Hindi porn stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindi-porn-stories/ Hindipornstories.org Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 रिक्शावाले ने चोदा बारिश में.. https://sexstories.one/rikshawale-ne-choda-baarish-me/ Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3326 मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड...

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Rikshawale Ne Choda Barish Me – हेलो दोस्तों. अपने लंड को हाथ में पकड़कर ये सेक्सी चुदाई वाली कहानी पढीये. मज़ा आएगा… मेरा नाम कोमल है. मैं २५ साल की पंजाबन लड़की हूँ और दिल्ली में कॉलेज में पढ़ रही हूँ. मेरा फिगर ३७-२८-३९ है और ऊंचाई ८ फुट ९ इंच है. मेरी आँखें और बाल काले हैं और मैं बहुत गोरी हूँ.. नाक पतली और छोटी, ठुड्डी राउंड है और फेस डायमंड शेप का है.. होंठ पतले हैं और चेहरा भरा हुआ है.. बात अभी कुछ दिन पहले की है.. जुलाई का महीना था और बारिश हलकी-फुलकी हो रही थी.. मैं अपने घर के रूम में बिस्तर पर बैठी अपने फ़ोन में सेक्सी वीडियोस देख रही थी.. अचानक मेरे फ्रेंड का फोन आया, जो की अपने मायके गयी हुई थी..

पायल – हेलो कोमल!

मैं – हाय पायल! कैसी है और कब आ रही है वापस?

पायल – अरे यार.. यहाँ बस स्टैंड पर कड़ी हूँ.. मुझे पुलिस स्टेशन में काम है अर्जेंट और मेरे पास काफी सामान है.. तू आजा.. साथ में डिनर करके चलेंगे फिर मार्केट से…

मैं – ओके! अभी आती हूँ.. सब ठीक तो है ना?

पायल – मेरा फ़ोन चोरी हो गया है, मुझे FIR करनी है अभी…

मैं – फिर चोरी हो गया? तू करती क्या है? बड़ी लापरवाह है… और FIR बाद में कर लेना.

पायल – अरे यार.. अभी ट्रैक हो जाये तो अच्छा है.. बाद में कोई कुछ नहीं करता…

मैं – ओके डार्लिंग.. डोंट वरी… मैं आती हूँ..

फिर मैं तैयार हुई जल्दी में, बिना ब्रा के ही, एक येलो टॉप और ब्लू जीन्स में.. घर से बाहर रिक्शा पकड़ा जो की ऊपर से खुला था..

ध्यान ही नहीं रहा की बारिश हुई तो सब भीग जायेगा.. बस स्टैंड करीब १० मिनट की दूरी पर था, और जो रास्ता है, वो काफी सुनसान सा है… रास्ते में जो डर था, वही हुआ.. बारिश शुरू ो गयी.. और मैं भीगने लगी.. खैर, इतनी तेज़ बारिश नहीं थी, इसलिए मैंने रिक्शा नहीं रुकवाया..

पर कुछ ही सेकंड में बहुत तेज़ बारिश होने लगी.. मैंने रिक्शावाले को साइड में पेड़ के निचे रुकने को कहा.. मैं जल्दी से रिक्शा से कूदकर पेड़ के निचे भागी.. रिक्शावाले को मैंने पैसे भी नहीं दिए थे.. इसलिए वो रुक गया और अपनी सीट पर ही बैठे-बैठे घूरने लगा…

रिक्शावाला – मैडम थोड़ी ही दूर है.. वह जाकर खड़ी हो जाना..

मैं – अरे.. दिख नहीं रहा भैया? मैं भीग गयी हूँ…! एक तो छत नहीं है तुम्हारे रिक्शे में, ऊपर से भीगा दोगे?

रिक्शावाला मुझे घुरे जा रहा था.. अचानक मुझे ध्यान आया!

हे भगवान्!!! मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे दोनों चुचे साफ़ चमक रहे है… टी-शर्ट गीली थी तो अंदर का सब दिख रहा था.. एकदम क्लियर!

ऊपर से बारिश की ठंडी बूंदे , जिनकी वजह से मेरे निप्पल्स कड़क हो गए थे.. रिक्शावाले ने रिक्शा साइड में लगाया और मेरे पास आकर खड़ा हो गया..

मुझे जैसे ही ध्यान आया, मैंने अपने हाथ फोल्ड कर लिए और निचे सर करके खड़ी हो गयी… स्लीवलेस टी-शर्ट पहनी थी, जिससे मेरे हांथों में हलकी हलकी ठण्ड लग रही थी.. जिससे मैं कांपने लगी.. मैं फ़ोन पर पोर्न देखने के बारे में सोचने लगी.. और मेरे दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे.. इतने में पायल का फ़ोन आय गया..

पायल – कहा है तू इशिका? मैं वेट कर रही हूँ…

मैं – अरे यार.. रिक्शा से आ रही थी और रिक्शे में छत ही नहीं है.. पेड़ के निचे कड़ी हु अभी..

पायल – अरे यार…

मैं – तू बाद में करवा लेना FIR , फ़ोन तो मिलेगा नहीं अब.. सिम इशू करवाने के लिए ही तो चाहिए होगी…

पायल – क्या पता मिल जाए…

मैं – अच्छा ठीक है.. बारिश कम होते ही आ रही हूँ..

मैं फ़ोन पर बात करते टाइम अपने हाथ निचे कर चुकी थी.. जिससे की रिक्शावाले को खूब मज़ा आ रहा था..

वो मेरे साइड में खड़ा होकर मेरे चुचे देख रहा था.. फिर वो बात करने की कोशिश करने लगा..

रिक्शावाला – मैडम, मौसम तो बढ़िया हो गया अब..

मैंने सोचा की ठीक है, बातें करुँगी तो यही रहेगा.. भागेगा नहीं.. तो मैं भी बातें करने लगी..

मैं – हाँ भैया.. कम से कम गर्मी तो कम होगी..

रिक्शावाला – पर अप्प लेट हो गयी बारिश में..

मैं – अब क्या करें? किसी का फायदा तो किसी का नुक्सान.. वैसे मुझे बारिश से कोई ख़ास शिकायत नहीं है..

रिक्शावाला – आप उत्तर प्रदेश से हो?

मैं – नहीं.. मैं पंजाब से हूँ.. आप शायद U.P. से हो..

रिक्शावाला मुस्कुराने लगा..

रिक्शावाला – मैडम.. आपका नाम क्या है?

मुझे अजीब लगा के ये क्या चाहता है जो नाम पूछ रहा है..

मैं – नाम का क्या करोगे?

रिक्शावाला – मेरा नाम लखन है.. ऐसे ही पुछा मैडम.. इंट्रोडक्शन के लिए..

मैं – हाँ.. हाँ.. आप तो मुझे पढ़े-लिखे लगते हो..

लखन – हांजी.. मैंने B.A. किया है.. वो तो मजबूरी में रिक्शा चला रहा हूँ..

मैं – ओह!

लखन – आप क्या करती है? मतलब क्या पढ़ रही हैं?

मैं – अरे, जो कॉलेज था न.. जहा आप खड़े थे.. वह पढ़ती हूँ..

लखन – अरे.. याद आया.. मैंने आपको कई बार आते-जाते देखा है..

लखन थोड़ा पास आ गया.. मेरा दिल धड़कने लगा तेज़ी से.. एक तो दिमाग में पोर्न मूवी चल रही थी.. जिसे देखकर मैं ऊँगली कर रही थी.. ऊपर से टी-शर्ट में खड़ी निप्पल्स!!

लखन बड़ा ही हसमुख आदमी था.. मुझसे हाइट में कुछ छोटा था.. पतला सा.. करीब ४५-५० के आस-पास का आगे वाला.. थोड़ी दाढ़ी भी थी उसको.. दो तीन मिनट तक तो वो खुद ही बोलता रहा… मेरे मन में अब लंड घूम रहा था.. मोटा सा लंड.. अपनी चूत में लेने की इच्छा हो रही थी.. फिर मेरे दिमाग में आया की क्यों न मैं लखन की साथ ही कुछ शरारत करू…?

मैंने अपने दोनों हाथ कमर पर रख लिए और फिर एक हाथ से टी-शर्ट की बाहर की तरफ खींचा.. खींचते ही टी-शर्ट से चिपके हुए मेरे मोठे चुचे अलग हो गए.. लखन बड़े ध्यान से देख रहा था..

उसका मुंह मेरे ही तरफ था शुरू से..

मैं – अच्छा तो आप मुझे देखते क्यों थे?

लखन – अरे मैडम.. इतनी खूबसूरत हो तो नज़र तो टिकेगी ही.. मैं अकेला थोड़े ही हूँ.. आप के कॉलेज के लड़के हो तो….

मैं – तो क्या? बताओ…

लखन – वही तो.. इशारे से पूछते थे के अच्छा लगा…

मैं – ओह! ऐसा है क्या? अच्छा तो फिर आप क्या कहते थे?

लखन – सच ही कहा था मैडम…

मैं – क्या कहते थे?

मैंने अपने आँखें बड़ी की और सीधा लखन की आँखों में बड़े प्यार से देखा..

लखन – यही की बड़ा मज़ा आया..

मैं – हम्म…. देख के मज़ा आता है..

लखन – और नहीं तो क्या मैडम..

मैं – मैडम मत कहो प्लीज.. मेरा नाम इशिका है.. बड़ा अजीब लगता है अपने से बड़े लोगों से मैडम सुनना…

लखन – ठीक है ईशिकाजी..

मैं सोच रही थी.. मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है जब तक लड़की पट नहीं जाती.. पर जब एक बार चोद लेते है तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड में डाल देते हैं…

मुझे ये सोच कर हंसी आ गयी.. के अभी जब इसे चुत दे दूंगी तो फिर जी-वि सब गायब हो जायेगा…

लखन – क्या हुआ इशिकाजी..

मैं – यही सोच रही थी के आपको क्या मज़ा आता होगा..

लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब..

लखन – आपको पता है क्या?

मैं – हाँ.. आजकल तो सब को पता होता है…

और मैं मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर निचे देखने लगी.. मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. लखन का लंड भी पैंट का शेप बिगाड़ रहा था अब..

मैं – आपकी शादी हो गयी होगी…

लखन – हाँ..

अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी.. और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था..

मैं – फिर भी आप जवान लड़कियों को देख कर मज़े लेते हो?

लखन – जितनी टाइट होती है न.. उतना मज़ा आता है देखने में…

और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे बाएं चुचे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो-तीन बार दबा दिया..

मैं – आअह्ह्ह!!! ये क्या कर रहे हो आप?

लखन – ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका.. बेवकूफ समझा है क्या? कब से लाइन दे रही हो तुम..

मैं – मैं तो नार्मल ही बात कर रही थी..

इतने कह मैंने उसे धक्का दिया.. मैं भी मज़े ले रही थी… ताकि मुझे रफ़ ट्रीट करे.. मुझे रफ़ ट्रीटमेंट पसंद है..

लखन – भोस्डीकी, नार्मल बातें.. सभी के लंड भी ले लेती होगी।

फिर तो वो मेरे ऊपर झपटा और मेरे चुचे को दोनों हांथों से पकड़ लिया कस के और भोंपू बजाने लगा.. फिर आटे की तरह गूंथने लगा.. मेरा हाथ उसके हांथों पर था.. मैं रेसिस्ट नहीं कर रही थी.. मेरी चुत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा.. मैं शाम के उजाले में खुले सड़क पर साइड में एक रिक्शावाले से अपने बोबे दबवा रही थी.. ये सोच कर मुझे और जोश आ गया.. अब मैं कराहने लगी..

मैं – स्स्स्सस्स्स्स……

लखन – हे..हे.. आया मज़ा तुझे.. आ गयी न तू लाइन पर..

ये कह कर उसने मेरे चुचो के बीच मुंह रगड़ दिया.. टी-शर्ट के ऊपर से ही…

लखन – पसंद आ रही है साली रंडी?

मैं – ओह! हाँ.. पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो..

लखन – देख लेगा तो क्या? वैसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है.. कोई कुछ नहीं कहता..

मैं – अरे.. पर मैं रंडी थोड़े ही हूँ..

लखन – जो भी हो तू माल तो ग़दर है..

उसने मेरे टी-शर्ट को ऊपर किया और अपना मुंह जितना खोल पाता, खोला और मेरे राइट बोबे पर चिपका दिया.. और खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था की आज तो दूध ही निकल जाएगा.. चूसते-चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर रख के उसे दबा दिए… खूब जानवरों की तरह मेरे चूतड़ मसल रहा था वो…

मैं – प्लीज, साइड में चलो.. मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ.. जो चाहो.. कर लेना… पर उस झाडी के पीछे..

फिर लखन मुझे झाडी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच लिया.. उसका मोटा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था.. उसने मेरी टी-शर्ट निकाल फेकी…

मैं – अरे.. क्या कर रहे हो..? मुझे जाना भी है कही.. गन्दा मत करो..

लखन मेरे बूब्स पर चींटी की तरह मुंह लगाकर चिपका हुआ था.. और ऐसे ही मैं टी-शर्ट उठाने लगी.. फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साइड में रखा.. अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी और मेरे एक बोबे को लखन चूस रहा था और एक लटक रहा था हवा में.. मुझे अंदाजा हो गया की ये बड़ा ठरकी है.. आज तो हज़ामत बनाकर ही दम लेगा.. मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते हैं.. मैंने झट से अपनी जीन्स के बटन खोल दिया और उतारकर साइड में रख दिया.. लखन खड़ा होकर ख़ुशी से देखने लगा..

लखन – अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है..

मैं – तुम तो सारा दिन बोबे ही चूसते रहोगे…

इतने में मैंने झट से पैंटी उतारी और कुतिया बन गयी.. मुझे लगा लखन अपना लंड डालेगा पीछे से.. देसी आदमी वैसे भी सिर्फ चुदाई ही जानते है.. पर वो भूखे शेर की तरह मेरी चूत पर मुंह लगाकर जूस चूसने लगा.. मेरी चीख निकल गयी.. सुननेवाले ने बहूत दूर से सुन ली होगी.. ऐसे चीख थी..

मैं – क्या कर रहे हो…. खा जाओगे क्या?

लखन – इतनी सूंदर चूत है तेरी.. खाना तो पड़ेगा ही.. ऐसे चूत तो सिर्फ विलायती फिल्मो में देखी है..

मैं – तुम्हे पसंद आयी ?

लखन – दिखाता हूँ.. कितनी पसंद आयी..

उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर दिया मेरे चूत पर.. मैं एकदम से उछल गयी…

मैं – आह्ह!!! जानवर हो क्या?

लखन – शेर हूँ.. शेर!

मैं – शेर का तो लंड छोटा होता है.. बड़ा तो सिर्फ गधे का होता है..

और मैं हंस पड़ी.. लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चूका था की मुझे काबू करना आसान है और मैं ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बिठाया गीले पत्तों पर और अपना पैंट उतार दिया.. उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था पर उसके सेहत के हिसाब से काफी ज़्यादा मोटा था..

मैं – वाओ! ये तो काफी मोटा है.. शेर के लिये..

इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और ज़ोर-ज़ोर से चुत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था और मुझे उबकाई आ रही थी.. पर वो चोदे जा रहा था.. उबकाई के वजह से चिपचिपा थूक निकल कर लंड पर लग गया.. जिससे की वो और चिकना हो गया और सर्र-सर्र मुंह में अंदर-बाहर होने लगा.. मैं मुंह साइड में करने की कोशिश कर रही थी पर उसने मुझे बालों से पकड़ा था कसकर.. पर आखिर में मुंह साइड में करने में कामयाब हो गयी मैं.. पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था..

मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोठे लंड से चोद रहा था.. गाल लग रहा था के फट ही जायेगा.. पर कम से कम, उबकाई तो नहीं आ रही थी अब.. उसने खूब मुंह चोदा ३-५ मिनट तक.. फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुतिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड दाल दिया..

Chudai kahani गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती

लखन – साली रांड! कितनो से चुदवा चुकी है? चूत तो खुली है तेरी पर टाइट है काफी..

मैं – आह्ह्ह्हह…. बस मेरे बॉयफ्रेंड ने चोदा है अब तक..

लखन – मेरा लंड कैसा लगा तुझे?

मैं – मज़ेदार… आअह्हह्ह्ह्ह… है काफी… काफी एक्सपीरियंस वाला लंड है तुम्हारा. पर थोड़ा.. और लम्बा होता तो गहरा उतर जाताआआआ…..

लखन – गहरे का क्या है.. अभी ये देख..

लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था, लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा है.. इतना मज़ा आ रहा था के क्या बताऊँ.. मैं वह पड़े-पड़े मज़े ले रही थी.. इतने में फ़ोन बज पड़ा…

पायल – कहा है तू इशिका?

मैं – आअह्ह्ह… यही… हु…..

पायल – बारिश तो कब की बंद हुई है.. कब आएगी?

मैं – अरे.. बससससस…. निकलल…. रही हूँ..

लखन – भोसड़ीकी, कौन है.. जो चुदाई में बाधा डाल रही है…

मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे ऊपर लगभग लेट ही गया और चोदने लगा..

पायल – अरे यार.. तेरे चक्कर में कब से कड़ी हूँ.. जल्दी आ अब तू…

मैं – बस.. पहुँच… रही… हु…. उईईईईई!!!!

पायल – ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ?

लखन धीरे से मज़े लेते हुए कहने लगा… चुत पिलवा रही है तेरे रंडी सहेली..

मैं – उम्मम्मम्म… रोड… पर…. गधे…. हैं…. यार… काफी…… उईईई! रिक्शावाले! धीरे करो… ना…. उईईईईई.. माँ!!!!

पायल – गधी! कौनसे रस्ते से आ रही है तू? खैर.. जल्दी आ…

मैं – ओके!

मैं – फूउ…. बच गयी…

लखन अब खुद तेज़ झटके माँ रहा था.. उसने अपने दोनों हथेली मेरी पीठ पर राखी थी और धकाधक चोदे जा रहा था मेरी चूत पीछे से… उसके झटके बहुत तेज़ हो रहे थे… मैं समझ गयी, इसका माल निकलने वाला है.. मैं एकदम से आगे हुई और उसका मोटा लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था इसलिए बाहर आते ही, लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा…

लखन – माँ की लौड़ी.. आनेवाला है.. क्या कर रही है?

मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड मेरे बोबों के बीच फसाकर आगे-पीछे घिसने लगा.. थोड़ी देर में उसके मोटे लंड की पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबों पर बिखर गयी.. मैंने मज़े लेकर उसका माल ऊँगली से छाता.. वो मेरे ऊपर ही लेट गया और लिपट गया मुझसे..

मैं – ले लिए मज़े अब तो..

लखन – अभी कहाँ? अभी तो असली काम बाकी है..

मैं – वो क्या?

लखन – मैं तेरी मोटी गांड पर फ़िदा हूँ.. वो लेनी है..

मैं – ओह! नो!! नहीं.. प्लीज़ अभी नहीं.. अभी मुझे जाना पड़ेगा.. मैं बाद में मिलूंगी कभी तो.. तब वो भी कर लेना …

लखन – चल ठीक है.. कहाँ भागेगी अब तू तो मेरी रंडी है..

मैं – हां.. हां..

फिर मैं उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ़ करवाया.. फिर अपने आपको साफ़ किया लखन की चड्डी से और कपडे पहने.. फिर मैं बाहर आयी झाडी से तो देखा के रोड के दूसरी तरफ से एक ऑटो आ रहा था..

ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया पर ऑटो कुछ आगे जाके रुका.. लखन पेशाब कर के मेरे पीछे से निकला और रिक्शा पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पायी थी..

लखन – चलो मैडम…

मैं – ओह.. रुको.. मेरी दोस्त यहाँ है..

लखन – चलो.. तो फिर अपना नंबर तो बता दो..

मैंने उसका नंबर लिया और अपना नंबर उसे दे दिया.. और फिर रिक्शा में बैठ कर उसी साइड चल दी जहा से आयी थी.. वैसे भी लखन को बीएस वापस जाना था वहीँ.. आगे मैं ऑटो के पास उत्तरी और ऑटो में बैठने लगी..

पायल – अरे.. पैसे तो दे दे बेचारे को..

मैं सोच रही थी की चूत और मुंह तो दे ही दिया है.. पैसे भी दू ऊपर से..

लखन – अरे नहीं.. मैडम का खाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूंगा जब दिखेंगी..

पायल – ओके!

और हम दोनों चल दी..

पायल ने रास्ते में कहा – मुझे पता है किस खाते की बात हो रही है..

मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.. के इसे कैसे पता?

फिर हॉस्टल पहुँचने पर उसने बताया की तुझे जो झटके लग रहे थे वो चुदाई के ही हो सकते थे क्योंकि तू तो पेड़ के नीचे थी जहा तूने कहा था.. मैंने आँख मारी और कहा की क्या करू.. करना पड़ता है चूत के लिए..

आशा है आप सबको ये सेक्सी स्टोरी पसंद आयी होगी।

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पति के पास चोदने का वक्त ही नहीं था https://sexstories.one/gair-mard-se-chudai-karwai/ Mon, 06 Sep 2021 09:42:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4247 रजत अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे थे तो मैंने रजत को कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे रजत ने मुझे कहा कि ठीक है मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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रजत अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे थे तो मैंने रजत को कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे रजत ने मुझे कहा कि ठीक है मैं कल तुम्हें जाने से पहले पैसे दे दूंगा। अगले दिन सुबह जब रजत गए तो उन्होंने मुझे जाने से पहले पैसे दे दिए थे रजत और मेरी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं रजत और मेरा शादीशुदा जीवन अच्छे से चल रहा है। रजत ने हमेशा ही मुझे खुश रखने की कोशिश की है उन्होंने मुझे कभी किसी चीज की कोई कमी महसूस नहीं होने दी रजत और मैं एक दूसरे से जब भी बात करते हैं तो हमें बहुत ही अच्छा लगता। रजत कुछ दिनों के लिए घर से बाहर थे इसलिए मैं अपने आपको काफी अकेला महसूस कर रही थी वह अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर जाते रहते थे। मैंने उस दिन सोचा कि मैं क्यों ना अपनी दोस्त सुमन के घर चली जाऊं और फिर मैं अपनी सहेली सुमन से मिलने के लिए चली गई। सुमन हमारे घर के पास ही रहती है और काफी दिनों बाद मैं सुमन से मिलने के लिए गई थी।

उस वक्त करीब 11:00 बज रहे थे मैं अपने घर का सारा काम कर के सुमन से मिलने के लिए गई और जब मैं सुमन के घर पहुंची तो सुमन घर पर ही थी सुमन ने मुझे देखते ही कहा कि राधिका तुम कितने दिनों बाद मुझसे मिलने के लिए आ रही हो। मैंने सुमन को कहा कि हां सुमन मैं तुमसे काफी दिनों बाद मिल रही हूं। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे कि तभी मैंने देखा कि सुमन के घर पर कोई मेहमान भी आए हुए थे सुमन ने मुझे बताया कि वह उसके चाचा जी हैं सुमन ने मुझे अपने चाचा जी से मिलवाया। थोड़ी देर हम उनके साथ ही बैठे रहे और सुमन रसोई में चाय बनाने के लिए चली गई थी। सुमन चाय लेकर आई और हम लोग साथ में बैठे हुए थे तो सुमन के चाचा जी भी अब चाय पीकर रूम में चले गए। सुमन ने मुझे बताया कि उसके चचेरे भाई का सिलेक्शन हुआ है और वह कुछ दिनों के लिए हमारे साथ ही रहने वाला है लेकिन उस वक्त वह घर पर नहीं था क्योंकि वह अपने ऑफिस गया हुआ था।

Mastram chudai – तमन्ना कॉलेज की

सुमन ने मुझे बताया कि उसके चाचा जी कल रोहतक चले जाएंगे सुमन और मैं काफी देर तक साथ में बैठे रहे करीब दोपहर के 1:00 बज रहे थे तो मैंने सुमन से कहा कि मैं अब चलती हूं और मैं अपने घर चली आई। मैं जब घर आई तो उस वक्त मुझे रजत का फोन आया और रजत के साथ मैं फोन पर बात करने लगी रजत के साथ मैंने फोन पर काफी देर तक बात की। मैंने रजत से कहा कि आप वापस कब लौट रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मैं बस दो दिनों बाद वापस लौट आऊंगा। उसके बाद मैं भी खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी क्योंकि बच्चे भी थोड़ी देर बाद स्कूल से आने वाले थे। मैंने खाना बनाया ही था कि बच्चे भी घर पहुंच चुके थे बच्चे घर पहुंचते ही शरारत करने लगे मेरी सासू मां मुझे आवाज देते हुए कहने लगी कि राधिका बेटा जरा इन बच्चों को देखना। वह मेरी सासू मां को काफी ज्यादा परेशान कर रहे थे इसलिए मैं उन्हें उनके कमरे से बाहर ले आई और फिर उन्हें मैंने खाना खिलाया।

खाना खाने के बाद वह लोग कुछ देर आराम करने लगे फिर शाम के वक्त मैं उन्हें छोड़ने के लिए ट्यूशन चली गई मेरे दोनों ही बच्चे पड़ोस में ट्यूशन पढ़ने के लिए जाते हैं। मैं उन्हें लेने के लिए करीब 6:00 बजे गई, जब मैं उन्हें लेकर घर आ रही थी तो सुमन से मैंने कुछ देर बात की और फिर मैं अपने घर लौट आई। रजत भी दो दिन बाद वापस लौट आए थे रजत उस दिन घर पर ही थे तो मैंने रजत को कहा कि क्या आज आप ऑफिस नहीं जा रहे हैं तो रजत ने मुझे बताया कि नहीं आज वह ऑफिस नहीं जा रहे हैं। मैं और रजत एक दूसरे से बात कर रहे थे तो रजत ने मुझे कहा कि राधिका तुम मेरे लिए चाय बना देना मैंने रजत के लिए चाय बनाई। रजत अखबार पढ़ने में इतने व्यस्त थे कि वह मेरी तरफ देख ही नहीं रहे थे और उन्होंने जब अखबार पढ़ कर एक किनारे रखा तो मैंने रजत को कहा कि क्या आज हम लोग साथ में समय बिता सकते हैं? रजत कहने लगे क्यों नहीं। काफी समय बाद रजत मुझे और बच्चों को शॉपिंग कराने के लिए ले गए थे मुझे याद है करीब 6 महीने पहले हम लोग साथ में शॉपिंग करने के लिए गए थे।

उस दिन जब हम लोग साथ में थे तो हमें काफी अच्छा लगा बच्चे भी काफी खुश थे और जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त शाम हो चुकी थी शाम के करीब 7:00 बज रहे थे और हम लोग घर लौट आये थे। मैं रसोई में खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी मैं खाना बनाकर करीब एक घंटे बाद फ्री हुई और 9:00 बजे के आसपास हम लोगों ने डिनर कर लिया था हम लोगों ने डिनर किया। रजत कहने लगे कि राधिका मुझे कल जल्दी ऑफिस जाना है मैंने रजत को कहा कि कल आप कितने बजे तक हो ऑफिस जाएंगे तो रजत कहने लगे कि मैं कल सुबह 8:00 बजे ही घर से निकल जाऊंगा। मैंने रजत से कहा ठीक है मैं आपके लिए सुबह नाश्ता बना दूंगी और अब रजत और मैं सो चुके थे। उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरे अंदर एक अलग ही बेचैनी सी हो रही थी। मैंने रजत को कहा कि मुझे आज आपके साथ सेक्स करना है तो रजत मुझे कहने लगे राधिका आज मेरा बिल्कुल भी मन नहीं है मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर सकता। उस रात रजत ने मेरी तड़प अधूरा ही रखी जो कि मैं अगले दिन पूरा करवाने के लिए सुमन के घर चली गई। जब मैं सुमन के घर पर गई तो मैंने देखा कि उस दिन उसका चचेरा भाई संजय भी घर पर ही था संजय से मैं पहली बार ही मिली थी मुझे नहीं पता था कि संजय से मैं अपनी चूत की खुजली को मिटा दूंगी।

संजय को मैंने अपने बदन के मायाजाल में पूरी तरीके से फंसा लिया था और संजय मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुका था। मैंने उसे उस दिन अपने घर पर बुलाया वह भी घर पर आ गया वह घर पर आया तो संजय के लंड को मैं अपनी चूत में लेना चाहती थी मेरी सासू मां अपने कमरे में सो रही थी अब संजय और मैं ही मेरे रूम में थे हम दोनों बेडरूम में थे। मैंने संजय से कहा तुम अपने लंड को तो दिखाओ संजय ने मुझे अपने लंड को दिखाया। संजय का मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने हाथ में ले लिया जब मैंने उसे अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैं संजय के लंड को बड़े अच्छे तरीके से अपने हाथों में लेकर हिला रही थी और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था लेकिन अब मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी। मैंने उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे तब तक मैं चूसती रही जब तक संजय के लंड से मैंने पानी बाहर नहीं निकाल दिया। संजय पूरी तरीके से तड़पने लगा था और उसकी तड़प को मैंने इतना अधिक बढ़ा दिया था कि वह जल्दी से मेरी चूत मारने के लिए तैयार हो चुका था।

मैंने भी अपने बदन से कपड़े उतार दिए और जब मैंने अपने बदन के कपड़े उतारे तो उसने मेरी तरफ देखा और कहने लगा मैं आपकी चूत मारने के लिए तैयार हूं। मेरी चूत भी उसके मोटे लंड को लेने के लिए बेताब हो रही थी मैंने उसके सामने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया जब उसने मेरी चूत की तरफ देखा तो उसने मेरी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसाया और काफी देर तक उसे वह अंदर बाहर करता रहा उसकी उंगली जब मेरी चूत के अंदर जा रही थी तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि किसी का मोटा लंड मेरी चूत में जा रहा हो। उसने जब मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो मुझे और भी अधिक मज़ा आने लगा मुझे इतना अधिक मज़ा आने लगा था कि मैं उसके मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए बड़ी बेताब थी।

Desi Incest – सहेली के भाई की साथ घर पर चुदाई

उसने भी मेरी चूत पर अपने लंड को सटाया और धीरे धीरे अंदर की तरफ डलाना शुरू किया जैसे ही उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही मजा आया मैंने अपनी चूतडो को थोड़ा सा ऊपर उठाया तो उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर तक चला गया था अब मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था। वह मुझे बड़ी तीव्रता से चोद रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका मोटा लंड मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। यह पहला ही मौका था जब मैंने किसी गैर पुरुष के साथ संभोग किया था इससे पहले रजत ने ही मेरी चूत मारी थी और रजत ने ही मेरी इच्छा को पूरा किया था लेकिन अब मुझे संजय के साथ अपनी चूत मरवाने में मजा आ रहा था। संजय जिस प्रकार से मुझे धक्के देता उस से मेरी गर्मी में भी बढ़ोतरी होती जा रही थी और मेरी सिसकारी इतनी अधिक बढ़ने लगी थी कि संजय कहने लगा कि कहीं आपकी सासू मां ना सुन ले।

मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम मुझे धक्के देते रहो। अब वह लगातार मुझे बड़े अच्छे से चोद रहा था और काफी देर तक उसने मेरी चूत का आनंद लिया लेकिन जब मुझे एहसास होने लगा कि मैं झड़ने वाली हूं तो मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडना शुरू किया जब मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। अब मेरी चूत कुछ ज्यादा ही टाइट हो गई थी इसलिए वह मुझे कहने लगा आपकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट हो चुकी है। मैंने उसे कहा कि तुम अपने माल को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दो तो उसने भी अपने माल को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। जब उसने अपने माल को गिराया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा उस दिन संजय से अपनी चूत मरवाकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और वह भी बड़ा खुश था।

उसके बाद भी जब मेरा मन होता तो मैं उसे बुला लिया करती और वह मेरी इच्छा को पूरा कर दिया करता मेरे लिए तो बहुत ही अच्छी बात थी कि मै उसके साथ संभोग कर पाती थी क्योंकि रजत तो अक्सर अपने काम से थक जाते थे और उनके पास मुझे चोदने का वक्त ही नहीं होता था।

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ऑफिस में काम करने वाले दोस्त की बहन https://sexstories.one/dost-ke-bhen-ki-chut-chodi/ Mon, 15 Feb 2021 11:05:04 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%91%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8/ मेरा नाम सार्थक है में 26 वर्ष का मुंबई का रहने वाला हूं। मैं एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता हूं और मुझे इस कंपनी में काम करते हुए एक वर्ष से ऊपर हो चुका ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम सार्थक है में 26 वर्ष का मुंबई का रहने वाला हूं। मैं एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता हूं और मुझे इस कंपनी में काम करते हुए एक वर्ष से ऊपर हो चुका है और इस एक वर्ष में हमारे ऑफिस में कई लोग आए है और कई लोग छोड़कर भी चले गए लेकिन मैं अपना काम अच्छे से करता हूं इसलिए मुझे किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई। bhen ki chut

मेरे बॉस भी मुझसे बहुत खुश रहते हैं, मेरे ऑफिस में मेरा एक दोस्त रोहन है। bhen ki chut

मैं रोहन को इसी ऑफिस में मिला था और रोहन से अब मेरी बहुत अच्छी बातचीत हो चुकी है,  रोहन और मेरे बीच बहुत अच्छी दोस्ती है। एक दिन जब रोहन और मैं ऑफिस में ही थे तो रोहन ने आकर मुझे कहा कि तुम थोड़ी देर के लिए मेरे साथ बाहर चल सकते हो, मैंने उसे कहा कि क्या तुम्हे कुछ काम है, वह कहने लगा हां कुछ जरूरी काम है इसलिए मुझे तुमसे बात करनी है। जब हम लोग बाहर गए तो उसकी बहन बाहर हमारा इंतजार कर रही थी।

मैं रोहन की बहन से पहली बार ही मिला था.. bhen ki chut

रोहन मुझे कहने लगा कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है, मैं अपनी सैलरी आते ही तुम्हे पैसे लौटा दूंगा। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हें पैसे दे देता हूं क्योंकि वह पैसे सरिता को चाहिए थे, उसे अपनी कॉलेज की फीस भरनी थी। मैंने सरिता को पैसे दे दिए और उस दिन रोहन ने मेरा परिचय सरिता से करवाया। यह हमारी पहली मुलाकात थी। पहली मुलाकात से ही मुझे सरिता अच्छी लगने लगी लेकिन मैं यह बात रोहन से नहीं कह सकता था।

हम दोनों ऑफिस में साथ में ही काम किया करते थे। bhen ki chut

एक दिन जब मैं अपने घर लौट रहा था तो उस वक्त मुझे सरिता बस स्टॉप पर दिखी। मैंने अपनी बाइक रोकी और उसे कहा कि तुम कहां जा रही हो, वह कहने लगी कि मैं अपने घर जा रही थी लेकिन मैं अपनी किसी सहेली का यहां पर वेट कर रही हूं,  वह अभी तक नहीं आई इसीलिए मैं सोच रही हूं की अब घर चली जाऊं। मैंने सरिता से कहा कि मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं, मैंने सरिता को उसके घर छोड़ दिया और उस दिन मैंने सरिता का नंबर भी ले लिया था।

रास्ते में हम लोग बात कर रहे थे कि क्या तुमने फीस जमा कर दी, वह कहने लगी हां मैंने फीस जमा कर दी है और अब हमारे कुछ समय बाद एग्जाम भी होने वाले हैं। मेरी सरिता के साथ बहुत अच्छी बातचीत हो गई थी और उससे बात करना भी मुझे अच्छा लगता था। मैंने एक दिन सरिता को फोन पर मैसेज भेज दिया और उसने भी मुझे रिप्लाई कर दिया,  फिर हम दोनों बातें करने लगे थे।

सरिता भी अपने कॉलेज की फोटूऐं मुझे भेज दिया करती थी। bhen ki chut

मैं उसे कहता कि तुम बहुत ही सुंदर हो और बहुत अच्छी लगती हो। धीरे-धीरे हम दोनों के बीच बातें होने लगी थी लेकिन यह बात रोहन को नहीं पता थी और ना ही मैं चाहता था कि यह बात रोहन को पता चले इसलिए मैंने कभी भी रोहन से इस बारे में बात नहीं की और ना ही सरिता ने रोहन को कभी हमारे बारे में कुछ बताया। मुझे जब भी समय मिलता तो मैं सरिता के साथ ही घूमने चला जाता था और हम दोनों कई बार मूवी देखने चले जाते थे। मुझे सरिता के साथ समय बिताना भी अच्छा लगता था और सरिता को भी मेरे साथ में समय बिताना बहुत पसंद है।

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सरिता एक दिन मुझसे कहने लगी कि यदि हम दोनों के बारे में भैया को पता चलेगा तो वह हम दोनों के बारे में क्या सोचेंगे, मैंने उसे कहा कि यह तुम बिलकुल सही बोल रही हो क्योंकि रोहन मेरा बहुत अच्छा दोस्त है यदि उसे हम दोनों के बारे में पता चलेगा तो वह हम दोनों के बारे में गलत सोचेगा, इसलिए हमें रोहन को इस बारे में सब कुछ बता देना चाहिए। सरिता कहने लगी मैं तो अपने भैया से इस बारे में बात नही कर सकती परंतु आप यदि भैया से बात कर लो तो अच्छा रहेगा। मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं रोहन को अपने और सरिता के बारे में बता दू।

एक दिन मैं और रोहन कैंटीन में बैठे हुए थे। bhen ki chut

मैंने रोहन से कहा कि मुझे सरिता अच्छी लगती है और हम दोनों ही एक दूसरे को पसंद करते हैं। रोहन ने मुझसे कहा कि मुझे मालूम है कि तुम एक अच्छे लड़के हो और यदि तुम्हारा और सरिता का रिश्ता हो जाता है तो मुझे बहुत खुशी होगी।

रोहन मुझसे कहने लगा कि मैं इस बारे में अपने घर पर भी बात करूंगा। मैंने रोहन को कहा कि अभी हमें कुछ समय चाहिए, उसके बाद ही हम लोग इस रिश्ते के लिए आगे बात कर सकते हैं क्योंकि अभी सरिता कॉलेज में पढ़ रही है और जब उसका कॉलेज पूरा हो जाएगा उसके बाद ही मैं इस बारे में अपने घर पर बात कर सकता हूं। रोहन कहने लगा ठीक है जैसा तुम्हें उचित लगता है।

रोहन को भी हम दोनों के रिश्ते से बिल्कुल भी ऐतराज नहीं था और जब यह बात मैंने सरिता को बताई तो वह बहुत खुश हो गई और कहने लगी कि मुझे तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि भैया को हम दोनों के रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं होगी, मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं भैया मुझे ही गलत ना समझे लेकिन मैंने सरिता से कहा कि रोहन एक बहुत ही अच्छा लड़का है और वह बहुत समझदार भी है, उसे अच्छे और बुरे की सब समझ है। मैं रोहन को काफी समय से जानता हूं इसीलिए उसे भी हम दोनों के रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है और वह भी मुझे बहुत अच्छे से जानता है।

हम दोनों के रिलेशन से रोहन को बिल्कुल भी कोई आपत्ति नहीं थी। bhen ki chut

हम दोनों को ही जब भी समय मिलता तो हम दोनों साथ में मिल लिया करते थे। मुझे भी बहुत अच्छा लगता था जब मैं सरिता से मिलता था। एक दिन सरिता और मैं साथ में बैठे हुए थे।

उस दिन सरिता बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी मैंने उसे आज तक कभी भी छुआ नहीं था। मैंने उसका हाथ पकड़ा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और वह भी बहुत खुश हो गई। मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरु कर दिया वह भी समझ चुकी थी कि मेरा मूड आज उसे चोदने का है इसीलिए वह मुझे कहने लगी कि हम लोग कहीं बाहर चलते हैं। मैंने उसे कहा कि आज हम लोग किसी होटल में चलते हैं और वहीं पर रुकेंगे।

मै सारिता को होटल में लेकर गया। bhen ki chut

जब मैंने उसके कपड़ों को उतारा तो मुझे उसका यौवन देख कर बड़ा अच्छा लगने लगा और मैं काफी देर तक उसके स्तनों को चूसता रहा। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए सरिता के मुंह में डाल दिया और उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया और बहुत अच्छे से सकिंग करने लगी। उसके बाद मैंने उसकी योनि को चाटा उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था मैं उसके पानी को अपने अंदर ही ले लेता।

कुछ देर बाद मैंने जैसे ही उसकी योनि पर अपने लंड को टच किया तो वह मचलने लगी और मैंने जैसे ही अपने लंड को धक्का देकर उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो उसकी खून की पिचकारी मेरे लंड पर गिर गई। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और बड़ी तेज गति से उसे धक्के देने लगा। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है।

मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही धक्के मारे उसके बाद मैंने उसे उठाते हुए अपने ऊपर लेटा दिया। bhen ki chut

जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्लाने लगी और अपने मुंह से मादक आवाज निकालने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह अपन चूतडो को हिला रही थी। मैंने उसे बड़ी तेज तेज धक्के मारे जिससे कि उसका पूरा शरीर गर्म होने लगा और मुझे भी बड़ा आनंद आने लगा। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि सरिता का शरीर इतना मस्त है।

मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और वह भी अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाए जा रही थी लेकिन कुछ समय बाद ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गिर गया। अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद उसने घर पर कुछ बहाना बना दिया और मैंने रात भर सरिता को बड़े अच्छे से चोदा।

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भाभी की चूत की आग को चोद कर बुझाया https://sexstories.one/sarla-bhabhi-ki-chut-chudai/ Fri, 12 Feb 2021 05:36:04 +0000 https://sexstories.one/?p=2693 मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. उनका नाम सरला है। वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. उनका नाम सरला है। वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा तो था ही.. पर शायद उसका हथियार भी छोटा था। इसीलिए भाभी संतुष्ट नहीं हो पाती थी और दूसरे लण्ड की तलाश में रहती। sarla bhabhi

मेरी जवानी उसे पसंद आ गई और मैं भी सेक्स की चाहत के कारण उसके जाल में आ गया।

उसने मुझे एक रात पेट दर्द के बहाने बुलाया.. मैं दवा लेकर पहुँचा.. उसे दवा दी और उसके कहने पर कुछ देर रुका रहा।

Sarla Bhabhi ki Chut Chodi Maine!

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो अचानक वो उठी और उसने मुझे किस कर लिया और बोली- देवर जी.. क्या दवा दी है कि रोग ही ठीक हो गया। मैंने तुझे बदले में जो इनाम दिया.. कहीं तुझे बुरा तो नहीं लगा?

मैंने कहा- नहीं भाभी जान.. बिल्कुल नहीं.. sarla bhabhi

उसका मन बढ़ गया और उसने कहा- तब तो देवर राजा और कुछ दूँगी तो बुरा नहीं मानोगे ना?

मैंने कहा- नहीं.. बिल्कुल नहीं..

उसने मुझे कुछ देर सहलाया जो मुझे बहुत अच्छा लगा। सहलाते-सहलाते उसने मेरी जिप खोलकर अंडरवियर के अन्दर हाथ डाला और मेरा हथियार निकाल लिया।

मुझे यह बहुत अच्छा लगा.. पर वह इसे देख कर आश्चर्य भरी निगाहों से देख रही थी।

उसने कहा- जानू.. इतना बड़ा..! ये तो तेरे भाई के लौड़े से दुगना बड़ा है.. उनका तो किसी पतली गाजर के जैसा छोटा और पतला है.. क्या मैं इसे भी चूस लूँ?

मैं भी जोश में आ गया था.. सो उसके दूध दबाते हुए बोला- भाभी जान.. अभी ये तेरी अमानत है.. इसे जो भी उपहार देना है.. दे दो।

Bhabhi ke kaha chodo mujhe!

वो मेरा लण्ड चूसने लगी.. मुझे और अधिक जोश आ गया और मैंने उसकी साड़ी खोल कर कहा- मैं भी तेरे सामान को चुम्मी करना चाहता हूँ।

तो बोली- करो न.. किसने रोका है। sarla bhabhi

अब हम दोनों 69 के जैसे हो गए.. उसने अपना पेटीकोट और ब्लाऊज़.. ब्रा, पैन्टी सब उतार दिया।

विपरीत 69 के कारण हम दोनों एक-दूसरे का सामान चूसने लगे। लौड़ा चूसते-चूसते उसने मेरा माल निकाल दिया और पी गई।

मैं भी कहाँ मानने वाला था। मैंने भी उसकी बुर चूस कर उसे झाड़ दिया और सारा रस जीभ से चाट गया।

इतने में उसने कहा- राजा.. अब मेरी बुर को चोदो.. मैं तेरा लण्ड चूसकर खड़ा किए देती हूँ।

यह कह कर वो मेरा मुरझाया लण्ड फिर से चूसने लगी और कुछ देर चूसने के बाद ही मेरा लण्ड फनफनाने लगा।

मैंने कहा- चल चित्त हो जा.. मेरी रंडी चुदक्कड़ भाभी.. अपने पति के लण्ड से तुझे तृप्ति नहीं मिली ना.. भैन की लौड़ी.. आज बताता हूँ कि कुंवारे लण्ड से बुर का क्या हाल होता है।

उसने कहा- हाय राजा.. यही तो मैं चाहती हूँ.. आज इस हरामजादी बुर को ऐसा मज़ा चखाओ कि यह भोसड़ी हमेशा तेरे ही लण्ड से चुदवाने के लिए तड़पे.. अपने भरतार के लण्ड को हमेशा के लिए भूल जाए.. मेरे पति ने तो कभी मुझे पूरा सुख दिया ही नहीं।

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यह कह कर उसने बिल्कुल रंडी की तरह अपने चूतड़ फैला दिए।

उसे इस हालत में देख मुझे भी ताव आ गया.. sarla bhabhi

मैंने अपने लण्ड को उसकी बुर के ऊपर रखा और धक्का लगा दिया।

लण्ड भीतर नहीं गया बाहर ही फिसल गया.. इस पर वो हंसने लगी और बोली- राजा तुम बिल्कुल अनाड़ी हो.. तुमने आज तक किसी को नहीं चोदा है? लाओ मैं तेरे लण्ड को अपनी बुर के छेद पर लगाती हूँ।

Bhabi ke choot se khoon nikal raha tha!

उसने ऐसा ही किया और मुझे धक्का लगाने को कहा.. मैंने भी एक जोर का धक्का दिया..

मेरा ये धक्का करारा था इसलिए वो चिल्ला उठी और गन्दी गालियां बकने लगी- साले मादरचोद.. खेत समझा है क्या.. कि चाहे जैसे जोत दिया? ओह… आह.. हाय.. ऊह.. आ साले हरामी ने फाड़ दिया रे.. मेरी बुर को फाड़ दिया उई मम्मी.. साले भाभीचोद.. फाड़ दे अपनी गीता रानी की बुर को.. कचूमर निकाल दे इसका.. आह्ह.. मेरे मर्द देवर और जोर से चोद.. भैन के लण्ड.. मुझे तृप्त कर दे.. अब मेरी बुर का दूसरा कोई मालिक नहीं बनेगा.. मेरा गांडू भरतार भी नहीं.. अब तो मैं अपने भरतार के सामने भी तुझसे ही चुदवाऊँगी.. आह्ह.. तब उस साले को पता चलेगा कि मर्द क्या होता है?

इतना सुनकर मैंने और जोर से चुदाई शुरू कर दी।

वो चिल्लाने लगी- हाय.. ओह.. ओह.. sarla bhabhi

मैं अब पूरे जोश में था.. एक हाथ से उसकी चूची मसल रहा था और धकाधक अपने लण्ड को अन्दर-बाहर कर रहा था।

मेरे मुँह से गन्दी-गन्दी गालियाँ निकलने लगीं- साली रंडी.. तेरी बुर ने मेरे लण्ड को फंसा ही लिया.. मादरचोदी.. आज तेरी बुर को भोसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं..

आज तो तेरी बुर की खैर नहीं.. आज तो इतनी बार चोदूँगा कि तेरी बुर फ़ूल कर पावरोटी बन जाए।

उसने कहा- ओह्ह.. हाँ राजा.. जोर से.. और जोर से चोदो.. मेरे दुद्धू को चूसकर उससे दूध निकाल दो..

ऐसी गन्दी बातें करते हुए हमने 30 मिनट तक हचक कर चुदाई की.. फिर मैंने कहा- रानी मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।

इस पर उसने भी कहा- मैं भी झड़ने वाली हूँ.. पर राजा.. तुम अपने लण्ड के फव्वारे से ही मेरी बुर की प्यास बुझाना।

Choot me lund daal maine khoob choda usse

इतना कहते-कहते मेरे लण्ड ने झटका देना चालू कर दिया.. वो अपनी बुर उठा उठा कर मेरे लण्ड का सारा रस अपनी बुर में लेने लगी।

वो मदहोशी में कहे जा रही थी- ओह.. आह.. ओह.. मेरे देवर राजा आज मैं तृप्त हुई.. अब इस बुर के मालिक तुम हो.. इसे चोदते रहना.. आह्ह.. रोज रात को आना.. मैं तुम्हें नए-नए स्टाइल सिखाऊँगी.. तुझे चुदाई का मास्टर बना दूँगी।

मैंने भी कहा- हाँ मेरी गीता रानी.. अब तुम ही मुझे चुदाई का सारा तरीका सिखाओ। अब मुझे तेरी ही बुर चोदनी है पर कंडोम मँगा लेना.. कहीं कोई बच्चा रह गया तो.. अभी तेरी उम्र ही क्या है।

वो बोली- ठीक है.. पर अगर तेरे बच्चे की माँ बन भी गई तो कोई गम नहीं।

लंड को चूत में डालने के लिए ये कहानिया जरूर पढ़े… sarla bhabhi

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বোনের কচি পোঁদ মারার বাংলা চটি গল্প https://sexstories.one/bhai-bon-bangla-choti-golpo/ Wed, 27 Jan 2021 08:24:09 +0000 https://sexstories.one/bhai-bon-bangla-choti-golpo-%e0%a6%ac%e0%a7%8b%e0%a6%a8%e0%a7%87%e0%a6%b0-%e0%a6%95%e0%a6%9a%e0%a6%bf-%e0%a6%aa%e0%a7%8b%e0%a6%81%e0%a6%a6-%e0%a6%ae%e0%a6%be%e0%a6%b0%e0%a6%be%e0%a6%b0-%e0%a6%ac/ Bhai Bon Bangla Choti আমি রবি। bangla choti golpo 2020 ও লেভেল পর্যায়ে আমার খালাতো বোনদের সাথে প্রেম করতাম। vai bon choda chudi golpo সুযোগ পেলে দুজনে চুমো খেতাম, মাই টিপা এমনিকি চুষা পর্যন্ত চলতো। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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Bhai Bon Bangla Choti আমি রবি। bangla choti golpo 2020 ও লেভেল পর্যায়ে আমার খালাতো বোনদের সাথে প্রেম করতাম। vai bon choda chudi golpo সুযোগ পেলে দুজনে চুমো খেতাম, মাই টিপা এমনিকি চুষা পর্যন্ত চলতো।

কৈশর জীবনে স্কুলের গরমের ছুটিতে আমি খালার বাড়িতে যায়। আমি শুধু যায় খালাতো বোনের জন্য। আমার খালাতো বোন নাবিলা। নাবিলার সাথে আমার প্রচন্ড ঝগড়া হতো আর ঠান্ডা হলে আমাকে জড়িয়ে ধরতো।

খালার বাড়িতে আশেপাশে আমার অনেক বন্ধু জোটে। গরম কালে তাদের সাথে খেলার জন্য খালার বাড়িতে চলে যেতাম। ক্লাস নাইনে থাকতে আমি খালার বাড়িত ঘুরতে যায়। খালা খালু দুই দিনের জন্য বাইরে ঘুরতে গেল। আমি বাড়ির কলিংবেল বাঝাতে নাবিলা দরজা খুলে দিল। নাবিলার সেক্সি ফিগার ৩৪ সাইজের মাই ২৮ সাইজের কোমর আর ৩৬ সাইজের পাছা দেখে আমি লোভ সামলাতে পারলাম না।

Bhai Bon Bangla Choti

নাবিলার টাইট সেলোয়ার কামিজ দেখে আমার বাঁড়া বিশাল খাড়া হয়ে গেছিলো, নিজেকে কন্ট্রোল করে আমি বাড়িতে ঢুকে তার সাথে গল্প করতে লাগলাম। খাওয়া দাওয়া করে প্রেম করতে লাগলাম। নাবিলা আমাকে তার সাথে সেক্স করার জন্য আমাকে সম্মতি দিলো।

আমি কোলে নিয়ে নাবিলার রুমে গিয়ে নবিলাকে বেড এ শুইয়ে আমি ওর উপর উঠে চটকাতে লাগলাম। নাবিলার সেলোয়ার কামিজটা পুরো খুলে দিয়ে মাই গুলো চুষতে লাগলাম। নবিলা ব্রা পড়ে ছিল, ওর ব্রা খুলতেই ওর ফর্সা মাই গুলো দেখে আমি ফিদা হয়ে গেলাম। Bhai Bon Bangla Choti

নবিলার মাইগুলো আমি বেশ করে চুষতে লাগলাম আর নবিলা একটু একটু মুখে আওয়াজ করতে লাগলো। হয়তো নবিলার ভালো লাগছিলো। নাবিলার নিপ্পলস গুলো চুষে আমি পুরো খাড়া করে দিয়েছিলাম আর মাই গুলো লাল করে দিয়ে ছিলাম টিপেটিপে। তারপর নন্দিনীর প্যান্টটা খুললাম আমি। Bhai Bon Bangla Choti

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তারপর ওর লাল রঙের প্যান্টিটাও খুলে নাবিলাকে পুরো ল্যাংটো করে দিলাম। নাবিলার গুদে কোনো বাল নেই তাই নাবিলার গুদ চুষতে লাগলাম আর নাবিলার গুদে আঙ্গুল করতে লাগলাম। গুদটা বেশ টাইট হয়ে ছিল দুটো আঙ্গুল কিছুতেই ঢুকছিল না। কিন্তু কিছুক্ষণ গুদ চুষতেই আঙ্গুল ঢুকে গেলো আর নাবিলার গুদ ভিজে গেলো।

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আমি আমার প্যান্ট আর জামা খুলে ল্যাংটো হয়ে গেলাম। পুরো ল্যাংটো হয়ে গেলাম। নাবিলারও অনেক সেক্স চড়ে গেছিলো আর তার গুদও আমার বাঁড়া চাইছিলো। আমায় ল্যাংটো দেখেও কিছু বললো না নাবিলা। নাবিলা আমার বাঁড়ার মাথায় চুমো দিয়ে আমার বাঁড়াটার ছালটা ছিড়ে ফেলতে চাইলো, আমার বাঁড়া পুরো গলা অব্দি নিচ্ছিলো আর বিচিগুলোও চুষছিলো।

আমি নাবিলার গুদ চুষতে থাকলাম। আমি নাবিলাকে ডগি স্টাইল পোজ করিয়ে নাবিলার গুদে আমার বাঁড়াটা ঢোকালাম। নাবিলার গুদ বিশাল টাইট ছিল। আস্তে করে ঢোকালাম বাঁড়াটা নাবিলার গুদে। নাবিলাকে ঠাপ দিতে লাগলাম জোরে জোরে। নাবিলা চিৎকার করতে লাগলো। Bhai Bon Bangla Choti

নাবিলা যত চিৎকার করছে আমি জোরে জোরে নাবিলার গুদ মারছি আর মাই টিপছি। আআহহহ আহহহ আহহহ আহহ আস্তে আস্তে বাবু আস্তে আআহহহ। উফফ স্পনা রে আআহহহ আহহহ উম্মম্ম উম্মম কি মজা করে খাচ্ছিস রে আআহ ভোদা আমার ভিজে উথলো রে আআহহ। এর মধ্যেই নাবিলার গুদের জল ছেড়ে দিলো আমার বাঁড়ার উপর আর আমার বাঁড়াটা স্নান করল নাবিলার মালএ।

jor kore bon ke choda

আমি তারপর নাবিলাকে বললাম আমার বাঁড়া উপর বসে আমাকে চুদতে। নাবিলা আমার বাঁড়াটা নিজের গুদে ঢুকিয়ে ঠাপ দিতে লাগলো। নাবিলা অনেক জোরে জোরে লাফাচ্ছিলো আমার বাড়া উপরে। এরই মধ্যে আম্মার কল এলো। নাবিলা কল কেঁটে দিয়ে আমায় গালি দিতে লাগলো। Bhai Bon Bangla Choti

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আমি রাগ এর চোটে মুখে ওর গালে এক চর মেরে বললাম দাঁড়া তোকে আমি পেয়েছি। তোর পাছা আজ আমি না ফেটেছি তো দেখ। জড়িয়ে ধরে নাবিলার পাছা টিপতে লাগলাম আর নাবিলাকে চুমু দিতে শুরু করলাম। পাছায় এ জোরে জোরে থাপ্পর মারতে লাগলাম। নাবিলা বলে উঠলো -” খুব ব্যাথা লাগছে। ” আমি বললাম লাগার জন্যেই তো মারলাম।

bon er pod mara kahini

মেরে মেরে পাছা লাল করে দিলাম পুরো। আমি চুদার ঠাপ মারতে মারতে নাবিলার গুদে মাল ছেড়ে দিলাম। বাকি মাল গুলো নাবিলার গুদ থেকে বাঁড়া বের করে নাবিলাকে দিয়ে চুষিয়ে নিলাম। bon er pasa choda

ঘন্টা খানেক পর আমি আবার নাবিলার গুদে আবার বাঁড়াটা ঢুকাতেই নাবিলা আমায় বললো -” আর নিতে পারছি না গুদ বেথ্যা হয়ে গেছে। ” আমি ক্রিম নিয়ে আসি। আমি ক্রিম নিয়ে এসে নাবিলাকে বিছানা থেকে তুলে দেওয়ালের সাথে লাগিয়ে পাছার ফুটোয় বেশ করে ক্রিম লাগলাম আর পাছা এর ফুটোতে আঙ্গুলি করতে লাগলাম। Bhai Bon Bangla Choti

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পাছায় দুই আঙ্গুল ঢুকে গেলো নাবিলা চিৎকার করতে লাগলো নাবিলা বেথায় ছটফট করতে লাগল। আমি নাবিলাকে সামনে ঘুরিয়ে বাঁড়া চিষিয়ে আবার পিছন ফিরিয়ে দাঁড় করালাম। নাবিলার পা ফাঁক করে পাছায় বাঁড়াটা ঢুকিয়ে দিলাম। প্রথমে আস্তে আস্তে পাছা মারলাম তারপর আবার ঠাপ এর যত গতি বাড়াতে লাগলাম নাবিলা পাছায় যতই লাগছে লাগছে করে চিৎকার করতে লাগলো।

আমি নাবিলার মাই টিপতে লাগলাম। নাবিলা উম্ম উম্মম কি মজা উম্মম উম্মম তোর দুদ আআহহ্মম্ম আহ্মম্মম আআহহহ উম্মম্ম উম্মম। নাবিলা ও চোখ বন্ধ করে আছে আর আআহ আহহ আহহ করছে। আআহহ মা মা আহাহহ আহহা হহহ আআহহ আহ আআহহ আহহহ বলে নাবিলা বেশি চিৎকার করছিলো। Bhai Bon Bangla Choti

টিতেনস রুগীর মতো মোছরাতে মোছরাতে বেঁকে গেল নাবিলা। যান আমার যান তুমি কী করছ ওহ ওহ ওহ ইসসসসশ আমার সুখে হার্টফেল করলে দায়ী হবে তুমি আআআআআআআআআহ মাঅ গো। নাবিলার পাছার ফুটো বিশাল টাইট তাই আমি আর বেশিক্ষণ ধরে রাখতে পারলাম না। new choti kahini

Bhai Bon Bangla Choti stories

নাবিলার পাছার ভিতরে আমার গরম গরম মাল ফেলে দিলাম। এতো জোরে চোদন দেওয়াতে নাবিলার পাছা থেকে হালকা হালকা রক্ত বেরোচ্ছিল, কিন্তু নাবিলা অনেক ক্লান্ত আর বেথ্যায় কাতরাচ্ছিল তাই উঠে বাথরুম যেতেও পারছিলো না। নাবিলাকে পিল খাওয়ায়ে বাড়ির থেকে বেরিয়ে অনেক রাত পর্যন্ত দুজন এদিক ওদিক ঘুরে বেরালাম। স্বতস্ফুর্ত ভাবে জানালো যে, এরকম মজা সে কোনো দিনও পায়নি। তারপর দুজনে জড়াজড়ি করে ঘুমিয়ে পরলাম। Bhai Bon Bangla Choti

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मेरी पहली चुदाई सेल्स गर्ल के साथ https://sexstories.one/sales-girl-ke-saath-pehli-chudai/ Thu, 31 Dec 2020 16:05:55 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d/ हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम बृजेश है और में भोपाल में रहता हूँ.. मेरी उम्र 20 साल है. अब जो में कहानी आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ.. वो मेरा पहला अनुभव था.. ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम बृजेश है और में भोपाल में रहता हूँ.. मेरी उम्र 20 साल है. अब जो में कहानी आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ.. वो मेरा पहला अनुभव था.. जो कि एक सेल्स गर्ल के साथ हुआ था. अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. ये बात तब की है.. जब मेरी उम्र लगभग 20 साल की थी. sales girl ki chudai

ये गर्मियो के महीने की बात है.. शायद जून या जुलाई की है. sales girl ki chudai

मेरे घर के सभी लोग पापा, मम्मी और छोटा भाई गावं गये हुए थे और घर पर में लगभग 18 दिनों के लिए अकेला था. आप लोगों को एक बात और बताना चाहूँगा कि ये वो टाईम था.. जब मुझे ब्लू फिल्म देखने और सेक्सी कहानी पढ़ने का शौक लगा हुआ था.. तो जैसे ही मेरे घरवाले गावं गये. उसके बाद में 5-6 दिनों से रोजाना ब्लू फिल्म देख रहा था और एक दिन में 3-4 बार मुठ मार लिया करता था. ऐसा करने से मेरे लंड में थोड़ा दर्द होने लगा था. फिर मैंने सोचा कि अब 3-4 दिन कोई मुठ नहीं मारूँगा और मैंने ब्लू फिल्म देखना छोड़कर टी.वी. देखकर टाईम पास करने लगा.

फिर 1-2 दिन ऐसे ही निकल गये.. sales girl ki chudai

तो एक दिन जब में टी.वी. देख रहा था.. तो मुझे घर का गेट लॉक करने की आवाज़ आई.. तो में बाहर देखने के लिए गया.. तो वहां एक लड़की खड़ी थी. उसकी उम्र 23-24 साल के आस पास होगी.. उसका कलर सांवला था और फिगर की तो बात ही छोड़ दो.. क्या फिगर था उसका? उसने एक सफ़ेद कलर का टॉप और जीन्स पहनी हुई थी. में समझ गया था कि वो एक सेल्सगर्ल है..

वैसे तो रोज ही कोई ना कोई कुछ ना कुछ बेचने के लिए हमारी कॉलोनी में आता ही रहता था और अगर कोई सेल्समेन किसी प्रोडक्ट को बेचने आता था.. तो उसे में गेट से ही भगा देता था.. क्योंकि ये लोग फालतू में आकर टाईम खराब करते थे.. लेकिन जब मैंने उस सेल्सगर्ल को देखा तो सोचा कि इससे बात कर लेना चाहिये.

जैसा कि मैंने बताया.. sales girl ki chudai

ये जून या जुलाई का महिना था.. तो गर्मी तो अपनी चरम सीमा पर थी और गर्मी का असर उस सेल्सगर्ल पर भी दिख रहा था.. वो पसीने में भीगी हुई थी और उसका चेहरा देखकर समझ में आ रहा था कि गर्मी में घूमकर उसकी हालत खराब हो गई है.

जब में उसके पास गया.. तो उसने बताया कि वो ब्यूटी प्रोडक्ट्स सेल्स करती है. उसने मुझसे पूछा कि आपके घर में कोई लेडीस है. फिर में नहीं बोला.. अभी सब बाहर गये हुए है.. तो उसने बोला ठीक है और कुछ प्रोडक्ट्स दिखाकर पूछा कि आप कुछ लेना चाहेंगे.. तो मैंने बोला कि में इन्हें लेकर क्या करूँगा? फिर वो अपनी वही स्टाईल आज़माने लगी.. जो कि कोई भी सेल्सगर्ल आजमाती है.. लेकिन वो बात बड़े प्यार से कर रही थी और कहने लगी कि आप इसे किसी को भी गिफ्ट कर सकते है या आपके घर में किसी भी लेडीस को दे सकते है.

Nangi bhabhi

फिर मैंने कहा कि मेरे घर में सिर्फ़ मेरी मम्मी ही अकेली लेडीस है और उन्हें ज्यादा मेकअप का कोई शौक भी नहीं है. वो अब भी धूप में ही खड़ी थी और बार-बार अपने हाथों से अपने माथे का पसीना पोंछ रही थी. फिर उसने कहा इट्स ओके और थोड़ा मुँह लटकाकर जाने लगी.. लेकिन वो रुक गई और बोली कि एक ग्लास पानी मिलेगा. फिर मैंने बोला कि अभी लाता हूँ और में पानी लेने अंदर चला गया.

जब में फ्रिज में से पानी की बोतल निकालने लगा.. sales girl ki chudai

तो मुझे लगा कि उसे अंदर बुला लेता हूँ.. क्योंकि गर्मी इतनी थी कि घर का कूलर चालू होने के बाद भी मुझे भी काफ़ी गर्मी लग रही थी. फिर मैंने सोचा कि उसका क्या हाल हो रहा होगा. फिर मैंने पानी की बोतल और एक ग्लास लिया और हॉल में गया और वही से उसे आवाज़ लगाई कि आप अंदर आ जाइये.. मुझे लगा कि वो मना करेगी.. लेकिन वो मेरी आवाज़ सुनते ही अंदर आने लगी.

जब वो हॉल में आई.. तो मैंने उसे सोफे पर बैठने को कहा और वो थैंक यू बोलकर बैठ गई. फिर मैंने पानी का ग्लास भरा और उसे दे दिया. में आप लोगों को बता दूँ कि में लड़कियों से बात करने में उतना अच्छा नहीं हूँ.. क्योंकि मेरी शुरू से ही कोई भी लड़की फ्रेंड नहीं थी.. शायद इसलिये पानी पीने के बाद उसने ग्लास मुझे दिया और फिर से थैंक यू बोला. मैंने ग्लास लिया और पूछा कि आपका नाम क्या है?

तो उसने उसके गले में जो आई-डी कार्ड लटका हुआ था.. sales girl ki chudai

उसे दिखाते हुए बोली.. सपना और फिर उसने मुझसे मेरा नाम पूछा. फिर मैंने बोला बृजेश.. तो वो बोली कि मेरे कजिन ब्रदर का नाम भी बृजेश है.. तो अब में चलती हूँ. फिर मैंने बोला कि आप चाहो तो थोड़ी देर रुककर आराम कर सकती हो.. लेकिन उसने बोला नहीं थैंक यू और कहने लगी कि आज आपकी पूरी कॉलोनी के सभी घरों में जाना है.

फिर उसने पूछा कि आपकी कॉलोनी में लगभग कितने मकान होंगे? तो मैंने कहा कि यही कुछ 250-300 के आसपास.. तो वो बोली ओह नो.. अभी तो में बस लगभग 100 ही घरों में गई हूँ और 2 भी बज चुके है. फिर मैंने बोला कि आज तो आप पूरे घरो में नहीं जा पाओगी.. तो उसने कहा लगता है कल फिर आना पड़ेगा. फिर मैंने कहा कि अब तो आप थोड़ी देर रुककर आराम कर सकती है और उसके चेहरे पर स्माईल आ गई और वो हँसते हुए कहने लगी..

हाँ अब तो थोड़ा रुक सकती हूँ और वो रुकने को तैयार हो गई. में भी उसके सामने वाले सोफे पर बैठ गया और पूछने लगा कि आप कहाँ से हो.. तो उसने बताया कि वो मध्यप्रदेश से है और यहाँ भोपाल में पिछले 6 महीने से जॉब कर रही है. फिर मैंने पूछा कि आपने कहा तक पढाई की है.. तो उसने बताया कि उसने बी.ए. किया हुआ है.

फिर धीरे-धीरे वो भी मेरे बारे में पूछने लगी और बातों ही बातों में 2:30 बज गये और फिर उसने कहा कि अब में चलती हूँ. फिर मैंने कहा कि ठीक है और वो हँसते हुए बाय कहकर चली गई और में वापस टी.वी. देखने लगा.. शाम के 8 बज गये और में खाने के लिए एक रेस्टोरेंट में गया और वापस 9 बजे तक घर आ गया.. क्योंकि में 2-3 दिनों से रोज टी.वी. देख रहा था और इन दिनों में एक बार भी मुठ नहीं मारी थी.. तो मेरे लंड का दर्द भी चला गया था.

फिर मैंने रात को ब्लू फिल्म देखने का प्लान बनाया और ब्लू फिल्म देखने लगा. sales girl ki chudai

ब्लू फिल्म देखते-देखते मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे चूत की ज़रूरत सताने लगी.. लेकिन में मुठ मारने के अलावा और कर भी क्या सकता था.. तो में मूठ मारने लगा.. लेकिन मुझे एकदम से ही उस सेल्सगर्ल सपना की याद आ गई और में सोचने लगा कि मैंने उसे जाने कैसे दिया.. उसका नंबर तक नहीं लिया. मुझे अपने आप पर थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था.

उस रात मैंने 3 बार उसी सपना को सोच-सोचकर मुठ मारी और ये सोचकर सो गया कि अब कुछ नहीं हो सकता. जब में सुबह उठा.. तो मैंने अपने लिये नाश्ता बनाया और नहा धोकर फिर से टी.वी. देखने लगा. दिन धीरे धीरे कट रहा था.. तभी मुझे गेट की आवाज़ सुनाई दी और में देखने गया. मैंने जैसे ही बाहर देखा.. तो में फूला नहीं समा रहा था.. क्योंकि मेरे सामने फिर से वही सपना खड़ी हुई थी और मुझे देखकर स्माईल कर रही थी और उसने एकदम से पूछा कि में अंदर आ सकती हूँ बृजेश जी. मैंने कहा आइये प्लीज़.. आपको रोका किसने है? वो अंदर आने लगी और मैंने सोचा आज तो कुछ ना कुछ बात आगे बड़ा कर ही रहूँगा.

आज उसने पीले कलर का टॉप और शायद जो जीन्स कल पहनी हुई थी.. वही पहनी थी. लेकिन आज वो कल से भी ज्यादा टाईट लग रही थी.. टाईट से मतलब शायद उसका टॉप कल वाले टॉप से ज्यादा टाईट था.. वो अंदर आ गई और बैठ गई. फिर मैंने कहा कि आज फिर से कैसे? तो वो बोली पहले कम से कम पानी तो पिला दो. उस टाईम ऐसा लगा कि लंड ही पिला देता हूँ. में किचन में गया और पानी लेकर आया और उसे दिया. फिर वो बोली मैंने कहा था ना तुमारी कॉलोनी में कल फिर से आउंगी.

फिर मैंने कहा कि हाँ में भूल गया था और में सच में ये बात भूल गया था. मैंने सोचा आज कि इससे बात आगे बड़ा कर ही रहूँगा. फिर में उस सोफे पर जाकर बैठ गया.. जिस पर वो बैठी थी.. उस सोफे पर तीन लोग आराम से बैठ सकते थे.. क्योंकि में उस टाईम घर में अकेला था. मैंने पजामा और टी-शर्ट पहना हुआ था और उसके साथ सेक्स करने का सोचकर मेरा लंड हल्का सा खड़ा हो गया था.. लेकिन वो पजामे के ऊपर से दिख नहीं रहा था.

फिर मैंने उससे पूछा कि आज कितने घरों पर जा चुकी हो.. sales girl ki chudai

तो वो बोली तुम्हारी पूरी कॉलोनी में घूम चुकी हूँ और सभी घरों पर जा चुकी हूँ.. लेकिन तुम्हारी कॉलोनी वाले बहुत कंजूस है.. बिल्कुल तुम्हारी तरह. कुछ ही लोगों ने मुझसे ये प्रोडक्ट खरीदे है. फिर मैंने बोला कि मुझे दूसरो का तो पता नहीं.. लेकिन में तो कंजूस नहीं हूँ. अगर में आप से ये खरीद भी लेता.. तो में इनका करता क्या? वो झट से बोली कि अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट कर देते.

में थोड़ा हंसा और बोला कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. तो वो बोली हो ही नहीं सकता. मैंने कहा सच में नहीं है. वो बोली ठीक है.. में तुम्हारा विश्वास कर लेती हूँ और उस कंजूस वाली बात का बुरा मत मानना.. में तो मजाक कर रही थी. में बोला कि मुझे बुरा नहीं लगा.

ऐसे ही हमारी बातें आगे बड़ने लगी और वो भी मुझसे बिना झिझक बातें करने लगी. फिर मैंने भी पूछ लिया कि आपके तो बॉयफ्रेंड होगा ही.. तो वो बोली जब में बी.ए. कर रही थी.. तब एक था. लेकिन बी.ए. करने के बाद वो अपने रास्ते चला गया और में अपने रास्ते. उसके बाद कोई मिला ही नहीं. दोस्तों जैसा कि मैंने बताया था.. मुझे लड़कियों से बात करने का उतना अनुभव नहीं था.. तो धीरे-धीरे हमारी बातें भी ख़त्म होने लगी और में सोचने लगा कि अब क्या बात करूँ?

तो मैंने पूछा कि अब तो आपका सारा काम ख़त्म हो गया है. अब तो आप फ्री होंगी.. तो उसने कहा हाँ अब तो फ्री हूँ.. बस अगर आपकी इजाज़त हो.. तो थोड़ी देर और रुककर चली जाउंगी.

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माँ की सहेली को चोदा https://sexstories.one/chudai-katha-maa-ke-saheli-ki/ Fri, 07 Aug 2020 10:57:23 +0000 https://sexstories.one/?p=764 फिर क्या था? रवीना आंटी मुझे एक एक दो दिन में कुछ ना कुछ बता देती और सामान मंगवाती रहती थी और में उनके घर में जाता रहता था.. लेकिन में कभी भी उनके घर ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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फिर क्या था? रवीना आंटी मुझे एक एक दो दिन में कुछ ना कुछ बता देती और सामान मंगवाती रहती थी और में उनके घर में जाता रहता था.. लेकिन में कभी भी उनके घर के अंदर नहीं जाता था और बाहर से ही उनको सामान देकर चला जाता था। chudai katha

एक दिन आंटी ने मुझे कॉल किया और कहा कि राहुल मेरे साथ तुम मार्केट चलो.. मुझे कुछ सामान लेना है और उन दिनों बारिश हो रही थी और में आंटी के घर के बाहर आया और कॉल किया और कहा कि आंटी में आ गया हूँ। फिर आंटी ने क्या साड़ी पहनी थी? लाल कलर की सिल्क वाली साड़ी.. लेकिन मैंने इतना ध्यान नहीं दिया क्योंकि में आंटी के बारे में कभी भी गलत नहीं सोचता था। फिर में आंटी को बाईक पर ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया।

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तो आंटी ने कुछ घर का सामान लिया और फिर आंटी एक दुकान पर गई जहाँ पर पेंटी और ब्रा मिलती थी और में दुकान के बाहर ही रुक गया.. तो आंटी बोली कि राहुल क्या हुआ? फिर में बोला कि आंटी आप ही जाइए.. तो आंटी बोली कि चलो ना कोई दिक्कत नहीं है और फिर में भी आंटी के साथ अंदर चला गया.. आंटी ने दुकानदार से कुछ पेंटी और ब्रा निकलवाई आंटी का साईज़ 42 था आंटी ने 3 पेंटी और एक ब्रा खरीद ली और आंटी को में वापस घर लाने लगा।

तभी बारिश होने लगी आंटी और हम थोड़ा भीग गये और हम जैसे ही आंटी के घर पर पहुंचे तभी बारिश और तेज़ हो गई। तो आंटी बोली कि राहुल अंदर चलो.. मैंने जल्दी से बाईक साईंड में लगा दी और आंटी के घर के अंदर चल दिया.. आंटी ने अपने घर का ताला खोल दिया और हम अंदर चले गये.. में आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। फिर आंटी ने कहा कि राहुल यह लो टावल जल्दी से ड्रेस उतार लो नहीं तो ठंड लग जाएगी।

तो मैंने कहा कि आंटी कोई बात नहीं में बारिश कम होते ही चला जाऊंगा। फिर आंटी ने कहा कि अरे राहुल तुम्हारे कपड़े तो पूरे भीग गए है और तुम बीमार हो जाओगे। तो मैंने आंटी की बात मान ली और मैंने कपड़े उतार लिए और टावल को पहन लिया और आंटी भी अपने रूम में कपड़े चेंज करने चली गई। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी? उन्होंने गुलाबी कलर की नाईटी पहन रखी थी और वो मेरे सामने आकर बैठ गई।

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फिर आंटी बोली कि राहुल तुम बैठो में चाय बनाकर लाती हूँ.. उस समय तक मेरे दिल में आंटी के लिए कुछ ग़लत नहीं आ रहा था। फिर थोड़ी देर बाद आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आकर बैठ गई और हम दोनों चाय पीने लगे और आंटी इधर उधर की बातें करने लगी और कहा कि राहुल वैसे तुम क्या करते हो? और क्या करना चाहते हो? फिर आंटी कहने लगी कि राहुल में सभी ब्रा चेक कर लूँ कि साईज़ सही है या नहीं.. अगर सही नहीं होगा तो तुम चेंज कर लाना।

फिर आंटी अंदर गई और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझे आवाज़ लगाई.. राहुल ज़रा अंदर आना। में टावल में ही अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गई.. आंटी पेंटी और ब्रा में थी ब्रा पहनने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उनकी छाती में अंदर नहीं जा रही था। तो आंटी बोली कि अंदर आ जाओ.. में दरवाजा खोलकर अंदर गया और आंटी बोली कि राहुल ज़रा इसको पहनाना मुझे.. मुझसे इसका हुक नहीं लग रहा।

तो मैंने बोला कि आंटी क्या में? आंटी बोली कि हाँ तो क्या हुआ? तो में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और कांच में से चुपके चुपके उनके मोटे मोटे बूब्स देख रहा था।

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आंटी मुझसे पूछने लगी कि राहुल क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

में उस टाईम चुप रहा..

आंटी फिर बोली कि बताओ ना.. में कैसी को कुछ भी नहीं बताऊँगी?

तो में बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं.. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

तो आंटी बोली कि क्यों झूठ बोल रहा है?

फिर मैंने बोला कि आंटी मुझे कोई मिली नहीं।

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तो आंटी बोली कि तुमको किस तरह की लड़की चाहिए? तो मैंने बोला कि जो मुझे बहुत प्यार करे। फिर आंटी बोली कि हाँ सही है और मैंने आंटी की ब्रा का हुक लगा दिया।

तभी आंटी मेरे सामने सीधी होकर खड़ी हो गई और उनके मोटे मोटे बूब्स देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और टावल से साफ दिखने लगा.. आंटी ने शायद देखा लिया। फिर आंटी बोली कि राहुल ज़रा वो वाली लाना जो बेड पर है। तो में उस दूसरी ब्रा को लेने लगा तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और मेरा दिमाग़ काम ही नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि जल्दी से लाओ ना।

तो में ब्रा लेकर आंटी के पास गया और फिर आंटी बोली कि क्या हुआ राहुल? क्या कभी किसी औरत को ऐसे नहीं देखा? फिर मैंने कहा कि नहीं और आंटी मेरे लंड की तरफ़ देखने लगी और बोली कि यह क्या है? तो मैंने कहा कि आंटी कुछ नहीं.. आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी और बोली कि तू यह सब कुछ कहाँ छुपाता है और में आंटी की बातें सुनकर पागल सा हो रहा था और आंटी ने मेरा टावल निकाल दिया.. में अब सिर्फ अपने अंडरवियर में था।

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आंटी बोली कि में इसको अभी शांत करती हूँ और आंटी मेरे लंड को अंडरवियर के अंदर से हिलाने लगी.. लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको किस करने लगा। तो आंटी बोली कि राहुल बहुत समय से तेरे अंकल ने मुझे प्यार नहीं किया इसलिए मैंने यह सब किया.. अगर में तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नहीं करता क्योंकि तुम को मुझमें क्या मिलेगा? फिर मैंने बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं है..

में आपको आज से प्यार करूंगा। यह बात सुनकर आंटी मुझे किस करने लगी। फिर मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड पर लेटा दिया। में आंटी की पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा और आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैंने आंटी की पेंटी उतार दी और मैंने देखा कि आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं है और पूरी लाल चूत थी। फिर आंटी बोली कि मैंने आज ही बाल साफ किये है..

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मुझे आज तुझसे जो मिलना था। तो मैंने कहा कि क्या बात है साली.. वो हंसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। में उसके बूब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस करने लगा। फिर उसने कहा कि राहुल अपनी आंटी को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो।फिर मैंने कहा कि ठीक है और मैंने आंटी के पैरों को फैलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा और धीरे से अंदर डालना शुरू किया और एक धक्का दिया आंटी की चीख निकल गई और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की आवाज़ मुझे दीवाना करने लगी आआआअहहा हम्म माँ मरी।

फिर में स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपना लंड करता रहा और फिर थोड़ी देर बाद आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन मेरी स्पीड वही रही। फिर करीब 15 मिनट बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि आंटी कहाँ पर निकालूँ? फिर वो बोली कि बाहर निकाल दो और मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के ऊपर ही वीर्य निकाल दिया।

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तो आंटी बोली कि अरे तूने अपनी आंटी को गंदा कर दिया। मैंने कहा कि आंटी लो इसे चूसो ना.. आंटी बोली कि यह सब अच्छा नहीं होता। तो मैंने कहा कि आंटी प्लीज़.. लेकिन वो मना करने लगी और मैंने जबरदस्ती अपना लंड उसके मुहं के अंदर डाल दिया और उनको चूसने को कहा वो मना करने लगी.. लेकिन मैंने कहा कि क्या आप मुझसे प्यार नहीं करती?

फिर आंटी ने कहा कि ऐसा नहीं है चलो में तुम्हारा लंड चूसती हूँ और वो मेरा लंड चूसने लगी और मेरे लंड को उसने पूरी साफ कर दिया और कहने लगी कि तुम सबको इसमें क्या मज़ा आता है? तो मैंने कहा कि आंटी थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार होने वाला है और आंटी अपने आपको साफ करने बाथरूम में गई और फिर आंटी साफ होकर बाहर आई.. लेकिन मेरा मन और ही था। तो आंटी को मैंने अपने हाथों से फिर गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया।

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फिर आंटी बोली कि अब क्या करना है?

मैंने कहा कि आंटी अभी और भी चोदना है।

आंटी बोली.. क्यों नहीं? में आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा।

मैंने आंटी की चूत में फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक धक्का मारा और अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा और आंटी अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और में चुदाई करता रहा। फिर आंटी को मैंने अपने ऊपर बैठाया और वो मेरे ऊपर लंड को पड़कर ऊपर नीचे होने लगी और में करीब 15 मिनट तक लगातार चुदाई करता रहा।

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फिर मैंने आंटी को एक टेबल के ऊपर बैठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर एक जोर का धक्का मारा और मैंने उनके साथ 5-6 पोज़िशन में चुदाई की। फिर में उनको बेड पर लेटाकर चुदाई करने लगा और 30 मिनट के बाद मेरा वीर्य निकलने को तैयार था और मेंने आंटी के अंदर ही छोड़ दिया। आंटी बोली कि राहुल यह क्या किया? तो मैंने कहा कि आंटी इसका असली मज़ा अंदर ही है और वो बोली कि तू बड़ा बदमाश है.. चल हट मेरे ऊपर से..

फिर में आंटी के ऊपर ही हट गया और बोला कि आंटी रूको ना ज़रा आपको किस करने दो और में आंटी के बूब्स चूसता रहा और आंटी के साथ थोड़ी देर लेटा रहा। शाम के 5 बज गये थे.. लेकिन मेरा मन घर जाने को नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि क्यों आज घर नहीं जाना? तो मैंने कहा कि आंटी आपको छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि तो क्या हुआ? यहीं पर रुक जा अपनी आंटी के पास और पूरी रात प्यार कर।

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तभी में बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि आज सही टाईम है और फिर मैंने घर पर कॉल करके बोला दिया कि आज में अपने एक दोस्त के यहाँ पर रुक गया हूँ कुछ जरूरी काम है।

फिर में आंटी को बाहों में लेकर किस करने लगा.. तो आंटी बोली कि रुक जा थोड़ा आज पूरी रात ही तेरी है तू पूरी रात मुझे प्यार करना। मैंने ख़ुशी से आंटी को किस किया और बाहों में जकड़ लिया और किस करता रहा और वो भी मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे। फिर उसने कहा कि अभी थोड़ा आराम कर लो हम बाद में प्यार करेंगे। फिर वो अपनी मेक्सी पहन कर किचन में गई और थोड़ा खाने के लिए स्नेक्स लाई और बोली कि चलो खाते है।

मैंने कहा कि आंटी आप मेरी गोद में बैठ जाईए और आप मुझे अपने हाथों से खिलाओ। तो आंटी बोली कि यह ठीक बात है चलो तुम टावल पहन लो और में बोला कि नहीं आंटी.. में ऐसे ही आपको गोद में बैठाऊंगा और आंटी मेरी गोद में आकर बैठ गई और मुझे अपने हाथों से स्नेक्स खिलाने लगी और हम आपस में बातें करने लगे.. मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आपने कितने टाईम से सेक्स नहीं किया था? तो आंटी बोली कि मुझे दो साल से ज्यादा हो गया है.. मैंने सेक्स नहीं किया।

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फिर मैंने बोला कि आंटी आप कैसे अपने आप को सम्भाल रही थी? वो बोली कि में अपनी ऊँगली से ही दिल खुश कर रही थी। तो मैंने बोला कि आंटी आपके साथ सेक्स करके मज़ा आ रहा है लगता ही नहीं है कि आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है। तो आंटी बोली कि में आज तुम को और मज़ा दूंगी। में बहुत खुश हुआ और आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स दबाने लगा और मैंने कहा कि आंटी मुझे आपकी गांड का मज़ा चाहिए।

तो आंटी ने कहा कि नहीं बहुत दर्द होगा.. मैंने कहा कि आंटी लेने दो ना.. फिर आंटी ने कहा कि चलो ले लो और आंटी फ्रिज से मक्खन लेकर आई और मेरे लंड पर लगाने लगी और थोड़ा अपनी गांड में भी लगा लिया। फिर मैंने बेड पर ले जाकर आंटी को घोड़ी बना लिया और उनकी गांड में अपना लंड डालने लगा.. मक्खन लगा होने की वजह से लंड उनकी गांड में आराम से जाने लगा और आंटी की आवाज़ आने लगी आआहह उफ्फ्फ ईईईईइ माँ और आंटी को बहुत दर्द होने लगा.. आंटी बोली कि राहुल निकाल लंड।

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फिर मैंने कहा कि आंटी रूको अभी दर्द कम हो जाएगा और मैंने चुदाई शुरू कर दी। मेरा लंड आंटी की गांड में पूरा चला गया और आंटी तड़पती रही.. लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और अपना लंड आंटी की गांड के अंदर बाहर करता हुआ जोर जोर से धक्के मारता रहा।

फिर धीरे धीरे आंटी की आवाज़ भी कम होती रही और उनको भी मज़ा आने लगा.. मैंने आंटी की गांड 15 मिनट तक मारी। मेरा लंड पूरा जोश में था और फिर मैंने आंटी की सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा और जोर के धक्के मारने शुरू किए और में आंटी को किस भी करने लगा और धक्के मारता रहा और मेरा अब निकलने वाला था..

तो मैंने अपनी स्पीड को और तेज किया और मैंने आंटी की चूत में ही पूरा वीर्य निकाल दिया और अब मेरा लंड शांत हो गया और मैंने जब टाईम देखा तो 10 बज गये थे। फिर मैंने कहा कि आंटी अब में चलता हूँ बाकि काम कल नाईट करना है आंटी बोली कि आज की नाईट ही करो ना। तो मैंने कहा कि आंटी आज नहीं..

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कल ही करेंगे और फिर कल के लिए भी तो तैयार होना है में आज आराम कर लूँ। आंटी बोली कि ठीक है और फिर में वहां से चला आया ।।

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हमारी किरायेदार https://sexstories.one/%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0-hindi-sex-stories/ Fri, 07 Aug 2020 09:37:23 +0000 https://sexstories.one/?p=44 मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी होगी। हमारे घर का ऊपर का माला हमने किराये पर दिया है जिसमें एक खूबसरत आंटी और उसका पति रहता है, उनकी शादी को कुछ 2-3 साल हुए हैं पर अभी तक उन्हें कोई बच्चा नहीं है। आंटी बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं। desi sex chudai

वो जबसे हमारे यहाँ रहने आये थे तब से ही मुझे उस आंटी के साथ सेक्स करने की ख्वाहिश थी और मेरी हरकतों से वो यह जान गई थी। उसका बदन ही ऐसा है कि कोई भी उस पर फ़िदा हो जाये, गोरा बदन, लम्बे बाल बड़े-बड़े भरे हुए स्तन, वो जब चलती है तो उसकी गांड क्या मस्त दिखती है ! उसका आकार होगा 38″…

जब भी मौका मिलता, मैं उसके बदन को छूता और वो कुछ नहीं कहती थी। ऐसा बहुत दिन तक चलता रहा। अब मैंने उसके साथ सेक्स करने की योजना बनाई।

एक दिन मेरे घर वाले एक शादी में जाने वाले थे। तब मैंने “मेरी तबीयत ख़राब है !” यह कह कर जाने को टाल दिया…

Daily chudai story – पारुल की वर्जिन चुत

जब सब चले गए तो मैं उस आंटी के कमरे में चला गया। उसका पति भी दफ़्तर गया हुआ था और रात को आठ बजे के बाद आने वाला था। अब पूरे घर में हम अकेले ही थे। मैंने पहले तो उससे यहाँ-वहाँ की बातें शुरु की, फिर उसके काम में हाथ बंटाने लगा और इसी बहाने उसे बार-बार छूने लगा और जब मुझे पूरा यकीन हो गया कि उसे कोई एतराज नहीं है तो मैंने अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने कहा- यह क्या कर रहे हो? desi sex

मैं डर गया लेकिन और थोड़ी हिम्मत कर के मैंने कहा- आज कुछ मत बोलो !

और उसे अपनी तरफ खींच लिया। तब वो मुझसे अलग होने की झूठी कोशिश करने लगी, फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी चुनरी हटा दी और उसके पूरे शरीर पर हाथ फिराने लगा। मैंने उसकी कमीज़ की ज़िप खोल दी और अन्दर हाथ डालकर उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा। फिर मैं उसके गले पर, उसकी पीठ पर चूमता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ पूरी उतार दी, जिससे उसका गोरा बदन, उसकी गुलाबी रंग की ब्रा मेरे सामने आ गई। यह सब देख कर मेरा लंड फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरु किया और अपने हाथों से उसकी ब्रा खोल दी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, वो दो बड़े-बड़े स्तन छलांग लगा कर मेरे सामने आ गए। मैंने हल्के से उन्हें अपने हाथों में पकड़ा और जोर से दबा दिया और साथ मैं अपने दांतों से उसके चुचूकों को काटने लगा, जिसकी वजह से उसकी मुँह से आह की जोर से आवाज निकली…

फिर बहुत देर तक मैं उसके स्तन चूसता रहा… desi sex

फिर मैंने उसकी सलवार निकाल दी, उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और अपनी टी-शर्ट और जींस उतारकर उसके ऊपर आ गया। मैंने उसे बहुत चूमा उसके स्तनों को बहुत चूसा और नीचे की तरफ बढ़ा…

पहले तो मैंने उसकी पैंटी के आसपास अपनी जीभ घुमाई और फिर पैंटी के ऊपर जीभ घुमाने लगा। उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुँह से आह उम् ऊह्ह की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने अपने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी गीली गोरी चूत को देख कर पागल हो गया, मैंने अपनी जीभ जैसे ही उसकी चूत पर लगाई उसने मेरे बालों को खींच कर मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी।

मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत को चाटते हुए देखा है लेकिन तब पहली बार ऐसा किया … मैं उसकी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में भी डाली और वो सेक्सी आवाजें निकालती गई…

फिर वो उठ गई और मेरा लंड बाहर निकाला और बिना हाथ लगाये सीधे मुँह में ले लिया। इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था…

वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर वो अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी …. यह मेरा पहला ही सेक्स अनुभव था इसलिए दो मिनट में मैंने उसका मुँह अपने माल से भर दिया और वो उसे ऐसे पी गई जैसे पानी हो…

Office sex kahani – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई

गजब की बात तो मुझे यह लगी कि मेरा माल निकलने के बाद भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा था और वो उसे चूसे जा रही थी। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत और वो मेरा लंड चूसने लगी और दूसरी बार मेरा माल उसने अपने मुँह में भर लिया।

उसने कहा- अब मुझसे और सहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो ! desi sex

और यह कहते हुए वो बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर फैला दिए। उसकी चूत को देख कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसने अपने हाथों से मेरा लंड अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर थोड़ी देर रगड़ता रहा और अचानक ही उसकी चूत में घुसा दिया जिससे वो चीख उठी, मेरा अभी आधा लंड ही उसकी चूत में था, मैंने और जोर लगाया और उसकी चूत में पूरा घुसा दिया, जैसे ही पूरा अन्दर गया उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.. फिर मैं उसे उस अवस्था में तब तक चोदता रहा जब तक मेरा माल नहीं निकल गया।

उस बीच मैंने उसके होंठों को बहुत चूसा और उसे भी यह बहुत अच्छा लगता था तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

चोदते-चोदते मैं उसके स्तन और चुचूक भी जोर से दबा रहा था लेकिन चुम्बन की वजह से वो चीख भी नहीं पा रही थी बस मुँह में ही आवाज निकाल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझे जोर से चोदने को कहने लगी तो मुझे पता चल गया कि वो पानी छोड़ने वाली है।

मैं उसे जोर से चोदता रहा और उसने अपनी सांस रोक कर पानी छोड़ दिया, कुछ देर बाद मैंने भी अपना माल निकाल दिया।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से उसकी चूत चाटने लगा। पीछे से उसकी गांड क्या खूब लग रही थी, कुछ देर चूत चाटने के बाद मैं उसकी गांड भी चाटने लग गया और उसकी गांड गीली कर दी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसके मुँह में चाटने के लिए दी और उसकी गांड में घुसा दी। उसकी गांड कुँवारी थी तो उसे दर्द होने लगा और वो निकालने के लिए बोलने लगी। फिर दो मिनट बाद मैंने उंगली निकाल ली और अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रख दिया।

वो मुझे कहने लगी- गांड मत मारो ! desi sex

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी, कब से मैं उसकी गांड को देख-देख कर मुठ मारता था और आज मौका मिला तो कैसे जाने देता…

फिर मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को बाहर की तरफ खींच दिया और फिर बहुत जोर से अपने लंड को धक्का दिया। तब सिर्फ आगे का हिस्सा ही अन्दर गया और वो- आह मर गई इसे बाहर निकालो…आह …. करके चीखने लगी …

लेकिन मैंने और एक धक्का दिया तब आधा अन्दर गया और जब तीसरी बार कोशिश की तो पूरा का पूरा उसकी गांड में फिट बैठ गया… वो बहुत चीख रही थी, उसे बहुत दर्द भी हो रहा था… फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुप रहा और नीचे से मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और हिलाने लगा। तब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा।

फिर धीरे धीरे मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और उसकी चूत में भी ऊँगली डालता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और मैं जोर से उसकी गांड मारने लगा…

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मैं जब उसकी गांड मार रहा था तो उसके स्तन बहुत जोर जोर से हिल रहे थे… desi sex

कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी तो उसे दर्द होने लगा और वो मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी। जिससे मुझे और अच्छा लग रहा था।

और दो मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया। जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, मेरा माल उसकी गांड के बाहर आने लगा।

उसके बाद हमने आराम किया और कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत और गांड फिर से मारी…

यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है आपको मेरी कहानी कैसी लगी, यह जरूर बताइए..

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अंकल के साथ मेरा पहला हनीमून https://sexstories.one/desi-chudai-honeymoon-uncle-ke-saath/ Thu, 06 Aug 2020 20:42:17 +0000 https://sexstories.one/?p=727 हैल्लो दोस्तों, अंकल ने उस रात ट्रेन में हुई हमारी पहली मुलाकात में ही मुझे चार बार चोदा और हम दोनों ने बहुत मज़े लेकर उस पूरी रात अपनी सुहागरात मनाई फिर जब हम सुबह ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, अंकल ने उस रात ट्रेन में हुई हमारी पहली मुलाकात में ही मुझे चार बार चोदा और हम दोनों ने बहुत मज़े लेकर उस पूरी रात अपनी सुहागरात मनाई फिर जब हम सुबह स्टेशन पहुँचे तो अंकल ने पहले से ही फोन करके हमारे लिए एक बहुत अच्छा सा होटल बुक कर लिया था. हमारे स्टेशन पर पहुंचते ही हमें होटल से एक गाड़ी लेने आई थी और हम थोड़ी देर में उस होटल में पहुँच गये और अंकल ने हमारे लिए एक हनिमून स्वीट रूम बुक कराया था. फिर जैसे ही हम होटल के रूम में पहुँचे तो अंकल ने रूम को तुरंत अंदर से बंद कर लिया और अब वो मुझे पीछे से पकड़कर मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाकर निचोड़ने लगे और फिर मुझसे कहने लगे. desi chudai

अंकल : क्यों डार्लिंग तुम्हे यह रूम कैसा लगा?

में : बहुत अच्छा लगा.

अंकल : तो चलो ना अब हम दोनों आज साथ में चलकर नहाते है और मुझे तुम्हे बाथरूम में एक बार चोदने का बहुत मन है, प्लीज मेरी यह इच्छा भी आज एक बार पूरी कर दो.

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में : जानू कल से आप मुझे करीब चार बार चोद चुके हो फिर भी क्या आपका मेरी चुदाई से मन नहीं भरा? जो अब आप मुझे बाथरूम में भी चोदने की बात कहते हो?

अंकल : नहीं, अगर तुम्हारे जैसी पत्नी मेरी हो तो उसको एक दिन में कम से भी कम दस बार चोदने का मेरा मन होगा क्योंकि तुम बहुत हॉट, सेक्सी हो और अब में पूरी तरह से तुम्हारा दीवाना हूँ.

desi chudaiदोस्तों वो यह बात कहकर मुझे किस करने लगे और मेरी गांड को भी दबाने लगे जिसकी वजह से में तो जैसे अब धीरे धीरे पागल हो रही थी और में जोश में आकर उनके होठों को चूमने लगी और इस बीच अंकल मेरे टॉप को उतारकर मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को किस करने लगे और निप्पल को हल्का सा काटने लगे, इतने में वेटर ने दरवाजा बजाया और हम दोनों अलग हो गये और अंकल उठकर दरवाज़ा खोलने चले गए और वो वेटर से कुछ सामान ले आया और वो सीधा बाथरूम में चले गये.

अब में भी टावल में बाथरूम के अंदर चली गई तो मैंने देखा कि अंकल बाथटब में सिर्फ अंडरवियर में लेटे हुए थे और मुझे देखते ही उन्होंने तुरंत मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और मेरे टावल को पकड़कर एक झटका देकर उतार दिया. में अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी और अंकल ने मुझे बाथटब में लेटा लिया और मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगे और एक हाथ को मेरी चूत के ऊपर रखकर दोनों जांघो के अंदर बाहर करने लगे और अब में जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी आहहह्ह्ह प्लीज अंकल में मर गई उउम्म्म्ममम और में जोश में आकर बोल पड़ी अंकल में आपसे बहुत प्यार करती हूँ आज आप जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो, प्लीज अब मुझे थोड़ा जल्दी चोदो और मेरी आग को बुझा दो उफ्फ्फफ्फ्. ( दोस्तों उन अंकल का नाम समीर था) तो मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर अंकल को अब ज्यादा जोश आ गया और बोले कि रानी आज से तुम मुझे सिर्फ सेम ही बुलाओगी और अब उन्होंने मुझे टब से बाहर निकालकर उल्टा खड़ा कर दिया और मेरी गांड को पेंटी के ऊपर से किस करने लगे और बोले जानू जब भी में पीछे से तुम्हारी गांड को देखता हूँ तो मेरी हालत बहुत खराब हो जाती है और में हमेशा तुम्हे सोच सोचकर बहुत बार मुठ मारता हूँ.

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मैंने कहा कि हाँ मुझे वो सब पहले से पता है और में बहुत अच्छी तरह से अपनी मेरे ऊपर उस गंदी नियत को पहचानती हूँ, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि वो कैसे?

में : उस दिन रात को जब में सो रही थी तब आप मेरे पास आकर मेरी गांड को छूते हुए और आगे बढ़ते हुए गांड को किस कर रहे थे, मेरे कोई भी विरोध ना करने पर आपकी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ती गई, मुझे वो सब पता है कि आपके मन में उस दिन से मेरे लिए क्या क्या चल रहा था?

अंकल : तो तुम मुझसे कुछ बोली क्यों नहीं? और मैंने सोचा कि तुम शायद गहरी नींद में थी इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लगा रहा.

में : मुझे आपकी वो बात अच्छी लगी इसलिए में एकदम चुप रही और जब आप बाथरूम में जाकर अपना लंड हिला रहे थे और मेरी पेंटी को किस कर रहे थे, तब मैंने आपको देख लिया था और आप तो उस दिन एकदम पागल हो गये थे और आपने मेरी पेंटी को किस करके बिल्कुल गीला कर दिया था.

अंकल : हाँ सच मैंने जब से तुम्हे देखा है में बिल्कुल पागल हो गया हूँ.

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फिर यह बात बोलकर उन्होंने मेरी पेंटी को उतार दिया और मेरी गांड को किस करने लगे और गांड के छेद को चाटने लगे, ओहह क्या मस्त अहसास था? उस वक़्त में तो जैसे पागल हो गई थी. फिर अंकल करीब बीस मिनट तक मेरी गांड को चाटते रहे और बूब्स को दबाते रहे. फिर उन्होंने मुझे बाथरूम के कमोड पर बैठा दिया और मेरे दोनों पैरों को पूरा खोलकर मेरी चूत को चाटने लगे और चूसने लगे. फिर करीब दस मिनट के अंदर ही में उनके मुहं में झड़ गई और उन्होंने मेरा सारा पानी चाटकर साफ कर दिया और अब उन्होंने उनके लंड को मेरे मुहं में दे दिया और में उनके लंड को लोलीपोप की तरह मज़े लेकर चूसने लगी और वो सिसकियाँ भरने लगे आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ जानू हाँ मज़ा आ गया बेबी उउम्म्म्म हाँ इसे और चूसो बेबी.

उनके मुहं से यह बातें सुनकर में जोश में आ गई और अब में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. करीब 15 मिनट के अंदर अंकल मेरे मुहं में झड़ गये और मैंने अंकल का पूरा वीर्य अपने मुहं से बाहर गिरा दिया, क्योंकि मुझे गरम गरम वीर्य लेने से उल्टी आने लगी थी. अब में फव्वारे के नीचे नहा रही थी और तभी अंकल मुझे एक बार फिर से पीछे से पकड़कर किस करने लगे, जिसकी वजह से उनका मोटा लंड ठीक मेरी गांड के छेद के ऊपर था जिसकी गरमी और मोटाई में बहुत अच्छी तरह से महसूस कर रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

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में : यह आप क्या कर रहे हो?

अंकल : कुछ नहीं बस अपनी पत्नी को थोड़ा सा प्यार कर रहा हूँ.

में : क्यों अभी तो किया था ना फिर वो क्या था?

अंकल : मेरी रानी मुझे तुम्हे फव्वारे के नीचे भी एक बार चोदना है.

में : लेकिन वो कैसे जानू, यहाँ पर मुझे तुम कैसे चोदोगे?

मेरे मुहं से इतनी बात सुनते ही अंकल एक बार फिर से नीचे झुककर मेरी चूत को चूसने लगे और उन्होंने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पूरी तरह फैला लिया था जिसकी वजह से उनकी जीभ मेरी चूत में बहुत गहराई तक जा रही थी, उस समय उस गरम जीभ को महसूस करके मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में सातवें आसमान में हूँ और मेरे मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी.

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में : अह्ह्ह्ह समीर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ डार्लिंग प्लीज अब चोदो मुझे और मत तड़पाओ एक बार और अपनी पत्नी की चूत को चोदकर शांत कर दो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो उह्ह्ह्ह.

अंकल : रानी आज तो हमारा हनिमून का पहला दिन है और जब तक हम यहाँ पर रहेंगे, तुम्हे में हर एक पोज़िशन में चोदूंगा.

फिर में नीचे झुककर उनके लंड को चूसने लगी और कुछ देर बाद अंकल ने मुझे खड़ा करके मेरे एक पैर को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया और मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत में कोई गरम सरिया डाल दिया हो, में चीख उठी उईई माँ मर गई प्लीज बाहर निकालो उफ्फ्फफ्फ्फ़. तो अंकल बोले कि मेरी रानी तुमने मुझे बहुत सताया है और जब भी में तुम्हारे घर पर जाता था तुम जानबूझ कर ढीले ढीले टॉप्स पहनती थी और मुझे चाय देने के बहाने अपने झूलते हुए दूध मुझे दिखाती थी और मेरी बेचैनी को बढ़ाती थी, मुझे भी सब कुछ पता है कि तुम मुझसे क्या चाहती हो? और में अपनी इतने दिन की तड़प आज पूरा करूँगा और तुम्हे ऐसे ही खड़े खड़े चोदूंगा.

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फिर यह बात कहकर उन्होंने एक और ज़ोर का झटका दिया और अब उनका लंड आधा मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे भी मज़े आने लगा आहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह समीर चोदो मुझे, डार्लिंग ज़ोर से चोदो मुझे, में तुम्हारी पत्नी हूँ और ऐसे शब्द मेरे मुहं से निकलने लगे. फिर करीब 25 मिनट के बाद हम दोनों झड़ गये और अंकल ने मेरे अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और मुझे पकड़कर बाथटब में मेरे ऊपर लेटे रहे, बाथटब का पानी हमारे पानी से खराब हो गया था और हमने पानी को बदल दिया और फिर साथ में नहाए और नहाने के बाद जैसे ही में अपने कपड़े पहनने लगी तो अंकल ने मेरे कपड़े छीन लिए और वो मुझसे बोले कि डार्लिंग तुम रूम में कुछ नहीं पहनोगी और नंगी रहोगी ताकि में जब चाहूं तुम्हे चोद सकूँ. फिर मैंने भी उनके कहने पर अपने कपड़े नहीं पहने और अंकल को भी नंगा रखा…

हम दोनों पूरे नंगे ऐसे एक दूसरे की बाहों में लेटकर टीवी देखने लगे और वो मेरे बूब्स से खेलने लगे और में उनके लंड को. दोस्तों उस हनीमून में हमने बहुत सारे तरीकों से चुदाई के मज़े लिए.

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