শাড়ী টা উঠিয়ে কাকু মায়ের ভোদায় হাত
তখন আমার বয়স দশ। রোববারের দুপুরে মাঠে কাওকে দেখতে না পেয়ে বাড়ি ফিরলাম বাড়ির ঢুকে tv দেখতে রুমে ঢুকতে যাবো হঠাৎ থেমে গেলাম বাবা মা আর বাবার অফিসের কাকু সোফায় বসে পিছন ফিরে..মার যদি বত্রিশ … >> पूरी कहानी पढ़ें
তখন আমার বয়স দশ। রোববারের দুপুরে মাঠে কাওকে দেখতে না পেয়ে বাড়ি ফিরলাম বাড়ির ঢুকে tv দেখতে রুমে ঢুকতে যাবো হঠাৎ থেমে গেলাম বাবা মা আর বাবার অফিসের কাকু সোফায় বসে পিছন ফিরে..মার যদি বত্রিশ … >> पूरी कहानी पढ़ें
मेरी शादी ठीक से हुई, मेरे जिम्मे सिर्फ़ दो काम थे, पहला घर और ससुराल में शादी की सभी परम्पराएँ पूरी करना और दूसरा शादी में शामिल मेहमानों से शादी की शुभकामनाएँ स्वीकारना ! इसके … >> पूरी कहानी पढ़ें
एक दिन की बात है, मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था, वो घर पर नहीं था, यह बात मुझे नहीं पता थी। मैं गया तो उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो … >> पूरी कहानी पढ़ें