koi dekh raha hai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/koi-dekh-raha-hai/ Hindipornstories.org Thu, 18 Nov 2021 10:00:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 हवस चुदाई की https://sexstories.one/havas-chudai-ki/ Thu, 18 Nov 2021 10:00:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3337 पापा सोफे पर बैठ गए पापा ने मम्मी को अपने लंड को चूसने को कहा . फिर पूछा की अग्रवाल की मोंत के बाद रजनी कहा है. मम्मी ने कहा की अग्रवाल ने उसे पास ही में एक घर दिला दिया है वो वही रहती है अपनी बेटी के साथ ...

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havas chudai ki – पापा ने पूछा आगे बताओ. मम्मी बोली की- उस दिन अग्रवाल ने जाने का नाटक किया जैसा मेने कहा था और घर की एक दुप्लीकेट चाभी उसे दे दी . फिर मेने रजनी को अपने कमरे में ले गयी और गुस्से में उससे पूछा की तुम मेरे कमरे में क्यों झाँक रही थी कल . वो डर गयी बोली मालकिन में तो झाड़ू लगाने आई थी . में किसी से नहीं कहूँगी सच . और वो रोने लगी मेने और जोर की आवाज में कहा की जा साली तेरे कहने से क्या होता है. मेरा पति मुझे बहुत प्यार करता है वो ये सुनते ही तुझे जान से मार देगा. वो बहुत दर गयी हाथ जोड़ कर मेरे पैरो में गिर कर बोली मालकिन सच में कभी अपना मुह नहीं खोलूंगी . मुज पर दया कीजिये आप जैसा कहोगी में वैसा करुँगी आज से . मेने कहा ठीक है जा एक गिलाश पानी ला मेरे लिए वो जल्दी से पानी ले आई . में बेद पर लेट गयी और उससे जमीं पर बैठने को कहा .

मेने उससे पूछा की तेरे पति को मरे हुए कितना टाइम हुआ है ? उसन कहा की मालकिन २ साल . मेने उससे उम्र पूछी तो बोली की ३३ साल है मेने बचो का पूछा तो कहा इ एक भी नहीं मेने पूछा की क्यों तो उसने कहा की मेरा पति नामर्द था . उसका तो खड़ा ही नहीं होता था . इसी लिए उसने आत्माहत्या कर ली . मैं ये सुनकर खुस हो गयी . मेने उसे कहा की मेरी अलमारी में नीचे के खाने से पुराणी ब्रा और पैंटी निकाल. उससना तुरंत कहना माना. मेने उससे कहा की मेरा साइज़ तुजे थोडा बड़ा पड़ेगा पर इसे पहन ले तेरे पास ये चीजे नहीं है .

पापा ने हँसते हुए कहा की हा तुम्हारे बूब्स तो शुरू से ही बहुत बड़े है.

मम्मी ने आगे कहा की वो दुसरे कमरे में जाकर ब्रा और पंटी पहन कर आ गयी .में एकदम चिल्लाई साली कुतिया मेने कहा था की सिर्फ ब्रा और पंटी पहन कर आना . उसने कहा नहीं मालकिन आपने तो सिर्फ पहनने के लिए कहा था . में फिर गुस्से में बोली साली जुबान लड़ती है .. चल यहाँ आ . वो आई तो मेने खीच कर उसकी साडी उतर दी . बेचारी सिर्फ मालकिन मालकिन करती रह गयी . फिर मेने उसका ब्लौसे और पेटीकोट भी उतार दिया .उसका फिगर भी काफी अचछा था .

फिर मेने भी अपने कपडे उतारे और पूछा की तेरे घर में कोन कोन है? उसने कहा की सास और में बस . मेने पूछा किसी से करने का मन नहीं करता तो बोली की करता है पर क्या करू . मना कहा की में तुजे लंड दिलाऊ तो और तुजे बच्चा भी पैदा करवाऊ तो वो दर कर बोली नहीं मालकिन बहुत बदनामी होगी . मेने कहा की तेरी सास अच्छी है? उसन कहा नहीं कमीनी है मुझे मारती भी है .

मेने कहा की तू उसे छोड दे उसके साथ क्यों रहती है ? तो बोली मालकिन कहा जाउंगी ? मेने कहा की ये कपडे भी उतार . हम दोनों नंगी हो गयी थी में उसके बोबे दबाने लगी फिर वो भी मूड में आ गयी मेने उसकी चूत में ऊँगली घुसाई तो वो नहीं घुसी वो चिल्लाई आह्ह्हह्ह उसकी चूत बहुत टाइट थी मेने बहुत देर तक उससे अपनी चुद चटवाई . फिर उसे बेद पर लिटा कर उसकी साडी से उसकी आँख बाँध दी .

मेने कहा की मुझे शर्म आ रही है . मेने अग्रवाल को इशारा किया वो रूम में आ गया फिर वो रजनी की चूत चाटने लगा . फिर जब रजनी झड गयी तो में रजनी के साथ लेट गयी और उसके बोबे दबाने लगी अग्रवाल मेरी चूत चाटने लगा . जड़ में झेड गयी तब मेने रजनी से कहा की में तुम्हारी चुद में एक खीर डालूंगी . मेने उससे कहा की अपनी टाँगे पूरी तरह से फेला ले . मेने अग्रवाल से इशारे में कहा की बिना इसे टच किये . फिर वो अपने लंड को उसकी चुद पर फिरने लगा रजनी की हालत ख़राब हो रही थी . कहने लगी मालकिन जल्दी अब सब्र नहीं होता . अग्रवाल ने धीरे धीरे लंड उसकी चुद में घुसना चलू किया तो रजनी की चीख निकाल गयी .

ये सुनकर पापा का लंड फिर तन गया . वो सोफे पर लेट गए और मम्मी को अपने खड़े लंड पर बैठने को कहा . मम्मी पापा के लंड पर बैठ गयी और ऊपर नीचे होने लगी . पापा ने पुछा की वैशाली तुमने मुझे ये बाते पहले क्यों नहीं बताई ? मम्मी बोली की अग्रवाल ने मुझे टीना की कसम दी थी की मेरे मरने के पहले ये बाते अपने पति को मत बताना इसलिए . आप मुझे माफ़ कर दे . पापा ने कहा की कोई बात नहीं . आगे बताओ

मम्मी पापा के लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी. मेरी ऊँगली भी अपनी योनी में धीरे धीरे अन्दर जा रही थी .

मम्मी बोली- अग्रवाल ने पहला झटका जोर से मारा तो रजनी की चीख निकाल गयी मालकिन धीरे धीरे अग्रवाल ने पहले ही झटके में अपना आधा लुंड उसकी चुद में घुसा दिया था . फिर वो धीरे धीरे लंड चुद में अन्दर बहार करने लगा . रजनी बोली मालकिन बहुत मजा आ रहा है . फिर मेरे इशारे पर अग्रवाल ने लंड उसकी छुए से निकाल लिया तो वो बोली मालकिन थोड़ी देर और . उसकी आवाज में याचना थी . में बोली रुक में तुजे अब चोदूंगी . उसन पूछा कैसे ? मेने कहा की ये खीर बहुत बड़ा है इसे में अपनी चुद में पूरा डाल लेती हु . फिर भी ये इतना बहार बचा है जितना बड़ा मर्द डा लंड होता है . बस उसी से में तुझे चोदुन्गी उसने कहा मालकिन जल्दी बड़ा मजा आएगा . मेने कहा ठीक है और अग्रवाल को इशारा किया वो तुरंत उस पर चढ़ गया और उसकी चुद में लंड घुसा दिया . आधा लंड उसकी चुद में जाने के बाद उसने ऐसा झटका मारा की पूरा लंड उसकी चुद में उतार गया . वो झंझाना गयी फिर अग्रवाल उसे धीरे धीरे छोड़ने लगा वो भी उसके साथ कमर हिला रही थी . १५ मिनुत की चुदाई के बाद वो झड़ने लगी तो चिल्लाई मालकिन में तो गयी . तभी अग्रवाल भी झड गया .और पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया .

आह्ह्ह कहकर मम्मी और पापा भी दोनों झड गए . पापा के लंड से होकर चुद से पापा का वीर्य और मम्मी का पानी निकलने लगा पापा ने मलाई का बर्तन उठाया और मम्मी की चुद के नीचे कर दिया . पूरा वीर्य और मम्मी का पानी मलाई ने गिर गया . पापा ने कहा की जानू में आज ये मलाई खाऊंगा थोडा सा जोर लगाकर अपनी चुद से पूरा माल इसमें में निकाल दो . मम्मी ने कहा की नहीं की ठीक है पर में शर्त लगाती हु की तुम इसे नहीं खा पाओगे . पापा ने कहा की ठीक है नाश्ते मई कल सुबह में यही खाऊंगा . मम्मी हसी और कहा की देखो . पापा उनकी चुद देखने लगे मम्मी ने थोडा दम लगाया और फिस्स्स्स की आवाज आई मेने देखा की मम्मी ने बर्तन में थो दी सी पेसाब कर दी थी वो पेसाब बहुतगाढ़ी थी उसमे मम्मी की चुद का पानी मिक्स था . मम्मी ने कहा की अब मलाई खाओगे ? पापा ने कहा उठो फिर उन्होंने भी थोसी सी वीर्य मिश्रित पेसाब बर्तन में कर दी उसे चम्मच से मिक्स करने लगे और कहा की सुबह मुझे नाश्ते में यही देना .पापा मम्मी दोनों फिर सोफे पर लेट गए .

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मम्मी ने आगे कहा पता है

जब अग्रवाल का गर्म वीर्य उसकी चुद में जाने लगा

तब जाकर रजनी को अहसास हुआ की उसकी चुद में असली लंड है . उसने आँख से तुरंत साडी हटाई तो अग्रवाल को देखकर दंग रह गयी . उसने उठने की कोशिस की तो अग्रवाल ने उसे बांहोंमें भर लिया वो कहने लगी की मालकिन ये आपने क्या किया . अब बच्चा हो गया तो में क्या करुँगी? मेने कहा की तू फिक्र मत कर तू इनके फार्म हाउस पर इनकी बीबी बनकर रहना ये बच्चा चाहते है . तुम जिन्दगी भर आराम से रहना . वो खुस हो गयी .

अग्रवाल ने चार दिन तक हम दोनों की बहुत चुदाई की फिर तुम्हारे घर आने के तीन घंटे पहले रजनी को लेकर चले गया . तुम्हे पता है . वो हीरे का हार मुझे सड़क पर नहीं मिला था . वो अग्रवाल ने मुझे चुदाई का इनाम दिया था .

आप मुझे मेरे एक गुनाह के लिया माफ़ करेंगे ?मम्मी ने गंभीरता के साथ कहा. पापा ने पूछा कैसा गुनाह ? मम्मी ने कहा की उसके बाद जब भी आप टूर पर जाते वो और रजनी यहाँ आ जाते और हम सेक्स करते थे ..

पापा ने कहा की ये कब तक चलते रहा ? मम्मी बोली की जब तक टीना ७ साल की नहीं हो गयी तब तक . फिर जब भी अग्रवाल आता टीना पूछने लगती की ये कोन है तब मेने उसे माना कर दिया की अब यहाँ मत आना .

पापा ने कहा की वो हर बार तुम्हे कुछ देता था तो मम्मी ने कहा की हां . वो साब चीजे मेने टीना के दहेज़ के लिए लोकर में रखी है .

पापा ने गुस्से में कहा की में तुम्हे एक अच्छी पत्नी समझता था तुम तो रंडी निकली पैसा ले कर चुद्वाती हो . बताओ कितनो के साथ चुदवाया है ? मम्मी चुप हो गयी धीमी आवाज में कहा की और किसी से नहीं . पापा बोले की तुम्हे तो कोठे पर बैठना था बहुत माल कमाती .

मै ये भी नहीं सोच सकती थी की मेरे बाप ने अपनी पत्नी को एक कोन्टरेक्ट के लिए चुदवाया .मै ये भी नहीं सोच सकती थी की मेरा बाप असल मै मेरा बाप ही नहीं है . .मै ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती थी की मेरी माँ एक रंडी हो सकती है .
थोड़ी देर बाद मम्मी ने कहा की तुम मुझे रंडी बोल रहे हो पर मुझे रंडी किसने बनाया ? किसने मुझे अग्रवाल के निचे सोने के लिए कहा था? किसने मुझे अग्रवाल का गर्भ गिराने को रोका था? किसने अतुल किसने? वो तुम थे अतुल तुम . हा में रंडी हु पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे कारण अतुल. एक बात बताओ अगर अग्रवाल तुमसे कहता की में तुम्हारे टूर पर जाने के बाद तुम्हारी बीबी को चोदुंगा तो तुम मना कर पाते? बोलो अतुल बोलो ? पापा कुछ नहीं बोल पाए . मम्मी ने कहा की तुम्हे उसे झक मार कर इज़ाज़त देनी पड़ती . और तुम हर बार टूर से आकर मुझे कई लकडियो को छोड़ने के किस्से सुनते थे मेने तो कभी कुछ नहीं कहा? तुम तो बहुत बड़े रंडी बाज़ हो और मुझसे ऐसी बात करते हो ?

पापा थोड़ी देर तक चुप रहे फिर कहने लगे मुझे माफ़ कर दो वैशाली में ये सुनकर अपने पर काबू नहीं रख पाया की साला अग्रवाल तुम्हे ६ साल तक चोदता रहा . मुझे माफ़ कर दो . पापा की आँखों में आंसू थे . मम्मी बोली ठीक है पर आज के बाद कभी ऐसा मत कहना . .

फिर पापा ने पूछा की रजनी को लड़का हुआ? मम्मी ने कहा की पहली बार तो लकड़ा हुआ पर जन्म के २ घंटे बाद वो मर गया था . दूसरी बार एक लकड़ी हुई है वो १२ साल की है इप्शिता और उसमे ३ दिन का अंतर है . उसका नाम रूपल है .

थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी से कहा की तुम खिड़की के पास चलो . पापा के टेबल लेकर खिड़की के पास गए पापा ने मम्मी से कहा की खिड़की पकड़ लो और एक पैर टेबल पर रख लो. फिर पापा ने अपना सनसनाता हुआ लंड मम्मी की चुद में घुसा दिया और मम्मी को चोदने लगे . मेरी हालत बहुत ही ख़राब थी में एक ही दिन में ४ बार झड चुकी थी मुझे नींद भी आ रही थी .पापा किसी घोड़े की तरह मम्मी को चोदे जा रहे थे मम्मी की हालत बहुत ख़राब थी वो पूरी तरह लाल हो गयी थी तभी आवाज आई चट्ट मम्मी में मुह से चीख निकल गयी . पापा ने मम्मी के नितम्बो पर जोर से चाटा मारा था .

फिर तड़क तड तड पापा हर धक्के के साथ मम्मी के बड़े बड़े नितम्बो पर चांटे मार रहे थे .थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी को टेबल पर लिटा दिया और उनकी टाँगे फेला दी . मम्मी की चुद देख कर मेरे होश फक्त हो गए . मम्मी की चुद बहुत फ़ैल गयी थी . पापा का लंड एक झटके में दोबारा उनकी चुद में दाल दिया . पापा फिर से उसी स्पीड में मम्मी को चोदने लगे १५ मिनिट की जबरजस्त चुदाई के बाद वो दोनों झड गए . पापा मम्मी की चुद में लंड डाले हुए ही उन्हें गोद में उठा कर मलाई के बर्तन के पास ले गए और फिर से सारे माल बर्तन में निकल दिता फिर मम्मी को उसमे पेशाब करने को बोला और फी खुद ने भी थोड़ी पेसाब उस में कर दी .

पापा सोफे पर बैठ गए पापा ने मम्मी को अपने लंड को चूसने को कहा . फिर पूछा की अग्रवाल की मोंत के बाद रजनी कहा है. मम्मी ने कहा की अग्रवाल ने उसे पास ही में एक घर दिला दिया है वो वही रहती है अपनी बेटी के साथ . उसकी देती रूपल इप्शिता की ही क्लास में पड़ती है . अग्रवाल ने उसके नाम भी ८ लाख रुपये और रजनी के नाम ५ लाख रुपये कर दिए थे. में रूपल को पहचानती थी वो बहुत अच्छी लड़की थी मेने सोच में पड़ गयी वो मेरी बहन थी .
पापा ने फिर पूछा की अब वो किससे चुदवाती है? मम्मी ने कहा की किसी से भी नहीं उसकी लड़की बड़ी हो गयी है . तो पापा ने कहा की तुम चाहो तो उसे कभी कभी घर बुला लिया करो जब बच्चिया स्कूल जाये तब में तुम दोनों को उसी तरह चोदुंगा जैसे अग्रवाल चोदता था . सच कहू तो में उस समय उसे चोदना चाहता था.

जब टीना तुम्हारे पेट में थी पर मोका ही नहीं मिला. मम्मी ने कहा की ठीक है रजनी के नाम से ही तुम्हारा लंड खड़ा हो रहा है .

पापा ने कहा की अब फिर से डोगी स्टाइल में में तुम्हे चोदुंगा.मम्मी ने कहा की नहीं तुमने आज इतनी जोर जोर से धक्के मारे है की मेरी चूत की दीवारे जलन कर रही है . पापा ने कहा की नहीं में तो चोदुन्दा या अपनी गांड मरवाओ. मम्मी ने कहा की पिछली बार आधा लंड ही गया था और में ५ दिन तक सही से लेट्रिन नहीं कर पाई थी . प्लीज़ रहने दो . पापा ने कहा की पहली बार में ही दर्द होता है. इस बार टूर पर मेने एक १५ साल की लड़की को छोड़ा था . उसने मुझे गांड मरने को भी कहा था. मम्मी ने कहा की वो कैसी थी ? पापा ने कहा की टीना जैसी बस उसके बोबे टीना के बोबो से छोटे थे . मम्मी ने हस्ते हुस कहा की अपनी लड़की को कैसी नजरो से देहते हो . पापा ने कहा की नहीं में तो बता रहा था.
मम्मी बड़ी मुश्किल से राजी हुई . पापा ने थोड़ी करें मम्मी की गांड के छेद पर मसल दी .

अपने लंड को पूरा करें में लपेट लिया . फिर धीरे धीरे दबाव डालने लगे मम्मी कह रही थी की धीरे धीरे . फिर मम्मी एकदम चिल्लाई आआआ ह्ह्ह पापा के लाना का आगे का गोल सिरा मम्मी की गांड में घुस गया था . पापा ने एक जोर का झटका दिया तो मम्मी की तो जैसे सांस ही अटक गयी हो . पापा का आधा लंड उनकी गांड में था वो भू जोर से चिल्ला रही थी आःह्ह अतुल नहीं अझ निकल लो वापस आह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है . में मर जाउंगी . आह्ह्ह . पापा ने कहा की चुप रहो नहीं तो लडकिया जाग जाएगी .मम्मी गिडगिडा रही थी तभी पापा ने अपना पूरा वजन और एक जोर दार झटका डाला . पापा की कमर मम्मी की कमर से चिपक गयी . उनका पूरा लंड मम्मी की गांड में था . पपने मम्मी का मुह उसी समय हाथ से बंद कर लिया था नहीं तो मम्मी इतनी जोर से चिल्लाती की पडोशी भी आवाज़ सुनकर आ जाते . मम्मी बिस्तर पर निढाल पड़ी थी . पापा कुछ देर उनके ऊपर लेते रहे फिर धीरे धीरे धक्के मरने लगे . मम्मी को कुछ आराम मिला .फिर थोड़ी देर बाद मम्मी भी पापा के साथ अपनी कमर हिलाने लगी . १० मिनिट बाद बाप झेड गए फिरा दोनों निढाल होकर सोफे पर लेट गए .

इसी बीच में भी २ बार झड चुकी थी . कमरे में जहा में कड़ी थी निचे गीला गीला हो रहा थो मेने अपनी पंटी से उसे साफ़ किया .

कुछ देर बाद मम्मी ने मलाई का बरतल ले जाकर किचेन में रख दिया .मम्मी को चलने में तकलीफ हो रही थी वो लंगड़ा कर चलरही थी . उन्होंने अपने और पापा के कपडे लेकर अपने बेडरूम में रख दिए . फिर खली गिलाश धो कर रख दिए . फिर पापा और मम्मी अपने रूम में जाकर सो गए .

मेने भी अपने कपडे पहने और पापा मम्मी के रूम में देखा तो दोनों नंगे ही एक दुसरे की बाहों में सो रहे थे में भी अपने रूम में जाकर सो गयी …………….

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दरवाजा खुला रह गया https://sexstories.one/darwaza-khula-reh-gaya/ Mon, 13 Sep 2021 06:55:29 +0000 https://sexstories.one/?p=4302 मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह मनीष था। मनीष ने मुझे कहा कि रोहित तुम कितने दिनों बाद मुझे मिल रहे हो तो मैंने मनीष को कहा हम लोग करीब 7 वर्षों बाद मिल रहे हैं। कॉलेज खत्म होने के बाद हम लोगों की मुलाकात ही नहीं हो पाई और यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि इतने वर्षों बाद हम एक दूसरे को मिल रहे थे। हम जब एक दूसरे को मिले तो हम दोनों को मिलकर काफी अच्छा लगा मैंने मनीष को कहा कि तुम क्या दिल्ली में ही रहते हो तो वह मुझे कहने लगा कि नहीं मैं अब दिल्ली में नहीं रहता मैं कोलकाता में नौकरी करता हूं और वहां मैं पिछले 5 वर्षों से काम कर रहा हूं। मैंने मनीष को कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है मनीष मुझसे कहने लगा रोहित तुम क्या कर रहे हो तो मैंने उसे बताया कि मैं भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहा हूं और पिछले काफी वर्षों से मैं वहीं पर नौकरी कर रहा हूं।

मैंने मनीष का नंबर ले लिया और उससे कहा कि तुम कितने दिनों तक रुकने वाले हो वह मुझे कहने लगा कि मैं इस हफ्ते तो घर पर हूं। मैंने मनीष को कहा अभी तो मैं अपनी फैमिली के साथ शॉपिंग करने के लिए आया हूं मैं तुमसे कुछ दिनों बाद मुलाकात करता हूं तो मनीष कहने लगा ठीक है। मनीष भी वहां से चला गया और मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग कर के अपने घर लौट चुका था हर रोज की तरह मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था कि तभी रास्ते में मेरी मोटरसाइकिल का टायर पंचर हो गया जिस वजह से मुझे उस दिन ऑफिस पहुंचने में देर हो गई। मैं अपने ऑफिस तो पहुंच चुका था लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे काफी कुछ कहा उसी दिन जब मैं शाम के वक्त घर वापस लौट रहा था तो मनीष का मुझे फोन आया और मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित क्या कल तुम फ्री हो। मैंने मनीष को कहा हां कल मैं फ्री हूं मनीष मुझे कहने लगा कि क्या कल तुम मुझे मिल सकते हो तो मैंने मनीष को कहा हां।

अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैंने मनीष को कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं और अगले दिन जब मैं मनीष को मिला तो मनीष ने मुझे कुछ भी नहीं बताया था और उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में बुला लिया। हम लोग एक रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे हम लोग वहां पर बैठे हुए थे तो मैंने मनीष को कहा की तुमने मुझे यहां पर क्यों बुलाया है तो मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित आज मैं तुम्हें किसी से मिलाना चाहता हूं। मैंने मनीष को कहा आज तुम मुझे किससे मिलाना चाहते हो हम दोनों आपस में बात कर रहे थे कि तभी एक लड़की आई वह जब आई तो मनीष ने मुझे कहा कि यह अंजली है। मैंने मनीष को कहा मनीष क्या तुम अंजलि को जानते हो तो मनीष कहने लगा हां, मनीष ने मुझे उस दिन पूरी बात बताई और कहने लगा कि अंजलि और मेरी मुलाकात ट्रेन में हुई थी उसके बाद हम दोनों में प्यार हुआ और अब हम दोनों शादी करना चाहते हैं।

मैंने मनीष को कहा मनीष यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम शादी करना चाहते हो और अंजलि जैसी अच्छी लड़की तुम्हें मिल रही है। अंजली भी हमसे खुलकर बात कर रही थी और मनीष के साथ मैं काफी देर तक बात करता रहा मनीष के साथ मैंने बहुत देर तक बात की और उस दिन हम तीनों ने ही बहुत अच्छा समय साथ में बिताया उसके बाद अंजलि चली गई। मनीष ने मुझे पूरी बात बताई कि कैसे उसे अंजली मिली और उसके बाद उन दोनों में कैसे प्यार हुआ मैंने मनीष को कहा तुम बहुत ही खुश नसीब हो जो तुम्हें अंजलि जैसी लड़की मिल रही है। अंजली बहुत ही सुंदर थी और वह एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर भी है मैंने मनीष को कहा मनीष मैं अभी अपने घर के लिए निकलता हूं मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करूंगा।

मैं अपने घर के लिए निकल चुका था और फिर कुछ दिनों बाद मेरी मनीष से बात हुई वह कोलकाता वापस लौटने वाला था मैंने मनीष को कहा तुम कोलकाता से वापस कब आओगे मनीष कहने लगा कि मैं अब दो महीने के बाद ही वहां से आऊंगा। एक दिन मैं अपनी मोटरसाइकिल से अपने ऑफिस की तरफ जा रहा था उस दिन काफी बारिश हो रही थी तो मैंने अपना रेनकोट पहन लिया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन भी मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो गई थी लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे कुछ नहीं कहा।

मैं उस दिन शाम को घर वापस लौट रहा था तो रास्ते में मुझे अंजलि दिखाई दी मैंने अंजलि को देखते हुए अपनी बाइक को रोक लिया और उसके बाद मैं अंजली से मिला। जब मैं अंजली से मिला तो मैंने अंजलि को कहा तुम यहां पर कैसे तो अंजलि मुझे कहने लगी कि मैं किसी काम से यहां आई हुई थी। मैने अंजलि को कहा कि मैं यहां से गुजर रहा था तो सोचा तुम से मिल लूँ अंजलि कहने लगी कि तुमने बहुत अच्छा किया। मैंने अंजलि से कहा कि क्या तुम्हारी मनीष से बात होती रहती है तो वह मुझे कहने लगी कि हां मनीष से मेरी बात होती रहती है। उस दिन अंजलि ने मुझे बताया कि वह लोग जल्दी सगाई करने वाले हैं अंजलि ने अपने घर पर इस बारे में बता दिया था और शायद मनीष ने भी इस बारे में अपने परिवार वालों को बता दिया था जिसके बाद वह लोग अब सगाई करने वाले थे। मैंने अंजलि को उसकी सगाई के लिए बधाई दी और कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते को मान चुके हैं। अंजलि कहने लगी की हां अब उन्हें मानना तो था ही।

अंजलि और मैं उस दिन काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे उसके बाद भी अंजलि और मेरी मुलाकात होती रही। एक दिन अंजलि मुझे दिखी तो उस दिन काफी तेज बारिश हो रही थी। वह मुझे कहने लगी क्या तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ दोगे? मैने अंजलि को कहा हां क्यों नहीं मैंने अंजलि को उसके घर तक छोड़ा हम दोनों ही काफी भीग चुके थे। उसने मुझे घर के अंदर ही बुला लिया और वह कहने लगी तुम घर पर ही आ जाओ। मैंने उसे पहले तो मना किया लेकिन फिर मैं घर पर चला गया जब मैं घर पर गया तो उस वक्त अंजलि के घर पर कोई भी नहीं था और अंजलि अपने कमरे मे कपडे बदलने लगी लेकिन उसने अपने दरवाजे को खुला ही रखा था।

जब मैंने दरवाजा खोला तो मैंने उसके बदन को  देख लिया था उसका गोरे बदन को देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। वह तौलया लपेटे हुए कमरे से बाहर आई और मुझे कहने लगी सॉरी रोहित मैं कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गई। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं लेकिन मेरी नजर तो सिर्फ उसके गोरे बदन पर थी मौसम भी बहुत ज्यादा सुहाना था तभी बादल बहुत तेज आवाज में गड़गडाहट कर रहे थे अंजलि मुझसे लिपट गई जब वह मुझसे लिपटी तो मैं उसके बदन को महसूस करने लगा। मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी गांड की तरफ बढ़ने लगा वह मुझे कुछ नहीं कह रही थी। उसके अंदर की गर्मी बढ चुकी थी मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था उसके स्तनों को मैंने काफी देर तक अपने मुंह में लेकर चूसा मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी।

हम दोनों के बदन से काफी गर्मी बाहर निकलने लगी थी मैंने अंजलि के स्तनों को बहुत देर तक चूसा उसके बाद मैंने उसकी पैंटी को उतारते हुए उसकी चूत के अंदर उंगली घुसाने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत के अंदर उंगली नहीं जा रही थी। मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए मैंने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया वह बड़ी तेजी से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत पूरी तरीके से फाड कर रख दी है।

मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वह मुझे कहने लगी अब तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए उसकी चूत की चिकनाई में बढ़ोतरी हो गई थी। वह मुझसे कहने लगी आप मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो उसके धक्को मे लगातार बढ़ोतरी हो रही थी और उसकी गर्म सांसे मेरे कान मे सुनाई देती तो मैं उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लेता और उसे तेजी से धक्के देता। उसके बदन से गर्मी बाहर निकलने लगी वह पसीना पसीना होने लगी थी। उसका बदन गिला हो चुका था मैंने जब उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही खून बहार निकलने लगा था। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए उसकी चूत के अंदर ही मैन अपने वीर्य को गिरा दिया। मैंने अब उसकी चूत से मेरे वीर्य को साफ किया। मैंने उसे घोड़ी बना कर दोबारा से चोदना शुरू कर दिया वह मेरा साथ बखूबी निभा रही थी वह मुझसे चूतडो को बार मिलाए जा रही थी।

मैंने उससे कहा मनीष और तुम्हारे बीच कभी पहले कुछ हुआ था? वह कहने लगी यदि हम लोगों के बीच कुछ होता तो क्या मेरी चूत से खून निकलता। मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत का उद्घाटन मैने ही किया है। वह कहने लगी हां अब ऐसा ही तुम समझ लो वह मुझसे बड़ी तेजी से चूतडो को मिलाए जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी उसने इतनी ज्यादा बढ़ा दी थी कि मैं भी झड़ने वाला था। मै उसकी चूतडो पर कसकर प्रहार करता रहा कुछ देर बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिर चुका था। उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए मैंने अंजलि से कहा तुम यह बात कभी मनीष को पता मत चलने देना। वह मुझे कहने लगी हां मैं कभी भी मनीष को पता नहीं चलने दूंगी उसके कुछ समय बाद ही उन दोनों की सगाई हो चुकी थी और जल्द ही उन दोनों की शादी होने वाली थी।

हम दोनों एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं क्योंकि मनीष तो कोलकाता मे ही रहता है इसलिए अंजलि मुझे अपने घर पर बुला लिया करती है।

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