padosan ko choda Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/padosan-ko-choda/ Hindipornstories.org Mon, 28 Feb 2022 09:05:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बंद कमरा, मैं और वो https://sexstories.one/chudas-padosan-ko-choda/ Mon, 28 Feb 2022 09:05:27 +0000 https://sexstories.one/?p=4322 वह अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और मैंने जब उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाला तो वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर अपनी उंगली को करना जारी रखा..

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Chudas Padosan ko Choda हमारा पूरा परिवार अभी संयुक्त परिवार में रह रहा है घर में छोटी मोटी अनबन तो होती ही रहती हैं लेकिन फिर भी मेरी मां ने आज तक घर की बागडोर संभाल कर रखी हुई है और वह परिवार को एकजुट करने में हमेशा ही लगी रहती हैं। पिताजी के देहांत के बाद हम चारों भाइयों ने हीं घर की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर संभाल लिया घर में मैं ही सबसे बड़ा था इसलिए मेरे ऊपर ही सब की जिम्मेदारी है। मेरी पत्नी मीना ने भी मेरा बहुत साथ दिया और हम लोग अभी भी सब साथ में रहते हैं हम चारों भाइयों ने मिलकर अपना कारोबार शुरू किया और अभी तक हम उस कारोबार को करते आ रहे है हमारा काम बहुत ही अच्छे से चल रहा है। मेरी पत्नी कई बार मुझे कहती है कि तुमने अपने परिवार के लिए इतना कुछ किया है लेकिन तुम्हारे भाई तुम्हें बिल्कुल भी नहीं मानते हैं। मैंने अपनी पत्नी को कई बार समझाया कि तुम ऐसी बातें मेरे सामने मत किया करो क्योंकि मुझे नहीं लगता कि तुम कुछ सही कहती हो।

मेरी पत्नी एक बड़े घराने की है और वह चाहती थी कि हम लोग अलग हो जाएं लेकिन मैं कभी भी अपने भाइयों से अलग नहीं होना चाहता था और ना ही वह मुझसे अलग होना चाहते थे। हमारे पत्नियों के बीच में हमेशा ही झगड़े होते रहते थे लेकिन उसके बावजूद भी मेरी मां ने अपने घर को एकजुटता में बांधा हुआ था। अब हम लोग अपने कारोबार को और बढ़ाना चाहते थे और उसके लिए हम लोगों ने दिल्ली तक काम करने के बारे में सोच लिया था क्योंकि दिल्ली में हम लोगों के कारोबार की खबर बहुत ज्यादा होने वाली थी इसलिए हम लोग अब दिल्ली में अपना काम शुरू करना चाहते थे। लखनऊ से हम लोगों ने दिल्ली में अपना काम शुरू करने के बारे में सोचा तो मैंने कुछ दिन दिल्ली में रहने के बारे में अपने मन में ख्याल बना लिया। मैं कुछ दिनों तक दिल्ली में ही था मैं अपने मसाले के बिजनेस के लिए ढूंढ रहा था ताकि मुझे कोई डिस्ट्रीब्यूटर मिल सके और हमारे सामान को बाजार तक पहुंचा पाए।

मेरी एक दो डिस्ट्रीब्यूटर से बात तो हुई थी लेकिन उनके साथ कुछ बात नहीं जमी इसलिए मैंने फिलहाल तो दिल्ली में अपना काम शुरू करने के बारे में अपने दिमाग से ख्याल निकाल दिया था लेकिन कुछ ही समय बाद जब मुझे एक डिस्ट्रीब्यूटर का फोन आया और वह कहने लगे कि मुझे आपका नंबर रतन ने दिया है। मैंने उन्हें कहा हां भाई साहब कहिये तो वह मुझे कहने लगे कि मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि आप दिल्ली में कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो मैं उसमे आपकी मदद कर सकता हूं। मैंने उन्हें कहा यदि आप मेरी मदद कर दे तो मुझे बहुत खुशी होगी और आपको भी उसमें मुनाफा हो जाएगा वह मुझे कहने लगे कि क्या आप मुझसे मिलने आ सकते हैं। मैंने उन्हें कहा हां क्यों नहीं मैं आपसे मिलने के लिए आ जाता हूं।

मेरा छोटा भाई रतन जो कि काम को लेकर बहुत ही ज्यादा ईमानदार और वफादार है रतन ने हीं मेरा नंबर अभिषेक को दिया था। अभिषेक से मिलने के लिए मैं जब दिल्ली गया तो मेरी और अभिषेक की बात हुई अभिषेक ने मुझे कहा कि भाई साहब आप बिल्कुल भी फिक्र ना करें मैं आपके कारोबार को यहां दिल्ली में पूरी तरीके से सेट कर दूंगा। मैंने अभिषेक से कहा चलो यदि ऐसा हो जाता है तो आपको भी हम लोग उसमें अच्छा खासा मुनाफा दे देंगे। वह मुझे कहने लगे कि देखिए अजय भाई साहब मुझे काम शुरू करने में कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन यदि आप मुझे बता देते कि आप मुझे सामान किस दाम में देने वाले हैं तो आगे चलकर भी हम लोगों का व्यापार अच्छा रहेगा।

मैंने अभिषेक को सब कुछ बता दिया तो अभिषेक भी मान गए अब अभिषेक ने दिल्ली में काम करना शुरू कर दिया था दिल्ली में हमारे मसाले का कारोबार चलने लगा था और धीरे-धीरे वह और भी आगे बढ़ने लगा। हमारे पास अब दिल्ली से काफ़ी ऑर्डर आने लगा था यह सब अभिषेक की वजह से ही हो पाया था इसलिए अभिषेक को हम लोगों ने दिल्ली में डिस्ट्रीब्यूटर बना दिया था और वही अपने माध्यम से बाजार में सामान बेचा करते थे। मुझे भी काफी मुनाफा हो रहा था इसलिए मैंने दिल्ली में ही अब एक छोटी सी फैक्ट्री डालने के बारे में सोच लिया था जिससे कि थोड़ा बहुत पैसा बच सके। दिल्ली में मैंने अब एक फैक्ट्री शुरू कर दी थी और हम लोगों का मसाला काफी बिकने लगा था इसलिए मुझे अब दिल्ली में ही काम संभालना पड़ा।

मेरे तीनो भाई लखनऊ में ही काम संभाल रहे थे क्योंकि लखनऊ में बहुत ज्यादा काम था इसलिए वहां पर वह तीनों मिलकर काम कर रहे थे। दिल्ली में भी अब काम बहुत अच्छा चलने लगा था अभिषेक से मेरी मुलाकात हर रोज हो जाया करती थी मुझे दिल्ली में और भी लोगों के फोन आ रहे थे लेकिन मैंने सब को मना कर दिया था क्योंकि अभिषेक के साथ मेरा व्यवहार बहुत ही अच्छा था और वह मुझे अच्छा काम भी कर के दे रहे थे मुझे और किसी की जरूरत ही नहीं थी। अब धीरे-धीरे दिल्ली के आसपास के जितने भी छोटे-मोटे इलाके थे वहां तक भी हमारा सामान पहुंचने लगा था अभिषेक के साथ मेरी अच्छी बोल चाल हो गई थी तो मैं उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चला जाया करता था। अभिषेक के परिवार में भी अब सब लोग मुझे पहचानने लगे थे और अभिषेक मुझे कहने लगे कि अजय भाई साहब आप की बदौलत ही आज मैंने यह घर खरीदा है। अभिषेक ने कुछ दिनों पहले ही नया घर खरीदा था और वह सब अच्छा कारोबार चलने की वजह से ही हो पाया था। मैंने अभिषेक से कहा कि यदि ऐसा ही काम चलता रहा तो तुम जल्दी और तरक्की कर लोगे अभिषेक कहने लगा हां जी भाई साहब आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं यदि ऐसा ही काम चलता रहा तो जल्द ही और भी तरक्की हो जाएगी।

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अभिषेक न एक दिन अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी हुई थी और उस दिन का अभिषेक ने मुझे घर पर डिनर के लिए भी इनवाइट किया था। मैं अभिषेक के घर पर चला गया और जब मैं उस दिन अभिषेक के घर गया तो अभिषेक के पड़ोस में रहने वाली एक महिला भी आई हुई थी मुझे वह बहुत अच्छी लगी अभिषेक ने मुझे बताएं कि उनके पति नहीं है और उनके पति का देहांत कुछ वर्षों पहले हो गया था। मुझे भी तो कोई ऐसा चाहिए था जिससे कि मैं दिल्ली में रह कर बात कर सकूं मैंने उनसे बात करनी शुरू कर दी उनका नाम बबीता है और बबीता से बात करना मुझे अच्छा लगता। हम लोग आपस में बात करते तो मैं उनसे कई बार सेक्स की डिमांड कर दिया करता था लेकिन वह मुझे कहती कि घर में बच्चे होते हैं इसलिए मैं आपको घर पर नहीं बुला सकती।

मैंने उन्हे कहा आप मेरे पास ही आ जाइए लेकिन वह मुझे तड़पाती रहती थी परंतु वह मुझे कितने दिन तक तड़पाती एक दिन मैंने उन्हें अपने घर पर बुला लिया। मैं घर पर अकेला ही रहता था जब वह मेरे पास आई तो मैंने उन्हें अपनी गोद में बैठा लिया और जब मैंने उन्हें गोद में बैठाया तो उनकी गांड से मेरा लंड टकराने लगा था और मुझे भी अच्छा लग रहा था। काफी देर तक मैंने उनके होठों को अपने होठों में लेकर चूमा और गर्मि बढ़ती ही जा रही थी हम दोनों के चुम्मा चाटी के बाद मैंने जब उनके ब्लाउज को खोला तो उनके स्तन मेरे सामने थे। मै अपने हाथो से उनके स्तनों को दबाने लगा जब मैंने उनके स्तनो को मुंह में लिया तो बबीता को भी मजा आने लगा और मुझे भी अच्छा लग रहा था।

मैंने उनके बड़े स्तनों को बहुत देर तक चूसा और उनके स्तनों से मैंने पानी निकालकर रख दिया था उनके स्तनों से खून निकलने लगा था और वह तड़पने लगी थी। वह अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और मैंने जब उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाला तो वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर अपनी उंगली को करना जारी रखा और उन्हें बहुत ही मजा आ रहा था उनकी चूत गिली हो चुकी थी और गरम भी हो चुकी थी। उनकी चूत से गर्मी इतनी ज्यादा बाहर निकलने लगी थी जैसे ही उनकी चूत के अंदर मेरा लंड प्रवेश होने लगा तो वह खुश होने लगी।

वह मुझसे लिपट चुकी थी मेरा लंड उनकी चूत के अंदर जाते ही वह चिल्लाने लगी और वह बड़ी तेज आवाज मे सिसकिया ले रही थी मैंने अपने हाथ को उनके मुंह पर रखते हुए कहा कि आप आराम से सिसकिया लिजिए कही कोई आ ना जाए लेकिन वह तो बड़ी तेज आवाज म सिसकिया ले रही थी। उनकी सिसकियां इतनी तेज होती कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा माल अभी गिर जाएगा। मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन काफी देर तक ऐसा करने के उपरांत जब मेरा वीर्य बाहर गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को बबीता जी की योनि के अंदर ही प्रवेश करवा दिया और अपने लंड को बाहर निकाल कर मैंने अपने लंड को बबीता के मुंह मे डाल दिया।

उन्होंने मेरे लंड को बहुत ही अच्छे से चूसा और मुझे उन्होंने पूरा मजा दिया काफी देर ऐसा करने के बाद जब मेरे लंड दोबारा से तन कर खड़ा हुआ तो उनकी चूत से टपकता हुआ वीर्य अब भी टपक रहा था। मैंने अपने लंड को उनकी गांड पर सटाते हुए अंदर की तरफ को धकेलना शुरू कर दिया था। मैंने जब अपने लंड को उनकी गांड मे घुसाया तो वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है। मैंने बबीता की गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया था वह कहने लगी तुमने तो आज मेरी पूरे गांड फाड दी है।

मैंने बबीता से कहा कि यही तो मेरा अंदाज है मै ऐसे ही गांड मारता हूं अब उनकी गांड के अंदर बाहर मेरा लोड आसानी से हो रहा था क्योंकि उनकी गांड क चिकनाई बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और गांड की चिकनाई बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मेरा लंड आसानी से गांड के अंदर बाहर हो रहा था जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने अपने लंड को बबीता के मुंह के अंदर डाला और आपने वीर्य को बबीता के मुंह के अंदर घुसा दिया उन्होने सब चाट कर साफ कर दिया था।

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घोड़ी बन गयी बबिता https://sexstories.one/ghodi-ban-gayi-babita-chudwa-li/ Mon, 28 Feb 2022 09:01:17 +0000 https://sexstories.one/?p=4323 मेने उसको घोड़ी बनाया ओर उसकी चूत मै पीछे से अपना 9″ लंबा लॅंड जब डाला तो बस उसकी हालत तो एसी हो गई जेसे अभी मर जायगी. क्योकि लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था. ओर उसकी कुवांरी चूत थी तो बर्दाश्त करना..

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Ghodi Ban Gayi Babita aur Chudwa li – सब से पहले मै अपने बारे मै बता दूँ मेरा नाम राज है. हर जवान दिल की ख्वाइश होती है काश मुझे कोई कुँवारी चूत मिल जाय. मेरी भी यही ख्वाइश थी. लेकिन मै हमेशा ख़ामोश ही रहता हूँ ज्यादा कुछ बोलता नही हूँ. लेकिन पिछले 2 सालो से मै बदल गया.

जब मै घूमने गया अपने मामा के यहाँ. मेरे अंकल कानपुर मै रहते है. वहाँ अंकल के पडोस मै 1 लड़की रहती थी. जिसका नाम था बबिता उसकी उम्र कम से कम 20साल की रही होगी उसका फिगर. 30,26,28 रहा होगा. पहले भी जब मै कभी मामा के यहा जाता था. तो मै उस लड़की की जवानी देखकर हमेशा सोच मै पड़ जाता था.

की काश मुझे इसकी चूत मिल जाय फिर. लेकिन अब मै खुद को इस लायक समझता था. की मै अब इसे पटा सकता हूँ. मै 1दिन घर के गेट पर खड़ा था. तो बबिता भी अपने गेट पर खड़ी वो मुझे देख देख कर कुछ बोल रही थी. ओर बार बार मुझे देख के हँस रही थी. मै समझ गया के लाइन दे रही है.

मेने तभी इशारे से पूछा, क्या हुआ, उसने भी इशारे मै कहा कुछ नही, फिर हम काफ़ी देर तक वही गेट पर एक दूसरे को देखते रहे, अचानक उसने मुझे 1 इशारा करा जिसे देखकर मै हेरान हो गया. उसने इशारे से मुझे ऊपर छत पर आने के लिए कहा, मेने सोचा आज तो मुन्ना तेरी ज़िंदगी बन गई, मै जल्दी से ऊपर गया.

वहाँ वो मुझसे पहले ही पहूँच गई. पहले तो मै उस से इशारो मै बातें कर रहा था. मगर जब लगा की आस पास कोई भी नही है तो मै उसके घर की दीवार कूद कर उसके घर मै चला गया. वो कुछ घबरा रही थी मगर मै उतावला था. आज उसके घर मै कोई भी नही था. बस उसकी दादी थी जो कभी ऊपर नही आती हमेशा नीचे ही रहती है.

आज बबिता के घर मै कोई नही था. ऊपर बस 1 रूम था जिसमे उसके भाई ओर भाभी रहती है, मै उससे बात करता रहा बात करते करते शाम से रात हो गई. सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हो रहा था की मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा था. की क्या करू ओर क्या ना करू. लेकिन मोका ऐसा मिला था की आज किसी कुवारी चूत के मै मज़े ले सकता था.

तो बस मै बेचैन था की जल्द से जल्द मुझे चूत मिले मै पहले तो शराफ़त से भरी बातें करने लगा. फिर मेने उसे देखा वो बार बार अपनी आंखे इस तरह बंद कर रही थी. जेसे उसे किसी चीज़ की तड़प हो शायद मेरे लंड की तड़प, फिर मेने उससे कुछ अलग किस्म की बातें यानी के सेक्स से रिलेटेड बातें करने लगा वो भी बडे मज़े से मेरी बाते सुनने लगी, मै समझ गया की आज तो मुन्ना की ख्वाइश पूरी हो गई.

बस कुछ देर बातें करते करते वो भी खामोश हो गई. ओर मै भी फिर मेने उससे पूछा क्या हुआ वो खामोश रही फिर मै उसके करीब गया मेने फिर पूछा क्या हुआ. वो फिर कुछ नही बोली मेरी हिम्मत बनी ओर मेने उसका चेहरा अपने दोनो हाथो से पकड़ा और उसके लिप्स को चूमने लगा. जेसा मेंने कभी किसी मूवी मै देखा था. किस करती हुए वेसे ही मै उसके किस करने लगा.

वो तो बस खामोश थी कुछ भी नही कर रही थी. पर मुझे उसकी खामोशी से ही पता चल गया की उसकी हाँ है, ओर मै फिर उसके चुचियो को दबाने लगा. उसके मुहँ से आह निकल रही थी. बार बार ह्म्‍म्म्म………ममममम ………..हह हाय…………..राम प्लीज मगर मै कहा रुकने वाला था.

मै उसे उसके भाई के रूम मै ले गया. वाहा जाकर मेने सब से पहले उसके कपड़े उतरना शुरू किया. उसकी चुचिया देखा कर तो मेरे होश ही गुम हो गये बाहर से कुछ ओर अंदर से कुछ ओर मै तो बस उन्हे देखते ही पागल हो गया. ओर ज़ोर ज़ोर से उन्हे दबाने लगा वो सिसकिया भरती रही. फिर मेने अपने कपड़े उतरना शुरू किए उसने कहा नही प्लीज एसा कुछ मत करो मुझे जाने दो, मगर मै समझ गया.

की अब ये नखरे कर रही है, पर मै कहा रुकता जेसे ही वो बोलती मै उसके लिप्स को चूमने लगता फिर वो जोश मै आ जाती तो फिर मै अपना काम शुरू कर देता. फिर जब मेने अपने कपडे पूरी तरह उतार दिए तो वो ओर मै अब बिल्कुल नंगे थे. एक दूसरे के सामने, उसने मेरा लंड देखा तों सोच मे पड गई.

और कहने लगी ऊई द…य्याया कितना बड़ा लंड है आपका मै तो मर ही जाऊँगी, मेने कहा पहले पहले दर्द होगा लेकिन फिर बाद मै मज़ा आने लगेगा तुम्हे, मेरा लंड 9” इंच का है, फिर मै उसकी चूत मै पहले तो उंगली करने लगा की जिससे वो गरम हो जाय ओर लंड मांगने लगे.

अचानक मेने उंगली करने की रफ़्तार कुछ बड़ा दी वो बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरहा तड़प रही थी. फिर मेने सोचा की मेरा इतना बड़ा लंड इसकी चूत मै जायगा केसे फिर अचानक मेरी नज़र पास मै रखे हेयर आयँल पर पड़ी मेने बोतल मै से आयँल लिया ओर पहले तो उसकी चूत पर लगाया ओर फिर अपने लंड मै सेंटर से सेंटर मिलाके पहले तो मैने हल्का सा झटका मारा तो वो चिल्ला उठी.

ऊई……………मा……….आआआआआआआ मर गई आआआआ…ऊऊऊऊऊ…….. हाय………रा..आआआआआ………म धीरे से प्लीज मे रुक गया. ओर फिर उसके लिप्स को चूमने लगा, कुछ देर रुक कर फिर से मेने सेंटर से सेंटर मिलाया ओर फिर से 1 झटका दिया कुछ इंच तो अंदर घुसा लेकिन उसे काफ़ी दर्द हो रहा था मगर, मै वही रुक गया. लंड को उसकी चूत मै कुछ देर के लिए रोक दिया.

कुछ देर रुकने के बाद मेने फिर से 1 झटका दिया. करीब 5 इंच अब उसके चूत मै घुस गया. अब मुझसे नही रुका गया ओर 1 ज़ोर का धक्का दिया वो ज़ोर से चि…ल्ल्ला……ई आा…………..आआईय……….ईईईईईईई मर गई मा…………….आआआआआ ……..ऊऊऊऊऊओ मार डाला आपने। मेने कहा अभी तुम्हे मज़ा आने लगेगा. फिर कुछ देर मै उसे भी मज़ा आने लगा लेकिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था. तो अंदर ओर बाहर ओर धक्के मारने मै दर्द बडता जाता था.

लेकिन अब मै नही रुक सकता था. मुझे किसी की परवाह नही थी. मै ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो चिल्ला रही बार बार बोलती रही प्लीज रूको मुझे दर्द हो रहा है. प्लीज रूको मगर मै नही रुका फिर वो भी खामोश हो गई अब उसे भी मज़ा आने लगा था. ओर वो मुझे कमर उठा उठा के रिप्लाइ भी करने लगी. वो पूरी तरह से मेरा लंड ले रही थी.

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मै अपनी पूरी ताक़त से धक्के मार रहा था. बस वो तो अपनी आखे बंद करके आआआः………….. उहह…………….. ……………….इईईई …………………….उफफफ्फ़ करे जा रही थी. मै बार बार उसके लिप्स के चूमता रहता, उसके लिप्स कुछ ज्यादा ही नर्म थे. बार बार मै उनको पेप्सी समझकर पीता रहता था बिल्कुल लाल थे. लिप्स मेने चूम चूम के सुर्ख लाल कर दिए. अब मेने सोचा क्यों ना फिल्मी अंदाज़ मै इसकी चूत मारी जाय.

फिर मेने उसको घोड़ी बनाया ओर उसकी चूत मै पीछे से अपना 9″ लंबा लॅंड जब डाला तो बस उसकी हालत तो एसी हो गई जेसे अभी मर जायगी. क्योकि लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था. ओर उसकी कुवांरी चूत थी तो बर्दाश्त करना कुछ ज्यादा मुश्किल था,

लेकिन बंदी एसी थी अब कुछ भी नही बोल रही थी, मेने उसेको घोड़ी के पोज़ मै उसकी कमर को पकड़ के धक्के देना शुरू किए. ज़ोर…..ओर……..ज़ोर से देने लगा उसके कमर पे मेरी पकड़ कुछ मस्त थी. इसलिए धक्के देने मै कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था.

मै जब तक धक्के दे रहा था तों मेने सोचा अब किसी ओर पोज़ मै चूत मारी जाय फिर मै बेड पर लेट गया ओर लंडा को सीधा किया ओर उससे कहा की अब तुम मेरे लंड पर बेठो वो आराम आराम से उठी ओर जेसा मेने कहा था वेसे ही करने लगी.

मुझे पता था एसे पोज़ मै चूत मरने का मज़ा ही कुछ ओर होगा. एसे पोज़ मै लड़की की जान निकल जाती है. जब पूरा लंड अंदर जाता है, पहले तो वो मेरे लंड पर आराम से बैठ गई. ओर मेरा पूरा लंड अंदर ले गई फिर कुछ देर रुकी रही फिर अचानक खुद ही धक्के देने लगी. मुझे ओर मज़ा आने लगा ओर मै नीचे से भी धक्के देने लगा वो भी धक्के दे रही थी ओर मै भी.

फिर मुझे लगा की मै झड़ने वाला हूँ मेने उसकी गीली चूत मै ओर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिये. जेसे ही मै झड़ने वाला था मेने उसे पकड़ के लिटा दिया. ओर मै उसके ऊपर चड के बेठ गया ओर उसकी चूचियो के ऊपर झड़ गया, ओर उठ के उसके बराबर मै लेट गया. फिर उसने अपने बोब्स को कपड़े से साफ किया ओर मेरे ही बराबर मै लेट गई.

हम कुछ देर तक आराम से लेटे रहे फिर मै उठा ओर फिर से उसके लिप्स को चूमने लगा काफ़ी देर तक चूमने के बाद मै हट गया ओर फिर मेने कपड़े पहनने शुरू किए टाइम काफ़ी हो रहा था. उसका भाई भी ऑफीस से आने वाला था. इसलिए वो भी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी, ओर पूछने लगी की आप वापस कब जा रहे हो, मेने कहा 2 या 4 बार मज़े लेने के बाद ही अब जाऊँगा.

वो कहने लगी पता नही फिर एसा मोका कब मिले मेने कहा कल फिर जब तुम्हारे भेय्या ऑफीस चले जायंगे तब… वो कहने लगी ओके लेकिन 2 बजे तक ही आना वरना दादी शक हो जायगा मेने कहा नो प्रोबलम. मेने उसे 3 दिन रोज़ चोदा वो भी खुशी खुशी चुदवाती रही.

अब काफ़ी दिन से मामा के यहा नही गया हूँ. लेकिन उसके फोन आते रहते है, बुलाती रहती है, तो मेने फेसला किया है जल्दी जाने का, ओर जब मै वाहा से वापस आऊँगा तो आप सब को फिर से अपने न्यू एक्सपीरियेन्स के बारे मै ज़रूर बताऊँगा.

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ऐसी पड़ोसन सबको मिले.. https://sexstories.one/chudas-padosan-ko-chod-daala/ Sat, 06 Nov 2021 07:12:16 +0000 https://sexstories.one/?p=3294 उसके बाद मैने अपना लंड उसकी चूत पे टीका दिया और उसके पैरो को फोल्ड करके उसके मूउः तक ले आया और अपने लंड का प्रेसूर्रे उसकी चूत पे बनाने लगा उसके मूउः से आवाज़ आने लगी वो एंजाय कर री थी शायड. उसके बाद मई अपने लंड को...

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Chudas Padosan ko Chod daala हेलो फ्रेंड्स ! काफ़ी टाइम से सोच राह था की कोई स्टोरी लिखू , सो अब जाके टाइम मिल पाया है मेरा नाम रोहित है. मैं उत्तर प्रदेश गाज़ियाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है. बॉडी भी मस्त है. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, गलती को नजर अंदाज कर दीजिएगा. मेरा लंड इतना बड़ा है की मई किसी भी लड़की की ज़रूरत को पूरा कर सकता हू . मई जनता हू की सभी लड़कियो को और भाभी जी को उत्सुकता होगी मेरे लंड के साइज़ को जानने की सो बता देता हू . मेरा लंड 8 इनचसे बड़ा है ३ इंच मोटा है.

अब कहानी पार आते है मेरा एक फ्रेंड है उसकी आगे 29 य्र्स ओल्ड है हमारा घर आस पास ही है . घर की वॉल लगी हुई है . उसकी एक सिस्टर है जो अभी अभी 18 की हुई है लास्ट वीक ही . मैने उससे वैसे देखा है सुंदर है काफ़ी स्लिम लंबी और गोरी भी. कोई भी लड़का उस्स पर मार मिट जाए इतनी सुन्दार. मुझे अची लगी है वो पर कभी बोल नि पाया दोस्ती के कारण. वो मेरी सिस्टर की भी फ्रेंड है बहुत अची. घर आना जाना है उसका. मेरे घरवाले एक शादी मई गये थे
मई अकेला था घर पर. जब मई अकेला होता हू तो बहुत मस्ती करता हू. मुझे न्यूडिटी से बहुत प्यार है, मुझे नंगा रहना बहुत पसंद है . मई नंगे नगे ही घर के सारे काम करता हू. म्यूज़िक लगा के डॅन्स भी .

जब मई अकेला था तो मेरी दूर्वेल्ल बाजी , मुझे लगा की कोई मेरा ही फ्रेंड होगा. जल्दी से मैने टवल लपेट ली. पर मई अप्पर नंगा ही था और टवल के अंदर भी , जब मैने गेट ओपन किया तो वो ही थी .शी स्माइल्स और बोली की भैया ये खाना मम्मी ने भेजा है आपके लिए . मैने काह ओक अंदार्र आजओ. वो बोली नही पर वो अंदर आना छाती थी . वो मेरे चेस्ट को बार बार देख री थी ,वो अंदर आके बैठ गी मेरे दोबारा कहने पार मैने कह रूको मई तुमहरे लिए चाइ लेके आता हू .

पहले तो माना कर्नेलागी फिर मान गयी ये बोलके की वो भी अभी अकेली है घर पे मम्मी मार्केट गयी है मई उसके सामने बैठ गया गया और उससे बात करने लगा. उसके बारे मई जानने लगा तभी धयन आया की मैने तो चाइ बनानाए को रख दी है जल्दी मई उठा वैसे ही मेरी टवल टेबल मई फास गी औट खुल गी . उसने मेरे बट्स को देख लिया और मेरी नज़रे उससे मिल गी मैने जल्दी से टवल लपेटा और किचन मई चाइ लेने चला गया.चाइ लेके आया तो शी वाज़ स्माइलिंग उससे देख कर मई भी स्माइल कर दिया . मैने उससे बोला तोड़ा साइड हो मई उसके पास ही आकर बैठ गया.

मैने उससे बोला की चाइ पीलो . तभी वो बोली क इएक ग्लास पानी देव दो, मई उठा और फिर से मेरी टवल फास गयी और फिर से खुल गयी और मेरा पैर भी फास गेया टेबल ई साइड मई और मई उसके अप्पर आ गिरा, मैने काफ़ी कंट्रोल किया काफ़ी फिर भी मेरा एक हॅंड उसके बूब्स पर जाके रुका और एक हॅंड साइड मई होठ होठसे जा लगे…

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मई तो खो सा गाय उंसकी होटकी सुंदरता मई. जैसे ही उठने को हुआ मेरा हॅंड चाइ पे लगा और चाइ मेरे हॅंड पे फैल गयी मई जल्दी से ही बातरूम की तरफ गया.

मुझे बा कुछ समझ न ई आ रहा था आज क्या हो राहा है

तभी मेरे माइंड ने अपनी शैतानी बत्ती जला दी और मैने उससे आवाज़ दी .

वो जैसे ही रूम मई आई मैने उससे काज़ के पकड़ लिया पीछे से और उसकी गर्दन पर किस करने लगा और उसके कान को जीब से चाटने लगा, वो मेरा साथ देने लगगी मैने उससेके होतो पे किस किया उसके होतो को मूउः म्भर लिया अपनी जीब से उसकी जीब भर ली उसके बूबसको दबाने लगा

थोड़ी देर के बाद मैने उसके गोदी मई लिया और बेड पे डाल दिया और उसके अप्पर आ गया. उसके टॉप को अप्पर किया और उसके पेट पे किस करने लगा मज़ा आने लगा मुझे और उसके मूउः से आवाज़ आने लगी .

उसका टॉप उतार दिया मैने उसने अंदर कुछ नि पहना था उसे दो कबूतर आज़ाद थे मैने एक एक करके दोनो चूसना सुरू किया मज़ा आ राह था दोनो को . मैने उसकी शॉर्ट का बटन खोलडिया और उससे नीचे की तरफ खीच दिया और पैरो मई लेके उतार दिया. वओ क्या लग री थी वो उसकी टाँगे कितनी सुंदर थी हिरनी जैसी अब वो मेरे सामने पनटी मई थी ब्लॅक कलर की . क्या क्यमत लग री थी वो

मैने अपना मूउः अप्पर से ही टीका दिया उसकी चूत चाटने लगा और वो पागल से होने लगी. चूत की साइड को मई उंगली से रब करने लगा. उसके बात उसकी चड्डी उतार दी मैने. उसकी चूत पे सुनहरे बाल थे छोटे छोटेउसकी चूत की सुंदरता की मई क्या तारीफ करू , जितनी करू उतनी काम है . इतनी सुंदर छूट हर किसी लड़की नि होती , वैसे सभी चूत सुन्दर होती है.

उसके बाद मैने अपना लंड उसकी चूत पे टीका दिया और उसके पैरो को फोल्ड करके उसके मूउः तक ले आया और अपने लंड का प्रेसूर्रे उसकी चूत पे बनाने लगा उसके मूउः से आवाज़ आने लगी वो एंजाय कर री थी शायड. उसके बाद मई अपने लंड को उक्सी चूत मई घुसना लगा वो बोली की दर्द हो रहा है मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी चूत को फिर से चाटने लगा इश्स बार मैने उसकी चूत को अंदर तक चटा और रास्ते को पूरा गीला कर दिया जीब सेआब मैने फिर से अपना लंड उसकी चूत पे टीका दिया और फिर एक शॉट मई अपना पूरा लंड उसकी चूत मई उतार दिया अंदर तक.

उसकी चीक्क निकल गयी , वो अपने अप्पर से हटाने की कोशिश करने लगी पर वो मुझे नि हटा पाई मई थोड़ी देर ईयसे ही रहा और वो चीकती छिलाती रही उसकी आवाज़ मई एक लगा एहस्सा तोउसके बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला तो देखा की मेरा लंड पर ब्लड लगा है , पर ज़डा नि था और उसकी छूट पे भी तोड़ा सा ही सा और फिर से एक बार मैने पाना लंड अंदर डाला.अब मई धक्के दें लगा. उसकी चूत मेरे लंड से ऐसे चिपक गी जैसे जन्मो का साथ हो चूत और लंड का.

उसने मेरे लंड को काज़ के पकड़ किया वो मेरेल अंड के साथ आयेज पीछे होने लगी.

हमारी चुदाई चल ही री थी तभी उसकी मा का फोन आ गया. उसने फोन उठाया तो पता चली की वो घर आ गयी है और गेट पर उसका इंतज़ार कर री है .हमारी चुदाई अधूरी रह गी उसने कपड़े पहने और वो अपने घर चली गयी.

उसके बाद हम दो दिन के बाद फिर से मिले. बोल री थी की अब उसको बहुत खुजली हो री है .

आप लोगो को फिर बतौँगा कभी की आयेज मैईएन कैसे उसकी चूत ली खुल के और गॅंड भी. अभी तक मैने काफ़ी लड़कियो की सील ब्रेक की है और सभी को सेक्स मई फुल सॅंटुस्त किया है Kai बार की चुदाई के बाद तो हम दोनों ने बहुत बार सेक्स किया और बहुत मजा लिया. वो सेक्स कहानी फिर कभी लिखूंगा.

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