hindi me sex kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindi-me-sex-kahani/ Hindipornstories.org Sat, 29 Jan 2022 07:37:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 चूत मरवाने के लिए चली गई https://sexstories.one/maine-apni-chut-marwai/ Sat, 29 Jan 2022 07:37:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4527 मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है...

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Maine apni sexy chut marwai एक दिन मामा जी हमारे घर पर आये और वह मुझे कहने लगे कि तुम्हारी मम्मी कहां है, मैंने मामा जी से कहा मामा जी मम्मी तो अभी कहीं गई हुई हैं और पापा भी अभी कुछ देर में आने वाले होंगे। मामा घर में बैठ गए और वह मुझसे बात करने लगे वह मुझसे पूछने लगे बेटा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है मैंने उन्हें कहा मामा जी बस ठीक ही चल रही है, आप सुनाइए आप कैसे हैं तो मामा कहने लगे बेटा मैं भी ठीक हूं। मैंने मामा से पूछा आज आप काफी दिनों बाद घर आ रहे हैं मामा कहने लगे हां बेटा तुम्हें तो पता ही है कि मैं अपने काम की वजह से कितना बिजी रहता हूं लेकिन अब कुछ समय बाद मैं रिटायर होने वाला हूं उसी के लिए मैंने घर में एक छोटी सी पार्टी रखी है जिसमें कि अपने सारे रिश्तेदारों को मैं बुलाना चाहता हूं और इसीलिए मैं आज तुम्हारे घर आया था, मैंने मामा से पूछा मामा आप कब रिटायर हो रहे हैं वह कहने लगे बस अगले महीने मैं रिटायर होने वाला हूं।

मेरे मामाजी दिल के बहुत अच्छे हैं और वह बड़े ईमानदार आदमी भी हैं उनकी सब लोग बहुत तारीफ करते हैं, जैसे ही मेरी मम्मी आई तो वह मुझे कहने लगी तुमने मामा को चाय पानी कुछ पिलाया मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मैंने मामा को कॉफी पिला दी थी फिर मम्मी और मामा साथ में बैठ गए मामा जी ने मम्मी से कहा कि मैंने अगले महीने अपने रिटायरमेंट की पार्टी रखी है और आप लोगों को घर पर आना है मम्मी कहने लगी अगले महीने तुम रिटायर हो रहे हो? मामा जी ने कहा हां बहन मैं अगले महीने रिटायर हो रहा हूं।

मम्मी और मैं मामा के साथ मैं भी बैठे हुए थे, मम्मी ने कहा देखो समय कितनी तेजी से चलता है समय का कुछ पता ही नहीं चला अब तुमने अपने बच्चों की भी शादी कर दी है और हमारी भी बच्चों की शादी हो चुकी है बस प्रियंका की शादी होनी बची है और सब कुछ कितने जल्दी से हो गया तुम अब रिटायर भी होने वाले हो मम्मी मामा से कहने लगी तो मामा जी ने भी कहा हां बहन तुम बिल्कुल सही कह रही हो समय का तो बिलकुल पता ही नहीं चला कैसे समय इतनी तेजी से गुजर गया मुझे भी अपनी नौकरी का भी कुछ पता नहीं चला कि मुझे इतने वर्ष नौकरी करते हुए हो गए मुझे कुछ मालूम ही नहीं पड़ा।

मैंने मामा जी से कहा मामा जी आप फिर पार्टी में क्या क्या कर रहे हैं मामा कहने लगे बेटा तुम आ जाओ अभी से बता कर कोई फायदा नहीं है, मैंने मामा से कहा ठीक है मामा जी मैं तो वैसे भी आऊंगी और थोड़ी देर बाद मामा जी घर चले गए जब मामा जी चले गए तो उसके कुछ देर बाद ही पापा आ गए और मैंने पापा से कहा पापा आज मामा जी आए थे मम्मी भी कहने लगी कि वह अगले महीने रिटायर हो रहे हैं और वह हमें बुलाने के लिए आए थे, पापा कहने लगे चलो यह तो अच्छी बात है। कुछ समय बाद हम लोग मामा के घर चले गए जब हम लोग मामा के घर गए तो वहां पर काफी भीड़ थी हम लोगों ने मामा जी को रिटायरमेंट की बधाइयां दी और उन्हें कहा अब आप का आगे का जीवन बड़ा ही अच्छा बीते आपने इतने समय अपने नौकरी को दिए हैं अब कुछ समय अपने परिवार को भी दीजिए, पापा ने उन्हें गले लगा लिया और मम्मी ने भी उन्हें बहुत बधाइयां दी इस बात से मामा जी भी बहुत ज्यादा खुश हो गए थे और मामा जी कहने लगे आप लोग आज हमारे घर ही रुकेगा पापा ने कहा ठीक है आपकी बात कैसे टाल सकते हैं आज आप इतने खुश हैं तो और आज के बाद आप तो अपने परिवार को ही समय देंगे।

मैं भी बहुत ज्यादा खुश थी इतने समय बाद हमारा पूरा परिवार एक साथ था मैं सब को देख कर बहुत खुश थी और सब लोग बड़े ही मस्ती में थे मामा जी ने भी उस दिन डांस किया उनका डांस देखकर मुझे बहुत हंसी आ रही थी लेकिन उनकी खुशी में हम लोग शामिल होने आए थे और मैंने भी उस दिन जमकर डांस किया लेकिन जब एक व्यक्ति वहां पर डांस करने आये तो वह बड़ा ही अच्छा डांस कर रहे थे उनकी तरफ सब देख रहे थे और सब लोग तालियां बजा रहे थे मैं उन्हें जानती नहीं थी लेकिन उनके डांस से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी मैं उनके बारे में जानना चाहती थी और मैंने उनसे ही यह बात पूछ ली, उन्होंने मुझे कहा मेरा नाम अमित है और मैं यही पास में रहता हूं।

मैंने उन्हें बताया कि आप का डांस मुझे बहुत अच्छा लगा तो वह कहने लगे मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद कहता हूं जो आपने मेरे डांस की तारीफ की और उसके बाद मैं उनसे बात कर के अपने आप को बहुत अच्छा महसूस करने लगी, उनकी बातों में भी जैसे एक अलग ही जादू था मैं उनकी तरफ पूरी तरीके से खिंची चली गई मेरे साथ पहली बार ही ऐसा हुआ था कि कभी मैं किसी की बातों से ज्यादा प्रभावित हुई थी और कोई व्यक्ति मुझे इतना ज्यादा प्रभावित कर पाया था मैंने अमित जी से कहा की सर क्या आप मुझे भी डांस सिखाएंगे तो वह कहने लगे क्यों नहीं आपको जब भी मौका मिले तो आप मुझे मिल लीजिएगा मैं आपको जरूर डांस सिखाऊंगा।

उनके चेहरे पर बहुत ही खुशी थी लेकिन उस खुशी के पीछे शायद उनका दर्द भी छुपा हुआ था, मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं जानती थी लेकिन जब मुझे मेरे मामा जी ने बताया कि वह दिल के बहुत ही अच्छे हैं वह जिस भी पार्टी में जाते हैं तो वहां पर वह चार चांद लगा देते हैं लेकिन उनके साथ बहुत ही बुरा हुआ, मैंने मामा जी से पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ तो मामा जी कहने लगे अमित की शादी करीब 5 वर्ष पहले हुई थी हम लोग भी वहां पर गए थे और हम लोग शादी में बड़ा ही इंजॉय कर रहे थे क्योंकि अमित सबकी खुशियों में हमेशा शरीक होते हैं और वह सब के दुख में भी शरीक होते हैं वह दिल के बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं।

उन्होंने लव मैरिज की थी और जिस लड़की से उनकी शादी हुई थी वह भी उनसे बहुत प्यार करती थी लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ कि एक दिन वह घर से भाग गई और इस बात का अमित पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा लेकिन उसके बाद भी वह बिल्कुल नहीं बदले हैं वह हमेशा खुश रहने की कोशिश करते हैं और उन्हें देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि वह इतनी ज्यादा तकलीफ में है लेकिन वह किसी से भी यह बात नहीं कहते हैं। इस बात को सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और लगा कि अमित के साथ कितना ज्यादा बुरा हुआ मैं उनकी बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित होती, उनसे मैंने उसके बाद काफी देर तक बात की उस दिन हम लोग वहीं रुकने वाले थे इसलिए मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं अभी आती हूं, मैं जब रात के वक्त छत में टहल रही थी तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात आ रही थी कि अमित जी के साथ कितना बुरा हुआ और उनके जैसे व्यक्ति को उनकी पत्नी ने कैसे छोड़ दिया वह दिल के बहुत अच्छे हैं और ना जाने ऐसा उनके साथ क्या हुआ कि उनकी पत्नी को उन्हें छोड़ना पड़ा मैं इसी दुविधा में थी और मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात चल रही थी।

Bur Chudai रेशमा की काली चूत

मैंने अपनी एक सहेली को फोन किया और उसे अमित जी के बारे में बताया तो वह कहने लगी अरे यार उनके साथ तो बहुत बुरा हुआ और ऐसे लोगों के साथ इतना गलत होना वाकई में बहुत ही बुरा है। मैंने जब फोन रखा तो मेरी मम्मी मुझे आवाज देने लगी और मुझे वह नीचे बुलाने लगी मैंने मम्मी से कहा मम्मी बस कुछ देर बाद आती हूं। मैंने देखा सामने की छत में कोई व्यक्ति सिगरेट पी रहे थे लेकिन उनका चेहरा नहीं दिखाई दे रहा था वह मेरी तरफ देख रहे थे तब मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च से देखा तो मुझे पता चला वह तो अमित जी हैं, मैं उन्हें देखते रही।

वह मुझे हाथ से इशारे करने लगे और कहने लगे तुम छत में क्या कर रही हो। मैंने उन्हें कहा बस ऐसे ही टहल रही हूं लेकिन मेरा उनसे मिलने का मन होने लगा। जब रात को सब लोग सो गए तो मैं चुपके से घर से बाहर निकल आई अमित जी उस वक्त भी छत पर ही थे मैं उनके साथ उनके घर में चली गई। मुझे नहीं पता था कि उनके घर में कोई नहीं है जब हम दोनों साथ में थे तो वह मुझे अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगे। मै उनकी तरफ पूरी तरीके से खींची चली गई, उन्होंने मुझे कहा मैं क्या कर सकता हूं लेकिन मुझे खुश रहना पड़ता है। मुझे भी उन पर दया आने लगी मैंने उनके होठों को किस कर लिया जब मैंने उनके होठों को चूमना शुरू किया तो वह भी मुझे अपनी बाहों में लेने लगे उन्होंने मुझे वहीं नीचे लेटा दिया, उन्होंने मेरे स्तनों को चुसना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी निकलने लगी और मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा।

मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है, तुम्हारी चूत में एक भी बाल नहीं है उन्होंने मेरी चूत का बहुत देर तक रसपान किया। जब उन्होंने अपने 10 इंच मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मैं चिल्लाने लगी मुझे दर्द होने लगा मेरी योनि से खून का बाहव होने लगा। मैंने उन्हें कहा आपने तो मेरी चूत फाड़ दी अमित जी ने कुछ नहीं कहा। वह मुझे धक्के देते रहे उनके धक्के इतने तेज थे मेरा शरीर पूरा तरीके से हिलने लगा। मुझे ऐसा लगा उनका लंड मेरे पेट के अंदर तक जा रहा है परंतु उन्होंने मेरे साथ बहुत देर तक संभोग किया, मेरी चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था।

मैंने उन्हें कहा मैं अब चलती हूं मैं वहां से चुपचाप रात के वक्त चली आई, रात भर मेरी योनि में दर्द होता रहा लेकिन मुझे उसके बाद बहुत प्यारी नींद भी आ गई, मेरी सील अमित जी ने तोड़ दी थी।

उसके बाद में अमित जी से कभी नहीं मिली लेकिन उनकी यादें अब भी मेरे दिल में है।

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भाई बहन की चुदाई का खेल https://sexstories.one/bhai-bahan-ki-chudai-ka-khel/ Fri, 08 Oct 2021 07:27:16 +0000 https://sexstories.one/?p=4456 थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा.

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Bhai Behan Ki Chudai Ka Khel : ही दोस्तो मेरा नाम ‘निहारिका’ है पर घर मे मुझे सब ‘पूजा’ बुलाते है क्यूंकी मेरा बदन गोरा और गुलाबी सा है. मेरा जन्म होने के बाद एक साल बाद ही मेरे पहले पिता ने मेरी मा को और मुझे छोड़ दिया और किसी और के साथ घर बसलिया. उस समय मै

सिर्फ़ डेढ़ साल की थी. तभी मेरे मामा क दोस्त ने जिनकी बीवी लड़के को पैदा करते हुए मार गयी थी मेरे मा से शादी कर ली. वो लड़का यानी मेरा सौतेला भाई राकेश है. और मैं और मा उनके साथ रहने लगे. राकेश भैया मुझसे 4 साल बड़ा था. पर उसने कभी मुझे सौतेला व्यवहार नही किया.

जब भाई बड़ा हुआ तो पापा ने उसे पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया. तब वो 1२ वी क्लास मे था और मैं ९ वी मे थी. मैं तब 1४ साल की थी और भाई 1८ साल का था. जब भाई उस साल छूतियो मे घर आया तो बड़ा ही खूबसूरत दिख रहा था, उसे मुंबई रास आ गयी थी. पर वो मुझसे आते ही गुस्सा हो गया क्यूंकी वो जाने के बाद मैने उसका कमरा ले लिया था. पर पापा बोले, ‘राकेश जब तक तू यहा है तब तक पूजा हमारे कमरे मे सो जाएगी.’ वो और मैं दोनो मान गये.

जब उसे रात मैं पापा-मम्मी के कमरे मे सो रही थी तब रात को मुझे मा की कसमसाहट सुनाई दी और मैं जाग गयी पर सिर्फ़ थोडिसी आखें खोलके देखने लगी, और हक्का बक्का हो गयी. पापा और मा दोनो ज़मीन पे बिल्कुल नंगे लेते थे और पापा मा के दोनो बूब्स को बरी बरी छू रहे थे. मैं ये देख के दंग हो गयी, फिर मा ने पापा के लूँगी मे हटा डाला और उनका लंड बाहर निकाला, इतना बड़ा और लाल था वो मैं तो घबरा गयी और फिर पापा ने उसे मम्मी क छूट पर रख के ज़ोर का झटका दिया और मा कसमसा उठी, तब मैने भी मेरे पिशब की जगह (मतलब चूत पे) गीला पन महसूस किया और मुझे कुछ अजीबसा लगने लगा.

सुबह जब बातरूम जाके मैने मेरी पनटी उतरी और उसे हाथ मे पकड़ा तो मुझे वाहा चिपचिपा लगा और उसे नाक से सूंघने पर एक वासना भारी सुगंध आई. मैं तो जैसे बावरी हो गयी. उसे दिन पहली बार मैने खुद को पूरे कपड़े उतार के नंगा देखा और खुदके छोटे छोटे बूब्स को सबारा. हे क्या बतऊ मेरी हालत. उसके बाद मैने चार दिन मा और पापा का वो खेल रोज रात को चुपके से देखा.

Bhai Behan Ki Chudai मोहिनी की स्कूल में चुदाई

अब मैं 16 की होगआई थी और पूरी जवान लगने लगी थी. पर मुझे किसी लड़के ने अभी तक छुआ नही था. मेरा भाई भी अब 20 का हुआ था और स.य.ब्कॉम कर रहा था. मैने भी 10त पास कर लिया था और पापा ने मुझे भी भाई के साथ दिल्ली के उसीके कॉलेज मे 1२वी के लिए भेज दिया. भाई और मैं जब मुंबई पह्ोचे तब जोरो की बारिश चल रही थी और हम दोनो भीग गये थे. भाई तब एक चल मे रहता था जिसमे एक छोटसा कमरा किराए पे लिया था. कमरे मे ही टॉयलेट और बाथरूम था पर बातरूम को दरवाजा नही था. भाई अकेला होने के वजह से उसे तकलीफ़ नही हुए पर अब मुझे वाहा नहाने को परेशानी होगी ये मैने कहा तो उसने कहा, ‘ जब तुम नहाने जाओगी तब मैं कमरे क बाहर चला जौंगा और तुम अंदर नहा लेना, फिर दरवाजा खोलना.’

मैं इस बात पे मान गयी. दूसरे दिन हम कॉलेज पहुचे उसने मेरा दाखिला करा दिया. और हम रोज़ साथ मे ही घर से कॉलेज जाते और साथ ही घर आते. आते आते कभी हम समान बाजार से ले आते और मैं घर मे ही खाना पकाती और भाई भी मुझे हेल्प करता था. इस दौरान ही मुझपे जवानी चढ़ने लगी थी. कॉलेज मे हमे बहुत लोग बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड ही समझते थे. मुझे भी वो अछा लगता था. जब कभी भाई मुझे खाना बनाने मे हेल्प करता तो उसका हाथ कभी कभी मेरे स्तानो को छू जाता और मेरे बदन मे एक ही सिरसिरी भर जाती, पर ये वो जानभुज के करता या अंजाने हो जाता ये उसे ही पता. ऐसे ही दो महीने बीत गये.

हमारे घर के पास ही एक मेला लगा, मैने भाई को कहा चलो मेला घूम आते है, भाई भी तैयार हुआ और हम शाम को मेला देखने चले गये. घूमते घूमते हम भाई के एक टीचर मिल गये, उन्हे लगा मैं भाई की पत्नी हू, और वो कुछ सुनने के पहेले ही कह गये, ‘जोड़ा खूब जज्ता है, कुश खबर जल्दीही देना.’ और्र मैं और भाई शरम के मारे पानी पानी हो गये. आयेज हम दोनो आकाश झूले मे बैठे, जैसे झूला उपर जाता मैं भाई को कस क पकड़ लेती थी क्यूंकी मुझे बहोट दर्र लगता है. तब मेरे स्तन भाई के खांडे को चिपक जाते, और जाँघ से जाँघ च्पक गई थी. मेरी आखे बंद थी और मेरे सलवार के उपर से मेरे स्तन दिख रहे थे, भाई उन्हे आखे फाड़ के देख रहा था (ये उसने मुझ बाद मे बताया) जब हम झूले से नीचे उतरे तो भाई मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रहा था.

घर जाते जाते बारिश ने हमे घेर लिया और मैं और भाई पूरी तरह भीग गये. मेरे सलवार सफेद थी और भीगने के कारण मेरी ब्रा क्लियर नज़र आ रही थी जिसे भाई घूर रहा था. जैसे तैसे हम रूम पहुचे और दरवाजा बंद कर लिया. भाई ने कहा, “पूजा तुम कपड़े बदल लो मैं बाहर खड़ा रहता हू.’ तो मैने कहा,’भाय्या रहएने दो आप पीठ कर के खड़े हो जाओ, मैं झट से कपड़े बदलती हू.’ वो मान गया. मैं कपड़े बदल रही थी, जैसे ही मैने मेरा सलवार उतरा मुझे राकेश की हल्की सिसकी सुनाई दी, मैं समझ गयी की वो मुझे देख रहा है. मेरे भी बदन मे एक लेहायर आ गयी और मानो एक सेकेंड मे मेले की बाते और मा-पापा का सेक्स मेरे आखो के सामने आ गया और मुझे नीचे गीला लगने लगा. बाद मे मैने उसके तरफ देखा और कपड़े बदले पर उसने नही देखा. थोड़ी देर बाद उसने उसके कपड़े बदले तब मैं चोरी से उसकी अंडर पंत को देखा तू वो एक तुंबो जैसे लग रही थी. मैं समाज गयी के भाई का लंड खड़ा हो गया है.

उस रात मैं रोज़ की तरह नीचे ज़मीन पे सो रही थी और भाई पलंग पे. वो पलंग पे पेट के बाल सॉयके सोने का नाटक कर रहा था और मेरे उभरो को देखे जेया रहा था. मैने भी उसे उतेज़ित करने के लिए पल्लू निकल दिया था, ताकि उसे मेरे स्तानो क बीच की खाई दिखे. उस रात मैं बहोट देर तक सोचती रही की ये सही है या ग़लत, वो मेरे छूट की खुजली भाई को सोच सोच और ही बढ़ रही थी. वैसे भी वो मेरा सौतेला भाई था और उसके तरफ भी आग लगी थी, पर उसकी हिम्मत नही थी कुछ करने की. फिर मैने ही एक प्लान बनाया.वो ऐसा,

दूसरे दिन सुभह जब मैं नहाने निकली तो भाई बाहर जाने लगा, मैने कहा, ‘राकेश भाय्या, आप यही रूको, जब आप बाहर जाते हो तो बाजू के लोग, बाड़मे मुझे घूरते है.’ तो भाई रुक गया और पलंग पे पीठ कर के बैठ गया. मैने पल्लू का परदा किया और नहाने लगी. नहाते वक़्त मैं गाना गाने लगी, “सजना है मुझे, सजना के लिए…” तो भाई ने देखे और झट से फिर मूड गया. मैने जानबूजके टवल पलंग पे ही रखा था. नहाना होने के बाद मैने भाई को कहा की मुझे टवल देना, तब मैं स्टूल पे बैठ के दोनो पैर के बीच स्तन छुपाके बैठी थी. और मेरा कुर्ता गीला होने के वजह से मेरी पनटी और गीली भारी हुई जंघे दिख रही थी. मैने परदा हल्के से खिछा और टवल लेने के लिए थोड़ी उठी. उठाते ही मेरा लेफ्ट स्तन पूरा भाई को दिखा और उसके मूह से सिसकारी निकले. मैने ऐसा बर्ताओ किया की ये अंजाने मे हुआ और बैठ गयी, बैठते ही उसे मेरी पनटी दिखी. और उसके पंत मे मुझे हलचल दिखी. मैं जान गयी की तीर निशाने पे लगा है.

उस दिन मैं सोचती रही के अब आयेज क्या करना है और उस रात खाना खाने क बाद, मैने भाई से कहा “ तुम सो जाओ मैने सहेली से नोट्स लाए है जो मुझे कंप्लीट करने है.” तो वो सोने की तायारी करने लगा और मैं नीचे बैठ क नोट्स कंप्लीट करने लगी. वो फिरसे पलंग पे पेट क बाल लेट क सो रहा था. मैं नोट्स लिखते वक़्त थोड़ी झुक क लिख रही थी जिससे मेरी स्तानो क बीच की खाई उसे थोड़ी थोड़ी दिख रही थी. मैने सोचा क भाई को गरम करने का ये चान्स छोड़ना नही छाईए इसलिए मैने गर्मी हो रही है ये दिखा क पल्लू निकल दिया और तोड़ा और झुक क लिखने लगी. उसकी थोड़ी सिसकी से मुझे पता चल गया की चिंगारी ने आग पकड़ ली है.

भाई भी सोने का नाटक कर रहा था और मुझे देख रहा था. ऐसे ही 20-25 मिनिट बीट गये. मैने तोड़ा सोचा और एक बार भाई क तरफ देखा तो झट से उसने आखे बंद की और जताया क वो सो रहा है. मैं झट से उठी और मेरा कुर्ता उतार दिया. ये भाई ने कभी सोचा ही नही था क मैं ऐसा कुछ करूँगी. उसे तो जैसे 440वॉल्ट का करेंट ही लग गया. उसने उसकी उक्सुकता थोड़ी कम की और सोने का नाटक चालू रखा. पर यह मेरे छूट से पानी बहना शुरू हो गया था. वो मेरे दोनो द्तानो को घूर रहा था, मैं भी उसका मज़ा ले रही थी. और 10-15 मीं तक मैने कभी मेरे स्तानो पे का पसीना कभी कुर्ते से तो कभी टवल से पोछा जिसे भाई और उत्तेजित हो. मेरा तो बुरा हाल था, उत्तेजना के कारण मेरे दोनो स्तन कड़क हो गये थे और सीधे हो गये थे. मैने सोचा क अब और खिचना बेकार है, और उठकर सस्यू करने क लिए बातरूम गयी, और किसी तरह का परदा नही लगाया और झट से मेरा पंत उतरी और पनटी भी उतरी, ये सब भाई देख रहा है ये सोचके और मुझे पता था क वो ये देख ही रहा होगा. पनटी उतरने के बाद नीचे बैठ कर मूतने लगी ताकि मेरी गांद का घेरा और छेड़ भाई को सॉफ डीके. भाई तो जैसे सातवे आसमान पर था. मैं ज़ोर देके मूतने लगी ताकि मेरे मुतनी की ज़ोर से आवाज़ हो. उस रात के सन्नाटे मे वो आवाज़ कुछ असर कर गयी. मैं बाहर आए और एक त-शर्ट पहें लिया.

मैं सोने क लिए गयी तो बारिश शुरू हो गयी और जहा मैं सोती थी वही से पानी टपकने लगा. और मेरी रज़ाई और चादर भीग गये. पानी की आवाज़ से भाई भी नींद से उठने का नाटक किया और बोला “ कोई बात नही पूजा यहा आजओ उपर.कल छत ठीक कर लेंगे.” मूज़े जैसा चाहिए था वैसा ही हुआ और मैं झट से पलंग पे लेट गयी. भाई से तोड़ा अंतर ले क सोने लगी(वैसे अब हम दोनो सोने का नाटक कर रहे थे) मैने थोड़े देर बाद नींद मे हू ऐसा दिखाते भाई क पेट पर हाथ रख दिया और तोड़ा तोड़ा हाट उपर नीचे करने लगी. जिस से उसका लंड उत्तेजित हो गया और उसके पाजामे मे तंबू बनाने लगा. उसने भी उसका हाथ मेरे छाती पर रख दिया और तोड़ा स्तानो पे फेरने लगा. अब आग पूरी लग गयी थी और बस मंज़िल थोड़ी ही दूर थी. तभी वो तोड़ा उठा और उसका पाजामा निकल के चड्डी भी निकल दी. तब मेरा हाथ उसके जाँघ को चुराहा था. वो मेरे तरफ मुड़ा और मुड़ते ही उसका लंड मेरे हथेली मे आ गया. मैने भी उसे तोड़ा हल्केसे दबाया और उसे मुट्ठी मे ले लिया, और तोड़ा हिलाया. तभी भाई ने झट से मेरे एक स्तन को ज़ोर से दबाया. बस अब हम दोनो क बीच की सब दीवारे टूट गयी और हम एक दूसरे को लिपट गये.

Sexy chudai kahani मेरी चूत मारी गई खेत मे

भाई ने मेरे होतो को चूमा और एक फ्रेंच किस लिया. हे… क्या बतौ वो एहसास. फिर भाई ने धीरे धीरे मेरे स्तन दबाए, मैने भी उसके लंड को धीरे धीरे आयेज पीछे करना शुरू किया. भाई ने मेरा कुर्ता और सलवार उतार दिया अब मैं सिर्फ़ पनटी मे थी . मैने भी भाई का त-शर्ट उतार दिया और उसकी बालो वाली छाती चूमने लगी. भाई मेरे स्तानो को मूह मे लेके चूसने लगा, कभी एक कभी दूसरा. मेरे मुहसे सिसीकिया निकालने लगी, “हे… अफ… आ…और ज़ोर्से…” ये सुनके भाई और ज़ोर्से चूसने लगा. मैं भी उसका लंड हाथ से ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी, जिसके वजह से भाई भी सिसकिया निकालने लगा…

अब मैने उल्टा होकर उसका लंड मूह मे ले लिया और वो मेरी छूट चाटने लगा… हम 69 के पोज़िशन मे थे और मुखमैथून का आनंद ले रहे थे, मेरी छूट झड़ने लगी और भाई ने सारा पानी पी लिया. मैने भी उसका पानी झड़ने के बाद पी लिया… वा क्या स्वाद था उसका… हम दोनो का पानी चाड़ने के वजह से हम थोड़े सुस्त होगआय और एकदुसरे के बहो मे लिपट के लेते रहे.

थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा. भाई ने भी पोज़िशन ली, और मेरे उपर आ गया, पर उसे मेरे छूट का छेड़ मे डालते ही नही आ रहा था. तो मैने मेरे कुल्हो के नीचे तकिया रखा और टांगे फैला दी, जिससे मेरा छेड़ तोड़ा खुल के दिखने लगा. भाई उस पे आया और एक ज़ोर से धक्का लगाया, जिस से उसके लंड का सूपड़ा मेरी छूट चीरता हुआ अंडर चला गया. मैं ज़ोर से चीलाई पर उतने मे भाई ने मेरे होंटो मे उसके होंटो को डालके चूमा. मुझे बहोट दर्द होने लगा और मैं रोने लगी, तो उसने उसका लंड बाहर निकल लिया. जब मैने अपनी नन्ही छूट को देखा तो उससे खून निकालने लगा था, और ऐसा दर्द हो रहा था जैसे किसीने उसे फाड़ दिया हो…

भाई ने मुझे समझाया, “पूजा, ऐसा तो होता ही है. आज तू काली से फूल बन गयी है.” भाई के समझने से मुझमे तोड़ा जोश आया और मैं उसे बोली, “राकेश मुझे बहो मे लेलो.” उसने झट से मुझको लिपट लिया. अब भाई ने मुझे फिरसे लेता दिया और अपनी हाथ के उंगली को मेरी छूट मे डाला और आयेज पीछे हिलाने लगे. इससे मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं तयार होने लगी, थोड़ी देर ऐसे करने के वजह से मेरे छूट से पानी आने लगा और भाई ने उसे पी लिया और मेरी छूट ज़बान से चटकार सॉफ करने लगा. अब मुझेसे रहा नही जेया रहा था. सो मैं ने भाई को उपर आने का आमंत्रण दिया.

वो झट से उपर आया पर इश्स बार धीरे धीरे उसका लंड छूट मे डालने लगा. दो-टीन झटको मे ही उसका आधा लंड मेरी छूट मे चला गया. भाई अब आयेज पीछे हिलने लगा, और एक हाथ से मेरा स्तन दबाने लगा. अब मुझे अच्छा लगने लगा और मैं चिल्लाने लगी, “फाड़ दो इश्स साली छूट को… भैया… अपनी बाहें को सारा सुख दे दो… और ज़ोर्से डालो… और… इश्स… अफ…” मेरे ऐसे कहेने से भाई भी जोश मे आगेया और ज़ोर्से झटके मरने लगा… 5मीं बाद मुझे लगा के मैं झड़ने वाली हूँ, मैं राकेश से बोली “भाई मैं झड़ने वाली हू… तुम भी साथ मे ही झड़ो और मुझमे ही झड़ो, मैं तुम्हारा पूरा रस अपने मे समलेना चाहती हू…” भाई ने वैसा ही किया और हम साथ ही झाडे. वो मेरे बगल मे लेट गया. और हम दोनो को नींद आ गयी.

सुबह जब मैं उठने लगी तो मुझसे उठे नही जा रहा था. बहोट कोशिश करने के बाद मैं खड़ी हुई पर जैसे बातरूम जाने के लिए पैर बढ़ाया लड़खड़ा गयी और नीचे बैठ गयी. मेरी पहेली चुदाई के कारण मुझे बहोट दर्द हो रहा था और इसके वजह से मैं चल नही सकती थी. मैं वही पलंग पे बैठ गयी. भाई ने कहा “पूजा, तुम दो-टीन दिन घर मे ही आराम करो जब ठीक हो जाओ तब ही कॉलेज जाना.” ये कहा और मेरे पास आ के मुझे एक चूमा दे के अपने क्लास के लिए चला गया.

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