मेरा लंड मैडम का साथी
डायरेक्टर सर का जब भी मन करता था मैडम को चोदने का तो वो अपने बंगले में मैडम को बुला कर खूब चोदते थे | स्कूल में हम लोगो का लास्ट साल था मेरा मन तो नहीं कर रहा था इस स्कूल से जाने का क्योकि मुझे मैडम को चोदना था..
डायरेक्टर सर का जब भी मन करता था मैडम को चोदने का तो वो अपने बंगले में मैडम को बुला कर खूब चोदते थे | स्कूल में हम लोगो का लास्ट साल था मेरा मन तो नहीं कर रहा था इस स्कूल से जाने का क्योकि मुझे मैडम को चोदना था..
उनका लंड मेरी जांघो के बीच मे फँसने लगा सर ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया मेरी दूसरी चूंची को चूसने लगे ओर मेरे होठो को चूसने लगे मे भी गर्म हो चुकी थी उसकी वजह थी की उनका मोटा लंड जो मेरी जांघो के बीच में बेठ कर मेरी चूत को रग़ड रहा था…
फिर सर ने मेरी पैंटी उतर दी। मेरी चुत से पानी आ रहा था। मैं जाने के करन खादी भी नहीं हो पा रही थी। फ़िर उन्होन मेरा ब्लाउज़ खोला। और मेरे बड़े बड़े बूब्स सर के सामने आ गए थे। सर उन्हे देख कर फर्ले से ज्यादा उत्तेजित हो गए और अब उन से रहा नहीं जा रहा था।