kamukta2 Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/kamukta2/ Hindipornstories.org Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

Hindipornstories वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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कश्मीर का सफर https://sexstories.one/kashmir-ka-safar-me-chudi/ Tue, 11 Jan 2022 08:03:17 +0000 https://sexstories.one/?p=5092 मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी.. पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

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Safar me Chudi – मेरा नाम पूनम लखनऊ की रहने वाली हूँ मेरी उम्र 33 साल है मेरे पति 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में वो नहीं रहे.. मेरी कोई औलाद नहीं है है क्यूंकि हमारी शादी के 3 से साल के अंदर वो नहीं रहे और तब तक हम लोगो ने बच्चे की कोई प्लानिंग नहीं की थी.. खैर जो हुआ सो हुआ मेरे पति के पास पैसा काफी था घर बड़ा था तो मुझे कोई दिक्कत होती थी.. ऐस और आराम की हर चीज़ मेरे पास थी बस नहीं था तो प्यार हा हां वही बिस्तर वाला प्यार तो बस ये कहानी उसी बिस्तर वाले प्यार को पाने की कहानी है अच्छी लगे तो जरूर बताइयेगा /

एक दिन की बात है मेरी एक फ्रेंड दिल्ली से लखनऊ आयी तो मुज से मिलने आयी

टिंग टोंग

मैं दरवाज़ा खोलती हूँ

अरे रजनी ओह माय गॉड इतने दिनों बाद अचानक

रजनी:- अरे है यार वो मैं लखनऊ आयी थी सोचा मिल लून तुज भी।

पूनम :- अरे यार थैंक्स अऊ अंदर आओ

रजनी :- बिलकुल यार अपना है

पूनम :- बिलकुल तुम्हारा हे घर है

पूनम :- रुक तू मैं चाय लाती हूँ ओके

रजनी :- अरे नहीं रुक यहाँ इतने दिनों बाद मिले है चाय छोर और बता क्या हो रहा है आज कल

पूनम :- कुछ नहीं तू बता

रजनी :- मैं क्या बताऊ और बताओ अच्छा जीजू कहा है

पूनम :- जीजू तुम्हे कुछ पता नहीं चला क्या

रजनी :- नहीं क्या हुआ कोई बात क्या

पूनम :- साल पहले एक्सीडेंट हो गया था

रजनी :- ओह्ह सॉरी बहन

पूनम :- कोई बात नहीं

फिर हम लोग इधर उधर की पुराणी बाते नई बाते करने लगते है घंटो बैठे रहते है पति के जाने बाद क्या क्या हुआ क्या नहीं मेरी हताश जिंदगी यू ही सांत पानी की तरह मायूस जिंदगी ये सब होती रही

फिर उसने अपना फ़ोन निकला और मुझे कुछ फोटो दिखने लगी गोवा की पिक्स हिमाचल की पिक्स और कश्मीर की पिक्स मुझे बहुत अच्छा लगा बातो बातो में उसने कहा तुम भी कही घूम आओ थोड़ा मूड फ्रेश होगा

पूनम :- मैं अकेले कहा जाऊ यार

रजनी :- क्यों नहीं तभी तो और मज़े कही भी आओ जाओ कोई रोक टोक नहीं हम्म

पूनम :-बात तो सही है लेकिन जाऊ कहा

रजनी :- तू न कश्मीर जा वहा इस समय खूब ठण्ड होगी बर्फ होगी मज़े ले जाके

पूनम:- हम्म चलो देखती हूँ

ये सब बाते होते होते कब रात हो गयी पता हे चला

रजनी से मैंने रुकने को बोला तो वो मान गयी और रात वही रुक गयी

हम लोग खाना खा के सोने चले जाते है

बिस्तर पर भी हम देर तक बाते करते रहते है और फिर 12 बजे करीब सो जाते है

कुछ देर बाद हे शायद मैं काफी गहरी नींद में चली गयी

मुझे एहसास हुआ की मेरी जंगो पर से कोई हाथ फेरता हुआ मेरी चुत तक ला रहा था

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी आंखे बंद थी मैं देख नहीं पा रही थी और न हे आंखे खोलना चाहती थी

धीरे धीरे वह हाथ सिर्फ मेरी चुत की दरारों को सहलाने लगा पर कोण था वो रजनी तो नहीं हा लेकिन वो इस

तरह थी नहीं फिर भी पर क्या हुआ मुझे अच्छा लग रहा था वो एहसास मैं ने थोड़ी से टांगे फैलाई रजनी जान गयी की मैं कुछ चाहती हूँ उसने वहा से हाथ हटा के पीछे ले मुझे बुरा लगा लेकिन अगले पल फिर वो हाथ मेरी चुत पर आ मैं सिहर गयी अह्ह्ह अहह सससससस मैं अपने बाल पकड़ ले रजनी ने एक ऊँगली मेरी चुत मैं दाल दी उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मैं कुछ नहीं समझ पा रही थी तब तक उसने मेरी ३४ की गोलाई चूची को मसलना सुरु कर दिया उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ फूउ शह्ह्ह्ह शह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह

प्लस रजनी करो उसने मेरे ऊपर मेरे होंटो को चूमना सुरु कर दिया

हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे की होटो को चूमने लगे

वो अपनी टांग]को मेरी छूट पर रगड़ रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़

मैं भी अपनी पूरी ताकत से चुत उसके पैरो पर रगड़ रही थी ये एहसास मुझे पागल कर रहा था

रजनी मेरे ऊपर से हट कर मेरी छूट चाटने लगती है

अह्ह्ह्ह

अह्ह्ह्हह

रजनी उफ्फफ्फ्फ़ क्या कर दिया

उफ़्फ़्फ़ा

उफ्फ्फ्फ़ उसने फिर एक ऊँगली डाली उफ्फ्फ्फ़

अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फ्फ

रजनी जोर से जोर से करो और तेज़

उफ्फ्फ्फ़ाआ

रजनी की जीब मुझे मदहोस कर रही थी उसकी उंगली मुझे पागल

रजनी :- उठो पूनम

रजनी:-पूनम पूनम

Sexy story सालियों की अदला-बदली

और मेरी आंख खुल जाती ये हसीन सपना टूट जाता है रजनी मुझे बाय करके चली जाती मैं कुछ बोल नहीं पाती

लेकिन कोई बात नहीं ये सपना पहली बार नहीं था लेकिन एहसास अनोखा था

मैं उठ किचेन में जाती हूँ और फ्रिज खोल कर कुछ लम्बा ढूंढ़ती हूँ लेकिन कुछ नहीं था मैं पागल होने लगती हूँ फिर मेरी नजर बेलन पर पड़ती मैं

उसको उठा लेती और बाथरूम मैं जाती हूँ कमोड पर चुत को ऊपर कर के बैठ जाती हूँ

मेरी चुत एक दम गीली थी मैं बेलें को अंदर डाला

और जोर जोर अंदर बाहर करने लगती हूँ मेरी भवनए आसमान चुने लगती है और मेरी

अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह ाऊऊऊ अह्ह्ह्ह

मैं जोर जोर अंदर बाहर कररही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह

मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी

पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

था मैं यू ही नंगे नंगे फिर फिर बाहर आयी कुछ ढूंढ़ने लगी मुझे कुछ नहीं मिल रहा था तभी मुझे आवाज़ आयी आलू ले लो टमाटर ले लो मैं झट से अपनी नाईटइ पहनी और दुपट्टा लिया और नीचे गयी मैंने १ कग आलू टमाटर मिर्च ली ताकि कोई सुबह सुबह सब लम्बे लम्बे ले रहे है तो शक न हो फिर मैंने गाजर ली बैंगन लिया और केले कच्चे लिए और ऊपर आ गयी और फिर एक केला तोडा और मुँह मैं दाल कर चूसने लगी और सोफे पर टांगे फैला के अंदर डालने लगी अब्ब थोड़ा लुंड का एहसास हुआ

बस कोई झटके देने वाला होता तो मज़ा आ जाती मैं जोर जोर से डालती रही फिर मेरी नज़र एक बैगन पर पड़ी जो केले से ज्यादा मोटा और लंबा था मैंने उसे उठाया और केला को मुँह मैं और बैगन को छूट मैं दाल लिया अब्ब हहहह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह मैं छूट गयी मैं छूट गयी मैं छूट गयी

अब होश आया बैगन अभी चुत मैं ही था उसकी कसावट अब मुझे दर्द देने लगी थी मैं धीरे से उसे बहार किया और साथ साथ मेरे चुत की लार भी टपकने लगी सब शांत हो गया होश भी था पर अफ़सोस था की यही पल अगर किसी मर्द के साथ होता तो अभी तक उसकी बहे मुझे कस रही होती

मैंने नहाया धोया चाय बनाई फिर बैठ कर टी.व् देखने लगी न्यूज़ देखने का भी मन हुआ लगा दी न्यूज़ पर अगले हसीन पल की तस्वीर आ रही थी

न्यूज़ पर कश्मीर की बर्फ भरी वादियों के चर्चे हो रहे थे

वहा गिर रही बर्फ मौसम की न्यूज़ चल रही थी मुझे रजनी की कही बात याद आ गयी मैंने कुछ देर सोचा फिर नेट से एक ट्रेवल एजेंट नम निकला और उससे पूछा की क्या खर्च होगा और सब बाते करके मैंने उससे ३ दिन बाद की टिकट कराने और होटल बोल दिया और मैं तइयारी मैं लग गयी….

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जिग्ना की कामुकता https://sexstories.one/jigna-ki-kamukta/ Tue, 21 Dec 2021 07:16:05 +0000 https://sexstories.one/?p=5056 उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। "मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।"...

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Jigna ki Kamukta – यह अनिवार्य रूप से एक सच्ची कहानी है, जिसमें शामिल लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नाम और घटनाओं को संशोधित किया गया है। यह बहुत विस्तृत है, एकतरफा प्यार और छूटे हुए अवसर, रोमांटिक और कोमल की कहानी है, लेकिन इसके गुदा विषयों को भी तीव्र करती है। यह जिग्ना के साथ मेरे थोड़े समय की कहानी है, एक ऐसी महिला जिससे मैं प्यार करता था और जिसके बारे में मैं अक्सर सोचता रहता हूं।

जिग्ना… जब मैं बिक्री विभाग में था, मुझे हमेशा नए, अनुभवहीन ग्राहक सेवा प्रतिनिधि सौंपे जाते थे; मेरे पास एक उत्कृष्ट प्रशिक्षक होने का रिकॉर्ड था, उन्हें कार्यालय में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, और फिर उन्हें किसी अन्य बिक्री प्रतिनिधि को फिर से सौंपा जाएगा जो मुश्किल से सक्षम था और अपने व्यवसाय को एक साथ रखने के लिए एक अत्यधिक सक्षम ग्राहक सेवा प्रतिनिधि की आवश्यकता थी। हर एक युवा, महिला, आकर्षक और बहुत बार, छह आंकड़े बिक्री प्रतिनिधि या ऊपर और आने वाले युवा प्रबंधक को प्राप्त करने में बहुत दिलचस्पी थी — कई ने किया। मैंने अपने बॉस के पूरक की सराहना की, लेकिन हमेशा प्रशिक्षण मोड में रहने के कारण अक्सर निराश होता था।

कॉलेज के ठीक बाहर जिग्ना बोर्ड पर आई; नौकरी के लिए अधिक शिक्षित और बहुत उज्ज्वल, उसने एक प्रबंधन, प्रवेश स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार किया था, कार्य के लिए काफी नहीं देखा गया था और एक घंटे की नौकरी लेने के लिए सहमत हो गया था; यह आसानी से उसके घर आ गया था और सड़क के नीचे पुनर्मूल्यांकन का वादा किया गया था। चूंकि वह मेधावी थी और उसने एक शीर्ष नाम के विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी की शिक्षा प्राप्त की थी, उसने आश्चर्यजनक रूप से जल्दी सीखा और एक शानदार ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बन गई।

मैंने कार्यालय के कर्मचारियों के साथ कभी बेवकूफ़ नहीं बनाया; वे सभी गपशप थे, यह मनोबल के लिए बुरा होता और अधिकांश दुकान की लड़कियों से थोड़ा अधिक थे। जिग्ना अलग थी। मेरी पहली शादी भी आखिरी पायदान पर थी; मेरे पूर्व और मैं अलग हो गए थे, तलाक आसन्न था और मैंने शायद जिग्ना के साथ अपनी अधिक निराशा साझा की, जो कि एक दुकान की लड़की नहीं थी, जितना मुझे होना चाहिए था। हम फोन पर बहुत गैर-यौन रूप से मजाक करते थे, वह अगले दरवाजे की क्लासिक लड़की थी, और मैं उसके लिए एक वास्तविक स्नेह बढ़ा। मैं उसे सप्ताह में कई बार कार्यालय में देखता था और कभी-कभी उसे अपने ग्राहकों से मिलने के लिए सड़क पर ले जाता था। वह छोटे स्तनों और कॉलेज फ़ुटबॉल और चीयरलीडिंग से एक एथलेटिक शरीर के साथ लगभग पाँच छ: की थी। उसकी फोन आवाज शानदार थी और हमारे सभी ग्राहक उससे प्यार करते थे। उसके गंदे गोरे बाल थे और सुंदर चेहरा नहीं तो प्यारा था। वह मेरे पास या मेरे पास कभी नहीं आई। मैं उनका बहुत सम्मान करता था और सम्मान परस्पर था।

Kamukta2 गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना

मैं उसके माता-पिता से मिला था और मेरे मन में यह सवाल नहीं था कि वह एक अच्छी लड़की है। जिस लड़के ने आखिरकार उससे शादी की, वह सेल्स फोर्स में एक युवा, अच्छा दिखने वाला लड़का था। वह उसके साथ प्यार में सिर के बल गिर गया; उसने एक बार मुझसे कहा था कि जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, वह उसे अपनी पैंट में नहीं बैठने देगी। मैं उसकी शादी में गया था; उसका परिवार स्थानीय रूप से प्रमुख था और यह एक बहुत बड़ा और भव्य मामला था। जब सेल्स फ़ोर्स के अन्य लोगों की बात आती है तो मैं उसके लिए सुरक्षात्मक था और उस पर कभी प्रहार नहीं किया।

एक दिन मैं एक विशेष रूप से कठिन ग्राहक की सेवा से संबंधित कुछ समस्याओं पर विचार करने के लिए कार्यालय में था। जिग्ना और मैं ऑप्स मैनेजर के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक छोटे से सम्मेलन कक्ष में गए। उस बैठक में लगभग 30 मिनट लगे; संचालन प्रबंधक चला गया और जिग्ना और मैंने कुछ और मिनट बात की और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं टेनिस खेलता हूं। मैंने उसे हाँ कहा, लेकिन बुरी तरह से। उसने कहा कि वह हाल ही में जिस कॉन्डो में आई थी, उसके माता-पिता के घर से बाहर जाने के बाद पहली बार उसके पास बहुत अच्छे कोर्ट थे, लेकिन किसी ने भी उनका इस्तेमाल नहीं किया। जिग्ना जल्दी उठने वाली थी, जैसा कि मेरे अधिकांश अधिक मांग वाले ग्राहक थे, इसलिए वह सुबह 6:00 बजे आकर और दोपहर 2:00 बजे तक काम करके बहुत खुश थी, जो मेरे और मेरे प्रमुख ग्राहकों के शेड्यूल से पूरी तरह मेल खाता था। जिग्ना ने पूछा कि क्या मैं उसके साथ कुछ समय टेनिस खेलना चाहूंगी। मैंने निश्चित रूप से कहा, और उसे याद दिलाया कि सप्ताह में कुछ दिन मैं वास्तव में ग्राहकों को फोन कर रहा था, जहां से वह रहती थी … आज की तरह, उदाहरण के लिए। उसका चेहरा खिल उठा, और वह व्यापक रूप से मुस्कुराई, और पहली बार जब से मैंने उसके साथ काम करना शुरू किया था, उसके चेहरे पर यहाँ आने का वह संकेत मिला, लगभग मोहक जैसा कि मैंने बाद में देखा, लेकिन मैं वास्तव में संकेतों से चूक गया, उस सुबह।

मैंने उससे कहा कि मेरे पास कार में हमेशा मेरा टेनिस सामान होता है और उसने कहा कि मैं उसके स्थान पर बदल सकता हूं। हमने लगभग 3:00 बजे मिलने का फैसला किया और उसने मुझे सटीक निर्देश दिए। मैं कसम खाता हूँ कि मेरे मन में कोई यौन विचार नहीं था।

मैं नियत समय पर उसके कोंडो में गया, उसके शयनकक्ष में व्यवसायिक पोशाक से बदल कर, उसे बहुत ही शानदार ढंग से सजाए गए घर की प्रशंसा की और देखा कि, टेनिस टॉग्स में, उसका दृढ़, एथलेटिक शरीर बहुत आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया था। मौसम गर्म था। हमने लगभग एक घंटे तक जोरदार टेनिस राउंड खेला। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इस समन्वित युवती को काम करते हुए देखना अदालत का अंत बहुत उत्तेजित करने वाला था। एक घंटे के बाद हम दोनों इसे एक दिन कहने के लिए तैयार थे। उसने मैच को समाप्त करने के लिए एक शानदार शॉट बनाया और मुझे एक बड़ा गले लगाने के लिए बाध्य किया, जो कि मेरी अपेक्षा से बहुत कम प्लेटोनिक था। वापस कॉन्डो में, उसने मुझसे कहा कि मैं पहले शॉवर ले सकती हूं, इसलिए मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया, कपड़े उतार दिए और शॉवर में कूद गई।

कुछ ही मिनटों में मैं पूरी तरह से चौंक गया जब उसने दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा, अपनी पूरी युवा सुंदरता में नग्न। उसने अपनी उँगली अपने होठों से ऐसे पकड़ रखी थी मानो कह रही हो, ‘एक शब्द भी मत कहो’, और प्यार से मेरी पीठ धोने लगी…और मेरी गांड और मेरा लंड। बेवजह, मैंने एहसान वापस कर दिया, उसके स्तन, योनी और गधे को ऊपर उठाते हुए। मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चूत खा ली… वह कुछ ही सेकंड में आ गई। वह अपने कूबड़ पर नीचे चली गई और मुझे एक मिनट से भी कम समय में संभोग सुख के लिए उड़ा दिया। हमने चूमा, टटोला और प्यार किया। हमने एक दूसरे के बाल धोए; मेरा डिक फिर से सख्त था।

“बेडरूम में मेरे लिए रुको।” वह फुसफुसाई। वह कुछ मिनट बाद बाथरूम से बाहर आई और मुझे उन अविश्वसनीय पोस्ट ऑर्गेज्म में से एक दिया, मैला गीला और गर्म चुंबन।

उसने कहा – “पहले दिन से ही मुझे आप पर क्रश है। एक छोटी सी समस्या है। मैं कुंवारी हूं। मैं अपनी शादी की रात तक इसी तरह रहने का इरादा रखती हूं। मुझे पुराने जमाने का बुलाओ। मुझे वास्तव में जरूरत है अभी कुछ आराम है, और आपके जीवन में जो कुछ भी चल रहा है, मुझे पता है कि आप भी करते हैं। मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूं। लेकिन मैं तुम्हें अपनी चूत में नहीं जाने दे सकता … वह आरक्षित है।’

उसने जारी रखा – ‘अगर तुम बहुत ज्यादा ग्रॉस आउट नहीं होते, तो मैं तुम्हें अपनी चुतड़ देना चाहती हूँ। नहीं तो मुझे बुरा नहीं लगेगा। मैंने इसे पहले बट में लिया है और इसका आनंद लिया है, और मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं कि मेरी गांड साफ और अच्छी तरह से चिकनाई हो। क्या तुमने कभी…आह, ऐसा पहले किया है?”

मैंने उससे कहा कि मुझे उस विभाग में अनुभव है और हम मजे करेंगे। मैं उसकी गांड के छेद में अपनी उँगली डालने लगा। यह बहुत अच्छी तरह से लथपथ था। मैंने उसे उसके सामने लुढ़कने के लिए कहा और धीरे से रिम करना शुरू कर दिया … और फिर अधिक सख्ती से … जीभ उसकी रमणीय छोटी भूरी आंख को चोदती है, जबकि ध्यान से उसके भगशेफ को छूती है।

उसने अपना रस छोड़ दिया और लुढ़क गई।

“मेरी गांड को सामने से ले लो।” वह सहम गई।

मैं सहमत। उसने बिस्तर की मेज से एस्ट्रो-ग्लाइड की एक बोतल ली, प्यार से मेरे लंड को चिकना किया, वह मुस्कुराई और धीरे से मुझे हरकत में लाने का आग्रह किया। “मुझे अब इसकी ज़रूरत है बेबी, कृपया मुझे चोदो।”

उसने अपने मांसपेशियों वाले पैरों को अपने छोटे, दृढ़ स्तनों के खिलाफ वापस रखा; मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने लंड का सिर उसकी गांड में डाल दिया।

“मैंने यह काफी समय से नहीं किया है, इसलिए मुझे इसकी आदत डालने दें।” वह फुसफुसाई।

उसे समायोजित होने में कुछ मिनट लगे, लेकिन अंत में उसने कहा, “मैं अब तैयार हूं, मुझे करो।”

मैंने एक धीमी गति से स्ट्रोक शुरू किया, उसका हाथ लिया और उसे अपनी बिल्ली पर रख दिया ताकि वह खुद को किनारे पर लाने में मदद कर सके। हम लय में आ गए और मैंने गति बढ़ा दी। मैंने हिलना बंद कर दिया और उसके कान में फुसफुसाया। “इसे ले लो जिग्ना, मेरे लंड को अपनी गांड से चोदो।”

उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। “मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।” मैंने कहा।

“बस एक और मिनट, मैं बहुत करीब हूँ।” वह कराह उठी।

उसके विलाप बढ़ गए, वह हांफने लगी…

उसका सिर पीछे की ओर लुढ़क गया… और उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया..

उसके गुदा नहर पर उसके संभोग के संकुचन मुझे किनारे पर ले गए और मैंने उसके मलाशय में गर्म सह का एक ताजा भार डाला। मेरा डिक उसकी गांड से निकल गया और हम गले मिले और चूमा और प्यार किया। वह बिस्तर से उठी, कुछ मिनट बाद एक गर्म कपड़े और दो गिलास रेड वाइन के साथ लौटी। उसने मेरे लंड को साफ किया, और मेरी गांड को, मेरे बट पर अच्छी तरह से चिपकी हुई उंगली डालते हुए और फिर अब नरम सदस्य को अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ से उसे इधर-उधर घुमाया। मुझे पता था कि मैं फिर से जा सकता हूं, लेकिन ठीक होने के लिए आधे घंटे या उससे भी ज्यादा समय लगेगा। हमने अपनी शराब पी ली, वस्तुतः बिना किसी शब्द के और वह मेरे बगल में आ गई।

“मुझे लगता है कि हम दोनों को थोड़ा झपकी लेने की ज़रूरत है।” जिग्ना ने सुझाव दिया।

हम आधे घंटे से अधिक समय तक सोए रहे, जब मैं उठा, मैं अपनी गांड को उसके सामने रखकर लुढ़क गया था और वह मेरे बट के छेद को चीरने के लिए आगे बढ़ रही थी। उसे बिस्तर की मेज से कुछ मिला, जो मुझे जल्दी से पता चला कि एक छोटा हिल बट प्लग था, इसे ऊपर की ओर बढ़ाया और इसे मेरी गुदा नहर में डालना शुरू कर दिया। “मुझे बताओ कि क्या यह दर्द होता है, या आपको यह पसंद नहीं है, और मैं रुक जाऊंगा।” वह सहम गई, क्योंकि वह मेरे लंड को उठाने के लिए अपने दूसरे हाथ का उपयोग करते हुए ध्यान से एक हाथ से मेरी गांड में प्लग डालने के लिए आगे बढ़ी ताकि वह नीचे की तरफ चाट सके। उसके मौखिक ध्यान और बट घुसपैठ के संयोजन ने मुझे एक बार फिर हड्डी की तरह कठोर कर दिया।

फिर उसने पूरी प्लग को मेरी गांड में धकेल दिया, और पूछा, “क्या आप इसे वहाँ पकड़ सकते हैं?”

to be continued…

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माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 2 https://sexstories.one/shadishuda-couple-ke-saath-sex-kiya/ Thu, 16 Dec 2021 07:24:46 +0000 https://sexstories.one/?p=4980 मैं उसकी खूबसूरत योनी को चाटने लगा और कहने लगा, "ओह सुंदर चूत, ओह कोमल चूत, तुम कितनी कोमल और सुंदर हो! ओह माय हनी, तुम कितनी स्वादिष्ट हो" मैं उससे कह रहा था "ओह माय डियर...

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Sex with couple – मैं फौरन उसके गालों की तरफ झुका और उसके गालों पर किस किया। वह थोड़ा शरमा गई। अगला तुरंत मैंने उसके होठों पर चूमा। वो मुझे किस करने भी लगी। उसके होंठ बहुत कोमल और स्वादिष्ट थे। हम पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे। बीच में मैंने उसकी टी-शर्ट और लेगिंग भी उतार दी। उसने वास्तव में इनर नहीं पहना हुआ था इसलिए उसकी नग्न सुंदरता मेरे सामने दिखाई दी और मेरे सामने टिमटिमा रही थी। मैं उसकी सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया। यह 1000 पूर्णिमा के दिनों की चांदनी सुंदरता का संयोजन होना चाहिए।

मैंने उसे वही बताया और वह मेरी प्रशंसा से साफ-सुथरी गेंदबाजी कर रही थी। मैं उसे इतने जोश से चूम रहा था और बीच में कह रहा था कि “ओह औरत, तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम मुझे पागल बना रहे हो। तुम्हारी सुंदरता मुझे मार रही है। मैं तो बस तुम्हारा दीवाना हो रहा हूँ। मैं तो बस तुम्हें अनंत प्रेम देना चाहता हूं। आज मैं वह सभी अधिकतम यौन सुख दूंगा जो एक पुरुष एक महिला को दे सकता है। आज मैं आपको एक नए तरीके से अपना परिचय दूंगा। आज मैं वो सारी खुशियाँ दूंगा जो तुम्हारी सुंदरता की हकदार है और तुम वंचित रह गए हो। आज मैं आपसे वादा करता हूं कि यह आपके जीवन का एक शानदार दिन होगा। आप जीवन के इस खूबसूरत पल को हमेशा के लिए नहीं भूल पाएंगे।”

Couple sex story part 1 – माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की

उसने कहा “ओह यार, मुझे वह सारी खुशी दो जिसकी मुझे जरूरत थी और मैं हकदार हूं और मुझे देखने दो कि तुम एक महिला को कितनी खुशी दे सकते हो, बस मुझे अपना प्यारा बीज दो जो एक नन्ही परी (वह एक बच्ची चाहती थी) उत्पन्न कर सकती है। मैं अपनी गोद में एक नन्ही परी के आने का इंतजार कर रहा था और उसे अपना सारा ममतामयी प्रेम दिखाना चाहता हूं। मैं वास्तव में अब और इंतजार नहीं कर सकता। बस मुझे माँ बना दो।” मैं देख सकता था कि वह बच्चा पैदा करने के लिए कितनी उत्सुक है। उसकी आँखों से आँसू की दो बूँदें भी आईं जो मैंने लीं और चूम लिया। मैंने उससे वादा किया था कि मैं उसका सपना पूरा करूंगा। उसके शब्द भी मुझे उसे और तलाशने के लिए प्रेरित कर रहे थे।

हमने लगभग 10 मिनट तक किसिंग की और धीरे-धीरे और मैं उसके स्तनों के पास आ गया। उसके स्तन शुद्ध सफेद रंग के थे। मैंने उसके बाएँ स्तन को अपने मुँह में लिया और बीच-बीच में उसे चूसने और गुदगुदी करने लगा। मेरा दूसरा हाथ उसके दाहिने स्तन को दबा रहा था। वह आनंद ले रही थी और किसी भी चीज की तरह कराह रही थी। मैंने लगभग दस मिनट उसके बाएं स्तन के साथ खेला और उसके स्तन को काट लिया और फिर उसके दाहिने स्तन को मुंह में ले लिया और बाएं स्तन को हथेली में ले लिया। मैं स्तन निचोड़ रही थी और दाहिनी चूची चूस रही थी। यह उसे नौ बादल पर बना रहा था।

मैं एक महिला को खुश करने में माहिर था और मैं उन टोटकों को लागू कर रहा था जो एक महिला को बेहद खुशी देते हैं। उसके स्तनों को चूसने के 10 मिनट बाद, मैं उसके नाभि पर आ गया। यह वास्तव में पेट जैसा भावपूर्ण स्पंज था। यह टिमटिमा रहा था जैसे दूधिया रास्ता धरती पर आ गया, यह एक शुद्ध दूध के मक्खन की तरह था जिसे कटोरे में डाल दिया गया था और मुझे आनंद लेने और चाटने के लिए दिया गया था। मैंने उसे वही बताया। मैंने उनकी खूबसूरती की तारीफ करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। वह मेरी बातें सुनकर खुश हुई और खुद को उपहार के रूप में मुझे दे दी और वह भी उपहार के रूप में आनंद ले रही थी। मैंने उसे बाएँ से दाएँ और ऊपर से नीचे तक सुनहरी चूत तक लगभग 20 मिनट तक चूमा और चाटा। उसकी सुनहरी चूत तब तक चूत के रस से रिस रही थी।

उसकी चूत पूरी तरह गीली थी। मैं उसकी चूत के पास गया और उसे चूमा। उसकी योनी से शहद जैसी महक आ रही थी और वह सचमुच सोने के खजाने की तरह थी। वह शहद की बोतल की तरह चाटने को तैयार था। मैंने उसे वही बताया और वो पूरी तरह से शरमा रही थी और मुझे अपनी चूत की तरफ खींच कर पूरी तरह चाटने लगी। उसकी चूत को चूमना असल में मेरा सपना था, जब से मैंने उसे सुबह देखा, मैं उसकी सुनहरी चूत की कल्पना कर रहा था। जब मैंने उसकी प्यारी चूत को देखा तो मैं वास्तव में खुद को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। छोटे प्यूबिक बाल थे लेकिन फिर भी, मैं चमकते बिल्ली के होंठ देख पा रहा था। वे सचमुच गुलाब की पंखुडियों की तरह थे, इतने कोमल और इतने नाजुक। वे बिल्कुल मुरलीवाला पान के पत्तों की तरह थे। मुझे भी लगा कि वे मेरे छूने और चाटने से उसके शरीर में जा सकते हैं।

मैं उसकी खूबसूरत योनी को चाटने लगा और कहने लगा, “ओह सुंदर चूत, ओह कोमल चूत, तुम कितनी कोमल और सुंदर हो! ओह माय हनी, तुम कितनी स्वादिष्ट हो” मैं उससे कह रहा था “ओह माय डियर, तुम्हारी चूत और उसका रस मुझे मार रहा है। तुम्हारी चूत मुझे पूजा के लिए बुला रही है। आपकी चूत मुझे यौन सुख के खजाने में स्वागत दे रही है। तुम्हारी चूत मुझे एक महान चाट और चूसने के लिए आमंत्रित कर रही है। तेरी चूत मुझे दीवाना बना रही है। तेरी चूत मेरी मर्दानगी को चुनौती दे रही है। तेरी चूत खुशी का न्यौता दे रही है जिसे मैंने कभी पूरा नहीं किया। तुम्हारी चूत चाँद की तरह है और मुझे उसे छूने, चखने, चूसने, चाटने के लिए आमंत्रित करती है।” मैं सब उसकी चूत को चाट रहा था और उसके होठों को चूस रहा था, बीच-बीच में काट रहा था और खुशियों के आसमान तक पहुँचा रहा था। मैं बिल्ली के होठों के चारों ओर बिल्ली के घेरे खींच रहा था और योनी के होठों को बबलगम की तरह चबा रहा था जिस पर वह बिल्कुल नाच रही थी।

मेरी मोटी जीभ उसकी चूत पर चमत्कार कर रही थी और उसकी चूत का रस सागर से पानी की तरह आ रहा था। मैंने उसे वह सब यौन सुख प्राप्त करने के लिए बनाया जिसके बारे में वह नहीं जानती थी। मैंने उसे सेक्स में सबसे ज्यादा खुशी का स्वाद चखाने के लिए बनाया। उसने मुझे वही बताया। मैंने उसका सारा रस चाटा और उसकी सुनहरी चूत से और भी बहुत कुछ निकल रहा था। यह एक अक्षय पात्र की तरह था (कभी कम / रुकता नहीं)।

मैंने वही बताया और उसे अक्षय पात्र का अर्थ बताया। वह पूरी तरह से शरमा गई और मुझे फिर से अपनी चूत पर खींच लिया। मैंने फिर कहा “तुम्हारी चूत का रस मीठे नीबू शहद की तरह है। जितना अधिक मैं इसे चख रहा था, उतना ही मेरा दिल, मुंह और पेट उम्मीद कर रहा था। रस भी अनंत की तरह बह रहे हैं।”

मैं उसका जूस पी रहा था और उसे पूरी तरह से चाट रहा था और अचानक उसने मेरा चेहरा अपनी योनी की ओर खींच लिया और कुछ देर वहीं रखा और एक बड़ा विलाप किया और अपने दोनों हाथों को मेरे चारों ओर रख दिया। उसने जितना हो सके मेरे चेहरे को चूत में खींच लिया। उसे ऑर्गेज्म हो रहा था। मैंने उसे संभोग सुख का अनुभव करते देखा और उसकी चूत पर स्थिर रहा। मैं उसे वह महान संभोग सुख दे सकता था जो बहुत से पुरुष एक महिला को नहीं दे पाएंगे।

मैं ऑर्गेज्म दे सकता था, जिसके बारे में उसे बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। वह बहुत थका हुआ महसूस कर रही थी और कुछ आराम कर रही थी क्योंकि वह यौन सुख की ऊंचाइयों पर पहुंच गई थी और उसे लगा कि कुछ और चाहिए। मैं भी उसकी चूत पर आराम कर रहा था और 10 से 15 मिनट तक वहीं लेटा रहा जब तक कि वह इस दुनिया में नहीं आ गई।

उसने मुझे महान यौन सुख देने के लिए धन्यवाद दिया, उसने मुझे अपने होठों की ओर खींच लिया और मुझे एक बार फिर से एक चुंबन दिया और एक बड़ा आलिंगन भी दिया क्योंकि हम दोनों को लगा कि विशेष रूप से धन्यवाद देने के लिए चुंबन देने से बेहतर कोई तरीका नहीं है जब आप एक महान प्राप्त करते हैं उपहार / खुशी की भावना।

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टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया https://sexstories.one/taxi-driver-se-biwi-ko-chudwaya/ Sun, 12 Dec 2021 08:02:18 +0000 https://sexstories.one/?p=4966 मैंने उसकी टांगें फैला दीं और उसकी चूत को कुछ देर साड़ी पर रगड़ा... फिर मैं वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गया और उन्हें देखने लगा... अब तक उसने उसके दोनों बूब्स निकाल कर चूसा, दबाया और काटा।...

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Taxi driver se biwi ko chudwaya – नमस्ते, मैं राज हूं, फिर से एक कहानी के साथ, मेरी पत्नी के बारे में जो एक टैक्सी ड्राइवर के साथ सेक्स मस्ती के लिए साझा की गई थी। जैसा कि मैंने आपको पहले बताया है, मैं 32 वर्ष का हूं। मैं गोवा से एक अर्ध सरकारी संगठन के लिए काम कर रहा हूं। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं। मेरी पत्नी कीर्ति 29 साल की है। अब चलो सेक्स कहानी पर चलते हैं।

हम आंध्र प्रदेश में एक शादी के लिए गए थे और मेरी पत्नी साड़ी में हॉट और सेक्सी लग रही थी, ब्लाउज थोड़ी गहरी गर्दन और बिना आस्तीन का था, पार्टी में उन पर कई निगाहें थीं, जिन्हें मैंने देखा और आनंद लिया।

मैं अपनी पत्नी को किसी और द्वारा चोदते हुए देखने के लिए एक लंबे समय से कल्पना कर रहा था। मैंने उसे इसके बारे में बताया था और उसे अपने किसी पुराने दोस्त या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ करने के लिए कहा जिस पर वह भरोसा करती है ताकि मैं अपनी कल्पना को पूरा कर सकूं लेकिन वह डरी हुई थी। जैसे-जैसे पार्टी चल रही थी, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मुझे उन लोगों को देखने में मज़ा आ रहा है जो उसके स्तन और गांड को देख रहे हैं। वह मुस्कुराई और चुप रही।

पार्टी के बाद वह थोड़ी नशे में थी लेकिन होश में थी। हम सब पार्टी से बाहर आए और अपने होटल जाने के लिए टैक्सी मंगवाई। हम टैक्सी में सवार हो गए.. मैंने उसे अपने होटल का पता बताया और हम आगे बढ़ गए। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि ड्राइवर कार के शीशे से मेरी पत्नी को देख रहा है। उसके कोमल स्तन आधे दिखाई दे रहे थे।

मुझे एक विचार आया है…

मैंने अपनी स्थानीय भाषा में अपनी पत्नी से पूछा कि क्या वह टैक्सी ड्राइवर के साथ सेक्स करना चाहेगी? उसने मना कर दिया .. लेकिन मैंने उसे यह कहते हुए मना लिया कि हम दूसरे राज्य में हैं और कोई हमें नहीं जानता … और यह ठीक रहेगा … वह मान गई और पूछा कि उसे क्या करना होगा … मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो .. मैं सब कुछ व्यवस्थित कर दूंगा…

मैंने ड्राइवर से बात करना शुरू किया.. उसका नाम नरेश था.. उसने मेरे और मेरी पत्नी के बारे में पूछा.. मैंने कुछ बने-बनाए नाम बताए और उससे कहा कि, वह मेरी पत्नी नहीं है, बल्कि मेरी दोस्त है… और वह मेरे साथ आई थी क्योंकि उसका पति अपने काम में व्यस्त था।

उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम सच में भाग्यशाली आदमी हो। तुम्हारे साथ किसी और की खूबसूरत बीवी है… जो साड़ी में हॉट और सेक्सी लग रही है… और नशे में भी..

मैं हँसा .. हम चलते रहे … उसने मेरी पत्नी को अपनी आँखें बंद करते हुए देखा और मुझसे पूछा, ‘क्या मुझे उसके साथ कुछ करने का मौका मिल सकता है? ‘

मैंने कहा ज़रूर.. कोशिश करूँगा, होटल पहुँचकर।

उसका चेहरा लाल था और उसकी निगाह सिर्फ मेरी पत्नी पर थी।

मैंने उनसे पूछा, क्या उन्हें कभी मौका मिला है.. ऐसी किसी महिला के साथ कुछ भी करने का?

उसने कहा नहीं.. मैं तुम्हारी तरह अच्छा दिखने वाला और अमीर नहीं हूं।

फिर मैंने पूछा कि क्या मैं तुम्हें यह मौका दूंगा, क्या तुम उसके साथ ऐसा करोगे?

Sex kahani शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

उसने तुरंत कार रोक दी और मुझसे कहा कि इस विषय पर मजाक मत करो..

मैंने उससे कहा कि मैं गंभीर हूँ… जिससे उसका चेहरा चमक उठा और कहा कि क्या यह संभव है?

मेरी पत्नी यह सब सुन रही थी। मैंने अपनी पत्नी से हमारी भाषा में कहा कि मैंने उसे मना लिया है तो क्या आप इसके लिए तैयार हैं या नहीं.. उसने तुरंत कहा – ठीक है।

मैंने नरेश से कहा कि वह ठीक है.. अगर आप किसी को नहीं बताते हैं और इसे हमारे बीच में रखते हैं।

वह बहुत खुश हुआ और उसने मेरी पत्नी को धन्यवाद दिया।

उसने कहा कि हम यह उसके घर पर कर सकते हैं, क्योंकि वह अकेला रहता है।

मैं मान गया और उसने पूछा कि क्या वह उसे छू सकता है.. मैंने हाँ कहा और उसने उसका हाथ पकड़ कर उसे चूमा और कहा- मैडम आप बहुत कोमल हैं..

मेरी पत्नी मुस्कुराई और नीचे देखा..

मैंने साड़ी को उसके बूब्स से सरकाया और कहा- ये देखो, ये सॉफ्ट है फिर उसका हाथ और उसे छूने को कहा..

उसने उसके एक स्तन को सहलाया और धीरे से उसे दबाया। मैंने उसे अपने घर की ओर गाड़ी चलाने के लिए कहा।

उसने अपने हाथों को उसके स्तन से हटा दिया, लंड को सेट किया, और गाड़ी चलाने लगा।

15 मिनट में हम उसके घर पहुँच गए.. बीच-बीच में मैं उसके बूब्स दबा रहा था और उसे किस कर रहा था.. ताकि वो देख सके और अपना लंड सख्त रख सके.

यह तीन मंजिला इमारत थी। वह ऊपर की मंजिल पर रह रहा था। हमने अंदर प्रवेश किया, उसका कमरा उतना साफ नहीं था.. कॉलेज के लड़कों के कमरे जैसा।

मैं और कीर्ति सोफे पर बैठ गए और उन्होंने पानी की एक बोतल ली और मुझसे कहा सॉरी नो ग्लास..

मैंने 1 घूंट लिया और मेरी पत्नी ने भी लिया। वह हर समय उसे घूर रहा था इसलिए मैंने उससे कहा कि अगर तुम चाहो तो शुरू करो। वो उसके पास आया और उसके होठों को छुआ और उसे 2-3 मिनट तक किस किया… यह देख कर मेरा लंड सख्त हो गया। फिर उसने अपना हाथ उसके बाएं स्तन पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए उसे दबाने लगा।

मेरी बीवी की कॉलेज लाइफ में उसके 2-3 बॉयफ्रेंड थे.. इसलिए उसके लिए नरेश के साथ एडजस्ट करना इतना मुश्किल नहीं था. मैंने उसे उसके होठों को चूसकर उसके चुंबन का जवाब देते देखा। मैंने अपने लंड को अपनी पैंट में मला और एडजस्ट किया।

मैं गया और उसके बगल में बैठ गया … और उसके स्तनों को दबाने लगा … और उसके ब्लाउज के 2 बटन खोल दिए … और नरेश के लिए एक उल्लू निकाल दिया … उसने उसे देखा और उसके निपल्स को दबाने लगा। फिर वह उसके निप्पलों को चूसने और चाटने लगा।

मैंने अपनी पत्नी का हाथ लिया और उसकी पैंट के ऊपर उसके लंड के हिस्से पर रख दिया… यह बहुत सख्त था… इसलिए उसके लिए उस पर हाथ रखना मुश्किल नहीं था… उसने उसे दबाना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी टांगें फैला दीं और उसकी चूत को कुछ देर साड़ी पर रगड़ा… फिर मैं वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गया और उन्हें देखने लगा… अब तक उसने उसके दोनों बूब्स निकाल कर चूसा, दबाया और काटा। और उन्हें हल्का गुलाबी कर दिया।

मैंने नरेश से कहा कि वह उसकी साड़ी उतारकर बेडरूम में ले जाए।

नरेश खड़ा हो गया और मैं देख सकता था कि उसका लंड सख्त था और उसके प्री-कम की पैंट पर एक छोटा सा गीला पैच था।

उसने मेरी पत्नी को खड़े होने के लिए कहा। वह उठ खड़ी हुई और नरेश ने साड़ी उतार दी। मेरी पत्नी पेटीकोट और ब्लाउज में अपने बूब्स के साथ खड़ी थी। नरेश ने उसे फिर से गले लगाया और उसे किस करने लगा और उसकी गांड दबाने लगा।

मैं देख सकता था, मेरी पत्नी का हाथ फिर से उसके लंड पर था और उसे सहला रहा था। फिर वह उसे बेडरूम में ले गया और मैंने उसका पीछा किया। मेरी पत्नी जाकर पलंग के किनारे पर बैठ गई और नरेश उसके सामने। मैंने अपनी पत्नी से अपने कपड़े उतारने को कहा। नरेश अपनी कमीज उतारने लगा और मेरी पत्नी ने उसकी पैंट उतार दी.. अब वह अंडरवियर में खड़ा था।

मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और उसे पूरी तरह से हटा दिया। वह उसके बड़े स्तनों को देख रहा था और अपने लंड को रगड़ रहा था, मैंने अपनी पत्नी को उसके पास जाने का इशारा किया और वह चली गई और उसने अपने स्तन दबाए और उसके निप्पल चूसे।

उसने मेरी तरफ देखा और उसके अंडरवियर में हाथ डाला और बाहर निकाल लिया। नरेश काँप उठा जैसे बिजली का झटका लगा हो।

उसके पास 7 इंच का लंड था !! मेरे लंड से थोड़ा बड़ा। उसके लंड का पानी उसके सिर के ऊपर चमक रहा था। मेरी पत्नी ने उसे बिस्तर पर बिठाया और वह घुटनों के बल बैठ गई और उसके लंड को सहलाने लगी।

नरेश को मज़ा आ रहा था.. मेरी पत्नी ने अपनी दूसरी उंगली से उसके लंड के सिरे को छुआ और उसके वीर्य की एक बूंद लेकर उसके मुँह में डाल दी और नरेश की ओर देखा और कहा- उम्म्म…

मैंने भी अपना लंड निकाला और उसे सहलाने लगा। मेरी पत्नी ने अब कुछ देर के लिए अपना लंड चाटा और अपने मुँह में ले लिया। वह वेश्या की तरह उसका लंड चूस रही थी.. वह स्वर्ग में था… कुछ देर बाद मैं अपनी पत्नी के पीछे आया और उसकी चूत को छूने के लिए उसके पेटीकोट के अंदर अपना हाथ रखा.. वह गीली थी… और मैं महसूस कर सकता हूँ चिपचिपाहट, उसकी जाँघिया पर।

to be continued…

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ऐसा मौका नहीं मिलेगा दोबारा https://sexstories.one/meri-girlfriend-anjali-ki-mast-chudai/ Fri, 10 Dec 2021 06:06:37 +0000 https://sexstories.one/?p=3392 मैंने उसे अपनी तरफ कर लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा तो वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को किस करने लगी | मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसकी गांड को भी सहला रहा था...

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Meri Girlfriend Anjali ki Mast Chudai हाय दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करता हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे और चुदाई जैसी महतवपूर्ण क्रिया को समय जरुर दे रहे होंगे | मेरा नाम समीर पाठक है और मैं खुजराहो का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 23 साल है और मैं अभी कुछ नहीं करता हूँ बस दिन भर घर में कभी टीवी देखूंगा तो कभी मुट्ठ मारूंगा चुदाई की कहनियाँ पढ़ते हुए या ब्लू फिल्म देख कर | मैं दिखने में सांवला हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है और मेरा बदन सेक्सी है | मैं इस साईट का दैनिक पाठक हूँ और मुझे इस साईट पर चुदाई की कहानियां पढना अच्छा लगता है | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरुर पसंद आयगी | तो अब ज्यादा बकवास न करते हुए मैं अपनी कहानी लिखना चालू करता हूँ |

ये घटना काफी समय पहले की है उस समय मैं 18 साल का था और स्कूल में कक्षा 12 वी में पढाई करता था | मेरे घर में, मेरे पापा, मम्मी, बड़ी बहन, रहते हैं | जब मैं 10वी कक्षा में पढता था तब से ही मेरी मुट्ठ मारने की आदत बन चुकी थी और मैं रोज रात में मुट्ठ मारा करता था | मेरी एक दोस्त हुआ करती थी जिसका नाम अंजलि था और वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी | उस समय मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी और मैं सिंगल ही रहता था अपने दोस्तों के साथ ही रहता था | मेरी दोस्त मुझसे हर बात शेयर करती थी चाहे वो गन्दी बात हो या अच्छी | मैं भी उससे सारी बात शेयर किया करता था | हम दोनों घर के अगल बगल रहते हैं और हमारे घर के सम्बन्ध भी अच्छे हैं | हम दोनों स्कूल भी साथ में जाया करते और घर भी एक साथ ही आया करते | हम दोनों साथ में कोचिंग क्लास भी जाया करते | एक बार हम दोनों के घर वालो ने वैष्णोदेवी घूमने का प्लान बनाया और सभी को साथ में ही जाना था और सभी तैयार भी थे सिवाए मेरे और अंजली के क्यूंकि हमारे प्रिबोर्ड के एग्जाम होने वाले थे | घर वाले अपना प्लान कैंसिल न करे इसलिए हमने कहा कि आप लोग टेंशन ना ले |

हम दोनों घर संभल लेंगे | घरवालो जानते थे कि हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं इसलिए कोई हमारे बारे में गलत नहीं सोचता था | घर वाले सभी स्टेशन गए और वहां से ट्रेन पकड़ ली | अब हम दोनों घर में अकेले थे तो मैंने अंजली से कहा कि चल यार अपन पार्टी करते हैं | वो भी रेडी हो गई और घर वाले हमे खर्चे के लिए पैसे दे कर गए थे | हम दोनों मस्त पिज़्ज़ा बर्गर और काफी सारी चीज़े आर्डर कर दी | उसके बाद मैं बार से जा कर बियर की दो बोतल ले कर आ गया तो उसने पुछा कि ये क्यूँ लाये हो ? तो मैंने कहा देख फिर कभी ऐसा मौका नहीं मिल पायेगा तो आज ही कर लेते हैं अपन | उस समय रात के 8 बज रहे होंगे | फिर हम दोनों मस्त गाने सुनते हुए खा पी रहे थे और जब सब खत्म हो गया और हमे हल्का नशा भी हो गया था | कुछ समय बाद मैंने उससे कहा कि यार मुझे मुट्ठ मारने का मन कर रहा है तो उसने कहा मैं मार दूं मुट्ठ तो मैंने कहा ये सब रहने दे और चल चुदाई करते हैं | वो भी हाँ बोल करने लगी और फिर मैं उसे रूम में ले गया और फिर वहां पंहुच कर मैंने दरवाजा बंद कर दिया | उसके बाद मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके मम्मों को मसलने लगा और वो आँख बंद कर के सिहर रही थी |

फिर मैंने उसे अपनी तरफ कर लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा तो वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को किस करने लगी | मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसकी गांड को भी सहला रहा था और वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे चेहरे को सहला रही थी | हम दोनों ने लगभग एक दूसरे को 10 मिनट तक चूसा | फिर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को मसलने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | फिर मैंने उसके ब्रा को उतार कर उसके प्यारे मम्मों पर हाँथ फेरा और एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | कुछ देर बाद मैं दूसरे निप्पल को चूसने लगा और पहले को मसलने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए आँखे बंद कर के मजे लेने लगी | फिर मैंने दोनों मम्मों को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी | उसके बाद मैंने उसकी जीन्स को उतार कर उसे पलंग पर लेटा दिया और पेंटी को अपने दांत में दबा कर खींच कर उतार दिया |

Chudai story – पहले प्यार को दिया धोखे का अंजाम

उसकी चूत एक दम गोरी और चिकनी गुलाबी लग रही थी | फिर मैंने उसकी टांगो को चौड़ा कर दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मचलने लगी | मैं उसकी चूत को चाटते हुए उसके मम्मों को भी मसल रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए जोर जोर से सिस्कारियां ले रही थी | उसके बाद मैं अपनी ऊँगली से उसकी चूत को चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए पानी छोड़ दिया | फिर उसने मेरे शर्ट को उतार दिया और जीन्स को भी और उसके बाद उसने मेरे अंडरवियर को भी उतार कर नंगा कर दिया | अब वो मेरे लंड को अपने हाँथ में ले कर सहलाने लगी और फिर अपनी जीभ उस पर फेरने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके बाल को पीछे करने लगा | वो मेरे लंड को चाट रही थी और सुपाड़े को भी चाट रही थी जीभ से गोल गोल घुमा कर और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे लेने लगा | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके निप्पल को मसलने लगा |

वो मेरे लंड को जोर जोर से चूस रही थी और अन्टोलो को भी सहला रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके मुंह को चोद रहा था | फिर मैंने उसे लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में रगड़ने लगा और फिर अन्दर डाल कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी और उसकी चूत को चोदने लगा जोर जोर से धक्के मारते हुए और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपने मम्मों को मसलने लगी | फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जा कर उसकी चूत को एक बार और चाटा और फिर लंड को अन्दर डाला कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | मैं जोर जोर से उसकी चूत को चोद रहा था और मम्मों को भी मसल रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवा रही थी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी गांड के ऊपर ही छोड़ दिया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरुर पसंद आई होगी |

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प्रेमिका के दोस्त के साथ सेक्स – भाग 2 https://sexstories.one/sex-with-girlfriends-friend/ Tue, 30 Nov 2021 10:25:11 +0000 https://sexstories.one/?p=4389 मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और उसकी सूजी हुई चूत, उसकी चूत के होंठ गुलाबी, पतले, छोटे; यह एक कुंवारी बिल्ली की तरह दिखती है, उसकी योनि से बहुत सारा पानी बहता है...

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sex with girlfriend’s friend – मैं: हाँ मैं अकेला रह रहा हूँ, इसलिए कोई चारा नहीं है, मुझे खाना बनाना सीखना है। लेकिन सही पता है कि मैं खाना पकाने के मूड में नहीं हूं, हम पास के रेस्तरां में कुछ ऑर्डर कर सकते हैं, वे मुफ्त होम डिलीवरी देते हैं। और मैं उसकी ओर झपटा, वह मुस्कुराई।

मैं: क्या आप भी कुछ बियर लेना चाहते हैं?

वह: ठीक है

मैंने पिज्जा और बियर ऑर्डर किया।

Part 1 – एक्स-गर्लफ्रेंड की वर्जिन बेस्ट फ्रेंड

और इसका मतलब है कि जब उसने स्विच ऑन किया, मेरे चेतावनी देने से पहले ही, मैंने कल रात जो पोर्न फिल्म देखी, वह चलने लगी।

उसकी आँखें चौड़ी हो गईं और मुँह खुल गया, वह टीवी देखती है, और फिर मुझे, और फिर वापस टीवी पर।

और मुझमें उसकी आँखों में देखने की हिम्मत नहीं है।

उसे होश में आने में कुछ सेकंड लगते हैं और वह टीवी बंद कर देती है। कमरे में कुछ सेकंड के लिए चुप रही, और फिर उसने कहा, मैं घर वापस जाना चाहता हूं, और मुड़ गया, लेकिन मैंने उसे उसके हाथ से पकड़ लिया, और उसे अपनी तरफ खींच लिया, और कहा

मैं: प्लीज मत जाओ डियर, आई लव यू। और मैंने उसे पीछे से गले लगाया था, और उसके गले पर अपने होंठ रखे थे, और उसकी गर्दन को पीछे से चाटना शुरू कर दिया था, और साथ ही अपनी उँगलियाँ डाल कर उसके पेट पर घुमाने लगा, और थोड़ा ऊपर की ओर आया, और उसके बड़े, स्तन को हिलाते हुए महसूस किया उस बड़े, शहद के बर्तन पर मेरे हाथ।

और उन्हें थोड़ा निचोड़ने लगा, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, और धीमी आवाज़ में कराहने लगी, मैं उसकी गर्दन से उसके कान तक गया और उसके कान के लोब को चाटने लगा। वह कांपने लगती है और तेज आवाज में कराहने लगती है।

मैंने चाटना बंद कर दिया, और उसके स्तन दबाते हुए, वह घूमी, और आँखें खोलीं, और मुझे घूर कर कहा,

वह: क्या?

मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसका टॉप लिया और उसकी गर्दन तक खींच लिया, और उस खूबसूरत नज़ारे को देखने लगा, जो नज़ारा मैंने देखा था, उससे अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा था, उसका गोरा और चिकना पेट और 2 मीठे बड़े बर्तन शहद की, हालांकि वे काली लेसी ब्रा से ढकी होती हैं, लेकिन यह मुश्किल से कुल स्तन के 1/4 भाग को कवर करती है।

मैं उस खूबसूरत नजारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया, और जब मैंने कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया, तो उसने खुद ही ऊपर की चोटी हटा दी, और मेरे पास आकर मेरे नंगे सीने पर हाथ फेरने लगी, और मेरा एक हाथ पकड़ कर बिस्तर की ओर खींच लिया , और जब हम बिस्तर के किनारे पर खड़े होते हैं, तो मुझे बिस्तर पर धकेल दिया।

मैं अपनी पीठ के बल बिस्तर पर गिर गया, उसके सुंदर सुडौल शरीर ने मुझे सम्मोहित कर दिया, और मैं सोचने की स्थिति में नहीं हूँ कि आगे क्या करना है।

वह चार्ज ले लेती है, और बस मुझ पर चढ़ जाती है, और अपने होंठ मेरी छाती पर रख देती है, और पूरी छाती को चूमने लगती है, और अंत में मेरे निप्पल पर बैठ जाती है, वह मेरे निपल्स पर थोड़ा सा काटती है, जिससे मैं अचानक अपने होश में आ गया, और विलाप करने लगा। वह मेरे निप्पल को चूसती रही।

मैंने अपना हाथ उसकी नंगी पीठ पर रखा, और मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूम रहे थे। और वह जानती है कि ऊपर आओ, और मेरी गर्दन को चूमना शुरू करो, मैंने उसकी बड़ी गांड को अपने हाथों में पकड़ लिया, उसे अपनी पूरी शक्ति से दबाने लगा, और उसकी प्रगति के कारण कराहती हुई वह बहुत जंगली है और मेरी छाती और गर्दन पर कई जगहों पर काटती है, लेकिन यह मुझे और भी अधिक उत्तेजित करता है।

मैंने जोर से कराहना शुरू कर दिया था, और उससे कहा “हाँ बेबी, तुम सबसे अच्छी हो, तुम बहुत गर्म हो,” और वह बस मुस्कुराई और अपने काटने और मेरी गर्दन पर पसंद करने लगी।

मैंने अभी-अभी उसकी गांड से हाथ हटाया और उसकी ब्रा के हुक खोलना शुरू किया लेकिन वे बहुत तंग हैं, और उस उत्तेजित अवस्था में मैं उन्हें खोल नहीं पा रहा था, इसलिए मैं ब्रा की पट्टियों को इतनी जोर से खींचता हूँ कि हुक टूट जाते हैं, और फिर वह जल्दी से अपने शरीर से ब्रा हटा देती है।

फिर वो खड़ी हो गई और अपनी जींस उतार दी, जानिए वो मेरे सामने सिर्फ एक पैंटी में खड़ी है। वह स्वर्ग से सीधे मेरे बिस्तर पर आती है, 36 ”28” 38 की आकृति, और उसके शरीर के दूधिया रंग ने मुझे दीवाना बना दिया। मैंने बस उसे अपनी ओर खींच लिया और फिर उसे बिस्तर पर अपनी तरफ कर दिया।

तब मैं उसके पास आया, और उसका एक उल्लू अपने मुंह में, और दूसरा अपने एक हाथ में लिया।

मैंने एक-एक करके उसके स्तनों को जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया, और वह तेज़ आवाज़ में कराहने लगी, उम्म, आह हाँ, और चिल्लाई, “जाओ गधे, उन्हें ठीक से चूसो, उन्हें मत काटो, तुम गधे।

मेरा दूसरा हाथ उसकी पैंटी के पास गया और मैंने अपने एक हाथ से उसकी पैंटी को हटाना शुरू कर दिया, देखा उसके कूल्हों को ऊपर की ओर धकेलने में मेरी मदद करने के लिए मैंने एक पल के लिए स्तन छोड़ दिए और उसकी पैंटी को एक झटके में हटा दिया।

और स्वर्ग का द्वार मेरे साम्हने आता है; उसने अपने प्यार के ठिकाने को छिपाने के लिए अपनी टांगें पार कीं, और पहली बार में, मैं उसे शर्मीला लग रहा था। शरमाते हुए वह और भी खूबसूरत लगती है, उसके चूजे लाल हो जाते हैं और उन पर बने डिंपल बहुत खूबसूरत लगते हैं।

मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और उसकी सूजी हुई चूत, उसकी चूत के होंठ गुलाबी, पतले, छोटे; यह एक कुंवारी बिल्ली की तरह दिखती है, उसकी योनि से बहुत सारा पानी बहता है।

मैंने झट से एक झटके में अपना छोटा और अंडरवियर उतार दिया; मेरे डिक को उसके प्यार के छेद पर रखो, हम दोनों पहली बार एक-दूसरे के प्यार के औजारों के संपर्क को महसूस कर कराहते हैं, मैंने शुरू किया, उसके होंठों को चूसते हुए और धीमी आवाज में उससे कहा, “आई लव यू डार्लिंग, मुझसे वादा करो कि तुम कभी नहीं छोड़ोगे मुझे तुम्हारा दोस्त पसंद है।

वह: मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, और मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगी, मेरी जान। हमने फिर से होंठों को बंद कर दिया, उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, और मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत कसी हुई है, और डिक पहले धक्का में अंदर नहीं गया, फिर मैंने ठीक से अपना डिक सेट किया और एक शक्तिशाली झटके के साथ डाला, वह चिल्लाया लेकिन उसकी आवाज नहीं निकली क्योंकि मैंने उसका मुंह अपने साथ बंद कर लिया था। कुछ ही मिनटों में एक साथ कामोत्तेजना, मैं उसके अंदर गहराई तक आ गया था, और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे

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नयी दुल्हनिया के तीखे तेवर https://sexstories.one/dulhan-ki-chut-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:01:03 +0000 https://sexstories.one/?p=3388 मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था...

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Dulhan ki Chut Chudai – वह आराम से ९ बजे सोके उठती और नहाने धोने के बाद चाय पीती मानो कहीं की रानी हो | फिर चहक चहककर लोगों से बतियाने लग जाती, क्यूंकि मायका तो बगल में ही है मेमसाहब का और तो और माता पिता से दूर होने का गम भी नहीं सताता था उसे | बारह एक बजे वापस अपने कमरे में घुस जाना फिर एक मस्त से नींद का आनंद उठाना | फिर शाम को खाने और चाय पीने के लिए बाहर निकल के आना | दिनभर उसके भतीजे और भतीजियाँ घर घेरे रहते थे | बुआ के लिए ये भेजा है उनकी माँ ने उन्हें ये बहुत पसंद है |

आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास कर रही हूँ मैं | तो आपको बता दूँ ये बकवास तो बिलकुल नहीं हैं क्यूंकि हमारे घर के पड़ोस वाली मीनू बनी थी “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की” | मैं हूँ लीला और मैं हर खबर रखती हूँ | मोहल्ले में अगर कोई इधर की उधर भी करता है तो मुझे पता होता है जी | और इन दोनों ने तो हर हद पार कर दी थी अब मैं क्या बताऊ हमारा रिषभ तो बेचारा फस गया था मीनू के जाल में | “दैय्या रे दैय्या” बेचारा सीधा सादा लड़का कहा से इस कमबख्त से शादी कर बैठा |

पर एक बात बता रही हूँ आपको गौर से सुनना “ये अन्दर की बात है” | जब ये दोनों प्यार के पंछी चुदाई करते हैं न तो मेरे रोम रोम में उत्साह भर जाता है | जोश भर देते हैं अन्दर बिलकुल ऐसा कि मैं भी अपने पति को इतना गरम कर देती हूँ जिससे वो मुझे एक नयी दुल्हन की तरह चोदते हैं | पर मैं ये बात आपसे बता रही हूँ | तो चलिए शुरू करते हैं “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की”

बार बार आवाज़ लगाने पर भी कोई जवाब नहीं आया | चाय ठंडी हुए जा रही थी और रिषभ का कोई अत पता नहीं था | विवश होकर बेचारी शीतल भाभी खुद ही छत पर गयी | मीनू छत पे रिषभ से बतिया रही थी और उनकी “गुटर गूं” निरंतर जारी थी | “नमस्ते आंटी” रिया बोली पर लज्जा उसे बिलकुल ना आई | भाभी ने भी अभिवादन किया और बद्बदते हुए नीचे आ गयी | माँ के सामने ही उसके लड़के के साथ प्यार के पींगे पादेगी को कौन भला बर्दाश्त करेगा |

“माँ कहाँ हो तुम ? और कहाँ है मेरी चाय ? रिषभ नीचे आके पूछने लगा |

सुन रिषभ !!! अब तू बड़ा हो गया है और एक अच्छी खासी नौकरी कर रहा है | छत पे तुम दोनों क्या बातें कर रहे थे ? मन छोटे में साथ खेले हो तब मैंने ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा | बड़े होकर साथ में कॉलेज गए तब भी मैं चुप रही | पर अब क्या बातिएँ करते हो तुम दोनों ? शीतल भाभी ने एक गुस्से भरे अंदाज़ में कहा |

“माँ काहे चिंता करती हो हम दोनों एक बहुत लम्बे समय से एक दुसरे को जानते हैं और अब आदत सी हो गई है बात करने की “ तुम फ़ालतू के ख्याल दिमाग में मत लाओ ऐसा कुछ भी नहीं है | मैंने ये बात जैसे ही सुनी तो मुझे लगा अभी कुछ कहना ठीक न होगा मैं शाम को भाभी के पास जाउंगी | पर भाभी के लबों से जो शब्द निकले मानो मेरे ही हों |

“बात को आगे बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है रिषभ” पता नहीं क्यूँ उन्हें रिषभ की बात पे कहीं न कहीं भरोसा नहीं था | और मीनू के बदले तेवर अलग ही कहानी बयां कर रहे थे कभी भजिये तो कभी हलवा लेके घर के चक्कर मारती रहती थी |

जैसा कि मैंने कहा था मैं शाम को भाभी से मिलने गयी | भाभी के माथे पर पड़ रहीं लकीरों को देख के लगा जैसे वो अन्दर से तू रहीं हैं | फिर उन्होंने कहा लीला तुझे तो सब पता चल ही गया होगा | क्यूँ सही कहा ना मैंने ? मदद कर लीला ! लड़का भोला है मेरा | मैंने कहा भाभी रुको अपना खून मत जलाओ मैं चाय बना के लाती हूँ आपके लिए | मैं कित्चें में चाय बना ही रही थी कि अचानक दरवाज़े पे कुछ आवाज़ हुयी और मैं बहार आई |

कौन है भाभी चाय ज्यादा बनाऊ क्या ? बस इतना कहते ही मेरे होश उड़ गए | सामने देखा तो मीनू जी खड़ी थी साड़ी पेहेन के |

Dulhan ki Chut Chudai रिक्शावाले ने चोदा बारिश में..

आंटी जी !! देखिये न कैसी लग रही हूँ में ? मैंने कहा मीनू आप वाकई साड़ी दिखाने आये हो या भजिये तलने हैं ?

जो समझना है समझो लीला भाभी पर पहले बताओ मैं लग कैसी रही हूँ ? चाय उबलते उबलते कब उफन के गिर गयी परता ही नहीं चला और शीतल भाभी को तो जैसे सांप सूंघ गया था | हम दोनों बस उसे ही देख रहे थे इठलाते हुए | लीला वो गयी, अच्छा कहाँ गयी भाभी, अरे !! लीला मीनू गयी | शीतल भाभी ने मुझे धक्का मारते हुए कहा |

अच्छा भाभी, अरे हाँ नहीं ! भाभी क्या वो गयी ? अरे हाँ पागल जा चाय ला फिर से बना के जल गयी सारी | भगवान् इस मुसीबत से बचाए कहाँ से आ गयी | चाय बनी और हम दोनों एक दुसरे का चेहरा देखते हुए चाय पी ही रहे थे कि रिषभ आया और सीधा छत पे गया | मैंने कहा भाभी कही उस चुड़ैल ने मोहिनी मंत्र तो नहीं मार दिया अपने बच्चे पे ? नहीं रे लीला अभी उसकी माँ जिंदा है ऐसा कैसे कर पाएगी वो ? मैंने कहा भाभी देखो आक अमावस्या की काली रात है कही कुछ गलत न घट जाए ? शुभ शुभ बोल लीला कुछ भी मत कहा कर | खुद तो डरती है और मुझे भी डरा देती है | मैंने कहा भाभी आज हम दोनों रात में इन दोनों की तकवारी करेंगे आप सो मत जाना | मैं अपनी छत पे रहूंगी और आप भी मुझे खबर करती रहना सो मत मत जाना |

इतना मैंने भाही से कहा और मैं चली गयी अपने घर | रात के ८ बजे मैंने खाना खाया और तुरंत भाभी को फोन लगाके पुछा भाभी अपना लड़का कैसा है ? भाभी ने कहा खाना खा रहा है अभी पर फोन से चिपका हुआ है | मैं समझ गयी और टपक से कहा भाभी फोन पे लगा है खाते समय मतलब छत पे तेहेलने भी जाएगा | आप तैयार रहना मैं तो हूँ और इतना कहके मैं बर्तन मांजने लगी | फिर मुझे याद आया भाभी तो दवाई खाती हैं दर्द की और उससे उन्हें नींद आती है | मैं छत पे गयी और जैसे ही फोन लगाया तो सामने दिखा रिषभ | 10 बजे थे रात के पर वो बैठा था और भाभी भी फोन नहीं उठा रही थी | मैं समझ गयी हो गया बेडा पार आज |

पर ये रिषभ बैठा हुआ क्यूँ है ?

थोड़ी पास गयी तो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म का स्वर मुझे सुनाई दिया | मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था | मेरा मन व्याकुल हो गया और मैंने अपनी पति को बुला लिया और कहा जैसा वो लोग करें वैसा तुम करो | हम दोनों भी नंगे हो गए | रिषभ मीनू की चूत चाटने लगा और मैंने भी अपने पति का मुह अपनी चूत से लगा दिया | मेरी रसभरी चूत जैसे वापस जीवित हो उठी थी |

आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म आराम से करो न रिषभ, मीनू ने मादक स्वर में कहा | मीनू ने उसका लंड चूसना शुरू किया पर मेरे पति से चूत चटवाने का आनंद मुझे पहली बार प्राप्त हुआ था इसलिए मैंने जारी रखा | रिषभ भी आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रहा था और 10 मिनट बाद मीनू के मुह में अपना वीर्य छोड़ दिया | मैंने भी अपना पानी अपने पति के मुह में छोड़ दिया | मैं सुस्त पड़ गयी पर रिषभ ने अपना लंड जैसे ही मीनू की चूत में डाला वो चीख उठी | निकाल फट गयी मेरी चूत ! पर रिषभ घोड़े की तरह चोद रहा था और कुछ देर बाद वो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म करने लगी | मेरे पति ने भी मेरी गांड मारना चालु कर दिया था पर मैं शोर नहीं कर सकती थी | आधे घंटे तक ये चला और हम दोनों फिर से झड़ गए | फिर मैंने सोचा अब ये हो गया है तो क्या फायदा और हम दोनों नीचे आ गए |

सुबह मेरी नींद खुली तो चिल्लाने की आवाज़ आई | ये क्या किया मेरी बेटी के साथ तुमने ? बताओ अब क्या होगा इसका ? अंकल मैं आज ही इससे शादी करूँगा | रिषभ ये कहके निकला और बाजु में खड़ी शीतल भाभी की आँखे नम थी और उनको देख के मेरा भी दिल दुख गया | बाकि उसकी आदत आपने ऊपर पढ़ ही ली होंगी |

तो दोस्तों सब करो पर अपने माँ के बेपनाह प्यार की इज्ज़त भी करो और किसी गलत लड़की के लिए उसका भरोसा मत तोड़ो |

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दिल्लीवाली भाभी मतवाली https://sexstories.one/chudai-delhi-wali-bhabhi-ki-xxx/ Sun, 31 Oct 2021 10:24:43 +0000 https://sexstories.one/?p=3207 वो एकदम मस्त हो गयी थी और मेरे हेड पर हाथ फेरने लगी. उसकी सिसकिया सारे कमरे में गूंज रही थी और एकदम गोरे- चिट्टे बूब्स थे उसके. अब मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी और उसने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी हुई थी. मैंने उसकी लेग्स के बीच में अपना मुह लगा दिया...

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Chudai Delhi wali bhabhi ki xxx kahani – मैं एक ऍमएनसी कंपनी में एम्प्लोय हु और एक पंजाबी लड़का हु. अच्छी- खासी बॉडी है. तो दोस्तों, आपको अपनी कहानी बताता हु, जो की लास्ट मंथ हुई मेरे साथ. ये मेरी लाइफ का सबसे अच्छा खुबसूरत टाइम था अब तक का. दिल्ली की मर्सिडीज वाली भाभी को पटाया एक ही दिन में और फिर जालंधर में बुलाकर होटल में एक दिन तक भाभी को चोदा. मैं अपनी कंपनी के काम से दिल्ली गया हुआ था और काम ख़तम होने के बाद, मैं अपने फ्रेंड के घर हु रुक गया और मैंने नेक्स्ट दिन की रात की ट्रेन बुक कर रखी थी दिल्ली से जालंधर की. मेरे फ्रेंड ने कहा – चल मूवी देखने चलते है.

वो सैटरडे था. हम दोनों दोपहर का १२ बजे वाला मूवी का शो देखने चले गये और मूवी तो बहुत मस्त चल रही थी. जब २०-२५ मिनट की मूवी निकली, तो मेरी नज़र हमारे जस्ट पीछे वाली रो में बैठी हुई भाभी पर गयी. वो मुझे ही देख रही थी. मैंने पहली ही नज़र में उसको फुल स्कैन कर लिया था. उसने रेड टॉप पहना था और बड़े- बड़े बूब्स थे उसके. जब मैं उसके बूब्स को ताड़ रहा था, तो वो हँसने लगी. फिर नेक्स्ट १०-१५ मिनट में मैंने ४-५ बार पीछे देखा, तो वो भी नज़रे मिला रही थी, तो मैंने नेक्स्ट टाइम जब देखा तो हेलो कह दिया. उसने भी मुझे हेलो बोला और मेरा दोस्त मुझे बोला – साले, मरवाएगा क्या? मैंने भाभी को इशारे में बोला, कि क्या मैं आऊ, आपके बगल वाली सीट पर? तो वो हँसने लगी फिर से. मैं हिम्मत करके उसके पास वाली सीट पर चले गया. मैंने उससे चुपके से हैण्डशेक किया और धीरे से नार्मल बातें करने लगा.

उसकी बातें से मुझे पता चला, कि उसका पति दुबई में रहता है और साल में १ बार ही आता है १ मंथ के लिए. वो अकेली ही मूवी देखने आई थी. मुझे उससे बातें करके बहुत अच्छा लगा रहा था और बातो-बातो में मैंने उससे फ़्लर्ट करना शुरू कर दिया. मैंने उससे कहा – आप तो मैरिड नहीं लगती हो. मेरी इस बात पर वो हँसने लगी और बोली – मेरा तो ४ साल का एक बेटा भी है. मैं हैरान हो गया. अब वो मेरे साथ कम्फ़र्टेबल फील करने लगी थी. अब हम दोनों में से कोई भी मूवी नहीं देख रहा था. हम बस दोनों एक दुसरे को देख रहे थे और बातें कर रहे थे. मूवी ख़तम होने के बाद, मैंने उसको अपना नंबर दिया और फिर बाहर साथ में आये. तो मुझे पता चला, कि उसके पास मर्सिडीज कार है. ओह माय गॉड! आई वाज शोकेड. वो बोली – चलो मैं तुम्हे छोड़ देती हु. वो मुझे और मेरे फ्रेंड को हमारे घर छोड़ने आई और फिर मैं रात को ट्रेन पकड़कर जालंधर वापस आ गया और यहाँ से शुरू होती है स्टोरी स्टार्ट.

हमारी एक हफ्ते तक फ़ोन पर दिन- रात बातें होने लगी और मुझे उसके बारे में उसने मुझे सब कुछ बताया. उसने बताया, कि जब भी उसका पति इंडिया आता है, तो वो उसे संतुष्ट नहीं कर पाता. उसने बोला, कि उसकी एक्स्पेक्ट्शन बहुत ज्यादा है. बट कुछ कर नहीं सकते. मैंने मजाक- मजाक में बोला, मैं ट्राई करू एक बार आपको संतुष्ट करने का? तो वो जोर से हँसने लगी. वो बोली – तुम मुझसे अभी बहुत छोटे हो और कैसी बातें कर रहे हो? मैंने उसको बोला – मैंने ३-४ भाभियों को संतुष्ट किया है और वो सब उसके बाद भी मेरे कांटेक्ट में है. उसके बाद, मैंने उसे मना लिया जालंधर आने के लिए. वो मर्सिडीज लेकर जालंधर आ गयी और उसने इन्टरनेट से पहले ही एक मस्त होटल में कमरा बुक कर लिया था. मैंने न्यू क्लोथ्स ख़रीदे एक दिन पहले और उसे मिलने गया उसके होटल में. वो अपने रूम में थी, क्या मस्त लग रही थी! उसने ब्लू टॉप और ब्लैक जीन्स पहनी हुई थी और वो एकदम श्रुति हसन लग रही थी और बाल भी स्ट्रेट करवाए हुए थे.

Bengali bhabhi ki chudai ডাক্তার দেখাতে গিয়ে চোদা খাওয়া বাংলা চটি গল্প

मैंने एक बात भी नहीं की उससे. बस जाकर उसको बेड से उठाया और एक टाइट हग करी. तो उसने मेरे काम में बोला, सन्नी जी, इरादा क्या है आपका? मैंने पूरा दबोच लिया उसको अपने हाथो में, एकदम सॉफ्ट थी वो फॉर्म की तरह. मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसको नैक पर किस करना स्टार्ट कर दिया. वो बोलने लगी – मुझे लगता है, कि आज तो तुम मुझे खा ही जाओगे! मैंने ५ मिनट तक उसको नैक कर किस करता रहा और उसके शोल्डर को चूसता रहा और साथ में उसके बूब्स को भी प्रेस कर रहा था. उसके मुह से अहहहः हहहः की आवाज़े आने लगी. मैंने उसका टॉप उतार दिया. उसने नेट वाली ब्रा पहनी हुई थी. मैंने उसको बोला, कि ये मेरी फव्रेट है. मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया और एक हाथ से उसकी जीन्स के बटन को खोल दिया और उसकी चूत पर अपनी फिंगर रख दी. उसको तो मानो, एकदम करंट लग गया था. उसके मुह से अहहहः अहहहः … मर गयी … होहोहोहो की आवाज़े आई, तो मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसका लेफ्ट वाला बूब चूसने लगा.

वो एकदम मस्त हो गयी थी और मेरे हेड पर हाथ फेरने लगी. उसकी सिसकिया सारे कमरे में गूंज रही थी और एकदम गोरे- चिट्टे बूब्स थे उसके. अब मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी और उसने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी हुई थी. मैंने उसकी लेग्स के बीच में अपना मुह लगा दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा. वो एकदम चिल्लाई – वाओ सन्नी, आई ऍम इन हेवन नाउ. उसकी चूत पूरी गीली थी. मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और चूत ऊपर से चाटनी स्टार्ट कर दी. वो जोर-जोर से आवाज़े निकाल रही थी. संन्य बस … बस अहहहहहः ऊऊय्य्य्यईईईईइ .. अहहहः. मैंने करीब ५-१० मिनट उसकी चूत चाटकर और फिंगर करके अपना अंडरवियर उतार दिया. वो बोली, सन्नी तुम्हारा लंड तो काफी बड़ा है. मैंने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक झटका दिया. उसने मस्त होके आईज बंद कर ली और जोर से चिल्लाने लगी आहाहहः अहहाह ..मर गयी. उसका ये हाल तो तब था, जब मेरा सिर्फ आधा लंड ही अन्दर गया था. मैंने उसको बोला, कि तुम्हारी चूत इतनी टाइट कैसे है, तो उसने बोला – मेरा पति साल बाद जो आता है.

पर तब तक टाइट हो जाती है और मैंने जोर- जोर से अपना लंड अन्दर- बाहर करना शुरू कर दिया. वो बोली – सन्नी बहुत मज़ा आ रहा है. फक मी हार्ड… और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. हम दोनों के लिप आपस में जुड़े हुए एकदूसरे को चूस रहे थे. मैंने फिर पोज चेंज किया और उसको उल्टा करके डोग्गी स्टाइल में उसके अन्दर लंड डाला. मेरी स्पीड बहुत तेज थी और मैं उसको जोर-जोर से चोद रहा था और ५ मिनट चोदने के बाद, वो मेरे ऊपर आके जोर- जोर से ऊपर- नीचे करने लगी. हम सेक्स करते- करते बीच में एक दुसरे से बात भी कर रहे थे. हमें सेक्स करने में बजा मज़ा आ रहा था और मैंने उसको करीब २०-२५ मिनट चोदा होगा. फिर हम दोनों डिस्चार्ज हो गये. मैंने उस दिन होटल में उसको ४ बार चोदा. वो भाभी मुझसे बहुत संतुष्ट हुई और अब भी मेरे कांटेक्ट में है. मैंने उसको १ मंथ में करीब १५-२० बार चोदा होगा.

अब वो बहुत खुश है और मजेदार बात ये है, कि वो सारा खर्चा खुद ही करती है.

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पडोसन की चूत https://sexstories.one/padosan-ki-chooth/ Fri, 22 Oct 2021 07:07:33 +0000 https://sexstories.one/?p=3099 मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर में वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और फिर उसके होठों को चूमने लगा। तभी थोड़ी देर में विनीता जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी।...

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Matwali Padosan ki Chooth Chudai हैल्लो फ्रैण्ड्स मेरा नाम ऋषि है , सच कहूँ तो मुझे बहुत मजा आता है ये कहानियाँ पढ़कर और मुझे लगा कि मुझे भी अपनी स्टोरी लिखनी चाहिए। जो कहानी आपको बताने जा रहा हूँ वो सच है और दो साल पहले की है। दोस्तों मेरी उम्र 21 साल की है और हाईट 5.11 फुट है और वजन 60 किलो है। मैं मोरादाबाद का वासी हु औऱ अभी अपने कॉलेज के आखरी साल पर हु। मुझे लड़कियों की चूत चाटना और मुझसे मेरे उम्र में बड़े लड़कियों के साथ चुदाई करना बहुत पसंद है। अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।

दोस्तों में दो साल पहले बहुत दिनों के बाद अपनी मौसी के घर गया था। तो मौसी मुझे देखकर बहुत ख़ुश हुई। मेरी मौसी के घर मौसी, मौसा कजिन ब्रदर जो मुझसे दो साल छोटा है। मेरा भाई मुझसे बहुत फ्रैंक है तो हम दोनों हर तरह की बातें शेयर कर लेते है। फिर रात को खाना खाने के बाद सोने की तैयारी होने लगी। तभी में और भाई छत पर सोने गए.. हमारी छत खुली थी।

आप तो जानते है कि गाँव में लोग बहुत घुले मिले है। फिर हुआ ये कि रात को पड़ोस वाले घर के जो मेरे मौसा जी के चाचा लगते है.. वो और उनकी वाईफ और उनकी एक बेटी भी सोने आ गए। वो लोग अपनी छत पर सो रहे थे और हम अपनी छत पर। इधर अजय (मेरा भाई) और में बातें कर रहे थे।

अजय ने मुझे बताया कि विनीता (जो पड़ोस वाले अंकल की बेटी है और छत पर ही सो रही थी) का गाँव के कई लड़कों के साथ चक्कर चल रहा है और कई बार तो में भी उसके साथ किस कर चुका हूँ लेकिन आगे मौका नहीं मिला। फिर मैंने भी कभी किसी लड़की को छुआ नहीं था तो आज मुझे थोड़ा सा अजीब लग रहा था और मजा भी बहुत आ रहा था।

फिर बातें करते करते बहुत देर हो गई और सभी लोग सो चुके थे लेकिन आज मुझे नींद कहाँ आनी थी। फिर अजय बोला में तो सो रहा हूँ तू क्या चाह रहा है। तभी मैंने कहा कि आज कुछ नहीं हो सकता.. तू अभी मत सो.. रुक देखते है अगर कुछ हो सके तो। मैंने विनीता को पहले कई बार देखा था। वो 5.5 फिट लम्बी थी। उसके बूब्स बहुत बड़े थे.. उसका साईज 32-28-34 था। रंग की बहुत गोरी थी.. उसके होंठ लाल थे.. लेकिन आज तक कभी मैंने उसके बारे में सोचा ही नहीं था। लेकिन आज उसकी बातें सुनकर एक तड़प सी उठ रही थी।

आज शायद मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी। तभी ऊपर मच्छर काट रहे थे तो विनीता के मम्मी पापा नीचे चले गये सोने के लिये। फिर अजय बोला अब शायद कुछ हो जाय और तभी वो उठा और विनीता के पास जाकर सोने के लिए कहने लगा। फिर मुझे डर लग रहा था.. लेकिन अजय ने कहा कि कुछ नहीं होगा.. तो में भी उसके साथ चला गया।

अब हम लोग उसके साथ छत पर थे। पहले में, अजय फिर विनीता। तभी अजय ने विनीता की तरफ हाथ बड़ाया और उसे जगा लिया और फिर बूब्स पर हाथ डालने लगा। क्योंकि वो तो पहले भी कई बार सबकुछ कर चुके है तो उन्हें कोई डर ही नहीं लग रहा था। लेकिन विनीता मना कर रही थी कि नहीं अभी मेरा मूड नहीं है। फिर अजय नहीं माना तो वो मुझसे बोली जय तुम बड़े हो इसे मना करो ना प्लीज। तभी मैंने मना किया तो वो मान गया। फिर वो उठी और मेरी तरफ आकर लेट गई, अब में बीच में था।

Chudai pados wali bhabhi ki चूत की बिछ गयी है बिसात

फिर 12 बज चुके थे। फिर मैंने अजय को इशारा करके सुला दिया और अजय भी सो गया। अब मेरा भी मन विनीता को पकड़ कर अपनी तड़प मिटाने का था। फिर वो मेरी तरफ पीठ करके लेटी थी। फिर मैंने बहुत हिम्मत करके अपना पैर उसके पैरों से टच किया और उसके पैरों के बीच रख लिया। तभी उसकी कोई हलचल ना देखकर मेरी हिम्मत और बड़ गयी।

फिर थोड़े देर बाद पैर को अच्छी तरह उसकी पैरों के बीच फंसा दिया और फिर ऐसे ही लेटा रहा। तभी कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ विनीता के गाल पर रख दिया और हल्के हल्के घुमाने लगा। फिर मेरी हिम्मत और तड़प दोनों बढ रही थी। विनीता कोई हलचल नहीं कर रही थी।

फिर मैंने हाथ को उसकी गर्दन पर लेकर धीरे से घुमाकर उसके बहुत पास आ गया। फिर धीरे धीरे मैंने हाथ उसकी छाती पर लगा दिया। फिर थोड़ी देर बाद में उसके बूब्स को सहलाने लगा और गर्दन पर अपनी सांसें छोड़ने लगा। अब मुझे लगा कि वो सो गई है। तभी मैंने उसे कमर से पकड़ा और अपनी और खींचा.. तभी वो एकदम से मेरी तरफ पलटी और बोली कि में तो इधर लेटी थी कि तुम मुझे बचा लोगे.. लेकिन तुम तो खुद ही शुरू हो गये.. प्लीज मुझे क्यों नहीं सोने देते?

फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सो चुकी.. अब मत सोओ और फिर ये कहकर उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। अब वो मेरे बिल्कुक पास थी। तभी वो बोली ये ठीक नहीं है। मैंने कहा कि मुझे सब पता है.. तुम्हारा भी मूड है फिर भी तुम क्यों इतना टाईम लगा रही हो? तभी वो हंस गयी और फिर एकदम से उसने मेरे होंठ पर किस कर लिया और फिर बोली कि रुको में अभी आई।

फिर वो उठकर नीचे गयी और 5 मिनट में आ गई। फिर मैंने पूछा कि तुम कहाँ पर गई थी? तभी बोली कि मम्मी पापा को देखने गई थी कि वो सो गये या वो भी चुदाई में व्यस्त है।

फिर वो साथ में क्रीम और तेल भी लेकर आई थी। फिर मैंने कहा कि इधर अजय है चलो उधर दूसरी तरफ चलें। फिर हम दूसरी छत पर आ गए और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद में नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। दोस्तों ये मेरी लाईफ का पहला मौका था..

जब में किसी लड़की के इतने पास था और उसके बूब्स दबा था। तभी विनीता की भी सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाट रहा था।

तभी में ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया.. उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। में पागल सा होने लगा और विनीता को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था।

फिर मेरे हर बार दबाने के साथ विनीता का जोश बढ़ता जा रहा था और फिर वो मेरे सर को पकड़कर अपने बूब्स में दबा रही थी। में भी भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा और उनको जोर से चूसने और मसलने लगा। विनीता को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी उम्म हहाहा मरी में थोड़ा धीरे चूसो प्लीज सीईईई। क्या मस्त चूचियाँ थी उसकी.. बहुत गोरी, सॉफ्ट और बहुत ही नाज़ुक में बेकाबू हो गया था।

फिर मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही में एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ा नीचे आकर उसकी चूत पर जीभ फैरने लगा तो वो पागल हो उठी। फिर में धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा।

सच में विनीता की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. में तो बस मदहोश हो गया था। फिर में धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत के दाने को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगा। तभी उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो अपने पैरो को सिकोड़ने लगी थी।

तभी में समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूसने लगा। तभी वो मेरे सर को जोर जोर से दबाने लगी और में भी जोश में आकर उसकी चूत को चूसने लगा। तभी में अपने आपे से बाहर हो रहा था। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका। फिर में अपना मुँह उसकी चूत के पास लेकर गया और फिर उस पर चूम लिया। तभी उसने अपने दोनों पैर चौड़े कर दिये थे।

फिर उसकी चूत को देख कर साफ़ पता लग रहा था कि उसने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे.. मतलब आज वो चुदाई लिए तैयार थी। फिर में उसके दाने को जीभ से चाट रहा था और जीभ को अंदर भी डाल रहा था। फिर वो बहुत गरम हो गई थी और अपनी कमर उठाकर मेरी जीभ को अंदर लेने लगी। फिर उनके हाथ मेरे सर पर थे और वो मेरे सर को दबा कर मेरा मुँह अपनी चूत के और पास ले जाने की कोशिश कर रही थी।

Padosan ki chooth स्वीटी भाभी की स्वीट चुदाई

तभी में उठा और जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और फिर में जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया.. में तो जन्नत का मजा महसूस करने लग। पहली बार किसी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर मैंने उसे मुहं में लेने कहा वो तुरंत मान गई। फिर धीरे-धीरे उसने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर कुछ 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा होगा।

फिर वो बोली कि अब कंट्रोल नहीं होता जान अब डाल दो। में भी अब तैयार था। फिर मैंने एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगाया और फिर उसकी जाँघें अपनी जाँघों पर चढ़ा लीं। फिर में अपने लंड को उसकी चूत पर फैरने लगा। अब उसकी चूत तन्दूर की भट्टी की तरह गरम थी। तभी उसने कहा कि उसने कभी चुदवाया नहीं है और मेरा इतना मोटा लंड उसकी चूत में कैसे जायेगा?

तभी मैंने कहा कि थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद में बहुत मज़ा भी आएगा। डर तो मुझे भी था.. क्योंकि मेरा भी पहली बार था.. पता नहीं था कि कैसे करूं? फिर मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और अपना लंड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी।

मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर में वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और फिर उसके होठों को चूमने लगा। तभी थोड़ी देर में विनीता जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी। तभी मैंने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया, तभी मेरा लंड उसकी चूत में तीन इंच घुस गया। तभी वो जोर से चिल्लाने लगी.. तो मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये। अब मुझे महसूस हुआ की कोई चीज लंड को अंदर जाने से रोक रही है।

तभी में समझ गया की ये उसकी चूत की झिल्ली है जो अभी तक फ़टी नहीं है। फिर में बहुत खुश हो रहा था कि मुझे पहली चुदाई में बिना चुदी हुई चूत मिली है। फिर विनीता आँखें बंद किये सिसकियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी। तभी में वहीं पर रूक गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा था। तभी वो जोर जोर से रोने लगी। तभी मैंने उसे प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चल गया है। अभी थोड़ा सा दर्द होगा.. लेकिन बाद में जो मज़ा आएगा वो तुम्हे तुम्हारा पूरा दर्द भुला देगा।

फिर मैंने उसके लाख कहने पर भी अपना लंड उसकी चूत से बाहर नहीं निकाला। फिर पाँच मिनट तक में सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा। तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और फिर उसे जोश आने लगा और वो मुझसे चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी। उसकी चूत मेरे लंड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती। फिर में इशारा समझ गया और मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।

तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक में उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर वो भी नीचे से गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ जोर से तेज और तेज करो.. मुझे चोदते रहो जोर से और जोर से चोदो मुझे मीईईइ।

Chooth chudai बीवी और डोली भाभी

तभी मैंने लंड को चूत से बाहर निकाल कर फिर से मैंने उसके दोनों पैरो को अपने कंधे पर रखकर अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए। फिर उसकी चूत से खून आ रहा था लेकिन अब दर्द नहीं था। तभी वो एकदम से अकड़ने लगी और मेरी पीठ और कन्धों पर नाख़ून चुभाने लगी और फिर एकदम से मुझसे लिपट गई और झड़ गई। लेकिन में तो अभी भी जोश में था। तभी विनीता बोली कि रुको मत.. पता नहीं कब मौका मिले। फ़िर उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े लेकिन में रुका नहीं। फिर में अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और कुछ देर बाद उसे फिर मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।

तभी वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी। चूँकि वो अभी अभी झड़ी थी इसलिए दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नहीं था। इसलिया मज़ा और ज़्यादा आने लगा। ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो फिर झड़ गयी। उसकी गरम चूत गीली हो गई और वो शांत पड़ गई। लेकिन में रुका नहीं और फिर में उसे चोदता रहा। तभी उसने मुझे अब रुकने को कहा.. लेकिन में रुका नहीं और अपना काम करता रहा। फिर लगभग 5 मिनट के बाद में झड़ने लगा तो मैंने पूछा कि बाहर निकाल दूँ.. तो वो बोली कि मेरा पहला मौका है में मजा लेना चाहती हूँ अंदर ही डाल दो। तभी मैंने जल्दी जल्दी झटके मारे और फिर थोड़ी देर में अपना सारा वीर्य विनीता की चूत में निकाल दिया।

दोस्तों क्या बताऊँ जिस टाईम में झड़ रहा था तो ऐसा लगा कि में सातवें असमान में उड़ रहा हूँ ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला था। पहली बार था तो बहुत गाड़ा और बहुत ज्यादा वीर्य निकला था। तभी विनीता बोली कि तुम्हारे गर्म वीर्य को में अपनी चूत में साफ साफ महसूस कर रही हूँ। तभी मैंने पूछा कि तुम्हे मजा आया ना? फिर बोली कि अभी पूरी रात है तुम तो बिना रुके मजा रहो। फिर उस रात हमने 3 बार और सेक्स किया और फिर हम दोनों वापस से अपनी जगह पर आकर सो गये। फिर में सुबह उठकर अपने घर चला आया। फिर मुझे उसे चोदने का कभी दुबारा मौका नहीं मिला।

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