suhagraat ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/suhagraat-ki-chudai/ Hindipornstories.org Thu, 04 Nov 2021 08:44:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 सुहागरात पर तिन लोगों ने चोदा मुझे https://sexstories.one/group-me-chod-gaye-suhagraat-pe/ Thu, 04 Nov 2021 08:44:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3266 चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा...

The post सुहागरात पर तिन लोगों ने चोदा मुझे appeared first on Antarvasna.

]]>
3 Log chod gaye suhagraat pe कितनी सुहावनी रात थी वो जिस दिन मैंने सुहागरात मनाई थी . पहले तो आया मेरे हाथ में मेरे शौहर का लौड़ा. मैंने खूब मजे से चुदवाया फिर अचानक मेरे हाथ में एक टन टनाता हुआ नया लण्ड आ गया . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो वह मेरा नंदोई .था .उसने खड़ा लण्ड चुपके से मेरे हाथ में रख दिया था . मैं मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन दिखावे के लिए ना नुकुर करने लगी . फिर मुठ्ठी में भर कर सहलाने लगी लौड़ा . मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि लौडा मेरी पसंद का निकला ?

फिर 2 मिनट के बाद उसने कहा भाभी ये मेरे दोस्त का लौडा है इसे भी पकड़ लो प्लीज ? मेरे लण्ड की ही तरह है इसका लण्ड ? हां भाभी इसका लण्ड मेरी बीवी बहुत पसंद करती है . इसलिए मेरी बीवी इससे चुदवाती है और इसकी बीवी मुझसे चुदवाती है . दोनों कर लेती है मर्दों की अदला बदली . मुझे तो इसकी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है और इसको मेरी बीवी चोदने में . फिर हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की बीवी चोदने लगे .

भाभी, मर्दों की अदला बदली करके चुदवाने में वाकई ज्यादा मज़ा आता है. न मानो तो तुम अपनी नन्द से पूंछ लो ?

तुम बड़ी नसीब वाली हो भाभी, जिसको आज से ही लन्ड की अदला बदली का मौका मिल रहा है . आज से ही पराये मर्दों से चुदवाने की आज़ादी मिल रही है . हां भाभी तुम चिंता न करो तेरा शौहर इस बात के लिए राज़ी है . तभी तो वह इसकी बीवी बगल के कमरे में चोद रहा है और ये मेरे साथ तुम्हे चोदने आया है .अब आज से हम तीनो मैं, मेरा दोस्त और तेरा शौहर मिलकर एक ही कमरे में एक दूसरे की बीवियां चोदा करेंगे ? धीरे धीरे और भी कपल शामिल हो जायेंगे .
बस ये सुन कर मैंने उसका लण्ड जोर से पकड़ लिया और फिर मस्त होकर दोनों लण्ड चाटने लगी मेरा नाम है कम्मो, मेरा नंदोई आसिफ और उसका दोस्त कादर . कादर की बीवी नाजिया है . .

मेरा निकाह जब हुआ तो मेरे शौहर ने मुझे गोवा ले जाने का प्रोग्राम बनाया . हां जी हनीमून मनाने . मैं बहुत खुश थी . होटल में चेक इन किया . उस होटल में बहुत सारे कपल आये थे . सबको हनीमून मनाना था . मैं कपल को आते जाते देखती थी . बीवियों को कम मर्दों को ज्यादा देखती थी . मैं मन ही मन उन मर्दों के लण्ड के बारे सोचने लगी . हाय अल्ला, कितना प्यारा होगा इसका लौड़ा ? कितना मोटा होगा उसका लौड़ा ? कैसे चोदता होगा ये मर्द ? कैसे बुर लेता होगा वो मर्द ? बस यही सब सोचने में लगी थी . मैं आपको बता दूं मुझे दुनियां में सबसे अच्छा “लण्ड” ही लगता है .

मैं तो अल्ला से दुआ करती हूँ की ये खुदा मुझे दुनिया बस खाना और चुदाना दे ? मेरा निकाह आज हुआ है लेकिन मैं बहुत सारे लण्ड पकड़ चुकी हूँ . कॉलेज में लडको के लण्ड और घर में जीजू का लण्ड, अंकल का लण्ड, खालू का लण्ड, और कजिन भाई जान का लण्ड पकड़ चुकी हूँ . अपनी बुर में पेल चुकी हूँ . ये बात मेरी अम्मी के अलावा कई लोग जानते है .

खैर होटल में आने के बाद हम लोग घूमने चले गए . मेरा शौहर करीम बड़ा स्मार्ट और रोमांटिक किस्म का आदमी है . निकाह के पहले मैं उससे कभी नहीं मिली . हा मैं उसे पसंद जरुर करती हूँ . शाम को एक पार्टी रखी गयी जिसमे मेरा नदोई भी था . वह अकेला ही आया था . मेरी नन्द नहीं थी . उसका एक दोस्त कादर था और उसकी बीवी नाजिया . दारू पीने की पार्टी थी . मैं भी पीती हूँ लेकिन वहां ना नुकुर करने लगी तो मेरे हसबैंड ने कहा यार पी लो सबका मन है . सबका साथ दो . बस मैं भी पीने में शामिल हो गयी . पीते पीते हंसी मजाक शुरू हो गयी . मेरा नंदोई मादर चोद ज्यादा ही मस्ती के मूड में था

वह बोला :- दारू के साथ और कुछ पीना चाहोगी ? मेरा मन हुआ की मैं कहूं हां लण्ड पियूंगी ? पर मैं चुप रही . मना कर दिया मैंने .

नाजिया बोली :- हां भाभी मैं तो पीती हूँ . ये बहन चोद शराब अकेले नहीं पी जाती .

Free Sexy Kahani कामवाली को चोद डाला

आसिफ (नंदोई) बोला :- तो पी लो यार जो चाहो ?

नाजिया बोली :- तुम भोषडी के भाभी की बड़ी मक्खन बाज़ी कर रहे हो ? उसकी गालियाँ सुन कर मज़ा आया . मेरा शौहर बोला :- नाजिया भाभी तुम जो पियो उसे मेरी बीवी को भी पिलाओ . बड़ी शर्मीली है मेरी बीवी ?

नाजिया बोली :- यार यही तो कमी है इसमें .पीने में बेशरम होना चाहिए .

मैंने कहा :- नहीं भाभी मैं बेशरम ही हूँ . आज थोडा डर रही हूँ .

नाजिया बोली :- अरे डरने की क्या जरुरत है . आज की रात तो निडर होकर लण्ड पकड़ने का है .

आसिफ बोला :- भाभी लण्ड ही नहीं चूंचियाँ भी पकड़ने की रात है .

नाजिया बोली :- तू माँ का लौड़ा मानेगा नहीं .

मैंने कहा :- मैं जब इसकी गांड मारूंगी तब यह मानेगा .

मेरा ऐसा कहते ही सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े .

खैर रात के 12 बजे हम सब अपने अपने कमरे में चले गए . मेरा शौहर मेरे कपडे उतारने लगा . मैं नशे में थी . जल्दी नंगी हो गयी . वह भी हो गया नंगा , मैंने उसका लौड़ा देखा तो जान में जान आयी . लौड़ा तगड़ा भी था और कड़क भी . मैंने जम कर चुदवाया रात में . मैं बाथ रूम गयी और जब वापस आयी तो मुझे शौहर नहीं दिखाई पड़ा ? लेकिन मेरे सामने एक खड़ा टन टनाता हुआ लण्ड आ गया . मेरे हाथ में आ गया लण्ड . लण्ड खूबसूरत था . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो मुह से निकला तुम हो भोषडी के आसिफ ? तेरी माँ का भोषडा साले आज तो मेरे शौहर की रात है तू माँ का लौड़ा यहाँ क्या कर रहा है ? जा मैं नहीं पकडती तेरा लौड़ा ? अपनी माँ के भोषडा में पेल अपना लौड़ा ? जा नहीं तो मैं यही तेरी माँ चोदूंगी अभी के अभी ? . मेरी गालियाँ सुन सुन कर उसका लौड़ा और टन्नाता जा रहा था .

मैं मन से गालियाँ नहीं दे रही थी . उसके लण्ड में जोश भरने के लिए बक रही थी . मुझे लण्ड पसंद आया और फिर मैं मुस्करा कर लण्ड सहलाने लगी ? इतने में एक और लौड़ा अपना सर हिलाता हुआ मेरे सामने आ गया . उसका सुपाडा बहन चोद सबसे ज्यादा फूला हुआ था . एकदम जैसे गुब्बाडा ? आसिफ बोला भाभी के कादर है का लौड़ा है ? मैंने कहा तो क्या कादर भी मादर चोद चोदेगा मेरी चूत ? आसिफ बोला भाभी तेरा शौहर बगल के कमरे में इसकी बीवी नाजिया को चोद रहा है . इसलिए ये तेरी बुर चोदेगा ? मुझे यकीं नहीं हुआ मैंने कहा दिखाओ मुझे पहले ?

मैंने उसके साथ गयी और झांक कर देखने लगी . मैंने देखा की मेरा मियां का लण्ड नाजिया की चूत में घुसा है और वह मस्ती से चुदवा रही है . बस फिर क्या ? मैं वापस आयी और कादर का लौड़ा अपनी बुर में मुह पर रखा और कहा घुसेड मादर चोद अपना लौड़ा और भकाभक चोदों मेरी चूत ? वह चोदने लगा और मैं आसिफ का लण्ड मुह में लेकर चूसने लगी . दोनों लौड़े मस्त थे . अब मैं भी हो गयी थी बड़ी बेशरम. निर्लज्ज और बेहाया ? कादर से चुदवाने का मज़ा उठाने .लगी फिर मैंने कहा अबे आसिफ भोषडी अब तू पेल अपना लौड़ा मेरी बुर में और कस के चोद मेरी बुर चोदी बुर को .

आसिफ तो इसी ताक में था ही ? वह बोला भाभी जाने कबसे मैं तेरी चूत चोदने के फिराक में था . आज मेरी तमन्ना पूरी.हुई . इतना कहा और लौड़ा उसकी बुर के अन्दर . मैंने कहा अबे साले तेरा लौड़ा तो कुछ मोटा लगता है ? चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा ? मैंने कहा अबे पहले तू मेरा भोषडा चोद फिर मेरी माँ का भोषडा चोदना ? उधर कादर का लौड़ा साला मेरी चूंचियों पर शैर कर रहा था .

थोड़ी देर में मैंने कहा यार आसिफ तू मुझे पीछे से चोद . बीच बीच में मेरी गांड में भी घुसेड दे लांड ? अब मैं बुर और गांड दोनों एक साथ चुदवाने लगी ?

इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया ? फिर मैंने एक एक करके दोनों लण्ड पर बैठ कर चुदवाया ? मैंने सोचा की क्यों न दोनों लण्ड एक साथ पेलू चूत में ? मैंने आसिफ को नीचे लिटा दिया और उसकी तरफ गांड करेके बैठ गयी लण्ड पर . मैं चित लेट गयी आसिफ के ऊपर . मेरी चूत फ़ैल गयी जिसमे पहले से ही आसिफ का लौड़ा घुसा था . तब मैंने कादर से कहा अब तू भी पेल अपना लौदा मेरी चूत में . उसने पेला और मैं दोनों लण्ड से चुदाने लगी बुर . मुझे लगा की यह मेरी बड़ी कामयाबी है . जब लण्ड झड़ने को आये तो दोनों का मुठ्ठ गचागच मारा और मज़ा लिया

तब तक सुबह के 4 बज चुके थे . मैं नंगी नंगी ही सो गयी . मैं जब उठी तो मेरे मियां ने पूंछा :- उन दोनों के लण्ड पसंद आये तुम्हे कम्मो ? उन दोनों ने ठीक से चोदा तुम्हे की नहीं ?

मैंने कहा :- लण्ड तो बड़े मस्त थे और चोदा भी भोषडी वाले ने खूब ? ( मैं बिलकुल रंडी की तरह बात कर रही थी .) अच्छा तुम बताओ तुम्हे नाजिया की बुर कैसी लगी ? तुम्हारा लण्ड उसे पसंद आया ?

वह बोला :- हां वह तो चुदाने में बिलकुल मस्त हो जाती है . खुल कर चुदवाती है बुर चोदी ? वो तो मेरे जैसे ही लण्ड पसंद करती है . बस अब मेरा रास्ता साफ़ हो चुका था . मैं समझ गयी की अब मैं किसी से भी खुल कर चुदा सकती हूँ और कहीं भी चुदा सकती हूँ . मेरी हिम्मत बढ़ गयी .

अब जब भी मुझे कोई स्मार्ट आदमी मिलता है तो मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगती हूँ . और सोचने लगती हूँ कैसे इसका लण्ड पकडूं ?

दो दिन बाद उसी होटल में मैं सवेरे सवेरे बैठी हुई नास्ता कर रही थी . अचानक मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए किसी ने कहा अरी कम्मो ? तू किसके साथ आयी है अपनी सुहागरात मनाने ? सवाल बड़ा अटपटा था ? सुहागरात मनाने तो हर कोई अपने मर्द के साथ ही आती है यार ?

मैंने जबाब दिया ? फिर कहा अरे तू प्रीती यहाँ कैसे आयी है . तेरी शादी कब हुई यार ?

प्रीती बोली :- अभी दो दिन पहले ?

मैंने कहा :- तो क्या तू किसी और के साथ सुहागरात मनाने आयी है .

प्रीती बोली :- हां, और नहीं तो क्या ? अपने मर्द के साथ सुहागरात मनाना तो पुराणी बात हो गयी है . मैं तो गैर मर्दों के साथ मना रही हूँ सुहागरात ? आज दूसरा दिन है ?

मैंने कहा :-अरे यार क्यों मजाक कर रही हो ?

प्रीती बोली :- मजाक नहीं हकीकत है यार ? देख बड़ी मजेदार बात है . हम तीन कपल है . सब एक ही कमरे में मनाते है सुहागरात . उनमे से कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदता . तीनो एक दूसरे की बीवी चोदते है और वो भी सबके.सामने इस तरह मैं दोदो गैर मर्दों से चुदवा रही हूँ कल से . बड़ा मज़ा आ रहा है यार ?

प्रीती बोलती जा रहा थी . मैं तो अकेली ही चली थी . टूरिस्ट बस में मुझे दो कपल मिल गए . रिया साजन और लूसी डेविड . दिन भर उनके साथ घूमते फिरते रहे और फिर शाम को एक साथ बैठ बातें करने लगे . वह कमरा मेरा ही था . दारू का प्रोगाम बन गया और फिर बिना रोक टोक सबको पीना पड़ा शराब .

नशा चढ़ने के बाद लूसी बोली :- आज की रात मैं एक नया खेल करना चाहती हूँ . देखो हमसब लोग सुहागरात मानाने आये है . मेरा कहना है की वैसे तो हर एक बीवी अपने मियां के साथ ही सुहागरात मनाती है पर मेरा सुझाव है की आज की रात हम लोग दूसरों मर्दों के साथ सुहागरात मनाएं ? .हां अपने मियां से चुदवाना तो ज़िन्दगी भर होता रहेगा पर ऐसा मौका कभी नहीं मिलेगा की हम एक साथ एक दूसरे मर्द से चुदवाये ? अपनी अपनी मर्जी से चुदवायें ? मर्द भी अपनी अपनी मर्जी से एक दूसरे की बीवी चोदें और जवानी का पूरा मज़ा ले ? यहाँ न कोई हमें जानता है और न ही पहचानता है . इसलिए कोई खतरा भी नहीं है . यह बात हम तीनो के बीच गुप्त रहेगी .

साजन बोला :- भाभी आपका तर्क सही है . हां मैं तैयार हूँ और मेरी बीवी भी राजी है .

मैंने कहा (प्रीती) :- हां मैं भी और मेरे हसबैंड को कोई ऐतराज नहीं है .

फिर जानती हो कम्मो क्या हुआ ? सबसे पहले लूसी ही नंगी हो गयी सबके सामने . फिर मैंने सारे कपडे उतारे और मेरे बाद रिया ने . हम तीनो बीवियों को नंगी देख कर मर्दों के लण्ड आसमान ताकने लगे . खड़े हो गए बहन चोद लण्ड ? खड़े खड़े अपना अपना सर हिलाने लगे मादर चोद सभी लण्ड ? उसके बाद होने लगी भकाभक चुदाई . हर एक बीवी ने दो दो पराये मर्दों से चुदवाया और हर एक मर्द ने दो दो परायी बीवियां चोदी . कल जब इतना मज़ा आया तो आज भी वही होगा

मैंने कहा :- प्रीती आज तुम मुझे भी शामिल कर लो . मेरा मियां तैयार है .

तब तक नाजिया, आसिफ और कादर चले गए थे . उस रात मैं अपने मियां ताहिर को लेकर प्रीती के कमरे में चली गयी . अब चार कपल हो गए . मैं कम्मो ताहिर, प्रीती विक्रम, रिया साजन और लूसी डेविड

इन चारों कपल ने मिलकर चुदाई का खूब धमाल मचाया . सभी बीवियों ने तीन तीन गैर मर्दों से चुदवाया और सभी मर्दों ने तीन तीन परायी बीवियां चोदीं

The post सुहागरात पर तिन लोगों ने चोदा मुझे appeared first on Antarvasna.

]]>
शादी का सुख – पार्ट २ https://sexstories.one/shadi-ka-sukh-xxx-storiez/ Wed, 20 Oct 2021 06:13:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3079 उफ़्फ़ ! जब उसने अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर फेरी तो मेरे तो बदन में जैसे बिजलियाँ दौड़ गई। मैंने अपनी दोनों जांघों में उसका सर दबा लिया और अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर फिराने लगी। गर्मी तो पहले ही मेरे दिमाग में चढ़ी पड़ी थी, सो दो मिनट में ही मैं तो झड़ गई...

The post शादी का सुख – पार्ट २ appeared first on Antarvasna.

]]>
Shadi Ka Sukh – Shaadi sex मेरे लिए तो यही बहुत था, मैंने हाँ कह दी। करीब दो दिन बाद मौका भी मिल गया, भाभी अपने मायके गई और भाई भी उसके साथ गया था, तो घर में रात को कोई नहीं था, मैंने वीरू को सब बता दिया था। सो उस रात वो करीब 11 बजे मेरे घर आया। मैंने दरवाजा खोल कर उसे अंदर बुला लिया और भाई के कमरे में बैठा दिया। फिर जाकर देखा तो माँ सो चुकी थी। मैं फिर से भाई के कमरे में वापिस आ गई।

वीरू ने आते ही मुझे पकड़ लिया- इधर आ साली मोटी भैंस, इतना बड़ा जिस्म किसके लिए संभाल के रखा है?

मैंने भी कह दिया- सिर्फ तुम्हारे लिए !

बस यह सुनते ही वीरू ने मुझे बेड पर गिराया और मेरे ऊपर लेट गया। मेरी आखों में देखा और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। होंठ चूसते चूसते एक दूसरे के जीभें भी चूसने लगे। मैंने वीरू को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी टांगों को उसकी कमर के गिर्द जकड़ लिया। वो अभी आराम से लेटा था पर पर मैं नीचे से कमर उठा उठा कर अपनी चूत को उसके लण्ड पर रगड़ रही थी।

शायद मेरी बेकरारी वो समझ गया था, ‘करें?’ उसने पूछा, मैंने एक स्माइल से उसको इजाज़त दे दी।

तो वो मेरे ऊपर से उठा और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये, सिर्फ चड्डी छोड़ कर। उसकी चड्डी में से उसका खड़ा हुआ ल

Shaadi sex सेक्सी बीवी को नशे ने चोदा दोस्त ने

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और साथ में यह भी सुखद अहसास था कि आज कोई मेरा अपना बॉय फ्रेंड मुझे चोदेगा।

खैर छतियों को चूसने के बाद वो अपने हाथों और चेहरे से मेरे पेट और कमर को सहलाता हुआ, नीचे को गया और मेरी चूत के आस पास जांघों को सहलाता चूमता मेरे घुटनों तक गया और फिर वापिस आया और मेरी छाती पर बैठ गया।

उसका तना हुआ लण्ड मेरे सामने था, ‘चूस अपने यार को !’ उसने कहा तो मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया। वो भी अपनी कमर हिला हिला कर मुझसे मुख मैथुन का आनन्द ले रहा था।

मैंने कहा- क्या तुम मेरी चाट सकते हो, मैंने आज तक कभी नहीं चटवाई, उस दिन मैंने देखा था जब तुम भाभी की भी चाट रहे थे।

वो मुस्कुराया और मेरे ऊपर उल्टा घूम गया, उसने मेरी दोनों टांगे चौड़ी की और अपना मुँह मेरी चूत से लगा दिया, मैंने भी उसका लण्ड पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया।

उफ़्फ़ ! जब उसने अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर फेरी तो मेरे तो बदन में जैसे बिजलियाँ दौड़ गई। मैंने अपनी दोनों जांघों में उसका सर दबा लिया और अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर फिराने लगी। गर्मी तो पहले ही मेरे दिमाग में चढ़ी पड़ी थी, सो दो मिनट में ही मैं तो झड़ गई।

मेरी चूत का पानी वो चाट गया, मेरा बदन अकड़ गया, मैंने तो उसका लण्ड दातों से काट लिया। जब मैं थोड़ी ढीली पड़ी तो वो उठा और मेरी टांगे चौड़ी करके उनके बीच बैठ गया, ‘मज़ा आया?’ उसने पूछा।

“हाँ, बहुत !” मैं बोली।

‘तो लो अब और मज़ा लो, असली मज़ा !’ यह कह कर वो मेरे ऊपर लेट गया, तो मैंने उसका लण्ड पकड़ के अपनी चूत पर रखा। उसने धक्का मारा तो लण्ड अंदर नहीं गया, वो बोला- अरे टाइट मत करो, आराम से इसे अंदर लेने की कोशिश करो।

मैंने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया, जब उसने दोबारा धक्का मारा तो उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया, मुझे दर्द हुआ, मेरे मुँह से हल्की सी चीख निकल गई, थी भी तो मैं सिर्फ 18-19 साल की।

उसने मेरे दोनों हाथों की उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाई और मेरे दोनों हाथ खींच के बिल्कुल ऊपर ले गया, मैंने अपनी टाँगों को उसकी कमर के गिर्द लपेट लिया, उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखे, अपना लण्ड थोड़ा पीछे किया और दूसरा धक्का मारा, अबकि बार लण्ड थोड़ा और मेरे अंदर घुसा, मेरी दूसरी चीख मेरे मुँह से उसके मुँह में ही रह गई।

उसने फिर वैसे ही किया और इस तरह 4-5 घस्सों में उसने अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में उतार दिया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने लकड़ी का कीला ठोक कर मेरे पेशाब करने की जगह को ही बंद कर दिया हो। मेरी आँखों के दोनों किनारों से आंसू निकल आए, पर उसने कोई परवाह नहीं की।”तेरी चूत बहुत टाइट है, आज तक इतनी टाइट चूत नहीं देखी।”

मैंने भी कहा- तुम पहले इंसान हो जिसने मेरी सील तोड़ी है, आज से पहले इसमे सिर्फ मेरी उंगली या पैन वगैरह ही गए हैं।

यह सुन कर वो बहुत खुश हुआ- वाह, तो आज तो कच्ची फाड़ दी, शुक्रिया भगवान !

यह कह कर वो हँसा और फिर तो चल सो चल, वो आगे पीछे करता रहा। जब मैंने भी फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया तो वो अपना पूरा लण्ड मेरी चूत के आखरी सिरे तक लेजा कर मुझे चोद रहा था। बेशक मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था पर फिर भी मज़ा आ रहा था। जितना वो ऊपर से ज़ोर लगा रहा था, उतना मैं नीचे से कमर उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी।

हम दोनों के बदन पसीने से भीग रहे थे, पर संभोग की गाड़ी पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी।

tarak mehta sex अंजलि का दर्द [TMKOC XXX STORY]

करीब 8-10 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपनी मर्दांगी का सारा रस मेरी चूत में उड़ेल दिया। वो थक कर मेरे ऊपर ही लेट गया। जब उसका लण्ड ढीला पड़ा तो अपने अपने आप मेरी चूत से बाहर निकल गया और उसके साथ उसका वीर्य भी मेरी चूत से बाहर चू गया।

मैं इस बात को लेकर बहुत खुश थी के चलो जो भी सही पर आज कोई है जिसने मेरा कौमार्य भंग कर दिया।

कुछ देर हम लेटे रहे, फिर उसने कहा- मैं तुम्हें फिर से चोदना चाहता हूँ, एक बार फिर से करें?

मैंने बड़ी खुशी से हाँ कही। उस सारी रात हम सोये नहीं, और पूरी रात में उसने 4 बार मेरे साथ सेक्स किया, मेरी फ़ुद्दी रगड़ी।

सुबह करीब 5 बजे वो चुपचाप से मेरे घर से निकाल गया। लेकिन उसके बाद कभी ऐसा मौका नहीं मिला। वीरू फिर भी हमारे घर आता था, पर भाभी ने उसे कभी मेरे लिए नहीं छोड़ा, जब भी वो आता तो भाभी ही उस से मज़े लेती, मुझ तक तो पहुँचने ही नहीं देती।

फिर वीरू भी बाहर चला गया। मेरी पढ़ाई पूरी हो गई, एम ए बी एड करके मैं फिर अपने ही स्कूल में टीचर लग गई, पर न तो मेरी शादी हुई, और न ही चुदाई।

भाभी आज भी मज़े ले रही है, और आज भी मैं अपनी काम-पिपासा बैंगन, खीरा जैसी चीजों से शांत करती हूँ।

The post शादी का सुख – पार्ट २ appeared first on Antarvasna.

]]>
मेरी सुहागरात की कहानी https://sexstories.one/suhagraat-ki-chudai-kahani/ Mon, 30 Mar 2020 15:23:55 +0000 https://sexstories.one/?p=841 मेरी शादी ठीक से हुई, मेरे जिम्मे सिर्फ़ दो काम थे, पहला घर और ससुराल में शादी की सभी परम्पराएँ पूरी करना और दूसरा शादी में शामिल मेहमानों से शादी की शुभकामनाएँ स्वीकारना ! इसके ... >> पूरी कहानी पढ़ें

The post मेरी सुहागरात की कहानी appeared first on Antarvasna.

]]>
मेरी शादी ठीक से हुई, मेरे जिम्मे सिर्फ़ दो काम थे, पहला घर और ससुराल में शादी की सभी परम्पराएँ पूरी करना और दूसरा शादी में शामिल मेहमानों से शादी की शुभकामनाएँ स्वीकारना ! इसके अलावा शादी की तैयारियों के कई काम भी जो चलते फिरते मुझे नजर आते, जल्दी ही उन्हें करना पड़ता या उन्हें करने के लिए किसी को कहना पड़ता। suhagraat ki chudai main kabhi na bhool payi…

बारात लेकर स्नेहा के गांव जाना और फ़िर स्नेहा के साथ शादी करके लौटते समय तक तो मैं बहुत थक गया था। पर सारी थकान इस सोच से दूर करता कि अब स्नेहा मुझे रोज चोदने के लिए मिल गई है।

हमारे समुदाय में एक कहावत है- ‘लुगाई रो हाथ कर ले अपणा, सख्ती कम जोर घणा’

Suhagraat ki chudai – पडोसी की बेटी का भोसड़ा

suhagraat ki chudai
suhagraat ki chudai

इस कहावत को चरितार्थ होते मैंने अभी ही देखा। मेरी सारी थकान तब फुर्र हो जाती जब स्नेहा का हाथ ऊपर से ही सही मेरे लंड पर लग जाता। इ

स आनन्द को बताने मुझे शब्द नहीं मिल रहे हैं। पर साथ ही मैं महसूस कर रहा था कि स्नेहा भी मेरे साथ सैक्स का यह खेल खेलने का मजा ले रही है।

उसे जब भी मौका मिलता, वह मेरे लंड पर हाथ रख देती।

लौटते में हम अपनी कार में थे और ड्राइवर तथा मेरे भाई के दोनो बच्चे साथ में होने के कारण हमें ज्यादा कुछ करते नहीं बना। बस कभी वह मेरे लंड को छू लेती, या मैं उसके बूब्स या चूत दबा देता।

कार में स्नेहा ज्यादातर सोते हुए ही आई। हम लोग शाम तक घर पहुंचे, और आज रात को ही हमारी सुहागरात थी। सो घर पहुँचते ही मैं सोया, रात को जागना था ना इसलिए।

करीब दो घण्टे बाद मैं उठा, देखा तो पूरा कमरा फूलों से सजा हुआ था। कमरे से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी, रूम फ़्रेशनर स्प्रे किया गया था। मैं अभी कमरे को देख ही रहा था कि वहाँ भाभी आ गई।

Suhagraat ki chudai – मेरी चूत का उद्घाटन समारोह

उन्होंने मुझसे कहा- आप थोड़ी देर बाहर बैठिए, हमें इस कमरे को अभी और ठीक करना है। मैं उठकर बाहर आ गया और वहाँ मेहमानों के पास बैठ गया। यहाँ बैठे हुए मुझे एक घंटे से भी ज्यादा समय हो गया। तभी भाभी वहाँ आईं और मुझे बुलाकर अंदर कमरे में ले गई।यहाँ मुझे खाना दिया गया।

मैं खाना खाकर उठा ही था कि हमारे पड़ोस में रहने वाली अंजलि भाभी आईं और मुझे बोली- हीरा पाया है तुमने जस्सूजी। अब ऐश करिए जिंदगी भर।

मैंने कहा- भाभी, आप स्नेहा से मिलकर आ रहीं हैं ना?

अंजली भाभी बोली- मिलकर? अरे उसे आपके पास जाने के लिए तैयार कर रही थी। अब उन्हें देखकर बताइएगा कि कैसी लगी।

मैं गदगद हो गया, वाह अब इत्मिनान से स्नेहा को चोदने में मजा आ जएगा। अंजलि भाभी चली गई, इसके थोड़ी ही देर बाद भाभी व उनके साथ तीन महिलाएँ आईं, मुझसे बोली- चलिए जस्सूजी।

मैं तुरंत खड़ा हुआ और बोला- चलिए।

मेरे यह कहते ही सभी महिलाएँ खिलखिला उठी, उनमें से एक बोली- कितना बेचैन है बिचारा।

अब मैंने बात पलटते हुए कहा- कहाँ चलना है बताइए ना?

Suhagraat ki chudai – शादी के दिन सास मां की चुदाई

भाभी बोली- आपके कमरे में चलिए जस्सूजी।

मैं खुशी में विभोर हो उनके साथ चल पड़ा। मेरे कमरे के बाहर भाभी ने मुझे रोका और बोली- आप थोड़ी देर यहाँ रूकिए, मैं बस दो मिनट में स्नेहा से मिलकर आती हूँ।

यह बोलकर भाभी अंदर गई और जल्दी ही बाहर आ गई। अब सभी महिलाएँ मुझे मेरे कमरे में दरवाजे के बाहर से ही धक्का देकर कमरा बाहर से बंद कर लिया।

मैं भी अब राहत की सांस लेकर दरवाजे को अंदर से बंद करके पलंग की ओर बढ़ा। स्नेहा पलंग पर घुटने मोड़ कर बैठी हुई थी।

मैंने उसके पास पहुँच कर कहा- अब क्या नई दुल्हन की तरह शर्माते हुए बैठी हो, चलो जल्दी से कपड़े उतारो।

मैं पलंग पर चढ़ने लगा, तभी स्नेहा जल्दी से नीचे उतर गई। मैं भी नीचे आया और बोला- क्या हो गया?

तभी स्नेहा मेरे पैरों पर गिर कर बोली- आज से आप मेरे भगवान हैं। मुझे अपने से दूर मत कीजिएगा।

Suhagraat ki chudai – कमीने भाई की गुलाम

मेरी आँखों में आँसू आ गए- अरे, मैं तुम्हें अपने से दूर क्यूं करूँगा। तुम ही मुझे छोड़कर कहीं मत जाना।

यह कहते हुए मैंने स्नेहा को पलंग पर बिठाया व कहा- आज अपना चेहरा तो दिखा दो। कितनी देर हो गई है, तुम्हें देखने को तरस रहा था मैं !

ऐसा कहकर मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसे आज भेंट करने के लिए खरीदा नेकलेस उसके गले में डाल दिया। मैंने देखा कि आज तो स्नेहा गजब की सुन्दर दिख रही है। उसकी उपमा किस हिरोइन से करूं, आज तो वह सभी हिरोइनों से भी सुंदर दिख रही थी, मानो परी हो कोई !

वही संगमरमरी रंग, सुतवाँ नाक, आँखें ऐसी मानो किसी ने गोरे खिले रंग पर हरा काजू रख दिया हो। उसका गला देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि यह कुछ भी खाएगी पता चल जाएगा।

उसके स्तन वैसे ही उठे हुए, और आज सबसे ज्यादा देखने की चीज तो उसके चूतड़ थे, ये उसके सीने से भी ज्यादा उठे हुए दिख रहे थे। उसके रूप पर मंत्रमुग्ध हो मैंने स्नेहा से कहा- चलो फटाफट कपड़े उतार दो अब।

Suhagraat ki chudai – चूत का जुगाड़

स्नेहा बोली- एक मिनट रूकिए, मैं फारमेल्टी तो पूरी कर लूँ।

यह बोलकर वह मेज के पास तक गई और वहाँ रखा गिलास लाकर मुझे देकर बोली- चलिए, इस दूध को जल्दी से खत्म कीजिए।

मैंने उसके स्तन पर हाथ रखा, बोला- आज रात को ये वाला दूध पीया जाता है, चलो निकालो जल्दी।

उसने कहा- ये वाला दूध और चूत दोनों पीने व चोदने को मिलेगी, पर पहले इस दूध को पीजिए जल्दी।

मैंने उससे गिलास लिया और दूध पीने के बाद उसी मेज पर रखे जग से और दूध लेकर उसी गिलास में डाला व स्नेहा को देते हुए कहा- लो अब तुम भी जल्दी से पियो।

स्नेहा ने करीब आधा गिलास ही दूध पी और गिलास वहीं रख दिया। स्नेहा को देर करते देख मैंने खुद ही उसके जेवर और कपड़े उतारने शुरू किए।

Suhagraat ki chudai – मामी मेरी चुदाई गुरु

पहले उसके माथे पर सोने की चेन से लटके हुए तारों को उतारने के लिए दोनो कानों के पीछे बंधी चेन को खोला। अब नाक पर पहनी बड़ी सी नथनी भी उसी चेन से लगी हुई थी, नथनी स्नेहा उतारने लगी।

मैंने उससे कहा- बाली भी निकाल लेना ! और मैं उसके गले के पीछे नेकलेस के हुक खोलने लगा, इसके बाद कमरबंद को निकाला।

सब जेवर उतारकर वह बोली- अब अच्छा लग रहा है।

मैंने पहले उसकी साड़ी, फिर ब्लाउज व पेटीकोट उतारा। अब वह क्रीम रंग की ब्रा-पैन्टी के सेट में थी। उसे देखकर मैं सोच रहा था कि स्नेहा को इस रूप में देखने के लिए मुझसे भी मालदार लोग इस पर ना जाने क्या-क्या लुटाने को तैयार रहते, पर भगवान ने इसे मुझे सौंप दिया।

यह सोचकर मैंने अपने भगवान के प्रति दिल से आभार जताया।

The post मेरी सुहागरात की कहानी appeared first on Antarvasna.

]]>