maa beta Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/maa-beta/ Hindipornstories.org Thu, 30 Dec 2021 07:51:28 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 माँ के मुंह में लंड https://sexstories.one/maa-ke-muh-me-lund/ Thu, 30 Dec 2021 07:51:28 +0000 https://sexstories.one/?p=3570 साडी भी खोल दी और नंगी हो गयी मेरे सामने.. मैंने अपनी माँ को पहली बार नंगा देखा था.. क्या गोरा चाँद जैसा रंग... माँ में अपने बाल भी खोल दिए.. और नंगी ही निचे झुककर मेरे दोनों पैर पकड़कर मेरा लंड चूसने लगी...

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Maa ke Muh me Lund Daala – पहले ही बोलता हूं, ये कोई कहानी नहीं, मेरे जिंदगी का सच है…. मेरा नाम बृजेश कुमार है..मैं और मेरी मां बिहार के एक छोटे से गांव में रहते हैं। मेरा उमर अभी 28 साल है और मेरी मां की उमर है 50 साल.. मेरे मां का नाम है सुशीला यादव। पापा बचपन में गुजर गए थे.. उसके बाद से मैं और मेरी मां अकेले रहते हैं। माँ ने मेरे लिए कभी दसरी शादी नहीं की।

मेरा मां दिखने में गोरी है और मोटी भी… उनके बल ज्यादा तार सफेद हो गए हैं उमर की वजह से। मुझे पे झुरिया पर गई है… पर उनका बड़े बड़े बूब्स, साइज में 36 है…. और चुतड़, जैसे की कोई गमला। जब मां चलती हैं, तब उनके स्तन और चुतड़, इतना ऊपर आला हिलती है की कोई भी इंसान पागल हो सकता है… मां को पाने के लिए।

मेरा दोनो हाथ जनम से ही लकवा मारा हुआ है.. इस लिए छोटे उमर से न मेरा पढाई बराबर से हो पाया न कोई लड़की मिली न काम काज मिला। मेरा मां मुझे लेकर बहुत चिंता में रहती है।

एक तो मेरा हाथ कम नहीं करता, ऊपर से मैं बहुत स्लिम हूं। छोटे उमर में मुझे काला बुखार हुआ था… तब से मेरा रंग भी थोड़ा काला पड़ गया… कोई भी लर्डी मुझे पसंद नहीं करेगा…

मैं खुद से कोई भी काम कर नहीं पाता हूं। मेरी माँ छोटे उम्र से ही मुझे खिलाती है, पैंट पहनाती है, हर रोज़ बाथरूम में नहलाती है..

जब माँ मुझे नहलाती है, तब मैं बहुत गरम हो जाता हूँ… तब मुझे मेरी माँ के बारे में गंदे-गंदे ख्याल आते हैं.. छोटे से उम्र से ही मेरा लंड थोड़ा लम्बा है.. माँ जब नहलाती है तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है.. जब पहली बार ऐसा हुआ तब मेरी उम्र थी ६ साल..

हर रोज़ की तरह उस दिन भी मुझे नेहला रही थी.. माँ ने मेरे लंड पर साबुन लगते ही मेरा लंड फुल गया… उस दिन माँ मुझे बहुत बुरा-भला कहा और थप्पड़ भी लगाया… और बहुत रोइ भी.. क्या करे? हो जाता है ऐसा..

उसके बाद से माँ मुझे चड्डी पर ही नेहलाती है.. दूसरे तरफ मुंह घुमा के मेरे चड्डी के अंदर पानी डाल के फिर बांध कर देती है.. इस तरह से २८ साल निकल गए.. अब माँ की उम्र हो गयी है..

मुझे पूछती है – बेटा.. मैं क्या करूँ? मेरे बाद तू क्या करेगा? क्या होगा तेरा? कैसे चलेगा?

माँ के उम्र हुआ तो क्या? मैं देखता हूँ तो मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो जाता है..

माँ हमेशा मुझे चड्ढी में रखती है.. माँ जानती है मैं एक जवान लड़का हूँ.. मेरा लंड खड़ा होता है.. और मेरा लंड का साइज १० इंच है.. शरीर के तुलना में लंड कुछ ज़्यादा ही काल हैं.. हमेशा चड्डी पहनते-पहनते मेरे लंड में घाव हो गया.. मेरे लंड में खुजली के साथ जलन हो रहा था.. चमड़ी उठ के खून निकलने लगा..

माँ को पता चला तो माँ डर गयी.. जल्दी से डॉक्टर को बुलाया.. डॉक्टर कुछ मरहम दे कर बोले – इस जेल को हर रोज़ दो बार लंड पर लगाना और मालिश करना.. जेल ठंडा है.. जितना मालिश करोगे, उतने जल्दी घाव भरेगा.. और बोला अभी जितना दिन ये न सूखे, उतने दिन चड्डी पहनना मना है..

डॉक्टर के जाने के बाद माँ बोली – तुझे तकलीफ होता था, तूने क्यों नहीं बोलै बेटा?

Chodai kahani एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 4

मैं बोला – माँ.. तुमको तकलीफ नहीं देना चाहता था.. तुम मेरे लिए बहुत करती हो… मेरा कोई नहीं है तुम्हारे बिना…

माँ ने मुझे सर पर चूमा.. फिर बोली – आज से तुझे और कभी घर पर चड्ढी नहीं पहनना पड़गा..

मेरे बगल में माँ बैठी और मुझे नंगा बिस्तर पर सुला दिया.. माँ ने मेरे लंड को देखा.. बोली – कितना तकलीफ दिया मैंने मेरे बच्चे को…

फिर मरहम जेल हाथ में लेके मेरे लंड पे मलने लगी.. माँ के हाथ इतने नरम है के क्या बताऊँ…. साथ ही साथ मेरा लंड और ज़्यादा फूलने लगा..

माँ मेरे लंड की मालिश करने लगी.. पच्च-पच्च की आवाज़ें होने लगी.. लंड का जलन कम होने लगा…. माँ जानती थी क्या होने वाला है.. इसलिए जब भी मेरा माल निकलने वाला होता है, माँ हाथ हटा ले रही थी… इस तरीके से मेरे ५० साल की बूढी माँ, २८ साल के बेटे का काला लंड मालिश कर रही थी.. ये सोच के मेरा लंड का ज़ोर बढ़ गया.. माँ के कुछ सोचने से पहले ही, माँ की हांथों में मैंने गर्मागर्म माल छोड़ दिया..

माँ ने साथी-साथ हाथ हटा के बोली – तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए ब्रिजस्ट… मैं तेरी माँ हूँ.. मैं जो भी करती हूँ, वो मजबूरी में कर रही हूँ..

मेरी तब हालत ख़राब हुई.. माँ दुखी होक वह से उठ गयी.. मैं चुप-चाप सोया रहा..

अगला दिन माँ मुझे स्नान करवा रही थी.. मेरा लंड पर २२ साल में पहली बार साबुन लगा रही थी.. बहुत मेल निकल रहा था.. ये देखकर माँ और ज़ोर से रगड़ने लगी.. मेरी हालत ख़राब हो गयी..

मैं बोला – माँ छोड़ दो.. नहीं तो निकल जायेगा मेरा..

माँ फिर भी ज़ोर-ज़ोर से रगड़ती रही.. मैं देख के भौचक्का रह गया.. माँ मेरा १० इंच का काला लंड रगड़ रही है.. मैं रह ने सका… माँ के मुंह पर अपना गाढ़ा माल फेक दिया.. माँ का चेहरा मेरे घने माल से ढक गया… वीर्य गिर के माँ की ब्लाउज के अंदर चला गया.. माँ फिर भी आहिस्ता आहिस्ता मेरे लंड में साबुन लगा रही थी और मल रही थी.. मेरे लंड का टोपा काला से लाल होने लगी.. फिर माँ ने मुझे स्नान करवाके अपने चेहरे पर से मेरे माल को साफ़ किया..

उसके अगले दिन माँ ने बोला – तू आज से लुंगी पहनेगा..

पापा की एक पुरानी लुंगी माँ ने मुझे पहना दी.. पर निचे चड्डी न रहने के कारण हर वक़्त लंड टनटनाया रहता था.. एक रात की माँ मेरे साथ टीवी देख रही थी.. चैनल चेंज करते करते एक पर ब्लू फिल्म चल रहा था.. माँ और मैंने वो ब्लू फिल्म देखि.. उसी समय टीवी का रिमोट ख़राब हो गया.. इसलिए मैं चैनल को चेंज नहीं कर पाया.. ब्लू फिल्म में एक लड़की अपने मर्द का लंड चूस रही थी.. लंड का साइज मेरे जैसा था.. लड़का आअह्ह्ह…. आह्हः… आवाज़ कर रहा था.. माँ ने उठकर टीवी बंद कर दिया..

अगले दिन माँ जब मुझे स्नान करवा रही थी और मेरे जांघ पर साबुन लगा रही थी तब मेरा लंड खड़ा होने लगा… मैं माँ के मुंह के पास लंड ले गया.. माँ कुछ नहीं बोली… मैंने सोच लिया की आज इस पार या उस पास.. मैंने माँ के गाल पर अपना लंड घासना शुरू किया..

माँ बोली – क्या हुआ बेटा? तू क्या करना चाहता है?

मैं बोला – माँ.. तुम मेरा एक सपना पूरा कर सकती हो क्या?

माँ बोली – क्या सपना है तेरा, बोल?

मैं बोला – माँ, छोटा सा ही है.. तुम मेरे लंड को चुसो हर रोज़.. मुझे और कुछ नहीं चाहिए माँ… तुम्हारे मुंह के अंदर मेरा लंड हो, यही सपना है मेरा… क्या तुम मेरा सपना पूरा करोगी?

माँ बोली – अगर तेरे जीवन का एक ही सपना है की मैं तेरा लंड चूस दूँ हर रोज़, तो ठीक है.. वैसे भी तुझे कोई लड़की नहीं मिलेगी, जो तेरे लिए ये कर सके.. मैं जितना दिन ज़िंदा हूँ, करुँगी..

मैं बोला – माँ.. मैंने सुना है की औरत अगर मर्दों का वीर्य पीती है तो उनका स्किन ठीक रहता है.. बाल कम झड़ते है.. तुम भी करो.. मेरे लंड को अच्छे से चूस के मेरा वीर्य पि लो..

माँ ने इसके बाद मेरा लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और चूसने लगी… मेरे लंड की चमड़ी छोटे उम्र में कट के उल्टा दिया था डॉक्टर ने, इसलिए अभी एक मशरुम के तरह दिख रहा था.. लंड की मुंडी के निचे का भाग पतला और लम्बाई १० इंच की है.. मेरा सपना आज पूरा हो रहा था.. मेरी माँ, मेरा लंड चूस रही थी.. माँ की होंठ इतने नरम है की कोई गुलाब की पंखुरी… माँ मेरा लंड मुंह में लेके ऊपर निचे करने लगी.. मैं भी माँ की मुंह में लंड को ज़ोर से घुसाने लगा.. माँ ने अपना ब्लाउज खोल दिया..

साडी भी खोल दी और नंगी हो गयी मेरे सामने.. मैंने अपनी माँ को पहली बार नंगा देखा था.. क्या गोरा चाँद जैसा रंग… माँ में अपने बाल भी खोल दिए.. और नंगी ही निचे झुककर मेरे दोनों पैर पकड़कर मेरा लंड चूसने लगी… माँ लंड ऐसा चूस रही थी, जैसे कोई वैक्यूम-क्लीनर… माँ के ३६ साइज के गोर चूचे मेरे जांघ में झपट्टा मार रहे थे.. मेरा लंड माँ के लार और थूक से चमकने लगा..

पच्च-पच्च-पच्च करके आवाज़ होने लगा.. मेरे लंड की नसें फूलने लगी.. ऐसा १५ मिनट चला.. माँ के मेरे लंड को चूसने से मेरे बदन में एक अनोखी आग भड़क उठी और मैं सहन नहीं कर पाया.. माँ की मुंह में मेरे लंड को थोड़ा और घुसा दिया और अपना गर्म माल उनके मुंह में छोड़ दिया.. करीं ४०० मिलीलीटर कागाढ़ा माल होगा माँ की मुंह के अंदर…

माँ ने पूरा माल पी लिया..

मैं बेहोश होकर बाथरूम में गिर गया.. जब होश आया तब देखा की मैं बिस्तर पर सोया हुआ था और माँ मेरे सर पर हाथ रखकर सेहला रही है.. और रो रही है..

क्या बताऊ दोस्तों! ये तो मेरे ज़िन्दगी का सच है.. कहानी नहीं.. सिर्फ नाम ही बदला है.. क्योंकि किसी की अगर पता चला की माँ और बेटे का रिश्ता ऐसा है तो शायद हम दोनों को समाज में रहने नहीं देंगे.. कुछ भी हो.. मेरा सपना पूरा हुआ.. माँ की मुंह में लंड घुसा के चुसवाने का.. माँ से बेहतर लंड कोई नहीं चूस सकती है.. अपनी बीवी भी नहीं.. मुझे ऐसा लगता है..

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी https://sexstories.one/desi-indian-family-ki-incest-porn-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:09:33 +0000 https://sexstories.one/?p=5020 उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था...

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Desi Indian Family ki Incest Porn Kahani – आरव अपने पिता द्वारा खरीदा गया रंगीन टीवी देखकर खुश था, यह उसके गाँव का पहला रंगीन टीवी था और वह अपने दोस्तों को इसके बारे में शेखी बघारते नहीं थकता था। आरव एक 18 साल के बच्चे के लिए थोड़ा अपरिपक्व था और उसकी काया ने मदद नहीं की या तो कोई उसे आसानी से 15 या 16 साल के लिए भूल जाएगा। इसके कुछ लाभ भी थे; उसके पिता उसे खेती में शामिल नहीं करते थे।

पिछली बार जब उनके पिता उन्हें चावल की बुवाई के लिए खेत में ले गए, तो उन्होंने एक ही छेद में सारे बीज डाल दिए, अपने बचाव में उन्होंने कहा “पिताजी, आपने मुझे बीज को जमीन में डालने के लिए कहा था, आपने कुछ भी नहीं बताया इसे समान रूप से फैलाने के बारे में। ” उस घटना के बाद उसके पिता उसे कभी खेत में नहीं ले गए।

“माँ, आरव मुझे परेशान करता है, वह मुझे मेरा एपिसोड देखने नहीं दे रहा है, मैं एक महीने से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरती ने अपनी मां से शिकायत की।

“माँ, मुझे शक्तिमान देखना है, मैं एक साल से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरव ने कहा कि वह जानता है कि उसकी मां उससे ज्यादा प्यार करती है और उसकी किसी भी इच्छा से इनकार नहीं किया; आखिर वह घर का इकलौता बेटा था।

“अरे तब हमारे पास टीवी नहीं था।” आरती अपने भाई पर चिल्लाई।

“आरती, अपने भाई को टीवी देखने दो, क्या तुमने बर्तन बनाए।” शालिनी कुएं से चिल्लाई।

वह गाँव के बाहर नदी में स्नान करने वाली अन्य महिलाओं के विपरीत, अपने घर के ठीक बाहर गाँव के कुएँ में स्नान करना पसंद करती थी। आमतौर पर महिलाएं कुएं से पानी अपने घर ले जाती थीं, लेकिन चमत्कारिक रूप से जब भी शालिनी स्नान करतीं तो कई पुरुष कुएं से पानी लेने आते। ऐसा नहीं था कि शालिनी को यह नहीं पता था, लेकिन गाँव के कुएँ में नहाना दिन का उसका पसंदीदा हिस्सा था, वह पूरे दिन उसका इंतजार करती थी।

“कमबख्त वेश्या।” आरती ने अपनी सांस के नीचे अपनी मां को बताया।

आरव ने अपने अहंकार को और भी अधिक चोट पहुँचाने पर विजयी रूप से मुस्कुराया और खुद को टीवी देखने में लगा दिया।

आरती ने बर्तन लिए और उन्हें साफ करने के लिए कुएं पर चली गई, लेकिन वह अपने सामने की जगह को देखकर चौंक गई, उसकी माँ का ब्लाउज गीला था और उसके लाल निप्पल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे, वह देख सकती थी कि दो आदमी खुलेआम अपनी आँखें उस पर दावत दे रहे हैं। . भले ही वह उससे नाराज़ थी, फिर भी उसने अपनी सुरक्षा महसूस की और उसने उसे चेतावनी देने का फैसला किया।

“अरे, माँ क्या तुम मुझे कुएँ से कुछ पानी खींचोगी।” आरती ने अपनी माँ से यह उम्मीद करते हुए पूछा कि वह उसकी ओर मुड़ेगी ताकि वह उसे अपनी स्थिति के बारे में बता सके।

Desi Maa ki Incest Sex – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3

“माँ, तुम्हारा ब्लाउज।” आरती ने अपनी माँ को इशारा किया कि वह उससे बाल्टी लेने के लिए उसकी ओर मुड़ी।

“ओह …” उसने हैरान होकर अपने ब्लाउज को समायोजित किया, उसे पछतावा हो रहा था कि उसने उसे व्यंजन करने के लिए बुलाया और उसने एक मानसिक नोट लिया, अगली बार जब वह स्नान करेगी तो वह उसे टीवी देखने देगी।

“माँ, आपने खाने में क्या बनाया है?” आरव ने पास बैठी आरती पर प्यार से चेहरा बनाते हुए अपनी माँ से पूछा।

वे मिट्टी और लकड़ी से बने एक बहुत छोटे से घर में रहते थे, छत सूखी झाड़ियों से बनाई जाती थी जो बारिश के पानी को घर में रिसने से रोकती थी, जिससे फर्श मैला हो जाता था, उनके पास दो छोटे कमरे थे। उन्होंने एक कमरे में खाना पकाने की सामग्री और दूसरे में घरेलू सामान रखा था, दोनों कमरे एक छोटे से दरवाजे के साथ मिट्टी की दीवार में एक छोटे से छेद से जुड़े थे।

“आरती, आज अपने भाई के साथ सो जाओ।” अपनी माँ की शर्मीली आवाज सुनकर आरती एक मुस्कान को दबा नहीं पाई, वह अपने भाई की तरह गूंगी नहीं थी, यह समझने के लिए कि जब भी वे एक साथ कुछ निजी समय बिताने के मूड में होते, तो उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए भेज दिया जाता था अन्यथा वह सो जाती थी माँ के साथ और उसका भाई अपने पिता के साथ सोएगा।

आरती ने लाल रंग की फूलदार स्कर्ट पहनी थी जो मुश्किल से उसकी जांघों के बीच में आती थी और कई जगहों पर सिल दी जाती थी, उसने अपने भाई को मुस्कुराते हुए देखा जब उसने सुना कि वह उसके साथ सो रही है।

“यदि आप आज कुछ भी करते हैं, तो मैं पिताजी को बता दूँगा और वह आपकी बकवास को हरा देंगे।” आरती ने अपने भाई से दृढ़ता से कहा, पिछली बार जब वह अपने भाई के साथ सोई थी, तो वह किसी तरह अपना हाथ उसके ऊपर डालने में कामयाब रहा था और उसके स्तनों को सहला रहा था, आरती उस पर नाराज थी लेकिन वह इसकी गंभीरता को जानती थी इसलिए उसने नहीं किया उसके माता-पिता के साथ उसका भंडाफोड़ किया और खुद चीजों को संभालने का फैसला किया।

“मैंने कुछ नहीं किया।” आरव ने साहसपूर्वक उत्तर दिया, वह जानता था कि वह झांसा दे रही है।

आरती ने उसे अनसुना कर दिया, वह बिस्तर बनाने में व्यस्त हो गई, उसने फर्श पर छोटी-सी चटाई बिछा दी और तकिया बनाने के लिए चादर घुमा दी। उसकी माँ ने उसके पिता को रंगीन टीवी खरीदने के लिए राजी किया था, जबकि वे उस पैसे से कई घरेलू सामान खरीद सकते थे।

आरव उत्तेजना से सो नहीं पा रहा था, वह उसके स्तनों की कोमलता के बारे में सोच रहा था, यह उसके हाथों में कैसा लगा, वह जानता था कि वह बादाम के आकार की आँखों से सुंदर थी, प्यारी छोटी नाक, उसके बेदाग गुलाबी गाल लेकिन सबसे अच्छा उसके चेहरे का हिस्सा उसके होंठ थे, स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग और ऐसा लग रहा था कि यह उसके चेहरे पर तराशा गया हो। “क्या बात है, क्या मैं सोच रहा हूँ कि वह एक झटका है।” उसने सोचा, उसे अपनी बहन की इस तरह सराहना करते हुए अजीब लगा।

आरव ने करवट बदली और देखा कि उसकी बहन गहरी नींद सो रही है, वह सोते समय बहुत सुंदर लग रही थी, वह उसके गुलाबी होंठों को देखकर उत्तेजित हो गया और उसे चूमना चाहता था, लेकिन इसके बजाय उसने अपना बायाँ हाथ ब्लाउज से ढके उसके स्तन पर घुमाया, उसने उसके स्तन दबा दिए थोड़ा और उसका चेहरा देखा कोई प्रतिक्रिया देखने के लिए, कोई नहीं। उसने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और अपने हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, उसे अपने हाथों में उसके नग्न स्तन को थपथपाना बहुत अच्छा लगा, और वह उसके निप्पल को अपनी हथेली से चरते हुए महसूस कर सकता था।

उसने धीरे से अपना हाथ उसके स्तन को घुमाते हुए घुमाया और वह उसके निप्पल को अपने हाथों में बढ़ता हुआ महसूस कर सकता था, उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था इसलिए वह नीचे झुक गया और भूख से उसके आधे स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसके चिकने, मुलायम लेकिन कोमल स्तनों को बेतहाशा चूस रहा था।

आरती को उत्तेजना महसूस हुई, वह एक उन्माद में थी कि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके स्तन को क्या हो रहा है, उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसके स्तन को उसके शरीर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है और इसने उसे उत्तेजना से जंगली बना दिया है। तब उसने महसूस किया कि यह उसका भाई है जो उसकी छाती को चूस रहा है, वह एक झटके के साथ अपना सिर एक तरफ करके बैठ गई।

“आप क्या कर रहे हो।” आरती ने पूछा, एक ही समय में दोहरी भावनाओं को महसूस करते हुए, वह उस पर गालियाँ देना चाहती थी, लेकिन वह अपनी उत्तेजित अवस्था के कारण ऐसा नहीं कर सकी। वह उत्तेजना से भर गई थी, उसके गाल लाल हो गए थे और उसने उसकी ओर देखा लेकिन उसे नहीं पता था कि क्या करना है।

“मुझे बहुत खेद है, आप बहुत सुंदर लग रहे थे, मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका, मुझे वास्तव में खेद है, कृपया पिता को मत बताना।” आरव चिंता से बौखला गया, वह जानता था कि वह बहुत दूर चला गया है, छूना एक बात है लेकिन उसके स्तनों को चूसना पूरी तरह से अलग था, वह एक रेखा थी।

वह शांत हो गई जब उसने अपने भाई को यह कहते हुए सुना कि वह सुंदर दिखती है, किसी ने उसे कभी नहीं बताया कि वह सुंदर थी, वह हमेशा अपने बारे में सचेत रहती थी, वह हमेशा सोचती थी कि वह अच्छी दिख रही है या नहीं, इसलिए जब उसने अपने भद्दे भाई (जो एक ट्रिलियन वर्ष में उसकी किसी भी चीज़ की प्रशंसा न करें) उसके पूरक के रूप में, उसने अपने भीतर गर्व की लहर महसूस की।

“क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ।” उसने अपने भाई से बाकी सब कुछ भूल जाने के लिए कहा, जो उसके अभी भी खुले स्तन को देख रहा था।

उसने महसूस किया कि उसने उसकी कमजोर जगह को छू लिया है। “बेशक, तुम सुंदर हो।” उसने मुस्कराहट दबाते हुए उत्तर दिया।

“चलो सो जाते हैं, लेकिन कोई शरारत नहीं।” आरती ने गंभीर स्वर में आरव से कहा।

to be continued..

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माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3 https://sexstories.one/desi-mom-son-sex-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:08:24 +0000 https://sexstories.one/?p=4998 मैंने खुद को राहत देने के लिए अपने हस्तमैथुन का सहारा लिया। तीसरे दिन बदल गई मेरी किस्मत! माँ ने आखिरकार मेरे रोमांटिक पक्ष को स्वीकार कर लिया...

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Desi mom son sex kahani – कहने की जरूरत नहीं है, हमारे पहले कमबख्त अनुभव ने हम दोनों के लिए एक पूरी नई दुनिया खोल दी। माँ ने हालांकि, हमारी पहली चुदाई के बाद भयानक अपराधबोध महसूस किया क्योंकि वह एक ही समय में अपनी शुद्धता और मातृत्व दोनों को खोने की चपेट में आ गई थी। वह अस्थिर थी और पिताजी के पास वापस जाना चाहती थी। मुझे इससे उबरने की कोशिश में बहुत समय लगाना पड़ा। मैं ज्यादा रोमांटिक होने लगा और प्रेमी से ज्यादा प्यार करने वाले बेटे की तरह व्यवहार करने लगा। अंत में वह दो दिनों के बाद शांत हो गई।

उन सभी दो दिनों में हमने कोई सेक्स नहीं किया। अगर मुझे अपनी माँ की योनी का स्वाद नहीं मिलता तो मैं शायद अपना पूरा जीवन बिना सेक्स के जी सकता। लेकिन उसके होने के बाद, मैं उसे और हर समय चाहता था! भले ही मुझे माँ के लिए खेद हुआ, लेकिन मेरी वासना को नियंत्रित करना कठिन था क्योंकि मैं हर समय उसके गर्म शरीर को देख रहा था। मैं मदद नहीं कर सकता था, लेकिन हर समय उसकी ओर देखता था और जब वह नहीं देख रही थी तो मेरे डिक को सहलाती थी। लेकिन मैं उसे अपने प्रेमी के रूप में स्वीकार करने के लिए दृढ़ था और मैं मूर्खतापूर्ण अभिनय करके अपनी योजनाओं को खराब नहीं करना चाहता था। इसलिए मैंने खुद को राहत देने के लिए अपने हस्तमैथुन का सहारा लिया। तीसरे दिन बदल गई मेरी किस्मत! माँ ने आखिरकार मेरे रोमांटिक पक्ष को स्वीकार कर लिया और मुझे अपने प्रेमी के रूप में स्वीकार कर लिया। मुझे नहीं पता था कि उस रात तक जब माँ ने पहली बार हमारे दोनों बिस्तरों को जोड़ा! मुझे यह देखकर खुशी हुई और सबसे अच्छी बात यह है कि माँ के चेहरे पर जो शर्मीला रूप था उसे मैं कभी नहीं भूल सकती। पहली रात अपने दूल्हे के पास दुल्हन का नजारा! वह रात हमारी पहली रात की तुलना में अधिक भावुक थी क्योंकि माँ की पारस्परिकता मुझे यौन परमानंद की नई ऊंचाइयों पर ले गई! पहली रात हम एक साथ नग्न सोए थे!

Part 2 – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 2

तब से जब भी हम अकेले होते हैं तो हमारे बिस्तर हमेशा एक साथ रहते हैं। और अब मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं उसका स्थायी प्रेमी हूं। हमने अपने जननांगों को मिलाने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। माँ को हमारे सेक्स की इतनी आदत हो गई कि उसने पिताजी के पास वापस जाने से इनकार कर दिया। दरअसल पापा को दो महीने बाद मेरे यहां आना था। वह एक रात अघोषित रूप से हमारे घर आया और आपने अनुमान लगाया! हम अपनी माँ और बेटे के पुनर्मिलन के बीच में थे। हमें दरवाजा खोलने में कुछ समय लगा क्योंकि माँ को तैयार होना था क्योंकि मैं अपने इरेक्शन से छुटकारा पाने के लिए बाथरूम गई थी। माँ ने दरवाजा खोला और पिताजी को वहाँ देखकर चौंक गई लेकिन उसने जल्दी से यह कहते हुए देरी को कवर किया कि वह सो रही है और सोचा कि रवि दरवाजा खोल देगा। पिताजी ने पूछा कि मैं कहाँ था और कहा कि मैं शायद शौचालय में हूँ।

जैसे ही मैंने पिताजी का अभिवादन करने के लिए अपना इरेक्शन ढीला किया, मैं मदद नहीं कर सका लेकिन हमारे कमरे में हमारे सेक्स की गंध आ रही थी। मुझे गंध से थोड़ा अजीब लगा क्योंकि इसकी उपस्थिति को समझाना मुश्किल है जहां एक मां और बेटा एक साथ रहते हैं। और दूसरी बात जब मेहमान माँ का पति हो। मुझे नहीं पता कि पिताजी ने इसे सूँघ लिया क्योंकि उन्होंने इसके बारे में कभी कुछ नहीं पूछा। माँ ने उसे सवाल पूछने में व्यस्त रखा क्योंकि मुझे लगा कि मैं अधूरा सेक्स से थोड़ा विचलित हूँ और माँ को हमारे काम को छिपाने की कोशिश कर रहा हूँ। मैं वास्तव में पिताजी को बाहर फेंकना चाहता था और माँ को वहाँ और वहाँ चोदना चाहता था! लेकिन मैंने नियंत्रित किया।

तब से, कहने की जरूरत नहीं है, मेरे लिए कोई माँ की योनी नहीं। मुझे वापस हस्तमैथुन का सहारा लेना पड़ा और वह भी बाथरूम में। तीन दिनों के बाद, मैं एक भूखे कुत्ते की तरह हो गया, अपनी माँ की प्यारी योनी को याद कर रहा था। मैं माँ की योनी के लिए बेताब हो रहा था और उसे पिताजी से दूर करने का अवसर की कभी खिड़की नहीं थी! मेरे हस्तमैथुन के बावजूद, मैं पागल होने लगा! हताश स्थितियों में हताश उपायों की आवश्यकता होती है! मैं अगले दिन कुछ नींद की गोलियां लेने के अलावा मदद नहीं कर सकता था ताकि पिताजी को अच्छी नींद आ सके। मैंने माँ को उन्हें अपने दूध में मिलाने के लिए मनाया जो वह हर रात सोने से पहले पीते हैं। हम सब बीच में डैड के साथ दोनों बेड मिलाकर सो गए और हम दोनों दोनों तरफ। लेकिन उस रात, जैसे ही नींद की गोलियों ने उस पर नियंत्रण किया, हम पिताजी को एक कोने में ले गए और हमने चुदाई की। माँ शुरू में झिझक रही थी लेकिन असली कुतिया बन गई क्योंकि उसे पता चला कि पिताजी गहरी नींद में हैं। संभवत: वह भी अपने पति के बगल में चोदने लगी क्योंकि वह गहरी नींद में है।

तब से, हम सुरक्षित रहने के लिए हर दूसरे दिन पिताजी को नींद की गोलियों का इस्तेमाल करते थे। एक हफ्ते के बाद माँ को मासिक धर्म हुआ, इसलिए हमें उन छह दिनों में कभी भी पिताजी पर गोलियों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ा। उसके पीरियड्स खत्म होने के बाद पिताजी शहर वापस जाना चाहते थे और माँ को अपने साथ जाने के लिए कहा। माँ ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह मुझे कम से कम एक और महीने के लिए अकेला नहीं छोड़ सकती। पिताजी ने इसे कुछ समय के लिए स्वीकार नहीं किया और मुझे और माँ को उन्हें यह एहसास दिलाने के लिए कार्य करना पड़ा कि अगर माँ आसपास नहीं हैं तो मैं मुश्किल में पड़ जाऊँगा। पिताजी ने आखिरकार स्वीकार कर लिया और दो हफ्ते बाद हमें छोड़ दिया।

मेरे पास भी एक किस्सा है जो आपको बताना है जब वह भी चला गया था। जैसे ही वह शहर जा रहा था, हमने जाकर उसे बस स्टैंड पर विदा किया। बस 20 मिनट लेट थी और माँ बेचैन हो रही थी। शायद इसलिए कि माँ को अच्छी पैठ बनाए हुए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया था। वह इंतजार नहीं कर सकती थी और पिताजी के बस के जाने से पहले निकल जाना चाहती थी। उसने सुरक्षा के प्ले कार्ड का इस्तेमाल किया। पिताजी ने अंत में कहा ठीक है और लेकिन मैंने माँ को उनकी बस के जाने तक प्रतीक्षा करने के लिए कहा। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि वह चला गया है। जैसे ही हम घर पहुंचे माँ ने खुद को उतारने के अलावा कुछ नहीं किया क्योंकि हमने एक गर्म भाप से भरा सेक्स किया था। उस रात हमारे पास कभी पर्याप्त नहीं था! हम दोनों लापरवाह सेक्स के मूड में थे और हमने पांच बार चुदाई की। हमें रुकना पड़ा क्योंकि हमारे गुप्तांग पूरी तरह से उखड़ गए थे क्योंकि हमें बहुत दर्द हो रहा था। माँ ने कहा कि उसने अपने जीवन में कभी भी एक ही रात में इतनी बार सेक्स नहीं किया और ऐसा लगता है कि उसने अपने पति को अपनी योनी दिखाने का मन किया और उसे बताया कि उसका बेटा उसके साथ अकेले में क्या करता है।

उस दिन से, माँ ने हमेशा मुझसे कहा कि जब पिताजी नहीं होंगे तो मैं उसे अपनी पत्नी के रूप में मान सकता हूँ। उसने कहा कि वह तभी मेरी मां बनेगी जब लोग आसपास होंगे। और मैंने भी उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया। पिताजी के जाने के एक महीने बाद माँ पिताजी के पास चली गई लेकिन वह हमेशा कहती थी कि वह मेरे साथ रहना पसंद करती है। तब से हम सब आगे-पीछे घूमते रहे लेकिन हमारे पास हमेशा सबसे अच्छा समय था जब माँ अकेले मुझसे मिलने आती थीं या जब पिताजी पर्यटन पर जाते थे।

मुझे अपनी माँ के साथ अपना नया रिश्ता शुरू किए हुए अब एक साल से अधिक समय हो गया है। मेरा कहना है कि मैं अब ज्यादा संतुष्ट हूं बेटा और मैं अपनी मां को पहले से भी ज्यादा प्यार करता हूं। मुझे यकीन नहीं है कि जब मेरी पत्नी होती है तो मैं भी ऐसा ही महसूस करता हूं, लेकिन मैं निश्चित रूप से अपने नियमित माँ-बेटे के रिश्ते की तुलना में माँ के लिए अधिक महसूस करता हूँ। माँ भी बहुत खुश है और वह अब हमारे रिश्ते के बारे में दोषी होने की बात नहीं करती है। वह कहती है कि वह पहले से कहीं ज्यादा खुश है और अपने जीवन में दोनों पुरुषों के साथ सोने से खुश है। वह कहती है कि उसका शरीर उसके पति और बेटे दोनों को सुख देने के लिए समायोजित हो गया है और उसकी योनी ने दो पुरुषों के लंड को समायोजित करना सीख लिया है।

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माँ बेटे की चुदाई की कहानी https://sexstories.one/maa-beta-sex-kahani/ Mon, 28 Sep 2020 23:04:50 +0000 https://sexstories.one/?p=1183 हेल्लो दोस्तों, नमस्कार, जैसा की आप भी फैन है इस वेबसाइट का तो में हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग का बहुत बड़ा फैन हूँ। में ज्यादातर भाई बहन और मम्मी की कहानी पढ़ता हूँ। जिससे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो दोस्तों, नमस्कार, जैसा की आप भी फैन है इस वेबसाइट का तो में हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग का बहुत बड़ा फैन हूँ। में ज्यादातर भाई बहन और मम्मी की कहानी पढ़ता हूँ। जिससे मुझे भी अपनी मम्मी को चोदने का मौका मिला, इसलिये आज में अपना अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ, जो कि मेरी मम्मी के साथ हुआ। ये एकदम सच्ची घटना है और मेरी कहानी पसंद आये, तो मुझे मेल करे। maa beta sex

मेरा नाम कमलेश है और में 20 साल का हूँ। में प्राइवेट बी.कॉम कर रहा हूँ। मेरी फेमिली में 3 मेंबर है, मेरे पापा, मम्मी और में। मेरे पापा सरकारी कर्मचारी है। पैसों के मामले में मेरा परिवार अच्छा ख़ासा है। मेरी मम्मी का नाम सावित्री है और वो 40 साल की है और वो हमेशा साड़ी पहनती है, मेरी मम्मी एकदम सेक्सी औरत है। 40 की उम्र में वो 32-33 की कामुक महिला लगती है और उनके बूब्स का साईज़ 38 है, जो कि मुझे बाद में पता चला और जब वो चलती है, तो उनकी गांड देखकर मेरा 6 इंच का लौडा एकदम खड़ा हो जाता है और मम्मी की चुदाई करने का मन करता है। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… photo sex story

मेरे पापा का नाम नरेश है और वो 43 साल के है। ये कहानी आज से 2 महीने पहले की है। मेरे घर में मम्मी पापा ग्राउंड फ्लोर पर रहते है और में फर्स्ट फ्लोर पर, एक रात मुझे टॉयलेट लगी, तो में ग्राउंड फ्लोर पर टॉयलेट करने आया और टॉयलेट ग्राउंड फ्लोर पर था। तब मुझे मम्मी पापा के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी। मैंने पास जाकर सुना, तो वो मम्मी की सिसकारियों की आवाज़ थी। maa beta sex

मुझे पता चल गया कि मम्मी पापा चुदाई कर रहे है, मेरा लौडा भी एकदम खड़ा हो गया और टाईट हो गया। मेरा मन उनकी चुदाई देखने का हुआ, तो मैंने चुपके से खिड़की से देखा कि अंदर एक ज़ीरो वॉट का बल्ब जल रहा था और हल्की रोशनी थी, पर देखने के लायक काफ़ी थी, जैसे ही मैंने अंदर देखा, तो दंग रह गया। पापा मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे और मम्मी सिसकारियाँ भर रही थी, आआहह मर गई। मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है, आहहह। सबसे ज़्यादा तो में ये देखकर दंग रह गया कि मम्मी ने एक मिनी स्कर्ट पहन रखी थी और एक ट्रान्स्परेंट टॉप जीन्स, मम्मी को में आज तक साड़ी में देखता आया था, वो मिनी स्कर्ट में बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

फिर 5 मिनट तक पापा मम्मी की चूत में उंगली करते रहे। फिर पापा ने धीरे धीर मम्मी की स्कर्ट निकाल दी और फिर टॉप भी उतार दिया। मम्मी को पूरा नंगा देखते ही मेरी हालत खराब हो गई। फिर पापा ने मम्मी को डॉगी स्टाइल में किया और अपना लौडा मम्मी की गांड में डाल दिया। पापा का लौडा लगभग 5 इंच का होगा। लौडा अंदर जाते ही मम्मी को शुरू में थोड़ा दर्द हुआ और फिर वो मज़े लेने लगी और सिसकारियां भरने लगी, आआहहह मार डाला तुमने।

मेरे राजा कितना मज़ा आ रहा है और चोद इस रंडी को, चोद मुझे में एक रांड हूँ, आहह आहहहहह चोद दे मुझे और फिर 5 मिनट तक चोदने के बाद पापा झड़ गये, लेकिन मम्मी की प्यास अभी बुझी नहीं थी। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…  maa beta sex

पापा थककर बेड पर लेट गये। फिर मम्मी ने कहा कि अभी तो मेरी चूत की बारी है, उसे और शांत करो। पापा कहने लगे कि अब तेरी चूत नहीं मारूँगा, तेरी चूत मारने में अब मज़ा नहीं आता, सिर्फ़ गांड मारा करूँगा। तब मम्मी ने कहा कि क्या आप भी ना, 4 महीनों से मेरी गांड ही मार रहे हो, गांड को तो मार मारकर फाड़ दिया और मेरी चूत प्यासी ही रह जाती है, इसे शांत करने के लिए मोमबत्ती डालनी पड़ती है।

फिर पापा ने कहा कि बुरा क्यों मान रही हो मेरी जान, तेरे लिए तो इतने मॉडर्न कपड़े लाता हूँ, जिसमें टू औरत से लड़की जैसी लगती है, इसे पहनकर तुझे मज़ा नहीं आता। तब मम्मी बोली कि कहाँ का मज़ा सिर्फ़ रात में चुदाई के वक़्त ऐसे छोटे कपड़े पहनती हूँ। दिन में तो पहन नहीं सकती और मन तो बहुत करता है, पर कमलेश जो रहता है, वो अपनी मम्मी को ऐसे कपड़ो में देखकर क्या सोचेगा, वरना मेरा बस चले, तो पूरे दिन बिकनी में घूमती रहूँ।

फिर पापा ने कहा कि चिंता मत कर मेरी रंडी, किसी दिन कमलेश को तेरे मामा के यहाँ भेज देते है, तब पूरे दिन घर में अपना नंगा बदन लेकर घूमना। उस दिन तुझे पूरे दिन चोदूंगा और कल तेरे लिए कुछ और मॉडर्न सेक्सी कपड़े लाता हूँ। फिर पापा सो गये और मम्मी अपनी चूत में मोमबत्ती डालने लगी और सिसकारियां भरने लगी। उसके बाद में सीधा अपने कमरे में गया और मम्मी को सोचकर 3-4 बार मूठ मारी। maa beta sex

उस रात अगले दिन मैंने मम्मी को चोदने का प्लान बनाना स्टार्ट किया। मुझे पता था कि पापा ने मम्मी की चूत कई महीनो से नहीं मारी, तो मम्मी को भी चूत मरवाने का मन करता होगा। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… दोपहर में खाना खाने के बाद मम्मी और में टी.वी. देख रहे थे और टी.वी. में गाने आ रहे थे। मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी ये फ़िल्मो में हिरोइन ऐसे मॉडर्न कपड़े पहनती है और आजकल की लड़कियां भी सब ऐसे ही कपड़े पहनती है, तो आप कभी मोर्डन कपड़े ट्राई क्यों नहीं करती, हमेशा साड़ी में रहती हो।

फिर मम्मी ने कहा कि तू पागल हो गया है। अब इस उम्र में आकर तू मुझे जीन्स स्कर्ट पहनने को कह रहा है। फिर मैंने कहा कि मम्मी आपकी उम्र भले ही 40 हो, लेकिन आप अभी भी एक लड़की लगती हो। मम्मी शरमाते हुए बोली कि झूठ बोलने के लिए में ही मिली हूँ तुझे। मैंने कहा कि झूठ नहीं, सच कह रहा हू। मम्मी ने कहा कि शादी से पहले तो में ऐसे छोटे कपड़े पहना करती थी, लेकिन शादी के बाद से नहीं। फिर मैंने कहा कि मम्मी मैंने आपकी अलमारी में मिनी स्कर्ट्स देखी थी। दोस्तों में जान गया था कि पापा के लाये हुए कपड़े मम्मी ने अलमारी में रखे होगें, क्योंकि मम्मी अपने सारे कपड़े अलमारी में रखती थी, इसका मतलब में क्या समझूँ।

मम्मी एकदम चोंक पड़ी और बोली कि अरे वो तो तेरे पापा मेरे लिए लाये थे, पर में पहनती नहीं और तू बड़ा ताक झाँक करने लगा है मेरे कमरे में। मैंने कहा कि नहीं मम्मी वो तो उस दिन यूँ ही। फिर मम्मी ने कहा कि चल ठीक है, पर आगे से मत करना। मैंने कहा ठीक है मम्मी। फिर में मम्मी से बोला कि अगर आपके लिए कपड़े लेकर आये है, तो आप पहनती क्यों नहीं? फिर मम्मी बोली कि मन तो करता है, पर इस उम्र में शर्म आती है, तेरे सामने ऐसे कपड़े पहनने में और फिर तू क्या सोचेगा मेरे बारे में।

में बोला कि मम्मी ऐसी कोई बात नहीं और ये तो आजकल का फैशन है, अगर आपका मन करता है, तो पहन लिया करो मुझे कोई ऐतराज नहीं और अगर आप चाहे, तो मुझे पहनकर दिखा सकती है। तब मम्मी बोली कि हट पगले, अब जा और मुझे आराम करने दे। फिर उसके बाद में चला गया और मम्मी को गर्म करने की आगे की प्लानिंग बनाने लगा। उसके बाद मुझे मम्मी को गर्म करने में कोई सफलता नहीं मिली।

में जब भी मम्मी से कहता कि मुझे पापा के लाये हुए कपड़े पहनकर दिखाओ ना, तो मम्मी मना कर देती थी, मेरे ज़्यादा फोर्स करने पर मम्मी मुझे डांट भी देती। फिर ऐसे ही एक महीना बीत गया, दो दिन बाद मम्मी की शादी की सालगिरह थी। फिर तो मैंने पक्का सोच लिया था कि उस दिन तो मम्मी को चोदकर ही रहूंगा। maa beta sex

फिर सालगिरह वाले दिन मम्मी पापा ने एक दूसरे को विश किया और फिर पापा काम पर चले गये। मैंने सुबह ब्रेकफास्ट के बाद मम्मी के कमरे में जाकर उन्हे विश किया और कहा कि मम्मी आज तो ये साड़ी मत पहनो, आज तो पापा की लाई हुई मॉडर्न ड्रेस पहनो। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… मम्मी कहने लगी कि तू फिर इसी बात पर आकर अटक गया। मैंने कहा कि मम्मी प्लीज़, आज तो पहन लो। आज आपकी शादी की सालगिरह है, अगर आज भी नहीं पहनोगी, तो फिर उन्हे लाने का क्या फायदा और फिर आपने भी कहा कि मेरा भी मन करता है मॉडर्न ड्रेस पहनने का, मेरे ज़्यादा कहने पर मम्मी मान गई और कहने लगी कि पापा को मत बताना।

फिर मम्मी ने अपनी अलमारी खोली और में उसमे देखकर चोंक पड़ा, एक तरफ तो साड़ी थी और दूसरी तरफ मिनी स्कर्ट्स, जीन्स, टॉप्स यहाँ तक की बिकनी भी थी। maa beta sex

फिर मैंने मम्मी को बिकनी पहनने को कहा, तो मम्मी ने मना कर दिया और बोली कि अब तू बाहर जा। फिर में बाहर आ गया, मेरी साँसे तेज़ होने लगी, मुझे लगने लगा कि आज काम बनने वाला है। फिर 10 मिनट बाद मम्मी ने आवाज़ लगाई, जैसे ही में अंदर मम्मी के रूम में गया, तो अपनी मम्मी को मिनी स्कर्ट्स में देखकर मेरा तो बुरा हाल हो गया और मेरा 6 इंच का लौडा फनफनाने लगा और पेंट में तंबू बनकर खड़ा हो गया। मम्मी की गोरी नंगी जांघे एकदम मस्त लग रही थी, जी तो कर रहा था कि अभी जाकर चोद दूँ इस साली रंडी को, जिसने इतने महीनो से तड़पा रखा है। फिर मैंने किसी तरह उसको कंट्रोल किया।

फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि में कैसी लग रही हूँ, तो मैंने कहा कि आप एकदम सेक्सी लग रही हो। आज आप इस ड्रेस को पूरे दिन घर में पहनना और हम आपकी शादी की सालगिरह सेलीब्रेट करेंगे। मम्मी ने कहा कि ठीक है, तो बाजार से जाकर केक ले आया और मम्मी से केक काटने को कहा। मम्मी ने कहा कि अभी तेरे पापा को तो आने दे। मैंने कहा कि पापा जब आयेंगे, तो एक केक और काट लेंगे, फिलहाल तो ये काट लो। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… फिर मम्मी केक काटने लगी और में अपने मोबाइल से मम्मी के फोटो लेने लगा, मम्मी ने मुझे केक खिलाया और मैंने भी। फिर मैंने मम्मी को बिकनी पहनने के लिए कहा, तो मम्मी ने मना कर दिया कि मुझे शर्म आती है इतनी छोटी ड्रेस पहनने में, मेरे ज़्यादा कहने पर मम्मी मान गई और कहा कि ठीक है तू बाहर जा।

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