sexy bhabhi Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/sexy-bhabhi/ Hindipornstories.org Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाभी ने बुझाई हवस ही आग https://sexstories.one/bhabhi-ko-chodne-ki-hawas/ Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 https://sexstories.one/?p=3507 भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर...

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Bhabhi ko chodne ki hawas – हैल्लो दोस्तो मेरा नाम भावेश है और में इंदौर के पास एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 20 वर्ष है और कद 6 फ़ीट ओर लण्ड साढ़े 8 इंच का लंबा तगड़ा फौलाद है। आज मै आपसे अपनी एक सच्ची घटना साझा करने जा रहा हूँ कि कैसे मैने अपनी गोरी चिकनी भाभी की चुदाई का आंनद लिया और लेता आ रहा हूँ।

मेरे घर में 5 सदस्य हैं जिनमें मेरे बुढ़े माता पिता, बड़े भईया ओर भाभी है।

मेरी भाभी का नाम शीतल है और उनकी उम्र 35 साल है। दिखने में गोरी चिट्ठी, क़ातिलाना शक़्ल ओर बेहद चिकनी कमर वाली हुस्न की परी है। उनकी मोटी तगड़ी गांड का आकार देखकर कोई भी मर्द खड़े खड़े अपनी पेंट गीली कर दे। भाभी के टाइट तरबूज का स्वाद मै हमेशा से चकना चाहता था और वह मौका एक दिन मिल ही गया। तो चलिए दोस्तो बिना वक्त जाया किए मै चुदाई के रहस्य से पर्दा उठाता हूँ।

घर की हालत कुछ खास न होने के कारण बड़े भईया शहर में नौकरी करते हैं और ज्यादातर समय बाहर ही रहते हैं।

बचपन से में पोर्न और सेक्स की कहानियां पड़ता आ रहा हु जिससे कि मेरे अंदर की हवस बढ़ चुकी है और मेरी भाभी को देखकर मेरी हवस बेक़ाबू हो जाती हैं और में बाथरूम में जाकर उस आग को शांत कर देता हूँ।

गर्मियों के वक्त हम सब छत पर ही सोते हैं, बाउजी ओर अम्मा छत के एक कोने पर भाभी से अलग सोते है ताकि भाभी को आराम से नींद आये और मै भाभी के बगल में ही सोता हू क्योकि छत पर ज्यादा तर खेत का सामान पडा रहने के कारण जगह नही बचती। मैं कई बार रात को जब भाभी गहरी नींद में होती है तब धीरे से कभी अपना हाथ उनके बोबो पर रख देता हूं या कभी उनसे चिपकर सोते हुए अपना हाथ भाभी की मोटी झंगो पर रख देता हूं पर भाभी की जब नींद खुलती तो वे मेरा हाथ हटा देती है बिना कुछ बोले ओर फिर से सो जाती है। बस इससे ज्यादा मैं कुछ कर नही पा रहा था और सारा दिन मेरे मन में भाभी को पेलने के अलग अलग विचार आते रहते और बस में हाथ से काम चला रहा था पर कुछ करने का मौका मिल नही रहा था।

पर कहते हैं ना जब आप कुछ ठान लेते है तब रास्ते अपने आप खुलते हैं। बस एक दिन वह मौका आ ही गया।

एक दिन भाभी मेरे कमरे में आकर बोली के भावेश देखो ना यह फ़ोन में नेट सही से चल नही रहा। भाभी टाइट सलवार में क्या माल लग रही थी मन कर रहा था कि अभी लपेट लू , इतने में भाभी ने कहा मुझे मत देखो भावेश मेरा फ़ोन देखो। भाभी बिककुल मुझसे चिपकर खड़ी थी और अपने फोन को देख रही थी। में उनके सामने फ़ोन में सब कुछ चेक कर रहा था इतने में मैने देखा कि भाभी के फोन में सेक्स वीडियोस डाऊनलोड कर रखी थी,यह देखकर मैं दंग रह गया और भाभी की ओर एक शरारती हसी से देखा। भाभी मुझे देखकर शर्मा गयी और फ़ोन छीनकर बाहर जाने लगी और बोली बाद में ठीक कर लेना मुझे काम है और चली गयी।

अब मै समझ गया था कि भईया के दूर रहने के कारण भाभी के अंदर भी हवस उफान पर है और मौके पर चौका मार लेना चाहिए। और मैने मन ही मन थान लिया कि आज रात को भाभी को पेल ही लूंगा।

भाभी जब शाम की चाय बना रही थी तब फिरसे मेने खुराफात करने की सोची ओर ओर रसोई में एक शैतानी हसी लिए मेने भाभी से पूछा कि भाभी आपके फ़ोन में ये चीज़े?? तो नज़रे छुपाती भाभी धिरे से बोली के भईया तो है नही बस यही सहारा है तो मैने भी बिना शर्म के जवाब दिया कि मै हूंना। मेरे जवाब से भाभी एकाएक सन्न सी हो गई और बात को काटते हुए बोली हटो चाय ठंडी हो रही है, अम्मा बाउजी को दे आओ। मै भाभी के इस उत्तर को एक छोटा सा इशारा समझ चूका था,बस रात का इंतजार था।

अम्मा बाउजी जल्दी छत पर सो चुके थे और मैने भी रोज की तरह अपना बिस्तर भाभी के बगल में लगा लिया, भाभी मेरी तरफ अपनी पीठ करकर सो रही थी। मैने भाभी को फिरसे पूछा कि भाभी आपका फ़ोन ठीक कर देता हूं, पर भाभी ने जवाब नही दिया शायद गहरी नींद में थी तो मेने अपना हाथ भाभी की कमर पर रख दिया और भाभी की गांड से अपना लण्ड सटा कर औऱ नज़दीक आ गया ओर भाभी से धीरे से कहा कि भाभी आपको बोहोत समय से पेलने की इच्छा है पर कभी मौका नही मिला आपकी गांड बोहोत रसीली है।

भाभी को नींद में देखकर मेने भाभी की लाल टाइट सलवार को थोड़ा नीचे किया और देखा कि भाभी ने पेंटी नही पहन रखी है। भाभी की गोरी गट चिकनी गांड पर में हाथ धीरे धीरे सहला रहा था। अब मेने अपनी दोनों उंगलियों पर थूक लेकर भाभी की चूत पर धीमे धीमे सहला रहा था। भाभी की चूत एक दम क्लीन शेव औऱ नाजुक मुलायम सी थी। मैने एक बार फिर थूक से भीगी उंगीयो के बीच मे भाभी की चूत को पकड़ा और धिरे से अपनी उंगली भाभी की चूत में कर दी, ऐसा कई बार करने के बाद मैने आने फौलाद को चड्डी से बाहर निकाला और भाभी की चूत पर हल्के से रख दिया।

भाभी की गीली चूत से मेरे फौलाद का टोपा भीग चुका था, मैंने बिना ज्यादा समय लिए भाभी की चूत में अपने लण्ड का टोपा गुसा दिया। जैसे ही मेरा लण्ड भाभी की चूत में जाने लगा भाभी सिसकिया लेने लगी ‘सससस, उफ्फ’। भाभी की सांसें बढ़ गयी और तेज़ धड़कन को मै महसूस कर पा रहा था। भाभी नींद में नहीं थी, सब सुन रही थी बस सोने का नाटक कर रही थी।

मै घबरा गया और अपना लण्ड भाभी की चूत से बाहर निकाल कर भाभी से कहा “भाभी आप जग रही थी?”

भाभी ने बिना कोई उत्तर दिए अपनी मोटी गोल चिकनी गांड मेरे झांगो से बीच में चिपका दी ओर मेरा लण्ड अपने हाथों से अपनी चूत में डालती हुई बोली “रुक क्यो गए जल्दी करो”।

मुझे हरि झंडी मिल चुकी थी, मेने फिर से भाभी के पेट पर अपना हाथ रखा और अपना फौलाद को फिर से धीरे धीरे भाभी की चूत की गहराईयों में उतारने लगा।

हर एक इंच के अंदर जाने पर भाभी पहले से तेज़ सिसकियां ले रही थी। अब मेने एक जोर का ध्क्का मारकर अपना पूरा साढ़े 8 इंच का लण्ड भाभी की चूत में उतार दिया ओर भाभी धिरे से चीखी ” अरे मोरी मइया,उफ्फ्फ, आह”। में अब तेज़ी से भाभी की चूत में धक्के दे रहा था और भाभी तेज़ी से सिसकियां ले रही थी, अम्मा बाउजी रात में बहुत गहरी नींद में थे।

हम दोनों लेटे हुए थे, मै भाभी को बिना रुके पेल रहा था और कस कर भाभी की ब्रा में हाथ डालकर बोबो को दबा रहा था। मै भाभी की गर्दन को चूमते हुए भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के दे रहा था और भाभी भी साथ दे रही थी। भाभी की चूत से निकलते पानी से मेरी झांगे तक गीली हो गयी थी पर मै बेक़ाबू हो चूका था। थोड़ी देर बाद मैने अपना रस भाभी की चूत में ही खाली कर दिया ओर धीरे धीरे धक्के देता रहा।

अब मै ओर भाभी दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के पास में लेटे हुए थे, भाभी मेरे तरफ बढ़ी और मेरे कान के पास आकर धीमी आवाज़ में मुस्कराते हुए बोली ” भावेश तूने तो मेरी सालो की प्यास बुझा दी, तू तो छुपा रुस्तम निकला” और मेरे गालो पर चुम कर मुसकराने लगी। मैने भी भाभी को चूमते हुए कहा “भाभी अब यह प्यास में रोज़ बुझाया करूँगा” । हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और न जाने कब सुबह हुई पता ही नही चला।

शीतल भाभी को चोदना अब भी मुझे सपने जैसा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि भाभी से अलग ही न हु बस उनके गोरे बदन से लिपटा रहू ओर दिन रात चुदाई मचाता रहूं।

आज भाभी पहले से बहुत ज्यादा खुश और खिली खिली लग रही थी। सुबह सुबह भाभी को चाय बनाते देख मैने भाभी को पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनकी गांड पर अपना लोडा रगड़ने लगा। भाभी की गर्दन को चूमते हुए कहा”क्यों भाभी रात को मज़ा आया,आप बोहोत सेक्सी हो, उममममम” ।

भाभी- “हटो भावेश बाद में, कोई देख लेगा, हटो”।

Chudas गांड का छेद माल से भर डाला

हमारा घर काफी छोटा होने के कारण भाभी को अम्मा बाउजी के होते चोदना खतरे से खाली नही था इसलिए में बस रात के भरोसे ही दिन काट रहा था। मैं भाभी को ठीक से चोदना चाहता था, उनके जिस्म के हर एक हिस्से हो नापना चाहता था पर कैसे करता, इसी सोच में बेचैन था।

लेकिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ फिरसे दिया और सुबह सुबह मेरे चाचा घर आये। चाचा ने आकर अम्मा बाउजी को एक हफ़्ते की तीर्थ यात्रा पर चलने की तैयारी करने को कहा। चाचा चाय पीते हुए बोले “भावेश तू जल्दी से अम्मा बाउजी का सामान बांधकर तैयारी कर दे, बड़ी मुशकिल से कल सुबह ट्रैन की टिकिट मिली है, देरी मत करना”।

चाचा की यह बात सुनकर में खुशी से झूम उठा, मेरे मन मे बस भाभी को पेलने के ख्याल ही घूम रहे थे, मै भाभी को अच्छे से पेलने के लिए उतावला हो रहा था, मन मे लड्डू फुट रहे थे। मैने भाभी की और हवस वाली शैतानी नज़र से देखा और मुसकराने लगा, भाभी भी मुझे ही देख रही थी और मन्द मन्द मुस्कराह रही थी।

चाचा अपनी चाय खत्म कर के जल्दी में चल दिए। पूरा दिन अम्मा बाउजी के लिए तैयारी करते करते में ओर भाभी थक चुके थे और रात को बिना कुछ किए सो गए। मै अगली सुबह अम्मा बाउजी को चाचा के साथ ट्रैन में बैठा कर घर लौट आया।

मेरे अंदर हवस की सुनामी उफान पर थी। मै घर लौटकर सीधा भाभी के कमरे में गया। शीतल भाभी लाल रेशम की साड़ी में पूरी तरह सज संवर कर बैठी आईने के सामने अपने खुले बालो को संवार रही थी। मै भाभी के इस क़ातिलाना अवतार को देखकर एकाएक स्तम्ब रह गया,मेरे मुंह से मानो लार टपक रही थी। भाभी के डीप ब्लाऊज से दोनों बूब्स आपस में मानो बाहर आने को उतारू थे। मुझे भाभी के साथ सुहागरात वाली फीलिंग आने लगी।

मैने भाभी को चिकनी कमर से पकड़कर अपनी और खींचा, भाभी के तरबूज मेरी छाती से पूरी तरह दब चुके थे, भाभी ओर मेरे होंठो के बीच नाममात्र दूरी थी, मै भाभी की सांसो को महसूस कर पा रहा था, मेरा लोडा टावर कि तरह तन्न चुका था मानो बस पेंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

मेने भाभी से कहा ” शीतल मेरी जान, आज तुझे चोद चोदकर पागल कर दूंगा”

भाभी- “भाभी से सीधा शीतल, नटखट”

मेने भाभी के लाल गुलाबी होंटो पर अपने होठ रखते एक कस कर चुम्बन लिया। मेने अपनी जीभ को पूरा भाभी के मुह में डालते हुए उनकी जीभ पर फेरा। मै भाभी को बुरी तरह चुम रहा था और भाभी भी पूरा साथ दे रही थी। भाभी के होठों को मै चूमता गया कभी गर्दन पर चुंबन ले रहा था तो कभी भाभी की जीभ को खा जाने वाला था हम दोनों चुम्बन में मदहोश थे, एक दूसरे से कस कर लिपटे हुए काफी देर तक चुबंन का मज़ा मै लूटता रहा।

अब मैने भाभी को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लेटाया। भाभी का पेटीकोट मैने घुटनो तक उठा दिया और भाभी की गोरी पिंडलियों को चूमने लगा।

अब मै थोड़ा और ऊपर बड़ा और भाभी के पेटीकोट में अपना सर डालकर भाभी की गोरी गोरी झांगो को चूमने लगा। चूमते चूमते मेने भाभी का पेटीकोट उतार कर दिया।भाभी की गोरी लाल चूत को देखकर मेरे मुंह में लार भर आयी। मैने लपकते हुए भाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरकर लाल चूत को चाटने लगा। भाभी को चूत में पूरी जीभ डालकर में किसी प्यासे की तरह चूत चाट रहा था, इस बार भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थीं। मै ओर उत्तेजना से भाभी की चूत चाट रहा था, भाभी ने मेरे बालो को खीचते हुए अपनी दोनों गोरी झांगो की बीच मे मेरा सर दबाया ओर अपने दोनों पैर मेरे कंधो पर रखकर “उफ्फ उम्म भावेश ओह्ह,और तेज और तेज़” कहती हुई चूत चटवा रही थी। भाभी के चूत के रस से मेरी हवस की प्यास और उत्तेजित हो रही थी। अब मैने भाभी को उल्टा लेटाकर भाभी की मोटी गांड के बीचों बीच अपना मुँह दे मारा। भाभी की गांड चाटने को मै दोस्तो किसी शब्दो मे बयां नही कर सकता। भाभी की गांड को मानो दोस्तो में खा जाऊ।

अब मेने दोस्तो भाभी की कमर को चूमते हुए भाभी का ब्लाऊज उतारा और बिना वक्त गवाएं भाभी के ब्रा का हूक खोलकर दोनों कैदी बोबो को रिहा करवाया। भाभी के गोरे गोल रसीले तरबूज़ जैसे बोबो को देख में झूम उठा। गोरे बोबो पर काले निप्पल “उफ्फ्फ ससससससस’। शितल भाभी वाक़ई हूर की परी है।

एक एक कर दोनों काले निप्पल समेत मैं भाभी के तरबूज को पूरा मुँह में डाल चूस रहा था, कभी दाई वाला बूब कभी बायीं वाला बूब कभी दोनों को कसकर दबाते हुए दोनों एक साथ चूस रहा था। दोनों रसीले बूब दूध से भरे हुए थे, में इस दूध को मुँह में भरकर मन्त्रमुक्त हो चुका था। मैंने भाभी की जिस्म के हर एक अंग को चूमा, चूमता गया।

शीतल भाभी का नंगा जिस्म मैं अपने होठों से भीगा चुका था। भीगी हुई भाभी बेड पर पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। दोस्तो मैने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था और वह नंगी औरत मेरी शीतल भाभी थी, गोरी चिठ्ठी, लाल चूत और काले निप्पल वाली हवसी भाभी। मेरा लण्ड बुरी तरह से तन्न चुका था मानो पेंट से बाहर आने को तड़प रहा हो।

भाभी उठकर अपने घुटनों पर बैठते हुए । मेरे पेंट को खोलने लगी। मैने भी साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए केवल अंडरवियर में खड़ा था। भाभी ने जैसे ही मेरी अंडरवेयर उतारकर निचे की, मेरा फौलादी लण्ड कूद कर बाहर आ निकला। तीर की तरह सीधा, आसमां को सलामी देता हुआ मेरा साढ़े 8 इंच का मोटा तगड़ा लम्बा काला लण्ड भाभी के मुँह के सामने था।

भाभी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और मेरा लण्ड सहलाते हुए बोली “इतना लंबा लण्ड , तुमहारे भईया का तो कुछ नही इसके सामने” और मेरी तरफ देखकर हँसने लगी।

भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर जो भाभी ने अपनी जीभ घुमाई है “उफ़्फ़फ़, शीतल मेरी जान” ।

मैने भाभी के बालों को पकड़कर अपना लण्ड भाभी के मुँह में डालने के लिए आगे किया तो मेरा साढ़े 8 इंच का चॉकलेटी लोडा भाभी के मुँह से फिसलता हुआ गले तक जा उतरा। शीतल भाभी की आँखे बाहर आ गयी पर भाभी रुकी नही बल्कि आँखे बंद कर लण्ड तेज़ी से चूस रही थीं। शीतल भाभी लण्ड चूसने में किसी पोर्नस्टार से कम नही लग रही थी। भाभी ने मेरा पूरा लण्ड मेरे दोनों गोटो समेत मुँह में भर लिया और सब कुछ गिला कर दिया। भाभी ने एक क्षण के लिए भी मेरे लण्ड से अपना मुँह अलग नहीं किया मानो सदियों से लण्ड की प्यासी हो ।

भाभी के मुलायम होठ ओर गीली जीभ मेरे लण्ड पर जादू कर चुके थे और देखते ही देखते मैने अपना पुरा मुठ ,अपने पुरे वीर्य रस से भाभी का मुँह भर दिया भाभी अभी भी मेरा लण्ड हर तरफ से चूस रही थी मानो एक बूंद मुठ भी व्यर्थ ना चली जाए।

मै अब भी उतना ही जोश में था। मैने नंगी भाभी को एक बार फिर उठा कर बेड पर लेटा दिया। अपने लण्ड पर थूक लगाकर मै अपने औज़ार की धार तेज़ करने लगा।

भाभी की गोरी टांगो को मैने चौड़ी कर भाभी की चूत पर अपना थूक लगाया। फिर अपने लण्ड को भाभी की चूत पर रखकर एक धीरे से ध्क्का दिया। मेरा लण्ड अभी आधा भी अंदर नही गया था कि भाभी सिसकिया लेने लगी ” ओह्ह भावेश उफ़्फ़फ़ मैईया ससससस ,और अंदर भावेश उफ़्फ़फ़” ।

भाभी की सिसकियों में अलग ही नशा था, मै जोश में आ गया और भाभी की चूत में एक जोर का धक्का दिया और भाभी चीख़ उठी ” आआहहहहहहह ससस मार ही डालेगा भावेश उफ़्फ़फ़ ओह्ह ओह्ह और तेज़ आआआहहहह”।

मै शीतल भाभी को चूमते हुए बुरी तरह चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था ” पच्च पच्च पच्च” ओर भाभी भी बिना किसी शर्म ओर प्रवाह के चिल्ला रही थी “भावेश उफ्फ आह और अंदर और आहहहह ससस भावेश और तेज़” मै भाभी को लबालब चोद रहा था।

कभी भाभी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो कभी भाभी को उल्टा लेटाकर पेलने लगा, कभी भाभी मुझपर तो कभी मै भाभी पर “आह भाभी आह एसस एसस उफ़्फ़फ़ शीतल मेरी रांड, उम्मम हह हह ऊऊएह” ।

भाभी के जिस्म का एक एक कोना मै नाप चुका था पर मै फिर भी रुका नही में चोदते रहा बिना रुके।

भाभी की मोटी गोरी गोल गोल चिकनी गांड मे मैने जोर जोर से धक्के दिए, भाभी को चोद चोद कर भाभी की गांड चौड़ी कर दी।

मै और भाभी चुदाई में पूरी तरह मस्त थे, पूरा कमरा हम दोनों ही चीख़ से गूँज रहा था पर हम बेपरवाह चुदाई मचा रहे थे।

मैने अपना पूरा रस भाभी की चूत में खाली कर दिया ओर अब भी लण्ड के धक्के भाभी की चूत में देता गया।

मै और भाभी पूरी तरह थक चुके थे और चुदाई करते करते रात कब हुई पता ही नही चला।

पसीने से लथपथ भाभी और मै एक दूसरे से अब भी लिपटे हुए थे। भाभी बोली ” भावेश ऐसी चुदाई तेरे भईया ने आज तक नहीं कि, तेरा लण्ड लण्ड नहीं फौलाद है, आज में सालो बाद संतुष्ट हुई हु” और यह कहने के बाद मै ओर भाभी दोनों एक साथ नहाने चले गए।

उस दिन के बाद दोस्तो शीतल भाभी और मैं लगभग रोज़ चुदाई करते हैं। जब कोई घर पर नही होता तो रसाई, बाथरूम कही भी चालू हो जाते हैं और जब कभी मौका नही मिलता तो रात को भाभी को चोदता हु।

दोस्तो भाभियों को चोदने में अलग ही मज़ा है।

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भाभी ने कहा मुझे चोदो https://sexstories.one/bhabhi-ki-chodai-xxx/ Thu, 16 Dec 2021 06:54:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3479 भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था...

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Bhabhi Ki xxx Chodai – मेरा नाम सतनाम है और मैं जालंधर (पंजाब )से हूँ. मेरा लंड साइज़ 6.5 इंच का है मुझे भाभीया चोदने मैं बड़ा मज़ा आता है अभी में सीधा स्टोरी पर आता हूँ यह मेरी पहली स्टोरी है जिसने मेरी ज़िंदगी खुश कर दी हमेशा के लिये स्टोरी मैं मैने अपने कजिन की वाइफ को चोदा उनका नाम सिमरन है आज से 3 साल पहले उनकी शादी हुई उनका एक बेटा है 1 साल का मेरे कजिन का डी.जे का काम है तो शादीयों के सीज़न मैं बाहर रहते है मेरा कजिन भी एक नंबर का हरामी है उसके डांसर से कॉन्टेक्ट है और जब मेरे घर मैं कोई नहीं होता तो हर बार एक नई डांसर को चोदने के लिये ले आता.

उनके घर मैं सिर्फ़ भाभी मेरा कजिन और उनकी माँ है जो की एक शॉप चलाती है भाभी घर पर दिन मैं अकेली होती है और भाभी को मेरे कजिन पर भी शक रहता है उनका घर करतारपुर मैं है जो की हमारे यहाँ से 25 किलोमीटर दूर है आंधे घंटे मैं में वहा पहुँच जाता हूँ बात फरवरी 2011 की है उन दिनों काफ़ी शादीयां होती है तो कजिन बिज़ी रहता है 2-3 दिन घर नही आता भाभी घर मैं उदास रहती हैं भाभी बहुत सेक्सी है और बूब्स का साइज़ 36 है. उस दिन मैं किसी काम से उनके घर गया तो भाभी अकेले घर मैं टी.वी देख रही थी मेरे को देख कर वो बहुत खुश हुई क्योकी वो बोर हो रही थी में काफ़ी मजाक टाइप के नेचर का हूँ तो मेरे साथ उनको अच्छा लगता है.

मैं सुबह 10 बजे वहाँ पहुँच गया था इसलिये वो अभी नहाई नही थी और उन्होंने केफ्री और टॉप डाल रखा था इतनी सेक्सी लग रही थी उनके बूब्स बाहर को आ रहे थे मैं देख कर हैरान हो गया उनका बेटा सो रहा था उन्होने मेरे लिये चाय बनाई और वो बोली मैं 5 मिनिट मैं नहा कर आती हूँ तब तक तुम चाय पियो और वॉशरूम चल गई वॉशरूम रूम के पास था मुझे पानी की आवाज़ आने लगी मैं फील करने लगा भाभी नंगी कैसी लग रही होंगी इतने मैं मेरा लंड खड़ा हो गया मेरी इच्छा करने लगी.

भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था विद टाइट कुरती उनका गीला गीला बदन और खुले बाल देख कर मेरे होश उड़ गये हम बेठ कर बाते करने लगे बातों बातों मे पता लगा की उनकी सास शॉप पर है जो दोपहर में खाना खाने आयेगे और कजिन शादी मैं जो रात भर नहीं आयेगे पर भाभी बिल्कुल मेरा साथ देनो वालो मैं से नही थी इतनी देर में उनका बेबी रोने लगा भाभी ने उसको अपना दूध थोड़ा सा साइड मैं हो कर उसे दूध पिलाने लगी मेरी अचानक नज़र सामने कांच पर गई भाभी ने अपना एक बूब पूरा निकाला था जो मुझे दिख रहा था मेरा लंड और ज्यादा खड़ा हो गया.

Chodai story टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया – भाग 2

कुछ देर मैं भाभी की नज़र कांच पर गई और वो शरमाने लगी और बूब्स ढक लिये उन्होने मेरी और देखा मेरा खड़ा लंड देख कर वो थोड़ी सी स्माइल देने लगी और फिर बाते करने लगी मुझसे फेमिली के बारे मैं और पास आकर बेठ गई बातों बातों मैं वो रोने लगी बोली की तुम्हारे भैया मुझे टाइम नहीं देते मैं अकेला फील करती हूँ मेने उनको चुप करने के लिये इशारा किया और मेने उनको कस के पकड़ लिया और देखा तो उनकी आँखे बंद थी उनके लाल लाल रसीले होंठ देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया था. और मेने स्मूच कर दिया 5 मिनिट स्मूच करने के बाद मैने बोला भाभी सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी भाभी का जवाब सुनके मैं हैरान हो गया की ग़लती पूरी करके सॉरी माँगना मैंने ना समझने का ड्रामा किया तो भाभी बोली सतनाम मैं ही काफ़ी दिनो से सॅटिस्फाइड नही हूँ और मुझे पता हे तु भी सेक्स चाहता है और मेरे को स्मूच करने लगी और बोली रुक मैं डोर लॉक करके आती हूँ.

जब तक वो डोर लॉक करके वापस आती मैने अपने पूरे कपड़े उतार लिये वो मेरा लंड डोर से देख कर हैरान हो गयी और भागी भागी आई और लंड मुँह मैं डाल लिया क्या चूसती थी यार. वो 15 मिनिट तक उन्होंने चूसा वो लंड पूरा गले तक ले जाती थी वो फिर मैं उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा मैने उनकी कुरती उतारी और बूब्स चूसने लगा मैं उनका पजामा उतारने लगा इतने मैं डोर बेल बजी उन्होने जल्दी से कपड़े पहने और डोर खोलने चली गई डोर पर उनकी सास थी मैने भी कपड़े पहन लिये थे. मैने उनके पैर छुए की और बाते करने लगा पता चला की आज वो शॉप बंद करके आई है क्योकी उनकी तबीयत ठीक नहीं है और वो भी वापस नही जायेगी.

मुझे लगा की मेरे खड़े लंड पर डंडा पड़ गया भाभी ने मेरे और देखा और बोली भाभी ने इशारे मैं कहा मैं हूँ ना वेट कर मेरी मामी जी जैसे ही आराम करने गयी तो बोली पूरी रात अपने पास है मज़े से सेक्स करेंगे और बोली अपनी मामी के सामने यह बोल कर आओ की तुम वापस जा रहे हो मैं मामी जी के पास वापस गया और बोला मैं जा रहा हूँ और भाभी के कमरे मैं छुप गया रात के 10 बजे भाभी ने देखा मामी जी सो गयी है तो डोर लॉक कर दिया और बोली आजा मेरे देवर जी अपनी भाभी को जम कर चोद ले मेने जल्दी से उन्हे गोद मे लिया और बेड पर ले आया मैने इस बार सीधा उनका पजामा उतारा तो मैने देखा एकदम पिंक चूत थी उनकी मैं चूत चाटने लगा मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है.

भाभी को मज़ा आने लगा और वो आआआः अयाया करने लगी और बोली अब मेरी बारी और मेरा लंड निकाला और ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी जैसे पता नही कितने दिनो से लंड की प्यासी थी मैने उनकी टांगे उठाई और बूब्स को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर ज़ोर से लंड डाल कर शॉट मारने लगा आधे घंटे मैं मेरा पानी छूट गया और भाभी भी पूरी सॅटिस्फाइड हो चुकी थी फिर हम 1 घंटे के लिये भाभी मेरे उपर चड कर नंगी ही सो गई एक घंटे बाद फिर से उठी और बोली देवर जी उठो अब नये तरीके से करते है.

मैने बोला कैसे तो उन्होने अलमारी में से ब्लू फिल्म निकाली और लगा दी फिर मैने हर स्टाइल से उन्हे चोदा घोड़ी बना कर, साइड से, खड़े हो कर वो बोली इतनी शान्ति तो मुझे सिर्फ़ अपनी सुहागरात पर मिली थी थैंक्स देवर जी मैं सुबह सुबह 5 बजे वहाँ से चुपचाप निकल आया ताकि मामी जी को पता ना चले भाभी उस दिन के बाद जब भैया घर पर नही होते तो मुझे फोन करके बुलाती है और हम नये नये तरीक़ो से सेक्स करते है तो दोस्तों केसी लगी मेरी स्टोरी

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मस्त दुकान वाली भाभी – पार्ट 2 https://sexstories.one/mast-dukan-wali-bhabhi/ Fri, 10 Dec 2021 06:15:58 +0000 https://sexstories.one/?p=3422 मेने अब उनकी साड़ी निकाल दी अब और उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को चोदने लगा उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और मुझे उन्हे और तड़पाना था...

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Mast Dukan Wali Bhabhi – जैसे की आप ने पढ़ा होगा मेरी गर्मी की छुट्टी चल रही थी तब भाभी ने मुझे पूछा की मेरे गावं चलोगे क्या तो मे तुरन्त तैयार हो गया क्योकी मुझे गावं बड़ा अच्छा लगता है हम रात की गाड़ी मे बैठे और दूसरे दिन दोपहर को पहुंचे वहा पर सिर्फ़ भाभी की माँ और उनका बेटा रहता है भाभी की माँ को मेने देखा तोलगता ही नही था की वो उनकी माँ है उम्र होगी कोई 48 साल की लेकिन लगती है 35 साल और मुझे उनकी गांड ज्यादा पसंद आई मस्त मोटी गांड है मे तो उनको देखते ही रह गया भाभी की माँ मुझे पानी देने के लिये नीचे झुकी तो उनके बूब्स मुझे दिखे मे उसे देखने लगा क्योकी गावं के लोग ब्रा और पेंटी नही पहनते इसलिये उनके बूब्स मुझे आराम से दिख रहे थे मे बूब्स देख रहा हूँ ये भाभी ने देख लिया था माँ जी जब उठ के किचन मे गई तब भाभी बोली.

भाभी :क्या शरारत कर रहे थे?

मे : क्या किया मेने?

भाभी : मेरी माँ के बूब्स क्यों देख रहे थे?

मे : बस नज़र चली गई.

भाभी : क्या माँ को चोदने का इरादा है क्या?

मे : मिलेगा तो चोदूगा ज़रूर इतना मस्त माल है बड़ा मज़ा आयेगा.

फिर हम फ्रेश हो गये और मे सोने चला गया क्योकी सफ़र के कारण मे बहुत थक गया थाशाम को मे फ्रेश होकर बाहर घुमने गया और रात का खाना खाने पहुँच गयातब भाभी की माँ ने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क्या गजब की लग रही थी मे उन्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गयाजब वो मुझे खाना परोसने झुकी तो उनका पल्लू नीचे गिर गया और मुझे उनके बूब्स के दर्शन हो गये मे उनके बूब्स देख रहा हूँ ये उन्होने देख लिया शायद उनको वो पसंद आया इसलिये एक सेक्सी स्माइल दी और चली गई खाना खाने के बाद मे और भाभी अंदर के कमरे मे सो गये और उनकी माँ और बेटा बाहर सो गये मुझे तो चोदने का मन था इसलिये मे भाभी कीचूचियों को मसलने लगा पर भाभी बोली मुझे मूड नही है और मे बहुत थक गई हूँ प्लीज मे हाथ से करके तुम्हारा पानी निकालती हूँ और उन्होने मेरा पानी हाथ से निकाला.

सुबह मे उठा तो देखा की भाभी घर मे नही है सिर्फ़ उनकी माँ और मे था मेने उनसे पूछा की भाभी कहा है तो बोली वो अपनी सहेली के घर गई है देर से आयेगी और बोली की तुम फ्रेश हो जाओ हमें खेत पर जाना है मे फटाफट फ्रेश हो गया और हम खेत की ओर निकलेजब वो मेरे आगे चल रही थी तब मे उनकी गांड को ही देख रहा था क्या मस्त हिल रही थी ऐसा लग रहा थी की अभी जाकर गांड मे लंड डाल दूँ पर मेने अपने आप पर कंट्रोल किया और चल रहा था थोड़ी देर बाद उनका खेत आ गया माँ जी मुझे खेत दिखा रही थी और मे उनकी गांड देख रहा था माँ जी ने जान लिया की मे उनकी गांड देख रहा हूँ और वो अब अपनी गांड और हिला रही थी और मेरे लंड को तरसा रही थी अब मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे हाफ पेन्ट से साफ साफ दिख रहा था.

Bhabi ki chodayi ऐसा मौका नहीं मिलेगा दोबारा

माँ जी अब मुझे खेत दिखाने के बहाने इतना नज़दीक खड़ी हो गई की उनकी गांड मेरे लंड को टच कर रही थी और ज़ोर से दबा रही थी अब मुझे पता चल गया की माँ जी को भी चुदवाने का मन कर रहा है तो मेने लंड को और ज़ोर से उनकी गांड पर रगड़ने लगा अब माँ जी धीरे से सिसकारी ले रही थी पर मुझे साफ साफ सुनाई नही दे रहा था पर बात करते वक्त गर्म सांसे मेरे सीने पर महसूस हो रही थी मेने सोचा अभी लोहा गर्म है हतोड़ा मार देना चाहिये और मेने अपना हाथ उनकी कमरपर रखा और आजू बाजू देखा कोई नही था और धीरे धीरे कमर को मसलने लगा माँ जी अब पूरे जोश मे थी और अपनी गांड ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी.

अब मेरे हाथ धीरे धीरे उनके बूब्स पर ले गया और हल्का सा मसलने लगा वो आआहह ऊओ की आवाज़ निकालने लगी और अब मेने दोनो हाथो से उनके बूब्स को ज़ोर से दबाने लगा और लंड को गांड पर रगड़ने लगा हाअ सस्स्सुउउ धीरे दबाओं ना माँ जी बोलीअब मेरा एक हाथ धीरे धीरे उनकी चूत की ओर बड़ाने लगा और दूसरे हाथ से बूब्स को दबाने लगा माँ जी अब पूरी गर्म हो गई थी मेने उन्हे सीधा किया और उनके होठों पर अपने होठ रख दिये और किस करने लगा लेकिन उनको किस करना नही आ रहा था फिर भी वो कर रही थी और किस करते करते मेरे लंड को पेन्ट के उपर से सहलाने लगी अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था मेरे जीवन मे इतनी ज्यादा उम्र की औरत के हाथ लगते ही वो और कड़क हो गया हाईईइ दया लंड है या लोहा कितना कड़क हो गया है तुम्हारा कहते ही माँ जी ने मेरी पेन्ट को निकाला और मेरे लंड को हाथ मेलेकर सहलाने लगी और बोली इतना मस्त है तुम्हारा लंड अब जल्दी से इसे मेरी चूत मे पेल दो और नही रहा जाता और मेरे लंड के साथ खेलने लगी.

मेने अब उनकी साड़ी निकाल दी अब और उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को चोदने लगा उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और मुझे उन्हे और तड़पाना था इसलिये मेने उनके ब्लाउज और पेटीकोट को निकाल कर उनको पूरा नंगा कर दिया अब में घुटनो के बल बेठा और उनकी चूत को देखने लगा वो पूरी तरह गर्म हो गई थीऔर पानी छोड़ रही थी मेंने एक हल्का सा किस किया तो वो पागलो की तरह मेरे सर के बाल खीचने लगी और बोली जान क्या कर रहे हो में मर जाउंगी और मे उनकी चूत को चाटने लगा और वो पागलो की तरह चिल्ला रही थी हाँ में मर गई हाई दया कैसे क्या कर रहे हो मेरे पति ने भी मुझे ऐसा मजा नही दिया हे रे मेरे बलमा हाआअ और ज़ोर से चूसो इसको बड़ा मजाआ रहा है हाई मेरे तो निकलने वाला है आआआ हाईईईईई चूसो और जोर से में गई और कहते ही झड़ गई.

कुछ देर ऐसे ही खड़ी रही और फिर मे खड़ा हो गया और बोला अब आपकी बारी है और कहते ही मेने उनके सर को पकड़ के नीचे बिठाया और लंड को उनके लिप्स पर रगड़ने लगा पहले तो वो मना कर रही थी फिर थोड़ी देर के बाद ऐसे चूस रही थी की जैसे कई सालो से लंड चूसने का अनुभव हो हाय क्या मस्त मज़ा आ रहा था और मे अबउनके मुँह को चोदने लगा और मैने अपना सारा पानी उनके मुँह मे ही छोड़ दिया और फिर वो खड़ी हो गई बड़ा मज़ा आया बिना चुदाई किये ही तुमने मेरा पानी निकाला.

आज तो मे खुश हो गई और कहते ही मेरे लंड को सहलाने लगी मे भी अब उन्हे फिर से गर्म करने के लिये उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और एक उगली चूत मे डालकर अंदर बाहर करने लगा हाँ दबाओं और जोर से हाँ बड़ा मजा आता है अब मेने उनको नीचे घास पर सुलाया और मेरे लंड को चूत पर रगड़ने लगा वो बोली आराम से पेलना बहुत दिनो के बाद चुदवा रही हूँ दर्द होगा मेने निशाना लगाया और एक करारा शॉट मारा मेरा आधा लंड चला गया और माँ जी चिल्लाई हाइईईई दया माररर डाला रे मुझको निकाल नही मरवानी हमे तुम से ऊइ माआआ मेने अपने होठ उनके होठों पर रखे और किस करने लगा और बूब्स को दबाने लगा कुछ देर बाद उनका दर्द कम हो गया तो मेने फिर से करारा शॉर्ट मारा अब मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत मे चला गया था और माँ जी को दर्द भी कम हो रहा था.

कुछ देर बाद माँ जी खुद ही अपनी गांड उठा उठा के शॉट मार रही थीहाँ इसे जोर से पेलो फाड़ डालो इस चूत को भोसड़ा बना दो इसका बहुत तडपती है जवान लंड के लिये और जोर से शाबाश मेरे राजा हाईईईई क्या मस्त करता है हाईईईईईई ऐसे ही पेलते रहो जी मेरे राजा हाईईईई क्या मस्त मजा आ रहा है और जोर से मेरा निकलने वाला है ऊऊऊऊओ माआआअ ओहोकहते ही झड़ गई पर मेरा नही झड़ा था मे चोद रहा था माँ जी बोली अब नही सह सकती मेने कहा तो मे आप की गांड मारूंगा और कहते ही गांड के छेद मे उगली डाल दी मार ले गांड तो मे मरवाती ही हूँ मेरी गांड के तो बहुत दिवाने है गावं में पर मेरी चूत को कोई नही मारना चाहता है.

फिर मेने उन्हे घोड़ी बनने को कहा और लंड के सुपाडे को गांड पर रखा और धक्का मारा तो लंड तो झट से चला गया मे बोला हाँ माँ जी आप सच कह रही हो तेरी तो गांड का छेद बड़ा है और ज़ोर ज़ोर से गांड मारने लगा करीब 10 मिनिट तक में उनकी गांड मारता रहा कभी गांड मे से लंड निकाल कर अचानक चूत में डाल देता तो वो बोलती हरामी गांड मे ही डाल ना कुत्ते मुझे क्यों तकलीफ देता है हाईईईई जाआअ जोर से हह आआआ सस्सस्स और कहते ही मे और माँ जी साथ साथ झड़ गये उस दिन मेने उनको और 2 बार चोदा पर घर पर और भाभी को आज तक नही पता चला की मेने उनकी माँ को 4 बार चोदा है और गांड भी मारी है.

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रसीली प्रज्ञा भाभी https://sexstories.one/pragya-bhabhi-ki-rasili-chooth/ Fri, 19 Nov 2021 08:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3439 उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था...

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pragya bhabhi ki rasili chooth – दोस्तो मेरा नाम कमल है मैं एक शादी शुदा आदमी हु लेकिन सेक्स मैं कम रुचि रखने वाली औरत है और फिर उसकी छतिया बहुत छोटी थी और सेक्स मैं जोश भी नही दिखा पाती थी जल्दी ही थक जाती पहली रात को ही जब मैंने अपने पाइप जैसे मोटे लण्ड से उसको चोदा तब से ही वो ख़ौफ़ मैं रहती थी.. तीन दिन तक वो सीधी नही चल पाई थी..

बुखार अलग आ गया था मैं बड़े और मांसल छातियों वाली औरत के लिए हमेशा बेकरार रहता उसने मेरे लण्ड की साइज के बारे मे अपनी माँ और भाभी को भी बताया उधर समस्या इसके बिल्कुल विपरीत थी उसकी भाभी गाव की थी मेहनतकश बदन और उसका पति कमजोर छोटे से लण्ड वाला वो जानता था कि मेरा लण्ड छोटा है इसलिए वो अक्सर उसकी पत्नी से झगड़ा करता था उसके दिमाग मे यही बात रहती थी कि ये किसी से चुदवा न ले भाभी उसका नाम प्रज्ञा था…

एक डिलीवरी के बाद उसका पति महीनों उसकी चड्डी नही खोलता और वो अपनी सभी कामुक इच्छाओ को दबा कर जीवन जी रही थी उसकी गाव की सहेलियां जब अपने पति की साइज़ का बड़ा चढ़ा के बखान करती थी तो उसका दुख और बड़ जाता मेरी सास भी अपनी बेटी की समस्या को जानती थी लेकिन क्या करती दूसरी तरफ बहु बेटे के रोज रोज के झगड़े होली के दिन की बात है प्रज्ञा का पति अपने दोस्तों के साथ होली खेलने चला गया पीछे से उसके दो दोस्त आये प्रज्ञा भाभी ने उसको ससम्मान चाय नास्ता कराया जाते जाते वो प्रज्ञा को गालो पर रंग लगा गए..

उसके बाद वो उसके पति से मिले तो मजाक मजाक मैं उसने बोल दिया कि हम तेरे घर पर होली खेल कर आये है भाभी से पूछना कहा कहा रंग लगाया है कपड़ो पर निशान दिख जाए गे इधर उन लड़कों के जाने के बाद पड़ोस की आंटी आयी प्रज्ञा को रंग लगाया तो उसने उसकी सफेद ब्रा पर अपने दोनों हाथों के निशान लगा दिए अब पति पी पा कर दोपहर को घर आया तब तक प्रज्ञा नहा चुकी थी वो नहाने बाथरूम गया वहां उसकी नज़र प्रज्ञा की सफेद ब्रा पर गयी दोनो बोबे पर लाल रंग के पंजे के निशान पास मैं पैंटी सुख रही थी वो भी चुत और गांड की तरफ पंजे के निशान वो गुस्से मैं पागल हो गया और खूब गली गलोच करने लगा..

उसको लगा ये सब काम उसके दोस्तों ने कर दिया है तभी मेरा वहा पहुचना हुआ दोनो खूब झगड़ रहे थे प्रज्ञा भी बोल पड़ी मेरी जवानी तुम्हारे तो किसी काम की नही किसी के काम आयी तो क्या हुआ मामला बहुत गर्म था जैसे तैसे ठंडा किया और समझाया कुछ दिन बाद मैं पत्नी को लेने ससुराल गया वहां एक दोस्त बहुत दिनों बाद मिल गया वो भी मेरे साथ ससुराल आ गया पत्नी और सासु जी दोनो किसी काम से बाजार निकल गए दोस्त मोहन जाट फोटोग्राफर था और जिम ट्रेनर भी लंबा पूरा गोरा हैंडसम बिल्कुल जॉन इब्राहिम जैसा दिखता था….

प्रज्ञा भाभी उस पर खूब लटकी उसके आगे पीछे घूमने लगी बात बात मैं उसको कई बार आंख मारी उसके जाने के बाद मैंने ड्रिंक करने बैठा प्रज्ञा ने मुजे किचन के पास वाले रूम मैं ही बैठने का फोर्स किया मैं समझ नही पा रहा था कि ये अचानक दीवानी क्यो हो रही है वो बहुत खुश थी मैंने ड्रिंक करना शुरू किया वो किचन मैं से मुजे देख देख मुस्कुरा रही थी मैंने उसको अपने पास बुलाया वो इठलाती बल खाती आई मेरे पूछने पर उसने बताया कि आप अपनी पत्नी से संतुष्ट नही मैं मेरे पति से तो मम्मी ने और दीदी हैम तीनो ने फैसला किया कि आप मम्मी जी और मुजे अब कभी भी मौका मिलते ही आप चोदना चाहये तो चोद सकते है घर की इज्जत घर मे ही रहे गी..

प्रज्ञा ने अपने ब्लाउस के हुक खोल कर अपनी सांवली नंगी बड़ी बड़ी छातियां मेरे सामने कर दी मैं भी उसकी बड़े बुब्ब्स को चूसने लगा प्रज्ञा बेहद उत्तेजित हो उठी वो मेरी पेंट खोलने की कोशिश करने लगी जब मैंने मेरा लण्ड निकाल कर उसके हाथ मे दिया वो उस पर अपना प्यार लुटाने लगी तभी उसके पति का फोन आया काफी देर तक नही उठाने पर मैने बोला उठाने को वो मेरे लण्ड को हाथ मे लेकर पति …इतनी देर हो गयी फोन उठाने मैं ….प्रज्ञा भाभी …अपने यार का लण्ड चूस रही हु ..पति ….नाराज़ हो …होली के दिन से ….प्रज्ञा मेरे लण्ड के टोपे को आवाज निकाल कर चाटने लगी बोली 30 मिनट बाद फोन लगाना यार से अपनी चुत चुदवा लू फिर …पति ….मजाक मत करो अरे …उसदिन …तुम्हारी ब्रा पर पंजे के निशान थे तो प्रज्ञा …..तो …क्या …तुम्हारा खड़ा नही होता तो इस मैं मेरी गलती है पति ….अरे नही …उस दिन मैं गलत था प्रज्ञा ….नही उस दिन तुम सही थे तुम्हारे दोनो दोस्तों ने मेरे बोबे चूसे भी दबाये भी और पेंटी मैं मेरी चुत मैं उंगली घुसा कर रंग लगाया था और आज के बाद मैं अपनी इच्छा से किसी से भी चुड़वाओ तुम कुछ नही बोलो गे पति ….मेरी इज्जत का क्या होगा प्रज्ञा …तुम्हारी इज्जत मेरे चुप रहने मैं ही है ….वार्ना मैं अभी मेरे पापा को फोन लगती हु तुम ईज्जत के साथ यहाँ रहना पति ….

अब इस मैं पापाजी कहा से आ गए चलो जब तक मैं ठीक नही होता हूं मैं तुम्हे कुछ नही कहुगा प्रज्ञा ….मैं आप की थी आप की ही रहूंगी लेकिन आप जानते हो आप मेरी मजबूरी समझते हो आज तक मैन ऐसा बोला क्या पति ….हा नही बोला लेकिन मैं समझता हूं प्रज्ञा .. आप को मेरी छोटी बहन आशा पति …हा हा प्रज्ञा …अपनी शादी के बाद यहाँ आयी थी तब आपने उसके निम्बू कई बार दबाये थे पति …अरे …वो ….तो प्रज्ञा …मैं भी चुप थी न समझो यार पतिदेव पति की आवाज भारी होने लगी थी आशा के नाम से प्रज्ञा …

16 साल की उफनती जवानी है जानू कुछ समझे पति ….ओ हा हा समझ गया प्रज्ञा …मजे लेना 16 साल की कुंवारी के मुजे भी मजे लेने दो आप की बीमारी ठीक हो जाये तो पक्का मंगलसूत्र की कसम पति …लेकिन ये बात हम दोनों मैं ही रखना और प्रज्ञा को पति की भी सहमति मिल गयी मैं ….वो ब्रा पर निशान प्रज्ञा …..मैंने खुद ही लगाए थे वो अपनी दोनों छातियों के बीच मैं मेरे लण्ड को मालिश करती बोली मैं .. मतलब उन लड़को से ….प्रज्ञा ….नही मेरा कोई संबंध नही है मैं …तो ये सब नाटक क्यो …प्रज्ञा …इनका बहुत छोटा है फिर एक डिलेवरी के बाद ये मुजे तेरी ढीली हो गयी बोल कर करते नही थे खड़ा इनका नही होता और रंडी मुजे बोलते हर सुंदर मर्द से मेरा नाम जोड़ते मैं भी सुनते सुनते पक गयी एक दिन दीवाली के समय इन्होंने एक लड़के को साफ सफाई के लिए पास की जुग्गी से घर भेजा वो बहुत काला लेकिन लंबा मजबूत था धूप दिन भर रोड और मकान का काम करता था पहले दिन ही उसकी कसी हुई मजबूत मांसपेशियों को मैने काम करने के दौरान महसूस किया वो एक प्रकार का नीग्रो जैसा था..

Chudayi stories दोस्त की कुंवारी बहन को पेला

बहुत ताकत थी उस मैं उसने 100 किलो का बोरा (बेग)सिर्फ एक हाथ से उठा कर ऊपर रख दिया शाम को जब वो आज का काम पूरा कर बाथरूम के बाहर हाथ मुह धो रहा था तभी मेरी नज़र उसकी धोती मैं चली गयी मैं उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था मेरी निप्पले कल्पना मात्र से ही खड़ी हो गयी थी मेरी चुत मैसे गर्म लावा बह निकला अगले दिन मैंने ज्यादा खुले गले का ब्लाउस पहना उस समय मेरे दिमाग मे सिर्फ उसका खड़ा लण्ड देखने की इच्छा थी स्टोर रूम की ऊपर की सफाई के लिए उसको स्टूल पर ऊपर खड़ा कर मैं स्टूल पकड़ खड़ी हो गयी..

अपने ब्लाउस के ऊपर के दो बटन भी मैने खोल रखे थे साड़ी का पल्लू भी पिन से नही लगाया था पल्लू नीचे गिराया और उसको अपनी आधी खुली छातियों के दर्शन कराए वो मेरे ब्लाउस मैं झांक रहा था मैं उसकी धोती मैं काला लण्ड अब फूलने लगा था लगातार बड़ा हो रहा था काफी मोटा और बड़ा हो गया लण्ड का टॉप अजीब था उसका इतना मोटा टॉप तो फिल्मो मैं भी नही देखा था एक छोटे एप्पल की साइज़ का था मैं अपने आप को रोक नही पाई और उसकी जांघो की मांसपेशियों पर हाथ फेरने लगी मैने उसकी आँखों मे देखा शायद वो कन्फर्म ही कर रहा था उसने अपनी धोती की गठान खोल दी अजगर की भांति उसका काला मोटा लंबा लण्ड मेरी आँखों के सामने तलवार की तरह तना हुआ खड़ा था मुजे ये सब सपने की तरह लग रहा था मैने आपा खो दीया और लण्ड के टॉप पर उंगली फेर दी लण्ड जोर जोर से उछलने लगा और तन गया…

तभी मेरे सिर को उस लड़के ने पकड़ा और मेरे चेहरे पर अपना लण्ड का टॉप फेरने लगा मुजे ऐसा लगा मानो स्टील का पाइप मेरे चेहरे को छू रहा हो इतना सख्त मेरे होटो पर उसने टॉप को रखा और सिर पकड़ कर मेरे मुह मैं लण्ड फसा दिया मैं गगगगगग गुऊऊऊUऊ की आवाज निकाली लण्ड चूसने लगी वो फिर स्टूल से उतरा और दोनों हाथों से मेरी छातियां मसलने लगा मैं उसकी गुलाम हो गयी थी कब उसने मेरी साड़ी अन्य कपड़े निकाल दिए पता ही नही चला मैं अब पूरी नंगी थी उसने मुजे अपनी मजबूत बहो मैं उठाया और मैंने गिरने के डर से अपनी नंगी टांगे उसकी कमर पर लपेट दी उसका तलवार जैसा खड़ा लण्ड अपने आप जगह बनाता मेरी चुत मैं समा गया उसका बदबू दार पसीना और बीड़ी की बदबू मेरे नथुनों मैं समा गई..

लेकिन मैं पागलो की तरह उसके गाल चाट रही थी उसने मुजे ऐसे ही खड़े खड़े चुदाई का रस दीया मैं जल्दी झर गयी फिर उसने मुजे नीचे उतारा और अपने लण्ड का पानी मेरे मुह और छाती पर निकाला वो फिर जब तक काम करता रहा रोज मेरी प्यासी चुत को अपना पानी पिलाता उसके बाद मुजे अलग अलग मर्दो का स्वाद लग गया लेकिन मैं डरती थी अब तो लायसेंस मिल गया है अब पति डर गया वो जोर से हँसी और नीचे जमीन पर सो गई मैं उसकी मांसल जवानी का दीवाना उसपर चढ़ गया काफी देर तक प्रज्ञा भाभी की चुदाई करि और प्रज्ञा …जीजा जी मैं अब उसी के साथ मस्ती करू गी जिसे आप इजाजत दो गे

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दम लगा के चोद भोसड़ी के https://sexstories.one/dumdaar-chudai-ki-kamuk-kahani/ Wed, 13 Oct 2021 08:11:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3130 उसने मेरी पैंट से मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला तो वह बहुत ही अच्छे से उसे चूस रही थी। उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को समा लिया था वह इतनी तेजी से उसे चूस रही थी कि मेरा पानी भी गिरने लगा। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था...

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indian sex, hindi sex stories kamuk chudai मेरा नाम आनंद है और मैं एक शादीशुदा व्यक्ति हूं। मेरी शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं। मेरी उम्र 34 वर्ष है। मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं और मेरे घर पर मेरे पापा और मेरी मम्मी हैं। मेरे दो भाई भी मेरे साथ ही रहते हैं। वह अभी अपने कॉलेज की ही पढ़ाई कर रहे हैं और वह दोनों साथ में ही पढ़ते हैं। मैं अपने जूतों की दुकान चलाता हूं और मुझे वह दुकान चलाते हुए काफी समय हो चुका है। मेरे घर का माहौल बहुत ही खुशनुमा रहता है और मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं अपने घर पर होता हूं।

मेरी पत्नी का नेचर भी बहुत अच्छा है। वह मुझसे बहुत प्रेम करती है और मैं भी उसे बहुत प्रेम करता हूं। मैंने जब उसे पहली बार देखा तो मुझे उसे देखते ही प्रेम हो गया था और मैंने उसी समय सोच लिया था कि मैं उसी से शादी करूंगा। मेरी पत्नी का नाम रेखा है। वह हमेशा ही मेरा साथ देती है और कहती है कि मैं हमेशा ही तुम्हारे साथ खड़ी हूं।

एक वक्त मेरे पिताजी का मेरे साथ बहुत ज्यादा बुरा बर्ताव हो गया था। क्योंकि मेरा काम बिल्कुल नहीं चल रहा था और मेरे पिताजी चाहते थे कि मैं अपना काम बदल कर कुछ और काम शुरू कर लूं लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मैं यही काम करूंगा। आप थोड़ा सब्र रखिए, कुछ ना कुछ अच्छा हो जाएगा लेकिन वह मुझे कहते कि यदि तुम इसी प्रकार से काम करते रहोगे तो तुम्हारा भविष्य खराब हो जाएगा और पहले तो तुम अकेले थे, परंतु अब तुम्हारे साथ तुम्हारी पत्नी भी है। तुम उसका भी भविष्य खराब मत करो। इसलिए मुझे भी ऐसा लगने लगा कि कहीं मेरी वजह से मेरी पत्नी का भविष्य खराब ना हो जाए।

मैंने उससे इस बारे में बात की तो वह कहने लगी कि आप अपने काम पर ध्यान दीजिए। पिताजी से मैं बात कर लूंगी। आप उसकी दिक्कत बिल्कुल भी मत ले। अब मैं अपने काम पर पूरा ध्यान देने लगा और जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे ही मेरा काम भी समय के साथ अच्छा होता गया और अब बहुत ज्यादा अच्छा चल रहा है। जिससे मेरे पिताजी भी बहुत खुश हैं और यह सब मेरी पत्नी की वजह से संभव हो पाया है। क्योंकि उसने मेरा बहुत साथ दिया है। मुझे जब भी समय मिलता तो मैं उसके साथ जरूर समय बिता लिया करता।

हमारे पड़ोस के अग्रवाल जी ने अपना घर बेच दिया तो वह घर किसी और ने खरीद लिया। जब वह घर किसी और ने लिया तो मैं अक्सर वहां एक महिला को देखा करता था। मैं जब भी अपने काम से सुबह घर से निकलता तो वह मुझे घूर कर देखती और मुझे उसके सामने अपनी नजरों को झुकाना पड़ता। परंतु वह हमारे पड़ोस में ही रहती थी इसलिए वह मुझे अक्सर देखी जाती थी। बाद में जब मैंने उस महिला का नाम पता करा तो उसका नाम सुमन था और वह एक विधवा महिला थी। उसके साथ में उसका एक बच्चा भी रहता था।

जिसकी उम्र 10 वर्ष की होगी और वह स्कूल में पढ़ता था। सुमन अक्सर मुझे मिल जाया करती थी। मैं जब भी शाम को अपनी दुकान से वापस आता तो मैं छत पर टहला करता था। वह मुझे दिख जाया करती और वह मुझे घूर कर देखा करती थी। मैं कई बार उससे नजर बचाने की कोशिश करता था। क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि वह मुझ पर लाइन मार रही है। परंतु फिर भी मैं उससे बचने की कोशिश किया करता था। क्योंकि मैं अपनी पत्नी रेखा से बहुत प्रेम करता था और मैं उसे कभी भी धोखा नहीं देना चाहता था। एक दिन इत्तेफाक से सुमन मेरी दुकान में आ गई। उसे पता नहीं किस ने बता दिया कि मेरी दुकान है। जब वह मेरी दुकान में आई तो मुझे कहने लगी कि मुझे कुछ अच्छी सैंडले दिखा दीजिए। मैंने उससे दुकान से फैंसी सैंडल निकाल कर दी तो वह मुझसे बात करने लगी।

Kamuk chudai जेठालाल और आयुषी का धमाल सेक्स

वह मुझसे बहुत बात कर रही थी और मैं भी उससे बात करने लगा। क्योंकि वह मेरी दुकान में आई हुई थी इसलिए मैं उसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं कर सकता था। अब उसने मेरी दुकान से कुछ सामान खरीद लिया और कहने लगी कि यदि मुझ पर यह सैंडल छोटी होती है या मुझे पसंद नहीं आएगी तो क्या आप वापिस कर देंगे। मैंने उसे कहा कि हां वापस हो जाएगी। अब हमारी दुकान से काफी शॉपिंग करके ले गई और जब वह अपने घर गई तो मुझे वह शाम को मिली और कहने लगी कि मुझे एक सैंडल पसंद नहीं आ रही है। तो आप उसे अभी ले जाइए और कल आप जब शाम को लौट आए तो आप मुझे वापस कर दीजिएगा। मैंने उसे कहा ठीक है आप मुझे बहुत सैंडल दे दीजिए। मैं आपको कल दूसरी ला दूंगा और अब उसने अपने घर से लाकर मुझे वह सैंडल दे दी और मैंने उससे कहा कि मैं कल आपको दूसरी सैंडल लाकर दे देता हूं।

अब मैं अपने घर चला गया।

जब मैं सुबह घर से निकल रहा था तो मुझे सुमन दिखाई दे गई। वह कहने लगी कि आप आज मेरी सैंडल ले आएंगे। मैंने कहा कि हां मैं आपकी सैंडल ले आऊंगा आप उसकी चिंता मत कीजिए। अब मैं अपनी दुकान में चला गया और शाम को जब मैं अपनी दुकान से लौटा तो मुझे याद था कि सुमन की सेंडल लेकर जानी है। मैंने जब उसके घर की डोरबेल बजाई तो उसने मुझे अंदर बुला लिया और कहने लगी आप थोड़ी देर बैठ जाइए। वह मेरे लिए पानी ले आई और जैसे ही वह पानी ला रही थी तो उसका पैर फिसल गया वह मेरे ऊपर गिर पड़ी।

जब वह मेरे ऊपर गिरी तो उसके स्तन मेरे मुंह पर लग गए और मुझे उसे देखकर बिल्कुल भी रहा नहीं गया। उसने भी तुरंत ही मेरे होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वह बहुत ही अच्छे से मेरे होठों को चूस रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा था और मैंने भी तुरंत उसके सारे कपड़े उतार दिया और उसके बड़े बड़े स्तनों को जब मैंने देखा तो मेरा मूड खराब हो गया। मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। उसके स्तनों से दूध भी निकल रहा था जो मैं पी जाता।

उसने मेरी पैंट से मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला तो वह बहुत ही अच्छे से उसे चूस रही थी। उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को समा लिया था वह इतनी तेजी से उसे चूस रही थी कि मेरा पानी भी गिरने लगा। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उसे उठाते हुए उसके बिस्तर पर पटक दिया। उसकी सलवार को जब मैंने खोला तो उसकी योनि बड़ी ही मस्त थी मैंने उसमें उंगली डालना शुरू कर दिया। मैं जब अपनी उंगली को उसकी योनि के अंदर बाहर करता तो उसे बहुत ही अच्छा लगता उसकी योनि पूरी चिपचिपी हो चुकी थी और मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था।

मैंने भी अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डाल दिया और मैं उसे धक्के देने लगा। जब मैं उसे धक्के देता तो वह अपने मुंह से बड़ी तेज मादक आवाज निकाल रही थी और उसकी उत्तेजना भी बहुत बढने लगी थी। उसे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। उसने अपने दोनों पैरों को खोल लिया और मैं उसकी योनि के अंदर जब अपने लंड को डालता जिससे कि उसके गले से आवाज निकल जाती। मैंने उसे उल्टा लेटाते हुए उसकी गांड के अंदर अपने मोटे लंड को डाल दिया। जब मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी कि आपने तो मेरी गांड ही फाड दी है। मैंने उसे कहा कि तुम मुझे इतना घूर घूर कर देखती हो मेरी गांड भी तुम्हें देखकर फटती है अब मैं तुम्हें बताता हूं कि तुम्हारी गांड में कैसे मारता हूं। अब मैं उसे बड़ी तीव्रता से झटके दिए जा रहा था।

मैंने इतनी तेजी से झटके दिए कि उसका पूरा शरीर हिलने लगा और उसकी चूतडे पूरी लाल हो जाती। उसकी गांड पूरी तरह लाल हो चुकी थी  मैंने उस पर अपने हाथों से भी फेरना शुरू कर दिया। वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी अपने चतडो को ऊपर की तरफ उठाती तो मैं उसे धक्का देकर नीचे कर देता। उसकी गांड छिल चुकी थी लेकिन मैं उसे ऐसे ही धक्के दे रहा था।

कुछ देर बाद उसकी गांड से कुछ ज्यादा ही गर्मी बढ़ाने लगी  और मेरे लंड से वीर्य उसकी गांड के अंदर जा गिरा।

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चूत और गांड मे लंड https://sexstories.one/choot-aur-gand-me-lund/ Fri, 08 Oct 2021 07:13:42 +0000 https://sexstories.one/?p=4459 जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था

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Hindi sex kahani, antarvasna choot aur gand ki chudai ki –  मोहन और कामिनी के बीच में अक्सर झगड़े होते रहते थे और उनके झगड़ों की वजह से पूरे मोहल्ले वाले परेशान हो जाते थे क्योंकि कामिनी और मोहन के झगड़े इतने ज्यादा बढ़ चुके थे कि कामिनी पुलिस को बुला लिया करती थी और सब लोग इस बात से परेशान रहते थे। कई बार मैंने और मेरी पत्नी ललिता ने दोनों को समझाया लेकिन वह दोनों समझ ही नहीं रहे थे और एक दूसरे से झगड़ा करते रहते थे। दोनों की वजह से पूरा माहौल खराब होने लगा था और जब एक दिन मैंने मोहन को कहा तुम दोनों आपस में क्यों झगड़ा करते रहते हो हम लोगों ने तुम्हें इतनी बार समझाया है लेकिन उसके बावजूद भी तुम दोनों कितना झगड़ते हो।

मोहन कहने लगा यार अब तुमसे क्या छुपाना तुम्हें तो मालूम ही है कि जब से मेरी शादी कामिनी से हुई है तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है। हम दोनों ने लव मैरिज की थी लेकिन उसके बाद भी इतने झगड़े हम दोनों के बीच होंगे मैंने कभी सोचा नहीं था। मैंने किसी भी चीज को लेकर आज तक कामिनी को कमी नहीं होने दी लेकिन उसके बावजूद भी कामिनी मुझसे झगड़ा करती रहती है। मैं इस बात से इतना ज्यादा परेशान हो गया हूं कि मुझे कई बार लगता है कि क्या हम दोनों ने इसीलिए शादी की थी, मैंने कामिनी से कई बार कहा की यदि हम दोनों साथ में नहीं रह सकते तो हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए लेकिन कामिनी चाहती ही नहीं है कि हम दोनों अलग हो जाएं। मैं किसी भी सूरत में अब कामिनी के साथ आगे अपने जीवन को बर्बाद नहीं कर सकता। मैंने मोहन को समझाया और कहा तुम दोनों एक दूसरे से बात तो करो तभी तो इस चीज का कोई जवाब निकलेगा लेकिन वह दोनों तो आपस में बात करने के बाद भी झगड़ते रहते थे। एक दिन मोहन ने कामिनी पर हाथ उठा दिया उस दिन कामिनी के परिवार वालों ने मोहन के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया और मोहन को अपनी पत्नी के साथ हिंसा के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया। मोहन अब जेल में ही था कामिनी को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि वह जेल में है कामिनी उसे जेल में मिलने तक नहीं गई।

वह उसकी जिंदगी बर्बाद करना चाहती थी इसके लिए उसने पूरी तरीके से सोच लिया था कि उसकी जिंदगी कैसे बर्बाद करेगी। उसने उसके माता-पिता का जीना भी हराम कर दिया था उनका परिवार बहुत ही अच्छा परिवार है मैं उन्हें काफी वर्षों से देखता हुआ आ रहा हूं। कामिनी ने उनके साथ बहुत गलत किया उन्हें भी वह परेशान करने लगी मोहन जेल जा ही चुका था लेकिन इसका कामिनी पर कोई असर ही नहीं पढ़ रहा था। एक दिन उनके माता-पिता भी घर छोड़ कर चले गए उनका परिवार तो पूरी तरीके से खत्म हो चुका था यह सब कामिनी ने जानबूझकर किया था। वह मोहन को अपनी जिंदगी से निकालना चाहती थी उसके बाद वह पूरे घर पर अपना कब्जा करना चाहती थी और उसने ऐसा ही किया। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैं इस बात से बहुत ज्यादा दुखी हो गया क्योंकि कामिनी कि मैं बहुत इज्जत किया करता था लेकिन उसने मोहन के परिवार के साथ बहुत बड़ा धोखा किया।

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मोहन ने उस पर आंख बंद कर के भरोसा किया लेकिन कामिनी ने उसके भरोसे को चकनाचूर कर दिया और उसे किसी भी जिसकी कोई चिंता नहीं थी। हमारे पूरे मोहल्ले में कोई भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैंने भी कामिनी से बात करना लगभग बंद ही कर दिया था। एक दिन मैं अपने घर पर बैठा हुआ था तभी मेरी पत्नी आई और वह कहने लगी आपको मालूम है कि कामिनी ने दूसरी शादी कर ली। मैंने ललिता से कहा तुम क्या बात कर रही हो उसने कब दूसरी शादी की वह मुझे कहने लगी सब लोग तो इस बात से अचंभित हैं कि आखिरकार उसने मोहन के साथ ऐसा क्यों किया। मोहन तो उसे बहुत ज्यादा प्यार करता था लेकिन उसने मोहन के साथ बहुत बड़ा धोखा किया। मोहन तो इस सदमे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और वह पागल हो गया।

कामिनी ने अब दूसरी शादी कर ली थी और वह हमारे मोहल्ले में ही रहती थी लेकिन उसके बावजूद भी उसका रवैया बिल्कुल बदला नहीं था वह अभी भी पहले जैसे ही थी। हम लोग तो उससे बचने की कोशिश किया करते थे क्योंकि मुझे कामिनी पर बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि वह किसी के साथ कभी अच्छा भी कर सकती है। जिस प्रकार से उसने मोहन और उसके परिवार को घर से निकाल फेंका वैसा ही वह किसी के साथ भी कर सकती है इसीलिए मैं तो बिल्कुल भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैं उससे बचने की कोशिश किया करता था। एक दिन मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था तभी मेरे सामने कामिनी आ गई मैंने जब उसे देखा तो मुझे इस बात की चिंता होने लगी कि अब कामिनी के दिमाग में क्या चल रहा होगा। कामिनी मुझे कहने लगी अरे सूरज भैया आप कैसे हैं मैंने उसे कहा मैं तो अच्छा हूं तुम सुनाओ तुम कैसी हो वह मुझे कहने लगी बस मैं भी ठीक हूं। वह मुझसे बात करने लगी तो मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था लेकिन वह मुझसे बात करते जा रही थी ना जाने उसके दिल और दिमाग में क्या चल रहा था। मुझे तो उसे देख कर बहुत ज्यादा डर लग रहा था कि उसके दिमाग में ना जाने क्या चल रहा होगा और इसी के चलते मैंने कामिनी से पूछा और कामिनी आजकल क्या कर रही हो। वह कहने लगी बस कुछ नहीं मैं तो घर पर ही रहती हूं आप से मुझे एक जरूरी काम था।

मैंने उससे कहा कि हां कहो क्या काम था वह मुझे कहने लगी दरअसल मोहन की मानसिक स्थिति तो खराब हो चुकी है और अब मैं नहीं चाहती कि वह यहां पर आए इसीलिए यदि वह आपसे मेरे बारे में कुछ पूछे तो आप उसे कह दीजिएगा कि कामिनी ने यह घर बेच दिया है और अब यहां पर कोई और ही रहता है। मैं मन ही मन सोचने लगा कि कामिनी कितनी ज्यादा चालाक महिला है उसने पहले तो उनकी जिंदगी बर्बाद की और अब अपनी जिंदगी आराम से जी रही है। मुझे जब मालूम पड़ा कि कामिनी उस घर को बेचने वाली है तो मैं यह सुनकर दंग रह गया। कामिनी किसी भी हद तक जा सकती थी इसलिए उस पर भरोसा कर पाना बिल्कुल मुश्किल था और उसने उस घर के लिए ना जाने कितने लोगों से बात की हुई थी लेकिन उसे सही दाम नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह उस घर को नहीं बेच पा रही थी। उसी बीच मोहन और उसके माता-पिता एक दिन हमारे घर पर आए और वह मुझसे पूछने लगे कि क्या कामिनी घर पर है।

मैंने उनसे कहा मुझे कुछ नहीं मालूम लेकिन वह अब यहां नहीं रहती है मैंने सुना है कि उसने घर भी बेच दिया है। मैं बिल्कुल भी कामिनी और मोहन के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहता था क्योंकि कामिनी ने मोहन की जिंदगी तो पूरी तरीके से बर्बाद कर ही दी थी। यदि उसे यह मालूम पड़ता कि मैंने उसके बारे में मोहन को बता दिया तो वह शायद मुझे भी कॉलोनी में नहीं रहने देती इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें मैं कह दूँ कि कामिनी अब यहां नहीं रहती। मैंने उनसे कहा आप लोग कैसे हैं वह कहने लगे बस आपको क्या बताएं हम लोग तो अपना पूरा जीवन बर्बाद कर चुके हैं और हमारे पास कुछ भी नहीं बचा। उनके चेहरे पर बहुत ज्यादा तनाव था लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर सकता था और थोड़ी देर बाद वह वहां से चले गए। कामिनी दिन-ब-दिन बहुत ज्यादा सेक्सी होती जा रही थी जब भी मैं उसे देखता तो उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता परंतु एक दिन उसने मुझे कहा चलो आज आप भी मजे ले ही लो।

मैंने उसे कहा तो क्या तुमने यह काम भी शुरू कर दिया वह मुझे कहने लगी हां लेकिन मैं उसके बदले तुम से पैसे जरूर लूंगी। मैंने उससे कहा ठीक है मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा मैंने उसे पैसे दिए उसके बाद उसने मुझे कहा मैं पैसों के लिए कुछ भी कर सकती हूं जब उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए तो मेरा लंड खड़ा होने लगा। जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी। काफी देर तक तो उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया पर जब मैंने उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देने लगा।

मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसकी चूत के मजे लेता रहा जब वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गई तो मुझे कहने लगी मजा तो आज बहुत आ गया। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे अभी मजा नहीं आया है वह कहने लगी तुम एक बार मेरी चूत और मार लो। मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी गांड मारनी है क्या तुम अपनी गांड मारने का मौका मुझे दोगी। पहले तो वह मना करती रही लेकिन जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया तो उसका भी मन मचलने लगा और वह तैयार हो गई। उसने मेरे लंड पर अच्छे से तेल की मालिश की और जैसे ही उसने मेरे सामने अपनी गांड को किया तो मैंने भी उसकी गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और उसे बड़ी तेजी से मैं धक्के मारने लगा। मुझे उसे धक्के देने में बहुत आनंद आता मैं लगातार तेजी से उसे धक्के दिए जा रहा था मैंने उसकी गांड से खून भी निकाल कर रख दिया था जिससे कि वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी जब मेरे वीर्य पतन उसकी गांड मे हुआ तो उसे भी मजा आ गया। उसका जिससे मन होता उससे वह अपनी चूत मरवाती।

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गांड चुदाई एक हॉट मारवाड़ी भाभी की https://sexstories.one/gand-chudai-marwari-hot-bhabhi-ki/ Fri, 08 Oct 2021 07:11:32 +0000 https://sexstories.one/?p=4460 मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा।

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Gand Chudai Marwari Bhabhi Ki – मेरा नाम राज शर्मा है और में असम का रहने वाला हूँ। ये बात 2010 की है.. ये दुर्गा पूजा के दिन की बात है। घूमते वक़्त मुझे एक मारवाड़ी भाभी दिखी और में उसके पीछे चल दिया। जब उसको पता चला कि में उसका पीछा कर रहा हूँ तो वो अपने पति का हाथ पकड़कर साईड में चलने लगी। फिर जब हम पूजा मंडप पहुंचे तो वहां पर फास्ट फूड का स्टॉल लगा हुआ था। उसके पति ने उसको कुछ लाने के लिये भेजा और वो पूजा मंडप के अंदर चला गया। मुझे ये अच्छा मौका मिला और में भी उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया.. वो दुकानदार से पावभाजी ले रही थी। फिर मैंने भी ऑर्डर किया और उसके साईड में खड़ा हो गया। उसने मुझे गुस्से से देखा.. लेकिन मैंने एक सिंपल सा स्माईल दिया। उसका कंधा और मेरा हाथ बिल्कुल चिपके हुये थे। वो चाहकर भी हटा नहीं सकी और में और ज़्यादा उससे चिपकने लगा।

फिर वो थोड़ा आगे हुई तो इससे उसकी गांड (40) मेरे लंड से चिपकी गई। ये बात उसको भी पता थी.. लेकिन मजबूरी में वो भी कुछ नहीं कर सकती थी। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था.. लंड एकदम कड़क हो गया और मैंने थोड़ा सा धक्का दिया और पीछे होकर उसके कंधे के पास से उसके कान में सॉरी कहा। उसने हल्की स्माईल के साथ इट्स ओके कहा। अब मुझे यकीन हो गया कि ये मारवाड़ी माल मुझसे पट जायेगी और फिर हम दोनों पावभाजी लेकर आ गये.. वो और उसका पति मुझसे 10 फीट की दूरी पर खड़े थे और में उसे घूरे जा रहा था और वो शरमा रही थी और बीच बीच में स्माईल भी दे रही थी।

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फिर मैंने मौका देखकर उसको नंबर के लिये इशारा किया.. लेकिन उसने कुछ रिप्लाई नहीं दिया।

फिर उसके पति के दोस्त आ गये और वो उनके साथ व्यस्त हो गया और वो कोल्ड ड्रिंक लेने के लिये गई और में भी उसके पीछे पीछे चल दिया और उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। उसने अपने पति को पलटकर देखा और मुझसे कहा कि नंबर क्यों चाहिये? फिर मैंने कहा कि आप बहुत खूबसूरत है और वो शरमा गई। फिर मैंने कहा कि प्लीज.. तो उसने अपने पति को देखा और कहा कि लिखो। फिर उसने अपना नंबर दिया। में तुरंत वहां से हट गया और मोबाईल निकालकर नम्बर नोट किया और फिर उसके नंबर पर रिंग किया और काट दिया.. वो अपने पीछे देख रही थी। फिर उसने मेरी तरफ देखा और मैंने इशारे से कहा कि मेरा नम्बर है और फिर वो अपने पति के साथ चली गई। अगले दिन दशहरा था। मैंने उसको फोन किया और उसने हेल्लो बोला.. फिर मैंने कहा कि कल आपने नंबर दिया था ना.. तो उसने कहा कि क्या काम है मुझसे? मैंने कहा कि बस आप मुझे अच्छी लगी और में आपसे बात करना चाहता था.. इसलिये आपका नम्बर लिया। फिर हम नॉर्मल बातें करने लगे। फिर उसको कोई काम आ गया.. उसने फोन रख दिया।

फिर मैंने 3-4 दिन तक उसको फोन नहीं किया। अगले दिन उसका मिस कॉल आया। फिर मैंने रिप्लाई कॉल किया.. उसने फोन उठाया और कहने लगी क्या हुआ? 3-4 दिनों से फोन नहीं किया। मैंने कहा कि थोड़ा बिज़ी था। फिर मैंने पूछा कि क्या रही हो अभी.. तो उसने बताया कि घर पर कोई नहीं है.. बोर हो रही थी तो तुम्हे फोन कर दिया। मैंने पूछा कहाँ गये सब? तो उसने बताया कि उसके ससुर की तबीयत ठीक नहीं है.. इसलिये उनको हॉस्पिटल ले गये है और सास भी साथ गई है। फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपसे मिलने का मन कर रहा है तो उसने कहा कि कैसे और कहां मिलेंगे? मैंने कहा कि आपके घर पर.. तो उसने कहा कि नहीं.. मेरे पड़ोस में बहुत लोग रहते है। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. में सेल्समैन बनकर आ जाऊंगा। कुछ सामान लेकर तो उसने मना कर दिया। फिर उसने कहा कि अगर मेरे पति और सास ससुर आज वापस नहीं आयेंगे.. तो तुम शाम को अंधेरा होने के बाद आ सकते हो। उसने कहा कि में तुम्हे फोन कर दूँगी और फिर हमने फोन रख दिया और में बैचेनी से उसके फोन का इंतज़ार कर रहा था।

फिर शाम को 6 बजे उसका फोन आया और उसने कहा कि अब तुम आ सकते हो। मैंने फोन रखा और तैयार होकर निकल गया। फिर उसके घर से कुछ दूर बाईक पार्क की और सबकी नज़रो से बचते हुये उसके घर के दरवाज़े पर पहुंचा.. जैसे ही मैंने बेल बजाई तो उसने दरवाज़ा खोला और अंदर बुलाया। फिर मैंने पूछा कि आपकी बेटी कहाँ है तो उसने कहा कि मैंने उसको सुला दिया.. वरना वो अपने पापा से बोल देगी कि एक अंकल आये थे। उसने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी थी.. जो नाभि से थोड़ी नीचे थी और ब्लाउज से भी.. उसकी लाईन दिख रही थी। उसने कहा कि ऐसे क्या देख रहे हो.. कभी कोई और नहीं देखी क्या? मैंने कहा कि औरत तो बहुत देखी है.. लेकिन आप जितनी खूबसूरत नहीं देखी। आपके पति कितने ख़ुशनसीब होंगे। फिर उसने कहा अब इतनी भी तारीफ़ मत करो कि मुझे शर्म आ जाये। फिर मैंने कहा कि आप हो ही तारीफ़ के काबिल। फिर उसने मुझे कहा कि बैठो में चाय लेकर आती हूँ। में सोफे पर बैठकर उसके घर को देखने लगा।

फिर में उठकर किचन की और जाने लगा.. वो खड़ी होकर चाय बना रही थी.. जब मैंने उसको पीछे से देखा तो मन हुआ कि अभी उसकी साड़ी उठाकर उसकी गांड चाट लूँ। फिर उसने पलटकर मुझे देखा और कहा कि तुम बैठो में चाय लेकर आती हूँ। मैंने कहा कोई नहीं.. में यही ठीक हूँ आपके पीछे। उसने पलटकर एक नॉटी स्माईल दी। फिर वो चाय लेकर आई.. हमने चाय पी। फिर उसने कहा कि तुम जल्दी चले जाना.. वरना कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी। फिर मैंने कहा कि ओके। फिर वो बेडरूम में गई और वहां से मुझे आवाज़ दी और में गया तो वो वहां मुझे हेल्प करने को कह रही थी और मैंने अनजान बनते हुये हाथ उसकी गांड पर रख दिया.. उसने कुछ नहीं कहा। फिर में गांड की लाईन में हाथ को सहलाने लगा.. उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम्हे मेरी पीछे की साईड इतनी अच्छी लगती है क्या?

दोस्त की साली को चोदा moti gand ki chudai

फिर मैंने थोड़ा ज़ोर से उसकी गांड को पकड़ा और उसके बिल्कुल पास जाकर कहा कि जब से देखा है.. बस इसका दीवाना हो गया हूँ और में उसके सामने घुटनों पर बैठ गया और उसकी गांड को ज़ोर से पकड़ लिया। फिर उसकी नाभि पर किस करने लगा.. वो एकदम से मचल गई और उसने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और कहा आआहहा आअहह् प्लीज राज। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी नाभि को किस करने लगा और उसने दोनों पैरो को मोड़ लिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा। 10 मिनट तक निप्पल चूसने के बाद मैंने नीचे से उसकी साड़ी को पूरा कमर तक उठा दिया। उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.. बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी। एकदम 18 साल की लड़की की तरह। में उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे सर को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाने लगी। 5 मिनट चूत चाटने के बाद उसने कहा कि प्लीज राज अब कुछ करो और सहन नहीं होता है।

फिर मैंने अपना पेंट खोला और 8 इंच का लंड बाहर निकालकर उसकी चूत के ऊपर रखा। उसकी चूत एकदम आग की भट्टी की तरह जल रही थी.. उसने मुझसे विनती की.. प्लीज मत तड़पाओ.. अब डाल भी दो वरना में मर जाउंगी। फिर मैंने धीरे से अपना लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसाया.. वो थोड़ी तड़प उठी। फिर उसने नीचे से थोड़ी गांड ऊपर उठाई और मेरा लंड आधा घुस गया.. वो पूरी तड़प गई और मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और उसके मुँह से चीख निकल गई। में उसके ऊपर आ गया और उसके होठों को चूसने लगा। फिर कुछ देर चूसने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्का देना शुरू किया और वो भी मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी.. आह्ह्ह्ह राज चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत.. आज बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे लंड में.. अब तो हमेशा तुमसे ही चुदवाऊंगी.. आज से में तुम्हारी रंडी.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दो। मेरी गांड भी तुम्ही मारना।

मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है.. अब तुमसे ही अपनी गांड भी मरवाऊंगी.. आह्ह्ह बहुत मज़ा दिया तुमने मुझे और फिर मैंने तेज़ी से धक्का देना चालू किया और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया। वो झड़ गई और में भी 4-5 धक्को के बाद झड़ गया।

फिर हम वैसे ही लेटे रहे। उसके बाद वो उठी और मेरे लिप्स पर किस दिया और थैंक्स कहा और कहा कि अब तुम जाओ.. अगर कल मौका मिला तो में तुम्हे बता दूंगी। कल तुम मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ देना। फिर मैंने एक बार और उसको पकड़कर उसकी गांड को सहलाया और चाटने लगा और फिर में वहां से चला आया ।।

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दूकान में चोदा सेक्सी भाभी को https://sexstories.one/sexy-desi-bhabhi-ki-dukaan-me-chudai/ Wed, 06 Oct 2021 07:35:58 +0000 https://sexstories.one/?p=4449 मैंने अपने कपडे भी उतार दिए, भाभी मेरा लंड हाथ से दबाने और सहलाने लगी, भाभी हंस पड़ी और वो मेरे लंड को अपने हाथ से पकड कर धीमे से होंठो कके तरफ ले गई और अपने गुलाबी गुलाबी होंठो को मेरे लंड से स्पर्श कर दिया..

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Sexy bhabhi ki dukaan me chudai हाई दोस्तों आशा रखता हूँ की आप लोग अच्छे होंगे….आप दोस्तों के लिए आज पेश है एक सेक्सी कहानी जिसमे एक सेक्सी भाभी की चुदाई दुकान के ट्रायल रूम में हुई थी. आईयें बिना वक्त गवाएं आपको इस सेक्सी कहानी की दास्ताँ सुनाऊं….! तब मेरी उम्र 19 की थी और मैं प्लास्टिक इंजीनियरिंग के दुसरे वर्ष में था. मेरे डेड की ब्रा पेंटी की दुकान है और हम लोग हमारे शहर में ब्रा पेंटी की ब्रांडेड चीजे रखने के लिए बहुत फेमश है. दुकान पर डेड के अलावा एक नौकर बिरजू रहेता था जो एक ज़माने में मेरे साथ 10 कक्षा तक पढ़ा था.

मैं भी अक्सर दुकान पर बैठता था और वेकेशन में तो आँखे सेकने के लिए मेरी दुकान से अच्छी जगह नहीं थी जहाँ पर मस्त मस्त लड़कियां. भाभियाँ और आंटियाँ अपने चुन्चो और चूत के कपडे लेने आती थी. गर्मी के दिन थे और डेड दोपहर को मुझे दुकान सौंप के घर सोने गए थे. मेरी कोलेज की छुट्टियां थी इसलिए में पूरी दोपहर दुकान पर बेठता था. बिरजू और मैं अक्सर आती हुई सेक्सी भाभियों के चुन्चो और गांड को देख चक्षुचोदन कर लेते थे.

दोपहर का वक्त था करीब तिन बजे का, सड़के गर्मी के चलते सुमसाम थी तभी बहार एक स्कूटी की ब्रेक लगी और एक मस्त गर्म भाभी दुकान में घुसी. उसकी उम्र होगी करीब 26 के करीब. बड़े स्तन और तरबुच के जैसे कूले. वोह अन्दर आई और बोली आपके पास 34 की साइज़ की अच्छी ब्रा है. मैंने कहाँ मेडम ब्रा हैं ना किसके लिए चाहिए….वोह मेरे तरफ कतराते हुए नजर करके बोली, आफ कोर्स अपने लिए….मैंने कहाँ मेडम आपकी साइज़ 36 है 34 नहीं…वोह बोली नहीं मैं 34 की ही पहनती हूँ…आप 34 की बताएं मैं ट्रायल कर के देख लेती हूँ.

मैंने उसे कुछ ब्रा निकाल कर दे दी और वह ट्रायल रूम में घुसी मैंने उसे कहा मेडम और कुछ अच्छी क्वालिटी की दुसरे सेम्पल आपको मैं वही देता हूँ. मैंने बिरजू को इशारा किया काउन्टर सँभालने के लिए और वह समझ गया की मैं इस सेक्सी भाभी को ट्रायल रूम में ब्रा बदलते देखूंगा. वह खी खी करता काउन्टर पर आया. मैंने और दो तिन ब्रा ली और ट्रायल रूम की तरफ गया. तभी अंदर से आवाज आई, “अरे यह तो छोटी है और फस गई है” मैंने कहा, “मेडम मैंने पहले ही कहा था आपको की आप की साइज़ 36 की है, हम लोग एक नजर में ही माप निकाल लेते है….अगर कहो तो में आपकी हेल्प करूँ”

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उसने दरवाजा हल्के से खोला और मैं हाथ के ब्रा रख के अंदर घुसा, उसके छाती पर यह ब्रा अटकी पड़ी थी, बेन्चोद को पहले बोला की तेरी साइज़ नहीं है, लेकिन उसके मस्त सेक्सी स्तन देख के मेरा लंड वही खड़ा हो गया, मैंने ब्रा निकालने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखा और उसकी नर्म मुलायम चमड़ी मेरे लंड को और गर्मी देने लगी. मैंने जानबूझ के ब्रा धीरे धीरे निकाली और इस बिच में उसके स्तन को कितनी बार ही टच कर गया. भाभी भी मेरी तरफ देख रही थी और कुछ नहीं बोली, मेरी हिमत खुली और मैंने ब्रा को छोड़ उसके चुन्चो को हाथ में ले लिए. वह बोली, “क्या कर रहे हो तूम”. मैंने तारीफ़ नाम का हथियार मारा और बोला, “आप इतनी खुबसूरत हैं की मेरा दिल रुका ही नहीं….!” भाभी हंस पड़ी, “अच्छा बेटा हमसे सेटिंग….तुम्हारा नौकर आ जाएगा”

मैंने कहाँ, “वोह कभी नहीं आएगा, वोह मुझ से बहुत डरता हैं.” मैंने ऐसा कहा क्यूंकि अगर में कहेता की में सभी के चुंचे देखता हु तो यह भाभी भड़क जाती शायद और मुझे उसके चुन्चो का रस पीना था, क्या भरे हुए चुंचे थे दोस्तों. गोलमटोल चुंचे अब मैं जोर से दबाता गया और भाभी भी सिसकारियाँ लगाती गई, मैंने भाभी को गाल पर किस किया और वोह बोली, “होठ पर करोगे तो भी कुछ नहीं कहूँगी…घबराओ मत” फिर क्या था मैंने इस देसी भाभी के होंठ पर अपने होंठ लगा दिए और उसे मस्त फ्रेंच किस देने लगा, वोह भी अपनी जबान मेरी जबान से लड़ा रही थी और खिंच खिंच के चूस रही थी. मेरा लंड टाईट हो गया था. भाभी के कपडे आधे तो उतरे ही थी केवल निचे पहनी हुई पतली कोटन की लेंघी ही उतारनी थी मुझे, मैंने किस से अपने होंठ छुडाये और उसकी लेंघी फट से उतार दी. भाभी बोली, “मुझे तो तू उस वक्त ही पसंद आ गया जब तूने मेरे स्तन देख के साइज़ का अंदाजा लगा लिया” मैं कुछ बोला नहीं और उसकी लेंघी उतार दी.

साथ ही मैंने अपने कपडे भी उतार दिए, भाभी मेरा लंड हाथ से दबाने और सहलाने लगी, मैंने भी उसी का डायलोग उसी को चिपका दिया, “आप इसे चूसेगी तो भी मैं कुछ नहीं कहूँगा, घबराओ मत….!” भाभी हंस पड़ी और वो मेरे लंड को अपने हाथ से पकड कर धीमे से होंठो कके तरफ ले गई और अपने गुलाबी गुलाबी होंठो को मेरे लंड से स्पर्श कर दिया, मेरी आँखे बंध हो गई, यह भाभी बहुत रोमेंटिक तरीके से मेरा लंड चूस रही थी, वोह लंड अंदर करती थी और फिर उसे बहार निकालती थी और फिर उसके हेलमेट जैसे भाग को जो से चूस लेती थी. मेरा लंड पूर्ण उत्तेजित हो चूका था और उसे इस सेक्सी भाभी की चूत चाहिए थी. मैंने भाभी का माथा पकड कर लंड निकालना चाहा लेकिन भाभी को शायद लंड से कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी थी इसलिए वह मेरे खींचने पर भी लंड चुसे ही जा रही थी.. मैंने उसे कहा, “ज्यादा मत चुसो, मुहं में निकल जाएगा…!”

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भाभी अब खड़ी हुई और मैंने उसे वही ट्रायल रूम का दरवाजा पकडवा के खड़ा कर दिया, उसकी बड़ी गांड देख के ;लंड ध्रुज रहा था मेरा तो. मैंने लंड के उपर थोडा थूंक निकाल के लगाया और फिर भाभी को थोडा निचे झुका के उसकी गांड के पास से होते हुई चूत के अंदर लंड चुभो दिया. भाभी आह आह ओह ओह बोलने लगी और मैं धीमे धीमे उसकी चूत के रोड पर अपने लंड की ट्रक चलाने लगा. भाभी सेक्सी आवाजे निकालने और मैं उसे क्रमश: स्पीड बढ़ाकर चोदता रहा. उसने मुझे झांघ के आगे से पकड लिया कुछ पांच मिनिट की चुदाई के बाद और मुझे लगा की सेक्सी भाभी की चूत पानी छोड़ चुकी है. मैंने भाभी के स्तन मसले और चोदने की स्पीड बढ़ा दी, लंड फचफच उसकी चूत के अंदर बहार होने लगा और मैं भी एक मिनिट के भीतर ही झड़ गया. सच में बहुत मजा आया इस सेक्सी चूत कको चोदने का मुझे…..!

मैं और सेक्सी भाभी बहार आये तो बिरजू आँखे फाड़े मेरी तरफ देख रहा था. मैंने भाभी को मस्त मुलायम तिन ब्रा निकाल के दिए और उसे कहा की काम हो तो कभी भी बोल दे और उसको मैंने अपना नंबर भी दे दिया. बिरजू कान लगा के हमारी बातें सुन रहा था….जब यह भाभी उसे पैसे देने के लिए काउन्टर की तरफ गई तो वोह बोला, “भाभी अब आप से पैसे लेके मेरी नौकरी गवानी है क्या मुझे….!”

सेक्सी भाभी हंस पड़ी और मेरी तरफ देखते हुए दुकान के बहार चली गई……!

दोस्तों आप मित्रो के इस साईट के माध्यम से स्टोरी पाठन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और कृपया इस साईट की लस्ट भरी स्टोरीयों के लिए साईट रोज देखते रहें…

हम दिन में दो बार आपके लिए नयी स्टोरी अपडेट करते है

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सगी भाभी से सच्चा प्यार https://sexstories.one/matwali-bhabhi-ki-chodayi-ki-sex-kahani/ Tue, 25 May 2021 14:14:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3633 सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और मेरी उम्र 20 वर्ष है और मेरे लंड का साइज़ 8 इंच है। मै दिखने में स्मार्ट लगता हु । मेरे परिवार में मै, मेरे मम्मी पापा, बहन और भैया भाभी रहते है । मेरे भाई का नाम विशाल है और भाभी का नाम अमृता है।

भाभी पतिव्रता नारी है और मेरे भैया से बहुत ही प्यार करती है। भाभी की उम्र 24 वर्ष है और उनका फिगर 32 है । उनकी गांड मोटी है और वो बहुत ही खुबसूरत हॉट लगती है। उनको देखकर अच्छे अच्छे के लंड खड़े हो जाते है। मै भाभी से बहुत प्यार करता हु और उन्हें चोदना चाहता हु। मेरा कमरा भाभी के कमरे के पास ही है। मेरे भैया की शादी को 5 साल हो गए है परन्तु अभी तक उनको बच्चा नहीं हुआ है।

Bhabhi bahu matwali thi… Chodayi ko aatur..

उन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया किन्तु कुछ भी नहीं हुआ।

एक दिन मै रात को 11 बजे बाथरूम गया तो मैंने भैया और भाभी की आवाज सुनी। भाभी भैया से बोल रही थी की आप से नहीं होता है तो मत किया करो। रोज रोज खुद का पानी निकाल लेते हो और मेरा रह जाता है। तब मुझे पता लगा की आखिर कमी मेरे ही भैया में है । मेरा भैया प्राइवेट जॉब करते है वो सुबह 9 बजे जाते है और शाम को 6 बजे आते है। दिनभर मै और भाभी हंसी मजाक करते रहते है।

Aur Padhiye – चुद गए रे भाई आ के तेरे मोहल्ले

एक दिन दोपहर को मम्मी पापा अपने कमरे में सो रहे थे और मै भाभी के कमरे में टीवी देख रहा था। भाभी में मेरे पास आकर बैठी और हम हंसी मजाक करने लगे । बातो ही बातो में मैंने भाभी से बोल दिया की भाभी आप मुझे बहुत ही अच्छे लगते हो। मुझे आपको किश करना है और इस पर भाभी ने मुझे डाटा। मै रोज बार बार जिद करता और वो हर बार मना कर देती थी।

इस तरह करीब 1 महिना गुजर गया। एक दिन दोपहर को मै क्रिकेट खेल कर घर आया तो देखा भाभी अपने कमरे में सो रही थी। और उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी तो मै भी भाभी के पास आया और उनको पकड़कर सो गया। मैंने अपना लंड भाभी की साड़ी के ऊपर से ही उनकी गांड में सेट किया और पीठ पर किस करने लगा। तो भाभी अचानक से उठी और मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा।

Matwali bhabhi ke boobs mast the..

भाभी बोली की देवर जी मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं थी। मै बोला भाभी आप मुझे सेक्सी लगती हो और देवर भाभी में इतना सा तो चलता है तो वो बोली की देवर जी मै उस टाइप की ओरत नहीं हु जो तुम समझ रहे हो। तुम्हारे भैया को पता चल गया तो मुझे जान से ख़त्म कर देंगे। तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि तुम तो उनके सगे भाई हो और तुमसे वो बहुत प्यार करते है । मै बोला भाभी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगी। मै ज्यादा कुछ नही सिर्फ तुम्हे किस ही करूँगा। और मैंने भाभी को कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। प

रन्तु भाभी ने मुझे धक्का मारा और बाहर चली गयी। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया। 2-3 दिन तक मैंने उससे बात नहीं की। फिर वो खुद ही मुझे मनाने के लिए मेरे पास आयी और प्यार से बाते करने लगी और मै उनका चेहरा देखकर मान भी गया। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। मै उसे किस करने के लिए राजी करता और वो मना कर देती थी। मै उनको व्हाट्सअप चैट पर किस के फोटो और विडियो भेजने लगा। किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ। एक दिन घर में कोई नहीं था। मेरे सभी घर वाले मेरे मामा के चले गए थे और मेरे भैया ऑफिस चले गए थे।

Mere lund par kudne ko tayyar thi sexy matwali bhabhi

घर में सिर्फ मै और भाभी ही थे। तो मैंने सोचा इससे अच्छा मोका दोबारा नहीं मिलेगा। दोपहर को मै भाभी के पास आया और उनसे बाते करने लगा, बातो ही बातो में मैंने अपना हाथ उनके कंधो पर रख दिया और धीरे धीरे मसलने लगा। वो बोली देवर जी ये सब ठीक नहीं है। मै बोला भाभी अभी घर में सिर्फ हम दोनों है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और मेरे बार बार जिद करने पर भाभी बोली की सिर्फ किस ही करने दूंगी, इससे आगे कुछ नहीं।

मै मान गया। मैंने भाभी की कमर में हाथ डाला और उन्हें कस के पकड़ लिया। मैंने अपने होठ भाभी के होठो पर रख दिए और चूसने लगा। मेरा हाथ उनकी पीठ पर से खिसकता हुआ उनकी गांड पर जा टिका। करीब 10 मिनट तक हम होठो पर किस करते रहे। इससे भाभी भी गर्म हो रही थी। मैंने पीछे से भाभी की साड़ी को उप्पर करके जांघो तक खिसका दिया। और उनकी जांघो को मसलने लगा।

और मेने अपना हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिया। तभी भाभी ने मुझे धक्का दिया और पीछे खिसक गयी। अब मैंने भाभी को जबरदस्ती पीछे से पकड़ लिया और उनकी पीठ पर किस करने लगा। मैंने अपना लंड भाभी की गांड पर टिका दिया, भाभी ने मेरे पजामे में हाथ डाल कर लंड पकड़ लिया और मसलने लगी। भाभी के हाथो के स्पर्श से मेरा लंड तनकर खडा हो गया।

Bhabhi ko chodayi ki sexkahani padhiye

मै दोनों हाथो से भाभी के बूब्स मसल रहा था और भाभी लंड को लगातार मसल रही थी और मुझे मजा आ रहा था।

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बिल्डर की पत्नी का दमदार बदन https://sexstories.one/builder-ke-patni-ka-sexy-badan/ Wed, 06 Jan 2021 11:53:33 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%ae%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ac/ मेरा नाम रजत है मैं हैदराबाद में रहता हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है, मैं एक शादीशुदा पुरुष हूं और मेरी शादीशुदा जीवन में मेरी पत्नी के आने से जैसे बाहर सी आ गई। मेरी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम रजत है मैं हैदराबाद में रहता हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है, मैं एक शादीशुदा पुरुष हूं और मेरी शादीशुदा जीवन में मेरी पत्नी के आने से जैसे बाहर सी आ गई। मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और इन 5 वर्षों में मैंने अपनी पत्नी के साथ अच्छा वक्त बिताया है। मेरा काम भी अच्छा चल रहा था इसलिए मेरा जब भी मन करता तो मैं अपनी पत्नी को अपने साथ लेकर कहीं घूमने चला जाता, मेरी पत्नी का नाम खुशबू है। sexy badan

मेरी पत्नी भी स्कूल में पढ़ाती है, वह बहुत अच्छी टीचर भी हैं  और  वह एक अच्छी पत्नी भी हैं। मेरी एक छोटी बच्ची भी है जिसकी उम्र 3 वर्ष है। मैने एक दिन अपनी पत्नी से कहा कि मैं एक फ्लैट खरीदना चाहता हूं, मेरी पत्नी कहने लगी कि हां तुम फ्लैट खरीद लो मैं और मेरी वाइफ उस फ्लैट की बुकिंग करवाने के लिए चले गए, मैंने वहां पर बुकिंग अमाउंट भी दे दिया और उसके बाद वह फ्लैट मैंने बुक करवा लिया।

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काफी समय हो चुका था. sexy badan

लेकिन वह फ्लैट बन कर तैयार नहीं हुए थे, मैं एक दिन उनके पास गया और कहा कि यदि आप फ्लैट नहीं बना सकते तो मुझे मेरे पैसे वापस लौटा दीजिए लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया और कहने लगे कि आप हमारी पॉलिसी पढ़ लीजिए उसमें साफ शब्दों में लिखा है कि पैसे वापस नहीं लौटाये जाएंगे, यह सुनते ही मेरा पारा चढ़ गया और मैंने वहां के स्टाफ के साथ बहुत गाली गलौज की लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ, उसी दौरान मेरा काम भी बहुत कम हो गया था और मेरा काम भी अच्छा नहीं चल रहा था, इस वजह से मैं काफी तनाव में रहने लगा, मैं सोचने लगा कि मुझे ऐसा क्या करना चाहिए कि मेरा काम भी अच्छा चले और मेरी आजीविका भी अच्छी हो जाए लेकिन मेरा काम दिन ब दिन गिरता ही जा रहा था और मुझे बहुत नुकसान हो रहा था। मैंने इस बारे में अपनी पत्नी खुशबू के साथ बात की, खुशबू मुझे कहने लगी आप चिंता मत कीजिए आप कुछ दिन घर पर ही आराम कीजिए, मेरे सैलरी से घर का खर्चा चल सकता है।

जब उसने मुझे यह बात कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा और उसकी इस बात से मैं काफी खुश भी था.. sexy badan

मैं कुछ दिनों तक घर पर ही रहने लगा और काफी दिनों तक मेरा तनाव भी कम होने लगा था, मैं सोचने लगा कि यदि खुशबू मेरा ऐसे ही साथ देगी तो मेरा जीवन संवर सकता है और हुआ भी ऐसा ही। मैं इतने दिन तक घर पर ही था तो मुझे अच्छा महसूस होने लगा और जब मैं बाहर निकला तो मेरे अंदर पॉजिटिव एनर्जी थी, मैंने अपना काम करने की सोच ली थी और उसके लिए मैं कोई इन्वेस्टर देखने लगा था लेकिन मुझे कोई इन्वेस्टर नहीं मिल रहा था परंतु मैंने हार नहीं मानी, मैंने अपना एक प्रोजेक्ट बना कर रखा था, जैसे कि मुझे कभी कोई इन्वेस्टर मिल जाए तो मैं उन्हें अपना प्रोजेक्ट दिखाता ताकि वह मुझे फाइनेंस कर सके।

अब मैं पूरी तरीके से अपने ऊपर भरोसा करने लगा और उसी बीच में मुझे एक बड़े बिल्डर मीले उनका नाम शांतनु है, शांतनु एक अच्छे बिल्डर भी हैं और वह एक अच्छे व्यक्ति भी हैं, जब मैंने उन्हें अपना प्रोजेक्ट दिखाया तो वह बहुत खुश हुए और कहने लगे कि मैं तुम्हें फंडिंग दूंगा। जब उन्होंने मुझे यह बात कही तो मैं बहुत ही खुश हो गया और उन्होंने मुझे कुछ पैसे भी दे दिये, मैंने उन पैसों से अपनी एक फैक्ट्री डेवलप की जिससे कि मुझे अच्छा मुनाफा होने लगा और धीरे-धीरे मेरा काम दोबारा से अच्छी चलने लगा।

मैं सोचाने लगा कि अब मेरा काम भी अच्छा चलने लगा है. sexy badan

तो मैं हर महीने शांतनु को भी पैसा दे दिया करता जिससे कि वह भी मुझसे बहुत खुश होने लगे और मुझे कहने लगे कि तुम मुझे अच्छा प्रॉफिट दे रहे हो इसलिए तुम्हें अगर आगे कोई और काम शुरू करना हो तो तुम मुझे बता देना, अब वह मेरे पीछे पैसा लगाने को तैयार हो गए थे। मैं एक दिन बैठा हुआ था और मैंने उनसे कहा कि मैंने कुछ समय पहले एक फ्लैट बुक किया था लेकिन अभी तक वह फ्लैट मुझे मिला नहीं है और मैं उसके बदले उन्हें बुकिंग अमाउंट पहले ही दे चुका हूं, मैंने जब उन्हें बिल्डर का नाम बताया तो वह कहने लगे कि वह तो घाटे में चल रहा है और वह तुम्हारे पैसे अब नहीं लौटाने वाला, मैंने उन्हें कहा कि फिर मैं अपने पैसे कैसे वसूल करूंगा, वह कहने लगे कि जिस दिन मेरे पास वक्त होगा तो उस दिन हम लोग वहां चलेंगे और मैं तुम्हें उससे डायरेक्ट ही मिलाऊंगा, मैंने उनसे कहा ठीक है।

एक दिन शांतनु के पास भी वक्त था और उस समय मैं भी फ्री था. sexy badan

मैंने उनसे कहा कि क्या आज आपके पास समय है, वह कहने लगे हां मेरे पास समय है, मैंने उन्हें कहा कि मैंने आपसे कुछ समय पहले कहा था कि मैंने एक फ्लैट बुक किया था, वह कहने लगे ठीक है तुम मेरे साथ चलो वह मुझे उस लड़के के घर पर ले गए। जब हम लोग उसके घर गए तो वह शांतनु को पहले से ही पहचानते थे, उन्होंने उन्हें पहचानते ही कहा कि सर आप कैसे हैं क्योंकि शांतनु भी एक अच्छे और बड़े बिल्डर हैं।

शांतनु ने उनसे बात की और कहा कि इन्होंने आपको बुकिंग अमाउंट दी थी लेकिन वह अभी तक इन्हें वापस नहीं मिली है, वह कहने लगे कि मैं कुछ समय बाद उन्हें वह पैसे लौटा दूंगा लेकिन उनकी बातों से बिल्कुल ऐसा प्रतीत नहीं हुआ कि वह पैसे वापस लौटाने के मूड में है। मैं शांतनु को बाहर ले गया और उन्हें कहा कि मुझे क्या करना चाहिए, वह कहने लगे की तुम यहीं बैठो मैं थोड़ी देर बाद आता हूं। वह बाहर चले गए और उन्होंने पता नहीं किसे फोन किया, उसके बाद उन्होंने मुझे भी बाहर अपने पास बुलाया और कहने लगे कि यह ऐसे पैसे नहीं देने वाला और ना ही तुम्हारे पैसे वापस मिलने वाले हैं, मैंने उन्हें कहा तो फिर मैं यह समझूं कि वह पैसे मेरे पानी में चले गए।

शांतनु ने मुझे कहा इसकी पत्नी एक कॉल गर्ल थी तुम उसे चोद कर अपने पैसे निकाल लो। sexy badan

शांतनु ने मेरे सामने उसे कहा तुम अपनी पत्नी को बुलाकर लाओ, वह अपनी पत्नी को बुलाकर ले आया। जब मैने उसे देखा तो सोचा मेरे पैसे तो मिलने वाले नहीं है लेकिन मै इस चोदकर अपनी इच्छा तो पूरी कर ही सकता हूं। मैने उसे कहा मुझे तुम्हारी पत्नी को चोदना है, वह कहने लगा ठीक है तुम उसके साथ सेक्स कर लो। वह मुझे अंदर कमरे में ले गई, उसने अपने कपड़े खोले तो मैं उसके बदन को देखकर खुश हो गया।

मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया, उसने कुछ देर मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया, जैसे मेरा लंड कडक हो गया तो उसने अपने मुह से मेरे लंड को चुसना शुरू किया, उसने काफी देर तक मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसा, जब मेरी इच्छा पूरी हो गई तो मैंने उससे कहा क्या मैं तुम्हारे बदन का सेवन करना चाहता हूं। मैंने भी ज्यादा देरी नहीं की, मैंने तुरंत ही उसकी चूत मे अपने लंड को घुसा दिया, मैंने उसे घोड़ी बना रखा था। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी, उसकी गांड इतनी ज्यादा बड़ी थी कि वह मेरे लंड से टकराती तो मेरे अंदर जोश पैदा हो जाता।

वह अपनी गांड को मुझसे टकरा रही थी, मुझे कह रही थी तुम अपने पैसे वसूल कर लो मेरे पति तुम्हें कुछ भी नहीं देने वाले। मैंने उससे कहा ठीक है तुम उसकी चिंता मत करो, उसने भी अपनी चूतडो को मुझसे बड़ी तेजी से मिलाया और मैंने भी उसकी चूत में अपने लंड को बडी तेज गति से डाला। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा रहा था तो वह बहुत तेज चिल्ला रही थी, मैंने उसके साथ 5 मिनट तक संभोग किया लेकिन 5 मिनट में उसने मुझे जो मजे दिए वह बडा मजेदार था, जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो वह मुझे कहने लगी क्या मैं जाऊं? मैंने उसे कहा अभी तो मेरे पैसे वसूल नहीं हुए है।

मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया, जब मैंने उसकी चिकनी गांड क अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी तुमने तो मेरी गांड फाड़ दी। मैंने उसे कहा तुम्हारे पति ने मुझसे पैसे लिए थे, मैं कहां से वसूल करू मैंने बड़ी तेजी से उसे झटके दिए। मैने उस दिन बहुत अच्छे से सेक्स किया, मैं उसकी गांड कछ मिनट तक मार पाया और जब मेरा वीर्य गिर गया तो वह मुझे कहने लगी अब मैं जाऊं। हम दोनो बाहर चल गए, मैने उससे कहा अभी मेरे पैसे नहीं निकले हैं मैं दोबारा से आऊंगा और तुम्हारी पत्नी को चोद कर जाऊंगा।

वहां मुझे कहने लगा ठीक है तुम दोबारा आ जाना। sexy badan

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