hindi kamuk kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindi-kamuk-kahani/ Hindipornstories.org Thu, 11 Feb 2021 05:46:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाभी की चूत की आग को चोद कर बुझाया https://sexstories.one/sarla-bhabhi-ki-chut-chudai/ Fri, 12 Feb 2021 05:36:04 +0000 https://sexstories.one/?p=2693 मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. उनका नाम सरला है। वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. उनका नाम सरला है। वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा तो था ही.. पर शायद उसका हथियार भी छोटा था। इसीलिए भाभी संतुष्ट नहीं हो पाती थी और दूसरे लण्ड की तलाश में रहती। sarla bhabhi

मेरी जवानी उसे पसंद आ गई और मैं भी सेक्स की चाहत के कारण उसके जाल में आ गया।

उसने मुझे एक रात पेट दर्द के बहाने बुलाया.. मैं दवा लेकर पहुँचा.. उसे दवा दी और उसके कहने पर कुछ देर रुका रहा।

Sarla Bhabhi ki Chut Chodi Maine!

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो अचानक वो उठी और उसने मुझे किस कर लिया और बोली- देवर जी.. क्या दवा दी है कि रोग ही ठीक हो गया। मैंने तुझे बदले में जो इनाम दिया.. कहीं तुझे बुरा तो नहीं लगा?

मैंने कहा- नहीं भाभी जान.. बिल्कुल नहीं.. sarla bhabhi

उसका मन बढ़ गया और उसने कहा- तब तो देवर राजा और कुछ दूँगी तो बुरा नहीं मानोगे ना?

मैंने कहा- नहीं.. बिल्कुल नहीं..

उसने मुझे कुछ देर सहलाया जो मुझे बहुत अच्छा लगा। सहलाते-सहलाते उसने मेरी जिप खोलकर अंडरवियर के अन्दर हाथ डाला और मेरा हथियार निकाल लिया।

मुझे यह बहुत अच्छा लगा.. पर वह इसे देख कर आश्चर्य भरी निगाहों से देख रही थी।

उसने कहा- जानू.. इतना बड़ा..! ये तो तेरे भाई के लौड़े से दुगना बड़ा है.. उनका तो किसी पतली गाजर के जैसा छोटा और पतला है.. क्या मैं इसे भी चूस लूँ?

मैं भी जोश में आ गया था.. सो उसके दूध दबाते हुए बोला- भाभी जान.. अभी ये तेरी अमानत है.. इसे जो भी उपहार देना है.. दे दो।

Bhabhi ke kaha chodo mujhe!

वो मेरा लण्ड चूसने लगी.. मुझे और अधिक जोश आ गया और मैंने उसकी साड़ी खोल कर कहा- मैं भी तेरे सामान को चुम्मी करना चाहता हूँ।

तो बोली- करो न.. किसने रोका है। sarla bhabhi

अब हम दोनों 69 के जैसे हो गए.. उसने अपना पेटीकोट और ब्लाऊज़.. ब्रा, पैन्टी सब उतार दिया।

विपरीत 69 के कारण हम दोनों एक-दूसरे का सामान चूसने लगे। लौड़ा चूसते-चूसते उसने मेरा माल निकाल दिया और पी गई।

मैं भी कहाँ मानने वाला था। मैंने भी उसकी बुर चूस कर उसे झाड़ दिया और सारा रस जीभ से चाट गया।

इतने में उसने कहा- राजा.. अब मेरी बुर को चोदो.. मैं तेरा लण्ड चूसकर खड़ा किए देती हूँ।

यह कह कर वो मेरा मुरझाया लण्ड फिर से चूसने लगी और कुछ देर चूसने के बाद ही मेरा लण्ड फनफनाने लगा।

मैंने कहा- चल चित्त हो जा.. मेरी रंडी चुदक्कड़ भाभी.. अपने पति के लण्ड से तुझे तृप्ति नहीं मिली ना.. भैन की लौड़ी.. आज बताता हूँ कि कुंवारे लण्ड से बुर का क्या हाल होता है।

उसने कहा- हाय राजा.. यही तो मैं चाहती हूँ.. आज इस हरामजादी बुर को ऐसा मज़ा चखाओ कि यह भोसड़ी हमेशा तेरे ही लण्ड से चुदवाने के लिए तड़पे.. अपने भरतार के लण्ड को हमेशा के लिए भूल जाए.. मेरे पति ने तो कभी मुझे पूरा सुख दिया ही नहीं।

Kamuk Kissa

यह कह कर उसने बिल्कुल रंडी की तरह अपने चूतड़ फैला दिए।

उसे इस हालत में देख मुझे भी ताव आ गया.. sarla bhabhi

मैंने अपने लण्ड को उसकी बुर के ऊपर रखा और धक्का लगा दिया।

लण्ड भीतर नहीं गया बाहर ही फिसल गया.. इस पर वो हंसने लगी और बोली- राजा तुम बिल्कुल अनाड़ी हो.. तुमने आज तक किसी को नहीं चोदा है? लाओ मैं तेरे लण्ड को अपनी बुर के छेद पर लगाती हूँ।

Bhabi ke choot se khoon nikal raha tha!

उसने ऐसा ही किया और मुझे धक्का लगाने को कहा.. मैंने भी एक जोर का धक्का दिया..

मेरा ये धक्का करारा था इसलिए वो चिल्ला उठी और गन्दी गालियां बकने लगी- साले मादरचोद.. खेत समझा है क्या.. कि चाहे जैसे जोत दिया? ओह… आह.. हाय.. ऊह.. आ साले हरामी ने फाड़ दिया रे.. मेरी बुर को फाड़ दिया उई मम्मी.. साले भाभीचोद.. फाड़ दे अपनी गीता रानी की बुर को.. कचूमर निकाल दे इसका.. आह्ह.. मेरे मर्द देवर और जोर से चोद.. भैन के लण्ड.. मुझे तृप्त कर दे.. अब मेरी बुर का दूसरा कोई मालिक नहीं बनेगा.. मेरा गांडू भरतार भी नहीं.. अब तो मैं अपने भरतार के सामने भी तुझसे ही चुदवाऊँगी.. आह्ह.. तब उस साले को पता चलेगा कि मर्द क्या होता है?

इतना सुनकर मैंने और जोर से चुदाई शुरू कर दी।

वो चिल्लाने लगी- हाय.. ओह.. ओह.. sarla bhabhi

मैं अब पूरे जोश में था.. एक हाथ से उसकी चूची मसल रहा था और धकाधक अपने लण्ड को अन्दर-बाहर कर रहा था।

मेरे मुँह से गन्दी-गन्दी गालियाँ निकलने लगीं- साली रंडी.. तेरी बुर ने मेरे लण्ड को फंसा ही लिया.. मादरचोदी.. आज तेरी बुर को भोसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं..

आज तो तेरी बुर की खैर नहीं.. आज तो इतनी बार चोदूँगा कि तेरी बुर फ़ूल कर पावरोटी बन जाए।

उसने कहा- ओह्ह.. हाँ राजा.. जोर से.. और जोर से चोदो.. मेरे दुद्धू को चूसकर उससे दूध निकाल दो..

ऐसी गन्दी बातें करते हुए हमने 30 मिनट तक हचक कर चुदाई की.. फिर मैंने कहा- रानी मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।

इस पर उसने भी कहा- मैं भी झड़ने वाली हूँ.. पर राजा.. तुम अपने लण्ड के फव्वारे से ही मेरी बुर की प्यास बुझाना।

Choot me lund daal maine khoob choda usse

इतना कहते-कहते मेरे लण्ड ने झटका देना चालू कर दिया.. वो अपनी बुर उठा उठा कर मेरे लण्ड का सारा रस अपनी बुर में लेने लगी।

वो मदहोशी में कहे जा रही थी- ओह.. आह.. ओह.. मेरे देवर राजा आज मैं तृप्त हुई.. अब इस बुर के मालिक तुम हो.. इसे चोदते रहना.. आह्ह.. रोज रात को आना.. मैं तुम्हें नए-नए स्टाइल सिखाऊँगी.. तुझे चुदाई का मास्टर बना दूँगी।

मैंने भी कहा- हाँ मेरी गीता रानी.. अब तुम ही मुझे चुदाई का सारा तरीका सिखाओ। अब मुझे तेरी ही बुर चोदनी है पर कंडोम मँगा लेना.. कहीं कोई बच्चा रह गया तो.. अभी तेरी उम्र ही क्या है।

वो बोली- ठीक है.. पर अगर तेरे बच्चे की माँ बन भी गई तो कोई गम नहीं।

लंड को चूत में डालने के लिए ये कहानिया जरूर पढ़े… sarla bhabhi

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Tarak Mehta (Musibat Madhvi Par) https://sexstories.one/hot-wife-madhvi-ki-chudai/ Wed, 27 Jan 2021 22:58:10 +0000 https://sexstories.one/tarak-mehta-musibat-madhvi-par-xxx-storiez/ Pichle update mai apne dekha ki kasie jetha lal ne anjali ko wada kiya ki wo uski shadi ki aniversiry mai use mehta sahib se chudwae ga ab ageeeeeeee. shama ka wakhth ta tapu sena ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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Pichle update mai apne dekha ki kasie jetha lal ne anjali ko wada kiya ki wo uski shadi ki aniversiry mai use mehta sahib se chudwae ga ab ageeeeeeee. shama ka wakhth ta tapu sena ab socity mai wapis a gai thi or society compound mai cricket khel rahi thi tapu aj puri form mai khel raha tha tabhi waha par sabji wali a gai or unka khelna ruk gaya tab sab club house mai chale gae. hot wife

waha par puri tapu sena bore hone lagi to tapu ne idea diya kyu na hum iss socity ki sabhi ladies ki chit bana kar usme se ek chit nikalen or fir uske sath maje karen..

sabko ye idea bahut psand aya

sonu ne fata fat chit bani hot wife

anjali,madhvi,daya,roshan,komal,babita tabhi tapu bola ki sonu komal aunty ki chit mat banana unhe wese bhi hathi uncle ke alwa koi nahi chodta

ye to achha hua ki golii waha nahi tha wo abdul ki dukan par kuch khane ka saman lene gaya tha

chits banane ke baad sonu ne usme se ek chit nikali or tapu ko de di tapu ne jaise hi wo chit kholi usne sonu ko dekha kyu ki chit pai MADHVI lika tha sonu isse dekh kar bahut kush hui

or fir tapusena madhvi aunty ke ghar cahli gai hot wife

gogi bhi sedha madhvi aunty ke ghar aa gaya sonu ne bell bajie or madhvi ne door khola madhvi ek dam sexy lag rahi thi sleveless blouse or armpits mai pasina

fir madhvi ne pucha

madhvi-kya hua baccho

tapu-are madhvi aunty hum club house mai bore ho rahe the to socha ki apke ghar a jen

Mast biwi ki chut

madhvi-bahut accha kiya aoo andar ajoo

beta mai tumhare liye kuch khane ko le kar ati hun

madhvi-wese kya khana pasand karoge

goli-milk shake hot wife

madhvi-arre wah mai abhi bana kar le kar ayi

kuch der baad madhvi kitchen se bahar ati hai lekin khali haat or baccho se maffi mangti hai

madhvi-bachhoo sorry ghar mai doodh to nahi hai mai milk shake nahi bana paungi

sonu-ai(sonnu apni mummy ko ai kehti hai)app jooth mat bolo apke paas doodh hai

madhvi-agoo bai nahi beta mai sach bol rahi hun mere paas doodh nahi hai

tapu-maadhvi aunty mai batata hun apke ghar mai doodh kaha hai

madhvi-kaha?????? hot wife

tapu-yahan (uske boobs ki tarf ishara kartr hur)

madhvi-sharam ke mare laal ho jati hai

wo tapu ka ishara samgh jati hai ki ajj puri tapu sena use chodne ke liye ayi hai or isme uski beti sonu bhi unka sath de rahi hai

fir madhvi bolti hai hot wife

madhvi-dekho bacho mai samagh gai ki tumhe kya chaiye lekin ajj mai ap logo se nahi chudwasakti

tapu-kyu?

madhvi-mere inko(bhide) ko aj sobha mere nange rehne wali baat pasand nahi ayi kyuki maine darwaza band nahi kiya tha

tapu-are madhvi aunty ap tension mat lo pinku ka ghar hamesha khali rehta hai hum chudi ka program waha rakh lenge

madhvi-lekin????

sonu-ai lekin wekin kuch nahi ek bar tapu ne jo keh diya to apko wo manna hi pade ga

madhvi-thik hai lekin sirf 1 ghanta

tapu- thik hai hot wife

madhvi lekin beta please tum sab apne liye condom ke packet le ao……please

tabhi tapu ke dimag me ek sharart sughi kyu na madhvi aunty ko abdul ki dukan par bheja jae condom lene ke liye. tabhi tapu madhvi aunty se kehta hai ki app hi condom ke packeet le ao abdul ki dukan se

madhvi-lekin beta mai kaise la sakti hun mana ki mai sacity mai kisise bhi chudwa sakti hun lekin bahar bhi meri koi izzat hai

tapu-madhvi aunty please apko sonu ki kasam

fir madhvi tapu ko mana nahi kar pati or abdul ki dukan parchali jati hai.

or sharmate hue 4condom ke packet mangti hai abdul bhi bada numberi tha wahi tha jo puri gokuldham ko condom ke packets discount mai provide karta tha

usena madhvi se pucha hot wife

abdul-are wah madhvi behen aj to 4 logo se chudwaogi

madhvi-sahrma jati hai

abdul-acha konse flavour ke dun apka fav ya or koi

madhvi-mere fav wale de do

abdul-usse 4 strawberry dotted condom ke packets de deta hai or use ankh marta hai

fir madhvi sidhe pinku ke ghar chali jati hai jahan puri tapu sena uska intezar kar rahi thi bilkul nange

madhvi andar jati hai or tapu ko condom ke packets de deti hai

lekin tapu ki khwahishe abhi puri nahi hui thi

tapu-madhvi aunty ab ap hi inhe chadha do hamare lund par.

madhvi-beta sirf 30min reh gae hai inko(bhide)ko ane mai please jara jaldi karo sonu beta please jaldi se condom chadha de sabke lund par mai tab tak kapde utar ke ati hun

is baar tapu maan gaya hot wife

sonu ne bari bari sabke lund ke condom chadhaya kein bechhari gogi ke lund pe condom nahi chadha pai kyu ki uska lund sirf 1inch ka tha
condom nahi chad pane ki wagha se gogi rone lagta hai to madhvi kehti hai beta tum sonu to 2 thapad maro or uske muh ko chodo

gogi kushi se sonu ko 2 thapad marta hai or uske muh ko chodne lagta hai

ab jaldi se mahdvi bhi kam par lag jati hai or tapu ka lund khada karti hai or use apni choot de deti hai baad mai pinku ke lund ko chada karti hai or use apni gand de deti hai

tapu or pinku to kam par lag gae the lekin goli abhi khali tha usne madhvi se pucha ki wo kya kare

to madhvi ne use pyar se kaha ki hot wife

madv-beta tumhe milk shake chahiye tha na

goli-haannn

madhvi-aoo abb pii lo

to kamre ka nazara kuch esa tha

floor par sonu gogi ka 1inch ka lund choos rahi thi or upar bed par

tapu madvi ki choot

pinku madhvi ki gand

or goli madhvi ke doodh choos raha tha

kya kamal ka scene tha wo

bad mai sonu apni ai se boli

sonu-ai mughse gogi ka lund or nahi choosa ja raha 1icnh ka lund

madhvi-koi baat nahi beta gogi to mere muh mai apna lund dal de

ab bechari madhvi ke sare cheed bhar chuke the choot,gand,muh,or yaha tak ki doodh bhi

sonu fresh hone ke liye nangi hi balcony mai chali gai gai

or jo usne dekha usse wo dar ke mare kapne lagi uske baba(bhide) apne scooter ke sath socity mai a chuke the or agar ghar pahuchne par ai(madhvi)unhe nahi mili to wo ai ko bahut marenge

TO BE CONT…………………..

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देर में समझ आया प्यार https://sexstories.one/desi-xxx-biwi-ki-chudai/ Wed, 06 Jan 2021 19:55:28 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%9d-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0/ मेरे जीवन में सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था. मैंने और कोमल ने अपना जीवन साथ में बिताने की भी सोची थी। कोमल मेरी गर्लफ्रेंड है और मैंने उसे अपने परिवार के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे जीवन में सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था. मैंने और कोमल ने अपना जीवन साथ में बिताने की भी सोची थी। कोमल मेरी गर्लफ्रेंड है और मैंने उसे अपने परिवार के सब लोगों से मिलवा दिया था सब लोगों को मेरे और कोमल के बारे में पता था, कोमल ने भी मुझे अपने परिवार से मिलवाया था और हम दोनों ने सब को यह बता दिया था कि हम दोनों जल्दी शादी करने वाले हैं. desi xxx kahani

लेकिन मैं अपने जीवन में सेटल होना चाहता था मैं एक कंपनी में नौकरी करता हूं लेकिन उसके बावजूद भी मुझे और तरक्की करनी थी इसलिए मैंने और कोमल ने एक दूसरे को थोड़ा और समय देने के बारे में सोचा लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह मेरे लिए इतना बुरा हो जाएगा।

कोमल की मुलाकात कौशल से हो गई. desi xxx kahani

कोमल के सपने पहले से ही बड़े थे कोमल हमेशा से यह चाहती थी कि वह जिससे प्यार करे उसके पास सब कुछ पहले से ही संपन्न हो लेकिन मैंने भी कभी कोमल को कोई कमी नहीं होने दी और जब से कोमल की जिंदगी में कौशल आया तो उस वक्त कोमल और मेरे बीच दूरियां बढ़ने लगी, मैंने कोमल को कई बार इस बारे में समझाने की कोशिश की पहले तो हम दोनों प्यार से बात किया करते थे लेकिन जब हम दोनों के बीच इस बात को लेकर हर दिन झगड़े होने लगे तो मुझे भी लगने लगा कि शायद अब कोमल ने अपना रास्ता बदल लिया है..

मैंने भी कोमल को इस बारे में समझाना छोड़ दिया था. desi xxx kahani

और समय के साथ मैंने चलना उचित समझा, मुझे इस बात का दुख था कि कोमल ने मेरे साथ बहुत गलत किया क्योंकि मैंने कभी भी उसे किसी चीज की कमी नहीं होने दी और मुझसे जितना अधिक हो सकता था उतना मैंने उसे प्यार किया हम दोनों एक अच्छा समय भी साथ में बिताया करते थे लेकिन कौशल के आ जाने की वजह से हम दोनों के रास्ते अलग हो गए।

मैंने इस बारे में एक दिन कोमल से बात करने की सोची. desi xxx kahani

उस दिन कौशल भी उसके साथ आ गया कौशल को मैंने समझाया, मैंने कौशल से कहा देखो कौशल मैं कोमल को इतने वर्षों से जानता हूं और हम दोनों ने अपना जीवन साथ में बिताने की भी सोची थी लेकिन कोमल शायद अब भटक चुकी है कौशल मुझे कहने लगा देखो यह कोमल का फैसला है इसमें ना तो मैं कुछ कर सकता हूं और ना ही इसमें तुम कुछ कर सकते हो यदि तुम जबरदस्ती कोशिश कर सकते हो तो शायद वह तुम्हारे लिए ही गलत होगा। मुझे उस वक्त बहुत गुस्सा आया और मैं वहां से चुपचाप अपने घर चला आया.

मेरा उस दिन मूड बहुत ज्यादा खराब था.

मैंने अपने दोस्तों को फोन लगाया लेकिन मेरे दोस्तों ने मुझे यही बात कही कि तुम अब कोमल को भूल जाओ कोमल को भूलने में ही तुम्हारी भलाई है, पर मेरे दिमाग से कोमल का ख्याल ही नहीं निकल रहा था इस वजह से मेरी जॉब पर भी फर्क पड़ने लगा और कुछ समय बाद मैंने अपनी कंपनी से रिजाइन दे दिया। मैं तो जैसे पागल सा होने लगा था मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा मैं घर में किसी से भी अच्छे से बात नहीं किया करता मेरे परिवार वालों ने भी कोमल से बहुत बात की लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आया और ना ही वह किसी से बात करना चाहती थी.

मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब इतनी जल्दी कैसे हो गया. desi xxx kahani

मैंने कभी भी इस बारे में नहीं सोचा था मैं हमेशा यही सोचता कि कोमल मेरा हर जगह साथ देगी लेकिन कोमल ने जब मेरे साथ धोखा किया तो मैं पूरी तरीके से टूट चुका था और मेरे पास ना तो कुछ काम था और ना ही मैं किसी के साथ अच्छे से बात किया करता, मेरे मम्मी पापा ने मुझे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन मेरे दिमाग में कुछ भी बात नहीं आती और मैं सिर्फ अपने कमरे में ही बैठा रहता, इस बात को एक वर्ष हो चुका था और इस एक वर्ष में सब कुछ बदल गया, मेरे दो दोस्तों ने भी तरक्की कर ली थी और मैं उनसे काफी पीछे हो चुका था अब मैं थोड़ा बहुत लोगों से बात करने लगा था और दोबारा से अपने जीवन में लौटने लगा।

कोमल मेरे दिमाग से नहीं निकली थी. desi xxx kahani

मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए क्योंकि इस एक साल में सब कुछ पूरी तरह से बदल चुका था, कोमल मेरे जीवन से बहुत दूर जा चुकी थी और मेरे सुनने में यह आया था कि कौशल और कोमल ने शादी कर ली है, मेरे पास अब सिर्फ मेरा परिवार ही था मेरे परिवार ने मुझे बहुत ज्यादा सपोर्ट किया और मैंने कोमल को भुलाने की कोशिश की। मैंने कंपनी ज्वाइन कर ली और वहां पर मैं अच्छे से काम करने लगा मैंने जिस कंपनी में ज्वाइन किया वहां पर सारा स्टाफ बड़ा ही सपोर्टिव और अच्छा था मैं धीरे-धीरे अपनी नॉर्मल लाइफ में आने लगा और मैं काम के प्रति बहुत सीरियस हो गया.

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मैं काम पूरी मेहनत से करने लगा जिस वजह से मेरा बहुत जल्दी प्रमोशन भी हो गया मुझे तो जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह सब इतने जल्दी में कैसे हो रहा है, मेरा प्रमोशन भी हो चुका था और मेरी सैलरी भी काफी अच्छी हो चुकी थी जिससे कि मैंने एक नया घर भी ले लिया था और मैंने जिस कार का सपना देखा था वह कार भी मैं ले चुका था, मेरे सपने धीरे-धीरे पूरे होने लगे थे लेकिन सिर्फ कमी थी तो कोमल की कोमल की कमी को कोई भी पूरा नहीं कर सकता था, मेरे मम्मी पापा ने मेरे लिए लड़कियां देखना भी शुरू कर दिया लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मुझे शादी नहीं करनी है, मेरी मम्मी तो मुझे कहने लगी कि बेटा तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए तुम क्यों शादी नहीं कर लेते अब कोमल को तुम भूल जाओ वह कभी भी वापस नहीं आने वाली, मैंने अपनी मम्मी से कहा मम्मी मैं कोमल के बारे में भूल चुका हूं और मुझे यह भी पता है कि कोमल और कौशल ने शादी कर ली है लेकिन फिर भी मुझे अब अकेला ही रहना है।

मैं जब भी अपने रिलेशन के बारे में सोचता हूं तो मुझे बहुत बुरा लगता है. desi xxx kahani

उसके बाद मेरे परिवार के किसी भी सदस्य ने मुझे कभी भी शादी के लिए नहीं कहा, एक दिन मुझे कोमल का फोन आया और वह कहने लगी अंकित मुझे तुमसे माफी मांगनी है, मैंने कोमल से कहा लेकिन अब तो तुम्हारी शादी कौशल से हो चुकी है और मैं भी अपने जीवन में व्यस्त हो चुका हूं तुम्हें मुझ से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है, कोमल कहने लगी मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया मुझे अब इस बात का एहसास हुआ, मैंने कोमल से कहा मैंने तुम्हें माफ कर दिया है और तुम अब अपने जीवन में खुश रहो मैं बस यही चाहता हूं, कोमल कहने लगी मैंने कभी भी तुम्हारी अच्छाई को नहीं देखा तुमने मेरे लिए कितना कुछ किया लेकिन मैं तो सिर्फ कौशल के पैसे के पीछे भाग रही थी.

मैंने कोमल से कहा अब तुम यह सब बात छोड़ दो। desi xxx kahani

मेरा उस वक्त कोमल से बात करने का बिल्कुल मन नहीं था लेकिन वह काफी तकलीफ में थी इसलिए मुझे उससे बात करनी पड़ रही थी और मैं उससे बात करता रहा कुछ देर तक तो मैंने उससे बात की और फिर उसने फोन रख दिया लेकिन अब हमेशा वह मुझे फोन करने लगी और जब भी वह मुझे फोन करती तो वह बहुत उदास होती मुझे पता नहीं था कि कोमल अब रहती कहां है क्योंकि वह मेरे जीवन से बहुत दूर जा चुकी थी। एक दिन कोमल ने मुझे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है आज मुझे तुमसे बहुत जरुरी काम है, मैंने कोमल से कहा मैं आज तो कोई जरूरी मीटिंग में हूं मैं तुम्हें ऑफिस से फ्री होकर फोन करता हूं, वह कहने लगी लेकिन तुम मुझे जरुर फोन करना मैं तुम्हारे फोन का इंतजार करूंगी।

मैंने उसे शाम के वक्त कॉल किया. desi xxx kahani

वह मुझे कहने लगी तुम मुझे अपनी लोकेशन भेज दो मैं तुमसे मिलने वहीं आ जाती हूं वह मुझसे मिलने के लिए आ गई। जब मैंने उसे काफी समय बाद देखा तो उसके चेहरे पर वह रौनक नहीं थी उसका चेहरा बिल्कुल ही मुरझाया हुआ था वह मुझे देखते ही मुझसे गले मिल गई वह कहने लगी अंकित मुझे माफ कर दो, वह रोने लगी। मैंने उसे कहा यहां पर सब लोग देख रहे हैं तुम मेरे साथ मेरी कार में चलो वह मेरी कार में बैठी। वह मेरी कार को देखने लगी और मुझे कहने लगी तुमने अपना सपना पूरा कर लिया। मैंने उसे कहा अब मेरे पास कुछ और बचा भी नहीं था कोमल ने मुझे जब अपनी आप बीती सुनाई तो वह बहुत ज्यादा दुखी थी। वह कहने लगी कौशल ने मुझे बहुत धोखा दिया उसने मेरे परिवार से बहुत दहेज लिया और हर रोज वह मुझे मारता भी है। कोमल ने जब अपनी पीठ को मुझे दिखाया तो उस पर बेल्ट के निशान पड़े थे मैं सोचने लगा कोमल के साथ यह क्या हो गया। मैंने कोमल से कहा क्या तुमने कभी कौशल की कंप्लेंट नहीं की वह कहने लगी मुझे बहुत डर लगता है वह मुझे मारता भी है मेरे जीवन में अब कोई खुशी बची ही नहीं है।

उसने मुझे गले लगा लिया. desi xxx kahani

हम दोनों के बीच किस हो गया इतने समय बाद मैंने कोमल के होठों को किस किया था। उसके होठों में अब भी पहले जैसी ही जान थी मैंने अपनी गाड़ी को स्टार्ट किया और एक सुनसान जगह पर लेकर गया। हम दोनो वहां बात करने लगे कोमल ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैंने कोमल के हाथ को अपने लंड पर लगा दिया मेरा लंड खड़ा हो चुका था। कोमल ने मेरे लंड को मेरी पेंट से बाहर निकालते हुए अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी तो मुझे अच्छा लगने लगा मैंने भी उसे नंगा कर दिया और उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया। उसकी चूत में लंड जाते ही उसके मुंह से चीख निकल पड़ी वह कहने लगी मैंने बहुत बड़ी गलती की जो तुमसे शादी नहीं की काश मैं तुमसे शादी करती तो मैं बहुत खुश रहती। कोमल को सिर्फ पैसे की भूख थी मैने कोमल से कहा यदि तुम मेरे प्यार को देखती तो शायद तुम खुश रहती लेकिन तुम्हें तो पैसों की भूख थी। वह कहने लगी मुझे अब प्यार का मतलब समझ आ चुका है कोमल को प्यार का एहसास हो गया था इसलिए वह हमेशा मुझसे मिलती।

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दो लंड और तीन चूत – मस्त ग्रुप सेक्स https://sexstories.one/do-lund-aur-group-sex/ Sun, 03 Jan 2021 23:36:52 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0/ हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मुझे उम्मीद है मेरे सारे दोस्त ठीक ही होंगे और रोज की तरह चुदाई करते होगे | मैं आज एक कहानी लेकर आया हूँ और मैं उम्मीद ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मुझे उम्मीद है मेरे सारे दोस्त ठीक ही होंगे और रोज की तरह चुदाई करते होगे | मैं आज एक कहानी लेकर आया हूँ और मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और आप लोगो को आज की कहानी पढ़ाने में मज़ा भी आयेगा | कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देता हूँ| group sex

मेरा नाम अनमोल है और मेरी उम्र 28 साल है | मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है | मैं रहने वाला अमृतसर का हूँ | मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लम्बा है और मोटा 3 इंच है |

अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ | group sex

दोस्तों ये कहानी तब की है जब मैं अपने अंकल के एक कारखाने पर जाने लगा था | मेरे अंकल का जो कारखाना है | वो बहुत ही बड़ा है और वहां पर लड़कियों का ही काम होता था क्यूंकि वहां पर सिलाई का काम होता था तो उस कारखाने में 65 % लड़कियां थी और 35 % लड़के थे | जब मेरे अंकल को पता चला की मेरी पढाई पूरी हो गयी है और मैं कोई काम भी नही कर रहा हूँ तो अंकल ने कहा की तब तक कारखाने पर चले आया करो और मस्ती किया करो मेरे कारखाने में लड़कियां ही काम करती हैं | मेरे अंकल मेरी तरह ही चुदक्कड थे और वो कारखाने की लड़की को किसी न किसी दिन चोद देते थे | मैं भी बहुत चोदू किस्म का लड़का हूँ कोई लड़की मिल जाये तो उसकी ऐसी चुदाई करता हूँ की उसे चलने में भी परेशानी हो |

एक दिन की बात है तब से मैं अंकल के कारखाने पर जाने लगा | group sex

तब मैं वहां अंकल का काम देखता था की कौन आज कितने रूपये ले रहा है और कौन नही ले रहा है या कौन आज कम पर नही आया है | अंकल के कारखाने में अच्छी लड़की भी हैं और मादरचोद लड़की भी हैं | मुझे अंकल के कारखाने में इस तरह से 1 महीना हो गया था और मैं इन 28 दिनों में 6 लड़कियों की मस्त चुदाई कर चूका हूँ | मेरे कारखाने में तीन लड़की हैं | जो बहुत मादरचोद हैं और वो हमेशा मादरचोदी किया करती हैं इसलिए उनसे कोई नही बात करता है | वो मादरचोद हर बात में तो गाली देती हैं और वो तीनो मादरचोद हैं साली रंडी | मैं आप लोगो को उनके नाम बता देता हूँ | एक का नाम नीलम है और एक नीलू है तीसरी का नाम नाबिता है | वो तीनो एक ही साथ रहती हैं | एक दिन की बात है जब अंकल घर पर कुछ काम में बिजी थे और उस दिन सबको सैलरी देनी थी तो मैंने उस दिन सबको सैलरी मैंने ही दी थी | जब लड़कियां और लड़के अपनी अपनी सैलरी लेकर चले गये |

फिर वो मादरचोद रंडी अपनी सैलरी लेने आई तो मैंने कहाँ तुम्हे कितने देदूं | नीलम बोली की कितना है सब देदे रे | मैं बोला की तू नही ले पायेगी बहुत बड़ा है | नीलू बोली अरे मादरचोद दे तो कितना बड़ा है ये भी देख लुंगी |

मैं – अरे मादरचोद सही से बोल मैं तेरा आशिक नही हूँ मादरचोद गांड में डाल कर फाड़ दूंगा सही से रहना

नाबिता- हां रे रंडी सर से सही से बोल नही तो सर अपने लंड को तेरी चूत में डाल कर हिला देंगे तो तू रंडी चल भी नही पायेगी |

फिर मैंने उन तीनो रंडियों को 1 – 1 हजार रुपये ज्यादा दिए और वो लेकर चली गयी | उन दिनों मेरे पीछे एक लड़की लट्टू थी और वो मेरे से चुदने के लिए बहुत पीछे पड़ी हुई थी | उसका नाम रानी था और मैंने उसको उस दिन सबके जाने के बाद मैंने उसको कारखाने के टॉयलेट में ले जाकर उसकी चूत में अपने 8 इंच के लंड को उसकी चुत डाल कर ऐसी मस्त चुदाई की उसको चलने में भी उसकी चूत में दर्द हो रहा था और फिर मैं उसको उसके घर तक छोड़ने गया | फिर उसके दुसरे दिन वो तिन मादरचोद रंडी मुझसे मस्ती ले रही थी तो मैंने उन रंडियों से कहा तुम साली काम पर ध्यन दो नही तो आज की अप्सेंटी लगा दूंगा | तब वो साली काम करने लगी | उन मादरचोदो से कोई बात नही करता था क्यूंकि उनके मंह से गाली के सिवा कुछ निकलता ही नही था | फिर जब कारखाने में छोट्टी हुई तब वो तीनो मेरे पास आई और बोली की सर आप बताओ आप के घर कब आ जाऊं तो मैं बोला क्यूँ मेरे घर क्या करने आओगी |

नीलू – ऐ मादरचोद तू बोल तो क्या करना है वो तो मैं आके देख लुंगी | group sex

मैं – तेरी तो माँ की चूत मारूं साली कभी कभी तो ठीक से बोल दिया कर |

नाबिता – सर बार हमे घर बोला कर को देखो खुश कर दूंगी |

मैं – ठीक है मैं किसी दिन तुम तीनो को घर पर बोलता हूँ |

नीलम –ठीक है | group sex

फिर एक दिन मैंने सही टाइम देख कर अपने दोस्त के घर तीनो को बुला लिया | मैं आप लोगो को अपने दोस्त के बारे में बता देता हूँ उसका नाम पवन है | उस दिन मैंने दोस्त के घर पर बियर भी मंगा ली और फिर मैंने और मेरा दोस्त बियर पी रहे थे की वो कुछ देर में ही मेरे बताये हुए पते पर आ गयी | मैं और मेरा दोस्त बियर पी रहे थे और वो भी साली बियर पीने लगी | कुछ ही देर में वो 1-1 बियर की बोतल साफ कर दी | फिर मैं और मेरा दोस्त उसको कमरे में लेकर चले गये | फिर उनको कमरे में ले जाकर मैंने एक की होठो पर अपने होठो को रख कर उसकी होठो को चूसने लगा और पवन नीलम की होठो को चूसने लगा | मैंने नीलू की होठो को चूस रहा था और नाबिता के दोनों दूध को कपडे के अन्दर हाथ को डाल कर उसके बूब्स को मसलने लगा |

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मैं उनके दोनों को एक एक करके उनको किस करता रहा और पवन नीलम की चुचियो को दबाते हुए उसको किस कर रहा था | मैं ऐसे ही 5 मिनट तक किस करने के बाद दोनों के कपडे उतार दिए जिससे वो कुछ ही देर में बिना कपडे के मेरे सामने आ गयी | फिर पवन ने भी नीलम के कपडे उतार कर उसके चुचियो को दबाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा तो नीलम के मुंह से हाँ हाँ हाँ… सी सी सी…… उई उई माँ उई माँ उई माँ…. आआअ….. करती हुई अपने बूब्स को चुसाने लगी | मैं नीलू के एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और साथ में अपने हाथ से नाबिता के चुचियो के निप्पल को पकड कर मसलने लगा जिससे उसके मुंह से जोर जोर से सिसिकियाँ निकल गयी और नीलू मेरे सर को पकड कर अपने बूब्स पर दबाने लगी |

मेरा दोस्त पवन उसके दोनों दूधो के निप्पल को मुंह से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था जिससे उसके मुंह से उई उई उई.. सी सी सी… ऊऊऊ… आआआआ…. उई माँ उई माँ… करती हुई अपने स्तन को चूसा रही थी | फिर मैं नीलू को बेड पर लेटा कर उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा और नाबिता नीलू के मुंह पर अपनी चूत टिका दी | फिर अपनी चूत को हिला हिला कर चुसाने लगी नीलू उसकी चूत को चाटती हुई गर्म गर्म सांसे लेती हुई उह्ह उह्ह ओह्ह ओह्ह्ह…. हाँ हाँ हाँ… सी सी सी… ऊ ऊ ऊ ऊ की सिसिकियाँ लेती हुई नाबिता की चूत को चाट रही थी | पांवन उधर अपने उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को अपनी ऊँगली से चोद रहा था |

हम दोनों ऐसे ही उनकी चूत में धमाल पेल रहे थे | group sex

मैं ऐसे ही उसकी चूत में ऊँगली कर रहे थे | तब नाबिता बोली तुम लोग भी कपडे निकालो देंखे तो कितना दम है तुम दोनों में | फिर मैं और मेरे दोस्त ने अपने कपडे निकाल दिए और मेरा लंड देखकर वो तीनो के मुंह से निकल गया है भगवान इतना बड़ा और मेरे दोस्त का लंड तो मुझसे भी बड़ा था | फिर वो दोनों मेरे लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी और नीलम मेरे दोस्त का लंड मुंह में रख कर चूसने लगी हम ऐसे ही लंड को 5 मिनट तक चुसाने के बाद मैंने नीलू की चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत गीली थी इसलिए एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया और उसके मुंह से चीख निकल गयी |

मेरा दोस्त उसकी चूत में घुसा कर नीलम की इस कदर से चुदाई की नीलम के मुंह से आवाज नही निकल रही थी | मैं भी नीलू और नाबिता की चूत में अपने लंड को एक एक करके ठुदाई करनी शुरू कर दी और चीख चीख कर चुदने लगी | मेरे लंड ने उसकी चूत और गांड का चेंद बड़ा कर दिया | इस तरह से हम दोनो ने उन तीनो की 20 मिनट तक मस्त चुदाई की और फिर झड गए | उन तीनो मादरचोदो की इतनी चुदाई हुई की वो चलाने के हालत में नही थी | फिर मैंने उन तीनो को 5 – 5 हजार रुपये दिये | अब वो तीनो महीने में मुझे 5 बार तो चुदती ही हैं हमसे |

मेरी कहानी मेरे दोस्तों को जरुर पसंद आई होगी | group sex

कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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मेरी दोस्त का लेस्बियन से कॉल गर्ल बनने तक का सफ़र https://sexstories.one/desi-lesbian-dost-bani-call-girl/ Sat, 02 Jan 2021 19:29:47 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87/ हेल्लो दोस्तों | मैं सुप्रिया आपकी खिदमत में फिर से हाज़िर हूँ | आप सभी लौड़ो और प्यारी सेक्सी चूतों को मेरा नमस्कार | मैं बहुत आभारी हूँ की आप सभी ने मेरी स्टोरीज को ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो दोस्तों | मैं सुप्रिया आपकी खिदमत में फिर से हाज़िर हूँ | आप सभी लौड़ो और प्यारी सेक्सी चूतों को मेरा नमस्कार | मैं बहुत आभारी हूँ की आप सभी ने मेरी स्टोरीज को बहुत सारा प्यार दिया, ऐसे ही आगे भी प्यार देते रहना और प्यार करते रहिए | मैं आप सभी के लिए ऐसे ही मजेदार स्टोरीज लिखते रहूंगी | desi lesbian

आज मैं आप लोगों को अपनी एक अन्य कहानी बताने जा रही हूँ | मेरी पहले की कहानियों जैसे यह मेरी कहानी भी एक मेरी जिन्दगी का अहम् हिस्सा जो मैं आप लोगों के सामने प्रस्तुत करने वाली हूँ | यह कहानी मेरी और मेरी बेस्ट फ्रेंड की है जिसका नाम श्रूति है | मैं और श्रूति एक कंपनी में जॉब करते थे | हमारी दोस्ती पक्की वाली तब ही हुई थी जब हम एक साथ एक प्राइवेट रूम में ही रहते थे | सब कुछ नार्मल ही चल रहा था पहले जैसा ही चल रहा था | बस अब कॉलेज की जगह जॉब ने ले ली थी जो हमारी अब जिन्दगी ही बन चुकी थी  |

हमे लोग लेस्बियन समझते थे क्यूंकि हम हमेशा साथ रहते थे और किसी से भी कोई मतलब नहीं रखते थे | desi lesbian

हम काफी घनिष्ट दोस्त बन चुके थे | हम जैसी दोस्तीं उस ऑफिस में किसी की नहीं थी | हम हर काम साथ करते थे किसी को कुछ प्रॉब्लम होती तो तुरंत एक दुसरे की मदद करने लगते थे | ये देख के बाकी लोग गलत ही सोचते थे | हम दोनों साथ में तो रहते ही थे और मूवी जाना , शोपिंग करना घूमना फिरना आप लोग ये समझलो कुल मिला के हम दोनों एक दुसरे के लिए एक जी.एफ बी.एफ जैसे ही हो गये थे | क्यूंकि किसी से कोई मतलब तो था नही हम बस अपनी दुनिया में ही खोये रहते थे |

एक दिन श्रुति ने मुझसे कहा यार अब तो शादी कर लेनी चाहिए उम्र बीत जायगी नहीं तो  |

तो मैंने कहा किस्से शादी करेगी तू?

उसने कहा तुझसे | desi lesbian

मैंने कहा अबे मजाक छोड़ सच बता किस्से करेगी, तो उसने कहा |

अरे जानेमन अभी तक तो तेरे सिवा किसी से प्यार किया नहीं और किसी के बारे में सोचा नहीं अब तक | मैंने भी कहा हाँ यार तू सही बोल रही है आखिर मैंने भी तेरे अलवा कुछ नही सोचा अपने साथ में घूम्मना फिरना, शौपिंग करना, पार्टीज हर चीज़ तो तेरे साथ ही किया है | ऐसे ही सोचते सोचते श्रुति ने कहा अपने ऑफिस में एक लड़का है शशांक नाम का वो सिर्फ मुझे ही देखता रहता है और मुझे भी वो पसंद है पर उसने मुझसे अभी तक प्रपोस नहीं किया और ना ही कुछ ऐसा वैसा किया जिससे मुझे लगे की वो बंदा मेरे लिए गलत है | पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया की उसने मुझे पहले क्यूँ नहीं बताई ये बात | फिर मैंने अपने मन को शांत करते हुए कहा की तू उससे मिलने का प्लान बना या फिर उससे मिलने लिए बोल फिर अगले दिन उसने उससे मिलने के लिए बोला तो शशांक ने कहा की मूवी चलते हैं वही पे बात करेंगे | उसके बाद उसने मुझसे पुछा की क्या मैं शशांक से शादी करू या नहीं मैंने कहा की देख ले अगर तुझे पसंद है तो कर ले |

अगले दिन ऑफिस में श्रूति ने कहा की उस बन्दे से बात की मैंने फिर से और उसने कहा की क्या तुम मेरे घर आ सकती हो हम डिनर साथ में करेंगे |

मुझे ऐसा लगा की शायद शशांक मौके की तलाश में है.. desi lesbian

पर मैंने उसे समझाया की तू मूवी के लिए ही मना और मैं भी साथ चलूंगी | उसने भी कहा ओके डार्लिंग फिर हम रूम में आ कर चुम्मा चाटी चूत चाटना करने लगे और सेक्स के बाद अगले दिन सन्डे था और सन्डे के लिए मैंने शःसंक को मना लिया था | मैंने और श्रूति ने सेक्सी ब्रा पहने थे और सेक्सी पेन्टी उसके ऊपर से टाइट जीन्स और टॉप पहना था | फिर हम हमलोग सिटी रोड के पास खड़े हो कर उसका वेट करने लगे वो आया था अपनी कार में अपने एक दोस्त के साथ वो तो अच्छा हुआ की मैं श्रूति के साथ थी वरना वो अकेली पड़ जाती | फिर हम दोनों उसके गाडी में बैठ के सिनेमा हॉल की तरफ निकल पड़े उसने दो टिकेट लिए श्रूति के लिये ओर खुद के लिए| और दो टिकेट मेरे और उसके दोस्त के लिए और दोनों की लास्ट कार्नर की थी पर साइड अलग अलग थी |

हम लोग अपनी अपनी सीट पर बैठे थे.. desi lesbian

तो वो शशांक का दोस्त मेरे साथ बदतमीजी कर रहा था पर मुझे मजा आ रहा था तो मैंने उसे कुछ नही कहा पर मैं मूवी से ज्यादा अपनी जान को देख रही थी | मैंने देखा की शशांक उसके दूध में अपने हाथ डाल के उसे दबा रहा था और वो उसके लंड पे हाथ फेर रही थी फिर उसके बाद दोनों किस करने लगे श्रूति ने जीन्स उतारी और उसका हाथ अपनी चूत में डाल के रगड़वा रही थी मुझसे यह सब देखा नहीं जा रहा था | क्यूंकि मैं श्रूति से बहुत प्यार करती थी और श्रूति भी मुझसे पर पता नहीं क्यूँ श्रूति उसके साथ ऐसा क्यूँ कर रही थी | उस टाइम वो लोग ज्यादा कुछ नहीं कर पाए थे फिर हम दोनों घर आ गए थे श्रूति बहुत खुश थी और घर आते आते मैंने श्रूति से एक भी बात नहीं की थी | जैसे ही घर पहुंचे मैंने श्रूति से कहा की तू उसके साथ ये सब क्या कर रही थी तो उसने मुझपे गुस्सा दिखाते हुए कहा की मुझे ऐसा नहीं बोल और उस दिन बहुत बहस हुई हमारे बीच |

फिर हम दोनों ने अलग अलग रूम ले लिए थे हम दोनों के बीच में दीवार बन के खड़ा हुआ हुआ था शशांक | पर मैंने भी सोचा कि हटाओ मैंने उसे जा कर सॉरी कहा और उसने भी मुझसे सॉरी बोला और उसने भी मुझसे फिर से हम दोनों साथ रहने लगे | एक दिन शशांक का कॉल आया उसने उससे कहा की मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहता हूँ क्या तुम मेरे घर आ सकती हो | उसने कहा ओके फिर वो उसके घर निकल गई और वहाँ से अगले दिन शाम को आई और दोनों ही ऑफिस नहीं आए थे | मैं समझ चुकी थी की कुछ तो गड़बड़ है | जब वो शाम को आई तो मैंने उससे पुछा की तू कहाँ थी

तब उसने मुझे बताया की मैं उसके घर गई. desi lesbian

उसने मुझे ड्रिंक ऑफर किया और मैं नशे में हो गयी | मैं सब कुछ देख रही थी पर कुछ समझ नही आ रहा था मुझे की मेरे साथ क्या क्या हो रहा है | उनलोगों ने मुझे बेड पर लिटा दिया और वो और उसका दोस्त नंगे हो गए दोनों के लंड बहुत बड़े थे | मैं डर गयी थी और फिर उन दोनों ने मुझे नंगी कर दिया पेहले तो मुझे बारी बारी से किस कर रहे थे और मैं तो नशे में थी तो मुझे उतना समझ में नहीं आ रहा था | फिर दोनों ने अपने अपने लंड चुसाने लगे मैं भी चूस रही थी दोनों के लंड और एक बात उनके साथ एक लड़का और था जो हमारा वीडियो बना रहा था | फिर दोनों ने मेरे हाथ बाँध दिए थे और मेरे दूध को बहुत जोर जोर से चूस रहे थे फिर उसके बाद दोनों ने मेरी चूत फाड़ दी और गांड भी चोदी | मैं बस ऊऊन्ह ऊउंह ऊउंह ऊउंह ऊऊन्ह ऊउंह ह्हह्म्म्म ह्ह्हह्म्म्म ह्ह्ह् ऊउम्म ऊउम ऊउम्म्म ऊऊमुमुम उमुमुमुम कर रही थी |

मेरे में ताकत ही नहीं बची थी की कुछ कर पाती और न ही कुछ बोल पाती | desi lesbian

उन्होंने मुझे पूरी रात चोदा जब सुबह मेरा नशा कम हुआ तो मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था जैसे तैसे मैं यहाँ तक आ पायी | श्रूति की ये बात सुन के मुझे बहुत बुरा लग रहा था और डर भी था की मेरे कुछ एक्शन लेने पर इन्होने श्रूति के साथ कुछ गलत कर दिया तो वो कहीं की नहीं रह पायगी और उसका जीवन अन्धकार में रह जायगा | हम लोगों ने सोचा की अब कुछ नहीं होगा पर हम गलत थे वो लोग रोज श्रूति को बुलवाते थे और उसे चोदते थे | श्रूति ने सुसाइड करने की भी सोची पर मैंने उसे रोक लिया था | उसे नार्मल होने में बहुत समय लगा था वो नार्मल तो हो गयी थी पर तब भी शशांक और उसके दोस्त उसे बहुत ज्यदा तंग करते थे | रोज रात में उसे बुला के उसे खूब चोदा करते थे अब तो उसकी भी आदत हो चुकी थी रोज लंड लेने की | उसे अब मजा आने लगा था सबका लंड लेने में | उसने जॉब छोड़ दी थी और और कॉल गर्ल बन चुकी थी | बस जब मैं लेस्बियन सेक्स करना चाहती थी तभी वो मेरे साथ करती थी नहीं तो उसका काम लंड से ही चल जाया करता था  |

दोस्तों ये हमारी थी कहानी | desi lesbian

भले ही आप लोगों को इसमें ज्यादा मजा नही आया होगा पर ये एकदम सच्ची कहानी है जो मैं आप लोगों को बात रही हूँ |

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निधि न सही सुहाना के साथ ही रात रंगीन हुई https://sexstories.one/suhana-ke-saath-kamvasna-ki-poorti-ki/ Thu, 31 Dec 2020 20:07:12 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%b9%e0%a5%80/ मेरा नाम सतीश है और मैं कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र हूं। मैं कॉलेज के लास्ट ईयर में हूं और उसके बाद मैं अब अपने पिताजी का काम संभालने वाला हूं। मेरे पिताजी का एक ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम सतीश है और मैं कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र हूं। मैं कॉलेज के लास्ट ईयर में हूं और उसके बाद मैं अब अपने पिताजी का काम संभालने वाला हूं। मेरे पिताजी का एक बहुत बड़ा कारोबार हैं।  कॉलेज में मेरे सारे दोस्त मेरे साथ रहते हैं क्योंकि मैं उनके ऊपर खुलकर खर्चा करता हूं। अब मुझे ऐसा लगता है कि पैसा होने से मेरे पास सब कुछ है। kamvasna

इस वजह से मेरे कॉलेज में बहुत सारे दोस्त हैं और लड़कियां भी मेरी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित रहती हैं लेकिन मैं लड़कियों को ज्यादा भाव नहीं देता। क्योंकि मैं अपने दोस्तों के साथ ही इंजॉय करता रहता हूं। मुझे आज तक कोई भी ऐसी लड़की नहीं दिखी जिससे मैं अपने दिल की बात कह सकूं। या फिर मैं उसे पसंद कर संकू। इसलिए मैं अपने दोस्तों के साथ ही रहना पसंद करता हूं। हमारे कॉलेज में एक नई प्रोफेसर आई। उनकी उम्र ज्यादा नहीं थी। परंतु वह बहुत ज्यादा ही सुंदर थी। उनकी सुंदरता को देख कर मैं मोहित हो गया और मुझे लगने लगा कि मुझे उनसे बात करनी चाहिए। अब मैं उनसे बात करने के लिए उत्सुक होने लगा और मैं उनसे बहुत ही बात किया करता था।

पहले तो उन्होंने मुझसे बात नहीं की परंतु बाद में वह मुझसे बात करने लगी। kamvasna

जब एक दिन उन्होंने मुझे अपने पति के बारे में बताया कि मेरे पति का देहांत हो चुका है। तब मुझे बहुत ज्यादा दुख हुआ और मैंने उनसे पूछा की आपके पति का देहांत कैसे हुआ। वह कहने लगी कि एक कार एक्सीडेंट में दुर्घटना हो गई थी। जिससे कि उनकी मृत्यु हो गई। मैं उन मैडम के पीछे पीछे जाने लगता था। उनका नाम ज्योति था। वह भी मुझे बहुत ही पसंद करती थी और मैं भी उन्हें बहुत पसंद करने लगा। एक दिन मैंने उन्हें अपने दिल की बात बता दी तो वह कहने लगी कि मैं तुमसे शादी कैसे कर सकती हूं। तुम्हारी उम्र बहुत कम है और दूसरा तुम कुछ करते भी नहीं हो। मैंने उन्हें बताया कि मेरे पिताजी का एक बहुत बड़ा कारोबार है। वह मैं ही संभालने वाला हूं लेकिन वह मुझे कहने लगी यदि तुम मुझसे शादी करने के बारे में सोच रहे हो तो तुम्हारे घरवाले मानेंगे नहीं और वह हमारी शादी नहीं होने देंगे। मुझे भी यह सब बहुत ही बुरा लग रहा था।

परंतु मैं उनकी तरफ आकर्षित हो चुका था और अब मैं उसे बहुत प्रेम करने लगा था। kamvasna

मैंने इस बारे में अपने पिताजी से भी कहा तो मेरे पिताजी मुझ पर बहुत गुस्सा हो गए और कहने लगे की तुम्हे और कोई नही मिली जो तुम एक विधवा से शादी करोगे। तुम्हारी उम्र भी बहुत कम है और हमने तुम्हें इसीलिए कॉलेज में भेजा था की तुम ये सब करो। वह मुझ पर बहुत ज्यादा गुस्सा हो गए। तब मुझे यह महसूस हुआ कि वह लोग मेरी शादी ज्योति से नहीं करवाने वाले लेकिन हम दोनों मिल लिया करते थे और कभी मेरा मन होता तो मैं उनके घर भी चला जाया करता था। अब वह भी मुझ से प्रेम करने लगी। परंतु उनके सामने भी यही समस्या थी कि वह मुझसे शादी कैसे करें।

क्योंकि सब लोग उन पर ही उंगली उठाते  और कहते कि तुमने ही जवान लड़के को अपने जाल में फसाया होगा। इस वजह से वह शादी का विचार भूल चुकी थी और हम दोनों अक्सर मिल लिया करते थे। परंतु अब हमारे पास कोई भी चारा नहीं था।  मैंने इस बारे में ज्योती से भी बात की वह मुझे यही कह रही थी कि यदि तुम मेरे साथ रहना चाहते हो तो तुम्हें तुम्हारे घर वालों को छोड़ना पड़ेगा। उसके बाद ही मैं कोई फैसला ले पाऊंगी। नहीं तो मेरे लिए भी यह बहुत ही गहरा संकट हो जाएगा और सब लोग मुझे ही इसका दोषी ठहराएंगे। मैं यह बिल्कुल भी नहीं चाहती कि सब लोग मुझे इस चीज के लिए दोषी ठहराये और कहे कि मेरी वजह से तुम्हारी जिंदगी खराब हो गई या तुमने मुझसे शादी कर ली। क्योंकि मैं तुमसे उम्र में भी बड़ी हूं और सब लोग ही यह बात कहेंगे कि मैंने अपनी खुशी के लिए तुमसे शादी कर ली है।

इस वजह से मैं बिल्कुल नहीं चाहती कि मैं तुमसे शादी करूं। kamvasna

एक दिन कॉलेज में ज्योति कुछ ज्यादा ही रोने लगी और उसने मुझे अपने कैबिन में बुलाया। वह कहने लगी कि आज मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं। मैंने उससे पूछा तुम्हें किस बात का दुख है तो वह कहने लगी कि मुझे तुम्हारे पापा ने फोन किया था वह कहने लगे कि तुम मेरे लड़के की जिंदगी खराब कर रही हो इस वजह से मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं। जब यह बात मैंने सुनी तो मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने उसे तुरंत ही अपने गले लगा लिया। जब मैंने उसे अपने गले लगाया तो वह बहुत तेज तेज रोने लगी और कहने लगी कि मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होता मुझे ऐसा लगता है कि मैं अब अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हो चुकी हूं।

जब उसने यह बात कही तो मैंने उसके होठों को अपने होठों में लेते हुए किस कर लिया। kamvasna

मैने उसे कहा कि तुम ऐसा क्यों सोचती हो मैं तुम्हारे साथ हमेशा ही खड़ा हूं। मैंने उसके होठों को किस किया तो उसके अंदर की उत्तेजना भी जागने लगी और मैंने भी उसकी बड़ी बड़ी गांड को दबाना शुरु कर दिया। मैं बड़ी तेजी से उसकी गांड को दबाए जा रहा था। मुझे बहुत ही मजा आता जब मैं उसकी गांड को दबाता जाता। अब वह मुझसे कहने लगी कि तुम नहीं समझ पाओगे मेरे अंदर की भावनाओं को। मैंने उसे वहीं टेबल पर लेटा दिया और उसके सारे कपड़े खोल दिए। वह अब भी रोने पर लगी हुई थी और मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया।

Office me chudai

मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा अब उसे बहुत ही मज़ा आने लगा। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उसकी योनि में उंगली डाल दी। उसकी योनि अब भी बहुत टाइट थी और मैंने तुरंत ही उस पर अपनी जीभ लगा दी मैं उसे अच्छे से चाटने लगा। जैसे ही मैं उसकी योनि को चाट रहा था तो उससे कुछ ज्यादा पानी निकलने लगा। मैंने अपने मोटा और सख्त लंड को उसकी योनि में डाल दिया। जब मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई और मैं उसे अब ऐसे ही धक्के दिए जा रहा था। मैंने उसे इतनी तेज गति से चोदना शुरू किया कि वह अपने मुंह से बड़ी तेज तेज आवाज में सिसकियां लेने लगी। वह अब रो नहीं रही थी क्योंकि उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था। उसके स्तनों को जब मैंने अपने मुंह में लिया तो उनसे दूध निकल रहा था और वह बहुत ही बड़े-बड़े थे।

मुझे बड़ा ही मजा आता जब मै उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। kamvasna

ज्योती से भी नहीं रहा गया और उसने मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे बहुत अच्छे से चूसने लगी। जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था। मैं भी उसके मुंह के अंदर अपने लंड को धक्का दिए जा रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था मेरा वीर्य उसके मुंह के अंदर ही गिर गया। जैसे ही मेरा वीर्य उसके मुंह में गया तो उसने वह सब निगल लिया। अब उसने अपनी चूतड़ों को मेरे सामने करते हुए कहा कि तुम मेरी गांड में अपने लंड को डाल दो। मैंने भी जैसे ही उसकी गांड में अपने लंड को डाला मुझे बहुत ही मज़ा आने लगा। मैंने तो पहली बार किसी की गांड में अपने लंड को डाला था मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था।

मैं अब उसे बड़ी तेज तेज धक्के देने लगा। kamvasna

वह बहुत तेजी से चिल्ला रही थी और कुछ देर बाद उसे भी अच्छा लगने लगा। वह भी अपनी गांड को मुझसे मिलाने लगी और चिल्लाने लगी। उसकी गांड से खून आने लगा तो वह कहने लगी कि मुझे अब मजा आया। मैं उसे ऐसे ही बड़ी तीव्रता से धक्के दिए जा रहा था मैंने उसे इतनी तेज तेज झटके दिए कि उसका शरीर पूरा का पूरा हिलने लगा। उसकी गांड से बहुत ज्यादा खून निकलने लगा लेकिन मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। ज्योति को भी बहुत मजा आ रहा था जब मैं उसकी गांड मार रहा था। वह अपनी गांड को मुझसे सटाती तो उसकी चूतडे मुझसे टकरा जाती और उनसे एक अलग तरीके की आवाज निकलती। कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरा वीर्य उसकी गांड के अंदर ही गिर गया और जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी गांड से टपक रहा था।

उसने मुझे तुरंत ही गले लगा लिया और मुझे आई लव यू कह दिया। kamvasna

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चुदना है तो मुँह पे बोल ना https://sexstories.one/sexy-ladki-ki-mast-chudayi/ Tue, 29 Dec 2020 03:01:40 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%81%e0%a4%b9-%e0%a4%aa%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a5%8b%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a4%be/ मेरा नाम संकेत है और मैं 22 वर्ष का एक युवा हूं। मैं बनारस का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी स्पेयर पार्ट्स का सामान रखते हैं और उनकी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम संकेत है और मैं 22 वर्ष का एक युवा हूं। मैं बनारस का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी स्पेयर पार्ट्स का सामान रखते हैं और उनकी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मैं भी अब उनके साथ काम करने लगा हूं और मैं उनके साथ काफी काम भी सीख चुका हूं और मुझे अच्छा भी लगता है जब मैं अपने पिताजी के साथ काम करता हूं। मेरे बड़े भैया बैंक में कार्यरत है। इसलिए वह मेरे पिताजी के साथ काम नहीं कर सकते और मैं उनके साथ अब काम कर रहा हूं। mast chudayi

मेरे पिताजी खुश दिल इंसान हैं। वह बहुत ही अच्छे हैं और हमेशा ही मुझे बहुत सपोर्ट किया है। जब भी मुझे किसी भी तरीके से किसी प्रकार की कोई भी चीज समझ नहीं आती तो मेरे पिताजी उस चीज का जवाब बहुत जल्दी मुझे दे देते हैं। इसलिए मैं उनका सम्मान बहुत ही करता हूं। मैं जब उनके साथ दुकान में रहता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। वह भी मुझसे बचपन से ही बहुत प्रेम करते हैं और कहते हैं कि तुम एक बहुत ही अच्छे लड़के हो। वह मुझे पढ़ाना चाहते थे लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और कहा कि मैं आपके साथ ही काम करना चाहता हूं। क्योंकि इनका काम बहुत अच्छा चलता है और मेरे भैया अब बैंक में नौकरी लग चुके हैं। इस वजह से वह दुकान नहीं संभाल सकते लेकिन मैं दुकान का काम संभाल सकता हूं।

इसलिए मैं उनके साथ ही काम पर लग गया और अपना सारा काम सीख चुका हूं। mast chudayi

एक दिन मैं अपनी दुकान से वापस लौट रहा था तो उसी रास्ते में मेरी गाड़ी खराब हो गई और मैंने सोचा आज बस से ही चले जाता हूं। मैंने अपनी गाड़ी वहीं खड़ी की थी और मैं बस से घर चला गया। मैंने अपने पिताजी को फोन करके बोल दिया था कि मैंने गाड़ी बस स्टैंड के पास ही खड़ी कर दी है और मैं बस से घर जा रहा हूं। आप लड़के को भिजवा देना और गाड़ी ठीक करवा देना। अब मैं जब घर आ रहा था तो बस में एक बहुत ही सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

Kamuk kissa

ना चाहते हुए भी मेरी नजरे उसे देखती जा रही थी। मैं अपने आपको कोशिश कर रहा था कि उसकी तरफ ना देखू। पर फिर भी उसका अट्रैक्शन इतना ज्यादा था कि मेरी नजर बार-बार उसकी तरफ बढ़ती जा रही थी और उसके लंबे लंबे बाल और उसकी बड़ी बड़ी आंखें मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी। मुझे ऐसा लगता कि मैं उससे तुरंत ही बात कर लूं लेकिन मैं उसे जानता नहीं था और ना ही मेरी हिम्मत हुई उससे बात करने की। थोड़ी देर बाद उसके बगल की सीट खाली हो गई और मैं उसके पास जाकर ही बैठ गया। उसका हाथ मेरे हाथों से टकरा रहा था और मेरे अंदर से एक अलग ही तरीके की फीलिंग निकल रही थी और मैं सोच रहा था कि मैं उससे उसका नाम पूछू और उससे पूछू कि वह कहां पर रहती है।

जब वह मेरे पास बैठी हुई थी तो मैं उसकी तरफ देख भी नहीं पाया। mast chudayi

ना जाने मुझे क्या हुआ। मेरे अंदर हिम्मत ही नहीं हुई और कुछ देर बाद मेरा घर भी आने वाला था और मैं बस से उतरने वाला था। वह लड़की भी उसी स्टैंड पर उतर गई जहां पर मुझे उतरना था। अब मैं उसके पीछे पीछे जाने लगा और मैं उसका पीछा करते करते उसके घर के पास तक पहुंच गया। जब मैं उसके घर के पास पहुंचा तो वह अपने घर के अंदर चली गई लेकिन फिर भी मैं उससे बात ना कर सका। अब मैं भी अपने घर की तरफ चला गया लेकिन मेरे अंदर उसका नाम जानने की उत्सुकता थी और वह क्या करती है। मुझे बहुत ज्यादा उत्सुकता हो रही थी। इसलिए मैं सोच रहा था कि अब मैं उससे कैसे बात करूं और मेरी बात आगे कैसे बढ़े।

यह सोचते सोचते मैं अपने घर पर पहुंच गया और मुझे पता भी नहीं चला कि मैं अपने घर पहुंच गया। मेरी मां ने मुझसे पूछा तुमने कुछ खाया है या नहीं। मैंने उन्हें कहा हां मैंने खा लिया है लेकिन मेरा ध्यान खाने की तरफ था ही नहीं और ना ही मुझे भूख थी। मुझे तो सिर्फ उस लड़की की बड़ी बड़ी आंखें मेरे दिमाग में नजर आ रही थी और बार-बार उसका चेहरा मुझे दिखाई दे रहा था। मैं बहुत ज्यादा उत्सुक हो रहा था कि वह लड़की क्या करती है और उसका नाम क्या है। मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया और मैं उस लड़की के ख्यालों में खोया हुआ था।

ऐसे ही कई दिन बीत गए लेकिन उसके बाद ना तो वह लड़की मुझे दिखी और ना ही मेरी कभी मुलाकात उससे हुई। एक दिन मैं अपनी मां के साथ बाजार में कुछ सामान ले रहा था। तभी मेरी मां की एक सहेली मिल गई और वह उनसे बात करने लगी मेरी मां ने उन्हें बताया कि यह मेरा लड़का है। मैं भी उनसे पहली बार ही मिला था और मेरी मां मुझे कहने लगी कि यह मेरी स्कूल की बहुत अच्छी दोस्त है। वह आंटी बहुत ही हंसमुख और अच्छी थी। मैं भी उनसे अच्छे से बात कर रहा था। तभी थोड़ी देर में वह लड़की भी आगे से आ गई और जैसे ही वह आगे से आई तो मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज तेज धड़कने लगी।

वह हमारे पास आकर रुक गई। mast chudayi

मुझे लगा कहीं शायद वह मुझे कुछ बोल ना दे। क्योंकि मैं उसे कुछ ज्यादा ही घूर रहा था लेकिन वहां मेरी मम्मी की सहेली की लड़की थी। उन्होंने भी उसका इंट्रोडक्शन कराया और उन्होंने उसका नाम बताया। उसका नाम रीमा था। जब उसने मुझसे बात की तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी ख्वाहिश पूरी हो गई हो। थोड़ी देर बाद वह वहां से चले गए और हम लोग भी अपने घर आ गए। जब हम घर पहुंचे तो मैंने अपनी मां से बताया कि मुझे रीमा बहुत ही पसंद है।

मेरी माँ ने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है। उसकी मां भी बहुत अच्छी है और मेरी बहुत ही अच्छी सहेली है। मैं तुम दोनों की बात करने में हेल्प कर सकती हूं। मेरी मां ने मेरी बात रीमा से करवा दी और एक दिन वह मुझे अपने साथ उनके घर ले गई। जब मैं उनके घर गया तो उस दिन रीमा ने मुझसे बहुत ज्यादा बात की। मुझे उससे बात कर के बहुत ही अच्छा लगा और जब मैंने उससे पूछा तुम क्या करती हो। तो वह कहने लगी कि मैं कॉलेज में हूं। मुझे बहुत ही खुशी हुई उस दिन उससे बात करके। उस दिन मैंने उससे उसका फोन नंबर भी ले लिया था।

अब मैं उससे फोन पर बात करने लगा और हम दोनों की बातें अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी। mast chudayi

हम दोनों के बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। वह मुझे अपने बारे में सब कुछ बताने लगी और जब वह कॉलेज में होती तो मुझे अपनी फोटो भी भेज दिया करती। एक दिन मैंने पिताजी को रीमा के बारे में बता दिया और वह बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि लड़की तो बहुत ही सुंदर है। मेरे पिताजी ने एक दिन मुझे कहा कि तुम उसे घर पर ही बुला लो। मैंने रीमा को अपने घर पर बुला लिया। रीमा मेरे घर पर आई तो वह मेरी मां से मिलकर बहुत खुश हुई और मेरे पिताजी भी बहुत खुश थे। थोड़ी देर उनसे बात करने के बाद वह मेरे साथ मेरे कमरे में आ गई और जब मेरे कमरे में आई तो हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे।

फिर अचानक से मुझे उसके स्तनों के लकीरें दिखाई देने लगी। mast chudayi

मेरा मन खराब हो गया मैंने तुरंत ही उसके बालों को सहलाना शुरू कर दिया और उसे किस कर लिया। जैसे ही मैंने उसे किस किया तो वह भी थोड़ी देर बाद उत्तेजना में आ गई और वह मेरे होठों को अच्छे से चूमने लगी। मैं उसके होंठों को चूमते चूमते उसके स्तनों को भी दबाने लगा। थोड़ी देर में मैंने उसके सारे कपड़े खोलते हुए उसकी योनि में अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला उठी और उसकी चूत से खून की पिचकारी निकलने लगी। जैसे ही उसकी चूत से खून की पिचकारी निकली तो मैंने उतनी तेजी से उसे चोदना शुरू कर दिया।

मै उसे बड़ी तेज उसे धक्के मारने लगा जैसे ही मेरा लंड अंदर बाहर होता तो उसके मुंह से मादक आवाजे निकलने लग जाती। मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसता जाता जिससे कि उसकी उत्तेजना और दोगुनी हो जाती। मैंने उसे बड़ी तीव्रता से धक्का देना शुरु किया और उसका शरीर पूरा गर्म हो चुका था। मेरी उत्तेजना भी चरम सीमा पर पहुंच गई थी। मेरे लंड से जैसे ही मेरी वीर्य की पिचकारी निकली तो वह सीधा रीमा की योनि में चली गई जिससे कि हम दोनों बहुत ही खुश हुए। कुछ दिनों बाद रीमा प्रेग्नेंट हो गई इसलिए उसके घर वालों ने मुझसे उसकी शादी करवा दी।

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मेरी प्यासी चुत को पहली बार कोई लंड मिला https://sexstories.one/meri-chut-ki-pyas/ Mon, 16 Nov 2020 09:35:35 +0000 https://sexstories.one/?p=1513 मेरा नाम किरन बंसल है, मैं बिहार की रहने वाली हूँ, पढ़ने में होशियार और होनहार लड़की हूँ। मैं एक छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखती हूँ इसलिए एक बड़े शहर कोटा में पढ़ने आई ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम किरन बंसल है, मैं बिहार की रहने वाली हूँ, पढ़ने में होशियार और होनहार लड़की हूँ। मैं एक छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखती हूँ इसलिए एक बड़े शहर कोटा में पढ़ने आई हूँ। इस शहर में मेरा कोई जान-पहचान वाला नहीं है तो मेरे पापा ने मुझे हॉस्टल में रुकने की आज्ञा दे दी थी। meri chut ki pyas

बड़े शहर के बड़े कॉलेज में मैं पहली बार आई थी, तो मैं काफी डरी हुई थी। हॉस्टल के बारे में सभी लोग काफी बातें किया करते थे लेकिन इन सबको नज़रन्दाज करते हुए मेरे पापा ने मुझे अकेले हॉस्टल में भेजा और बोला- मुझे अपनी बेटी पर पूरा विश्वास है।

ख़ैर, सब बातें होते हुए भी मैं हॉस्टल आ गई और मुझे एक और लड़की के साथ हॉस्टल में कमरा मिल गया। वो लड़की शहर की ही थी और माँ-बाप की टोका-टाकी से तंग होकर हॉस्टल आई थी। वो एक खुले और आजाद विचारों वाली लड़की थी।

शुरू में तो हम दोनों की नहीं बनी क्योंकि हम दोनों के विचार नहीं मिलते थे लेकिन हम दोनों ने धीरे-धीरे एक-दूसरे को समझना शुरू किया तो हम दोनों अच्छी सहेलियाँ बन गई। meri chut ki pyas

उस समय मेरी उम्र 18 साल थी और मेरा बदन काफी कसा हुआ और मस्त था। कस्बों में खान-पान शहरों से अच्छा होता है और आबो-हवा भी शहरों से साफ़ होती है तो मेरा बदन काफी गठीला और स्वस्थ था। मेरी रूम मेट भी कम सेक्सी नहीं थी।

वो बहुत ही खूबसूरत और कसे हुए बदन की लड़की थी और स्वछंद विचारों के कारण हमेशा कॉलेज में उसके चर्चे होते थे, उसके पीछे काफी लड़कों की काफी लम्बी कतार होती थी। लेकिन वो केवल कुछ ही लड़कों से पटी थी और उनके भी दिन मुक़र्रर थे, एक लड़का एक हफ्ते में एक दिन और एक बार।

मैं हमेशा उसको बोलती थी- तुम थक नहीं जाती?

वो बोलती थी- डार्लिंग, इसी का नाम तो जिन्दगी है, और इसी में मज़ा है।

मैं हमेशा उसकी बातों को मजाक में उड़ा देती थी, मुझे नहीं मालूम था कि एक दिन मैं भी इसका शिकार बन जाऊँगी।

मेरी रूममेट का एक प्रेमी था मुकेश। वो कॉलेज का बोक्सिंग चैम्प था, उसका शरीर बहुत ही तगड़ा और कसा हुआ था। जब वो कमरे में आता था तो उसे देख कर मुझे कुछ-कुछ होने लगता था, मुकेश भी इस बात को जानता था।

मेरी दोस्त उससे बहुत खुश थी क्योंकि वो उसको सबसे ज्यादा मज़ा देता था और मेरी दोस्त यह बात मुझे कई बार बोल चुकी थी। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

बार-बार सुनने के कारण मुझे भी उसमें मज़ा आने लगा था। एक दिन मुकेश मेरे कमरे में आया और आकर लेट गया।मैंने उसको बोला कि मेरी रूममेट तो नहीं है।

उसने कहा- जानता हूँ, आज मैं सिर्फ तुमसे मिलने आया हूँ। meri chut ki pyas

मेरा दिल धक-धक करने लगा और मैं ख़ुशी से पागल हो रही थी। मैंने थोड़ा अनजान बनते हुए पूछा- क्यों, आज मैं क्यों?

मुकेश ने कहा- जल्दी मेरे साथ चलो, पता लग जाएगा।

मैंने कहा- अच्छा, मैं तैयार हो कर आती हूँ।

उसने बोला- ठीक है। ढीला पजामा पहनना। meri chut ki pyas

मुझे सब कुछ समझ आ गया और मैं मुकेश के साथ चली गई। मैंने शहर के पुराने किले के बारे में बहुत सुना था, पर कभी गई नहीं थी।

मुकेश मुझे वहीं लेकर गया और अपनी मोटरसाइकिल पार्क के बाहर लगा कर मुझे अन्दर ले गया।

वहाँ पर कुछ लोगों को देख कर मुझे डर लगने लगा तो मुकेश ने बोला- डरो मत, सब ठीक है।

वो उन लोगों के पास गया और हँसते-हँसते बात करने लगा। उसने उनको कुछ पैसे दिये और उन्होंने मुकेश को इशारा करके कोई जगह बताई।

मुकेश ने मुझे पीछे आने को कहा। मैं भी मुकेश के पीछे चल पड़ी।

जैसे-जैसे मैं अन्दर जा रही थी, मुझे झाड़ियों में से लड़के-लड़कियों की सिसकारियों की आवाज़ें आ रही थी। मैंने मुकेश से आवाजों के बारे पूछा, तो वो सिर्फ मुस्कुरा दिया।

एक झाड़ी में ध्यान से देखा तो मैं हैरान रह गई, खुले-आम चुदाई चल रही थी, चारों तरफ लड़के-लड़कियाँ चुदाई में लगे थे, किसी को किसी की परवाह नहीं थी, सब मज़े लूट रहे थे।

मुकेश ने पूछा- तुम्हें डर तो नहीं लग रहा? यह सब तुम्हारे साथ भी होने वाला है।

मैंने कहा- नहीं ! meri chut ki pyas

एक ठीक सी जगह जाकर मुकेश रुक गया और थोड़ी से जगह साफ़ करके बैठ गया। मैं भी चुपचाप उसके बराबर में आकर बैठ गई।

मुकेश बिना देर करता हुआ मेरे ऊपर आ गया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये।

मेरे साथ यह सब पहली बार हो रहा था। उसके होंठ बड़े गर्म थे।

धीरे-धीरे मैं पूरी लेट गई और मुकेश मेरे ऊपर आ गया। उसका लंड खड़ा हो चुका था और मेरी चूत को छूने की कोशिश कर रहा था।

मुकेश मुझे पागलों की तरह चूमे जा रहा था कभी मेरे गालों पर, होंठों पर, गर्दन पर।

मुझे भी मज़ा आना शुरू हो गया और मैं भी उसके होंठों को चूसकर उसका साथ देने लगी।

अब उसने अपने हाथ मेरे शरीर पर चलाने शुरू कर दिये, मुझे गुदगुदी के साथ सिहरन होने लगी और मेरी चूत में खुजली होने लगी। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

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रिक्शावाले का मोटा लंड https://sexstories.one/rikshawale-ka-mota-lund/ Tue, 27 Oct 2020 11:04:00 +0000 https://sexstories.one/?p=1378 हेलो दोस्तों मैं सरोज आप सभी का हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर स्वागत करती हूँ। मैं आगरा की रहने वाली हूँ। मैं बहुत गोरी और जवान लड़की हूँ। मेरा बदन बहुत गोरा और सुडौल ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों मैं सरोज आप सभी का हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर स्वागत करती हूँ। मैं आगरा की रहने वाली हूँ। मैं बहुत गोरी और जवान लड़की हूँ। मेरा बदन बहुत गोरा और सुडौल है। मेरा फिगर कमाल का है। छरहरा और बिलकुल फिट। 36, 30, 34 का फिगर है मेरा। मैं २३ साल की एक जवान, आकर्षक नवयौवना हूँ। desi mota lund

मेरा जिस्म बहुत ही छरहरा और सेक्सी है। बदन तो इतनी गोरी और मुलायम है की स्वर्ग की अफ़सराये भी मुझसे शरमा जाए। मैं बहुत सुंदर लड़की हूँ। मेरे ओठ, मम्मे, मेरे रेशमी काले बाल, मेरी लचकती कमर और उफनती चूत सब कुछ बहुत मस्त है। मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है और रात में नियमित रूप से चूत में मोटा लंड खाना बहुत पसंद है। लंड न मिलने पर मैं चूत में ऊँगली, अंगूठा, या डिलडो डालकर जल्दी जल्दी चला लेती हूँ और भरपूर मजा ले लेती हूँ।

आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ। desi mota lund

दोस्तों मेरे घर के सामने ही एक रिक्शेवाला रहता था। उसका नाम बब्बन था। मेरी मम्मी और पापा अक्सर उसके रिक्शे पर बैठा करते थे और शाम को सब्जी खरीदने जाया करते थे। मेरी मम्मी तो बब्बन को बड़ा लगाव करती थी। कई बार त्यौहार में उसे बक्शीश दे दिया करती थी। हर होली दिवाली में उसे मिठाई का डिब्बा देती थी। कई बार तो लगता था की बब्बन हमारे घर का कोई मेमबर है। वो हर बार जब हम लोगो को कॉलेज, या बजार लेकर जाता था जल्दी पैसे नही लेता था। पर मैं हर बार उसे पैसे दे देती थी। बब्बन काफी गरीब था। उसके 2 बच्चे थे। एक दिन रास्ते में मुझे कुछ लड़के छेड़ रहे थे।

Sexy Bhabhi – हॉट भाभी और उसकी सहेली

वो मेरे कॉलेज के लड़के थे। वो मुझे चोदना चाहते थे। “सरोज जान !! बस एक बार अपनी रसीली चूत के दर्शन करा दे हम तुझे दुबारा नही छेड़ेंगे” वो आवारा लड़के बोल रहे थे। अचानक बब्बन रिक्शेवाला वहां आ गया। उसने उन लड़को को दौड़ा लिया और 2 को तो पकड़कर लात ही लात मारा भी। उस दिन से मैं बब्बन रिक्शेवाले की बड़ी इज्जत करने लगी।

अब मैं उसे कभी रिक्शेवाला कभी नही बोलती थी। desi mota lund

मैं उसे बब्बन भैया कहकर बुलाती थी। उस रात जब मैं घर पर पहुची तो बब्बन की मेरे जहन में आ रहा था। किस बहादुरी से उसने उन गुंडों से लडाई की थी। कितनी बहादुरी से उसने मेरी बचा ली वरना मैं किसी को मुंह भी नही दिखा पाती। अंदर ही अंदर मैं बब्बन रिक्शेवाले से प्यार करने लगी थी। मैं उसको अपनी रसीली गुलाबी चूत देकर उसको थैंक यू कहना चाहती थी। मैं मौका तलाश रही थी। अगले दिन मेरे पापा मम्मी किसी रिश्तेदार के घर गये थे। दोपहर के 1 बजे थे। अचानक घर की घंटी बजी।

“कौन है????” मैंने पूछा desi mota lund

“सरोज बेबी मैं बब्बन। एक बोतल फ्रिज का पानी चाहिए था” बब्बन रिक्शेवाला बोला

उसकी आवाज सुनकर मैं चहक गयी। मैंने दरवाजा खोला और उसे अंदर ले गयी। दरवाजा मैंने बंद कर लिया और पीछे से उसे पकड़ लिया।

“सरोज बेबी….ये… ये क्या??” बब्बन रिक्शेवाला चौंक गया

“ओह्ह्ह्ह आई लव यू बब्बन। कमोंन फक मी टूडे!” मैंने कहा और उसे पीछे पीठ से मैंने पकड़ लिया। वो इंग्लिश नही जानता था। पर वो समझ गया था की मैं उसे चोदने के लिए बोल रही थी। फिर मैंने उसे अपनी तरफ घुमा लिया और उसके जिस्म से चिपक गयी। वो हैरान था। ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है।
“ओह्ह्ह बब्बन!! मुझे तुमसे बेपनाह प्यार हो गया है। मेरे प्यार को मत ठुकराओ। प्लीस मुझे चोद दो आज!!!!” मैं किसी चुदासी छिनाल की तरह बोली

उसके बाद वो भी मुझे किस करने लगा। वो मुझे मेरे गाल और होठो पर किस करने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। मैंने टॉप और स्कर्ट पहन रखा था। मैं सुंदर और जवान युवती थी। बब्बन रिक्शेवाला मुझे गरमा गर्म किस करने लगा। उसके बाद हम दोनों कमरे में चले गये। मैंने जल्दी जल्दी अपनी टॉप और स्कर्ट निकाल दी। फिर ब्रा और पेंटी भी खोल दी। बब्बन ने अपना शर्ट पेंट निकाल दिया। उसका लौड़ा 8” का था। बहुत लम्बा और बहुत मोटा।

मैं फड़कती चूत का दीवाना

धीरे धीरे उसका गधे जैसा लौड़ा होने लगा। desi mota lund

दोस्तों, मेरे स्तन बहुत सुंदर थे। बड़े बड़े गोल और बिलकुल मक्कन की टिकिया जैसे नर्म। इतने सुंदर दूध को देखकर तो बब्बन बिलकुल पागल हुआ जा रहा था। मेरी अनार जैसी लाल लाल निपल्स, जो मेरे स्तनों में चार चाँद लगा रहे थे। अगर कोई भी मर्द मुझे इस तरह मेरे नग्न मम्मो को देख लेता तो मुझे बिना चोदे ना जाने देता।

मेरी मस्त गदराई और उफनती छातियों को देखकर बब्बन बेचैन हो गया और अपने हाथ से कस कसकर दबाने लगे. मैं सिसक कर बोली पर उस पर कोई असर ना हुआ। वो मजे से मेरे दूध दबा रहा था जैसे कोई मुसम्मी का रस निकालने के लिए उसे हाथ में लेकर निचोड़ देता है। इसके साथ ही वो मेरे रसीले स्तनों को मुंह में लेकर पी और चूस रहा था। इधर मेरी जो जान ही निकली जा रही थी। ऐसा लग रहा था की आज बब्बन मेरा सारा दूध पी जाएंगा और मेरे होने वाली पति के लिए कुछ नही छोड़ेंगे।

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कुसुम की झांट की सफाई https://sexstories.one/biwi-ki-jhaant-ki-safai/ Sun, 04 Oct 2020 21:16:39 +0000 https://sexstories.one/?p=277 हेलो दोस्तों.. मेरा नाम शेखर है. मैं हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex kahani / Biwi ki chudai) पढ़ने अक्सर आता हु. मेरी बीवी कुसुम काफी भोली-भाली किस्म की औरत ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों.. मेरा नाम शेखर है. मैं हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex kahani / Biwi ki chudai) पढ़ने अक्सर आता हु. मेरी बीवी कुसुम काफी भोली-भाली किस्म की औरत है. हमको असम आके काफी टाइम हो। कुसुम ने एक सब्ज़ीवाले से चुदवा लिया था पहले ही.. अब वो कुछ और विचित्र हरकत करने वाली थी..

एक दिन मैंने कुसुम से कहा के वो अपने चूत की सफाई कर ले. उसकी झांटें बहुत बड़ी हो गयी थी… एक बार मैंने उसकी चूत के बाल निकाले थे.. बताया था उसको के कैसे निकालते है.. अब वो निकाल ले खुद ही..

उसने हाँ कर दी… कहा के कर लेगी..

मैं ऑफिस के लिए निकल गया… ऑफिस जाके के पता चला के हाफ डे ही काम होगा तो मैं दोपहर में फ्री हो गया..

मॉर्केट में आ कर मैं एक पान के दूकान पर खड़ा हो कर सिगरेट पीने लगा.. तभी मैंने देखा के कुसुम दूसरी ओर से चली आ रही है.. वो कुछ आगे आ कर एक गली में मुड़ी और एक दूकान में घुस गयी..

वो एक सलून था.. जेंट्स हेयर कटिंग सलून… मैं अवाक देखता रह गया.. भला इससे एक सलून में जाने की क्या ज़रुरत है…!!

तभी मुझे याद आया के मैंने उसे झांट साफ़ करने को बोला था… कही वही तो नहीं करवाने आई है वो???

Hot Biwi ki chudai – मुस्लिम सब्ज़ीवाले ने मेरी बड़ी चूची वाली बीवी को चोदा

कुछ देर बाद वो निकली और घर के तरफ चली गयी.. मैं सिगरेट ख़तम करके उस सलून में चला गया.. दाढ़ी बनवाने के बहाने पूछ पड़ा के वो औरत क्यों आई थी एक जेंट्स सलून में…

उस सलून में ३ नाइ थे.. तीनो हंस पड़े… बोले, के उसको अपनी झांट साफ़ करवानी है… कुछ देर में पैसे लेके आने वाली है…

मैंने पुछा कितना पैसा देगी वो झांट सफाई के लिए..

एक ने बोला के हमने २ हज़ार बोला तो वो झट मान गई…

मैंने मन ही मन सोचा… झांट सफाई तो बहाना है… उसे लंड चाहिए.. और इन लोगो से चुदवाना है उसको…

मैंने एक नाइ को ५०० रूपए दिए… और बोला के मुझे सब देखना है.. तुमको जो करना है करो पर मुझे देखने दो…

वो हंसा और बोला के काउंटर के पास वाले परदे के पीछे चुप जाओ… वहाँ से पूरा कार्यक्रम दिखेगा…

मैं जा कर वह बैठ गया…

Hot Biwi ki chudai – अदला बदली की शुरुआत – निशा के जलवे

कुछ देर बाद कुसुम आ गयी… उसने पैसे एक नाइ को दिए.. पैसे लेके उसके एक कुर्सी पर टांग फैला कर बैठने को कहा…

कुसुम असमंजस में खड़ी रही… फिर नाइ के बार बार प्रेशर करने पर उसने कपडे एक-एक करने उतर दिए और कुर्सी पर टांग फैला कर बैठ गयी…

दूसरे नाइ ने सलून का शटर गिरा दिया…

कुसुम ३ मुसलमान नाईओं के बीच में बिलकुल नंगी थी…

उसकी झांटों वाली चूत साफ़ दिख रही थी मुझे…

एक नाइ सामान ले आया और क्रीम लगाना शुरू किया कुसुम के चुत पे…. फिर उसने उस्तरे से उसकी झांट साफ़ की…

कुछ देर में लगभग पूरी झांट साफ़ हो गयी थी…

कुछ बाल चुत के एकदम पास वाले हिस्से में बच गए थे… उसने कुछ कहा कुसुम को… वो मुस्कुरा क्र कड़ी हुई तू पास एक टेबल पर आधी लेट गयी…

Hot Biwi ki chudai – ट्रैन में बिना टिकट सफर – डबल चुदाई रात भर

उसका कमर से ऊपर वाला भाग, टेबल पर था.. बाकी उसके नीचे वाला भाग ज़मीन पर.. वो लगभाग आधी कड़ी थी.. पर पेट के बल, टेबल पर..

उसकी गांड और चुत पीछे से दिख रही थी…

उसके गांड के छेद पर भी थोड़े बाल थे… उस नाई ने उसको भी साफ़ कर दिया…

फिर उसने कुसुम से कुछ कहा, जिसपर कुसुम ने हाँ से सर हिला दी…

इसके पहले के मैं समझ पाता के उसने कुसुम से क्या कहा था… तीनो ने अपने सारे कपडे उतार दिए…

वो नाई जिसने कुसुम के झांट की सफाई की थी, वो उसे जबरदस्त चोद रहा था… फच्च-फच्च की आवाज़ पूरे सलून में आ रही थी… कुसुम एक नाई के लंड चूस रही थी और दूसरे का सेहला रही थी…

कुछ देर चोदने के बाद उस नाई ने आपने सारा माल, कुसुम के चेहरे पे गिरा दिया.. कुसुम में उंगलिओं से सब चाट लिए..

फिर दूसरे ने भी कुसुम की चूत चोदी कुछ देर और उसकी गांड पर अपना वीर्य गिरा दिए…

तीसरा तो लंड पर तेल लगा कर आया और देखते-देखते उसने अपना फौलादी लंड कुसुम के गांड में डाल दिया…

कुसुम चिहुंक उठी… वो कुसुम को लगभग १५ मिनट चोदता रहा और उसकी गांड में ही अपना माल छोड़ दिया…

कुसुम को पूरी तरह इस्तेमाल करके तीनो पस्त होकर एक तरफ बैठ गए… कुसुम ने एक कपडे से सारे माल पोछा और कपडे पहन कर घर की ओर चली गई…

मैं भी बाहर निकल आया…

मेरी बीवी ने मस्त झांट सफाई करवाई थी… मैंने सोचा एक और सिगरेट पी लिया जाए…

अगली कहानी में एक और कहानी, कुसुम के जवानी की रासलीला की… पढियेगा ज़रूर… 🙂

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