suhaagraat sex Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/suhaagraat-sex/ Hindipornstories.org Thu, 04 Nov 2021 08:44:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 सुहागरात पर तिन लोगों ने चोदा मुझे https://sexstories.one/group-me-chod-gaye-suhagraat-pe/ Thu, 04 Nov 2021 08:44:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3266 चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा...

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3 Log chod gaye suhagraat pe कितनी सुहावनी रात थी वो जिस दिन मैंने सुहागरात मनाई थी . पहले तो आया मेरे हाथ में मेरे शौहर का लौड़ा. मैंने खूब मजे से चुदवाया फिर अचानक मेरे हाथ में एक टन टनाता हुआ नया लण्ड आ गया . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो वह मेरा नंदोई .था .उसने खड़ा लण्ड चुपके से मेरे हाथ में रख दिया था . मैं मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन दिखावे के लिए ना नुकुर करने लगी . फिर मुठ्ठी में भर कर सहलाने लगी लौड़ा . मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि लौडा मेरी पसंद का निकला ?

फिर 2 मिनट के बाद उसने कहा भाभी ये मेरे दोस्त का लौडा है इसे भी पकड़ लो प्लीज ? मेरे लण्ड की ही तरह है इसका लण्ड ? हां भाभी इसका लण्ड मेरी बीवी बहुत पसंद करती है . इसलिए मेरी बीवी इससे चुदवाती है और इसकी बीवी मुझसे चुदवाती है . दोनों कर लेती है मर्दों की अदला बदली . मुझे तो इसकी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है और इसको मेरी बीवी चोदने में . फिर हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की बीवी चोदने लगे .

भाभी, मर्दों की अदला बदली करके चुदवाने में वाकई ज्यादा मज़ा आता है. न मानो तो तुम अपनी नन्द से पूंछ लो ?

तुम बड़ी नसीब वाली हो भाभी, जिसको आज से ही लन्ड की अदला बदली का मौका मिल रहा है . आज से ही पराये मर्दों से चुदवाने की आज़ादी मिल रही है . हां भाभी तुम चिंता न करो तेरा शौहर इस बात के लिए राज़ी है . तभी तो वह इसकी बीवी बगल के कमरे में चोद रहा है और ये मेरे साथ तुम्हे चोदने आया है .अब आज से हम तीनो मैं, मेरा दोस्त और तेरा शौहर मिलकर एक ही कमरे में एक दूसरे की बीवियां चोदा करेंगे ? धीरे धीरे और भी कपल शामिल हो जायेंगे .
बस ये सुन कर मैंने उसका लण्ड जोर से पकड़ लिया और फिर मस्त होकर दोनों लण्ड चाटने लगी मेरा नाम है कम्मो, मेरा नंदोई आसिफ और उसका दोस्त कादर . कादर की बीवी नाजिया है . .

मेरा निकाह जब हुआ तो मेरे शौहर ने मुझे गोवा ले जाने का प्रोग्राम बनाया . हां जी हनीमून मनाने . मैं बहुत खुश थी . होटल में चेक इन किया . उस होटल में बहुत सारे कपल आये थे . सबको हनीमून मनाना था . मैं कपल को आते जाते देखती थी . बीवियों को कम मर्दों को ज्यादा देखती थी . मैं मन ही मन उन मर्दों के लण्ड के बारे सोचने लगी . हाय अल्ला, कितना प्यारा होगा इसका लौड़ा ? कितना मोटा होगा उसका लौड़ा ? कैसे चोदता होगा ये मर्द ? कैसे बुर लेता होगा वो मर्द ? बस यही सब सोचने में लगी थी . मैं आपको बता दूं मुझे दुनियां में सबसे अच्छा “लण्ड” ही लगता है .

मैं तो अल्ला से दुआ करती हूँ की ये खुदा मुझे दुनिया बस खाना और चुदाना दे ? मेरा निकाह आज हुआ है लेकिन मैं बहुत सारे लण्ड पकड़ चुकी हूँ . कॉलेज में लडको के लण्ड और घर में जीजू का लण्ड, अंकल का लण्ड, खालू का लण्ड, और कजिन भाई जान का लण्ड पकड़ चुकी हूँ . अपनी बुर में पेल चुकी हूँ . ये बात मेरी अम्मी के अलावा कई लोग जानते है .

खैर होटल में आने के बाद हम लोग घूमने चले गए . मेरा शौहर करीम बड़ा स्मार्ट और रोमांटिक किस्म का आदमी है . निकाह के पहले मैं उससे कभी नहीं मिली . हा मैं उसे पसंद जरुर करती हूँ . शाम को एक पार्टी रखी गयी जिसमे मेरा नदोई भी था . वह अकेला ही आया था . मेरी नन्द नहीं थी . उसका एक दोस्त कादर था और उसकी बीवी नाजिया . दारू पीने की पार्टी थी . मैं भी पीती हूँ लेकिन वहां ना नुकुर करने लगी तो मेरे हसबैंड ने कहा यार पी लो सबका मन है . सबका साथ दो . बस मैं भी पीने में शामिल हो गयी . पीते पीते हंसी मजाक शुरू हो गयी . मेरा नंदोई मादर चोद ज्यादा ही मस्ती के मूड में था

वह बोला :- दारू के साथ और कुछ पीना चाहोगी ? मेरा मन हुआ की मैं कहूं हां लण्ड पियूंगी ? पर मैं चुप रही . मना कर दिया मैंने .

नाजिया बोली :- हां भाभी मैं तो पीती हूँ . ये बहन चोद शराब अकेले नहीं पी जाती .

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आसिफ (नंदोई) बोला :- तो पी लो यार जो चाहो ?

नाजिया बोली :- तुम भोषडी के भाभी की बड़ी मक्खन बाज़ी कर रहे हो ? उसकी गालियाँ सुन कर मज़ा आया . मेरा शौहर बोला :- नाजिया भाभी तुम जो पियो उसे मेरी बीवी को भी पिलाओ . बड़ी शर्मीली है मेरी बीवी ?

नाजिया बोली :- यार यही तो कमी है इसमें .पीने में बेशरम होना चाहिए .

मैंने कहा :- नहीं भाभी मैं बेशरम ही हूँ . आज थोडा डर रही हूँ .

नाजिया बोली :- अरे डरने की क्या जरुरत है . आज की रात तो निडर होकर लण्ड पकड़ने का है .

आसिफ बोला :- भाभी लण्ड ही नहीं चूंचियाँ भी पकड़ने की रात है .

नाजिया बोली :- तू माँ का लौड़ा मानेगा नहीं .

मैंने कहा :- मैं जब इसकी गांड मारूंगी तब यह मानेगा .

मेरा ऐसा कहते ही सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े .

खैर रात के 12 बजे हम सब अपने अपने कमरे में चले गए . मेरा शौहर मेरे कपडे उतारने लगा . मैं नशे में थी . जल्दी नंगी हो गयी . वह भी हो गया नंगा , मैंने उसका लौड़ा देखा तो जान में जान आयी . लौड़ा तगड़ा भी था और कड़क भी . मैंने जम कर चुदवाया रात में . मैं बाथ रूम गयी और जब वापस आयी तो मुझे शौहर नहीं दिखाई पड़ा ? लेकिन मेरे सामने एक खड़ा टन टनाता हुआ लण्ड आ गया . मेरे हाथ में आ गया लण्ड . लण्ड खूबसूरत था . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो मुह से निकला तुम हो भोषडी के आसिफ ? तेरी माँ का भोषडा साले आज तो मेरे शौहर की रात है तू माँ का लौड़ा यहाँ क्या कर रहा है ? जा मैं नहीं पकडती तेरा लौड़ा ? अपनी माँ के भोषडा में पेल अपना लौड़ा ? जा नहीं तो मैं यही तेरी माँ चोदूंगी अभी के अभी ? . मेरी गालियाँ सुन सुन कर उसका लौड़ा और टन्नाता जा रहा था .

मैं मन से गालियाँ नहीं दे रही थी . उसके लण्ड में जोश भरने के लिए बक रही थी . मुझे लण्ड पसंद आया और फिर मैं मुस्करा कर लण्ड सहलाने लगी ? इतने में एक और लौड़ा अपना सर हिलाता हुआ मेरे सामने आ गया . उसका सुपाडा बहन चोद सबसे ज्यादा फूला हुआ था . एकदम जैसे गुब्बाडा ? आसिफ बोला भाभी के कादर है का लौड़ा है ? मैंने कहा तो क्या कादर भी मादर चोद चोदेगा मेरी चूत ? आसिफ बोला भाभी तेरा शौहर बगल के कमरे में इसकी बीवी नाजिया को चोद रहा है . इसलिए ये तेरी बुर चोदेगा ? मुझे यकीं नहीं हुआ मैंने कहा दिखाओ मुझे पहले ?

मैंने उसके साथ गयी और झांक कर देखने लगी . मैंने देखा की मेरा मियां का लण्ड नाजिया की चूत में घुसा है और वह मस्ती से चुदवा रही है . बस फिर क्या ? मैं वापस आयी और कादर का लौड़ा अपनी बुर में मुह पर रखा और कहा घुसेड मादर चोद अपना लौड़ा और भकाभक चोदों मेरी चूत ? वह चोदने लगा और मैं आसिफ का लण्ड मुह में लेकर चूसने लगी . दोनों लौड़े मस्त थे . अब मैं भी हो गयी थी बड़ी बेशरम. निर्लज्ज और बेहाया ? कादर से चुदवाने का मज़ा उठाने .लगी फिर मैंने कहा अबे आसिफ भोषडी अब तू पेल अपना लौड़ा मेरी बुर में और कस के चोद मेरी बुर चोदी बुर को .

आसिफ तो इसी ताक में था ही ? वह बोला भाभी जाने कबसे मैं तेरी चूत चोदने के फिराक में था . आज मेरी तमन्ना पूरी.हुई . इतना कहा और लौड़ा उसकी बुर के अन्दर . मैंने कहा अबे साले तेरा लौड़ा तो कुछ मोटा लगता है ? चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा ? मैंने कहा अबे पहले तू मेरा भोषडा चोद फिर मेरी माँ का भोषडा चोदना ? उधर कादर का लौड़ा साला मेरी चूंचियों पर शैर कर रहा था .

थोड़ी देर में मैंने कहा यार आसिफ तू मुझे पीछे से चोद . बीच बीच में मेरी गांड में भी घुसेड दे लांड ? अब मैं बुर और गांड दोनों एक साथ चुदवाने लगी ?

इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया ? फिर मैंने एक एक करके दोनों लण्ड पर बैठ कर चुदवाया ? मैंने सोचा की क्यों न दोनों लण्ड एक साथ पेलू चूत में ? मैंने आसिफ को नीचे लिटा दिया और उसकी तरफ गांड करेके बैठ गयी लण्ड पर . मैं चित लेट गयी आसिफ के ऊपर . मेरी चूत फ़ैल गयी जिसमे पहले से ही आसिफ का लौड़ा घुसा था . तब मैंने कादर से कहा अब तू भी पेल अपना लौदा मेरी चूत में . उसने पेला और मैं दोनों लण्ड से चुदाने लगी बुर . मुझे लगा की यह मेरी बड़ी कामयाबी है . जब लण्ड झड़ने को आये तो दोनों का मुठ्ठ गचागच मारा और मज़ा लिया

तब तक सुबह के 4 बज चुके थे . मैं नंगी नंगी ही सो गयी . मैं जब उठी तो मेरे मियां ने पूंछा :- उन दोनों के लण्ड पसंद आये तुम्हे कम्मो ? उन दोनों ने ठीक से चोदा तुम्हे की नहीं ?

मैंने कहा :- लण्ड तो बड़े मस्त थे और चोदा भी भोषडी वाले ने खूब ? ( मैं बिलकुल रंडी की तरह बात कर रही थी .) अच्छा तुम बताओ तुम्हे नाजिया की बुर कैसी लगी ? तुम्हारा लण्ड उसे पसंद आया ?

वह बोला :- हां वह तो चुदाने में बिलकुल मस्त हो जाती है . खुल कर चुदवाती है बुर चोदी ? वो तो मेरे जैसे ही लण्ड पसंद करती है . बस अब मेरा रास्ता साफ़ हो चुका था . मैं समझ गयी की अब मैं किसी से भी खुल कर चुदा सकती हूँ और कहीं भी चुदा सकती हूँ . मेरी हिम्मत बढ़ गयी .

अब जब भी मुझे कोई स्मार्ट आदमी मिलता है तो मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगती हूँ . और सोचने लगती हूँ कैसे इसका लण्ड पकडूं ?

दो दिन बाद उसी होटल में मैं सवेरे सवेरे बैठी हुई नास्ता कर रही थी . अचानक मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए किसी ने कहा अरी कम्मो ? तू किसके साथ आयी है अपनी सुहागरात मनाने ? सवाल बड़ा अटपटा था ? सुहागरात मनाने तो हर कोई अपने मर्द के साथ ही आती है यार ?

मैंने जबाब दिया ? फिर कहा अरे तू प्रीती यहाँ कैसे आयी है . तेरी शादी कब हुई यार ?

प्रीती बोली :- अभी दो दिन पहले ?

मैंने कहा :- तो क्या तू किसी और के साथ सुहागरात मनाने आयी है .

प्रीती बोली :- हां, और नहीं तो क्या ? अपने मर्द के साथ सुहागरात मनाना तो पुराणी बात हो गयी है . मैं तो गैर मर्दों के साथ मना रही हूँ सुहागरात ? आज दूसरा दिन है ?

मैंने कहा :-अरे यार क्यों मजाक कर रही हो ?

प्रीती बोली :- मजाक नहीं हकीकत है यार ? देख बड़ी मजेदार बात है . हम तीन कपल है . सब एक ही कमरे में मनाते है सुहागरात . उनमे से कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदता . तीनो एक दूसरे की बीवी चोदते है और वो भी सबके.सामने इस तरह मैं दोदो गैर मर्दों से चुदवा रही हूँ कल से . बड़ा मज़ा आ रहा है यार ?

प्रीती बोलती जा रहा थी . मैं तो अकेली ही चली थी . टूरिस्ट बस में मुझे दो कपल मिल गए . रिया साजन और लूसी डेविड . दिन भर उनके साथ घूमते फिरते रहे और फिर शाम को एक साथ बैठ बातें करने लगे . वह कमरा मेरा ही था . दारू का प्रोगाम बन गया और फिर बिना रोक टोक सबको पीना पड़ा शराब .

नशा चढ़ने के बाद लूसी बोली :- आज की रात मैं एक नया खेल करना चाहती हूँ . देखो हमसब लोग सुहागरात मानाने आये है . मेरा कहना है की वैसे तो हर एक बीवी अपने मियां के साथ ही सुहागरात मनाती है पर मेरा सुझाव है की आज की रात हम लोग दूसरों मर्दों के साथ सुहागरात मनाएं ? .हां अपने मियां से चुदवाना तो ज़िन्दगी भर होता रहेगा पर ऐसा मौका कभी नहीं मिलेगा की हम एक साथ एक दूसरे मर्द से चुदवाये ? अपनी अपनी मर्जी से चुदवायें ? मर्द भी अपनी अपनी मर्जी से एक दूसरे की बीवी चोदें और जवानी का पूरा मज़ा ले ? यहाँ न कोई हमें जानता है और न ही पहचानता है . इसलिए कोई खतरा भी नहीं है . यह बात हम तीनो के बीच गुप्त रहेगी .

साजन बोला :- भाभी आपका तर्क सही है . हां मैं तैयार हूँ और मेरी बीवी भी राजी है .

मैंने कहा (प्रीती) :- हां मैं भी और मेरे हसबैंड को कोई ऐतराज नहीं है .

फिर जानती हो कम्मो क्या हुआ ? सबसे पहले लूसी ही नंगी हो गयी सबके सामने . फिर मैंने सारे कपडे उतारे और मेरे बाद रिया ने . हम तीनो बीवियों को नंगी देख कर मर्दों के लण्ड आसमान ताकने लगे . खड़े हो गए बहन चोद लण्ड ? खड़े खड़े अपना अपना सर हिलाने लगे मादर चोद सभी लण्ड ? उसके बाद होने लगी भकाभक चुदाई . हर एक बीवी ने दो दो पराये मर्दों से चुदवाया और हर एक मर्द ने दो दो परायी बीवियां चोदी . कल जब इतना मज़ा आया तो आज भी वही होगा

मैंने कहा :- प्रीती आज तुम मुझे भी शामिल कर लो . मेरा मियां तैयार है .

तब तक नाजिया, आसिफ और कादर चले गए थे . उस रात मैं अपने मियां ताहिर को लेकर प्रीती के कमरे में चली गयी . अब चार कपल हो गए . मैं कम्मो ताहिर, प्रीती विक्रम, रिया साजन और लूसी डेविड

इन चारों कपल ने मिलकर चुदाई का खूब धमाल मचाया . सभी बीवियों ने तीन तीन गैर मर्दों से चुदवाया और सभी मर्दों ने तीन तीन परायी बीवियां चोदीं

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दोस्त की बीवी के साथ उसीके घर पर सुहागरात https://sexstories.one/dost-ki-biwi-ke-sath-usike-ghar-pe-suhagraat-xxx/ Sun, 24 Oct 2021 12:02:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3100 उनकी चूचियां मेरे पीठपर टकराने लगीं और मेरा लंड एक्ससिटेमेंट में पैंट फाड़ने के लिए तैयार हो गया.. फिर मैं जैसे ही बर्तन के रैक को फिट करके पीछे मुडा तो भाभी पीछे हो खड़ी थी. एक बार फिर आमने-सामने की टक्क्रर हो गयी। इस बार उनकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराई...

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Dost ke biwi ki saath Suhagraat XXX kahani ये दास्ताँ है मेरे दोस्त की बीवी की चुदाई की.. मैं उस समय नॉएडा में पोस्टेड था. मेरे ऑफिस में एक प्रोजेक्ट मैनेजर था, सुमन. वो मेरे ही प्रोजेक्ट पर था इसलिए हमारे बिच अच्छी दोस्ती हो गयी थी. मेरे सीनियर था, भाग्य से वो भी मेरे ही सोसाइटी में रहता था. धीरे धीरे उसके घर मेरे आना जाना शुरू हो गया था. उसकी बीवी से भी मेरी खुब पटती थी. शादी नयी नयी हुई थी. इसलिए भाभीजी फुलटू माल थी.. लगभग ५ फुट ५ इंच की हाइट और फिगर ३४-३६-३४ का! गोरी चिट्टी से मस्त आइटम थी….

मेरे दोस्त ने नया नया फ्लैट ख़रीदा था और मैं क्लोज फ्रेंड होने के कारण वह इनवाइटेड था हाउस-वार्मिंग पार्टी में. भाभीजी, जिनका नाम श्वेता था, वो काफी चिपक रही थी.. मेरे दोस्त को कुछ सामान लाना था तो वो बाहर चला गया. उसने कहा तुम इधर ही बैठो. मैं उसके घर पर ही रुक गया और टीवी देख रहा था.. फिर अचानक मैंने सोचा की भाभी की कुछ मदद कर देता हु और मैं किचन में गया… भाभीजी फर्श की सफाई कर रही थी.. वो रेड कलर की मैक्सी पहनी थी और नीचे झुककर सफाई कर रही थी. मैंने जैसे ही उनकी तरफ देखा, वो मुस्कुराने लगी और बोली की क्या बात है देवरजी?

मैंने कहा की मैं खली बैठा था तो सोचा की आपकी ही मदद कर देता हु.. तो वो हंसने लगी..

फिर अचानक ही मेरी नज़र उनके फेस से निचे पहुंची तो मैं अवाक् रह गया.. उनकी मैक्सी के ऊपर का बटन खुला हुआ था और उसके अंदर से उनकी मस्त चूचियाँ दिख रही थी… गोल गोल मक्खन जैसी उजली चूचियाँ देख के मैं अवाक् रह गया… मेरा लंड तनक गया…

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भाभीजी शायद ताड़ गयी और उन्होंने अपनी मैक्सी का बटन ठीक कर लिया.. अब उनकी चूचियाँ नहीं दिख रही थी.. फिर वो अचानक से कड़ी हो गयीं और बोटी की आपको मेरी मदद करनी है तो मेरा बर्तन लगा दीजिये.. लेकिन बर्तन वाला रैक भी नहीं लगा था.. मैंने उनसे पुछा की बर्तन का रैक कहाँ है तो उन्होंने बताया के बगल वाले कमरे में है. मैंने कहा ठीक है, मैं ले आता हूँ..

फिर मैं बगल वाले रूम में गया तो भाभीजी भी आ गयीं… बोली – रैक बहुत ऊँचा है.. आप चेयर ले लीजिये… मैं उसको पकड़ लुंगी.. फिर मैं चेयर पर चढ़ कर उनके बर्तन वाला रैक उतरने लगा.. भाभीजी ने चेयर ज़ोर से पकड़ा था सटकर… धीरे धीरे वो मेरे और खरीद सटती जा रही थी.. कुछ देर बाद ही उनकी चूचियाँ मेरे पीठ पर सटने लगीं… दोस्तों मेरा ८ इंच लम्बा लंड खड़ा हो गया.. भाभीजी की चूचियाँ अब पूरी तरह से मेरे पीठ में रगड़ खा रहीं थी.. और मेरी हालत ख़राब हो रही थी… किसी तरह अपने ऊपर कण्ट्रोल करके मैंने बर्तन वाला रैक उतार लिया…

फिर मैं जैसे ही चेयर से उतरने के लिए मुडा तो मेरा पैर स्लिप कर गया और मैं फिसल गया.. भाभी पीछे कड़ी होकर मुझे पकड़े हुए थी तो उन्होंने मुझे बचने की कोशिश की.. मेरे हाथ से बर्तन का रैक छूट कर निचे गिर गया.. भाभी मेरे सामने कड़ी थी तो उन्होंने रोकने की कोशिश की और मैं उनकी बाँहों में हो गिरा… उन्होंने कस कर मुझे पकड़ा ताकि मैं गिरूं नहीं.. इसी कोशिश में मैं उनसे गले मिलने की पोजीशन में आ गया और उनसे पूरी तरह चिपक गया.. उनकी चूचियाँ अब मस्त मुझसे चिपकी हुई थी.. दोस्तों मैं तो जैसे सातवे आसमान पर था.. मेरा लंड जो अभी तक खड़ा था वो भी फुल फॉर्म में आ चूका था…

भाभी ने मुझे ज़ोर से भींच लिया और कहा – राजीव आप ठीक हो?

मैं कहाँ ठीक था यारों.. लेकिन मैंने सर हिलाया… तब भाभी ने पकड़ के मुझे बगल के बेड पर बिठा दिया.. मेरे पूरे शरीर में मानो बिजली दौड़ गयी हो… फिर कुछ देर बाद मैं नार्मल हो गया तो बर्तन का रैक उठाकर उनके किचन में फिट करने चला गया…

जैसे ही मैं कील ठोक कर बर्तन का रैक को फिट करने चला, तो भाभी ने फिर से पीछे से आकर पकड़ लिया और बोला – कहीं आप फिर से ना गिर जाओ…

फिर उनकी चूचियां मेरे पीठपर टकराने लगीं और मेरा लंड एक्ससिटेमेंट में पैंट फाड़ने के लिए तैयार हो गया.. फिर मैं जैसे ही बर्तन के रैक को फिट करके पीछे मुडा तो भाभी पीछे हो खड़ी थी. एक बार फिर आमने-सामने की टक्क्रर हो गयी। इस बार उनकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराई और मेरा लंड उनके कमर के निचे.. भाभी ने एक कातिलाना स्माइल दी.. उसके बाद मेरा फ्रेंड आ गया और फाइनली उनकी फंक्शन स्मूथली ख़त्म हो गयी..

लगभग चार दिन के बाद सुमन ने अपने केबिन में मुझे बुलाया और कहा – राजीव, मुझे अर्जेंट काम से बॉम्बे जाना है एक दिन के लिए.. मैं कल यानी गुरुवार को जा रहा हूँ और शनिवार को वापस आ जाऊंगा, तब तक तुम प्रोजेक्ट का ध्यान रखना..

मैंने कहा ठीक है.. फिर जैसे ही मैं उसके केबिन से बाहर निकल रहा था तो उसने कहा – सुन तेरी भाभी भी अकेली रहेगी, उसे भी ऑफिस के बाद मिल लिया करना..

भाभी का नाम सुनते ही मेरे दिल में गुदगुदी होने लगी..

उस दिन रात भाई मैंने श्वेता भाभी के नाम पर ४-५ बार मुठ मारी… फिर मैंने सोचा, कहीं सच में अवसर मिल जाए तो.. तो मैंने सरसो के तेल से अपने लंड की मालिश की और उसको मोटा बना लिया.. उसका साइज थोड़ा बढ़ ही गया था.. लगभग ८. ५ इंच! दूसरे दिन ऑफिस में मेरा मन एकदम नहीं लग रहा था.. मन कर रहा था जल्दी से भाभी के पास पहुँच जाऊं.. आखिरकार शाम को ६:३० में ही मैं ऑफिस से निकल गया…

६:५० तक मैं भाभी के सोसाइटी में था.. मैंने दरवाज़े की बेल बजायी.. ५ मिनट के बाद श्वेता भाभी ने दरवाज़ा खोला.. लोहे के दरवाज़े के पीछे से, मुझे देखते ही खुश हो गयी – अरे राजीव… आइये…

फिर उसने लोहे का जालीदार दरवाज़ा खोला..

Dost ke biwi ki chudayi पानी और चुत

मैं घर में घुसते हो बोला – सर ने आपसे मिलकर पूछने के लिए बोला था, अगर आपको कुछ चाहिए तो..

तो उसने स्माइल देकर कहा – अच्छा ठीक है.. ऑफिस से आ रहे हैं तो थोड़ा आराम कर लीजिये, फिर बताउंगी..

श्वेता भाभी ने एक पिंक कलर का सलवार-कमीज पहन रखा था.. वो पूरा टाइट फिट था.. वो ऊपर से नीचे तक क़यामत लग रही थी..

उसने कहा – आप बैठो, मैं चाय बनती हूँ.. मैंने कहा नहीं भाभी, आप क्यों परेशान होती है… कुछ सामान लाना है तो बता दीजिये, जल्दी से ला दूंगा..

तो श्वेता भाभी ने कातिलाना अंदाज़ में अंगड़ाई लेते हुए कहा – अभी इतना भी क्या जल्दी है देवरजी, अभी तो पूरी रात बाकी है..

मैं अंदर से खुश हो गया. फिर भाभी चाय बनाने चली गयी. लेकिन मेरा एक्ससिटेमेंट से बुरा हाल हो रहा था. मन कर रहा था की बस दबोच के चोद डालूं. लेकिन फिर भी मैंने कण्ट्रोल रखा. मैं उनके बाथरूम में फेसवाश करने गया. हाथ मुंह धोने के बाद मैंने टॉवल ढूंढा तो वो नहीं था..

मैंने निकलकर भाभी से पुछा, तो स्माइल देते हुए बोली – हाँ आज देर से सूखने के लिए डाला है…

और फिर उसने अपना दुपट्टा उतारते हुए कहा – तक तक अप्प इससे काम चला लो.

अब भाभी की चूचियाँ साफ़ दिख रही थी. गोल-गोल और पूरी पुष्ट! मैंने दुपट्टा लेने के लिए किचन में चला गया और उनके बगल में ही अपना मुंह पोछने के बाद खड़ा हो गया. उनके दुपटे को अपने गले में लपेटकर.. अब मैंने और भाभी किचन में खड़े थे, लेकिन वो मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी और ज़ोर-ज़ोर से साँस ले रही थी, जिसके कारन उसकी चूचियाँ भी ऊपर नीचे हो रहे थीं… मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रखा था. फिर भाभी कुछ लेने के लिए पलटी तो उनकी चूचियाँ मेरे कंधे से टच हुईं.. अब मैंने एक हाथ से उनको पकड़ लिया.. उन्होंने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन बच बोला नहीं…

मैंने उनको खींच कर अपने और करीब कर लिया.. अब वो पूरी तरह से शांत थी.. कोई प्रतिरोध नहीं था लेकिन आँखें झुकी हुई थी. मैंने उनकी ठुड्डी की पकड़ के उनका चेहरा सीधा किया लेकिन फिर भी वो नज़र नहीं मिला रही थी. फिर मैंने उनको थोड़ा और खरीद खींचने को कोशिश की – तो भाभी ने झट से अपने आप को मेरे बाँहों से अलग कर कहा – ये सब क्या है राजीव?

मैंने कहा – प्यार, मैं आपको बहुत प्यार करने लगा हूँ.

तो वो हांसे लगी, बोला मैं – आपके प्यार के मतलब समझती हूँ, और अभी फ़ोन लगाउंगी आपके भाई को जिसने आपके ऊपर विश्वास करके भेजा है मेरे पास…

यारों, मेरी तो जान ही निकल गयी. लगा मेरे ऊपर किसीने १० घड़ा ठंडा पानी दाल दिया हो. मेरा एक्ससिटेमेंट तो जैसे पल भाई में ही काफूर हो गया. भाभी ने दूसरे रूम में जाकर अपना फ़ोन भी उठा लिया. मैं उनके पीछे गया और बोला – की आप तो बुरा मान गयी.. मेरा कोई गलत इंटेंशन नहीं था. मैं तो आपका बहुत बहुत रेस्पेक्ट करता हूँ.

तो भाभी ने फ़ोन रख दिया… और हँसते हुए बोली – बस एक धमकी में प्यार का भूत उतर गया?

मैं अवाक् रह गया.. एक पल के लिए मतलब नहीं समझ पाया…

Dost ke biwi ka bhosda choda बीवी और डोली भाभी

तब फिर भाभी ने कहा – मैंने तुमको पहले ही दिन समझ गयी थी, जब तू जान बूझकर मेरे ऊपर गिरा था..

फिर मैंने भाभी को बाँहों में उठाकर भींच लिया और उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया.. कुछ देर के बाद भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगी और मुझमे और घुसती जा रही थी.. लगभग १५ मिनट तक हम लोगों ने एक दूसरे के होठों को जमकर चूसा.

फिर भाभी बोली – मै तो तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ.. उस दिन टच किया था, आज चूसूंगी..

मैंने कहा – सच?

तो भाभी ने बोला – हाँ! आज तेरे लवडे की खैर नहीं..

फिर मैंने भाभी को उठाकर बेड पर रख दिया.. भाभी भी मुझे कर कर भींचे हुए थी और छोड़ने का नाम हो नहीं ले रही थी.. मैंने भाभी के पूरे फेस पर किस करना शुरू किया.. इसी दरमियाँ मैंने भाभी का कमीज भी खिंच कर ऊपर कर दिया था..

फिर मैंने ब्रा का हुक भी खोल दिया और भाभी की मस्त चूचियों से खेलने लगा. यारों! मैं बयान नहीं कर सकता हूँ.. चूचियों की खूबसूरती… पूरी मक्खन.. मैं तो पूरा बच्चा बन गया था.. भाभी के निप्पल्स को मुंह में लेकर चूस रहा था.. और भाभी मदमस्त आवाज़ें निकाल रही थी.. आह्हः… ऊह्ह्ह्ह… यू… फकर.. आहह.. काट खायेगा क्या?

अचानक भाभी ने मुझे पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी.. उसने बारी बारी से मेरे शर्ट के सारे बटन खोल दिए.. मेरी गंजी भी निकाल दी.. फिर वो मुझे चूमने लगी.. माथे से लेकर नाभि तक! जैसे ही वो निचे पहुंची, उसने मेरे पेंट का हुक भी एक झटके से खोल दिया और पेंट बहार निकाल दिया.. अब मैं अंडरवियर में था.. मेरा मोटा लंड अंडरवियर के पीछे से ही फाड़ने के लिए तैयार दिख रहा था..

भाभी ने मेरा अंडरवियर भी एक झटके में निकाल दिया. अब मैं पूरा नंगा था. भाभी ने एक बार फिर से पैर से चूमना शुरू किया.. लंड को उसने हाथ से कसकर पदक हुआ था.. फिर जैसे ही वो लंड के पास आयी, उसने लंड को मुंह में ले लिया.. लेकिन पूरा लंड उसके मुंह में नहीं जा पा रहा था… वहीँ से उसने मेरे लंड को अपने जीभ से चूसना शुरू कर दिया,…

यारों! अब आवाज़ जी बारी थी.. मैं बेड पर उछल था था.. और वो मज़े ले रही थी.. लगभग १० मिनट में मैं भाभी के मुंह में ही झड़ गया… और मेरा लंड छोटा हो गया…

अब भाभी ने एक बार फिर से मेरे होंठों में अपने होंठ दाल दिया और स्मूच करने लगी… इससे लंड तुरंत ही फिर से टाइट हो गया. अब भाभी टाँगे खोल कर मेरे जांघ के नीचे बैठ गयी.. उसने अपने बुर को आगे किया और मेरे लंड को अपने बुर में घुसाना चाहा… लेकिन उसके छेद में मेरा लंड नहीं घुस पा रहा था.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था…

मैंने अब भाभी को निचे गिरा दिया और तुरंत उसके ऊपर चढ़ कर उसकी चूचियों को कस कर चूसना शुरू क्या.. ५ मिनट के बाद मैंने भाभी के जांघों को फैला दिया और अपना लंड धक्का देकर घुसाना चाहा.. लेकिन तो कराहने लगी…

भाभी बोली – फट जायेगा…! तेरे नामर्द बॉस का तो ४ इंच का ही है, साला नामर्द…

फिर मैंने अपने मुंह भाभी के बुर के पास ले जाकर ढेर सारा थूक बुर के मुंह के पास लगाया.. उसके बाद मैंने भाभी की दोनों टांगों को अपने दोनों कन्धों पर रखा और ज़ोर से अपना लंड बुर में घुसेड़ा.. इस बार आधा लंड जाने के बाद रुक गया..

भाभी दर्द से बिलबिला उठी – फट जाएगा राजीव!!!

मैंने कहा – कुछ नहीं होगा.. आप थोड़ा पेशेंस रखो.. बहुत मज़ा आएगा…

अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर बहार करने लगा. भाभी की हालत ख़राब थी.. उसने अपनी आखें मूँद ली थी और होंठों को दांत से दबा के रखा था.. लगभग ५ मिनट तक लंड आगे-पीछे करने के बाद भाभी की बुर में थोड़ा गीलापन लगने लगा था…

अब दर्द भी पहले से कम था.. इस बार मैंने फिर से शॉट मारा.. तो पूरा लंड अंदर घुस दया.. भाभी दर्द के मारे चीख उठी – आह्ह्ह्हह्ह!!!! फट गया!!!!

सच में, बुर का आगे का हिस्सा बहुत ज़्यादा टाइट था.. वह लंड अच्छे से आगे पीछे नहीं हो पा रहा था,…

मैंने झट से अपना लंड निकाला और भाभी ने बुर में अपने मुंह घुसा दिया.. भाभी अब उछलने लगी.. लगभग १० मिनट तक मैंने भाभी की चुदाई अपने जीभ से की… उसके बाद भाभी ने अपने दोनों जांघो के बिच में मेरा सर जकड लिया.. और अपना पानी छोड़ दिया…

फिर बोली – आज लाइफ में पहली बार मैं झड़ी हूँ.. नहीं तो सुमन मादरचोद को खुद ३-४ बार झड़ जाता है लेकिन मेरा कुछ नहीं कर पाटा है..

अब भाभी का बुर अच्छा ख़ासा गीला हो चूका था. मैं फिर जांघों के पास बैठा और भाभी को पैर फैला कर ज़ोरदार शॉट मारा.. और पूरा लंड अंदर..!!

भाभी बेड से उछाल कर मुझसे चिपक गयी.. उसकी चूचियां लग रहा था जैसे मेरे अंदर घुस जाएंगी और स्मूचिंग तो लगातार जारी था.. इस बार हम लोगों ने जमकर चुदाई की…

भाभी ने भी अपनी कमर उठा उठाकर मेरा भरपूर साथ दिया. लगभग २५ मिनट चुदाई करने के बाद मैं भाभी के बुर में ही झड गया.. लेकिन मेरा लंड अभी वैसे का वैसे ही था.. अब बुर में और पानी हो गया था.. और चुदाई में और ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. इसलिए मैंने चुदाई रोकी नहीं और और चोदता था… बिच-बिच में भाभी कभी अपने जांघों को सटा लेती थी.. कभी मैं उसके जांघों को अपने कंधे पर रख लेता था.. ऐसे ही लगभग १ घंटे के बाद मैं फिर से झड़ गया एयर भाभी भी झड़ गयी..

अब लंड महाराज ८.५ इंच से ३ इंच के हो चुके थे.. मैं अपना लंड बुर से बाहर निकाल रहा था तो भाभी ने कहा – इसी में डाले रखो.. बहुत अच्छा लग रहा है..

हम लोग उसे पोजीशन में सो गए..

रात में मेरी जब नींद खुली तो रात के १ बज चुके थे.. भाभी बेसुध हो कर सोयी थी..

मैंने कहा – बहुत रात हो गयी है, मैं अपने घर जाऊं क्या?

तो भाभी ने अपने ऊपर फिरसे खींचकर सुला लिया और बोली – अब तो सुमन के आने के बाद ही तुम यहाँ से जाओगे.. आधे घंटे रुको, मैं खाना बनती हूँ… फिर मैं तुमको फिर से खाउंगी…

दूसरे दिन मैंने ऑफिस से मेडिकल लीव् ले लिया और मैंने और श्वेता भाभी ने जमकर सेक्स का आनंद उठाया..

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शादी का सुख – पार्ट २ https://sexstories.one/shadi-ka-sukh-xxx-storiez/ Wed, 20 Oct 2021 06:13:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3079 उफ़्फ़ ! जब उसने अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर फेरी तो मेरे तो बदन में जैसे बिजलियाँ दौड़ गई। मैंने अपनी दोनों जांघों में उसका सर दबा लिया और अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर फिराने लगी। गर्मी तो पहले ही मेरे दिमाग में चढ़ी पड़ी थी, सो दो मिनट में ही मैं तो झड़ गई...

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Shadi Ka Sukh – Shaadi sex मेरे लिए तो यही बहुत था, मैंने हाँ कह दी। करीब दो दिन बाद मौका भी मिल गया, भाभी अपने मायके गई और भाई भी उसके साथ गया था, तो घर में रात को कोई नहीं था, मैंने वीरू को सब बता दिया था। सो उस रात वो करीब 11 बजे मेरे घर आया। मैंने दरवाजा खोल कर उसे अंदर बुला लिया और भाई के कमरे में बैठा दिया। फिर जाकर देखा तो माँ सो चुकी थी। मैं फिर से भाई के कमरे में वापिस आ गई।

वीरू ने आते ही मुझे पकड़ लिया- इधर आ साली मोटी भैंस, इतना बड़ा जिस्म किसके लिए संभाल के रखा है?

मैंने भी कह दिया- सिर्फ तुम्हारे लिए !

बस यह सुनते ही वीरू ने मुझे बेड पर गिराया और मेरे ऊपर लेट गया। मेरी आखों में देखा और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। होंठ चूसते चूसते एक दूसरे के जीभें भी चूसने लगे। मैंने वीरू को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी टांगों को उसकी कमर के गिर्द जकड़ लिया। वो अभी आराम से लेटा था पर पर मैं नीचे से कमर उठा उठा कर अपनी चूत को उसके लण्ड पर रगड़ रही थी।

शायद मेरी बेकरारी वो समझ गया था, ‘करें?’ उसने पूछा, मैंने एक स्माइल से उसको इजाज़त दे दी।

तो वो मेरे ऊपर से उठा और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये, सिर्फ चड्डी छोड़ कर। उसकी चड्डी में से उसका खड़ा हुआ ल

Shaadi sex सेक्सी बीवी को नशे ने चोदा दोस्त ने

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और साथ में यह भी सुखद अहसास था कि आज कोई मेरा अपना बॉय फ्रेंड मुझे चोदेगा।

खैर छतियों को चूसने के बाद वो अपने हाथों और चेहरे से मेरे पेट और कमर को सहलाता हुआ, नीचे को गया और मेरी चूत के आस पास जांघों को सहलाता चूमता मेरे घुटनों तक गया और फिर वापिस आया और मेरी छाती पर बैठ गया।

उसका तना हुआ लण्ड मेरे सामने था, ‘चूस अपने यार को !’ उसने कहा तो मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया। वो भी अपनी कमर हिला हिला कर मुझसे मुख मैथुन का आनन्द ले रहा था।

मैंने कहा- क्या तुम मेरी चाट सकते हो, मैंने आज तक कभी नहीं चटवाई, उस दिन मैंने देखा था जब तुम भाभी की भी चाट रहे थे।

वो मुस्कुराया और मेरे ऊपर उल्टा घूम गया, उसने मेरी दोनों टांगे चौड़ी की और अपना मुँह मेरी चूत से लगा दिया, मैंने भी उसका लण्ड पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया।

उफ़्फ़ ! जब उसने अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर फेरी तो मेरे तो बदन में जैसे बिजलियाँ दौड़ गई। मैंने अपनी दोनों जांघों में उसका सर दबा लिया और अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर फिराने लगी। गर्मी तो पहले ही मेरे दिमाग में चढ़ी पड़ी थी, सो दो मिनट में ही मैं तो झड़ गई।

मेरी चूत का पानी वो चाट गया, मेरा बदन अकड़ गया, मैंने तो उसका लण्ड दातों से काट लिया। जब मैं थोड़ी ढीली पड़ी तो वो उठा और मेरी टांगे चौड़ी करके उनके बीच बैठ गया, ‘मज़ा आया?’ उसने पूछा।

“हाँ, बहुत !” मैं बोली।

‘तो लो अब और मज़ा लो, असली मज़ा !’ यह कह कर वो मेरे ऊपर लेट गया, तो मैंने उसका लण्ड पकड़ के अपनी चूत पर रखा। उसने धक्का मारा तो लण्ड अंदर नहीं गया, वो बोला- अरे टाइट मत करो, आराम से इसे अंदर लेने की कोशिश करो।

मैंने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया, जब उसने दोबारा धक्का मारा तो उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया, मुझे दर्द हुआ, मेरे मुँह से हल्की सी चीख निकल गई, थी भी तो मैं सिर्फ 18-19 साल की।

उसने मेरे दोनों हाथों की उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसाई और मेरे दोनों हाथ खींच के बिल्कुल ऊपर ले गया, मैंने अपनी टाँगों को उसकी कमर के गिर्द लपेट लिया, उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखे, अपना लण्ड थोड़ा पीछे किया और दूसरा धक्का मारा, अबकि बार लण्ड थोड़ा और मेरे अंदर घुसा, मेरी दूसरी चीख मेरे मुँह से उसके मुँह में ही रह गई।

उसने फिर वैसे ही किया और इस तरह 4-5 घस्सों में उसने अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में उतार दिया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने लकड़ी का कीला ठोक कर मेरे पेशाब करने की जगह को ही बंद कर दिया हो। मेरी आँखों के दोनों किनारों से आंसू निकल आए, पर उसने कोई परवाह नहीं की।”तेरी चूत बहुत टाइट है, आज तक इतनी टाइट चूत नहीं देखी।”

मैंने भी कहा- तुम पहले इंसान हो जिसने मेरी सील तोड़ी है, आज से पहले इसमे सिर्फ मेरी उंगली या पैन वगैरह ही गए हैं।

यह सुन कर वो बहुत खुश हुआ- वाह, तो आज तो कच्ची फाड़ दी, शुक्रिया भगवान !

यह कह कर वो हँसा और फिर तो चल सो चल, वो आगे पीछे करता रहा। जब मैंने भी फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया तो वो अपना पूरा लण्ड मेरी चूत के आखरी सिरे तक लेजा कर मुझे चोद रहा था। बेशक मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था पर फिर भी मज़ा आ रहा था। जितना वो ऊपर से ज़ोर लगा रहा था, उतना मैं नीचे से कमर उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी।

हम दोनों के बदन पसीने से भीग रहे थे, पर संभोग की गाड़ी पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी।

tarak mehta sex अंजलि का दर्द [TMKOC XXX STORY]

करीब 8-10 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपनी मर्दांगी का सारा रस मेरी चूत में उड़ेल दिया। वो थक कर मेरे ऊपर ही लेट गया। जब उसका लण्ड ढीला पड़ा तो अपने अपने आप मेरी चूत से बाहर निकल गया और उसके साथ उसका वीर्य भी मेरी चूत से बाहर चू गया।

मैं इस बात को लेकर बहुत खुश थी के चलो जो भी सही पर आज कोई है जिसने मेरा कौमार्य भंग कर दिया।

कुछ देर हम लेटे रहे, फिर उसने कहा- मैं तुम्हें फिर से चोदना चाहता हूँ, एक बार फिर से करें?

मैंने बड़ी खुशी से हाँ कही। उस सारी रात हम सोये नहीं, और पूरी रात में उसने 4 बार मेरे साथ सेक्स किया, मेरी फ़ुद्दी रगड़ी।

सुबह करीब 5 बजे वो चुपचाप से मेरे घर से निकाल गया। लेकिन उसके बाद कभी ऐसा मौका नहीं मिला। वीरू फिर भी हमारे घर आता था, पर भाभी ने उसे कभी मेरे लिए नहीं छोड़ा, जब भी वो आता तो भाभी ही उस से मज़े लेती, मुझ तक तो पहुँचने ही नहीं देती।

फिर वीरू भी बाहर चला गया। मेरी पढ़ाई पूरी हो गई, एम ए बी एड करके मैं फिर अपने ही स्कूल में टीचर लग गई, पर न तो मेरी शादी हुई, और न ही चुदाई।

भाभी आज भी मज़े ले रही है, और आज भी मैं अपनी काम-पिपासा बैंगन, खीरा जैसी चीजों से शांत करती हूँ।

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