मैने कहा अब तो पूरा ध्यान दिमाग़ और नज़र सब उधर ही है। इतने मै वो मेरे पास मै आ कर बैठ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर मसलने लगी यारो क्या बताउ वो बहुत सेक्सी होती जा रही थी। फिर हम दोनो आखों में आखें डाल कर एक दूसरे को देख रहे थे। उनकी आँखों में पूरा सेक्स का नशा चड़ा हुआ था।

फिर मैं पूनम के नज़दीक गया हो उसकी सांसो को महसूस करते हुए उसे किस करने लगा हम दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों मै पकड़ कर स्मूच करने लगे। उसने अपना एक पैर मेरे उपर चड़ा लिया। और में अपने एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर और दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था। और वो मदहोश होती जा रही थी। मैने उसके लिप्स पर किस कर डाली। फिर उसके आधे ख़ूले बूब्स के बीच मै अपना फेस डाल कर किस करने लगा। और दूसरा हाथ बालो से हटा कर उसकी कुर्ती के अंदर पीछे से डाल कर उसे नशीली मसाज देते हुए उसकी कुर्ती उतार दी।

यारो वो लाल कलर की ब्रा मै खूब लग रही थी। chalti train me chudai

और मैंने अपना चहरा उसके एक दम मखमली सॉफ्ट बूब्स मै लगाये जा रहा था। उसे और मुझे दोनों को बहुत ही मज़ा आ रहा था। फिर मेने उसकी ब्रा निकाल दी उसके बूब्स बहुत बड़े और गोल थे और मे उसके निप्पल चूसने लगा उसके निप्पल एक दम मुलायम थे। उसने एक दम से मेरा पेंट के उपर से मेरा लंड पकड़ लिया। जो की पूरा बड़ा होकर 8 इंच का हो चुका था। और वो चुदने के लिए फड़ फड़ा रहा थी वो बहुत कामुक हो चुकी थी। पूनम ने जल्दी से मेरी पेंट और अंडरवेर को एक साथ उतार फेका। और वो जुट गयी मेरा लंड चूसने और दोनों हाथो से मेरी गांड दबाते हुए कस कस कर चूस रही थी वो मेरे लंड को।

फिर मैने उसकी टाइट पेंट उतारी तो उसके साथ उसकी पेंटी भी उतर गयी। अब हम दोनों एक दम से एक दूसरे के सामने नंगे थे। अब हम 69 मूड में थे। पूनम मेरे उपर थी और वो मेरा लंड मानो एक दम जंगली बिल्ली की तरह चूस रही थी। लेकिन ये मेरा पहला टाइम था मुझे चूत को चूसने मै परेशानी हो रही थी। फिर भी मैने अपनी दो उंगलिया डालते हुए उसे पूरा मज़ा दिया। मैने पूनम को बर्थ पर लेटाया और अपना लंड उसकी गीली चूत पर रगड़ने लगा।

पूनम बोली चोद दो मुझे राहुल चोदो मुझे। chalti train me chudai

मैने अपना लंड जैसे ही उसकी चूत मै अड़ाया और अंदर डालने लगा मेरा पूरा 8 इंच का लम्बा लंड उसकी चूत मैं फिसलता हुआ समा गया। और उसने चीखते हुए अपने लंबे नाख़ून से मेरी पीठ पर निशान कर दिये। अब मै अपना लंड अंदर बाहर कर के उसे चोद रहा था वो मेरे चेहरे को अपनी चुचियो मै दबाते हुए चोदो राहुल……आआहह कह रही थी।

अब मैने पूनम से कहाँ पूनम तुम ऊपर आओ। chalti train me chudai

मैं बर्थ पर लेट गया और पूनम मेरी जाँघो पर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत मै रगड़ रही थी। और चुदाई कर रही थी। फिर उसने लंड अंदर डाल कर धीरे धीरे चुदाई चालू कर दी। और मै एक हाथ से उसकी चूचीयों को दबा रहा था। और दूसरे हाथ की उंगली उसके गांड के छेद मै डालने की कोशिश कर रहा था। फिर अपनी उंगली को उसकी चूत के पानी से गीला कर के उसकी गांड मै डालने लगा। तभी वो बहुत जोर से चिल्लाई राहुल मत करो दर्द हो रहा है। और वो अपनी गांड उठा उठा कर चूत चुदाई कर रही थी। मैने कहा पूनम मुझे तुम्हारी गांड मारनी है।

पहले तो उसने मना करा फिर समझाने पर मान गयी।

मैने उसको कुतिया की तरह स्टाईल मै करने को कहाँ वो गांड उठा कर ज़मीन पर घुटनो के बल झुक कर बैठ गयी। मैने अपनी अटेची से सिर मै लगाने वाला तेल निकाला। और बहुत सारा तेल अपने लंड पर और उसकी गांड के छेद पर लगाया। और धीरे से उसकी गांड पर लंड टिकाया। और एक ज़ोर का झटका मारा मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया और वो चीख पड़ी और कहने लगी प्लीज छोड दो मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

थोड़ा समय ठहर कर फिर दूसरा झटका मारा लगभग आधा लंड अंदर गया। उसे बहुत दर्द हो रहा था। थोड़ी देर मैं बिना हिले ही लेटा रहा। उसे कुछ आराम मिला तो आधा ही लंड अंदर बाहर करने लगा। उसे अब मज़ा आने लगा था। वो चुदाई करने में मेरा पूरा साथ दे रही थी। फिर मैने तीसरा ज़ोर का झटका मारा थोड़ा लंड और अंदर गया। अब उसे बहुत मज़ा आने लगा था।

अब मेंरा काम होने वाला था। मेने उसे पूछा वीर्य कहाँ निकालूं। chalti train me chudai

पूनम ने कहाँ की में उसे पीउंगी मैने लंड बाहर निकाला और उसके मुह में दे दिया। और वो अपने हाथो से लंड को पकड़ कर चाटने लगी। मेरा वीर्य निकलने लगा मुझे झटके लगने लगे। उसने पूरा वीर्य मुहँ में भर लिया। और कहने लगी बहुत नमकीन नमकीन है।

फिर सब कुछ साफ कर के हमने अपने कपड़े पहने और एक ही बर्थ पर एक साथ लेट गये फिर रात मै करीब 3:00 बजे हमने दोबारा एक बार से चुदाई की और हम सो गये। सुबह उठ कर पूनम ने पूछा की राहुल तुम करते क्या हो?? मैने कहा में एक स्टूडेंट हूँ। वो मुझे घूर कर शैतानी नज़र से देखने लगी और कहने लगी तुमने बहुत कुछ कर दिया लेकिन अपना चार्ज नही बताया। मैने कहाँ मेडम मैं बहुत खुश हो कर अपना पेमेंट नहीं लेता हूँ।

उसने बताया की उसके पति हमेशा एक ही स्टाइल मै और कई महीने मै 3 या 4 बार ही चोदते है। और उनका लंड भी केवल लगभग 5 इंच का ही है। बिल्कुल मज़ा नही आता पर आज तो तुमने मुझे पूरी तरहा से बहुत मज़ा दिया है। फिर उसने अपने पर्स से मुझे 1000 रू निकाल कर दिए और मेरा सेल नंबर लिया और कहने लगी की अगर दिल्ली या कही भी बुलाउंगी तो तुम आओगे। मैने कहा हाँ मेडम किसी भी समय। और वो चली गयी अब में हर समय उसी को सोचता रहता हूँ। उस दिन के बाद हम लोग कई बार चुदाई का काम कर चुके है।

उसको चोदने में बहुत मज़ा आता है और वो भी बहुत मज़े से चुदवाती है। chalti train me chudai

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ट्रैन में बिना टिकट सफर – डबल चुदाई रात भर https://sexstories.one/train-me-chudai-ajnabi-ke-saath/ Fri, 07 Aug 2020 10:37:23 +0000 https://sexstories.one/?p=80 हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम परी है | मेरी उम्र 26 साल की हूँ और मैं जबलपुर की रहने वाली हूँ | मैं दिखने में ठीक ठाक हूँ पर मेरा फिगर गदराया हुआ है | मै ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम परी है | मेरी उम्र 26 साल की हूँ और मैं जबलपुर की रहने वाली हूँ | मैं दिखने में ठीक ठाक हूँ पर मेरा फिगर गदराया हुआ है | मै एक शादीशुदा महिला हूँ और मेरे दो बच्चे है जिनमे से एक लड़का 5 साल का है और बेटी 7 साल की है | दोस्तों, आज जो मैं आप लोगों को कहानी बताने जा रही हूँ ये मेरी जीवन की पहली ट्रेन में चुदाई कहानी और आखरी भी |

क्यूंकि ये मेरी सच्ची घटना है जो मैं किसी को भी बता नहीं सकती थी | इस कहानी के माध्यम से मैं अपने दिल का बोझ हल्का करना चाहती हूँ इसीलिए मैं ये कहानी आप सभी के सामने पेश कर रही हूँ | तो अब मैं आप लोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधा ट्रेन में चुदाई कहनीं में आती हूँ |

ये घटना आज से दो साल पहले की है | जब मेरे पति जो कि दिल्ली में जॉब करते हैं उनकी तबियत ख़राब हो गयी थी अचानक से | तब मेरा बेटा 3 साल का था और बेटी 5 साल की थी | मेरे पति को अचानक से काम का दौरान ही हार्ट अटैक आ गया था | जब वो अस्पताल में भर्ती हुए और तब मेरे पास कॉल आया तब मुझे कुछ भी नहीं समझ में आया कि मैं क्या करू ? तो मैंने जल्दी जल्दी में सामान बांधा और अपने बच्चो को ले कर सीधा स्टेशन की ओर चली गयी |

गर्मी का टाइम था और आप सभी जानते हैं कि गर्मी का समय तुरंत ही जनरल डब्बे की टिकट लेना भी कितना मुश्किल होता है | ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मैं बहुत देर से लाइन में लगी थी कि मुझे टिकट मिल जाये पर ट्रेन का टाइम हो चुका था | तो मैंने सोचा कि अब बिना टिकट के ही मुझे सफ़र करना पड़ेगा |

तो मैंने अपने बच्चो से झूट कहा कि हमे टिकट मिल गयी है और हम सीधा ट्रेन में चढ़ गये| ट्रेन में चुदाई

स्लीपर डब्बे में जा कर मैंने बड़े दिमाग के साथ अपना सारा सामान रख दिया | पर मुझे ये पता था कि जिसकी ये सीट होगी वो अपनी सीट तो ले ही लेगा | पर तब भी मैं उस सीट से नहीं हिली मुझे डर भी लग रहा था और जी भी घबरा रहा था | पर मैं हिम्मत नहीं हार रही थी | उस दिन शायद मेरी किस्मत ही थी कि कोई नहीं आया था उस सीट पर | फिर रात के 12 बजे करीब की बात है | टी.सी. वहां सबकी टिकट चेक कर रहा था और मुझे इस बात का जरा भी ध्यान नहीं था कि मैं पकड़ी जा सकती हूँ |

क्यूंकि मेरे पास कोई आई.डी प्रूफ नही था और होता भी तो क्या कौनसा वो सीट मेरे नाम पर थी | टी.सी मेरे पास आया और मुझसे टिकट के लिए पूछा | तो मैंने कहा सर मेरे पास कोई टिकट नहीं है | ऐसा नहीं है कि मैं टिकट नहीं ले सकती थी सब कुछ इतना जल्दी में हुआ कि मुझे यही रास्ता सही लगा | उतने में उसने मुझसे कहा कि मैडम देखिये इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूँ क्यूंकि जो मेरी ड्यूटी है वो तो मुझे करनी ही पड़ेगी | आप को टिकट देना ही होगा नहीं तो हर्जाना भरना पड़ेगा | यदि आप वो भी नहीं कर सकती तो मैं आप को अगले किसी भी स्टेशन में उतार दूंगा |

मैंने बहुत उससे मिन्नतें की वो ऐसा न करे और मुझे माफ़ कर दे| ट्रेन में चुदाई

मैंन उनसे सारी बाते बता चुकी थी पर उन्हें कोई ज्यादा फर्क ही नहीं पड़ा था | तो उन्होंने मुझसे कहा कि अकेले में आइये | तो मैं दरवाजे के पास गयी उनके साथ मेरे बच्चे सो रहे थे इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई |

फिर उन्होंने मुझसे कहा कि एक रास्ता है | तो मैंने पूछा बताइए क्या है रास्ता ? मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूँ | तब उन्होंने मुझे सेक्स के लिए कहा, तो थोड़ी देर के लिए मैं शांत रही पर मुझे जल्द ही फैसला लेना था | क्यूंकि उसे भी कई डब्बो में टिकट चेक करनी थी | तो मैंने बोला ठीक है पर थोडा जल्दी बच्चे अकेले है | तो मैंने अपनी बेटी से कहा कि जब अंशु उठे तो बता देना मैं थोडा फॉर्मेलिटी करके आती हूँ |

Naukar ne choda : बीवी ने नौकर के मोटे लंड से चुदवाया

अब मैं उनसे ये तो नहीं कह सकती थी कि मैं चुदवाने जा रही हूँ| ट्रेन में चुदाई

फिर उसने मुझे एक डब्बे के टॉयलेट में ले गया और वहां उसने मुझे किस करना चालू कर दिया और मैं ना चाहते हुए भी उसका साथ देने लगी थी | कुछ देर किस करने के बाद उसने मेरे ब्लाउज ऊपर करके मेरी ब्रा को खोल के जोर जोर से मेरे दूध को पीने लगा था और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी |

वो बहुत जोर जोर से मेरे दूध को चूस रहा था और मेरे निप्पल्स को होंठ से ख्नीच खींच के चूस रहा था और मैं बस अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रही थी |

फिर कुछ देर मेरे दूध पीने के बाद उसने अपना लंड निकाला और उसका लंड देख के मेरी गांड फट गयी थी | क्यूंकि उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था कम से कम 8 इंच का लंड था उसका | मैं उसका लंड जोर जोर से आगे पीछे करते हुए लंड चूसने लगी और वो अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ कर रहा था |

उसको मेरा लंड चूसने का स्टाइल पसंद आ रहा था और वो जोर जोर से अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करने लगा था |

फिर थोड़ी देर के बाद मैं घोड़ी बन गयी थी और मेरी पेंटी उतार ली| ट्रेन में चुदाई

फिर वो मेरे पीछे आ के मेरी साड़ी को ऊपर कर के मेरी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा | पर मेरी चूत टाइट भी थी और उसका लंड भी बड़ा और मोटा था | जिस वजह से आसानी से उसका लंड नहीं जा रहा था | फिर मैं थोडा नीचे और झुकी और अपनी टाँगे चौड़ी कर के एक हाथ से अपनी गांड को खोल कर उसको चूत का रास्ता दे रही थी | फिर जब उसका लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया था तो जोर जोर से धक्के मार मार के मेरी चूत को चोदने लगा |

मुझे भी मजा आ रहा था और मैं अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करते हुए उसका साथ दे रही थी | मुझे वो चोदने में माहिर लग रहा था क्यूंकि वो बहुत अच्छे से मेरी चूत को चोद रहा था | जब वो मेरी चुदाई कर रहा था तब मैं अपनी सारी दिक्कत और सारी मुसीबत भूल चुकी थी | कुछ देर चोदने के बाद उसने मेरी गांड में अपना वीर्य छोड़ दिया था | और फिर वापस उससे चुदवाने के बाद मैं अपने डब्बे में आ गयी |

मुझे लगा कि शायद अब सारी दिक्कते दूर हो चुकी है अब कोई परेशानी नहीं होने वाली है | पर मुझे क्या पता था कि दूसरा टी.सी. भी आयगा | जब मैं सोने लगी थी उस वक़्त २ बजे रहे थे और तभी दूसरा टी.सी आ गया और मैंने जब उसे पूरी राम कथा सुनाई | तो उसने भी मुझसे कहा कि मुझसे चुदवा लो फिर कोई दिक्कत नहीं होगी | मुझे ये सब बहुत खराब लग रहा था कि मैं ये सब कर रही हूँ और मेरी परेशानी से किसी को कोई भी मतलब नही है | मैं रुआंसी हो गयी थी पर मैं कर भी नहीं सकती थी कुछ भी|

Samuhik chudai: तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत

उसने भी मुझे दूसरे डब्बे में ले जा कर मेरे साथ वो ही किया जो पहले वाले ने किया था | पर इस बार मुझे कोई दिक्कत नहीं होनी थी क्यूंकि उसका लंड छोटा भी था और वो जल्दी झड़ भी गया | पर वो नशे में था इसलिए उसका लंड खड़ा होने में बहुत टाइम लिया | फिर उसके बाद मैं जैसे ही दिल्ली पंहुची और जैसे तैसे अपने पति के पास पहुंची | उनका इलाज एम्स हॉस्पिटल में हो रहा था | मैं उनसे कोई भी चीज़ नही बता पाई थी क्यूंकि ये घटना कोई बताने वाली नही थी |

तो दो दोस्तों, ये थी मेरे जीवन कि सच्ची घटना जो मेरे साथ हुई | ट्रेन में चुदाई

वैसे में यहाँ किसी का मनोरंजन करने या किसी को सेक्स का बढ़ावा देने नहीं हाजिर हुई थी | मै अपने दिल का बोझ कम करना चाहती थी, तो आप सभी के सामने अपनी कहानी रख के मुझे बहुत हल्का लग रहा है | आप सभी का मेरी इस कहानी को पढने के लिए धन्यवाद और प्लीज लोगों कि मजबूरी समझिये !

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राजधानी एक्सप्रेस में निशा की चुदाई https://sexstories.one/rajdhani-express-me-nisha-ki-chudai/ Sat, 18 Jul 2020 10:31:23 +0000 https://sexstories.one/?p=639 निशा मेरे छोटे भाई रुपम की वाइफ़ है। निशा काफ़ी सुंदर महिला है। उसका बदन ऊपरवाले ने काफ़ी तसल्ली से तराश कर बनाया है। मैं शिवम उसका जेठ हूं। मेरी शादी को दस साल हो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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निशा मेरे छोटे भाई रुपम की वाइफ़ है। निशा काफ़ी सुंदर महिला है। उसका बदन ऊपरवाले ने काफ़ी तसल्ली से तराश कर बनाया है। मैं शिवम उसका जेठ हूं। मेरी शादी को दस साल हो चुके हैं। निशा शुरु से ही मुझे काफ़ी अच्छी लगती थी। मुझसे वो काफ़ी खुली हुई थी। रुपम एक यूके बेस्ड कम्पनी में सर्विस करता था। हां बताना तो भूल ही गया निशा का मायका नागपुर में है और हम जालंधर में रहते हैं। Train me chudai kahani

आज से कोई पांच साल पहले की बात है। हुआ यूं कि शादी के एक साल बाद ही निशा प्रिग्नेंट हो गयी। डिलीवरी के लिये वो अपने मायके गयी हुई थी। सात महीने में प्रीमेच्योर डिलीवरी हो गयी। बच्चा शुरु से ही काफ़ी वीक था। दो हफ़्ते बाद ही बच्चे की डेथ हो गयी। रुपम तुरंत छुट्टी लेकर नागपुर चला गया। कुछ दिन वहां रह कर वापस आया। वापस अकेला ही आया था। डिसाइड ये हुआ था कि निशा की हालत थोड़ी ठीक होने के बाद आयेगी। एक महीने के बाद जब निशा को वापस लाने की बात आयी तो रुपम को छुट्टी नहीं मिली।

Train me chudai kahani – पडोस की सेक्सी भाभी

निशा को लेने जाने के लिये रुपम ने मुझे कहा। सो मैं निशा को लेने ट्रैन से निकला। निशा को वैसे मैने कभी गलत निगाहों से नहीं देखा था। लेकिन उस यात्रा मे हम दोनो में कुछ ऐसा हो गया कि मेरे सामने हमेशा घूंघट में घूमने वाली निशा बेपर्दा हो गयी।

हमारी टिकट 1st class में बुक थी। चार सीटर कूपे में दो सीट पर कोई नहीं आया। हम ट्रैन में चढ़ गये। गरमी के दिन थे। जब तक ट्रैन स्टेशन से नहीं छूटी तब तक वो मेरे सामने घूंघट में खड़ी थी। मगर दूसरों के आंखों से ओझल होते ही उसने घूंघट उलट दिया और कहा,
“अब आप चाहे कुछ भी समझें मैं अकेले में आपसे घूंघट नहीं करूंगी। मुझे आप अच्छे लगते हो आपके सामने तो मैं ऐसी ही रहूंगी।”

मैं उसकी बात पर हँस पड़ा।

“मैं भी घूंघट के समर्थन में कभी नहीं रहा।” मैने पहली बार उसके बेपर्दा चेहरे को देखा। मैं उसके खूबसूरत चेहरे को देखता ही रह गया। अचानक मेरे मुंह से निकला “अब घूंघट के पीछे इतना लाजवाब हुश्न छिपा है उसका पता कैसे लगता।”

उसने मेरी ओर देखा फ़िर शर्म से लाल हो गयी। उसने बोतल ग्रीन रंग की एक शिफ़ोन की साड़ी पहन रखी थी। ब्लाउज़ भी मैचिंग पहना था। गर्मी के कारण बात करते हुए साड़ी का आंचल ब्लाउज़ के ऊपर से सरक गया। तब मैने जाना कि उसने ब्लाउज़ के अन्दर ब्रा नही पहनी हुई है। उसके स्तन दूध से भरे हुए थे इसलिये काफ़ी बड़े बड़े हो गये थे।

Train me chudai kahani – बाबा का चक्कर

ऊपर का एक हुक टूटा हुआ था इसलिये उसकी आधी छातियां साफ़ दिख रही थी। पतले ब्लाउज़ में से ब्रा नहीं होने के कारण निप्पल और उसके चारों ओर का काला घेरा साफ़ नजर आ रहा था। मेरी नजर उसकी छाती से चिपक गयी। उसने बात करते करते मेरी ओर देखा। मेरी नजरों का अपनी नजरों से पीछा किया और मुझे अपने बाहर छलकते हुए बूब को देखता पाकर शर्मा गयी और जल्दी से उसे आंचल से ढक लिया। हम दोनो बातें करते हुए जा रहे थे।

कुछ देर बाद वो उठकर बाथरूम चली गयी। कुछ देर बाद लौट कर आयी तो उसका चेहरा थोड़ा गम्भीर था। हम वापस बात करने लगे। कुछ देर बाद वो वापस उठी और कुछ देर बाद लौट कर आ गयी। मैने देखा वो बात करते करते कसमसा रही है। अपने हाथो से अपने ब्रेस्ट को हलके से दबा रही है।

“कोई प्रोब्लम है क्या?’ मैने पूछा।

“न।।नहीं” मैने उसे असमंजस में देखा। कुछ देर बाद वो फिर उठी

तो मैने कहा “मुझे बताओ न क्या प्रोब्लम है?”

वो झिझकती हुई सी खड़ी रही। फ़िर बिना कुछ बोले बाहर चली गयी। कुछ देर बाद वापस आकर वो सामने बैठ गयी।

“मेरी छातियों में दर्द हो रहा है।”

उसने चेहरा ऊपर उठाया तो मैने देखा उसकी आंखें आंसु से छलक रही हैं।

“क्यों क्या हुआ”

Train me chudai kahani – चाची को चोद कर खुश कर दिया

मर्द वैसे ही औरतों के मामले में थोड़े नासमझ होते हैं। मेरी भी समझ में नहीं आया अचानक उसे क्या हो गया।

“जी वो क्या है म्म वो मेरी छातियां भारी हो रही हैं।”

वो समझ नहीं पा रही थी कि मुझे कैसे समझाये आखिर मैं उसका जेठ था।

” म्मम मेरी छातियों में दूध भर गया है लेकिन निकल नहीं पा रहा है।” उसने नजरें नीची करते हुए कहा।

“बाथरूम जाना है?“ मैने पूछा

“गयी थी लेकिन वाश-वेसिन बहुत गंदा है इसलिये मैं वापस चली अयी” उसने कहा “और बाहर के वाश-वेसिन में मुझे शर्म आती है कोई देख ले तो क्या सोचेगा?”

“फ़िर क्या किया जाए?” मैं सोचने लगा “कुछ ऐसा करें जिससे तुम यहीं अपना दूध खाली कर सको। लेकिन किसमें खाली करोगी? नीचे फ़र्श पर गिरा नहीं सकती और यहां कोई बर्तन भी नही है जिसमें दूध निकाल सको”उसने झिझकते हुये फ़िर मेरी तरफ़ एक नजर डाल कर अपनी नजरें झुका ली।

वो अपने पैर के नखूनों को कुरेदती हुई बोली, “अगर आप गलत नहीं समझें तो कुछ कहूं?”

“बोलो”

“आप इन्हें खाली कर दीजिये न”

“मैं? मैं इन्हें कैसे खाली कर सकता हूं।” मैने उसकी छातियों को निगाह भर कर देखा।

“आप अगर इस दूध को पीलो……”उसने आगे कुछ नहीं कहा।

Train me chudai kahani – सुहागरात की कहानी मेरी जुबानी

मैं उसकी बातों से एकदम भौचक्का रह गया।

“लेकिन ये कैसे हो सकता है। तुम मेरे छोटे भाई की बीवी हो। मैं तुम्हारे स्तनों में मुंह कैसे लगा सकता हूं”

“जी आप मेरे दर्द को कम कर रहे हैं इसमें गलत क्या है। क्या मेरा आप पर कोई हक नहीं है।?” उसने मुझसे कहा “मेरा दर्द से बुरा हाल है और आप सही गलत के बारे में सोच रहे हो। प्लीज़।”

मैं चुप चाप बैठा रहा समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहूं। अपने छोटे भाई की बीवी के निप्पल मुंह में लेकर दूध पीना एक बड़ी बात थी। उसने अपने ब्लाउज़ के सारे बटन खोल दिये।

“प्लीज़” उसने फ़िर कहा

लेकिन मैं अपनी जगह से नहीं हिला।

“जाइये आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। आप अपने रूढ़ीवादी विचारों से घिरे बैठे रहिये चाहे मैं दर्द से मर ही जाउं।” कह कर उसने वापस अपने स्तनों को आंचल से ढक लिया और अपने हाथ आंचल के अंदर करके ब्लाउज़ के बटन बंद करने की कोशिश करने लगी लेकिन दर्द से उसके मुंह से चीख निकल गयी “आआह्हह्ह” ।

मैने उसके हाथ थाम कर ब्लाउज़ से बाहर निकाल दिये। फ़िर एक झटके में उसके आंचल को सीने से हटा दिया। उसने मेरी तरफ़ देखा। मैं अपनी सीट से उठ कर केबिन के दरवाजे को लोक किया और उसके बगल में आ गया। उसने अपने ब्लाउज़ को उतार दिया। उसके नग्न ब्रेस्ट जो कि मेरे भाई की अपनी मिल्कियत थी मेरे सामने मेरे होंठों को छूने के लिये बेताब थे।

Train me chudai kahani – आशा का नशा

मैने अपनी एक उंगली को उसके एक ब्रेस्ट पर ऊपर से फ़ेरते हुए निप्पल के ऊपर लाया। मेरी उंगली की छुअन पा कर उसके निप्पल अंगूर की साइज़ के हो गये। मैं उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया। उसके बड़े बड़े दूध से भरे हुए स्तन मेरे चेहरे के ऊपर लटक रहे थे। उसने मेरे बालों को सहलाते हुए अपने स्तन को नीचे झुकाया। उसका निप्पल अब मेरे होंठों को छू रहा था।

मैने जीभ निकाल कर उसके निप्पल को छूआ।”ऊओफ़्फ़फ़्फ़ जेठजी अब मत सताओ। पलेअसे इनका रस चूस लो।” कहकर उसने अपनी छाती को मेरे चेहरे पर टिका दिया। मैने अपने होंठ खोल कर सिर्फ़ उसके निप्पल को अपने होंठों में लेकर चूसा। मीठे दूध की
एकतेज़ धार से मेरा मुंह भर गया।

मैने उसकी आंखों में देखा।

उसकी आंखों में शर्म की परछाई तैर रही थी। मैने मुंह में भरे दूध को एक घूंठ में अपने गले के नीचे उतार दिया।

“आआअह्हह्हह” उसने अपने सिर को एक झटका दिया।

मैने फ़िर उसके निप्पल को जोर से चूसा और एक घूंठ दूध पिया। मैं उसके दूसरे निप्पल को अपनी उंगलियों से कुरेदने लगा।”ऊओह्हह ह्हह्हाआन्न हाआन्नन जोर से चूसो और जोर से। प्लीज़ मेरे निप्पल को दांतों से दबाओ। काफ़ी खुजली हो रही है।” उसने कहा।

वो मेरे बालों में अपनी उंगलियां फ़ेर रही थी। मैने दांतों से उसके निप्पल को जोर से दबाया।”ऊउईईइ” कर उठी। वो अपने ब्रेस्ट को मेरे
चेहरे पर दबा रही थी। उसके हाथ मेरे बालों से होते हुए मेरी गर्दन से आगे बढ़ कर मेरे शर्ट के अन्दर घुस गये। वो मेरी बालों भरी छाती पर हाथ फ़ेरने लगी। फ़िर उसने मेरे निप्पल को अपनी उंगलियों से कुरेदा।

“क्या कर रही हो?” मैने उससे पूछा।

“वही जो तुम कर रहे हो मेरे साथ” उसने कहा

“क्या कर रहा हूं मैं तुम्हारे साथ” मैने उसे छेड़ा

“दूध पी रहे हो अपने छोटे भाई की बीवी के स्तनों से”

“काफ़ी मीठा है”

Train me chudai kahani – पहला चुदाई अनुभव

“धत” कहकर उसने अपने हाथ मेरे शर्ट से निकाल लिये और मेरे चेहरे पर झुक गयी। इससे उसका निप्पल मेरे मुंह से निकल गया। उसने झुक कर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये और मेरे होंठों के कोने पर लगे दूध को अपनी जीभ से साफ़ किया। फ़िर वो अपने हाथों से वापस अपने निप्पल को मेरे लिप्स पर रख दी। मैने मुंह को काफ़ी खोल कर निप्पल के साथ उसके बूब का एक पोर्शन भी मुंह में भर लिया। वापस उसके दूध को चूसने लगा।

कुछ देर बाद उस स्तन से दूध आना कम हो गया तो उसने अपने स्तन को दबा दबा कर जितना हो सकता था दूध निचोड़ कर मेरे मुंह में डाल दिया।”अब दूसरा”मैने उसके स्तन को मुंह से निकाल दिया फ़िर अपने सिर को दूसरे स्तन के नीचे एडजस्ट किया और उस स्तन को पीने लगा। उसके हाथ मेरे पूरे बदन पर फ़िर रहे थे।

हम दोनो ही उत्तेजित हो गये थे। उसने अपना हाथ अगे बढ़ा कर मेरे पैंट की ज़िप पर रख दिया। मेरे लिंग पर कुछ देर हाथ यूं ही रखे रही। फ़िर उसे अपने हाथों से दबा कर उसके साइज़ का जायजा लिया।

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“काफ़ी तन रहा है” उसने शर्माते हुए कहा।

“तुम्हारी जैसी हूर पास इस अन्दाज में बैठी हो तो एक बार तो विश्वामित्र की भी नीयत डोल जाये।”

“म्मम्म अच्छा। और आप? आपके क्या हाल हैं” उसने मेरे ज़िप की चैन को खोलते हुए पूछा

“तुम इतने कातिल मूड में हो तो मेरी हालत ठीक कैसे रह सकती है” उसने अपना हाथ मेरे ज़िप से अन्दर कर ब्रीफ़ को हटाया और मेरे तने हुए लिंग को निकालते हुए कहा “देखूं तो सही कैसा लगता है दिखने में”मेरे मोटे लिंग को देख कर खूब खुश हुयी।

“अरे बाप रे कितना बड़ा लिंग है आपका। दीदी कैसे लेती है इसे?”

“आ जाओ तुम्हें भी दिखा देता हूं कि इसे कैसे लिया जाता है।”

“धत् मुझे नहीं देखना कुछ। आप बड़े वो हो” उसने शर्मा कर कहा।लेकिन उससे हाथ हटाने की कोई जल्दी नहीं की।

“इसे एक बार किस तो करो” मैने उसके सिर को पकड़ कर अपने लिंग पर झुकाते हुए कहा। उसने झिझकते हुए मेरे लिंग पर अपने होंठ टिका दिये।

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अब तक उसका दूसरा स्तन भी खाली हो गया था। उसके झुकने के कारण मेरे मुंह से निप्पल छूट गया। मैने उसके सिर को हलके से दबाया तो उसने अपने होंठों को खोल कर मेरे लिंग को जगह दे दी। मेरा लिंग उसके मुंह में चला गया। उसने दो तीन बार मेरे लिंग को अन्दर बाहर किया फ़िर उसे अपने मुंह से निकाल लिया।

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