sexy stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/sexy-stories/ Hindipornstories.org Fri, 19 Nov 2021 08:57:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 अंकुश ने ऑफिस में मेरी चूत की गर्मी को शांत किया https://sexstories.one/office-me-meri-chodai/ Fri, 19 Nov 2021 08:57:20 +0000 https://sexstories.one/?p=3436 अंकुश ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे कहने लगा बहुत दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है। मैंने उससे कहा मुझे भी बहुत दिन हो गए हैं इसीलिए तो मैं यहां आई थी अपनी चूत मरवाने के लिए वह कहने लगा चलो अच्छे से आज सेक्स करते हैं...

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Office me meri chodai मेरा नाम सोनाली है। एक दिन मैं अपनी फ्रेंड के साथ क्लब में गई। वहां हम दोनों बातें करते करते ड्रिंक भी कर रहे थे तो अचानक मेरी नजर एक लड़के पर गई उसने बहुत सारी ड्रिंक कर रखी थी और उसके कोई भी दोस्त वहां पर नहीं थे वह सब जा चुके थे। वह लड़का अकेला ही वहां पर था वह तो खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। उसने इतनी ड्रिंक कर रखी थी तो हमने सोचा कि इसे हम ही इसके घर ड्रॉप कर देंगे, लेकिन उसने हमें अपने घर के बारे में कुछ नहीं बताया उसे बहुत ज्यादा नशा हो रखा था..

इसलिए हम उसे अपने ही घर लेकर चले गए। उसे आराम करने के लिए कहा और फिर उसके बाद मेरी फ्रेंड भी अपने घर जा चुकी थी। जब वह लड़का सो रखा था तो मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग किया और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं उसके बड़े लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी और उसका वीर्य लंड से गिर गया था जो कि मैंने अपने मुंह से अंदर ही ले लिया था। थोड़ा-बहुत मैंने उसके लंड को अपनी चूत मे रगड़ा था जिससे कि  मेरा चूत का पानी भी निकल रहा था और मैंने वह पानी उसके मुंह में लगा दिया था। उसके बाद मैं आराम से सो गई।

अगले दिन जब सुबह हुई तब उस लड़के को होश आया और वह कहने लगा कि तुम मुझे यहां लेकर क्यों आए और तुम कौन हो मैंने उसे अपना नाम बताया। उससे भी मैने उसके बारे में बताने को कहा फिर उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम अंकुश था। मैंने उसके लिए कॉफी बनाई फिर हम दोनों ने बैठकर कॉफी पी कॉफी पीने के बाद वह अपने घर जाने की बात कर रहा था। मैंने उसे ब्रेकफास्ट करने के बाद घर जाने को कहा वह मान गया फिर मैं उसके लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी। तब वह पीछे से आया और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे साथ हेल्प करने लगा।

उसने जब मेरा हाथ पकड़ा तो मुझे बहुत अजीब लगा पहली बार किसी ने इस तरीके से मेरा हाथ पकड़ा होगा। उसके बाद हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और वह अपने घर निकल गया। उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर भी ले लिए थे फिर हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और मिलने भी लगे। वह मुझसे मिलने मेरे घर आया करता था। मैं घर पर अकेली ही रहती थी इसलिए वहीं मुझसे मिलने घर पर आता था। कुछ ही दिनों में हम दोनों बहुत करीब आ गए थे। अंकुश मुझे मेरे घर पर आकर बहुत ही चोदता था। जब उसका मन करता तो वह मुझे भी अपने घर पर बुला लेता।

कुछ समय बाद उसने अपना बिजनेस खोलने की सोची और अपना बिजनेस सही तरीके से संभालने लगा। एक दिन मैंने सोचा क्यों ना अंकुश को सरप्राइज दूं मैं उसके ऑफिस गई और मैंने अंकुश के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा अभी तक अंकुश ऑफिस नहीं आए हैं। मैं अंकुश का वहीं बैठ कर इंतजार करने लगी काफी देर तक तो वहां आए नहीं अब जैसे ही अंकुश आया तो उसने मुझे देखा तो वह भी एक दम से शॉक्ड रह गया और कहने लगा तुम ऑफिस में कहां से आ गई। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें सरप्राइज देना चाहती थी।

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यह सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गया और मुझे अपने गले से लगा लिया। मैं उसके लिए कुछ गिफ्ट लाई थी तो मैंने उस वह गिफ्ट दिया। उसने वह गिफ्ट खोलकर देखा वह और ज्यादा खुश हो गया और मुझे कहने लगा तुम मेरा कितना ध्यान रखती हो। मैंने जब अंकुर को ऑफिस देखा तो उसने ऑफिस को बहुत अच्छे से डेकोरेट करा हुआ था। जिससे मैं उसे कहने लगी तुमने तो बहुत अच्छे से अपने ऑफिस का डेकोरेशन किया हुआ है और यह देखने में भी अच्छा लग रहा है। उसने कहा हां मैंने एक फ्रेंड को बोला था उसने मेरी बहुत मदद की इसमें तो यह ऑफिस को मैं अच्छे से डेकोरेट कर पाया और इस तरीके से बना पाया।

मैंने उसे कहा अब तुम अपना कैबिन तो दिखाओ, तुम कहां पर बैठते हो। वह मुझे अपने केबिन में ले गया तो उसने बहुत ही सुंदर तरीके से अपने केबिन को सजा रखा था। वहां पर हल्की-हल्की लाइटें लगी हुई थी जोकि एक माहौल बना रही थी सेक्स के लिए मुझे यह सब देखकर अच्छा लग रहा था कि उसने अपना आंफिस को बहुत ही बढ़िया तरीके से बनाया है। अंकुश और मैं बैठ कर बातें करने लगे। अंकुश ने पहले मेरे लिए चाय मंगाई मैंने वह चाय पी और उसके बाद हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही बैठे रहे और बातें करते रहे।

अंकुश ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे कहने लगा बहुत दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है। मैंने उससे कहा मुझे भी बहुत दिन हो गए हैं इसीलिए तो मैं यहां आई थी अपनी चूत मरवाने के लिए वह कहने लगा चलो अच्छे से आज सेक्स करते हैं। मैंने उसकी शर्ट को उतारना शुरू किया जैसे ही मैंने उसकी शर्ट को उतारना शुरू किया तो मैंने उसकी छाती पर लव बाइट दे दी और अब उसके होठों को मैं किस कर रही थी। मुझे यह सब काफी अच्छा लग रहा था। वह भी मेरे होठों को किस कर रहा था ऐसा काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के साथ किया। अंकुश का लंड भी खड़ा हो चुका था और वह मुझे कह रहा था कि मेरे  लंड को मुंह में ले लो और उसे सेकिंग करो। जैसे ही उसने अपने लंड को मेरे मुंह के अंदर डाला था मुझे ऐसा लगा ना जाने कितने सालो बाद में कर रही हूं और ऐसे ही अंकुश ने पूरे लंड को अंदर तक धक्के मारते हुए मेरे गले तक टच कर दिया था। जिससे कि मेरे गले का बुरा हाल हो गया था लेकिन वह ऐसे ही करता रहा।

अब उसने अपने लंड को मुंह से बाहर निकालते हुए मेरे बदन को सहलाने लगा। सहलाते हुए अंकुश ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए थे। अब वह भी तैयार हो चुका था मुझे चोदने के लिए उसने जैसे ही मेरे पूरे कपड़े उतारे तो सबसे पहले उसने मेरे चूचो को चूसना शुरु किया। बहुत देर तक तो उसने अपने मुंह के अंदर बाहर स्तनों को करता रहा और अपने हाथो से स्तनों को दबाने लगा। वह बड़ी ही तेजी से मेरे स्तनों को दबाए जा रहा था क्योंकि मेरे स्तन बहुत बड़े बड़े हैं इसलिए उसे मेरे स्तन दबाने में मजा आता है। मेरी चूत से पानी निकलने लगा था। अंकुश भी अब कंट्रोल नहीं कर पा रहा था तो उसने भी मुझे वही अपने सोफे पर लेटा दिया जैसे ही उसने मुझे सोफे में लेटाया।

उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे चूत के अंदर बड़ी ही तेजी से घुसा दिया। उसने इतनी तीव्र गति से लंड डाला कि मेरी सांसे रुक गई थी और उसके बाद जब मेरी सांस मे सांसे आई तो मैंने उसे कहा तुमने इतनी तेजी से क्यों डाला। वह कहने लगा मेरा लंड बहुत दिन से भूखा बैठा था तो ऐसा तो करना ही था और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। उसने थोड़ा सा अपने लंड बाहर निकालते हुए फिर दोबारा से जोर से धक्का मारना शुरू किया। मेरे मुंह से चीख निकलने लगी और मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकालती जाती जिससे वह उत्तेजित होता जाता। उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी अब वह पूरे चरम पर थी।

वह बड़ी तीव्र गति से मुझे धक्के मार रहा था और मेरी चूतडे हिलती जा रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब वह इतनी तेजी से मेरी चूत मे अपने लंड को डालता और फिर बाहर निकालता। अंकुश मेरे स्तनों को भी चूसता रहता और मेरे स्तनों से मेरे निप्पलों को काटता जा रहा था। जिससे कि मेरे स्तनों से खून भी निकलने लगा था। उसने मेरी पूरी कमर पर अपने नाखूनों के निशान लगा दिए थे। मानो ऐसा लग रहा था जैसे कितने दिनों का भूखा बैठा था। इतनी भूखी तो मैं भी नहीं थी जितना उसने मेरा बुरा हाल कर दिया था। भोसड़ी का गंदे तरीके से मुझे चोद रहा था बहुत देर तक वह मुझे धक्के मारते रहा।

अब मेरा तो झड़ चुका था, तो मैं उसके सामने बस ऐसे ही लेटी रही। जैसे ही उसका झड़ने वाला था तो उसने बड़ी ही तेजी से धक्का मारा और उसकी पिचकारी मेरी चूत मे इतनी तेजी से गई कि मुझे ऐसा लगा कि कहीं मेरे गले से बाहर ना आ जाए। उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसका वीर्य मेरी चूत से टपक रहा था। मैंने उसे उसका रुमाल मांगा और अपनी चूत को साफ किया। अब हम दोनों ने कपड़े पहन लिए थे और हम आराम से बैठ कर बातें करने लगे। मैंने उसे पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है वह कहने लगा कि काम तो बहुत अच्छा चल रहा है और काफी प्रॉफिट भी हो रहा है।

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चूत और गांड मे लंड https://sexstories.one/choot-aur-gand-me-lund/ Fri, 08 Oct 2021 07:13:42 +0000 https://sexstories.one/?p=4459 जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था

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Hindi sex kahani, antarvasna choot aur gand ki chudai ki –  मोहन और कामिनी के बीच में अक्सर झगड़े होते रहते थे और उनके झगड़ों की वजह से पूरे मोहल्ले वाले परेशान हो जाते थे क्योंकि कामिनी और मोहन के झगड़े इतने ज्यादा बढ़ चुके थे कि कामिनी पुलिस को बुला लिया करती थी और सब लोग इस बात से परेशान रहते थे। कई बार मैंने और मेरी पत्नी ललिता ने दोनों को समझाया लेकिन वह दोनों समझ ही नहीं रहे थे और एक दूसरे से झगड़ा करते रहते थे। दोनों की वजह से पूरा माहौल खराब होने लगा था और जब एक दिन मैंने मोहन को कहा तुम दोनों आपस में क्यों झगड़ा करते रहते हो हम लोगों ने तुम्हें इतनी बार समझाया है लेकिन उसके बावजूद भी तुम दोनों कितना झगड़ते हो।

मोहन कहने लगा यार अब तुमसे क्या छुपाना तुम्हें तो मालूम ही है कि जब से मेरी शादी कामिनी से हुई है तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है। हम दोनों ने लव मैरिज की थी लेकिन उसके बाद भी इतने झगड़े हम दोनों के बीच होंगे मैंने कभी सोचा नहीं था। मैंने किसी भी चीज को लेकर आज तक कामिनी को कमी नहीं होने दी लेकिन उसके बावजूद भी कामिनी मुझसे झगड़ा करती रहती है। मैं इस बात से इतना ज्यादा परेशान हो गया हूं कि मुझे कई बार लगता है कि क्या हम दोनों ने इसीलिए शादी की थी, मैंने कामिनी से कई बार कहा की यदि हम दोनों साथ में नहीं रह सकते तो हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए लेकिन कामिनी चाहती ही नहीं है कि हम दोनों अलग हो जाएं। मैं किसी भी सूरत में अब कामिनी के साथ आगे अपने जीवन को बर्बाद नहीं कर सकता। मैंने मोहन को समझाया और कहा तुम दोनों एक दूसरे से बात तो करो तभी तो इस चीज का कोई जवाब निकलेगा लेकिन वह दोनों तो आपस में बात करने के बाद भी झगड़ते रहते थे। एक दिन मोहन ने कामिनी पर हाथ उठा दिया उस दिन कामिनी के परिवार वालों ने मोहन के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया और मोहन को अपनी पत्नी के साथ हिंसा के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया। मोहन अब जेल में ही था कामिनी को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि वह जेल में है कामिनी उसे जेल में मिलने तक नहीं गई।

वह उसकी जिंदगी बर्बाद करना चाहती थी इसके लिए उसने पूरी तरीके से सोच लिया था कि उसकी जिंदगी कैसे बर्बाद करेगी। उसने उसके माता-पिता का जीना भी हराम कर दिया था उनका परिवार बहुत ही अच्छा परिवार है मैं उन्हें काफी वर्षों से देखता हुआ आ रहा हूं। कामिनी ने उनके साथ बहुत गलत किया उन्हें भी वह परेशान करने लगी मोहन जेल जा ही चुका था लेकिन इसका कामिनी पर कोई असर ही नहीं पढ़ रहा था। एक दिन उनके माता-पिता भी घर छोड़ कर चले गए उनका परिवार तो पूरी तरीके से खत्म हो चुका था यह सब कामिनी ने जानबूझकर किया था। वह मोहन को अपनी जिंदगी से निकालना चाहती थी उसके बाद वह पूरे घर पर अपना कब्जा करना चाहती थी और उसने ऐसा ही किया। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैं इस बात से बहुत ज्यादा दुखी हो गया क्योंकि कामिनी कि मैं बहुत इज्जत किया करता था लेकिन उसने मोहन के परिवार के साथ बहुत बड़ा धोखा किया।

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मोहन ने उस पर आंख बंद कर के भरोसा किया लेकिन कामिनी ने उसके भरोसे को चकनाचूर कर दिया और उसे किसी भी जिसकी कोई चिंता नहीं थी। हमारे पूरे मोहल्ले में कोई भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैंने भी कामिनी से बात करना लगभग बंद ही कर दिया था। एक दिन मैं अपने घर पर बैठा हुआ था तभी मेरी पत्नी आई और वह कहने लगी आपको मालूम है कि कामिनी ने दूसरी शादी कर ली। मैंने ललिता से कहा तुम क्या बात कर रही हो उसने कब दूसरी शादी की वह मुझे कहने लगी सब लोग तो इस बात से अचंभित हैं कि आखिरकार उसने मोहन के साथ ऐसा क्यों किया। मोहन तो उसे बहुत ज्यादा प्यार करता था लेकिन उसने मोहन के साथ बहुत बड़ा धोखा किया। मोहन तो इस सदमे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और वह पागल हो गया।

कामिनी ने अब दूसरी शादी कर ली थी और वह हमारे मोहल्ले में ही रहती थी लेकिन उसके बावजूद भी उसका रवैया बिल्कुल बदला नहीं था वह अभी भी पहले जैसे ही थी। हम लोग तो उससे बचने की कोशिश किया करते थे क्योंकि मुझे कामिनी पर बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि वह किसी के साथ कभी अच्छा भी कर सकती है। जिस प्रकार से उसने मोहन और उसके परिवार को घर से निकाल फेंका वैसा ही वह किसी के साथ भी कर सकती है इसीलिए मैं तो बिल्कुल भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैं उससे बचने की कोशिश किया करता था। एक दिन मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था तभी मेरे सामने कामिनी आ गई मैंने जब उसे देखा तो मुझे इस बात की चिंता होने लगी कि अब कामिनी के दिमाग में क्या चल रहा होगा। कामिनी मुझे कहने लगी अरे सूरज भैया आप कैसे हैं मैंने उसे कहा मैं तो अच्छा हूं तुम सुनाओ तुम कैसी हो वह मुझे कहने लगी बस मैं भी ठीक हूं। वह मुझसे बात करने लगी तो मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था लेकिन वह मुझसे बात करते जा रही थी ना जाने उसके दिल और दिमाग में क्या चल रहा था। मुझे तो उसे देख कर बहुत ज्यादा डर लग रहा था कि उसके दिमाग में ना जाने क्या चल रहा होगा और इसी के चलते मैंने कामिनी से पूछा और कामिनी आजकल क्या कर रही हो। वह कहने लगी बस कुछ नहीं मैं तो घर पर ही रहती हूं आप से मुझे एक जरूरी काम था।

मैंने उससे कहा कि हां कहो क्या काम था वह मुझे कहने लगी दरअसल मोहन की मानसिक स्थिति तो खराब हो चुकी है और अब मैं नहीं चाहती कि वह यहां पर आए इसीलिए यदि वह आपसे मेरे बारे में कुछ पूछे तो आप उसे कह दीजिएगा कि कामिनी ने यह घर बेच दिया है और अब यहां पर कोई और ही रहता है। मैं मन ही मन सोचने लगा कि कामिनी कितनी ज्यादा चालाक महिला है उसने पहले तो उनकी जिंदगी बर्बाद की और अब अपनी जिंदगी आराम से जी रही है। मुझे जब मालूम पड़ा कि कामिनी उस घर को बेचने वाली है तो मैं यह सुनकर दंग रह गया। कामिनी किसी भी हद तक जा सकती थी इसलिए उस पर भरोसा कर पाना बिल्कुल मुश्किल था और उसने उस घर के लिए ना जाने कितने लोगों से बात की हुई थी लेकिन उसे सही दाम नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह उस घर को नहीं बेच पा रही थी। उसी बीच मोहन और उसके माता-पिता एक दिन हमारे घर पर आए और वह मुझसे पूछने लगे कि क्या कामिनी घर पर है।

मैंने उनसे कहा मुझे कुछ नहीं मालूम लेकिन वह अब यहां नहीं रहती है मैंने सुना है कि उसने घर भी बेच दिया है। मैं बिल्कुल भी कामिनी और मोहन के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहता था क्योंकि कामिनी ने मोहन की जिंदगी तो पूरी तरीके से बर्बाद कर ही दी थी। यदि उसे यह मालूम पड़ता कि मैंने उसके बारे में मोहन को बता दिया तो वह शायद मुझे भी कॉलोनी में नहीं रहने देती इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें मैं कह दूँ कि कामिनी अब यहां नहीं रहती। मैंने उनसे कहा आप लोग कैसे हैं वह कहने लगे बस आपको क्या बताएं हम लोग तो अपना पूरा जीवन बर्बाद कर चुके हैं और हमारे पास कुछ भी नहीं बचा। उनके चेहरे पर बहुत ज्यादा तनाव था लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर सकता था और थोड़ी देर बाद वह वहां से चले गए। कामिनी दिन-ब-दिन बहुत ज्यादा सेक्सी होती जा रही थी जब भी मैं उसे देखता तो उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता परंतु एक दिन उसने मुझे कहा चलो आज आप भी मजे ले ही लो।

मैंने उसे कहा तो क्या तुमने यह काम भी शुरू कर दिया वह मुझे कहने लगी हां लेकिन मैं उसके बदले तुम से पैसे जरूर लूंगी। मैंने उससे कहा ठीक है मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा मैंने उसे पैसे दिए उसके बाद उसने मुझे कहा मैं पैसों के लिए कुछ भी कर सकती हूं जब उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए तो मेरा लंड खड़ा होने लगा। जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी। काफी देर तक तो उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया पर जब मैंने उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देने लगा।

मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसकी चूत के मजे लेता रहा जब वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गई तो मुझे कहने लगी मजा तो आज बहुत आ गया। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे अभी मजा नहीं आया है वह कहने लगी तुम एक बार मेरी चूत और मार लो। मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी गांड मारनी है क्या तुम अपनी गांड मारने का मौका मुझे दोगी। पहले तो वह मना करती रही लेकिन जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया तो उसका भी मन मचलने लगा और वह तैयार हो गई। उसने मेरे लंड पर अच्छे से तेल की मालिश की और जैसे ही उसने मेरे सामने अपनी गांड को किया तो मैंने भी उसकी गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और उसे बड़ी तेजी से मैं धक्के मारने लगा। मुझे उसे धक्के देने में बहुत आनंद आता मैं लगातार तेजी से उसे धक्के दिए जा रहा था मैंने उसकी गांड से खून भी निकाल कर रख दिया था जिससे कि वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी जब मेरे वीर्य पतन उसकी गांड मे हुआ तो उसे भी मजा आ गया। उसका जिससे मन होता उससे वह अपनी चूत मरवाती।

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गांड चुदाई एक हॉट मारवाड़ी भाभी की https://sexstories.one/gand-chudai-marwari-hot-bhabhi-ki/ Fri, 08 Oct 2021 07:11:32 +0000 https://sexstories.one/?p=4460 मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा।

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Gand Chudai Marwari Bhabhi Ki – मेरा नाम राज शर्मा है और में असम का रहने वाला हूँ। ये बात 2010 की है.. ये दुर्गा पूजा के दिन की बात है। घूमते वक़्त मुझे एक मारवाड़ी भाभी दिखी और में उसके पीछे चल दिया। जब उसको पता चला कि में उसका पीछा कर रहा हूँ तो वो अपने पति का हाथ पकड़कर साईड में चलने लगी। फिर जब हम पूजा मंडप पहुंचे तो वहां पर फास्ट फूड का स्टॉल लगा हुआ था। उसके पति ने उसको कुछ लाने के लिये भेजा और वो पूजा मंडप के अंदर चला गया। मुझे ये अच्छा मौका मिला और में भी उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया.. वो दुकानदार से पावभाजी ले रही थी। फिर मैंने भी ऑर्डर किया और उसके साईड में खड़ा हो गया। उसने मुझे गुस्से से देखा.. लेकिन मैंने एक सिंपल सा स्माईल दिया। उसका कंधा और मेरा हाथ बिल्कुल चिपके हुये थे। वो चाहकर भी हटा नहीं सकी और में और ज़्यादा उससे चिपकने लगा।

फिर वो थोड़ा आगे हुई तो इससे उसकी गांड (40) मेरे लंड से चिपकी गई। ये बात उसको भी पता थी.. लेकिन मजबूरी में वो भी कुछ नहीं कर सकती थी। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था.. लंड एकदम कड़क हो गया और मैंने थोड़ा सा धक्का दिया और पीछे होकर उसके कंधे के पास से उसके कान में सॉरी कहा। उसने हल्की स्माईल के साथ इट्स ओके कहा। अब मुझे यकीन हो गया कि ये मारवाड़ी माल मुझसे पट जायेगी और फिर हम दोनों पावभाजी लेकर आ गये.. वो और उसका पति मुझसे 10 फीट की दूरी पर खड़े थे और में उसे घूरे जा रहा था और वो शरमा रही थी और बीच बीच में स्माईल भी दे रही थी।

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फिर मैंने मौका देखकर उसको नंबर के लिये इशारा किया.. लेकिन उसने कुछ रिप्लाई नहीं दिया।

फिर उसके पति के दोस्त आ गये और वो उनके साथ व्यस्त हो गया और वो कोल्ड ड्रिंक लेने के लिये गई और में भी उसके पीछे पीछे चल दिया और उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। उसने अपने पति को पलटकर देखा और मुझसे कहा कि नंबर क्यों चाहिये? फिर मैंने कहा कि आप बहुत खूबसूरत है और वो शरमा गई। फिर मैंने कहा कि प्लीज.. तो उसने अपने पति को देखा और कहा कि लिखो। फिर उसने अपना नंबर दिया। में तुरंत वहां से हट गया और मोबाईल निकालकर नम्बर नोट किया और फिर उसके नंबर पर रिंग किया और काट दिया.. वो अपने पीछे देख रही थी। फिर उसने मेरी तरफ देखा और मैंने इशारे से कहा कि मेरा नम्बर है और फिर वो अपने पति के साथ चली गई। अगले दिन दशहरा था। मैंने उसको फोन किया और उसने हेल्लो बोला.. फिर मैंने कहा कि कल आपने नंबर दिया था ना.. तो उसने कहा कि क्या काम है मुझसे? मैंने कहा कि बस आप मुझे अच्छी लगी और में आपसे बात करना चाहता था.. इसलिये आपका नम्बर लिया। फिर हम नॉर्मल बातें करने लगे। फिर उसको कोई काम आ गया.. उसने फोन रख दिया।

फिर मैंने 3-4 दिन तक उसको फोन नहीं किया। अगले दिन उसका मिस कॉल आया। फिर मैंने रिप्लाई कॉल किया.. उसने फोन उठाया और कहने लगी क्या हुआ? 3-4 दिनों से फोन नहीं किया। मैंने कहा कि थोड़ा बिज़ी था। फिर मैंने पूछा कि क्या रही हो अभी.. तो उसने बताया कि घर पर कोई नहीं है.. बोर हो रही थी तो तुम्हे फोन कर दिया। मैंने पूछा कहाँ गये सब? तो उसने बताया कि उसके ससुर की तबीयत ठीक नहीं है.. इसलिये उनको हॉस्पिटल ले गये है और सास भी साथ गई है। फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपसे मिलने का मन कर रहा है तो उसने कहा कि कैसे और कहां मिलेंगे? मैंने कहा कि आपके घर पर.. तो उसने कहा कि नहीं.. मेरे पड़ोस में बहुत लोग रहते है। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. में सेल्समैन बनकर आ जाऊंगा। कुछ सामान लेकर तो उसने मना कर दिया। फिर उसने कहा कि अगर मेरे पति और सास ससुर आज वापस नहीं आयेंगे.. तो तुम शाम को अंधेरा होने के बाद आ सकते हो। उसने कहा कि में तुम्हे फोन कर दूँगी और फिर हमने फोन रख दिया और में बैचेनी से उसके फोन का इंतज़ार कर रहा था।

फिर शाम को 6 बजे उसका फोन आया और उसने कहा कि अब तुम आ सकते हो। मैंने फोन रखा और तैयार होकर निकल गया। फिर उसके घर से कुछ दूर बाईक पार्क की और सबकी नज़रो से बचते हुये उसके घर के दरवाज़े पर पहुंचा.. जैसे ही मैंने बेल बजाई तो उसने दरवाज़ा खोला और अंदर बुलाया। फिर मैंने पूछा कि आपकी बेटी कहाँ है तो उसने कहा कि मैंने उसको सुला दिया.. वरना वो अपने पापा से बोल देगी कि एक अंकल आये थे। उसने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी थी.. जो नाभि से थोड़ी नीचे थी और ब्लाउज से भी.. उसकी लाईन दिख रही थी। उसने कहा कि ऐसे क्या देख रहे हो.. कभी कोई और नहीं देखी क्या? मैंने कहा कि औरत तो बहुत देखी है.. लेकिन आप जितनी खूबसूरत नहीं देखी। आपके पति कितने ख़ुशनसीब होंगे। फिर उसने कहा अब इतनी भी तारीफ़ मत करो कि मुझे शर्म आ जाये। फिर मैंने कहा कि आप हो ही तारीफ़ के काबिल। फिर उसने मुझे कहा कि बैठो में चाय लेकर आती हूँ। में सोफे पर बैठकर उसके घर को देखने लगा।

फिर में उठकर किचन की और जाने लगा.. वो खड़ी होकर चाय बना रही थी.. जब मैंने उसको पीछे से देखा तो मन हुआ कि अभी उसकी साड़ी उठाकर उसकी गांड चाट लूँ। फिर उसने पलटकर मुझे देखा और कहा कि तुम बैठो में चाय लेकर आती हूँ। मैंने कहा कोई नहीं.. में यही ठीक हूँ आपके पीछे। उसने पलटकर एक नॉटी स्माईल दी। फिर वो चाय लेकर आई.. हमने चाय पी। फिर उसने कहा कि तुम जल्दी चले जाना.. वरना कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी। फिर मैंने कहा कि ओके। फिर वो बेडरूम में गई और वहां से मुझे आवाज़ दी और में गया तो वो वहां मुझे हेल्प करने को कह रही थी और मैंने अनजान बनते हुये हाथ उसकी गांड पर रख दिया.. उसने कुछ नहीं कहा। फिर में गांड की लाईन में हाथ को सहलाने लगा.. उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम्हे मेरी पीछे की साईड इतनी अच्छी लगती है क्या?

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फिर मैंने थोड़ा ज़ोर से उसकी गांड को पकड़ा और उसके बिल्कुल पास जाकर कहा कि जब से देखा है.. बस इसका दीवाना हो गया हूँ और में उसके सामने घुटनों पर बैठ गया और उसकी गांड को ज़ोर से पकड़ लिया। फिर उसकी नाभि पर किस करने लगा.. वो एकदम से मचल गई और उसने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और कहा आआहहा आअहह् प्लीज राज। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी नाभि को किस करने लगा और उसने दोनों पैरो को मोड़ लिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा। 10 मिनट तक निप्पल चूसने के बाद मैंने नीचे से उसकी साड़ी को पूरा कमर तक उठा दिया। उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.. बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी। एकदम 18 साल की लड़की की तरह। में उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे सर को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाने लगी। 5 मिनट चूत चाटने के बाद उसने कहा कि प्लीज राज अब कुछ करो और सहन नहीं होता है।

फिर मैंने अपना पेंट खोला और 8 इंच का लंड बाहर निकालकर उसकी चूत के ऊपर रखा। उसकी चूत एकदम आग की भट्टी की तरह जल रही थी.. उसने मुझसे विनती की.. प्लीज मत तड़पाओ.. अब डाल भी दो वरना में मर जाउंगी। फिर मैंने धीरे से अपना लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसाया.. वो थोड़ी तड़प उठी। फिर उसने नीचे से थोड़ी गांड ऊपर उठाई और मेरा लंड आधा घुस गया.. वो पूरी तड़प गई और मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और उसके मुँह से चीख निकल गई। में उसके ऊपर आ गया और उसके होठों को चूसने लगा। फिर कुछ देर चूसने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्का देना शुरू किया और वो भी मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी.. आह्ह्ह्ह राज चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत.. आज बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे लंड में.. अब तो हमेशा तुमसे ही चुदवाऊंगी.. आज से में तुम्हारी रंडी.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दो। मेरी गांड भी तुम्ही मारना।

मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है.. अब तुमसे ही अपनी गांड भी मरवाऊंगी.. आह्ह्ह बहुत मज़ा दिया तुमने मुझे और फिर मैंने तेज़ी से धक्का देना चालू किया और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया। वो झड़ गई और में भी 4-5 धक्को के बाद झड़ गया।

फिर हम वैसे ही लेटे रहे। उसके बाद वो उठी और मेरे लिप्स पर किस दिया और थैंक्स कहा और कहा कि अब तुम जाओ.. अगर कल मौका मिला तो में तुम्हे बता दूंगी। कल तुम मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ देना। फिर मैंने एक बार और उसको पकड़कर उसकी गांड को सहलाया और चाटने लगा और फिर में वहां से चला आया ।।

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दूकान में चोदा सेक्सी भाभी को https://sexstories.one/sexy-desi-bhabhi-ki-dukaan-me-chudai/ Wed, 06 Oct 2021 07:35:58 +0000 https://sexstories.one/?p=4449 मैंने अपने कपडे भी उतार दिए, भाभी मेरा लंड हाथ से दबाने और सहलाने लगी, भाभी हंस पड़ी और वो मेरे लंड को अपने हाथ से पकड कर धीमे से होंठो कके तरफ ले गई और अपने गुलाबी गुलाबी होंठो को मेरे लंड से स्पर्श कर दिया..

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Sexy bhabhi ki dukaan me chudai हाई दोस्तों आशा रखता हूँ की आप लोग अच्छे होंगे….आप दोस्तों के लिए आज पेश है एक सेक्सी कहानी जिसमे एक सेक्सी भाभी की चुदाई दुकान के ट्रायल रूम में हुई थी. आईयें बिना वक्त गवाएं आपको इस सेक्सी कहानी की दास्ताँ सुनाऊं….! तब मेरी उम्र 19 की थी और मैं प्लास्टिक इंजीनियरिंग के दुसरे वर्ष में था. मेरे डेड की ब्रा पेंटी की दुकान है और हम लोग हमारे शहर में ब्रा पेंटी की ब्रांडेड चीजे रखने के लिए बहुत फेमश है. दुकान पर डेड के अलावा एक नौकर बिरजू रहेता था जो एक ज़माने में मेरे साथ 10 कक्षा तक पढ़ा था.

मैं भी अक्सर दुकान पर बैठता था और वेकेशन में तो आँखे सेकने के लिए मेरी दुकान से अच्छी जगह नहीं थी जहाँ पर मस्त मस्त लड़कियां. भाभियाँ और आंटियाँ अपने चुन्चो और चूत के कपडे लेने आती थी. गर्मी के दिन थे और डेड दोपहर को मुझे दुकान सौंप के घर सोने गए थे. मेरी कोलेज की छुट्टियां थी इसलिए में पूरी दोपहर दुकान पर बेठता था. बिरजू और मैं अक्सर आती हुई सेक्सी भाभियों के चुन्चो और गांड को देख चक्षुचोदन कर लेते थे.

दोपहर का वक्त था करीब तिन बजे का, सड़के गर्मी के चलते सुमसाम थी तभी बहार एक स्कूटी की ब्रेक लगी और एक मस्त गर्म भाभी दुकान में घुसी. उसकी उम्र होगी करीब 26 के करीब. बड़े स्तन और तरबुच के जैसे कूले. वोह अन्दर आई और बोली आपके पास 34 की साइज़ की अच्छी ब्रा है. मैंने कहाँ मेडम ब्रा हैं ना किसके लिए चाहिए….वोह मेरे तरफ कतराते हुए नजर करके बोली, आफ कोर्स अपने लिए….मैंने कहाँ मेडम आपकी साइज़ 36 है 34 नहीं…वोह बोली नहीं मैं 34 की ही पहनती हूँ…आप 34 की बताएं मैं ट्रायल कर के देख लेती हूँ.

मैंने उसे कुछ ब्रा निकाल कर दे दी और वह ट्रायल रूम में घुसी मैंने उसे कहा मेडम और कुछ अच्छी क्वालिटी की दुसरे सेम्पल आपको मैं वही देता हूँ. मैंने बिरजू को इशारा किया काउन्टर सँभालने के लिए और वह समझ गया की मैं इस सेक्सी भाभी को ट्रायल रूम में ब्रा बदलते देखूंगा. वह खी खी करता काउन्टर पर आया. मैंने और दो तिन ब्रा ली और ट्रायल रूम की तरफ गया. तभी अंदर से आवाज आई, “अरे यह तो छोटी है और फस गई है” मैंने कहा, “मेडम मैंने पहले ही कहा था आपको की आप की साइज़ 36 की है, हम लोग एक नजर में ही माप निकाल लेते है….अगर कहो तो में आपकी हेल्प करूँ”

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उसने दरवाजा हल्के से खोला और मैं हाथ के ब्रा रख के अंदर घुसा, उसके छाती पर यह ब्रा अटकी पड़ी थी, बेन्चोद को पहले बोला की तेरी साइज़ नहीं है, लेकिन उसके मस्त सेक्सी स्तन देख के मेरा लंड वही खड़ा हो गया, मैंने ब्रा निकालने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखा और उसकी नर्म मुलायम चमड़ी मेरे लंड को और गर्मी देने लगी. मैंने जानबूझ के ब्रा धीरे धीरे निकाली और इस बिच में उसके स्तन को कितनी बार ही टच कर गया. भाभी भी मेरी तरफ देख रही थी और कुछ नहीं बोली, मेरी हिमत खुली और मैंने ब्रा को छोड़ उसके चुन्चो को हाथ में ले लिए. वह बोली, “क्या कर रहे हो तूम”. मैंने तारीफ़ नाम का हथियार मारा और बोला, “आप इतनी खुबसूरत हैं की मेरा दिल रुका ही नहीं….!” भाभी हंस पड़ी, “अच्छा बेटा हमसे सेटिंग….तुम्हारा नौकर आ जाएगा”

मैंने कहाँ, “वोह कभी नहीं आएगा, वोह मुझ से बहुत डरता हैं.” मैंने ऐसा कहा क्यूंकि अगर में कहेता की में सभी के चुंचे देखता हु तो यह भाभी भड़क जाती शायद और मुझे उसके चुन्चो का रस पीना था, क्या भरे हुए चुंचे थे दोस्तों. गोलमटोल चुंचे अब मैं जोर से दबाता गया और भाभी भी सिसकारियाँ लगाती गई, मैंने भाभी को गाल पर किस किया और वोह बोली, “होठ पर करोगे तो भी कुछ नहीं कहूँगी…घबराओ मत” फिर क्या था मैंने इस देसी भाभी के होंठ पर अपने होंठ लगा दिए और उसे मस्त फ्रेंच किस देने लगा, वोह भी अपनी जबान मेरी जबान से लड़ा रही थी और खिंच खिंच के चूस रही थी. मेरा लंड टाईट हो गया था. भाभी के कपडे आधे तो उतरे ही थी केवल निचे पहनी हुई पतली कोटन की लेंघी ही उतारनी थी मुझे, मैंने किस से अपने होंठ छुडाये और उसकी लेंघी फट से उतार दी. भाभी बोली, “मुझे तो तू उस वक्त ही पसंद आ गया जब तूने मेरे स्तन देख के साइज़ का अंदाजा लगा लिया” मैं कुछ बोला नहीं और उसकी लेंघी उतार दी.

साथ ही मैंने अपने कपडे भी उतार दिए, भाभी मेरा लंड हाथ से दबाने और सहलाने लगी, मैंने भी उसी का डायलोग उसी को चिपका दिया, “आप इसे चूसेगी तो भी मैं कुछ नहीं कहूँगा, घबराओ मत….!” भाभी हंस पड़ी और वो मेरे लंड को अपने हाथ से पकड कर धीमे से होंठो कके तरफ ले गई और अपने गुलाबी गुलाबी होंठो को मेरे लंड से स्पर्श कर दिया, मेरी आँखे बंध हो गई, यह भाभी बहुत रोमेंटिक तरीके से मेरा लंड चूस रही थी, वोह लंड अंदर करती थी और फिर उसे बहार निकालती थी और फिर उसके हेलमेट जैसे भाग को जो से चूस लेती थी. मेरा लंड पूर्ण उत्तेजित हो चूका था और उसे इस सेक्सी भाभी की चूत चाहिए थी. मैंने भाभी का माथा पकड कर लंड निकालना चाहा लेकिन भाभी को शायद लंड से कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी थी इसलिए वह मेरे खींचने पर भी लंड चुसे ही जा रही थी.. मैंने उसे कहा, “ज्यादा मत चुसो, मुहं में निकल जाएगा…!”

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भाभी अब खड़ी हुई और मैंने उसे वही ट्रायल रूम का दरवाजा पकडवा के खड़ा कर दिया, उसकी बड़ी गांड देख के ;लंड ध्रुज रहा था मेरा तो. मैंने लंड के उपर थोडा थूंक निकाल के लगाया और फिर भाभी को थोडा निचे झुका के उसकी गांड के पास से होते हुई चूत के अंदर लंड चुभो दिया. भाभी आह आह ओह ओह बोलने लगी और मैं धीमे धीमे उसकी चूत के रोड पर अपने लंड की ट्रक चलाने लगा. भाभी सेक्सी आवाजे निकालने और मैं उसे क्रमश: स्पीड बढ़ाकर चोदता रहा. उसने मुझे झांघ के आगे से पकड लिया कुछ पांच मिनिट की चुदाई के बाद और मुझे लगा की सेक्सी भाभी की चूत पानी छोड़ चुकी है. मैंने भाभी के स्तन मसले और चोदने की स्पीड बढ़ा दी, लंड फचफच उसकी चूत के अंदर बहार होने लगा और मैं भी एक मिनिट के भीतर ही झड़ गया. सच में बहुत मजा आया इस सेक्सी चूत कको चोदने का मुझे…..!

मैं और सेक्सी भाभी बहार आये तो बिरजू आँखे फाड़े मेरी तरफ देख रहा था. मैंने भाभी को मस्त मुलायम तिन ब्रा निकाल के दिए और उसे कहा की काम हो तो कभी भी बोल दे और उसको मैंने अपना नंबर भी दे दिया. बिरजू कान लगा के हमारी बातें सुन रहा था….जब यह भाभी उसे पैसे देने के लिए काउन्टर की तरफ गई तो वोह बोला, “भाभी अब आप से पैसे लेके मेरी नौकरी गवानी है क्या मुझे….!”

सेक्सी भाभी हंस पड़ी और मेरी तरफ देखते हुए दुकान के बहार चली गई……!

दोस्तों आप मित्रो के इस साईट के माध्यम से स्टोरी पाठन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और कृपया इस साईट की लस्ट भरी स्टोरीयों के लिए साईट रोज देखते रहें…

हम दिन में दो बार आपके लिए नयी स्टोरी अपडेट करते है

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चुदना है तो मुँह पे बोल ना https://sexstories.one/sexy-ladki-ki-mast-chudayi/ Tue, 29 Dec 2020 03:01:40 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%81%e0%a4%b9-%e0%a4%aa%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a5%8b%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a4%be/ मेरा नाम संकेत है और मैं 22 वर्ष का एक युवा हूं। मैं बनारस का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी स्पेयर पार्ट्स का सामान रखते हैं और उनकी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम संकेत है और मैं 22 वर्ष का एक युवा हूं। मैं बनारस का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी स्पेयर पार्ट्स का सामान रखते हैं और उनकी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मैं भी अब उनके साथ काम करने लगा हूं और मैं उनके साथ काफी काम भी सीख चुका हूं और मुझे अच्छा भी लगता है जब मैं अपने पिताजी के साथ काम करता हूं। मेरे बड़े भैया बैंक में कार्यरत है। इसलिए वह मेरे पिताजी के साथ काम नहीं कर सकते और मैं उनके साथ अब काम कर रहा हूं। mast chudayi

मेरे पिताजी खुश दिल इंसान हैं। वह बहुत ही अच्छे हैं और हमेशा ही मुझे बहुत सपोर्ट किया है। जब भी मुझे किसी भी तरीके से किसी प्रकार की कोई भी चीज समझ नहीं आती तो मेरे पिताजी उस चीज का जवाब बहुत जल्दी मुझे दे देते हैं। इसलिए मैं उनका सम्मान बहुत ही करता हूं। मैं जब उनके साथ दुकान में रहता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। वह भी मुझसे बचपन से ही बहुत प्रेम करते हैं और कहते हैं कि तुम एक बहुत ही अच्छे लड़के हो। वह मुझे पढ़ाना चाहते थे लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और कहा कि मैं आपके साथ ही काम करना चाहता हूं। क्योंकि इनका काम बहुत अच्छा चलता है और मेरे भैया अब बैंक में नौकरी लग चुके हैं। इस वजह से वह दुकान नहीं संभाल सकते लेकिन मैं दुकान का काम संभाल सकता हूं।

इसलिए मैं उनके साथ ही काम पर लग गया और अपना सारा काम सीख चुका हूं। mast chudayi

एक दिन मैं अपनी दुकान से वापस लौट रहा था तो उसी रास्ते में मेरी गाड़ी खराब हो गई और मैंने सोचा आज बस से ही चले जाता हूं। मैंने अपनी गाड़ी वहीं खड़ी की थी और मैं बस से घर चला गया। मैंने अपने पिताजी को फोन करके बोल दिया था कि मैंने गाड़ी बस स्टैंड के पास ही खड़ी कर दी है और मैं बस से घर जा रहा हूं। आप लड़के को भिजवा देना और गाड़ी ठीक करवा देना। अब मैं जब घर आ रहा था तो बस में एक बहुत ही सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

Kamuk kissa

ना चाहते हुए भी मेरी नजरे उसे देखती जा रही थी। मैं अपने आपको कोशिश कर रहा था कि उसकी तरफ ना देखू। पर फिर भी उसका अट्रैक्शन इतना ज्यादा था कि मेरी नजर बार-बार उसकी तरफ बढ़ती जा रही थी और उसके लंबे लंबे बाल और उसकी बड़ी बड़ी आंखें मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। मुझे ऐसा लगता कि मैं उससे तुरंत ही बात कर लूं लेकिन मैं उसे जानता नहीं था और ना ही मेरी हिम्मत हुई उससे बात करने की। थोड़ी देर बाद उसके बगल की सीट खाली हो गई और मैं उसके पास जाकर ही बैठ गया। उसका हाथ मेरे हाथों से टकरा रहा था और मेरे अंदर से एक अलग ही तरीके की फीलिंग निकल रही थी और मैं सोच रहा था कि मैं उससे उसका नाम पूछू और उससे पूछू कि वह कहां पर रहती है।

जब वह मेरे पास बैठी हुई थी तो मैं उसकी तरफ देख भी नहीं पाया। mast chudayi

ना जाने मुझे क्या हुआ। मेरे अंदर हिम्मत ही नहीं हुई और कुछ देर बाद मेरा घर भी आने वाला था और मैं बस से उतरने वाला था। वह लड़की भी उसी स्टैंड पर उतर गई जहां पर मुझे उतरना था। अब मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा और मैं उसका पीछा करते करते उसके घर के पास तक पहुंच गया। जब मैं उसके घर के पास पहुंचा तो वह अपने घर के अंदर चली गई लेकिन फिर भी मैं उससे बात ना कर सका। अब मैं भी अपने घर की तरफ चला गया लेकिन मेरे अंदर उसका नाम जानने की उत्सुकता थी और वह क्या करती है। मुझे बहुत ज्यादा उत्सुकता हो रही थी। इसलिए मैं सोच रहा था कि अब मैं उससे कैसे बात करूं और मेरी बात आगे कैसे बढ़े।

यह सोचते सोचते मैं अपने घर पर पहुंच गया और मुझे पता भी नहीं चला कि मैं अपने घर पहुंच गया। मेरी मां ने मुझसे पूछा तुमने कुछ खाया है या नहीं। मैंने उन्हें कहा हां मैंने खा लिया है लेकिन मेरा ध्यान खाने की तरफ था ही नहीं और ना ही मुझे भूख थी। मुझे तो सिर्फ उस लड़की की बड़ी बड़ी आंखें मेरे दिमाग में नजर आ रही थी और बार-बार उसका चेहरा मुझे दिखाई दे रहा था। मैं बहुत ज्यादा उत्सुक हो रहा था कि वह लड़की क्या करती है और उसका नाम क्या है। मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया और मैं उस लड़की के ख्यालों में खोया हुआ था।

ऐसे ही कई दिन बीत गए लेकिन उसके बाद ना तो वह लड़की मुझे दिखी और ना ही मेरी कभी मुलाकात उससे हुई। एक दिन मैं अपनी मां के साथ बाजार में कुछ सामान ले रहा था। तभी मेरी मां की एक सहेली मिल गई और वह उनसे बात करने लगी मेरी मां ने उन्हें बताया कि यह मेरा लड़का है। मैं भी उनसे पहली बार ही मिला था और मेरी मां मुझे कहने लगी कि यह मेरी स्कूल की बहुत अच्छी दोस्त है। वह आंटी बहुत ही हंसमुख और अच्छी थी। मैं भी उनसे अच्छे से बात कर रहा था। तभी थोड़ी देर में वह लड़की भी आगे से आ गई और जैसे ही वह आगे से आई तो मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज तेज धड़कने लगी।

वह हमारे पास आकर रुक गई। mast chudayi

मुझे लगा कहीं शायद वह मुझे कुछ बोल ना दे। क्योंकि मैं उसे कुछ ज्यादा ही घूर रहा था लेकिन वहां मेरी मम्मी की सहेली की लड़की थी। उन्होंने भी उसका इंट्रोडक्शन कराया और उन्होंने उसका नाम बताया। उसका नाम रीमा था। जब उसने मुझसे बात की तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी ख्वाहिश पूरी हो गई हो। थोड़ी देर बाद वह वहां से चले गए और हम लोग भी अपने घर आ गए। जब हम घर पहुंचे तो मैंने अपनी मां से बताया कि मुझे रीमा बहुत ही पसंद है।

मेरी माँ ने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है। उसकी मां भी बहुत अच्छी है और मेरी बहुत ही अच्छी सहेली है। मैं तुम दोनों की बात करने में हेल्प कर सकती हूं। मेरी मां ने मेरी बात रीमा से करवा दी और एक दिन वह मुझे अपने साथ उनके घर ले गई। जब मैं उनके घर गया तो उस दिन रीमा ने मुझसे बहुत ज्यादा बात की। मुझे उससे बात कर के बहुत ही अच्छा लगा और जब मैंने उससे पूछा तुम क्या करती हो। तो वह कहने लगी कि मैं कॉलेज में हूं। मुझे बहुत ही खुशी हुई उस दिन उससे बात करके। उस दिन मैंने उससे उसका फोन नंबर भी ले लिया था।

अब मैं उससे फोन पर बात करने लगा और हम दोनों की बातें अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी। mast chudayi

हम दोनों के बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। वह मुझे अपने बारे में सब कुछ बताने लगी और जब वह कॉलेज में होती तो मुझे अपनी फोटो भी भेज दिया करती। एक दिन मैंने पिताजी को रीमा के बारे में बता दिया और वह बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि लड़की तो बहुत ही सुंदर है। मेरे पिताजी ने एक दिन मुझे कहा कि तुम उसे घर पर ही बुला लो। मैंने रीमा को अपने घर पर बुला लिया। रीमा मेरे घर पर आई तो वह मेरी मां से मिलकर बहुत खुश हुई और मेरे पिताजी भी बहुत खुश थे। थोड़ी देर उनसे बात करने के बाद वह मेरे साथ मेरे कमरे में आ गई और जब मेरे कमरे में आई तो हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे।

फिर अचानक से मुझे उसके स्तनों के लकीरें दिखाई देने लगी। mast chudayi

मेरा मन खराब हो गया मैंने तुरंत ही उसके बालों को सहलाना शुरू कर दिया और उसे किस कर लिया। जैसे ही मैंने उसे किस किया तो वह भी थोड़ी देर बाद उत्तेजना में आ गई और वह मेरे होठों को अच्छे से चूमने लगी। मैं उसके होंठों को चूमते चूमते उसके स्तनों को भी दबाने लगा। थोड़ी देर में मैंने उसके सारे कपड़े खोलते हुए उसकी योनि में अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला उठी और उसकी चूत से खून की पिचकारी निकलने लगी। जैसे ही उसकी चूत से खून की पिचकारी निकली तो मैंने उतनी तेजी से उसे चोदना शुरू कर दिया।

मै उसे बड़ी तेज उसे धक्के मारने लगा जैसे ही मेरा लंड अंदर बाहर होता तो उसके मुंह से मादक आवाजे निकलने लग जाती। मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसता जाता जिससे कि उसकी उत्तेजना और दोगुनी हो जाती। मैंने उसे बड़ी तीव्रता से धक्का देना शुरु किया और उसका शरीर पूरा गर्म हो चुका था। मेरी उत्तेजना भी चरम सीमा पर पहुंच गई थी। मेरे लंड से जैसे ही मेरी वीर्य की पिचकारी निकली तो वह सीधा रीमा की योनि में चली गई जिससे कि हम दोनों बहुत ही खुश हुए। कुछ दिनों बाद रीमा प्रेग्नेंट हो गई इसलिए उसके घर वालों ने मुझसे उसकी शादी करवा दी।

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छोटी बहन को चुसाया अपना लंड https://sexstories.one/sexy-behan-ki-chudai/ Fri, 25 Sep 2020 06:19:18 +0000 https://sexstories.one/?p=1120 हैल्लो दोस्तो क्या हाल है आपका. मेरा नाम नीरज है ओर मैं हरीयाणा मैं रहता हूँ. ये मेरे पहली कहानी है जो अपनी बहन के साथ किये हुए सेक्स की है. अगर कोई ग़लती हो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तो क्या हाल है आपका. मेरा नाम नीरज है ओर मैं हरीयाणा मैं रहता हूँ. ये मेरे पहली कहानी है जो अपनी बहन के साथ किये हुए सेक्स की है. अगर कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज माफ़ करना. ओर अब में बता रहा हूँ. मेरी उम्र 23 साल की है. ओर हमारे घर पर मेंरे पापा मम्मी ओर मेरी एक छोटी बहन है जिसका नाम परी है ओर वो 1st ईयर मैं पडती है. उसकी उम्र 21साल की है. मेरे पापा व्यपारी है ओर मम्मी बैंक मैं नोकरी करती है. sexy behan

ओर मुझे क्रिकेट का बहुत शोक है. मैं क्रिकेट खेलता भी हूँ. ओर मेरी बहन मुझसे हमेशा लडती थी. ओर कहती है की भाई आप क्रिकेट मत खेला करो. आपके कपड़े खराब हो जाते है ओर बाद मैं आप मुझे अपनी क्रिकेट की कहानी बताते हो. फिर भी मैं जब भी क्रिकेट खेल कर आता था तो उस को बताता था. ओर वो मुझसे नाराज़ हो जाती थी. sexy behan

एक दिन की बात है. मैं क्रिकेट खेल कर घर आया तो मैं सीधा परी के कमरे पर चला गया. ओर मैने देखा कि बाथ कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था. ओर परी नहा रही थी तो मैंने परी को नहाते देखा तो मैं दंग रह गया. पूरा नंगा बदन था ओर उस पर उसकी चड़ती जवानी थी उफ़ क्या बात है. behan ki sexy chudai

ये गोरी गोरी ओर मोटी गांड ओर गुलाबी चूत ओर वो भी पानी में गीली. मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया ओर मेरा दिल कह रहा था कि अभी जाकर अपनी ही बहन को चोदूँ मगर मेरी हिम्मत ही नही हुई तो मैं वापस अपने कमरे मैं चला गया वहाँ जाकर परी के बारे मैं सोचने लगा ओर उसके नाम की मुठ मारने लगा.

मुठ मारते ही मैने सोच लीया था. कि मैं अब अपनी बहन को चोदूँगा. चाहे कुछ भी हो जाए. एक दिन में अपने कमरे मैं लेटा हुआ था तब में परी के बारे मैं सोच रहा था. ओर मेरा लंड खड़ा था तो इतने समय मैं दरवाजा खुलने की अवाज़ आई ओर मैंने आंखे बंद कर ली. इतने मैं परी अंदर आई ओर मेरा खड़ा लंड देख कर एक दम बोल पड़ी भैया ये क्या है ओर ये बोल कर बाहर आ गई. meri sexy chudas behan ki choot

ओर मैंने आँख खोली तो वो कमरे से जा चुकि थी. मैं बिस्तर से उठ कर कमरे के बाहर चला गया ओर नहा कर दोस्तों के साथ घूमने चला गया ओर वहाँ मैंने अपने एक अच्छे दोस्त सौरव से बात की ओर उसको मैने ये नही बताया कि वो लड़की मेरी बहन है या कोई ओर मैंने कहा मैं एक लड़की को चोदना चाहता हूँ.

तो कैसे चोदू तब उसने बताया की वो भी किसी लड़की को चोदना चाहता था. मैंने पूछा कैसे तो उसने कहा यार मैने एक कमरे लीया था. ओर रात को वहाँ टीवी का चेनल ही ऐसा था कि वो भी राज़ी हो गयी. अच्छा यार मगर मैं तो बहुत डरता हूँ. सौरव ने कहा यार डरोगे तो कुछ भी नही कर पाओगे एक बार उसे बाहर लेकर जाओ. ओर वहा कोई अपना नही हो मैने कहा ठीक है. फिर मैं घर आया ओर मैंने परी को कहा कि इंडिया का मैच दिल्ली मैं है. क्या तुम मेरे साथ दिल्ली चलोगी प्लीज तो परी ने कहा मैं नही आ सकती हूँ तुम्हारे साथ. mast sexy behan

मेरे बार बार मनाने पर उसने कहा पापा ओर मम्मी नही मानेंगे. तो मैने कहा कोई बात नही मम्मी को मैं मना लूँगा ओर पापा को तुम मना लेना. परी ने कहा पागल हो क्या? मैं पापा से बात करूंगी मुझे पागल कुत्ते ने काटा है क्या? तो मैने कहा प्लीज तो उसने कहा ठीक मैं कोशिश करती हूँ. पापा मानेंगे या नही फिर मैं अपने कमरे में आ कर सो गया ओर परी भी सो गयी फिर सुबह हुई तो परी पापा के पास गई पापा को मनाने के लिए. ओर मैं मम्मी के पास गया मम्मी को मनाने के लिए मम्मी तो मान गई. मगर पापा नही माने ओर मैने मम्मी को कहा प्लीज हमारी छुट्टीया है.

ओर अभी दो महीने बाकि है कालेज खुलने मैं आप पापा को कहो ना प्लीज एक महीने की तो बात है ना प्लीज मम्मी. तो मम्मी ने पापा को भी माना लीया. तब एक दिन हम दिल्ली जा रहे थे कि अचानक सौरव ही मिल गया. मैं परेशान हो गया अगर सौरव को पता चल गया की ये अपनी ही बहन को चोदना चाहता है तो मैं मर जाऊंगा. तभी सौरव ने कहा क्या बात है? कहाँ जा रहे हो मैने कहा यार दिल्ली जा रहा हूँ. sexy behan

मैंने तुम्हारी तरकीब इस्तमाल की थी मगर एक प्रॉब्लम है यार मेरे साथ मेरी छोटी बहन भी है. उसको भी साथ मैं लेकर ही जाऊंगा, क्या करूँ. सौरव ने कहा यार क्या करे तेरे ही घर वाले नही चाहते कि तू उसके साथ जाये. ये बोल कर वो चला गया तो मैं घर आया ओर सामान पेक करके मै परी को लेकर हम लोग बस पर आए ओर मम्मी पापा हमे छोड़ कर चले गये. मैने परी को देखा तो वो बहुत खुश थी.

मैंने परी को कहा मैं होटल मैं फोन कर लूं जब मैने दिल्ली फोन किया तो मैनेजेर ने कहा कि हमारे पास सिर्फ़ एक ही कमरा है. तो मैने परी को नही बताया ओर बस मैं बैठ गये ओर दिल्ली आ गये. दिल्ली आते ही होटल की तरफ़ से एक लड़का आया ओर हमको होटल ले गया वहाँ जाने के बाद परी को पता चला कि एक ही कमरा खाली है. तो मैंने कहा कि क्या करूँ? तो परी ने कहा कोई बात नही भाई एक ही कमरे मैं रहेंगे हम दोनो. हम कमरे मैं आ गये ओर मैने परी को कहा कि बेड एक ही है क्या करें?

अब तो उसने कहा भाई कोई बात नही है. मैं तो खुश हो गया हम लोग दिल्ली की होटल में रहे वहाँ की शाम भी बड़ी निराली थी. इस होटल में एक क्लब भी था. जिसमैं सेक्सी डांस होता था. मैने सोचा कि क्यू ना परी को ऐसी जगह घुमाऊ जिससे उसको सेक्स का शोक हो. तो मैं अगले ही दिन उस को मैं घुमाने लेकर गया जहाँ अँग्रेज़ भी थे. जो कि सिर्फ़ ब्रा मैं ओर पेंटी मैं थे. sexy behan

वहाँ का माहोल बिल्कुल सेक्सी था. तो मैने कहा परी चलो नहाते है. तो परी ने कहा भाई मैं नही नहाउंगी मुझे शर्म आती है. आप ही नहा लो तो मैंने उस को कहाकि हम दूर चलकर नहाते है ठीक है. तो उसने कहा ठीक है तो हम बहुत दूर आ गये. sexy behan

वहाँ आकर मैने अपनी शर्ट उतारी ओर अपनी जीन्स भी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ चड्डी मैं था परी देख कर बोली भाई आप को शरम नही है. कि मैं यहाँ हूँ ओर आपने अपने कपडे उतार दिए. तो मैंने कहा वो सब भी तो चड्डी मैं ही है ना तो क्या हुआ अगर मैं भी चड्डी मैं हूँ तो. उनको देख सकती हो ओर मुझे नही तो वो चुप हो गयी ओर बोली जो मन मैं आये करो ठीक मैने उसको कहा तुम भी नहा लो प्लीज मज़ा आएगा लेकिन वो नही मानी.

ओर मैं चलता गया पानी मैं. मेरी सफेद कलर की चड्डी थी. मैं नहा कर वापस परी के पास आया तो परी ने मेरी चड्डी की तरफ देखा तो एक दम देख कर खड़ी रह गई मैने कहा क्या हुआ? अब तो उसने कहा भाई आप कपड़े पहन लो. मैने जब नीचे देखा तो मेरी चड्डी मैं से मेरा लंड सॉफ नज़र आ रहा था.

जिसको देख कर वो बोली की भाई आप कपडे पहन लो प्लीज. तभी मैने कपड़े पहन लिए अब हम वापस होटल मैं आए तो मैने कहा तुमको डांस आता है. तो उसने कहा नही तो मैंने कहा चलो आज हम क्लब जायेंगे उसने कहा नही भाई पता नही वो कैसी जगह है.

मुझे अच्छा नही लगेगा मैने कहा मेरे कहने पर आज चलो प्लीज तो वो मान गयी. हम लोग रात को 11:00 बजे क्लब मैं आए तो हम हैरान हो गये कि लडकियाँ लड़कीयाँ डांस करती करती अपनी गांड लड़कों के लंड पर लगा रही है. परी ने कहा भाई तुम ये किस गन्दी जगह लेकर आए हो मैं जाती हूँ.

मैने कहा सिर्फ़ थोड़ी देर प्लीज तो वो रुकि इतनी देर मैं एक लड़की मेरे पास आई ओर मुझे किस करने लगी ओर अपनी चूत मेरे लंड पर लगाने लगी तो परी देख कर वाहा से गुस्सा हो कर चली गयी. मैं वापस कमरे मैं गया तो देखा कि वो रो रही थी मैंने कहा कि क्या हुआ तो उसने कहा भाई आप मुझे कैसी कैसी जगह लेकर जाते हो. मैने कहा ठीक है मुझे माफ़ करो मैं तुम को अब नही लेकर जाऊंगा. तो उसको चुप करवा कर मैने खान खाने के लिये बोला.

ओर खाना खा कर हम दोनो सोने लगे इतने मैं परी को नींद आ गयी. ओर मुझे नींद नही आ रही थी. मैने देख कि परी सो गई है तो मैने अपनी एक टांग उसकी टाँगों के उपर रख दी ओर अपना एक हाथ उसकी छाती पर रख दिया ओर मेरा हाथ बिल्कुल उसकी छाती पर था. मगर डर भी लग रहा था कि वो उठी तो क्या कहेगी. मैं उसकी छाती को मसलने लगा ओर लंड को भी आगे पीछे करने लगा. sexy behan

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चुत चुदवा ली पापा से https://sexstories.one/hindi-sex-comic-papa-se-choot-chudwai/ Thu, 06 Aug 2020 20:32:17 +0000 https://sexstories.one/?p=721 जब मैं छोटी थी.. तब पहली बार मैंने अपने पिता को अपनी माँ को चोदते हुए देखा था, तब मैं अपने ही पिता को चोदने की इच्छा में जाग गया था। hindi sex comic दोस्तो, ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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जब मैं छोटी थी.. तब पहली बार मैंने अपने पिता को अपनी माँ को चोदते हुए देखा था, तब मैं अपने ही पिता को चोदने की इच्छा में जाग गया था। hindi sex comic

दोस्तो, मेरा नाम अंकिता है और मैं अपने घर में सबके साथ चुदाई करती रही हूँ। मैं अपने घर और ससुराल में सबसे होशियार हूं। मेरी उम्र 18 साल है और मैं महिला और पुरुष के रिश्ते को समझता था। एक बार, जब मैंने अपने पिता को माँ को चोदते हुए देखा तो मुझे इतना मज़ा आया कि मैं इसे रोज़ देखने लगा।

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मैं अपने पिता की चुदाई देख कर इतना उत्तेजित हो गया था कि उसने अपने पिता को फंसाने के लिए जाल बुनना शुरू कर दिया और आखिरकार एक दिन उसे सफलता मिल ही गई। मैंने पापा को फँसाया अब जब भी मौका मिले, पापा की गोद में बैठ जाऊं और उनकी चूत को छेड़ने का मज़ा लूँ। लेकिन अब तक केवल टिस्की को दबाया जा सकता था, पूरी तरह से इसका आनंद नहीं लिया था।

मेरे मामा की शादी थी, इसलिए मेरी माँ अपने मायके जा रही थीं। रात में, पिता ने मुझे अपनी गोद में खड़े होने के लिए कहा – बेटी कल तुम्हारी माँ को छोड़ देगी और फिर कल तुम्हें पूरा मज़ा देगी और आपको बताएगी कि युवा होने का क्या मतलब है।

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मैं अपने पिता के बारे में सुनकर खुश था। पापा अब अपने बेडरूम में कुछ खिड़की खुली रखते थे ताकि मैं पापा को मम्मी को चोदता देख सकूँ। मैंने केवल इतना ही कहा।

फिर उस रात पापा ने मम्मी को एक कुर्सी पर बिठाया और उनकी चूत को दो बार चाटा और फिर 3 बार चोदा और दोनों फिर से सो गए।

अगले दिन मम्मी को जाना था। आज माँ जा रही थी। पिताजी, मेरे कमरे में आए मेरी बिल्ली को पकड़ा और मेरे होठों तीन बार चूमा और लण्ड के साथ उसे बिल्ली दबाया और कहा – मैं, तो आज रात स्टेशन पर अपनी माँ को छोड़ देंगे मैं आप सभी मज़ा दे देंगे।

मैं बहुत खुश था।

जब मेरे पिता चले गए, तो मैं घर पर अकेला रह गया। मैं अपने पिता के लिए अपनी चड्डी उतारने का इंतजार कर रहा था। मैंने सोचा कि जब तक पिताजी नहीं आते, मैं अपनी चूत को अपनी उंगली से लण्ड के पापा के लिए फैला दूं।

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तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने चूत में उंगली करके पूछा- कौन है?
‘मैं उमेश हूं।’ उमेश का नाम सुनकर मैं गुदगुदी से भर गया। उमेश 20 साल का मेरा पड़ोसी था। वह काफी समय से मुझे फंसाने की कोशिश कर रहा था लेकिन मैं उसे लाइन नहीं दे रहा था।
वह मुझे रोज गंदे गंदे इशारे करता था और कभी-कभी चूची को दबाता था और कभी-कभी गांड को भी छूता था – रानी ने बस एक बार चखा था।

आज मैं अपनी चूत में उंगली डालने के लिए बेताब थी। आज उसे आने पर इतना मज़ा आया कि उसने बिना चड्डी पहने ही दरवाजा खोल दिया।
मुझे उसके इशारों से पता चला कि वो मुझे चोदना चाहता है। आज मैं उसे चोदने के लिए तैयार था। उमेश के आने पर, मैंने सोचा कि जब तक मेरे पापा नहीं आएंगे, तब तक एक बार और उसके बाद क्यों नहीं मज़ा आएगा। यह सोचकर दरवाजा खोला।

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जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, उमेश तुरंत अंदर आ गया और मुझे अपने स्तन पकड़े हुए देखकर खुश हो गया और बोला – हाय रानी, ​​यह एक महान अवसर है।
मैं उसकी हरकत पर रो पड़ा। उसने मेरे स्तन गिरा कर दरवाजा बंद कर दिया और मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरे होठों को रगड़ते हुए मेरे होंठों को चूसने लगा और कहा- हाय रानी, ​​तुम्हारे स्तन बहुत कड़े हैं। हाय, आपको बहुत दर्द हो रहा है, मैं आज आपको जरूर चोदूंगा।

‘हाय भगवान, इसे छोड़ दो, पापा आएंगे।’
Fuck डरो मत, मेरी जान, मैं बहुत जल्द चोदूंगा। मेरा लण्ड मोटा नहीं है, इससे दर्द नहीं होगा।
मेरी गांड सहला ने कहा- हाय, मैंने चड्डी नहीं पहनी है, यह बहुत अच्छा है।

मैं अपने पापा को चोदने की जुगाड़ में नंगा बैठा था, पर यह एक सुनहरा मौका था। मैं अपने पिता को चोदने के लिए पहले से ही गर्म था।

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जब उमेश ने मेरी चूत और चूचियों को रगड़ना शुरू किया तो मैं पिताजी के सामने उमेश के साथ मस्ती करने को तैयार हो गई। मुझे उसके मोलेस्टेशन का मज़ा आ रहा था। मेरी चूत लण्ड खाने को बेताब हो गई थी। मैं अपनी कमर को सहलाते हुए बोला- हाय उमेश, जो करना है जल्दी करो, पापा, कहीं मत आना!
मुझे पागल कहा होगा।

तो उमेश ने मेरा इशारा पाते ही मुझे बिस्तर पर लेटे हुए मेरी पैंट उतार दी और नंगा हो कर बोला- रानी बहुत मज़ा आएगा।

‘आप तैयार उत्पाद हैं। देखो, मेरा लण्ड छोटा है।

जब उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रखा तो मैं उसके 4 इंच के खड़े लण्ड को पकड़ पा रही थी। यह पिता का आधा हिस्सा था।

मैंने हँसते हुए उससे कहा – हाय राम, जो करना है जल्दी से कर लो। ‘

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hot sex storiesजैसे ही मैंने उमेश का लंड पकड़ा, मेरे शरीर में दर्द होने लगा। पहले तो मैं डर गया, लेकिन लण्ड पकड़ में आ गया। मेरे कहने पर, वह मेरी टांगों के बीच में आ गया और अपना थोड़ा सा लण्ड मेरी कुंवारी चूत पर धकेल दिया, सुपारा अन्दर चला गया। फिर 3-4 वार करने के बाद, वह पूरी तरह से उड़ गया।

कुछ देर बाद, उसने धीरे से चोदते हुए पूछा- मेरी जान दर्द नहीं हो रहा है। क्या यह मज़ेदार है?

‘हाय, मुझे मारो, इसका आनंद लो।’

मेरी बात सुनकर उसने मुझे तेजी से मारना शुरू कर दिया। मैं उसके साथ मस्ती कर रहा था, उसकी चुदाई मुझे जन्नत की सैर करा रही थी। मैंने नीचे से गांड हिला कर कहा- हाय उमेश, जोर से चोदो, तुम्हारा लण्ड छोटा है। थोड़ी शक्ति के साथ चोदो राजा।

हम कुछ देर के लिए अलग हो गए। उसने कपड़े पहनना छोड़ दिया। मेरी चूत चिपचिपी थी। उमेश मुझे चोदने चला गया, लेकिन मैं उसकी साहसी कार्रवाई से खुश था। उन्होंने चोदकर को बताया कि चुदवाने में बहुत मजा आता है। उमेश ठीक से चोद नहीं पा रहा था, बस ऊपर से उसकी चूत को रगड़ रहा था और चला गया लेकिन मुझे पता था कि सेक्स में अनोखा मज़ा है।

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जब उसने छोड़ा तो मैंने चड्डी पहनी थी। मैं सोच रहा था कि जब मैंने उमेश के छोटे लंड के साथ इतना मज़ा लिया है, तो मेरे पिता अपने मोटे मजबूत लंड का आनंद ले पाएंगे।

उमेश के जाने के 6-7 मिनट बाद ही पापा स्टेशन से लौट आए। जैसे ही वह अंदर आया, मेरे कठोर स्तन को फ्रॉक के ऊपर से पकड़ते हुए उसने कहा – आओ बेटी, अब हम तुम्हें युवा होने का अर्थ बताएंगे।

‘ओह पापा, आपने कहा था कि मैं रात को बताऊंगा।’

‘ओह अब, मेरी माँ चली गई है, अब हर समय है। मम्मी के कमरे में ही आओ। क्रीम लाना। “पापा ने मेरे निपल्स को रगड़ते हुए कहा।

मैं उमेश को पहले से ही चोद के जानता था। मुझे पता था कि क्रीम का क्या होगा, लेकिन मैं अनजान थी – पापा क्रीम क्यों?

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‘अरे, आओ और मुझे बताओ।’ पापा मेरी चूत को इतनी कस कर रगड़ रहे थे मानो वो उखड़ जाएगी।

मैं क्रीम और तौलिया लेकर मम्मी के बेडरूम में पहुँचा। मैं बहुत खुश था, यह जानकर कि क्रीम का ऑर्डर क्यों दिया गया था। उमेश के साथ चुदाई के बाद क्रीम का मतलब समझ में आया। मेरे पिता मुझे एक लड़की से औरत बनाने के लिए बेताब थे। मैं भी पापा के मोटे केले खाने के लिए तड़प रही थी।

जब वह कमरे में पहुंची, तो पिता ने कहा- बेटी, क्रीम टेबल पर बैठो।

जब मैं दिल में गुदगुदी के साथ कुर्सी पर बैठा, तो मेरे पिता मेरे पीछे आए और मेरे दोनों हाथ अपनी सख्त चूत पर ले आए और उन दोनों को प्यार से दबाया।

मेरे पापा के हाथ से लंड निचोड़ने में बहुत मज़ा आया। फिर पापा ने अपना हाथ फ्रॉक के अंदर से गले के ऊपर से डाला और निप्पलों को दबाने लगे। मैंने फ्रॉक के नीचे कुछ नहीं पहना था। मेरे पापा मेरी कड़क चूत को मुट्ठी से दबा रहे थे और दोनों गुंडियों को रगड़ भी रहे थे। मुझे मज़ा आ रहा था।

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फिर पिता ने पूछा – आपको बेटी क्यों पसंद है?

‘हाय पापा, बहुत मजा आया।’‘थोड़ी देर ऐसे ही बैठो, आज तुम्हें शादी में मजा आएगा। अब आप युवा हैं।

‘हाय, तुम लेने लायक हो। आज आपको बहुत मज़ा देगा। ‘

‘आह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्हह्ह पापाआआआ।’

‘जब मैं तुम्हारी चूत को इस तरह दबाता हूँ तो तुम्हें कैसा लगता है?’

मेरे पिता मेरे लिए मुश्किल बिल्ली निचोड़ा है, मैं जल्दी से कहा – हाय पिताजी, uhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh, मैं तो यह और भी अधिक पसंद है। ‘

जब तुम कपड़े उतार कर नंगी हो जाओगी तो और मज़ा आएगा। नमस्ते, आपके पास छोटे स्तन हैं। ‘

..पापा मेरे छोटे स्तन क्यों हैं। मां बड़ी है।

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। बेटी की चिंता मत करो। मैं तुम्हारे स्तन भी माँ की तरह बनाऊंगा। ‘

‘हाय बेटी, अपने कपड़े उतारो और नंगी बैठो और मजा आएगा।’

‘पापा ने चड्ढी बोली तो लीर’। मैं बेखबर हो गया।

हां, अपनी बेटी की चड्डी भी उतार दो।

‘लड़कियों का असली मज़ा चड्डी में ही होता है।’

‘आज आपको पूरी बात बताएंगे। जब तक तुम्हारी शादी नहीं होगी तब तक मैं तुम्हें शादी का मजा दूंगा। मैं तुम्हारे साथ ही हनीमून मनाऊंगा।
‘तुम्हारे स्तन बहुत तंग हैं।’

“बेटी नंगी हो।” पापा ने फ्रॉक के अंदर हाथ डाला और दोनों को दबाते हुए कहा।

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जब पापा ने मेरी चूत को मसलते हुए कपड़े निकालने के लिए कहा तो मुझे यकीन था कि आज मेरे पापा लण्ड का मज़ा लेंगे।

मुझे उसका लण्ड खाने के लिए गुदगुदी हो रही थी। मुझे अपनी माँ के रंगीन सेक्स की याद आ गई, वह कुर्सी से नीचे उतरा और अनिष्ट करने लगा। उसने अपने कपड़े उतार दिए और माँ की तरह पैर फैलाकर कुर्सी पर बैठ गई। मेरे छोटे स्तन खिंचे हुए थे और मुझे कोई शर्म महसूस नहीं हो रही थी।

फूली हुई चूत मेरे पापा को मेरी जाँघों के बीच साफ दिख रही थी। पापा मेरी गदराई चूत को ध्यान से देख रहे थे। चूत का गुलाबी छेद मस्त था। पापा ने एक हाथ से मेरी गुलाबी कली को सहलाते हुए कहा – हाय राम बेटी, तुम्हारी चूत तो जवान है।

‘अरे बेटी तेरी चूत।’ पापा ने उसकी चूत को दबाया। मैं तब सोने गया था जब मेरी चूत को मेरे पापा ने दबाया था। मैं मस्ती से भरी अपनी चूत को देख रही थी।

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फिर पापा ने क्रीम से मेरी चूत में अपना अंगूठा डाल दिया। वो मेरी चूत की मलाई से चिकने थे। जैसे ही मैं अंगूठे पर गया, मेरा शरीर गा गया। फिर पापा ने चूत से अंगूठा बाहर निकाल लिया, फिर चूत का रस उस पर देखते हुए बोला- हाय बेटी, यह क्या है, क्या तुम्हें किसी के साथ मज़ा आया है?

मैं अपने पिता के अनुभव से स्तब्ध था। मैं घबरा गया और अनजान बन कर बोला- क्या मज़ा है पापा?

‘क्या कोई यहाँ आया, बेटी?’

‘नहीं पिताजी, यहाँ कोई नहीं आया।’

‘फिर तुम्हारी चूत में यह कैसा गाढ़ा रस है?’

‘मुझे नहीं पता? पिता जी, जब आप मेरी चूत को रगड़ रहे थे, तो कुछ गिर गया होगा। ‘मैंने बहाने के रूप में कहा।

Pussy लगता है तुम्हारी चूत ने पानी छोड़ दिया है। इसे तौलिए से साफ करें। ‘

पापा ने मुझे तौलिया दिया और चूत को सहलाते हुए कहा।

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पापा ने तौलिया लिया और अपनी चूत को रगड़ कर साफ किया। पापा ने उमेश को इसकी जानकारी नहीं होने दी। मैं अपने पिता से गंदी-गंदी बातें कर रहा था ताकि सभी को पता चल सके।

‘बेटी, जब तुम अपनी चूत दबाती हो तो कैसा लगता है?’

‘हाय पापा, फिर आपको स्वर्ग जैसा मज़ा आता है।’

‘बेटी, क्या तुम्हारी चूत में कुछ है?’

‘हाँ पापा गुदगुदी हो रही है।’ मैंने बेशर्म होकर कहा।

‘बस अपनी चूत को निचोड़ लो और फिर मुझे भी अपनी चूत का मज़ा लेने दो।’

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‘बेटी किसी को बताना नहीं।’

‘नहीं पापा बड़ा मज़ा है, किसी को पता नहीं चलेगा।’

आगे की कहानी.. अगले अंक में…

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गांव की लड़की और डॉक्टर https://sexstories.one/sexy-stories-gaon-ki-ladki/ Thu, 06 Aug 2020 20:22:17 +0000 https://sexstories.one/?p=712 “डॉक्टर साहब, मैं बहुत डरा हुआ हूँ, मेरे सम्मान के साथ मत खेलो, आप! जाने दो, मेरा शरीर ऊई माँ है! “ “मेरा विश्वास करो, निष्पक्ष महिला … यह आपके लिए एक आदमी का वादा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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“डॉक्टर साहब, मैं बहुत डरा हुआ हूँ, मेरे सम्मान के साथ मत खेलो, आप! जाने दो, मेरा शरीर ऊई माँ है! “

“मेरा विश्वास करो, निष्पक्ष महिला … यह आपके लिए एक आदमी का वादा है!” मैं सब कुछ देखूंगा कि आपका शरीर एक गोरे आदमी के लिए तरस रहा है, आपकी चूत से पानी बह रहा है, आपके टाइट बूब्स साफ़ कह रहे हैं कि आपको सेक्स की ज़रूरत है। “

“महोदय।”

“हाँ, मेरी रानी, ​​बोलो?”

“मैं माँ बनूँगी, क्या मैं नहीं?”

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“हाँ!”

“मेरा आदमी मुझे तुम्हारे साथ ले जाएगा, है ना?” तुम मुझे मारोगे या नहीं! “

“हाँ गौरी , चिंता मत करो।”

“तो साहब, आज रात अपनी फीस ले लीजिए, मेरी जवानी आपकी है।”

“ओह, क्या ऐसा है! मेरी निष्पक्ष महिला आओ!”

और हम दोनों फिर से लिपट गए और मेरा लण्ड भारी हो गया।

“डॉक्टर साहब, मैं बहुत प्यासा हूँ। आज तक किसी आदमी ने मुझे पानी नहीं पिलाया! मेरे शरीर की आग बुझा दो!”

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“फिर आओ और अपनी जांघों पर रखो, अपने चूतड़ और मेरे शरीर से चिपके रहो!”

थोड़ी देर बाद मेरे हाथ मेरी शर्ट के बटन से खेल रहे थे, शर्ट उतर गई, फिर मेरी पैंट। गौरी की आँखें मेरे शरीर को घूर रही थीं।

इससे पहले कि मेरा अंडरवियर फटता, मैंने उसे हटा दिया।

और फिर जैसे ही मैं सीधा हुआ …

मेरे लंड ने अपनी पूरी खूबसूरती के साथ अपने शिकार को पूरे जोश के साथ सलामी दी। अपनी पूरी लंबाई और बड़े टमाटर लाल सुपारी जीतने के साथ!

गौरी जोर से चिल्लाया और बिस्तर से उठकर नंगे दरवाजे की ओर भागा।

“क्या हुआ गौरी ?” मैं घबरा गया, मैं एक फटे हुए लंड के साथ उसकी तरफ भागा।

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“नहीं, मुझे कुछ मत करना। मुझे मत जाने दो … मुझे जाने दो।” गोरा फिर चिल्लाया।

“क्या हुआ गौरी?” लेकिन मैं उसकी तरफ बढ़ता रहा।

“सर, यह आपका लंड है!!!! यह लंड बहुत बड़ा और मोटा है!! .. यह गधे जैसा है … नहीं, यह मुझे चीर देगा।”

sexy stories - antarvasna hindi“गौरी आओ, घबराओ मत!” केवल असली मोटी और मजबूत लंड योनि को चीरते हैं! ध्यान से देखें और उसे स्पर्श करें। इसे प्यार करें और फिर देखें कि यह आपको कितना पागल बना देगा। “

“डॉक्टर साहब, वह बहुत प्यारा और बहुत सुंदर है!” मैं जल्द ही के रूप में मैं इसे देख के रूप में यह चुंबन की तरह महसूस! कितना बड़ा है लेकिन सर, मेरी चूत में इतना मोटा लौड़ा कैसे घुसेगा? मैं मर जाऊंगा राजन का लंड उसके सामने बहुत छोटा है। जब वह नहीं जाता है, तो कैसा है? “

“यह संभोग में पुरुष की कुशलता है, मेरी रानी, ​​चूत खोलना और उसे ढंग से चोदना मेरे बस की बात नहीं है!” वो भी तुम्हारी चूत की तरह कुँवारी है, डरो मत, शुरू में थोड़ा सहन करो, बस फिर से देखना तुम्हें चोदते हुए थक जाओगे पर तुम्हारा मन नहीं भरेगा। “

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“अब आओ, मेरे प्यार! अब इसे सहन नहीं कर सकते, मेरी लंड, मेरी रानी के साथ खेलो।” यह कहते हुए, मैंने उसे बाहों में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया।

न केवल उसकी चूत बल्कि जांघें भी उसके घुटनों तक लथपथ थीं, स्तन बहुत ठोस और बड़े हो गए थे, वे सांस के साथ ऊपर-नीचे हो रहे थे, साँस ज़ोर-ज़ोर से चल रही थी।

मैं बिस्तर पर चढ़ गया और उसकी छाती पर बैठ गया, मैंने अपना लंबा खड़ा लंड उन्नत स्तन के बीच में रख दिया और मेरा उल्लू अपनी हथेली से दबाए हुए उल्लू के बीच में फंस गया। बूब्स के निप्पल को उँगलियों से रगड़ने से बूब्स निचोड़ने लगे और लंड उसके संकरे क्लीवेज को मसलने लगी।

ऊपरी हिस्से में लंड का लाल सुपारा नंगा था और उसके होंठों से छुआ था और निचले हिस्से में नाभि को छुआ गया था। उत्तेजना में आकर, जैसे ही गौरी ने चिल्लाने के लिए होंठ खोले, मेरा लण्ड सुपारा उसमें फंस गया और वो गू गू गू गू की आवाज़ निकालने लगी।

मैंने ऊपर से अधिक बल लगाया, सामने से लगभग 2-3 इंच, उसके मुंह में प्रवेश किया। थोड़ी देर बाद, मैं और मैं स्वर्ग में थे।

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लण्ड ने रफ़्तार पकड़ ली थी, गौरी का मुँह भी मेरी सुपारी को चूस रहा था, सुपारा अन्दर जा रहा था और उसके गले से टकरा रहा था।

गौरी के स्तन कामुकता से भी बड़े, बड़े हो गए थे। अब मैं थोड़ा सा उठा और गोरे-गोरे के बूब्स पर बैठ गया और मैंने जितना हो सके उसके मुँह में लण्ड डाल दिया।

उसका पूरा शरीर, मेरी जाँघों के बीच जकड़ा हुआ, पानी की मछली की तरह तड़प रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने लण्ड बाहर निकाला और अब गौरी ने मेरे दोनों टट्टों को चाटना शुरू कर दिया। बीच बीच में वो मेरे लंबे लंड पर अपनी जीभ फिराती और कभी कभी सुपारी चाट लेती।

थोड़ी देर के बाद, मैंने ६ ९ की स्थिति ले ली, फिर उसे मेरे काम अंगों और परिवेश तक पूरी पहुँच मिल गई, अब उसने मेरे चूतड़ों को भी चाटना शुरू कर दिया, मैंने भी उसके मुँह पर गांड का छेद लगा दिया।

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उसने प्यार से मेरे चूतड़ अपने हाथों में लिए और मेरी गांड के छेद को जीभ से चाटा। इस बीच, मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से और चोद कर भी चाटा।

लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट थी, वो जीभ भी नहीं घुस पा रही थी… एक बार तो मुझे भी लगा कि शायद वो मेरे लण्ड को भेदते हुए मर न जाए!

फिर मैंने उसे पलट दिया और उसके बड़े बड़े गोल चूतड़ों को भी चूसा और चाटा।

अब गौरी ज़ोर ज़ोर से सिसक रही थी और बीच बीच में चिल्लाती भी थी। वो दोनों हाथों से मेरे लण्ड को पकड़ रही थी और अब वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई- डॉक्टर साहब, मुझे चोद दो… मेरे ऊपर चढ़ जाओ… डॉक्टर डॉक्टर! मुझ पर दया करो, नहीं तो मैं मर जाऊंगा।

“अगर मैं मर भी जाऊं तो भी यह लोहे की मोटी छड़ मुझ में डाल दो।”

“देखो साहब, मेरा लाल गर्म हो गया है! अपने हथौड़े से आग को ठंडा कर दो।”

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“वाह! क्या यह मस्त मस्त लंड है, डॉक्टर साहब … जब आप किसी लड़की को देखते हैं, तो मदहोश हो जाते हैं और अपने कपड़े खोल कर अपने बिस्तर पर लेट जाते हैं। आओ साहब, अंदर आकर बोलें उफ़!”

मेरे लंड ने भी कामुकता की सारी हदें पार कर दी थीं, मैं उसके पैरों के बीच में बैठ गया और उसकी टांगों को हवा के आकार की तरह पूरी तरह से उठा दिया और फिर उसकी कमर को पकड़ कर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे से कस कर दबाया।

गौरी की कुँवारी चूत इतनी चिकनी थी कि लण्ड का सुपारा घुस गया और उसी समय गच्चा की चीख निकल गई।

“घबराओ मत मेरे प्यारे!” और मैंने उसके हाथ से लण्ड पकड़ा और थोड़ा और अन्दर घुसा दिया।

वो मुझे धक्का देने लगी, वो दर्द में भी चिल्ला रही थी। फिर मैंने जबरदस्ती उसे पटक दिया और उसके ऊपर लेट गया। आधा घुसा हुआ लंड उसकी छाती से उसके स्तन टकराते हुए एक जबरदस्त शॉट मारा।

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वह इतनी जोर से चिल्लाया कि किसी ने उसे मार दिया था! उसका शरीर भी तरस गया और उसने मुझे कस कर पकड़ रखा था। मेरा करीब ६ इंच का लण्ड अन्दर घुसा हुआ था। और शायद उसकी कौमार्य झिल्ली जो अभी भी टाइट थी और अभी भी फट रही है।

कुछ समय बाद, जब वह शांत हो गई, तो उसने कहा- डॉक्टर, मुझे छोड़ दो, मैं तुम्हारा लण्ड सहन नहीं कर पाऊँगी।

मैं उसके होंठ पर अपने होंठ रखा जाता है और एक जबरदस्त चुंबन जिसमें उसके कठिन स्तन बुरी तरह से कुचल दिया गया दे दी है।

उसकी लम्बी बाँहों ने एक बार फिर मुझे जकड़ लिया और उसकी टांगें भी मेरी टांगों से टकरा रही थीं जैसे कि एक अच्छी चुदाई के लिए पोज़िशन ले रही हो।

थोड़ी देर के बाद, मुझे लगा कि वह दर्द भूल गई है, फिर अचानक मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालते हुए एक पूरा शॉट लगाया। लंड का हमला इतना शक्तिशाली था कि वह पस्त हो गया था, उसकी कौमार्य आज एक और चीख के साथ हल्की आवाज़ के साथ दूसरे आदमी और उसके संभोग से शादी के बाद फट गई थी। गया हुआ।

उसकी चूत से रस बह निकला और वो किसी बुरी औरत की तरह पैंटी कर रही थी।

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अब गौरी की चूत पूरी तरह से झड़ चुकी थी और मैं अभी तक नहीं टूटा था, मैंने उसकी जोरदार चूत की दीवारों के खिलाफ रगड़ते हुए जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।
लेकिन मैं रुका नहीं और उसे एक बुरी औरत की तरह चोदता रहा।

फिर मैंने लण्ड को उसकी चूत से निकाला और लण्ड आवाज़ के साथ बाहर आया, सोडा पानी की एक बोतल खोली।

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में घुमाया और पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाल दिया और उसे चोदने लगा। अब गौरी भी मस्ती में आ गई और मुझे जोर से चोदने के लिए उकसाने लगी- चोदो डॉक्टर सर, मुझे फाड़ दो! सर, मुझे मत छोड़ो … मुझे बुरी तरह से फाड़ दो! और मुझे जोर से चोदो… मैं तुम्हारी दासी हूँ! मैं आपकी सेवा करूंगा, मैं दिन-प्रतिदिन आपके सामने नग्न रहूंगा, “मैं हमेशा आपके लिए तैयार रहूंगा और जब आप अपना लंड चाहते हैं, तो मैं आपको चोदने के लिए अपने बिस्तर पर लेट जाऊंगा। लेकिन चोदो सर मुझे … और जोर से… और तेज चोदो सर।

उस रात मुझे दो बार गौरी मिली।

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दूसरे दिन, ठकुराइन दोपहर में क्लिनिक में आईं, मैंने उन्हें बताया कि चेकअप किया गया है और शाम तक एक छोटा ऑपरेशन किया जाएगा और कल आपकी बहू आपके घर जाएगी।

ठकुराइन संतुष्ट हो गईं और हवेली वापस चली गईं।

आज की रात जब रात थी तब खुद गौरी उत्सुक था। वह यह भी जानता था कि कल उसे हवेली वापस जाना है और आज रात उसे लूटने का असली मज़ा है। उसने मुझे वैसे ही करने दिया जैसे मैं आज सेक्स में चाहती थी। हम दोनों एक-दूसरे के अंगों में अच्छी तरह से सहलाया और हमारे सभी दिल के साथ चारों ओर देखा चूमा, प्यार करता था,।

फिर मुझे कई तरह के पोज़ में गौरी मिली। साथ में, उसने समझाया कि अपने ससुराल में कैसे रहना है और क्या करना है।

अगले दिन राजन भी शहर से आया, मैंने उसे समझाया- गौरी का ऑपरेशन हो गया!

“डॉक्टर साहब गौरी, अब वह माँ बनेगी?”

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“हाँ, लेकिन तुम जल्दी मत करो … एक महीने के लिए गौरी से दूर रहो!” और हाँ चेकअप के लिए यहाँ और वहाँ बीच-बीच में भेजते रहें, यह बहुत सावधानी से किया जाने वाला काम है! “

राजन ने कुछ भ्रम के लिए हाँ कहा। फिर वह गौरी को ले गया।

गौरी मेरी योजना के अनुसार समय-समय पर क्लिनिक में आते रहे। मैं शाम को उसे फोन करता जब गाँव के गाँव वाले नहीं होते। रात को 8-9 बजे तक उसे चोदता रहता और उसकी अच्छी तरह से चुदाई करता, गौरी भी मुझे बड़े मजे से चोदता था।

दो महीने बाद, गौरी का गर्भ ठहर गया। मैंने गौरी को समझाया कि वह राजन को अभी से प्राप्त कर ले। मेरे लंड ने उसकी चूत को पहले ही भोसड़ा बना दिया था, जहाँ अब राजन का लण्ड आसानी से चला जाता था।

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