Maa ki samuhik chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/maa-ki-samuhik-chudai/ Hindipornstories.org Fri, 21 Aug 2020 02:51:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत – 2 https://sexstories.one/maa-threesome-porn-hindi-kahani/ Fri, 21 Aug 2020 02:51:19 +0000 https://sexstories.one/?p=1013 मम्मी तो जैसे डर ही रही थीं. साले का क्या लंड था.. काला मूसल जैसा, जिस पर लाल रंग का टमाटर जैसा सुपारा था, लंड भी पूरा बालिश्त भर लम्बा होगा.. करीब 9 इंच लम्बा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मम्मी तो जैसे डर ही रही थीं. साले का क्या लंड था.. काला मूसल जैसा, जिस पर लाल रंग का टमाटर जैसा सुपारा था, लंड भी पूरा बालिश्त भर लम्बा होगा.. करीब 9 इंच लम्बा और ढाई इंच से भी ज्यादा मोटा. मम्मी की आंखें के सामने आते ही मम्मी की तो आंखें ही बंद हो गईं.  porn hindi

भोला मम्मी के मुँह में लंड डालना चाह रहा था लेकिन मम्मी ने अपना मुँह भींच लिया था. तभी मोहन सामने आया, उसका लंड भी कम नहीं था. करीब 7 इंच लम्बा लेकिन उसका सुपारा ज्यादा मोटा नहीं था. उसका लंड बीच में से थोड़ा टेढ़ा था.

तीसरा शमशेर उसका लंड भी करीब 5-6 इंच के आसपास ही था, लेकिन उसका सुपारा काफी मोटा था. मम्मी उन्हें देख कर ही घबरा रही थीं.

मैं समझ गया था कि आज मम्मी की खैर नहीं है. इनमें भोला का लंड सबसे बड़ा था. फिर उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन मम्मी ने मुँह में नहीं लिया तो शमशेर बोला- चलो साली की चुदाई करते हैं. porn hindi

ये कह कर वह मम्मी के बगल में आकर लेट गया और मम्मी की एक टांग को अपने हाथ से उठा कर मम्मी के मम्मों की तरफ किया और एक टांग को अपनी जांघों में लेकर लंड को चूत के पास ले आया. वो एक हाथ से लंड को मम्मी की चूत पर मसलने लगा. मम्मी अब भी थोड़ा विरोध कर रही थीं लेकिन जब शमशेर ने जैसे लंड को चूत पर टिकाया, तो लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मम्मी की चूत शायद एकदम टाईट हो रही थीं. इसी तरह शमशेर ने दो तीन बार प्रयास किया, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली. उसने मोहन से कुछ कहा तो उसने आकर मम्मी की टांगों को कस कर पकड़ लिया.

अब शमशेर ने सुपारा चूत के छेद पर रखा और कमर का एक झटका लगाया तो सुपारा सरसराता चूत में दाखिल हो गया.

एक बार तो मम्मी छटपटाईं, लेकिन दूसरे झटके में आधे से भी ज्यादा लंड अन्दर समा गया. अब मम्मी भी ढीली पड़ गईं और तीसरे झटके में तो लंड जड़ तक चूत की गहराई में खो गया.

तीसरा झटका इतनी जोर का था कि मम्मी की चीख निकल गई. ‘उइइइ.. मर गइइइ.. हाययय.. रे र.. माररर.. डालाआ.. रेर..’

तभी मोहन ने उनका मुँह भींच लिया. मम्मी की आंखों में आंसू आ गए. लेकिन उन लोगों को कोई फिक्र नहीं थी. अब वो धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा तो मैंने देखा कि अब मम्मी बिल्कुल शांत थीं.

मैं देख रहा था कि लंड को टोपे को चूत की फांकों तक लाता और एक ही झटके में अन्दर कर देता. मम्मी हर झटके के साथ ‘उई आह सीईइइ..’ करने लगीं. लंड जब बाहर आता तो अन्दर से लाल लाल खरबूजे के जैसी गिरी को बाहर लाता और अन्दर कर डालता.

शमशेर भी अब ‘हाय सीईइइइ..’ करने लगा तो मोहन बोला- साले अभी अन्दर मत डालना.. साले चूत गीली कर देगा तो मजा नहीं आएगा.

यह सुन कर मम्मी गिड़गिड़ाईं और बोलीं- प्लीज अन्दर मत डालना, कल ही मेरा पीरियड खत्म हुआ है.

शमशेर पेल ही रहा था कि अब भोला आ गया और बोला- हट अब मैं करता हूँ. porn hindi

शमशेर ने जैसे लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि साले का लंड चूत का पानी पी कर तो और भी भयंकर हो गया था. लंड के बाहर आते ही चूत का मुँह खुला का खुला रह गया और अन्दर की लाल दरार साफ दिखने लगी.

शमशेर के हटने के साथ ही भोला ने मम्मी के दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया, जिससे अब मम्मी के दोनों पैर आसमान की तरफ हो गए और चूत उभर कर ऊपर हो गई.

भोला ने अपना मोटा लंड मम्मी की चूत पर रख कर कमर का एक जोरदार झटका मारा तो वो फिर से चिल्लाईं- अइरेर.. मार डाला रेर.. हाय एक बार बाहर निकालो.. मेरी तो फट गई रेररर..

मैंने देखा कि वो मूसल मम्मी की चूत में एक ही झटके में जड़ तक अन्दर चला गया.

मम्मी छटपटाने लगीं- मररर.. गईइइ.. निकालो इसे हायय..

लेकिन अब भोला भी अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा और कुछ ही देर में अपनी स्पीड बढ़ा कर पेलने लगा. जब भोला ठाप मारता तो मम्मी के मुँह से ‘हा हाहहाहाहा.. हाह..’ की आवाज निकलती और ‘थपथप..’ की आवाज आ रही थी. अचानक ही मम्मी के मुँह से जोरदार सिसकारी निकलने लगी- सीइइ..इइइ इइ..
मुझे लगा कि अब मम्मी भी इस चुदाई का पूरा मजा ले रही हैं. भोला के ठाप के साथ मम्मी भी चूतड़ उचका कर उसका साथ दे रही थीं. तभी चूत से फचाफच पानी आने लगा. लेकिन यह क्या मम्मी कुछ ही देर में शांत हो गईं. भोला भी करीब दस मिनट तक पेल कर हट गया.

अब मोहन का नम्बर आया तो उसने मम्मी को बोला- रानी, अब तू घोड़ी बन जा.

उसने मम्मी को घोड़ी बना कर खुद घोड़े की तरह मम्मी के पीछे आ गया और अपने मोटे सुपारे को चूत के छेद पर रख कर धक्का मारा कि मम्मी का मुँह तो जमीन पर टिक गया. porn hindi

एक बार मम्मी फिर चिल्लाईं- हायय.. सालों ने आज तो मार डाला रे.. धीरे कर लो..

लेकिन मोहन ने मम्मी की कमर को पकड़ कर धक्के लगाना स्टार्ट कर दिया फिर ‘थपथप.. खचफच..’ की आवाज आने लगी.

मम्मी तो बस कबूतरी की तरह फड़फड़ा रही थीं. अब तक तीनों की चुदाई से मम्मी कई बार झड़ चुकी थीं, इसलिए अब मम्मी को मजा नहीं आ रहा था.

मोहन भी करीब 15 मिनट के बाद ‘हाय सीईइइ..’ करने लगा और उसने अपनी स्पीड तेज कर दी. फिर अचानक ही मोहन 10-15 ठापें मारके शांत होने वाला ही था कि शमशेर ने उसे हटा दिया और उसने मम्मी को जमीन पर चित्त लिटाकर मम्मी की दोनों टांगों को ऊपर करके एक बार फिर से लंड अन्दर डाल दिया. मैं देख रहा था कि अब मम्मी रबर की गुड़िया की तरह उनके इशारों पर कर रही थीं, जैसे वो चाह कर रहे थे.

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घर में सामूहिक चुदाई https://sexstories.one/maa-ki-samuhik-chudai/ Sat, 18 Jul 2020 10:01:23 +0000 https://sexstories.one/?p=618 हाय दोस्तो। मैं मोनू. एक बार फिर से आपके लिए हिंदी सेक्सी स्टोरी लाया हूँ। जिसमें मेरे एक मित्र रमेश नें अपनी सौतेली माँ और नानी की गाँव में चुदाई की। मैंनें नीचे उसकी कहानी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय दोस्तो। मैं मोनू. एक बार फिर से आपके लिए हिंदी सेक्सी स्टोरी लाया हूँ। जिसमें मेरे एक मित्र रमेश नें अपनी सौतेली माँ और नानी की गाँव में चुदाई की। मैंनें नीचे उसकी कहानी का वर्णन उसी के शब्दों में किया है.  Maa ki Samuhik Chudai मैं रमेश 19 साल का तंदरुस्त जवान हूँ. हम लोग उत्तर प्रदेश के एक गाँव में रहते हैं।

जब मैं 12 साल का था तभी मेरी माँ का देहान्त हो गया और पिताजी नें 22 साल की एक गरीब लड़की से दूसरी शादी कर ली। हम लोग खेती-बाड़ी करके अपना दिन गुजारते थे।

maa ki samuhik chudaiमेरे ज्यादा पढ़ा लिखा न होनें की वजह से पिताजी नें एक छोटी सी किरानें की दुकान खोल ली। पिताजी खेती पर जाते थे और मैं या मेरी सौतेली माँ दुकान पर बैठते थे। जब मैं 19 साल का हुआ तो पिताजी का अचानक देहान्त हो गया। अब घर में केवल मैं और मेरी सौतेली माँ रहते थे। मेरी सौतेली माँ को मैं माँ कहकर बुलाता था। घर का इकलौता बेटा होनें के कारण मेरी माँ मुझे बहुत प्यार करती थी।

Maa ki Samuhik chudai – ट्रेनिंग में आयी भाभी की मस्त चुदाई

मेरी माँ थोड़ी मोटी और सावली हैं. और उनकी उम्र 30 साल की है। उसके चूतड़ काफी मोटे हैं. जब वो चलती है तो उसके चूतड़ हिलते हैं। उसके बूब्स भी बड़े-बड़े हैं। मैंनें कई बार नहाते समय उनके बूब्स देखे हैं।

पिताजी के देहान्त के बाद हम माँ बेटे ही घर में रहते थे और अकेलापन महसूस करते थे। दुकान में रहनें के कारण हम लोग खेती नहीं कर पाते थे इसलिए खेत को हमनें किसी और को जुताई के लिए दे दिया था। मैं सुबह सात बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक दुकान में बैठता था और तीन बजे तक घर में रहता था। फिर दुकान खोलकर सात बजे तक दुकान बंद कर घर चला जाता था।

जब मुझे दुकान का माल खरीदनें शहर जाना पड़ता तो माँ दुकान पर बैठती थी।

एक दिन माँ नें दोपहर में खाना खाते वक़्त मुझसे पूछा- रमेश बेटे। अगर तुम्हे ऐतराज न हो तो. क्या मैं अपनी माँ को यहाँ बुला लूँ. क्योंकि वो भी गाँव में अकेली रहती है। उनके यहाँ आनें से हमारा अकेलापन दूर हो जाएगा।

मैंनें कहा- कोई बात नहीं माँ। आप नानी जी को यहाँ बुला लो।

Maa ki Samuhik chudai – रास्ते में चुदाई

अगले हफ्ते नानी जी हमारे घर पहुँच गईं। वो करीब 45 साल की थी और उनके पति का देहान्त 3 साल पहले हुआ था। नानी भी मोटी और सांवली थी और उनका बदन काफी सेक्सी था।

जाड़े का समय था. इसलिए सुबह दुकान देर से खुलती थी और शाम को जल्दी ही बंद भी कर देता था।

घर पर माँ और नानी दोनों साड़ी और ब्लाउज पहनती थीं और रात को सोते समय साड़ी खोल देती थी और केवल ब्लाउज और पेटीकोट पहन कर सोती थी।

मैं सोते समय केवल अंडरवियर और लुंगी पहन कर सोता था।

एक दिन सुबह मेरी आँख खुली तो. देखा नानी मेरे कमरे में थी और मेरी लुंगी की तरफ आँखें फाड़-फाड़ कर देख रही थी।

मैंनें झट से आँखे बंद कर ली ताकि वो समझे कि मैं अभी तक सो रहा हूँ।

मैंनें महसूस किया कि मेरा लंड खड़ा होकर अंडरवियर से बाहर निकला था और लुंगी थोड़ी सरकी हुई थी इसलिए मेरा लंड जो 8 इंच लम्बा और काफी मोटा था. नानी उसे आखें फाड़-फाड़ कर देख रही थी।

कुछ देर इसी तरह देखनें के बाद वो कमरे से बाहर चली गई। तब मैंनें उठ कर मेरा मोटा लंड अंडरवियर के अन्दर किया और लुंगी ठीक करके मूतनें चला गया।

Maa ki Samuhik chudai – देहाती चाची की जमके चुदाई की

नहा धोकर जब हम सब मिलकर नाश्ता कर रहे थे. नानी बार-बार मेरे लंड की तरफ देख रही थी। शायद वो इस ताक में थी कि उसे मेरे लंड के दर्शन हो जायें।

जाड़े के दिनों में हम दुकान देर से खोलते थे इसलिए मैं बाहर आकर खेत पर बैठकर धूप का आनंद ले रहा था।

बाहर एक छोटा पार्टीशन था जिसमें हम लोग पेशाब वगैरह करते थे।

थोड़ी देर बाद मैंनें देखा कि नानी आई और पेशाब करनें चली गई। वो पार्टीशन में जाकर अपनी साड़ी और पेटीकोट कमर तक ऊंची की और इस तरह बैठी की नानी की काली फांकों वाली. झांटों से घिरी चूत मुझे साफ दिखाई दे रही थी।

नानी का सर नीचे था और मेरी नजर उनकी चूत पर थी। पेशाब करनें के बाद नानी करीब पांच मिनट उसी तरह बैठी रही और अपनें दाहिनें हाथ से चूत को रगड़ रही थी।

ये सब देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और जब नानी उठी तो मैंनें नजर घुमा ली। मेरे पास से गुजरते हुए नानी नें पूछा- आज दुकान नहीं खोलनी है क्या?

मैंनें कहा- बस नानी जी. दस मिनट में जाकर दुकान खोलता हूँ।

और मैं दुकान खोलनें चला गया।

Maa ki Samuhik chudai – स्कूल के लड़कों से चुदाई

शाम को दुकान से जब घर आया तो नानी फिर से मेरे सामनें पेशाब करनें चली गई और सुबह की तरह पेशाब करके अपनी चूत रगड़ रही थी।

थोड़ी देर बाद मैं बाहर घूमनें निकल गया। जाते वक़्त माँ नें कहा। बेटा जल्दी आ जाना. जाड़े का समय है न। मैंनें कहा ठीक है माँ. और निकल गया।

रास्ते में. मेरे दिमाग में केवल नानी की चूत ही चूत घूम रही थी। मैं कभी-कभी एक पौवा देशी शराब पिया करता था। हालाँकि आदत नहीं थी। महीनें दो महीनें में एक आध बार पी लिया करता था।

आज मेरे दिमाग में केवल चूत ही चूत घूम रही थी इसलिए मैंनें देसी ठेके पे डेढ़ पौवा पी लिया और चुपचाप घर की ओर चल पड़ा। मेरे पीनें के बारे में मेरी माँ जानती थी। लेकिन कुछ बोलती नहीं थी क्योंकि मैं पी कर चुप चाप सो जाता था।

रात करीब नौ बजे हम सबनें साथ में खाना खाया। खाना खानें के बाद माँ घर के काम में लग गई और मैं और नानी खेत पर बैठकर बातें करनें लगे। थोड़ी ही देर में माँ भी आ गई और बातें करनें लगी।

नानी नें कहा- चलो। कमरे में चलते हैं. वहीं बातें करेंगे क्योंकि बाहर ठण्ड लग रही है।

इसलिए हम सब कमरे में आ गए। माँ नें अपना और नानी का बिस्तर जमीन पर लगाया और हम सब नीचे बैठकर बातें करनें लगे।

Maa ki Samuhik chudai – मुझे लंड मिल गया

बातों-बातों में नानी नें कहा- रमेश। आज तू हमारे साथ ही सो जा।

माँ नें कहा- ये यहाँ कहाँ सोयेगा। और वैसे भी मुझे मर्दों के बीच सोनें में शर्म आती है और नींद भी नहीं आती है।

नानी बोली- बेटी क्या हुआ? ये भी तो तेरे बेटे जैसा ही है। हालाँकि तुम इसकी सौतेली माँ हो लेकिन इसका कितना ध्यान रखती हो। अगर बेटा साथ सो रहा है तो इसमें शर्म की क्या बात है।

खैर नानी की बात माँ मान गई। मैं माँ और नानी की बीच में सो गया। मेरी दाहिनी तरफ माँ सो रही थी और बाईं तरफ नानी।
शराब के नशे के कारण पता नहीं चला कि मुझे कब नींद आ गई।

करीब 1 बजे मुझे पेशाब लगी। मैंनें आँख खोली तो बगल से अआह उम्म्ह.. अहह.. हय.. याह.. की धीमी आवाज सुनाई दी। मैंनें महसूस किया कि ये तो माँ की फुसफुसाहट थी इसलिए मैंनें धीरे से माँ की ओर देखा।

माँ को देखकर मेरी आखें खुली की खुली रह गईं।

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