New sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/new-sex-stories/ Hindipornstories.org Thu, 06 Aug 2020 17:52:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 फूफा ने मम्मी को चोद डाला https://sexstories.one/fufa-ne-mummy-ko-choda/ Wed, 05 Aug 2020 15:21:49 +0000 https://sexstories.one/?p=704 हाय दोस्तों, मैं रचुती हूँ. सर्वप्रथम आप सभी को मेरी तरफ से प्रणाम. दोस्तों ये बात 4 साल पहले की है. मेरे पापा आर्मी में थे. एक बार किसी वजह से पापा का मनीऑर्डर नही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय दोस्तों, मैं रचुती हूँ. सर्वप्रथम आप सभी को मेरी तरफ से प्रणाम. दोस्तों ये बात 4 साल पहले की है. मेरे पापा आर्मी में थे. एक बार किसी वजह से पापा का मनीऑर्डर नही आ पाया, तब पापा के जीजाजी आया करते थे और वो अक्सर 15 दिन में शनिवार को जरुर आया करते थे. New Sex Stories

एक दिन मम्मी पैसे के लिए काफी परेशान थी, फूफा जी शनिवार को आ गए. उनकी उम्र करीब 62 साल थी और मम्मी सिर्फ 32 साल की थी.मम्मी ने खाना खाने के बाद उनसे पैसों की बात की. मम्मी ने कहा – मुझे 3000 रुपए अर्जेंट चाहिए. उन्होंने मम्मी को 10 बजे के बाद अपने कमरे में आने के लिए कहा, मै और मम्मी बेडरूम में सोया करते थे.फूफा जी को ड्राइंगरूम में सोना था. मै खाना खाकर लेट गई पर मैंने मम्मी को उनके कमरे में जाते हुए देखा, बेडरूम में नाईट बल्ब जल रहा था. मै भी 2 मिनट बाद उत्सुकतावश मम्मी के पीछे चली गई और ड्राइंगरूम के बाहर ही खड़ी हो गई.

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पर्दा फेन की हवा से थोड़ा – थोड़ा हिल रहा था गर्मियों के दिन थे, मम्मी ने हरे रंग की साड़ी पहन राखी थी और काला ब्लाउज़ था.फूफा ने कहा की अभी देता हूँ और फूफा ने अपने बैग से एक गड्डी निकाली और मम्मी के हाथ में रख दी, मम्मी ने कहा की ये तो बहुत सारे हैं फूफा ने कहा की पर मेरा काम कर दो. मम्मी ने कहा की क्या काम है तो फूफा ने मम्मी का हाथ पकड़ लिया और अपनी बाँहों में कस लिया, मम्मी ने कहा की भाईसाहब मुझे छोड़ दो.

मुझे सिर्फ 3000 रुपए ही चाहिए, तभी फूफा ने मम्मी की साडी खोल दी, अब मम्मी सिर्फ पेटीकोट में और ब्लाउज़ में खड़ी थी, मम्मी ने जूड़ा बना रखा था, फूफा ने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और मम्मी के हिप्स पर दबाने लगा, मम्मी को फूफा लगातार चूम रहा था.

मम्मी छुटने का पूरा प्रयास कर रही थी पर वो छोड़ ही नही रहा था, मम्मी ने कहा की कोई देख लेगा उसने कहा की सब सो गए है, फूफा ने मम्मी का नाडा पकड़ कर खीँच दिया और मम्मी नंगी हो गयी, मम्मी ने कहा की भाईजी मै तुम्हारी बेटी के सामान हूँ पर फूफा ने कुछ नही सुना. फूफा ने बनियान और लुंगी पहन रखी थी, फूफा ने मम्मी को जबरदस्त पकड़कर सोफे पर बैठा दिया और खुद फर्श पर उकडू बैठ गया, फूफा ने अपना मुह मम्मी की जाँघों के बीच में घुसा दिया और चूसने लग गया.

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मम्मी का प्रतिरोध अब कम होने लगा था, फूफा ने अपनी लुंगी उतार दी थी और बिलकुल नंगा हो गया था, फिर अचानक फूफा ने मम्मी के, जहाँ से मम्मी पेशाब करती थी, वहां अपनी एक ऊँगली घुसेड दी, मम्मी की धीरे से चीख निकल गयी. फूफा अपनी ऊँगली तेजी से आगे पीछे करने लगा, मम्मी ने अपनी दोनों टाँगें फैला दी थी, फूफा ने 1-2 मिनट तक खूब ऊँगली चलाई, मम्मी ने फूफा का सर पकड़ कर अपनी पेशाब वाली जगह पर जोर से खिंचा, फूफा ने एकदम से ऊँगली निकाल ली और मुंह लगा दिया, चाचा चुसुड़ चुसुड़ कर पीने लगा, शायद मम्मी ने मस्त होकर पेशाब कर दी थी, फिर फूफा ने थोड़ी देर में ही मम्मी को उठाया और नीचे फर्श पर उकडू बैठा दिया और फूफा ने मम्मी के मुह में जबरदस्ती अपना मोटा काला लम्बा लंड (जो की करीब 8 इंच से कम नही रह होगा) दे दिया…

मम्मी उसे पकड़कर आगे पीछे कर रही थी और फूफा मम्मी के बालों से खेल रहा था, मम्मी उसे कुल्फी की तरह चूस रही थी, थोड़ी देर बाद मम्मी ने कहा की भाई जी अब जाने दो न.फूफा ने कहा की इसे अंदर कौन लेगा मम्मी ने मना कर दिया और कहा ना बाबा ना ये मेरे बस का नही है, फूफा ने मम्मी को खड़ा कर दिया था और मम्मी उससे छुटने का प्रयास कर रहीथी वो लगातार मम्मी के गोरे गोरे चुत्तड़ दबा रहा था, मम्मी वास्तव में बहुत ख़ूबसूरत थी. फूफा ने मम्मी को अपनी गोद में उठाकर बैड पर लिटा दिया और खुद भी मम्मी के उपर चढ़ गया…

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फूफा ने मम्मी के दोनों पैर अपने हाथों में पकड़ लिए, मै अब खिड़की की सीध में आ गई थी और वंहा से सिर्फ 2 फीट की दुरी पर दोनों दिख रहे थे मम्मी लगातार फूफा का लंड देखकर उसके नीचे से निकलने की कोशिश कर रही थी, पर फूफा उसकी टाँगें नही छोड़ रहा था, फूफा ने मम्मी की टाँगें उठाकर पीछे की तरफ कर दी, मेने अपनी मम्मी की जाँघों के बिच में इतने नजदीक से कभी नही देखा था. मम्मी की पेशाब की जगह तितली सी पंख फैलाकर बेठी थी ऐसा महसूस हो रहा था. ये सब देखकर मेरी चूत भी गीली हो रही थी.

मेरा भी मन कर रहा था कि कोई मुझे भी चोद दे.दरअसल में फूफा ने चाट – चाट कर मम्मी की फांकें चौड़ी कर दी थी, फूफा अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था मगर मम्मी हिल जाती थी, मम्मी ने 3 – 4 बार कहा की भाई जी मुझे बक्श दो मेरे बस का नही है पर फूफा का काला लंड लगातार हिल रहा था, आखिर फूफा ने मम्मी की दोनों टाँगें बाएं हाथ से पकड़कर और दुसरे से अपना लंड पकड़ कर मम्मी की फंको के बिच में रखकर जैसे ही धक्का मारा मम्मी की चीख निकल गयी, फूफा ने कहा माया मेरी जान क्या हुआ, मम्मी ने कहा की बहुत मोटा है, फूफा ने मम्मी की बात अनसुनी कर दी और अपने लंड को धीरे धीरे अंदर करने लग गया, मम्मी लगातार सिसक रही थी और फूफा के काले मोटे मोटे चुत्तड़ तेजी से आगे पीछे हो रहे थे..

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फूफा ने अपने दोनों हाथ मम्मी की छाती पर टिका दिए थे और सहला रहा था, फूफा लगभग पंजो पर उकडू उठा हुआ था और उसका काला लम्बा मोटा लंड मम्मी के अंदर बाहर आ जा रहा था. मै मम्मी की सिस्कारिया सुन रही थी, मम्मी आह, आह, आह……… बस, बस, ….बोल रही थी मम्मी का छेद लगभग 2 इंच गोल हो गया था, मम्मी की ऐसी सेक्सी आवाज मैंने पहले कभी नहीं सुनी थी, मम्मी की आवाज मुझे ऐसी लगी जैसे कुतिया का छोटा बच्चा ठण्ड के मारे घुट घुट कर रो रहा हो, फूफा का काला लंड फूल चूका था, फूफा पूरा जोर लगा रहा था कि किसी तरह पूरा 8 इंच का लंड अंदर चला जाये पर मम्मी फूफा की जाँघों पर हाथ रख लेती थी, आखिर में फूफा ने पूरा लंड अंदर पेल ही दिया, मम्मी जोर से चीख उठी, अब फूफा के आंड मम्मी की चूत पर टकरा रहे थे और मम्मी बुरी तरह सिसक रही थी..

मम्मी ने अपनी दोनों टाँगें खुद ही हवा में उठा ली थी. मम्मी की पाजेब की आवाजें मुझे भी बहुत अच्छी लग रही थी, मम्मी का छेद मेरी आँखों से सिर्फ 2 फीट की दुरी पर था, करीब 15 मिनट बाद फूफा ने अपने दोनों चूतड़ भींच लिए और दोनों आंड मम्मी की चूत पर सटा दिए, फूफा की टाँगें कांपने लगी थी. फिर 1 मिनट बाद चाचा ने अपना लंड धीरे से बाहर निकाल लिया, मम्मी के छेद से सफ़ेद गाढ़ा मांड जैसा कुछ बाहर आने लग गया था, फूफा मम्मी की बगल में लेट गया, मम्मी ने धीरे से अपनी टाँगें निचे रखकर घुटनों से मोड़ ली…

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मम्मी का छेद धीरे धीरे सिकुड़ने लग गया था पर उसमे से बहुत ही गाढ़ा पदार्थ निकल रहा था, फूफा ने मम्मी की चूत अपने लुंगी से साफ़ कर दी और अपना लंड भी साफ किया, फूफा ने मम्मी को पूछा की कैसा लगा, मम्मी ने अपना सिर फूफा की बालों से भरी छाती पर टिका दिया. मम्मी ने धीरे से फूफा से कहा की भाईसाब जी तुम्हारे अंदर बहुत जान है, इस के पापा तो 3 – 4 मिनट बाद ही थक कर सो जाते है पर मै ये किसी से नही कह सकती उन्होंने मुझे कभी भी ये अहसास नहीं कराया की सेक्स क्या होता है और उनका लिंग भी तुम्हारे लिंग से आधा है साइज़ में, मै ये सब सुनकर हैरान रह गई की मम्मी फूल सी नाजुक हैं और मम्मी को आखिर क्या मजा आया सिसकते हुए, जब फूफा ने मम्मी के अंदर पूरा पेल दिया था और मम्मी ने हवा में टाँगें क्यों उठा ली थी?

मम्मी के बदन पर कभी भी मेरा ध्यान अच्छी तरह से नही गया पर जब फूफा ने मम्मी को बिलकुल नंगा कर दिया था तब मेरा दिमाग भी उनकी सुन्दरता देखकर दंग रह गया, वाह मम्मी की जाँघों के बीच में क्या उठान थी?फूफा जी का लंड देखकर भी मेरे मन में पानी आ गया था, फूफा रह रह कर मम्मी की उठान पर अपनी हथेली फिरा रहा था और मम्मी फूफा की चौड़ी छाती पर अपनी हथेली से सहला रही थी. फूफा ने कहा की माया तुझे मेरा देखकर डर नही लगा? मम्मी ने कहा की पहले मुझे लगा की तुम मेरी हालत ख़राब कर दोगे पर फिर ऐसा मजा आया की सब कुछ भूल गयी.

New Sex Storiesयूँ फंसी चक्कर में मैं

फूफा ने कहा की माया मेने 2 साल से औरत की सुगंध भी नही ली, शरीर तो क्या देखना था? और तेरी मसल ने मुझे ऐसा मसल मारा की मै पिघल गया.ऐसा लग रहा था की मै साइकिल में हवा भर रहा हूँ. उन दोनों की बातें सुनकर मुझे लगा की सेक्स में वाकी बहुत मजा है.फूफा ने मम्मी को कहा की माया यहीं सो जा रचुती तो कभी की सो चूकी होगी पर मम्मी नही मानी और बेड से उठकर उन्होंने कपडे पहन लिए, फूफा का लंड भी सिकुड़ कर 5 इंच का रह गया था, चलने से पहले मम्मी ने फूफा की छाती पर किस किया तो मै समझ गई की मम्मी किसी भी समय बाहर आ सकती है…

मै तुरंत बेड पर जाकर लेट गई, करीब 3 मिनट बाद मम्मी आ गयी और चुपचाप लेट गयी.

मुझे नींद नहीं आ रही थी लेकिन फिर भी सोने का बहाना करती रही. जब माँ सो गई तो मैं उठी और बाथरूम में चली गई, अब मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी इसलिए मैं बहुत प्रेषण थी और अपने अंदर लगी आग को बुझाना चाहती थी. तभी मुझे ध्यान आया की रसोई में मूली रखी हुई है.

New Sex Storiesकुंवारे लंड की चाहत

मैंने मूली से सेक्स करने की फिल्म पहले ही देख रखी थी, इसलिए मैं झट से एक मूली लेकर वापिस बाथरूम में आ गई और अपनी चूत और गांड में बार – बार मूली देकर आगे पीछे करने लगी.

मुझे डर भी था कि कहीं मूली अंदर ही टूट ना जाएँ इसलिए मुझे ये सब बहुत ही सावधानी से करना पड़ा लेकिन फिर भी मुझे बहुत मजा आ रहा था……..

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अपने चिकनी पाठिका की चुदाई की https://sexstories.one/chikni-pathika-ki-chudai-ki/ Sat, 18 Jul 2020 09:46:23 +0000 https://sexstories.one/?p=611 हेल्लो दोस्तों.. आज मैं एक कहानी पोस्ट कर रहा हु, उस दिन निशा ने एक मस्त काली टॉप और नीचे पैरों को एक सफ़ेद लेगी पहन रखी थी! निशा १२ वीं में पढ़ रही थी! वो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो दोस्तों.. आज मैं एक कहानी पोस्ट कर रहा हु, उस दिन निशा ने एक मस्त काली टॉप और नीचे पैरों को एक सफ़ेद लेगी पहन रखी थी! निशा १२ वीं में पढ़ रही थी! वो मेरी स्टूडेंट थी! पीछले ६ सालो से मैं उसको पढाता आ रहा था!

निशा मेरे सामने ही जवान हुई हुई! अब वो मेरे जितनी लम्बी हो गयी थी! मेरी ५ फुट ६ इंच की लम्बाई को जब उसने छू लिया तो मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा! उसकी चंचल आँखे, उसका शर्मा शरमाकर मेरी क्लास में आना!

अब सब कुछ मुझे बडा रूमानी लगने लगा! मैं उसके बग्गी रोड स्थित घर उसको पढ़ाने जाता था! निशा अब बच्ची नही रह गयी! वो चोदने लायक एक मस्त माल बन गयी थी!

मेरी आँखों में जब वो अपनी हिरनी जैसी चंचल आखें डालकर देखती थी वो मन करता था की इसको यही गिरा के चोद लूँ! ऐसा हुआ भी एक दिन! जब उसने मुझसे मैथ का कोई सवाल पूछा तो मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया!

New Sex stories – मसाज़ वाले से चुद गयी

ये क्या सर? वो भोलेपन से बोली!

कुछ नही, बस ऐसे ही ! मैंने कहा!

ये सिलसिला चल निकला! अब जब भी वो मेरे पास अपनी नोटबुक लेकर आती तो मैं उसके हाथ पर अपना हाथ रख लेता था! अब निशा सायद सब कुछ समजने लगी थी! उसका शरीर अब खिल गया था! वो अब एक बच्ची नही रह गयी थी! छाती के उभार अब पूरी तरह से विकसित हो गए थे! बड़ी विशाल पीठ हो गयी थी!

निशा अब सायद एक स्त्री और पुरुष के बीच जो जिस्मानी रिश्ता होता है, उसे समजने लगी थी! मैं नहीं जानता था की वो अपनी चूत में ऊँगली करती होगी या नही! एक दिन जब मैं उनको पढ़ा रहा था तो मैंने चुपके से उसका इंग्लिश वाली कॉपी उठा ली और उसमे एक चूत और चूत को चोदता लौड़ा बना दिया! ‘निशा!! तुम मेरी सबसे अच्छी स्टूडेंट हो, मैंने तुम्हारी चूत में लौड़ा देना चाहता हूँ’ मैंने चित्र बनाकर नीचे लिख दिया! मन में डर था की वो बगावत भी कर सकती थी, अपने मम्मी पापा को भी वो चित्र दिखा सकती है, पर बार बार मेरा दिल करता था की वो ऐसा नही करेगी! पिछले ६ सालों से अपनी इस सबसे खूबसूरत स्टूडेंट को मैं देखता आया था!

‘इसे मैंने इतने दिनों से पढाया है! 1 नही 2-2 घंटे, 3-3घंटे मैंने पढाया है! इसलिए निशा को भोगने चोदने खाने का हक मुझे ही है! मैं ऐसा ही हमेशा सोचता था! जब उसके पापा कोई दूसरा टीचर रखने की बात करते थे तो मुझे बड़ी जलन होती थी! इस कलि को मैंने ही फूल बनाया है, इसलिए इसे खाने का पहला हक मेरा ही है! अब मैं और देरी नही कर सकता! जल्द ही मुझे निशा जैसी जवान कली का भोग लगा लेना चाहिए! मैंने विचार किया! उस दिन निशा बहुत नाराज दिख रही थी! उसने मेरा बनाया वो चित्र देख लिया था! वो उसको लेकर अपसेट दिख रही थी!

ये क्या है सर?? उसने वो चूत और लौडे वाला चित्र मेरे सामने खोल कर रख दिया और पूछने लगी! मैंने उसकी आँखों में नाराजगी पढ़ ली थी!

‘हाँ! ये सच है निशा! मैं तुमको चोदना चाहता हूँ! क्यूंकि मैं कोई वासना का पुजारी नही हूँ! पर इसलिए की मैं तुमसे प्यार करता हूँ! अब तुम जवान हो चुकी हो! तुम चुदने को अब तैयार हो चुकी है! अब तुमको पढाई के सिवा ये सब भी सोचना चाहिए! अब चुमको चूत और लौडे के खेल को भी समझना चाहिए! अगर तुमको मेरी ये बातें बुरी लग रही हो तो मुझे साफ साफ कह दो! मैं कल से यहाँ नही आऊंगा! पर अब अगर मैं तुमको देखूंगा तो चोदे बिना नही रह पाउँगा’ मैंने साफ साफ उससे ख दिया!

हो हैरान थी! हो हथप्रथ थी! सायद वो मुझे फूहड़ समझ रही हो! सायद वो मुझे गंवार समझ रही हो! सायद वो मुझे जगली समझ रही हो! उसको पढ़ाने के बाद मैं घर आ गया! मेरे मन में पूरी उम्मीद थी की मैं उसको ६ साल से पढ़ा रहा था! पर ये सब सुनने के बाद वो तुरंत मुझसे हर तरह का नाता खत्म कर लेगी, पर ऐसा नही हुआ! मैं 5 दिन तक उसको पढ़ाने नही गया! मैं इंतजार कर रहा था की जी [निशा के पापा] मुझे फोन करेंगे और कहेंगे की अब मुझे आने की कोई जररत नही है! पर ऐसा नही हुआ! मैं इंतजार करता रहा पर उनका कोई फोन नही आया! 5वें दिन जब मैं निशा के घर गया तो उसके पापा बाहर लान में बैठे थे!

New Sex stories – आशा का नशा

अरे मास्टर साहब, कहाँ थे आप इतने दिन? आये क्यूँ नही? निशा आपको कितना याद कर रही थी?? वो बोले!

मैं हंस पड़ा और भीतर चला गया! निशा को मैं पढ़ाने बैठ गया! उसने वो इंग्लिश वाली कॉपी मेरे सामने लाकर रख दी! मैं थोडा हैरान था! मैं कॉपी उठाई और वो पन्ना खोल्र कर देखा! ‘सर! मेरी चूत मारने का अधिकार आपका ही है! क्यूंकि आपने मुझे पढ़ाने में बहुत मेहनत की है! मैं आपको चूत दूंगी’ निशा ने ये बात उस चित्र के नीचे लिख दी थी! मैंने उसका जवाब देखा तो यकीं नही हो रहा था! मैं बार बार उसे पढ़ रहा था, मैंने मैंने नजरे अपनी स्टूडेंट की ओर कर दी! उसने हाँ में सिर हिलाकर सहमती दे दी! मैं उस वक्त सायद दुनिया का सबसे लकी आदमी था! आखिर अब मुझे अपनी मस्त जवान स्टूडेंट को भोगने को मिल जाएगा!

उसको चोदने पेलने को मिल जाएगा! मैं खुस और पूरी तरह से संतुष्ट था! अगले दिन जब मैं पढ़ाने गया तो निशा के कमरे में चला गया! आज मैं उसको दूसरी नजरों से देख रहा था! रोज की तरह मैं उसको सामान्य नजरों से नहीं देख रहा था! वहीँ उसकी आँखें भी आज मुझसे नही हट रही थी! बहुत कुछ उसकी आँखें कह रही थी! उसकी आँखें में बार बार मैं इजहार और इकरार की पेशकश को पढ़ रहा था! मैं दरवाजा बंद कर लिया और निशा की ओर मेरे कदम बढ़ने लगी!

वो अपनी जगह टिकी रही! पीछे नही हटी! मैं उसके करीब पहुच गया! वो मेरी ओर देखने लगी! मैंने आगे बढ़ कर वहीँ चीर परिचित बड़ी बड़ी बेहद सुन्दर आँखें चूम ली! हिरनी जैसी वो शरारती आँखें! मैंने अपनी चेली को अपने आलिंगन में भर लिया! वो मेरे लिए कोई ऐरी गैरी लड़की नही थी! सायद मेरे लिए वो सबसे खास लड़की थी! निशा मुझसे लिपट गयी! घड़ी दो घड़ी हम एक दूजे में खोये रहें!

उसने अपने हाथ मेरी पीठ पर रख दिए! मुझसे चिपकी रही! कितनी बड़ी बात! जिस चेली को रोज पढाता था आज उसको चुदास और चुदाई का हुनर मैं सिखाऊंगा! कुछ देर तक हम दोनों आलिंगनबद्ध रहें! फिर जादू टूटा! मैंने उसके होठ का रस पीना लाजमी समझा! मैंने अपनी कमर से लिपटे उसके हाथ छुडाये और उसको होंठों को अपने लबों में ले लिया! मैं उसके रसीले कुंवारे होठों को पीने लगा! मेरे जीवन का आज ऐतिहासिक दिन था! मैं नही रुका और अपनी चेली के होठ पीता रहा! वो सहमत थी! वो भी चुदासी थी आज पुरी तरह से! निशा की सांसे मेरी साँसों में मिल रही थी! मेरे जिस्म में मेरी रगों का खून तेजी से दौड़ रहा था! ‘आज इसको रगड के चोदना है’ मेरा आवारा दिल बार बार यही आरजू कर रहा था!

हम दोनों गुरु और चेली अपने में खोये रहें! मेरे हाथ निशा के स्तन पर चले गए! पिछले कुछ सालों से उसके स्तन बढ़ गए थे! जब वो मेरे सामने बैठकर जरा था झुकती थी तो उसके ताजे ताजे नरम नरम मम्मो के दर्शन हो जाते थे! हम दोनों अपने में खोये रहें! खड़े खड़े मैंने उसके होंठ पीता रहा और उसके टॉप के उपर से उसके स्तन पर हाथ फेरता रहा! फिर हम दोंनो सोफे पर आ गए! वो भली भाति समझ रही थी की आज कौन सा पढ़ पढ़ना है! दिखावे के लिए मैंने उसको कॉपी किताबे खोलकर रखने को कह दिया था! जिससे बाई चांस कोई आ जाए तो कोई दिक्कत ना हो! मैंने उसके नरम नरम होठ पीता रहा और उसके टिकोरे हाथ से पकड़ कर दबाता रहा! मैंने उसके नए नए दूध हाथ से उसके टॉप के गले से उपर निकाल लिए थे! मैं जोर जोर से उसके टिकोरे मसल रहा था! वो मस्त और चुदासी हो रही थी!

मैंने पूरी शरारत दिखाई और जोर जोर से अपने कठोर हाथों से उसके कोमल दूध मसलने लगा! वो और मैं, हमदोनों ही मस्त हो गए! वो दिन यादगार दिन था मेरे लिए! निशा जैसी मस्त माल आखिर रोज रोज कहाँ मिलती है! उसके जैसी लड़की लाखों में एक होती है! उसके जैसी लड़की लाखों में एक मिलती है! मैंने उसकी ठोड़ी पकड़ ली, उसके सेक्सी होंठ पीता रहा और उसके मम्मे को निर्ममता से मैं मीन्जता रहा! मैं यकीन से कह सकता हूँ की उसको दर्द तो जरुर हो रहा होगा! मैं पूरे मजे लेकर अपनी चेली को चोदना चाहता था! फिर मैंने उसको उसके ही घर में, उसके ही कमरे में नंगा कर लिया! वो लजा गयी! जिस कमरे में मैं उसको पढाता था वो घर के एक किनारे पर था! वहां कोई आता जाता नही था! वो मेरे सामने बेहया, बेपर्दा हो गयी थी! उसकी आँखों में चुदवाने के ख्वाब मैंने देखे थे! उसकी आँखों में उनकी छिपी हुई चुदवाने की हामी थी!

New Sex stories – मुस्लिम सब्ज़ीवाले ने मेरी बीवी को चोदा

मैं आज पूरी तरह से अपनी चेली में डूब जाना चाहता था! रोज मैं उसको पढाता था, आज वो मुझे कैसी अच्छे से चोदते पेलते है, वो मुझे सिखाएगी! मैंने फिर से उसकी आखों में देखा और डूब गया! मैंने उसकी आँखों को अपना कलमा समझ के चूम लिया! उसके टॉप को मैं निकाल ही चुका था! मैं निशा के आम पीने लगा! वो चुप थी और शांति से अपने गुरूजी को अपने दूध पीला रही थी! मैं मस्ती से कभी कभी उसके निपल्स मैं अपने तेज दांतों से काट लेता था! वो उछल पड़ती थी! मैं मुँह लगाकर उसके मम्मों को पी रहा था! पुरे के पुरे मम्मे मेरे मुँह में अट गए थे! मुझे खुशी हुई की मेरा मुँह इतना बड़ा है की उसके दूध मेरे मुँह में आ गए! बाप रे!! कितने सुकोमल दूध थे उसके! कितने नरम, कितने मीठे!, मेरी चुदासी कल्पना से भी परे! ये मेरी चेली है, इसीलिए इसको भोगने का हक मेरा है! मैं इसी फंडे पर काम कर रहा था!

पहला मम्मा जब मैंने पी लिया तो दूसरा मुँह में भर लिया! अब दूसरा पीने लगा! भगवान ने भी औरत जैसी कितनी खूबसूरत चीज बनायी है! अगर लडकियाँ और औरतें ना होती तो हम मर्दों का क्या होता! कैसे हम अपना मनोरंजन करते! मैं निशा के मम्मे पीते पीते सोच रहा था! जरुर मेरा उससे कोई रिश्ता था, वरना ना मैं यहाँ आता और ना मुझे उस २० साल की लड़की से प्यार होता! मैंने उसके दोनों रस से लबालब छातियाँ पी ली! फिर मैंने अपनी जींस निकाल दी! लौड़ा मेरा कबसे अपनी चेली की चूत मारना चाहता था! मैंने निशा की लैगी निकाल दी! बड़ी छोटी सी चूत थी उसकी! निशा जैसी खूबसूरत लड़की की चूत रोज रोज नही मारने को मिलती है! मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी! वो पूर्णतः नग्न हो गयी थी! मैं उसकी छोटी सी चूत पीने लगा! तो तडपने लगी! मैंने जितना सोचा था मेरी चेली उससे जादा निकली!

वो छोटा पटाका नही थी आइटम बम थी! मैंने लपर लपर करके निशा की चूत पीता रहा! वो चुदासी हो गयी! मैंने उसके पैर खोल दिए थे! मैंने अंगूठे में ढेर सारा थूक अपने मुँह से लिया और उनकी कुंवारी गांड में डाल दिया!

हाय दैया, हाय दैया !! मर गयी सर! मैं मर गयी गयी सर!! निशा रोने लगी!

New Sex stories – चोरी और लंड खोरी

श श श !! कुछ नही होगा मैंने कहा! मैंने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया! जिससे उसकी आवाज बाहर ना जाए! मेरा अंगूठा उसकी कुंवारी गांड फाड़ता हुआ अंदर घुस गया था! मैं उसकी कुंवारी गांड को अपने अंगूठे से चोदने लगा! वो रोने लगी! मैं नही माना और जोर जोर से उसकी नई नई कुवारी गांड को अंगूठे से चोदने लगा! वो अपने हाथ से मेरा हाथ रोकने की नाकाम कोसिस करती रही! मैं उसकी नई नई गांड चोदने लगा! वो बहुत रोई! मैं नही माना! फिर मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड में डाल दिया और लेने लगा! थोडा खून उसकी गांड से निकला! कोई ३० मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ! मैं उसकी गांड में ही झड गया! मुझे मौज आ गयी!

अब बारी उसकी चूत की थी! बदकिसमती से जब उसकी बुर चोदी तो फिर उसको दर्द हुआ! बहुत खून निकला उसकी चूत से! क्यूंकि निशा की बुर और चूत दोनों कुंवारी थी! मैं उसको मजे से पेलपालकर घर आ गया! जानबूझ कर मैंने 2 दिन की छुट्टी ले ली जिससे उसको आराम मिल सके! उसके बाद तो मैंने निशा को चोदने का शतक पूरा किया और कॉपी में हर बार की चुदाई की तारीक किसी मुक़दमे की तारीक की तरह नोट कर ली!

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