kamasutra Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/kamasutra/ Hindipornstories.org Thu, 07 Jan 2021 08:14:05 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मेरे लंड के लिए तडप अब भी कम नहीं हुई https://sexstories.one/mere-lund-ki-vasna-aur-tadap/ Wed, 06 Jan 2021 07:52:06 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%a4%e0%a4%a1%e0%a4%aa-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%ae/ दोस्तों, ज़िन्दगी के मजे ले लो इससे पहले की ज़िंदगी तुम्हारे मजे ले ले। मेरा नाम ललित है, मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैं चंडीगढ़ की एक अच्छी कंपनी में ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तों, ज़िन्दगी के मजे ले लो इससे पहले की ज़िंदगी तुम्हारे मजे ले ले। मेरा नाम ललित है, मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैं चंडीगढ़ की एक अच्छी कंपनी में जॉब करता हूं। मुझे वहां जॉब करते हुए 5 वर्ष हो चुके हैं। मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पुणे से पूरी की थी और उसके बाद मैं चंडीगढ़ में जॉब करने लगा। मेरे कॉलेज से मेरा प्लेसमेंट चंडीगढ़ में ही हो गया था। lund ki vasna

मेरे पिताजी विदेश में रहते हैं इसलिए मुझे ही घर का सारा काम संभालना पड़ता है। lund ki vasna

एक बार मेरी बहन रितिका की तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई। उसे लेकर मुझे डॉक्टर के पास जाना पड़ा। मैं जिस क्लीनिक में उसे डॉक्टर के पास लेकर गया वहां उन्होंने मुझे दवाई दे दी और उसी क्लीनिक में मेरी मुलाकात अंकिता के साथ हो गई। जब हमारे घर में किसी की तबीयत खराब होती तो मैं उसे उसी क्लीनिक में लेकर जाता और अंकिता भी मुझे देखकर हमेशा खुश रहती। अंकिता का नंबर भी मेरे पास आ चुका था। मैं अंकिता से फोन पर बात करने लगा। जब मैं अंकिता से फोन पर बात करता तो वह मुझसे बात कर के बहुत खुश होती। मुझे ऐसा लगता है कि जैसे वह मुझ पर फिदा है।

एक दिन मैंने उसे अपने घर बुला लिया। जब मैंने उसे अपने घर बुलाया तो मैंने उसे अपनी मम्मी से मिलवाया। मेरी मम्मी अंकिता से मिलकर बहुत खुश हुई। जैसे ही मेरी बहन रितिका ने अंकिता को देखा तो वह कहने लगी अच्छा तो भैया आप इसीलिए मुझे बार-बार उन्हीं डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं। यह बात सुनते ही मैं हंसने लगा और अंकिता के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई।

मेरी बहन मुझसे कहने लगी भैया आप तो बड़े ही छुपे रुस्तम निकले। lund ki vasna

आपने तो मुझे एक बार भी भनक नहीं लगने दी। मैंने उसे कहा नहीं बहन ऐसी कोई बात नहीं है। तुम गलत समझ रही हो। मेरी तो जैसे अंकिता के साथ अब अच्छी बनने लगी थी लेकिन ना जाने किसकी नजर हम दोनों के रिश्ते को लगी और अंकिता के परिवार वालों ने उसका रिश्ता विदेश में रहने वाले एक लड़के के साथ कर दिया। अंकिता को यह बात नहीं पता थी जब अंकिता की सगाई होने वाली थी तो मैं बहुत ज्यादा दुखी था मैंने अंकिता को फोन भी किया लेकिन वह मेरा फोन उठा नहीं रही थी। मैं अंकिता के लिए तड़प रहा था। मेरे दिल में अंकिता के लिए इतना ज्यादा प्रेम था कि मैं उसके बिना नहीं रह सकता था और उस प्रेम ने मुझे अंदर से झकझोर कर रख दिया।

मुझे लगा कि मुझे अंकिता के घर चले जाना चाहिए। lund ki vasna

मैंने उस दिन बहुत ज्यादा शराब पी ली और मैं अंकिता के घर चला गया। मैंने उस दिन इतनी ज्यादा ड्रिंक कर ली कि मुझे कुछ भी होश नहीं था और मैं जब अंकिता के घर पर गया तो मैंने वहां पर बहुत शोर शराबा करना शुरू कर दिया। जिससे की उनके परिवार वालों को भी पता चल गया। अंकिता के पिताजी मेरे पास आये और कहने लगे कि यदि तुम मुझसे पहले यह बात कहते तो मैं तुमसे अंकिता की शादी करवा देता लेकिन अब तुम्हारी असलियत मुझे पता चल चुकी है। आज के बाद यदि तुम मुझे कभी दिखाई दिये तो उसके बाद तुम समझ लो तुम्हारा क्या हश्र होगा। यह कहते हुए उन्होंने मुझे धक्का दिया तो मैं वहीं जमीन पर गिर गया। अंकिता भी अपने छत से खड़ी होकर यह सब देख रही थी। मेरे लिए तो जैसे यह बड़ी शर्म की बात हो गई और मेरा नशा भी उस वक्त फुल हो गया लेकिन मैं अंकिता के बिना नहीं रह सकता था।

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मैं अंकिता से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसके घर वाले अब उसे बाहर भी नहीं भेजते थे। मेरा उससे कांटेक्ट भी नहीं हो पा रहा था और ना ही मैं उससे मिल पा रहा था। एक दिन मैंने अपनी बहन से कहा कि मुझे अंकिता से एक बार बात करनी है यदि तुम उससे मेरी बात करवा दो तो उसके बाद मैं उससे जिंदगी भर कभी बात नहीं करूंगा। मेरी बहन कहने लगी ठीक है मैं कोशिश करती हूं कि मैं इसमें क्या कर सकती हूं। वह जब अंकिता के घर गई तो उसके घरवालों ने समझा कि वह उसकी दोस्त है। रितिका अंकिता को हमारे घर पर ले आई और जब अंकिता मुझसे मिली तो हम दोनों रूम में बैठे हुए थे।

मैंने अंकिता को गले लगा लिया और कहा कि मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकता। lund ki vasna

अंकिता कहने लगी कि मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकती लेकिन तुमने उस दिन बहुत ही जल्दी बाजी में यह फैसला लिया। तुम मेरे घर नहीं आते तो शायद सब कुछ ठीक हो जाता। पर अब मेरे पापा तुम से कभी भी मेरा रिश्ता नहीं करवा सकते।

मैंने अंकिता से कहा कि तुम मेरे अंदर की भावनाओं को भी तो समझो। lund ki vasna

मैं भी अंदर से तड़प रहा था और मेरी तड़प इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मैं अपने आप को नहीं रोक पाया। उस दिन मैंने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली और मुझे बिलकुल भी होश नहीं था। अंकिता कहने लगी तुम अपने लिए कोई और लड़की देख लो। मैं तो अब तुम्हारे जीवन में नहीं आ सकती। मैंने अंकिता से कहा तुम ऐसा मत कहो मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकता। यह कहते हुए मैंने अंकिता को अपने गले लगा लिया। जब मैंने उसे अपने गले लगाया तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरे दिल का कितना बड़ा बोझ हल्का हो गया हो और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैंने अंकिता से कहा कि तुम्हें गले लगा कर मुझे कितनी खुशी मिल रही है। यह मैं ही जानता हूं। वह भी रोने लगी और उसकी आंख से आंसू निकलने लगे। मैं समझ गया कि अंकिता मुझसे बहुत प्रेम करती है लेकिन वह मुझसे शादी नहीं कर सकती क्योंकि वह अपने परिवार के आगे बिल्कुल बेबस है। मैंने जब उसके होठों को किस किया तो उसके नरम होंठ मुझसे मिलने लगे।

उसकी आंसू की बूंद मेरे चेहरे पर गिरने लगी। मैंने उसे अपनी बाहों में ले रखा था और बड़े अच्छे से मैं उसके नरम होठों को किस कर रहा था। वह मुझसे अपने आपको दूर हटाने की कोशिश करती लेकिन मैं दोबारा से उसके होठों को किस करने लग जाता। कुछ देर ऐसा ही चलता रहा जब अंकिता पूरी तरीके से मूड में हो गई तो उसने मुझे अच्छे से किस करना शुरू कर दिया और मैंने उसके होंठो से खून भी निकाल दिया। जब उसके होठों से खून निकला तो मैंने अंकिता को कसकर पकड़ लिया और कहा मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं। वह भी अपने आपको ना रोक सकी मैंने जब उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह मेरी बाहों में आ गई और मैंने जब उसके स्तनों को अपने मुंह में लिया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई।

मैंने उसके स्तनों को इतने अच्छे से चूसता की उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा। lund ki vasna

उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकलता हुआ मुझे साफ दिखाई दे रहा था मैं जैसे ही उसकी योनि को चाटता तो मेरा मन उसकी चूत मे अपना लंड डालने का हो गया। मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो उसकी योनि से खून की धार बाहर की तरफ निकालने लगी वह मेरे लंड पर लग गई। जब उसकी योनि से खून निकल रहा था तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मैं लगातार उसे तेज गति से चोद रहा था उसे चोदने में मुझे बहुत आनंद मिल रहा था। मै जिस प्रकार से उसकी चूत मार रहा था मैं उतना ही खुश हो रहा था। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर होता तो मुझे बहुत खुशी मिलती। मैं उसकी योनि की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया।

जैसे ही मेरा वीर्य पतन उसकी योनि के अंदर हुआ तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस होने लगा मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया। उसके बाद अंकिता ने भी मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना जारी रखा जब वह मेरे लंड को अपने मुंह मे लेती तो मेरा लंड खड़ा हो गया और उसकी योनि में जाने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही मैंने अंकिता को अपने ऊपर लेटाया तो उसने मेरे लंड को अपनी योनि में ले लिया और अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी। मैं उत्तेजित हो जाता और हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाए। हम दोनों ने एक दूसरे के बदन का उस दिन अच्छे से मजा लिया मुझे बहुत मजा आया। उसके कुछ समय बाद उसकी शादी हो गई। शादी के बाद जब वह मुझे मिली तो वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है मैंने उसके साथ उस दिन सेक्स किया। उसका जब भी मन होता है तो वह मेरे पास आ जाती है और मैं उसके साथ संभोग करता हूं।

मुझे उसकी चूत मारना बहुत अच्छा लगता है। lund ki vasna

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Check-up Ke Bahane Doctor Se Chudwaya Didi Ne https://sexstories.one/did-ne-doctor-se-chudwaya/ Sun, 03 Jan 2021 22:25:10 +0000 https://sexstories.one/check-up-ke-bahane-doctor-se-chudwaya-didi-ne-xxx-storiez/ मेरा नाम अनुप है। यह मेरी बहन के बारे में है और उसका नाम अल्का है। दोस्तों अल्का मुझसे उम्र में 7 साल बड़ी है और उसकी शादी भी हो चुकी है और उसके दो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम अनुप है। यह मेरी बहन के बारे में है और उसका नाम अल्का है। दोस्तों अल्का मुझसे उम्र में 7 साल बड़ी है और उसकी शादी भी हो चुकी है और उसके दो लड़कियाँ भी है। उसकी शादी से पहले उसका एक लड़के के साथ चक्कर था जिसके बारे में मेरे घर पर सभी घरवालों को पता चल गया और उसी बात की वजह से उसकी शादी जल्द ही मेरे बहुत दूर के रिश्ते में मामा के बेटे से करावा दी थी। doctor Se Chudwaya

उसका फिगर दिखने में बहुत अच्छा है और हर कोई उसके मस्त बड़े बड़े बूब्स, मोटी गांड गोल चेहरे को देखकर उसका दीवाना हो जाता था। दोस्तों यह बात तब की है जब मेरे चाचाजी का स्वर्गवास हो गया था और अल्का दीदी अपने परिवार के साथ वहां पर बैठने के लिए आई थी। दो दिन रहने के बाद जीजू बेटियों के साथ वापस चले गये और अल्का दीदी हमारे साथ हमारे घर पर रुक गई और करीब 7 दिन बाद उनको अचानक से एक दिन अपनी कमर में दर्द होना शुरू हो गया। तब माँ ने उसे पड़ोस वाले एक डॉक्टर के पास जाने के लिए बोला। वो डॉक्टर पास के एक गावं में सरकारी अस्पताल का ऑफिसर था और वो अपने घर पर भी अपना एक क्लिनिक चला रहा था।

एक दिन में जब अपने कॉलेज से वापस आ रहा था. doctor Se Chudwaya

तो मैंने अपनी अल्का दीदी को डॉक्टर के क्लिनिक में जाते हुए देखा। दोस्तों उस डॉक्टर और मेरी चाची की चुदाई मैंने कई बार देखी थी। मेरी चाची का नाम वर्षा है और वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ भी है उस डॉक्टर की उम्र करीब 40 के आसपास थी। अब में अपने घर पर पहुंचा और फिर में कुछ देर बाद फ्रेश होकर क्लिनिक पर पहुँचा तो मैंने देखा कि मेरी दीदी का नंबर आया और वो अंदर चली गई, उनके जाने के बाद कोई और मरीज वहां पर नहीं था इसलिए डॉक्टर ने दरवाजा बंद कर दिया। अब मुझे ना जाने क्यों शक हुआ। में उठकर तुरंत खिड़की के पास चला गया जो कि हमारे मकान की तरफ थी। मैंने उसके अंदर झांककर देखा तो मेरी दीदी उस डॉक्टर के सामने एक कुर्सी पर बैठी हुई थी और फिर डॉक्टर ने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा।

दीदी : वो भी एकदम ठीक है आप अपनी पत्नी बच्चो के बारे में बताए, वो कैसे है?

डॉक्टर : बस वो भी एकदम बढ़िया है और मेरी बीवी तो कोल्हापुर में रहती है।

दीदी : मतलब वो लोग यहाँ पर नहीं रहते? doctor Se Chudwaya

डॉक्टर : मेरा बेटा कोल्हापुर में इंजिनियरिंग कर रहा है और बेटी अपनी मेडिकल की तैयारी कर रही है तो वो भी उन्ही के साथ रहती है।

दीदी : क्या तो आप यहाँ पर बिल्कुल अकेले रहते हो?

डॉक्टर : हाँ अब और कोई रास्ता भी तो नहीं है, चलो अब वो सब जाने दो तुम यह बताओ कि तुम्हारी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? क्यों तुम वहां पर खुश तो हो ना?

दीदी : हाँ में खुश तो हूँ, लेकिन अब मेरे पास भी कोई रास्ता नहीं है। doctor Se Chudwaya

फिर डॉक्टर ने दीदी की तरफ घूरकर देखा और फिर वो हंसने लगा और दीदी भी उसकी तरफ देखकर हंसने लगी। फिर डॉक्टर ने दीदी से पूछा कि तुम्हे क्या हो रहा है? दीदी बोली कि मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है यहाँ बाई तरफ से नीचे की तरफ दर्द हो रहा है और ऐसा कहते हुए दीदी ने अपनी कमर से लेकर अपनी गांड तक हाथ फेरा। डॉक्टर ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा कि ठीक है कोई बात नहीं, ऊपर का दर्द है अभी ठीक हो जाएगा, क्या यहाँ पर कोई ऐसा है जिससे तुम अपनी इस जगह पर मसाज करवा सकती हो?

दीदी : जी यहाँ पर तो कोई भी ऐसा नहीं है, मेरे पति भी घर पर चले गये है और फिर दीदी उनकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा गई और डॉक्टर ने भी उन्हें स्माइल दी।

डॉक्टर : चलो कोई बात नहीं है में तुम्हे इंजेक्शन लगा देता हूँ। यह बात बोलकर उन्होंने दीदी से पूछा कि इंजेक्शन कहाँ पर लगाना है?

दीदी : अब कूल्हों में दर्द है तो वहीं पर इंजेक्शन लगवा लूँगी, क्यों सब चलेगा ना?

डॉक्टर : हाँ हाँ क्यों नहीं? चलो अब जल्दी से तुम उस टेबल पर लेट जाओ। doctor Se Chudwaya

दीदी टेबल की तरफ चली गई और बोली कि यह तो बहुत उँचा है, में इसके ऊपर चड़ ही नहीं सकती। क्यों ना में खड़े खड़े ही इंजेक्शन लगवा लूँ?

अब डॉक्टर हाँ में अपना सर हिलाकर कहने लगा कि सब चलेगा, लेकिन में तुम्हारी इस साड़ी का क्या करूँ? तो दीदी बोली कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो में उसे थोड़ा ऊपर उठा लूँगी। फिर डॉक्टर बोला कि अब इंजेक्शन लगवाना है तो तुम्हे अपनी साड़ी को ऊपर तो उतनी ही पड़ेगी। फिर दीदी ने तुरंत अपनी साड़ी को नीचे से पकड़कर ऊपर कर दिया और फिर डॉक्टर की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गई। वाह दोस्तों उनकी बहुत कमाल की गांड थी। में उन्हें देखता ही रह गया और मेरा लंड उनकी गांड को देखकर अपनी औकात में आने लगा था। उधर डॉक्टर भी चकित होकर उसकी गांड को देखता रह गया। दीदी की वो पेंटी भी उनकी गांड को छुपा नहीं सकती थी वो उनकी गांड की दरार में ही बिल्कुल अंदर तक फाँसी हुई थी और फिर डॉक्टर ने अपने लंड को अपनी पेंट में सेट किया और टेबल की तरफ जाकर इंजेक्शन भरने लगा। फिर दीदी की पीछे आ गया और उसने अब उनकी गांड पर हाथ में थोड़ी रुई लेकर साफ किया और इंजेक्शन लगा दिया। फिर थोड़ी सी रुई उठाई और इंजेक्शन वाली जगह को मसलने लगा। दोस्तों ऐसा करते वक़्त उसने दीदी की गांड को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वहां जिस जगह पर इंजेक्शन लगा उस जगह पर धीरे धीरे मसल रहा था।

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डॉक्टर : इंजेक्शन तो हो गया है, लेकिन यह दर्द बहुत करेगा इसलिए इस जगह को थोड़ा ज्यादा मसलना चाहिए।

दीदी : लेकिन, अब में किसको अपनी गांड को मसलने के लिए बोलूँ? प्लीज आप ही मसल दो ना?

डॉक्टर : हाँ ठीक है, लेकिन इसमे ज्यादा समय लगेगा।

दीदी : कोई बात नहीं, में दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा लेती हूँ ताकि हमें कोई ना देखे, आप बस मेरी मसलते रहो और फिर ऐसा कहकर दीदी ने दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और फिर वो अपनी साड़ी को उठाकर टेबल को पकड़कर खड़ी हो गई। वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल पोज़िशन में खड़ी हुई थी। डॉक्टर भी झट से उनके पास गया और उसने दीदी की गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और फिर एक हाथ से वो उनकी गांड को मसलने लगा और फिर मसलते वक़्त दीदी उनसे बोली।

दीदी : वैसे आप बिना अपनी बीवी के कैसे काम चला लेते हो?

डॉक्टर : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जैसा आप समझ रही हो।

दीदी : हाँ हाँ में आपके और मेरी चाची के बारे में भी बहुत कुछ जानती हूँ।

डॉक्टर : जब तुम सब कुछ जानती ही हो तो फिर मुझसे क्यों पूछ रही हो?

दीदी : बस आपसे मुझे जानना था कि सिर्फ़ चाची ही है या और कोई भी है?

डॉक्टर : हाँ और भी है, मुझे गाँव की औरतों की चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब डॉक्टर ने दीदी से सीधे सीधे शब्दों में बात करनी चालू कर दी और फिर वो बोला कि क्यों अल्का तुम्हे भी तो पहले चुदाई बहुत अच्छी लगती थी?

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বোনের পাছায় ধোন ঠেকিয়ে ডগি স্টাইলে চোদা ২ https://sexstories.one/bangla-choti-pdf-%e0%a6%ac%e0%a7%8b%e0%a6%a8%e0%a7%87%e0%a6%b0-%e0%a6%aa%e0%a6%be%e0%a6%9b%e0%a6%be%e0%a7%9f-%e0%a6%a7%e0%a7%8b%e0%a6%a8-%e0%a6%a0%e0%a7%87%e0%a6%95%e0%a6%bf%e0%a7%9f%e0%a7%87/ Fri, 01 Jan 2021 08:10:44 +0000 https://sexstories.one/bangla-choti-pdf-%e0%a6%ac%e0%a7%8b%e0%a6%a8%e0%a7%87%e0%a6%b0-%e0%a6%aa%e0%a6%be%e0%a6%9b%e0%a6%be%e0%a7%9f-%e0%a6%a7%e0%a7%8b%e0%a6%a8-%e0%a6%a0%e0%a7%87%e0%a6%95%e0%a6%bf%e0%a7%9f%e0%a7%87/ রানা-ভোদা মারানি চোদা নে আমার । খা খা ভাল কইরা খা । খানকি দেখি তোর ভোদার রস কতো … সুমি-মাদারচোদ ঠিক মতো চোদ । চোদার সময় এতো কথা ভাল লাগে না । হাসান- আমার সোনা , ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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রানা-ভোদা মারানি চোদা নে আমার । খা খা ভাল কইরা খা । খানকি দেখি তোর ভোদার রস কতো … সুমি-মাদারচোদ ঠিক মতো চোদ । চোদার সময় এতো কথা ভাল লাগে না । হাসান- আমার সোনা , নাও আমার চোদা নাও । তোমার বয় ফ্রেনড আর ওর বন্ধুর চোদা নাও ভাল করে । এসব কথা শুনতে শুনতে শুভ ওর পকেট থেকে দামী মোবাইলটি বের করলো । যার সাহায্যে উন্নত মানের ভিডিও করা যায় । bangla choti pdf 

গল্পটির পার্ট ১ পড়তে এখানে ক্লিক করুন

ভাল মতো মোবাইল দিয়ে ভিডিও করা শুরু করলো শুভ । bangla choti pdf 

সুমির ভোদা ছিরে ফেলছে হাসান ।

হাসান ওর ধন ভোদা থেকে বের করে ফেললো । কি যেন ইশারা করলো রানাকে । সুমিকে ভাল মতো চার হাতপা দিয়ে হামাগুড়ি অবস্থায় বসাল হাসান । এরপর সুমির পোদে ধন ঢুকালো হাসান । মাগী তাহলে পোদও মারায় বির বির করে বলল শুভ ।

সুমির নিচের দিকে রানা গিয়ে ওর ভোদায় ধন ঢুকিয়ে সেন্ডউচ বানিয়ে চোদা শুরু করলো । রুম জুড়ে পতাপত শব্দ আর শীৎকার । চারদিকে চদনের পরিবেশ । শুভর মন চাচ্ছে এখনি গিয়ে বোনকে চুদে দেক ।

একটু পর হাসান শুধুমাত্র সুমিকে চুদতে লাগলো । bangla choti pdf 

রানা সুমির দুধ চুষতে লাগলো । আর এক দুধ টিপতে লাগলো । রানা সুমির ঠোটে কিসও করতে লাগলো । এরপর তারা পজিশন চেঞ্জ করলো । রানা সুমির ভোদা মারতে লাগলো । হাসান দূরে গিয়ে শুলো । হাসানের ধন সুমির মুখের কাছে । সুমি পোদটা উঁচু করে মুখটা নিচে দিয়ে হাসানের ধন চুষতে লাগলো ।

ঐদিকে শুভ ১হাত দিয়ে সব রেকর্ড করছে আর ১ হাত দিয়ে ধন খেচ্ছে । সুমি আস্তে আস্তে ওর জল খসিয়ে দিয়ে নিস্তেজ হয়ে গেলো । হাসান আর রানা ওদের ধন সুমির মুখের কাছে নিয়ে গেলো । কয়েক সেকেন্ড পর সুমি উঠে বসে ২ হাত দিয়ে ২ ধন খেচা শুরু করলো । পালাক্রমে ধন২টি চুষতে লাগলো ।

থুতু দিয়ে ভরিয়ে দিলো । bangla choti pdf 

হাসান আক্ক আকা আআ করে মাল ফেলে দিলো সুমির মুখে । সুমি সব খেয়ে ফেললো । শুভর ভদ্র বোন পুরা পাক্কা মাগী হয়ে উঠেছে । রানার মাল এখনো পরেনি । রানার ধনে রাম চোষা দিতে থাকলো সুমি । রানাও ওর সব মাল ফেলে দিলো সুমির মুখে ।

শুভ ডান হাত দিয়ে ভিডিও করছিলো । একই সাথে বাম হাত দিয়ে ধনও খেচছিল ।ওর সেক্সি গুদমারানি বোনের কামলীলা সাঙ্গ হউয়ার সাথে সাথে শুভরও মাল আউট হউয়ার অবস্থা । শুভ ইশ আ আ আপু আপু – বিড়বিড় করতে করতে মাল ফেলে দিলো । তখনি সর্বনাশটা ঘটলো । মাল ওর চেয়ারএ গিয়ে পরলো ।

শুভর পা সেই জায়গায় পিছলা খেলো । তখনি ধপ করে উপরের পারটিশন থেকে ওর হাত ফসকে মোবাইলটা নিচে পরে গেলো । ধুউউউপ্পপ্পপ ঠাসসসস করে ১টা আউয়াজ হোল । শুভ নিচে পরে গেলো । কোনমতে নিজেকে বাঁচালো আঘাত পাওয়া থেকে । রুমের মধ্যে কিছু ১টা পরার শব্দে সবায় হকচকিয়ে গেলো ।

সবাই তখন নগ্ন হয়ে ১জন আর ১জনের শরীর হাতিয়ে বিশ্রাম নিচ্ছিল । কয়েক সেকেন্ড সময় লাগলো , বুঝে উঠতে । সুমি দেখল ১টি মোবাইল নিচে পরে আছে । এইটা সেই মোবাইল যেইটা কিনা সুমি ওর আদরের ছোট ভাইকে তার জন্মদিনে গিফট করে ছিল ।

সুমি বলে উঠলো এইটাতো শুভর ফোন !!bangla choti pdf 

এই কথা শুনে হাসান আর রানা কোনমতে কিছু ১টা পরে শুভর রুমে দৌর দিলো । আর শুভ তখন ভয়ে থরথর করে কাঁপছে । সারা শরীর শিরশির করছে তার । ঘামে সারা শরীর গোসল হয়ে গেসে । কপাল হতে ঘাম গরিয়ে নিচে পরছে ।

শুভ যখন হাসান আর রানাকে ওর রুমে দেখল তখন ওর অবস্থা যেন এইখান থেকে যেভাবে হোক প্রস্থান হোলে বাঁচে । শুভ চিন্তায় প্যান্টের চেইন লাগাতে ভুলে গেছে ।

হাসান যখন শুভকে এই অবস্থায় দেখল , পাশে চেয়ার উপরে খোলা পারটিশন , শুভর নেতানো ধনের মাথায় মাল পরা , সারা গায়ে ঘাম – তখন হাসান বুঝে গেলো ব্যাপারটা কি । ততোক্ষণে সুমিও নাইটি পরে এসে গেলো ব্যাপারটা বোঝার জন্য ।….

সুমি – শুভ!!! তোর এই অবস্থা কেন? কি করছিলি তুই ? bangla choti pdf 

শুভ মুখ গোমড়া করে বসে আছে । সুমি-কি ব্যাপার বলিস না কেন? কথা বলিস না কেন ফাজিল । প্যান্টের চেইন খোলা কেন ? শুভ – কি বলবো সুমি – কি বলবো মানে । তুই এই জায়গায় কি করিস ? শুভ – তুমি কি কর ? তোমার ২ই বন্ধুর সাথে ? এই কথা শুনে সুমি ভয় পেয়ে গেলো ।

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ঐদিকে হাসান শুভ হাসানের মোবাইল ঘেঁটে এতক্ষণে ভিডিওটি বের করে ফেললো । শুভ যে নিজের বোনের চোদনলীলা দেখে মাল ফেলছিল তা সম্পূর্ণ বুঝে গেলো হাসান । হাসান ঝানু মাল । হাসান বুঝে গেলো এখন যদি এই ব্যাপারটা ঠিকমতো বিহিত না করে তাহলে সুমি , হাসানের পরিবার ঝামেলায় পরবে ।

হাসানের পরিবার অত্যন্ত প্রভাবশালী হোলেও , হাসানের এসব ব্যাপারে চাক্ষুষ প্রমাণ পায় তাহলে হাসানকে খুন করে ফেলবে , সেইটা সে ভালো করেই জানে । শুভ যেহেতু নিজের বোনের চোদন উৎসব , নিজের বড় বোনের রসালো ফিগার দেখে মাল ফেলেছে , তাই কিছু ১টা করাই যায় – ভাবল হাসান ।

হাসান রানার কানে আস্তে আস্তে কিছু বলে বলল সুমিকে নিয়ে অন্য রুমে যেতে । সুমি যেতে চাইলোনা কিন্তু হাসান জোর করলো । হাসান- কি ব্যাপার শুভ ব্রাদার ভালই মজা হোল না? এতক্ষণে শুভ ওর প্যান্টের চেইন লাগিয়ে নিয়েছে । শুভ-মানে? হাসান-তোমার বোনের ফিগার কিন্তু পর্ণস্টারের মতো এইটা জানো?

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শুভ-বুঝলাম না। হাসান-দেখ তোমার বোনের মতো এমন সেক্সি বোন থাকলে যে কেউ তার বোন এবং তার প্রেমিকের সেক্স দেখে মাল ফেলতো শুভ-তাই বলে একই সাথে প্রেমিকের বন্ধুর সাথেও হাসান-এইটা আসলে ১টা বিশাল কাহিনী । সামনে তোমাকে অবশ্যই বলবো । bangla choti pdf

এই কথা বাদ দাও এখন , তোমার বোন অনেক সুন্দর তাই না? শুভ মুখ নিচু করে থাকলো । হাসান- আরে লজ্জার কি আসে । তোমাকে ১টা গোপন কথা বলি । আমার বড় আপুও কিন্তু অনেক সেক্সি তোমার আপুর মতন । আমিও লুকিয়ে লুকিয়ে তার আর তার বয়ফ্রেন্ডের সেক্স দেখতাম । আমাদের অনেক বড় বাড়ি ।

তারা সুযোগ বুঝে ১টা রুমে করতো । বড় আপুর কথা ভেবে কতো মাল ফেলছি তার কোন হিসাব নাই । কিন্তু শালা চোদার সুযোগ পেলাম না ১ দিনও । শুভ হা করে হাসানের দিকে তাকিয়ে আসে !!! হাসান-আর তুমিতো ভাগ্যবান তোমার আশা পূরণ হবে । শুভ-বুঝলাম না। আশা পূরণ হবে মানে ? bangla choti pdf

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হাসান- দেখো …… আমি বুঝসি তুমি তোমার বোনকে চুদতে চাও । এই কারনে ভিডিও করছ । অবশ্য আমি তা ডিিলট করে দিছি । (হাসান কাকল্ড স্বভাবের । তাই সে তার প্রেমিকা সুমিকে তার বেস্ট ফ্রেন্ড রানাকে দিয়ে চুদিয়েছে । আর আগে অন্য প্রেমিকা , অন্য মেয়েকেও এইভাবে চুদছে ।

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निधि न सही सुहाना के साथ ही रात रंगीन हुई https://sexstories.one/suhana-ke-saath-kamvasna-ki-poorti-ki/ Thu, 31 Dec 2020 20:07:12 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%b9%e0%a5%80/ मेरा नाम सतीश है और मैं कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र हूं। मैं कॉलेज के लास्ट ईयर में हूं और उसके बाद मैं अब अपने पिताजी का काम संभालने वाला हूं। मेरे पिताजी का एक ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम सतीश है और मैं कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र हूं। मैं कॉलेज के लास्ट ईयर में हूं और उसके बाद मैं अब अपने पिताजी का काम संभालने वाला हूं। मेरे पिताजी का एक बहुत बड़ा कारोबार हैं।  कॉलेज में मेरे सारे दोस्त मेरे साथ रहते हैं क्योंकि मैं उनके ऊपर खुलकर खर्चा करता हूं। अब मुझे ऐसा लगता है कि पैसा होने से मेरे पास सब कुछ है। kamvasna

इस वजह से मेरे कॉलेज में बहुत सारे दोस्त हैं और लड़कियां भी मेरी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित रहती हैं लेकिन मैं लड़कियों को ज्यादा भाव नहीं देता। क्योंकि मैं अपने दोस्तों के साथ ही इंजॉय करता रहता हूं। मुझे आज तक कोई भी ऐसी लड़की नहीं दिखी जिससे मैं अपने दिल की बात कह सकूं। या फिर मैं उसे पसंद कर संकू। इसलिए मैं अपने दोस्तों के साथ ही रहना पसंद करता हूं। हमारे कॉलेज में एक नई प्रोफेसर आई। उनकी उम्र ज्यादा नहीं थी। परंतु वह बहुत ज्यादा ही सुंदर थी। उनकी सुंदरता को देख कर मैं मोहित हो गया और मुझे लगने लगा कि मुझे उनसे बात करनी चाहिए। अब मैं उनसे बात करने के लिए उत्सुक होने लगा और मैं उनसे बहुत ही बात किया करता था।

पहले तो उन्होंने मुझसे बात नहीं की परंतु बाद में वह मुझसे बात करने लगी। kamvasna

जब एक दिन उन्होंने मुझे अपने पति के बारे में बताया कि मेरे पति का देहांत हो चुका है। तब मुझे बहुत ज्यादा दुख हुआ और मैंने उनसे पूछा की आपके पति का देहांत कैसे हुआ। वह कहने लगी कि एक कार एक्सीडेंट में दुर्घटना हो गई थी। जिससे कि उनकी मृत्यु हो गई। मैं उन मैडम के पीछे पीछे जाने लगता था। उनका नाम ज्योति था। वह भी मुझे बहुत ही पसंद करती थी और मैं भी उन्हें बहुत पसंद करने लगा। एक दिन मैंने उन्हें अपने दिल की बात बता दी तो वह कहने लगी कि मैं तुमसे शादी कैसे कर सकती हूं। तुम्हारी उम्र बहुत कम है और दूसरा तुम कुछ करते भी नहीं हो। मैंने उन्हें बताया कि मेरे पिताजी का एक बहुत बड़ा कारोबार है। वह मैं ही संभालने वाला हूं लेकिन वह मुझे कहने लगी यदि तुम मुझसे शादी करने के बारे में सोच रहे हो तो तुम्हारे घरवाले मानेंगे नहीं और वह हमारी शादी नहीं होने देंगे। मुझे भी यह सब बहुत ही बुरा लग रहा था।

परंतु मैं उनकी तरफ आकर्षित हो चुका था और अब मैं उसे बहुत प्रेम करने लगा था। kamvasna

मैंने इस बारे में अपने पिताजी से भी कहा तो मेरे पिताजी मुझ पर बहुत गुस्सा हो गए और कहने लगे की तुम्हे और कोई नही मिली जो तुम एक विधवा से शादी करोगे। तुम्हारी उम्र भी बहुत कम है और हमने तुम्हें इसीलिए कॉलेज में भेजा था की तुम ये सब करो। वह मुझ पर बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए। तब मुझे यह महसूस हुआ कि वह लोग मेरी शादी ज्योति से नहीं करवाने वाले लेकिन हम दोनों मिल लिया करते थे और कभी मेरा मन होता तो मैं उनके घर भी चला जाया करता था। अब वह भी मुझ से प्रेम करने लगी। परंतु उनके सामने भी यही समस्या थी कि वह मुझसे शादी कैसे करें।

क्योंकि सब लोग उन पर ही उंगली उठाते  और कहते कि तुमने ही जवान लड़के को अपने जाल में फसाया होगा। इस वजह से वह शादी का विचार भूल चुकी थी और हम दोनों अक्सर मिल लिया करते थे। परंतु अब हमारे पास कोई भी चारा नहीं था।  मैंने इस बारे में ज्योती से भी बात की वह मुझे यही कह रही थी कि यदि तुम मेरे साथ रहना चाहते हो तो तुम्हें तुम्हारे घर वालों को छोड़ना पड़ेगा। उसके बाद ही मैं कोई फैसला ले पाऊंगी। नहीं तो मेरे लिए भी यह बहुत ही गहरा संकट हो जाएगा और सब लोग मुझे ही इसका दोषी ठहराएंगे। मैं यह बिल्कुल भी नहीं चाहती कि सब लोग मुझे इस चीज के लिए दोषी ठहराये और कहे कि मेरी वजह से तुम्हारी जिंदगी खराब हो गई या तुमने मुझसे शादी कर ली। क्योंकि मैं तुमसे उम्र में भी बड़ी हूं और सब लोग ही यह बात कहेंगे कि मैंने अपनी खुशी के लिए तुमसे शादी कर ली है।

इस वजह से मैं बिल्कुल नहीं चाहती कि मैं तुमसे शादी करूं। kamvasna

एक दिन कॉलेज में ज्योति कुछ ज्यादा ही रोने लगी और उसने मुझे अपने कैबिन में बुलाया। वह कहने लगी कि आज मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं। मैंने उससे पूछा तुम्हें किस बात का दुख है तो वह कहने लगी कि मुझे तुम्हारे पापा ने फोन किया था वह कहने लगे कि तुम मेरे लड़के की जिंदगी खराब कर रही हो इस वजह से मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं। जब यह बात मैंने सुनी तो मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने उसे तुरंत ही अपने गले लगा लिया। जब मैंने उसे अपने गले लगाया तो वह बहुत तेज तेज रोने लगी और कहने लगी कि मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होता मुझे ऐसा लगता है कि मैं अब अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हो चुकी हूं।

जब उसने यह बात कही तो मैंने उसके होठों को अपने होठों में लेते हुए किस कर लिया। kamvasna

मैने उसे कहा कि तुम ऐसा क्यों सोचती हो मैं तुम्हारे साथ हमेशा ही खड़ा हूं। मैंने उसके होठों को किस किया तो उसके अंदर की उत्तेजना भी जागने लगी और मैंने भी उसकी बड़ी बड़ी गांड को दबाना शुरु कर दिया। मैं बड़ी तेजी से उसकी गांड को दबाए जा रहा था। मुझे बहुत ही मजा आता जब मैं उसकी गांड को दबाता जाता। अब वह मुझसे कहने लगी कि तुम नहीं समझ पाओगे मेरे अंदर की भावनाओं को। मैंने उसे वहीं टेबल पर लेटा दिया और उसके सारे कपड़े खोल दिए। वह अब भी रोने पर लगी हुई थी और मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया।

Office me chudai

मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा अब उसे बहुत ही मज़ा आने लगा। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उसकी योनि में उंगली डाल दी। उसकी योनि अब भी बहुत टाइट थी और मैंने तुरंत ही उस पर अपनी जीभ लगा दी मैं उसे अच्छे से चाटने लगा। जैसे ही मैं उसकी योनि को चाट रहा था तो उससे कुछ ज्यादा पानी निकलने लगा। मैंने अपने मोटा और सख्त लंड को उसकी योनि में डाल दिया। जब मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई और मैं उसे अब ऐसे ही धक्के दिए जा रहा था। मैंने उसे इतनी तेज गति से चोदना शुरू किया कि वह अपने मुंह से बड़ी तेज तेज आवाज में सिसकियां लेने लगी। वह अब रो नहीं रही थी क्योंकि उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था। उसके स्तनों को जब मैंने अपने मुंह में लिया तो उनसे दूध निकल रहा था और वह बहुत ही बड़े-बड़े थे।

मुझे बड़ा ही मजा आता जब मै उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। kamvasna

ज्योती से भी नहीं रहा गया और उसने मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे बहुत अच्छे से चूसने लगी। जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था। मैं भी उसके मुंह के अंदर अपने लंड को धक्का दिए जा रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था मेरा वीर्य उसके मुंह के अंदर ही गिर गया। जैसे ही मेरा वीर्य उसके मुंह में गया तो उसने वह सब निगल लिया। अब उसने अपनी चूतड़ों को मेरे सामने करते हुए कहा कि तुम मेरी गांड में अपने लंड को डाल दो। मैंने भी जैसे ही उसकी गांड में अपने लंड को डाला मुझे बहुत ही मज़ा आने लगा। मैंने तो पहली बार किसी की गांड में अपने लंड को डाला था मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था।

मैं अब उसे बड़ी तेज तेज धक्के देने लगा। kamvasna

वह बहुत तेजी से चिल्ला रही थी और कुछ देर बाद उसे भी अच्छा लगने लगा। वह भी अपनी गांड को मुझसे मिलाने लगी और चिल्लाने लगी। उसकी गांड से खून आने लगा तो वह कहने लगी कि मुझे अब मजा आया। मैं उसे ऐसे ही बड़ी तीव्रता से धक्के दिए जा रहा था मैंने उसे इतनी तेज तेज झटके दिए कि उसका शरीर पूरा का पूरा हिलने लगा। उसकी गांड से बहुत ज्यादा खून निकलने लगा लेकिन मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। ज्योति को भी बहुत मजा आ रहा था जब मैं उसकी गांड मार रहा था। वह अपनी गांड को मुझसे सटाती तो उसकी चूतडे मुझसे टकरा जाती और उनसे एक अलग तरीके की आवाज निकलती। कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरा वीर्य उसकी गांड के अंदर ही गिर गया और जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी गांड से टपक रहा था।

उसने मुझे तुरंत ही गले लगा लिया और मुझे आई लव यू कह दिया। kamvasna

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मम्मी का नंगा बदन https://sexstories.one/mummy-sex-kahani/ Sat, 31 Oct 2020 19:29:50 +0000 https://sexstories.one/?p=1409 में एक कोलेज स्टूडेंट हु. में एक दिन अपने घर में टीवी देख रहा था टेबल के ऊपर अपने पाव रख के. मेने बोक्सर पेंट और इनर वेयर पहना हुआ था और मेरे सामने ही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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में एक कोलेज स्टूडेंट हु. में एक दिन अपने घर में टीवी देख रहा था टेबल के ऊपर अपने पाव रख के. मेने बोक्सर पेंट और इनर वेयर पहना हुआ था और मेरे सामने ही दूसरा रूम दिखाई दे रहा था. मेरे डेड काम पे गए थे और मेरा कोलेज वेकेशन चल रहा था तो इसीलिए में घर में रहता था ज्यादा टाइम. mummy sex

तो में टीवी में एक प्रोग्राम देख रहा था तभी मेरी मोम नहाने के लिए गयी और जब नहा के निकली तो वो पूरी नंगी थी क्यूंकि उन्होंने उस दिन टॉवेल स धोये हुए थे वाशिंग मशीन में तो जब वो निकली बाथरूम से तो मेरी नज़ारे उस के ऊपर पड़ी. mummy sex

तब मेने उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी बड़ी सी गांड देखी. वो देख के मेरा नुनु खड़ा हो गया था. फीर मेरी मोम एकदम नंगी हो कर किचन में गयी और सब्जी गरम हो रही थी तो गेस उसने बंद कर दिया.

फिर से आकर वह बाथ रूम में घुस गयी और फिर मेरा नुनु कंट्रोल नहीं हो रहा था इसीलिए में बाथरूम के तरफ गया. मेरी मोम ने बाथरूम लोक नहीं किया था सिर्फ बंद किया था इसीलिए वहा से दिखाई दे रहा था. mummy sex

फिर मेने उसको देखा तो वो एकदम नंगी नाहा रही थी और अपने बाल धो रही थी और तब उसका पूरा दूध हिल रहा था और उसे देख के मेरा नुनु और भी बड़ा हो गया था और वो बहुत वायब्रेट हो रहा था.

फिर मेरी मोम ने अपनी चूत को साबुन लगा के धोया. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे. फिर मेने उसे नहाते देख कर उसका पूरा मजा लिया और फिर में सोफे पर आ गया. में अपनी पेंट खोल कर अपना नुनु बहार निकाल कर उसे हिला रहा था मेने लाईट ऑफ़ कर दी थी. mummy sex

फिर मोम बाथरूम से निकली एकदम नंगी और फिर बेडरूम में चली गयी. में उसे खिड़की से देख रहा था तो वो अपने दूध को पोछ रही थी तब में शर्ट में था और मेने निचे कुछ नहीं पहना था. तभी अचानक खिड़की पर मेरा सर टकरा गया और आवाज आई और मोम डर गयी और वो अपने कपडे पहन कर बहार आ गयी. फिर मेने भी फटाफट से मेरी पेंट पहन ली. तब भी मेरा नुनु मोठा था और पेंट से बहार दिखाई दे रहा था. फिर वो आई और मुझे देख लिया और मेरे निचे भी देखा पर कुछ बोली नहीं..

फिर दुसरे दिन मोम बाथरूम से नाहा के निकल गयी और उसने आधा टॉवेल पहना हुआ था तब उनका दूध पूरा दिख रहा था और वो किचन में सब्जी गरम करने चली गयी तब में किचन में कुछ खाना खाने गया था. मेने उसका बड़ा बूब्स देखा और एकदम पागल हो गया था. उसका दूध बहुत हिल रहा था और उसकी निपल भी बहुत हार्ड हो गयी थी. फिर वो मुझे देख के एकदम से शरमा गयी और खाना बनाते समय उसका टॉवेल खोल दिया और अब वो पूरी नंगी हो कर खाना बना रही थी.

तब में भी अपना नुनु को पकड़ के देख रहा था. उसकी चूत पूरी सेक्सी दिख रही थी और उसका दूध का निपल एकदम कडक हो कर दिखाई दे रहा था उसमे से थोडा थोडा दूध निकाल रहा था. में उसके सेक्सी और नंगे बदन को एकदम छुप छुप कर देख रहा था. mummy sex

फिर दुसरे दिन में नाहा के आया तब मोम अपनि ब्रा ढूंढ रही थी. उसका नंगा बदन देख के मेरा नुनु फिर से खड़ा हो गया था और टॉवेल से दिखाई दे रहा था. फिर में भी टॉवेल को खोल दिया और पूरा नंगा हो कर मोम की गांड पर मेरा नुनु घिस रहा था एकदम धीरे से. फिर मोम बोली की क्या कर रहे हो? ऐसा मत करो.

फिर मेरे नुनु का उपर का स्किन खुल गया था और मेने गांड के अन्दर घुसा दिया फिर मोम चिल्ला उठी आःह अहह उऔउ और मेरे नुनु को अपने हाथो से निकाल कर मुझे बोली की ऐसा मत करो में तुम्हारी माँ हु. फिर उसने अपनी नाईटी पहन ली और मेने भी कपड़े पहन लिए. अब उसका दूध इतना बड़ा और टाईट हो गया था की बहार से भी दिखाई दे रहा था. फिर मेने उसके दूध को दबा दिया तो उसने मुझे बहुत मारा.

Incest sexभैया के साथ सुहागरात मनाई

दुसरे दिन में नहाने जा रहा था और तब में एकदम नंगा हो कर अपने रूम में मेरा टॉवेल ढूंढ रहा था. तब अचानक मोम मेरे रूम में चली आई और उसने मेरा बड़ा और लम्बा नुनु देख लिया और नुनु के बाल भी देख लिया और बोली के इतने सारे बाल रखना सही नहीं हे. फिर में एकदम डर गया की वो मेरे बारे में क्या सोच रही होगी?

फिर वो एक क्रीम ले कर आई और बोली की बेड पर सो जाओ.. फिर में सो गया तन मेरा नुनु छोटा सा था. फिर उसने वह क्रीम मेरे नुनु पर अपने हाथो से लगाईं और फिर मेरा नुनु धीरे धीरे लम्बा हो रहा था और कुछ देर में पूरा लम्बा हो गया था. mummy sex

मेरी माँ ने उसे देखा और कहा की कितना बड़ा हो गया हे यह? और उसे पकड़ लिया और उसे हटाने लगी और बाकि जगह भी क्रीम लगा दिया. तब उसने नाईटी पहनी हुई थी. मेने उस टाइम उस के दूध को दबा दिया कपडे पर से और वो एकदम अहह उऔ ऊऊ कर दिया और कहा की ऐसा मत करो. पर में भी नहीं रुका और जोर से उसे दबा दिया.

फिर मेरी मोम ने मेरा नुनु जोर से पकड़ा और जोर जोर से चुसना चालू कर दिया. फिर मेने उनका कपड़ा फाड़ दिया और मेरा नुनु को उनकी गांड में घुसा दिया तो तब वो बोली अहः हां उऔउ और घुसाओ जोर जोर से घुसाओ. फिर मोम अपनी ब्रा खोल कर पूरी नंगी हो गयी और मुझे मारने लगी और कहा की मेरी चूत में घुसाओ..

मेने जोर जोर से घुसा दिया फिर उसने मेरे नुनु को बहुत देर तक चूसा और में उनके चूत को किस करता रहा. mummy sex

फिर उसने मेरे नुनु को चाट चाट कर के पूरा गिला कर दिया.. फिर मेने उसकी चूत में और मुह में घुसाया निकला फिर घुसाया निकला और उनका दूध भी बहोत दबाया. मेने उसके निपल को पूरा चूस चूस कर एकदम हार्ड कर दिया.

जब उनका निपल पूरा हार्ड था तब उनका दूध का मिल्क निकल गया मेने दूध को भी पिलाया और उनका चूत का ज्यूस को पिया. वो मेरे नुनु को चूस रही थी तभी मेरा मूत निकल गया और वो सब पि गई. फिर वो चूसते समय मेरे नुनु को काट दी. mummy sex

मेने उसके दूध को दबा दबा कर एकदम लाल कर दिया और फिर उसने मेरे नुनु को एकदम जोर जोर से हिलाया और मेरा स्पर्म उसके दूध पर जा गिरा. मेने कपडे से उनका दूध साफ कर दिया.. फिर दोनों साथ में नहाने चले गए. उस दिन उसने मेरे निचे के बाल साफ कर दिए फिर में उनका दूध चाटना चालू कर दिया और वो भी मेरे नुनु को चूस रही थी और उसने फिर से स्पर्म निकाल दिया..

इसके बड़े बड़े बूब्स का स्वाद असली मिल्क से भी टेस्टी था और उनकी चूत का टेस्ट बहु अच्छा था.

फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे कम्बल के अन्दर सो गए

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गैर मर्द से चुत चुदवाई https://sexstories.one/kamasutra-gair-mard-se-chudai/ Fri, 07 Aug 2020 09:12:23 +0000 https://sexstories.one/?p=739 पापा ने कहा कि वो नहीं जा पाएँगे, उनको ऑफीस के काम से बाहर जाना है। तभी मम्मी गुस्सा हो गई, उन्होंने कहा ठीक है आप मना कर दो फोन पर, में मना नहीं कर ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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पापा ने कहा कि वो नहीं जा पाएँगे, उनको ऑफीस के काम से बाहर जाना है। तभी मम्मी गुस्सा हो गई, उन्होंने कहा ठीक है आप मना कर दो फोन पर, में मना नहीं कर सकती। पापा ने कहा ठीक है में मना कर दूँगा। फिर उन्होंने दादी को कॉल किया और कहा कि हम लोग गाँव नहीं आ सकते। तभी दादी ने कहा कि ठीक है, कम से कम मेरी बहू और मेरे पोते को तो तुम गाँव भेज दो, पापा ने कहा ठीक है। फिर पापा ने मम्मी से कहा कि तुम विक्की को लेकर गाँव चली जाओ, में नहीं जा सकता। मम्मी ने कहा ठीक है। फिर पापा ने हमारा ट्रेन से रिज़र्वेशन करा दिया और हम गाँव पहुंच गये। वहाँ पर हमारा स्वागत हुआ हम दिन के 11 बजे गाँव पहुंच गये थे। फिर हम घर पर पहुंच कर खाना खाकर सो गये। kamasutra

फिर शाम को जब हम उठे तो देखा कि हमारे घर के बगल में एक चाचा रहते है, उनका नाम सीबू था। वो आए हुए थे। में और मम्मी बैठ कर चाचा से बात करने लगे, बातों बातों में चाचा ने मम्मी से कहा कि भाभी बिलकुल सही समय पर आई हो, मम्मी ने कहा क्या मतलब? सीबू चाचा ने कहा देवर के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि उसकी भाभी होली पर आई हो, इस बार तो मज़ा आएगा। ये कह कर चाचा हँसने लगे और मेरी मम्मी भी उन्हे देख कर थोड़ा सा शरमा गई।

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kamasutraअब अगले दिन होली थी। सुबह से ही सारे लोग होली खेलने मिलने जुलने आये हुए थे। दिन के 12 बज चुके थे, मम्मी ने मुझसे कहा कि में नहाने जा रही हूँ। तभी मैंने कहा कि ठीक है। मम्मी आप नहा कर आ जाईये फिर मैं नहा लूँगा, मम्मी ने कहा ठीक है। ये कहकर मेरी मम्मी नहाने चली गई। में बाहर खेलने लगा, तभी मैंने देखा कि सीबू चाचा आए हुए है। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि बेटा तुम्हारी मम्मी कहाँ है? मैंने कहा कि मम्मी बाथरूम मे नहाने चली गई है।

चाचा ने कहा कि ठीक है। हमारे गाँव में जो हमारा बाथरूम था, वो थोड़ी सी दूरी पर था और उसमें गेट भी कोई खास नहीं था। उसमें से सब कुछ साफ़ दिखता था। घर की सभी औरतें उसी बाथरूम मे जाकर नहाती थी। फिर चाचा मम्मी को रंग लगाने के लिए बाथरूम की तरफ चले गये। में भी उनके पीछे पीछे चला गया, तभी मैंने देखा कि मेरी मम्मी वहाँ पर नहा रही थी और अपने शरीर पर साबुन लगा रही थी।

फिर चाचा वहीँ पर चुपके से खड़े होकर मम्मी को नहाते हुए देखा रहे थे। मम्मी को ये बात पता नहीं थी। वो आराम से साबुन अपने शरीर पर लगा रही थी।

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स्थिति कुछ ऐसी थी कि मम्मी ने अपने पेटीकोट का नाडा अपने बूब्स से बाँध रखा था और उनका पूरा शरीर पानी से भीगा हुआ था और उन्होंने अपने पेटीकोट को अपनी जांघ तक उठा रखा था और वो बस साबुन मल रही थी। तभी मैंने चाचा की तरफ देखा। वो मम्मी को बहुत ही गंदी नज़र से देख रहे थे। फिर चाचा बाथरूम मे अंदर गये।

उन्होंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया, चाचा के अचानक इस तरह से पकड़ने से मम्मी घबरा गई। चाचा ने कहा भाभी मुझसे रंग नहीं लगवाओगी क्या? मम्मी ने कहा मैंने रंग साफ कर लिया है, अब नहीं चाचा ने कहा, ऐसे कैसे भाभी आज तो होली है, बिना रंग के कैसे मज़ा आएगा। उन्होंने मेरी मम्मी को कसकर अपनी बांहों मे जकड़ रखा था और मम्मी के मना करने के बावजूद वो मम्मी को रंग लगाने लगे। चाचा मम्मी के पेटीकोट को धीरे धीरे ऊपर करते हुए, उनकी जांघों मे रंग लगा रहे थे।

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तभी मम्मी ने कहा कि प्लीज बस करो अब तो रंग लगा लिया ना, अब रहने दो, फिर चाचा हँसने लगे। उन्होंने कहा अभी कहाँ भाभी अभी तो में आपके पूरे शरीर में रंग लगाऊंगा, ये कहते हुए चाचा ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को पूरा पेट तक उठा दिया।

शायद चाचा को भी ये पता नहीं था कि मेरी मम्मी ने पेंटी नहीं पहनी हुई है। अब चाचा ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को उनके बूब्स तक चड़ा दिया और मम्मी के पूरे शरीर में रंग लगाने लगे। उनका हाथ मेरी मम्मी की गोरी गोरी जांघो को छू रहा था। मम्मी अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन चाचा के सामने उनकी एक ना चली।

फिर मम्मी ने कहा नहीं नहीं प्लीज इसमें मत लगाओ, चाचा ने कहा अरे कुछ नहीं होगा भाभी लगाने दो प्लीज़, ये कह कर चाचा ने मम्मी का हाथ हटा दिया। मैंने देखा कि मम्मी की चूत पर पूरे झांट के बाल थे। तभी चाचा ने अपने हाथ में रंग भरा और अपना हाथ अंदर ले जाते हुए मेरी मम्मी की चूत में रगड़ने लगे। पहले कुछ देर तक मेरी मम्मी नॉर्मल मज़ाक में सब लेती रही क्योंकि गाँव में ऐसा ही होता है।

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लेकिन मैंने देखा कि मम्मी को अब बहुत मज़ा आने लगा।

चाचा ने सोचा अच्छा मौका है और ये सोचकर उन्होंने अपनी दो उंगली मेरी मम्मी की चूत में घुसा दी, फिर मम्मी ने कहा अब रहने दो, चाचा ने पूछा कि क्या मज़ा नहीं आ रहा? मम्मी ने सर हिलाते हुए कहा हाँ फिर क्या था चाचा को हरी झंडी मिल गई। फिर चाचा अपनी उंगली मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर करने लगे। कभी अपना हाथ बाहर निकाल कर मेरी मम्मी के पेट पर रगड़ते तो कभी पीछे ले जाकर उनकी गांड को मसलते।

फिर कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा। थोड़ी देर बाद किसी के आने की आहट आई, तभी चाचा वहाँ से हट गये और वहाँ से चले गये।

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मम्मी फिर से नहाने लगी फिर में भी वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद मम्मी नहाकर घर में आ गई। मैंने मम्मी की तरफ देखा एक अजीब सी ख़ुशी देखी उनकी आँखो में, फिर हमने साथ मे बैठकर खाना खाया और में सोने चला गया, फिर शाम को जब मेरी आँखे खुली तो मैंने मम्मी की आवाज़ सुनी जो पास के कमरे से आ रही थी।

तभी में ये देखने चला गया कि मम्मी किससे बात कर रही है। जब मैंने देखा तो पाया कि सीबू चाचा बैठे हुए है और वो मम्मी से कह रहे थे कि भाभी आज मेरे यहाँ पर चलो प्लीज, मम्मी उनसे मना कर रही थी और कहने लगी कि नहीं माँजी घर में है नहीं हो पाएगा।

मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था। फिर चाचा ने कहा कि आप टेंशन मत लो में काकी (मेरी दादी) को में मना लूँगा, ये कहकर चाचा दादी के पास चले गये।

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फिर उन्होंने कहा कि काकी में भाभी को गाँव घूमाने ले जा रहा हूँ, आपको कोई दिक्कत तो नहीं। दादी को चाचा की नियत के बारे में पता नहीं था इसलिए उन्होंने भी हाँ कर दी। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी रेडी हो गई, उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा में चाचा जी के साथ घूमने जा रही हूँ, तुम दादी के पास ही रहना।

में समझ गया कि आज ये लोग क्या करेंगे फिर मेरी मम्मी चाचा के साथ चली गई। में भी थोड़ी देर बाद दादी से खेलने का बहाना करके चाचा के घर पर चला गया, तभी मैंने देखा कि चाचा के घर का गेट बंद था, इसलिए में पीछे की खिड़की पर चला गया और वहाँ से अंदर की तरफ देखने लगा। मम्मी और चाचा बेड पर बैठे हुए थे और चाचा ने मेरी मम्मी को अपनी बाँहों में ले रखा था और दोनों लिप किस कर रहे थे।

चाचा मेरी मम्मी के गुलाबी होठों को चूस रहे थे। कभी ऊपर की लिप को चूसते तो कभी नीचे के लिप को, मम्मी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर चाचा की गर्दन को पकड़ रखा था और उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी उनके होंठ चूसने की आवाज़ मेरे कानो तक आ रही थी।

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अब मम्मी ने अपना हाथ चाचा की पेंट में डाल दिया, चाचा ने कहा अरे भाभी रुक जाओ इतनी जल्दी क्या है? ये कहकर चाचा ने अपनी पेंट खोलकर अपनी जांघो तक कर दी, चाचा का लंड पूरा मुरझाया हुआ था और बिल्कुल काला था।

मेरी मम्मी ने अपने हाथों से चाचा के लंड को सहलाया, उधर चाचा मेरी मम्मी को चूमे जा रहे थे। थोड़ी देर बाद चाचा ने मेरी मम्मी का ब्लाउज का हुक खोल दिया और मेरी मम्मी के गोल गोल बूब्स को ब्रा के ऊपर से चूमने लगे। चाचा कभी मेरी मम्मी की छाती को चूमते, तो कभी मेरी मम्मी के बूब्स पर किस कर रहे थे।

अब चाचा ने अपने सारे कपड़े खोल लिए। उन्होंने मेरी मम्मी को अपने बेड पर लिटा दिया। चाचा मेरी मम्मी के पेरों के पास आकर बैठ गये, उन्होंने मेरी मम्मी के एक पैर को उठा लिया और उनके तलवे पर किस करने लगे।

मम्मी आआह्ह्ह की सिसकारीयां लेने लगी। अब मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था। चाचा मेरी मम्मी के तलवे को जीभ से चाट रहे थे। अब उन्होंने ने मेरी मम्मी की दोनों पायल खोल दी और पास में रख दी। अब धीरे धीरे चाचा ने मेरी मम्मी की साड़ी को उनकी जांघ तक उठा दिया और मेरी मम्मी के घुटने के नीचे वाले हिस्से को चूमने लगे, थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा।

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उधर मम्मी ने बेडशीट पकड़ रखा था और अपने होंठो को अपने दांतों से दबाए हुई थी। चाचा मम्मी की जाँघो को अपनी जीभ से चाट रहे थे, चूम रहे थे। अब चाचा मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये उन्होंने मेरी मम्मी के होंठो पर किस किया और पूछा भाभी मज़ा आ रहा है क्या? मम्मी ने कुछ भी नहीं कहा, चाचा ने पूछा क्या हुआ? मम्मी ने कहा कि में ये सब नहीं कर सकती।

तभी चाचा ने पूछा क्यों क्या हो गया? आपका मन था तभी तो आप मेरे साथ आई है। मम्मी ने कहा नहीं में शादीशुदा हूँ, हमारा एक बेटा है में ये नहीं कर सकती। चाचा ने कहा इसमें कुछ बुरा नहीं है। भाभी क्या शादीशुदा ओरतें सेक्स नहीं करती। प्लीज़ भाभी मान जाओ ना और वैसे भी ये बात सिर्फ़ मेरे और आपके बीच में रहेगी और चाचा मम्मी को किस करने लगे। उन्होंने मेरी मम्मी की ब्रा खोल दी।

अब मेरी मम्मी की नंगे बूब्स चाचा के सीने से टकराने लगे, चाचा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी के बूब्स को पकड़ लिया और दबाने लगे। मम्मी आआआअ सस्सस्स करने लगी। अब चाचा ने मम्मी के एक बूब्स को अपने हाथ से दबाना स्टार्ट किया और दूसरे को चूसने लगे। चाचा के होंठ निप्पल पर पड़ते ही मम्मी तिलमिला उठी और उनकी पीठ पूरी ऊपर हो गई।

चाचा ने अपना हाथ पीछे ले जाते हुए मेरी मम्मी की पीठ को कसकर जकड़ लिया और मेरी मम्मी के निप्पल को चूसने लगे।

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वो कभी मम्मी की छाती को चूमते, तो कभी उनके निप्पल अपने होंठो से चूसते। मम्मी की रसभरी सिसकारियां मेरे कानो में सुनाई दे रही थी। तभी चाचा ने तकिया मेरी मम्मी की पीठ पर टिका दिया, जिससे मम्मी के बूब्स और तन गये। उधर चाचा ने मेरी मम्मी की साड़ी उठाकर कमर तक कर दी थी। अब चाचा ने मम्मी के पूरे बदन को चूमना स्टार्ट किया। वो मेरी मम्मी के पेट को चूमने लगे और अपना एक हाथ मेरी मम्मी की चूत के इधर उधर फेरने लगे।

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