sex khani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/sex-khani/ Hindipornstories.org Fri, 17 Dec 2021 09:01:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 4 https://sexstories.one/ghar-me-chodai-kahaniya/ Thu, 23 Dec 2021 08:49:20 +0000 https://sexstories.one/?p=5032 शालिनी ने धीरे से बैग को अपने सिर के नीचे से बाहर निकाला और उसके सामने खड़े मांस को निगल लिया, आरव खुशी से कराह उठा जब उसे समझ में आया कि क्या हुआ है, शालिनी ने उसके लंड को चूसा...

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Ghar me Chodai story – “आरव, जल्दी से तैयार हो जाओ, मुझे किराना के लिए बाजार जाना है।” शालिनी ने कहा।

“आप पिता या आरती के साथ जा सकते हैं।” आरव ने चादर को सिर के ऊपर से खींचते हुए जवाब दिया।

“तुम्हारे पिता खेत में गए हैं और आरती नदी में कपड़े धोने गई है, हर किसी को तुम्हारे जैसा खाली समय नहीं मिलता।” उसकी मां ने मजाक में कहा, किसी ने भी आरव की घर पर बेकार बैठने के लिए आलोचना नहीं की क्योंकि वे जानते थे कि आरती के विपरीत जब वह शादी करेगा तो उसे दहेज मिलेगा, जिसके लिए उन्हें पैसे देने होंगे।

“वह अकेली क्यों नहीं जा सकती,” आरव ने निराश होकर अपनी साँसों में बड़बड़ाया।

“मैंने सुना है, ठीक है, मैं खुद सारा किराना नहीं ले जा सकता।”

“ठीक है माँ, बस मुझे तैयार होने दो।”

शामपुर गाँव की आबादी लगभग 200 लोगों की थी और इसके पीछे एक पर्वत श्रृंखला के साथ एक बहुत ही अलग स्थान था और सामने एक नदी बाहरी दुनिया से इसे अवरुद्ध करती थी, परिवहन का एकमात्र तरीका एक पुरानी बस थी।

Read Part 3 – एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 3

जैसे ही पुराने बस के इंजन ने अपनी तेज आवाज को दूर किया, आरव खुश था कि वह अपनी माँ के साथ आया जो उसकी जांघ पर हाथ रखे उसके बगल में बैठी थी; बस बड़ी थी क्योंकि यह उनके गांव की एकमात्र बस थी जो 33 किमी दूर बाजार तक जाती थी। सौभाग्य से आरव अंतिम दो सीटें लेने में सक्षम था, क्योंकि कोई भी अंतिम सीट नहीं लेना चाहता था जो कि टायरों के ऊपर स्थित है और बहुत उछाल वाली है, लोगों ने आखिरी सीट पर बैठने के बजाय खड़े रहना पसंद किया।

आरव ने खिड़की वाली सीट ले ली थी और उसकी माँ उसके बगल में बैठी थी, उसने लाल साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था और उसके लंबे बाल खुले हुए थे जिसे उसने अपनी गर्दन की सेक्सी लंबाई को उजागर करते हुए अपनी गर्दन के किनारे पर ले जाया है। उनकी सीट से सटे (टिकट कलेक्टर के लिए एक अंतराल के बाद) एक लड़की के साथ एक बूढ़ा आदमी बैठा, जो उसकी बेटी की तरह लग रहा था।

जैसे-जैसे यात्रा जारी रही, बस में खर्राटे भरने लगे, ज्यादातर लोग सो रहे थे और जो नहीं सो रहे थे, वे मरने की कगार पर थे, सिवाय शालिनी जो आरव की पैंट की जिप टटोलने में व्यस्त थी, उसे मुश्किल हो रही थी ज़िप को नीचे खिसकाने में चाहे वह कितनी भी जोर से खींचे, वह नीचे नहीं आएगी, उसने हार मान ली और अपने नरम लंड को उसकी पैंट से पकड़ लिया, उसे अपने हाथों में निचोड़ लिया।

आरव ने महसूस किया कि उसका लंड अपनी माँ के हाथ में बढ़ रहा है, उसने अपनी आँखों के कोने से देखा और देखा कि उसकी माँ ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं, जैसे ही उसने बूढ़े आदमी की ओर देखा, उसने लड़की की आँखों को सीधे अपनी माँ के हाथ की ओर देखा जब शालिनी जूट के थैले को स्टैंड से नीचे लाने के लिए उठी तो उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

जब उसकी माँ बैग नीचे लाने के लिए उठी तो आरव ने मौके का फायदा उठाकर अपनी ज़िप नीचे कर दी। शालिनी ने उस बैग को आरव की गोद में रख दिया और बैग के नीचे अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया; जब उसने ज़िप खोली तो वह मुस्कराहट नहीं रख सकी और उसने अपना हाथ उसकी पैंट में सरका दिया और उसके अंडरवियर से उसका सीधा मुर्गा बाहर निकाल दिया, अब उसका मुर्गा केवल जूट के थैले से ढका हुआ था।

“बेटा, मुझे नींद आ रही है, मुझे अपनी गोद में लेटने दो, ठीक है?” इसके साथ ही माँ ने अपने शरीर को घुमाते हुए अपना सिर उनकी गोद में रख लिया।

“ठीक है माँ।” आरव समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या करना चाह रही है।

शालिनी ने धीरे से बैग को अपने सिर के नीचे से बाहर निकाला और उसके सामने खड़े मांस को निगल लिया, आरव खुशी से कराह उठा जब उसे समझ में आया कि क्या हुआ है, शालिनी ने उसके लंड को चूसा, उसे निगल लिया, आरव ने उसके लंबे बालों को अपनी गोद में फैला लिया, उसमें से अपना सिर ढक लेती है। शालिनी उत्साह से भरी थी, उसकी कल्पना पूरी हो रही थी, किसी को चूसने की, सार्वजनिक रूप से, और यह सिर्फ कोई नहीं था, यह उसका बेटा था … तो यह उसके ऊपर एक बोनस की तरह था।

उसने सारा संकोच खो दिया, शालिनी ने अपना सिर थोड़ा ऊपर उठाया और उसके लंड के सिर को धीरे से चूमा, उसके चारों ओर चाटा, उसने अपनी जीभ से उसके छेद को छुआ, जिससे वह खुशी से उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा और फिर उसने उसे अपने मुँह में पूरी तरह से सरका दिया, आरव उसके बालों को पकड़ा और उसके सिर को अपने लिंग पर धकेल दिया, वह महसूस कर सकता था कि उसकी नाक उसके जघन बालों को खुरच रही है .. उसने उसे फिर से उसके बालों से उठा लिया .. और उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया … तेजी से ..

10 सेकेंड के बाद आरव सख्त हो गया… अपनी माँ के मुँह में वीर्य भर दिया, जबकि उसने सारा माल निगल लिया, एक बूँद भी बेकार नहीं गई, वे कुछ देर ऐसे ही रहे, उसके मुँह में उसका खर्चा मुर्गा। आरव ने ऊपर देखा और देखा कि लड़की उस पर मुस्कुरा रही है, उसने तुरंत अपनी निगाहें फेर लीं।

बस रुक गई और कंडक्टर ने घोषणा की कि वे अपने गंतव्य पर पहुंच गए हैं।

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दीदी की रंगीन रातो का चौकीदार https://sexstories.one/didi-ne-chudwaya-ajnabi-se/ Wed, 15 Dec 2021 07:00:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3508 अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी. मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है..

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Didi ne chudwaya ajnabi se नमस्कार दोस्तों. मै दाशिन खान राजस्थान के छोटे से गांव का रहने वाला हूं मेरी उम्र 23 साल है सबसे पहले मै आपको अपने परिवार का परिचय करवा देता हूं मेरे घर में हम 6 भाई बहन है 3 बहने और 3 भाई मेरे से सब बड़े है सब की शादी हो चुकी है मेरे को छो़कर… यह कहानी मेरी सबसे बड़ी बाजी (दीदी) सुल्ताना की है जिसकी उम्र करीब 42 साल है शादी शुदा औरत है दिखने में भोली भाली और शरीफ लगती हैं व हमारे घर के पास में ही उनका ससुराल है जहां वो अपने पति के साथ रहती हैं उनके 4 बच्चे हैं

बाजी दिखने में सुंदर है ज्यादा गोरी तो नहीं फिर भी उनकी हाइट ज्यादा और थोड़ी मोटी होने से उनका फिगर कातिलाना है मोटी मोटी आंखे, बड़ी बड़ी चूचियां और जांघे और सबसे ज्यादा आकर्षित उनके बहुत बड़े बड़े चूतड जो चलने पर बहुत मस्त लगते थे ! गाव में औरतें घाघरा चोली ही पहनती हैं मेरी बाजी भी यही पहनती थी जीजाजी 45 साल के है और हट्टे कट्टे लगते हैं यहां गांव में ज्यादा तर का काम खेती का ही होता है हालाकि बाजी कभी कभी नौकरानी का काम भी कर लेती हैं बड़े घरो में खाना बनाने का

मै बचपन से ही अपनी बाजी के पास ज्यादा रहा हूं क्युकी हमारे गांव में स्कूल नहीं था इसलिए मैं उनके पास रहता था और पढ़ाई करता था जब मै छोटा था और मेरे में समझ कम थी तब रात को बाजी और जीजाजी रात को उठकर घर के अंदर जाते थे और 15-20 मिनट बाद वापस आ जाते थे बस मुझे बाजी की चूड़ीयो की और सिसकारी की आवाज आती थी पर मुझे उस समय पता नहीं था कि अंदर क्या होता था बाद में पता चला कि अंदर क्या होता था
खैर बात साल भर पुरानी है काफी समय बाद अब मै शहर में रहता था और पढ़ाई करता था जब भी मैं घर जाता तो पहले मै बाजी के घर जाता था क्यूकी शहर से जो बस जाती वो जीजा जी के गाव जाती आगे मै जीजाजी की बाइक लेकर घर जाया करता था

उस दिन भी मै शहर से रवाना हुआ जीजा जी को फोन लगाया तो बंद बता रहा था मैंने सोचा घर पर होगे तो आज उन्हें मिलकर सरपाइज देता हूं रात को करीब 10 बजे मै उनके गांव पहुंच गया बस स्टैंड से पास में ही उनका घर था तो मैं उनके घर की तरफ रवाना हुआ बाजी का घर बाकी घरों से सबसे अंतिम में है उनके घर में 2 गेट है एक सामने और एक पीछे

पीछे की तरफ गायो का बाड़ा बना हुआ है मै धीरे धीरे उनके घर के पीछे वाले हिस्से में पहुंचा था और सोचा जीजा जी कोल करू की आप आगे का गेट खोले मै आ रहा हूं

जैसे ही मै पीछे वाले गेट के पास पहुंचा मुझे बाजी के घर के पिछले रूम जो स्टोर रूम बना हुआ है उसमे से आवाज आई मै रुक गया थोड़ा रुका तो फिर लगा कोई आपस में बात कर रहे हैं मैंने सोचा कोन हो सकता है इतनी रात में वो भी स्टोर रूम में मै पीछे गेट से स्टोर रूम की खिड़की जो बाहर की तरफ थी उसके पास गया और आवाज सुनने लगा तो बाजी की आवाज सुनाई दी

आह धीरे से करो ना आज कोई नहीं है….

मुझे अजीब लगा दीदी और जीजू यहां क्यू आए हैं वो यह सब कुछ आगे वाले रूम में भी कर सकते थे ….

बाजी की आवाज फिर सुनाई दी आज सिर्फ बच्चे ही है और कोई नहीं आप आराम से करिए।।।

मेरा दिमाग खराब हो गया मतलब की बाजी के साथ जीजू नहीं थे कोई और था मै शोक हो गया पहले सोचा घर का आगे का गेट बजा देता हूं पर मै वही रुक गया और आवाज सुनने लगा कि बाजी के साथ और कोन है

मै बिल्कुल खिड़की के पास चला गया और अंदर देखने लगा तो लाइट बंद थी पर जो टूटी फूटी चारपाई थी उस पर बाजी लेटी हुई थी और एक आंदमी उस पर चढ़ा हुआ था शायद वो बाजी के चूचे दबा रहा था जिसे बाजी हल्की सी सिसकारी ले रही थी क्युकी चारपाई का मुंह खिड़की के पास में था इसलिए बाजी का सर बिल्कुल खिडकी से सटा हुआ था यानी कि बस कुछ ही दूरी पर मेरी बाजी को बजा रहा था.

थोड़ी देर तक बाजी की आवाज़ आई “अब राहा न जाता मुझे चोदो ना”

अब मुझे भी मजा आने लगा और मेरा हाथ अपने आप पैंट में चला गया और मैं अपने लन्ड को दबाने लगा

कुछ देर बाद पायल की आवाज सुनाई दी और वह बाजी को लिप किस करने लगा

अभी फिर उस आदमी की आवाज़ आई

‘मेरी जान तैयार हो’ उधर से बाजी की सिर्फ हम्ममम की आवाज़ आई

अचानक से बाजी जोर से चीखी

, मादरचोद आराम से मारेगा क्या’

उफ्फ आराम से उम्मम्मम हाय री’

अब बाजी की पायल की आवाज़ आने लगी और साथ में चारपाई की चू चू करती आवाज़

मेरा लन्ड पूरा तन गया था और मै भी मूठ मार रहा था

अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी

मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है तो मुझे क्या दिक्कत

खैर कमरे से आती गालियों की आवाजे भी अब मुझे मधुर लगने लगी

बाजी- मादर चोद आराम से करो ना मै कोई रडी नही हूं

आदमी- साली हमेशा मैरा मोटा लन्ड लेती हो और बोलती हो रांड नहीं हो ।।।। ‘साली आज तेरी बुर् फाड़ दुगा” “साली रांड ले मेरा लन्ड पूरा”

बाजी बड़े मजे से लन्ड खा रही थी उसका छोटा भाई सिर्फ़ उसकी धमाके दार चुदाई देख रहा था

करीब 15 मिनट बाद उनका तूफान शांत हुआ वो आदमी बड़े जोर से चिल्लाता हुआ बाजी के भोसड़े में झड़ गया

उनके साथ मेरे लन्ड का पानी भी निकल गया और मैं धीरे से आगे वाले गेट पर आ गया और बाजी को आवाज़ लगाई

थोड़ी देर बाद बाजी बाहर आयी और मुझे देखकर बोली “अरे छोटे तू कब आया’

मैंने कहा “अभी आया हूं बाजी

बाजी थोड़ी सी डरी हुई थी और उसकी हालत थोड़ी थोड़ी खराब थी और होती थी क्यों नहीं अभी एक आदमी से जमकर अपना भोसड़ा मरवा के आय्यी हो

मै अंदर आ गया तो बाजी बोली “छोटू तुम रुको यहां मै तेरे लिए खाना लगा देती हूं”

और इतना कहकर वो पीछे वाले गेट की तरफ गयी शायद वो आदमी अभी पीछे वाले गेट पर ही था

मै भी उठा और पीछे की तरफ चला गया पीछे की तरफ देखा तो वहां कोई नहीं था थोड़ा और पीछे गया तो सामने बाड़े में उस आदमी ने मेरी बाजी को पकड़ रखा था क्युकी चांदनी रात थी इसलिए मुझे सब साफ दिख रहा था

एक लंबा सा और मोटा सा आदमी मेरी बाजी पकड़े हुए था मुझे तो बहुत आश्चर्य हुआ कि केसे इस सांड को बाजी ने अपने ऊपर लिया हुआ था

बाजी कराहा कर बोली “”जाओ जल्दी छोटा भाई आ गया है”

तो वो आदमी बोला “तो क्या हुआ भाई को भी देखने दे कि केसे उसकी बहन रात में अपनी चुदाई करवाती हैं”

इतना कहकर उसने मेरी बाजी के होठ अपने मुंह में ले लिया

मै मन हारकर रह गया कि कोई मेरी बाजी को मेरे सामने मसल रहा है और मैं सिर्फ़ देख रहा हूं

मै वापस आकर रूम में बैठ गया थोडी देर बाद दीदी वहां पर आई उसके बाल बिखरे हुए थे और गालों पर काटने जैसे निशान थे

मैंने कहा “बाजी इतनी देर कहा लगा दी”

तो वो बोली “छोटू गाय के बाड़े में सांड घुस गया था उसे निकालने गई थी”

मै मन में ही बोला “अभी तो वो सांड आपके ही ऊपर था”

खैर थोडी देर इधर उधर की बाते हुई और मै सो गया

सुबह बाजी ने उठाया और चाय दी

मैने चाय ली और कहा “बाजी जीजा जी कहा है

वो बोली”तेरे जीजा जी पास के गांव में गए है कुछ खेतो के काम से 2 दिन बाद आएगे”

मैने नहा धोकर खाना खाया और पीछे गेट पर आ गया और धूप सेकने लगा इतने में बाजी आ गई और हम बाते करने लगे

बाजी- “छोटे अब बता कैसी चल रही है तेरी पढ़ाई ”

मै बोला”बहुत ही अच्छी है बाजी”

Anjabi ne choda – टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया – भाग 2

बाजी- “घर कब जा रहे हो अम्मी के पास”

मै बोला”शाम को जीजा जी की बाइक लेकर जाऊगां”

पर वो बोली “बाइक तो तेरे जीजा जी ले गए”

थोड़ा सोचकर बोली “एक काम हो सकता है अपने स्कूल के सर जी पीछे ही रहते हैं उनके पास बाईक है तुम ले जाना और वापस आते हुए ले आना”

मैने कहा”तुम केसे जानती हो सर जी को” तो वह कहने लगी कि ‘स्कूल में प्रोग्राम होता रहता है इसलिए मै वहां खाना बनाने जाती हूं”

और बाजी ने सर जी को फोन किया और सब बात बताई तो वह बोला मैं आ रहा हूं 10 मिनट में

और थोडी देर बाद एक आदमी आया

अरे यह तो रात वाला ही आदमी है जो मेरी बाजी को चोदकर गया था

उसने कहा “यह लो चाबी छोटू शाम से पहले चले जाना यहां बहुत सर्दी है”

मुझे तो ऐसा लगा कि बो बोल रहा हो कि शाम से पहले चले जाना क्युकी रात में तेरी बाजी मेरे से भोसड़ा मरवाएगी

खैर वो बोलकर चला गया

और हम इधर उधर की बाते करने लगे

इतने में जीजा जी का कोल आया तो पहले बाजी बात करने लगी बाद में उसने मेरे बारे में बताया तो जीजाजी ने कहा कि यह यह तो बहुत ही अच्छा हुआ कि मुझे अभी 4-5 दिन और लग जाएंगे तुम छोटू को अपने पास में रहने देना
शायद बाजी को यह अच्छा न लगा और लगता भी केसे उसका प्लान खराब हो गया था

मै खुश हो गया और बाजी मायूस हो गई

मैने कहा “क्या हुआ बाजी”

वो बोली “कुछ नहीं”

ऐसे करके 2 दिन निकल गए

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चूत के रस ने बुझाई लंड और अन्तर्वासना की आग https://sexstories.one/chut-chudai-ki-antarvasna-kahaniya/ Mon, 14 Jun 2021 14:29:18 +0000 https://sexstories.one/?p=3784 हैलो दोस्तों मेरा नाम अभिलाष है और मैं जगदलपुर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 25 साल है और मैं बहुत ही चुदक्कड किस्म का इंसान हूँ | मैं आए दिन कोई न कोई ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैलो दोस्तों मेरा नाम अभिलाष है और मैं जगदलपुर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 25 साल है और मैं बहुत ही चुदक्कड किस्म का इंसान हूँ | मैं आए दिन कोई न कोई लड़की ढूंढ़ता ही रहता हूँ ताकि किसी को पटाऊ और चोद सकूँ लेकिन मेरी किस्मत में लड़कियां नहीं है इसलिए मेरी नज़र आंटियों पर रहती है | मैंने बहुत सी आंटियाँ पटाई और बजाई भी लेकिन लड़की की चूत मारने का मज़ा ही कुछ और होता है | मैं दिखने में भी अच्छा हूँ फिर भी कोई लड़की मुझसे नहीं पटती लेकिन ऐसा नहीं है मैंने भी दो लड़कियों को चोदा है जिसमें से एक की कहानी मैं आज आपको बताने जा रहा हूँ |

मेरी एक दोस्त है जिसका नाम जया है और मेरी स्कूल फ्रेंड है | हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है और हम दोनों एक दुसरे को भाई बहन मानते है | स्कूल के बाद भी हम दोनों मिलते रहते है और बातें भी होती ही रहती है | एक बार उसने मुझसे पूछा क्या तुम नशे में हो ? तो मैंने कहा हाँ | तो उसने कहा मतलब तुम शराब भी पीते हो ? तो मैंने कहा हाँ लेकिन तुम आज ये क्यूँ पूछ रहे हो ? तो उसने कहा यार मुझे भी टेस्ट करनी है | तो मैंने पूछा तुम मजाक कर रही हो क्या ? तो उसने कहा नहीं यार मैं सीरियस हूँ मुझे एक बार ट्राई करनी है | तो मैंने कहा ठीक है लेकिन मेरे पास अभी पैसे नहीं है जब आयेंगे तो पिला दूंगा | तो उसने कहा अरे तूने कैसी बात कर दी मैं दे रही हूँ न | तो मैंने कहा अच्छा पीयेंगे कहा क्योंकि अहाते में तू जा नहीं सकती | तो उसने कहा अच्छा चलो कहीं दूर चलते है |

तो मैंने सोचा और मेरे दिमाग में एक जगह आई और मैंने कहा हाँ मुझे एक जगह पता है | तो उसने कहा चलो कब चलना है तो मैंने कहा जब तुम कहो | तो उसने कहा चलो कल चलते है और मैंने कहा हाँ चलो | फिर उसने कहा मेरी एक दोस्त भी है वो भी मेरे साथ आएगी तो मैंने कहा हाँ कोई दिक्कत नहीं | जब उसने फ़ोन रखा तो मैं सोच रहा था कि ज़रूर ये अंकिता को लेकर आएगी | ये अंकिता वही है जो स्कूल में उसकी दोस्त और बहुत गज़ब की माल थी और मैं उसे पटाने में लगा हुआ था लेकिन पटी नहीं थी | मैं मन में ख़ाब सजा रहा था कि अगर वो आई तो मैं क्या कहूँगा और कैसे उससे बात करूंगा ? लेकिन आपको मेरी किस्मत पता ही है | वो किसी और को लेकर आई उसका नाम रोशिनी था लेकिन वो भी दिखने में बुरी नहीं थी | हम तीनो उस जगह पर पहुंचे और दारु पीने लगे |

जया ने कहा मैं ज्यादा नहीं पीउंगी तो मैंने कहा यार इतनी सारी है ख़त्म कैसे होगी ? तो रोशिनी ने कहा अरे मैं हूँ न अपन दोनों ख़त्म कर देंगे | तो मैंने पूछा तुम भी पीती हो क्या ? तो उसने कहा नहीं ये मेरा दूसरी बार है | मैं समझ गया इसको बहुत जल्दी चढ़ जाएगी | तो जया ने एक पेग लिया और बाकी की बोतल ख़त्म करने में रोशिनी ने मेरा साथ दिया | रोशिनी को नशा हो चूका था और वो बार बार झुकी जा रही थी और मेरी नज़र हर बार उसके दूध पर जा रही थी | उसके बाद एक एक पेग और बने और वो मस्त नशे में आ गई लेकिन मुझे ज्यादा कुछ ख़ास नशा हुआ नहीं था | फिर मैंने बोतल फ़ेक दी और आके दोनों के साथ बैठ गया | जया ने बताया तुम्हें पता है जब मैंने पीने के लिए रोशिनी से पूछा तो उसने मना कर दिया था लेकिन जब मैंने उसे तुम्हारी फोटो दिखाई तो वो मेरे साथ चलने की ज़िद करने लगी |

रोशिनी नशे में थी और कुछ बोल नहीं रही थी तो मैंने उससे बात करना ठीक नहीं समझा | फिर मैंने जया से पूछा अच्छा अंकिता कैसी है तो उसने कहा अभी तक नहीं भूले तुम ? तो मैंने कहा हाँ यार वो थी ही इतनी अच्छी और उसकी तारीफ करने लग गया | मैंने अंकिता की थोड़ी सी तारीफ क्या कर दी रोशिनी मेरे ऊपर फट पड़ी | उसने कहा अच्छा मतलब मैं बुरी हूँ तो मैंने कहा अरे मैंने ऐसा कब कहा ? तो वो बोली नहीं तेरा मतलब तो यही है | तो मैंने कहा अरे मैं ऐसा नहीं कह रहा हूँ मैंने सिर्फ कहा की वो अच्छी थी लेकिन तुम बेस्ट हो | तो वो मुस्कुराने लगी तो मैंने सोचा अभी तो ये नशे में भी है और मुझे पसंद भी कर रही है तो क्यों न कुछ कुछ हो जाये | मैंने उससे पूछा अच्छा रोशिनी और पीयोगी तो उसने कहा हाँ तो मैंने कहा मेरा पी ले |

उसे समझ में नहीं आया लेकिन जया समझ गई और मेरी तरफ देखकर नहीं नहीं करने लगी | तो रोशिनी ने जया से कहा अच्छा ये वो सब बोल रहा है क्या ? तो उसने कहा अरे नहीं ये तो है ही पागल तुम क्यों सीरियस हो रही हो ? तो उसने कहा अरे ऐसे कैसे मैं इस बात का जवाब ज़रूर दूंगी तू बता इसने क्या कहा ? तो मैंने कहा मुंह में ले ले मेरा | तो वो खड़ी हुई और मेरे पास आई और नीचे बैठकर मेरी पैन्ट के ऊपर से लंड पर हाँथ फिराने लगी | तो जया ने कहा अरे यहाँ ये सब तो मैंने जया से कहा तुम घूम जाओ आज तो कुछ न कुछ हो कर रहेगा | तो वो घूम गई और मैंने अपनी पैन्ट की ज़िप खोली और लंड बाहर कर दिया | उसने मेरा लंड पकड़ा और फिर मुझे देखते हुए लंड मुंह में ले लिया | मुझे तो मज़ा ही आ गया था और मैं बहुत अच्छा अच्छा महसूस भी हो रहा था | फिर वो मेरा लंड चूसती रही और मेरा लंड खड़ा हो गया | मैं आसपास नज़र रखा हुआ था लेकिन वहाँ ज्यादा कोई आता जाता नहीं था |

फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके दूध दबाने लगा टॉप के ऊपर से और पीर मैंने एक हाँथ नीचे से उसके टॉप के अन्दर डाल दिया | फिर मैंने उसके दूध दबाये और किस करने लग गया | वो नशे में थी लेकिन भोसड़ी वाली मज़े पूरे ले रही थी और जमकर किस करने में लगी हुई थी | मैं भी कहाँ पीछे हटने वाला था क्योंकि हमेशा से मैं सिर्फ फटा भोसड़ा ही मारता रहता हूँ और अभी पैक्ड मिल रहा है तो कैसे छोड़ दें | फिर मैंने उसकी जीन्स का खोलना शुरू किया तो उसने अपना हाँथ लगाया और खोल दिया और फिर मैंने उसकी जीन्स उतारी और पैंटी भी उतार दी | उसकी चूत में बिलकुल बाल नहीं थे तो मैंने पूछा क्यों आज का पूरा प्लान करके आईं थी क्या ? तो उसने कहा नहीं मैं साफ सफाई रखती हूँ | मैंने पूछा पहले कभी किया है तो उसने कहा हाँ तीन बार बस | तो मैंने सोचा चलो इतना भी चलेगा और उसकी चूत घिसने लगा | वो ऊम्म्मम्म उम्म्म्मम्म अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआअ आआआआ उम्म्मम्म्म्म उम्म्म्मम्म य्य्य्यय्य्य य्य्य्यय्य्य आआआआ ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी |

फिर मैं उठा और अपना खड़ा लंड उसकी चूत पर रखा और वो मचलने लगी | तो मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा और उसकी चूत में थोडा सा अन्दर किया और वो तड़पने लगी और आह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह म्मम्मम्म ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ आआआअ ह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह करने लगी | फिर मैंने धीरे धीरे थोड़े से लंड से उसको चोदना शुरू किया और वो अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आआआ अह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह करती रही | चोदते चोदते मैं बार बार जया की तरफ देख रहा था लेकिन वो पलट कर बैठी हुई थी तो मैंने जया को आवाज़ लगाई और कहा अरे देखो तो | तो उसने कहा मुझे नहीं देखना तो मैंने कहा ठीक है तो वो पलटी और मैंने एकदम से रोशिनी की चूत में पूरा लंड डाल दिया और उसकी चीख निकल गई | वो मेरे पेट पर हाँथ रखकर मुझे धक्का देने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं तो झटके मारने में लगा हुआ था |

वो जोर जोर से अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्हा आआआअ आआआअ आआअ य्य्य्यय्य्य अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह ईह्ह्हह्ह्ह्ह एह्ह्हह्ह्ह्हह्ह एस्स्स्सस्स्स्स आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह कर रही थी | फिर मैंने जया की तरफ देखा और फिर और जोर जोर के झटके मार मार के रोशिनी को चोदना शुरू किया और वो अब और जोर जोर से अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह आआअ आआआ आआआ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह करने लग गई | फिर मेरा छूटने को हुआ तो मैंने सोचा अन्दर ही झड़ा दूँ क्या लेकिन फिर कुछ कुछ सोच कर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और लंड हिलाते हुए उसकी चूत और पेट के बीच में झड़ा दिया | फिर मैंने कहा क्यों मज़ा आई तो उसकी आँखों में आंसू थे लेकिन फिर भी उसने कहा हाँ बहुत | फिर हमने कपडे पहने और थोड़ी देर वहाँ बैठे और फिर चले गए | उसके बाद मैंने कई बार जया से पूछा फिर कब आ रही है रोशिनी लेकिन वो कभी भी मुझे उससे मिलाती नहीं है और उसका नंबर भी नहीं देती |

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कंपनी की सहकर्मी को चोदा https://sexstories.one/company-me-chudai/ Wed, 09 Jun 2021 02:40:45 +0000 https://sexstories.one/?p=3745 हेलो दोस्तों सभी लंड मालिकों को प्रणाम और चुत की मालकिनों को मेरे लंड का प्रणाम। मेरा नाम अभय और मैं राजस्थान से हु। और जयपुर रह कर एक आईटी कंपनी में नौकरी कर रहा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों सभी लंड मालिकों को प्रणाम और चुत की मालकिनों को मेरे लंड का प्रणाम। मेरा नाम अभय और मैं राजस्थान से हु। और जयपुर रह कर एक आईटी कंपनी में नौकरी कर रहा हु ।आज की इस कहानी में बताऊंगा की कैसे मैंने मेरी सह कर्मी की चुदाई की। Company me chudai ki sex kahani

सबसे पहले जिसके बारे में कहानी है उसका परिचय करवा दू, उसका नाम है रीना इसकी हाइट 5’11” होगी और उसका शरीर ठीक ठाक है पर उसकी गांड फूली हुई है जब भी उसकी गांड देखता हु तो मन करता है अभी खोल के लंड ठूस दू ।

अब कहानी पर आते है बात आज से 2 साल पहले की है मैं और रीना एक ही IT कंपनी में काम करते थे उसे भी इस कंपनी में आये 15 दिन ही हुए थे और मैं भी इस कंपनी में नया नया ही आया था। कुछ दिन तो कंपनी में ऐसे ही चलता था फिर एक दिन कम्पनी में इंटरनेट नहीं आ रहा था और आप सभी जानते है आईटी कंपनी इंटरनेट बिना कुछ नहीं है, तो बस ऐसे ही सभी बैठे थे ..

तो आपस में बातचीत शुरू हुई थोड़ी बहुत जान पहचान उसने भी बी.टेक किया था और मैंने भी बी.टेक तो बाते चलती गई 2-3 घटे कब उसके बोबो को देखते देखते निकल गए पता ही नहीं चला इसी बीच मोबाइल नंबर भी अदला बदली कर ली । अब उसके बाद कुछ नहीं रोज वही गुड मॉर्निंग होती और लंच सभी के साथ करते तो वह बात होती 2 महीने इसी में निकल गए।

2 महीने बाद किस्मत ने जागना शुरू किया जब उसके पास जो बैठता था उसने कंपनी छोड़ दी और उसके 3-4 दिन बाद मेरा कंप्यूटर ख़राब हो गया तो मैनेजर ने मुझे उसके पास ही बैठा दिया उसके पास बैठ कर बहुत खुशी हुई अब लगा की बात कुछ आगे बढ़ेगी । अब रोज बाते होने लगी कभी रात को व्हाट्सअप पर भी हो जाती थी फ़ोन पर रात को बात नहीं होती थी क्योकि उसका जयपुर में ही घर था तो सभी घर पर ही रहते थे ।

उसके करीब 1 महीने बाद एक बार मैंने ऐसे ही अपने दोस्तों के साथ पार्टी की थी तो उसकी फोटोज उसे बता रहा था तो उसने पूछा की तुम ड्रिंक भी करते हो मैंने कहा हा बस फिर क्या था उसने कहा यार कभी बैठते है न बहुत दिन हो गए दारु पिए ।

मैंने कहा कोई बात नहीं अगले शनिवार का प्रोग्राम बनाते है। 3 दिन बाद शनिवार था तो पक्का हो गया की शनिवार को दारु पार्टी होगी लेकिन उसने बोला की इस बारे में किसी और को पता नहीं लगना चाइये । अब तो मेरे मन में भी लड्डू फुट रहे थे की अब तो शनिवार को हो सकता है चुत मिल जाये।

उसने भी अपने घर पर बोल के की दोस्तों के साथ रात को मूवी और फिर उसके बाद दोस्तों के पास ही रुक जाउंगी। तो घर वालो ने भी परेशान भी नहीं किया ।

अब आते है पार्टी वाले दिन जैसे हमने पक्का किया था की मैं ऑफिस से जल्दी निकल जाऊंगा और बियर खरीद लूंगा और साथ नहीं जायेंगे तो किसी को शक भी नहीं होगा, मैं जल्दी निकल गया और मैंने 10 बियर खरीद ली इतनी तो पीते नहीं लेकिन क्या पता कब जरूरत पद जाये तो मैंने एक्स्ट्रा ही खरीद की और साथ में चकना और सिगरेट के 2 पैकेट खरीद लिए क्योकि वो रीना खुद भी सिगरेट पीती थी और खाना हमने बहार ही आर्डर करके मंगवा लिया..

अब तय समय पर हम बाहर बाजार में मिले क्योकि डायरेक्ट घर नहीं जा सकते क्योकि में एक अपार्टमेंट वाली बिल्डिंग में एक २ BHK फ्लैट में किराये से रहता था तो जल्दी के समय सभी रहते है तो सोचा थोड़ा घूम लिया जाये और फिर थोड़ा लेट चलेंगे हम थोड़ा मार्किट घूमे और ९ बजे करीब अब हम घर के लिए निकल गए घर पर जाते ही मैंने सभी दरवाजे बंद किये और घर पैक कर लिया ।

अब रीना ने आते ही थोड़ा फ्रेश होकर कपडे चेंज किया और एक शॉट्स और एक पतली सी टी-शर्ट पहन ली उसकी गोरी गोरी जाँघे देख कर मेरा लंड पहले से ही फड़फड़ाने लग गया मैंने उसे शांत किया और दारु पीने की तैयारी की और कमरे में पीने बैठ गए ।

पहले एक-एक गिलास पी और फिर हम सिगरेट पीने लगे और हमने सोचा की कुछ देखा जाये तो हम मिर्जापुर वेब सीरीज देखने लग गए और साथ साथ दारु पी भी रहे थे, फिर बीच में मुन्ना भैया की चुदाई वाल सीन आ गया और रीना ने उसे बंद कर दी बोली की कुछ अपनी बाते करते रहे और पीते रहे हम 8 बॉटल ख़तम कर चुके तेह मैंने बोला की अब खाना कहा लिया जाये अगर इच्छा होगी तो बाद में फिर पी लेंगे…

उसने बाद हमने खाना खा कर रात के करीब 12 बजे ऊपर छत पर आ गए ऊपर खुली हवा में दारु का नशा और छाने लगा उसके बाद हमने एक कोने में बैठ गए और सिगरेट पीने लगे सिगरेट हम रात के अँधेरे में धीरे-धीरे बाते कर रहे थे और सिगरेट पी रहे थे अचानक से वो मेरे कंधे पर सर रख कर बाते करने लगी मैं उसके गालो पर हाथ फेरने लगा फिर उसने अपना सर उठाया और मुँह नजदीक लागर kiss करने की कोशिश कर रही थी..

मैंने भी अपना मुँह आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे किश करना शुरू..

अब 5 मिनट बाद मैंने उसे बोला की अब नीचे चलना चाइये वो आगे आगे चल रही थो और मैं पीछे-पीछे, जैसे ही हम कमरे में अंदर घुसे मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया, और घुमा कर किश करना स्टार्ट कर दिया वो भी जोरो से मुझे किश करे जा रही थी किश करते करते मैंने उसकी पतली सी टी-शर्ट उतर दी और ब्रा भी अब मैं उसके बोबो को भी दबाना और चूसना स्टार्ट कर दिया । उसने भी अब मेरे निकर में हाथ डाला और मेरा लंड पकड़ लिया और उसे दबाने लग गई..

अब मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया उसकी चुत एक दम साफ़ चिकिनी थी जैसे की आज ही साफ़ की हो और मैं उसकी चुत चाटने लगा वो बहुत आवाजे करने लग गई एक बार तो वो झड़ गई अब हम 69 की पोजीशन में आ गए वो मेरा लंड मजे से चूस रही थी 15-20 की इस प्रक्रिया के बाद वो दुबारा से झड़ गई थी और मैं भी झड़ गया था, उसके बाद हमने सोचा क्यों न एक-एक गिलास बियर और पी ली जाये…

अब हम दोनों ही नंगे थे और बियर पी रहे थे, उसे पता नहीं क्या सुझा उसने मेरा लंड उसके बियर के गिलास में डुबोया और उसे चूसने लगी मेरी बियर भी ख़तम हो चुकी थी, मेरे पास कंडोम हमेशा होते थे मैंने कंडोम निकला उसके बाद मैंने उसे लेटाया और उसके चुत पर लंड रख कर आहिस्ता-आहिस्ता अंदर घुसाया ताकि उसे भी मजा आये उसे दर्द हो रहा था उसके बाद में उसके बोबे सहलाने लगा अब उसे भी मजा आ रहा था..

उसके बाद मैंने अपने धक्के स्टार्ट किये और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाई, उसेक बाद लगातार चुदाई चलती रही फिर में उसे घोड़ी बनाया और धककम्पेल चुदाई चलती रही वो करीब 20 मिनट बाद वो झड़ गई थी उसके कुछ देर बार मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया ।

उसके बाद हमने सिगरेट पी , गर्मी का मौसम था क्यों न एक बार नहा लिया जाये उसके बाद सोयेंगे और हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर लेने लगे इसके साथ ही रीना ने फिर से मेरा लंड मसलना स्टार्ट कर दिया और चूसना शुरू किया उसके साथ ही मेरा लंड एक बार फिर से तैयार था मैंने उसे वही बाथरूम में घोड़ी बनाकर वही करीब 20 मिनट चोदने के बाद लंड बहार निकला और उसके मुँह में दे दिया..

उसके बाद 2 मिनट चूसने के बाद उसने मुँह में ही झड़ गया उसके बाद हम नहाये और एक दूसरे को पोंछ कर नंगे ही सो गए उसके बाद सुबह करीब 6 बजे मेरी नीच खुली तो देखा रीना पहले हु उठ गई थी और मेरे लंड के साथ खेल रही थी मैं उसे किस करने लगा और हमने एक बार और चुदाई की उसके बाद वो तैयार होकर अपने घर चली गई और मैं 12 बजे तक सोया । इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते और बहुत मजे किये, तो दोस्तों किसी लगी मेरी ये कहानी..

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