porn kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/porn-kahani/ Hindipornstories.org Wed, 03 Nov 2021 06:58:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 कॉलेज के डायरेक्टर ने चोद दिया https://sexstories.one/college-me-director-se-chudai-kahani/ Wed, 03 Nov 2021 06:58:06 +0000 https://sexstories.one/?p=3256 उनका लंड मेरी जांघो के बीच मे फँसने लगा सर ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया मेरी दूसरी चूंची को चूसने लगे ओर मेरे होठो को चूसने लगे मे भी गर्म हो चुकी थी उसकी वजह थी की उनका मोटा लंड जो मेरी जांघो के बीच में बेठ कर मेरी चूत को रग़ड रहा था...

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College me chudai kahani मेरा नाम हीना हे ओर मे 20 साल की इंजिनियरिंग स्टूडेंट हूँ मैने इन स्टोरियों को अभी कुछ दिनो से पढ़ना शुरू किया है तो सोचा अपनी लाइफ की रियल स्टोरी भी शेयर करूँ। में बी.टेक II ईयर की स्टूडेंट हूँ ये कहानी आज से करीब 1 साल पहले की है जब मे I ईयर मे थी दोस्तो पहले मे आपको अपने बारे मे बता दूं मे दिखने मे काफ़ी खूबसूरत हूँ.

ऐसा मेरी फ्रेंड्स कहती है ओर शायद सच ही कहती है क्योंकि मेने हमेशा लड़को को अपने आस पास फिरते देखा मेरा फिगर भी काफ़ी आकर्षक है 36-28-36 मेरी फ्रेंड्स और ये भी कहती है की तुझे मॉडल होना चाहिये था मेरे बूब्स स्कूल टाइम से ही थे लेकिन कभी सेक्स तक बात नही पहुंची और लड़को से बस किस और बूब्स प्रेस तक ही बात सीमित रही मे भी डरती थी की कहीं कुछ प्रोब्लम ना हो जाये तो मेने आगे नही बढ़ने दिया किसी को यहाँ एड्मिशन के टाइम हॉस्टल की सीट्स फुल हो जाने की वजह से मुझे हॉस्टल मे रूम नही मिल सका ओर बाहर किराये पर रूम लेना पड़ा.

अब्बू ने ये देखकर ही किराये पर रहने की इजाजत दी की वहाँ लड़के नही थे सिर्फ़ लड़कियाँ ही थी खेर किसी तरह सेट्ल हो गई मे भी लेकिन मेरा कॉलेज जाने का मन नही करता था क्योंकि मेरी कोई दोस्त भी नही थी ओर ए.सी ब्रांच थी मेरी तो सभी लड़के ही थे तो मे बोर हो जाती थी ये बात अलग है की लड़के सभी मेरे पीछे ही पड़े रहते थे लेकिन मेरा मन नही करता था क्लास में जाने का और लेक्चर्स बोरिंग लगते थे मुझे लेकिन मेरी इस लापरवाही से मेरी उपस्थिती शॉर्ट हो गई मेरा नामे डीटेंड लिस्ट मे आ गया यानी वो स्टूडेंट्स जिन्हे परीक्षा ही नही देने दी जायेगी मेरी तो हालत खराब हो गई परीक्षा ना देने का मतलब था की मेरा 1 साल बर्बाद चला जाता अब्बू अम्मी को क्या कहूँगी मे यही सोच कर मे टेन्शन मे आ गई.
सभी टीचर्स से रिक्वेस्ट की मेने लेकिन कोई सुनने को तैयार नही था सभी का कहना था की अब तो सिर्फ़ डाइरेक्टर सर ही कुछ कर सकते है लेकिन मेरी हिम्मत नही हो रही थी उनके सामने जाने की फिर मेरी एक सीनियर ने समझाया तो डाइरेक्टर से मिल ले नही तो फैल होने के लिये तैयार रहना मेने दिल को कड़ा करके उनसे मिलने का फेसला किया मिलने से डर इसलिये लग रहा था क्योंकि काफ़ी स्ट्रिक्ट थे वो आर्मी से रिटायर्ड थे करीब 6’6” फुट लंबे ओर काफ़ी भारी शरीर के व्यक्ति थे हमेशा गुस्से मे ही लगते थे लेकिन अब मेने फेसला कर लिया तभी मेरी 1 फ्रेंड ने मुझे उनके बारे मे ये बताया की डाइरेक्टर सर लड़कियों की तरफ़ कुछ ज़्यादा ही ध्यान रखते है कई बार पहले उनके रिलेशन सुनने को मिले है कॉलेज की लड़कियों से अगर तू उन्हे फंसा सके तो समझ काम हो गया तेरा। मेने उसके सामने तो उसे डाट दिया की मे ये सब नही करने वाली चाहे फैल होना पड़े.

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फिर रात भर सोचने के बाद मुझे लगा की यही एक रास्ता है मगर प्रोब्लम तो ये थी की बात केसे वहाँ तक पहुचें खेर मेरी एक फ्रेंड ने मुझे सलाह दी की ऐसे कपड़े पहनना जिनसे आकर्षित हो सके तो मेने भी तैयारी शुरू कर दी मेने आज ब्रा नही पहनी थी एक काले कलर की टाइट टी-शर्ट वो भी बड़े गले की पहन ली इससे मेरी 36 साइज़ के बूब्स बाहर आने के लिये तड़पने लगे ओर क्योंकि टी–शर्ट हल्के कपड़े की थी तो मेरे निपल का शेप भी दिख रहा था नीचे मैने टाइट ब्लू जीन्स पहनी थी जिसमे मेरी 28 की कमर ओर 36 की गांड बाहर निकलने को तैयार थी जेसे ही ये पहन कर बाहर निकली सभी मुझे घूर कर देखने लगे किसी तरह नज़र नीची करके मे पहुँच गई डाइरेक्टर सर के ऑफिस मे डाइरेक्टर सर कोई फाइल पढ़ रहे थे उनकी नज़र नीचे ही थी मेने पर्मिशन ली अंदर आने की ओर उनको विश करके आपनी प्रोब्लम बताई.

उन्होने बिना देखे ही मुझे साफ कह दिया की मे इसमे कुछ नही कर सकता ऐसे ही करने लगा तो नियमों का क्या फायदा। जाओ यहाँ से मेरा तो एक बार दिल ही टूट गया लेकिन मेने अभी हिम्मत नही हारी थी अभी तो अपना हथियार भी इस्तेमाल नही किया था मे आगे बढ़ कर उनके पेरो को पकड़ कर उनसे रिक्वेस्ट करने लगी ऐसा करते ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी ओर मेरी जवानी को देख कर तो एक बार तो वो अपनी पलक झपकाना ही भूल गये मे भी उनकी आँखो मे देखते हुये रिक्वेस्ट कर रही थी.

अब मे उठ तो गई लेकिन झुक कर उनके पैर को पकड़े रखा बड़े गले की टी-शर्ट होने के कारण मेरी चुचियां बाहर निकलने को फड़फड़ाने लगी 1/3 हिस्सा बाहर झूलने लगा सर का तो दिमाग़ ही काम करना बंद कर गया वो तो मेरी रिक्वेस्ट को सुन ही नही रहे थे बस मेरी चुचियों को देखे जा रहे थे मे ये देख कर थोड़ा शर्मा गई ओर उठ कर सीधी खड़ी हुई तब उनका ध्यान मेरी तरफ़ गया लेकिन फिर भी उनकी नज़रे मेरे बूब्स को ही घूर रही थी मेने भी अब अपना हथियार चलाना उचित समझा मेने कहा सर प्लीज मुझे एक मोका दे दीजिये इसके बदले आप जो कहेंगे वो में करने को तैयार हूँ उनकी आँखे चमक गई कहने लगे लेकिन बेटा मेरी भी तो परेशानी समझो मे क्या जवाब दूँगा सबको। मेने कहा सर मे किसी से नही कहूँगी ओर आपको खुश भी कर दूँगी सर ने कहा खुश केसे? मेने कहा सर आप जो कहेंगे वो कर दूँगी सर देख लो तुम्हे वो करना पड़ेगा जो मे कहूँगा मेने कहा हाँ सर सोच लिया मे तैयार हूँ.

उन्होने कहा ठीक है तो ज़रा मेरे ऑफिस का रूम लॉक करके आओ मे समझ गई थी की अब क्या करने वाले है मे भी चुपचाप बिना कुछ पूछे रूम लॉक करके आ गई सर चलो अपनी टी-शर्ट निकालो ज़रा मे पहले से ही तैयार थी मेने चुपचाप अपनी टी-शर्ट अपने बदन से अलग कर दी टी-शर्ट निकालते ही मेरे बूब्स आज़ाद हो गये ओर सर के सामने तन कर खड़े हो गये सर की तो नज़रे ही चिपक गई ओर उनके मुँह से निकाला ऐसी चूंचियां मेने अपनी लाइफ मे नही देखी है मे कुछ ना बोली लेकिन तारीफ सुन कर खुश हो गई सर ने मुझे अपने पास बुलाया ओर मेरा हाथ खीच कर अपनी गोद मे बिठा लिया मे अचानक हुये हमले से सहन गई इधर सर ने मेरे बूब्स को थाम लिया ओर एक को मसलने लगे ज़ोर ज़ोर से दूसरे को चूसने लगे मुझे उनसे इतनी जल्दी की उम्मीद नही थी उनके इस हमले से मे तड़प उठी ओर मेरे अंदर का नारीपन भी जाग उठा.

अब मे भी मस्ती लेने के मूड में आ गई उनका लंड मेरी गांड के नीचे दबा हुआ फंफना रहा था इधर सर ने अपना हाथ मेरी चूंची से हटा मेरी जीन्स के अंदर घुसाने की कोशिश करने लगे लेकिन टाइट होने के कारण नही घुस रहा था तो मेने बटन खोल दिया ओर थोड़ा उठ कर अपनी गांड के नीचे सरका दिया इधर सर भी अपना लंड निकाल कर बेठ गये मेरी नज़र उनके खड़े हुये लंड पर पड़ी तो मे तो डर गई करीब 8 इंच लंबा लंड था उनका सर ने मेरी पेंटी भी सरका दी नीचे ओर मुझे अपने लंड पर ही बिठा दिया.

उनका लंड मेरी जांघो के बीच मे फँसने लगा सर ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया मेरी दूसरी चूंची को चूसने लगे ओर मेरे होठो को चूसने लगे मे भी गर्म हो चुकी थी उसकी वजह थी की उनका मोटा लंड जो मेरी जांघो के बीच में बेठ कर मेरी चूत को रग़ड रहा था लेकिन तभी मुझे याद आया की मेरा असली मिशन क्या है कहीं सर मुझे चोद कर भूल ना जाये तो मेने सर को कहा सर आप पहले मुझे पर्मिशन दे दो परीक्षा के लिये सर ने कहा मेरी रानी ये कोन सी बड़ी बात है उन्होने फोन उठाया ओर ऑफीस मे मेरा नाम लेकर उन्हे निर्देश दे दिये ओर अपने पास पड़ी डीटेंड लिस्ट मे से मेरा नाम काट दिया ओर कहा की लो अब तो खुश होना और अब जब बाहर जाना तो अपना एड्मिट कार्ड ले लेना ऑफीस जाकर मे खुश हो गई.

अब मे आराम से सर को सब कुछ करने देने को तैयार थी सर ने इधर फिर से अपना मिशन स्टार्ट कर दिया उन्होने मेरी चूंचियो को फिर से निचोड़ना शुरू कर दिया लेकिन तभी किसी ने डोर बजाया हम दोनो के ही होश उड गये सर ने मुझे उठाया ओर कहा की जाओ अपने कपड़े लेकर बाथरूम मे छुप जाओ मे जल्दी से भाग कर बाथरूम मे छुप गई इधर थोड़ी देर मे डोर ओपन होने की आवाज़ आई ओर उनकी बात सुन कर लगा की वहा का ही कोई है जो मेरी ही बात कर रहा है मतलब क्लियर कर रहा था की एड्मिट कार्ड दे या नही तो सर ने कहा हाँ दे देना वो चला गया.

सर ने फिर मुझे आवाज़ दी मे निकली तो सर ने कहा की अभी जाओ यहाँ से ओर ये बताओ की रात को मेरे साथ चल सकती हो? मेने कहा ठीक है सर मुझे कोई प्रोब्लम नही है तो सर ने कहा की ठीक 7 बजे मुझे कॉलेज के बाहर मिलो मे पिक कर लूँगा तुम्हे कार से फिर मेरे फार्म हाउस पर चलना है तुम्हे मेने कहा ठीक है सर उन्होने जाते-जाते कहा की अपना एड्मिट कार्ड ऑफिस से ले लेना मे खुश होकर बाहर निकली ओर ऑफीस जाकर एड्मिट कार्ड ले लिया

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प्रोजेक्ट मेरा चूत तेरी https://sexstories.one/chudai-chut-sex-kahani/ Mon, 01 Nov 2021 08:35:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3235 फिर जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारा उसके दूध कमाल लगे | ऐसे दूध रिया के नहीं थे | मैंने तुरंत उसके ब्रा को फाड़ के अलग कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा | मैं इतने जोर से उसके दूध चूस रहा था कि उसे मदहोशी छा गयी और मुझे पीठ पर नाखून लगाने लगी....

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Chudai Chut Sex Kahani दोस्तों मैं आपका दोस्त निशांत खत्री अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ आपके सामने | दोस्तों मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ और आपको तो पता है हिमाचल की लड़कियाँ कितनी माल होती है | मैं भी उन्ही खूबसूरत लड़कियों का दीवाना हूँ वैसे उनकी चूत का | मैं अभी तक 4 लड़कियाँ चोद चुका हूँ और ये कहानी चौथी वाली के साथ चुदाई की है | वैसे मैं दिखने में अच्छा हूँ लेकिन मेरी शकल मासूमों वाली है और नीयत कमीनों वाली जिसका मुझे बड़ा फायदा मिलता है | ये कहानी मेरे कॉलेज के समय की है जब मैं कॉलेज में लास्ट ईयर में था और प्रोजेक्ट बना रहा था |

वैसे मैं क्लास में ज्यादातर अकेला ही रहता था क्यूंकि मेरे सारे दोस्तों की या तो बैक थी या फिर कुछ ने तो छोड़ ही दी थी | मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था वो भी कंप्यूटर साइंस ब्रांच तो लड़कियाँ बहुत ज्यादा और लड़के बहुत कम | तो ले दे के मेरे साथ कोई नहीं था तभी एक लड़की जिसका नाम खुशी था वो मेरे पास आई और कहा मुझे कुछ बात करनी है | मैं क्लास में पीछे वाली सीट पर अकेला बैठा था और अपने प्रोजेक्ट की प्लानिंग कर रहा था, तो मैंने कहा हाँ बोलो तो वो मेरे बाजू में बैठ गई और अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगी कि कोई उसको अपने ग्रुप मैं नहीं ले रहा है और भी वगैरह वगैरह, तो मैंने उससे कहा अच्छा ठीक है लेकिन तुम चाहती क्या हो ? तो उसने हिचकिचाते हुए कहा क्या तुम मुझे अपने ग्रुप में ले सकते हो ? तो मैंने कहा मेरा कोई ग्रुप नहीं है मैं अकेला काम करता हूँ | तो उसने कहा प्लीज़ ले लो और फिर अपनी गाथा शुरू कर दी, तो मैंने उससे कहा ठीक है और फिर उसने कहा थैंक यू और मुझसे चिपकने लगी |

वैसे मेरी भी एक छोटी सी कहानी है, इलेक्ट्रिकल ब्रांच में लड़की थी जिसका नाम रिया था और वो मेरी गर्लफ्रेंड थी और रिया और ख़ुशी बहुत अच्छी दोस्त थी | एक बार रिया ने मुझे बताया था कि ख़ुशी मुझे बहुत पसंद करती है लेकिन तुम मेरे बॉयफ्रेंड हो इसलिए कुछ नहीं कहती | मुझे भी उसकी हरकतों से ऐसा ही लगता था लेकिन मैं उसपे ज्यादा ध्यान नहीं देता था लेकिन माल तो ख़ुशी भी थी | वैसे मैंने सोचा था कि प्रोजेक्ट मैं अकेले ही बनाऊंगा क्यूंकि क्लास में ऐसा कोई था ही नहीं जिसको बनता हो और मैं हूँ भी सख्त लौंडा लेकिन जैसे ही उनसे झुककर मुझसे बिनती की मैं पिघल गया |

Chut chudai sex kahani भाभी के गांड पर टिकाया अपना लंड

फिर मैंने बैठा कर उसको पूरे प्रोजेक्ट का ब्रीफ दिया और उससे जो बन सकता था उसको वो काम दे दिया | वैसे एक लड़की और आई थी मेरे ग्रुप में जुड़ने के लिए लेकिन मैंने मना कर दिया था क्यूंकि वो इतनी कोई माल भी नहीं लगती थी | उसके बाद मैं और ख़ुशी रोज़ साथ बैठे रहते थे और मैं हमेशा प्रोजेक्ट की बात करता था और वो पता नहीं कहाँ कहाँ की | एक दिन वो मेरे साथ बैठी और मैं लैपटॉप पे प्रोजेक्ट का काम कर रहा था तभी मैंने अपना मोबाइल उठाया, तो उसने मेरा मोबाइल मुझसे छीन लिया और फिर मैं उससे मोबाइल लेने लग गया लेकिन वो नहीं दे रही थी और हम छीना झपटी करने लगे, फिर भी मोबाइल मेरे हाँथ नहीं लगा |

तभी उसने मोबाइल अपनी ब्रा में रख लिया और कहा अच्छा हिम्मत है तो अब ले के दिखाओ | तो मैंने कहा हिम्मत की बात मत करना मैं ले सकता हूँ लेकिन तुम्हें ही प्रॉब्लम होगी | तो उसने कहा नहीं होगी तुम करके तो दिखाओ, हम क्लास में बैठे थे और क्लास में हमें छोड़ के दो और लड़कियाँ थी जो अपने में लगी थी | तो मैंने ख़ुशी के हाँथ पकड़े और उसको घुमा दिया और पीछे से उसके हाँथ पकड़कर मैंने अपना एक हाँथ उसकी सलवार के अन्दर डाला और अपना मोबाइल निकाला और बाहर निकालकर रख दिया लेकिन मैंने उसका हाँथ नहीं छोड़ा और फिर से अन्दर हाँथ डाल दिया और उसके दूध के ऊपर ऊँगली फिराने लगा | तो उसने कहा मोबाइल मिल गया न अब छोड़ो, तो मैंने फिर आसपास देखा और कोई हमारी तरफ ध्यान नही दे रहा था तो मैंने कहा मोबाइल तो मिल गया और भी कुछ चाहिए है और उसके दूध दबाने लगा | उसने फिर झटके से अपना हाँथ छुड़ाया और मेरा हाँथ बाहर निकाला और चुपचाप बैठ गई | मैंने कहा हो गया, कर ली मन की, आ गया मज़ा और उसने मुझे मारना शुरू कर दिया धीरे धीरे और कहने लगी तुम बहुत बुरे हो और भी बहुत कुछ | फिर दो दिन बाद उसने मुझे प्रोपोस मार दिया और मैंने ये सोच के मना नही किया कि अगर मना करूँगा तो बुरा न मान जाए जो मेरे प्रोजेक्ट के लिए अच्छा नहीं होता | जिस दिन उसने मुझे प्रोपोस मारा मैंने सोच लिया था इसको कॉलेज ख़त्म होने से पहले चोदना है वरना साली लडकियां चली जाती है और देती भी नहीं है |

अगले दिन हम दोनों सबसे पीछे वाली सीट पर बैठे थे और ये वही जगह थी जहाँ की रिकॉर्डिंग कैमरे में नहीं आती थी और मैं इस बात का फायदा उठाना चाहता था | तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और कहा हिलाओ, तो उसने कहा नहीं, तो मैंने कहा देखो मैं प्रोजेक्ट बना रहा हूँ और तुमसे ज्यादा कुछ करने के लिए बोल भी नहीं रहा हूँ और तुम इतना नही कर सकती मेरे लिए तो उसने थोडा बहुत सोचा और धीरे धीरे हिलाना शुरू किया और थोड़ी देर तक हिलाती रही | थोड़ी देर हिलाने के बाद मेरा मुट्ठ निकल गया और गिरा भी उसके हाँथ पे | फिर मेरा ऐसा ही चलता रहा कभी वो मेरा लंड हिलाती कभी चूसती या फिर कभी कभी मैं उसकी चूत में ऊँगली किया करता लेकिन मेरा असली मकसद तो उसको चोदना था जिसमें मैं अभी तक कामियाब नहीं हुआ था लेकिन मैंने प्लानिंग कर रखी थी पर हुआ कुछ अलग | एक दिन उसने मुझे फ़ोन करके कहा आज मेरे घर कोई नहीं है आ जाओ प्रोजेक्ट बनाते है |

वो तो सब जानते है मैं कौन सा प्रोजेक्ट बनाऊंगा वहां जाके | मैंने भी फुरती दिखाई और जल्दी से उसके घर पहुँच गया और जाके अन्दर बैठ गया | उसने दरवाज़ा बंद किया और मेरे पास आकर बैठ गई और कहा तुम बैग नहीं लाए प्रोजेक्ट कैसे बनाओगे ? उसकी आवाज़ सुनके ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका मूड बना हुआ है बस चालू करने की देर है | मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए कहा जानेमन तुम भी जानती हो कि तुमने मुझे किसलिए बुलाया है | उसने कहा तुम क्या सोच रहे हो तो मैंने कहा वही जो तुमने अधूरा छोड़ दिया |

इतना कहने के बाद मैंने उसको गले से लगा लिया और उसने एक मादक आवाज़ में कहा बस आज मेरे तन को तुमाहरा प्यार मिलेगा | मैंने कहा हां इसके लिए तुम सालों से प्यासी हो | वो मुझे किस करने लगी और मैं उसके दूध दबाने लगा | फिर जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारा उसके दूध कमाल लगे | ऐसे दूध रिया के नहीं थे | मैंने तुरंत उसके ब्रा को फाड़ के अलग कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा | मैं इतने जोर से उसके दूध चूस रहा था कि उसे मदहोशी छा गयी और मुझे पीठ पर नाखून लगाने लगी | वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करते हुए मेरे उत्साह को बढ़ा रही थी |

फिर मैंने उसको अपना लंड दिया और उसने चूसना चालू कर दिया और मैं आराम से लेटा था | पर थोड़ी देर बाद जब उसने मेरे लंड को पूरा मुंह में लिया तब मेरे मुंह से आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः निकलने लगा और मेरा मुट्ठ उसने पी लिया | मेरा लंड शांत था पर माहोल गरम था इसलिए मैंने उसको लेटाया और उसकी चूत को दबा के चाटना चालु कर दिया |

जैसे ही मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करने लगी और कहने लगी बस अब प्यास बुझाओ और लंड डालो | मैंने थोड़ी देर के बाद अपना कड़क लंड उसकी चूत में पेल दिया और उसे बहुत दर्द होने लगा | वो कहने लगी हटाओ पर मैंने उसे अनसुना कर दिया और धीरे धीरे चोदता रहा |

फिर एक जोर के झटके से लंड आदर करके उसको जैम के चोदना शुरू किया और वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करने लगी | हमारी चुदाई के बाद हम चले गए और अभी तक चुदाई करते है |

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Chalti Train Mein Ho Gaya Kand https://sexstories.one/chalti-train-mein-chudai-ki-kahani/ Mon, 14 Jun 2021 14:26:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3785 मेरा नाम शान हे. में चाची के घर से वापस नागपुर मेरे कॉलेज जा रहा था. अचानक जाना हुआ इसलिए रिज़र्वेशन नही मिला. मैने सोचा अकेला हूँ समान भी नही है जनरल में ही चला ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम शान हे. में चाची के घर से वापस नागपुर मेरे कॉलेज जा रहा था. अचानक जाना हुआ इसलिए रिज़र्वेशन नही मिला. मैने सोचा अकेला हूँ समान भी नही है जनरल में ही चला जाता हूँ. जनरल की भीड-भाड तो आपको पता ही है. मैं एक्सप्रेस के जनरल बोगी मे चढ़ा ही था की ट्रेन चल पड़ी. धक्का मुक्की करते करते हुए किसी तरह थोड़ी सी जगह मिल गई.

मैने राहत महसूस की. जहाँ मैं बैठा था मेरे दाये में एक 22-23 साल की महिला या यूँ कहिए की लड़की बैठी थी. पर शादीशुदा थी इसलिए मैने महिला कहा।

पर शायद वो बहुत गरीब परिवार से थी जैसा की उसके कपड़े से लग रहा था. वो विंडो के पास थी. और में उसके जस्ट साइड मे था और मेरे बाद एक 50साल का बुड्डा बैठा था. ठंड का मौसम था इसलिए मेने उनसे कहा खिड़की बंद कर दीजिए. उसने विंडो बंद कर दिया. शाम के लगभग 7:30 बज़ रहे थे. सभी यात्री लगभग सोने ही लगे थे वो भी खिड़की पर सिर टीका कर सो गयी. मुझे भी नींद लगी थी.

पर ट्रेन के हिलने से उसकी जांघे मेरी जांघों से टकरा रही थी अच्छा लग रहा था. थोड़ी देर मे झपकी लेते हुए मैने सिर उनके कंधे पर रख दिया. फिर एकदम से होश आया और मैने सिर हटा लिया. उनको भी लगा मैने जान बुझ कर नही रखा है इसलिए कुछ नही बोली. कुछ देर बाद फिर ऐसा ही हुआ मेने फिर सिर हटा लिया. इस तरह जब 3-4 बार ऐसा हो गया तो वो बोली कोई बात नही आप आराम से सिर रख लीजिए क्योंकि जब जब मेरा सीर से टकराता था उनकी भी नींद खुल जाती थी।

मैं उनके कंधे पर सिर रख कर सो गया. मुझे पता नही था की नींद मे ही मेरा लेफ्ट हाथ उनके जांघ पर था और ट्रेन के हिलने से उनकी कोमल जांघे रग़ड खा रही थी. मैने अपना राईट हाथ उनके गले मे डाल दिया उसने मेरी हथेली पर अपना सिर रख दिया. क्योकि विंडो से शायद उसे चोट लग रही थी. थोड़ी देर बाद. मेरी नींद आधी खुली मैं अपनी पोज़िशन देख कर चौंक गया. पर मैं वैसे ही पड़ा रहा क्योकि कुछ करने से वो जाग सकती थी. पर मुझे लगा शायद उसे भी अच्छा लग रहा है।

फिर मैं सीधा होकर बेठ गया और उसका सिर अपने कंधे पर रख लिया उसने भी आराम से अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया. इसी दौरान उसका गाल मेरे गाल से टच हुआ मुझे तो झटका लगा. उधर मेरा लेफ्ट हाथ उसकी जांघों को रगड़ रही थी. मेरा लंड पैंट के अंदर टाइट होने लगा और चुदाई का भूत मन मे जागने लगा. मैने उसे साल ओढ़ने के बहाने अपना हाथ उसकी चुचियों पर रखा और शांत हो गया की उसे लगे की मैने जान बुझ कर नही किया है. थोड़ी देर जब वो कुछ नही बोली तो मेरा साहस बढ़ गया और मैं उसकी चुचियाँ हल्के से सहलाने लगा. वो कुछ नही बोली और मेरी तरफ और सरक गई. मैने उसके मन की बात जान ली अपना काम चालू रखा।

थोड़ी देर मे मैने उसका हाथ मेरे पैंट पर महसूस किया. वो पैंट के उपर से मेरे लंड को सहला रही थी. मैने नज़र घुमा कर देखा सभी पॅसेंजर सो रहे थे. मैने उसे अच्छी तरह अपने साल में छुपा लिया और उसकी साड़ी उपर कर दी और उसकी पेंटी पर हाथ लगाया. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. वो मेरे पैंट का ज़ीप खोल रही थी. तभी कोई स्टेशन आया हम लोग उसी तरह पड़े रहे. उस स्टेशन पर बहुत सारे लोग उतर गये. शायद वो लोग जनरल पॅसेंजर थे. रात के 11:30 बज रहे थे. ट्रेन चल पड़ी.

अब सामने वाली सीट पर 4 पॅसेंजर थे और मेरे सीट पर हम लोग और वही बुड्डा बेठा था. ट्रेन रुकने से सभी जाग गये थे. मैने सामने वाले से पूछा आप लोग कहाँ उतरेंगे तो वो लोग बोले अगले स्टॉप पर. तो बुड्डा बोला मुझे भी जगा देना भाई. मैने पूछा अगला स्टॉप कब आएगा तो वो बोले 40मिनट बाद।

मैने शाल से एक हाथ उसके बेग से कंबल निकाल कर उन दोनो को पूरी तरह से ढक लिया. 10 मिनट में फिर सभी सो गये. मैने अब उनसे नाम पूछा तो उसने अपना नाम सुनीता बताया और बोली उसका पति मुंबई में रिक्शा चलाता है और शादी के अभी 8 महीने ही हुए हैं. सास से नही बनती थी इसलिए अपने मायके जा रही हूँ जो नागपुर से 5-6स्टॉप पहले है और शायद 3:30 बजे आएगा. मैने पूछा सुनीता तुम्हे सब बुरा तो नही लग रहा है.

वो बोली अच्छा लग रहा है साहब मेरे पति ने तो आज तक मुझे तन का सुख नही दिया. दारू पीकर आता है और सो जाता है और वो रोने लगी मेने उसे सिने से लगा लिया और बोला रो मत. फिर मैं उसकी चूचिया दबाने लगा।

सुनीता : आ..आ.. सी…सी…तोड़ा धीरे साहिब….

मैं : ब्लाउस खोल दूँ…

सुनीता : खोल दीजिए साहब….

मैने ब्लाउस खोल दिया अंदर बहुत ही टाइट ब्रा पहन रखी थी जो मुझसे खुल नही रही थी. फिर उसने हाथ पीछे करके ब्रा खोल दिया. मैं उसकी चुचियों को सहलाने लगा और वो मेरे लंड को प्यार से सहला रही थी. जब मैं उसके निप्पल को पकड़ता था तो उसके मूह से उई…आ…ईईईईईई निकल जाती थी।

सुनीता : साहब मैं आपका लंड मूह में लू? मैने कहा हां ले लो और चूसो… वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं अपना हाथ पीछे ले जाकर पैंटी उतार दी और चूत पर रखा. उसकी चूत गर्म थी और उस पर घने बाल थे. पूरी चूत और बाल गीले थे. मेरा पुरा हाथ गीला हो गया. मैने अपना हाथ सूंघ कर देखा क्या खुशबू थी. फिर मिने उसके चूत का पानी चाट लिया सच कहता हूँ मज़ा आ गया. तभी सामने वाले ने बुड्ढे से कहा चाचा जी चलो बैतूल आ गया. हम दोनो जैसे थे वैसे ही पड़े रहे. थोड़ी देर मे जब ट्रेन चली तो करीब पूरा कंपार्टमेंट खाली था।

मैं : सुनीता कभी किसी से चूत चुसवाई हो…

सुनीता : नही साहब…

मैं : आज मैं चूसता हूँ…

सुनीता : साहब दर्द तो नही होगा…

मैं : बहुत मज़ा आएगा… तुम्हे मेरा लंड चूसने मे मज़ा तो आ रहा है ना…

सुनीता : बहुत मज़ा आ रहा है साहब… आपका लंड तो बहुत बड़ा है (9”) मेरे पति का तो बहुत ही छोटा है…

मैं समझ गया की लड़की सेक्स की भूखी है. मैने 69 का पोज़िशन बनाया और चालू हो गये. मैने उसके बालों को हटाकर दोनो हाथों से चूत के दोनो होंठो को अलग किया और अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी. साहब क्या कर रहे हो? मैने उसका सिर पकड़कर अपने लंड पर दबा दिया. अब वो भी ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी. मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर मे उसने पानी छोड़ दिया.

मैने उसके चूत के एक एक बूँद रस को चाट लिया. फिर मेरे लंड ने पानी छोड़ा तो मूह हटाने लगी. शायद उसे अच्छा नही लग रहा था. मैने उसका सिर पकड़ कर लंड पर दबा दिया और कहा क्या कर रही हे इस अमृत के लिए तो लड़कियाँ मरती हे और तुम बर्बाद कर रही हो…

फिर वो पूरा वीर्य पी गयी और बोली. साहब ये तो बहुत अच्छा लगा. फिर हम दोनों ने एक ही बाथरूम मे जाकर पेशाब किया और वहीं एक दुसरे को फिर से गर्म करने लगे. में उसके टाँगों के नीचे बैठकर उसकी चूत पीने लगा. थोड़ी देर बाद वो बोली क्या करते हो साहब अब तो अपने लंड का स्वाद मेरी चूत को चखाओ… मेने उसका एक पैर उपर करके अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और हल्का सा धक्का मारा उसकी चीख निकल गई उउउइईईईईई साहब मर जाउंगी निकालो नाआआअ…

मेने उसका होंठ अपने मूह मे ले लिया और एक जोरदार धक्का मारा इस बार उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया. उसके मूह से सिर्फ़ हु.. हु.. की आवाज़ निकली।

थोड़ी देर मे उसकी चूत में रास्ता बन गया और मेरा लंड आसानी से आ जा रहा था. अब उसे भी मज़ा आ रहा था पर उसने कहा साहब पैर दर्द कर रहा है… मैने उसे कमोड पर बिठा दिया और चोदना चालू किया और वो साहब ओर और सी… मेरी चूत को फाड़ डालो साहब… बहुत मजा आ रहा है… आआहह.. ऊहह.. चोदो साआआहब मेरी चूत की प्यास बुझा दों… मैं भी जोश में आकर झठके मारने लगा वो भी गांड उचकाने लगी. 10 मिनट बाद साहब और तेज… मेने समझ लिया वो झड़ने वाली है.

मैने स्पीड बढ़ा दिया. फिर हम दोनो एक साथ झडे उसने मुझे कसकर अपने सिने से लगा लिया और तभी छोड़ा जब मेरा लंड सिकुड कर छोटा होकर उसकी चूत से निकल गया।

फिर उसने पानी से मेरा लंड धोया फिर अपनी चूत साफ की और हम लोग सीट पर आकर कपड़े पहनकर बैठ गये. सर्दी में भी हम लोग पसीने पसीने हो गये थे. थोड़ी देर में मुझे नींद आ गई और मैं उसके गोद में सिर रख कर सो गया. मेरी नींद को चाय वाले ने तोड़ा. मैने देखा वो लड़की नही थी. मैने चाय वाले से पूछा भैया गाड़ी कहाँ खड़ी है… वो बोला साब नागपुर से एक स्टेशन पहले…

मैं रात की बात याद करके मन ही मन मुस्कुराने लगा।

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