hindi me chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindi-me-chudai/ Hindipornstories.org Mon, 20 Dec 2021 09:47:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना https://sexstories.one/gaon-ki-ladki-ki-antrawvasna/ Mon, 20 Dec 2021 09:47:44 +0000 https://sexstories.one/?p=3556 वो अपनी चूत को सहला रही थी और मैं उसके दूध को एक एक करके चूस रहा था | मैं ऐसे कुछ देर तक उसके दोनों दूधो को चूसता रहा | फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला....

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Gaon ki desi ladki ki antrawasna – हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मैं आशा करता हूँ की आप सही लोग ठीक ही होगे | आप लोगो को चुदाई करना तो पसंद ही होगा और आप सभी लोग चुदाई का पुर मज़ा ले रहें होगे या नही | मैं आशा करता हूँ की आप लोग चुदाई को पूरा आनंद ले रहे होगे | मैं आप लोगो को अपने बारे में बता देता हूँ | मेरा नाम अखिलेश है | मेरी उम्र 26 साल है | मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 5 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | मैं दिखने में गोरा हूँ और स्मार्ट भी |

मैं रहने वाला बिहार का हूँ | मैंने पढाई सिर्फ बी ऐ तक की है | मेरे घर में 4 लोग रहते हैं | मैं और मेरे मम्मी पापा मेरे छोटा भाई | मेरे पापा कॉलेज में टीचर हैं और मेरी मम्मी हाउस वाईफ हैं मेरा भाई अभी 11 में पढता है | मुझे सेक्सी कहानियाँ पढना बहुत पसंद है और मैं सेक्सी मूवी देखना भी पसंद करता हूँ | मैं सेक्सी कहानी पढ़ कर मुठ भी मार लेता हूँ | मैं जब सेक्सी कहानी पढता हूँ तब मेरे भी मन करता है की मैं भी अपनी एक कहानी लिखूं और मैं आज एक कहानी लेकर आया हूँ | ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना | ये मेरी पहली कहानी है तो इसमें कोई भी गलती हो सकती है अगर आप लोगो को समे कोई भी गलती नज़र आती है तो मुझे माफ़ करना | मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और कहानी पढने में मज़ा भी आएगा |

मैं आप लोगो को ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ दिन पहले की है जब मैं एक प्रचार गाड़ी को चलाता था | तब मैं हर हफ्ते नये गाँव में जाता था प्रचार के लिए | एक दिन की बात है जब मैं एक गाँव में प्रचार करने के लिए गया था | तो मुझे वहां एक लड़की बहुत ही सेक्सी नजरो से देख रही थी और मुझे लाइन भी मार रही थी | मैं उस लड़की का नाम तो नही जनता हूँ जो आप लोगो को उसका नाम बताऊँ पर इतना जरूर बता सकता हूँ की वो लड़की कैसी दिखाती थी | तो दोस्तों वो लड़की दिखने में दूध की तरह गोरी थी | उसका सेक्सी फिगर था | उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी बड़ी चौड़ी गांड वो किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही थी | उसके फिगर को देख कर किसी भी आदमी की नियत ख़राब हो जाये | मेरा भी यही हाल हुवा था जब मैंने उसे देखा था | उस गाँव में मेरा पहला दिन था और मुझे हर गाँव में 7 दिन रुकना होता था |

वो लड़की मुझे देख कर हँस रही थी और मुझे लाइन भी मार रही थी | कुछ देर तक मैं वहीँ गाड़ी में बैठा रहा और जब सब लोग चले गए | तब वो लड़की मेरे पास आकर बोली आप अच्छे लग रहे हो और वो हँसती हुई चली गयी | दुसरे दिन फिर वो आई तो मुझे देखती रही और जब मैं उसकी तरफ देखने लगा तो वो मेरी तरफ देख कर मुझे किस के लिए बोली तब मैं उसके पास जाकर बोला रात में आना तुमसे कुछ अकेले में बात करनी है | तब उसने कहा ठीक है और फिर हँसती हुई चली गयी | मैं रात को उसका इंतजार कर रहा था | फिर वो बहुत देर बाद आई और मुझे एक प्राइमरी स्कूल में ले गयी | वहां पर एक खाली रूम था | हम वहीँ बैठ कर बात करने लगे |

मैं बात करते हुए उसकी जांघों को सहलाने लगा और वो मेरी तरफ देख कर मुझे पकड कर चिपक गयी | तब मैं उसके गले में किस करने लगा | मैं उसके गले में किस करते हुए उसके होठो पर अपने होठ रख कर किस करने लगा | मैं उसके होठो को मुंह में रख कर चूस रहा था जिससे वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी | फिर मैं उसकी होठो को चूसते हुए उसकी बूब्स को कपड़े के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को कुछ देर तक दबाने के बाद उसके कपडे निकाल दिए | वो कुछ ही देर में मेरे सामने ब्रा और पेंटी में आ गयी | मैं उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से पकड कर दबाने लगा | तो उसके मुंह से हलकी हलकी आवाज में सिसिकियाँ निकल गयी | मैं उसके दूध को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा |

Free sex kahani माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 3

मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे को हाथ में पकड कर दबाने लगा | वो अपनी चूत को सहला रही थी और मैं उसके दूध को एक एक करके चूस रहा था | मैं ऐसे कुछ देर तक उसके दोनों दूधो को चूसता रहा | फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा | तो उसके मुंह से उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह की सिसिकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को चाट रहा था |

मैं उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर उसे अपनी ऊँगली से चोदने लगा | तो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करती हुई अपने बूब्स को दबाने लगी | मैं उसकी चूत में ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को अपनी ऊँगली से चोद रहा था | वो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह कर रही थी |

मैं उसकी चूत में कुछ देर तक ऐसे ही ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपड़े निकाल के लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया | वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाती हुई अपने मुंह में रख कर चूसने लगी | तो मेरे मुंह से भी सिसिकियाँ निकल गई | वो मेरे लंड पर अपनी जीभ को रगडने लगी | तो मेरे मुंह से हलकी हलकी आवाज में सिसिकियाँ निकल गयी | वो लंड को मुंह में अंदर बाहर करती हुई चूस रही थी | मैं अपने लदन को उसके मून में चूसा रहा था | वो मेरे लंड को कुछ देर तक ऐसे हो मुंह में अन्दर बाहर करती हुई चूसती रही थी | फिर मैंने अपने लंड को मुंह से निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत के मुंह पर अपने लंड को रख कर चूत में घुसा दिया | तो उसके मुंह से उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह की सिसिकियाँ निकल गयी | मैंने उसकी छत में लंड को घुसा कर उसको चोदने लगा |

तो वो अपने बूब्स को मसलती हुई उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए उसको चुद रहा था | वो भी मेरा साथ देती हुई अपनी चूत को हिला हिला कर चुदने लगी | मैं उसकी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसे चुद रहा था | वो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह अहह करती हुई चुद रही थी |

कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसके मुंह में डाल कर चूसाने लगा | वो मेरे लंड को कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही | फिर मैंने उसे वहीँ पर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में पीछे से लंड को डाल कर उसको चोदने लगा | तो वो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह करती हुई अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुदने लगी | मैं उसको जोरदार धक्को के साथ में चोद रहा था | वो मस्त होकर चोद रही थी | मैं उसको ऐसे ही कुछ देर तक चोदता रहा | फिर 30 मिनट की मस्त चुदाई के बाद मेरे लंड ने सारा माल उसकी गांड पर निकाल दिया | इस तरह से मैंने उसकी मस्त चुदाई की |

मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी और इसे पढने में आप को मज़ा आया होगा |

कहानी पढने के लिए धन्यवाद् |

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी https://sexstories.one/desi-indian-family-ki-incest-porn-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:09:33 +0000 https://sexstories.one/?p=5020 उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था...

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Desi Indian Family ki Incest Porn Kahani – आरव अपने पिता द्वारा खरीदा गया रंगीन टीवी देखकर खुश था, यह उसके गाँव का पहला रंगीन टीवी था और वह अपने दोस्तों को इसके बारे में शेखी बघारते नहीं थकता था। आरव एक 18 साल के बच्चे के लिए थोड़ा अपरिपक्व था और उसकी काया ने मदद नहीं की या तो कोई उसे आसानी से 15 या 16 साल के लिए भूल जाएगा। इसके कुछ लाभ भी थे; उसके पिता उसे खेती में शामिल नहीं करते थे।

पिछली बार जब उनके पिता उन्हें चावल की बुवाई के लिए खेत में ले गए, तो उन्होंने एक ही छेद में सारे बीज डाल दिए, अपने बचाव में उन्होंने कहा “पिताजी, आपने मुझे बीज को जमीन में डालने के लिए कहा था, आपने कुछ भी नहीं बताया इसे समान रूप से फैलाने के बारे में। ” उस घटना के बाद उसके पिता उसे कभी खेत में नहीं ले गए।

“माँ, आरव मुझे परेशान करता है, वह मुझे मेरा एपिसोड देखने नहीं दे रहा है, मैं एक महीने से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरती ने अपनी मां से शिकायत की।

“माँ, मुझे शक्तिमान देखना है, मैं एक साल से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरव ने कहा कि वह जानता है कि उसकी मां उससे ज्यादा प्यार करती है और उसकी किसी भी इच्छा से इनकार नहीं किया; आखिर वह घर का इकलौता बेटा था।

“अरे तब हमारे पास टीवी नहीं था।” आरती अपने भाई पर चिल्लाई।

“आरती, अपने भाई को टीवी देखने दो, क्या तुमने बर्तन बनाए।” शालिनी कुएं से चिल्लाई।

वह गाँव के बाहर नदी में स्नान करने वाली अन्य महिलाओं के विपरीत, अपने घर के ठीक बाहर गाँव के कुएँ में स्नान करना पसंद करती थी। आमतौर पर महिलाएं कुएं से पानी अपने घर ले जाती थीं, लेकिन चमत्कारिक रूप से जब भी शालिनी स्नान करतीं तो कई पुरुष कुएं से पानी लेने आते। ऐसा नहीं था कि शालिनी को यह नहीं पता था, लेकिन गाँव के कुएँ में नहाना दिन का उसका पसंदीदा हिस्सा था, वह पूरे दिन उसका इंतजार करती थी।

“कमबख्त वेश्या।” आरती ने अपनी सांस के नीचे अपनी मां को बताया।

आरव ने अपने अहंकार को और भी अधिक चोट पहुँचाने पर विजयी रूप से मुस्कुराया और खुद को टीवी देखने में लगा दिया।

आरती ने बर्तन लिए और उन्हें साफ करने के लिए कुएं पर चली गई, लेकिन वह अपने सामने की जगह को देखकर चौंक गई, उसकी माँ का ब्लाउज गीला था और उसके लाल निप्पल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे, वह देख सकती थी कि दो आदमी खुलेआम अपनी आँखें उस पर दावत दे रहे हैं। . भले ही वह उससे नाराज़ थी, फिर भी उसने अपनी सुरक्षा महसूस की और उसने उसे चेतावनी देने का फैसला किया।

“अरे, माँ क्या तुम मुझे कुएँ से कुछ पानी खींचोगी।” आरती ने अपनी माँ से यह उम्मीद करते हुए पूछा कि वह उसकी ओर मुड़ेगी ताकि वह उसे अपनी स्थिति के बारे में बता सके।

Desi Maa ki Incest Sex – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3

“माँ, तुम्हारा ब्लाउज।” आरती ने अपनी माँ को इशारा किया कि वह उससे बाल्टी लेने के लिए उसकी ओर मुड़ी।

“ओह …” उसने हैरान होकर अपने ब्लाउज को समायोजित किया, उसे पछतावा हो रहा था कि उसने उसे व्यंजन करने के लिए बुलाया और उसने एक मानसिक नोट लिया, अगली बार जब वह स्नान करेगी तो वह उसे टीवी देखने देगी।

“माँ, आपने खाने में क्या बनाया है?” आरव ने पास बैठी आरती पर प्यार से चेहरा बनाते हुए अपनी माँ से पूछा।

वे मिट्टी और लकड़ी से बने एक बहुत छोटे से घर में रहते थे, छत सूखी झाड़ियों से बनाई जाती थी जो बारिश के पानी को घर में रिसने से रोकती थी, जिससे फर्श मैला हो जाता था, उनके पास दो छोटे कमरे थे। उन्होंने एक कमरे में खाना पकाने की सामग्री और दूसरे में घरेलू सामान रखा था, दोनों कमरे एक छोटे से दरवाजे के साथ मिट्टी की दीवार में एक छोटे से छेद से जुड़े थे।

“आरती, आज अपने भाई के साथ सो जाओ।” अपनी माँ की शर्मीली आवाज सुनकर आरती एक मुस्कान को दबा नहीं पाई, वह अपने भाई की तरह गूंगी नहीं थी, यह समझने के लिए कि जब भी वे एक साथ कुछ निजी समय बिताने के मूड में होते, तो उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए भेज दिया जाता था अन्यथा वह सो जाती थी माँ के साथ और उसका भाई अपने पिता के साथ सोएगा।

आरती ने लाल रंग की फूलदार स्कर्ट पहनी थी जो मुश्किल से उसकी जांघों के बीच में आती थी और कई जगहों पर सिल दी जाती थी, उसने अपने भाई को मुस्कुराते हुए देखा जब उसने सुना कि वह उसके साथ सो रही है।

“यदि आप आज कुछ भी करते हैं, तो मैं पिताजी को बता दूँगा और वह आपकी बकवास को हरा देंगे।” आरती ने अपने भाई से दृढ़ता से कहा, पिछली बार जब वह अपने भाई के साथ सोई थी, तो वह किसी तरह अपना हाथ उसके ऊपर डालने में कामयाब रहा था और उसके स्तनों को सहला रहा था, आरती उस पर नाराज थी लेकिन वह इसकी गंभीरता को जानती थी इसलिए उसने नहीं किया उसके माता-पिता के साथ उसका भंडाफोड़ किया और खुद चीजों को संभालने का फैसला किया।

“मैंने कुछ नहीं किया।” आरव ने साहसपूर्वक उत्तर दिया, वह जानता था कि वह झांसा दे रही है।

आरती ने उसे अनसुना कर दिया, वह बिस्तर बनाने में व्यस्त हो गई, उसने फर्श पर छोटी-सी चटाई बिछा दी और तकिया बनाने के लिए चादर घुमा दी। उसकी माँ ने उसके पिता को रंगीन टीवी खरीदने के लिए राजी किया था, जबकि वे उस पैसे से कई घरेलू सामान खरीद सकते थे।

आरव उत्तेजना से सो नहीं पा रहा था, वह उसके स्तनों की कोमलता के बारे में सोच रहा था, यह उसके हाथों में कैसा लगा, वह जानता था कि वह बादाम के आकार की आँखों से सुंदर थी, प्यारी छोटी नाक, उसके बेदाग गुलाबी गाल लेकिन सबसे अच्छा उसके चेहरे का हिस्सा उसके होंठ थे, स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग और ऐसा लग रहा था कि यह उसके चेहरे पर तराशा गया हो। “क्या बात है, क्या मैं सोच रहा हूँ कि वह एक झटका है।” उसने सोचा, उसे अपनी बहन की इस तरह सराहना करते हुए अजीब लगा।

आरव ने करवट बदली और देखा कि उसकी बहन गहरी नींद सो रही है, वह सोते समय बहुत सुंदर लग रही थी, वह उसके गुलाबी होंठों को देखकर उत्तेजित हो गया और उसे चूमना चाहता था, लेकिन इसके बजाय उसने अपना बायाँ हाथ ब्लाउज से ढके उसके स्तन पर घुमाया, उसने उसके स्तन दबा दिए थोड़ा और उसका चेहरा देखा कोई प्रतिक्रिया देखने के लिए, कोई नहीं। उसने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और अपने हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, उसे अपने हाथों में उसके नग्न स्तन को थपथपाना बहुत अच्छा लगा, और वह उसके निप्पल को अपनी हथेली से चरते हुए महसूस कर सकता था।

उसने धीरे से अपना हाथ उसके स्तन को घुमाते हुए घुमाया और वह उसके निप्पल को अपने हाथों में बढ़ता हुआ महसूस कर सकता था, उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था इसलिए वह नीचे झुक गया और भूख से उसके आधे स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसके चिकने, मुलायम लेकिन कोमल स्तनों को बेतहाशा चूस रहा था।

आरती को उत्तेजना महसूस हुई, वह एक उन्माद में थी कि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके स्तन को क्या हो रहा है, उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसके स्तन को उसके शरीर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है और इसने उसे उत्तेजना से जंगली बना दिया है। तब उसने महसूस किया कि यह उसका भाई है जो उसकी छाती को चूस रहा है, वह एक झटके के साथ अपना सिर एक तरफ करके बैठ गई।

“आप क्या कर रहे हो।” आरती ने पूछा, एक ही समय में दोहरी भावनाओं को महसूस करते हुए, वह उस पर गालियाँ देना चाहती थी, लेकिन वह अपनी उत्तेजित अवस्था के कारण ऐसा नहीं कर सकी। वह उत्तेजना से भर गई थी, उसके गाल लाल हो गए थे और उसने उसकी ओर देखा लेकिन उसे नहीं पता था कि क्या करना है।

“मुझे बहुत खेद है, आप बहुत सुंदर लग रहे थे, मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका, मुझे वास्तव में खेद है, कृपया पिता को मत बताना।” आरव चिंता से बौखला गया, वह जानता था कि वह बहुत दूर चला गया है, छूना एक बात है लेकिन उसके स्तनों को चूसना पूरी तरह से अलग था, वह एक रेखा थी।

वह शांत हो गई जब उसने अपने भाई को यह कहते हुए सुना कि वह सुंदर दिखती है, किसी ने उसे कभी नहीं बताया कि वह सुंदर थी, वह हमेशा अपने बारे में सचेत रहती थी, वह हमेशा सोचती थी कि वह अच्छी दिख रही है या नहीं, इसलिए जब उसने अपने भद्दे भाई (जो एक ट्रिलियन वर्ष में उसकी किसी भी चीज़ की प्रशंसा न करें) उसके पूरक के रूप में, उसने अपने भीतर गर्व की लहर महसूस की।

“क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ।” उसने अपने भाई से बाकी सब कुछ भूल जाने के लिए कहा, जो उसके अभी भी खुले स्तन को देख रहा था।

उसने महसूस किया कि उसने उसकी कमजोर जगह को छू लिया है। “बेशक, तुम सुंदर हो।” उसने मुस्कराहट दबाते हुए उत्तर दिया।

“चलो सो जाते हैं, लेकिन कोई शरारत नहीं।” आरती ने गंभीर स्वर में आरव से कहा।

to be continued..

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माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 2 https://sexstories.one/maa-ne-chudai-karwai-mujhse/ Wed, 15 Dec 2021 15:02:31 +0000 https://sexstories.one/?p=4995 मैंने उन्हें दो से तीन मिनट तक सुना क्योंकि तब तक मेरा डिक धड़क रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया। आवेग में आकर मैं जल्दी से उठा, अपने बाएं हाथ से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया...

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Maa ne chudai karwai mujhse – कमरे में अँधेरा था और खिड़की से कुछ रोशनी ही आ रही थी। जब मैं अपने बिस्तर पर लेटा, तो मैं अपनी माँ को चोदने के मूड में था, लेकिन उसके पास जाने की हिम्मत नहीं थी। दस मिनट के बाद मुझे नींद नहीं आई और मुझे हस्तमैथुन करना पड़ा। मुझे अपनी मां के साथ ऐसा करने में शर्म आ रही थी लेकिन मैं इसकी मदद नहीं कर सका। तो मेरी अपनी माँ जो मेरे बगल में सो रही है, मेरी ड्रीम गर्ल बन गई क्योंकि मैंने उसके बगल में हस्तमैथुन किया था। काम खत्म करने के बाद मुझे धीरे-धीरे नींद आने लगी।

कुछ देर बाद अचानक कुछ कराहों से मेरी नींद खुल गई। जैसे ही मैंने अपनी आँखें खोलीं, मुझे स्पष्ट रूप से माँ की कराह सुनाई दे रही थी। मैं चौंक गया था लेकिन साथ ही मुझे भी चालू कर दिया गया था। मैं नहीं देख सकता था कि क्या वह कराहते हुए खुद उंगली चोद रही है लेकिन मैंने उसके विलाप का आनंद लिया क्योंकि उन्होंने मेरा लंड बढ़ाया। मैंने उन्हें दो से तीन मिनट तक सुना क्योंकि तब तक मेरा डिक धड़क रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया। आवेग में आकर मैं जल्दी से उठा, अपने बाएं हाथ से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया, और उसके ऊपर चला गया और कहा “मुझे तुम्हारी देखभाल करने दो माँ!”

Part 1 – माँ ने चुदवा लिया मुझसे

जैसे ही मैंने उसके होठों को चूम कर उसे दबा दिया, माँ चौंक गई और चिल्लाई। मैंने जल्दी से अपना दाहिना हाथ हिलाया और अपनी माँ के बड़े बाएँ ब्लाउज से ढके स्तन को पकड़ लिया और उसे सहलाया। माँ ने संघर्ष किया लेकिन थोड़ा ठंडा हो गया क्योंकि मैंने उसके होठों को जाने दिया और उसने कहा “नहीं! तुम मेरे बेटे हो!”

“भूल जाओ मैं थोड़ी देर के लिए बेटा हूँ माँ!” मैंने जोड़ा “आपको मेरी ज़रूरत है और मुझे अब आपकी ज़रूरत है!”

“नहीं!” उसने फिर कहा “यह गलत है!”

“मुझे परवाह नहीं है माँ! मैं आपको चाहता हूं!” मैंने बाधित किया।

इससे पहले कि वह कुछ कहती “मुझे पता है कि तुम्हें भी मेरी ज़रूरत है!”

मैंने जल्दी से अपना दाहिना हाथ उसकी साड़ी की उलझनों को दूर करने के लिए घुमाया और उसके टीले को सहलाने लगा और कहा “मुझे पता है कि मैं इस माँ की देखभाल कर सकती हूँ! कृपया मुझे एक अवसर दें!”

माँ कुछ कहना चाहती थी लेकिन चुप रही और मेरी उँगलियों ने उसके भगशेफ को छुआ और एक छोटा सा कराह दिया।

तभी मुझे लगा कि मैंने उसे उसके सींगों से पकड़ लिया है।

मैंने उसका हाथ जाने दिया और मैंने जल्दी से उसकी साड़ी को उसके सीने से अपने बाएं हाथ से उतार दिया क्योंकि मेरा दाहिना हाथ अभी भी उसकी पेटीकोट से ढकी चूत को सहला रहा है।

माँ गलत कहने के सिवा कुछ नहीं कर रही और मैं उसका बेटा! मैंने उसके स्तन और चूत को कुछ देर तक तब तक सहलाया जब तक मुझे लगा कि मेरी माँ के कपड़े उतारना सुरक्षित है। जैसे ही मैं उसके ब्लाउज के हुक हटाने के लिए रुकी, वह वहीं लेट गई और सम्मोहित महिला जैसा कुछ नहीं किया।

मैंने धीरे से उसका ब्लाउज खोला क्योंकि उसके नग्न स्तन कम रोशनी में चमक रहे थे क्योंकि वे और अधिक दिखाई देने लगे थे। जैसे ही मैंने सभी हुक खोले और उसके निप्पल देखे, मैं उन पर चूसने के लिए आगे बढ़ने के लिए इंतजार नहीं कर सका। बेटे की वृत्ति हो सकती है या प्रेमी की हो सकती है, मुझे बहुत अच्छा लगा जब मैंने अपनी माँ के निप्पल को अपने मुँह में लिया। मुझे नहीं पता कि मैं उसके स्तनों के साथ कितनी देर तक खेलता रहा क्योंकि मैं उनके साथ खेलते हुए ऊब नहीं सकता था। माँ ने हालाँकि अपनी आँखें बंद कर लीं और शायद मेरे कामों का आनंद ले रही थीं।

कुछ मिनटों के बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरा लंड लंबे समय से सख्त है और मुझे दर्द हो रहा है जैसे कि वह मेरी माँ की योनी तक पहुँचना चाहता है। इसलिए मैं उठ बैठी और उसकी साड़ी की उलझी हुई टंगलों को पकड़कर बाहर खींच लाई। जैसे ही साड़ी की उलझन ढीली हो गई और किनारे पर गिर गई, मैं देख सकता था कि साड़ी की एक परत के साथ उसका पेटीकोट अभी भी उसे लपेट रहा है। मैं उसका पेटीकोट उतारना चाहता था क्योंकि मैं माँ की नग्नता को देखने के लिए बेताब था, लेकिन मेरा डिक अब मुझे नियंत्रित कर रहा है। तो मुझे माँ की नग्न योनी को जल्दी से पाने का एक आसान तरीका खोजना पड़ा। तो मैंने उसका पेटीकोट ऊपर उठाना शुरू कर दिया। स्कूल में हम मजाक में कहा करते थे कि साड़ी का मुख्य लाभ महिला की चूत तक आसानी से पहुंचना है क्योंकि साड़ी और पेटीकोट दोनों को ऊपर उठाया जा सकता है। यदि महिला ने कोई जाँघिया नहीं पहनी है (जैसा कि अधिकांश माताएँ नहीं पहनती हैं) तो आपके पास तुरंत चोदने के लिए एक मोटा और रसदार योनी है।

जैसे ही मैंने अपनी माँ का पेटीकोट उठाया और स्कूल की बात को याद किया, मुझे विश्वास हो गया कि यह एक सच्चाई है। मेरी माँ की नग्नता तक पहुँचने के लिए उसके कपड़े ऊपर उठाना बहुत आसान था क्योंकि यह उसके पैरों से पहले उसके बालों से ढकी मोटी मोटी चूत में प्रकट हो रहा था। मुझे उम्मीद थी कि माँ कुछ कहेगी क्योंकि मैं उसका टीला देखने के करीब पहुँच रहा था लेकिन वह आँखें बंद करके चुप रही।

मैंने अपना सारंग उतार दिया, क्योंकि मैं पहले उसे चोदना चाहता था और बाद में सब कुछ करना चाहता था क्योंकि मेरा लंड एक असली योनी की मांसपेशियों द्वारा मालिश करने के लिए धड़क रहा था। जैसे ही मैंने खुद को माँ के पैरों के बीच रखा, माँ ने मुझे अपनी योनी तक बेहतर पहुंच देने के लिए पैरों को अलग कर दिया। तब मुझे यकीन हो गया था कि माँ को मेरा लंड उतना ही बुरा चाहिए जितना मुझे उसकी चूत चाहिए।

मैंने कोई समय बर्बाद नहीं किया क्योंकि मैंने अपने बहुत निराश खड़े डिक को अपने दाहिने हाथ से पकड़ लिया क्योंकि मैं अपने डिक को उसकी योनी के अनुरूप लाने के लिए आगे बढ़ा। जैसे ही मैंने उसके योनी होंठों को अपनी उँगलियों से महसूस किया, मैं अपनी रीढ़ से काँप रहा था क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मेरा सपना सच हो रहा है। जैसे ही मेरे डिक ने उसकी चूत के होठों को छुआ, माँ थोड़ी कराह उठी और मैं महसूस कर सकती थी कि उसके होंठ अलग हो रहे हैं ताकि मेरा लंड उसकी योनि में समा जाए। मैं अपने डिक को माँ की योनी में डालने के हर हिस्से का आनंद लेना चाहता था क्योंकि मैंने धीरे-धीरे उसे उसके अंदर धकेल दिया। कोई घर्षण नहीं है, क्योंकि मैं उसकी योनी को बहुत गीला महसूस कर सकता था, सिवाय उसकी योनी की मांसपेशियों के मेरे डिक को रास्ता दे रही थी और मेरे जन्मस्थान के आंतरिक गर्भगृह में पहुंच गई थी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी योनी में डाला, मैं रुक गया और माँ के चेहरे की ओर देखा। मेरा अंडकोश पूरी तरह से उसके नारीत्व के खिलाफ दबा हुआ है। मेरा डिक पूरी तरह से उसकी योनि में डाला गया था। मेरी गेंदें उसके निचले योनी होठों से टकरा रही हैं और मेरे जघन के बाल उसके साथ जुड़ गए हैं। मेरे रुकते ही माँ ने अपनी आँखें खोलीं और मैं उसकी आँखों में आनंद महसूस कर सकता था। वह उस अंधेरे में दीप्तिमान लग रही थी और मैं उससे कुछ कहना चाहता था। मैंने उससे फुसफुसाया “मैं आखिरकार तुम्हें चोद रहा हूँ माँ! मैंने अभी-अभी अपनी माँ की योनि पर विजय प्राप्त की है!” माँ सहमति में मुस्कुराई।

मैं उसकी मुस्कान को देखकर पूरी तरह से उत्साहित हो गया क्योंकि मैंने पूरी तरह से बाहर निकाला और फिर से उसके गर्भ में वापस थपकी दी। माँ को चोदने के मेरे हर जोर के लिए मुझे अपनी माँ की योनी का उल्लंघन करने का एक अतिरिक्त उत्साह था। मुझे उस परमानंद का अनुभव हुआ जब माँ के साथ अनाचार करने का विचार मेरे दिमाग में कौंध गया। मैंने सोचा कि मुझे पूरी दुनिया का आनंद है क्योंकि मैंने अपनी मां की पवित्रता के वर्जित फल का आनंद लिया है।

माँ की योनि में हर जोर ने मुझे बताया कि मैं उसकी मोटी योनी की मिठास का आनंद ले रहा हूँ। हर मेढ़े ने अपनी गर्म चूत में अपनी और अधिक शुद्धता मुझे सौंप दी। जब तक मुझे लगा कि मेरा गर्म सह अब मेरी माँ के गर्भ को भरने के लिए तैयार है, उन विचारों ने मुझे और अधिक जोर देते हुए आगे बढ़ाया। और यह किया! माँ की योनी में मेरे वीर्य को उगलते ही मेरा लंड अकड़ गया। यह अनुभव करने के लिए एक बहुत अच्छी बात थी क्योंकि मेरा सह बाहर निकल गया क्योंकि मैं माँ के गर्म ओवन में चढ़ाई कर रहा था और महसूस किया कि शॉवर उसके सभी आंतरिक गर्भगृह पर छिड़काव कर रहा था जहां मैंने आकार लिया था। मेरी यौन इच्छा को दूर करने के लिए माँ की चूत का उपयोग करने के रोमांच ने मेरे अधिक वीर्य को उसके गर्भ में धकेल दिया। जैसे ही मुझे लगा कि मेरी गेंदें खाली हो रही हैं, मैं सांस लेने के लिए हांफते हुए उसके ऊपर गिर पड़ा और मेरा डिक खुद को माँ में खाली कर दिया।

मैं उस पर कुछ देर तक लेट गया जब तक माँ ने मुझे अपने होठों पर चूमा, इस बार सब अपने आप से। मुझे अंत में माँ की प्रतिक्रिया मिली। कुछ चुंबन बाद में माँ बाथरूम जाना चाहती थी इसलिए मैं उससे दूर चला गया। जैसे ही मैं उसके गद्दे के पास फर्श पर गया, मैंने देखा कि माँ बिस्तर पर बैठी है और उसने अपने ब्लाउज को फिर से जोड़ा है। इसने मुझे उन फिल्मों के दृश्यों की याद दिला दी जहां एक महिला अपने ब्लाउज को टांगती है जबकि एक आधा नग्न पुरुष उसके बिस्तर के पास होता है। यह कहने का एक बिना सेंसर वाला तरीका था कि उन्होंने सिर्फ सेक्स किया था और मैं यह जानकर रोमांचित था कि यह मेरी अपनी माँ है जो मेरे वास्तविक जीवन में मेरे साथ दृश्य को चित्रित कर रही है। जैसे ही वह उठी, उसने अपने आस-पास की बची हुई साड़ी को उतार दिया और ब्लाउज और पेटीकोट में बाथरूम में चली गई। जैसे ही मैंने उसकी ओर देखा, मुझे लगा कि यह अविश्वसनीय है कि कुछ क्षण पहले तक मेरी माँ का वह शरीर मेरे लिए वर्जित फल था। अब, उस फल का स्वाद चखा गया और मैंने इसके हर हिस्से का आनंद लिया।

जैसे ही मेरी माँ मुझसे दूर चली गई, मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने उसके साथ गर्म सेक्स किया है। उसका शरीर अब मेरे सेक्स जूस को वहन करता है। माँ के बाथरूम जाने के बाद, मैंने उसका पीछा किया। मैंने बाथरूम में रोशनी देखी और दरवाजा खुला था और जैसे ही मैं कमरे के करीब गया, मुझे माँ की पेशाब की आवाज़ सुनाई दे रही थी और यह निश्चित रूप से जितना मैंने सुना था, उससे कहीं ज्यादा तेज़ था। मैंने किसी से सुना है कि एक महिला की पेशाब की आवाज से पता चलता है कि उसे चोदा गया है या नहीं। बकवास जितना अच्छा होगा, शोर उतना ही तेज होगा! मेरी माँ की पेशाब की आवाज़ सुनकर भी मेरे लिए एक कामुक आवाज़ बन गई। मैंने तब तक इंतजार किया जब तक माँ खुद को राहत देने के लिए बाहर नहीं आई। जैसे ही मैं वापस आया, मैंने देखा कि माँ पहले से ही अपने बिस्तर पर थी।

to be continued…

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मामा की लड़की को घोड़ी बनाया.. https://sexstories.one/ghodi-bana-ke-choda-mama-ki-ladki-ko/ Wed, 15 Dec 2021 07:05:14 +0000 https://sexstories.one/?p=3467 उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई...

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Ghodi Bana Ke Choda Mama Ki Ladki Ko – मेरी ये कहानी कहानी ही नहीं मेरी जिदगी का वो समय था जिसे में आज तक नहीं भुला पाया। दोस्तों मेरा नाम राहुल उम्र 23 साल लम्बाई 5’11 है। में उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। बात उस समय की है जब में 12th मे पढ़ता था। और में छुट्टियों पर अपने मामा के घर पर गया हुआ था। मेरे मामा का परिवार बहुत बड़ा है।

परिवार के सभी लोग एक साथ रहते हैं। मामा का अपना खुद का व्यापार है। मामा के व्यापार में उनका बेटा भी साथ देता है। उनके साथ मे उनका बेटा भी जाता है। घर पर मेरी मामी और उनकी दो बेटीयाँ पलक और छाया और नाना नानी रह जाते हैं। छाया की उम्र 22 साल पलक की उम्र 18 साल की है। छाया की चूचियो का साइज़ पलक की चूचियो की साइज़ से कम है। पलक का फिगर होगा 34 28 34.. बड़ी चूची पतली कमर मोटी गांड बड़ी सेक्सी लगती थी। लेकिन में दोनो को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखता था।

एक दिन की बात है जब मामी और छाया शॉपिंग करने बाहर गये थे और पलक को कह गये कि मेरा ख़याल रखे नाना नानी नीचे के कमरे में सो रहे थे। पलक अपने काम मे लगी थी स्कूल का और में वहाँ घर पर बहुत बोर हो रहा था। तो में उठा और उपर वाले कमरे मे चला गया। और में कुछ गाने सुनने लगा तब पलक भी मेरे पीछे उपर वाले कमरे मे आ गई वो कुछ किताबे ले कर आई। और मुझसे कुछ पूछने लगी उसने लाइट कलर की सलवार कमीज़ पहन रखी थी। और दरवाज़ा बंद करके मेरे पास बेड पर बैठ गई। में उसको देखता रह गया क्या लग रही थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। इतने करीब से मैने उसको पहली बार देखा था।

इतने मे वो मुझसे बोली: भैया मुझे कुछ पूछना है। मैने कहा हाँ पूछो पलक बोली मुझे इसका उत्तर नहीं मिल रहा कुछ दिखाते हुए। वो किताब को बेड पर रख कर आगे की ओर झुकी तो उसकी कुरती ढीली होने के कारण उसकी मोटी मोटी चुचियो का उभर मुझे दिखा में देखता ही रह गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरा मन चाह रहा था की उसे पकडू और चोदू वो मुझे हिलाते हुए बोली भैया में कुछ कह रही हूँ। मैने कहा की कल में बताऊंगा आज मेरे सर मे दर्द है। तो उसने कहा लाओ में मालिश कर दूँ।

मैने मना किया तो उसने ज़बरदस्ती सर को पकड़ा और दबाने लगी। और कुछ समय के बाद मेरे दिमाग़ मे एक तरकीब आई मैने उसे कहा की तुम सामने बैठ कर पढ़ो। और में कांच की तरफ पीठ करके बैठ गया था। और मैने अपनी ज़ेब से मोबाईल निकाल कर उसमे ब्लू फिल्म चला दी। और में इस तरह बैठ गया की पीछे से शीशे मे उसको दिखे और मैने मोबाईल की अवाज बंद कर दी। मैने नोटीस किया की वो ये सब कुछ देख रही है। तभी पलक बोली भैया मोबाइल मे क्या कर रहे हो। मुझे भी दिखाओ वीडियो मैने कहा तुम अभी छोटी हो ये सिर्फ बड़े लोग ही देखते हैं।

Desi Incest Sex Kahani – माँ ने चुदवा लिया मुझसे

तभी पलक कहने लगी की मुझे दिख नहीं रहा क्या हो रहा है वीडियो मे फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब मैने मोबाईल की थोड़ी अवाज बड़ा दी और मोबाईल पर मैने गांड मारने वाला सीन चला दिया। वो कहने लगी भैया ऐसी वीडियो क्यों देखते हो। मैने कहा की मज़े के लिए तो वो कहने लगी। इसमे क्या मज़ा आता है उसमे लड़की रो रही है। दर्द से तुम्हे मज़े की सूझी है। मैने कहा नहीं पागल लड़की को भी मज़ा जब आता है तभी वो ऐसे करती है। तो पलक कहने लगी की अब अगर इसके बच्चा हो जाएगा तो। मैने कहा गांड मारने पर बच्चा नहीं होता है। वो ये सब देख कर गर्म हो चुकी थी। अब उससे रहा नहीं गया और तभी उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ लिया। और कहने लगी मेरी भी गांड मारो प्लीज भैया। फिर मैने उसको कहा ऐसे लंड थोड़ी ना घुस जाता है। गांड में पहले गांड को गीला करना पड़ता है। तभी पलक बोली में कर देती हूँ ना गीला बस आप तो लंड डाल दो।

फिर उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई। और उसने देखा की सब सो रहे हैं कमरे मे वो आ गई और उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। और तभी मैने उसे अपनी बाँहों मे भर कर उसके लिप्स अपने लिप्स मे भरकर उसका कुर्ता उतार दिया। और अब उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दी।

अब पलक अपने घुटनो पर बैठ कर मेरी पैंट नीचे खीँच कर मेरे लंड को पकड़ कर मुहं मे लेकर चूसने लगी। मैने उसकी ब्रा खोल दी आह दोस्तो वो मेरा पूरा लंड मुहं मे लेकर चूस रही थी। मैने उसे खड़ा किया और बेड पर लिप्स चूसते हुए उसे बेड पर लिटा दिया। और उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया उसके बूब्स बहुत बड़े थे। और में उस पर चड़कर चूसने लगा और निप्पल को मुहं मे लेकर चूस रहा था। वो आह आह भैया चूसो आहै उईमाआ मज़ा आ रहा है कह रही थी। मैने थोड़ा नीचे आकर उसकी पेंटी को फाड़ दिया और दोनो पैरो को फैलाकर अब में उसकी चूत में एक उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा और चूसने लगा वो आहैहा हा भैया चूसो प्लीज़ आहै आहै कर रही थी और मेरे मुहं मे ही झड़ गई और अब मैने उसको कहा क्या करू? तभी वो बोलने लगी चूत मे लंड मत डालना तो मैने कहा मेरा क्या होगा।

अब वो मुझसे बोली मेरी गांड मे अपना लंड डाल लो मैने कहा ठीक है मुझे लंड को चूत में लेने से डर लगता है। फिर उसको बेड से उठा कर जमीन पर लाकर के मैने उसे घोड़ी बनने को कहा। वो जल्दी से घोड़ी बन गई तभी मैने पीछे से आकर उसकी गांड के छेद को फैलाया। और उसे बहुत दर्द हुआ और मुझे भी तभी उसने कहा बेड के पास बॉक्स मे तेल है। तभी मैने तेल निकाल के कुछ अपने लंड पर लगाया और बाकी उसकी गांड के छेद पर लगा दिया था। मैने उसको गांड को फैलाने के लिए बोला उसने अपनी गांड अपने दोनो हाथो से फैला ली। तब मैने अपना 7 इंच के लंड का अगला हिस्सा उसकी गांड मे टिका कर एक हल्का सा धक्का दिया। अब लंड दो इंच अंदर गया था। वो ज़ोर से चीखी मरर गईइई मैने पीछे से उसका मुहं दबा दिया उसकी चीख दब गई थी।

फिर मैने थोडे समय रुकने के बाद जब वो शांत हो गई तब मैने पीछे से एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया। और दूसरे हाथ उसकी चूची को भींच कर एक जोरदार झटका मारा मेरा पूरा लंड उसकी गांड मे समा गया। और उसकी गांड से थोड़ा खून निकल गया। और उसकी आँख से आँसू आ गये थे। और ऐसे ही बिना मुड़े हुए में हिला तक नहीं फिर उसने मेरा हाथ अपने हाथ से हटा कर बोली भैया चोदो अपनी बहन की गांड मारो मेरी चूत मुझे रंडी बना कर चोदो। तब में धीरे धीरे झटके मारते हुए अपनी स्पीड बड़ा दी।

दोस्तों आज मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था। हर एक झटके मे अलग एहसास था। हम दोनों का दर्द से बुरा हाल हुआ उसकी गांड से अभी भी खून निकल रहा था। लेकिन मैने उसे नहीं बताया और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी। क्योकि में कुछ देर के बाद में झड़ने वाला था। मैने उसकी गांड मे वीर्य निकाल दिया तभी पलक ने कहा की उसको वीर्य मुहं में लेना है। तभी मैने देर ना की और जल्दी से लंड को उसके मुहं में दिया अब वो लंड को चूस रही थी और बोली मैने पहले कभी लंड मुहं में नहीं लिया लेकिन आज मुझे लंड को चूसना अच्छा लगा।

हम दोनों उठे और साथ में बाथरूम में जाकर नहाए हमने वहाँ पर भी चुदाई की और बाहर आ गये। दोस्तों मैने छाया और पलक को एक साथ कई बार चोदा लेकिन जो मजा मुझे पलक की गांड में आया वो मुझे छाया और पलक की चूत में अभी तक नहीं आया वो दोनों इस चुदाई में हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देती थी। अब उन्हें बिना लंड लिये नींद नहीं आती और मेरी भी आदत हो गई। दोस्तों ये थी पलक और मेरी सच्ची कहानी थी।

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तान्या और उसकी बीडीएसएम कहानी https://sexstories.one/tanya-and-her-bdsm-sex-story/ Tue, 14 Dec 2021 06:21:54 +0000 https://sexstories.one/?p=4972 सुचेता और तान्या बिष्णु के सामने नग्न खड़े थे। वह उनके निप्पल घुमा रहा था। फिर उसने सुचेता को चूसने के लिए नीचे धकेल दिया और तान्या को किस करने के लिए अपने पास खींच लिया...

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Tanya loves BDSM Sex Story – तान्या अचानक उठ गई। उसका पूरा शरीर पसीने से लथपथ था। उसकी सांस तेज और उथली थी, उसे लगा जैसे उसने मैराथन पूरी कर ली हो। वह विचलित महसूस कर रही थी। उसने अपने सैमसंग गैलेक्सी S8+ को टैप किया। रात के साढ़े तीन बजे थे। फेसबुक या व्हाट्सएप पर कोई सूचना नहीं। एक कार जो सड़क पर आ गई। कौन इतनी देर से आया है उसने सोचा।

उसका पति जिमी चैन से सो रहा था। तान्या ने उसे कुछ देर तक देखा। ‘वह मोटा हो रहा है’, उसने सोचा। ‘और पुराना। धिक्कार है मैं बूढ़ा हो रहा हूँ।’

उसने सोचा कि क्या उसे अपने बच्चों की जाँच करनी चाहिए। लेकिन ऐसा लगा कि परेशान करना बहुत ज्यादा है। वह धीरे से वाशरूम में गई और अपने नग्न शरीर को तौलिये से पोंछा। वे हमेशा नंगे ही सोते थे। उसकी सनक। उसने कहीं पढ़ा है कि यह शरीर के लिए अच्छा है। उसने अपने शरीर को फुल लेंथ आईने में देखा। जैसे ही उसने अपने 32C स्तनों को सहलाया, उसे याद आया कि एक बार वे कितने छोटे थे और अपनी किशोरावस्था में वह कितना हीन महसूस करती थी। मातृत्व ने आखिरकार उसे आवश्यक थोक दिया था। फिर भी वे दिलेर थे, शिथिल नहीं। उसने सोचा कि क्या उसकी माँ या दादी जब तक तंग रहेगी।

तान्या परमाणु भौतिकी की प्रोफेसर हैं, जो आईआईटी में सबसे कम उम्र की फैकल्टी हैं। भले ही उनके शोध कितने ही पथ-प्रदर्शक क्यों न हों, उनकी राजनीतिक भागीदारी ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया। परमाणु हथियारों और यहां तक ​​कि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ उनके कड़े रुख को देखते हुए कोई भी सरकार उन्हें रोजगार नहीं देगी। और वह अपने जीवन से प्यार करती थी। उन्हें युवा आशावादी दिमागों के आसपास रहना था, न कि सुस्त पुराने नौकरशाहों और राजनेताओं के।

समय-समय पर, उसे एक ऐसा छात्र मिल जाता, जिसे वह दूसरों से ज्यादा पसंद करती थी। वर्तमान में यह सुचेता थी। 80 की क्लास में क्रेडिट कोर्स करने वाली वह अकेली लड़की थी। उसने तान्या को अपने स्वयं के युवा स्व की याद दिला दी; एथलेटिक, सेक्सी और सचमुच प्रतिभाशाली। इसके अलावा, वह तान्या के गृहनगर से आई थी और वही स्थानीय बोली बोलती थी।

तान्या खुद को देखकर बुरी नहीं थी। वह अपनी दो सबसे करीबी दोस्तों अनीता और जोया के विपरीत कभी भी सेक्सी या सुंदर नहीं रही थी, लेकिन उनमें कुछ ऐसा था जो पुरुषों को आकर्षित करता था। और 35 साल की उम्र में भी वह 22 साल की उम्र की तरह जोश से भरी थी। वह हर सुबह 10 मील दौड़ती थी, जब वह 15 साल की थी, दो गर्भधारण के बावजूद उसे आकार में रखती थी। और उसे अपनी माँ से बहुत अच्छे जीन विरासत में मिले थे।

इसलिए तान्या ने अपने छात्रों, 18-20 के लड़कों का ध्यान आकर्षित किया। पौरुष से भरपूर, 10:100 के लिंगानुपात वाले संस्थान में फँस जाना, यह सामान्य था कि वे उसे इग्नोर करते; चाहे उनकी साड़ी में हो या शर्ट-जीन्स में। अक्सर जब वह टी-शर्ट और जींस में आती तो शिक्षक के बजाय एक छात्र की तरह दिखती। वास्तव में कुछ पोस्ट डॉक्स उससे बड़े थे। तान्या को अपने छात्रों का यौन ध्यान नापसंद नहीं था। इसने उन्हें कक्षा में उनके वीडियो गेम और नशे में झगड़ों से दूर रखा।

Sexy Kahaniya – शादी के बाद लडको से चुदाई के मजे लिए

सुचेता के आने से तान्या में एक पुरानी दिलचस्पी जगी थी। वे अक्सर सप्ताहांत पर बास्केटबॉल खेलते थे। उन दोनों को छोड़कर बाकी सभी लड़के थे। यह शायद ही अप्रत्याशित है: निडर एथलेटिक लड़कियां सुपर दुर्लभ हैं। खासतौर पर भारत में, जहां लड़कियों को करियर और गायन से लेकर खेलकूद तक में शादी को चुनना होता है।

तान्या को लड़कों के खिलाफ खेलने में मजा आता था, उसका वजन दोगुना था, हालांकि वह जानती थी कि ज्यादातर फैकल्टी उसे अस्वीकार करती है। लेकिन जॉक्स के एक गिरोह से घिरे हुए गेंद को डुबोने की एड्रेनालाईन की भीड़ में एक आकर्षण था कि वह जाने नहीं दे सकती थी। उसे पसीने से तर शरीरों के टकराने का बिल्कुल भी ऐतराज नहीं था। सार्वजनिक परिवहन के विपरीत, मैदान पर किसी ने भी उसे विकृत रूप से थपथपाया नहीं।

जैसे ही उसने अपनी गांड पोंछी, वह सपने की याद में हँस पड़ी। वह ताज़ी पिटाई के अनुभव के लिए तरस रही थी, आँसुओं का स्वाद उसके गालों पर लुढ़क रहा था। बचपन में पिटाई की सजा के रूप में पेश की गई, उसने इसके लिए एक यौन स्वाद विकसित किया है। यह परिवार में चला था। वह स्विच करने में स्वाभाविक थी, उसकी विनम्र आत्म और प्रभावशाली भूमिका कभी भी एक-दूसरे से बहुत दूर नहीं थी। हालांकि जिमी का नीचे होना बहुत स्वाभाविक नहीं था, उन्होंने शीर्ष पर बने रहना पसंद किया।

उसने पिटाई का सपना देखा था। बेल्ट से पिटाई की और फिर बेंत। नग्न, मेज पर झुकी हुई, उसकी एक छात्रा द्वारा। नहीं, सुचेता नहीं। सुचेता उसके बगल में थी, वही भाग्य भुगत रही थी। दो आत्मविश्वास से भरी युवतियों को नंगा किया और पिटाई की। यह विष्णु ने किया था।

बिष्णु एक विचित्र बालक था। अधिक वजन वाले, चश्मे वाले और अंतर्मुखी, उनके पास एक बुद्धि थी जिसने उन्हें सबसे प्यारा बना दिया। और बुद्धिमान भी; एक कंप्यूटर विज्ञान के छात्र के रूप में, परमाणु भौतिकी वास्तव में उसका डोमेन नहीं था और न ही उसके मूल पाठ्यक्रम में आवश्यक था, लेकिन उसके पास अक्सर गहरी अंतर्दृष्टि थी जो पाठ्यक्रम के स्तर से अप्रत्याशित थी। और तान्या के आश्चर्य से सुचेता ने बिष्णु को डेट करना शुरू कर दिया था।

यह एक मजेदार कहानी थी कि कैसे तान्या बिष्णु को पसंद करने लगी। यह तीसरा व्याख्यान था और तान्या ने इस अधिक वजन वाले लड़के को अपने स्तनों पर बिना दाढ़ी वाली दाढ़ी के देखा।

वह क्रोधित हो गई, उसने उसे खींच लिया और पूछा, ‘क्या मेरी टी-शर्ट पर कुछ ऐसा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है?’ उसकी आवाज में कटाक्ष है। “हां मैम। दही ”जवाब सबसे अप्रत्याशित था। उसने नीचे देखा तो पाया कि दही उसके निप्पल में बिखरा हुआ था। उसने अपने 2 साल के लड़के के उद्देश्य को शाप दिया।

पीछे हटने में असमर्थ, उसे लड़के के पास जाना पड़ा, “मुझे लगता है कि आप इसे साफ करने में मेरी मदद करना चाहेंगे।” फिर से उसने सबसे अप्रत्याशित तरीके से अभिनय किया। उसने अपना रूमाल निकाला और धीरे से दही को बिना छुए मिटा दिया।

लेकिन सपने में बिष्णु ने उसे सबसे अनुचित तरीके से छुआ था। सुचेता और तान्या बिष्णु के सामने नग्न खड़े थे। वह उनके निप्पल घुमा रहा था। फिर उसने सुचेता को चूसने के लिए नीचे धकेल दिया और तान्या को किस करने के लिए अपने पास खींच लिया। उनकी जुबान उनके जुड़े हुए मुँहों के अंदर बंधी हुई थी, जबकि सुचेता ने अपनी जीभ बिष्णु के लंड के सिर के चारों ओर घुमाई।

उसके हाथों ने उसके बड़े स्तनों को पकड़ रखा था, उन्हें थोड़ा निचोड़ा हुआ था। एक कंपकंपी उसकी रीढ़ की हड्डी के नीचे भाग गई। तब उसने महसूस किया कि उसका तल गर्म महसूस हो रहा है। ऊह… विष्णु ने उसे पीटा था। उसकी मोटी चमड़े की बेल्ट जमीन पर पड़ी थी।

ऐसा क्यों हुआ? तान्या ने याद करने की कोशिश की। उसने और सुचेता ने कुछ ड्रिंक्स के लिए बाहर जाने का फैसला किया था। सुचेता अभी 18 साल की हुई थी और अपनी नई मिली आजादी का जश्न मनाना चाहती थी। नशे में वे तान्या के फ्लैट में दुर्घटनाग्रस्त हो गए।

दोनों स्त्रियाँ आपस में डर गईं और जल्द ही उनके नग्न शरीर एक-दूसरे के खिलाफ पीस रहे थे। तान्या अभी भी अपनी उभयलिंगीपन को नहीं समझ पाई थी।

फोन में ड्रंक कॉलिंग के लिए सेंसर होना चाहिए, तान्या ने कहा। नशे में सुचेता ने बिशप को बुलाकर बेहतरीन शब्दों में बताया कि कैसे तान्या की जीभ ने उसके लंड से बेहतर काम किया था। उस लड़के को तान्या के यहाँ आने में देर नहीं लगी।

दरवाजे पर उनकी नग्न प्रेमिका और नग्न प्रोफेसर ने उनका स्वागत किया। तान्या ने उसे बताया कि वह निराश है कि यह वह है न कि उसका पति। उसने गाली दी कि अगर वह उसका पति होता, तो वे दोनों टेबल पर झुक जाते और उनकी बॉटम्स बेल्ट से भून जाती।

तान्या और जिमी ने कॉलेज के दौरान अपनी फीस के लिए शौकिया तौर पर पोर्न शूट किया था। जहां तक ​​भारतीय स्पैंकिंग पोर्न का संबंध है, वे एक क्लासिक थे। बिष्णु को यह समझने में देर नहीं लगी कि उसके शिक्षक उससे क्या चाहते हैं।

उसने अनुरोध का पालन किया और उन दोनों को अलग-अलग कोनों में खड़े होने का आदेश दिया, पैर कंधे की लंबाई के अलावा फैले हुए, सिर के ऊपर हाथ, स्तन बाहर की ओर। तान्या मुस्कुराई क्योंकि उसने उस मुद्रा को पहचाना जो उसके परिवार ने भारतीय पोर्नोग्राफ़ी में पेश की थी। लेकिन सुचेता इसके लिए नई थीं, और मुद्रा की अत्यंत प्रदर्शनकारी प्रकृति ने उन्हें शरमाया।

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रंडी बन गयी दोस्त की बीवी https://sexstories.one/randi-ban-gayi-dost-ki-biwi/ Wed, 01 Dec 2021 07:01:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3447 में भी तड़प रहा था उसकी चूत लेने के लिये करीब 15 मिनिट के इस खेल के बाद मैने उसको लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा वो बोली की मेरे राजा अब देर मत करो अब मुझ से रहा नही जा रहा है...

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Randi Ban Gayi Dost Ki Biwi हेलो दोस्तो! में गुरनाम, जालंधर से. आज में आपको एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ मेरा एक दोस्त है और उसकी वाइफ जो की वो भी जालंधर के ही रहने वाली है में अक्सर अपने दोस्त के घर जाया करता था उसकी वाइफ बड़ी ही सुंदर है फिगर बस ठीक ठाक ही है रंग गोरा बूब्स ज्यादा बड़े नही है पर फिर भी ठीक ही है उसकी स्माइल बड़ी ही कातिलाना है उनका एक बेटा है जो की अभी 7 साल का ही है, मेरे दोस्त के बहुत ज़िद करने पर में उसके बेटे को कोचिंग देने को तैयार हो गया, में दोपहर को उसके घर पर पढ़ाने जाया करता था उस समय मेरा दोस्त अपने काम पर होता था, पर भाभी जिनका नाम सुमन है एक दिन में दोपहर को जब उसके घर पंहुचा तो घर पर कोई नही था सिर्फ़ सुमन थी अकेली आज उनका बेटा अपनी मौसी के घर पर गया हुआ था.

मैने घन्टी बजाई दरवाज़ा खुला दरवाजे पर सुमन थी उसने एक हल्की सी मुस्कान दी और अंदर आने को कहा में अंदर चला गया उस समय उसने नाइटी पहने हुई थी उसके बाल खुले थे उसने मुझे बैठने को कहा और वो अंदर चली गई काफ़ी देर होने के बाद जब वो नही आई तो मे अंदर गया और इधर उधर देखा तो वो बाथरूम मे थी बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नही था मैने धीरे से अंदर देखा वो एकदम नंगी थी और नहा रही थी उसके मुँह पर साबुन था इस कारण वो मुझ को शायद देख ना सकी थी में वापस आया और मैंने दरवाजा लॉक कर दिया और में वापस बाथरूम की तरफ गया मेरा लंड खड़ा हो गया था मैं वही पर खड़ा रहा और उसको देखता रहा मैने अपने मोबाइल के कैमरे से उस की क्लिप भी बना ली थी वो बहुत ही सेक्सी थी और बार बार अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी चूत को रगड़ रही थी.

में समझ गया की उसको मेरा दोस्त पूर्ण रूप से संतुष्ट नही कर पाता है और जब वो नहा कर निकल रही थी तो में वापस आ कर उसी जगह बैठ गया कुछ देर बाद वो मेरे लिये चाय बना कर लाई और मेरे पास बैठ गई मेरा लंड अभी भी टाइट था मैने डरते डरते उससे कहा की भाभी में कुछ पूछु आपसे वो मुस्कुरा कर बोली पूछो मैने कहा की पूछना तो नही चाहिये है पर्सनल है पर पूछ रहा हूँ विकी और आप की शादीशुदा लाइफ सुखी है? वो बोली हाँ हम खुश है मैने कहा की नही आप की सेक्स लाइफ तो उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर खामोश रही फिर बोली की तुम्हारे दोस्त मुझको संतुष्ट नही कर पाते है अब मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैने पूछा की आप तो इतनी खूबसूरत हो सेक्सी हो आप पर तो कोई भी फिदा हो जायेगा आप कोई दूसरा रास्ता क्यो नही अपना लेती हो वो बोली कैसा रास्ता.

Mastram Sexy Kahani प्रेमिका के दोस्त के साथ सेक्स – भाग 2

मैने कहा की किसी दुसरे से संपर्क करो वो फिर से बोली की क्या तुम मुझको संतुष्ट करोगे यह सुनते ही मेरे तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नही रहा हो मैं तुरंत उठा और सुमन को अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होंठो पर एक किस किया और हम दोनो करीब 5 मिनिट तक एक दूसरे को किस करते रहे और वो मुझसे बोली की पहले दरवाज़ा तो बंद कर दो में बोला की वो तो मैने पहले ही बंद कर दिया है उसके बाद हम बेडरूम मे गये और उसने बिना देर लगाये मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मेरे लंड को अपने होठों मे ले कर दबाया और चूसने लगी में भी अब अपने होश खोता जा रहा था मैने भी उसका गाऊन खोल दिया उसने अंदर कुछ भी नही पहन रखा था अब वो बिल्कुल नंगी थी हम दोनो बेड पर लेट गये और वो मेरे उपर चड गयी और बोली की कब से मेरे मन मे एक प्लान था की में तुम से चुदवाऊँ आज मेरी इच्छा पूरी हो गई मैं भी बोला भाभी जी में भी आप को चोदना चाहता था.

यह सुन कर वो बोली की मेरे राजा देर किस बात की है आज मैं तुम्हारे पास हूँ जिस तरह से चाहो चोदो मुझ को बड़ी प्यासी है यह चूत मैने उसके टाइट बूब्स को धीरे धीरे दबाना चालू किया अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी उसने पीछे हट कर मेरे लंड को मुँह मे लिया और जोर जोर से चूसने लगी.

में भी तड़प रहा था उसकी चूत लेने के लिये करीब 15 मिनिट के इस खेल के बाद मैने उसको लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा वो बोली की मेरे राजा अब देर मत करो अब मुझ से रहा नही जा रहा है में उठा और और अपने 6 इंच लंबा और मोटा लंड उसकी चूत के उपर रखा सुमंन एकदम ठीक थी पर उस की चूत काफ़ी टाइट और सूखी थी मैने उस को हांथ से धीरे-धीरे रगड़ा करीब 3 मिनिट के बाद उसकी चूत गीली हो गई फिर मैने अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया मेरा आधा लंड उसकी चूत मे था वो बोली जल्दी से पूरा अंदर करो मैंने एक जोर का धक्का दिया वो चिल्ला उठी मार डाला ज़ालिम तुने शायद उसके पति का लंड इतना लंबा और मोटा नही था.

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कुछ देर बाद वो भी मेरे झटको के साथ खुद भी साथ दे रही थी और कह रही थी की ले लो आज मेरी जम कर लूट लो मैने कितनी बार तुम्हारे दोस्त से चुदवाया है पर वो मजा नहीं आया आज तुम मुझको रियल मे चोदो मेरी जान में भी जोर जोर से झटके मार रहा था करीब 20 मिनिट के इस खेल मे वो 3 बार झड़ चुकी थी अब में भी झड़ने वाला था मैने कहा सुमन में झड़ने वाला हूँ उसने कहा की मेरे अंदर ही झड़ जाओं मैने कहा की अगर कुछ हो गया तो उसने कहा की कुछ नही होगा में गोली खा लूँगी पर तुम अन्दर ही झड़ना में जोर जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा कुछ ही देर बाद में उसके अंदर ही झड़ गया और हम बिल्कुल शांत थे किसी तूफान के बाद की शान्ति थी.

हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर में उठा उसको एक लीप किस किया अब 4:30 हो चुके थे वो बोली की अब तुम को चलना चाहिये पर हाँ एक बात ध्यान रहे यह बात बस मेरे और तुम्हारे बीच ही रहे तुम्हारे दोस्त को पता नहीं चलना चाहिये मैने वादा किया और हम दोनो एक दुसरे से लिपट गये फिर में उठा कपड़े पहने वो भी बाथरूम मे थी उसके बाथरूम से निकलने के बाद में वहा से चला आया, पर अब भी जब हम को मौका मिलता है या घर पर कोई नही होता है तो वो मुझको फोन करके बुला लेती है और हम भरपूर सेक्स का मज़ा लेते है।

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माँ को बरसात में चोदा https://sexstories.one/maa-ko-barsaat-mein-choda-kproxy/ Fri, 01 Oct 2021 07:34:38 +0000 https://sexstories.one/?p=4393 मैने माँ के बूब्स पकड लिए और उन्हे दबाने लगा तो माँ ने भी हाथ आगे करके मेरे लंड को अपने हाथ मे थाम लिया और रब करने लगी। फिर क्या था मैने माँ के बूब्स को बारी बारी से दबाना चालू कर दिया और उसे मुँह मे लेकर चूसने लगा

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मेरा नाम वरुण है। में पुणे मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 19 साल है। में बी.कॉम. प्रथम वर्ष का स्टूडेंट हूँ। मेरी लम्बाई 5.8 इंच है। रंग गोरा लंड का साइज़ 8 इंच है। मेरी फेमिली मे 4 मेंबर है। मेरे पापा श्याम तलपडे जिनकी उम्र 40 साल है। मेरी माँ प्रिया उम्र 38 साल है। रंग गोरा फिगर 38-36-38 है। पेशे से स्कूल टीचर है दिखने मे काफ़ी हॉट हैं। मेरी छोटी बहन नेहा जिसकी उम्र 18 साल है। रंग गोरा और फिगर 36-34-36 है। वक़्त से पहले जवान हो गई है। दोस्तो ये घटना अभी कुछ दिन पहले की है। सुबह से ही बरसात हो रही थी और उस दिन बहुत ज्यादा बरसात हो रही थी। माँ स्कूल गई थी और पापा ऑफीस गये थे। पापा का ऑफीस तो पास मे ही है पर माँ को काफ़ी दूर जाना पड़ता था। काफ़ी बारिश होने के कारण सब कुछ ठप हो गया था तो शाम को पापा का फोन आया की वरुण तुम जा कर अपनी माँ को रिसीव कर लेना।

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मैं एक ऑटो पकड़ कर माँ के स्कूल 7:30 बजे पहुँचा और उन्हे लेकर बाहर आ गया पर बाहर काफ़ी तेज़ बारिश हो रही थी। जिसके कारण कोई भी गाड़ी नही मिल रही थी। हम वही एक जगह खड़े हो कर इंतज़ार करने लगे धीरे धीरे अंधेरा हो रहा था और सड़क पर कोई भी गाड़ी नज़र नहीं आ रही थी। काफ़ी देर इंतज़ार करने के बाद हम कुछ दूर पैदल ही चल पड़े बारिश मे माँ की साड़ी भीग जाने के कारण उनका फिगर काफ़ी अच्छा लग रहा था। पूरी सड़क सुनसान पड़ी थी हम काफ़ी भीग चुके थे और अब हमे उम्मीद नही थी कि कोई गाड़ी हमेमिलेगी तो मैने माँ से कहा की माँ अब लगता है कि कोई गाड़ी नही मिलेगी यहीं पास के मोहल्ले मे ही मेरे दोस्त का घर है जो उसने मुझे किराये के लिए दिया था और में उसकी चाबी भी ले आया हूँ अगर आप कहे तो आज की रात हम वही गुजार ले तो माँ ने कहा ठीक है।

अब इसके अलावा कोई चारा भी नही है तो फिर हमने घर पर पापा को फोन पर बताया की आज हमे कोई गाड़ी नही मिल रही है और हम यही पास के एक मकान मे रुक रहे हैं। तो पापा ने कहाकी कोई बात नही बस तुम लोग आराम से तो हो ना कल सुबह जब बारिश कम होगी तो आ जाना। फिर हम आगे बड़े तो माँ ने कहा की मुझे तो भूख भी लगी है। तो मैने कहा की पास ही एक ढाबा है। जहाँ अच्छा खाना मिलता है और हमने वहा से खाना पैक कराया।
ढाबे के सामने एक बीयर और वाइन शॉप थी तो मैने माँ से कहा की माँ मुझे काफ़ी ठंड लग रही क्या में एक बीयर ले लूँ। तो माँ ने मौके की नज़ाकत को देखते हुये हाँ कर दी तो मैने वहां से दो बीयर ली और चल पड़े दोस्तके घर पहुंचे और ताला खोला और वहां कोई हमारे पास कोई कपड़ा नहीं था और हमारे सारे कपड़े भीग गये थे। तो माँ ने कहा कि अब क्या करे तो मैने कहा की माँ यहाँ पर कोई नही है और आप चाहे तो अपने कपड़े निकाल कर रह सकती है। क्या करे? हमारी मज़बूरी है अगर नही निकाले तो ठंड लग जायेगी तो मैने और माँ ने अपने आधे कपड़े निकाल दिए और फिर हमने खाना खाया और फिर मैने एक बीयर पी मैने माँ से कहा कि माँ आप भी एक दो घूंट ले लो इससे आराम मिलेगा पहले तो माँ ने मना कर दी पर बाद मे ले ली।

पहले तो माँ को थोडी कड़वी लगी पर बाद मे माँ ने आधी से ज्यादा बोतल ख़त्म कर दी माँ को धीरे धीरे नशा चड़ने लगा साड़ी और ब्लाउज मे माँ भीगी हुई काफ़ी सेक्सी लग रही थी। तो मैने माँ से कहा की माँ अगर आप ये भी कपड़े उतार दे तो आपको ठंड नही लगेगी और आपको यहाँ कोई देख भी नहीं रहा। तो माँ ने अपने साड़ी ब्लाउज भी निकाल दिया माँ पिंक कलर की ब्रा और पेंटी मे थी। उनके गोरे और मोटेबूब्स ब्रा से बाहर आ रहे थे। उन्हे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरे मन मे अजीब सी अकुलाहट हो रही थी। मन कर रहा था की माँ को चोद दूँ। फिर माँ ने मुझसे भी अपनी टी शर्ट और पेंट निकालने को कहा और मैने उसे निकाल दिया। फिर मैने माँ से कहा की माँ आपकी तो ब्रा पेंटी भी भीग गई है। आप इसे भी उतार दो वरना आपके शरीर पर धब्बे पड जायेंगे। तो माँ ने कहा की हाँ वरुण तू सही कह रहा है और तुझसे क्या शर्माना और माँ ने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी।

अब उनके मोटे मोटे बूब्स मेरी आँखो के सामने झूल रहे थे। जिसे देख कर मेरा लंड एकदम तन के लोहा हो गया था जो मेरी अंडरवियर के उपर से साफ दिखाई दे रहा था। तो माँ ने कहा कि बेटा तेरा भी अंडरवियर भीग गया है तो तू भी इसे उतार दे तो मैने भी अपना अंडरवियर उतार दिया। फिर क्या था मेरा 8 इंच लंड एकदम माँ के सामने था और माँ की नज़र मेरे लंड पर थी उसे देख कर माँ ने कहा की बेटा तू तो अब काफ़ी जवान हो गया है तेरी तो अबशादी करनी पड़ेगी। तो मैने माँ से कहा की माँ अगर आपको बुरा ना लगे तो एक बात कहूँ तो माँ ने कहा कि क्या तो मैने कहा की माँ आप भी बहुत सेक्सी है तो माँ ने कहा कि क्या तेरा ये हाल मेरे ही कारण है।

फिर मैने कहा की माँ आप इतनी सेक्सी है कि आपको देख कर तो भूतो का भी लंड खड़ा हो जाए तो माँ ने कहा की बेटा तेरा भी लंड इतना बड़ा है कि किसी भी औरत का मन तुझसे चुदाने को करेगा। तो मैने कहा की माँ क्या आपको भी मन कर रहा है। तो माँ नेकुछ नही कहा और एक हल्की सी स्माइल दे दी। मैं समझ गया की माँ की हाँ है और झट से मैने माँ के बूब्स पकड लिए और उन्हे दबाने लगा तो माँ ने भी हाथ आगे करके मेरे लंड को अपने हाथ मे थाम लिया और रब करने लगी। फिर क्या था मैने माँ के बूब्स को बारी बारी से दबाना चालू कर दिया और उसे मुँह मे लेकर चूसने लगा। माँ के मुँह से आवाज़ निकल रही थी आआहाआ फिर काफ़ी देर के बाद माँ नीचे झुकी और मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी।

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मुझे तो जैसे स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे कि एक तो बारिश का सुहाना मौसम और ऊपर से माँ जैसी सेक्सी औरत मेरा लंड चूस रही हो काफ़ी देर बाद मैने माँ को खड़ा किया और उनकी चूत पर हाथ फेरा और अपनी एक उंगली उनकी चूत मे डाली और कहा माँ आपकी चूत तो अभी भी बहुत टाइट है क्या पापा आपको चोदते नही है। तो माँ ने कहा की नही बेटा वो तो महीने दो महीने मे एक बार चोदते है और वो भी कुछ देर के लिए। तो मैने कहा की माँ आपचिंता मत करो अब मैं हूँ ना मुझे आप अपना दूसरा पति समझो और जब भी मन करे आ जाना मेरा लंड तुम्हारे लिए खड़ा है। तो माँ ने कहा की सच बेटा अब देर मत कर और जल्दी से अपनी माँ को अपना बना ले।

फिर मैने माँ को घोड़ी बनाया और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाकर माँ की चूत पर लगाया और एकदम जोरदार धक्का मारा और आधा लंड माँ की चूत मे उतार दिया माँ जोर से चिल्लाई और उनकी आँखो मे आँसू आ गये तो मैने कहा कि माँ ज्यादा दर्द हो रहा होतो बाहर निकाल लूँ। तो माँ ने कहा की नही बेटा ये तो ख़ुशी के आंसू है और इस दर्द के लिए तो ना जाने मैं कब से तरस रही हूँ। बस तू मुझे चोद और ज़ोर से चोद फाड़ दे अपनी माँ की चूत को। फिर क्या था मैने धक्के लगाने चालू किए तो पहले तो माँ को काफ़ी दर्द हो रहा था पर बाद मे उनका दर्द कम होता रहा और वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी पूरे कमरे मे हमारी चुदाई की आवाज़ गूँज रही थी और करीब 35 मिनिट के बाद मुझे लगा कि में अब झड़ने वालाहूँ। इस बीच माँ दो बार झड़ चुकी थी और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और अपना माल माँ की चूत मे ही छोड़ दिया और फिर माँ ने मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल कर उसे चूसा और कहा बेटा मज़ा आ गया।

फिर मैने कहा की माँ असली मज़ा तो अब आयेगा जब मैं आपकी गांड मारूँगा तो माँ ने कहा की बेटा मेरी गांड तो कब से प्यासी है। फिर मैने माँ की गांड भी मारी और उस रात मैने माँ को 5 बार चोदा 3 बार उनकी चूत मारी और दो बार उनकी गांड मारी फिर सुबह बारिश रुकने के बाद हम घर पहुंचे और उस दिन के बाद मैं लगभग रोज़ माँ को चोदता हूँ।

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