hindiporn Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindiporn/ Hindipornstories.org Wed, 29 Jun 2022 14:17:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मम्मी की दोस्त की चूत और हमारी अन्तर्वासना https://sexstories.one/mummy-ki-saheli-ki-chut-ki-antervasna/ Wed, 29 Jun 2022 14:16:34 +0000 https://sexstories.one/?p=6172 आंटी के साइड बूब्स मुझसे टच हो रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो गया | मैंने कहा आप इनती मस्त हैं की आपको देखके समझदारी अपने आप निकल जाती है | मुम्मी ने कहा ऋतू मैं थोड़ी देर में आती हूँ बगल वाले के घर से..

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हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे हैं आप सब मैंने सोचा आज आपसे कुछ शेयर कर लेता हूँ क्यूंकि मुझे चुप नहीं रहा जाता | तो दोस्तों आज की कहानी में चुदाई तो है ही पर मुझे आपको ये बताना है की मैंने एक चुदाई नहीं की है | मैंने कई चुदाई की है और मुझे ये बताना है कि मैंने अपनी मैडम से लेके अपनी कुतिया तक चोदा है | हाँ ये अजीब बात है पर मेरी सेक्स की चाहत इतनी है कि मैं खुद को रोक नहीं पाता |

इसलिए मैने जो सामने आए उसको चोद डाला | अब मैं आपको एक एक करके बताऊंगा मैंने कैसे चुदाई की और किस किस को पेला मैंने तबीअत से | इसलिए तैयार हो जाइए चुदाई की कहानी सुनने के लिए | मैं हूँ मनीष और मैं रहता हूँ पुराने कंचनपुर में | इमली के पेड़ के पास मेरा घर है | मुझे ब्लू फिल्म देखने का बहुत शौक है | और मैं पहेलवान भी हूँ तो मेरे अन्दर गर्मी बहुत है | अब मुझे अपनी कहानी सुनाने में आना चाहिए क्यूंकि मैंने अपने बारे में आपको सब बता दिया और अब आप कहानी का मज़ा लीजिये | चलिए अब आरम्भ होती है मेरी चुदाई क्रिया और ये रहा आपके सामने पहला दृश्य |

आप सब तो जानते हैं हर मम्मी की कोई न कोई दोस्त होती है मेरी मम्मी की भी है | उनको मैं बड़े प्यार से ऋतू आंटी बोलता हूँ | मैंने पहली बार उनको एक पार्टी में देखा था जहाँ वो एक सलवार सूट में आई थीं | कमाल लग रही थी पता ही नहीं चल रहा था कि वो ४० साल की हैं | मैंने उनको देखते ही मन में सोचा कास ऐसी बीवी मुझे मिल जाए कभी किसी को चोदने का मन नहीं करेगा बस इसकी चूत में ही लंड डाल के रखूँगा जिंदगी भर | पहले जब उन्होंने मुझे देखा तो कहा अरे तनु तेरा बेटा कितना बड़ा हो गया है | उन्होंने मेरे कंधे पे हाथ रखा और कहा मनीष बेटा मुझे पहचानता है |

मैंने कहा नहीं तो उन्होंने कहा बेटा जब तू छोटा था न तू मेरी गोद में ही रहता था हमेशा | मेरे ऊपर कितनी बार पेशाब की है तू जानता है न | अब कोई और होता तो इस बात पे शर्मा जाता पर मैं सोच रहा था बचपन में मैं इस माल के ऊपर रहता था | कितना हसीन होगा वो मंज़र जब ये मुझे सीने से लगाती होगी और इतना देखके ही मेरी नज़र उसके दूध पर पड़ गई | मस्त बड़े बड़े थे और उसके बीच की नाली साफ दिख रही थी | मैंने सोचा मम्मी की इतनी अच्छी दोस्त मुझसे आज तक क्यूँ नहीं मिली | फिर मम्मी और वो बात करने लगे | मैं अहि खड़ा था तो मुझे पता चला उनके पति ने उनको छोड़ दिया है और उनके बच्चे भी नहीं है | मैंने सोचा कि ऐसा मौका तो किस्मत वालों को ही मिलता है | बस फिर क्या था मैंने इंतज़ार शुरू कर दिया उनके घर आने का |

मैंने सोचा क्या होगा अगर मैंने इसके साथ जबरदस्ती कर दी तो | पर मैं ये नहीं चाहता था क्यूंकि इससे हर तरफ ढिंढोरा पिट जाता | इसलिए मैंने विगोरा की गोली लाके रख ली और बस करने लगा इंतज़ार | सब्र का फल मीठा होता है ये बस सुना था मैंने पर इस बार मेरा सपना सच हो गया | पर मुझे एक बात समझ नहीं आई की आंटी मुझसे चिपक बहुर रही थी पर फिर भी मैंने सोचा की दवाई का पूर्ण इस्तमाल करूँगा | जैसे ही आंटी घर आई मुम्मी ने कहा मनीष बेटा आंटी को पानी दे | मैंने आंटी के पानी में दवाई मिला दी और उनको पिला दिया | आंटी ने मुझे पास बैठाया और गले में हाथ डालके कहा क्यों बच्चे इतने समझदार हो गए तुम |

आंटी के साइड बूब्स मुझसे टच हो रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो गया | मैंने कहा आप इनती मस्त हैं की आपको देखके समझदारी अपने आप निकल जाती है | मुम्मी ने कहा ऋतू मैं थोड़ी देर में आती हूँ बगल वाले के घर से आज रात तो तू वैसे भी यहीं रुकेगी तो आराम से चली जाना | मैंने सोचा वाह लाटरी लग गयी | आंटी को दवाई का असर होने लगा और मुझसे थोडा दूर होक बैठ गयी | आंटी का हाथ मेने फिर से अपने गले में डाला और कहा आप बताओ न क्या चल रहा है | आंटी ने बताना शुरू किया और मेरे गले पे हाथ फिराने लगी | मैंने भी हलके से आंटी के साइड बूब्स पे हाथ फेरने लगा |

फिर एक दम से हटा लिया आंटी ने कहा कर लो बड़े तो हो ही गए कार्लो जो कर रहे थे | अब तो मेरा हौसला आसमान के ऊपर था और मैंने तुरंत आंटी के बूब्स को सामने से दबाना चालु कर दिया | अब आंटी ने अपने बूब्स बाहर निकाले ब्रा से और कहा अच्छे से करो | मैंने थोड़ी देर तक उनके बूब्स को दबाया और निपल्स को भी मसला फिर उन्होंने मेरा मुह अपने निप्प्लस पे लगाके कहा चूसो इनको | मैंने चूसते हुए उनके निप्प्लस को कड़क कर दिया और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी | मैंने कई बार उनसे कहा आंटी थोडा धीरे करो पर वो सुन ही नहीं रही थी |

फिर उन्होंने अपना पूरा सूट उतार दिया अब उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी चूत पे रखवा दिया और खुद ही रगड़ने को बोलने लगी | मैंने उनकी चोट को अपनी बीच की उन्ग्लू से रगड़ना चालु किया और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करती रही | फिर मैंने अपनी ऊँगली से ही उनको चोदना चालु कर दिया |

उसके बाद उन्होंने मेरा लंड खोला और मुझे सामने बुलाया और कहा इसको डालो अन्दर | मैंने अपना लंड डाला तो मुझे गरम गरम लगा | मैं आगे पीछे हो रहा था और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी |

करीब आधे घंटे तक चुदने के बाद जैसे ही मम्मी ने आवाज़ लगायी उन्होंने मेरा लंड निकला और अपने मुह के ऊपर हिलाने लगी | मैंने आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर ज़ोरदार मुठ की बारिश उनके मुह पे कर दी |

पर अब मुझे और चुदाई की तलब लगने लगी और आंटी भी दवाई के नशे से बाहर आ गयी | मुझे तो लगा बस अब तो सारा मज़ा किरकिरा हो गया | मैं रात को खाना खाने के बाद अपने रूम में गया और आंटी और मम्मी गप्पे मार रही थी | रात के 12 बजे मैंने अपना निकाल के उसको हिलाना चालु कि तभी मेरा दरवाज़ा खुला और आंटी आ गयी | वो मेरा लंड पकड़ के चूसने लगी और मेरे मुह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः की आवाज़ निकलने लगी | इन्होने मेरा लंड मस्त चूसा और मुझे झडवा भी दिया | उसके बाद वो अपनी छोट मेरे लंड पे रगड़ने लगी और उसके बाद मेरे मुह के पास अपनी चूत लेके आई और कहा इसको चाटो | मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया |

उनकी बड़ी बड़ी गांड मेरे मुह से टकरा रही थी तो मैंने एक ऊँगली उनकी गांड के छेद में डाल दी और उसको चोदने लगा | आंटी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ही कर रही थी | फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चोट को चाटना बंद किया और उनके छेद में अपना लंड डाला पर इस बार गांड के छेद में डाला | मैंने उन्हें घोड़ी बना के चोदा और वो बस अपनी चूत को रगड़ते हुए सिस्कारियां ले रही थी | इतना मज़ा आया उनको चोदने में कि क्या बताऊँ मैं आपको | पूरी रात की चुदाई के बाद आंटी ने कहा अब मैं यही बाजू वाले घर में रहने आ गयी हूँ तो तु कभी भी आ जाना |

मेरी तो सच में लाटरी लग गयी और मम्मी भी खुश अपनी दोस्त से और लड़का भी खुश मम्मी की दोस्त की चूत से |

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ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म https://sexstories.one/office-me-sex-aur-antarvasan/ Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3529 जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया...

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Office Antarvasan Sex हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता | मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ |

जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं | कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं |

भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता |

मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ | जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं |

कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं | भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | मैंने कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया पर एक बार की बात हैं मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे करना क्या है कॉलेज में इसलिए मैंने एक सर से मदद ली थी पर वो तो गधा निकला और मेरे मुह से ये शब्द निकल गया था उसके सामने |

मुझे बड़ा बुरा लगा पर फिर मैंने उससे कई बार माफ़ी मांगी बी उसने मुझे माफ़ कर दिया हो तो या न किया हो मैं तो हमेशा उसका भला ही चाहूँगा | मेरी कंपनी में सब कुछ मस्त है मेरे माँ बाप भी आ चुके हैं यहाँ और सब से मिल चुके हैं और उन्हें गर्व होता है मुझपे | देखिये किसी भी माँ बाप के साथ कोई दिक्कत नहीं होती बस एक चीज़ बदलती है और वो है समय क्यूंकि उनका समय अलग था और अपना समय अलग है | उनको ये समझने में थोडा वक़्त लगता है कि उनका बच्चा कुछ आगे करेगा और अच्छा इंसान बनेगा | क्यूंकि आज के दौर में शुरू में ही किसी को लाखों नहीं मिलने लगते | चलिए ये तो हुयी कंपनी के अन्दर की बात अब टाइम है कंपनी के बाहर की बात का तो जब हमारा काम ख़त्म हो जाता है तब हम सब मिलके चाय पीते हैं |

हमारे ग्रुप में लडकिय नहीं हैं क्यूंकि हम लोग मिटटी से जुड़े लोग हैं और लडकियांकुछ ज्यादा ही नखरे दिखाती है | अब जब हम लोग नीचे वाले टपरे में चाय पीते हैं तब बोलती हैं देखो चीप गाइस कितना सस्ता और गंदा काम करते हैं | मैंने उस दिन सोच लिया था की इन लोगों को इसका मज़ा चखा के रहूँगा | मैंने कहा चलो भाई लोग कल से इनको यहीं की की पिलाएंगे और फिर मज़े लेंगे | हमारे कैंटीन वाले से सेटिंग की और उससे कहा भाई कल से इस भाई से चाय लेना और उसको कुछ पैसे दे दिए | अब दो दिन उसने वही चाय सबको पिलाई और सबने जमके तारीफ की और कहा आजकल कैंटीन वाला सुधर गया है यार !! कितनी टेस्टी चाय बना के दे रहा है | तब मैंने कहा सबके सामने जाके हट चीप गर्ल्स कितनी सस्ती और गन्दी चाय पीती है |

तो उन्होंने कहा हेल्लो ये कैंटीन से है ओके | मैंने कहा अच्छा चलो दिखता हूँ |तब मैंने उन्हें खिड़की से नीचे दिखाया और उन्होंने देखा कैंटीन वाला उस टपरे वाले से चाय ले रहा था| तब उन्होंने कहा यार इसकी चाय इतनी टेस्टी होगी हमे ये पता नहीं था और हमने गलत समझ लिया तुम लोगों को सॉरी | पर उनमे से एक लड़की बड़ी कमीनी थी और उसने हमारी मेनेजर जो की कुछ ही महीने पहले दुबई से आई थी उसको बता दिया और मेरा नाम लगा दिया| मैंने कहा बस यही तो फर्क है तुम लोगों में और मुझमे मैं अपना काम चुप चाप कर देता हूँ पंगा तुम लोगों ने लिया और हारी भी तुम | पर आज साबित कर दिया आप लोग की सोच बहुत ही छोटी है और एक दम घटिया | साडी लड़कियां चुप चाप देख रही थी बस वही मुझ से बेहेस कर रही थी |

उतने में हमारी मेनेजर आ गयी और उसने कहा लड़कियों ये क्या हो रहा है सब अपने अपने काम पे चलो और भास्कर तुम मेरे साथ अन्दर आओ | वो अची हिंदी बोलती हैं इतनी अच्छी की हम लोग पीछे रह जाते हैं | मुझे उनकी बाते सुनना बहुत अच्छा लगता है क्यूंकि वो बोलती ही इतना प्यारा हैं| उस दिन उन्होंने पहली बार मुझपे गुस्सा किया कि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी| मैंने कहा मैडम मैंने कुछ नहीं किया शुरू उन्होंने किया और ख़त्म बस में कर रहा हूँ | मैडम ने कहा अच्छा क्या ख़त्म कर रहे हो | मैंने कहा मैडम बस चाय पिलाई है और कुछ नहीं किया मैंने | उन्होंनेकहा अच्छा अगर उसकी चाय पिके कोई बीमार पद जाता तो मैं क्या जवाब देती सबको जानते हो तुम | मैंने कहा मैडम सॉरी मुझे नहीं पता था आपको इस बात का इतना बुरा लग जाएगा |

उन्होंने कहा भास्कर तुम इतने अच्छे वर्कर हो और अच्छे इंसान भी हो क्यों इनके मुह लगते हो | इनका क्या हैं कल जिसके पास ज्यादा पैसा होगा उनका बिस्तर गरम करने लगेंगी पर तुम इनसे दूर रहो | मैंने मैडम से कहा मैडम आप ऐसी बाते भी करते हो | तो उन्होंने कहा हां क्यूँ नहीं कर सकती ? पर बस तुम्हरे सामने की है और एक मेरे पापा के सामने तो अब तुम समझलो बड़े ख़ास हो तुम मेरे | मैंने कहा मैडम मैं हमेशा आपका ख़ास ही | तब मैडम ने मुझे कहा चलो जाओ अब अपने काम पे ध्यान लगाओ | मैं वह से चला गया और कहा मैडम एक दिन मैं आपको वह की चाय ज़रूर पिलाऊंगा आपको मेरी कसम आप मन नहीं करोगे | मैडम ने कहा ठीक है अब जाओ | मैं वह से आ गया और मुझे हस्त देख उस लड़की का रोना निकल गया | पर क्या करे हमारे व्यवहार ही ऐसे हैं की कोई कितना भी बुरा हो मान ज़रूर जाता है | अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी पर मैडम ने मुझे कहा भास्कर तुम कल आजाना कल सबकी छुट्टी है पर मुझे एक हेल्पर चाहिए | मैंने कहा जी मैडम मैं कल इसी टाइम पर आ जाऊंगा |

Sexy kahani मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

अब मैं अगले दिन वहां गया और मैडम पहले ही वहां थी |अब मैडम ने मुझे कहा चलो काम शुरू करलू और वो पहले से ही थकी हुयी लग रही थी | अब इतने में लाइट चली गयी और मैडम ने कहा यार मुझे भूख लगी है और लाइट भी अभी जानी थी | मैंने कहा मैडम आप थक गए हो चलो चाय पी लो | मैडम ने कहा नहीं यार कैंटीन तो बंद है | मैंने कहा अरे मैडम अपना देसी कैंटीन २४ घंटे तक चालू रहता है | मैडम ने न नुकुर करते हुए हाँ किया और मैं चाय लेने नीचे गया | फिर जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया | फिर एकदू वो मेरे पास आई और कहा बूब्स छुए न कैसा लगा |

मैंने कहा मैडम और उतने में उन्होंने अपनी शर्ट खोल दी और मेरा मुह अपने बूब्स में लगा दिया | मे रेको क्या मैं भी मस्ती में चूसने लगा उनके बूब्स और निप्पल | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करने लगी |

फिर उन्होंने जल्दी से मेरा लंड निकाल और चूसने लगी |

मैंने भी आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करना शुरू किया |

फिर वो खुद मेरे लंड पे बैठ के ऊपर नीचे होने लगी और कहा यार कबसे मन था आज मिले हो | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऐसा आधे घंटे चला और हम झड़ गए |

अब तो मैडम को मैं उनके केबिन में ही चोद देता हूँ |

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रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

Hindipornstories वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी https://sexstories.one/desi-indian-family-ki-incest-porn-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:09:33 +0000 https://sexstories.one/?p=5020 उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था...

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Desi Indian Family ki Incest Porn Kahani – आरव अपने पिता द्वारा खरीदा गया रंगीन टीवी देखकर खुश था, यह उसके गाँव का पहला रंगीन टीवी था और वह अपने दोस्तों को इसके बारे में शेखी बघारते नहीं थकता था। आरव एक 18 साल के बच्चे के लिए थोड़ा अपरिपक्व था और उसकी काया ने मदद नहीं की या तो कोई उसे आसानी से 15 या 16 साल के लिए भूल जाएगा। इसके कुछ लाभ भी थे; उसके पिता उसे खेती में शामिल नहीं करते थे।

पिछली बार जब उनके पिता उन्हें चावल की बुवाई के लिए खेत में ले गए, तो उन्होंने एक ही छेद में सारे बीज डाल दिए, अपने बचाव में उन्होंने कहा “पिताजी, आपने मुझे बीज को जमीन में डालने के लिए कहा था, आपने कुछ भी नहीं बताया इसे समान रूप से फैलाने के बारे में। ” उस घटना के बाद उसके पिता उसे कभी खेत में नहीं ले गए।

“माँ, आरव मुझे परेशान करता है, वह मुझे मेरा एपिसोड देखने नहीं दे रहा है, मैं एक महीने से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरती ने अपनी मां से शिकायत की।

“माँ, मुझे शक्तिमान देखना है, मैं एक साल से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरव ने कहा कि वह जानता है कि उसकी मां उससे ज्यादा प्यार करती है और उसकी किसी भी इच्छा से इनकार नहीं किया; आखिर वह घर का इकलौता बेटा था।

“अरे तब हमारे पास टीवी नहीं था।” आरती अपने भाई पर चिल्लाई।

“आरती, अपने भाई को टीवी देखने दो, क्या तुमने बर्तन बनाए।” शालिनी कुएं से चिल्लाई।

वह गाँव के बाहर नदी में स्नान करने वाली अन्य महिलाओं के विपरीत, अपने घर के ठीक बाहर गाँव के कुएँ में स्नान करना पसंद करती थी। आमतौर पर महिलाएं कुएं से पानी अपने घर ले जाती थीं, लेकिन चमत्कारिक रूप से जब भी शालिनी स्नान करतीं तो कई पुरुष कुएं से पानी लेने आते। ऐसा नहीं था कि शालिनी को यह नहीं पता था, लेकिन गाँव के कुएँ में नहाना दिन का उसका पसंदीदा हिस्सा था, वह पूरे दिन उसका इंतजार करती थी।

“कमबख्त वेश्या।” आरती ने अपनी सांस के नीचे अपनी मां को बताया।

आरव ने अपने अहंकार को और भी अधिक चोट पहुँचाने पर विजयी रूप से मुस्कुराया और खुद को टीवी देखने में लगा दिया।

आरती ने बर्तन लिए और उन्हें साफ करने के लिए कुएं पर चली गई, लेकिन वह अपने सामने की जगह को देखकर चौंक गई, उसकी माँ का ब्लाउज गीला था और उसके लाल निप्पल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे, वह देख सकती थी कि दो आदमी खुलेआम अपनी आँखें उस पर दावत दे रहे हैं। . भले ही वह उससे नाराज़ थी, फिर भी उसने अपनी सुरक्षा महसूस की और उसने उसे चेतावनी देने का फैसला किया।

“अरे, माँ क्या तुम मुझे कुएँ से कुछ पानी खींचोगी।” आरती ने अपनी माँ से यह उम्मीद करते हुए पूछा कि वह उसकी ओर मुड़ेगी ताकि वह उसे अपनी स्थिति के बारे में बता सके।

Desi Maa ki Incest Sex – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3

“माँ, तुम्हारा ब्लाउज।” आरती ने अपनी माँ को इशारा किया कि वह उससे बाल्टी लेने के लिए उसकी ओर मुड़ी।

“ओह …” उसने हैरान होकर अपने ब्लाउज को समायोजित किया, उसे पछतावा हो रहा था कि उसने उसे व्यंजन करने के लिए बुलाया और उसने एक मानसिक नोट लिया, अगली बार जब वह स्नान करेगी तो वह उसे टीवी देखने देगी।

“माँ, आपने खाने में क्या बनाया है?” आरव ने पास बैठी आरती पर प्यार से चेहरा बनाते हुए अपनी माँ से पूछा।

वे मिट्टी और लकड़ी से बने एक बहुत छोटे से घर में रहते थे, छत सूखी झाड़ियों से बनाई जाती थी जो बारिश के पानी को घर में रिसने से रोकती थी, जिससे फर्श मैला हो जाता था, उनके पास दो छोटे कमरे थे। उन्होंने एक कमरे में खाना पकाने की सामग्री और दूसरे में घरेलू सामान रखा था, दोनों कमरे एक छोटे से दरवाजे के साथ मिट्टी की दीवार में एक छोटे से छेद से जुड़े थे।

“आरती, आज अपने भाई के साथ सो जाओ।” अपनी माँ की शर्मीली आवाज सुनकर आरती एक मुस्कान को दबा नहीं पाई, वह अपने भाई की तरह गूंगी नहीं थी, यह समझने के लिए कि जब भी वे एक साथ कुछ निजी समय बिताने के मूड में होते, तो उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए भेज दिया जाता था अन्यथा वह सो जाती थी माँ के साथ और उसका भाई अपने पिता के साथ सोएगा।

आरती ने लाल रंग की फूलदार स्कर्ट पहनी थी जो मुश्किल से उसकी जांघों के बीच में आती थी और कई जगहों पर सिल दी जाती थी, उसने अपने भाई को मुस्कुराते हुए देखा जब उसने सुना कि वह उसके साथ सो रही है।

“यदि आप आज कुछ भी करते हैं, तो मैं पिताजी को बता दूँगा और वह आपकी बकवास को हरा देंगे।” आरती ने अपने भाई से दृढ़ता से कहा, पिछली बार जब वह अपने भाई के साथ सोई थी, तो वह किसी तरह अपना हाथ उसके ऊपर डालने में कामयाब रहा था और उसके स्तनों को सहला रहा था, आरती उस पर नाराज थी लेकिन वह इसकी गंभीरता को जानती थी इसलिए उसने नहीं किया उसके माता-पिता के साथ उसका भंडाफोड़ किया और खुद चीजों को संभालने का फैसला किया।

“मैंने कुछ नहीं किया।” आरव ने साहसपूर्वक उत्तर दिया, वह जानता था कि वह झांसा दे रही है।

आरती ने उसे अनसुना कर दिया, वह बिस्तर बनाने में व्यस्त हो गई, उसने फर्श पर छोटी-सी चटाई बिछा दी और तकिया बनाने के लिए चादर घुमा दी। उसकी माँ ने उसके पिता को रंगीन टीवी खरीदने के लिए राजी किया था, जबकि वे उस पैसे से कई घरेलू सामान खरीद सकते थे।

आरव उत्तेजना से सो नहीं पा रहा था, वह उसके स्तनों की कोमलता के बारे में सोच रहा था, यह उसके हाथों में कैसा लगा, वह जानता था कि वह बादाम के आकार की आँखों से सुंदर थी, प्यारी छोटी नाक, उसके बेदाग गुलाबी गाल लेकिन सबसे अच्छा उसके चेहरे का हिस्सा उसके होंठ थे, स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग और ऐसा लग रहा था कि यह उसके चेहरे पर तराशा गया हो। “क्या बात है, क्या मैं सोच रहा हूँ कि वह एक झटका है।” उसने सोचा, उसे अपनी बहन की इस तरह सराहना करते हुए अजीब लगा।

आरव ने करवट बदली और देखा कि उसकी बहन गहरी नींद सो रही है, वह सोते समय बहुत सुंदर लग रही थी, वह उसके गुलाबी होंठों को देखकर उत्तेजित हो गया और उसे चूमना चाहता था, लेकिन इसके बजाय उसने अपना बायाँ हाथ ब्लाउज से ढके उसके स्तन पर घुमाया, उसने उसके स्तन दबा दिए थोड़ा और उसका चेहरा देखा कोई प्रतिक्रिया देखने के लिए, कोई नहीं। उसने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और अपने हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, उसे अपने हाथों में उसके नग्न स्तन को थपथपाना बहुत अच्छा लगा, और वह उसके निप्पल को अपनी हथेली से चरते हुए महसूस कर सकता था।

उसने धीरे से अपना हाथ उसके स्तन को घुमाते हुए घुमाया और वह उसके निप्पल को अपने हाथों में बढ़ता हुआ महसूस कर सकता था, उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था इसलिए वह नीचे झुक गया और भूख से उसके आधे स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसके चिकने, मुलायम लेकिन कोमल स्तनों को बेतहाशा चूस रहा था।

आरती को उत्तेजना महसूस हुई, वह एक उन्माद में थी कि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके स्तन को क्या हो रहा है, उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसके स्तन को उसके शरीर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है और इसने उसे उत्तेजना से जंगली बना दिया है। तब उसने महसूस किया कि यह उसका भाई है जो उसकी छाती को चूस रहा है, वह एक झटके के साथ अपना सिर एक तरफ करके बैठ गई।

“आप क्या कर रहे हो।” आरती ने पूछा, एक ही समय में दोहरी भावनाओं को महसूस करते हुए, वह उस पर गालियाँ देना चाहती थी, लेकिन वह अपनी उत्तेजित अवस्था के कारण ऐसा नहीं कर सकी। वह उत्तेजना से भर गई थी, उसके गाल लाल हो गए थे और उसने उसकी ओर देखा लेकिन उसे नहीं पता था कि क्या करना है।

“मुझे बहुत खेद है, आप बहुत सुंदर लग रहे थे, मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका, मुझे वास्तव में खेद है, कृपया पिता को मत बताना।” आरव चिंता से बौखला गया, वह जानता था कि वह बहुत दूर चला गया है, छूना एक बात है लेकिन उसके स्तनों को चूसना पूरी तरह से अलग था, वह एक रेखा थी।

वह शांत हो गई जब उसने अपने भाई को यह कहते हुए सुना कि वह सुंदर दिखती है, किसी ने उसे कभी नहीं बताया कि वह सुंदर थी, वह हमेशा अपने बारे में सचेत रहती थी, वह हमेशा सोचती थी कि वह अच्छी दिख रही है या नहीं, इसलिए जब उसने अपने भद्दे भाई (जो एक ट्रिलियन वर्ष में उसकी किसी भी चीज़ की प्रशंसा न करें) उसके पूरक के रूप में, उसने अपने भीतर गर्व की लहर महसूस की।

“क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ।” उसने अपने भाई से बाकी सब कुछ भूल जाने के लिए कहा, जो उसके अभी भी खुले स्तन को देख रहा था।

उसने महसूस किया कि उसने उसकी कमजोर जगह को छू लिया है। “बेशक, तुम सुंदर हो।” उसने मुस्कराहट दबाते हुए उत्तर दिया।

“चलो सो जाते हैं, लेकिन कोई शरारत नहीं।” आरती ने गंभीर स्वर में आरव से कहा।

to be continued..

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ऐसा मौका नहीं मिलेगा दोबारा https://sexstories.one/meri-girlfriend-anjali-ki-mast-chudai/ Fri, 10 Dec 2021 06:06:37 +0000 https://sexstories.one/?p=3392 मैंने उसे अपनी तरफ कर लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा तो वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को किस करने लगी | मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसकी गांड को भी सहला रहा था...

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Meri Girlfriend Anjali ki Mast Chudai हाय दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करता हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे और चुदाई जैसी महतवपूर्ण क्रिया को समय जरुर दे रहे होंगे | मेरा नाम समीर पाठक है और मैं खुजराहो का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 23 साल है और मैं अभी कुछ नहीं करता हूँ बस दिन भर घर में कभी टीवी देखूंगा तो कभी मुट्ठ मारूंगा चुदाई की कहनियाँ पढ़ते हुए या ब्लू फिल्म देख कर | मैं दिखने में सांवला हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है और मेरा बदन सेक्सी है | मैं इस साईट का दैनिक पाठक हूँ और मुझे इस साईट पर चुदाई की कहानियां पढना अच्छा लगता है | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरुर पसंद आयगी | तो अब ज्यादा बकवास न करते हुए मैं अपनी कहानी लिखना चालू करता हूँ |

ये घटना काफी समय पहले की है उस समय मैं 18 साल का था और स्कूल में कक्षा 12 वी में पढाई करता था | मेरे घर में, मेरे पापा, मम्मी, बड़ी बहन, रहते हैं | जब मैं 10वी कक्षा में पढता था तब से ही मेरी मुट्ठ मारने की आदत बन चुकी थी और मैं रोज रात में मुट्ठ मारा करता था | मेरी एक दोस्त हुआ करती थी जिसका नाम अंजलि था और वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी | उस समय मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी और मैं सिंगल ही रहता था अपने दोस्तों के साथ ही रहता था | मेरी दोस्त मुझसे हर बात शेयर करती थी चाहे वो गन्दी बात हो या अच्छी | मैं भी उससे सारी बात शेयर किया करता था | हम दोनों घर के अगल बगल रहते हैं और हमारे घर के सम्बन्ध भी अच्छे हैं | हम दोनों स्कूल भी साथ में जाया करते और घर भी एक साथ ही आया करते | हम दोनों साथ में कोचिंग क्लास भी जाया करते | एक बार हम दोनों के घर वालो ने वैष्णोदेवी घूमने का प्लान बनाया और सभी को साथ में ही जाना था और सभी तैयार भी थे सिवाए मेरे और अंजली के क्यूंकि हमारे प्रिबोर्ड के एग्जाम होने वाले थे | घर वाले अपना प्लान कैंसिल न करे इसलिए हमने कहा कि आप लोग टेंशन ना ले |

हम दोनों घर संभल लेंगे | घरवालो जानते थे कि हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं इसलिए कोई हमारे बारे में गलत नहीं सोचता था | घर वाले सभी स्टेशन गए और वहां से ट्रेन पकड़ ली | अब हम दोनों घर में अकेले थे तो मैंने अंजली से कहा कि चल यार अपन पार्टी करते हैं | वो भी रेडी हो गई और घर वाले हमे खर्चे के लिए पैसे दे कर गए थे | हम दोनों मस्त पिज़्ज़ा बर्गर और काफी सारी चीज़े आर्डर कर दी | उसके बाद मैं बार से जा कर बियर की दो बोतल ले कर आ गया तो उसने पुछा कि ये क्यूँ लाये हो ? तो मैंने कहा देख फिर कभी ऐसा मौका नहीं मिल पायेगा तो आज ही कर लेते हैं अपन | उस समय रात के 8 बज रहे होंगे | फिर हम दोनों मस्त गाने सुनते हुए खा पी रहे थे और जब सब खत्म हो गया और हमे हल्का नशा भी हो गया था | कुछ समय बाद मैंने उससे कहा कि यार मुझे मुट्ठ मारने का मन कर रहा है तो उसने कहा मैं मार दूं मुट्ठ तो मैंने कहा ये सब रहने दे और चल चुदाई करते हैं | वो भी हाँ बोल करने लगी और फिर मैं उसे रूम में ले गया और फिर वहां पंहुच कर मैंने दरवाजा बंद कर दिया | उसके बाद मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके मम्मों को मसलने लगा और वो आँख बंद कर के सिहर रही थी |

फिर मैंने उसे अपनी तरफ कर लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा तो वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को किस करने लगी | मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसकी गांड को भी सहला रहा था और वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे चेहरे को सहला रही थी | हम दोनों ने लगभग एक दूसरे को 10 मिनट तक चूसा | फिर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को मसलने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | फिर मैंने उसके ब्रा को उतार कर उसके प्यारे मम्मों पर हाँथ फेरा और एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | कुछ देर बाद मैं दूसरे निप्पल को चूसने लगा और पहले को मसलने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए आँखे बंद कर के मजे लेने लगी | फिर मैंने दोनों मम्मों को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी | उसके बाद मैंने उसकी जीन्स को उतार कर उसे पलंग पर लेटा दिया और पेंटी को अपने दांत में दबा कर खींच कर उतार दिया |

Chudai story – पहले प्यार को दिया धोखे का अंजाम

उसकी चूत एक दम गोरी और चिकनी गुलाबी लग रही थी | फिर मैंने उसकी टांगो को चौड़ा कर दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मचलने लगी | मैं उसकी चूत को चाटते हुए उसके मम्मों को भी मसल रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए जोर जोर से सिस्कारियां ले रही थी | उसके बाद मैं अपनी ऊँगली से उसकी चूत को चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए पानी छोड़ दिया | फिर उसने मेरे शर्ट को उतार दिया और जीन्स को भी और उसके बाद उसने मेरे अंडरवियर को भी उतार कर नंगा कर दिया | अब वो मेरे लंड को अपने हाँथ में ले कर सहलाने लगी और फिर अपनी जीभ उस पर फेरने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके बाल को पीछे करने लगा | वो मेरे लंड को चाट रही थी और सुपाड़े को भी चाट रही थी जीभ से गोल गोल घुमा कर और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे लेने लगा | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके निप्पल को मसलने लगा |

वो मेरे लंड को जोर जोर से चूस रही थी और अन्टोलो को भी सहला रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके मुंह को चोद रहा था | फिर मैंने उसे लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में रगड़ने लगा और फिर अन्दर डाल कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी और उसकी चूत को चोदने लगा जोर जोर से धक्के मारते हुए और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपने मम्मों को मसलने लगी | फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जा कर उसकी चूत को एक बार और चाटा और फिर लंड को अन्दर डाला कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | मैं जोर जोर से उसकी चूत को चोद रहा था और मम्मों को भी मसल रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवा रही थी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी गांड के ऊपर ही छोड़ दिया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरुर पसंद आई होगी |

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बस में मिली लड़की की चुदाई https://sexstories.one/bus-me-anjan-ladki-ki-chudai/ Wed, 01 Dec 2021 07:13:44 +0000 https://sexstories.one/?p=3402 मैं उसके दूध के निप्पल को मुंह में रख कर खीच खीच कर चूसने लगा तो उसकी तेज सांसे चलने लगी और वो सांसे कुछ ही देर में सिसकियों में बदल गयी | मैं उसकी तेज सांसे को सुनकर और जोश में आ गया..

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anjan ladki ki chudai हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रामनिवाश है और मैं रहने वाला एक छोटे से गाँव का हूँ | मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक कहानी लेकर आया हूँ | मैं जो आज आप लोगो के सामने कहानी पेश करने जा रहा हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची कहानी है और सबसे हसीन पल जिसको मैं कभी भूल नही पाऊँगा | दोस्तों तो मैं आज आपने उस हसीन पल के बारे में बताने जा रहा हूँ | मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देता हूँ | मेरा रंग दूध की तरह गोरा है और मेरी हाईट 6 फुट 3 इंच है | मेरी हाईट ठीक है इसलिए मैं जिम भी करता हूँ तो मेरी बॉडी बहुत अच्छी है जिससे लड़की पट जाती है | मैं आप सभी लोगो से उम्मीद करता हूँ जो मैं आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ ये कहानी आप लोगो को पसंद आएगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को बहुत मज़ा आएगा |

दोस्तों एक बार की बात है जब मैं अपने घर रहता था तो मेरा मन हुआ की अपनी मामी जी के यहाँ घूम आता हूँ | दोस्तों मुस्किल की बात तो ये थी की मैं इससे पहले अपनी मामी के घर गया नही था तो मैंने अपनी मम्मी से उनके यहाँ का पता लिया | फिर घर से निकल गया | मैं मामी के यहाँ जाने के लिए निकाल था और बस का इंतजार कर रहा था | मैं जब बस का इंतजार कर रहा था तो कुछ देर में बस भी आ गयी | मैं बस में बैठ गया और मुझे सीट भी मिल गई | मैं सीट पर बैठ कर फ़ोन में म्यूजिक चला लिया सुनते हुए जा रहा था | मैं बैठा रहा और कई स्टॉप बाद एक लड़की बस में चढ़ी वो दिखने में मेरी तरह गोरी थी और उसका फिगर तो जानलेवा था | उसके बड़े बड़े बूब्स जो ऊपर की और उठे थे और साफ दिख रहे थे | उसकी गांड बहुत सेक्सी थी जिसको देखकर मेरा लंड पैन्ट को ऊपर चढाने लगा |

मैं उसको घुर रहा था और वो मुझे घुर रही थी | मैं उसे देख रहा था तो मेरे दिल में कुछ कुछ होने लगा | मैं उसको ऐसे ही कुछ देर तक निहारता था और वो मुझे देखती रही | फिर मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मेरे पास जो आदमी बैठा था वो अगले स्टॉप पर उतर गया | तब वो मेरे पास आकर बैठ गयी | वो मेरे पास आकर बैठ गयी तो मेरे दिल की धड़कने तेज हो गयी | जब उसका जिस्म मेरे शरीर से रगड़ता तो मेरे अन्दर आग लग जाती | वो मेरे पास ऐसे ही कुछ देर तक बैठी रही फिर मुझसे बात करने लगी |

वो – हाय ?

मैं – हाय |

वो – आपका नाम क्या है ?

मैं – मैंने उसे अपना नाम बता दिया और उसका नाम पूछा ?

वो – मेरा नाम सोनाली है और आप कहाँ से हो ?

मैंने उसे बताया और उससे पूछा आप कहाँ की रहने वाली हो ?

दोस्तों जब मैंने उससे पूछा तो उसने उसी जगह का नाम बता दिया मैं जहाँ जा रहा था | तब मैंने उससे कहा की मैं भी वहीँ जा रहा हूँ जहाँ की आप रहने वाली हो पर मैं पहली बार जा रहा हूँ तो मुझे पता नही है कहाँ जाना है | तब सोनाली ने मुझसे पूछा की आप को ये तो पता है की आप किसके घर जा रहे हो तो मैंने उसे अपने मामा जी का नाम बता दिया | तब उसने कहा कोई बात नही मैं उसने घर छोड़ दूंगी | तब मैंने कहा थैंक्स और उससे ऐसे ही कुछ देर तक बाते करता रहा | मैं उससे बाते कर ही रहा था की उसने मुझे नीचे उतरने को कहा और मैं नीचे उतर गया |

फिर उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में पकड लिया और बात करती हुई चल दी | दोस्तों वो जिस तरह से मुझसे बात कर रही थी मैं समझ गया था की ये मुझ पर लट्टू है और मुझसे चोदना चाहती है | फिर उसने मुझसे मेरा नम्बर माँगा और मैंने उसे दे दिया | मैं और वो कुछ ही देर में मामी के घर पहुच गया | वो मुझे छोड़कर चली गयी और कुछ देर बाद आई और मेरी तरफ देख कर आंख मार दी | जब उसने मेरी तरफ आंख मारी तो मैंने भी उसकी तरफ देख कर किस कर दी | अब वो मुझे मस्ती करती थी और मैं उससे मस्ती करता था | वो मेरे मामी के घर के पास में ही रहती थी और रोज ही किसी ना किसी टाइम आ जाती थी | जब वो आती तो मैं उससे मजाक मजाक में उसके बड़े बूब्स को छु लेता था |

एक दिन की बात है जब वो घर आई उस टाइम सब छत पर थे और मैं नीचे ही था | जब वो घर में आई तो मैं अन्दर कमरे में चला गया | वो मुझे देखकर कमरे में आ गयी तो मैंने उसे कस के पकड लिया | जब मैंने उसे कस के पकड लिया तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी | दोस्तों मैंने भी उससे कह दिया की पकड़ा है तो छोड़ने के लिए नही पकड़ा है | तब वो मुझसे बोली ठीक है कभी मत छोड़ना ऐसे ही पकडे रहना | मैंने भी कह दिया और उसने मेरी होठो को पर किस कर दिया जब उसने मेरी होठो पर किस कर दी तो मैंने उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगा |

Free Sexy Kahani मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव

जब मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगा तो वो मेरी होठो को जोर जोर से चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बड़े और मोटे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसेक बूब्स को दबाने के साथ उसकी लेगी में हाथ डाल दिया | मैंने जब उसकी लेगी में हाथ डाल दिया तो मुझे उसकी चूत एकदम साफ्ट लगी जैसे की किसी 10 साल की लड़की की चूत हो | दोस्तों मुझसे रहा नही गया तो मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में घुसा दी तो के मुंह से आहे निकल गयी | तभी छत से मामी की आवाज आई तो मैंने उसे छोड़ दिया और छत पर चला गया |

उस दिन उसके साथ इतना करने के बाद मेरे मन में और सब करने की इच्छा होने लगी थी | उसके 5 दिन बाद की बात है जब मैंने उसे रात को मिलने के लिए बुलाया तो वो मुझसे मिलने आई तो मैं उसे मामी के घर में स्टोर रूम में ले गया जिसमे सामन रक्खा जाता है | फिर मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और चूमने लगा | मैं उसको चूमने लगा और वो मुझे चूमने लगी | दोस्तों आग दोनों तरफ लगी हुई थी तो मैं बिना टाइम को बर्बाद करते हुए उसके कपडे निकाल दिए जिससे वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | मैं उसको ब्रा और पैंटी में देख कर पागल हो गया और उसकी ब्रा को खोल कर उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे दूध को हाथ में पकड़ कर मसलने लगा |

मैं उसके दूध के निप्पल को मुंह में रख कर खीच खीच कर चूसने लगा तो उसकी तेज सांसे चलने लगी और वो सांसे कुछ ही देर में सिसकियों में बदल गयी | मैं उसकी तेज सांसे को सुनकर और जोश में आ गया और उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर चाटने लगा | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ उसकी घुलाबी चूत में ऊँगली घुसा दी जिससे उसके मुंह से अह अह हाँ हाँ उई उई उई हाँ…….. सी उई सी उई सी आ आ आ…. की आवाजे करने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर जोर जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर जोर जोर से अन्दर बाहर कुछ देर तक करने के बाद अपने कपडे निकाल दिए |

फिर अपने 7 इंच लम्बे लंड उसके मुंह में घुसा दिया | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर जोर जोर से अन्दर बाहर करती हुई चाटने लगी | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चाटने के साथ मेरे गोली को मुंह में रख कर चूसती | वो मेरे लंड को ऐसे ही जोर जोर से कुछ देर तक चाटने के बाद मेरे लंड को मुंह से निकाल दिया | जब उसने मेरे लंड को मुंह से निकाल दिया तो उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में एक ही धक्के में आधा लंड घुसा दिया | मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में घुसा तो उसके मुंह से जोरदार दर्द भरी आवाजे निकलने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर धक्के मारने बंद कर दिए | फिर कुछ देर बाद उसकी पतली कमर को पकड़ कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने के साथ उसके बड़े बड़े बूब्स को मसल रहा था और उसको चोद रहा था |

वो मस्त होकर चुदाई का मज़ा ले रही थी | मैं उसकी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था | मेरे हर धक्के पर वो उछल जाती और मैं उसकी कमर को पकड कर अपनी और खीच लेता और जोर जोर अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदने लगा | मैं उसको ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था जिससे उसकी चूत से पानी निकल गया और वो झड़ गयी | जब वो झड़ गयी तो उसके झड़ने के बाद मैं उसको 5 मिनट तक और जोरदार धक्के मारता रहा फिर मैं भी झड़ गया | जब मैं झड़ गया तो उसने अपने कपडे पहन लिए और चली गयी | उस दिन के बाद मैं जब तक मामी के घर रुका उसको रोज उसी कमरे में चोद और वो मुझसे चुदती रही और चुदाई के मज़े लेती थी |

फिर मैं कुछ दिन बाद अपने घर चला आया |

धन्यवाद………

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मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव https://sexstories.one/fucked-my-desi-girlfriend/ Mon, 29 Nov 2021 06:34:44 +0000 https://sexstories.one/?p=4871 मैंने उसकी पैंट खोली और उतार दी और वह मेरे सामने पूरी तरह से नंगी है। उसका शरीर इतना कोमल है और अपने शरीर को देखता रहता है। फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पैर फैला दिए और वहाँ उसकी चूत थी...

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Fucked my desi girlfriend हेलो इंडियन सेक्स स्टोरीज रीडर्स। आप कैसे हैं? वैसे भी, मुझे लगता है कि मुझे इसके बजाय कहानी शुरू करनी चाहिए। बात तब की है जब मैं बी.टेक में था। मैं 20 साल का हूं और गर्लफ्रेंड भी 20 साल की है। हम कुछ ही महीनों के लिए प्यार में हैं। हम खूब बातें करते थे। और सेक्स के बारे में बातें करने लगे।

मैंने उससे उसके शरीर, उसके स्तन और चूत के बारे में पूछा। पहले तो उन्हें शर्म महसूस हुई लेकिन बाद में उन्होंने खुलकर जवाब दिया। यह सिलसिला हफ्तों तक चलता रहा और हम सीधे कॉल्स पर ही किस करते थे, सीधे तौर पर नहीं। एक दिन मैंने उससे किस करने के लिए कहा तो उसने कहा ठीक है लेकिन मुझसे पूछा कि हम इसे कैसे करने वाले हैं। मैंने कहा कि मैं योजना बनाऊंगा।

अगले दिन जब हम कॉलेज में थे तो दोपहर के समय हमारा प्रयोगशाला सत्र था। प्रयोगशाला सत्र के दौरान, मैंने उसे ऊपरी मंजिल पर अंतिम कक्षा में आने के लिए कहा जो उस दिन के अंत में खाली हो जाएगी। उसने कहा ठीक है। हमने प्रयोगशाला सत्र पूरा किया। मैं पहले उस कक्षा में गया और प्रतीक्षा करने लगा।

5 मिनट के बाद वह किसी और पर शक न करने के लिए दूसरे रास्ते से आई। जैसे ही उसने प्रवेश किया उसने मुझे देखा और मुझे एक शर्मीली मुस्कान दी। मेरी धड़कन तेज हो गई थी और मुझे पसीना आ रहा था। यह बहुत तनावपूर्ण क्षण था क्योंकि यह मेरा पहला चुंबन था। वह ऐसा ही महसूस कर रही थी। हम 5 मिनट तक घूरते रहे।

मैंने पहल की और उसके करीब गया। वह जोर जोर से सांस ले रही थी और मैं भी। फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हम किस करें और उसने कहा ठीक है। फिर हम करीब आ गए और मैंने उसके गाल पर किस किया। इसके बाद वह पीछे हट रही थी। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर खींच लिया और लिपलॉक कर दिया।

यह एक सुंदर चुंबन था। मैंने पहली बार उसका स्वाद महसूस किया और यह बहुत अच्छा था। हमने एक मिनट तक किस किया और किसी के आने की आवाज सुनकर रुक गए। फिर हम मुस्कुराए और कक्षा से विपरीत दिशाओं में चले गए। उस रात हमने अपने चुंबन के बारे में बात की। मैंने उससे पूछा कि हमें सेक्स करना चाहिए।

Sex story भिखारी लड़की के जलवे

उसने कहा ठीक है। फिर उसने मुझे बताया कि उसके माता-पिता अगले महीने एक समारोह के लिए शहर से बाहर जा रहे हैं। मैंने कहा कि यह हमारे लिए एकदम सही है। और हमने सपने देखने और इस बारे में बात करने के लिए एक महीने तक इंतजार किया कि हमें इसे कैसे करना चाहिए। जैसे ही दिन आया उनके माता-पिता सुबह करीब छह बजे निकल गए।

जैसा कि मुझे पता था कि मैं पहले से ही तैयार हो गया था और उनके घर के पास उनके जाने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही उसके माता-पिता चले गए, उसने मुझे फोन किया और मुझे दूसरी दिशा से उनके घर आने के लिए कहा। मैंने उसके निर्देशों का पालन किया और गली या आस-पास के घरों में किसी का ध्यान न रखते हुए धीरे-धीरे घर में प्रवेश किया।

अंदर घुसते ही मैं हॉल में एक कुर्सी पर बैठ गया। वह अभी-अभी स्नान करके बाथरूम से आई और अपने माता-पिता के बेडरूम में प्रवेश कर गई। उसने दरवाजा बंद किया लेकिन ताला नहीं लगाया। मैं बहुत तनाव में था और समझ नहीं पा रहा था कि उस कमरे में प्रवेश करूँ या बस इंतज़ार करूँ। मैं इंतजार करता रहा और वो कपड़े पहन कर बाहर आ गई.

फिर हम गले मिले और उसने मुझे किस किया। अब मैं रिलैक्स हो गया और वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई। कमरा छोटा था और बिस्तर हम दोनों के लिए काफी था। हम हाथ पकड़कर बिस्तर पर अगल-बगल बैठ गए। फिर मैंने उसके गालों और माथे पर किस किया और उसके होठों पर किस किया।

फिर हम जोश से किस करने लगे। हम चूमते हुए बिस्तर पर लुढ़क गए। मैं उसकी पोशाक के ऊपर अपने हाथों से उसके पूरे शरीर को छू रहा था। फिर मैंने उसके स्तनों पर हाथ रखा और धीरे से उन्हें दबाया। उसने एक विलाप दिया। मैं उन्हें धीरे से दबाता रहा और किस करता रहा।

फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया। मैंने पहली बार उसके स्तन देखे क्योंकि उसने कोई ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैंने उन पर हाथ रखा और वह स्पर्श अद्भुत था। मैंने उसके दाहिने स्तन को चूमा और अपने हाथ से बायीं ओर दबा दिया। फिर मैंने लेफ्ट वन को किस किया और कुछ मिनटों तक ऐसा ही करती रही।

वह कराहती रही और मेरे सिर को अपने स्तनों से दबाती रही। मैंने उसकी पैंट खोली और उतार दी और वह मेरे सामने पूरी तरह से नंगी है। उसका शरीर इतना कोमल है और अपने शरीर को देखता रहता है। फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पैर फैला दिए और वहाँ उसकी चूत थी। सुंदर और ताज़ा।

मैंने उसकी चूत के होठों पर एक छोटा सा किस किया और उसे शर्म आ रही थी। तब मैं उठा, और नंगा हो गया, और उसके पास लेट गया। मैंने उस पर एक पैर रखा और हम फिर से किस करने लगे। मैं सब कुछ दबाते हुए उसके पूरे शरीर पर हाथ फेर रहा था। फिर मैं उसके स्तन चाटने लगा और उसके निप्पलों को अपने होठों से सहलाने लगा।

वह उत्तेजित हो गई और मेरे सिर को उसके स्तनों से दबा दिया। फिर मैं उसके नाभि के पास आया और उसे भी चाटा और उसके स्तन दबाता रहा। फिर मैंने उसे अपनी टांगें फैलाने को कहा और उसकी टांगों के बीच आ गया और उसकी चूत को धीरे से चाटा। उसका स्वाद बहुत अच्छा है। मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रखा और उसकी चूत को दबा कर चाटा।

उसकी चूत इतनी गीली हो गई थी और उसमें से रस निकल रहा था। मैंने उन्हें चखा और उसके होठों पर चूमा ताकि वह अपने रस का स्वाद ले सके। फिर मैं वापस उसकी चूत के पास आया और फिर से उसकी चूत में एक उंगली डाली और उसकी भगशेफ को चाटा। धीरे-धीरे मैं अपनी उंगली अंदर-बाहर कर रहा था क्योंकि वह कुंवारी थी। पहले तो उसे थोड़ा दर्द हुआ।

लेकिन मैं अपनी उंगली हिलाता रहा और उसे खुशी हुई। मैं उसकी चूत को चाटता रहा और उसे छूता रहा। अब वह पूरे मूड में थी। और वह इसका आनंद ले रही थी। मैंने उसके ऊपर जो कुछ भी आया उसे रोक दिया और उसे किस करना शुरू कर दिया। जैसे ही हम चूम रहे थे उसने मेरे बट पर हाथ रखा और एक निचोड़ दिया।

फिर मैंने उससे कहा कि मुझे एक मुखमैथुन दे दो। उसे शर्म आ रही थी और उठकर मेरा सीधा लंड अपने हाथों में ले लिया और उसे देख रहा था। फिर उसने धीरे से अपने होठों को मेरे लंड के ऊपर रख दिया और एक किस कर दिया। फिर ऊपर से धीरे-धीरे चाटने लगा। फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में धकेल दिया और उसका सिर पकड़कर अंदर रख दिया।

फिर वह मुख-मैथुन देने लगी। वो मेरा सारा लंड चाट रही थी और मुँह में जोर जोर से चाट रही थी और फिर से चाट रही थी। फिर मैंने उसे मेरी गेंदों को चूसने के लिए कहा। उसने मेरी गेंदों को पकड़ लिया और उनके साथ खेल रही थी। उसने एक-एक करके गेंद अपने मुँह में डाली और एक मिनट तक चूसती रही।

फिर वो मेरे ऊपर आ गई और मेरा लंड अपनी चूत में डालने लगी। जैसा कि यह हमारा पहली बार था, इसने काम नहीं किया। फिर मैं मिशनरी पोजीशन में उसके पास आया और धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाला। यह कड़ा था और यह पूरी तरह से अंदर नहीं गया था। मैंने धीरे-धीरे एक हरकत की ताकि मेरा लंड अंदर चला जाए।

मैं उसे धीरे-धीरे चोदता रहा। मेरा लंड उसकी चूत में घुसते ही उसे हल्का सा दर्द हुआ। 5 मिनट की धीमी चुदाई के बाद, मेरा लंड अंदर आ गया और उसे तेजी से चोदने लगा। वह जोर से कराह रही थी और उसने अपने पैर ऊपर कर लिए और मेरी कमर में लपेट लिया। मैं उसे चोदता रहा और उसे किस करता रहा और बीच-बीच में उसके स्तन चूसता रहा।

मैंने 10 मिनट तक चुदाई की और मैंने उससे कहा कि मैं कमिंग कर रहा हूँ। उसने पहले ही हमारे पास एक बेकार कपड़ा रख दिया था क्योंकि मैंने कोई कंडोम पहना हुआ था। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और एक पुराना कपड़ा अपने लंड के चारों ओर रख दिया और उसमें सह दिया। फिर मैंने उसे उसके ओर्गास्म के लिए उँगलियाँ दीं। फिर हम गले मिले और कुछ देर ऐसे ही रहे और फिर किस किया।

10 मिनट के बाद मैं फिर से तैयार हो गया और हमने चुदाई की। इस बार हमने लगभग आधे घंटे तक चुदाई की और डॉगी स्टाइल, काउगर्ल आदि जैसे अलग-अलग एंगल में चुदाई की। उसके बाद, मुझे उसके दादाजी के आने पर जाना पड़ा।

यह मेरा सेक्स अनुभव है और पूरी तरह से विस्तृत नहीं हो सकता है। लेकिन ऐसा ही हुआ था। जब भी उसके माता-पिता बाहर जाते थे, तब भी हम सेक्स करते रहते थे, भले ही वह 1 घंटे का ही क्यों न हो।

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नयी दुल्हनिया के तीखे तेवर https://sexstories.one/dulhan-ki-chut-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:01:03 +0000 https://sexstories.one/?p=3388 मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था...

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Dulhan ki Chut Chudai – वह आराम से ९ बजे सोके उठती और नहाने धोने के बाद चाय पीती मानो कहीं की रानी हो | फिर चहक चहककर लोगों से बतियाने लग जाती, क्यूंकि मायका तो बगल में ही है मेमसाहब का और तो और माता पिता से दूर होने का गम भी नहीं सताता था उसे | बारह एक बजे वापस अपने कमरे में घुस जाना फिर एक मस्त से नींद का आनंद उठाना | फिर शाम को खाने और चाय पीने के लिए बाहर निकल के आना | दिनभर उसके भतीजे और भतीजियाँ घर घेरे रहते थे | बुआ के लिए ये भेजा है उनकी माँ ने उन्हें ये बहुत पसंद है |

आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास कर रही हूँ मैं | तो आपको बता दूँ ये बकवास तो बिलकुल नहीं हैं क्यूंकि हमारे घर के पड़ोस वाली मीनू बनी थी “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की” | मैं हूँ लीला और मैं हर खबर रखती हूँ | मोहल्ले में अगर कोई इधर की उधर भी करता है तो मुझे पता होता है जी | और इन दोनों ने तो हर हद पार कर दी थी अब मैं क्या बताऊ हमारा रिषभ तो बेचारा फस गया था मीनू के जाल में | “दैय्या रे दैय्या” बेचारा सीधा सादा लड़का कहा से इस कमबख्त से शादी कर बैठा |

पर एक बात बता रही हूँ आपको गौर से सुनना “ये अन्दर की बात है” | जब ये दोनों प्यार के पंछी चुदाई करते हैं न तो मेरे रोम रोम में उत्साह भर जाता है | जोश भर देते हैं अन्दर बिलकुल ऐसा कि मैं भी अपने पति को इतना गरम कर देती हूँ जिससे वो मुझे एक नयी दुल्हन की तरह चोदते हैं | पर मैं ये बात आपसे बता रही हूँ | तो चलिए शुरू करते हैं “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की”

बार बार आवाज़ लगाने पर भी कोई जवाब नहीं आया | चाय ठंडी हुए जा रही थी और रिषभ का कोई अत पता नहीं था | विवश होकर बेचारी शीतल भाभी खुद ही छत पर गयी | मीनू छत पे रिषभ से बतिया रही थी और उनकी “गुटर गूं” निरंतर जारी थी | “नमस्ते आंटी” रिया बोली पर लज्जा उसे बिलकुल ना आई | भाभी ने भी अभिवादन किया और बद्बदते हुए नीचे आ गयी | माँ के सामने ही उसके लड़के के साथ प्यार के पींगे पादेगी को कौन भला बर्दाश्त करेगा |

“माँ कहाँ हो तुम ? और कहाँ है मेरी चाय ? रिषभ नीचे आके पूछने लगा |

सुन रिषभ !!! अब तू बड़ा हो गया है और एक अच्छी खासी नौकरी कर रहा है | छत पे तुम दोनों क्या बातें कर रहे थे ? मन छोटे में साथ खेले हो तब मैंने ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा | बड़े होकर साथ में कॉलेज गए तब भी मैं चुप रही | पर अब क्या बातिएँ करते हो तुम दोनों ? शीतल भाभी ने एक गुस्से भरे अंदाज़ में कहा |

“माँ काहे चिंता करती हो हम दोनों एक बहुत लम्बे समय से एक दुसरे को जानते हैं और अब आदत सी हो गई है बात करने की “ तुम फ़ालतू के ख्याल दिमाग में मत लाओ ऐसा कुछ भी नहीं है | मैंने ये बात जैसे ही सुनी तो मुझे लगा अभी कुछ कहना ठीक न होगा मैं शाम को भाभी के पास जाउंगी | पर भाभी के लबों से जो शब्द निकले मानो मेरे ही हों |

“बात को आगे बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है रिषभ” पता नहीं क्यूँ उन्हें रिषभ की बात पे कहीं न कहीं भरोसा नहीं था | और मीनू के बदले तेवर अलग ही कहानी बयां कर रहे थे कभी भजिये तो कभी हलवा लेके घर के चक्कर मारती रहती थी |

जैसा कि मैंने कहा था मैं शाम को भाभी से मिलने गयी | भाभी के माथे पर पड़ रहीं लकीरों को देख के लगा जैसे वो अन्दर से तू रहीं हैं | फिर उन्होंने कहा लीला तुझे तो सब पता चल ही गया होगा | क्यूँ सही कहा ना मैंने ? मदद कर लीला ! लड़का भोला है मेरा | मैंने कहा भाभी रुको अपना खून मत जलाओ मैं चाय बना के लाती हूँ आपके लिए | मैं कित्चें में चाय बना ही रही थी कि अचानक दरवाज़े पे कुछ आवाज़ हुयी और मैं बहार आई |

कौन है भाभी चाय ज्यादा बनाऊ क्या ? बस इतना कहते ही मेरे होश उड़ गए | सामने देखा तो मीनू जी खड़ी थी साड़ी पेहेन के |

Dulhan ki Chut Chudai रिक्शावाले ने चोदा बारिश में..

आंटी जी !! देखिये न कैसी लग रही हूँ में ? मैंने कहा मीनू आप वाकई साड़ी दिखाने आये हो या भजिये तलने हैं ?

जो समझना है समझो लीला भाभी पर पहले बताओ मैं लग कैसी रही हूँ ? चाय उबलते उबलते कब उफन के गिर गयी परता ही नहीं चला और शीतल भाभी को तो जैसे सांप सूंघ गया था | हम दोनों बस उसे ही देख रहे थे इठलाते हुए | लीला वो गयी, अच्छा कहाँ गयी भाभी, अरे !! लीला मीनू गयी | शीतल भाभी ने मुझे धक्का मारते हुए कहा |

अच्छा भाभी, अरे हाँ नहीं ! भाभी क्या वो गयी ? अरे हाँ पागल जा चाय ला फिर से बना के जल गयी सारी | भगवान् इस मुसीबत से बचाए कहाँ से आ गयी | चाय बनी और हम दोनों एक दुसरे का चेहरा देखते हुए चाय पी ही रहे थे कि रिषभ आया और सीधा छत पे गया | मैंने कहा भाभी कही उस चुड़ैल ने मोहिनी मंत्र तो नहीं मार दिया अपने बच्चे पे ? नहीं रे लीला अभी उसकी माँ जिंदा है ऐसा कैसे कर पाएगी वो ? मैंने कहा भाभी देखो आक अमावस्या की काली रात है कही कुछ गलत न घट जाए ? शुभ शुभ बोल लीला कुछ भी मत कहा कर | खुद तो डरती है और मुझे भी डरा देती है | मैंने कहा भाभी आज हम दोनों रात में इन दोनों की तकवारी करेंगे आप सो मत जाना | मैं अपनी छत पे रहूंगी और आप भी मुझे खबर करती रहना सो मत मत जाना |

इतना मैंने भाही से कहा और मैं चली गयी अपने घर | रात के ८ बजे मैंने खाना खाया और तुरंत भाभी को फोन लगाके पुछा भाभी अपना लड़का कैसा है ? भाभी ने कहा खाना खा रहा है अभी पर फोन से चिपका हुआ है | मैं समझ गयी और टपक से कहा भाभी फोन पे लगा है खाते समय मतलब छत पे तेहेलने भी जाएगा | आप तैयार रहना मैं तो हूँ और इतना कहके मैं बर्तन मांजने लगी | फिर मुझे याद आया भाभी तो दवाई खाती हैं दर्द की और उससे उन्हें नींद आती है | मैं छत पे गयी और जैसे ही फोन लगाया तो सामने दिखा रिषभ | 10 बजे थे रात के पर वो बैठा था और भाभी भी फोन नहीं उठा रही थी | मैं समझ गयी हो गया बेडा पार आज |

पर ये रिषभ बैठा हुआ क्यूँ है ?

थोड़ी पास गयी तो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म का स्वर मुझे सुनाई दिया | मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था | मेरा मन व्याकुल हो गया और मैंने अपनी पति को बुला लिया और कहा जैसा वो लोग करें वैसा तुम करो | हम दोनों भी नंगे हो गए | रिषभ मीनू की चूत चाटने लगा और मैंने भी अपने पति का मुह अपनी चूत से लगा दिया | मेरी रसभरी चूत जैसे वापस जीवित हो उठी थी |

आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म आराम से करो न रिषभ, मीनू ने मादक स्वर में कहा | मीनू ने उसका लंड चूसना शुरू किया पर मेरे पति से चूत चटवाने का आनंद मुझे पहली बार प्राप्त हुआ था इसलिए मैंने जारी रखा | रिषभ भी आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रहा था और 10 मिनट बाद मीनू के मुह में अपना वीर्य छोड़ दिया | मैंने भी अपना पानी अपने पति के मुह में छोड़ दिया | मैं सुस्त पड़ गयी पर रिषभ ने अपना लंड जैसे ही मीनू की चूत में डाला वो चीख उठी | निकाल फट गयी मेरी चूत ! पर रिषभ घोड़े की तरह चोद रहा था और कुछ देर बाद वो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म करने लगी | मेरे पति ने भी मेरी गांड मारना चालु कर दिया था पर मैं शोर नहीं कर सकती थी | आधे घंटे तक ये चला और हम दोनों फिर से झड़ गए | फिर मैंने सोचा अब ये हो गया है तो क्या फायदा और हम दोनों नीचे आ गए |

सुबह मेरी नींद खुली तो चिल्लाने की आवाज़ आई | ये क्या किया मेरी बेटी के साथ तुमने ? बताओ अब क्या होगा इसका ? अंकल मैं आज ही इससे शादी करूँगा | रिषभ ये कहके निकला और बाजु में खड़ी शीतल भाभी की आँखे नम थी और उनको देख के मेरा भी दिल दुख गया | बाकि उसकी आदत आपने ऊपर पढ़ ही ली होंगी |

तो दोस्तों सब करो पर अपने माँ के बेपनाह प्यार की इज्ज़त भी करो और किसी गलत लड़की के लिए उसका भरोसा मत तोड़ो |

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टीचर को उनकी बर्थडे पर चोदा https://sexstories.one/teacher-ko-choda-birthday-par/ Tue, 26 Oct 2021 06:26:00 +0000 https://sexstories.one/?p=3145 फिर में रानी के बूब्स को नाईटी के ऊपर से ही धीरे-धीरे दबाने लग गया. रानी धीरे-धीरे आवाज़े निकालने लग गई और सिसकियां देने लग गई.. हम्म ऊऊओ ससस्स और बोलने लगी और ज़ोर से दबाओ.. आज इसका सारा दूध पी जाओ. फिर मैंने रानी की नाइटी ऊतार दी..

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Teacher ko choda xxx kahani – हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राज है… मैंने सोचा कि में भी अपने साथ हुई घटना के बारे में आप लोगों को बताऊँ.. मेरी उम्र 22 साल है और में नागपुर का रहने वाला हूँ. मेरी बॉडी ठीक-ठाक है और लम्बाई 5 फीट 9 इंच है. तो आपको ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये बात 2 साल पहले की है जब में एक स्कूल में पढ़ने जाया करता था. उस स्कूल में 6 लेडी टीचर और 2 मेल टीचर थे. वहां एक मेडम थी.. जिसका नाम रानी नाम था.. वो करीब 30 साल की थी और दिखने में माल थी. दोस्तों जो भी उसे एक बार देख ले.. तो बस देखता ही रह जाये वो 5 फुट 5 इंच की एक सुंदर औरत थी. उसके बूब्स क्या बताऊँ? क्या मस्त थे और गांड के बारे में.. तो कुछ बोल ही नहीं सकता. जब मैंने रानी को पहली बार देखा.. तो मुझे वो बहुत अच्छी लगी.. लेकिन में बहुत ही शर्मिला था.. तो कुछ बोल नहीं पाया.

जब मुझे स्कूल में 1-2 महीने हो गये.. तो सभी मुझसे खुल कर बातें करने लगे. रानी भी मुझसे सबसे ज्यादा खुलकर बातें करती थी.. वो मेरे पास आने की कोशिश करती रहती थी. एक दिन रानी ने मुझे बताया कि उसके पति नागपुर के बाहर जॉब करते है और महीने – दो महीने में एक बार ही घर आते है. रानी और उसकी एक लड़की दोनों ही नागपुर में रहते है. उसकी लड़की करीब 7 साल की है. रानी हमेशा मुझसे अपनी हर एक बात शेयर करती थी और मुझसे एकदम खुलकर बातें करती थी.

एक दिन रानी ने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? में थोड़ा सोच में पड़ गया कि ये क्या पूछ रही है. में थोड़ा शर्माया.. तो रानी बोलने लगी मुझसे क्यों शरमा रहे हो.. तो मैंने नहीं में अपनी गर्दन हिलाई.. तो वो हंसने लगी और बोली झूठ मत बोलो.. तो मैंने कहा सही में मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. तो रानी बोली तुम इतने अच्छे हो तुम्हे कोई मिली नहीं.. फिर मैंने कहा कि नहीं मुझे ये सब पसंद नहीं है.

एक दिन रानी ने मुझे घर बुलाया.. उसकी बेटी का बर्थ-डे था.. तो स्कूल में से सिर्फ़ मुझे ही बुलाया था. तो में शाम के समय रानी के घर गया. मैंने घर जा कर देखा तो वहां सिर्फ़ रानी और उसकी बेटी और रानी की बहन ही थे.. तब मुझे पता चला कि स्कूल में से सिर्फ़ मुझे ही बुलाया है. हम तीनो ने बर्थ-डे मनाया.. उस समय रात के 9 बज रहे थे. फिर रानी ने कहा कि खाना खाकर जाना.. मैंने पहले मना किया लेकिन बाद में रानी के ज्यादा ज़ोर देने पर में मान गया. रानी की बहन के घर में उसके बेटे की तबीयत खराब हो गई तो उसे फोन आया. तो वो करीब 10 बजे बिना खाना खाये ही चली गई.

XXX Kahani – लंड तो लेकर रहूंगी मैं

अब घर में हम ही थे.. फिर करीब 10:45 बजे हमने खाना खाया और खाना खाने के पहले ही रानी की बेटी सो गई थी. हमें पता ही नहीं चला कि खाना खाते-खाते 11:45 हो गये थे. रात ज्यादा होने के कारण मुझे घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलने वाला था.. लेकिन में वहां रुक भी नहीं सकता था.. तो मैंने रानी से जाने के लिए कहा. तो रानी बोली इतनी रात को तुम्हें जाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा.. तुम आज रात यहीं रुक जाओ.. मैंने मना किया लेकिन वो नहीं मानी तो मुझे रुकना पड़ा. फिर खाना होने के बाद में टी.वी देखने लग गया और रानी फ्रेश होने चली गई. में टी.वी देखता रहा.. तो मैंने देखा कि रानी एक नाइटी पहने मेरे पास आ कर बैठ गई.. क्या बताऊँ?

दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया. रानी उस नाइटी में क्या लग रही थी.. तो टी.वी देखते देखते रानी ने मुझे बताया कि उसके पति करीब 4 महीने से घर नहीं आये है और फिर मुझे बोला तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है.. में तो बस उसकी तरफ देखता ही रह गया कि ये क्या पूछ रही है? तो में कुछ बोलता उसके पहले ही रानी ने मेरी पेंट पर अपना हाथ रख दिया.. मुझे थोड़ा डर लग रहा था.

मैंने कभी ऐसा किया नहीं था. वो मुझसे फिर से पूछने लगी.. तो मैंने नहीं कहा तो वो बोली कि मेरे साथ सेक्स करोगे क्या? में तो ये सुनकर पागल ही हो गया.. लेकिन मैंने रानी से बोला कि नहीं ये ग़लत है.. तो वो बोलने लगी कि मैंने करीब एक साल से सेक्स नहीं किया है. उसके पति जब भी आते है.. तो वो अपने ही काम में लगे रहते है.. वो मेरे साथ कुछ करते ही नहीं है. ऐसा बोल कर वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. में बोलता रहा कि ये ग़लत है.. मत करो.. लेकिन वो नहीं मानी. फिर रानी मेरे पास आ कर मेरे होठों को किस करने लगी.. अब में भी उसका साथ देने लग गया. मुझे भी मजा आने लग गया. फिर में रानी के बूब्स को नाईटी के ऊपर से ही धीरे-धीरे दबाने लग गया. रानी धीरे-धीरे आवाज़े निकालने लग गई और सिसकियां देने लग गई.. हम्म ऊऊओ ससस्स और बोलने लगी और ज़ोर से दबाओ.. आज इसका सारा दूध पी जाओ.

फिर मैंने रानी की नाइटी ऊतार दी.. रानी ने नीचे कुछ नहीं पहना था. मैंने पूछा.. तो वो बोलने लगी तुम्हारे लिए ही कुछ नहीं पहना है. दोस्तों मैंने पहली बार किसी औरत को नंगा देखा था. फिर में रानी के बूब्स पर टूट पड़ा और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और एक बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा.. वो अब आवाजें निकालने लगी.. इसका सारा दूध पी लो आज. फिर में अपना एक हाथ रानी की चूत पर रखकर उसकी चूत को सहलाने लगा..

वो बोलने लगी आह्ह्ह्हह इसकी सारी खुजली मिटा दो.. ये आज से तेरी गुलाम है और ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी.. हह एम्म्म ऊऊऊ सस्स. फिर मैंने अपना मुँह रानी की चूत पर रखा और उसे चाटने लगा.. क्या मस्त लग रहा था. फिर रानी मुझे बोलने लगी कि राज अब और मत तड़पाओ.. अपना लंड मेरी चूत मे डाल दो.

Desiporn – शादी भी हुयी और चुदाई भी

फिर मैंने कहा पहले इसे अपने मुँह में लेकर चूसो.. तो वो मेरा 6.5 इंच लंबा लंड और 2.5 इंच मोटा लंड देखकर बोली.. ये तो मेरे पति से ज्यादा मोटा है और चूसने लगी.. क्या बताऊँ? दोस्तों कितना मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपना लंड रानी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.. रानी तड़प रही थी. फिर मैंने एक झटका मारा लेकिन लंड अंदर नहीं गया.. क्योंकि रानी की चूत टाईट थी और बहुत दिनों से रानी ने सेक्स नहीं किया था और उसके पति का इतना मोटा भी नहीं था.

मैंने एक बार फिर से एक झटका मारा.. इस बार लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर चला गया और रानी के मुँह से आवाज़े आने लगी.. वो चिल्ला उठी.. आआह्ह्ह्ह उसे दर्द हो रहा था. फिर मैंने एक और जोर का झटका दिया और मेरा 6.5 इंच लंबा लंड रानी की चूत में पूरा अंदर चला गया. वो ज़ोर से चिल्ला उठी.. करीब 40 मिनट बाद में झड़ने वाला था..

मैंने पूछा कहाँ निकालूं. तो रानी बोली अंदर ही छोड़ दो. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में भी चोदा. मैंने रानी से कहा अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.. तो वो मना करने लगी.. फिर मैंने भी उससे ज्यादा जिद नहीं की. उस रात हमने 4 बार सेक्स किया.. उसके बाद हम नंगे ही सोये गये.

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दोस्त की बीवी गैर मर्द की दीवानी https://sexstories.one/dost-ki-biwi-gair-mard-ki-deewani/ Sun, 24 Oct 2021 12:11:43 +0000 https://sexstories.one/?p=3110 अब भाभी ने उसके लंड को कसकर पकड़ा और कहा कि सिर्फ़ पेटीकोट ही उतारना, उसने अब अपना अंडरवियर भी उतारा और पूरा नंगा हो गया। अब वो उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी, इस बीच उसने भाभी की मेक्सी को और पेटीकोट दोनों ऊपर उठाए....

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Dost Ki Biwi Gair Mard Ki Deewani मेरा नाम सन्नी है। मेरा एक दोस्त है जिसका नाम आकाश है और वो सरकारी विभाग में एक अच्छे पद पर है। मेरा उसके घर पर हमेशा आना जाना रहता है और उसकी बीवी का नाम दीपा है। उसकी उम्र लगभग 40, एकदम दूध जैसी गोरी है। वो दिखने में सुंदर, सुशील, एकदम सीधी है और किसी को भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वो औरत एक नंबर की चुदक्कड़ है। में उसे भाभी कह कर बुलाता हूँ और वो मेरे साथ बहुत खुलकर रहती है, फिर भी मुझे एक दिन भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगा कि इस औरत ने कई लोगो के लंड से जी भरकर खेला है।

एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि तू तेरे दोस्त आकाश के घर पर ज़्यादा मत जाया कर तो मैंने पूछा कि ऐसा क्यों? तब उसने मुझे बताया कि उसकी औरत बहुत चालू है और अब तक कई लोगो ने उसे ठोका है और उनमे से ऐसे लोग भी है जो बुरा काम करते है जैसे कि गुंडे और बदमाश के साथ उसके गलत संबध है और वो चुदाई के लिए कुछ भी कर सकती है। दोस्तों मुझे उसकी इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ, लेकिन अब मेरे मन में एक शक सा पैदा हुआ और मैंने उससे पूछा कि तुम यह सब कुछ कैसे जानते हो? तो उसने मुझे बताया कि में कई बार उसे चुदते हुए और कई बार उसकी खिड़की के बाहर से रात भर यह सब कुछ देख चुका हूँ और उसे नये नये लड़को को पटाकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है और अगर तुझे विश्वास नहीं है तो उसका पति जब भी अपने घर से बाहर जाता है तो तू देखना उसके घर पर कोई ना कोई नया आदमी रहता है और वो उससे जमकर चुदवाती है और उसे भी मज़ा देती है और वो मुझसे इतना कहकर वो चला गया।

दोस्तों उसकी यह बात सुनकर मुझे भी कुछ कुछ याद आने लगा कि जब भी में उनके घर पर जाता था तो उसके मोबाईल पर बहुत बार कॉल आते थे और भाभी उससे बाद में बात करती हूँ यह कहकर काट देती थी और कई बार जब हम बाहर बैठकर बातें करती थी तो उसकी नज़र हमेशा बाहर आने जाने वाले पर टिकी रहती और कई बार वो मेरी तरफ देखकर भी मुझे कुछ इशारे करती थी। उस वक़्त में उन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था, लेकिन अब मेरे दोस्त की बातें सुनकर मुझे भाभी पर शक़ हुआ और अब मैंने कैसे भी करके मेरे शक़ को दूर करने की ठान ली और सही मौके का इंतजार करने लगा। एक दिन ऐसा मौका आ गया। मुझे पता चला कि आकाश अपने यूनियन के काम से दो दिन के लिए बैंगलोर जा रहा है। में उस दिन शाम को करीब 7 बजे उसके घर पर चला गया।

आकाश उस वक़्त घर पर था और जाने की तैयारी कर रहा था। उसकी गाड़ी 8.00 बजे थी और हमे बातें करते करते 7.30 बज गये थे। उतने में आकाश के ऑफिस से कुछ दोस्त आए और आकाश को अपने साथ लेकर चले गये। फिर में और भाभी दोनों बातें करते रहे कि तभी मैंने गौर किया कि कुछ देर बाद भाभी का फोन बजा और भाभी ने फोन उठाया और फिर दूसरे कमरे के अंदर जाकर उन्होंने आहिस्ते से बात करनी शुरू कर दी। मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर सुना कि में कुछ देर में अपको फोन करूँगी तैयार रहना और वो फोन काटकर फिर उसी जगह आकर मेरे पास आकर बैठ गई जहाँ पर पहले वो बैठी हुई थी।

वो अब मुझसे इधर उधर की बातें करने लगी, लेकिन में समझ गया कि यह मुझे जल्द से जल्द यहाँ से भगाना चाहती है और इसलिए में भी उनसे भाभी में अब जाता हूँ कहकर वहां से रवाना होने का नाटक करके थोड़ा दूर रुककर उसके घर की तरफ नज़र रखने लगा और जैसे ही वो अंदर गई तो में जल्द से जाकर उनके घर के पीछे की खड़की के पास जाकर बैठकर अंदर देखने लगा। तभी मुझे फोन पर बात करने की आवाज़ सुनाई दी और मैंने उसे किसी से बातें करते हुए सुना, वो कह रही थी जल्दी आ जाओ में तुम्हारा ही इंतजार कर रही हूँ।

तभी उधर से किसी से कुछ कहने पर वो फिर से बोली कि ज़रा इधर उधर नज़र डालकर आना वैसे तो इस समय सभी लोग अपने घर पर ही रहते है और हमारे आस पास में कोई भी नहीं रहता है। फिर वो उधर से और कुछ सुनकर बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना में बाहर खड़ी रहती हूँ जब में अंदर आ जाऊं तो तुम घर में आ जाना और उन्होंने ठीक है कहकर फोन रख दिया और बाथरूम जाकर फ्रेश होकर बेडरूम में जाकर एक नीले रंग की चूड़ीदार सलवार पहनकर तैयार होकर बाहर आकर अब उसका इंतजार करने लगी। फिर कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक हट्टाकट्टा सा आदमी उसके घर के सामने रुककर इधर उधर देख रहा है, लेकिन बाहर अंधेरा बहुत था इसलिए मुझे उसका चेहरा ठीक से दिखाई नहीं दिया और देखते ही देखते वो भाभी का इशारा पाकर अंदर चला आया और भाभी ने बाहर आकर दरवाजे के पास रुककर इधर उधर देखकर दरवाजे को लगाया और अंदर चली आई में तुरंत उनकी खिड़की के पास जाकर उसके आगे का नजारा देखना लगा। वो आदमी देखने में एकदम काला सांड जैसा था, लेकिन बहुत हट्टाकट्टा था। उसे देखते ही लगता था कि वो कोई गुंडे किस्म का इंसान है और मैंने अब तक उसे अपने शहर में कभी नहीं देखा था और भाभी उसके सामने वाली सीट पर बैठ गई।

फिर उसने कहा कि क्या मेडम घर तो बहुत अच्छा सज़ा रखा है बिल्कुल आपकी तरह एकदम सुंदर तो भाभी ने कहा कि धन्यवाद। तो उस बात पर उसने कहा कि इसमे धन्यवाद की क्या बात है? आप तो वैसे ही बहुत सुंदर हो तो भाभी ने कहा कि आप मेरी बिना वजह तारीफ कर रही हो। फिर उसने अपने साथ लाए हुए बेग से एक छोटी सी पुड़िया निकली और भाभी के हाथ में देते हुए कहा कि हमारे मिलन की खुशी में आपको मेरा पहला तोफा। भाभी ने कहा कि इसकी क्या ज़रूरत थी? वैसे भी तो आपके मेरे ऊपर बहुत सारे अहसान है, आपने मुझे जब भी में कहती हूँ पैसे दिए है और में आपकी वो उधारी चुकाने की कोशिश कर रही हूँ। यह बात कहकर वो उठकर अंदर चली गई और अंदर से एक विस्की की बॉटल और एक ग्लास और साथ में कुछ स्नेक्स लेकर आई और उसके सामने वाली टेबल पर रख दिए।

यह सब देखकर उसने बोला कि क्या जल्दी भेजने का प्लान है क्या? अभी तो में आया हूँ। इस पर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं आप ग़लत मत समझना, मुझे तो आपका यहाँ पर आना बहुत अच्छा लगा रहा है और आपका जब जी करेगा तब चले जाना। मुझे दिल से कोई ऐतराज़ नहीं है। अब उसने कहा कि आप इतना दूर क्यों बैठी हो? थोड़ा नज़दीक बैठो ना। फिर भाभी उठकर उसके पास दीवान पर बैठ गई, तब उसने विस्की की बॉटल को खोला और एक पेग बना दिया और भाभी से कहा कि आप भी लो ना। फिर भाभी ने कहा कि मुझे इसकी आदत नहीं है, तो उसने कहा कि मेरे खातिर एक सीप लो ना प्लीज, में तुम्हारा झूठा पीना चाहता हूँ। तो भाभी ने उस ग्लास को मुहं से लगाकर एक सीप लिया और फिर उसे पीने को कहा। उसने एक ही झटके में पूरा ग्लास खाली कर दिया। फिर भाभी ने और एक पेग बनाया और खुद ने एक सीप लगाई और उसे दे दिया। उसने अब आहिस्ते आहिस्ते पीना शुरू कर दिया और कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा।

sex story ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा

फिर उसने भाभी से कहा कि इतने दिन हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती थी, लेकिन आज तुमने मुझे अकेले में मिलने का मौका दिया, क्यों तुम खुश हो ना मेडम? तो भाभी ने कहा कि मौका मैंने नहीं दिया बल्कि आपने खुद बनाया है, में इसकी अहसान मंद हूँ और में भी चाहती थी एक ऐसा इंसान जो मुझे केवल देखकर ही मेरे शौक पूरे करवाता रहे और मुझे खुश रखता रहे। में ऐसे आदमी को एक बार मेरे साथ खुलकर रहने का मौका नहीं दे दूँ तो मेरे जैसी मतलबी इंसान कोई नहीं होगी। तब उसने धन्यवाद मेडम कहा। तो यह बात सुनकर भाभी बोली कि मुझे मेडम मत कहा करो, मुझे मेरे नाम से पुकारा करो ठीक है। फिर उसने कहा कि ठीक है दीपा और फिर इस बीच उसने वो पेग भी खाली कर दिया था और भाभी से कहा कि आखरी टाईम तुमने साड़ी लेने के लिए पैसे लिए थे ना तो साड़ी ली क्या?

फिर भाभी ने कहा कि हाँ अरे वो तो में बातों ही बातों में आपको दिखना ही भूल गई, में अभी दिखाती हूँ और हाँ बोलकर वो बेडरूम में चली गई और साड़ी लेकर आ गई। उसके हाथ में देकर पूछा कि कैसी है? वो साड़ी एक नीली रंग की थी और उस पर छोटी छोटी डिज़ाईन थी और वो दिखने में बहुत महंगी थी। वो साड़ी देखकर बोला कि बहुत अच्छी है और तुम पर खूब जमेगी और जब तुम इसे पहनोगी तो बिल्कुल परी जैसी लगोगी। तब भाभी ने कहा कि अच्छा तो में इसे पहनकर अभी आती हूँ। मैंने इसे अभी तक नहीं पहनी थी और सोचा था कि जब हम पहली बार मिलेंगे तब में इसे पहनूंगी, यह कहकर वो उठाने लगी। तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ा और उसे अपने सामने बैठाकर उससे कहा कि तुम अगर बुरा ना मनोगी तो में एक बात कहूँ? तो भाभी ने कहा कि मुझे आपकी कोई बात बुरी नहीं लगती है, कहो ना। तब उसने कहा कि तुम बहुत सुंदर हो और मैंने पहली बार जब आपको देखा था तो आपके बहुत नज़दीक आने की ठान ली थी। मुझे आपको देखकर ना जाने क्या हो जाता है? में आपसे बहुत प्यार करता हूँ प्लीज ना मत करना।

तब भाभी बोली कि में सच कहूँ तो में अपने पति को बहुत चाहती हूँ और मैंने उनके अलावा आज तक किसी और को नहीं देखा, लेकिन मुझे जो भी पति से नहीं मिला वो आपने मुझे दे दिया। इससे में कुछ परेशानी में हूँ कि में हाँ कहूँ या ना, लेकिन एक बात है आप मुझे पसंद हो बस और कुछ नहीं। तब उसने कहा कि बस इतना बहुत है मेरे लिए, लेकिन क्या में तुमसे हाँ सुनकर ही रहूँगा। तब भाभी बोली कि में भी चाहती हूँ, लेकिन मेरी मजबूरी है कि में शादीशुदा हूँ और अगर किसी को पता चला तो मेरी और मेरे परिवार की बहुत बदनामी होगी। फिर वो बोला कि में किसी को खबर नहीं होने दूँगा और जब तुम कहोगी तब ही आपसे मिलूँगा, कोई ज़बरदस्ती नहीं करूँगा, अब तो बोलो प्लीज़। तभी भाभी ने कहा कि मुझे सोचने दो, लेकिन अब नहीं अभी में आपकी बहुत सेवा करना चाहती हूँ क्यों ठीक है? तब उसने कहा की ठीक है जैसी आपकी मर्ज़ी, लेकिन क्या मेरी एक बात तो मनोगी? तो भाभी ने पूछा कि कहो कौन सी बात? तब उसने कहा कि जो यह साड़ी है, में इस साड़ी को तुम्हे मेरे हाथों से पहनाना चाहता हूँ?

अब भाभी बोली कि मुझे बहुत शर्म आती है, तभी उसने कहा कि क्या तुम मेरे लिए इतना भी नहीं करोगी? तो भाभी ने कहा कि ठीक है, लेकिन सिर्फ साड़ी ही बाकी सब में पहनूंगी। फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठकर अंदर चली गई। उससे कहा कि तुम इधर ही बैठना में बाकी सब पहनकर आती हूँ और यह कहकर वो बेडरूम में चली गई और थोड़ी देर में भाभी नीले कलर का ब्लाउज और उसी कलर का पेटीकोट पहनकर उसके सामने आकर खड़ी हो गई और वो भाभी को देखता ही रहा। यह देखकर भाभी ने कहा कि जल्दी से मुझे साड़ी पहनाओ मुझे अब बहुत शर्म आ रही है और फिर उसने साड़ी उठाई तो भाभी ने उसके एक पल्लू को अपने पेटीकोट में घुसाकर गोल गोल घूमने लगी और इस बीच उसने दो तीन बार भाभी के जिस्म को छूकर महसूस किया, लेकिन भाभी ने इसका कोई विरोध ना करते देख पूरी साड़ी पहनाने के बाद उसने भाभी के दोनों कंधो पर हाथ रखकर भाभी को दीवार के सहारे चिपकाकर खड़ा करके देखने लगा। भाभी बोली कि क्यों घूर रहे हो, क्या कभी कोई औरत नहीं देखी?

Bangla porn ঘুমের ভিতরে বোনের কচি গুদ মারার গল্প

फिर उसने कहा कि हाँ देखी जरुर है, लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं, तुम बहुत सुंदर लग रही हो और अब भाभी मुस्कुराकर अपना मुहं नीचे करके खड़ी हो गई। फिर उसने धीरे से भाभी के कंधो से हाथ नीचे सरकाते हुए भाभी की कमर तक लाकर धीरे से कमर को पकड़कर धीरे से दबाया और भाभी के मुहं से आहह्ह्ह उह्ह्ह्हह् की आवाज़ निकली और भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो उसने कहा कि में एक सुंदर औरत को जी भरकर देख रहा हूँ, क्या तुम्हे कोई ऐतराज़ है? अब भाभी ने कहा कि नहीं और फिर उसने भाभी को उठाया और दीवाना पर लाकर लेटा दिया। भाभी एकदम सीधा लेट गई और उसके आगे की हरक़त का इंतज़ार करने लगी और अब उन्हें देखकर लगता था कि भाभी जल्द से जल्द उससे चुदवाना चाहती थी, लेकिन नाटक कर रही थी और इस बीच वो भाभी के पास आकर लेट गया और लेटे लेटे ही उसने एक और पेग बनाया और भाभी से उसे पीने को कहा तो भाभी बैठ गयी और ग्लास पकड़कर एक सीप पीकर उसे दे दिया और फिर से उसी पोज़िशन में लेट गई और तब उसे भी अंदाजा लग गया कि यह भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ।

फिर उसने वो सारी विस्की एक ही बार में खाली कर दी और ग्लास को टेबल पर रखकर भाभी के साथ लेट गया और भाभी से पूछा कि मेरे साथ सोकर तुम्हे कैसा लग रहा है? तो भाभी बोली कि मैंने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि में तुम्हारे साथ ऐसे अकेले में एक बिस्तर पर सो जाउंगी, लेकिन जो कुछ भी हो रहा है मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा है और तुमने मुझे इतना प्यार किया कि में अब पागल हो रही हूँ। तब उसने धीरे से भाभी का पेट सहलाया और कहा कि में तुम्हारी मर्ज़ी के बगैर कुछ भी नहीं करूँगा, क्योंकि मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो। फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि में तुम्हारी इसी बात के ऊपर फिदा हो गई हूँ।

फिर उसने धीरे से भाभी का पल्लू थोड़ा साईड में किया और भाभी से कहा कि में तुम्हे किस करना चाहता हूँ तो भाभी ने कहा कि हाँ मेरा भी मन कर रहा है, लेकिन में मजबूर हूँ क्योंकि में एक शादीशुदा औरत हूँ, अगर मैंने ऐसा किया तो यह बिल्कुल ग़लत होगा। तब उसने कहा कि कुछ भी गलत नहीं होगा, जो कुछ भी होगा हम दोनों के बीच होगा और यहाँ पर तो कोई भी नहीं है। अब भाभी ने कहा कि लेकिन फिर भी मुझे बहुत शरम आ रही है और अब उसने भाभी को अपनी गोद में उठाया और सीधे दीवार पर सेट किया और कहा कि ठीक है अगर तुम्हे शर्म आ रही है तो एक काम करो। तुम यह साड़ी निकालो में तुम्हे उसी पोज़िशन में देखन चाहता हूँ। तो भाभी ने कहा कि आप ही ने पहनाई थी तो आप ही उतार दो। उसने ठीक है कहा और भाभी की साड़ी की गाँठ को खोल दिया और भाभी की साड़ी को उससे अलग कर दिया। अब भाभी पेटीकोट और ब्लाउज में थी और उसने भाभी को अपनी बाहों में ले लिया और ज़ोर से कसकर पकड़ा और अब भाभी के मुहं से आह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्ह बस आईईईइ बस में उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ पागल हो जाउंगी।

अब उसने भाभी से पूछा कि कैसा लग रहा है? भाभी ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है और कसकर पकड़ो तब उसने भाभी को और कसकर पकड़ा और भाभी से कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान और फिर भाभी के मुहं से निकला हाँ बस मुझे ऐसे ही प्यार करना। भाभी के मुहं से यह बात सुनकर उसका जोश और भी बड़ गया और उसने भाभी से पूछा कि क्या तुम मेरे साथ एक बार फिर से बेड पर आ सकती हो? भाभी ने कहा कि क्यों नहीं? आज में आपकी एक बात भी नहीं ठुकराउंगी, तो यह बात सुनकर उसकी हिम्मत दुगनी हो गई और उसने अपनी पेंट और शर्ट को उतार दिया। अब भाभी ने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो? तब उसने कहा कि तुम्हे गर्मी चाहिए और अगर में कपड़े पहनूं तो कैसे गरम होगी? भाभी ने कहा कि मेरे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है तुम क्या करना चाहते हो?

फिर वो बेड पर आकर लेट गई और वो भी भाभी के पास में आकर लेट गया और भाभी की कमर को पकड़कर आगे खींच लिया और कहा कि तुम बहुत सुंदर हो इतना ही नहीं तुम्हारा फिगर भी बहुत तगड़ा है। अब भाभी ने कहा कि आप भी बहुत हट्टेकट्टे हो और मुझे पहली बार ऐसा लग रहा है कि में किसी असली मर्द के साथ बिस्तर पर हूँ और भाभी ने उसे कसकर पकड़कर कहा कि तुम मुझे किस करना चाहते हो ना, लो तुम्हारी इच्छा पूरी कर लो, यह कहकर भाभी ने भी उसे कसकर पकड़ा और होंठो पर किस करने लगी। तो उसने भी भाभी को और कसकर पकड़ा ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और इस बीच उसने भाभी के सारे बदन को कपड़ो के ऊपर से सूंघ लिया और भाभी की नंगी गर्दन को और पेट को मसलने लगा और भाभी की गांड को कपड़ो के ऊपर से दबाता रहा था और अब भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज के ऊपर से खड़े होकर बाहर आने को तड़प रहे थे और इस तरह 10-15 मिनट किस करने के बाद भाभी ने कहा कि अब टाईम बहुत हो रहा है।

फिर उसने कहा कि क्यों तुम इतना जल्दी मुझे भेजना चाहती हो? भाभी ने कहा कि अरे नहीं मेरे राजा, में तो खाना खाने की बात कर रही थी। फिर उसने कहा कि नहीं अभी मेरा खाना खाने का मूड नहीं है, मुझे ऐसा लग रहा है कि में बस तुम्हे ऐसे ही किस करता रहूँ। भाभी ने कहा कि अरे बाबा खाना भी खा लो, फिर हम वापिस करेंगे। तब उसने टाइम देखा और कहा कि अभी तो सिर्फ़ 9.45 हुये है और हम 10.30 बजे खाना खाएँगे, क्यों ठीक है? भाभी ने कहा कि ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, लेकिन मुझे एक बार बाहर देखकर आने दो और फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठ गई और बेडरूम जाकर अपने ऊपर मेक्सी डालकर दरवाजा खोलकर बाहर गई और कुछ देर खड़े रहकर देखा कि आस पड़ोस में कोई नहीं दिखा तो वो अंदर चली आई और उससे कहा कि अब कोई चिंता नहीं है, तुम रात भर मेरे साथ रुक सकते हो, यह बात कहकर वो अब उसके पास में आकर लेट गई। उसने भाभी से कहा कि तुम पहले जब लेटी थी तब मेक्सी नहीं थी, भाभी ने कहा कि वो मुझे पता है और बात यह कहते हुए भाभी अपनी मेक्सी उतार रही थी। तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ाकर कहा कि तुम इतना कष्ट क्यों ले रही हो? में हूँ ना कहकर उसने धीरे से कहा कि इसे अब रहने दो में इसके बदले तुम्हारा पेटीकोट उतार देता हूँ।

फिर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं प्लीज मुझे शर्म आती है। उसने कहा कि तुम्हे शर्म आती है, लेकिन तुम उतारना चाहती हो ना? भाभी ने कुछ नहीं बोला और अपनी आखों से इशारा किया कि हाँ तो उसने भाभी का हाथ अपने अंडरवियर पर रखकर कहा कि तुम इसे छू लो तुम्हारी सब शर्म दूर हो जाएगी। दोस्तों पहले तो भाभी ने मना किया, लेकिन फिर भाभी ने धीरे से अपना हाथ उस पर रखा और कहा कि अरे बाप रे यह क्या है? तो उसने कहा कि इसे लंड कहते है तो भाभी ने कहा कि वो तो मुझे भी मालूम है, लेकिन इतना बड़ा और फिर कहा कि प्लीज मुझे कुछ मत करना।

अब भाभी ने उसके लंड को कसकर पकड़ा और कहा कि सिर्फ़ पेटीकोट ही उतारना, उसने अब अपना अंडरवियर भी उतारा और पूरा नंगा हो गया। अब वो उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी, इस बीच उसने भाभी की मेक्सी को और पेटीकोट दोनों ऊपर उठाए और ज़ोर ज़ोर से भाभी की जांघे मसलने लगा और फिर भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और एक ही झटके में भाभी का पेटीकोट अलग करके फेंक दिया और उसकी जांघो को पागलों की तरह चाटता रहा चूमता रहा।

अब ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार करने के बाद भाभी बोली कि अरे बस नीचे ही करते रहोगे या ऊपर भी करोगे। फिर वो ऊपर आ गया और उसने भाभी के बूब्स को ज़ोर दबाया भाभी अहहहहह चिल्लाई और कहने लगी कि हाँ बहुत मज़ा आ रहा है। अब उसने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और भाभी ने उसे निकालकर फेंक दिया और फिर उसने एक बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और दूसरे को दोनों हाथों से दबाने लगा और भाभी उसका लंड चूसने लगी। वो लंड चूसने का तरीका देखाकर हैरान होकर बोला तुम लंड चूसने ने माहिर हो या तुम्हे ऐसा लंड कभी भी नहीं मिला?

तो भाभी बोली कि हाँ तुम सच कह रहे हो मेरे राजा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, बस अब रुका नहीं जाता, अब में पूरी तरह से तुम्हारी हो गई हूँ, अब में आपको नहीं रोकूंगी कहकर उन्होंने अपनी दोनों जांघे चौड़ी कर दी और कहा कि अब और मत तड़पाओ जल्दी से एक धक्का मारो प्लीज़। फिर उससे भाभी की चूत में दो उँगलियाँ घुसा दी और ऊपर से चूत को चाटने लगा। इसी तरह 5-10 मिनट चलाने के बाद उसने भाभी के दोनों पैरों को और भी चौड़ा किया और अपने लंड को भाभी की चूत पर सेट किया और दबाने लगा। फिर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहह्ह्ह्हह सीईईईईई क्या मर्द का लंड है आईईए अब रूको मत, जल्दी से अपनी गाड़ी चलाओ।

फिर उसने पहले दो चार झटके हल्के से लगाए और थोड़ी देर बाद उसने रफ्तार पकड़ ली और धन धना धन चोदने लगा। भाभी उसका अपनी गांड उठा उठाकर साथ दे रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहहाह ऊओ उफुफूफूफुफ अहहहह्ह्ह्ह वाह कितना तगड़ा है रे तुम्हारा यह लंड, मेरी बहुत दिन की तमन्ना थी तेरे जैसे लंड से चुदने की और वो भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगता रहा और कहने लगा कि तू भी तो मस्त माल है लगता है कि तुझे जमकर चोदूं। फिर इस तरह 10-12 मिनट धक्के मारने के बाद उसने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ। तो भाभी ने कहा कि कोई समस्या नहीं है, अंदर ही डाल दो तो उसने सारा वीर्य भाभी के अंदर ही छोड़ दिया और वो भाभी के पास में लेट गया।

फिर भाभी ने कहा कि में तैयार हूँ जितना चाहे चोद लो और अब भाभी उठी और उसका लंड मुहं में लेकर थोड़ी देर चूसकर उसे साफ कर दिया और फिर उसने धीरे से भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की गांड को सूंघने लगा और थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड निकाला और भाभी की गांड पर सेट किया और हल्के से एक धक्का मारा तो उसका लंड अंदर नहीं गया। फिर भाभी ने अपनी गांड को और भी चौड़ा कर दिया और उससे कहा कि अब धक्का मारो। तो उसने फिर से अपना लंड सेट किया और धीरे से धक्का दिया तो उसका आधा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहहहह आईईईईई की चीख निकली।

फिर उसने भाभी को धक्का देना शुरू कर दिया और भाभी भी अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसका साथ देने लगी और यह सब देखकर उसने बोला कि तू गांड मरवाने में एक्सपर्ट है और भाभी मुहं से अचानक निकला पड़ा कि बहुत दिन के बाद ऐसा तगड़ा लंड मिला है। तो वो मन में हंसा और उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया। करीब 15-20 मिनट में उसने भाभी के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और दोनों एक दूसरे को लिपटकर सो गये। थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद भाभी ने कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो मुझे तुमसे चुदवाना अच्छा लग रहा है।

यह बात हुए भाभी ने उसे एक किस किया और अब उसके लंड को मसलने लगी। तो उसने कहा कि तुम भी मस्त माल हो बहुत मज़ा देती हो में चाहता हूँ कि रोज़ तुम्हारी चुदाई करता रहूँ। अब भाभी ने कहा कि में भी चाहती हूँ, लेकिन में मजबूर हूँ, लेकिन एक बात कहती हूँ इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा में तुम्हे ज़रूर बुलाउगी मेरे राजा।उसने भाभी को चार बार आगे से और दो बार पीछे से चोदा।

इस तरह उन दोनों ने रात भर चुदाई की और बहुत मज़े किए ।।

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