Shaadi aur chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/shaadi-aur-chudai/ Hindipornstories.org Sat, 11 Dec 2021 07:09:07 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली https://sexstories.one/boyfriend-ki-chudwa-liya/ Sat, 11 Dec 2021 07:07:46 +0000 https://sexstories.one/?p=4371 उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था....

The post शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली appeared first on Antarvasna.

]]>
Shaadi se pehle boyfriend ki chudwa liya – कॉलेज में एग्जाम का आखिरी दिन था और उसके बाद शायद सब लोग एक दूसरे से अलग होने वाले थे मेरे दिल में सिर्फ यही चल रहा था कि जब मेरा कॉलेज पूरा हो जाएगा तो क्या उसके बाद भी मैं कभी शांतनु से मिल पाऊंगी। शांतनु और मैं एक ही क्लास में पढ़ते थे लेकिन मेरी हिम्मत कभी शांतनु से बात करने की नहीं हो पाई शांतनु को मैं अक्सर देखा जरूर करती थी लेकिन उससे मैं कभी बात नहीं कर पाई। मैंने शांतनु से कभी अपने दिल की बात नहीं कही थी मेरी सहेली पूजा मुझे अक्सर कहती थी कि तुम शांतनु को अपने दिल की बात क्यों नहीं बताती।

मैं शांतनु को दिल ही दिल चाहती थी लेकिन शायद शांतनु मेरी किस्मत में नहीं था। मैं और पूजा उस दिन बस से घर लौटे और मैं जब घर लौटी तो पापा उस दिन घर पर ही थे पापा मुझे कहने लगे कि महिमा बेटा तुम्हारा पेपर कैसा रहा। मैंने पापा से कहा पापा मेरा एग्जाम तो अच्छा हुआ। मेरी पापा के साथ बहुत बनती थी तो मैंने पापा से अपने दिल की बात कही और कहा कि आज मेरा मन कुछ अजीब सा है। मैंने जब पापा को यह बात कही तो पापा मुझे कहने लगे कि बेटा ऐसा होता है तुम्हें शायद अपने दोस्तों से दूर होने का गम हो सकता है क्योंकि आज के बाद उनसे तुम्हारी मुलाकात कम ही हो पाएगी या फिर हो सकता है कि शायद उनसे तुम्हारी कभी मुलाकात हो ही नहीं। पापा ने जब मुझसे ऐसा कहा तो मैं अंदर ही अंदर दुखी हो गई थी मैंने पापा से कहा पापा जब आप कॉलेज में पढ़ते थे तो आपके साथ भी तो ऐसा हुआ होगा। पापा मुझे कहने लगे कि हां बेटा कॉलेज पूरा होने के बाद मेरे कई दोस्त मुझसे दूर हो गए और शायद अब तक उनसे मेरा कोई संपर्क ही नहीं है। पापा और मैं साथ में बैठे हुए थे तभी मम्मी हमारे लिए चाय बना कर लायी मम्मी कहने लगी लो महिमा बेटा चाय पी लो। मैंने मां से कहा मां मेरा मन चाय पीने का नहीं हो रहा है लेकिन मां की जिद के आगे मुझे चाय पीनी पड़ी और मैंने चाय पी ली घर में मैं एकलौती थी इसलिए पापा मम्मी का मुझे पूरा प्यार मिला।

पापा मुझे बहुत अच्छे तरीके से समझते हैं पापा और मम्मी दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई उन दोनों ने मेरा हमेशा ही साथ दिया है। अब मेरा कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय बाद हमारा रिजल्ट भी आने वाला था जब मेरा रिजल्ट आ गया तो उस वक्त मेरी मुलाकात पूजा से हुई। पूजा मुझे कहने लगी कि चलो अब हम लोग पास तो हो ही चुके हैं तो तुमने आगे क्या सोचा है मैंने पूजा से कहा फिलहाल तो मैंने कुछ भी नहीं सोचा है और ना ही अभी इस बारे में मैं कुछ सोचना चाहती हूं। पूजा ने मुझसे शांतनु के बारे में पूछा तो मैंने पूजा से कहा देखो पूजा अब मुझे नहीं लगता कि मैं शांतनु से बात कर पाऊंगी और इस बात को यहीं खत्म कर लेना ही अच्छा रहेगा। मैं दिखने में बड़ी ही सिंपल सी हूं मैं और लड़कियों की तरह बिल्कुल भी नहीं हूं मैं पढ़ने में जरूर अच्छी हूं लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव की वजह से ही मैं शांतनु को अपने दिल की बात कह ना सकी। अब हम लोगों का कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय तक मैं घर पर ही थी तो एक दिन मम्मी मुझे कहने लगी की महिमा बेटा तुमने अब आगे क्या सोचा है।

Meri Chut Chudai मेरी पलागतोड़ चुदाई

मैंने मां से कहा मां फिलहाल तो मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है लेकिन जल्द ही मैं आप लोगों को बता दूंगी कि मैं आगे क्या करना चाहती हूं। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैं घर पर ही रहती थी मुझे घर पर एक साल हो चुका था और अभी तक ना तो मैं कहीं नौकरी कर रही थी और ना ही मैंने आगे कुछ करने के बारे में सोचा। उसी वक्त मेरे मामा जी घर पर आए और वह मुझे कहने लगे की महिमा बड़ी हो चुकी है तुम्हें उसके लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए। मामा जी ने मम्मी के दिमाग में अब यह बात डाल दी थी कि मेरे लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए और मम्मी ने यह बात पापा से कहीं तो पापा भी शायद अब मेरी शादी के लिए लड़का देखने लगे थे। मेरे लिए कई रिश्ते आ रहे थे क्योंकि पापा एक अच्छी जॉब पर थे और हमारा परिवार एक अच्छा परिवार है लेकिन मेरा शादी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था परंतु अपने पापा मम्मी के आगे शायद मैं कुछ कह ना सकी और मेरी शादी पापा मम्मी ने तय कर दी।

मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यह सब इतनी जल्दी में हो जाएगा मेरी शादी का दिन भी तय हो चुका था और मेरी सगाई प्रशांत से हो चुकी थी लेकिन मेरे दिल में अभी भी शांतनु बसा हुआ था। मैं हमेशा ही सोचती रहती की शांतनु को क्या मुझे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए थी लेकिन मेरे पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था प्रशांत अब मेरी जिंदगी में आ चुके थे और हम लोगों की शादी जल्दी होने वाली थी। जब हम लोगों की शादी होने ही वाली थी उससे कुछ महीने पहले मुझे शांतनु मॉल में मिला जब शांतनु मुझे मॉल में मिला हम लोगों की बहुत कम बातें होती थी लेकिन उस दिन शांतनु ने मुझसे बात की। जब शांतनु ने मुझसे बात की तो मुझे लगा कि शायद वही पुराना प्यार दोबारा से जाग उठा है और मुझे इस बात का डर भी था कि कहीं हम दोनों का रिश्ता आगे ना बढ़ जाए। उस दिन के बाद शांतनु मुझे फोन करने लगा शांतनु को भी शायद यह एहसास हो चुका था कि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं और इसी वजह से तो उसने अपने दिल की बात कि जो वह मुझसे कभी कहना ही नहीं चाहता था लेकिन उसने अपने दिल की बात मुझे कह दी।

अब मैं इस दुविधा में थी कि मैं क्या करूं क्योंकि एक तरफ तो मेरा दिल था और एक तरफ मेरे पापा मम्मी, मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे ऐसे समय में क्या करना चाहिए।  मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था मेरी शादी नजदीक आ चुकी थी लेकिन शांतनु से मैं मिलने के लिए चली गई। मैंने शांतनु से कहा मुझे बहुत डर लग रहा है मैं शादी नहीं करना चाहती। शांतनु का दिल भी मुझे देखकर धडकने लगा था उसने मुझे गले लगाते हुए कहा महिमा मैं भी तुमसे प्यार करता हूं। मैंने शांतनु को कहा देखो शांतनु मैं तुमसे कॉलेज के समय से ही प्यार करती थी लेकिन कभी अपने दिल की बात तुम्हें कह ना सकी इसीलिए हम दोनों एक दूसरे के हो ना सके। शांतनु ने मुझे गले लगा लिया था हम दोनों के अंदर से एक करंट सा दौड़ने लगा शांतनु ने जैसे ही मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा वह मेरे होठों को अच्छे से चूम रहा था। वह जिस प्रकार से मेरे होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी थी और मेरा बदन मैने पूरी तरीके से शांतनु को समर्पित कर दिया था।

शांतनु मुझे कहने लगा महिमा हमें ऐसा नहीं करना चाहिए तुम किसी और की अमानत हो। मैं शांतनु के साथ अंतरंग संबंध बनाने के लिए तैयार थी मैंने शांतनु के होठों को चूम लिया। शांतनु मेरे दिल की बात को समझ चुका था उसने मुझे अपनी बाहों में लेकर बिस्तर पर लेटा दिया। जब उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया तो वह मेरे स्तनों को दबाने लगा जब वह मेरे होठों को चूम रहा था मुझे अच्छा लग रहा था थोड़ी देर के बाद शांतनु ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया। वह जिस प्रकार से मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था शांतनु को भी बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे तरीके से किया जब हम दोनों उत्तेजित हो गए तो शायद वह भी अपने आपको ना रोक पाया और उसने मुझे कहा कि तुम अपनी सलवार उतार दो?

मैंने शांतनु से कहा तुम ही मेरी सलवार को उतार दो शांतनु ने मेरी सलवार को उतारते हुए मेरी पैंटी को भी उतार दिया। जब उसने मेरी पैंटी को उतारा तो वह मेरी योनि पर अपनी जीभ से चाटने लगा जब उसने जीभ को चूत के अंदर तक डाल था तो मुझे बहुत अच्छा लगता और शांतनु को भी बहुत खुशी मिलती। उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था। शांतनु ने जैसे ही मेरी चिकनी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसने धीरे से मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो मैं चिल्लाने लगी। पहली बार ही मैंने किसी के लंड को अपनी चूत के इतने नजदीक आने दिया था शांतनु ने धीरे से मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरी सील टूट चुकी थी और शांतनु का लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था।

शांतनु का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था मेरे मुंह से चीख निकलने लगी थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और शांतनु ने मेरा दोनों पैरों को खोल कर मुझे तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे। शांतनु मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदता रहा जब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होकर चरम सीमा पर पहुंच गई तो मैंने शांतनु से कहा मैं अब रह नहीं पाऊंगी। शांतनु ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत के अंदर उसने अपने लंड को घुसा दिया शांतनु को मोटा लंड मेरी चूत में प्रवेश हो चुका था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। उसके धक्के तेज होते ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती और कुछ क्षणो बाद शांतनु का वीर्य मेरी चूतडो पर गिर चुका था। मैंने शांतनु से कहा तुम मेरी चूतड़ों से वीर्य को साफ कर लो और शांतनु से कहा मेरी चूतडो से वीर्य को साफ कर दो। अब बहुत देर हो चुकी थी और शादी तो मुझे प्रंशात से ही करनी पड़ी लेकिन उसके बाद भी शांतनु और में मिलते रहते थे। अब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं।

The post शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली appeared first on Antarvasna.

]]>
शादी भी हुयी और चुदाई भी https://sexstories.one/shaadi-aur-chudai/ Sun, 24 Oct 2021 12:07:04 +0000 https://sexstories.one/?p=3109 जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था...

The post शादी भी हुयी और चुदाई भी appeared first on Antarvasna.

]]>
sex stories in hindi, Shaadi aur chudai ki kahani मेरा नाम राजेश है और मैं एक अध्यापक हूं। मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैंने अभी तक शादी नहीं की है। मुझे पहले एक लड़की से प्रेम था जब मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था। मैं उससे बहुत ही ज्यादा प्रेम करता था और वह भी मुझसे बहुत प्रेम करती थी। मेरी मुलाकात उससे कॉलेज में ही हुई थी और उस से मेरी मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। जब भी मैं इस बात को याद करता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और सोचता हूं कि वह दिन कितने अच्छे थे, जब मैं अपने कॉलेज में था और मुझे किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं थी।

मैं एक लड़की से प्रेम भी करता था और वह भी मुझसे प्रेम करती थी। परंतु एक दिन उसने मुझे बताया कि मेरे घर वालों ने मेरे लिए कहीं कोई रिश्ता देख लिया है और मैं वही शादी कर रही हूं। क्योंकि मैं अपने घर वालों के खिलाफ नहीं जा सकती इस वजह से मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मुझे उस दिन बहुत ही ज्यादा बुरा लगा और उसके बाद मैंने फैसला कर लिया कि मैं अब कभी भी शादी नहीं करूंगा। क्योंकि मैं उससे दिल से प्रेम करता था लेकिन उसने मेरे साथ गलत किया। जो कि मुझे बहुत ही बुरा लगा।

उसके बाद मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब मैं शादी कभी नहीं करूंगा। मेरे घर वालों ने भी मुझे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि मैं अब किसी से शादी करूं। अब मैंने ठान लिया था कि मैं अपना जीवन अकेले ही जी लूंगा। अब मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने में ही लगा रहता हूं। कोई भी गरीब बच्चे होते हैं तो मैं उन्हें फ्री में ही ट्यूशन पढ़ा दिया करता हूं। जिससे कि उनके मां-बाप भी बहुत खुश हो जाते हैं और मुझे भी अंदर से एक खुशी मिलती है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं किसी को पढ़ाता हूं लेकिन अब मेरा ट्रांसफर दूसरी जगह हो चुका था इसलिए मुझे वहां जाना पड़ा।

जब मैं अपने पुराने स्कूल से जा रहा था तो सब बच्चे बहुत दुखी थे और कह रहे थे कि हमें आपकी बहुत याद आएगी। मैंने उनसे उनका नंबर भी ले लिया और जिससे भी मेरा संपर्क था उन सबके मैंने नंबर ले लिए। ताकि मैं उनसे संपर्क में रह सकूं। मैंने अपनी ट्रेन की टिकट करवा ली थी और मैं ट्रेन में ही जाने वाला था। अब मैं जब स्टेशन पहुंचा तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन फिर भी मैं ट्रेन में बैठ गया और जब मैं ट्रेन में बैठा तो थोड़ी देर तक मैं अपने पुराने स्कूल के बारे में सोच रहा था और यह भी सोच रहा था कि अब मैं जिस नए स्कूल में जाऊंगा वहां पर सब बच्चे कैसे होंगे।

मेरे सामने की सीट पर एक पति पत्नी आ गए और वह मेरे सामने की सीट पर बैठ गये। वह व्यक्ति बहुत ज्यादा क्रूर किस्म के प्रतीत हो रहे थे। उनकी शक्ल से ही क्रूरता झलक रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपका क्या नाम है और आप क्या करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक अध्यापक हूं और सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं। मेरा ट्रांसफर हो चुका है। इसलिए मैं दूसरी जगह जा रहा हूं। वह मुझे कहने लगे कि मैं भी एक सरकारी कर्मचारी हूं और मैं भी अपने कुछ काम से जा रहा हूं। मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे प्रभाकर बताया। वह मुझसे बहुत बातें किए जा रहे थे।

मेरा मन उनसे बात करने का बिल्कुल भी नहीं था। परंतु वह फिर भी मुझसे बातें किए जा रहे थे और मुझे ना चाहते हुए भी उनकी बातों का जवाब देना पड़ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मुझे गलत सीट मिल गई है और यह तो मेरा दिमाग ही खराब कर देंगे। परंतु फिर भी मैं उनसे बात करता रहा और कोशिश करता था कि उनसे जितने कम बात हो उतना ही ठीक है। क्योंकि अब वह बहुत ज्यादा मुझे पकाने लगे थे लेकिन उनकी पत्नी बिल्कुल ही शांत बैठी हुई थी और वह बिल्कुल भी बात नहीं कर रही थी। जब मैं उनके चेहरे पर देख रहा था तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह कुछ परेशान सी हो। परंतु फिर भी मैं उनसे पूछ नहीं सकता था लेकिन उनके चेहरे के हाव भाव साफ बता रहे थे कि वह परेशान हैं। कुछ देर बाद ट्रेन में चाय बेचने वाला एक व्यक्ति आया और प्रभाकर ने उनसे चाय ली। उन्होंने अपनी पत्नी को चाय दी।

Chudai ki kahani ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा

तभी उनकी पत्नी के हाथ से वह गिलास उनके ऊपर गिर गया और जैसे ही वह गिलास उनके ऊपर गिरा तो वह आग बबूला हो गए और अपनी पत्नी को अनाप-शनाप कहने लगे। अब मुझे सारी कहानी समझ आ गई थी कि वह अपनी पत्नी से बिल्कुल भी प्रेम नहीं करते थे और उन पर फालतू में ही गुस्सा हो रहे हैं। इतने लोगों के सामने बात का बतंगड़ बनाना उचित नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ ज्यादा ही डांट दिया। थोड़े समय बाद वह गुस्से में ऊपर वाली सीट पर चले गए और वहीं सो गए।

जब वह सो रहे थे तो तब उनकी पत्नी ने मुझसे बात की और मैं भी उनसे बात करने लगा। मैंने उनसे पूछा क्या यह आपके साथ अच्छे से बर्ताव नहीं करता है। वह कहने लगी इनका स्वभाव बहुत ही गुस्से वाला है। मुझे बहुत ही डर लगता है कि कहीं यह मुझे लोगों के सामने कुछ अनाप-शनाप ना कह दे। इस वजह से मैं चुप ही रहती हूं। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम शकुंतला बताया। वह मुझसे बहुत बातें करने लगी और उनके पति ऊपर सोए हुए थे। उनकी बातों से मुझे प्रतीत हो रहा था कि वह अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं है और बहुत ही ज्यादा परेशान प्रतीत हो रही थी। हम लोग अब काफी देर तक बात कर रहे थे। उसके बाद प्रभाकर अपनी सीट से उतरकर नीचे आ गए और जब वह नीचे आए तो उनकी पत्नी चुपचाप से कोने में बैठ गई और अब वह मुझसे बात नहीं कर रही थी।

ऐसे ही सफर बीता जा रहा था। मुझे पता भी नहीं चला कब रात होने लगी। क्योंकि वह घटनाक्रम ही ऐसा चल रहा था पहले प्रभाकर मुझसे बात कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को डांट दिया और फिर उनकी पत्नी का मुझसे बात करना। ऐसे ही चलता रहा और कब रात हो गई। मुझे पता भी नहीं चला। मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं भी नीचे ही सो गया। अब सब लोगों ने लाइटें बंद कर ली। सब लोग सो रहे थे और तभी प्रभाकर बहुत तेज तेज खराटे लेने लगे। उन्होंने पूरी ट्रेन में अपने खराटो की आवाज से सब को परेशान किया हुआ था। जिसकी वजह से मुझे हल्की सी नींद आती और उसके बाद उनके खराटे तेज हो जाते तो मेरी नींद खुल जाती। मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था और ऐसा लग रहा था उनके मुंह पर एक मुक्का मार दूं।

मुझे नींद नहीं आ रही थी और थोड़े समय बाद शकुंतला भी उठ गई। जब वह उठी तो उसके स्तन बाहर की तरफ दिखाई दे रहे थे। मैंने तुरंत ही उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया अब मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मैंने उसे अपनी सीट पर ही बुला लिया और मैंने उसके स्तनों को उसके सूट से बाहर निकालकर चूसना शुरू कर दिया। मै बड़े ही अच्छे से उसके चूचे चूस रहा था वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई। उसने अपने सलवार को नीचे करते हुए मेरी तरफ अपनी गांड कर दी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और मैं उसे चोदने लगा।

जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था परंतु फिर भी मैं उसे बड़ी तेजी से चोद रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था उसे भी बहुत मजा आ रहा था। वह भी अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी। मैंने उसे इतने धक्के दिए कि उसके गले से आवाज निकलने लगी और वह अपनी मादक आवाज से मुझे उत्तेजित करने लगी। उसकी उत्तेजना भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी मेरे लंड के टोपे तक पहुंच चुकी थी। मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के देता तो वह मादक आवाज निकालती। थोड़े समय बाद उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर बड़ी तेजी से गिर गया।

जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गया तो उसने तुरंत अपने सलवार को ऊपर करते हुए अपनी सीट में लेट गई।

The post शादी भी हुयी और चुदाई भी appeared first on Antarvasna.

]]>