hindisexkahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindisexkahani/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 हालत की वजह से दोस्त की वाइफ की चुदाई https://sexstories.one/dost-ki-wife-ko-choda/ Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 https://sexstories.one/?p=3532 मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था...

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Dost ki Wife ko Choda दोस्तो, मेरा नाम विकास ठाकुर है. मै हाजिर हू एक नयी कहानी लेकर जो मेघना नामक रीडर की विनांती सुनकर. आप तो जानते ही है फिर भी एक बार फिर से बता देता हू, वैसे तो मैं एक डॉक्टर हूँ. मुझे अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद है. मैं एक 28 साल का युवक हूँ और मेरे लंड की साइज़ भी इतनी मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा दे सके. हालांकि मुझे लड़कियों से भाबियों की चुदाई करना ज्यादा पसंद है. मैं अपनी कहानी पर आने से पहले ही बता दूँ कोई भी दोस्त मेरे से भाबी का नंबर या आइडी ना मांगे. किसी भी लड़की या भाबी के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं.

मै कहानी पे आता हू पर ये बता देता हू की मैने कोई गद्दारी नही की जो भी हुवा मर्ज़ी से एक बार की हुवा. ये कहानी है दोस्त की वाइफ की चुदाई की है. हम तीनो साथ मे ही काम करते है. पहले दोस्त की वाइफ के बारे मी बता डू वो एकदम सिंपल लड़की की जिसका फिगर जाड़ा नही है लेकिन उसकी पिछवाड़ा धेखकर बड़े बड़े लोगो के लंड खड़े हो जाते थे. उसकी गांड मे ऐसा जादू है की मरीज सिर्फ़ उसकी गांड धेकने के लिए बार बार आते थे. वो साड़ी पहनती उसकी आँखें भूरी ओर गाल एक दम गुलाबी थे। उसके बूब्स ओर गांड भी मस्त बाहर निकलती है.

मै कहानी पे आता हू हम लोगो को एक मेडिकल कॅंप के लिए नासिक जाना था. हम लोग लगभग १५ लोग थे. पल्लवी भाबी ओर मेरा दोस्त सागर भी साथ मे थे. सागर, मै, ओर भाभी हमेशा साथ मे घूमते थे ड्रिंक करते थे. मई उनके घर पर बोहोट बार रहा हू. हम लोग वाहा पे गये. वाहा पे हमे जंगल मे रहना था. मतलब टेंट लगा दिए थे पर दोनो तरफ़ से को भी ज़ाक सकता था. दो दिन के ब्बाद सागर के पैर मे मोच आने के कारण सागर वापिस आ गया ओर कॅंप ओर भाबी की ज़िमेदारी मूज़े दे दी. जहा हम गये थे वाहा पे जड़तर आदिवासी लोग रहते थे. सागर के जाने के बाद पल्लवी भाबी ने मूज़े बुलाया ओर बोला की आज रात को कल का प्लान डिसकस करते है. हमारा काम होने के बाद मै फ्रेश होके उनके टेंट मे गया. भाबी कपड़े चेंज कर रही थी अंदर ओर एक पड़दा था लेकिन मूज़े सब दिखा रहा था. भाबी ने ब्लाउस ओर ब्रा निकली ओर टिशियर्ट पहनी ओर नीचे कुछ नही पहना था पनटी निकल दी ओर सिर्फ़ नाइट पॅंट पहनी. उसके बूब्स ओर गांड को धेकते ही मेरा लिंड खड़ा हो गया. मेरा मंन किया की अभी जाके उसकी गांड मारू, उसे घोड़ी बनके शॉट लगाउ. मेरा लंड उसके मूह मे डाल डू.

मैने आवाज़ दी तो पल्लवी भाभी ने अंदर आने को कहा मै पहले से ही अंदर था मै गया तो भाभी को द्देखता रहा गया भाबी बहोट हॉट लग रही थी.
मैने ऊपर से नीचे तक पहले भाभी को घूरना शुरू किया. पल्लवी भाभी के कपड़े बहोत टाइट थे, उनके बुब्स ओर चुत एकदम शेप मे धिक रही थी. वो मुज़से बात कर रही थी ओर मेरी नज़र उनकी फूली हुई गांड पर थी. तभी बाकी लोग आ गये हम लोगो ने कल का प्लान डिसकस किया. सभी को सोने की जल्दी थी, बहोट सारी नर्स गांड मरवाने को बेकरार थी ओर सबकी अपना लंड को सेलेक्ट कर लिया था. ऐसा पहली बार हुवा था जब मैने भाभी के बारे मे ग़लत सोचा था. थोड़ी देर बाद सब लोग निकल गये भाभी ने मूज़े रुकने को कहा.

भाभी ने कहा की हुमने जिनको दवाई दी है. उन लोगो ने उनका आदिवासी डॅन्स धकने बुलाया है. बाकी सब नही आ रहे है. हम लोगो को जाना चाहिए. हम लोग उनके यहा जाने के लिए निकल गये. वो लोग पहाड़ो के बीच अपने भगवान के पास कुछ प्राथना कर रहे थे. फिर उनका डॅन्स सुरू हुवा. बहोत मज़ा आ रहा था. उन लोगो ने हुमे भी नाचया. फिर बाद मे एक बंदे ने मूज़े एक ग्लास लाकर दिया जिसमे कुछ था. पीने के बाद पता चला वो शराब जैसा कुछ था. पर वो लोग बहोट सिंपल थे तो मैने ओर भाभी ने पिया ओर मज़ा लेते रहे. वो लोग हुमे मिया बीबी समज रहे थे. उनके डॅन्स के हिसाब से भाबी मेरे आगे थी मेरा लंड भाभी की मक्खन की तरह गांड मे गुस रहा था. पर हम लोग नशे मे थे. फिर उनको बोलके हम वाहा से टेंट आने के लिए निकले.

हम रास्ता भटक गये ओर कुछ समज मे नही आ रहा था. मोबाइल मे नेटवर्क नही था. हम लोग २ घंटे से भटक रहे थे. भाभी थक गयी ओर बोली कही पे बैठेते है ओर फिर सोचते है. ठंड बोहोत जाड़ा थी. हम दोनो ने नॉर्मल कपड़े पहने थे. उतने मे भाभी को सामने एक खाली खंदर धीखा. हम डरते डरते वाहा पे गये. अंदर खाली कमरे थे. हमने सोचा यही पे कुछ देर रुकते है. मै दूसरे रूम मे गया तभी भाभी के चिल्लाने की आवाज़ आई मैने धेखा तो भाभी वाहा पे टंकी जैसा कुछ था जिसमे घिर गयी. मैने पानी के अंदर गया ओर उनको निकाला. हम दोनो भीग गये थे. ओर ठंड बोहोत थी. मूज़े वाहा पे दो चटाई मिली.

Kamuk Story ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म

हम लोगो ठंड के मारे कप रहे थे. तभी भाभी ने जो कहा वो सुनके मई हैरान था भाभी ने कहा हुमे कपड़े उतार के बैठना पड़ेगा नही तो हम ऐसे ही मार जाएगे. मैने उनकी तरफ धेखा, तो भाभी ने कहा हम डॉक्टर है तोड़ा दिमाग़ से सोचो. फिर अंधेरे मे हम दोनो ने अपने अपने गीले कपड़े उतार के एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठ गये. लेकिन कब तक ऐसे ही रहते ठंड तो अभी भी थी तो हम लोग चटाई पे सो गये ओर एक चटाई उपर से ले ली.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था हमारा शरीर एक दूसरे को टच हो रहा था भाभी तोड़ा पीछे हो गयी मेरी शरीर की गर्मी की बाजसे उनकी तंदी कम हो गयी. भाभी ने कहा कोई दूसरा ऑप्षन नही है. एक दूसरे को लिपट के सोना पड़ेगा फिर मुज़से कंट्रोल नही हुवा मैने उनकी उनकी गोल ओर नरम गांड को अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया। उनकी गांड काफी बड़ी थी ओर एकदम मक्खन की तरह थी। उनकी गांडो को हाथों से दबाने ओर मसलने में काफी ज्यादा मजा आ रहा था। धीरे से फिर भाभी भी जोश मे आ रही थी. आ हू दबाओ ज़ोर से कुछ तो करो ऐसा बोल लेकिन २ मिनिट के बाद बोलने लगी ये सही नही है. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चका था.
फिर मैने भाभी को समजाया की हुमे ये करना होगा वरना हम मर जाएँगे. तो भाभी ने मुज़ेसे प्रॉमिस लिया की ये एक ही बार होगा ओर किसी को पता नही चलेगा. मैने भाभी को प्रॉमिस किया ओर किस करना स्टार्ट किया.

मैं पीछे से उनकी गांड और बूब्स पर हाथ फेर रहा ओर दबा रहा था। हाय कितनी मुलायम ओर नरम बूब्स थे. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।भाभी भी इतने में काफी गर्म हो गयी थी उनके मुंह से आह,आह की धीमी आवाज निकल रही थी। कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे कहा ”मुझे चुत चटवनी है सागर ने कभी नही किया प्लीज़ चॅटो ना मै नीचे चली गया.

मैं 69 पोजीसन होकर उसकी चूत के पास पहुंच गया और फ़िर मैं उसकी चूत जीभ से चाटने लगा. मै पूरा फील दे रहा था पूरा चुत के अंदर था जीभ डालके आइस्क्रीम की तारह छत रहा था. उसका वो चुत का खट्टा पानी मूज़े मस्त लग रहा था. फिर भाबी ने मेरा लण्ड हाथ में ले लिया. वो मेरे लण्ड को हिलने लगी अपने हाथ , ओर मेरी भी आहें निकलने मेरी हालत खराब हो रही थी और भाभी ने लन्ड मुंह मे लेकर चूसने लगी. उसने मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया ओर अंदर बाहर किए जा रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत के साथ साथ ज़ट के बाल भी नोच रहा था.

भाभी ने मूज़े बोली की मूज़े लंड चूसना बहोत पसंद है. ओर वो बोली मेरे मुहफ़ मे निकल दो मूज़े माल को पीना है. मेरे लौड़े को चूस चूस कर और बड़ा कर दिया ओर कहने लगी मूज़े बड़ा ही पसंद है. मै भी काफ़ी जोश में आ गया था मै भाभी का सर दबा रहा था ओर लंड पूरा अंदर तक जा रह था. भाभी हाथों से मुठ मार मार कर चूस रही थी. ओर मेरा लौड़ा गरम हो गया ओर मैने सारा माल निकाल दिया भाभी के मुँह में गिरा दिया. भाभी ने मेरा सारा माल पी लिया ओर चाट कर सारा माल साफ कर दिया.

भाभी बोली, “अब तुम मुझे चोदो अपने लण्ड से ओर माल अंदर मत गिरना मूज़े हर एक स्टाइल मे चोदो, अब मुझसे रहा नहीं जाता जल्दी करो… चोदो मुझे ! चोदो मेरी चुत फाड़ के रख दो. अब मैंने अपने होंठों से उसके होंठों पर चूमना करना शुरू किया, मै बहोत सेरटाक किस कर रहा था ओर साथ मे उसको मसल रहा था. फ़िर गाल पर, गले पर, चूत, गाड़, बुब्बस हर जगह फ़िर और नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा ओर अंदर उंगली डालने लगा. बड़े और सख्त बूब्स को पी रहा था !मैं उन्हें मसलने और जोर से दबाने लगा. मैंने उसके निप्पल को अपनी मुहा में लेकर दबाया, वो जोर से सिसकने लगी, “उह उह आह विकास आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे दो. मूज़े तेरा लंड चाहिया प्लीज़ डाल दो. चाहो तो माल अंदर ही दाल दो लेकिन अब सब्र नही होता.

मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था. फिर भाभी ने एक हाथ से लंड सेट किया मैने बूब्स को मुहा मे लिया ओर एक ज़ोर का शॉट लगया, भाभी ज़ोर से चिल्लाई, ओह मर गई, कितना बड़ा है तेरा, मूज़े दर्द हो रहा है . मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था, मैने बात करते हुवे ओर एक शॉट मारा मगर काफ़ी टाईट चूत थी, फिर भाभी ने गाड़ उपर की ओर बोला अब लगाओ शॉट, एक बार फिर जोर के झटके से अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया. वो बोल रही थी “आह धीरे धीरे करो मूज़े मज़ा लेनो दो, चप चप आवाज़ आनी चाहिए ! ” भाभी मेरे पीठ मे नाख़ून के निशान छोड़ रही थी.

मैने उसस्के बूब्स को डबते हुवे धीरे धीरे अपने लण्ड को आगे पीछे कर रह था साथ मे बीच मे ज़ोर से शॉट लगा रह था. कुछ देर बाद भाभी का दर्द भी कम हो गया और वो भी मज़ा लेने लगी ओर जो आवाज़े निकालने लगी ” ओहो! ह्म्म! आ ! जोर से ! और ज़ोर से करो, मूज़े तुम्हे अंदर लेना है, मर्द की तरह चोदो, आह प्लीज़ स्पीड बदाओ अपनी मै आने वाली हू. फिर मैंने अपने झटकों की ताकत बढ़ाई ओर स्पीड भी.
मैं और जोर से उसे चोदने लगा मैने भाभी के पैर गले मे ले लिए ओर स्टाइल चेंज कर दी. अब तो पच पच आवाज़ से सारा महॉल बन गया था. थोड़ी देर बाद वो झड़ गई फिर भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत का रस टपकने लगा, मूज़े उसकी खुसबु आ रही थी,
मुझे और भाभी काफ़ी मज़ा आ रहा था. फ़च फ़च की आवाज़ ओर भी भाग रही थी. थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी होने वाला है. फिर मैने उसे उल्टा कर से कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा कर शॉट लगाना चालू किया.

मै पीछे से जोर जोर से धक्के लगा रहा था. अब मेरा लौड़ा रुकने वाला था नही, मैने भाभी को बोला मूज़े कंट्रोल नही हो रहा है, मेरा होने वाला है मै चुत मे निकल रहा हू, तो उसने कहा ठीक है निकल दो मई गोली ले लूंगी. मै पूरी ताकत से उसकी टाईट चूत में झटके लगा रहा था, ओर वो बहाल थी मेरा लंड मानने को तय्यार ही नही था फिर उसने गोतिया साहलाई और १०से १२ झटके के साथ मैंने अपना पूरा माल उसके चूत में डाल दिया. हम नंगे ही वाहा पे पड़े थे.

हमे अब ठंडी नही लग रही थी, पूरे पसीने से बहाल थे. भाभी ने मूज़े थॅंक्स कहा ओर मेरे लंड को चॅट कर साफ करने लगी. फिर १० मीं बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया इस टाइम पे भाभी ने बोला चुत मे दर्द हो रहा है. बाद मे करते है लेकिन भाभी मेरी तरफ गांड करके एकदम चिपके के सो गयी. मई सुबह जगा तो मेरा लंड खड़ा था मैने भाभी के गाड़ मे लंड डालने की कोशिश की लेकिन भाभी ने कभी गांड नही मरवाई थी. भाभी जाग गयी ओर आखरी टाइम मै करने दे रही हू. फिर भाभी ने बोला मूज़े मुहा मे लेना है. मैने दोनो बुब्बस के बॉच मे से मुहा मे लंड डाला ओर मूह मे चोदने लगा. ओर सारा माल भाभी के मुहा मे निकल दिया. भाभी ने मेरे लंड को किस किया ओर मिस यू कहा.

फिर हम दोनो ने अपने कपड़े पहने, भाभी ने कहा के ये बात कभी किसी को पता नही चलनी चाहिए, मैने उन्हे हग किया ओर प्रॉमिस किया की कभी किसी को पता नही चलेगा ओर ये दुबारा भी नही. फिर हमने एक दूसरे को हग किया एक लंबा किस किया भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखा वो खड़ा था, भाभी ने कहा हाथ हिलाओ या कोई ओर ढूंड लो, ओर हम लोग टेंट मे चले गये. आज भी हम लोग दोस्त है ओर मस्त जी रहे है. कभी कभी भाभी को धेखकर मूड होता है मई उनको बोलता भी हू लेकिन फिर हम लोग कंट्रोल कर लेते है. कंट्रोल की बजाह है मेरा दोस्त ओर उनका पति सागर.

दोस्तो ये थी मेरी कहानी जो मैने एक पाठक की विनांती पर लिखी तो मूज़े मैल कीजिए ओर लिखिए ये कहानी कैसे लगी ओर कुछ ग़लती हो गयी है तो माफ़ कीजिए, चाहे तो गालिया दे सकते है. जाते जाते एक ही बात कहूँगा ओर औरतो का रेस्पेक्ट कीजिए, उनको प्यार ओर इज़्ज़त दीजिए. उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी. मूज़े अपने विचार बातये ओर कुछ भी हो जो शेर कर सकते हो कीजिए. मूज़े आपके प्यार भरे मेल का इंतज़ार रहेगा. नये साल की हार्दिक शुब्कामनाए, ये साल आपके जीवन मे ढेर सारी खुशिया लाए. अगली कहानी लेकर जल्द ही आउगा तब तक हिलाते रहिए, शॉट लगते रहिए ओट चुत मे उंगाली करना मत भूलना.

अपनी राय मुझे ज़रूर लिखें. मुझे इस मेल पर भेजें.

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रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

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5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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मम्मी ने मुझे सेक्स करना सिखाया https://sexstories.one/mummy-ke-saath-lesbian-sex-stories/ Mon, 17 Jan 2022 06:35:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3500 मम्मी ने जैसे ही ब्रा की हुक खोली वेसे ही मम्मी के दूध नीचे लटक गए | उसके दूध बहुत ही ढीले थे और मैं उनके दूध को मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उनके निप्पल को अपनी होठो से खीच खीच कर चूसने लगी तो...

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lesbian sex stories हाय फ्रेंड्स कैसे हो आप सभी लोग ? मैं आशा करती हूँ की आप सभी लोग ठीक ही होगे | मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ | मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले आप लोगो को अपने बारे में बता देती हूँ |

मेरा नाम शीतल है | मेरी उम्र 18 साल है | मैं रहने वाली अमृतसर की हूँ | मेरे घर में मेरी मम्मी और मैं रहती हूँ क्यूंकि मेरे पापा काम की वजह से बाहर रहते हैं | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरा फिगर भी सेक्सी हैं | मेरी बूब्स काफी बड़े और गोल है और मेरी गांड भी मस्त चौड़ी है | फ्रेंड्स मैं आज आप लोगो को बताने जा रही हूँ की कैसे मेरी माँ ने मेरे साथ सेक्स किया | मैं उम्मीद करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और कहानी को पढने में मज़ा भी आयेगा | मैं आप अभी का ज्यादा समय न लेती हुई सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ |

ये कहानी अभी कुछ दिन पहले की हैं अब मैं कहानी प्रस्तुत करती हूँ | मेरी मम्मी का नाम अनीता हैं और वो दिखने में गोरी हैं | उनका चेहरा हल्का गोल है | मेरी मम्मी और मैं अपने घर में अकेली रहती हूँ इसलिए मेरी मम्मी कभी कभी सेक्सी मूवी भी देखा करती हैं | मेरी मम्मी को चुदाई करना बहुत पसंद हैं और वो चुदाई कराने में एक्सपर्ट हैं उनको पता हैं कैसे आदमी को खुश किया जाता हैं | मैंने कई बार मम्मी को पापा से चुदते देखा है जब पापा मम्मी को चोदते हैं तब मम्मी पापा के लंड को मुंह में भी रख कर चूसती हैं |

एक दिन मैं और मम्मी घर पर बोर हो रहे थे तो मम्मी ने कहा चलो घूम के आते हैं | तब मैं मम्मी के साथ घुमने चली गयी और मैं मेरी मम्मी घूम ही रही थी की रास्ते में कोई आदमी मिला मैं उस आदमी को नही जानती हूँ पर मेरी मम्मी उस आदमी को जानती हैं इसलिए वो आदमी मम्मी को और मुझे एक रेस्टोरेन्ट में ले गया | फिर उसने कुछ खाने के लिए मंगाया और मैं खाना खाने लगी मैं खाना खा ही रही थी की मुझे उसका हाथ मम्मी की जांघों पर दिखा तो मैं समझ गयी की ये मम्मी का बॉयफ्रेंड होगा |

फिर मैं खाना खाती रही और मेरी मम्मी के साथ वो अन्दर चला गया और फिर 5 मिनट बाद मम्मी आई तो मैं ये सोच सोच के मेरी चूत में खुजली होने लगी की अन्दर क्या हुआ होगा | फिर मम्मी वहां से 5 मिनट बाद आई तो मैंने पूछा ये कौन हैं तक मम्मी ने कहा मेरा बहुत पुराना दोस्त है मेरे कॉलेज के टाइम का और फिर मैं और मम्मी बात करती हुई घर चली आई | तब मम्मी बाथरूम में गयी और नहाने लगी वो कुछ देर बाद नहा कर आई | फिर मैं भी फ्रेश होकर आई और फिर मैंने रेड कलर की टी शर्ट पहनी और रेड ही कलर की लिपस्टिक लगाई थी | मम्मी भी उस दिन मेक्सी में मस्त लग रही थी | फिर मैं और मम्मी सोफे पे बैठ कर टीवी देखने लगी | मैं कुछ देर तक मम्मी के साथ टीवी देखती रही और फिर मुझे नीद आ गयी तो मैं जाकर अपने रूम में लेट गयी |

फिर कुछ देर बाद मम्मी भी मेरे ही रूम में आई और मेरे पास लेट गयी | तब मैंने मम्मी से पूछा क्या हुवा अपने बेडरूम में नही गयी तो वो बोली कुछ नही और लेट गयी | फिर वो मेरी टी शार्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरे पेट को सहलाती हुई धीरे से मेरे स्तन पर हाथ ले गयी और मेरे निप्पल को ऊँगली से मसलने लगी | तब मैं कुछ देर तक तो कुछ नही बोली क्यूंकि मुझे अच्छा लग रहा था और कुछ देर बाद मम्मी ने मेरे होठो पर अपनी होठो को रख कर मेरी होठो को चूसने लगी और साथ मेरे गोल स्तन को भी मसल रही थी |

वो मेरे होठो की सारी लिपस्टिक को चूस लिया जिससे मैं कुछ दी देर में गर्म हो गयी और सेक्स करने में माँ का साथ देने लगी | मैं भी उनकी होठो को अपनी होठो से दबा दबा कर चूसने लगी | वो भी मेरे होठो को जोर जोर से चूस रही थी | वो ऐसे ही मेरी होठो को 5 मिनट तक चूसती रही और फिर मम्मी ने मेरी टी शार्ट निकाल दी | फिर वो मेरे एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरे दूध को मुंह में रख कर दबाती हुई चूसने लगी तो मेरे मुंह से सी सी सी सी……. आ आ आ आ अ…… ऊ ऊ ऊ उ….. ई ई ई ई ई ई… ऊ ऊ ऊ ऊ…… उई उई उई माँ माँ माँ…… की सिसिकियाँ निकल गयी | वो मेरे निप्पल को अपनी होठो से दबा दबा कर खीच कर चूस रही थी और दुसरे दूध को अपने हाथ में पकड़ कर दबा रही थी | मेरे गोल और चिकने स्तन को वो अपने हाथो से पकड पकड़ कर मसल रही थी |

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फिर मम्मी ने अपने कपडे निकलने लगी और 1 ही मिनट में वो ब्रा और पेंटी में आ गयी | उनके दोनों दूध ब्रा के अन्दर से साफ दिख रहे थे और उनके बूब्स मेरे बूब्स से बहुत बड़े थे | उनके बड़ी काले निप्पल ब्रा के ऊपर उठे हुए थे और लग रहा था की अब ये ब्रा को फाड़ कर बाहर निकल आयेगे | फिर मैं उनके स्तन को ब्रा के ऊपर से ही दबाती हुई अपने मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उनके बूब्स के निप्पल को मुंह में दांतों से दबा कर खीच खीच कर चूसने लगी और तब मम्मी ने ब्रा की हुक खोल दी | मम्मी ने जैसे ही ब्रा की हुक खोली वेसे ही मम्मी के दूध नीचे लटक गए | उसके दूध बहुत ही ढीले थे और मैं उनके दूध को मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उनके निप्पल को अपनी होठो से खीच खीच कर चूसने लगी तो मम्मी के मुंह से गर्म सांसे लेती हुई ऊ ऊ ऊ… आह्ह्ह अह्ह्ह उई उई उई सी सी सी….. हाँ हाँ हाँ हाँ……. उई उई उई उई……. की सिसिकियाँ लेने लगी जिससे मुझमे और आग भड़क गयी और मैं उनकी बूब्स को मुंह से चूसती हुई उनकी चूत को भी सहलाने लगी | मैं उनकी चूत को कुछ देर तक ऐसे ही सहलाती रही | फिर मम्मी ने अपनी टांगो को फैला दिया और मैं उनकी चूत में मुंह को घुसा कर चाटने लगी |

मैं उनकी चूत की पंखुडियां को अपनी होठो से पकड पकड़ कर खीचने लगी तो उनके मुंह से ई ई ई ई……. ओह्ह ओह्ह….. उई उई उई उई….. सी सी सी सी…… उह्ह उह्ह उह्ह… की सिसिकियाँ लेने लगी | मैं उनकी चूत में अपनी जीभ को भी घुसा दिया और उनकी चूत की पंखुडियां को अपनी उँगलियों से फैला कर उनकी चूत में जीभ को घुसा कर चाटने लगी | मैं उनकी चूत में ऐसे ही जीभ से चाटने के साथ में उनकी चूत में ऊँगली को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगी |

तब मम्मी मदहोश करने वाली आवाजे करने लगी और मैं सेक्स के नसे में उनकी चूत को जोर जोर से चाट रही थी | वो अपने दूध के निप्पल को अपने मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उनकी चूत में जोर जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करती हुई चाटने लगी | तब वो ह्ह्ह ह्ह्ह ऊ ऊ ऊ उ,…… सी सी सी…. उई उई उई…. हाँ हाँ हाँ…. आआआअ…….. करती हुई अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी और साथ में अपनी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी | मैं भी उनकी चूत में जोर जोर से चाट रही थी और वो बहुत ही जल्दी बेड से उठ कर मेरे मुंह पर अपनी चूत के मुंह को टीका दिया | फिर अपनी चूत जोर जोर से अपने हाथ से हिलाने लगी और कुछ ही देर में उनकी चूत से गर्म पानी की धार निकल पड़ी | मैं पानी सब पी गयी उस पानी का नमकीन सा स्वाद था |

फिर वो मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर लेट गयी और मेरे स्तन के निप्पल को पकड कर मुंह में रख कर जोर जोर से खिचती हुई मेरे गोल चिकने दूधो को चुसने लगी तो मेरे मुंह से ऊ ऊ ऊ उ,…… सी सी सी…. उई उई उई…. हाँ हाँ हाँ…. आआआ…… की सिसिकियाँ निकल गई | फिर वो मेरी चूत में अपने मुंह को घुसा कर मेरी चूत में अपनी जीभ को घुसा का अन्दर बाहर करने लगी तो मैं ऊ ऊ .. सी सी सी…. उई उई उई…. हाँ हाँ हाँ…. आआआआआ… करती हुई अपने बूब्स को मसलने लगी |

वो मेरी चूत के दोनों पंखुड़ियों को फैला कर जोर जोर से अपनी जीभ को अन्दर बाहर करने लगी साथ में मेरी चूत को अपनी होठो से पकड़ पकड़ कर खीचने लगी तो मेरे जिस्म में आग सी लग गयी और मैं तदपने लगी | तब मम्मी ने मेरी चूत में अपनी उँगलियों को डाल कर जोर जोर से मेरी चूत में हिलाने लगी तो मैं ऊ ऊ ऊ उ… सी सी सी…. उई उई उई…. हाँ हाँ हाँ…. आआअ.. करती हुई अपने दूध के निप्पल को मसलती हुई चूत को चुसाने लगी | अब मुझसे रहा नही जा रहा था तो मैं मम्मी को सर को पकड कर दबाने लगी और वो मेरी चूत में अपनी उँगलियों को जोर जोर से हिला रही थी जिससे मेरी चूत से कुछ ही देर में गर्म पानी की धार निकल पड़ी | वो सब पानी गटक गयी और मेरी चूत को चाट चाट कर साफ कर दिया तब मैं मम्मी से बोली मम्मी मुझे अपनी चूत में लंड लेना है तब मम्मी ने कहा फिर कभी मैं तुम्हे लंड से चुदवाउंगी |

अब मैं आप लोगो को अगले भाग में बताउंगी की मम्मी ने मुझे किसके लंड से चुदवाया |

मैं उम्मीद करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी |

कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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मां का प्यार https://sexstories.one/maa-ka-sexy-pyar/ Fri, 31 Dec 2021 07:32:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3512 तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर...

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Maa Ka Pyar – मेरे घर मे में, मेरी माँ, मेरी पत्नी और मेरी बहन है, मेरी बहन की शादी हो चुकी है और वो अपने ससुराल मे रहती है। में अपनी माँ और पत्नी के साथ यहाँ कोलकाता मे रहता हूँ, हम लोग बनारस (उ.प.) से यहाँ बचपन मे ही आ गये थे और यही बस गये. मेरी उम्र 28 साल की है और मेरी पत्नी 24 की है. मेरी सास और मेरी साली अभी भी बनारस के पास एक गांव मे रहते है. और साल मे 2-3 महीने हमारे यहाँ आते है. सच पूछो तो मेरा घर एक स्वर्ग है, जहाँ किसी भी तरह की कोई मना नही, में आपको शुरू से ही ये सारी बातें बताता हूँ।

यह बात मेरे बचपन की है, घर पर मेरी माँ, मेरी दीदी और में सब साथ रहते थे, मेरी उम्र करीब 18-19 के आस पास थी. मेरी लंबाई 5’7” की है. मेरी दीदी की उम्र 18 साल हे, उसकी स्पोर्ट्स मे रूचि थी और वो स्टेडियम जाती थी. मेरी माँ टीचर है, उसकी उम्र 37-38 की होगी, मगर देखने मे किसी भी हालत मे 31-32 से ज्यादा की नही लगती थी. माँ और दीदी एकदम गोरे है. माँ मोटी तो नही लेकिन भरे शरीर वाली थी और कुल्हे उनके चलने पर हिलते थे. उनकी शादी बहुत जल्दी हो गयी थी, मेरी माँ बहुत सुंदर और हँसमुख है।

वो जिंदगी का हर मज़ा लेने मे विश्वास रखती है, हालाकि वो सबसे ओपन नहीं होती है पर मैने उसे कभी किसी बात पर गुस्सा होते हुए नही देखा. ये बात उस समय की जब मैं 9th मे था और हर चीज के बारे मे मेरी इच्छा बढ़ रही थी स्पेशली सेक्स के बारे मे. मेरे स्कूल के दोस्त अक्सर लड़की पटा कर मस्त रहते थे उन्ही मे से दो तीन दोस्तो ने अपने परिवार के साथ सेक्स की बाते भी बताई तो मुझे बड़ा अज़ीब लगा. मैने माँ को कभी उस नज़र से नही देखा था पर इन सब की बातों को सुन-सुन कर मेरे मन मे भी इच्छा बढ़ने लगी और मै अपनी माँ को ध्यान से देखने लगा, चूँकि गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और में हमेशा घर पर ही रहता था।

घर मे, में माँ के साथ ही सोता था और दीदी अपने कमरे मे सोती थी, माँ मुझे बहुत प्यार करती थी, माँ, दीदी और में आपस मे थोड़ा खुले हुए थे, हालाकि सेक्स करने की कोई बात तो नही हुई थी पर माँ कभी किसी चीज का बुरा नही मानती थी और बड़े प्यार से मुझे और दीदी को कोई भी बात समझाती थी, कई बार अक्सर उत्तेजना की वजह से जब मेरा लंड खड़ा हो जाता था और माँ की नज़र उस पर पड़ती तो मुझे देख कर धीरे से मुस्कुरा देती और मेरे लंड की तरफ इशारा करके पूछती कोई परेशानी तो नही है, में कहता “नही” तो वो कहती कोई बात नही… तो में भी मुस्कुरा देता, वो खुद कभी-कभी हम दोनो के सामने बिना शर्माये एक पैर बेड पर रख कर साड़ी थोड़ा उठा देती और अन्दर हाथ डालकर अपनी चूत खुजलाने लगती, नहाते समय या हमारे सामने कपड़े बदलते वक़्त अगर उसका नंगा बदन दिखाई दे रहा हो तो भी कभी भी शरीर को ढकने या छुपाने की ज़्यादा कोशिश नही की, ऐसा नही था की वो जान बुझ कर दिखाने की कोशिश करती हो, क्यों की इन सब के बाद भी मैने उसकी या दीदी की नंगी चूत नही देखी थी, बस वो हमेशा हमे नॉर्मल रहने को कहती और खुद भी वैसे ही रहती थी।

धीरे धीरे में माँ के और करीब आने की कोशिश करने लगा, और हिम्मत कर के माँ से उस वक़्त पास आने की कोशिश करता जब मेरा लंड खड़ा होता, मेरा खड़ा लंड कई बार माँ के बदन से टच होता पर माँ कुछ नही बोलती थी. इसी तरह एक बार माँ किचन मे काम कर रही थी और माँ की हिलते हुए कुल्ले देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने अपनी किस्मत आज़माने की सोची और भूख लगने का बहाना करते हुए किचन मे पहुँच गया, और माँ से बोला “माँ भूख लगी है कुछ खाने को दो.. ” और ये कहते हुए माँ से पीछे से चिपक गया, मेरा लंड उस समय पूरा खड़ा था और मैने अपनी कमर पूरी तरह माँ के कुल्हे से सटा रखी थी जिसके कारण मेरा लंड माँ के कुल्हो के बीच तोडा सा घुस गया था. माँ हंसते हुए बोली “क्या बात है आज तो मेरे बच्चे को बहुत भूख लगी है..” “हां माँ, बहुत ज्यादा, जल्दी से मुझे कुछ दो..” और मैने माँ को और ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और उनके पेट पर अपने हाथो को कस कर दबा दिया, कस कर दबाने की वज़ह से माँ ने अपने कुल्ले थोड़े पीछे किये जिससे मेरा लंड थोडा और माँ के कुल्हे के बीच मे घुस गया, उत्तेजना की वज़ह से मेरा लंड झटके लेने लगा पर में वैसे ही चिपका रहा और माँ ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा पर बोली कुछ नही।

फिर माँ ने जल्दी से मेरा खाना लगाया और थाली हाथ मे लेकर बरामदे मे आ गई, में भी उसके पीछे पीछे आ गया, खाना खाते हुए मैने देखा तो माँ मुझे और मेरे लंड को देख कर धीरे धीरे हंस रही थी, जब मैने खाना खा लिया तो माँ बोली की अब तू जाकर आराम कर में काम कर के आती हूँ… पर मुझे आराम कहा था में तो कमरे मे आकर आगे का प्लान बनाने लगा की कैसे माँ को चोदा जाए. क्योंकि आज की घटना के बाद मुझे पूरा विश्वास था की अगर में कुछ करता भी हूँ तो माँ अगर मेरा साथ नही देगी तो भी कम से कम नाराज़ नही होगी, फिर ये ही हरकत मैने 5-6 बार की और माँ कुछ नही बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ी।

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एक रात खाना खाने के बाद में कमरे मे आकर लाइट ऑफ कर के सोने का नाटक करने लगा, थोड़ी देर बाद माँ आई और मुझे सोता हुआ देख कर थोड़ी देर कमरे मे कपड़े और समान ठीक किया और फिर मेरे बगल मे आकर सो गई, करीब एक घंटे के बाद जब मुझे विश्वाश हो गया की माँ अब सो गयी होगी तो मै धीरे से माँ के ऊपर सरक गया और धीमे धीमे अपना हाथ माँ के कुल्हो पर रख कर माँ को देखा जब माँ ने कोई हरकत नही की तो में उनके कुल्हो को सहलाने लगा और उनकी साड़ी के ऊपर से ही दोनो कुल्हो और गांड को हाथ से धीमे धीमे दबाने लगा।

जब उसके बाद भी माँ ने कोई हरकत नही की तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ी और मैने माँ की साड़ी को हल्के हल्के ऊपर खिचना शुरु किया, ऊपर करते करते जब साड़ी कुल्हो तक पहुँच गई तो मैने अपना हाथ माँ की कुल्हो और गांड के ऊपर रख कर थोड़ी देर माँ को देखने लगा, पर माँ ने कोई हरकत नही की, फिर में अपना हाथ उनकी गांड के छेड़ से धीरे धीरे आगे की और करने लगा, पर माँ की दोनो जांगे आपस मे सटी हुई थी जिससे में उन्हे खोल नही पा रहा था. फिर मैने अपनी दो उंगलिया आगे की और बड़ाई तो मेरी सास ही रुक गई. मेरी उंगलिया माँ की चूत के ऊपर पहुँच गई थी।

फिर मैने धीरे धीरे अपनी उंगलियो से माँ की चूत सहलाने लगा, माँ की चूत पर बाल महसूस हो रहे थे, चूँकि मेरे लंड पर भी झांटे थी तो में समझ गया की ये माँ की झांटे है, इतनी हरकत के बाद भी माँ कुछ नही कर रही थी तो मैने धीरे से अपनी पूरी हथेली माँ के चूत पर रख दी और चूत के दोनो होंठो को एक एक कर के छूने लगा, तभी मुझे महसूस हुआ की माँ की चूत से कुछ मुलायम सा चमड़े का टुकड़ा लटक रहा है।

जब मैने उसे हल्के से खींचा तो पता चला की वो माँ की चूत की पूरी लंबाई के बराबर चूत यानी ऊपर से नीचे तक की लंबाई मे बाहर की तरफ निकला हुआ था और जबरदस्त मुलायम था।

उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था की लगा जैसे फट जाएगा, में धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी शर्ट उतार कर लंड को माँ के कुल्हे से सटाने की कोशिश करने लगा पर कर नही पाया तो में एक हाथ से माँ की चूत मे उंगली डाल कर बाहर निकले चमड़े को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा. 2-3 मिनट मे ही मैं झर गया पर जब तक में अपना जूस रोक पाता वो माँ के कुल्हो पर पूरा गिर चूका था, ये देख कर में बहुत डर गया और चुपचाप शर्ट पहन कर माँ को वैसा ही छोड़ कर सो गया. सुबह जब में उठा तो देखा की माँ रोज की तरह अपना काम कर रही थी और दीदी हाकी की प्रेक्टीस जो सुबह 6 बजे ही शुरू हो जाती थी, जा चुकी थी में डरते डरते बाथरूम की तरफ जाने लगा तो माँ ने कहा आज चाय नही मांगी तूने…

तो मैने बात पलटते हुए कहा की “हा पी रहा हूँ, पेशाब कर के आता हूँ..”, जब में बाथरूम से वापस आया तो देखा माँ बरामदे मे बैठी सब्जी काट रही थी और वही पर मेरी चाय रखी हुई थी. में चुपचाप बैठ कर चाय पीने लगा तो माँ मेरी तरफ देख कर हंसते हुए बोली की “आज बड़ी देर तक सोता रहा हां माँ नींद नही खुली..” तो माँ बोली “एक काम किया कर आज से रात को और जल्दी सो जाया कर..” ये कह कर वो हंसते हुए किचन मे चली गयी. जब मैने देखा की माँ कल रात के बारे मे कुछ भी नही बोली तो में खुश हो गया. उस दिन पूरे दिन मैने कुछ भी नही किया, मेने सोच रखा था की अब में रात को ही सब कुछ करूँगा जब तक या तो माँ मुझसे चुदाई के लिए तैयार ना हो या मुझे डाट नही देती. रात को में खाना खा कर जल्दी से रूम मे आकर सोने का नाटक करने लगा, थोरी देर मे माँ भी दीदी के साथ आ गई।

उस दिन माँ बहुत जल्दी काम ख़त्म करके आ गई थी, खैर में माँ के सोने का इंतजार करने लगा. थोरी ही देर मे दीदी के जाने के बाद माँ धीरे से बेड पर आकर लेट गई करीब एक घंटे तक लेटे रहने के बाद मैने धीरे से आँखे खोली और माँ की तरफ सरक गया, थोड़ी देर मे जब मैंने बरामदे की हल्की रोशनी मे माँ को देखा तो चौंक गया. माँ ने आज साड़ी की जगह नाईटी पहन रखी थी और उन्होने अपना एक पैर थोडा आगे की तरफ कर रखा था।

फिर मैने सोचा की अगर ये किस्मत से हुआ तो अच्छा है और अगर माँ जानबूझ कर यह कर रही है तो माँ जल्दी ही चुद जाएगी. उस रात मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी हुई थी, थोड़ी देर नाईटी के ऊपर से माँ का कुल्ले सहलाने के बाद मैने धीरे से माँ की नाईटी के सामने का बटन खोल दिया और उसे कमर तक पूरा हटा दिया और धीरे से माँ के कुल्हो को सहलाने लगा. मैं जांघो को भी सहला रहा था, माँ की कुल्ले और जांघे इतने मुलायम थे की में विश्वास नही कर पा रहा था।

फिर मैने अपना हाथ उनकी जांगो के बीच डाला तो मैं हैरान रह गया, माँ की चूत एकदम चिकनी थी, उनके चूत पर बाल का नामोनिशान नही था. उनकी चूत बहुत फूली हुई थी और चूत के दोनो होंठ फैले हुए थे शायद एक जांग आगे करने के कारणउनकी चूत से निकला हुआ चंदा लटक रहा था (मेरे कई दोस्तों ने उसके बारे मे बताया था की उनके घर की ओंरतो की चूत से भी ये निकलता है और उन्हे इस पर बड़ा नाज़ होता है). में तो उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था. मैने लेटे-लेटे ही अपना शर्ट निकाल दिया और माँ की तरफ थोडा और सरक गया जिससे मेरा लंड माँ के कुल्ले से टच करने लगा, थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद जब मैने देखा की माँ कोई हरकत नही कर रही है तो मेरी हिम्मत और बढ़ी।
में लेटे लेटे ही माँ की चूत को सहलाने का पूरा मज़ा लेने लगा.

थोड़ी ही देर मे मुझे लगा की माँ की चूत से कुछ चिकना चिकना पानी निकल रहा है. क्या खुशबु थी उसकी, मेरा लंड फूल कर फटने की इस्थिति मे हो गया. में अपना लंड माँ के कुल्ले, गांड के छेद, उनकी जांघो पर धीमे धीमे रगड़ने लगा. तभी मुझे एक आईडिया आया की क्यों ना आज थोडा और बढ़ कर माँ की चूत से अपना लंड टच करूं, जब मैने अपनी कमर को आगे खिसका कर माँ की जांघो से सटाया तो लगा जैसे करंट फैल गया हो, मुझे झड़ने का जबरदस्त मन कर रहा था पर मैने सोचा की एक बार माँ की चूत मे लंड डाल कर उनकी चूत के पानी से चिकना कर लूँगा और फिर बाहर निकाल कर मुठ मार लूँगा।

ये सोच कर मैने अपनी कमर थोडा ऊपर उठाया और अपना लंड माँ की चूत से लटके चमड़े को उंगलियों से फैलाते हुए उनके छेद पर रखा तो माँ की चूत से निकलते हुए चिकना पानी मेरे सूपडे पर लिपट गया और थोडा कोशिश करने पर मेरा सूपड़ा माँ की चूत के छेड़ मे घुस गया।

जैसे ही सूपड़ा अंदर गया उफ़ माँ की चूत की गर्मी मुझे महसूस हुई और जब तक में अपना लंड बाहर निकालता मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा माँ की चूत मे पिचकारी की तरह निकलने लगा में घबरा तो गया पर ज्यादा हिलने से डर रहा था की कहीं माँ जग ना जाए. जब तक मैं धीमे से अपना लंड माँ की चूत से निकालता तब तक मेरे लंड का पानी माँ की चूत मे पूरा खाली हो चूका था और लंड निकलते वक़्त वीर्य की धारा माँ के गांड के छेद पर बहने लगी. मुझे लगा अब तो में पक्का पीटूँगा और डर के मारे जल्दी से शर्ट पहन कर सो गया. मुझे नींद नही आ रही थी पर मैं कब सो गया पता ही नही चला।

अगले दिन उठा तो देखा की हमेशा की तरह माँ सफाई कर रही थी पर दीदी स्टेडियम नही गई थी. मुझे देखते ही माँ ने दीदी से कहा “वीना, जा चाय गर्म करके भाई को देदे… और मुझे प्यार से वहीं बैठने के लिए कहा. मैने चोरी से माँ की तरफ देखा तो माँ मुझे देख कर पूछी आज नींद कैसी आई… मैने कहा की “अच्छी”, तो माँ हसने लगी और मेरी पैंट की ऊपर देखकर बोली की “अब तू रात मे सोते समय थोड़े ढीले कपड़े पहना कर… अब तू बड़ा हो रहा है.. देख में और वीनू भी ढीले कपड़े पहन कर सोते है… में यह सुन कर बड़ा खुश हुआ की माँ ने मुझे डाटा नही।

उस दिन मुझे पूरा विश्वास हो गया था की अब माँ मुझे रात मे पूरे मज़े लेने से मना नही करेगी भले ही दिन मे चुदाई के बारे मे खुल कर कोई बात ना करे. अब तो में बस रात का ही इंतजार करता था, खैर उस रात फिर जब में सोने के लिए कमरे मे गया तो मुझे माँ की ढीले कपड़े पहनने वाली बात याद आई पर मेरे पास कोई बड़ी शर्ट नही थी. फिर मैने आलमरी मे से एक पुरानी लुंगी निकाली और अंडरवेयर उतार कर पहन लिया और सोने का नाटक करने लगा।
तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर इस तरह रखा की मुझे माँ दिखाई दे. थोरी ही देर मे माँ कमरे मे आई और नाईटी पहन कर बेड पर आने और लाइट ऑफ करने के लिए मूडी और मेरे लंड को देखते ही रुक गई।

थोड़ी देर वैसे ही मेरे लंड को जो की पूरे 6” लंबा और 1.5” मोटा था, देखती रही, फिर पता नही क्यों उसने लाईट बंद करके नाईट बल्ब जला दिया और बेड पर लेट गई वो मेरे लंड को बड़े प्यार से देख रही थी पर मेरे लंड को उसने छुआ नही. फिर दूसरी तरफ करवट बदल कर एक पैर को कल की तरह आगे फैला कर लेट गई. मुझे पक्का विस्वाश था की आज माँ जानबूझ कर नाईट बल्ब ऑन किया है ताकि में कुछ और हरकत करू।

आधे एक घंटे के बाद जब में माँ के ऊपर सरका तो लूँगी की गाँठ रगड से अपने आप ही खुल गई और में नंगे ही अपने खड़े लंड को लेकर माँ की तरफ सरक गया और नाईटी खोल कर कमर तक हटा दिया. उस रात मैने पहली बार माँ के कुल्हे, गांड और चूत को देख रहा था. मेरी खुशी का ठिखाना नही था, में झुक कर माँ की जांगो और कुल्हे के पास अपना चेहरा ले जाकर चूत को देखने की कोशिश करने लगा. मुझे अपनी आँखो पर विश्वास नही हो रहा था की कोई चीज इतनी मुलायम, चिकनी और सुन्दर हो सकती है, माँ की चूत से बहुत अच्छी भीनी भीनी खुशबु आ रही थी. में एकदम मदहोश होता जा रहा था. पता नही कैसे में अपने आप ही माँ की चूत को नाक से सटा कर सूंघने लगा। चूत से निकले हुए चंदे के दोनो पत्ते किसी गुलाब की पंखुड़ी से लग रहे थे. माँ की चूत का छेद थोडा लाल था और गांड का छेद काफ़ी टाइट दिख रहा था, पर सब मिला कर उनकी पुरे कुल्हे और जांघे बहुत मुलायम थी।

में उसी तरह कुछ देर सूंघने के बाद माँ के चूत के दोनो पत्तो को मुहँ मे भर लिया और चूसने लगा उनकी चूत से बेहद चिकना लेकिन नमकीन पानी निकलने लगा, में भी आज चुदाई के मज़े लेना चाहता था. फिर मैने माँ की चूत से निकलते हुए पानी को अपने सूपडे पर लपेटा और धीरे से माँ की चूत मे डालने की कोशिश करने लगा. पर पता नही कैसे आज मेरा लंड बड़ी आसानी से माँ की चूत के छेद मे घुस गया।

में वैसे ही थोड़ी देर रुका रहा फिर मैने लंड को अंदर डालना शुरू किया, दो तीन प्रयासो मे मेरा लंड माँ के चूत मे घुस गया ओह क्या मज़ा आ रहा था, माँ की चूत काफ़ी गर्म थी और मेरे लंड को चारो और से जकड़े हुए थी. थोड़ी देर उसी तरह रहने के बाद मैने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया ओह जन्नत का मज़ा मिल रहा था।

4-5 मिनट अंदर बाहर करते ही मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और अपना वीर्य माँ की चूत मे डाल दिया…

अच्छा दोस्तों फिर मिलता हूँ….

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जिग्ना की कामुकता https://sexstories.one/jigna-ki-kamukta/ Tue, 21 Dec 2021 07:16:05 +0000 https://sexstories.one/?p=5056 उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। "मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।"...

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Jigna ki Kamukta – यह अनिवार्य रूप से एक सच्ची कहानी है, जिसमें शामिल लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नाम और घटनाओं को संशोधित किया गया है। यह बहुत विस्तृत है, एकतरफा प्यार और छूटे हुए अवसर, रोमांटिक और कोमल की कहानी है, लेकिन इसके गुदा विषयों को भी तीव्र करती है। यह जिग्ना के साथ मेरे थोड़े समय की कहानी है, एक ऐसी महिला जिससे मैं प्यार करता था और जिसके बारे में मैं अक्सर सोचता रहता हूं।

जिग्ना… जब मैं बिक्री विभाग में था, मुझे हमेशा नए, अनुभवहीन ग्राहक सेवा प्रतिनिधि सौंपे जाते थे; मेरे पास एक उत्कृष्ट प्रशिक्षक होने का रिकॉर्ड था, उन्हें कार्यालय में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, और फिर उन्हें किसी अन्य बिक्री प्रतिनिधि को फिर से सौंपा जाएगा जो मुश्किल से सक्षम था और अपने व्यवसाय को एक साथ रखने के लिए एक अत्यधिक सक्षम ग्राहक सेवा प्रतिनिधि की आवश्यकता थी। हर एक युवा, महिला, आकर्षक और बहुत बार, छह आंकड़े बिक्री प्रतिनिधि या ऊपर और आने वाले युवा प्रबंधक को प्राप्त करने में बहुत दिलचस्पी थी — कई ने किया। मैंने अपने बॉस के पूरक की सराहना की, लेकिन हमेशा प्रशिक्षण मोड में रहने के कारण अक्सर निराश होता था।

कॉलेज के ठीक बाहर जिग्ना बोर्ड पर आई; नौकरी के लिए अधिक शिक्षित और बहुत उज्ज्वल, उसने एक प्रबंधन, प्रवेश स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार किया था, कार्य के लिए काफी नहीं देखा गया था और एक घंटे की नौकरी लेने के लिए सहमत हो गया था; यह आसानी से उसके घर आ गया था और सड़क के नीचे पुनर्मूल्यांकन का वादा किया गया था। चूंकि वह मेधावी थी और उसने एक शीर्ष नाम के विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी की शिक्षा प्राप्त की थी, उसने आश्चर्यजनक रूप से जल्दी सीखा और एक शानदार ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बन गई।

मैंने कार्यालय के कर्मचारियों के साथ कभी बेवकूफ़ नहीं बनाया; वे सभी गपशप थे, यह मनोबल के लिए बुरा होता और अधिकांश दुकान की लड़कियों से थोड़ा अधिक थे। जिग्ना अलग थी। मेरी पहली शादी भी आखिरी पायदान पर थी; मेरे पूर्व और मैं अलग हो गए थे, तलाक आसन्न था और मैंने शायद जिग्ना के साथ अपनी अधिक निराशा साझा की, जो कि एक दुकान की लड़की नहीं थी, जितना मुझे होना चाहिए था। हम फोन पर बहुत गैर-यौन रूप से मजाक करते थे, वह अगले दरवाजे की क्लासिक लड़की थी, और मैं उसके लिए एक वास्तविक स्नेह बढ़ा। मैं उसे सप्ताह में कई बार कार्यालय में देखता था और कभी-कभी उसे अपने ग्राहकों से मिलने के लिए सड़क पर ले जाता था। वह छोटे स्तनों और कॉलेज फ़ुटबॉल और चीयरलीडिंग से एक एथलेटिक शरीर के साथ लगभग पाँच छ: की थी। उसकी फोन आवाज शानदार थी और हमारे सभी ग्राहक उससे प्यार करते थे। उसके गंदे गोरे बाल थे और सुंदर चेहरा नहीं तो प्यारा था। वह मेरे पास या मेरे पास कभी नहीं आई। मैं उनका बहुत सम्मान करता था और सम्मान परस्पर था।

Kamukta2 गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना

मैं उसके माता-पिता से मिला था और मेरे मन में यह सवाल नहीं था कि वह एक अच्छी लड़की है। जिस लड़के ने आखिरकार उससे शादी की, वह सेल्स फोर्स में एक युवा, अच्छा दिखने वाला लड़का था। वह उसके साथ प्यार में सिर के बल गिर गया; उसने एक बार मुझसे कहा था कि जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, वह उसे अपनी पैंट में नहीं बैठने देगी। मैं उसकी शादी में गया था; उसका परिवार स्थानीय रूप से प्रमुख था और यह एक बहुत बड़ा और भव्य मामला था। जब सेल्स फ़ोर्स के अन्य लोगों की बात आती है तो मैं उसके लिए सुरक्षात्मक था और उस पर कभी प्रहार नहीं किया।

एक दिन मैं एक विशेष रूप से कठिन ग्राहक की सेवा से संबंधित कुछ समस्याओं पर विचार करने के लिए कार्यालय में था। जिग्ना और मैं ऑप्स मैनेजर के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक छोटे से सम्मेलन कक्ष में गए। उस बैठक में लगभग 30 मिनट लगे; संचालन प्रबंधक चला गया और जिग्ना और मैंने कुछ और मिनट बात की और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं टेनिस खेलता हूं। मैंने उसे हाँ कहा, लेकिन बुरी तरह से। उसने कहा कि वह हाल ही में जिस कॉन्डो में आई थी, उसके माता-पिता के घर से बाहर जाने के बाद पहली बार उसके पास बहुत अच्छे कोर्ट थे, लेकिन किसी ने भी उनका इस्तेमाल नहीं किया। जिग्ना जल्दी उठने वाली थी, जैसा कि मेरे अधिकांश अधिक मांग वाले ग्राहक थे, इसलिए वह सुबह 6:00 बजे आकर और दोपहर 2:00 बजे तक काम करके बहुत खुश थी, जो मेरे और मेरे प्रमुख ग्राहकों के शेड्यूल से पूरी तरह मेल खाता था। जिग्ना ने पूछा कि क्या मैं उसके साथ कुछ समय टेनिस खेलना चाहूंगी। मैंने निश्चित रूप से कहा, और उसे याद दिलाया कि सप्ताह में कुछ दिन मैं वास्तव में ग्राहकों को फोन कर रहा था, जहां से वह रहती थी … आज की तरह, उदाहरण के लिए। उसका चेहरा खिल उठा, और वह व्यापक रूप से मुस्कुराई, और पहली बार जब से मैंने उसके साथ काम करना शुरू किया था, उसके चेहरे पर यहाँ आने का वह संकेत मिला, लगभग मोहक जैसा कि मैंने बाद में देखा, लेकिन मैं वास्तव में संकेतों से चूक गया, उस सुबह।

मैंने उससे कहा कि मेरे पास कार में हमेशा मेरा टेनिस सामान होता है और उसने कहा कि मैं उसके स्थान पर बदल सकता हूं। हमने लगभग 3:00 बजे मिलने का फैसला किया और उसने मुझे सटीक निर्देश दिए। मैं कसम खाता हूँ कि मेरे मन में कोई यौन विचार नहीं था।

मैं नियत समय पर उसके कोंडो में गया, उसके शयनकक्ष में व्यवसायिक पोशाक से बदल कर, उसे बहुत ही शानदार ढंग से सजाए गए घर की प्रशंसा की और देखा कि, टेनिस टॉग्स में, उसका दृढ़, एथलेटिक शरीर बहुत आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया था। मौसम गर्म था। हमने लगभग एक घंटे तक जोरदार टेनिस राउंड खेला। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इस समन्वित युवती को काम करते हुए देखना अदालत का अंत बहुत उत्तेजित करने वाला था। एक घंटे के बाद हम दोनों इसे एक दिन कहने के लिए तैयार थे। उसने मैच को समाप्त करने के लिए एक शानदार शॉट बनाया और मुझे एक बड़ा गले लगाने के लिए बाध्य किया, जो कि मेरी अपेक्षा से बहुत कम प्लेटोनिक था। वापस कॉन्डो में, उसने मुझसे कहा कि मैं पहले शॉवर ले सकती हूं, इसलिए मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया, कपड़े उतार दिए और शॉवर में कूद गई।

कुछ ही मिनटों में मैं पूरी तरह से चौंक गया जब उसने दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा, अपनी पूरी युवा सुंदरता में नग्न। उसने अपनी उँगली अपने होठों से ऐसे पकड़ रखी थी मानो कह रही हो, ‘एक शब्द भी मत कहो’, और प्यार से मेरी पीठ धोने लगी…और मेरी गांड और मेरा लंड। बेवजह, मैंने एहसान वापस कर दिया, उसके स्तन, योनी और गधे को ऊपर उठाते हुए। मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चूत खा ली… वह कुछ ही सेकंड में आ गई। वह अपने कूबड़ पर नीचे चली गई और मुझे एक मिनट से भी कम समय में संभोग सुख के लिए उड़ा दिया। हमने चूमा, टटोला और प्यार किया। हमने एक दूसरे के बाल धोए; मेरा डिक फिर से सख्त था।

“बेडरूम में मेरे लिए रुको।” वह फुसफुसाई। वह कुछ मिनट बाद बाथरूम से बाहर आई और मुझे उन अविश्वसनीय पोस्ट ऑर्गेज्म में से एक दिया, मैला गीला और गर्म चुंबन।

उसने कहा – “पहले दिन से ही मुझे आप पर क्रश है। एक छोटी सी समस्या है। मैं कुंवारी हूं। मैं अपनी शादी की रात तक इसी तरह रहने का इरादा रखती हूं। मुझे पुराने जमाने का बुलाओ। मुझे वास्तव में जरूरत है अभी कुछ आराम है, और आपके जीवन में जो कुछ भी चल रहा है, मुझे पता है कि आप भी करते हैं। मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूं। लेकिन मैं तुम्हें अपनी चूत में नहीं जाने दे सकता … वह आरक्षित है।’

उसने जारी रखा – ‘अगर तुम बहुत ज्यादा ग्रॉस आउट नहीं होते, तो मैं तुम्हें अपनी चुतड़ देना चाहती हूँ। नहीं तो मुझे बुरा नहीं लगेगा। मैंने इसे पहले बट में लिया है और इसका आनंद लिया है, और मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं कि मेरी गांड साफ और अच्छी तरह से चिकनाई हो। क्या तुमने कभी…आह, ऐसा पहले किया है?”

मैंने उससे कहा कि मुझे उस विभाग में अनुभव है और हम मजे करेंगे। मैं उसकी गांड के छेद में अपनी उँगली डालने लगा। यह बहुत अच्छी तरह से लथपथ था। मैंने उसे उसके सामने लुढ़कने के लिए कहा और धीरे से रिम करना शुरू कर दिया … और फिर अधिक सख्ती से … जीभ उसकी रमणीय छोटी भूरी आंख को चोदती है, जबकि ध्यान से उसके भगशेफ को छूती है।

उसने अपना रस छोड़ दिया और लुढ़क गई।

“मेरी गांड को सामने से ले लो।” वह सहम गई।

मैं सहमत। उसने बिस्तर की मेज से एस्ट्रो-ग्लाइड की एक बोतल ली, प्यार से मेरे लंड को चिकना किया, वह मुस्कुराई और धीरे से मुझे हरकत में लाने का आग्रह किया। “मुझे अब इसकी ज़रूरत है बेबी, कृपया मुझे चोदो।”

उसने अपने मांसपेशियों वाले पैरों को अपने छोटे, दृढ़ स्तनों के खिलाफ वापस रखा; मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने लंड का सिर उसकी गांड में डाल दिया।

“मैंने यह काफी समय से नहीं किया है, इसलिए मुझे इसकी आदत डालने दें।” वह फुसफुसाई।

उसे समायोजित होने में कुछ मिनट लगे, लेकिन अंत में उसने कहा, “मैं अब तैयार हूं, मुझे करो।”

मैंने एक धीमी गति से स्ट्रोक शुरू किया, उसका हाथ लिया और उसे अपनी बिल्ली पर रख दिया ताकि वह खुद को किनारे पर लाने में मदद कर सके। हम लय में आ गए और मैंने गति बढ़ा दी। मैंने हिलना बंद कर दिया और उसके कान में फुसफुसाया। “इसे ले लो जिग्ना, मेरे लंड को अपनी गांड से चोदो।”

उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। “मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।” मैंने कहा।

“बस एक और मिनट, मैं बहुत करीब हूँ।” वह कराह उठी।

उसके विलाप बढ़ गए, वह हांफने लगी…

उसका सिर पीछे की ओर लुढ़क गया… और उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया..

उसके गुदा नहर पर उसके संभोग के संकुचन मुझे किनारे पर ले गए और मैंने उसके मलाशय में गर्म सह का एक ताजा भार डाला। मेरा डिक उसकी गांड से निकल गया और हम गले मिले और चूमा और प्यार किया। वह बिस्तर से उठी, कुछ मिनट बाद एक गर्म कपड़े और दो गिलास रेड वाइन के साथ लौटी। उसने मेरे लंड को साफ किया, और मेरी गांड को, मेरे बट पर अच्छी तरह से चिपकी हुई उंगली डालते हुए और फिर अब नरम सदस्य को अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ से उसे इधर-उधर घुमाया। मुझे पता था कि मैं फिर से जा सकता हूं, लेकिन ठीक होने के लिए आधे घंटे या उससे भी ज्यादा समय लगेगा। हमने अपनी शराब पी ली, वस्तुतः बिना किसी शब्द के और वह मेरे बगल में आ गई।

“मुझे लगता है कि हम दोनों को थोड़ा झपकी लेने की ज़रूरत है।” जिग्ना ने सुझाव दिया।

हम आधे घंटे से अधिक समय तक सोए रहे, जब मैं उठा, मैं अपनी गांड को उसके सामने रखकर लुढ़क गया था और वह मेरे बट के छेद को चीरने के लिए आगे बढ़ रही थी। उसे बिस्तर की मेज से कुछ मिला, जो मुझे जल्दी से पता चला कि एक छोटा हिल बट प्लग था, इसे ऊपर की ओर बढ़ाया और इसे मेरी गुदा नहर में डालना शुरू कर दिया। “मुझे बताओ कि क्या यह दर्द होता है, या आपको यह पसंद नहीं है, और मैं रुक जाऊंगा।” वह सहम गई, क्योंकि वह मेरे लंड को उठाने के लिए अपने दूसरे हाथ का उपयोग करते हुए ध्यान से एक हाथ से मेरी गांड में प्लग डालने के लिए आगे बढ़ी ताकि वह नीचे की तरफ चाट सके। उसके मौखिक ध्यान और बट घुसपैठ के संयोजन ने मुझे एक बार फिर हड्डी की तरह कठोर कर दिया।

फिर उसने पूरी प्लग को मेरी गांड में धकेल दिया, और पूछा, “क्या आप इसे वहाँ पकड़ सकते हैं?”

to be continued…

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माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 3 https://sexstories.one/couple-ke-saath-chudai-story/ Sat, 18 Dec 2021 07:30:05 +0000 https://sexstories.one/?p=4983 मैंने अपना लिंग पीछे खींच लिया और फिर से थोड़ा सा धक्का दिया। अब इस बार यह थोड़ा और आगे बढ़ गया। वो मेरे पुश को बहुत एन्जॉय कर रही थी। फिर से मैंने अपना डिक वापस खींच लिया और फिर से धक्का दिया...

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Couple ke saath chudai story – मेरे पास वास्तव में शब्दों की कमी थी। मैं बस कुछ देर चुप रहना चाहता था। हो सकता है कि मेरी खामोशी उसे सबसे अच्छे शब्द दे सके। मैंने उसका धन्यवाद स्वीकार किया और उसे किस भी किया। कुछ देर हम वहीं बिस्तर पर लेटे रहे। हम दोनों थोड़े थके हुए थे और 15 मिनट का ब्रेक लिया।

15 मिनट के बाद, हम पूरी ऊर्जा के साथ और शानदार कमबख्त के लिए तैयार होकर, प्राकृतिक अवस्था में वापस आ गए। चोदने के लिए जाने से पहले, उसने मेरी मर्दानगी को अपनी बाहों में ले लिया और मेरे सुंदर डिक को देखकर चकित रह गई। यह ऊपर से गुलाबी रंग का 7 इंच लंबा और 2.5 इंच घेरा था, उसने उसे अपने मुंह के पास ले जाकर चूमा और चाटा। वह एक अनोखी महक दे रही थी और उसे यह बहुत पसंद आई। उसने बताया कि उसके पति के डिक से बदबू आती है और उसे इसका स्वाद ज्यादा पसंद नहीं है।

लेकिन मेरा लंड सुंदर है और किसी भी महिला को संतुष्ट करने के लिए काफी बड़ा है। बहुत अच्छी महक आ रही थी और खम्भे की तरह खड़ी थी। वह पूरी तरह से खड़ी थी और उसकी सुंदरता को सलाम करने के लिए खड़ी थी। मैंने उसे वही बताया और वह एक बार फिर शरमा गई। वह उसे चूमने और चाटने लगी। मैंने उससे कहा कि वह इसे न चूसें क्योंकि मैं वीर्य को उसकी योनि में इंजेक्ट करने के लिए जमा करना चाहता था। उसने भी यही राय दी और केवल मेरे डिक और बॉल्स को किस और चाट रही थी। उसने मेरे डिक की बहुत सराहना की क्योंकि उसे गुलाबी रंग बहुत पसंद है। मेरा डिक एक गुलाबी पोल की तरह था जो गुलाबी बिल्ली के होंठों के माध्यम से उसकी बिल्ली की गुलाबी दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार था। मैंने उसके कान में वही बुदबुदाया और वह इसके लिए मुस्कुरा दी।

उसने मेरे डिक के साथ खेला, मेरे डिक और गेंदों को 10 मिनट तक चूमा और चूमा और फिर वह चाहती थी कि मेरा डिक उसकी योनि में इंजेक्ट करे। उसने खुद को पारंपरिक स्थिति में रखा और मैं उसके ऊपर सबसे ऊपर आ गया। उसने मेरे लिंग को अपने दाहिने हाथ में लिया और अपनी चूत के द्वार पर रख दिया। मैंने अभी-अभी अपने लिंग को उसकी योनि में धकेला। यह धीरे-धीरे उसकी सुंदर योनी में प्रवेश कर गया, जैसे कोई चूहा छेद में प्रवेश कर रहा हो। वह थोड़ा कराह रही थी और आह की आवाज कर रही थी।

Couple chudai story part 2 – माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 2

मैंने अपना लिंग पीछे खींच लिया और फिर से थोड़ा सा धक्का दिया। अब इस बार यह थोड़ा और आगे बढ़ गया। वो मेरे पुश को बहुत एन्जॉय कर रही थी। फिर से मैंने अपना डिक वापस खींच लिया और फिर से धक्का दिया। इस बार वह उसकी चूत के और भी अंदर चली गई। उसका प्रेम रस किसी भी चीज की तरह बह रहा था और मेरे मोटे लिंग से उसे अतिरिक्त आनंद मिल रहा था। वह लगातार कराह रही थी। इस बीच मैंने उसके नितंबों के नीचे एक तकिया समायोजित किया ताकि लिंग इतनी आसानी से प्रवेश कर सके और वीर्य भी बाहर नहीं आ रहा हो। मैंने अपना लिंग उसकी चूत में करीब 8-10 सेकेंड तक रखा।

वह आनंद का अनुभव कर रही थी और मेरे नितंबों के चारों ओर हाथ रखकर अपनी चूत की ओर खींच रही थी। फिर से मैंने अपने लिंग को पीछे खींच लिया और गहरा धक्का दिया। मैंने इसे लगातार करना शुरू कर दिया, कुछ खींचने और धक्का देने के बाद, मैंने अपना सारा वीर्य उसकी बिल्ली में छोड़ दिया जब मेरा डिक उसकी बिल्ली में बहुत गहरा था। उसने मेरे लिंग को अपनी चूत में ही रखा और मेरे लंड को अपनी चूत की गहराई में खींच लिया। मेरा वीर्य उसकी चूत में फव्वारे की तरह और गोली की तरह उसके शरीर में चला गया। उसने मेरे सारे वीर्य को खुशी से स्वीकार कर लिया और भगवान से इस बार गर्भवती होने की प्रार्थना कर रही थी। मैंने उसे अपना सारा प्यार का रस भी आखिरी बूंद तक दिया ताकि वह उसके गर्भ में प्रवेश कर भ्रूण बना सके। उसने मेरे नितंबों को अपने पैरों से गोल किया और मुझे अपनी ओर खींच लिया। मेरा लिंग चूत की बहुत गहरी भीतरी दीवारों को छू रहा था और मुझे लगा कि वो सच में मुझे छोड़ना नहीं चाहती थी। मैंने बस अपना सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और उस पर लेट गया। उसने भी कुछ देर मुझे कसकर गले लगाया ताकि सारा वीर्य पूरी तरह से उसकी योनि की गहराई में जा सके। वह वास्तव में चाहती थी कि कुछ भी बाहर न आए।

कुछ मिनटों के बाद हम चले गए और मैंने खुद को उसके बगल में रख दिया और उसे अपने पैरों को मोड़ने के लिए कहा ताकि सारा वीर्य उसके गर्भ तक पहुँच सके। उसने मुझे सुंदर बीज देने के लिए मेरे कानों में धन्यवाद कहा ताकि वह जल्द ही गर्भवती हो सके। उसने मुझसे कहा कि वह वास्तव में मेरी बेटी जैसी बच्ची चाहती है। मुझे याद आया कि मेरी पोटेंसी का अंदाजा लगाने के लिए मैंने अपनी बेटी की फोटो दंपत्ति को भेजी थी। मेरी बेटी की तस्वीर देखने के बाद ही उसने इस कमबख्त के लिए बच्ची की तरह एक ही परी के लिए स्वीकार किया।

मैंने उससे कहा कि यह जरूर होगा और उसके सारे सपने पूरे होंगे। उसने बस फिर से मुझे एक किस किया और कहा थैंक्यू, मैंने उसकी पीठ को किस करके थैंक्स लिया और फिर मैं अपने कमरे में चला गया। मैंने उसे केवल 20 मिनट और उस स्थिति में रहने के लिए कहा ताकि मेरा वीर्य उसके गर्भ में अंडे तक पहुंच सके। उसने कहा ठीक है। कुछ देर बाद उसका पति आया और अपने मास्टर बेडरूम में चला गया और उसने मुझे थैंक्यू कहा और सोने चला गया। अगले दिन सुबह हम लगभग 9 बजे उठे और मैं तैयार हो गया और कुछ खरीदारी के लिए बैंगलोर के फोरम मॉल में गया और शाम तक टाइम पास किया। उनके घर पहुंचने के बाद, मैंने सचिन के साथ कॉफी और थोड़ी चिट चैट की। मैं भी श्रद्धा चेक कर रहा था।

मेरे सामने जब भी आती वो शरमा जाती थी और मुस्कुरा भी देती थी। मुझे पता था कि वह आज के सत्र का भी बेसब्री से इंतजार कर रही थी। जैसा कि मैंने पहले ही उल्लेख किया है, मेरा प्रवास 2 रातों के लिए था और मेरी उड़ान सोमवार सुबह 7 बजे मेरे गृहनगर के लिए थी। मैंने उन्हें पहले ही बता दिया था कि यह दो दिन की चुदाई की योजना होगी ताकि गर्भधारण की संभावना अधिकतम हो और वे भी यही चाहते थे। हमने खाना खाया और खाना खाने के तुरंत बाद सचिन फिर बाहर गए और मैं उनके बेडरूम में चला गया। श्रद्धा आज के सेशन के लिए बेसब्री से तैयार थी। वह फिर से बड़ी चुदाई के लिए तैयार थी। उसने मुझे बताया कि कल उसके पास वास्तव में अद्भुत और सुंदर कमबख्त और योनि थी और यह उसकी अब तक की सबसे अच्छी चुदाई थी।

उसने बताया कि उसका पति उतना रोमांटिक नहीं था। उसने मेरी चूत चाटने के कौशल और फोरप्ले सत्र की बहुत सराहना की। मैंने कहा कि बहुत से पुरुष वास्तव में फोरप्ले की कला नहीं जानते हैं और एक महिला को कामोन्माद तक पहुंचाते हैं। मैंने उन महत्वपूर्ण कौशलों में महारत हासिल कर ली है जिनका मैं उपयोग कर रहा था। मैंने उसे यह भी बताया कि वह परी की तरह सुंदर है और उसकी सुंदरता मुझे उसे और अधिक देने के लिए प्रेरित कर रही है। उसने बहुत धन्यवाद दिया और उसने इस बार मुझे किस करना शुरू कर दिया। हमने फिर से किस करने से कनीलिंगस तक की शुरुआत की। उसने मुझे तुरंत अपनी योनि पर खींच लिया और मेरे चेहरे को उसकी चूत पर मल दिया। मैंने उससे कहा कि आज हम 69 पोजीशन ट्राई करते हैं। उसे भी यह विचार अच्छा लगा और जल्द ही मेरा लिंग उसके मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह में आ गई। मैं फिर से बढ़िया ओरल सेशन दे रहा था और वो मेरे लिंग को चाट रही थी।

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घर की छत पर गर्लफ्रेंड की चुदाई https://sexstories.one/ghar-ki-chat-pe-girlfriend-ki-chodai/ Thu, 02 Dec 2021 09:36:49 +0000 https://sexstories.one/?p=3379 जैसे ही हम छत पर पहुँचे तो मैंने उसे पीछे से हग किया और मेरा लंड उसकी गांड पर रब करने लगा और ऐश की गर्दन पर किस करने लगा। अब उसको भी कंट्रोल नहीं हो रहा था...

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Ghar Ki Chat Pe Girlfriend Ki Chodai – मेरा नाम रोनक है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ, में अभी एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता हूँ और में 24 साल का हूँ। मेरी हाईट 6 फुट है, मस्त बॉडी, 7 इंच लम्बा लंड है। यह स्टोरी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की है और यह घटना 2 महीने पहले हुई थी। अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड का नाम ऐशना है और वो मुझसे 3 साल बड़ी है, हम जब कॉलेज में थे तब हमारी रिलेशनशिप थी।

वो मेरी सीनियर थी और हम काफ़ी सीरीयस थे, उसका फिगर साईज 36-28-38 है, फेयर कलर, हाईट 5 फुट 8 इंच और वो दिखने में बहुत सेक्सी है। मुझे कॉलेज में लोग बहुत इज्जत देते थे, क्योंकि मुझे ऐश जैसी लड़की मिली थी और सारे लड़के उस पर पागल थे। अब उसका कॉलेज ख़त्म हो गया था, तभी हमारा भी ब्रेक-अप हो गया, क्योंकि फिर हम दोनों की लाईफ इतनी अलग हो गई थी कि रिलेशनशिप हैंडल करना मुश्किल था, लेकिन वो कभी-कभी मेरे पास सेक्स करने के लिए आती थी और हमारी सेक्स लाईफ बहुत अच्छी थी, लेकिन वो भी फिर ख़त्म हो गयी, फिर 2 महीने पहले मुझे उसका मैसेज आया।

ऐश : हाय, हाउ आर यू?

में : हाय, आई एम गुड लोंग टाईम यू?

ऐश : बस सब ठीक है, अच्छा सुनो, मुझे पता है कि हमें मिले काफ़ी टाईम हो गया है और मैंने अगले हफ्ते मेरे घर पर और मेरी रूममेट ने एक पार्टी रखी है, तुम आ सकते हो?

में : ओह वाउ, हाँ हाँ बिल्कुल में तुम्हें काफ़ी टाईम से मिला भी नहीं हूँ, अच्छा है में वहाँ आ जाऊंगा।

फिर में उस दिन का इंतजार करता रहा। उस टाईम उसका नया बॉयफ्रेंड भी था, जो पार्टी में आने वाला था इसलिए मेरी ऐश के साथ सेक्स करने की ऐसी कोई इच्छा नहीं थी, लेकिन वो सेक्सी बॉडी, बाउनसिंग बूब्स और सॉफ्ट गांड के बारे में सोचकर मेरा उससे मिलने का मन करने लगा था।

फिर एक हफ़्ता बीत गया और पार्टी का दिन आया। अब में उसके घर पर हाउस वॉरमिंग गिफ्ट लेकर और फ्लावर्स के साथ गया, वो घर एक बंगलो था, जिसका टॉप फ्लोर उसका और उसकी रूममेट का था, जहाँ से छत पर भी जा सकते थे। फिर जैसे ही मैंने बेल बजाई, तो ऐश ने दरवाज़ा खोला। अब वो एक सेक्सी रेड ड्रेस में थी, जो स्ट्रेपलेस था, रेड लिपस्टिक, ब्लेक हील्स ओह माई गॉड। अब में तो इतनी गॉर्जियस, खूबसूरत, सेक्सी लड़की को देखता ही रह गया था। फिर हमने तुरंत एक दूसरे को देखकर हग किया, उस पार्टी में उसके और उसकी रूमेट के काफ़ी फ्रेंड्स थे और ऐश का नया बॉयफ्रेंड भी था। फिर उसने मुझे उससे मिलाया और उसको देखकर मुझे पता लग गया कि यह मुझे ज़्यादा पसंद नहीं करने वाला है। फिर ऐश मुझे ड्रिंक्स लेने के लिए कहने लगी और फिर मेरे साथ कुछ टाईम बिताकर वो दूसरे फ्रेंड्स के साथ चली गयी। अब पूरे टाईम पार्टी में में और ऐश एक दूसरे को देखते रहे।

फिर कुछ टाईम के बाद उसका बॉयफ्रेंड कुछ जरुरी काम के लिए चला गया और अब हम डांस करने लगे थे। अब हम दोनों ने थोड़ी ड्रिंक्स ले रखी थी और अब हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब थे। अब लगभग सारे फ्रेंड्स जा चुके थे और बाकी रूम में थे। अब उसके हाथ मेरे कंधो पर थे और वो मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी और अब मैंने उसे मेरी तरफ और खींच लिया था। अब मेरे हाथ उसकी सेक्सी सी सॉफ्ट गांड पर थे और मेरा लंड उसकी चूत के पास टच कर रहा था। अब मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था और अब उसे देखकर पता चल गया था कि उसे यह सब अच्छा लग रहा है। अब हम ऐसे ही कुछ टाईम तक एक दूसरे को टच करते है और फिर उसकी आँखें धीरे-धीरे बंद होने लगी। अब मुझे इससे पता लग गया था कि वो गर्म और हॉर्नी हो रही थी और मेरे खड़े 6 इंच के लंड पर रब कर रही थी।

ऐश : पता है में अभी भी हमारे टाईम के बारे में सोचती हूँ।

में : अच्छा? उसमें क्या ऐसा याद आता है?

ऐश : तुझे पता है हमारी सेक्स लाईफ सबसे अच्छी थी।

में : हाँ वो तो पता है।

अब यह सुनकर वो मेरा हाथ पकड़कर छत की तरफ जाने लगी।

अब तो हम दोनों को पता चल गया था कि आगे क्या होने वाला है? लेकिन वो कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी, क्योंकि उसके बॉयफ्रेंड था, लेकिन मेरे लंड ने मुझे पूरा अपने कंट्रोल में कर लिया था और अब में बहुत हॉर्नी था। फिर जैसे ही हम छत पर पहुँचे तो मैंने उसे पीछे से हग किया और मेरा लंड उसकी गांड पर रब करने लगा और ऐश की गर्दन पर किस करने लगा। अब उसको भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और फिर वो भी घूमकर मेरा साथ देने लगी थी। फिर उसने मुझे किस किया और फिर में भी उसकी जीभ के साथ उसे किस करने लगा। अब हम दोनों किस करते-करते एक दूसरे को टच करने लगे थे। फिर उसका हाथ सीधे मेरे खड़े लंड पर गया और वो मेरी जीन्स के ऊपर से ही उसे रगड़ने लगी और अब मेरा हाथ उसकी गांड को दबा रहा था श फुक्कककक, आई एम सो वेट, अब ऐश मौन करने लगी थी।

Chodai story मेरी कामुक चाची

अब मेरा एक हाथ उसकी गांड पर था और दूसरा हाथ उसके बूब्स पर था और अब वो बहुत मौन करने लगी थी। फिर मैंने उसे एक दीवार से चिपका दिया और उसके बूब्स चूसने लगा। अब ऐश आआआहहहह ऊहह यस यस चूसो कहकर मेरा सिर अपने बूब्स पर प्रेस दबाने लगी थी। अब मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत पर था, अब वो इतनी गर्म थी कि उसकी पेंटी भी गीली हो गई थी और में उसकी चूत के दाने को रब कर रहा था। अब ऐश आहह यस यस कितना अच्छा लग रहा है, ऐसे ही उंगली करो मुझे बेबी, कितना मिस किया तेरी उंगली को मेरे अंदर, मेरी चूत को फाड़ दो बोले जा रही थी। अब में उसे फिंगरिंग कर रहा था और बूब्स चूस रहा था। अब वो पागल हो गई थी, फिर 3-4 मिनट के बाद उसने अपना काम किया आअहह आई एम कमिंग फुक-फुक मी यसस्स कम करके, वो मेरी जीन्स उतारने लगी।

अब मेरा लंड जीन्स उतारते ही ऊपर उठ गया था। फिर मैंने उसे उठाकर उसका फेस दीवार की तरफ करते हुए खड़ा किया और डॉगी स्टाइल में उसकी चूत में मेरा लंड घुसा दिया। अब ऐश ऑश फुक्कक यस यसस्स बेबी, चोदो मुझे फुक मी, मुझे यह लंड चाहिए और घुसाओ बोले जा रही थी। अब में उसे चोदने लगा। हम दोनों बहुत जोरदार सेक्स करते थे और तब भी वही कर रहे थे। फिर मैंने अपने एक हाथ से उसकी गर्दन पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। अब उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे। अब ऐश आआआआह्ह आहहहह ऑह गॉड चोदो, आज तुम मेरी चूत फाड़ दो, कितना मिस किया है तुम्हारे लंड को मेरे अंदर और और और बोले जा रही थी।

फिर मैंने ऐसे ही 15 मिनट तक उसे चोदा और उसने 2 बार और अपना काम किया और फिर मेरा काम उसने अपने बूब्स पर ले लिया और हम वहीं छत पर गिर पड़े, यह सोचकर कि हमें शायद कुछ लोगों को एक शो दिया हो। फिर हम अपने कपड़े ठीक करके नीचे गये और फिर थोड़ी ड्रिंक्स लेकर में वहाँ से निकल गया ।।

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बस में मिली लड़की की चुदाई https://sexstories.one/bus-me-anjan-ladki-ki-chudai/ Wed, 01 Dec 2021 07:13:44 +0000 https://sexstories.one/?p=3402 मैं उसके दूध के निप्पल को मुंह में रख कर खीच खीच कर चूसने लगा तो उसकी तेज सांसे चलने लगी और वो सांसे कुछ ही देर में सिसकियों में बदल गयी | मैं उसकी तेज सांसे को सुनकर और जोश में आ गया..

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anjan ladki ki chudai हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रामनिवाश है और मैं रहने वाला एक छोटे से गाँव का हूँ | मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक कहानी लेकर आया हूँ | मैं जो आज आप लोगो के सामने कहानी पेश करने जा रहा हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची कहानी है और सबसे हसीन पल जिसको मैं कभी भूल नही पाऊँगा | दोस्तों तो मैं आज आपने उस हसीन पल के बारे में बताने जा रहा हूँ | मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देता हूँ | मेरा रंग दूध की तरह गोरा है और मेरी हाईट 6 फुट 3 इंच है | मेरी हाईट ठीक है इसलिए मैं जिम भी करता हूँ तो मेरी बॉडी बहुत अच्छी है जिससे लड़की पट जाती है | मैं आप सभी लोगो से उम्मीद करता हूँ जो मैं आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ ये कहानी आप लोगो को पसंद आएगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को बहुत मज़ा आएगा |

दोस्तों एक बार की बात है जब मैं अपने घर रहता था तो मेरा मन हुआ की अपनी मामी जी के यहाँ घूम आता हूँ | दोस्तों मुस्किल की बात तो ये थी की मैं इससे पहले अपनी मामी के घर गया नही था तो मैंने अपनी मम्मी से उनके यहाँ का पता लिया | फिर घर से निकल गया | मैं मामी के यहाँ जाने के लिए निकाल था और बस का इंतजार कर रहा था | मैं जब बस का इंतजार कर रहा था तो कुछ देर में बस भी आ गयी | मैं बस में बैठ गया और मुझे सीट भी मिल गई | मैं सीट पर बैठ कर फ़ोन में म्यूजिक चला लिया सुनते हुए जा रहा था | मैं बैठा रहा और कई स्टॉप बाद एक लड़की बस में चढ़ी वो दिखने में मेरी तरह गोरी थी और उसका फिगर तो जानलेवा था | उसके बड़े बड़े बूब्स जो ऊपर की और उठे थे और साफ दिख रहे थे | उसकी गांड बहुत सेक्सी थी जिसको देखकर मेरा लंड पैन्ट को ऊपर चढाने लगा |

मैं उसको घुर रहा था और वो मुझे घुर रही थी | मैं उसे देख रहा था तो मेरे दिल में कुछ कुछ होने लगा | मैं उसको ऐसे ही कुछ देर तक निहारता था और वो मुझे देखती रही | फिर मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मेरे पास जो आदमी बैठा था वो अगले स्टॉप पर उतर गया | तब वो मेरे पास आकर बैठ गयी | वो मेरे पास आकर बैठ गयी तो मेरे दिल की धड़कने तेज हो गयी | जब उसका जिस्म मेरे शरीर से रगड़ता तो मेरे अन्दर आग लग जाती | वो मेरे पास ऐसे ही कुछ देर तक बैठी रही फिर मुझसे बात करने लगी |

वो – हाय ?

मैं – हाय |

वो – आपका नाम क्या है ?

मैं – मैंने उसे अपना नाम बता दिया और उसका नाम पूछा ?

वो – मेरा नाम सोनाली है और आप कहाँ से हो ?

मैंने उसे बताया और उससे पूछा आप कहाँ की रहने वाली हो ?

दोस्तों जब मैंने उससे पूछा तो उसने उसी जगह का नाम बता दिया मैं जहाँ जा रहा था | तब मैंने उससे कहा की मैं भी वहीँ जा रहा हूँ जहाँ की आप रहने वाली हो पर मैं पहली बार जा रहा हूँ तो मुझे पता नही है कहाँ जाना है | तब सोनाली ने मुझसे पूछा की आप को ये तो पता है की आप किसके घर जा रहे हो तो मैंने उसे अपने मामा जी का नाम बता दिया | तब उसने कहा कोई बात नही मैं उसने घर छोड़ दूंगी | तब मैंने कहा थैंक्स और उससे ऐसे ही कुछ देर तक बाते करता रहा | मैं उससे बाते कर ही रहा था की उसने मुझे नीचे उतरने को कहा और मैं नीचे उतर गया |

फिर उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में पकड लिया और बात करती हुई चल दी | दोस्तों वो जिस तरह से मुझसे बात कर रही थी मैं समझ गया था की ये मुझ पर लट्टू है और मुझसे चोदना चाहती है | फिर उसने मुझसे मेरा नम्बर माँगा और मैंने उसे दे दिया | मैं और वो कुछ ही देर में मामी के घर पहुच गया | वो मुझे छोड़कर चली गयी और कुछ देर बाद आई और मेरी तरफ देख कर आंख मार दी | जब उसने मेरी तरफ आंख मारी तो मैंने भी उसकी तरफ देख कर किस कर दी | अब वो मुझे मस्ती करती थी और मैं उससे मस्ती करता था | वो मेरे मामी के घर के पास में ही रहती थी और रोज ही किसी ना किसी टाइम आ जाती थी | जब वो आती तो मैं उससे मजाक मजाक में उसके बड़े बूब्स को छु लेता था |

एक दिन की बात है जब वो घर आई उस टाइम सब छत पर थे और मैं नीचे ही था | जब वो घर में आई तो मैं अन्दर कमरे में चला गया | वो मुझे देखकर कमरे में आ गयी तो मैंने उसे कस के पकड लिया | जब मैंने उसे कस के पकड लिया तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी | दोस्तों मैंने भी उससे कह दिया की पकड़ा है तो छोड़ने के लिए नही पकड़ा है | तब वो मुझसे बोली ठीक है कभी मत छोड़ना ऐसे ही पकडे रहना | मैंने भी कह दिया और उसने मेरी होठो को पर किस कर दिया जब उसने मेरी होठो पर किस कर दी तो मैंने उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगा |

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जब मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगा तो वो मेरी होठो को जोर जोर से चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बड़े और मोटे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसेक बूब्स को दबाने के साथ उसकी लेगी में हाथ डाल दिया | मैंने जब उसकी लेगी में हाथ डाल दिया तो मुझे उसकी चूत एकदम साफ्ट लगी जैसे की किसी 10 साल की लड़की की चूत हो | दोस्तों मुझसे रहा नही गया तो मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में घुसा दी तो के मुंह से आहे निकल गयी | तभी छत से मामी की आवाज आई तो मैंने उसे छोड़ दिया और छत पर चला गया |

उस दिन उसके साथ इतना करने के बाद मेरे मन में और सब करने की इच्छा होने लगी थी | उसके 5 दिन बाद की बात है जब मैंने उसे रात को मिलने के लिए बुलाया तो वो मुझसे मिलने आई तो मैं उसे मामी के घर में स्टोर रूम में ले गया जिसमे सामन रक्खा जाता है | फिर मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और चूमने लगा | मैं उसको चूमने लगा और वो मुझे चूमने लगी | दोस्तों आग दोनों तरफ लगी हुई थी तो मैं बिना टाइम को बर्बाद करते हुए उसके कपडे निकाल दिए जिससे वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | मैं उसको ब्रा और पैंटी में देख कर पागल हो गया और उसकी ब्रा को खोल कर उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे दूध को हाथ में पकड़ कर मसलने लगा |

मैं उसके दूध के निप्पल को मुंह में रख कर खीच खीच कर चूसने लगा तो उसकी तेज सांसे चलने लगी और वो सांसे कुछ ही देर में सिसकियों में बदल गयी | मैं उसकी तेज सांसे को सुनकर और जोश में आ गया और उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर चाटने लगा | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ उसकी घुलाबी चूत में ऊँगली घुसा दी जिससे उसके मुंह से अह अह हाँ हाँ उई उई उई हाँ…….. सी उई सी उई सी आ आ आ…. की आवाजे करने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर जोर जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर जोर जोर से अन्दर बाहर कुछ देर तक करने के बाद अपने कपडे निकाल दिए |

फिर अपने 7 इंच लम्बे लंड उसके मुंह में घुसा दिया | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर जोर जोर से अन्दर बाहर करती हुई चाटने लगी | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चाटने के साथ मेरे गोली को मुंह में रख कर चूसती | वो मेरे लंड को ऐसे ही जोर जोर से कुछ देर तक चाटने के बाद मेरे लंड को मुंह से निकाल दिया | जब उसने मेरे लंड को मुंह से निकाल दिया तो उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में एक ही धक्के में आधा लंड घुसा दिया | मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में घुसा तो उसके मुंह से जोरदार दर्द भरी आवाजे निकलने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर धक्के मारने बंद कर दिए | फिर कुछ देर बाद उसकी पतली कमर को पकड़ कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने के साथ उसके बड़े बड़े बूब्स को मसल रहा था और उसको चोद रहा था |

वो मस्त होकर चुदाई का मज़ा ले रही थी | मैं उसकी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था | मेरे हर धक्के पर वो उछल जाती और मैं उसकी कमर को पकड कर अपनी और खीच लेता और जोर जोर अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदने लगा | मैं उसको ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था जिससे उसकी चूत से पानी निकल गया और वो झड़ गयी | जब वो झड़ गयी तो उसके झड़ने के बाद मैं उसको 5 मिनट तक और जोरदार धक्के मारता रहा फिर मैं भी झड़ गया | जब मैं झड़ गया तो उसने अपने कपडे पहन लिए और चली गयी | उस दिन के बाद मैं जब तक मामी के घर रुका उसको रोज उसी कमरे में चोद और वो मुझसे चुदती रही और चुदाई के मज़े लेती थी |

फिर मैं कुछ दिन बाद अपने घर चला आया |

धन्यवाद………

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बहन की चूत का दीवाना https://sexstories.one/behan-ki-chut-ka-diwana/ Tue, 30 Nov 2021 10:05:45 +0000 https://sexstories.one/?p=4539 मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी..

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Behan Ki Chut Ka Diwana मै आपका दोस्त रविराज फ़िर से हाजीर हो गया हूँ एक नई कहानी लेकर। आपको ये कहानी जरुर पसंद आयेगी, में ऐसी उम्मीद करता हूँ। तो दोस्तो छुट्टीयों के दिन थे। गर्मी का मोसम चल रहा था। मेरी मौसी की लडकी सुमन छुट्टीया मनाने के लिये हर साल हमारे घर आती थी। सो इस साल भी वो आ गयी थी। इधर मेरी दीदी ने मुझे चोदने का चस्का लगा रखा था। एक भी दिन हमे चोदे बिना नहीं रहा जाता था । एक दिन खाना नहीं मिले तो चलेगा मगर मुझे हर रोज चूत चाहिये थी। मे इतना चुद्दक्कड बन गया था।

ये सब दीदी की मेहरबानी थी। मै हर रोज मेरी दोनो बहनों को चोदता था। कभी-कभी छोटी दीदी अपने लिये कोई नये लंड का इंतजाम कर लेती थी, पर मेरी बड़ी दीदी को सिर्फ़ मेरा लंड पसंद था। शायद उसने मेरे अलावा किसी ओर का लंड ना लेने की कसम खा रखी थी। ऐसे देखा जाये तो उसकी ये बात एक दम सही भी थी उसे जब चाहे घर मे बडी आसानी से मेरा लंड मिल जाता था। जिस दिन सुमन हमारे घर आयी थी। उस दिन हमे पूरा दिन बिना चोदे गुजारना पड़ा। न ही मै मेरी किसी भी दीदी के बोब्स दबा सका, और ना ही चूस सका। पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया। फ़िर रात मे हम तीनो भाई- बहन ने खूब मजे लिये। पूरे दिन की कसर पूरी कर ली। पर सब कुछ बिल्कुल चुपचाप। ना कोई बात ना कोई शोर। एक दम सन्नाटा।

क्योंकी सुमन सोने के लिये हमारे कमरे मे आयी थी। कुछ देर बाद स्वाती दीदी ने मेरी तरफ मुहँ किया और मेरा हाथ पकडकर अपने चूचियों पर रख दिया। मै धीरे-धीरे उसके चूचीयाँ मसलने लगा, कुछ देर बाद मैने दीदी की एक चूची मुहँ मे लिया और चुसने लगा। और एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। उधर नेहा दीदी सुमन को बातों मे उलझा रही थी। कि उसका ध्यान हमारी तरफ़ ना आये। फ़िर मैने मेरी एक उंगली स्वाती दीदी की चूत मे डाल दी। और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। दीदी भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैने दीदी की चूत मे दो उंगलिया डाल दी। और उन्हे अंदर-बाहर करने लगा। स्वाती दीदी अब बहुत गर्म हो गयी थी। उसकी चूत पानी छोड रही थी। दीदी से अब रहा नहीं जा रहा था। उसी करवट पर दीदी ने मेरा लंड अपनी हाथ मे पकडकर अपनी चूत पर लगा डाला। मैने मेरा मुहँ दीदी के मुहँ पर रखा और अपना पुरा लंड दीदी की चूत मे धकेल दिया। दीदी ने भी मेरा पूरा लंड अंदर लिया और कुछ देर तक उसे अंदर ही भींच लिया। और मेरा लंड अपनी टांगों के बीच दबाने लगी।

मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन मै दीदी के ऊपर चढकर उसे जोर-जोर से चोदना चाहता था। लेकिन हमारे कमरे मे सुमन के होने की वजह से हम ऐसी पोजीशन नहीं ले सकते थे। और मुझे दीदी को उसी पोज मे चोदना पड रहा था। ऐसा चोदने मे इतना मजा तो नहीं आ रहा था, लेकिन क्या करे हमारी मजबूरी थी। आदमी को एक ही स्टाइल मे भी मजा आता है क्या? लेकिन मजबूरी थी। मैने दीदी से धीरे से कहा,”दीदी सुमन का कुछ तो बंदोबस्त करना पडेगा।” मेरे राजा तू उसकी भी चूत मारना चाहता है क्या?” दीदी बोली। ऐसा तो मैने सोचा भी नहीं था। मैने कहा,”क्या दीदी सुमन भी मुझसे चुदवा लेगी?” तो दीदी बोली, “हाँ मेरे राजा, हर लडकी किसी-ना किसी से चुदवा ही लेती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उसने अभी तक किसी से चुदवाया है।” मै बोला, “दीदी फ़िर तो वो मुझसे चुदवायेगी। क्या तुम कोशिश करके देखोगी।”

दीदी बोली “मै कुछ चक्कर चला कर देखती हूँ। अगर बात बनती है तो तूझे सुमन की भी चूत मिलेगी।” मैने कहा,”फ़िर तो दीदी कुछ बात बनती हें। कोशिश करके जरुर देखो, मुझे पूरा विश्वास है तुम उसे चुदने के लिये तेयार कर सकती हो। “तो दीदी बोली,” हाँ मेरे राजा भैय्या, मुझे भी अलग-अलग स्टाईल से चुदवाने की आदत है, ऐसे बिस्तर मे चुदवाने मे मुझे भी बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। और अगर सुमन को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी, वो सबको बता देगी कि हम सगे भाई-बहन चुदाई करते है। फ़िर क्या होगा। ये सोच के मुझे तो डर लग रहा है।” मैने कहा,” हाँ दीदी तुम्हारी बात तो एकदम सही है। अगर सुमन हमारा साथ देती है तो फ़िर कोई बात नहीं। कहते है ना चोर-चोर मोसेरे भाई।” ”तू तो बहुत बडी-बडी बाते करता है रे। “दीदी ने कहा। मै चुप हो गया। और दीदी को चोदने लगा। थोडी देर बाद हमारा राउंड पूरा हो गया। हमारा काम होने के बाद मै पेशाब करने बाथरुम चला गया। और स्वाती दीदी ने सुमन दीदी की तरफ़ मुहँ फ़ेर लिया। दीदी जान गयी थी कि हमारी राउंड पूरा हो गया है। अब मजे लेने का नंबर नेहा दीदी का था। मै बाथरुम से आ गया, और सोने के लिये अपनी जगह गया तो स्वाती दीदी बोली, “राज, तुम नेहा कि तरफ सो जाओ।

मुझे बहुत गर्मी हो रही है। सच तो वो ये कहना चाहती थी की, राज तुम अब नेहा की चुदाई करो। मै समझ गया।

Mastram2 मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव

मेरे कुछ बात करने से पहले ही सुमन ने स्वाती दीदी के पेट पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगी। मै नेहा दीदी के पास मे जाकर बैठ गया। और चद्दर के अंदर हाथ डाल कर दीदी के चूचीयाँ ढुंढ रहा था। मैने पाया की दीदी चद्दर के अंदर एकदम नंगी सोयी थी, मेरे लंड के इंतजार मे। मैने धीरे से उसके चूचीयाँ सहलाने लगा। तो वो बोली पूरी पिच गीली है, तुम डायरेक्ट बैटिंग करो। मै दीदी के चद्दर मे घुस गया। मैने देखा उसकी चूत गीली हो गयी थी। हमारी (मेरी और स्वाती दीदी की) चुदाई का कार्यक्रम नेहा दीदी को मालुम था। हमारे बिस्तर मे होने वाली हलचल उसने महसुस की थी। देर ना करते हुये नेहा दीदी ने मेरा लंड पकडा, और सीधा अपने चूत के मुहँ पे लगा दिया।

और क्या बताऊ दोस्तों मै फ़िर जोर से नेहा दीदी पे टूट पडा। लगभग चालीस मिनिट तक मै दीदी कि चूत ठोकता रहा। बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैने नेहा दीदी कि चूत चोद दी। उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थी। उसकी बाजु मे सुमन भी सो गयी थी। और मैने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था। मै भी नेहा दीदी की चूत पे हाथ रखकर वही पर सो गया। अब मुझे इतजार था की कल की सुबह का, और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती है। अब तो मेरी लाटरी निकलने वाली थी। मुझे मालूम था की मेरी बहना बहुत कमीनी किस्म की है। और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तेयार कर लेगी। मुझे मेरी दोनो दीदीयों पर पूरा भरोसा था। सुमन तो उभरा हुआ मस्त माल थी। उसकी चूचीयाँ बहुत बडी-बडी थी। नेहा दीदी से भी बडी। सुमन मेरे से एक साल बडी थी।

दूसरे दिन दोपहर का वक्त था। घर मे हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मै बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था। और सुमन किताब देख रही थी। इतने मे नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गयी और हम दोनो के आजु-बाजू मे बैठ गयी। थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के चूचीयो को धीरे से दबाया। शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा “कुछ शर्म नाम की चीज भी है क्या?” वो गुस्से से बोली। मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था। स्वाती दीदी कुछ नहीं बोली। तो नेहा दीदी बोली,”क्यु इतना गुस्सा कर रही हो कोई न कोई तो तुम्हारी चूचियों के साथ खेलने वाला ही है। तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया। इसमे गैर क्या है, हर लडकी की चूचीयाँ कोई ना कोई तो मसल ही देता है, और इससे तो हमे मजा भी मिलता है। “सुमन बोली,”तुम दोनो भी पागल हो गयी हो। सामने छोटा भाई बैठा है फ़िर भी तुम्हे शर्म नहीं आ रही है।” स्वाती दीदी बोली, “ये महारानी तू छोटा किसे बोल रही है। हमारा भाई तो अब बडा हो गया है।” सुमन बोली, “हाँ हो गया है तो शादी कर दो ना। हम भी देखते है हमारी भाभी कैसी होगी। “और सब हँसने लगे। थोडी देर मे, मै बाहर चला गया। घर मे नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बाते कर रही थी उन्हे बात करने मे आसानी हो जाये इस लिये मै बाहर चला आया था।

लगभग आधे घंटे बाद मै बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी। जो आवाज मै हर दिन हर रात दीदी की चुदाइ करते वक्त आती थी। मैने धीरे से बेडरुम मे झांक के देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थी। नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थी। स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे मे मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था। मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी। और उसकी दीदी अब बहुत गिली हो गयी थी। उसकी दीदी से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन के दो टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया। मै सुमन के दो टांगों के बीच बैठ गया। आगे क्या करना था ये मै पहले से ही जानता था। अब तो मै चुदाई मास्टर बन गया था।

मैने अपना लंड सुमन की चूत पे लगाया, तो वो बोली, “नहीं राज ये पाप है, तुम रिश्ते मे मेरा भाई लगता है। झट से,, स्वाती दीदी बोली चुदाई के रिश्ते मे कोई किसी का भाई नहीं लगता है। और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लंड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है। सुमन अब बहुत गर्म हो गयी थी। वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी। मैने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की दीदी मे अपना लंड घुसाने लगा। मगर मेरा लंड तो उसकी दीदी मे नहीं जा रहा था। मैने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी। उसकी दीदी बहुत कसी हुई थी। और मेरा लंड बहुत बडा था। जब मै नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था, तो उसने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकडा, वो बोली, “हाय राम इतना बडा लंड है तेरा, तू तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा। प्लीज मुझे छोड दो। मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।

फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर लिया। और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन मे नंगी ही चली गयी। इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया। हमारा खेल देखकर सुमन भी मीठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गयी और उसने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया। नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मै फ़िर एक बार अपना लंड सुमन के चूत मे डालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था। ये उसकी पहली बार थी। इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था। थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लंड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया। सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था। उसकी मदद मेरी दोनो बहने कर रही थी। मैने धीरे से एक झटका लगाया, तो मेरा पुरा का पुरा लंड सुमन की चूत मे चला गया। उसकी चूत से गरम खून का निकल गया। खून देखकर सुमन बहुत डर गयी। पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दोर से एक दिन गुजरना ही पडता है। वो बाते कर रही थी तो मै धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।

अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था। और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे मेरी दोनो बहनों की सील तोडने का मोका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैने आज मेरी मोसेरी बहन की सील को तोड दिया था। सुमन काफ़ी खुश थी। उसके बाद मैने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा। मेरे लंड मे अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था। आज मैने तीन –तीन चूतो को एक साथ चोदा था। चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन कि चूत ले ली। उस दिन से हम तीनो मिल के जब हमे मौका मिले तब चुदाई करते रहे। उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये। हम बहुत मजे लेते रहे। किसी का कोई टेंशन नहीं। घर की बात घर मे। हम लोग बहुत खुश है। मेरी दोनो बहनों की तो शादी हो गयी है लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है। उसकी चूत के लिये मेरा लंड तेयार है। जब मेरा दिल करता है मै मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ। और सुमन की जी भर के चुदाई करके वापस आ जाता हूँ। और सुमन भी हमारे घर आकर एक महीना रहती है।

उस महीने मे, हम पिछ्ला पूरा हिसाब बराबर कर देते है।

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कर लो अपनी हवस पूरी https://sexstories.one/desi-ladki-ke-saath-chudai-ki-hawas-poori-ki/ Mon, 29 Nov 2021 06:46:46 +0000 https://sexstories.one/?p=3363 मैंने तुरंत ही उसकी योनि में अपने मोटे लंड को डाल दिया। उसकी योनि  बहुत ज्यादा टाइट थी। मुझे अपने लंड को घुसाने में बहुत ही दिक्कत हो रही थी लेकिन मैंने एक झटके में अपने लंड को उसकी योनि में डाल दिया...

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chudai ki hawas मेरा नाम रमन है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। मैं एक 24 वर्ष का युवा हूं। मेरे घर में मेरे पिताजी मेरी माता और मेरी बहन गरिमा है। गरिमा और मैं बेकरी का काम चलाते हैं। यह हमारे पिताजी ने शुरू किया था और इस काम को हम बहुत समय से करते हुए आ रहे हैं। मेरे पिताजी को यह काम करते हुए 30 वर्ष से ऊपर हो चुके हैं। अब हमारी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। जितने भी हमारे इलाके में बर्थडे होते हैं सब लोग हमारे से ही केक लेकर जाते हैं। क्योंकि हम लोगों उन्हें फ्रेश केक देते हैं और जितना भी बेकरी का आइटम होता है वह सब हमारे यही से लेकर जाते हैं। जिस वजह से हमारी बेकरी शॉप बहुत ही अच्छे से चल रही है। इसलिए हम दोनों बेकरी शॉप में ही काम देख रहे हैं। वहां पर हमारे कुछ कर्मचारी भी हैं जो कि हमारा काम देखा करते हैं।

वह बेकरी में आइटम तैयार करते हैं। उन्हें भी हमारे यहां काम करते हुए कई वर्ष हो चुके हैं। वह मेरे पिताजी के साथ से काम करते हुए आ रहे हैं। हम लोगों की बेकरी शॉप घर के पास ही है। जिस वजह से जितने भी लोग हमारे मोहल्ले में या आस-पास के एरिया में रहते हैं, उन सब से हम बहुत ही अच्छे से परिचित हैं। वह लोग हमारे पास आते हैं और हम से ही सामान ले जाते हैं। एक दिन हमारे पड़ोस में एक डॉक्टर रहने आई। वह डॉक्टर शादीशुदा नहीं थी और उनकी पढ़ाई अभी कंपलीट हुई थी। इसलिए उनका ट्रांसफर हमारे शहर में हो गया था और वह हमारे पास वाले घर में ही रहती थी। एक दिन जब वह हमारी बेकरी शॉप में आई तो वह मुझसे सामान ले गई और मुझे वह बहुत ही पसंद आई। उन्होंने जिस तरीके से मुझसे बात की और उनका बात करने का अंदाज मुझे बहुत ही अच्छा लगा लेकिन मैं उनका नाम नहीं पूछ पाया और उस दिन कुछ तो मेरी तबीयत थोड़ा खराब होने लगी। मैं घर पर आराम कर रहा था। मैं घर पर ही था तो मेरी बहन दुकान का काम संभाल रही थी और उसने बहुत ही अच्छे से दुकान में काम संभाल लिया था।

गरिमा बहुत ही अच्छे से दुकान में काम संभाल रही थी और कुछ दिनों बाद मेरी तबीयत ठीक हो गई। मैं वापस से दुकान में चला गया। जब मैं अपनी शॉप में अपनी बहन के साथ गया तो वह मुझे कहने लगी, चलो तुम अब शॉप में आ गए हो तो मेरा मन बहला रहेगा। नहीं तो मैं बोर होने लगी थी। मैंने अब दोबारा से अपना काम शुरू कर दिया था और एक दिन वह डॉक्टर हमारी दुकान पर आ गई और वह मेरी बहन से बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उन दोनों के बीच में दोस्ती हो चुकी है। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि उन दोनों के बीच में दोस्ती हो चुकी है। वह दोनों बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी और उसके बाद उसने मुझे डॉक्टर से मिलाया। मेरी बहन ने जब हम दोनों का इंट्रोडक्शन कराया तो उस दिन उनका नाम मुझे पता चला। उसका नाम रेखा था। रेखा बहुत ही सुंदर थी।

Chudai ki kahani मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव

वह मुझसे बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी। वह मुझे उससे बात कर के बहुत ही अच्छा लग रहा था। रेखा से अब मेरी मुलाकात भी हो चुकी थी और मैं अब उससे बात भी करने लगा था। मुझे बहुत ही अच्छा लगता था उससे बात करके। उसका स्वभाव बहुत ही अच्छा था। अब जब भी वह हमारी शॉप में आती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था और मैं उससे अच्छे से बात किया करता था और वह भी मुझसे बहुत ही अच्छी तरीके से बात किया करती थी। अब हम दोनों के बीच में भी बहुत अच्छी बातचीत होने लगी और मैंने उससे उसका नंबर भी ले लिया। जब मैंने उसका नंबर लिया तो उसके चेहरे पर भी एक मुस्कुराहट सी थी और कभी जब वह हमारी शॉप से आर्डर करवाती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और मैं दुकान से खुद ही उसके घर पर सामान ले जाता था।

एक दिन उसका बर्थडे था और उसने हमारे शॉप में एक बहुत बड़ा केक आर्डर करवाया और जब उसने वह केक आर्डर करवाया तो उसने मेरी बहन और मुझे फोन करके इनवाइट करा था। अब हम दोनों उस के बर्थडे में गए और बहुत ही अच्छे से रेखा ने अरेंजमेंट करवा रखा था। काफी सारा सामान तो हमारी दुकान से ही  ले गई थी। मैंने उससे उसके पैसे नहीं लिए और कहा कि यह हमारी तरफ से आपके लिए बर्थडे गिफ्ट है। वह बहुत ही खुश हुई और जब हम उसके घर में थे तो हम लोगों ने बहुत ही मौज मस्ती की। अब मैं रेखा से मिलने भी लगा था। मैं उससे फोन पर भी बात करने लगा और हम दोनों के बीच में बहुत ज्यादा नज़दीकियां हो गई।

एक दिन रेखा ने हमारी शॉप में फोन करके पेस्ट्री का आर्डर दिया लेकिन मेरी बहन वह ऑर्डर भूल गई। हम अपने काम में ही बहुत व्यस्त थे थोड़े समय बाद दोबारा से रेखा का फोन आया। तो मेरी बहन कहती है कि तुम जल्दी से रेखा का ऑर्डर दे आओ नहीं तो वह बहुत ही गुस्सा हो जाएगी। मैंने तुरंत ही वह पेस्ट्री पैक करवाई और मैं दौड़ते हुए उसके घर पर चला गया। जैसे ही मैं उसके घर के अंदर पहुंचा तो उसका दरवाजा खुला हुआ था और वह अपने सोफे पर पैंटी और ब्रा में थी। मैंने जैसे ही उसे देखा तो मेरा मन पूरा खराब हो गया उसका शरीर इतना ज्यादा मुलायम और गोरा था कि वह मुझे दूर से ही दिखाई दे रही थी। उसने नीली कलर की पैंटी ब्रा पहनी हुई थी और मैं जैसे ही उसके पास गया तो मैंने उसके बदन को हाथ लगाया वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई और बहुत ही ज्यादा खुश हो गई।

उसने तुरंत ही मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मैंने वह पेस्ट्री निकालते हुए अपने हाथ से उसे खिलाना शुरू कर दिया और उसके स्तनों पर पेस्ट्री लगा दी। अब मैं  उसके स्तनों को चाटता तो वह पेस्ट्री मेरे मुंह में लग जाती और मुझे बहुत ही मजा आता। मैंने अपने लंड पर भी बहुत पेस्ट्री लगा दी और वह उसे चूसने लगी। उसे बहुत ही मजा आ रहा था वह बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी। थोड़े समय बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही चिपचिपा पदार्थ बाहर निकल रहा था। मैंने उसे अब उसी सोफे पर लेटा दिया।

जैसे ही मैंने उसे उस सोफे पर लेटाया तो उसका शरीर पूरा गरम हो गया था और मैंने तुरंत ही उसकी योनि में अपने मोटे लंड को डाल दिया। उसकी योनि  बहुत ज्यादा टाइट थी। मुझे अपने लंड को घुसाने में बहुत ही दिक्कत हो रही थी लेकिन मैंने एक झटके में अपने लंड को उसकी योनि में डाल दिया। अब मै अपने लंड को अंदर बाहर करता जाता। मैं उसकी योनि से अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मुझे बड़ा ही मजा आता जब मैं उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवा रहा था और मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। उसके स्तन बड़े ही गोल-गोल और अच्छे थे उसके होंठ भी बड़े नाजुक और मुलायम थे। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उसके होठों को मैं हमेशा ही किस करता रहूं। मैं जब भी उसके शरीर को देख रहा था तो मेरा मन  भर ही नही रहा था।

मैं बहुत ही खुश हुआ जा रहा था मुझे इतना अच्छा लग रहा था। मैं सोच रहा था इसे बस चोदता ही रहूं और मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के दिए जा रहा था। अब वह भी अपने दोनों पैरों को और चौड़ा कर लेती। वह भी उत्तेजना में आ जाती वह कुछ ज्यादा ही खुश हो रही थी और उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं भी उसे बड़ी तीव्रता से धक्के दिया जा रहा था और उसका शरीर अब पूरा गरम हो गया था। हम दोनों पसीने-पसीने होने लगे और एक समय ऐसा आया जब मेरा वीर्य गिरने वाला था। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके स्तनों पर सारा वीर्य गिरा दिया। वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गए और मुझे कहने लगी अब से तुम ही मेरे लिए सामान लाया करो। वह जब मुझसे सामान मंगाती तो मैं डॉक्टर रेखा की चूत जरूर मारता था। वह बहुत ही ज्यादा खुश होती थी और कहती थी कि मुझे बहुत ही मज़ा आता है जब तुम मेरी चूत मारा करते हो। मैं भी बहुत खुश था डॉक्टर रेखा की मुलायम और नरम चूत मारकर क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं किसी डॉक्टर को कभी चोद पाऊंगा मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी।

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