muslim sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/muslim-sex-stories/ Hindipornstories.org Sat, 13 Feb 2021 13:52:36 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 चुदासी फरहीन का भोसड़ा https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%ad%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%9c%e0%a4%be/ Sun, 27 Sep 2020 17:36:48 +0000 https://sexstories.one/?p=1160 हेल्लो चुदासी दोस्तों! मेरा नाम साहिल हे और मैं लखनऊ से हूँ. मैं बिजनेश करता हूँ और मैं अभी भी कुंवारा हूँ. काम के लिए मैं अलग अलग सिटी में घूमता हूँ. वैसे मेरा लंड ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो चुदासी दोस्तों! मेरा नाम साहिल हे और मैं लखनऊ से हूँ. मैं बिजनेश करता हूँ और मैं अभी भी कुंवारा हूँ. काम के लिए मैं अलग अलग सिटी में घूमता हूँ. वैसे मेरा लंड काफी बड़ा हे पर काम के लिए शादी का मौका नहीं मिला हे. दोस्तों मुझे चूत को चोदने से ज्यादा चुदासी चूत को चाटने में मजा आता हे. और आज की ये देसी कहानी मेरे चूत चाटने की ही हे. बात दो महीने पहले की हे जब मैं लखनऊ से आगरा गया था.

मैं ट्रेन की टिकिट चेक की तो मिली नहीं. काम बेहद जरुरी था इसलिए मैंने सोचा की चलो बस से ही निकल जाता हूँ आगरा के लिए. बस मिली लेकिन वो भी एकदम पेक थी. मुझे बैठने के लिए जगह नहीं मिली. काम छोड़ नहीं सकता था इसलिए मैंने खड़े खड़े भी जाने को सोचा. मैं जिस सिट के पास खड़ा था उसके ऊपर दो औरतें और एक मर्द थे. लड़की और बीवी और हसबंड थे और वो बुढिया सास लग रही थी. वो एक मुस्लिम परिवार था.

पहले तो मैंने गौर नहीं किया. पर फिर मैंने देखा की वो औरत जो जवान थी वो मुझे बार बार देख रही थी. वैसे उसने बुरका पहना था. पर बस के निकलने से पहले उसने एक बार पानी पिने के लिए अपना बुरका उठाया तो मैंने उसका चहरा देखा था. और तब हमारी आँखे भी मिली थी. मैंने तिन चार बार देखा तो वो औरत मुझे देख रही थी. उसकी सास उसकी बगल में बैठी थी. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…

और वो विंडो सिट के ऊपर थी. उसका हसबंड मेरे पास बैठा हुआ था.

दो तिन बार और आंख मिली. मेरे लंड में हलचल सी हुई. मैंने उसे इशारे से चहरा दिखाने के लिए कहा. एक मिनिट में उसने फिर से पानी पिने के लिए अपने बुर्के को ऊपर कर दिया. कसम से यार क्या क़यामत लग रही थी वो औरत. उसके चहरे को देख के मेरा लंड पागल सा हो गया था. वैसे मैंने कुछ देर पहले उसे देखा था. पर तब उतना ध्यान से नहीं देखा था. अब की उसे देख के मैंने सोचा की साला ये अगर मुझे चोदने दे तो मजा आ जाए! थोड़ी देर में उसकी सास सो गई.

और फिर कुछ देर के बाद उसके पति ने भी अपने चहरे को गोदी में रखी हुई बेग के ऊपर रख के नींद लेनी चालु कर दी. अब मैं उसे इशारे करने लगा था. अगल बगल में कुछ लोग खड़े थे मेरी. लेकिन किसी का ध्यान हम दोनों की तरफ नही था. मैंने उसे फ्लाईंग किस भेजा तो उसने अपने को दांतों के बिच में काट लिया. साली बड़ी रंडी लग रही थी ऐसा करते हुए वो. मैंने अपने हाथ से लंड को पेंट में दबाया. उसकी नजर वहां पड़ी और उसे अंदाजा आ गया की मेरे लंड का साइज़ क्या हे!

वो मस्त हो गई मेरे लंड को देख के. मैं मन ही मन सोच रहा था की कैसे भी कर के इस रंडी को चोदना पड़ेगा! और किस्मत ने भी मेरा साथ दिया. उसके पति को कुछ देर में उलटी होने लगी. उसने अपनी बीवी से कहा तो वो जगह बदल के मेरे पास आ गई. और उसका पति खिड़की के ऊपर चला गया. मुझे लगा की अब कुछ हो सकता हे. वो मेरे पास आके बैठ गई.

कुछ देर में उसका हसबंड वापस सो गया. बस के अन्दर अब धीरे धीरे सभी लोग सोने लगे थे. मैंने अपने लंड को धीरे से उसके कंधे पर टच कर दिया. मेरे लंड की गर्मी उसे महसूस हुई तो वो भी मस्तियाँ गई. वो बिच बिच में अपने हाथ को खुजली के बहाने से कंधे की तरफ लाती थी और मेरे लंड को टच कर देती थी. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…

साला मेरा लंड पागल हो चूका था पूरा के पूरा. चुदासी

पर चलती हुई बस में और कुछ किया भी नहीं जा सकता था. तभी पीछे की सिट पर जो बैठा हुआ था उसे उतरने को हुआ. मैं अब इस मुस्लिम भाभी के एकदम पीछे बैठ गया. मैंने अपनी बेग को गोदी में ले लिया. और फिर धीरे से अपनी पैर की ऊँगली को सिट के निचे की जगह से भाभी की गांड पर लगा दिया. ये सेक्सी भाभी की गांड एकदम सॉफ्ट थी. और उसे टच करते ही मैं मस्तिया गया. वो सिट के एकदम पीछे हो गई और मैंने फिर आगे को झुक के अपनी ऊँगली उसकी गांड पर मसल दी. मेरा लंड एकदम पागल हो गया था. मैंने देखा की वो भी एकदम पागल हो गई थी.

और फिर मैंने एक पर्ची के ऊपर अपना मोबाइल नम्बर लिख के आगे किया. इस हॉट भाभी ने उसे अपनी बूब्स के ऊपर छिपा लिया. मैंने सोचा की काश एक बार ये चोदने दे मुझे बस. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…

आगरा आते ही मैं उतर गया. वो सेक्सी मुस्लिम भाभी उतरते हुए भी मुझे बार बार देख रही थी. मैंने हाथ से उसे इशारा किया की मुझे कॉल करना. फिर मैं आगरा में अपना काम निपटा के शाम को अपने एक दोस्त के घर बैठा हुआ था. तभी एक नए नम्बर से कॉल आया. सामने से मस्त मीठी आवाज आई, हल्लो.
ऐसी और सेक्सी कहानी पढ़े: ट्रेन में चूत को पहला चुम्मा दिया

मैं: हल्लो, कौन चाहिए?

वो: लखनऊ आगरा की बस में सुबह आपने जिसे नम्बर दिया था वही हूँ मैं.

बाप रे उसने ऐसा कहा और मेरा तो लंड फिर से खड़ा हो गया.

मैंने कहा: हेल्लो, आप का आवाज बहुत ही मीठा हे जी.

वो बोली: शुक्रिया, आप कहा से हो?

मैंने कहा, लखनऊ से हूँ पर काम से यहाँ आगरा आया हूँ.

वो बोली: मैं आगरा की हूँ पर शादी लखनऊ में हुई हे.

मैं: जी मैं आप से मिलना चाहता हूँ.

वो बोली: जी.

मैं: आप आज फ्री हो? चुदासी

वो बोली: जी आज तो नहीं हो पायेगा क्यूंकि मेरे शोहर और सास यही पर हे, वो लोग कल सुबह को चले जायेंगे.

मैंने कहा: फिर कल मिल सकते हे हम?

उसने कहा: हां कल पक्का.

मैंने पूछा कहा पर? चुदासी

तो उसने कहा की काल मेरे घर से सब लोग एक शादी के लिए जानेवाले हे और मैं नहीं जाउंगी. आप मुझे शरदकुंड कोलोनी के सामने मिलना.

मैंने टाइम वगेरह ले लिया उस से. और दुसरे दिन मैं उसे मिलने के लिए आगरा में ही रुक गया. वैसे मुझे एक ही दीन का काम था. पर इस मुस्लिम भाभी की चूत मारने के लिए मैं रुक गया. दुसरे दिन मैं उसे मिला. मुझे उसे पहचानने में दिक्कत नहीं हुई बुर्के की वजह से. कॉल किया तो उसने काट दिया और मेरे पास आ गई. वो मुझे रिक्शा में अपने साथ ले गई. बहार चोक में रिक्शा छोड़ के उसने मुझे अपना घर दिखाया और बोली मैं जाऊं उसके कुछ देर बाद आप आके दरवाजा धीरे से ठोकना ताकि किसी को शक ना हो.

मैंने ऐसा ही किया. वो अन्दर दरवाजे के पास ही खड़ी हुई थी. उसने दरवाजे को पकड़ के खोला और मुझे अंदर ले के बंद कर दिया. मैंने उसे देखा तो वो अपना बुरका उतार चुकी थी और एकदम सेक्सी लग रही थी. मैंने उसके हुए स्तन देखे तो मन विचलित सा हो गया. मैं उसे ऊपर से निचे तक देखता ही रहा.

वो बोली, क्या देख रहे हो? hairy pussy pics

मैंने कहा आप का हुस्न! चुदासी

वो हंस पड़ी और बोली, आओ अंदर चलो. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…

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पिंकी की चुत का भोसड़ा बनाया https://sexstories.one/bhosda-chudai-mota-lund/ Fri, 07 Aug 2020 10:52:23 +0000 https://sexstories.one/?p=93 हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी आज की कहानी सुनाने से पहले अपने बारे में देता बता देता हूँ। मेरा नाम है और कार्तिक में 24 साल का हूँ और में आगरा में रहता ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी आज की कहानी सुनाने से पहले अपने बारे में देता बता देता हूँ। मेरा नाम है और कार्तिक में 24 साल का हूँ और में आगरा में रहता हूँ, मेरी लम्बाई 5.11 इंच, वजन 80 किलो और में हर दिन सुबह जल्दी उठकर कसरत करता हूँ, इसलिए मेरा शरीर भी एकदम फिट है और रंग गोरा है। bhosda

में दिखने में बहुत अच्छा हूँ। दोस्तों में जो यह कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग के चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ। यह मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है, जो मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है और उस लड़की का नाम पिंकी है, जिसको मैंने चोदकर उसकी वर्जिन चूत के मज़े लिए।

यह मेरा सेक्स अनुभव कभी ना भुला देने वाला अनुभव है, जो मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है। bhosda

दोस्तों में पिंकी के बारे में बताऊँ तो वो दिखने में बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी थी और तब तक वो वर्जिन थी। उसकी लम्बाई करीब 5.5 इंच, पतला शरीर और गोरा बदन और उसके फिगर का साईज यही कोई 32-26-34 होगा। अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ।

दोस्तों यह बात तब की है जब में 12th में पढ़ता था और वो भी उस समय 12th में थी। में पढ़ने में ज़्यादा ठीक नहीं था, लेकिन मेरा गणित बहुत अच्छा था। एक दिन उसका छोटा भाई मुझे बुलाने के लिए मेरे घर पर आया और वो मुझसे बोला कि भैया आपको मेरी मम्मी हमारे घर पर बुला रही है।

में तुरंत उसके साथ उनके घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद उसकी माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तू पिंकी को गणित के कुछ सवाल बता दे, इसे समझ नहीं आ रहे है। पिंकी इस विषय में बहुत कमजोर है।

फिर मैंने भी झट से उन्हें हाँ बोल दिया। desi maa ka bhosda

पिंकी भी उस समय वहीं पर बैठी हुई थी और फिर में उसको सवाल समझाने लगा। कुछ देर में वहां पर उसकी मदद करने के बाद अपने घर पर चला आया और कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा। उसका छोटा भाई हर दिन मेरे पास आ जाता और वो मुझसे बोलता कि आप मेरी पिंकी दीदी को सवाल समझा दो और में भी उनके घर पर चला जाता था।

फिर एक दिन जब में पिंकी को पढ़ा रहा था तो उसने अचानक से अपना एक हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और वो मुस्कुराने लगी, लेकिन मैंने उसकी इस बात को अपने दिमाग से निकाल दिया। फिर थोड़ी देर बाद उसने दोबारा से वही किया। bhosda

मैंने अब उसकी तरफ देखा तो वो अभी भी मेरी तरफ स्माइल दे रही थी, लेकिन में अब भी चुपचाप उसे पढ़ने लगा। उसकी बात पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर में कुछ देर उसको पढ़ाकर अपने घर पर चला आया। फिर दूसरे दिन जब में उसको पढ़ाने उसके घर पर पहुंचा तो वो उस दिन मेरे बिल्कुल नज़दीक आकर बैठ गयी और वो मेरे कंधे पर अपने बूब्स को छूने लगी, जिसकी वजह से अब मेरा ध्यान पढ़ाने में कम और उसकी तरफ ज़्यादा था।

मेरा लंड अब हरकत में आने लगा था, लेकिन फिर भी में उससे थोड़ा दूर होकर बैठ गया तो वो फिर से मेरे थोड़ा नज़दीक आ गई और मुझे बहुत डर भी लग रहा था और में मन ही मन सोच रहा था कि में भी थोड़ी हिम्मत करके कुछ कर दूँ, लेकिन इतनी देर मे उसकी माँ आ गई और वो तुरंत मुझे थोड़ा दूर होकर बैठ गई और में उसे पढ़ाने लगा, लेकिन में लगातार चोर नजर से उसके बूब्स को देखने लगा और पढ़ाई खत्म करके में अपने घर पर चला आया।

अब में पूरा दिन उसके बारे में ही सोचता रहा और उसके कामुक बदन को छूने बूब्स को पकड़कर दबाने मसलने के बारे में सोचता रहा और कैसे में इस बात को आगे बढ़ाऊँ? में बस यही सब बातें सोचता रहा था। फिर अगले दिन हमारे यहाँ पर बारिश होने लगी, जिसकी वजह से हवा भी ठंडी चलने लगी थी, वो अक्टूबर का महीना था और मुझे थोड़ी सर्दी भी लग रही थी।

तभी उसका भाई मुझे पढ़ाई के लिए बुलाने आ गया और में उसके साथ जाकर उसकी दीदी को पढ़ाने लगा, तो कुछ देर बाद उसकी माँ ने हमे एक कंबल लाकर दे दिया और वो हम दोनों से बोली कि बेटा तुम अपने पैर इसके अंदर कर लो तुम्हे सर्दी नहीं लगेगी और वो खुद हमारे लिए चाय बनाने किचन में चली गई।

फिर में अपने दोनों पैर अंदर करके बैठ गया और उसे पढ़ाने लगा। desi maa ka bhosda

उसने भी अपने पैरों को अंदर कर लिया और अब वो अपने पैर मेरे पैर से छूने लगी और मेरे मन में भी अब भूत सवार था, इसलिए मैंने भी अपना पैर उसके पैर से छू दिया और में उसे देखकर मुस्कुराने लगा और वो भी मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी। फिर मैंने अपने पैर को थोड़ा सा ऊपर किया तो मेरा पैर उसकी जांघ से छू गया और उसने तुरंत अपना पैर दूर हटा लिया और मुस्कुराती हुई सवाल करने लगी, लेकिन अब मेरा सारा ध्यान उसी पर था और वो सवाल कर रही थी कि तभी मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे छूकर उसकी गर्मी और कोमलता को महसूस करने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने भी थोड़ी देर तक अपना हाथ ऐसे ही रहने दिया और अपनी एक ऊँगली से सहलाता रहा। फिर में थोड़ी देर बाद उसे बातों में लगाकर अपना हाथ धीरे धीरे नीचे सरकाते हुए उसकी चूत के पास ले गया।

फिर उसने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया और वो मुझसे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो?

मैंने उससे कहा कि तुझसे कुछ बोलना है, वो बोली कि वो क्या? तो मैंने उससे कहा कि में तुझे बहुत पसंद करता हूँ और तू मुझे बहुत अच्छी लगती है, में बहुत दिनों से तुझसे यह बात कहना चाहता था, लेकिन मुझे थोड़ा थोड़ा डर लगता था।

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अब वो मेरी यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और फिर मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया।

उसने मुझे दूर हटा दिया और फिर मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा थप्पड़ मारकर वो मुझसे बोली कि सुधर जाओ, वर्ना में माँ से बोल दूँगी। फिर मैंने उससे कहा कि तुझे जिससे बोलना है बोल देना, लेकिन मुझे तू सच में बहुत पसंद है।

फिर उसने हंसकर कहा कि अच्छा जी और फिर मैंने उसकी आँखों में देखकर उसका चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मैंने उसे किस कर दिया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और ना ही उसने मेरा कोई विरोध किया और ना मेरा साथ दिया। फिर मैंने दूर हटकर उससे कहा कि अगर तुझे यह सब पसंद नहीं है तो में कभी ऐसा दोबारा नहीं करूँगा और मैंने उससे थोड़ी देर ऐसे ही बातें की।

फिर इतनी देर में उसकी माँ हमारे लिए चाय बनाकर ले आई तो हम दोबारा पढ़ने लगे और कुछ देर हमारे साथ बैठकर चाय पीने के बाद उसकी माँ बाहर चली गई और में भी पढ़ाई पूरी करके अपने घर पर जाने लगा। तभी उसने पीछे से मेरा हाथ पकड़कर मुझे किस कर दिया और वो मुझसे बोली कि अब तुम अपने दिल में मुझसे कोई भी शिकवा या शिकायत मत रखना, क्योंकि में भी तुम से बहुत प्यार करती हूँ और यह बात में भी तुमसे बहुत जल्दी कहना चाहती थी, लेकिन आज तुमने खुद ही मेरे मन की बात कहकर मुझे बहुत खुश कर दिया है।

दोस्तों अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर नींद कहाँ आने वाली थी। teri maa ka bhosda

में अपने घर पर पहुंचकर पूरी रात उसके बारे में सोचत रहा और फिर मैंने दो बार उसके नाम की मुठ भी मारी और सो गया। अगले दिन फिर से उसका भाई मुझे बुलाने आ गया तो में फटाफट से उसके घर पर पहुंच गया। मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि उसकी माँ अपने घर के काम में व्यस्त थी तो उस बात का फायदा उठाते हुए हमने बहुत देर तक जमकर किस किए और में कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा। दोस्तों उसके बूब्स दिखने में थोड़े छोटे लगते थे, लेकिन थे बहुत बड़े क्योंकि मैंने उनको छूकर अच्छी तरह से दबाकर देखा था, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और सिसकियाँ लेने लगी और में लगातार उसके बूब्स को मसलता रहा।

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चाची की रसीली चूत और मेरा कड़क लंड https://sexstories.one/chachi-ki-chut-chudai-2/ Fri, 07 Aug 2020 10:47:23 +0000 https://sexstories.one/?p=84 हैल्लो दोस्तों, में आया हूँ अपनी सच्ची घटना के साथ में आप लोगों के सामने हाजिर हुआ हूँ। में सूरत शहर का रहने वाला हूँ। दोस्तों यह मेरा सेक्स अनुभव मेरे पड़ोस में रहने वाली ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, में आया हूँ अपनी सच्ची घटना के साथ में आप लोगों के सामने हाजिर हुआ हूँ। में सूरत शहर का रहने वाला हूँ। दोस्तों यह मेरा सेक्स अनुभव मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी के साथ घटित हुई और इस कहानी को शुरू करने से पहले में अपनी भाभी का परिचय भी सभी लोगो से करवा देता हूँ उसके बाद में आगे की कहानी बताऊंगा। chachi chut

दोस्तों मेरी उस सेक्सी भाभी की उम्र 26 साल है और उनका नाम स्नेहा है, उनका रंग सावला बूब्स का आकार 32, 30, 34 और चेहरे की बनावट बहुत अच्छी थी। दोस्तों मुझे पहले भाभी में इतनी रूचि नहीं थी और ना ही मैंने पहले कभी भाभी को अपनी उस नजर से देखा था, लेकिन वो दिन भी क्या दिन था जिसने मेरी पूरी जिन्दगी को बदलकर रख दिया और मुझे वो सही मौका मिला जो मुझे आज भी अच्छी तरह से याद है।

दोस्तों अब आगे की कहानी सुनिए.. chachi chut

तब मेरे पड़ोस में रहने वाली उस हॉट सेक्सी भाभी की शादी के चार महीने बीत जाने के बाद ही उनके पति जिनका नाम देव था उनको अपने किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए अचानक से ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ा और तब से मेरी वो कहानी शुरू हो गई। दोस्तों उस दिन में अपने कॉलेज के बाद हर दिन की तरह मतलब की दोपहर को अपने घर पर वापस आ गया तो वो भाभी भी उसी समय मेरे घर पर आ गई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम अगर व्यस्त नहीं हो तो क्या तुम मेरे साथ घर पर आ सकते हो? मुझे तुमसे कुछ काम था।

तब मैंने उनसे ना बोल दिया, क्योंकि मुझे भी उस समय अपना काम था, मुझे अपनी पढ़ाई करनी थी इसलिए में नहीं जा सकता था और मेरे मना करने पर भाभी मुझे ठीक है कहकर वापस अपने घर जा चुकी थी और फिर दो दिन के बाद जब में उनसे मेरी पिछली वाली बात के लिए माफ़ी मांगने गया तो उस समय मैंने देखा कि उनका घर अच्छी तरह से सजाधजा साफ था और तब मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी की जन्मदिन था। यह सभी तैयारियां इसलिए ही की गई थी और यह बात मुझे उनके एक नौकर से पता चली।

फिर मैंने मन ही मन सोचा कि क्यों ना में भी उनको जन्मदिन की बधाईयाँ दे दूँ और ना आने के माफ़ी भी मांग लूँ और इसलिए में उनसे मिलकर बात करने उनके रूम में चला गया, लेकिन उस रूम में कोई नहीं था फिर मेरी आँखे वो नजारा देखकर चमक गई और में ऐसे ही घूर घूरकर देखने लगा और मेरे पूरे शरीर के अंदर करंट दौड़ने लगा मेरा लंड भी हरकत में आने लगा था, क्योंकि तब वो मेरे सामने पंजाबी ड्रेस में सजकर खड़ी हुई थी और उसके वो कपड़े बड़े टाइट थे जिसकी वजह से बूब्स वाले हिस्से से बूब्स का आकार साफ साफ नजर आ रहा था…

वो बहुत सुंदर दिख रही थी। chachi chut

फिर मैंने उसको देखकर मन में सोच लिया कि यह तो मेरी ब्लूफिल्म की हिरोइन है, उसका वाह क्या मस्त गदराया हुआ, उस पर गोलमटोल बड़े आकार के बूब्स, क्या मस्त बड़ी आकार की मटकती हुई गांड उस साली को अब मुझे सिर्फ़ कैसे भी मनाना था। उससे अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाना था क्योंकि मेरा मन उसको पहली बार देखकर ही पागल हो चुका था और में उसको देखकर ललचाने लगा। अब में उसके बूब्स को देखता ही रह गया और फिर मैंने होश में आकर कहा कि भाभी आपको जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो और प्लीज आप मुझे माफ़ भी जरुर करे। में आपके बुलाने पर भी अपने किसी काम की वजह से आपके साथ नहीं आ सका।

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फिर वो बोली कि कोई बात नहीं है यार ऐसा होता रहता है। chachi chut

उसके बाद मैंने एक बार फिर से उनको जन्मदिन की बधाईयाँ दी और तब मैंने मन ही मन में उनको कहा कि बूब्सदिन मुबारक हो और फिर दोस्तों उस दिन से में उनके बहुत करीब हो गया। हम बहुत सारी बातें करने लगे हमारे बीच हंसी मजाक अब कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा जिसकी वजह से हमारे बीच की दूरी अब ना के बराबर हो गई और फिर में कॉलेज से आते ही सीधा उनके पास चला जाता और अब में उन पर लाइन मारने का सही मौका ढूँढ रहा था कि कब में उसकी चूत को देखूं? कब उनकी चुदाई करूं? वैसे भाभी एक ऑफिस में नौकरी भी करती जो मेरे घर से बहुत दूर था। में अब उनके पास आने के लिए सही मौके को ढूँढ रहा था और एक दिन मुझे वो सही मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बहुत दिनों से इंतजार था और उस दिन रविवार का दिन था। दोस्तों ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पड़ रहे है।

फिर में उनके घर गया तो मुझे पता चला कि उसके घर पर जो नौकर काम करता था वो भी पिछली रात को मतलब कि शनिवार की रात को वो अपने गाँव चला गया था और मेरे घर पर भी मेरी माँ ही थी, लेकिन वो भी दोपहर को करीब एक बजे अपने किसी काम से कहीं जाने वाली थी, इसलिए सुबह करीब 11:00 बजे सब लोग बाहर चले गये और मैंने अपनी माँ से कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और में भी उनसे कहकर चला गया, क्योंकि मुझे पता था कि मेरी माँ शाम तक भी वापस नहीं आएँगी। अब में फिर करीब दो घंटो के बाद में अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन तब मैंने देखा कि मेरे घर पर ताला लगा हुआ है और उसकी वजह से में अपनी पड़ोस में रहने वाली भाभी के घर पर चला गया।

मैंने उनसे कहा कि मेरी माँ उनके किसी काम से कहीं गई हुई है क्या में अपना कुछ समय आपके घर पर बिता सकता हूँ? chachi chut

तो उन्होंने कहा कि हाँ जरुर तुम मेरे साथ रहोगे तो मुझे भी अच्छा लगेगा। वैसे भी में हर समय अकेली रहकर अब बोर होने लगी हूँ और तुम्हारे साथ मुझे अच्छा लगेगा, तुम बहुत अच्छी बातें करते हो और तुम्हारे साथ रहकर मुझे मज़ा आता है और वो मेरी तरफ मुस्कुराने लगी। दोस्तों तब मैंने ध्यान से देखा कि उस समय भाभी पीले रंग की मेक्सी में थी वो बड़ी ही सेक्स नजर आ रही थी और वो उस समय टीवी देख रही थी और उस समय करीब एक बजे थे। में भी जाकर उनके पास उनसे एकदम चिपककर बैठ गया और टीवी देखने लगा, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं कहा एक बार मेरी तरफ देखकर दोबारा टीवी को देखने लगी।

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फिर दोस्तों मुझे उनकी इस हरकत की वजह से थोड़ी हिम्मत मिली और अब मैंने अपना हाथ लेकर उनकी कमर के पीछे डाल दिया और कमर को महसूस किया, लेकिन तब भी भाभी ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा बस शरारती तरीके से हंसी।

फिर वो उठकर कुछ काम करने किचन में चली गयी और में भी कुछ देर बाद उनके पीछे चला गया। chachi chut

में पीछे से उसके गरम सेक्सी बदन को देखता ही रह गया, क्योंकि पीछे से उसकी बड़ी गांड और भी ज्यादा सेक्सी दिखाई दे रही थी। मेरा तो उसको देखकर लंड खड़ा हो गया इसलिए में अपने आप को नहीं रोक सका और में भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और फिर तुरंत अपने दोनों हाथों से भाभी को कसकर अपनी बाहों में दबोच लिया और उसके बूब्स को दबाने लगा और अब मेरा बड़ा लंड उनकी गांड में कपड़ो में से ही अंदर घुस गया। फिर वो मुझे अपने बदन से चिपका हुआ देखकर एकदम से डर गयी और वो मुझसे बोली कि छोड़ दो मुझे, तुम यह कैसी हरकते कर रहे हो, मैंने कहा ना प्लीज छोड़ दो मुझे?

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