naukrani ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/naukrani-ki-chudai/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 गांड का छेद माल से भर डाला https://sexstories.one/naukrani-ki-gaand-me-lund-daala/ Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4378 नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं..

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Naukrani ki Gaand – रोहित और मेरी दोस्ती पूरे कॉलेज में बड़ी फेमस थी.. हम दोनों ही एक दूसरे के साथ हमेशा ही खड़े नजर आते थे.. एक दिन रोहित मुझसे कहने लगा यार अब तो कॉलेज भी खत्म होने वाला है तुमने क्या सोचा है। मैंने रोहित से कहा मैं क्या सोचूंगा पापा ने मुझे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरा काम संभालोगे और इसके अलावा तो शायद मैं और कुछ भी नहीं सोच सकता। मुझे रोहित कहने लगा चलो पारस तुमने तो अच्छा किया जो अपने पापा की हां में हां मिला दी लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि मैं अपना फैमिली बिजनेस ना संभाल कर कुछ और काम शुरू करूं। मैंने रोहित से कहा लेकिन इसमें तुम्हें दिक्कत भी हो सकती है रोहित कहने लगा अरे यार इसमें दिक्कत वाली क्या बात है अब तुम ही मुझे बताओ कि मैं भी क्या करूं मेरा मन पापा के बिजनेस को करने का बिल्कुल भी नहीं है और मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

मैंने रोहित से कहा वह तो तुम अपने पापा का काम संभाल कर भी कर सकते हो और उन्होंने इतने साल की मेहनत की है उसके बाद तुम्हे ही तो सारा काम संभालना है। रोहित और मेरे बीच में काफी समानताएं थी रोहित के पिताजी भी एक बिजनेसमैन है और मेरे पिताजी भी बिजनेसमैन है हम दोनों ही घर में एकलौते हैं लेकिन रोहित चाहता था कि वह कुछ अलग करें इसलिए उसने अमेरिका जाने के बारे में सोच लिया था। मैंने रोहित से कहा कि तुमने क्या अपना पूरा मन बना लिया है कि तुम अमेरिका चले जाओगे रोहित मुझे कहने लगा हां पारस मैंने पूरा मन बना लिया है अब मैं अमेरिका में ही कुछ काम शुरू करना चाहता हूं।

रोहित के पिताजी भी शायद उसे मना ना कर सके और वह अमेरिका चला गया। मैं दिल्ली में रहकर ही अपने पापा का काम संभालने लगा और देखते ही देखते कब समय बीत गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा समय बड़ी तेजी से निकला और मुझे काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके थे। इन 5 वर्षों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था और यह सब पापा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि पापा ने ही मुझे अपने बिजनेस के तौर तरीके और अपने काम की बारीकियों को सिखा दिया था।

रोहित से मेरी बात तो होती रहती थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात सिर्फ एक या दो बार ही हो पाई थी अब वह अमेरिका में ही सेटल हो चुका था। एक दिन उसका मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा पारस मैं दिल्ली आ रहा हूं मैंने रोहित से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा है कम से कम इतने समय बाद तुम मुझे मिलोगे तो सही पिछले दो वर्षों से हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हो पाई है। रोहित मुझे कहने लगा हां क्यों नहीं मैं बस तुम्हारे पास अगले हफ्ते पहुंच जाऊंगा मैंने रोहित से कहा चलो ठीक है तो फिर हम लोग मुलाकात करते हैं।

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रोहित कहने लगा मैं तुम्हें पहुंच कर फोन करता हूं मैंने उससे कहा हां तुम मुझे पहुंच कर फोन कर देना, रोहित जब अपने घर पहुंच गया था तो उसने मुझे फोन किया और उसके बाद मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया। जब मैं उसके घर पर गया तो उसके पापा का चेहरा उतरा हुआ था मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं सोफे पर बैठा हुआ था रोहित के पापा मेरी तरफ देख रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा पारस बेटा तुम क्या कर रहे हो। मैंने उन्हें बताया कि अंकल मैं तो अपने पापा का ही काम संभाल रहा हूं, रोहित के घर पर मैं काफी सालों बाद गया था तो रोहित के पापा के मन में कई सवाल थे।

वह मुझसे कुछ पूछने लगे तो मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया लेकिन वह रोहित को कहने लगे कि देखा पारस भी तो अपने पापा का काम संभाल रहा है और एक तुम हो कि तुम हमें अकेला छोड़ कर अमेरिका चले गए। मैंने रोहित और उसके पापा के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी नहीं कहा और जब रोहित ने मुझे कहा कि चलो मेरे रूम में चलते हैं तो हम दोनों उसके रूम में चले गए। रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे रोहित ने मुझे कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है मैंने रोहित से कहा मेरा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम सुनाओ तुम तो लगता है अमेरिका में ही सेटल हो चुके हो। रोहित मुझे कहने लगा यार अब तुम्हें क्या बताऊं यहां रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है और मैं तो सोच रहा हूं कि अमेरिका में ही शादी करूं।

रोहित की बातों से इतना तो प्रतीत हो चुका था कि उसने अपने लिए कोई लड़की देख ली है रोहित मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपने लिए कोई लड़की देख ली है। मैंने उसे कहा कहां यार मैंने तो अपने लिए कोई लड़की नहीं देखी है लेकिन इतना जरूर है कि पापा और मम्मी मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित मुझे कहने लगा अच्छा तो वह तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं मैंने कहा हां वह लोग मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित ने मुझे जब नताशा की फोटो दिखाई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे होने वाली भाभी हैं मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हारी इतनी आगे बात बढ़ चुकी है और तुम मुझे अब बता रहे हो। रोहित मुझे कहने लगा कि नताशा और मैंने सगाई भी कर ली है मैंने रोहित से कहा लेकिन तुमने तो घर में किसी को भी नहीं बताया। रोहित कहने लगा यार यदि मैं घर में यह सब बताऊंगा तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह सब बताना ठीक नहीं समझा।

मैंने रोहित से कहा लेकिन तुम्हें उन्हें बता देना चाहिए रोहित कहने लगा उन्हे मैं कुछ समय बाद बता दूंगा। रोहित पूरी तरीके से बदल चुका है वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया है जो कि पहले बातें सीधा ही किया करता था। रोहित अब बातों को बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया करता है।

रोहिता पूरी तरीके से बदल चुका था और वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया था मैं उसके साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था। मैंने रोहित से कहा रोहित मैं घर जा रहा हूं तो वह कहने लगा कि चलो मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करता हूं। मैंने रोहित से कहा ठीक है, मैं जब घर आया है तो मैं सोचने लगा कि रोहित कितना बदल चुका है क्योंकि वह तो बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा और उसके बदलने का कारण सिर्फ यही था कि वह अमेरिका चला गया था। वह अपने पापा के साथ रहना ही नहीं चाहता था यही कारण था कि उसके पापा और उसके बीच में अब दूरियां पैदा होने लगी थी। रोहित अपनी जिंदगी अच्छे से जी रहा था वह अपने जीवन को पूरा एंजॉय करना चाहता था। जब में रोहित के घर दोबारा से गया तो उसके घर में 22, 23 वर्ष की उसकी नौकरानी थी।

मैंने रोहित से पूछा नौकरनी कब रखी तो वह कहने लगा पापा ने ही रखी है मुझे तो इसके बारे में ज्यादा नहीं मालूम और ना ही मैं उनसे इस बारे में बात करता हूं। उसकी नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं। मैंने उसे कहा आओ ना मेरे पास बैठो मैंने उसे अपने पास बैठा दिया वह शर्मा रही थी रोहित मुझे कहने लगा मैं कुछ देर बाद आता हूं।

रोहित भी चला गया था मैं अकेला ही था इसलिए मैं उसे चोदना चाहता था मैंने उसे कुछ पैसे दिए और वह भी पैसों के लालच में आ गई। मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा वह मेरे लंड को अच्छे से मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। जब मैंने उसके बदन से कपडे उतारे तो उसकी जालीदार पैंटी और उसका सावला रंग मेरे सामने था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला लेकिन उंगली जा ही नहीं रही थी।

मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत मैं अपने लंड को ही घुसाना पड़ेगा। उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और कहने लगी साहब अगर कोई आ गया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम बिस्तर में लेट जाओ वह बिस्तर में लेट गई। जब वह लेटी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मैं उसकी गांड मारना चाहता था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों के बीचो-बीच अपने लंड को लगाया और अपने लंड को उसके स्तनों पर रगडने लगा लेकिन जब उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उसे अच्छा लग रहा था। वह लंड को ऐसे ही चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत मे लंड घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक घुस चुका था। मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही उसके मुंह से चीख निकल और उसकी चीख के साथ मैंने उसक चूतडो को खोल कर रख दिया। उसके दोनों पैरों को मैंने चौड़ा कर लिया था मैंने उसे तेज धक्के देने शुरू कर दिए वह पूरी तरीके से चिल्लाने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी कि मुझसे नहीं रहा जा रहा मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम्हें अब अच्छा लगने लगेगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए और मैंने इतनी तेज गति से उसे धक्के मारे। वह मुझे कहने लगी मालिक मुझे छोड़ दो लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था और उसे छोड़ने का तो कोई सवाल ही नहीं था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें और पैसे दूंगा तुम मुझसे अपनी गांड मरवा लो पैसे के लालच में वह आ गई और मुझसे भी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसके अंदर प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड मे जाने को बेताब था जैसे ही मेरा लंड अंदर की तरफ घुसा तो उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी। वह कहने लगी मुझसे नहीं रहा जाएगा वह अपनी चूतडो को पकडकर मेरी तरफ करने लगी। मैं उसकी चूतड़ों के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और 5 मिनट के बाद जब मेरे वीर्य की बूंदों से मैंने उसकी गांड के छेद को भर दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मजा आ गया। मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हें अब मजा आ गया लेकिन तुमने मुझे बहुत अच्छा मजा दिया।

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मेरी नौकरानी और मेरी अन्तर्वासना https://sexstories.one/meri-naukarani-ki-sexy-antervasna/ Wed, 17 Nov 2021 06:30:44 +0000 https://sexstories.one/?p=3322 मैंने उसका हाथ लिया और उसके हाथों में अपना लंड दे दिया | उसने हाथ हटाया नही बल्कि मेरा लंड पकड़ कर बड़े प्यार से सहलाने लगी | मैंने सोचा इससे बडा ग्रीन सिग्नल नही हो सकता | अब मैंने आँखें खोल दी और चौंकने का नाटक किया...

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Meri naukarani ki sexy antervasna – हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम दीपक है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ | मैं दिल्ली में कैट की कोचिंग कर रहा हूँ | दोस्तों मेरा कद पांच फुट और दस इंच है और मेरी बॉडी फिट है | चलिए अब मैं आप लोगों का बहुत ज्यादा टाइम न लेते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूँ |

मुझे खुद खाना बनाना नही आता इसिलए मैंने एक नौकरानी लगाई हुई है जोकि खाना भी बनाती है और बर्तन भी धो देती है | उसकी उम्र लगभग 25 साल है | उसका अभी कुछ दिनों पहले ही तलाक हुआ है | उसका नाम फातिमा है | दोस्तों वैसे तो मैंने उसे उस नज़र से नही देखा लेकिन क्या करून, शैतानी दिमाग है, कभी न कभी तो नज़र पड़ ही जाती है | उसके बूब्स मध्यम साइज़ के हैं और गांड मस्त है | उसका पेट निकला हुआ नही है और वो कसी हुई मस्त माल लगती है | शकल तो कुछ ख़ास नही है लेकिन चुदाई में शकल का क्या काम |

एक दिन की बात है, मेरी कोचिंग नही थी उस दिन तो मैं रूम पर ही बैठा था | पढ़ते पढ़ते कब नींद आ गयी पता ही नही चला | गर्मियों के दिन थे इसलिए मैंने सिर्फ अंडरवियर और बनियान में था | सपने में मैंने कुछ देखा होगा की अचानक से दरवाजा खटखटाया किसी ने | मैं नींद में ही उठा और दरवाजा खोल दिया | जब नौकरानी फातिमा ने मुझे देखा तो शरमा गयी लेकिन मैं नींद में था इसीलिए मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया | मैंने उसको अन्दर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया | वो अब भी शरमा रही थी |

मैंने नींद में ही पूछा क्या हुआ तो उसने कोई जवाब नही दिया | मैं फिर से सो गया | अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा की मेरा लंड खड़ा हुआ है और अंडरवियर से पूरा समझ में आ रहा है की वो खड़ा है | मैंने किचन की साइड देखा तो पाया की फातिमा ललचाई नज़रों से मेरे लंड को देख रही है | मैं समझ गया की मौका है | मैंने नींद का बहाना किया और एक करवट किया और अंडरवियर में से जो मुतने के लिए छेद होता है उसमे से अपना लंड बहार निकल दिया और फिर से वापस करवट ले ली | अब मेरा लंड साफ़ दिख रहा था |

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मैंने धीरे से देखा तो पाया की उसकी आँखों में हवस थी | मैंने सोचा की क्या किया जाये तभी एक आईडिया आया | मैंने नींद में ही उठने की एक्टिंग करने लगा और पानी की बोतल में पानी भरने के बहाने किचन में जाने लगा | किचन के दरवाजे पर फातिमा कड़ी थी और मैंने जान बुझ कर अपने हाथ फातिमा के बूब्स पर रख दिए और ऐसे नाटक किया जैसे की मैं नींद में चलने की वजह से छू छू के चल रहा हूँ | मैंने पाया की फातिमा ने कुछ नही कहा | इधर मेरा लंड अब भी खुला था और फातिमा की सलवार को टच कर रहा था |

मैंने अब आँखें बंद किये किये उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया | वो अब भी कुछ नही बोली | मैंने सोचा की अब तो ग्रीन सिग्नल है | मैंने उसका हाथ लिया और उसके हाथों में अपना लंड दे दिया | उसने हाथ हटाया नही बल्कि मेरा लंड पकड़ कर बड़े प्यार से सहलाने लगी | मैंने सोचा इससे बडा ग्रीन सिग्नल नही हो सकता | अब मैंने आँखें खोल दी और चौंकने का नाटक किया | उसने मुझे जगा हुआ देखकर अचानक से अपना हाथ मेरे लंड से हटा लिया | मैंने कहा फातिमा, जो भी हो रहा था, भले ही नींद में शुरू हुआ हो लेकिन जब दोनों की मर्जी है तो असलियत में भी कर लेते हैं न | वो कुछ नही बोली और उसने अपनी नजरें झुका लीं |

दोस्तों झुकी हुई नज़रें हाँ का इशारा करती हैं ये तो आप लोगों को भी पता ही होगा | मैंने अब सीधा उसकी किस करना शुरू कर दिया | वो पहले तो थोडा हिचकिचाई लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी | अब मैं उसको बिस्तर पर ले गया और लिटा दिया | अब मैंने उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा | वो भी मेरा साथ देने लगी | मैं अब उसकी गर्दन पर किस कर रहा था और वो मजे से आह्ह्ह  ह हह ह हह ह उ उ ऊ उ ऊ इ ई ई इ ई ई ई इ इ ईई ई इ आःह ह हह ह हह ह ह्ह्ह हह ह हह ह ह्ह्ह्हह ह ह्ह्ह ह हह कर रही थी |

मैंने अब उसका सूट उतार दिया और ब्रा भी निकाल दी | अब मैं उसके बूब्स दबा रहा था | फिर मैंने एक निप्पल को चुसना शुरू कर दिया | वो बड़े मजे से आआ आआह्ह हह ह हह ह हह ह ह्ह्ह्ह ह हह ह हह ह उ ऊ उ ऊ उ ऊ उ ऊ उ ऊ इ इ इ इ ईईइ इ ई इ ई ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ह ह हह ह हह ह ह्ह्ह्ह ह हह ह ह हह ह्ह्ह्ह ह ह ह ह हह ह ह ह हह ह ह हह ह ह हह हह ह हह ह हह ह ह हह ह ह ह हह ह ह ह हह ह ह हह ह हह ह ह हह ह ह हह ह ह करने लगी |

मैंने उसके बूब्स को मसलना और चुसना जारी रखा और अब उसके दुसरे निप्पल को चूसने लगा | वो मस्ती से मेरा सर पकड़ कर अपने निप्पल चुसवाए जा रही थी |

दोस्तों, आशा है की आप लोग इस कहानी को एन्जॉय कर रहे होंगे | मैं आप लोगों के इस एंजोयमेंट को 1 दिन के लिए होल्ड पर डाल रहा हूँ और कल हाजिर होता हूँ इसी कहानी का दूसरा भाग लेकर | तब तक पढ़ते रहिये हिंदी सेक्स कहानियां | कल मिलता हूँ दोस्तों, ज्यादा इंतजार नही करवाऊंगा |

अपना लंड खड़ा रखना आप लोग तब तक |

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कामवाली को चोद डाला https://sexstories.one/kamwali-ko-chod-diya/ Wed, 03 Nov 2021 07:18:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3260 मेने देखा के नीचे ब्लड पड़ा हुआ था मतलब वो वर्जिन थी अभी तक ओर इसलिए ही उसने मुझे रोका था ओर बस फिर काम खत्म करके वो चली गयी ओर जब वो दूसरे दिन आई तो बहोत धीरे धीरे चल रही थी जैसे दर्द हो रहा हो उसे ओर में भी वेट कर रहा था उसका क्यूकी मुझे पता था...

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Kamwali ko chod diya यह एक सच्ची स्टोरी है चलो पहले में अपने बारे में बता देता हूँ. मेरा नाम है लक्की और में सूरत का रहने वाला हूँ. तो अब स्टोरी स्टार्ट करते है. ये उन दिनो की बात है और उस साल ही मेरे भाई की भर्ती मुंबई मे हुई थी तो मेरी मम्मी उसके साथ मुंबई चली गयी रहने ओर यहा मेरे लिए एक मस्त कामवाली छोड़ गयी तो घर मे सिर्फ़ में ओर पापा ही रहते थे और पापा तो सुबह 8 बजे ही जॉब पर चले जाते थे वो कामवाली उस टाइम पर 18-19 साल की होगी शायद पर थी बहोत मस्त पर मेरा ध्यान कभी उसकी तरफ नही गया था की कभी उसे में चोदुंगा।

अब में बताता हूँ की मेरा मन कैसे गया उसकी तरफ वो रोज पोछा लगाते टाइम पर अपनी चुन्नी बाथरूम मे ही छोड़ आती थी वो जब भी पोछा लगाती तो उसके बोब्स दिखते पर वो पूरे तो नही दिखते सिर्फ़ गली ही दिखती पर उतना ही काफ़ी था मुझमें हवस जगाने के लिए. कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा में उसे ऐसे ही देखता रहता पर मेरा मन अभी भरा नही था इतने से तो अब में वो जहाँ जहाँ पोछा लगाती वहाँ वहाँ जाकर देखता पर इतना भी काफ़ी नही था कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा मेरी हिम्मत बढ़ रही थी क्यूकी वो मेरी तरफ देखती भी नही तो अब में वो जब भी बाथरूम में कपड़े धो रही होती तो गेट के पास जाकर खड़ा हो जाता उसे पता रहता की में खड़ा हूँ पर वो ध्यान नही देती ओर कपड़े धोती रहती।

उस टाइम मुझे भी नही पता था की में क्या कर रहा हूँ पर कुछ भी हो मजे आ रहे थे तो ओर हिम्मत बढ़ा दी गेट पर बेठ जाता ओर उसे कपड़े धोते हुए देखते रहता वो गेट के बिल्कुल पास बेठ कर कपड़े धोती थी तो एक दिन मेने उसके पैर पर हाथ रख दिया उसने उस टाइम भी कुछ नही कहा मुझे उस टाइम ये समझ नही आया के उसने कुछ बोला क्यू नही में तो बस मज़े लूटने मे लगा था तो ऐसे ही में डेली अपना हाथ थोड़ा थोड़ा उपर ले जाता ओर एक दिन मैने अपना हाथ उसकी चूत पे पहुचा दिया ओर जैसे ही वहा मेने हाथ रखा उसने झट से मेरा हाथ हटा दिया।

में डर गया उस टाइम तो मेने फिर ऐसा कभी नही किया फिर में डेली जाकर वैसे ही गेट पर बेठ जाता ओर बस मोका देखता की वो कपड़े निचोड़े अरे हाँ वो कपड़े निचोड़ते टाइम खड़ी हो जाती थी। बाथरूम तो में उसके पीछे चला जाता ओर जैसे ही मोका मिलता में उसकी गांड पर अपना लंड टच करवा देता अब सोचो दोस्तो कितना टाइम लगा होगा उसकी चूत मारने में तो चलो आगे सुनो. तो कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा फिर एक दिन मैने अपना लंड अपनी पेंट मे से निकाल के टच किया उसकी गांड पर सोच नही सकते की कितना मज़ा आता था मुझे उस टाइम पर तो धीरे धीरे में आगे बढ़ रहा था ओर वो कुछ बोल भी नही रही थी तो में डेली अब ज्यादा ज़ोर से लंड को दबाता उसकी गांड पर ओर फिर एक दिन मेने उसकी नीचे वाली ड्रेस उतारी थोड़ी सी की गांड तो दिख जाए पर कुछ नही दिखा तो मैने थोड़ी ओर उतारने की कोशिश की पर इस बार वो घूम गयी ओर बोली।

वो: नही लक्की प्लीज़ ऐसा मत कर….

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मैने फिर कुछ भी नही बोला ओर वो मुझ से चिपक गयी ओर रोने लगी की तू ऐसा क्यू करता हे मुझे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था की क्या करू में पर वो रो रही थी तो बाथरूम से आवाज़ बाहर ना जाए इसलिए में उसे रूम मे ले गया वो रो रही थी अभी भी पर वो मुझसे चिपकी हुई थी. फिर पता नही क्या हुआ वो बेड पर लेट गयी मुझे चिपका कर अपने से ओर बेड पर गिर गयी वो रोती रोती ओर में उसके उपर पड़ा हुआ था मेरा लंड तो जैसे उसके कपड़े मे से निकल कर चूत मे घुस जाए ऐसा हो रहा था तो मेने फिर नीचे जाकर उसकी ड्रेस नीचे से उतार दी पर वो उतारने नही दे रही थी।

फिर भी मैने जैसे तैसे करके उतार दी ओर वापस उसके उपर चड गया अब में अपना लंड उसकी चूत में डालने की ट्राइ करने लगा पर वो डालने ही नही दे रही थी पता नही क्यू ऐसा कर रही थी वो पर जैसे ही में ट्राइ करता डालने की वो पैर चिपका लेती ओर मना करती। पर मुझे पता था की वो चाहती तो हे तो मैने जैसे तैसे करके डाल दिया एक बार अंदर ओर पता नही उसे इतना दर्द हुआ की वो चिल्ला दी ओर मुझे हटा दिया अपने उपर से ओर रूम से निकाल दिया मुझे ओर बंद कर लिया रूम उसने अब मुझे डर लगने लगा था में भी उसे मनाने लगा की प्लीज़ खोल दे गेट आगे से नही करूँगा ऐसा पर उसने नही खोला।

में बोलता रहा ओर थोड़ी देर बाद उसने गेट खोल दिया ओर वो बाहर पोछा लेने गयी तो मेने देखा के नीचे ब्लड पड़ा हुआ था मतलब वो वर्जिन थी अभी तक ओर इसलिए ही उसने मुझे रोका था ओर बस फिर काम खत्म करके वो चली गयी ओर जब वो दूसरे दिन आई तो बहोत धीरे धीरे चल रही थी जैसे दर्द हो रहा हो उसे ओर में भी वेट कर रहा था उसका क्यूकी मुझे पता था की अब वो मना नही करेगी. कभी तो फिर वो जैसे ही कपड़े धोने गयी में बाथरूम मे घुसा ओर उसे बाहर रूम मे ले आया. फिर मेने उसका ड्रेस खोला नही पर उपर कर दिया तो उसके बोब्स दिखने लगे. फिर में उन बोब्स को चूसने लगा वो मना तो कर ही नही रही थी. कुछ भी करने से तो थोड़ी देर बाद चूसने के बाद मैने उसकी नीचे वाली ड्रेस भी उतार दी ओर अपना लंड डालने की ट्राइ करने लगा पर लंड अंदर जा ही नही रहा था।

मुझसे बहुत ट्राइ करने के बाद उसने खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा ओर अंदर डाल दिया जैसे ही मेने अपना लंड उसकी चूत मे डाला उसने आँखे बंद कर ली ओर लंबी सी साँस लेने लगी में चोदता रहा ऐसे ही उसे ओर फिर जब पानी निकलने वाला था तब मेने अपना लंड निकाल दिया ओर जल्दी से बेड से उतर के पानी नीचे ही निकाल दिया ओर फिर वो खड़ी हुई ओर जल्दी से कपड़े पहन के पोछे से साफ़ कर दिया.

मेरा निकला हुआ पानी ओर फिर वो अपना काम करने लगी फिर ऐसे ही चलता रहा वो रोज काम करने आती ओर मुझसे काम करवा के चली जाती थी ।

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मौसी बनी नौकरानी https://sexstories.one/mausi-maid-hot-sex-story/ Tue, 02 Nov 2021 11:20:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4722 स्मिथ के लिंग को देखकर आंटी मुस्कुरा दीं। तो स्मिथ ने कहा - देखिए क्या होता है फूहड़... चूस रहा है! मैं उसे उसकी फूहड़ बुलाना पसंद करता था; मेरा दिल चाहता था कि वह मुझे भी फूहड़ कहे। आंटी ने अपना मुंह खोला और मिस्टर स्मिथ का सफेद लंड अपने मुंह में चूसने लगीं...

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Maid hot sex story लॉकडाउन में पैसों की कमी के चलते मेरी मौसी ने लोगों के घरों में बर्तन साफ ​​करना शुरू कर दिया। मैं भी उसके साथ जाने लगा। मैंने क्या देखा? दोस्तों मैं हूं आपकी दोस्त इलियाना, आज इस मेड हॉट सेक्स स्टोरी में मैं आपको अपनी जिंदगी का एक बहुत बड़ा सच बताने जा रहा हूं।

बात यह है कि मैं बेहद गरीब परिवार से हूं। मेरे पिताजी कार चलाते हैं और घर का रखरखाव ठीक चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण पिताजी का काम बंद हो गया, इसलिए घर में भोजन की कमी थी। अब जब लोग घर से बाहर नहीं जा सकते हैं, लोग भी अपने घरों के अंदर बैठे हैं, तो हम जैसे गरीब लोग पैसा कैसे कमाते हैं। तो इन दिनों घर की हालत सुधारने की कोशिश में मम्मी ने पापा से बात की कि अगर वह लोगों के घरों में बर्तन-झाड़ू का काम कर सकते हैं तो कुछ पैसे घर में आ जाएंगे।

पापा ने भी मजबूरी में हां कर दी। कुछ दिनों बाद माँ को दो-तीन घरों में काम मिल गया। माँ लोगों के घरों में काम करने लगी। मैं भी अब बड़ी हो गई थी इसलिए माँ अक्सर मुझे अपनी मदद के लिए साथ ले जाती थीं। जैसे ही माँ ने बर्तन धोए, मैंने झाड़ू लगा दी। इस तरह हम दोनों मां-बेटी अपने घर का खर्च चलाने लगे। लेकिन फिर भी, यह काम नहीं कर रहा था; हाँ हम खाना खा सकते हैं लेकिन घर चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। करीब डेढ़ महीने तक ऐसा ही चलता रहा। लेकिन एक बात मैंने नोटिस की कि माँ का रवैया बदलने लगता है।

क्योंकि पिताजी घर पर खाली बैठे थे और माँ कमा रही थी, वह अक्सर पिताजी के साथ दुर्व्यवहार करती थी, पिताजी पर बकवास करती थी, और उन्हें सच बताती थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अगर मॉम ने कमाना शुरू कर दिया है तो पापा पर हावी क्यों होने लगी हैं। लेकिन इसके पीछे की वजह कुछ और थी, जो मुझे एक दिन पता चली। हुआ यूं कि जो घर हमारे बेहद करीब है वह हमारे चाचा का है। वह भी पापा की तरह ऑटो चलाता था लेकिन अब वह भी बेकार था। और आंटी भी मॉम की तरह लोगों के घरों में काम करती थीं। माँ और मौसी का आपस में बहुत कुछ लेना-देना था, दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।

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और मौसी के कहने पर माँ लोगों के लिए घर का काम करने लगी। और इसके लिए चाचा-चाची ने पापा को मनाने में काफी मशक्कत की थी। कभी-कभी मेरी मौसी भी मुझे अपने साथ ले जाती थीं और मैं और मौसी दोनों साथ में काम करते थे। ऐसे ही एक दिन मैं और मेरी मौसी दोनों मिस्टर स्मिथ के घर काम पर गए। जो लोग स्मिथ होते हैं वे अक्सर मौसी के साथ कुछ हंसी-मजाक करने के आदी होते हैं। मौसी भी उन्हें बहुत हँसी से जवाब देती थीं। अब मैं ऐसा बच्चा भी नहीं था, मुझे लगने लगा था कि स्मिथ और मौसी के बीच कुछ चल रहा है।

लेकिन इसका खुलासा अभी नहीं हुआ, लेकिन कब तक छुपाया गया। एक दिन मैं ड्राइंग रूम में पोंछ रहा था और मेरी मौसी रसोई में बर्तन धो रही थी तभी अचानक बर्तन गिरने की तेज आवाज आई। मैंने तुरंत किचन की तरफ देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं। मिस्टर स्मिथ आंटी को पीछे से पकड़े हुए थे, और वो दोनों हाथों से मौसी के स्तन दबा रहे थे और मौसी उनके दाँत फाड़ रही थी। मैं इसे देखकर हैरान रह गया। उसके बाद मैं अक्सर उन पर नजर रखने लगा।

मैं जब भी अपनी मौसी के साथ जाता था तो मेरा सारा ध्यान इसी तरफ होता था कि जब मिस्टर स्मिथ आंटी के साथ कोई गलत काम करेंगे और छुप-छुप कर देख लेंगे। अब मेरे हार्मोन मेरे शरीर पर भी अपना रंग लेने लगे थे। मेरे स्तन बनने लगे थे, जाँघें मोटी होने लगी थीं और चूतड़ निकलने लगे थे। बाजू, कंधे, पीठ, कमर हर जगह ऐसे थे मानो मांस भर रहा हो। मेरे शरीर के ये उभार मुझे ऐसी कामुक बातों के लिए और अधिक उत्तेजित करते थे। आंटी और मिस्टर स्मिथ जब भी उनके बूब्स दबाते थे तो मेरा दिल यही होता था कि मिस्टर स्मिथ मेरे बूब्स को उसी तरह किसी दिन दबा दें।

लेकिन उनका ध्यान आंटी की ओर ज्यादा था क्योंकि मैं छोटा था और वह अक्सर मुझे बेटी और बच्चा कहकर बुलाते थे। मैं भी अक्सर अपनी माँ के बजाय अपनी मौसी के साथ जाता था ताकि मैं अपनी चाची की और अधिक इच्छाएँ देख सकूँ। एक दिन जब हम काम पर गए तो पता चला कि मिस्टर स्मिथ की पत्नी अपने बच्चों के साथ घर चली गई है। तो मौसी ने मुझसे कहा- अरे इलियाना, ऐसा करके तुम बस झाडू लगाकर अपनी मां के पास जाओ, मैं बाकी काम पूरा करके आ जाऊंगी। मैंने हां कहा लेकिन मुझे एहसास हुआ कि चाची मुझे यहां से निकालना चाहती हैं। हॉट मेड सेक्स स्टोरी

इसलिए मैंने अपनी मौसी से बिना झाड़ू पूछे ही बेडरूम में जाकर पोंछना शुरू कर दिया। मौसी ने सोचा कि शायद मैं चला गया हूँ तो कुछ देर बाद वो पोंछे लेकर ड्राइंग रूम में पोंछने लगी। इसमें मिस्टर स्मिथ भी बाहर से आए थे। जब उसने देखा कि मौसी अकेली है तो उसने झट से जाकर मौसी को पकड़ लिया। आंटी भी हंसने लगीं। मिस्टर स्मिथ ने कहा- क्या वो छोटी बच्ची चली गई? आंटी ने कहा- हां मैंने कहा था, चला गया होगा।

क्या बुरा आदमी है। लेकिन मैं उन दोनों का काम देखना चाहता था इसलिए चुपचाप बिस्तर के नीचे छिप गया। पहले तो मिस्टर स्मिथ ने मेरी आंटी को गले लगाया और किस करते रहे। फिर उसने खुद अपनी मौसी का ब्लाउज उतार दिया और मौसी ने खुद ही अपनी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया। 1 मिनट में आंटी पूरी तरह से नंगी हो गईं। तो मिस्टर स्मिथ ने भी अपना पजामा उतार दिया। चड्डी में उनका लंड नीचे से दिखाई दे रहा था. आंटी खुद घुटनों के बल बैठ गईं और उन्होंने मिस्टर स्मिथ का कड़ा मुर्गा अपने हाथ में पकड़ लिया और वापस खींच लिया। तो मिस्टर स्मिथ की मोटी सफेद टोपी निकली।

स्मिथ के लिंग को देखकर आंटी मुस्कुरा दीं। तो स्मिथ ने कहा – देखिए क्या होता है फूहड़… चूस रहा है! मैं उसे उसकी फूहड़ बुलाना पसंद करता था; मेरा दिल चाहता था कि वह मुझे भी फूहड़ कहे। आंटी ने अपना मुंह खोला और मिस्टर स्मिथ का सफेद लंड अपने मुंह में चूसने लगीं। यह देखकर मुझे मिचली आ रही थी, ‘ऊ…’ कैसी आंटी… मिस्टर स्मिथ का डिक उसके मुंह में ले लिया। मुझे अजीब लगा लेकिन मौसी खूब मजे लेकर चूस रही थी। फिर उसे कुछ देर मुर्गा चूसते हुए देखने के बाद मुझे भी लगा कि शायद इसे चूसने में मजा आ रहा है। मिस्टर स्मिथ ने भी अपनी बनियान उतार दी, अब वह भी पूरी तरह से नंगे थे।

उसने मेरी चाची को कालीन पर लेटने के लिए कहा। आंटी ने अपने दोनों पैर खोल दिए। आंटी की टांगों के बीच बैठे मिस्टर स्मिथ ने अपना लंड मौसी की चूत पर रख दिया और फिर आगे बढ़ गए। मतलब उसका लंड मौसी की चूत में घुस गया था। उसके बाद मिस्टर स्मिथ आगे-पीछे होने लगे। दोनों बहुत खुश लग रहे थे। मिस्टर स्मिथ** ने कहा – तुम घुट-घुट कर मजा ले रहे हो, सिस्टरफकर… लेकिन मुझे तुम्हारी भाभी को ले जाना है, उसे मेरे नीचे रखना है। मौसी ने कहा- मुझ में क्या कमी है कि तुम उसके पीछे हो?

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उसने कहा – अरे तुम में कोई कमी नहीं है, बस उस पर दिल आ गया है, मुझे बहुत अच्छा लगता है कि वह इस जगह पर ऐसे ही लेटी हुई है और मैं उसे चोद रहा हूँ। आंटी ने कहा- अरे मैं कोशिश कर रही हूं, तुम्हारे भेजे हुए पैसे मैं तुम्हें दे दूंगी। मैं उसे उसके पति के खिलाफ भड़काती हूं। और मैं तुम्हारी बहुत प्रशंसा करता हूं, कि वह अपने पति से घृणा करती है, और तुम्हारी ओर आकर्षित होती है। मिस्टर स्मिथ ने कहा – तो यह किसी काम का था? मौसी ने कहा- अरे बहुत फायदा हुआ है। अब उनके घर में आए दिन मारपीट होती रहती है। लगता है जल्द ही वह मेरी बात मानेगी और आपसे दोस्ती करेगी। मैं उसकी लड़की को भी लाइन पर ला रहा हूँ, एक दिन तुम उसे भी चोदोगे।

मिस्टर स्मिथ ने कहा – अरे अब वह छोटी है, अब मैं उसे कैसे चोद सकता हूँ। मौसी ने कहा- अरे ये तो पूरी तरह से फूहड़ है, ये 19 साल की हो गई है। एक मैंने उसे ऊँगली करते हुए देखा। अब अगर वह अपनी चूत में उंगली कर रही है, तो इसका मतलब है कि उसे मुर्गा चाहिए। और क्या आपको ऐतराज है अगर वह मुर्गा आपका है? मिस्टर स्मिथ खुश हुए और बोले- अरे वाह, तो मजा आ जाएगा। कई साल हो गए हैं कि मैंने बालों वाली चूत की चुदाई नहीं की। भाभी की चूत के बाल शायद अभी तक नहीं आए हो आंटी ने कहा- अरे, मैंने देखा उसके बाल कहाँ आए या नहीं… आप खुद देख लीजिए। बिल्कुल कच्चा, पूरी तरह से कली।

मिस्टर स्मिथ ने कहा – मेरी बात सुनो, मुझे नहीं पता कि मैं उन दो माताओं, पहले बेटी और फिर माँ को कैसे चोदना चाहता हूँ। उस दिन जब वह तुम्हारे साथ यहाँ आई थी, उसी दिन मैंने उसके निप्पल देखे, क्या मस्त बूब्स थे। तुम मुझे उसकी चूत दिला दो, 10000 रुपये तुम्हारी! मौसी खुश हो गईं- अरे वाह सर, बहुत दयालु! लगता है आज मुझे ही तुझे अपनी गांड देनी है। मिस्टर स्मिथ ने कहा – हाँ, क्यों नहीं जब तक मैं तुम्हारी गांड से प्यार नहीं करता, मुझे ऐसा नहीं लगता कि कोई पागल है। उसके बाद मिस्टर स्मिथ ने आंटी से कहा- जाओ डॉगी बन जाओ!

आंटी ने बहुत खुशी के साथ मिस्टर स्मिथ की ओर पीठ की और डॉगीस्टाइल में कुतिया की तरह बन गई। और फिर मिस्टर स्मिथ ने अपने लंड पर थूक दिया और अपना लंड आंटी की गांड में डाल दिया। दर्द से तड़प रही थी आंटी- अरे साहब, जरा संभल जाओ… बहुत दर्द होता है, धीरे से डालो। मिस्टर स्मिथ ने कहा – अरे मैं इसे धीरे-धीरे डाल रहा हूं, बस एक बार इसे पूरी तरह से अंदर आने दो, उसके बाद मैं तुम्हें आराम से चोदूंगा। उसके बाद मिस्टर स्मिथ ने अपनी मौसी को खूब रगड़ा। बिस्तर के नीचे लेटे हुए मैंने अपनी उँगली अपनी चूत में डाल ली। उनकी मौसी चूम रही थी और यहाँ मैं अपनी चूत में ऊँगली कर रहा था। कितनी देर तक दोनों इसी तरह सेक्स करते रहे, मेरी चूत ने भी दो बार पानी छोड़ दिया।

मिस्टर स्मिथ ने जब मौसी के मुंह पर अपना सह गिराया, तो दोनों नहाने के लिए बाथरूम में चले गए। फिर मैं झट से बिस्तर के नीचे से निकली और घर की ओर चल पड़ी। दो दिन बाद मौसी अपने गांव चली गई और हम दोनों मिस्टर स्मिथ के घर का काम करने लगे। एक दिन मॉम हमें बाजार ले गईं और हम सभी के कपड़े मंगवाए। उसके बाद अब माँ मुझे अपने साथ हर घर में काम पर ले जाती है लेकिन पिताजी उसे मिस्टर स्मिथ के घर नहीं जाने देते, वह खुद वहाँ अकेले काम करने जाती है। जी हां, मम्मी-पापा के बीच झगड़े तेज हो गए हैं।

भाग दो जल्द आ रहा है

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चूत मिलती तो तन बदन खिल ऊठता https://sexstories.one/naukrani-ki-mast-chut/ Wed, 27 Jan 2021 16:40:03 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%a4%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%a8-%e0%a4%96%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%8a%e0%a4%a0%e0%a4%a4/ मैंने अमन से कहा क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी अमन कहने लगा हां भैया मैंने आपके फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। मैंने अमन से कहा चलो ठीक है मैं तो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैंने अमन से कहा क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी अमन कहने लगा हां भैया मैंने आपके फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। मैंने अमन से कहा चलो ठीक है मैं तो इसी चिंता में था कि क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवाई होगी या नहीं क्योंकि कुछ दिनों से तुम काफी बिजी चल रहे थे और मैं भी काफी बिजी था और मुझे तुमसे बात करने तक का समय नहीं मिल पाया। naukrani ki mast chut

अमन मुझे कहने लगा कि हां भैया मैंने आपकी टिकट बुक करवा दी है मैं आपको शाम को मिलता हूं। अमन अपने ऑफिस में ही था और मैं भी अपने ऑफिस में था मैं अमन से फोन पर बात कर रहा था शाम के वक्त जब मैं घर लौटा तो अमन से मैंने पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है। अमन मुझे कहने लगा भैया आपको तो पता ही है कि हमारे ऑफिस में हमारे बॉस का कितना ज्यादा प्रेशर रहता है काम के लिए वह बड़े ही सीरियस रहते हैं और जब भी उनसे कुछ कहो तो वह गुस्सा हो जाया करते हैं।

मैंने अमन को कहा अमन ऐसा तो मेरे साथ भी होता है और यह अक्सर होता ही रहता है अमन मुझे कहने लगा कि भैया आप कहां जा रहे हैं तो मैंने अमन को कहा मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं। अमन कहने लगा भैया क्या आप अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहा हूं अपने दोस्तों से मिले हुए काफी समय भी तो हो गया है।

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कॉलेज में हमारे साथ पढ़ने वाले मेरे दोस्त सुशील ने यह प्रोग्राम बनाया था वह चाहता था कि हम लोग सब मिले और काफी सालों बाद सब लोगों की मुलाकात होने वाली थी। मेरे लिए तो उससे भी अच्छा मौका तब था जब मैं फ्लाइट में था फ्लाइट में मेरे बिल्कुल सामने एक लड़की बैठी हुई थी मैं बार-बार उसकी तरफ देख रहा था और वह अपने कान में हेडफोन लगाए हुई थी।

अहमदाबाद से चंडीगढ़ जाते वक्त मैं अपने दिमाग में सोच रहा था कि जब इतने समय बाद अपने दोस्तों से मिलूंगा तो कितनी खुशी होगी और वह लोग भी कितने खुश होंगे। मैं बार-बार अपनी बगल वाली सीट पर बैठी हुई लड़की को देखे जा रहा था मुझसे वह कहने लगी कि क्या आप चंडीगढ़ जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं।

उसने भी बड़े अच्छे तरीके से मुझसे बात करनी शुरू की और जब उसने मुझ से हाथ मिला कर अपना नाम बताया तो मैं उसकी तरफ देखता रहा उसने मुझे कहा मेरा नाम सुजाता है। मैं सुजाता की तरफ देखता ही रहा क्योंकि मैं भी अपने मन में यह सोचने लगा की काश सुजाता मेरे जीवन में आ जाती लेकिन ऐसा संभव होना इतना आसान भी कहा था। पहली मुलाकात में हम दोनों की इतनी बातें होने लगी कि सुजाता मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी।

मैंने उसे अपने बारे में बताया और कहा कि मेरे पिताजी अहमदाबाद में स्कूल में टीचर हैं और मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए चंडीगढ़ जा रहा हूं तो सुजाता ने मुझे कहा कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हो। उसने मुझसे पूछा कि तुम अपने दोस्तों से कितने समय बाद मिलोगे तो मैंने उसे कहा कि मैं अपने दोस्तों से करीब 5 साल बाद मिलूंगा इन 5 सालों में काफी कुछ बदल चुका है। सुजाता से मेरी बात काफी समय तक हुई जब हम लोग चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंच गए तो वहां से  मैं अपने दोस्त के घर पहुंचा सुशील को मैं इतने समय बाद मिल रहा था सुशील ने मुझे गले लगाते हुए कहा की तुमसे इतने समय बाद मुलाकात हो रही है मैं बहुत खुश हूं।

मैंने सुशील को कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही तो संभव हो पाया है यदि तुम सब लोगों को मिलने के लिए एक साथ नहीं बुलाते तो शायद यह संभव हो ही नहीं पाता। सुशील मुझे कहने लगा यार मैंने भी सोचा कि तुम लोगों से मुलाकात हो जाएगी और सब लोग अपने काम में इतना बिजी हो चुके हैं कि किसी के पास भी समय नहीं है तुम तो जानते ही हो कि हमारा कॉलेज खत्म हुआ और उसके बाद से तो एक दूसरे से मुलाकात ही नहीं हो पाई।

मैंने सुशील को कहा हां यार तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो.. naukrani ki mast chut

शुशील ने मुझे कहा तुम थोड़ी देर आराम कर लो मैंने उसे कहा नहीं मैं ठीक हूं। मैंने शुशील से कहा कि मैं अपने मामा से मिल आता हूं अभी कोई जरूरी काम तो नहीं है ना तो सुशील मुझे कहने लगा कि नहीं तुम अपने मामा जी से मिल आओ।

मेरे मामा जी की वजह से मैं चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था उन्होंने मुझे अपने साथ रखा और उनके साथ रहकर मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की मेरे मामाजी के कोई भी बच्चे नहीं है इसलिए वह मुझे मानते है। मैं जब अपने मामा जी से मिलने के लिए उनके घर पर गया तो मामा जी उस दिन घर पर ही थे मामा जी मुझसे मिलकर खुश हुए और कहने लगे कि इतने सालों बाद तुम हमसे मिलने आ रहे हो।

मैंने मामा जी से कहा.. naukrani ki mast chut

मामा जी जब से जॉब लगी है उसके बाद से तो अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता और मैं काफी समय से सोच रहा था कि आप लोगों से मुलाकात करुं लेकिन आप लोगों से तो मुलाकात हो ही नहीं पाई। मेरी मामी थोड़ी देर बाद रसोई से मुझे पानी दिया मैंने मामा जी से कहा मामा जी आपका स्वास्थ्य कैसा है तो वह कहने लगे कि रोहित बेटा अब स्वास्थ्य कहां ठीक रहता है बस तबीयत ही खराब रहती है और हर दूसरे दिन डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। मैं और मामा जी साथ में बात कर रहे थे तो मामी जी मुझसे पूछने लगी कि रोहित बेटा घर में तो सब कुछ ठीक है ना मैंने मामी से कहा हां मामी जी घर में सब लोग ठीक हैं और मम्मी तो आपको बहुत याद करती हैं।

मामा जी मुझसे कहने लगे कि रोहित तुम यहां कितने दिन तक रुकने वाले हो तो मैंने मामा जी को बताया कि सुशील ने एक गेट टूगेदर पार्टी रखी है उसी के सिलसिले में मैं यहां आया हूं और हो सकता है कि तीन-चार दिन तक मैं यहां पर रुंकू। मामा जी कहने लगे कि बेटा तुम हमारे पास ही रुकना मेरे मामा जी से कहा मामा जी आज तो मैं आपके पास नहीं आ पाऊंगा क्योंकि शाम के वक्त हम लोगों की गेट टुगेदर पार्टी है कल मैं आपसे मिलने के लिए आता हूं और कल मैं आपके साथ ही रुकूंगा मामा जी कहने लगे कि ठीक है रोहित बेटा।

काफी देर तक मैं उन लोगों के साथ बैठा रहा.. naukrani ki mast chut

और मुझे भी अच्छा लगा कुछ पुराने दिनों की बात मामाजी करने लगे उसके बाद मैं सुशील के पास उसके घर पर चला गया। उसी शाम जब हम लोग गेट टु गेदर पार्टी में गए तो वहां पर बड़ा मजा आया सब पुराने दोस्तों से मिलकर बहुत खुशी हुई। सब लोगों से इतने सालों बाद मिलकर खुशी हो रही थी ऐसा लग रहा था साथ मे समय बिताते रहो। उस रात जमकर शराब पी जब रात को घर लौटे तो मुझे होश भी नहीं था अगले दिन जब मेरी आंख खुली तो मेरे सर में बड़ा दर्द हो रहा था.

मैंने सुशील को कहा मुझे पानी पिला देना? naukrani ki mast chut

सुशील ने अपने घर में काम करने वाली नौकरानी को बुलाया उसने मुझे पानी पिलाया मैं उसकी तरफ देखता रहा। मैंने उसे अपने पास बुलाया जब वह मेरे पास आई तो मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा सुशील दूसरे रूम में बैठा हुआ था। मैंने उसे पैसों का ललाच दिया उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया जब वह मेरे लंड को चूसती तो मुझे बड़ा मजा आता उसने मेरा लंड को बहुत देर तक चूसा। मैं उसे बाथरूम में ले गया वहां मैंने उसकी चूत बड़े अच्छे से मारी वह भी मेरे लंड को चूत में लेकर बड़ी खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आया जिस प्रकार से मैंने आपके लंड को अपनी चूत मे लिया। मैंने उसे कहा मुझे भी आज बड़ा मजा आ गया रात को भी मैं तुम्हें चोदूंगा लेकिन उस रात मैं अपने मामा जी के यहां रुकने वाला था इसलिए मैंने उसे कहा जब मैं जाऊंगा तो तुम से मिल कर जाऊंगा।

जब मैं वापस अहमदाबाद लौटा तो एक दिन मेरी मुलाकात सुजाता से हो गई सुजाता से मिलकर मैं बहुत खुश था वह भी बड़ी खुश हुई। सुजाता ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा मैं सुजाता के घर पर चला गया और सुजाता के साथ ही मैं बैठा कर उससे बात कर रहा था काफी देर तक हम लोगों की बातें होती रही। उसके बाद हमारा मिलना जुलना बढ़ने लगा हम दोनों की फोन पर भी बातें होने लगी बातें अब सेक्स की होने लगी थी। हम दोनों ही अपने आपको ना रोक सके जब मैं सुजाता के घर पर गया तो उसकी चूत मारने के लिए मैं बड़ा उतावला हो रहा था वह भी अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी मैंने सुजाता की जांघ पर हाथ रखा और उसे अपनी गोद में बैठा लिया मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो उसने भी लंड को दबाना शुरू किया। जब उसने लंड को अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैं उत्तेजित हो रहा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

मैंने काफी देर तक उसकी चूत चाटी जब सुजाता की चूत पूरी तरीके से गीली हो गई तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया था उसे बड़ी तेज गति से में धक्के मार रहा था। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा आनंद आता मैं काफी देर तक सुजाता की चूत के मजे लेता रहा सुजाता अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी वह मुझे कहने लगी आज तुम्हारे साथ अपनी चूत मरवा कर मजा आ रहा है मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर बाहर होता।

मेरे अंडकोष उसकी चूत से टकराते.. naukrani ki mast chut

मैं उसके होठों को चूमता उसके स्तनों का रसपान करता मुझे बड़ा मजा आता मै बहुत देर तक उसको चोदता रहा। उसकी टाइट चूत के मजे में ज्यादा देर तक ले ना सका मेरा वीर्य पतन हो गया मेरा वीर्य पतन होते ही मैंने सुजाता को गले लगा लिया। उसके बाद यह सिलसिला चलने लगा सुजाता को भी बड़ा मजा आया उसने उसके बाद मुझे अपने कुछ पुराने प्रेमियो के बारे में भी बताया किस प्रकार से उसने उनके साथ सेक्स किया था।

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नौकरानी की बेटी को चोदा https://sexstories.one/naukrani-ke-beti-ko-choda/ Fri, 01 Jan 2021 00:08:23 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%be/ नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजीव खुराना है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी पहली खानी लेकर आया हूँ | ये ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजीव खुराना है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी पहली खानी लेकर आया हूँ | ये मेरी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है जो की मेरे साथ घटी है मुझे आशा है की ये आपको पसंद आयेगी | naukrani ke beti ko choda

मैं आप लोगो को बात दूं की मेरा रंग गोरा और मैं दिखने में काफी हैण्डसम हूँ | naukrani ke beti ko choda

मैंने जिम जाकर काफी अच्छी बॉडी भी बना रखी है मुझसे लड़कियां बहुत जल्दी इम्प्रेस हो जाती है | अब मैं आप सब को सीधे कहानी पर ले चलता हूँ |

मैं गुजरात में अपने मम्मी-पापा के साथ रहता हूँ और मेरी पापा सरकारी नौकरी करते है और मेरी माँ हाउसवाइफ है | आज जो कहानी मैं आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ वो मेरी नौकरानी की बेटी की है | मैं आपको बता दूं की कुछ दिन पहले मेरी नौकरानी तबियत कुछ खराब थी जिसके कारण उसने अपनी बेटी को मेरे घर काम पर भेज दिया | उसका नाम आयशा था वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी | वो जब मेरे घर आई तो मैं तो उसको देखता ही रह गया | वो किसी तरह से नौकरानी तो लग ही नहीं रही थी |

उसका फिगर 34-30-36 होगा | naukrani ke beti ko choda

उसकी उम्र 23 साल होगी उसकी अभी शादी नहीं हुई थी | वो सलवार और कुरते में बहुत ही खुबसूरत लग रही थी | उसकी उठी हुई गांड देखकर मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने की कोसिस करने लगा  | मैं उसको खड़ा होकर देखने लगा वो पोछा लगा रही थी तो उसके बूब्स उसके कुरते से बाहर झाँक रहे थे | उसने मुझे खड़ा देखा तो और झुक कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन कराने लगी | मैंने खुद को कंट्रोल किया और मैं जाकर बाथरूम में मुठ मारने लगा | उस दिन वो अपना काम निपटाकर चली गयी मैं पूरा दिन उसके बारे में सोंचता रहा और रात को फिर उसकी मस्त गांड को याद करके मुठ मारी | मैं उस दिन बस यही सोंचता रहा की आयशा की चुदाई कैसे की जाए | मेरे एक रिश्तेदार के यहाँ शादी थी मेरे मम्मी-पापा अगले दिन वहां जा रहे थे | उन्होंने मुझसे भी चलने को कहा मैंने सोंचा की आज अगर मैं उनके साथ नहीं जाता हूँ तो मेरी बात कुछ आयशा के साथ बन सकती है |

मैंने उनसे बहाना बना कर कह दिया की मेरी कुछ तबियत ठीक नहीं है आप लोग चले जाईये | वो लोग सुबह जल्दी ही निकल गए और मैं घर पर अकेला था | मैं बहुत खुश था अमिने सोंचा की आज आयशा की चुदाई करके ही रहूँगा | मैं आयशा का इंतज़ार करने लगा | किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई मैं खुसी से उचल पड़ा की आयशा आ गयी | मैंने जाकर दरवाजा खोला तो देखा की उसकी माँ आई हुई थी | मेरा मन बहुत ही निराश हुआ मैंने उसने पूछा की आंटी आप की तबियत ठीक हो गयी | उन्होंने कहा की हाँ अब कुछ पहले से बेहतर है और फिर वो अपना काम करने लगी | मैं अन्दर से झल्लाकर रह गया की आंटी आज और नहीं आती तो कितना अच्छा होता | मैं मन में सोच रहा था की मैं अगर शादी में चला गया होता तो ही सही था|

फिर आंटी ने अपना काम किया और फिर वो चली गई | naukrani ke beti ko choda

मैं दिन भर बहुत ही उदास रहा क्यूंकि मेरा बनाया प्लान फेल हो गया था | मैंने दरवाजे बंद किये और मैं सो गया | मैं दिन भर पद सोता रहा शाम के चार बज गए किसी ने मेरे घर की बेल बजाई मेरी नींद खुल गयी और मैंने सोंचा की आंटी फिर आ गयी होंगी |

मैंने उठकर दरवाजा खोला तो सामने आयशा खड़ी थी | मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो मुझे देखकर हसने लगी क्यूंकि मैं सिर्फ अंडरवियर पहने हुआ था और मेरा लंड भी खड़ा था | मैंने नीचे देखा तो मुझे शरम आ गयी मैं जल्दी से अपने कमरे में गया और अपने कपडे पहन कर वापस आया | मैंने आयसा से पूछा की आंटी फिर नहीं आयी क्या बात है | उसने बताया की उनकी तबियत फिर खराब हो गयी और मुझे आना पड़ा | मैंने मन में सोंचा की बहुत अच्छा हुआ फिर क्या था वो अपना काम करने लगी वो झाड़ू लगा रही थी और मैं उसके मस्त चूतडो को देख रहा था मेरा लंड खड़ा होने लगा |

फिर थोड़ी देर बाद वो रसोई में चली गयी और बर्तन धुलने लगी | naukrani ke beti ko choda

मैं भी उसके पीछे रसोई में पहुँच गया और उसको पीछे से पकड़ लिया | वो मुझसे खुद को छुड़ाने लगी और बोली की आप ये क्या कर रहे हैं साहब ये ठीक नहीं है कोई आ जायेगा | मैंने उसको कसकर पकड़ रखा था मैंने उसे कहा की कोई नहीं आएगा और मैंने कहा  की आयशा तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मुझको तुमसे प्यार हो गया है | वो मुझसे कहने लगी नहीं साहब कहाँ आप और कहाँ मैं ये ठीक नहीं है | मैंने उससे कहा की तुम प्लीज मुझे साहब मत बोलो मुझे अच्छा नहीं लगता तुम मुझे संजीव बोल सकती हो | वो मुझसे छूटने की कोसिस करती रही पर मैंने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली और उसकी गर्दन को चुमते हुए उसके होंठों पर किस करने लगा |

थोड़ी देर बाद उसने विरोध करना बंद कर दिया और वो भी मेरा साथ देने लगी थी | मैंने उसके कुरते में हाँथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसलने लगा | वो गरम होने लगी थी फिर मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसको अपने बेड रूम में ले गया और उसको बेड पर लिटा कर उसको किस करने लगा | फिर मैंने उसके कुरते को निकाल दिया उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी | मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके बूब्स को आजाद कर दिया | क्या मस्त बूब्स थे उसके एकदम दूध की तरह सफ़ेद थे | मैं उसकी चूचियों को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगा |

मैंने उसके निपल्स चूस कर लाल कर दिए थे | naukrani ke beti ko choda

फिर मैंने उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी सलवार निकाल कर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा | वो मदहोश होने लगी थी मैंने उसकी पैंटी निकाल दी उसकी गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैंने उसकी चूत पर अपना मुहँ रखा और उसकी चूत को चाटने लगा | वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी चूत को चटवाने लगी | मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और घुमाने लगा वो मचल उठी उसने मुझसे कहा की मुझे बहुत ही मजा आ रहा है और चाटो इसे जोर से चाटो | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा | उसके मुहँ सी बहुत ही मादक सिसकियाँ निकल रही थी | फिर उसने मुझको बेड पर लेटने को कहा फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे बदन को चूमने लगी मेरा पूरा बदन चूमते हुए उसने मेरी पैंट को खोल दिया और मेरी पैंट निकाल कर फेंक दिया | फिर उसने मेरी अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे 8 इंच के लंड को देखकर वो बहुत खुश हुई |

उसने मुझसे कहा की तुम्हारा लंड तो बहुत ही मस्त है | naukrani ke beti ko choda

वो कहने लगी की मैंने इतना मस्त लंड आज तक नहीं देखा | मैंने उससे पूछा की इससे पहले तुमने किसी के साथ सेक्स किया है | उसने बताया की उसका बहुत पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था | जो उसके पड़ोस में ही रहता था और अब उससे लड़ाई हो गयी है | फिर वो मेरे लंड को अपने मुहँ में डालकर चूसने लगी जैसे की वो लोलीपॉप चूस रही हो | मुझे बहुत मजा आ रहा था पहली बार कोई मेरा लंड चूस रहा था | उसने चूस कर मेरा लंड एक दम खड़ा कर दिया | मैंने उसको ऊपर किया और मैं नीचे लेट गया मैंने उससे अपने लंड पर बैठने को कहा | वो मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर बैठ गयी | मैं धीरे-धीरे नीचे से धक्के लगाने लगा वो भी अपनी कमर चलकर मुझसे चूत चूत चुदवाने लगी |

मैंने धक्के लगाने जोर किये तो उसके मुहँ से अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह इस्श्ह्हह जोर से चोदो आह्ह्ह और जोर से मारो मेरी चूत अह्ह्ह ओह्ह्ह मुझे बहुत मजा आ रहा है चोदो जो से फाड़ दो मेरी चूत आह्ह्ह ओह्ह्ह की मादक आवाजे निकल रही थी | मैंने उसकी मस्त चुदाई की फिर वो झड गयी | मेरा लंड अब भी नहीं झडा था फिर मैंने उससे कहा की मुझे तुम्हारी गांड मारनी है पहले तो कहने लगी की मैं गांड में नहीं लूंगी | पर मेरे बहुत कहने पर वो तैयार हो गयी मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लंड डाल दिया और वो चीख पड़ी उसकी गांड टाइट थी फिर मैंने उसकी कमर पकड़ी और उसकी गांड को चोदने लगा मैंने उसकी जमकर गांड मारी और फिर मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर नहाते हुए उसके साथ सेक्स किया फिर वो अपने घर चली गयी |

मैंने उसका नंबर ले लिया और मुझे जब भी चोदना होता था तो मैं उसको बुलाकर उसकी चुदाई करता था |

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मैडम खुश तो मैं खुश https://sexstories.one/teacher-ki-chudai/ Thu, 06 Aug 2020 21:07:17 +0000 https://sexstories.one/?p=794 यह जून के शुरू की बात है। तब मेरी परीक्षाएँ ख़त्म हो चुकी थी। मेरी इंग्लिश की मैडम बहुत सेक्सी हैं। उनका नाम शगुफ्ता है। वे अट्ठाईस वर्ष की हैं। उनका कद सवा पाँच फ़ीट, ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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यह जून के शुरू की बात है। तब मेरी परीक्षाएँ ख़त्म हो चुकी थी। मेरी इंग्लिश की मैडम बहुत सेक्सी हैं। उनका नाम शगुफ्ता है। वे अट्ठाईस वर्ष की हैं। उनका कद सवा पाँच फ़ीट, कसा शरीर है, उनकी चूचियाँ बहुत बढ़िया हैं। और वो कपड़े भी ऐसे पहनती कि उसके जिस्म का कुछ हिस्सा नज़र आता। क्लास में आती उसके चुचूक खड़े होते थे। कसी कमीज़ पहनती और ब्रा भी कसी, तो चुचूक खड़े होने की वजह अपने निशान उस पर बना लेते। फिर पढ़ाई तो भाड़ ही में जानी थी। मैं रोज़ ख्यालों में उसके साथ प्यार करता। teacher ki chudai

खैर मैं इंग्लिश पेपर लेकर उसके घर पेपर पर विचार-विमर्श करने गया। कितनी खूबसूरत लग रही थी शलवार-कमीज़ में। उसकी कमीज़ थोड़ी छोटी थी। उनके घर में इतना शोर नहीं था। लगता था जैसे कोई भी न हो। उनके पति आर्मी में हैं, वो शायद कहीं गए हुए हों।

Teacher ki Chudaiगांव की लड़की और डॉक्टर

teacher ki chudai ki kahaniउन्होंने मुझ से कहा- मैं किताब लाती हूँ फिर देखते हैं कि तुम्हारा पेपर कैसा हुआ।

उन्होंने मुझे अपने कमरे से आवाज़ दी और कहा- यहाँ आ जाओ।

मैं चला गया।

किताब ऊपर वाली शेल्फ़ पर पड़ी थी कमरे में। उफ़ क्या सीन था- मैडम किताब को लेने के लिए ऊपर होतीं और उनकी शर्ट भी ऊँची हो जाती, उनकी कमर नज़र आती। मेरा तो उसी वक़्त खड़ा हो गया। मैं उनके पास गया और मैंने मजाक करते हुए कहा- मैडम, मैं आप को उठाता हूँ, आप किताब उतार लें।

और जो उत्तर मुझे मिला उसकी मुझे बिल्कुल भी आशा नहीं थी।

उन्होंने कहा- हाँ ! ठीक है ! मुझे तुम ऊपर उठाओ।

Teacher ki Chudaiसेक्स के 7 दिन

मैंने जल्दी में जवाब दिया- जी मैडम !

उन्होंने कहा- ठीक है आज मैं तुम्हारा जोर देखूं !

मैं तो चाहता ही यह था। मैं मान गया।

मैडम काफ़ी भारी थी मगर मैंने उन्हें उठा ही लिया। उनकी गांड मेरी पेट से लग रही थी, वो अभी किताब को ऊपर ढूंढ रही थी कि मुझसे पूछने लगी कि थके तो नहीं ?

मैंने कहा- नहीं !

मैंने उसे थोड़ा सा नीचे किया और उसकी गांड अब मेरे खड़े हुए लंड के साथ लगने लगी। उसने कुछ भी नहीं कहा। इससे लग रहा था कि मेरी बरसों की खवाहिश पूरी होने जा रही है।

मैंने पूछा- मैडम, किताब मिली या नहीं?

उसने कहा- सबर करो !

Teacher ki Chudaiहॉट पड़ोसन आंटी

मैंने आहिस्ता-आहिस्ता अपना हाथ उनकी कमीज़ के नीचे ले जाना शुरू किया। उनको लगा कि मैं थक गया हूँ और वो फिसल रही हैं।

खैर मैडम को लगने लगा कि मेरा लंड तो बस मेरी चड्डी फाड़ने लगा था।

उन्होंने फ़ौरन मुझे कहा- तुम मुझे उतार दो !

मैंने उन्हें जल्दी उसे उतार दिया। उफ्फ्फ ! उनके खड़े चुचूक देखकर मेरे अन्दर करंट आ रहा था।

उन्होंने कहा- किताब नहीं मिल रही ! मैं तुम्हारे लिए कुछ पीने को लाती हूँ ! फिर ऐसे ही पेपर देख लेंगे।

मैं कहा- ओ के !

वो किचन में चली गई। मैं अब कमरे में अकेला था। मैंने अपने लंड को जल्दी हाथ लगाया और दबाया ताकि जल्दी ही मुठ निकले और मुझसे मैडम के साथ कोई ग़लती न हो जाये।

मैं अभी अपना लण्ड दबा ही रहा था कि मैडम शरबत लेकर आई। वो कब रसोई से निकली, कुछ पता नहीं चला।

Teacher ki Chudaiऑफिस में माधुरी को चोदा

उन्होंने मुझे लंड दबाते देख लिया, मैंने जल्दी अपने लंड पर से हाथ उठा लिया। किसी हद तक मैं भी चाहता था कि मैडम मुझे देखे।

वो एकदम से डर गई। मैडम ने मुस्कुराते हुए पूछा- यह क्या कर रहे थे?

मैंने कहा- कुछ नहीं !

वैसे मैं भी कुछ खिसिया गया था। मैंने शरबत लिया और वो दरवाज़े की तरफ बढ़ी और दरवाज़ा बंद कर दिया। मैंने हैरान होकर उन्हें देखा, उन्होंने कुछ नहीं कहा और मेरे पास आ कर बैठ गई। वो इतना पास बैठी कि मैं दूर नहीं हो सकता था। मैंने उनकी आँखों में देखा तो ऐसे लग रहा था कि अब वो सेक्स की तलाश में हैं। मैंने उनको छूना चाहा लेकिन डर रहा था। उसके बाद उन्होंने मुझसे पेपर लिया और फेंक दिया और पूछा- तुमने पहले कभी किया है?

मैंने पूछा- क्या?

उन्होंने कहा- अंजान मत बनो !

मैं दिल ही दिल में खुश हुआ और उन्हें जवाब दिया- जी हाँ ! एक बार !

उन्होंने पूछा- x, xx या xxx।

Teacher ki Chudaiपडोस की सेक्सी भाभी

मैंने जानबूझ कर उनसे पूछा- इनका मतलब क्या है?

उन्होंने कहा- सिर्फ चूमा-चाटी, मसलना-रगड़ना या सब-कुछ?

मैंने फ़ौरन जवाब दिया- जी मैडम !

मुझसे बिल्कुल भी कण्ट्रोल न हुआ और मैंने उन्हें जल्दी से दोनों हाथों से पकड़ा और सोफे पर लिटा दिया और अधीर हो कर होंठों को चूमने लगा। उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और मैं गर्म हो गया। फ़िर फ्रेंच किस भी की। मेरा लण्ड तो पूरा सख्त हो गया।

उन्होंने मेरे मुँह पर बहुत चुम्बन लिए। उनके मम्मे तो शर्ट में भी थोड़े थोड़े नज़र आ रहे थे। वो भी गरम हो गए और मेरी चूमा-चाटी उन्हें और गरम करती गई। उन्होंने सोफा सख्ती से पकड़ लिया और मुझे करने दिया जो मैं करना चाहता था। मैंने उनकी शर्ट उतारी और अपनी भी। वो इतनी गरम हो चुकी थी कि लाल हो रही थी। मैंने उनकी सलवार उतारी और उनके बड़े बड़े चूतड़ों को दबाने लगा।

Teacher ki Chudai –  चचेरी बहन के साथ सेक्स

मेरा लंड भी गरम था और उसकी चूत भी गरम थी। बस मैंने उसकी ब्रा पीछे से खोली और उतार कर फेंक दी, मैडम के चुचे जैसे आजाद हो गए हों और ज्यादा खड़े हो गए। मैंने उनके चूचों को बहुत ज्यादा दबाया और चूसा। उफ्फ्फ ! वे इतने स्वादिष्ट थे।

मैंने शर्ट-पैंट पहनी हुई थी। मैंने अपनी पैंट उतारी और अंडरवियर भी ! और कहा- मैडम ! प्लीज़ उल्टी हो जाएँ।

उन्होंने मुझसे कहा- चोदोगे मुझे?

मैंने कहा- अब कण्ट्रोल नहीं होता।

उनके मम्मे सोफे पर दब गए और मैं और अपना धैर्य खोते हुए मैडम की कमर पर चूमने लगा, उनकी कमर पर हाथ फेरा, उन्हें मज़ा आया। मैं उनकी कमर पर लेट गया और मेरा लंड उनकी योनि से छू गया। फ़िर सीधा करके उनके चुचूकों को चूसना शुरू किया और पैरों को ऊपर की ओर कर दिया और अपना लंड उनकी चूत में डाला।

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क्या तंग योनि था। फिर भी मैंने आसानी से अंदर किया, थोड़ा गया और उन्हें मज़ा आया। वो आह ऽऽ.. ओह ऽऽ.. औरऽऽ और ऽऽ जैसी आवाजें निकाल रही थी। मैंने और जोर लगाया और पूरा लंड अन्दर डाल दिया, वो चीखी लेकिन उन्होंने मुझे नहीं रोका। मैंने अब अंदर-बाहर, अंदर-बाहर करना शुरू किया।

मैंने उन्हें 20-25 मिनट चोदा, मेरा वीर्य निकल आया और मैडम का भी .. उफ्फ्फ्फ़ क्या दिन था । मैंने सोचा भी न था।

मैडम ने मुझे कहा- अब तुम चूचों के बीच में डालो !

अपना लंड मैंने चूचों के बीच में रख कर आगे-पीछे किया। मुझे बहुत मज़ा आया। मैंने उनके पूरे जिस्म पर चूमा-चाटी की और फिर कपड़े पहने।

फ़िर एक जोरदार चुम्मा लेकर पूछा- मैडम आप चाहती हैं कि मैं फिर आऊँ?

मैडम ने कहा- हाँ ! मुझे अपना फोन नंबर दो ! जब घर पे कोई नहीं होगा तो तुम्हें बुलाऊँगी।

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मैंने कहा- ठीक है ।

मगर उन्होंने यह भी कहा- तुम मुझे फोन नहीं करोगे !

मैंने कहा- ठीक है !

मैंने अपना मोबाइल नंबर दिया।

अब तक मैं उनके साथ तीन दफा कर चुका हूँ।

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आशा का नशा https://sexstories.one/asha-ka-nasha/ Thu, 02 Apr 2020 05:17:46 +0000 https://sexstories.one/?p=547 आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम… किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पद्स्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम… किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पद्स्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। हमे कम्पनी की तरफ़ से कोई घर नहीं मिला था, इसलिये हमने थोड़ी ही दूर पर एक मकान किराये पर ले लिया था… उसका किराया हमें कम्पनी की तरफ़ से ही मिलता था। मेरे पति सुनील की ड्यूटी शिफ़्ट में लगती थी। घर में काम करने के लिये हमने एक नौकरानी रख ली थी। उसका नाम आशा था। उसकी उम्र लगभग 20 साल होगी। भरपूर जवान, सुन्दर, सेक्सी फ़िगर… बदन पर जवानी की लुनाई … चिकनापन … झलकता था।

सुनील तो पहले दिन से ही उस पर फ़िदा था। मुझसे अक्सर वो उसकी तारीफ़ करता रहता था। मैं उसके दिल की बात अच्छी तरह समझती थी। सुनील की नजरें अक्सर उसके बदन का मुआयना करती रहती थी… शायद अन्दर तक का अहसास करती थी। मैं भी उसकी जवानी देख कर चकित थी। उसके उभार छोटे छोटे पर नुकीले थे। उसके होठं पतले लेकिन फ़ूल की पन्खुडियों जैसे थे।

Antarvasna Hindi sex stories – ऑफिस में माधुरी को चोदा

एक दिन सुनील ने रात को चुदाई के समय मुझे अपने दिल की बात बता ही दी। उसने कहा -”नेहा… आशा कितनी सेक्सी है ना…”

“हं आ… हां… है तो …… जवान लडकियां तो सेक्सी होती ही है…” मैं उसका मतलब समझ रही थी।

“उसका बदन देखा … उसे देख कर तो… यार मन मचल जाता है……” सुनील ने कुछ अपना मतलब साधते हुए कहा।

“अच्छा जी… बता भी दो जानू… जी क्या करता है……” मैं हंस पड़ी… मुझे पता था वो क्या कहेगा…

“सुनो नेहा … उसे पटाओ ना … उसे चोदने का मन करता है…”

“हाय… नौकरानी को चोदोगे … पर हां …वो चीज़ तो चोदने जैसी तो है…”

“तो बोलो … मेरी मदद करोगी ना …”

“चलो यार …तुम भी क्या याद करोगे … कल से ही उसे पानी पानी करती हूं……”

फिर मै सोच में पड़ गयी कि क्या तरीका निकाला जाये। सेक्स तो सभी की कमजोरी होती ही है। मुझे एक तरकीब समझ में आयी।
दूसरे दिन आशा के आने का समय हो रहा था……

मैने अपने टीवी पर एक ब्ल्यू हिन्दी फ़िल्म लगा दी। उस फ़िल्म में चुदाई के साथ हिन्दी डायलोग भी थे। आशा कमरे में सफ़ाई करने आयी तो मै बाथरूम में चली गयी। सफ़ाई करने के लिये जैसे ही वो कमरे के अन्दर आयी तो उसकी नजर टीवी पर पडी… चुदाई के सीन देख कर वो खडी रह गयी। और सीन देखती रही।

Antarvasna Hindi sex stories – पडोस की सेक्सी भाभी

मैं बाथरूम से सब देख रही थी। उसे मेरा वीडियो प्लेयर नजर नहीं आया क्योंकि वह लकडी के केस में था। वो धीरे से बिस्तर पर बैठ गयी। उसे पिक्चर देख कर मजा आने लग गया था। चूत में लन्ड जाता देख कर उसे और भी अधिक मजा आ रहा था। धीरे धीरे उसका हाथ अब उसके स्तनो पर आ गया था.. वह गरम हो रही थी। मेरी तरकीब सटीक बैठी। मैने मौका उचित समझा और बथरूम से बाहर आ गयी…

“अरे… टीवी पर ये क्या आने लगा है…”

“दीदी… साब तो है नहीं…चलने दो ना…अपन ही तो है…”

“अरे नहीं आशा… इसे देख कर दिल में कुछ होने लगता है…” मैं मुस्करा कर बोली

मैने चैनल बदल दिया… आशा के दिल में हलचल मच गयी थी … उसके जवान जिस्म में वासना ने जन्म ले लिया था।

“दीदी… ये किस चेनल से आता है …”उसकी उत्सुकता बढ रही थी।

“अरे तुझे देखना है ना तो दिन को फ़्री हो कर आना … फिर अपन दोनो देखेंगे… ठीक है ना…”

“हां दीदी…तुम कितनी अच्छी हो…” उसने मुझे जोश में आकर प्यार कर लिया। मैं रोमांचित हो उठी… आज उसके चुम्बन में सेक्स था। उसने अपना काम जल्दी से निपटा लिया… और चली गयी। तीर निशाने पर लग चुका था।

करीब दिन को एक बजे आशा वापस आ गयी। मैने उसे प्यार से बिस्तर पर बैठाया और नीचे से केस खोल कर प्लेयर में सीडी लगा दी और मैं भी बिस्तर पर बैठ गयी। ये दूसरी फ़िल्म थी। फ़िल्म शुरू हो चुकी थी। मैं आशा के चेहरे का रंग बदलते देख रही थी। उसकी आंखो में वासना के डोरे आ रहे थे। मैने थोडा और इन्तजार किया… चुदाई के सीन चल रहे थे।

मेरे शरीर में भी वासना जाग उठी थी। आशा का बदन भी रह रह कर सिहर उठता था। मैने अब धीरे से उसकी पीठ पर हाथ रखा। उसकी धडकने तक महसूस हो रही थी। मैने उसकी पीठ सहलानी चालू कर दी। मैने उसे हल्के से अपनी ओर खींचने की कोशिश की… तो वो मेरे से सट गयी। उसका कसा हुआ बदन…उसकी बदन की खुशबू… मुझे महसूस होने लगी थी। टीवी पर शानदार चुदाई का सीन चल रहा था। आशा का पल्लू उसके सीने से नीचे गिर चुका था… मैने धीरे से उसके स्तनों पर हाथ रख दिया… उसने मेरा हाथ स्तनों के ऊपर ही दबा दिया। और सिसक पडी।

Antarvasna Hindi sex stories – मेरा पहला सेक्स अनुभव

“आशा… कैसा लग रहा है…”

“दीदी… बहुत ही अच्छा लग रहा है…कितना मजा आ रहा है…” कहते हुए उसने मेरी तरफ़ देखा … मैने उसकी चूंचियां सहलानी शुरू कर दी… उसने मेरा हाथ पकड लिया…

“बस दीदी… अब नहीं …”

“अरे मजे ले ले … ऐसे मौके बार बार नहीं आते……” मैने उसके थरथराते होंठों पर अपने होंठ रख दिये… आशा उत्तेजना से भरी हुयी थी। आशा ने मेरे स्तनों को अपने हाथों में भर लिया और धीरे धीरे दबाने लगी। मैने उसका लहंगा ऊपर उठा दिया… और उसकी चिकनी जांघों पर हाथ से सहलाने लगी… अब मेरे हाथ उसकी चूत पर आ चुके थे। चूत चिकनाई और पानी छोड रही थी। मेरे हाथ लगाते ही आशा मेरे से लिपट गयी। मुझे लगा मेरा काम हो गया।

“दीदी… हाय… नहीं करो ना … मां…री… कैसा लग रहा है…”

मैने उसकी चूत के दाने को हल्के हल्के से हिलाने लगी…। वो नीचे झुकती जा रही थी… उसकी आंखे नशे में बन्द हो रही थी।

उधर सुनील लन्च पर आ चुका था। उसने अन्दर कमरे में झांक कर देखा। मैने उसे इशारा किया कि अभी रुको। मैने आशा को और उत्तेजित करने के लिये उससे कहा – “आशा … आ मैं तेरा बदन सहला दूं…… कपड़े उतार दे …”

“दीदी … ऊपर से ही मेर बदन दबा दो ना…” वो बिस्तर पर लेट गयी। मैं उसके उभारों को दबाती रही…उसकी सिसकियां बढती रही… मैने अब उसकी उत्तेजना देख कर उसका ब्लाऊज उतार दिया… उसने कुछ नहीं कहा… मैने भी यह देख कर अपने कपडे तुरन्त उतार दिये। अब मैं उसकी चूत पर अपनी उंगली से दबा कर सहलाने लगी… और धीरे से एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। उसके मुख से आनन्द की सिसकारी निकल पड़ी…

“आशा … हाय कितना मजा आ रहा है… है ना…”

“हां दीदी… हाय रे… मैं मर गयी…”

Antarvasna Hindi sex stories – दोस्त की गर्लफ्रेंड को पटाकर चोदा

“लन्ड से चुदोगी आशा… मजा आयेगा…”

“कैसे दीदी … लन्ड कहां से लाओगी…”

“कहो तो सुनील को बुला दूं … तुम्हे चोद कर मस्त कर देगा”

“नहीं …नहीं … साब से नहीं …”

“अच्छा उल्टी लेट जाओ … अब पीछे से तुम्हारे चूतड़ भी मसल दूं…”

वो उल्टी लेट गयी। मैने उसकी चूत के नीचे तकिया लगा दिया। और उसकी गान्ड ऊपर कर दी। अब मैने उसके दोनो पैर चौड़ा दिये और उसके गान्ड के छेद पर और उसके आस पास सहलाने लगी। वो आनन्द से सिसकारियां भरने लगी।

सुनील दरवाजे के पास खडा हुआ सब देख रहा था। उसने अपने कपड़े भी उतार लिये। ये सब कुछ देख कर सुनील का लन्ड टाईट हो चुका था। उसने अपना लन्ड पर उंगलियों से चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगा। मैं आशा की गान्ड और चूतडों को प्यार से सहला रही थी। उसकी उत्तेजना बहुत बढ चुकी थी। मैने सुनील को इशारा कर दिया… कि लोहा गरम है…… आ जाओ…।

सुनील दबे पांव अन्दर आ गया। मैने इशारा किया कि अब चोद डालो इसे। उसके फ़ैले हुये पांव और खुली हुयी चूत सुनील को नजर आ रही थी। ये देख कर उसका लन्ड और भी तन्नाने लगा । सुनील उसकी पैरों के बीच में आ गया। मैं आशा के पीछे आ गयी… सुनील ने आशा के चूतडों के पास आकर लन्ड को उसकी चूत पर रख दिया। आशा को तुरन्त ही होश आया…पर तब तक देर हो चुकी थी। सुनील ने उस काबू पा लिया था। वो उसके चूतडों से नीचे लन्ड चूत पर अड़ा चुका था। उसके हाथों और शरीर को अपने हाथों में कस चुका था।

आशा चीख उठी…पर तब तक सुनील का हाथ उसका मुँह दबा चुका था। मैने तुरन्त ही सुनील का लन्ड का निशाना उसकी चूत पर साध दिया। सुनील हरकत में आ गया।

उसका लन्ड चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। चूत गीली थी…चिकनी थी पर अभी तक चुदी नहीं थी। दूसरे ही धक्के में लन्ड गहराई में उतरता चला गया। आशा की आंखे फ़टी पड़ रही थी। घू घू की आवाजें निकल रही थी। उसने अपने हाथों से जोर लगा कर मेरा हाथ अपने मुह से हटा लिया। और जोर से रो पडी… उसकी आंखो से आंसू निकल रहे थे… चूत से खून टपकने लगा था।

Antarvasna Hindi sex stories – सरदी की रात आंटी के साथ

“बाबूजी … छोड दो मुझे… मत करो ये……” उसने विनती भरे स्वर में रोते हुये कहा। पर लन्ड अपना काम कर चुका था।

“बस…बस… अभी सब ठीक हो जायेगा… रो मत…” मैने उसे प्यार से समझाया।

“नहीं बस… छोड़ दो अब … मैं तो बरबाद हो गयी दीदी… आपने ये क्या कर दिया…” वो नीचे दबी हुयी छटपटाती रही। हम दोनों ने मिलकर उसे दबोच लिया। दबी चीखें उसके मुह से निकलती रही। सुनील ने लन्ड को धीरे धीरे से अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया।

“साब…छोड़ दो ना … मैं तो बरबाद हो गयी…… हाऽऽऽय…” वो रो रो कर… विनती करती रही। सुनील ने अब उसकी चूंचियां भी भींच ली। वो हाय हाय करके रोती रही …नीचे से अपने बदन को छटपटाकर कर हिलाती कर निकलने की कोशिश करती रही। लेकिन वो सुनील के शरीर और हाथों में बुरी तरह से दबी थी। अन्तत: उसने कोशिश छोड दी और निढाल हो कर रोती रही।

सुनील ने अपनी चुदाई अब तेज कर दी … उसका कुंवारापन देख कर सुनील और भी उत्तेजित होता जा रहा था। धक्के तेजी पर आ गये थे। कुछ ही देर में आशा का रोना बन्द हो गया … और अन्दर ही अन्दर शायद उसे मस्ती चढने लगी…

“हाय मैं लुट गयी… मेरी इज़्ज़त चली गयी…।” बस आंखे बन्द करके यही बोलती जा रही थी… नीचे तकिया खून से सन गया था। अब सुनील ने उसकी चूंचियां फिर से पकड ली और उन्हे दबा दबा कर चोदने लगा। आशा अब चुप हो गयी थी… शायद वो समझ चुकी थी कि उसकी झिल्ली फ़ट चुकी है और अब बचने का भी कोई रास्ता नही है। पर अब उसके चेहरे से लग लग रहा था कि उसे मजा आ रहा है। मैने भी चैन की सांस ली…।

मैने देखा कि सुनील का लन्ड खून से लाल हो चुका था। उसकी कुँवारी चूत पहली बार चुद रही थी। उसकी टाईट चूत का असर ये हुआ कि सुनील जल्दी ही चरमसीमा पर पहुंच गया। अचानक नीचे से आशा की सिसकारी निकल पडी और वो झड़ने लगी। सुनील को लगा कि आशा को अन्तत: मजा आने लगा था और वो उसी कारण वो झड़ गयी थी।

अब सुनील ने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और अपनी पिचकारी छोड दी। सारा वीर्य आशा के चूतडों पर फ़ैलने लगा। मैने जल्दी से सारा वीर्य आशा की चूतडों पर फ़ैला दिया। सुनील अब शान्त हो चुका था।

सुनील बिस्तर से नीचे उतर आया। आशा को भी चुदने के बाद अब होश आया… वो वैसी ही लेटी हुई अब रोने लगी थी।

“बस अब तो हो गया … चुप हो जा…देख तेरी इच्छा भी तो पूरी हो गयी ना…”

Antarvasna Hindi sex stories – चूत का जुगाड़

“दीदी… आपने मेरे साथ अच्छा नहीं किया… मैं अब कल से काम पर नहीं आऊंगी…” वो उठते हुये रोती हुई बोली… उसने अपने कपडे उठाये और पहनने लगी… सुनील भी कपडे पहन चुका था।

मैने सुनील को तुरन्त इशारा किया … वो समझ चुका था… जैसे ही आशा जाने को मुडी मैने उसे रोक लिया…”सुनो आशा… सुनील क्या कह रहा है……”

“आशा … मुझे माफ़ कर दो … देखो मुझसे रहा नही गया तुम्हे उस हालत में देख कर… प्लीज…”

“नहीं… नहीं साब… आपने तो मुझे बरबाद कर दिया है … मैं आपको कभी माफ़ नहीं करूंगी…” उसका चेहरा आंसुओं से तर था।

सुनील ने अपनी जेब से सौ सौ के दो नोट निकाल कर उसे दिये…पर उसने देख कर मुह फ़ेर लिया… उसने फिर और सौ सौ के पाँच नोट निकाल दिये… उसकी आंखो में एकबारगी चमक आ गयी… मैने तुरन्त उसे पहचान लिया। मैने सुनील के हाथ से नोट लिये और अपने पर्स से सौ सौ के कुल एक हज़ार रुपये निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा दिये। उसका चेहरा खिल उठा।

“देख … ये साब ने गलती की ये उसका हरज़ाना है… हां अगर साब से और गलती करवाना हो तो इतने ही नोट और मिलेंगे…”

“दीदी … मैं आपकी आज से बहन हूं… मुझे पैसों की जरूरत किसे नहीं होती है…” मैने उसे आशा को गले लगा लिया…

“आशा …… माफ़ कर देना… तू सच में आज से मेरी बहन है… तेरी इच्छा हो … तभी ये करना…” आशा खुश हो कर जाने लगी…

दरवाजे से उसने एक बार फिर मुड़ कर देखा … फिर भाग कर आयी … और मेरे से लिपट गयी… और मेरे कान में कहा, “दीदी… साब से कहना … धन्यवाद…”

Antarvasna Hindi sex stories – बड़े चुचे वाली मौसी

” अब साब नहीं ! जीजाजी बोल ! और धन्यवाद किस लिये …… पैसों के लिये …”

” नहीं … मेरी चुदाई के लिये…”

वो मुड़ी और बाहर भाग गयी…… मैं उसे देखती रह गयी… तो क्या ये सब खेल खेल रही थी। मेरी नजर ज्योंही मेज़ पर पड़ी तो देखा कि सारे नोट वहीं पड़े हुए थे

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