maa beta sex Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/maa-beta-sex/ Hindipornstories.org Thu, 30 Dec 2021 07:51:28 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 माँ के मुंह में लंड https://sexstories.one/maa-ke-muh-me-lund/ Thu, 30 Dec 2021 07:51:28 +0000 https://sexstories.one/?p=3570 साडी भी खोल दी और नंगी हो गयी मेरे सामने.. मैंने अपनी माँ को पहली बार नंगा देखा था.. क्या गोरा चाँद जैसा रंग... माँ में अपने बाल भी खोल दिए.. और नंगी ही निचे झुककर मेरे दोनों पैर पकड़कर मेरा लंड चूसने लगी...

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Maa ke Muh me Lund Daala – पहले ही बोलता हूं, ये कोई कहानी नहीं, मेरे जिंदगी का सच है…. मेरा नाम बृजेश कुमार है..मैं और मेरी मां बिहार के एक छोटे से गांव में रहते हैं। मेरा उमर अभी 28 साल है और मेरी मां की उमर है 50 साल.. मेरे मां का नाम है सुशीला यादव। पापा बचपन में गुजर गए थे.. उसके बाद से मैं और मेरी मां अकेले रहते हैं। माँ ने मेरे लिए कभी दसरी शादी नहीं की।

मेरा मां दिखने में गोरी है और मोटी भी… उनके बल ज्यादा तार सफेद हो गए हैं उमर की वजह से। मुझे पे झुरिया पर गई है… पर उनका बड़े बड़े बूब्स, साइज में 36 है…. और चुतड़, जैसे की कोई गमला। जब मां चलती हैं, तब उनके स्तन और चुतड़, इतना ऊपर आला हिलती है की कोई भी इंसान पागल हो सकता है… मां को पाने के लिए।

मेरा दोनो हाथ जनम से ही लकवा मारा हुआ है.. इस लिए छोटे उमर से न मेरा पढाई बराबर से हो पाया न कोई लड़की मिली न काम काज मिला। मेरा मां मुझे लेकर बहुत चिंता में रहती है।

एक तो मेरा हाथ कम नहीं करता, ऊपर से मैं बहुत स्लिम हूं। छोटे उमर में मुझे काला बुखार हुआ था… तब से मेरा रंग भी थोड़ा काला पड़ गया… कोई भी लर्डी मुझे पसंद नहीं करेगा…

मैं खुद से कोई भी काम कर नहीं पाता हूं। मेरी माँ छोटे उम्र से ही मुझे खिलाती है, पैंट पहनाती है, हर रोज़ बाथरूम में नहलाती है..

जब माँ मुझे नहलाती है, तब मैं बहुत गरम हो जाता हूँ… तब मुझे मेरी माँ के बारे में गंदे-गंदे ख्याल आते हैं.. छोटे से उम्र से ही मेरा लंड थोड़ा लम्बा है.. माँ जब नहलाती है तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है.. जब पहली बार ऐसा हुआ तब मेरी उम्र थी ६ साल..

हर रोज़ की तरह उस दिन भी मुझे नेहला रही थी.. माँ ने मेरे लंड पर साबुन लगते ही मेरा लंड फुल गया… उस दिन माँ मुझे बहुत बुरा-भला कहा और थप्पड़ भी लगाया… और बहुत रोइ भी.. क्या करे? हो जाता है ऐसा..

उसके बाद से माँ मुझे चड्डी पर ही नेहलाती है.. दूसरे तरफ मुंह घुमा के मेरे चड्डी के अंदर पानी डाल के फिर बांध कर देती है.. इस तरह से २८ साल निकल गए.. अब माँ की उम्र हो गयी है..

मुझे पूछती है – बेटा.. मैं क्या करूँ? मेरे बाद तू क्या करेगा? क्या होगा तेरा? कैसे चलेगा?

माँ के उम्र हुआ तो क्या? मैं देखता हूँ तो मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो जाता है..

माँ हमेशा मुझे चड्ढी में रखती है.. माँ जानती है मैं एक जवान लड़का हूँ.. मेरा लंड खड़ा होता है.. और मेरा लंड का साइज १० इंच है.. शरीर के तुलना में लंड कुछ ज़्यादा ही काल हैं.. हमेशा चड्डी पहनते-पहनते मेरे लंड में घाव हो गया.. मेरे लंड में खुजली के साथ जलन हो रहा था.. चमड़ी उठ के खून निकलने लगा..

माँ को पता चला तो माँ डर गयी.. जल्दी से डॉक्टर को बुलाया.. डॉक्टर कुछ मरहम दे कर बोले – इस जेल को हर रोज़ दो बार लंड पर लगाना और मालिश करना.. जेल ठंडा है.. जितना मालिश करोगे, उतने जल्दी घाव भरेगा.. और बोला अभी जितना दिन ये न सूखे, उतने दिन चड्डी पहनना मना है..

डॉक्टर के जाने के बाद माँ बोली – तुझे तकलीफ होता था, तूने क्यों नहीं बोलै बेटा?

Chodai kahani एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 4

मैं बोला – माँ.. तुमको तकलीफ नहीं देना चाहता था.. तुम मेरे लिए बहुत करती हो… मेरा कोई नहीं है तुम्हारे बिना…

माँ ने मुझे सर पर चूमा.. फिर बोली – आज से तुझे और कभी घर पर चड्ढी नहीं पहनना पड़गा..

मेरे बगल में माँ बैठी और मुझे नंगा बिस्तर पर सुला दिया.. माँ ने मेरे लंड को देखा.. बोली – कितना तकलीफ दिया मैंने मेरे बच्चे को…

फिर मरहम जेल हाथ में लेके मेरे लंड पे मलने लगी.. माँ के हाथ इतने नरम है के क्या बताऊँ…. साथ ही साथ मेरा लंड और ज़्यादा फूलने लगा..

माँ मेरे लंड की मालिश करने लगी.. पच्च-पच्च की आवाज़ें होने लगी.. लंड का जलन कम होने लगा…. माँ जानती थी क्या होने वाला है.. इसलिए जब भी मेरा माल निकलने वाला होता है, माँ हाथ हटा ले रही थी… इस तरीके से मेरे ५० साल की बूढी माँ, २८ साल के बेटे का काला लंड मालिश कर रही थी.. ये सोच के मेरा लंड का ज़ोर बढ़ गया.. माँ के कुछ सोचने से पहले ही, माँ की हांथों में मैंने गर्मागर्म माल छोड़ दिया..

माँ ने साथी-साथ हाथ हटा के बोली – तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए ब्रिजस्ट… मैं तेरी माँ हूँ.. मैं जो भी करती हूँ, वो मजबूरी में कर रही हूँ..

मेरी तब हालत ख़राब हुई.. माँ दुखी होक वह से उठ गयी.. मैं चुप-चाप सोया रहा..

अगला दिन माँ मुझे स्नान करवा रही थी.. मेरा लंड पर २२ साल में पहली बार साबुन लगा रही थी.. बहुत मेल निकल रहा था.. ये देखकर माँ और ज़ोर से रगड़ने लगी.. मेरी हालत ख़राब हो गयी..

मैं बोला – माँ छोड़ दो.. नहीं तो निकल जायेगा मेरा..

माँ फिर भी ज़ोर-ज़ोर से रगड़ती रही.. मैं देख के भौचक्का रह गया.. माँ मेरा १० इंच का काला लंड रगड़ रही है.. मैं रह ने सका… माँ के मुंह पर अपना गाढ़ा माल फेक दिया.. माँ का चेहरा मेरे घने माल से ढक गया… वीर्य गिर के माँ की ब्लाउज के अंदर चला गया.. माँ फिर भी आहिस्ता आहिस्ता मेरे लंड में साबुन लगा रही थी और मल रही थी.. मेरे लंड का टोपा काला से लाल होने लगी.. फिर माँ ने मुझे स्नान करवाके अपने चेहरे पर से मेरे माल को साफ़ किया..

उसके अगले दिन माँ ने बोला – तू आज से लुंगी पहनेगा..

पापा की एक पुरानी लुंगी माँ ने मुझे पहना दी.. पर निचे चड्डी न रहने के कारण हर वक़्त लंड टनटनाया रहता था.. एक रात की माँ मेरे साथ टीवी देख रही थी.. चैनल चेंज करते करते एक पर ब्लू फिल्म चल रहा था.. माँ और मैंने वो ब्लू फिल्म देखि.. उसी समय टीवी का रिमोट ख़राब हो गया.. इसलिए मैं चैनल को चेंज नहीं कर पाया.. ब्लू फिल्म में एक लड़की अपने मर्द का लंड चूस रही थी.. लंड का साइज मेरे जैसा था.. लड़का आअह्ह्ह…. आह्हः… आवाज़ कर रहा था.. माँ ने उठकर टीवी बंद कर दिया..

अगले दिन माँ जब मुझे स्नान करवा रही थी और मेरे जांघ पर साबुन लगा रही थी तब मेरा लंड खड़ा होने लगा… मैं माँ के मुंह के पास लंड ले गया.. माँ कुछ नहीं बोली… मैंने सोच लिया की आज इस पार या उस पास.. मैंने माँ के गाल पर अपना लंड घासना शुरू किया..

माँ बोली – क्या हुआ बेटा? तू क्या करना चाहता है?

मैं बोला – माँ.. तुम मेरा एक सपना पूरा कर सकती हो क्या?

माँ बोली – क्या सपना है तेरा, बोल?

मैं बोला – माँ, छोटा सा ही है.. तुम मेरे लंड को चुसो हर रोज़.. मुझे और कुछ नहीं चाहिए माँ… तुम्हारे मुंह के अंदर मेरा लंड हो, यही सपना है मेरा… क्या तुम मेरा सपना पूरा करोगी?

माँ बोली – अगर तेरे जीवन का एक ही सपना है की मैं तेरा लंड चूस दूँ हर रोज़, तो ठीक है.. वैसे भी तुझे कोई लड़की नहीं मिलेगी, जो तेरे लिए ये कर सके.. मैं जितना दिन ज़िंदा हूँ, करुँगी..

मैं बोला – माँ.. मैंने सुना है की औरत अगर मर्दों का वीर्य पीती है तो उनका स्किन ठीक रहता है.. बाल कम झड़ते है.. तुम भी करो.. मेरे लंड को अच्छे से चूस के मेरा वीर्य पि लो..

माँ ने इसके बाद मेरा लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और चूसने लगी… मेरे लंड की चमड़ी छोटे उम्र में कट के उल्टा दिया था डॉक्टर ने, इसलिए अभी एक मशरुम के तरह दिख रहा था.. लंड की मुंडी के निचे का भाग पतला और लम्बाई १० इंच की है.. मेरा सपना आज पूरा हो रहा था.. मेरी माँ, मेरा लंड चूस रही थी.. माँ की होंठ इतने नरम है की कोई गुलाब की पंखुरी… माँ मेरा लंड मुंह में लेके ऊपर निचे करने लगी.. मैं भी माँ की मुंह में लंड को ज़ोर से घुसाने लगा.. माँ ने अपना ब्लाउज खोल दिया..

साडी भी खोल दी और नंगी हो गयी मेरे सामने.. मैंने अपनी माँ को पहली बार नंगा देखा था.. क्या गोरा चाँद जैसा रंग… माँ में अपने बाल भी खोल दिए.. और नंगी ही निचे झुककर मेरे दोनों पैर पकड़कर मेरा लंड चूसने लगी… माँ लंड ऐसा चूस रही थी, जैसे कोई वैक्यूम-क्लीनर… माँ के ३६ साइज के गोर चूचे मेरे जांघ में झपट्टा मार रहे थे.. मेरा लंड माँ के लार और थूक से चमकने लगा..

पच्च-पच्च-पच्च करके आवाज़ होने लगा.. मेरे लंड की नसें फूलने लगी.. ऐसा १५ मिनट चला.. माँ के मेरे लंड को चूसने से मेरे बदन में एक अनोखी आग भड़क उठी और मैं सहन नहीं कर पाया.. माँ की मुंह में मेरे लंड को थोड़ा और घुसा दिया और अपना गर्म माल उनके मुंह में छोड़ दिया.. करीं ४०० मिलीलीटर कागाढ़ा माल होगा माँ की मुंह के अंदर…

माँ ने पूरा माल पी लिया..

मैं बेहोश होकर बाथरूम में गिर गया.. जब होश आया तब देखा की मैं बिस्तर पर सोया हुआ था और माँ मेरे सर पर हाथ रखकर सेहला रही है.. और रो रही है..

क्या बताऊ दोस्तों! ये तो मेरे ज़िन्दगी का सच है.. कहानी नहीं.. सिर्फ नाम ही बदला है.. क्योंकि किसी की अगर पता चला की माँ और बेटे का रिश्ता ऐसा है तो शायद हम दोनों को समाज में रहने नहीं देंगे.. कुछ भी हो.. मेरा सपना पूरा हुआ.. माँ की मुंह में लंड घुसा के चुसवाने का.. माँ से बेहतर लंड कोई नहीं चूस सकती है.. अपनी बीवी भी नहीं.. मुझे ऐसा लगता है..

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 3 https://sexstories.one/desi-maa-beta-chudai/ Tue, 21 Dec 2021 08:19:02 +0000 https://sexstories.one/?p=5028 उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई..

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Desi Maa Beta Chudai kahani jaari hai – “ओह्ह्ह्ह हाँ, वहीं।” उसकी माँ कराह उठी। आरव ने अपनी तर्जनी से उसकी गांड के छेद को दबाया और यह पहली पोर तक बहुत आसानी से फिसल गया क्योंकि यह तेल से फिसलन था, आरव उत्तेजना के साथ जंगली जा रहा था और उसकी उग्र चोट उसे चोट पहुँचा रही थी, वह इसे अपने तंग से मुक्त करना चाहता था पंत उसने अपनी उंगलियों को और अधिक धक्का दिया और आश्चर्यचकित महसूस किया कि उसने अपने गधे को उसे और गहरा कर दिया, उसने अपनी उंगलियों को और अधिक धक्का दिया और अब वह अपने दूसरे पोर में था, वह अपनी मां की हांफने की आवाज सुन सकता था जब उसने अपनी उंगली को जितना गहरा जा सकता था।

“Unghhhhhhh,” शालिनी खुशी के साथ जब उसके बेटे को बाहर सभी तरह अपनी उंगली बाहर निकाला और उस में सभी तरह से डाला कराही, वह वहीं खुद को उंगली करना चाहता था, लेकिन वह याद आरती किसी भी समय वापस हो सकता है।

“आरव, मैं अब बेहतर महसूस कर रहा हूं, धन्यवाद, दर्द पूरी तरह से दूर होने तक मुझे आपकी मालिश की आवश्यकता होगी।” शालिनी ने आरव से कहा, जिसने अनिच्छा से उसकी गांड से अपनी उंगली निकाली, यह वर्षों में शालिनी का सबसे अच्छा आनंद था, अधिक सटीक होने के लिए किसी ने भी उसकी गांड को छुआ है, वह और अधिक चाहती थी।

“ठीक है माँ, जब भी तुम्हें मेरी ज़रूरत हो।”

“मैं तुम्हारी बहन हूँ, तुम मुझे इस तरह छू नहीं सकते।” आरती ने बहुत शांति से कहा, आरव ने उसके ब्लाउज से अपना हाथ हटा लिया और उसे राहत मिली कि वह नाराज नहीं थी।

“मुझे खेद है, लेकिन मैं खुद का विरोध नहीं कर सकता, आपकी उपस्थिति मुझे पागल कर देती है।” आरव ने अपना सर्वश्रेष्ठ तीर चलाया; वह जानता था कि उसकी तारीफ करने से उसका मन उसके कामों पर लग जाएगा।

“अगर उसे पता चला कि वह मुझे मार डालेगा,” आरती खुद को नियंत्रित नहीं कर पाई, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और वह बहुत सुंदर लग रही थी।

आरव उसे रोता देख चौंक गया, उसे याद नहीं कि उसने आखिरी बार उसे रोते हुए कब देखा था, वह जानता था कि वह एक मजबूत लड़की है और वह इतनी छोटी सी बात के लिए कभी नहीं रोएगी, उसे पता था कि कुछ उसे परेशान कर रहा था। आरव को उसके लिए बहुत बुरा लगा, उसने हमेशा उसे एक मजबूत लड़की के रूप में देखा है जो उससे कहीं ज्यादा मजबूत है लेकिन उसे इस तरह रोते हुए देखकर वह उसके प्रति बहुत सुरक्षात्मक और देखभाल करने लगा। उसने उसे बाँहों से उठा लिया और कसकर गले लगा लिया।

“नहीं, मुझसे दूर हो जाओ, वह मुझे मार डालेगा।” आरती ने अपने भाई को धक्का दे दिया।

“कौन” आरव उलझन में था कि वह ऐसा अभिनय क्यों कर रही है।

Read part 2 – एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 2

“मैं नहीं कर सकता …” आरती ने अपनी आवाज दबा दी जब उसने अपने पिता को दरवाजे पर खड़ा देखा।

“तुम सो क्यों नहीं रहे हो, आधी रात हो चुकी है।” उसके पिता ने उसकी आँखों में देखा।

आरव को कुछ अजीब लगा तो उसने अंदर जाने का फैसला किया। “मच्छर बहुत हैं; हम सो नहीं पा रहे हैं।”

“आरती बाहर जाओ और कुछ सूखी घास ले आओ और इसे जला दो, यह मच्छरों को दूर रखेगा।” उसने ठंड से कहा।

आरव को उसका काम देखकर खुशी हुई होगी लेकिन अब नहीं, उसे एहसास हुआ कि कैसे उसे उसकी इच्छा के खिलाफ काम करने के लिए बनाया गया था, भारत में लड़की होना एक अभिशाप था।

आरती घर से बाहर चली गई, जब उसने अपने पिता को उसका पीछा करते देखा तो वह चिंतित हो गई और चुपचाप कुएं के पास सूखी घास इकट्ठा करने लगी, उसे अपने पिता के पीछे खड़े होने का आभास हुआ। वह उससे दूर चली गई। ‘थपाक’ उसके पिता ने उसकी गर्दन पर थप्पड़ मारा; उसका प्रहार इतना तेज था कि वह जमीन पर गिर पड़ी।

“आप आरव से क्या कहने वाले थे, इसके बारे में कभी किसी से कुछ भी कहने की हिम्मत मत करना।” उसके पिता ने उस पर जोर दिया, उसने उसे पकड़ लिया

बाल और उसे अपने पैरों पर खींच लिया।

“तुम मेरे ही हो मेरे।” उसने उसके मुंह पर जोर से चूमा, उसके होठों को जबरदस्ती चूसा, वह उसे दूर धकेलना चाहती थी लेकिन वह जानती थी कि अगर वह ऐसा करती है तो वह उसे फिर से मारेगा, इसलिए वह स्थिर रही और उसे अपने रास्ते जाने दिया।

“अंदर जाओ और घास को जला दो,” उसने अपने गंदे मुंह के अंदर उसके स्वाद के अवशेष को लेते हुए अपने होंठों को ठंड से चाटते हुए कहा।

आरती सूखी घास को अपने साथ लेकर अंदर चली गई। यह तब शुरू हुआ जब वह मुश्किल से पाँच साल की थी; आरव हमेशा अपनी मां के साथ रहा, इसलिए उसने आरती को उसके पिता के पास छोड़ दिया। वह उसे खेत में ले जाता था और वह उसे उन जगहों पर छूता था, जो उस छोटी लड़की से अनजान थे कि ‘उसके प्यारे पिता क्या कर रहे हैं’। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, वैसे-वैसे उसके प्रति उसका जुनून भी बढ़ता गया, जब उसे उसकी बात मानना मुश्किल हो गया तो उसने उसे मारना शुरू कर दिया।

“क्या हुआ, तुम इतनी अजीब हरकत क्यों कर रहे हो।” आरव ने उससे पूछा।

“बस सोने चले जाओ।” उसने ठंडे स्वर में कहा, बिना उसकी ओर देखे भी, वह अपने आँसुओं को छिपाने की कोशिश कर रही थी।

आरव इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाला था, वह उसकी ओर मुड़ा और लापरवाही से उसके चारों ओर अपनी बाहें डाल दी, उसकी हथेली उसके ब्लाउज से ढके पेट पर पड़ी थी, आरती ने उससे दूर जाने की कोशिश की लेकिन अगर वह चली गई तो वह खत्म हो जाएगी फर्श पर इसलिए वह अभी भी उसके स्पर्श का जवाब नहीं दे रही थी।

लगभग एक घंटे के बाद सब कुछ चुप हो गया, आरती ने अपने पिता के कदमों को सुनने की कोशिश की … कोई नहीं, वह उसके करीब आ गई, आरव उसकी तरफ सो रही थी, जबकि आरती उसकी तरफ से सो रही थी, इसलिए जब वह करीब आ गई तो वह कर सकती थी स्कर्ट से ढँकी उसकी गांड में उसकी कठोरता को महसूस करते हुए, उसे यह भावना पसंद आई और उसने अनजाने में अपनी गांड को उसकी कठोरता में धकेल दिया।

उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई और उनके बीच से अपनी स्कर्ट ऊपर खींच ली, उसने नीचे एक बैगी पैंटी पहनी थी। आरती जोश से पागल हो रही थी, उसका दिल बहुत जोर से धड़क रहा था; धीरे-धीरे उसने अपने लंड को अपनी पैंटी पहने गांड से थपथपाया, अब वह उसे अपने गालों के बीच अच्छी तरह से महसूस करने में सक्षम थी।

आरव ने महसूस किया कि कुछ बहुत ही स्पंजी और चिकना है जो अपने मुर्गा को निगलने की कोशिश कर रहा है, उत्तेजना उसे जंगली बना रही थी वह और अधिक जोर से मारना चाहता था और अपनी नींद में उसने अपनी गांड में जोर से जोर दिया।

आरती उत्साहित थी जब उसने महसूस किया कि वह अपने मुर्गा को जोर से जोर दे रहा है, लेकिन वह जानती थी कि वह आवाज करेगा और अपने पिता का ध्यान आकर्षित करेगा इसलिए उसने खुद को उससे अलग कर लिया।

आरव ने फिर जोर दिया लेकिन निराश हो गया कि स्पंजी सामग्री गायब हो गई है, निराशा ने उसे जगाया, उसने अपनी आँखें खोलकर पाया कि यह आरती की गांड थी जिसमें वह जोर दे रहा था, वह उसकी पैंटी पहने हुए गधे को चांदनी से आते हुए देख सकता था उसके कमरे की छोटी सी खिड़की। वह बेतहाशा उत्तेजित हो गया और उसका लंड राहत पाने के लिए धड़क रहा था।

आरव ने अपना लंड निकाला और अपने लंड को उसके गालों के बीच में थपथपाते हुए आरती के करीब आ गया, आरती उनके शरीर से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर सकती थी, जिससे कमरे में यौन तनाव बढ़ रहा था, वह उसके इतने करीब थे कि वे पहले कभी इस तरह नहीं थे, उसने महसूस किया अब उससे अधिक जुड़ी हुई है, वह हमेशा जानती थी कि वह दिल से अच्छा है और केवल दिखावा करने के लिए एक झटके की तरह काम करता है।

आरव कांपते हाथों से उसके चारों ओर पहुँचा और उसके स्तन को अपनी मुट्ठी में ले लिया और उसने अपना लंड उसके कपड़े वाली गाण्ड में डाल दिया, वह फिर से जोर से जोर से जोर से जोर से उसके कोमल गालों के बीच पहुँच गया, उसने उसके स्तन को उसके ब्लाउज से अपने हाथ से निचोड़ लिया उसकी उँगलियों के बीच उसके निप्पल खड़े हैं। आरती बहुत कोशिश कर रही थी कि वह विलाप न करे, अगर उसने कोई आवाज की या संकेत दिया कि वह जाग रही है, तो वह उसके लिए हंगामा करने के लिए माफी मांगेगा। उसने अपने होठों को बहुत जोर से काट लिया और कराह को नियंत्रित करने के लिए खुद को काट लिया।

आरव अपने आंड को कसता हुआ महसूस कर सकता था, इसलिए उसने उसकी गांड को जोर से चोदना शुरू कर दिया, आखिरकार उसने अपना वीर्य उसकी पैंटी पर गिरा दिया और उसकी जाँघों पर कुछ वीर्य बिखेर दिया, आरव एक संतोषजनक आह के साथ एक तरफ चला गया। लेकिन आरती अभी भी सींग का बना हुआ था और वह खुद को राहत देना चाहती थी। उसने अपनी पैंटी उतार दी और उसमें से अपना सह चूसा, कड़वा स्वाद और मांसल गंध ने उसे उत्तेजना के साथ जंगली बना दिया, वह नीचे पहुंच गई और अपनी तर्जनी को अपनी तंग बिल्ली में डाला, उसने खुद को सहलाया और दूसरे हाथ से उसे सहलाया स्तन जो उसके भाई द्वारा छेड़ा गया था, उसने अपनी दो उंगलियों को अपनी चूत में डुबोया और अपने अंगूठे से उसने अपने भगशेफ को फड़फड़ाया, उसने अपने पैरों को चौड़ा कर दिया, आरती को महसूस हो रहा था कि उसके अंदर कामोन्माद निर्माण हो रहा है, उसने उसे जोर से सहलाना शुरू कर दिया।

वह अब और विरोध नहीं कर सकती थी और वह अपने रस से बिस्तर गीला करके बहुत मुश्किल से आई, आरती ने अपनी आँखें बंद कर लीं और संतुष्ट होकर सो गई।

to be continued…

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 2 https://sexstories.one/desi-chudakkad-parivar-ki-chudai-story/ Sun, 19 Dec 2021 08:10:45 +0000 https://sexstories.one/?p=5025 आरव ने अपनी उँगली तेल में डुबाकर अपनी हथेली पर मला और अपने तैलीय हाथों को उसकी पीठ के छोटे हिस्से पर रख दिया, उसका लंड अपनी पैंट से बाहर निकलने के लिए लड़ रहा था...

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Desi chudakkad parivar ki chudai story – शालिनी अपने पति के कुछ ही झटके में आने के बाद सींग का बना हुआ था, और उसे अपने बगल में अपनी उंगलियों का उपयोग करने में शर्म महसूस हुई, उनकी शादी को 19 साल हो गए हैं और उन्हें एक दिन भी याद नहीं आया जब उन्होंने उसे संतुष्टि के लिए चोदा, उसने वहां उसे छुआ तक नहीं।

एक युवा लड़की के रूप में जब वह गांव की प्रधान हवेली में काम करती थी, तो उसने देखा कि उसका बेटा अपनी पत्नी को चोद रहा है। वह उत्सुक थी कि उन्होंने उसके माता-पिता (मिशनरी स्थिति) की तरह चुदाई नहीं की। उसने जो देखा उसने उसे जड़ों तक हिला दिया, उसने ऐसा कुछ नहीं सुना और न ही देखा, महिला चारों तरफ थी और आदमी ने उसके डिक को उसके गधे में बहुत मुश्किल से पंप किया था। वह अपने सामने का नजारा देखकर स्तब्ध महसूस कर रही थी, लेकिन इसने उसे भी उत्साहित किया, उस दिन से वह उनके कमरे में घुसकर उनकी गतिविधियों को देखेगी।

वह हर तरह की गतिविधियों को देखती थी, देखती थी और सीखती थी और सपना देखती थी कि जब उसकी शादी होगी तो वह ये सब काम करेगी, लेकिन यहां उसकी शादी को 19 साल हो गए थे और उसके पति ने उसे वहां छुआ तक नहीं था। लेकिन वह अपने पति से प्यार करती थी, चाहे कुछ भी हो और वह उसे कभी भी धोखा नहीं देगा, कई पुरुषों ने उसे बहकाने की कोशिश की।

कुछ साल पहले गर्मियों की सुबह में वह पानी भरने के लिए कुएँ पर निकली थी, रमेश (उसका साला) भी वहाँ अपने दाँत ब्रश कर रहा था, शालिनी ने पानी भरने के लिए कुएँ के किनारे पर कदम रखा, वह नीचे झुकी और बाल्टी को कुएँ में फेंक दिया जब वह खींच रही थी पानी से भरी बाल्टी रमेश उसके पीछे आ गया और उसके गालों को दोनों हाथों से टटोल लिया, शालिनी जनता में टटोलने के उत्साह से झूम उठी।

“अरे, मैं गीर जाउंगी, कृपया मुझे छोड़ दो।” उसने उससे भीख मांगी।

“चिंता मत करो भाभी, मैंने तुम पर अच्छी पकड़ बना ली है।” रमेश ने अपनी साड़ी से उसकी गांड निचोड़ते हुए कहा।

“बाद में, कोई देखेगा।” शालिनी ने उससे छुटकारा पाने के लिए कहा।

‘वह आसानी से मान गई’ रमेश को बेतहाशा खुशी हुई

कि उसे पाना इतना आसान होगा, इतने वर्षों की लालसा के बाद आखिरकार उसे उसकी कल्पना की देवी मिल गई।

शालिनी ने तुरंत अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया; उसने इतनी आसानी से हेरफेर करने के लिए खुद को शाप दिया, वह जानती थी कि रमेश उसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ेगा; वह उसे तब तक तंग करता रहेगा जब तक वह अपना वादा पूरा नहीं कर लेती।

उस दिन बाद में, जब आरती नदी पर गई थी और आरव और उसका पति बाहर थे, रमेश ने उसके घर में प्रवेश किया और उसके पीछे लकड़ी का दरवाजा बंद कर दिया। शालिनी खाना बना रही थी; वह फर्श पर लकड़ी के स्टूल पर बैठी थी। रमेश शादीशुदा था लेकिन उसकी पत्नी शालिनी की सुंदरता से मेल नहीं खाती थी और उसने उसे रात के अलावा कभी अपने पास नहीं आने दिया।

5″6′ के साथ शालिनी गाँव की सबसे लंबी महिला थी, गोल गाल की हड्डियों के साथ उसका एक कोमल चेहरा था और उसकी आनुपातिक रूप से पतली नाक और उसके चेहरे का सबसे अच्छा हिस्सा वहीं बैठी थी; उसका गुलाबी गुलाबी गुलाब, लेकिन रमेश उसके सुडौल गधे की ओर आकर्षित था, रमेश उन्हें नग्न देखने के लिए तरस गया, वह हमेशा कुएं पर मौजूद रहेगा जब वह उसका नग्न मांस देखने के लिए स्नान करेगी।

“भाभी, मैं वादे के मुताबिक आया।” रमेश ने शर्म से घोषणा की।

Part 1 of Desi Incest Story – एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी

“देखो रमेश, मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती।” शालिनी ने खाना बनाते समय झिझकते हुए कहा, उसने उसकी तरफ देखने की हिम्मत नहीं की।

रमेश जानता था कि अपराधबोध से ग्रस्त होने से पहले उसे कार्य करना होगा; वह उसके पीछे बैठ गया और उसके स्तन को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे मोटे तौर पर निचोड़ लिया, शालिनी ने महसूस किया कि उसका कठिन मुर्गा उसकी पीठ पर थपथपा रहा है, उसने खुद को वापस अपने डिक पर दबाते हुए खुद को पीछे की ओर झुका लिया। रमेश ने इसे स्वीकृति के रूप में लेते हुए अपने स्तनों को गूंथना जारी रखा। रमेश ने ब्लाउज में से उसके निप्पल को पिंच किया और वह सराहना के साथ खड़ा हो गया।

“Nooooooo … कृपया मुझे छोड़ दो, कृपया…” उसने उससे भीख माँगी। रमेश के पास शैतान था, अब उसे रोक सकता है, शालिनी को इससे बाहर निकलने का रास्ता सोचना था, वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन यह बुद्धिमानी नहीं होगी, वह भागना चाहती थी लेकिन वह नहीं कर सकती थी और वह उससे लड़ नहीं सकती थी।

रमेश उत्साह से एक जानवर की तरह बहुत जोर से सांस ले रहा था, उसने उसे फर्श पर चूल्हे से दूर धकेल दिया और वह उसकी साड़ी को पर्दे के एक छोर से खींचने लगा और थोड़े प्रयास के बाद उसे निकालने में सफल हो गया।

शालिनी ने इस अचानक बल प्रयोग पर उत्तेजित महसूस किया, वह खुद को हमलावर के सामने प्रस्तुत करना चाहती थी, वह चाहती थी कि वह उसे वैसे भी इस्तेमाल करे, वह चाहती थी कि वह उसकी प्यारी गांड को थपथपाए, वह चाहती थी कि वह उसे जंगली चोद दे, लेकिन उसने अपने आग्रह को नियंत्रित किया, वह उसे उसे चोदने नहीं देगी, वह अपनी इच्छाओं में देने के लिए बहुत मजबूत है।

रमेश ने ऊपर देखा और अपने सपनों की देवी को उसके सामने अपनी पतली अंडरस्कर्ट और ब्लाउज में देखा, शालिनी लाल हो गई जब उसने देखा कि रमेश ने अपना काला राक्षसी डिक निकाला था, जो उसने अपने पूरे जीवन में देखा था आसानी से उन सभी में सबसे बड़ा और यह उसके बड़े शरीर में फिट बैठता है, शालिनी अपने डिक से अपनी आँखें नहीं हटा सकती थी, उसने अपने होंठ चाटे, फिर उसे मारा अगर वह उसे अपने मुंह से सह बनाती है तो वह उसे चोद नहीं पाएगा फिर।

इससे पहले कि शालिनी अपनी योजना को क्रियान्वित कर पाती, रमेश ने एक तेज़ टग में उसके अंडरस्कर्ट को नीचे खींच लिया, जिससे उसकी पूज्यनीय गांड उजागर हो गई, उसके गाल चिकने और कोमल थे, उसके गालों का हिलना उसकी रीढ़ को सिकोड़ रहा था, वह प्रवेश की स्थिति में बंद था उसकी गांड, वह हिलना चाहता था लेकिन वह नहीं कर सका, किसी तरह वह उसके पीछे गया और अपने घुटनों पर बैठ गया और कांपते हाथों से उसने उसके चिकने गालों को हल्के से छुआ।

“उउंगग्घ्ह …” वह अपने सह के साथ उसके गालों को मारते हुए एक कराह के साथ आया, दूसरा स्पर्ट उसके पैरों पर उतरा, शालिनी गर्व और राहत के साथ मुस्कुराई। उसका मर्दाना अभिमान आहत हुआ, वह उसे छूता हुआ आया। घटना के बाद रमेश ने शालिनी को अकेला छोड़ दिया, उसे जब भी देखा तो शर्मिंदगी महसूस हुई।

“आह…” आरव बाहर भागा जब उसने अपनी माँ की पुकार सुनी, वह उसकी पीठ पर फैला हुआ था, वह पानी खींचते हुए कुएँ से फिसल गया और जमीन से चिपके एक पत्थर पर जा गिरा।

“मैं हमेशा कुएं को सूखा रखने के लिए कहता हूं, मैं भाग्यशाली था कि मैं कुएं से गिर गया।” उसने दर्द भरी आवाज में कहा, उसके गालों से आंसू छलक रहे हैं।

“माँ, आपको कहाँ चोट लगी है।” आरव ने पूछा, आरव अपनी मां से बहुत प्यार करता था और उसे दर्द में देखकर वह तड़प रहा था।

“मेरी पीठ में चोट आ गयी।” शालिनी ने अपनी ठुड्डी को सहलाते हुए जवाब दिया।

आरव ने अपनी माँ के चरणों में उसकी सहायता की और उसे घर में ले गया; उसने फर्श पर एक चटाई बिछाई और उसे उस पर लेटने में मदद की।

“कहाँ है आरती, उसे बुलाओ वह मेरी पीठ पर थोड़ा तेल मालिश करेगी।” शालिनी ने आरव से कहा। आरव घर से बाहर निकला लेकिन वह उसे कहीं नहीं मिला।

“माँ, मुझे लगता है कि वह कपड़ा धोने के लिए नदी पर गई है, क्या मैं पिता को खेत से बुलाऊँ।” आरव ने अपनी मां की स्थिति के बारे में चिंतित होकर कहा।

“नहीं नहीं … वह काम कर रहा होगा, उसे परेशान मत करो।”

“रसोई से थोड़ा सा तेल लो और उसे प्याले में कुछ देर के लिए गरम करो, फिर मेरे पास ले आओ।”

आरव तेल लेकर वापस आया, शालिनी अपने सामने लेटी हुई थी, आरव ने पहली बार उसकी गांड पर ध्यान दिया। उसने उसकी गोलाई देखी और जिस तरह से उसने अपनी साड़ी को भर दिया था, उसकी गांड आरती की तुलना में बहुत बड़ी और बेहतर थी, यह पहली बार था जब आरव ने एक महिला के दक्षिण का पता लगाना चाहा अन्यथा उसे हमेशा उसकी माँ या आरती के स्तनों की एक झलक पाने की कोशिश की गई। .

“बेटा, क्या तुम मेरी पीठ पर तेल लगा सकते हो और मैं खुद मेरी पीठ पर तेल नहीं लगा सकता।” उसने धीमी आवाज में पूछा, वह जानती थी कि उसे काम करना पसंद नहीं है और वह इससे बाहर निकलने का रास्ता खोजने की कोशिश करेगा।

“कोई बात नहीं माँ।” यह सुनकर शालिनी खुश भी हुई और हैरान भी।

शालिनी ने हरे रंग की साड़ी और नीले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था, उसने अपनी साड़ी ढीली कर दी। आरव उसे देख रहा था कि वह सिर्फ प्रत्याशा से कठिन था और वह खुश था कि उसकी माँ उससे दूर हो रही थी अन्यथा कोई रास्ता नहीं था कि वह अपने 7″ लवडे को अपनी पैंट को दबाते हुए नहीं देख पाएगी।

“मेरी साड़ी को थोड़ा खींचो, लेकिन बहुत नीचे नहीं और तेल लगाओ।” शालिनी को अपने बेटे से ऐसा करने के लिए कहने में शर्मिंदगी उठानी पड़ी लेकिन उसके पास और कोई विकल्प नहीं था।

आरव ने कांपते हाथों से उसकी साड़ी के दोनों ओर पकड़ लिया और उसे थोड़ा नीचे खींच लिया और उसकी निचली कमर को उजागर कर दिया और अपनी माँ की प्रतीक्षा करने लगा।

“थोड़ा और नीचे।”

हाथ मिलाते हुए उसने उसकी बेदाग कमर को और भी अधिक उजागर करते हुए उसकी साड़ी को नीचे खींच लिया और उसकी दरार का एक संकेत दिया, और उसके संकेत की प्रतीक्षा करने लगा।

“थोड़ा और नीचे।”

क्या उसने सही सुना, क्या उसने ‘निचला’ कहा? आरव जोश से पागल हो रहा था; अपनी बहन को छूना एक बात थी लेकिन उसकी मां को छूना और वह भी उसकी मर्जी से छूना, यह एक अलग स्तर था। तेज़ दिल से उसने उसकी साड़ी को पकड़ लिया और उसे और भी नीचे खींच लिया, जिससे उसके आधे नितंब और गांड फट गई। आरव उसके सामने यह देखकर हांफने लगा कि उसकी चिकनी-सुंदरी त्वचा उसे पागल कर रही थी।

“अपने हाथों में थोड़ा तेल लो और इसे मेरी पीठ पर मलो।” शालिनी ने अपना निरीक्षण बाधित करते हुए कहा।

आरव ने अपनी उँगली तेल में डुबाकर अपनी हथेली पर मला और अपने तैलीय हाथों को उसकी पीठ के छोटे हिस्से पर रख दिया, उसका लंड अपनी पैंट से बाहर निकलने के लिए लड़ रहा था। उसने अपने हाथों से उसकी पीठ की मालिश की, ध्यान रहे कि उसकी गांड में दरार न पड़े।

“बीच पर दबाव बनाओ, दर्द है।” शालिनी बुदबुदाई, उसकी नंगी पीठ पर आरव के हाथ उसे जगा रहे थे और सुख में मिश्रित दर्द उसे पागल कर रहा था।

कांपते हाथों से आरव ने अपनी उँगलियों से दबाव डालते हुए उसकी दरार को छुआ, उसने साड़ी से चिपके हुए उसके बट के मांस को चुटकी बजाई।

“आह्ह्ह्ह, वहीं,” उसकी माँ कराह उठी।

आरव को अपने हाथों को हिलाने और उसे पूरी तरह से नग्न देखने की अपनी इच्छा को पूरा करते हुए अपनी साड़ी को नीचे खींचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन वह अपने नए पाए गए खिलौने को रोकना नहीं चाहता था और अपनी माँ को पेशाब करना चाहता था।

“मुझे लगता है कि दर्द कम फैल गया है, क्या आप थोड़ा कम तेल मालिश कर सकते हैं।” शालिनी बौखला गई; बाद में उसने खुद को शाप दिया कि वह अपने बेटे से उत्तेजित हो रही है।

इस बार उसे उसकी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं थी, उसने बस उसके पूरे भव्य बट को उजागर करते हुए उसकी साड़ी को नीचे खींच लिया, उसने अपने तैलीय हाथों को हिलाया और उसके ग्लोब पर रख दिया और उसकी गांड की चिकनी त्वचा को महसूस करते हुए अपने तैलीय हाथों की परिक्रमा की। उसने हाथ नीचे सरकाए और उसके दोनों गालों को एक साथ निचोड़ा, जिससे वह हिलने लगा, वह आंदोलन से मंत्रमुग्ध हो गया, वह इसे बार-बार करना चाहता था लेकिन उसने खुद को नियंत्रित किया और उसकी गांड की मालिश करने लगा।

“आरव, बीच में तेल लगाओ, दर्द टेलबोन के नीचे है।”

“क्या,” आरव अपनी माँ के बारे में सोच ही नहीं पाया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या उसने सही सुना है, उसने फिर से पूछा।

“मेरे टेलबोन के नीचे का क्षेत्र बुरी तरह से दर्द कर रहा है, वहाँ भी थोड़ा तेल लगाएँ।” उसकी माँ ने कहा।

उसने अपनी उंगलियों को तेल में डुबोया और अपने दाहिने हाथ की तर्जनी को उसकी टेलबोन पर रख दिया, तेज़ दिल से उसने उसकी टेलबोन को नीचे की ओर ट्रेस करना शुरू कर दिया, आरव को यकीन नहीं था कि ‘टेलबोन के नीचे’ का क्या मतलब है, आरव ने अपनी उंगली नीचे खिसका दी और उसने उसके पके हुए छेद की शुरुआत महसूस कर सकती थी। उसने बहुत हल्के से उसके छेद को छूते हुए अपनी उंगली नीचे खिसका दी; किसी भी आपत्ति के मामले में अपनी उंगलियों को वापस सुरक्षा के लिए वापस लेने के लिए सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने इसे अभी भी रखा।

to be continued..

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी https://sexstories.one/desi-indian-family-ki-incest-porn-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:09:33 +0000 https://sexstories.one/?p=5020 उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था...

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Desi Indian Family ki Incest Porn Kahani – आरव अपने पिता द्वारा खरीदा गया रंगीन टीवी देखकर खुश था, यह उसके गाँव का पहला रंगीन टीवी था और वह अपने दोस्तों को इसके बारे में शेखी बघारते नहीं थकता था। आरव एक 18 साल के बच्चे के लिए थोड़ा अपरिपक्व था और उसकी काया ने मदद नहीं की या तो कोई उसे आसानी से 15 या 16 साल के लिए भूल जाएगा। इसके कुछ लाभ भी थे; उसके पिता उसे खेती में शामिल नहीं करते थे।

पिछली बार जब उनके पिता उन्हें चावल की बुवाई के लिए खेत में ले गए, तो उन्होंने एक ही छेद में सारे बीज डाल दिए, अपने बचाव में उन्होंने कहा “पिताजी, आपने मुझे बीज को जमीन में डालने के लिए कहा था, आपने कुछ भी नहीं बताया इसे समान रूप से फैलाने के बारे में। ” उस घटना के बाद उसके पिता उसे कभी खेत में नहीं ले गए।

“माँ, आरव मुझे परेशान करता है, वह मुझे मेरा एपिसोड देखने नहीं दे रहा है, मैं एक महीने से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरती ने अपनी मां से शिकायत की।

“माँ, मुझे शक्तिमान देखना है, मैं एक साल से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरव ने कहा कि वह जानता है कि उसकी मां उससे ज्यादा प्यार करती है और उसकी किसी भी इच्छा से इनकार नहीं किया; आखिर वह घर का इकलौता बेटा था।

“अरे तब हमारे पास टीवी नहीं था।” आरती अपने भाई पर चिल्लाई।

“आरती, अपने भाई को टीवी देखने दो, क्या तुमने बर्तन बनाए।” शालिनी कुएं से चिल्लाई।

वह गाँव के बाहर नदी में स्नान करने वाली अन्य महिलाओं के विपरीत, अपने घर के ठीक बाहर गाँव के कुएँ में स्नान करना पसंद करती थी। आमतौर पर महिलाएं कुएं से पानी अपने घर ले जाती थीं, लेकिन चमत्कारिक रूप से जब भी शालिनी स्नान करतीं तो कई पुरुष कुएं से पानी लेने आते। ऐसा नहीं था कि शालिनी को यह नहीं पता था, लेकिन गाँव के कुएँ में नहाना दिन का उसका पसंदीदा हिस्सा था, वह पूरे दिन उसका इंतजार करती थी।

“कमबख्त वेश्या।” आरती ने अपनी सांस के नीचे अपनी मां को बताया।

आरव ने अपने अहंकार को और भी अधिक चोट पहुँचाने पर विजयी रूप से मुस्कुराया और खुद को टीवी देखने में लगा दिया।

आरती ने बर्तन लिए और उन्हें साफ करने के लिए कुएं पर चली गई, लेकिन वह अपने सामने की जगह को देखकर चौंक गई, उसकी माँ का ब्लाउज गीला था और उसके लाल निप्पल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे, वह देख सकती थी कि दो आदमी खुलेआम अपनी आँखें उस पर दावत दे रहे हैं। . भले ही वह उससे नाराज़ थी, फिर भी उसने अपनी सुरक्षा महसूस की और उसने उसे चेतावनी देने का फैसला किया।

“अरे, माँ क्या तुम मुझे कुएँ से कुछ पानी खींचोगी।” आरती ने अपनी माँ से यह उम्मीद करते हुए पूछा कि वह उसकी ओर मुड़ेगी ताकि वह उसे अपनी स्थिति के बारे में बता सके।

Desi Maa ki Incest Sex – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3

“माँ, तुम्हारा ब्लाउज।” आरती ने अपनी माँ को इशारा किया कि वह उससे बाल्टी लेने के लिए उसकी ओर मुड़ी।

“ओह …” उसने हैरान होकर अपने ब्लाउज को समायोजित किया, उसे पछतावा हो रहा था कि उसने उसे व्यंजन करने के लिए बुलाया और उसने एक मानसिक नोट लिया, अगली बार जब वह स्नान करेगी तो वह उसे टीवी देखने देगी।

“माँ, आपने खाने में क्या बनाया है?” आरव ने पास बैठी आरती पर प्यार से चेहरा बनाते हुए अपनी माँ से पूछा।

वे मिट्टी और लकड़ी से बने एक बहुत छोटे से घर में रहते थे, छत सूखी झाड़ियों से बनाई जाती थी जो बारिश के पानी को घर में रिसने से रोकती थी, जिससे फर्श मैला हो जाता था, उनके पास दो छोटे कमरे थे। उन्होंने एक कमरे में खाना पकाने की सामग्री और दूसरे में घरेलू सामान रखा था, दोनों कमरे एक छोटे से दरवाजे के साथ मिट्टी की दीवार में एक छोटे से छेद से जुड़े थे।

“आरती, आज अपने भाई के साथ सो जाओ।” अपनी माँ की शर्मीली आवाज सुनकर आरती एक मुस्कान को दबा नहीं पाई, वह अपने भाई की तरह गूंगी नहीं थी, यह समझने के लिए कि जब भी वे एक साथ कुछ निजी समय बिताने के मूड में होते, तो उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए भेज दिया जाता था अन्यथा वह सो जाती थी माँ के साथ और उसका भाई अपने पिता के साथ सोएगा।

आरती ने लाल रंग की फूलदार स्कर्ट पहनी थी जो मुश्किल से उसकी जांघों के बीच में आती थी और कई जगहों पर सिल दी जाती थी, उसने अपने भाई को मुस्कुराते हुए देखा जब उसने सुना कि वह उसके साथ सो रही है।

“यदि आप आज कुछ भी करते हैं, तो मैं पिताजी को बता दूँगा और वह आपकी बकवास को हरा देंगे।” आरती ने अपने भाई से दृढ़ता से कहा, पिछली बार जब वह अपने भाई के साथ सोई थी, तो वह किसी तरह अपना हाथ उसके ऊपर डालने में कामयाब रहा था और उसके स्तनों को सहला रहा था, आरती उस पर नाराज थी लेकिन वह इसकी गंभीरता को जानती थी इसलिए उसने नहीं किया उसके माता-पिता के साथ उसका भंडाफोड़ किया और खुद चीजों को संभालने का फैसला किया।

“मैंने कुछ नहीं किया।” आरव ने साहसपूर्वक उत्तर दिया, वह जानता था कि वह झांसा दे रही है।

आरती ने उसे अनसुना कर दिया, वह बिस्तर बनाने में व्यस्त हो गई, उसने फर्श पर छोटी-सी चटाई बिछा दी और तकिया बनाने के लिए चादर घुमा दी। उसकी माँ ने उसके पिता को रंगीन टीवी खरीदने के लिए राजी किया था, जबकि वे उस पैसे से कई घरेलू सामान खरीद सकते थे।

आरव उत्तेजना से सो नहीं पा रहा था, वह उसके स्तनों की कोमलता के बारे में सोच रहा था, यह उसके हाथों में कैसा लगा, वह जानता था कि वह बादाम के आकार की आँखों से सुंदर थी, प्यारी छोटी नाक, उसके बेदाग गुलाबी गाल लेकिन सबसे अच्छा उसके चेहरे का हिस्सा उसके होंठ थे, स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग और ऐसा लग रहा था कि यह उसके चेहरे पर तराशा गया हो। “क्या बात है, क्या मैं सोच रहा हूँ कि वह एक झटका है।” उसने सोचा, उसे अपनी बहन की इस तरह सराहना करते हुए अजीब लगा।

आरव ने करवट बदली और देखा कि उसकी बहन गहरी नींद सो रही है, वह सोते समय बहुत सुंदर लग रही थी, वह उसके गुलाबी होंठों को देखकर उत्तेजित हो गया और उसे चूमना चाहता था, लेकिन इसके बजाय उसने अपना बायाँ हाथ ब्लाउज से ढके उसके स्तन पर घुमाया, उसने उसके स्तन दबा दिए थोड़ा और उसका चेहरा देखा कोई प्रतिक्रिया देखने के लिए, कोई नहीं। उसने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और अपने हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, उसे अपने हाथों में उसके नग्न स्तन को थपथपाना बहुत अच्छा लगा, और वह उसके निप्पल को अपनी हथेली से चरते हुए महसूस कर सकता था।

उसने धीरे से अपना हाथ उसके स्तन को घुमाते हुए घुमाया और वह उसके निप्पल को अपने हाथों में बढ़ता हुआ महसूस कर सकता था, उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था इसलिए वह नीचे झुक गया और भूख से उसके आधे स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसके चिकने, मुलायम लेकिन कोमल स्तनों को बेतहाशा चूस रहा था।

आरती को उत्तेजना महसूस हुई, वह एक उन्माद में थी कि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके स्तन को क्या हो रहा है, उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसके स्तन को उसके शरीर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है और इसने उसे उत्तेजना से जंगली बना दिया है। तब उसने महसूस किया कि यह उसका भाई है जो उसकी छाती को चूस रहा है, वह एक झटके के साथ अपना सिर एक तरफ करके बैठ गई।

“आप क्या कर रहे हो।” आरती ने पूछा, एक ही समय में दोहरी भावनाओं को महसूस करते हुए, वह उस पर गालियाँ देना चाहती थी, लेकिन वह अपनी उत्तेजित अवस्था के कारण ऐसा नहीं कर सकी। वह उत्तेजना से भर गई थी, उसके गाल लाल हो गए थे और उसने उसकी ओर देखा लेकिन उसे नहीं पता था कि क्या करना है।

“मुझे बहुत खेद है, आप बहुत सुंदर लग रहे थे, मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका, मुझे वास्तव में खेद है, कृपया पिता को मत बताना।” आरव चिंता से बौखला गया, वह जानता था कि वह बहुत दूर चला गया है, छूना एक बात है लेकिन उसके स्तनों को चूसना पूरी तरह से अलग था, वह एक रेखा थी।

वह शांत हो गई जब उसने अपने भाई को यह कहते हुए सुना कि वह सुंदर दिखती है, किसी ने उसे कभी नहीं बताया कि वह सुंदर थी, वह हमेशा अपने बारे में सचेत रहती थी, वह हमेशा सोचती थी कि वह अच्छी दिख रही है या नहीं, इसलिए जब उसने अपने भद्दे भाई (जो एक ट्रिलियन वर्ष में उसकी किसी भी चीज़ की प्रशंसा न करें) उसके पूरक के रूप में, उसने अपने भीतर गर्व की लहर महसूस की।

“क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ।” उसने अपने भाई से बाकी सब कुछ भूल जाने के लिए कहा, जो उसके अभी भी खुले स्तन को देख रहा था।

उसने महसूस किया कि उसने उसकी कमजोर जगह को छू लिया है। “बेशक, तुम सुंदर हो।” उसने मुस्कराहट दबाते हुए उत्तर दिया।

“चलो सो जाते हैं, लेकिन कोई शरारत नहीं।” आरती ने गंभीर स्वर में आरव से कहा।

to be continued..

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