maid sex Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/maid-sex/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 गांड का छेद माल से भर डाला https://sexstories.one/naukrani-ki-gaand-me-lund-daala/ Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4378 नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं..

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Naukrani ki Gaand – रोहित और मेरी दोस्ती पूरे कॉलेज में बड़ी फेमस थी.. हम दोनों ही एक दूसरे के साथ हमेशा ही खड़े नजर आते थे.. एक दिन रोहित मुझसे कहने लगा यार अब तो कॉलेज भी खत्म होने वाला है तुमने क्या सोचा है। मैंने रोहित से कहा मैं क्या सोचूंगा पापा ने मुझे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरा काम संभालोगे और इसके अलावा तो शायद मैं और कुछ भी नहीं सोच सकता। मुझे रोहित कहने लगा चलो पारस तुमने तो अच्छा किया जो अपने पापा की हां में हां मिला दी लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि मैं अपना फैमिली बिजनेस ना संभाल कर कुछ और काम शुरू करूं। मैंने रोहित से कहा लेकिन इसमें तुम्हें दिक्कत भी हो सकती है रोहित कहने लगा अरे यार इसमें दिक्कत वाली क्या बात है अब तुम ही मुझे बताओ कि मैं भी क्या करूं मेरा मन पापा के बिजनेस को करने का बिल्कुल भी नहीं है और मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

मैंने रोहित से कहा वह तो तुम अपने पापा का काम संभाल कर भी कर सकते हो और उन्होंने इतने साल की मेहनत की है उसके बाद तुम्हे ही तो सारा काम संभालना है। रोहित और मेरे बीच में काफी समानताएं थी रोहित के पिताजी भी एक बिजनेसमैन है और मेरे पिताजी भी बिजनेसमैन है हम दोनों ही घर में एकलौते हैं लेकिन रोहित चाहता था कि वह कुछ अलग करें इसलिए उसने अमेरिका जाने के बारे में सोच लिया था। मैंने रोहित से कहा कि तुमने क्या अपना पूरा मन बना लिया है कि तुम अमेरिका चले जाओगे रोहित मुझे कहने लगा हां पारस मैंने पूरा मन बना लिया है अब मैं अमेरिका में ही कुछ काम शुरू करना चाहता हूं।

रोहित के पिताजी भी शायद उसे मना ना कर सके और वह अमेरिका चला गया। मैं दिल्ली में रहकर ही अपने पापा का काम संभालने लगा और देखते ही देखते कब समय बीत गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा समय बड़ी तेजी से निकला और मुझे काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके थे। इन 5 वर्षों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था और यह सब पापा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि पापा ने ही मुझे अपने बिजनेस के तौर तरीके और अपने काम की बारीकियों को सिखा दिया था।

रोहित से मेरी बात तो होती रहती थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात सिर्फ एक या दो बार ही हो पाई थी अब वह अमेरिका में ही सेटल हो चुका था। एक दिन उसका मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा पारस मैं दिल्ली आ रहा हूं मैंने रोहित से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा है कम से कम इतने समय बाद तुम मुझे मिलोगे तो सही पिछले दो वर्षों से हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हो पाई है। रोहित मुझे कहने लगा हां क्यों नहीं मैं बस तुम्हारे पास अगले हफ्ते पहुंच जाऊंगा मैंने रोहित से कहा चलो ठीक है तो फिर हम लोग मुलाकात करते हैं।

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रोहित कहने लगा मैं तुम्हें पहुंच कर फोन करता हूं मैंने उससे कहा हां तुम मुझे पहुंच कर फोन कर देना, रोहित जब अपने घर पहुंच गया था तो उसने मुझे फोन किया और उसके बाद मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया। जब मैं उसके घर पर गया तो उसके पापा का चेहरा उतरा हुआ था मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं सोफे पर बैठा हुआ था रोहित के पापा मेरी तरफ देख रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा पारस बेटा तुम क्या कर रहे हो। मैंने उन्हें बताया कि अंकल मैं तो अपने पापा का ही काम संभाल रहा हूं, रोहित के घर पर मैं काफी सालों बाद गया था तो रोहित के पापा के मन में कई सवाल थे।

वह मुझसे कुछ पूछने लगे तो मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया लेकिन वह रोहित को कहने लगे कि देखा पारस भी तो अपने पापा का काम संभाल रहा है और एक तुम हो कि तुम हमें अकेला छोड़ कर अमेरिका चले गए। मैंने रोहित और उसके पापा के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी नहीं कहा और जब रोहित ने मुझे कहा कि चलो मेरे रूम में चलते हैं तो हम दोनों उसके रूम में चले गए। रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे रोहित ने मुझे कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है मैंने रोहित से कहा मेरा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम सुनाओ तुम तो लगता है अमेरिका में ही सेटल हो चुके हो। रोहित मुझे कहने लगा यार अब तुम्हें क्या बताऊं यहां रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है और मैं तो सोच रहा हूं कि अमेरिका में ही शादी करूं।

रोहित की बातों से इतना तो प्रतीत हो चुका था कि उसने अपने लिए कोई लड़की देख ली है रोहित मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपने लिए कोई लड़की देख ली है। मैंने उसे कहा कहां यार मैंने तो अपने लिए कोई लड़की नहीं देखी है लेकिन इतना जरूर है कि पापा और मम्मी मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित मुझे कहने लगा अच्छा तो वह तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं मैंने कहा हां वह लोग मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित ने मुझे जब नताशा की फोटो दिखाई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे होने वाली भाभी हैं मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हारी इतनी आगे बात बढ़ चुकी है और तुम मुझे अब बता रहे हो। रोहित मुझे कहने लगा कि नताशा और मैंने सगाई भी कर ली है मैंने रोहित से कहा लेकिन तुमने तो घर में किसी को भी नहीं बताया। रोहित कहने लगा यार यदि मैं घर में यह सब बताऊंगा तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह सब बताना ठीक नहीं समझा।

मैंने रोहित से कहा लेकिन तुम्हें उन्हें बता देना चाहिए रोहित कहने लगा उन्हे मैं कुछ समय बाद बता दूंगा। रोहित पूरी तरीके से बदल चुका है वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया है जो कि पहले बातें सीधा ही किया करता था। रोहित अब बातों को बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया करता है।

रोहिता पूरी तरीके से बदल चुका था और वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया था मैं उसके साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था। मैंने रोहित से कहा रोहित मैं घर जा रहा हूं तो वह कहने लगा कि चलो मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करता हूं। मैंने रोहित से कहा ठीक है, मैं जब घर आया है तो मैं सोचने लगा कि रोहित कितना बदल चुका है क्योंकि वह तो बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा और उसके बदलने का कारण सिर्फ यही था कि वह अमेरिका चला गया था। वह अपने पापा के साथ रहना ही नहीं चाहता था यही कारण था कि उसके पापा और उसके बीच में अब दूरियां पैदा होने लगी थी। रोहित अपनी जिंदगी अच्छे से जी रहा था वह अपने जीवन को पूरा एंजॉय करना चाहता था। जब में रोहित के घर दोबारा से गया तो उसके घर में 22, 23 वर्ष की उसकी नौकरानी थी।

मैंने रोहित से पूछा नौकरनी कब रखी तो वह कहने लगा पापा ने ही रखी है मुझे तो इसके बारे में ज्यादा नहीं मालूम और ना ही मैं उनसे इस बारे में बात करता हूं। उसकी नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं। मैंने उसे कहा आओ ना मेरे पास बैठो मैंने उसे अपने पास बैठा दिया वह शर्मा रही थी रोहित मुझे कहने लगा मैं कुछ देर बाद आता हूं।

रोहित भी चला गया था मैं अकेला ही था इसलिए मैं उसे चोदना चाहता था मैंने उसे कुछ पैसे दिए और वह भी पैसों के लालच में आ गई। मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा वह मेरे लंड को अच्छे से मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। जब मैंने उसके बदन से कपडे उतारे तो उसकी जालीदार पैंटी और उसका सावला रंग मेरे सामने था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला लेकिन उंगली जा ही नहीं रही थी।

मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत मैं अपने लंड को ही घुसाना पड़ेगा। उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और कहने लगी साहब अगर कोई आ गया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम बिस्तर में लेट जाओ वह बिस्तर में लेट गई। जब वह लेटी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मैं उसकी गांड मारना चाहता था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों के बीचो-बीच अपने लंड को लगाया और अपने लंड को उसके स्तनों पर रगडने लगा लेकिन जब उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उसे अच्छा लग रहा था। वह लंड को ऐसे ही चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत मे लंड घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक घुस चुका था। मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही उसके मुंह से चीख निकल और उसकी चीख के साथ मैंने उसक चूतडो को खोल कर रख दिया। उसके दोनों पैरों को मैंने चौड़ा कर लिया था मैंने उसे तेज धक्के देने शुरू कर दिए वह पूरी तरीके से चिल्लाने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी कि मुझसे नहीं रहा जा रहा मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम्हें अब अच्छा लगने लगेगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए और मैंने इतनी तेज गति से उसे धक्के मारे। वह मुझे कहने लगी मालिक मुझे छोड़ दो लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था और उसे छोड़ने का तो कोई सवाल ही नहीं था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें और पैसे दूंगा तुम मुझसे अपनी गांड मरवा लो पैसे के लालच में वह आ गई और मुझसे भी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसके अंदर प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड मे जाने को बेताब था जैसे ही मेरा लंड अंदर की तरफ घुसा तो उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी। वह कहने लगी मुझसे नहीं रहा जाएगा वह अपनी चूतडो को पकडकर मेरी तरफ करने लगी। मैं उसकी चूतड़ों के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और 5 मिनट के बाद जब मेरे वीर्य की बूंदों से मैंने उसकी गांड के छेद को भर दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मजा आ गया। मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हें अब मजा आ गया लेकिन तुमने मुझे बहुत अच्छा मजा दिया।

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मौसी बनी नौकरानी https://sexstories.one/mausi-maid-hot-sex-story/ Tue, 02 Nov 2021 11:20:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4722 स्मिथ के लिंग को देखकर आंटी मुस्कुरा दीं। तो स्मिथ ने कहा - देखिए क्या होता है फूहड़... चूस रहा है! मैं उसे उसकी फूहड़ बुलाना पसंद करता था; मेरा दिल चाहता था कि वह मुझे भी फूहड़ कहे। आंटी ने अपना मुंह खोला और मिस्टर स्मिथ का सफेद लंड अपने मुंह में चूसने लगीं...

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Maid hot sex story लॉकडाउन में पैसों की कमी के चलते मेरी मौसी ने लोगों के घरों में बर्तन साफ ​​करना शुरू कर दिया। मैं भी उसके साथ जाने लगा। मैंने क्या देखा? दोस्तों मैं हूं आपकी दोस्त इलियाना, आज इस मेड हॉट सेक्स स्टोरी में मैं आपको अपनी जिंदगी का एक बहुत बड़ा सच बताने जा रहा हूं।

बात यह है कि मैं बेहद गरीब परिवार से हूं। मेरे पिताजी कार चलाते हैं और घर का रखरखाव ठीक चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण पिताजी का काम बंद हो गया, इसलिए घर में भोजन की कमी थी। अब जब लोग घर से बाहर नहीं जा सकते हैं, लोग भी अपने घरों के अंदर बैठे हैं, तो हम जैसे गरीब लोग पैसा कैसे कमाते हैं। तो इन दिनों घर की हालत सुधारने की कोशिश में मम्मी ने पापा से बात की कि अगर वह लोगों के घरों में बर्तन-झाड़ू का काम कर सकते हैं तो कुछ पैसे घर में आ जाएंगे।

पापा ने भी मजबूरी में हां कर दी। कुछ दिनों बाद माँ को दो-तीन घरों में काम मिल गया। माँ लोगों के घरों में काम करने लगी। मैं भी अब बड़ी हो गई थी इसलिए माँ अक्सर मुझे अपनी मदद के लिए साथ ले जाती थीं। जैसे ही माँ ने बर्तन धोए, मैंने झाड़ू लगा दी। इस तरह हम दोनों मां-बेटी अपने घर का खर्च चलाने लगे। लेकिन फिर भी, यह काम नहीं कर रहा था; हाँ हम खाना खा सकते हैं लेकिन घर चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। करीब डेढ़ महीने तक ऐसा ही चलता रहा। लेकिन एक बात मैंने नोटिस की कि माँ का रवैया बदलने लगता है।

क्योंकि पिताजी घर पर खाली बैठे थे और माँ कमा रही थी, वह अक्सर पिताजी के साथ दुर्व्यवहार करती थी, पिताजी पर बकवास करती थी, और उन्हें सच बताती थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अगर मॉम ने कमाना शुरू कर दिया है तो पापा पर हावी क्यों होने लगी हैं। लेकिन इसके पीछे की वजह कुछ और थी, जो मुझे एक दिन पता चली। हुआ यूं कि जो घर हमारे बेहद करीब है वह हमारे चाचा का है। वह भी पापा की तरह ऑटो चलाता था लेकिन अब वह भी बेकार था। और आंटी भी मॉम की तरह लोगों के घरों में काम करती थीं। माँ और मौसी का आपस में बहुत कुछ लेना-देना था, दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।

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और मौसी के कहने पर माँ लोगों के लिए घर का काम करने लगी। और इसके लिए चाचा-चाची ने पापा को मनाने में काफी मशक्कत की थी। कभी-कभी मेरी मौसी भी मुझे अपने साथ ले जाती थीं और मैं और मौसी दोनों साथ में काम करते थे। ऐसे ही एक दिन मैं और मेरी मौसी दोनों मिस्टर स्मिथ के घर काम पर गए। जो लोग स्मिथ होते हैं वे अक्सर मौसी के साथ कुछ हंसी-मजाक करने के आदी होते हैं। मौसी भी उन्हें बहुत हँसी से जवाब देती थीं। अब मैं ऐसा बच्चा भी नहीं था, मुझे लगने लगा था कि स्मिथ और मौसी के बीच कुछ चल रहा है।

लेकिन इसका खुलासा अभी नहीं हुआ, लेकिन कब तक छुपाया गया। एक दिन मैं ड्राइंग रूम में पोंछ रहा था और मेरी मौसी रसोई में बर्तन धो रही थी तभी अचानक बर्तन गिरने की तेज आवाज आई। मैंने तुरंत किचन की तरफ देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं। मिस्टर स्मिथ आंटी को पीछे से पकड़े हुए थे, और वो दोनों हाथों से मौसी के स्तन दबा रहे थे और मौसी उनके दाँत फाड़ रही थी। मैं इसे देखकर हैरान रह गया। उसके बाद मैं अक्सर उन पर नजर रखने लगा।

मैं जब भी अपनी मौसी के साथ जाता था तो मेरा सारा ध्यान इसी तरफ होता था कि जब मिस्टर स्मिथ आंटी के साथ कोई गलत काम करेंगे और छुप-छुप कर देख लेंगे। अब मेरे हार्मोन मेरे शरीर पर भी अपना रंग लेने लगे थे। मेरे स्तन बनने लगे थे, जाँघें मोटी होने लगी थीं और चूतड़ निकलने लगे थे। बाजू, कंधे, पीठ, कमर हर जगह ऐसे थे मानो मांस भर रहा हो। मेरे शरीर के ये उभार मुझे ऐसी कामुक बातों के लिए और अधिक उत्तेजित करते थे। आंटी और मिस्टर स्मिथ जब भी उनके बूब्स दबाते थे तो मेरा दिल यही होता था कि मिस्टर स्मिथ मेरे बूब्स को उसी तरह किसी दिन दबा दें।

लेकिन उनका ध्यान आंटी की ओर ज्यादा था क्योंकि मैं छोटा था और वह अक्सर मुझे बेटी और बच्चा कहकर बुलाते थे। मैं भी अक्सर अपनी माँ के बजाय अपनी मौसी के साथ जाता था ताकि मैं अपनी चाची की और अधिक इच्छाएँ देख सकूँ। एक दिन जब हम काम पर गए तो पता चला कि मिस्टर स्मिथ की पत्नी अपने बच्चों के साथ घर चली गई है। तो मौसी ने मुझसे कहा- अरे इलियाना, ऐसा करके तुम बस झाडू लगाकर अपनी मां के पास जाओ, मैं बाकी काम पूरा करके आ जाऊंगी। मैंने हां कहा लेकिन मुझे एहसास हुआ कि चाची मुझे यहां से निकालना चाहती हैं। हॉट मेड सेक्स स्टोरी

इसलिए मैंने अपनी मौसी से बिना झाड़ू पूछे ही बेडरूम में जाकर पोंछना शुरू कर दिया। मौसी ने सोचा कि शायद मैं चला गया हूँ तो कुछ देर बाद वो पोंछे लेकर ड्राइंग रूम में पोंछने लगी। इसमें मिस्टर स्मिथ भी बाहर से आए थे। जब उसने देखा कि मौसी अकेली है तो उसने झट से जाकर मौसी को पकड़ लिया। आंटी भी हंसने लगीं। मिस्टर स्मिथ ने कहा- क्या वो छोटी बच्ची चली गई? आंटी ने कहा- हां मैंने कहा था, चला गया होगा।

क्या बुरा आदमी है। लेकिन मैं उन दोनों का काम देखना चाहता था इसलिए चुपचाप बिस्तर के नीचे छिप गया। पहले तो मिस्टर स्मिथ ने मेरी आंटी को गले लगाया और किस करते रहे। फिर उसने खुद अपनी मौसी का ब्लाउज उतार दिया और मौसी ने खुद ही अपनी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया। 1 मिनट में आंटी पूरी तरह से नंगी हो गईं। तो मिस्टर स्मिथ ने भी अपना पजामा उतार दिया। चड्डी में उनका लंड नीचे से दिखाई दे रहा था. आंटी खुद घुटनों के बल बैठ गईं और उन्होंने मिस्टर स्मिथ का कड़ा मुर्गा अपने हाथ में पकड़ लिया और वापस खींच लिया। तो मिस्टर स्मिथ की मोटी सफेद टोपी निकली।

स्मिथ के लिंग को देखकर आंटी मुस्कुरा दीं। तो स्मिथ ने कहा – देखिए क्या होता है फूहड़… चूस रहा है! मैं उसे उसकी फूहड़ बुलाना पसंद करता था; मेरा दिल चाहता था कि वह मुझे भी फूहड़ कहे। आंटी ने अपना मुंह खोला और मिस्टर स्मिथ का सफेद लंड अपने मुंह में चूसने लगीं। यह देखकर मुझे मिचली आ रही थी, ‘ऊ…’ कैसी आंटी… मिस्टर स्मिथ का डिक उसके मुंह में ले लिया। मुझे अजीब लगा लेकिन मौसी खूब मजे लेकर चूस रही थी। फिर उसे कुछ देर मुर्गा चूसते हुए देखने के बाद मुझे भी लगा कि शायद इसे चूसने में मजा आ रहा है। मिस्टर स्मिथ ने भी अपनी बनियान उतार दी, अब वह भी पूरी तरह से नंगे थे।

उसने मेरी चाची को कालीन पर लेटने के लिए कहा। आंटी ने अपने दोनों पैर खोल दिए। आंटी की टांगों के बीच बैठे मिस्टर स्मिथ ने अपना लंड मौसी की चूत पर रख दिया और फिर आगे बढ़ गए। मतलब उसका लंड मौसी की चूत में घुस गया था। उसके बाद मिस्टर स्मिथ आगे-पीछे होने लगे। दोनों बहुत खुश लग रहे थे। मिस्टर स्मिथ** ने कहा – तुम घुट-घुट कर मजा ले रहे हो, सिस्टरफकर… लेकिन मुझे तुम्हारी भाभी को ले जाना है, उसे मेरे नीचे रखना है। मौसी ने कहा- मुझ में क्या कमी है कि तुम उसके पीछे हो?

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उसने कहा – अरे तुम में कोई कमी नहीं है, बस उस पर दिल आ गया है, मुझे बहुत अच्छा लगता है कि वह इस जगह पर ऐसे ही लेटी हुई है और मैं उसे चोद रहा हूँ। आंटी ने कहा- अरे मैं कोशिश कर रही हूं, तुम्हारे भेजे हुए पैसे मैं तुम्हें दे दूंगी। मैं उसे उसके पति के खिलाफ भड़काती हूं। और मैं तुम्हारी बहुत प्रशंसा करता हूं, कि वह अपने पति से घृणा करती है, और तुम्हारी ओर आकर्षित होती है। मिस्टर स्मिथ ने कहा – तो यह किसी काम का था? मौसी ने कहा- अरे बहुत फायदा हुआ है। अब उनके घर में आए दिन मारपीट होती रहती है। लगता है जल्द ही वह मेरी बात मानेगी और आपसे दोस्ती करेगी। मैं उसकी लड़की को भी लाइन पर ला रहा हूँ, एक दिन तुम उसे भी चोदोगे।

मिस्टर स्मिथ ने कहा – अरे अब वह छोटी है, अब मैं उसे कैसे चोद सकता हूँ। मौसी ने कहा- अरे ये तो पूरी तरह से फूहड़ है, ये 19 साल की हो गई है। एक मैंने उसे ऊँगली करते हुए देखा। अब अगर वह अपनी चूत में उंगली कर रही है, तो इसका मतलब है कि उसे मुर्गा चाहिए। और क्या आपको ऐतराज है अगर वह मुर्गा आपका है? मिस्टर स्मिथ खुश हुए और बोले- अरे वाह, तो मजा आ जाएगा। कई साल हो गए हैं कि मैंने बालों वाली चूत की चुदाई नहीं की। भाभी की चूत के बाल शायद अभी तक नहीं आए हो आंटी ने कहा- अरे, मैंने देखा उसके बाल कहाँ आए या नहीं… आप खुद देख लीजिए। बिल्कुल कच्चा, पूरी तरह से कली।

मिस्टर स्मिथ ने कहा – मेरी बात सुनो, मुझे नहीं पता कि मैं उन दो माताओं, पहले बेटी और फिर माँ को कैसे चोदना चाहता हूँ। उस दिन जब वह तुम्हारे साथ यहाँ आई थी, उसी दिन मैंने उसके निप्पल देखे, क्या मस्त बूब्स थे। तुम मुझे उसकी चूत दिला दो, 10000 रुपये तुम्हारी! मौसी खुश हो गईं- अरे वाह सर, बहुत दयालु! लगता है आज मुझे ही तुझे अपनी गांड देनी है। मिस्टर स्मिथ ने कहा – हाँ, क्यों नहीं जब तक मैं तुम्हारी गांड से प्यार नहीं करता, मुझे ऐसा नहीं लगता कि कोई पागल है। उसके बाद मिस्टर स्मिथ ने आंटी से कहा- जाओ डॉगी बन जाओ!

आंटी ने बहुत खुशी के साथ मिस्टर स्मिथ की ओर पीठ की और डॉगीस्टाइल में कुतिया की तरह बन गई। और फिर मिस्टर स्मिथ ने अपने लंड पर थूक दिया और अपना लंड आंटी की गांड में डाल दिया। दर्द से तड़प रही थी आंटी- अरे साहब, जरा संभल जाओ… बहुत दर्द होता है, धीरे से डालो। मिस्टर स्मिथ ने कहा – अरे मैं इसे धीरे-धीरे डाल रहा हूं, बस एक बार इसे पूरी तरह से अंदर आने दो, उसके बाद मैं तुम्हें आराम से चोदूंगा। उसके बाद मिस्टर स्मिथ ने अपनी मौसी को खूब रगड़ा। बिस्तर के नीचे लेटे हुए मैंने अपनी उँगली अपनी चूत में डाल ली। उनकी मौसी चूम रही थी और यहाँ मैं अपनी चूत में ऊँगली कर रहा था। कितनी देर तक दोनों इसी तरह सेक्स करते रहे, मेरी चूत ने भी दो बार पानी छोड़ दिया।

मिस्टर स्मिथ ने जब मौसी के मुंह पर अपना सह गिराया, तो दोनों नहाने के लिए बाथरूम में चले गए। फिर मैं झट से बिस्तर के नीचे से निकली और घर की ओर चल पड़ी। दो दिन बाद मौसी अपने गांव चली गई और हम दोनों मिस्टर स्मिथ के घर का काम करने लगे। एक दिन मॉम हमें बाजार ले गईं और हम सभी के कपड़े मंगवाए। उसके बाद अब माँ मुझे अपने साथ हर घर में काम पर ले जाती है लेकिन पिताजी उसे मिस्टर स्मिथ के घर नहीं जाने देते, वह खुद वहाँ अकेले काम करने जाती है। जी हां, मम्मी-पापा के बीच झगड़े तेज हो गए हैं।

भाग दो जल्द आ रहा है

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