maid servant sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/maid-servant-sex-stories/ Hindipornstories.org Wed, 03 Nov 2021 07:18:54 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 कामवाली को चोद डाला https://sexstories.one/kamwali-ko-chod-diya/ Wed, 03 Nov 2021 07:18:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3260 मेने देखा के नीचे ब्लड पड़ा हुआ था मतलब वो वर्जिन थी अभी तक ओर इसलिए ही उसने मुझे रोका था ओर बस फिर काम खत्म करके वो चली गयी ओर जब वो दूसरे दिन आई तो बहोत धीरे धीरे चल रही थी जैसे दर्द हो रहा हो उसे ओर में भी वेट कर रहा था उसका क्यूकी मुझे पता था...

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Kamwali ko chod diya यह एक सच्ची स्टोरी है चलो पहले में अपने बारे में बता देता हूँ. मेरा नाम है लक्की और में सूरत का रहने वाला हूँ. तो अब स्टोरी स्टार्ट करते है. ये उन दिनो की बात है और उस साल ही मेरे भाई की भर्ती मुंबई मे हुई थी तो मेरी मम्मी उसके साथ मुंबई चली गयी रहने ओर यहा मेरे लिए एक मस्त कामवाली छोड़ गयी तो घर मे सिर्फ़ में ओर पापा ही रहते थे और पापा तो सुबह 8 बजे ही जॉब पर चले जाते थे वो कामवाली उस टाइम पर 18-19 साल की होगी शायद पर थी बहोत मस्त पर मेरा ध्यान कभी उसकी तरफ नही गया था की कभी उसे में चोदुंगा।

अब में बताता हूँ की मेरा मन कैसे गया उसकी तरफ वो रोज पोछा लगाते टाइम पर अपनी चुन्नी बाथरूम मे ही छोड़ आती थी वो जब भी पोछा लगाती तो उसके बोब्स दिखते पर वो पूरे तो नही दिखते सिर्फ़ गली ही दिखती पर उतना ही काफ़ी था मुझमें हवस जगाने के लिए. कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा में उसे ऐसे ही देखता रहता पर मेरा मन अभी भरा नही था इतने से तो अब में वो जहाँ जहाँ पोछा लगाती वहाँ वहाँ जाकर देखता पर इतना भी काफ़ी नही था कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा मेरी हिम्मत बढ़ रही थी क्यूकी वो मेरी तरफ देखती भी नही तो अब में वो जब भी बाथरूम में कपड़े धो रही होती तो गेट के पास जाकर खड़ा हो जाता उसे पता रहता की में खड़ा हूँ पर वो ध्यान नही देती ओर कपड़े धोती रहती।

उस टाइम मुझे भी नही पता था की में क्या कर रहा हूँ पर कुछ भी हो मजे आ रहे थे तो ओर हिम्मत बढ़ा दी गेट पर बेठ जाता ओर उसे कपड़े धोते हुए देखते रहता वो गेट के बिल्कुल पास बेठ कर कपड़े धोती थी तो एक दिन मेने उसके पैर पर हाथ रख दिया उसने उस टाइम भी कुछ नही कहा मुझे उस टाइम ये समझ नही आया के उसने कुछ बोला क्यू नही में तो बस मज़े लूटने मे लगा था तो ऐसे ही में डेली अपना हाथ थोड़ा थोड़ा उपर ले जाता ओर एक दिन मैने अपना हाथ उसकी चूत पे पहुचा दिया ओर जैसे ही वहा मेने हाथ रखा उसने झट से मेरा हाथ हटा दिया।

में डर गया उस टाइम तो मेने फिर ऐसा कभी नही किया फिर में डेली जाकर वैसे ही गेट पर बेठ जाता ओर बस मोका देखता की वो कपड़े निचोड़े अरे हाँ वो कपड़े निचोड़ते टाइम खड़ी हो जाती थी। बाथरूम तो में उसके पीछे चला जाता ओर जैसे ही मोका मिलता में उसकी गांड पर अपना लंड टच करवा देता अब सोचो दोस्तो कितना टाइम लगा होगा उसकी चूत मारने में तो चलो आगे सुनो. तो कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा फिर एक दिन मैने अपना लंड अपनी पेंट मे से निकाल के टच किया उसकी गांड पर सोच नही सकते की कितना मज़ा आता था मुझे उस टाइम पर तो धीरे धीरे में आगे बढ़ रहा था ओर वो कुछ बोल भी नही रही थी तो में डेली अब ज्यादा ज़ोर से लंड को दबाता उसकी गांड पर ओर फिर एक दिन मेने उसकी नीचे वाली ड्रेस उतारी थोड़ी सी की गांड तो दिख जाए पर कुछ नही दिखा तो मैने थोड़ी ओर उतारने की कोशिश की पर इस बार वो घूम गयी ओर बोली।

वो: नही लक्की प्लीज़ ऐसा मत कर….

sex story कॉलेज की मजेदार चुदाई

मैने फिर कुछ भी नही बोला ओर वो मुझ से चिपक गयी ओर रोने लगी की तू ऐसा क्यू करता हे मुझे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था की क्या करू में पर वो रो रही थी तो बाथरूम से आवाज़ बाहर ना जाए इसलिए में उसे रूम मे ले गया वो रो रही थी अभी भी पर वो मुझसे चिपकी हुई थी. फिर पता नही क्या हुआ वो बेड पर लेट गयी मुझे चिपका कर अपने से ओर बेड पर गिर गयी वो रोती रोती ओर में उसके उपर पड़ा हुआ था मेरा लंड तो जैसे उसके कपड़े मे से निकल कर चूत मे घुस जाए ऐसा हो रहा था तो मेने फिर नीचे जाकर उसकी ड्रेस नीचे से उतार दी पर वो उतारने नही दे रही थी।

फिर भी मैने जैसे तैसे करके उतार दी ओर वापस उसके उपर चड गया अब में अपना लंड उसकी चूत में डालने की ट्राइ करने लगा पर वो डालने ही नही दे रही थी पता नही क्यू ऐसा कर रही थी वो पर जैसे ही में ट्राइ करता डालने की वो पैर चिपका लेती ओर मना करती। पर मुझे पता था की वो चाहती तो हे तो मैने जैसे तैसे करके डाल दिया एक बार अंदर ओर पता नही उसे इतना दर्द हुआ की वो चिल्ला दी ओर मुझे हटा दिया अपने उपर से ओर रूम से निकाल दिया मुझे ओर बंद कर लिया रूम उसने अब मुझे डर लगने लगा था में भी उसे मनाने लगा की प्लीज़ खोल दे गेट आगे से नही करूँगा ऐसा पर उसने नही खोला।

में बोलता रहा ओर थोड़ी देर बाद उसने गेट खोल दिया ओर वो बाहर पोछा लेने गयी तो मेने देखा के नीचे ब्लड पड़ा हुआ था मतलब वो वर्जिन थी अभी तक ओर इसलिए ही उसने मुझे रोका था ओर बस फिर काम खत्म करके वो चली गयी ओर जब वो दूसरे दिन आई तो बहोत धीरे धीरे चल रही थी जैसे दर्द हो रहा हो उसे ओर में भी वेट कर रहा था उसका क्यूकी मुझे पता था की अब वो मना नही करेगी. कभी तो फिर वो जैसे ही कपड़े धोने गयी में बाथरूम मे घुसा ओर उसे बाहर रूम मे ले आया. फिर मेने उसका ड्रेस खोला नही पर उपर कर दिया तो उसके बोब्स दिखने लगे. फिर में उन बोब्स को चूसने लगा वो मना तो कर ही नही रही थी. कुछ भी करने से तो थोड़ी देर बाद चूसने के बाद मैने उसकी नीचे वाली ड्रेस भी उतार दी ओर अपना लंड डालने की ट्राइ करने लगा पर लंड अंदर जा ही नही रहा था।

मुझसे बहुत ट्राइ करने के बाद उसने खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा ओर अंदर डाल दिया जैसे ही मेने अपना लंड उसकी चूत मे डाला उसने आँखे बंद कर ली ओर लंबी सी साँस लेने लगी में चोदता रहा ऐसे ही उसे ओर फिर जब पानी निकलने वाला था तब मेने अपना लंड निकाल दिया ओर जल्दी से बेड से उतर के पानी नीचे ही निकाल दिया ओर फिर वो खड़ी हुई ओर जल्दी से कपड़े पहन के पोछे से साफ़ कर दिया.

मेरा निकला हुआ पानी ओर फिर वो अपना काम करने लगी फिर ऐसे ही चलता रहा वो रोज काम करने आती ओर मुझसे काम करवा के चली जाती थी ।

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चूत मिलती तो तन बदन खिल ऊठता https://sexstories.one/naukrani-ki-mast-chut/ Wed, 27 Jan 2021 16:40:03 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%a4%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%a8-%e0%a4%96%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%8a%e0%a4%a0%e0%a4%a4/ मैंने अमन से कहा क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी अमन कहने लगा हां भैया मैंने आपके फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। मैंने अमन से कहा चलो ठीक है मैं तो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैंने अमन से कहा क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी अमन कहने लगा हां भैया मैंने आपके फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। मैंने अमन से कहा चलो ठीक है मैं तो इसी चिंता में था कि क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवाई होगी या नहीं क्योंकि कुछ दिनों से तुम काफी बिजी चल रहे थे और मैं भी काफी बिजी था और मुझे तुमसे बात करने तक का समय नहीं मिल पाया। naukrani ki mast chut

अमन मुझे कहने लगा कि हां भैया मैंने आपकी टिकट बुक करवा दी है मैं आपको शाम को मिलता हूं। अमन अपने ऑफिस में ही था और मैं भी अपने ऑफिस में था मैं अमन से फोन पर बात कर रहा था शाम के वक्त जब मैं घर लौटा तो अमन से मैंने पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है। अमन मुझे कहने लगा भैया आपको तो पता ही है कि हमारे ऑफिस में हमारे बॉस का कितना ज्यादा प्रेशर रहता है काम के लिए वह बड़े ही सीरियस रहते हैं और जब भी उनसे कुछ कहो तो वह गुस्सा हो जाया करते हैं।

मैंने अमन को कहा अमन ऐसा तो मेरे साथ भी होता है और यह अक्सर होता ही रहता है अमन मुझे कहने लगा कि भैया आप कहां जा रहे हैं तो मैंने अमन को कहा मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं। अमन कहने लगा भैया क्या आप अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहा हूं अपने दोस्तों से मिले हुए काफी समय भी तो हो गया है।

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कॉलेज में हमारे साथ पढ़ने वाले मेरे दोस्त सुशील ने यह प्रोग्राम बनाया था वह चाहता था कि हम लोग सब मिले और काफी सालों बाद सब लोगों की मुलाकात होने वाली थी। मेरे लिए तो उससे भी अच्छा मौका तब था जब मैं फ्लाइट में था फ्लाइट में मेरे बिल्कुल सामने एक लड़की बैठी हुई थी मैं बार-बार उसकी तरफ देख रहा था और वह अपने कान में हेडफोन लगाए हुई थी।

अहमदाबाद से चंडीगढ़ जाते वक्त मैं अपने दिमाग में सोच रहा था कि जब इतने समय बाद अपने दोस्तों से मिलूंगा तो कितनी खुशी होगी और वह लोग भी कितने खुश होंगे। मैं बार-बार अपनी बगल वाली सीट पर बैठी हुई लड़की को देखे जा रहा था मुझसे वह कहने लगी कि क्या आप चंडीगढ़ जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं।

उसने भी बड़े अच्छे तरीके से मुझसे बात करनी शुरू की और जब उसने मुझ से हाथ मिला कर अपना नाम बताया तो मैं उसकी तरफ देखता रहा उसने मुझे कहा मेरा नाम सुजाता है। मैं सुजाता की तरफ देखता ही रहा क्योंकि मैं भी अपने मन में यह सोचने लगा की काश सुजाता मेरे जीवन में आ जाती लेकिन ऐसा संभव होना इतना आसान भी कहा था। पहली मुलाकात में हम दोनों की इतनी बातें होने लगी कि सुजाता मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी।

मैंने उसे अपने बारे में बताया और कहा कि मेरे पिताजी अहमदाबाद में स्कूल में टीचर हैं और मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए चंडीगढ़ जा रहा हूं तो सुजाता ने मुझे कहा कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हो। उसने मुझसे पूछा कि तुम अपने दोस्तों से कितने समय बाद मिलोगे तो मैंने उसे कहा कि मैं अपने दोस्तों से करीब 5 साल बाद मिलूंगा इन 5 सालों में काफी कुछ बदल चुका है। सुजाता से मेरी बात काफी समय तक हुई जब हम लोग चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंच गए तो वहां से  मैं अपने दोस्त के घर पहुंचा सुशील को मैं इतने समय बाद मिल रहा था सुशील ने मुझे गले लगाते हुए कहा की तुमसे इतने समय बाद मुलाकात हो रही है मैं बहुत खुश हूं।

मैंने सुशील को कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही तो संभव हो पाया है यदि तुम सब लोगों को मिलने के लिए एक साथ नहीं बुलाते तो शायद यह संभव हो ही नहीं पाता। सुशील मुझे कहने लगा यार मैंने भी सोचा कि तुम लोगों से मुलाकात हो जाएगी और सब लोग अपने काम में इतना बिजी हो चुके हैं कि किसी के पास भी समय नहीं है तुम तो जानते ही हो कि हमारा कॉलेज खत्म हुआ और उसके बाद से तो एक दूसरे से मुलाकात ही नहीं हो पाई।

मैंने सुशील को कहा हां यार तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो.. naukrani ki mast chut

शुशील ने मुझे कहा तुम थोड़ी देर आराम कर लो मैंने उसे कहा नहीं मैं ठीक हूं। मैंने शुशील से कहा कि मैं अपने मामा से मिल आता हूं अभी कोई जरूरी काम तो नहीं है ना तो सुशील मुझे कहने लगा कि नहीं तुम अपने मामा जी से मिल आओ।

मेरे मामा जी की वजह से मैं चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था उन्होंने मुझे अपने साथ रखा और उनके साथ रहकर मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की मेरे मामाजी के कोई भी बच्चे नहीं है इसलिए वह मुझे मानते है। मैं जब अपने मामा जी से मिलने के लिए उनके घर पर गया तो मामा जी उस दिन घर पर ही थे मामा जी मुझसे मिलकर खुश हुए और कहने लगे कि इतने सालों बाद तुम हमसे मिलने आ रहे हो।

मैंने मामा जी से कहा.. naukrani ki mast chut

मामा जी जब से जॉब लगी है उसके बाद से तो अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता और मैं काफी समय से सोच रहा था कि आप लोगों से मुलाकात करुं लेकिन आप लोगों से तो मुलाकात हो ही नहीं पाई। मेरी मामी थोड़ी देर बाद रसोई से मुझे पानी दिया मैंने मामा जी से कहा मामा जी आपका स्वास्थ्य कैसा है तो वह कहने लगे कि रोहित बेटा अब स्वास्थ्य कहां ठीक रहता है बस तबीयत ही खराब रहती है और हर दूसरे दिन डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। मैं और मामा जी साथ में बात कर रहे थे तो मामी जी मुझसे पूछने लगी कि रोहित बेटा घर में तो सब कुछ ठीक है ना मैंने मामी से कहा हां मामी जी घर में सब लोग ठीक हैं और मम्मी तो आपको बहुत याद करती हैं।

मामा जी मुझसे कहने लगे कि रोहित तुम यहां कितने दिन तक रुकने वाले हो तो मैंने मामा जी को बताया कि सुशील ने एक गेट टूगेदर पार्टी रखी है उसी के सिलसिले में मैं यहां आया हूं और हो सकता है कि तीन-चार दिन तक मैं यहां पर रुंकू। मामा जी कहने लगे कि बेटा तुम हमारे पास ही रुकना मेरे मामा जी से कहा मामा जी आज तो मैं आपके पास नहीं आ पाऊंगा क्योंकि शाम के वक्त हम लोगों की गेट टुगेदर पार्टी है कल मैं आपसे मिलने के लिए आता हूं और कल मैं आपके साथ ही रुकूंगा मामा जी कहने लगे कि ठीक है रोहित बेटा।

काफी देर तक मैं उन लोगों के साथ बैठा रहा.. naukrani ki mast chut

और मुझे भी अच्छा लगा कुछ पुराने दिनों की बात मामाजी करने लगे उसके बाद मैं सुशील के पास उसके घर पर चला गया। उसी शाम जब हम लोग गेट टु गेदर पार्टी में गए तो वहां पर बड़ा मजा आया सब पुराने दोस्तों से मिलकर बहुत खुशी हुई। सब लोगों से इतने सालों बाद मिलकर खुशी हो रही थी ऐसा लग रहा था साथ मे समय बिताते रहो। उस रात जमकर शराब पी जब रात को घर लौटे तो मुझे होश भी नहीं था अगले दिन जब मेरी आंख खुली तो मेरे सर में बड़ा दर्द हो रहा था.

मैंने सुशील को कहा मुझे पानी पिला देना? naukrani ki mast chut

सुशील ने अपने घर में काम करने वाली नौकरानी को बुलाया उसने मुझे पानी पिलाया मैं उसकी तरफ देखता रहा। मैंने उसे अपने पास बुलाया जब वह मेरे पास आई तो मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा सुशील दूसरे रूम में बैठा हुआ था। मैंने उसे पैसों का ललाच दिया उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया जब वह मेरे लंड को चूसती तो मुझे बड़ा मजा आता उसने मेरा लंड को बहुत देर तक चूसा। मैं उसे बाथरूम में ले गया वहां मैंने उसकी चूत बड़े अच्छे से मारी वह भी मेरे लंड को चूत में लेकर बड़ी खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आया जिस प्रकार से मैंने आपके लंड को अपनी चूत मे लिया। मैंने उसे कहा मुझे भी आज बड़ा मजा आ गया रात को भी मैं तुम्हें चोदूंगा लेकिन उस रात मैं अपने मामा जी के यहां रुकने वाला था इसलिए मैंने उसे कहा जब मैं जाऊंगा तो तुम से मिल कर जाऊंगा।

जब मैं वापस अहमदाबाद लौटा तो एक दिन मेरी मुलाकात सुजाता से हो गई सुजाता से मिलकर मैं बहुत खुश था वह भी बड़ी खुश हुई। सुजाता ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा मैं सुजाता के घर पर चला गया और सुजाता के साथ ही मैं बैठा कर उससे बात कर रहा था काफी देर तक हम लोगों की बातें होती रही। उसके बाद हमारा मिलना जुलना बढ़ने लगा हम दोनों की फोन पर भी बातें होने लगी बातें अब सेक्स की होने लगी थी। हम दोनों ही अपने आपको ना रोक सके जब मैं सुजाता के घर पर गया तो उसकी चूत मारने के लिए मैं बड़ा उतावला हो रहा था वह भी अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी मैंने सुजाता की जांघ पर हाथ रखा और उसे अपनी गोद में बैठा लिया मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो उसने भी लंड को दबाना शुरू किया। जब उसने लंड को अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैं उत्तेजित हो रहा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

मैंने काफी देर तक उसकी चूत चाटी जब सुजाता की चूत पूरी तरीके से गीली हो गई तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया था उसे बड़ी तेज गति से में धक्के मार रहा था। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा आनंद आता मैं काफी देर तक सुजाता की चूत के मजे लेता रहा सुजाता अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी वह मुझे कहने लगी आज तुम्हारे साथ अपनी चूत मरवा कर मजा आ रहा है मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर बाहर होता।

मेरे अंडकोष उसकी चूत से टकराते.. naukrani ki mast chut

मैं उसके होठों को चूमता उसके स्तनों का रसपान करता मुझे बड़ा मजा आता मै बहुत देर तक उसको चोदता रहा। उसकी टाइट चूत के मजे में ज्यादा देर तक ले ना सका मेरा वीर्य पतन हो गया मेरा वीर्य पतन होते ही मैंने सुजाता को गले लगा लिया। उसके बाद यह सिलसिला चलने लगा सुजाता को भी बड़ा मजा आया उसने उसके बाद मुझे अपने कुछ पुराने प्रेमियो के बारे में भी बताया किस प्रकार से उसने उनके साथ सेक्स किया था।

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नौकरानी की बेटी को चोदा https://sexstories.one/naukrani-ke-beti-ko-choda/ Fri, 01 Jan 2021 00:08:23 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%be/ नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजीव खुराना है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी पहली खानी लेकर आया हूँ | ये ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजीव खुराना है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी पहली खानी लेकर आया हूँ | ये मेरी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है जो की मेरे साथ घटी है मुझे आशा है की ये आपको पसंद आयेगी | naukrani ke beti ko choda

मैं आप लोगो को बात दूं की मेरा रंग गोरा और मैं दिखने में काफी हैण्डसम हूँ | naukrani ke beti ko choda

मैंने जिम जाकर काफी अच्छी बॉडी भी बना रखी है मुझसे लड़कियां बहुत जल्दी इम्प्रेस हो जाती है | अब मैं आप सब को सीधे कहानी पर ले चलता हूँ |

मैं गुजरात में अपने मम्मी-पापा के साथ रहता हूँ और मेरी पापा सरकारी नौकरी करते है और मेरी माँ हाउसवाइफ है | आज जो कहानी मैं आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ वो मेरी नौकरानी की बेटी की है | मैं आपको बता दूं की कुछ दिन पहले मेरी नौकरानी तबियत कुछ खराब थी जिसके कारण उसने अपनी बेटी को मेरे घर काम पर भेज दिया | उसका नाम आयशा था वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी | वो जब मेरे घर आई तो मैं तो उसको देखता ही रह गया | वो किसी तरह से नौकरानी तो लग ही नहीं रही थी |

उसका फिगर 34-30-36 होगा | naukrani ke beti ko choda

उसकी उम्र 23 साल होगी उसकी अभी शादी नहीं हुई थी | वो सलवार और कुरते में बहुत ही खुबसूरत लग रही थी | उसकी उठी हुई गांड देखकर मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने की कोसिस करने लगा  | मैं उसको खड़ा होकर देखने लगा वो पोछा लगा रही थी तो उसके बूब्स उसके कुरते से बाहर झाँक रहे थे | उसने मुझे खड़ा देखा तो और झुक कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन कराने लगी | मैंने खुद को कंट्रोल किया और मैं जाकर बाथरूम में मुठ मारने लगा | उस दिन वो अपना काम निपटाकर चली गयी मैं पूरा दिन उसके बारे में सोंचता रहा और रात को फिर उसकी मस्त गांड को याद करके मुठ मारी | मैं उस दिन बस यही सोंचता रहा की आयशा की चुदाई कैसे की जाए | मेरे एक रिश्तेदार के यहाँ शादी थी मेरे मम्मी-पापा अगले दिन वहां जा रहे थे | उन्होंने मुझसे भी चलने को कहा मैंने सोंचा की आज अगर मैं उनके साथ नहीं जाता हूँ तो मेरी बात कुछ आयशा के साथ बन सकती है |

मैंने उनसे बहाना बना कर कह दिया की मेरी कुछ तबियत ठीक नहीं है आप लोग चले जाईये | वो लोग सुबह जल्दी ही निकल गए और मैं घर पर अकेला था | मैं बहुत खुश था अमिने सोंचा की आज आयशा की चुदाई करके ही रहूँगा | मैं आयशा का इंतज़ार करने लगा | किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई मैं खुसी से उचल पड़ा की आयशा आ गयी | मैंने जाकर दरवाजा खोला तो देखा की उसकी माँ आई हुई थी | मेरा मन बहुत ही निराश हुआ मैंने उसने पूछा की आंटी आप की तबियत ठीक हो गयी | उन्होंने कहा की हाँ अब कुछ पहले से बेहतर है और फिर वो अपना काम करने लगी | मैं अन्दर से झल्लाकर रह गया की आंटी आज और नहीं आती तो कितना अच्छा होता | मैं मन में सोच रहा था की मैं अगर शादी में चला गया होता तो ही सही था|

फिर आंटी ने अपना काम किया और फिर वो चली गई | naukrani ke beti ko choda

मैं दिन भर बहुत ही उदास रहा क्यूंकि मेरा बनाया प्लान फेल हो गया था | मैंने दरवाजे बंद किये और मैं सो गया | मैं दिन भर पद सोता रहा शाम के चार बज गए किसी ने मेरे घर की बेल बजाई मेरी नींद खुल गयी और मैंने सोंचा की आंटी फिर आ गयी होंगी |

मैंने उठकर दरवाजा खोला तो सामने आयशा खड़ी थी | मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो मुझे देखकर हसने लगी क्यूंकि मैं सिर्फ अंडरवियर पहने हुआ था और मेरा लंड भी खड़ा था | मैंने नीचे देखा तो मुझे शरम आ गयी मैं जल्दी से अपने कमरे में गया और अपने कपडे पहन कर वापस आया | मैंने आयसा से पूछा की आंटी फिर नहीं आयी क्या बात है | उसने बताया की उनकी तबियत फिर खराब हो गयी और मुझे आना पड़ा | मैंने मन में सोंचा की बहुत अच्छा हुआ फिर क्या था वो अपना काम करने लगी वो झाड़ू लगा रही थी और मैं उसके मस्त चूतडो को देख रहा था मेरा लंड खड़ा होने लगा |

फिर थोड़ी देर बाद वो रसोई में चली गयी और बर्तन धुलने लगी | naukrani ke beti ko choda

मैं भी उसके पीछे रसोई में पहुँच गया और उसको पीछे से पकड़ लिया | वो मुझसे खुद को छुड़ाने लगी और बोली की आप ये क्या कर रहे हैं साहब ये ठीक नहीं है कोई आ जायेगा | मैंने उसको कसकर पकड़ रखा था मैंने उसे कहा की कोई नहीं आएगा और मैंने कहा  की आयशा तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मुझको तुमसे प्यार हो गया है | वो मुझसे कहने लगी नहीं साहब कहाँ आप और कहाँ मैं ये ठीक नहीं है | मैंने उससे कहा की तुम प्लीज मुझे साहब मत बोलो मुझे अच्छा नहीं लगता तुम मुझे संजीव बोल सकती हो | वो मुझसे छूटने की कोसिस करती रही पर मैंने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली और उसकी गर्दन को चुमते हुए उसके होंठों पर किस करने लगा |

थोड़ी देर बाद उसने विरोध करना बंद कर दिया और वो भी मेरा साथ देने लगी थी | मैंने उसके कुरते में हाँथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसलने लगा | वो गरम होने लगी थी फिर मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसको अपने बेड रूम में ले गया और उसको बेड पर लिटा कर उसको किस करने लगा | फिर मैंने उसके कुरते को निकाल दिया उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी | मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके बूब्स को आजाद कर दिया | क्या मस्त बूब्स थे उसके एकदम दूध की तरह सफ़ेद थे | मैं उसकी चूचियों को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगा |

मैंने उसके निपल्स चूस कर लाल कर दिए थे | naukrani ke beti ko choda

फिर मैंने उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी सलवार निकाल कर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा | वो मदहोश होने लगी थी मैंने उसकी पैंटी निकाल दी उसकी गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैंने उसकी चूत पर अपना मुहँ रखा और उसकी चूत को चाटने लगा | वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी चूत को चटवाने लगी | मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और घुमाने लगा वो मचल उठी उसने मुझसे कहा की मुझे बहुत ही मजा आ रहा है और चाटो इसे जोर से चाटो | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा | उसके मुहँ सी बहुत ही मादक सिसकियाँ निकल रही थी | फिर उसने मुझको बेड पर लेटने को कहा फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे बदन को चूमने लगी मेरा पूरा बदन चूमते हुए उसने मेरी पैंट को खोल दिया और मेरी पैंट निकाल कर फेंक दिया | फिर उसने मेरी अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे 8 इंच के लंड को देखकर वो बहुत खुश हुई |

उसने मुझसे कहा की तुम्हारा लंड तो बहुत ही मस्त है | naukrani ke beti ko choda

वो कहने लगी की मैंने इतना मस्त लंड आज तक नहीं देखा | मैंने उससे पूछा की इससे पहले तुमने किसी के साथ सेक्स किया है | उसने बताया की उसका बहुत पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था | जो उसके पड़ोस में ही रहता था और अब उससे लड़ाई हो गयी है | फिर वो मेरे लंड को अपने मुहँ में डालकर चूसने लगी जैसे की वो लोलीपॉप चूस रही हो | मुझे बहुत मजा आ रहा था पहली बार कोई मेरा लंड चूस रहा था | उसने चूस कर मेरा लंड एक दम खड़ा कर दिया | मैंने उसको ऊपर किया और मैं नीचे लेट गया मैंने उससे अपने लंड पर बैठने को कहा | वो मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर बैठ गयी | मैं धीरे-धीरे नीचे से धक्के लगाने लगा वो भी अपनी कमर चलकर मुझसे चूत चूत चुदवाने लगी |

मैंने धक्के लगाने जोर किये तो उसके मुहँ से अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह इस्श्ह्हह जोर से चोदो आह्ह्ह और जोर से मारो मेरी चूत अह्ह्ह ओह्ह्ह मुझे बहुत मजा आ रहा है चोदो जो से फाड़ दो मेरी चूत आह्ह्ह ओह्ह्ह की मादक आवाजे निकल रही थी | मैंने उसकी मस्त चुदाई की फिर वो झड गयी | मेरा लंड अब भी नहीं झडा था फिर मैंने उससे कहा की मुझे तुम्हारी गांड मारनी है पहले तो कहने लगी की मैं गांड में नहीं लूंगी | पर मेरे बहुत कहने पर वो तैयार हो गयी मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लंड डाल दिया और वो चीख पड़ी उसकी गांड टाइट थी फिर मैंने उसकी कमर पकड़ी और उसकी गांड को चोदने लगा मैंने उसकी जमकर गांड मारी और फिर मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर नहाते हुए उसके साथ सेक्स किया फिर वो अपने घर चली गयी |

मैंने उसका नंबर ले लिया और मुझे जब भी चोदना होता था तो मैं उसको बुलाकर उसकी चुदाई करता था |

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ड्राईवर और नौकर से चुदी https://sexstories.one/desi-wife-fucked-hindi-sex/ Thu, 06 Aug 2020 21:12:17 +0000 https://sexstories.one/?p=24 मेरा नाम है अनु और मैं पंजाब की रहने वाली एक बहुत बड़े व्यापारी की हसीन बीवी हूँ। पैसों के लिए अपने से कहीं बड़े उम्र वाले से घरवालों के खिलाफ जाकर शादी कर ली ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम है अनु और मैं पंजाब की रहने वाली एक बहुत बड़े व्यापारी की हसीन बीवी हूँ। पैसों के लिए अपने से कहीं बड़े उम्र वाले से घरवालों के खिलाफ जाकर शादी कर ली थी लेकिन अब सब मुझे बुलाते हैं और हम दोनों के प्यार को समझ चुके हैं। मेरी उम्र महज़ तेईस साल और मैं एक हाउस वाईफ हूँ। नौकर-चाकर घर में बहुत हैं। एक साधारण से परिवार से निकल आलीशान बंगले की रानी बन गई। hindi sex

मैं इतनी ज्यादा खूबसूरत और जवान औरत हूँ, शादी से पहले न जाने कितने लड़कों से मेरे शारीरिक संबंध रहे थे और फिर शादी के बाद तो मैं प्यासी रहने लगी, ऊपर से मेरा बुड्डा पति बहुत डरता था कि कहीं उसकी खूबसूरत पत्नी किसी और की बाँहों का श्रृंगार न बन जाये, वो रोज़ रात मुझे गर्म तो करता लेकिन अपना पानी निकलते ही मुझे ऊँगली से ठंडी कर देता। लेकिन मुझे तो मोटे मोटे लौड़ों के बिना कहाँ मजा आता।

खैर चलो अब हम असली मुद्दे पर आते हैं। मेरे पति मेरे लिए बहुत बहुत महंगे कपडे लाते, सेक्सी ड्रेस ख़ास करके बेडरूम वीयर, जो मैं घर में आम तौर पर पहन लेती थी जिससे मेरा जवान जिस्म देख नौकर-चाकर आहें भरते थे अन्दर ही अन्दर !

तभी घर में मेरे साथ अजीबोगरीब सी घटना घटने लगी। मैं अपनी ब्रा पैंटी धोने के लिए रखती, धोकर वापिस भी आ जातीं लेकिन उन पर सफ़ेद धब्बे लगे मिलते जैसे कि किसी ने माल पौन्छा हो। अब यह आये दिन होने लगा। खैर मैंने भी सोचा कि अब तो दाल में कुछ काला है जो पता लगाना होगा।

फिर मैंने अपनी नज़र रखते हुए और अपनी पैंटी धोने डाल दी। मेरा नौकर उसे बाकी कपड़ों के साथ ले गया। मैं छुप कर देखने लगी। मशीन में डालने से पहले वो कमीना मेरी पैन्टी सूंघने लगा। मुझे भरोसा हो गया कि बाकी काम भी यही करता होगा।

उसने पैन्टी धो कर डाल दी और चला गया। उसके बाद रसोई में काम करना लगा। दोपहर को काम कर जब वो अपने क्वाटर में गया तो मैं छत पर गई और छुप कर बैठ गई। तभी मेरा ड्राईवर छत पर आया और उसने मेरी पैंटी तार से उतारी और ब्रा भी और जेब में डाल पीछे सर्वेंट क्वाटर में चला गया। वहाँ नौकर पहले से ही था।

साले, आज मैडम ने आग लगाने वाली पैंटी धुलवाई है ! वो मेरी पैंटी को चूमने लगा और बोला- चल देखतें हैं कौन पहले पैंटी गीली करता है ! मैडम है ही साली रांड-चुदक्कड़ ! hindi sex porn

ऐसी बातें वो खुद को उकसाने के लिए कर रहा था। दोनों ने एक साथ लौड़े निकाले, सोये हुए लौड़ों को जैसे ही पैंटी पर घिसाया तो खड़े होने लगे।

वाह ! कितने बड़े और कितने मोटे लौड़े थे दोनों के !

देख कर स्वाद आ गया ! दिल किया कि जाकर थाम लूँ दोनों को ! कई दिनों से भूखी थी, पति कनाडा गए हुए थे, सासू माँ और ससुर जी आजकल दूसरे बेटे के साथ थे, वो बारी बारी रहते थे।

मैं अपने कमरे में गई और पारदर्शी नाईटी पहनी, बाल खुले छोड़े और वापिस वहीं आ गई।

दोनों का अभी नहीं निकला था। hindi sex

साले, अगर मैडम मुझ से चुदवाये तो उसको मायके में जाकर ना चुदवाना पड़े !

मैं हैरान रह गई, रुक न पाई।

कमीने, तू मेरी मुखबरी करता है !

मुझे देख दोनों ने मुठ मारनी बंद की और सफाई देने लगे।

रोज़ मेरी पैंटी को अपना माल खिलवाते हो ?

सॉरी मैडम ! sex hindi chudai

मैं आगे बढ़ी और घनशाम का लौड़ा सहलाने लगी। कमीनो मेरे कमरे में आओ !

जी !

जाते ही नाईटी उतार दी और ब्रा पैंटी में ही बिस्तर पर लेट गई।

मेन-गेट पर बाहर से ताला लगाकर पिछले दरवाज़े से अन्दर आकर कुण्डी लगा दे !

कुत्ते, इधर आकर मेरी चूत सहला !

वो अपनी जेब से दारु का पव्वा निकाल कर डकार गया और मुझे पकड़ लिया- साली रंडी ! कुत्ता कहती है ?

उसने मेरे बाल खींचते हुए मेरी ब्रा फाड़ कर फेंक दी। पीछे से राधे ने पैंटी खींच दी- बहुत तड़फ़ाती हो मैडम !

मैं बोली- मैडम नहीं रांड कहो ! chachi sex

तेरी माँ की चूत ! तू तो सवा सेर निकली ! राधे मेरे चूतड़ चूम रहा था।

मैंने घनशाम को नंगा कर दिया और उसके लुल्ले को चूसने लगी।

वाह वाह मेरी छम्मक छल्लो ! आज मैं 101 रुपये का प्रसाद चढ़ाऊंगा !

राधे मेरे पति की बार से अंग्रेजी दारू लाया, मेरे मम्मों पर डाल कर दोनों चाटने लगे, फिर अपने लौड़े पर डाल मुझसे चटवाते, कमीने !

तेरे कोठे पर आएँ हैं, अपने हाथ से जाम बना ! hindi sex chudai.com

मैं नंगी चलती सोडा लाई, तीन पेग बना दिए। वो हैरान रह गए और मैं एक बार में ही पूरा हलक में उतार गई। कुछ पल बाद हम तीनों नशे में थे।

मादरचोदो, रोज़ पैंटी पर अपना कीमती माल खराब करते हो ?

मेरी चूत देख तो मानो वो पागल होने लगे। घनशाम ने तो अपने होंठ लगा दिए जिससे मैंने आंखें मूँद ली। मेरे जिस्म पर दारू डाल डाल कर चाट रहे थे। मेरी चूचियों के दाने को राधे चूस रहा था और घनशाम ने दोनों टांगें चौड़ी कर बीच में आकर अपना नौ इंच का लुल्ला जैसे ही मेरी चूत के दाने पर मसला, मैं कूद उठी और उसने झट से पूरा लुल्ला डाल दिया, पेल दिया मेरी चूत में, मेरी तो जान निकल गई क्यूंकि शादी के बाद मैंने कभी मोटा लौड़ा नहीं डलवाया था। पति का लौड़ा तो छोटा ही था।

हाय हाय फट गई मेरी ! फाड़ दी मेरी चूत ! आह अह चोद साले ! मुझे चोद दिलभर के चोद ! चाहे फट जाए ! राधे मेरे अंगूर चूस ! इनको दबा ! इनका रस पी ! मुझे तृप्ति दे दो मिल कर ! मेरी प्यास बुझा दो राजा !

बहन की लौड़ी, मालकिन अब से तू मेरी कुतिया है ! कुतिया समझी रांड !

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आशा का नशा https://sexstories.one/asha-ka-nasha/ Thu, 02 Apr 2020 05:17:46 +0000 https://sexstories.one/?p=547 आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम… किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पद्स्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम… किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पद्स्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। हमे कम्पनी की तरफ़ से कोई घर नहीं मिला था, इसलिये हमने थोड़ी ही दूर पर एक मकान किराये पर ले लिया था… उसका किराया हमें कम्पनी की तरफ़ से ही मिलता था। मेरे पति सुनील की ड्यूटी शिफ़्ट में लगती थी। घर में काम करने के लिये हमने एक नौकरानी रख ली थी। उसका नाम आशा था। उसकी उम्र लगभग 20 साल होगी। भरपूर जवान, सुन्दर, सेक्सी फ़िगर… बदन पर जवानी की लुनाई … चिकनापन … झलकता था।

सुनील तो पहले दिन से ही उस पर फ़िदा था। मुझसे अक्सर वो उसकी तारीफ़ करता रहता था। मैं उसके दिल की बात अच्छी तरह समझती थी। सुनील की नजरें अक्सर उसके बदन का मुआयना करती रहती थी… शायद अन्दर तक का अहसास करती थी। मैं भी उसकी जवानी देख कर चकित थी। उसके उभार छोटे छोटे पर नुकीले थे। उसके होठं पतले लेकिन फ़ूल की पन्खुडियों जैसे थे।

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एक दिन सुनील ने रात को चुदाई के समय मुझे अपने दिल की बात बता ही दी। उसने कहा -”नेहा… आशा कितनी सेक्सी है ना…”

“हं आ… हां… है तो …… जवान लडकियां तो सेक्सी होती ही है…” मैं उसका मतलब समझ रही थी।

“उसका बदन देखा … उसे देख कर तो… यार मन मचल जाता है……” सुनील ने कुछ अपना मतलब साधते हुए कहा।

“अच्छा जी… बता भी दो जानू… जी क्या करता है……” मैं हंस पड़ी… मुझे पता था वो क्या कहेगा…

“सुनो नेहा … उसे पटाओ ना … उसे चोदने का मन करता है…”

“हाय… नौकरानी को चोदोगे … पर हां …वो चीज़ तो चोदने जैसी तो है…”

“तो बोलो … मेरी मदद करोगी ना …”

“चलो यार …तुम भी क्या याद करोगे … कल से ही उसे पानी पानी करती हूं……”

फिर मै सोच में पड़ गयी कि क्या तरीका निकाला जाये। सेक्स तो सभी की कमजोरी होती ही है। मुझे एक तरकीब समझ में आयी।
दूसरे दिन आशा के आने का समय हो रहा था……

मैने अपने टीवी पर एक ब्ल्यू हिन्दी फ़िल्म लगा दी। उस फ़िल्म में चुदाई के साथ हिन्दी डायलोग भी थे। आशा कमरे में सफ़ाई करने आयी तो मै बाथरूम में चली गयी। सफ़ाई करने के लिये जैसे ही वो कमरे के अन्दर आयी तो उसकी नजर टीवी पर पडी… चुदाई के सीन देख कर वो खडी रह गयी। और सीन देखती रही।

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मैं बाथरूम से सब देख रही थी। उसे मेरा वीडियो प्लेयर नजर नहीं आया क्योंकि वह लकडी के केस में था। वो धीरे से बिस्तर पर बैठ गयी। उसे पिक्चर देख कर मजा आने लग गया था। चूत में लन्ड जाता देख कर उसे और भी अधिक मजा आ रहा था। धीरे धीरे उसका हाथ अब उसके स्तनो पर आ गया था.. वह गरम हो रही थी। मेरी तरकीब सटीक बैठी। मैने मौका उचित समझा और बथरूम से बाहर आ गयी…

“अरे… टीवी पर ये क्या आने लगा है…”

“दीदी… साब तो है नहीं…चलने दो ना…अपन ही तो है…”

“अरे नहीं आशा… इसे देख कर दिल में कुछ होने लगता है…” मैं मुस्करा कर बोली

मैने चैनल बदल दिया… आशा के दिल में हलचल मच गयी थी … उसके जवान जिस्म में वासना ने जन्म ले लिया था।

“दीदी… ये किस चेनल से आता है …”उसकी उत्सुकता बढ रही थी।

“अरे तुझे देखना है ना तो दिन को फ़्री हो कर आना … फिर अपन दोनो देखेंगे… ठीक है ना…”

“हां दीदी…तुम कितनी अच्छी हो…” उसने मुझे जोश में आकर प्यार कर लिया। मैं रोमांचित हो उठी… आज उसके चुम्बन में सेक्स था। उसने अपना काम जल्दी से निपटा लिया… और चली गयी। तीर निशाने पर लग चुका था।

करीब दिन को एक बजे आशा वापस आ गयी। मैने उसे प्यार से बिस्तर पर बैठाया और नीचे से केस खोल कर प्लेयर में सीडी लगा दी और मैं भी बिस्तर पर बैठ गयी। ये दूसरी फ़िल्म थी। फ़िल्म शुरू हो चुकी थी। मैं आशा के चेहरे का रंग बदलते देख रही थी। उसकी आंखो में वासना के डोरे आ रहे थे। मैने थोडा और इन्तजार किया… चुदाई के सीन चल रहे थे।

मेरे शरीर में भी वासना जाग उठी थी। आशा का बदन भी रह रह कर सिहर उठता था। मैने अब धीरे से उसकी पीठ पर हाथ रखा। उसकी धडकने तक महसूस हो रही थी। मैने उसकी पीठ सहलानी चालू कर दी। मैने उसे हल्के से अपनी ओर खींचने की कोशिश की… तो वो मेरे से सट गयी। उसका कसा हुआ बदन…उसकी बदन की खुशबू… मुझे महसूस होने लगी थी। टीवी पर शानदार चुदाई का सीन चल रहा था। आशा का पल्लू उसके सीने से नीचे गिर चुका था… मैने धीरे से उसके स्तनों पर हाथ रख दिया… उसने मेरा हाथ स्तनों के ऊपर ही दबा दिया। और सिसक पडी।

Antarvasna Hindi sex stories – मेरा पहला सेक्स अनुभव

“आशा… कैसा लग रहा है…”

“दीदी… बहुत ही अच्छा लग रहा है…कितना मजा आ रहा है…” कहते हुए उसने मेरी तरफ़ देखा … मैने उसकी चूंचियां सहलानी शुरू कर दी… उसने मेरा हाथ पकड लिया…

“बस दीदी… अब नहीं …”

“अरे मजे ले ले … ऐसे मौके बार बार नहीं आते……” मैने उसके थरथराते होंठों पर अपने होंठ रख दिये… आशा उत्तेजना से भरी हुयी थी। आशा ने मेरे स्तनों को अपने हाथों में भर लिया और धीरे धीरे दबाने लगी। मैने उसका लहंगा ऊपर उठा दिया… और उसकी चिकनी जांघों पर हाथ से सहलाने लगी… अब मेरे हाथ उसकी चूत पर आ चुके थे। चूत चिकनाई और पानी छोड रही थी। मेरे हाथ लगाते ही आशा मेरे से लिपट गयी। मुझे लगा मेरा काम हो गया।

“दीदी… हाय… नहीं करो ना … मां…री… कैसा लग रहा है…”

मैने उसकी चूत के दाने को हल्के हल्के से हिलाने लगी…। वो नीचे झुकती जा रही थी… उसकी आंखे नशे में बन्द हो रही थी।

उधर सुनील लन्च पर आ चुका था। उसने अन्दर कमरे में झांक कर देखा। मैने उसे इशारा किया कि अभी रुको। मैने आशा को और उत्तेजित करने के लिये उससे कहा – “आशा … आ मैं तेरा बदन सहला दूं…… कपड़े उतार दे …”

“दीदी … ऊपर से ही मेर बदन दबा दो ना…” वो बिस्तर पर लेट गयी। मैं उसके उभारों को दबाती रही…उसकी सिसकियां बढती रही… मैने अब उसकी उत्तेजना देख कर उसका ब्लाऊज उतार दिया… उसने कुछ नहीं कहा… मैने भी यह देख कर अपने कपडे तुरन्त उतार दिये। अब मैं उसकी चूत पर अपनी उंगली से दबा कर सहलाने लगी… और धीरे से एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। उसके मुख से आनन्द की सिसकारी निकल पड़ी…

“आशा … हाय कितना मजा आ रहा है… है ना…”

“हां दीदी… हाय रे… मैं मर गयी…”

Antarvasna Hindi sex stories – दोस्त की गर्लफ्रेंड को पटाकर चोदा

“लन्ड से चुदोगी आशा… मजा आयेगा…”

“कैसे दीदी … लन्ड कहां से लाओगी…”

“कहो तो सुनील को बुला दूं … तुम्हे चोद कर मस्त कर देगा”

“नहीं …नहीं … साब से नहीं …”

“अच्छा उल्टी लेट जाओ … अब पीछे से तुम्हारे चूतड़ भी मसल दूं…”

वो उल्टी लेट गयी। मैने उसकी चूत के नीचे तकिया लगा दिया। और उसकी गान्ड ऊपर कर दी। अब मैने उसके दोनो पैर चौड़ा दिये और उसके गान्ड के छेद पर और उसके आस पास सहलाने लगी। वो आनन्द से सिसकारियां भरने लगी।

सुनील दरवाजे के पास खडा हुआ सब देख रहा था। उसने अपने कपड़े भी उतार लिये। ये सब कुछ देख कर सुनील का लन्ड टाईट हो चुका था। उसने अपना लन्ड पर उंगलियों से चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगा। मैं आशा की गान्ड और चूतडों को प्यार से सहला रही थी। उसकी उत्तेजना बहुत बढ चुकी थी। मैने सुनील को इशारा कर दिया… कि लोहा गरम है…… आ जाओ…।

सुनील दबे पांव अन्दर आ गया। मैने इशारा किया कि अब चोद डालो इसे। उसके फ़ैले हुये पांव और खुली हुयी चूत सुनील को नजर आ रही थी। ये देख कर उसका लन्ड और भी तन्नाने लगा । सुनील उसकी पैरों के बीच में आ गया। मैं आशा के पीछे आ गयी… सुनील ने आशा के चूतडों के पास आकर लन्ड को उसकी चूत पर रख दिया। आशा को तुरन्त ही होश आया…पर तब तक देर हो चुकी थी। सुनील ने उस काबू पा लिया था। वो उसके चूतडों से नीचे लन्ड चूत पर अड़ा चुका था। उसके हाथों और शरीर को अपने हाथों में कस चुका था।

आशा चीख उठी…पर तब तक सुनील का हाथ उसका मुँह दबा चुका था। मैने तुरन्त ही सुनील का लन्ड का निशाना उसकी चूत पर साध दिया। सुनील हरकत में आ गया।

उसका लन्ड चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। चूत गीली थी…चिकनी थी पर अभी तक चुदी नहीं थी। दूसरे ही धक्के में लन्ड गहराई में उतरता चला गया। आशा की आंखे फ़टी पड़ रही थी। घू घू की आवाजें निकल रही थी। उसने अपने हाथों से जोर लगा कर मेरा हाथ अपने मुह से हटा लिया। और जोर से रो पडी… उसकी आंखो से आंसू निकल रहे थे… चूत से खून टपकने लगा था।

Antarvasna Hindi sex stories – सरदी की रात आंटी के साथ

“बाबूजी … छोड दो मुझे… मत करो ये……” उसने विनती भरे स्वर में रोते हुये कहा। पर लन्ड अपना काम कर चुका था।

“बस…बस… अभी सब ठीक हो जायेगा… रो मत…” मैने उसे प्यार से समझाया।

“नहीं बस… छोड़ दो अब … मैं तो बरबाद हो गयी दीदी… आपने ये क्या कर दिया…” वो नीचे दबी हुयी छटपटाती रही। हम दोनों ने मिलकर उसे दबोच लिया। दबी चीखें उसके मुह से निकलती रही। सुनील ने लन्ड को धीरे धीरे से अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया।

“साब…छोड़ दो ना … मैं तो बरबाद हो गयी…… हाऽऽऽय…” वो रो रो कर… विनती करती रही। सुनील ने अब उसकी चूंचियां भी भींच ली। वो हाय हाय करके रोती रही …नीचे से अपने बदन को छटपटाकर कर हिलाती कर निकलने की कोशिश करती रही। लेकिन वो सुनील के शरीर और हाथों में बुरी तरह से दबी थी। अन्तत: उसने कोशिश छोड दी और निढाल हो कर रोती रही।

सुनील ने अपनी चुदाई अब तेज कर दी … उसका कुंवारापन देख कर सुनील और भी उत्तेजित होता जा रहा था। धक्के तेजी पर आ गये थे। कुछ ही देर में आशा का रोना बन्द हो गया … और अन्दर ही अन्दर शायद उसे मस्ती चढने लगी…

“हाय मैं लुट गयी… मेरी इज़्ज़त चली गयी…।” बस आंखे बन्द करके यही बोलती जा रही थी… नीचे तकिया खून से सन गया था। अब सुनील ने उसकी चूंचियां फिर से पकड ली और उन्हे दबा दबा कर चोदने लगा। आशा अब चुप हो गयी थी… शायद वो समझ चुकी थी कि उसकी झिल्ली फ़ट चुकी है और अब बचने का भी कोई रास्ता नही है। पर अब उसके चेहरे से लग लग रहा था कि उसे मजा आ रहा है। मैने भी चैन की सांस ली…।

मैने देखा कि सुनील का लन्ड खून से लाल हो चुका था। उसकी कुँवारी चूत पहली बार चुद रही थी। उसकी टाईट चूत का असर ये हुआ कि सुनील जल्दी ही चरमसीमा पर पहुंच गया। अचानक नीचे से आशा की सिसकारी निकल पडी और वो झड़ने लगी। सुनील को लगा कि आशा को अन्तत: मजा आने लगा था और वो उसी कारण वो झड़ गयी थी।

अब सुनील ने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और अपनी पिचकारी छोड दी। सारा वीर्य आशा के चूतडों पर फ़ैलने लगा। मैने जल्दी से सारा वीर्य आशा की चूतडों पर फ़ैला दिया। सुनील अब शान्त हो चुका था।

सुनील बिस्तर से नीचे उतर आया। आशा को भी चुदने के बाद अब होश आया… वो वैसी ही लेटी हुई अब रोने लगी थी।

“बस अब तो हो गया … चुप हो जा…देख तेरी इच्छा भी तो पूरी हो गयी ना…”

Antarvasna Hindi sex stories – चूत का जुगाड़

“दीदी… आपने मेरे साथ अच्छा नहीं किया… मैं अब कल से काम पर नहीं आऊंगी…” वो उठते हुये रोती हुई बोली… उसने अपने कपडे उठाये और पहनने लगी… सुनील भी कपडे पहन चुका था।

मैने सुनील को तुरन्त इशारा किया … वो समझ चुका था… जैसे ही आशा जाने को मुडी मैने उसे रोक लिया…”सुनो आशा… सुनील क्या कह रहा है……”

“आशा … मुझे माफ़ कर दो … देखो मुझसे रहा नही गया तुम्हे उस हालत में देख कर… प्लीज…”

“नहीं… नहीं साब… आपने तो मुझे बरबाद कर दिया है … मैं आपको कभी माफ़ नहीं करूंगी…” उसका चेहरा आंसुओं से तर था।

सुनील ने अपनी जेब से सौ सौ के दो नोट निकाल कर उसे दिये…पर उसने देख कर मुह फ़ेर लिया… उसने फिर और सौ सौ के पाँच नोट निकाल दिये… उसकी आंखो में एकबारगी चमक आ गयी… मैने तुरन्त उसे पहचान लिया। मैने सुनील के हाथ से नोट लिये और अपने पर्स से सौ सौ के कुल एक हज़ार रुपये निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा दिये। उसका चेहरा खिल उठा।

“देख … ये साब ने गलती की ये उसका हरज़ाना है… हां अगर साब से और गलती करवाना हो तो इतने ही नोट और मिलेंगे…”

“दीदी … मैं आपकी आज से बहन हूं… मुझे पैसों की जरूरत किसे नहीं होती है…” मैने उसे आशा को गले लगा लिया…

“आशा …… माफ़ कर देना… तू सच में आज से मेरी बहन है… तेरी इच्छा हो … तभी ये करना…” आशा खुश हो कर जाने लगी…

दरवाजे से उसने एक बार फिर मुड़ कर देखा … फिर भाग कर आयी … और मेरे से लिपट गयी… और मेरे कान में कहा, “दीदी… साब से कहना … धन्यवाद…”

Antarvasna Hindi sex stories – बड़े चुचे वाली मौसी

” अब साब नहीं ! जीजाजी बोल ! और धन्यवाद किस लिये …… पैसों के लिये …”

” नहीं … मेरी चुदाई के लिये…”

वो मुड़ी और बाहर भाग गयी…… मैं उसे देखती रह गयी… तो क्या ये सब खेल खेल रही थी। मेरी नजर ज्योंही मेज़ पर पड़ी तो देखा कि सारे नोट वहीं पड़े हुए थे

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