makaan malkin ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/makaan-malkin-ki-chudai/ Hindipornstories.org Mon, 01 Nov 2021 08:23:54 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 यादगार चुदाई हॉट मकान मालकिन की https://sexstories.one/yaadgar-chudai-hot-makan-malkin-ki/ Mon, 01 Nov 2021 08:23:54 +0000 https://sexstories.one/?p=3217 भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी...

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Chudai Makan Malkin Ki मेरा नाम सुदेश है। मेरी उम्र 25 साल है। मेरी अभी शादी नहीं हुई है और में भोपाल का रहने वाला हूँ में एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करता हूँ। ये बात करीब दो साल पहले की है। जब मेरी कंपनी ने मेरा तबादला जयपुर कर दिया था। शुरू के 15 दिन मैने होटेल मे ही गुजार कर अपने लिए कोई कमरे की तलाश शुरू की। आख़िर एक कमरा मिला जिस घर की मालकिन एक विधवा औरत और उसके तीन बच्चे थे। मैंने वहां अपना सामान कमरे मे शिफ्ट कर लिया।

मकान मालकिन की उम्र 34 साल दिखने मे सुंदर और चहरे से 25 साल उम्र जैसे लगती थी। शुरू के दो चार दिन तक में उनसे ज्यादा बात नही करता था। और ना ही वो कुछ कहती थी। फिर एक दिन रविवार को में कमरे पर था। तो मेरे कमरे के सामने मकान मालकिन सब्जी काट रही थी। क्योकि किचन मे लाईट नही थी। तो मैने खिड़की की जाली से परदा उठाकर मैने देखा की उसने नाईटी पहनी हुई थी। और एक दम मस्त लग रही थी। में काफ़ी देर उसे गौर से देखता रहा। मेरा लंड खड़ा हो गया मन मे अजीब ख़याल आने लगे थे।

तो मैने उनसे बात करने की सोची और बोला भाभी जी क्या कर रहे हो। तो वो एक दम चोंक कर बोली ओह आप हो क्या अंदर बैठे हो। तुम्हे अंदर गर्मी नही लग रही क्या? और उन्होंने इतना कहते हुए मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अंदर झाँका तो में एक दम शर्म से झुक गया क्योकि मेरा खड़ा लंड पेंट मे से बाहर की ओर उभर कर निकला हुआ था। वो गौर से उसे उभरते हुए देखने लगी। और चुपचाप बाहर जाकर अपने काम मे लग गई। और थोड़ी थोड़ी देर मे खिड़की की तरफ देखने लगी। में फिर से उसी खिड़की से उसे देख रहा था।

फिर वो अंदर जा कर अपने काम मे लग गई और में मार्केट चला गया। में खाना बाहर ही खाता था तो में रात को 9:30 बजे के आस-पास कमरे पर आया तो भाभी बोली आज इतने लेट कैसे हो गये? मैने जवाब दिया की में तो रोज़ इसी समय तो आता हूँ।

भाभी बोली : अच्छा खाना कहाँ खाते हो?

मैने बोला: होटल पर लेकिन थोड़े दिनों मे टिफिन लगवा लूँगा। फिर मैने कपड़े चेंज किये और लाइट बंद करके सो गया और मोबाइल मे टाइम देखा तो रात के 10:30 बज चुके थे। भाभी ने आवाज़ लगाई आप सो गये हो क्या? तभी मेंने बोला क्या करू कुछ भी काम नही है। तो सोना ही है। अवाज़ साफ सुनाई दे रही थी क्योंकि मेरे कमरे के पास ही उनका बेडरूम था और उसका एक गेट मेरे कमरे मे भी खुलता था। तो मैने पूछा आप इसी कमरे मे सोती हो क्या? तो वो बोली हाँ वैसे हम कमरे किराए पर कभी नही देते है। वो तो हमारे चाचा जी के बहुत कहने पर दे ही दिया है। क्योंकि उसके पड़ोस के चाचा जी मेरी कंपनी मे ही जॉब करते है। तो मैने कहा भाभी धन्यवाद। फिर मैने कहा तो पहले इस कमरे में आप सोते थे? वो बोली नही बड़ी बेटी सोती थी। वैसे हमारे अंदर भी तीन कमरे और है। और भाभी टॉपिक चेंज करके बोली आप पूरा जयपुर देख चुके हो क्या?

मैने कहा : नही अभी ऑफीस मे सबसे दोस्ती नही हुई है तो कहीं भी घूमने नहीं गया।

तो वो बोली कोई अच्छी सी गर्लफ्रेंड बना लो। आपको पूरा शहर घुमा देगी मैने एकदम कहा वैसे आप भी तो मस्त हो।

तभी भाभी बोली : नहीं हमारी तो उम्र निकल गई है।

मैने पूछा “ आपकी उम्र क्या है? वो बोली 34 तो मैने कहा लगती नहीं आप 34 की हो आपके पति को क्या हो गया था।

Chudai sex kahani बन जा तू मेरी रंडी तेरी गांड मार लूँगा

वो बोली कि वो विदेश में थे और तीन साल पहले गुजर गये थे। मैने फिर मोबाइल मे टाइम देखा तो 1:30 से उपर टाइम हो चुका था। फिर भाभी बोली सो जाओ अब और तुम सुबह कितने बजे उठते हो। मैने कहा रोज तो जल्दी 6:00 उठता हूँ। पर आज तो दो बज गये तो पता नही कब नींद खुलेगी?

भाभी बोली में तुम्हे जगा दूँगी बोलो कितने बजे जगाना है?

मैने कहा 6:00 या 6:30 बजे तक बोली ठीक है। सुबह मुझे भाभी ने आवाज़ लगाई और गेट खटखटाया तो में उठा और सोचा की शायद भाभी अंदर आएगी। कुण्डी मेरी साइड से नही थी गेट की कुण्डी खुली ही थी। लेकिन उसने गेट नही खोला आख़िर में अपने लंड को हिलाकर रह गया।

दूसरे दिन फिर नाइट मे हमारे बीच काफ़ी देर तक बाते हुई। और नाइट के 11:00 बजे थे। मैने तुरंत कहा आपके बच्चो को ये बाते सुनाई नही देती क्या? भाभी बोली वो तो अपने सामने वाले कमरे मे सोते है। और बड़ी बेटी उपर के कमरे मे सोती है।

तो मैने तुरंत कहा भाभी जी तो आपने इधर का गेट क्यो बंद कर रखा है? तो इसे खोलो भाभी बोली नही यार परदा तो होना ही चाहिए। उसने मुझे यार कहा तो मैने कहा आपने तो अब यार कहा है। और वैसे भी आप अकेली और में भी अकेला ना मुझे नींद आती है और ना आपको तो वो हँसने लगी और बोली मुझे तो नींद आती है आपको ही नही आती तो मैने कहा तो मेरे लिए ही सही गेट तो खोल दो प्लीज़ प्लीज़-प्लीज़ भाभी।

भाभी बोली ठीक है में खोलती हूँ। पर आप मेरी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करोगे। मैने कहा आपकी कसम प्लीज़ प्लीज़ भाभी ने गेट खोल दिया। हम लोग एक दुसरे की बाते करने लगे। बाते करते करते हम थक गये थे। और हमे नींद आने लगी तभी भाभी बोली मेरे पास ही सो जाओ। अब मुझे नींद कहाँ आनी थी। मेरी नींद उड़ गयी थी और साथ में भाभी की भी मेरे हाँ कहने से हम एक ही बेड पर सो रहे थे। वो आंखे बंद करके लेटी हुई थी और इंतजार कर रही थी मेरे कुछ करने का तो मैने भी मौका देख कर हल्का सा भाभी को छुआ वो कुछ नही बोली मैने एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। फिर गले से लगा लिया और सभी जगह छूने लगा। उसके लिप्स को फिर वो मेरा साथ देने लगी थी। अब में उसे छेड़ने लगा कभी उसके मस्त-मस्त बूब्स चूसता कभी उसकी चूत पर हाथ लगाता मैने मौका देख अपने सारे कपड़े खोल दिये और में एक दम नंगा हो गया तो भाभी मेरे लंड को देखकर बोली इतना बड़ा लंड? मैने कहा अब तक मैने किसी के साथ सेक्स नहीं किया। मेरा लंड तो आपकी चूत पर ही मेहरबान हुआ है।

अब मैने कहा भाभी ये नाईटी क्यो पहनी हुई है। प्लीज़ खोलो इसे तो वो बोली नही। में ये काम नही करूँगी और सब कुछ कर लूँगी। तो मैने उनके शरीर पर हाथ फेर कर उसकी चूत को जगा दिया और अपना लंड उसके हाथ मे थमा कर बोला लो ये आपके लिए ही है। जैसे चाहो खेलो खाओ। मुझे भी कोई जल्दी नही थी। अब भाभी थोड़ी देर तक हिलाती रही। फिर उठ कर लंड मुहं मे ले लिया।

लगभग दस मिनट तक वो चूसती रही। आख़िर मैने कहा भाभी अब निकलने वाला है। प्लीज़ आपकी चूत में तो अभी लंड डालना बाकी है। तो भाभी ने तुरंत अपनी नाईटी उतार दी तो मैने उसकी पेंटी भी खींच कर खोल दी। अब में लंड उसकी चूत मे डालने के मूड मे था पर भाभी ने उसे चूसने को कहा। मैने जैसे ही उसकी मस्त चूत के पास मुहं रखा उसमे थोडा पानी जैसा तरल और एक अजीब सी मदहोशी छा रही थी। मैने भाभी को कहा तो उसने तुरंत मुझे अपनी चूत के पास से दूर कर दिया।

उसकी चूत बहुत मस्त लग रही थी। फिर हम 69 स्टाइल मे आ गये। भाभी ने मेरे लंड को चूसना बंद नही किया। दस मिनट बाद मेरे लंड से तेज पिचकारी निकली भाभी का पूरा मुहं भर गया। अब वो लंड बाहर निकाल कर खांसने लगी। बोली मेरा गला भर गया है। लेकिन ये बहुत टेस्टी है और फिर पूरा वीर्य निकल जाने के बाद भाभी फिर मेरे लंड को चूसने लगी। और चूस चूस कर लंड को दोबारा खड़ा किया। और अपनी चूत मे लंड डालने का इशारा किया। मैने कहा भाभी बिना कंडोम के मुझे डर लगता है। क्योंकि आज कल एड्स का ख़तरा बहुत ज्यादा है। ये हमारे लिये सेफ नहीं है।

भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी और नंगे बदन मे भाभी कि मासूमियत देख रहा था। भाभी बोली लाइट ऑफ कर दो अड़ोसी पड़ोसी शक करेंगे मैने तुरंत लाइट ऑफ की और भाभी को बोला की इस चूत को और टाइट करो। भाभी ने ठीक ऐसा ही किया। फिर मैने भाभी से पूछा कि आपको कौन सी स्टाइल मे मज़ा आता है। वो बोली जैसे आप चाहो वैसे चोद लो लेकिन जल्दी करो अब नहीं रहा जाता चोदो मुझे डाल दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में प्लीज जल्दी करो और मैने भाभी को लिटा दिया और चूत मे लंड डालने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी। क्योकि वो बहुत दिनों से नही चुदी थी। फिर मैने एक झटका लगाया लंड अंदर नही जा रहा था। मुझे बहुत दर्द हुआ और उसको भी वो दर्द से चीखी। तभी मैने लंड बाहर निकाल कर अपनी दो उँगलियाँ चूत में डाल दी।

उसे मजा आने लगा वो दर्द भूल गयी थी। मैने मौका देख कर लंड डाल दिया। अब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया। ओह मर गई ओहऊऊओह करने लगी। मैने ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिये। भाभी का चीखना जारी था। फिर उसे बहुत अच्छा लगने लगा। और कहने लगी चोदो इसे फाड़ दो मेरी चूत को।

अब में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा। तभी वो बोली यार मुझे बहुत समय के बाद लंड मिला है। मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। प्लीज़ ज़ोर से चोदो में लगातार चार मिनट तक चोदते चोदते जैसे थक सा गया था। क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी। मैने अब लंड बाहर निकलना चाहा पर भाभी बोली अभी लंड ना निकलना। अभी तो मुझे जोर जोर से चोद डालो यार फाड़ डालो इसे मैने भाभी की बात मानकर फिर से चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद भाभी भी झड़ने लगी और फिर में भी झड़ गया। मैने पूरा वीर्य चूत में ही निकाल दिया। अब भाभी बहुत खुश थी। सीधी होकर मुझसे लिपट गई और बोली मेरे राजा बहुत मज़ा आया आप बहुत अच्छे हो। फिर मुझे चूमने लगी। मेंने भी उसके लिप्स अपने मुहं मे ले लिए और दोनो सो गये। रात को भाभी नींद मे सो रही थी। में बीच बीच मे जाग जाता सुबह 5:30 बजे थोड़ा उजाला हुआ तो मैने भाभी को गौर से देखा। नींद मे उसका चेहरा बहुत ही मासूम लग रहा था। जैसे की बहुत सालों के बाद सूकून की नींद सो रही हो। मुझसे रहा नहीं गया मैने उसके माथे गाल और होंठ पर किस किए तभी वो जाग गई। मैने बोला तुम कितनी मासूम लग रही हो। तुम यहाँ घर मे अकेली रहती हो तो पड़ोस मे किसी की नज़र नही पड़ी क्या?

वो बोली मेरे साथ मेरी सास भी रहती है। अभी वो मेरे देवर के पास गावं मे है। क्योंकि मेरे देवर के घर में लड़की हुई है। मैने उनसे पूछ कर ही कमरे के लिए आपके अंकल को हाँ किया था। मेरी नजर उसके बूब्स पर पड़ी वो बहुत बड़े गोल थे। बूब्स को देख कर कुछ समय मे मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मैने उसको फिर से चोदने के लिये बहुत मनाया कुछ समय बाद वो मान गई। मैने उसकी टांगे ऊँची करके लंड डाल दिया तो वो बोली मेरे राजा अब में आपको मना तो नहीं कर सकती। लेकिन चुदाई ज्यादा नहीं करनी चाहिए। इससे शरीर मे बहुत कमज़ोरी आती है।

मैने पूछा तो कब-कब करते है। वो बोली दो दिन मे एक बार मैने फिर जमकर चुदाई की तो भाभी पूरा मजा ले रही लेकिन वो थक गयी थी। उनके चहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। मैने करीब 10 मिनट चुदाई की और उनकी चूत लाल हो गई और में झड़ गया और बहुत थक गया था। तभी भाभी बोली लगता है नई नई जवानी आई है इसलिये तुम्हारा मन एक बार चुदाई से नही भरा। तब सुबह के 6:00 बज चुके थे। में उठ कर अपने कमरे में चला गया। और उन्होंने उठ कर गेट अंदर से बंद कर लिया था।

फिर उसने बच्चो को जगाया उन्हे स्कूल के लिए तैयार किया। आज में भी बहुत खुश था। में बाथरूम मे नहा रहा था। तभी गेट बजा मैने तुरंत गेट खोला वो सामने खड़ी थी। में बिल्कुल नंगा था वो शरमाते हुए बोली नहा लिये क्या? नाश्ता बन गया है में लेकर आती हूँ। और कमरे से बाहर चली गई। जब तक मैने कपड़े पहने तब तक वो गोभी के परांठे दही लेकर आई थी। मैने मना किया तो वो बोली जब तक मेरी सास नही आती आप खाना यहीं खाया करो। मैने नाश्ता किया और फिर में ऑफीस चला गया। शाम को उसने अपने बच्चो से मेरा परिचय कराया। तभी से में भाभी और उनके बच्चो से बहुत ज्यादा घुल मिल गया। और रोजाना रात को हम साथ ही सोते थे। कभी मेरे कमरे पर तो कभी भाभी के कमरे पर। बहुत सारी स्टाइल्स से चुदाई करके हमने खूब मज़े लिए। भाभी ने चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया। हम इस चुदाई से एक दूसरे के बहुत पास आ गये थे।

अब हमें चुदाई करे बिना नींद नही आती थी। मुझे उसकी चुदाई और चूत चाटने में बहुत मजा आने लगा था। फिर आठ महीने बाद मेरा तबादला वापस भोपाल हो गया। में अपने घर भोपाल आ गया। बाद मे भाभी से फोन पर ही बात होती थी। मैने कई बार उनके घर जाकर उनकी चुदाई की। लेकिन कुछ महीने के बाद पता नही उनका फोन नम्बर बंद हो गया। तब हमारा लिंक टूट गया वैसे भी अब जयपुर मे मेरा कोई काम भी नही है और मेरी शादी भी होने वाली थी। लेकिन दोस्तो मेरे वो आठ महीने जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हें है जिन्हें में चाह कर भी नहीं भुला सकता ।।

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गुलाबी चूत में काला लौंडा https://sexstories.one/gulabi-choot-me-kaala-lund/ Sat, 02 Jan 2021 15:28:43 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%8c%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%be/ नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | दोस्तों मेरा नाम जीनत खान है | मैं सलीमा बाद की रहने वाली हूँ | मैं गाज़ियाबाद में रुक कर पढाई करती हूँ | मैं अपने कॉलेज के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | दोस्तों मेरा नाम जीनत खान है | मैं सलीमा बाद की रहने वाली हूँ | मैं गाज़ियाबाद में रुक कर पढाई करती हूँ | मैं अपने कॉलेज के हॉस्टल में ही रहती हूँ | दोस्तों मैं दिखने में एक ददम गोरी चिट्टी और एकदम पटाका लगती हूँ | दोस्तों मैं आज आप लोगो को एक ऐसी कहानी बताउंगी जिसमे मैंने अपनी गुलाबी चूत में काला लौंडा अन्दर लेके अपनी चूत का होल बड़ा करवाया | kaala lund

तो चलिए दोस्तों मैं आप लोगो को सीधा कहानी की ओर ले चलती हूँ |

तो दोस्तों ये कहानी उस समय की है जब मैं अपनी 12 वीं की पढाई अपने ही शहर के कॉलेज में करती थी | kaala lund

मेरा कॉलेज मेरे घर से थोड़ी ही दूर पर था मैं अपने कॉलेज साइकिल से जाया करती थी | दोस्तों मैं अपने कॉलेज की टोपर थी इसीलिए मैं अपने कॉलेज की कैप्टेन थी | जब नही मेरे कॉलेज में कोई फंक्शन होना होता था तब कॉलेज के सभी टीचर मेरी राय जरुर लेते थे | मैं अपने कॉलेज में पढाई के साथ-साथ खूब मस्ती भी किया करती थी | मेरी दो सहेलिय थी एक  का नाम निकिता था और एक का नाम अंजली था दोनों ही मेरे बहुत करीबी दोस्त थी | मैं उन दोनों को अपनी सगी बहन से भी ज्यादा प्यार करती थी और वो भी मेरे से बहुत प्यार करती थी और मुझे बहुत मानती थी |

लेकिन दोनों में एक बात थी दोनों ही बहुत हाइली सोसाइटी की थी |kaala lund

मीन्स वो दोनों का हिसाब ऐसा था की वो दोनों को जब भी कोई लड़का मिलता था वो दोनों उससे खूब मजे लेती थी और उसकी खूब रैगिंग करती थी | मैं उनको मना ही किया करती थी पर वो दोनों अपनी सरारतो से बाज नही आया करती थी | एक दिन की बात है हम तीनो अपने कॉलेज को जा रहे थे तभी रास्ते में एक लड़का बाइक से हम लोगो का पीछा कर रहा था | वो हमारे ही शहर के कॉलेज का था | वो अपनी बाइक हम लोगो के पीछे-पीछे चला रहा था और मेरी सहेली अंजली उसे देख-देख कर हंस रही थी | मैंने पानी सहेली की तरफ गुस्से से देखा तो उसने हसना बंद कर दिया |

बाद मैं मेरी दूसरी सहेली निकिता न बताया की ये इसका आशिक है जो इसके घर के पीछे रहता है | हम लोग अपने कॉलेज पहुंचे और अपनी क्लास में बैठ गये | मैंने अपनी सहेली से पूंछा की तु इसे पसंद करती है की की वो खली तुझे प्रेषण करता है तो उसने मुझसे कहा की अरे यार मैं तो सिर्फ अपनी जरूरत के लिए उसको लिफ्ट दिया करती हूँ | मैं कुछ समझी नही फिर निकिता ने मुझे बताया की अरे यार ये बहुत कमीनी है जब भी इसे इसकी गर्मी शांत नही होती है तब ये रात को अपने छत्त पर चली जाती है और वो भी आ जाता है और ये दोनों रात भर खूब सेक्स करते हैं |

ये सिर्फ उसे अपनी गर्मी शांत करने के लिए लिफ्ट दिया करती है और वो साला समझता है की ये उससे प्यार करती है |

वो थोडा बहुत दिखने में सही लगता है बस | kaala lund

मैंने अपनी सहेली पर बहुत गुस्सा हुई , मैं उससे 2-3 तक नही बोली थी |  पर वो इतनी कमीनी थी की वो अपनी हरकतों से बाज नही आती थी | मैं  उससे कुछ दिन नही बोली फिर उसने मुझे मना लिया था और मैं उससे फिर बोलने लगी थी क्योकि हम बचपन के दोस्त थे |

एक दिन अंजली ने मूझे और निकिता को अपने घर पर बुलाया उसका बर्थडे था | हम और निकिता अपना कॉलेज करके शाम को अंजली के घर पर पहुंचे | वहां खूब धूम धाम थी काफी लोग आये हुए थे | मैं और निकिता अंजली से मिले और फिर बाद मैं अंजली ने सबके साथ मिलकर  केक काटा | हम लोगो ने खूब मस्त की हम तीनो ने मिलकर डांस किया और फिर बाद में एक साथ बैठकर खाना खाया | रात काफी हो गयी थी इसीलिए अंजली ने मुझे और निकिता को अपने ही घर रोक लिया था | अगले दिन छूट्टी थी तो हम भी लोग उसी के पास रुक गये थे |

हम लोगो तीनो एक साथ अंजली के कमरे में लेते थे | kaala lund

हम लोगो ने थोड़ी देर तक बाते की फिर मुझे नींद आ गयी और मैं सो गयी थी और निकिता भी सो गई थी | मुझे गहरी नींद आयी ही थी की मुझे लगभग आधी रात्त को सिस्कारिया आ रही थी | मेरी नींद खुली मैंने निकिता को भी जगाया हम लोगो ने देख की अंजली अपने बेड पर नही थी | हम लोग उठे और कमरे के बाहर आये और जीधर से सिस्कारिया आ रही थी हम लोग उसी तरफ गये और बाद मैं देखा की किचेन में लाइट जाल रही थी और किचेन का गेट आधा खुला था | हम लोग विंडो से देखा तो अंजली और उसके रिलेशन का कोई लड़का था सायद वो दोनों नंगे होकर फ़र्स पर लेते थे और एक दुसरे के साथ सेक्स कर रहे थे |

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लड़का नीचे था और अंजली उसके ऊपर बैठ कर अपनी चूत में उसका लंड डाल कर कूड़े जा रही थी और अपने मुह से आह आहा अह आहा अह अह आहा अह आहा अह आहा अह आहा आहा अह आहा अह आहा आहा अह आहा अह औंह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह आह आहा आहा आहा अह आहा अह आहा अह आहा अह अह आहा अह आहा अह आह अह  की सिस्कारिया निकाल रही थी | हम लोग उसे देख कर चले आये और वापस बेड पर लेट गये | उसको अपनी चुत को चुदवाते हुए देख कर मेरा भी मन कर रहा था की मैं भी अपनी चूत को किसी से चुदाई करवाऊ |

अगले दिन सूबह हुई मैं और निकिता अपने घर आये | kaala lund

मैं बाथ लेके खाना खाके अपने कमरे में लेटी ही थी और रात की अंजली की चुदाई देखकर  अपनी चूत में उंगली डाल कर अन्दर-बाहर कर रही थी | तभी मेरी मम्मी ने मुझे आवज लगाईं की बेटा घर पर ही रहना मैं सब्जी लेने जा रहगी हूँ | मैंने गेट को लॉक कर लिया और मैं अपने कमरे में आके पूरी तरह से नंगी  होकर अपनी चूत में उंगली से अपनी चूत को चोदे जा रही थी | यह सब करते मेरे घर का नौकर छत्त की होल से देख रहा था मेरी नज़र उसपे पड़ी उसने भी मेरे को देखा और वो एकदम घबरा गया | मैंने उसको निचे बुलाया अपने कमरे में और पूंछा की क्या देख रहा था |

उसने डरते हुए कहा की कुछ नही दीदी मैं छत्त पर काम कर रहा तभी मेरी नज़र आप के ऊपर पड गयी पर मैं किसी से कहूँगा नही | मैं गरम थी ही और वो डरा  हुआ मैंने उसके लंड की ओर देखा उसका लंड एकदम खड़ा था | मैंने मन में सोंचा की क्यों न मैं अंजली की तरह अपनी  गर्मी इसी से  शांत करवा लू | मैंने उसके सारे कपडे उतार दिए | उसका लंड लगभग 5 फिट लम्बा और काला था | मैं बेड पर लेट गयी और उसको अपनी चूत को अपने मुह  से चाटने को कहा | मैंने अपनी दोनों टाँगे फैला दी और उसका सर पकड़कर अपनी चूत में दे के उससे अपनी चूत चटवा रही थी |

वो अपनी जीभ मेरी चूत के अन्दर तक कर दे रहा था.. kaala lund

और मुझे मजा आ रहा था और मैं उसका सर पर अपना हाथ सहलाते हुए अपने मुह आह आहा आहा अह आहा आहा अह आहा आह आहा अह आहा अह आहा अह अह आहा अह आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह्ह ओह्ह ओह्ह उन्ह उन्ह आह आह आः आःह्ह आह्ह आह आह्ह अहह आह अह  की सिस्कारिया निकाल रही थी | थोड़ी देर तक मैंने उससे अपनी चूत को चटवाया फिर मैंने उसके उसको बेड पर लिटा दिया और उसके लंड को अपनी चूत में डाल कर धीरे-धीरे ऊपर नीचे हो रही थी | उसका लंड बहुत मोटा और लम्बा था मेरी चूत बहुत टाइट थी मैंने कभी अपनी चूत को चुदवाया नही था इसलिए मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था |

पर मैं इतनी गरम हो गयी थी की मुझे दर्द का पता नही चल रहा था .. kaala lund

और मैं थोड़ी देर के बाद उसके ऊपर बहुत जोर-जोर से कूड़े जा रही थी और अपने मुह से आह आह अह आह अह आहा अह आहा अह आहा उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह ओह्ह आह आहा अह आहा अह अह की सिस्कारिया निकाल रही थी | थोड़ी देर के बाद मैं और वो दोनों एक ही साथ झड चुके थे | जब उसने अपना लंड मेरी चूत से निकला तब मेरी चूत का होल काफी फ़ैल गया था |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | kaala lund

इस तरह से  मैंने भी अपनी सहेली की तरह अपनी चूत की गर्मी शांत करवाई और आज भी जब मुझे लंड की कमी महशूस होती है तब मैं अपने नौकर से ही चुदवा लेती हूँ |

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मकान मालिक की मस्त बेटी https://sexstories.one/makaan-maalik-ki-mast-beti/ Fri, 20 Mar 2020 09:30:12 +0000 https://sexstories.one/?p=468 हैलो फ़्रेंड्स, मेरा नाम आर्यन है, और मै उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का रहने वाला हूं। इस समय मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फिट 4 इंच है और मेरे लन्ड की ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैलो फ़्रेंड्स, मेरा नाम आर्यन है, और मै उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का रहने वाला हूं। इस समय मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फिट 4 इंच है और मेरे लन्ड की साइज 6 इंच से ज्यादा है। यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह घटना आज से 4 वर्ष पहले घटित हुई थी।

बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर इलाहाबाद यूपीएससी की तैयारी करने पहुँचा। काफी मशक्कत के बाद एक रूम किराये पर मिल सका। रुम बहुत छोटा सा था। लेकिन एक अच्छाई यह थी कि मैं वहाँ पर अकेला किराएदार था। और मेरा कमरा ऊपर था और सामने बहुत बड़ा छत खाली था। जबकि नीचे के रुम में मकान मालिक अपने पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे। उनका बड़ा बेटा कहीं जॉब करता था उसकी उम्र लगभग 30 वर्ष थी उससे छोटा वाला बेटा एमएससी फर्स्ट ईयर में था। सबसे छोटी लड़की थी जिसका नाम मनस्वी था। उसकी उम्र 19 वर्ष के आस पास थी।

Antarvasna Hindi sex stories – मकान मालिक की बेटी को चोदा

मनस्वी एक मध्यम सी दिखने वाली लड़की थी। परंतु उसका फिगर लाजबाब था। उसका कोई तोड़ नही था। उसका साइज 36-28-34 था। उसको देखने के बाद कोई भी लड़का बिना मुठ मारे नहीं रह सकता। उसकी पूरी फैमिली हसमुख स्वभाव की थी।

मेरे आने के कुछ महीनों बाद ही गांव में प्रधानी का चुनाव होने वाला था। मेरे मकान मालिक गांव में सरपंच बनना चाहते थे। इसलिए वे और उनकी पत्नी गांव चले आये। अब यहाँ पर उनके तीनो बच्चे ही थे। बड़ा बेटा सुबह 10 बजे जॉब पर जबकि छोटा 9 बजे ही क्लास करने चला जाता था। छोटे बेटे का नाम मनु था वह बहुत अय्याश किस्म का था।

उसकी कई गर्लफ्रैंड थी। मम्मी पापा के जाने के बाद तो अब वह पूरे पूरे दिन गायब रहता था। मनस्वी पूरे दिन घर पर अकेली रहती थी। जिसके कारण अब मैं मनस्वी से बातचीत करने लगा था। उसने बताया कि उसका ग्रेजुएशन इसी वर्ष पूरे हुआ है। और अब घर वाले उसे आगे नहीं पढ़ा रहे हैं। तो मैंने उसे एसएससी के तैयारी की सलाह दी। और मैथ्स और जीएस भी पढ़ने का वादा किया। भाइयो के जाने के बाद अब वो पूरे दिन मेरे साथ पढ़ाई करने लगी थी।

एक दिन मनु अपनी एक गर्लफ्रैंड को घर पर लेकर आ गया। और अंदर कमरे में ले जाकर सेक्स करने लगा। उस समय मनस्वी मेरे साथ पढ़ाई कर रही थी। वह किसी काम के लिए अचानक नीचे गयी तो उसे कमरे से आह उह की आवाज आती सुनाई दी। उसने खिड़की से देखा तो पाया कि उसका भाई और उसकी गर्लफ्रैंड दोनों नंगे थे और 69 के पोजीशन में लन्ड और चूत को चाट रहे थे। उसने पहली बार ऐसा देखा था तो वही खड़ी होकर देखने लगी। वो काफी देर तक नहीं आयी तो मैं खुद नीचे गया।

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उसे मेरे आने का अहसास नही हुआ मैंने देखा कि वो कपड़े के ऊपर से ही अपने चूत को मसल रही थी। मैं दबे पांव उसके पास गया और कमरे का सीन देखकर आवाक रह गया। अंदर मनु अपने लण्ड को चूत में डालने की कोशिश कर रहा था। कोशिश करने में ही वह झड़ गया। जिसे देखकर उसकी गर्लफ्रैंड गुस्सा हो गयी और अनाप सनाप बकने लगी। इसको देखते हुए मनस्वी अचानक पलटी और मुझे देखकर शर्मा कर अपने कमरे में भाग गई और अंदर से दरवाजा बंद कर ली। मैं ऊपर अपने कमरे में चल आया। और मुठ मारने लगा तभी मैंने मनु के जाने की आवाज सुनी।

मैं तुरंत मनस्वी को चोदने का प्लान बनाने लगा। मैं तुरंत नीचे आया और मनस्वी को पढ़ने के बहाने बुलाने लगा। लेकिन कोई प्रतिक्रिया ना होते देख दरवाजे को धक्का दिया तो देखा कि वो अब भी अंदर से बंद था। मैंने दरवाजे के छेद से अंदर देखा तो पाया कि मनस्वी मोबाइल में कुछ देख रही थी और एकदम नंगी होकर अपने चूत को सहला रही थी। यह देखकर मेरे अंदर और आग लग गयी। और मैं अंदर जाने का जुगाड़ खोजने लगा। मुझे याद आया कि मनु के कमरे का दरवाजा मनस्वी के रूम में खुलता है। मैंने मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया और मनु के कमरे में घुस गया।

सौभाग्य से दरवाजा बंद नहीं था मैं धीरे से अंदर घुस गया। मनस्वी अब आँखे बंद कर अपनी चूत को सहला रही थी। मैं धीरे से उसके पास गया और उसकी खूबसूरती को निहारने लगा। उसकी चुचियाँ एकदम टाइट लग रही थी। उसकी कमर लाजबाब थी कमर पकड़ कर उसे तुरंत ही चोदने का मन कर रहा थाऔर चूत पर अभी छोटे छोटे रोयें आ रहे थे।

शायद उसको मेरे आने का अहसास हो गया था परंतु वह इतना उत्तेजित थी कि आँखे खोलकर देखा ही नहीं। मैंने अपने होंठों को उसके गुलाबी होठों पर रख दिया। उसके शरीर में कंपकंपी छूट गयी और उसने तेजी के साथ मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं उसके ऊपर गिर सा गया। मैं उसके ओठों को चूसने लगा तो मेरे पीठ पर उसके हाथों का दबाव बढ़ता ही गया। मैंने धीरे धीरे अपनी साँसों से उसके पूरे चेहरे का चुम्बन किया।

धीरे धीरे उसके गालों से होते हुए उसके गले पर हल्के से अपना दाँत गड़ा दिया, उसने अति उत्तेजना में मेरे पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए। उसके कान और कान के पीछे कीस करने पर तो वह बेकाबू सी हो गयी और मेरे कपड़े उतारने की कोशिश करने लगी। मैंने उसकी दोनों चुचियों को हाथ से सहलाने लगा। वह आह उह की आवाज करने लगी। मै अपनी जीभ से उसकी चुचियों को चाटने लगा। वह पागल सी होती जा रही थी ।

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लगभग 30 मिनट तक यह सब चलता रहा मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और अपने कपड़ों को उतारकर अंडरवियर पर आ गया। मैं पीछे से उसके शरीर से चिपक गया और दोनों हाथों से उसकी चुचियों को सहलाने लगा। फिर धीरे धीरे अपने जीभ से उसके पीठ पर गोल गोल करने लगा। वह बिस्तर पर अपने हाथों से रगड़ रही थी। जीभ से उसके पीठ को धीरे धीरे छूते हुए उसके नितंबों तक गया उसके नितम्बो पर धीरे से काट लिया। उत्तेजना के कारण वह अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी।

मैं कीस करते हुए उसके पैरों पर नीचे गया तो उसने सीधा होते हुए मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया। मेरा लण्ड आज़ाद होकर ऊपर की तरफ तन गया। उसने उसे हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगी। मैंने अब उसे फिर बिस्तर पर गिर दिया और उसकी चुचियों को चूसने लगा।

धीरे धीरे अपने हाथ को उसके चूत पर ले गया तो पाया कि वह गीली हो गई थी। मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को रगड़ना आरम्भ किया तो अब वह मुझे बार बार गिराने का प्रयत्न करने लगी। एक तरफ मैं उसकी चुचियों को चूस रहा था तो दूसरी तरफ हाथों से उसकी चूत को रगड़ रहा था वह अतिउत्तेजना में मेरे लण्ड को पकड़ कर अब अपनी चूत की तरफ खींच रही थी। अब मैंने धीरे धीरे नीचे जाते हुए उसकी चूत पर कीस कर लिया।

उसके बाद अपने जीभ के छोर से उसके चूत को चाटना शुरू कर दिया। वह अपने पैरों को सिकोड़े जा रही थी। मैंने अचानक से अपने जीभ को उसके चूत में घुसा दिया वह आह कर उठी । अब वह मेरे सिर को अपने चूत पर दबाने लगी थी। मैं अपनी जीभ को उसके छूट में अंदर बाहर करने लगा। अचानक से उसने मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लण्ड को अपने मुंह मे ले लिया और अंदर बाहर करने लगी।

अब हम दोनों 69 की अवस्था मे आ गए। मैं उनकी पूरी चूत को अपने मुंह मे लेकर चूस रहा था और रह रह कर अपने जीभ को उसकि चूत में डाल कर अंदर बाहर करता और वह मेरे लैंड को अपने जीभ से चाटती और अपने मुंह मे अंदर बाहर कर रही थी कुछ समय बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने लण्ड को उसके चूत पर लगाया तो वह चिहुँक सी पड़ी और अपने गांड को ऊपर करने लगी परंतु मैं उसके चूत पर ही अपने लण्ड को रगड़ने लगा।

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वह पगलों की तरह बार बार लण्ड को चुत में डालने का प्रयास कर रही थी। अब मैं भी डालने के मूड में आ गया था। मैंने लण्ड को चूत पर सेट किया और जोर लगाने लगा तो वह फिसल गई। तब मैंने उसके दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया जिससे उसकी चूत खुल गयी।

अब मैंने चूत पर लण्ड रखते हुए धीरे से धक्का दिया तो लण्ड का सूपड़ा अंदर घुस गया और वह दर्द से बिलबिलाने लगी मैंने देर ना करते हुए वैसे ही उसके पैरों को कंधे से उतार कर उसके ऊपर लेट गया और उसे पकड़ते हुए अपने लण्ड का दबाव बढ़ाया धीरे धीरे लण्ड अंदर जाने लगा। वह चिल्लाने लगी लेकिन वहां पर कोई नहीं था इएलिये कोई डर भी नही था।

मैं उसे सांत्वना देते हुए उसकी चुचियों को चूसने लगा जब दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक तेज धक्के के साथ पूरा लण्ड उनकी चुत में घुसा दिया और उनके कभी उसके ओठों को चूमता तो कभी उसके चुचियों को चूमता। धीरे धीरे उसे आराम हुआ तो मैंने धक्का लगाना शुरू किया शुरू में तो उसे दर्द हो रहा था परंतु बाद में वह उछल उछल कर साथ देने लगी। कभी उसके एक पैर को उठा कर चोदता तो कभी दोनों पैरों को। वह पूरा साथ दे रही थी ।

कुछ समय बाद वह मेरे ऊपर आ गयी और खुद धक्का मारने लगी। प्रत्येक धक्के के साथ हम दोनों को आनंद की अनुभूति हो रही थी। अचानक उनके धक्कों की रफ्तार बढ़ गयी। और लगभग आधे घंटे लगातार धक्के के बाद हम दोनों स्खलित हो गए। मेरे गर्मागर्म वीर्य को वह आंखे बंद कर आनंद ले रही थी और मैं तो उसकी चूत का दीवाना हो गया।

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अब शाम हो चुकी थी तो हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और मुख्य दरवाजे का ताला खोलकर मैं अपने रूम में आ गया।

उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता एक दूसरे में समा जाते थे।

अब अगले कहानी में पढ़े की किस तरह मनस्वी की सहायता से मैंने मनु की गर्लफ्रेंड को कैसे चोदा।

आपको यह कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल कर जरूर बताएं। मेरा ईमेल आईडी है- aryanmaurya740[at]gmail.com

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