Hindi Incest Story Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindi-incest-story/ Hindipornstories.org Thu, 23 Sep 2021 05:51:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 Bhabhi Aur Devar Ke Jism Ki Aag https://sexstories.one/devar-bhabhi-ki-sex-kahani/ Thu, 11 Feb 2021 23:18:20 +0000 https://sexstories.one/bhabhi-aur-devar-ke-jism-ki-aag-xxx-storiez/ मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। मेरे मम्मी पापा कोलकाता में ही रहते थे। उन दिनों मेरे एक दूर के भैया है जो बिहार में काम करते है। उनकी शादी हुये 3 साल हो चुके थे। devar bhabhi

मैंने कभी उनकी पत्नी (मेरी भाभी) को नहीं देखा था। devar bhabhi

उनका नाम उषा था। वो एक सरकारी ऑफिस में एक अच्छी पोस्ट पर काम करती है.. उसी सिलसिले में उन्हे कोलकाता ट्रैनिंग के लिये आना पड़ा.. उनकी ट्रैनिंग 7 दिनों की थी। में स्कूल गया हुआ था.. पर जैसे ही में घर पहुंचा और मैंने डोर बेल बजाई तो एकदम मस्त सी गोरी लंबी कसे हुये दूध, क्या जांघे थी उसकी? हे भगवान वो पल में कभी नहीं भूल पाउँगा।

उषा भाभी ने दरवाजा खोला और वो भी मुझे देखती ही रह गई.. devar bhabhi

मेरी लम्बाई 5 फुट 5 इंच है और स्मार्ट भी हूँ और उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया और कहने लगी कि आप करण भैया हो ना। मैंने हाँ में सिर हिला दिया और स्कूल बैग लेकर अंदर आकर बैठा तो पता चला कि मम्मी पापा बाहर गये है.. हमारे कोई रिश्तेदार की मौत हो गई है। उस समय घर पर मेरी दीदी, में और उषा भाभी ही थी। शाम के 7 बज रहे थे.. उषा भाभी की उम्र 30 साल होगी।

क्या चीज़ थी वो? दोस्तों जैसे कोई अप्सरा हो.. devar bhabhi

मुझे तो उसकी गांड की गोलाई तो मार ही डालती थी। तभी मेरी दीदी ने हमारी जान पहचान करवाई और फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ तो पता चला कि वो मेरे घर 7 दिन रुकने वाली है पर पापा मम्मी 3 दिन बाद आयेंगे.. तो तभी तेज बारिश शुरू हो गई और लाईट चली गई।

में माचिस ढूँढने के लिये खड़ा हुआ तो थोड़ी थोड़ी कम कम सी रोशनी में भाभी का बदन मुझ पर जादू कर रहा था। तभी अंधेरे का फायदा उठाकर में भाभी के पिछवाड़े से टकरा गया और वो कुछ नहीं बोली। फिर आधे घंटे के बाद लाईट आई.. तो भाभी खाना बनाने लग गई और में फ्रेश होकर टी.वी देख रहा था। बारिश की वजह से मौसम में ठंडक आ गई थी।

मूड भी रोमांटिक हो रहा था मेरे दिमाग़ में तो बस भाभी भाभी भाभी ही चल रहा था। तभी भाभी आकर कहने लगी कि खाना तैयार है.. खा लीजिये खाना खाने के बाद हम अब सोने जा रहे थे कि तभी फिर लाईट चली गई। तब तक मेरी दीदी सो गई थी। मैंने भाभी से कहा कि पता नहीं लाईट कब तक आयेगी.. आप जा कर बेडरूम में सो जाये। में अपने रूम में सो जाता हूँ.. तो भाभी कहने लगी कि अंधेरे में मुझे डर लगता है। मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. जब तक लाईट नहीं आती आप मेरे साथ मेरे कमरे में बैठ जाओ.. तो वो मान गई और बोली कि में चेंज करके आती हूँ।

में अपने रूम में अपना बेड ठीक करके मोबाइल में गाने सुन रहा था। devar bhabhi

तभी भाभी आई और मेरे पैरों की साईड में बैठ गई। मैंने कहा आप भी थक गई हो तो कब तक बैठी रहोगी.. आप भी लेट जाओ.. तो वो मेरी बात मान कर वो मेरी साईड में लेट गई। फिर यूँ ही थोड़ी देर बातों बातों में नींद ही आ गई.. तभी रात में अचानक मेरी जब नींद खुली तो लाईट चालू थी। में लाईट बंद करने उठा और मैंने देखा की भाभी का गाउन उनके घुटने के ऊपर तक था। ये सीन देखकर तो जैसे मेरे लंड पर आग लग गई थी। मैंने जल्दी से लाईट बंद करके उनके साथ में एक साईड हो कर लेट गया। मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज हो गई थी। बाप रे.. वो क्या पल था मेरी लाइफ का.. में उनके बदन की गर्मी इतने करीब से महसूस कर रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत करके मेरा एक हाथ उनके गाउन जो घुटने तक था उस पर रख दिया। मुझे घबराहट भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था। फिर ठंड का मौसम भी तो था।

थोड़ी और हिम्मत करके मैंने उनके गाउन को थोड़ा और उनकी जाँघो तक किया.. तब भी वो सो रही थी। मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी ही थी कि उन्होंने मेरी तरफ़ फिर करवट ली और कपड़े ठीक करके सो गई.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था। मेरा लंड तो तड़प रहा था उनकी चूत में जाने को.. मैंने फिर थोड़ी और हिम्मत करके उनके दूध पर हाथ रखा.. वो फिर भी सो रही थी।

Desi Bhabhi

मैंने अपने हाथ का दबाव और बढ़ाया.. लेकिन तभी भाभी जाग गई और मेरी तरफ देखकर बोली कि आपको ठंड लग रही है तो मेरी रज़ाई में ही आ जाओ। मेरे तो मानो पंख लग गये हो.. जैसे ही में उनकी रज़ाई में गया तो उन्होने अपना मुँह एकदम मेरे होठों के पास कर दिया। में कुछ समझ नहीं पा रहा था कि हो क्या रहा है यार.. मेरा लंड अपनी अंडरवियर में अलग ही फड़फडा रहा था। मैंने भी हिम्मत करके उनकी चूत के ऊपर से ही लंड का दबाव बढ़ाया।

कुछ देर तक तो वो कुछ नहीं बोली.. devar bhabhi

फिर जब मैंने और थोड़ा ज्यादा लंड का दबाव उनकी चूत पर डाला तो वो एकदम तड़पकर मेरे होठों को अपने होठों में दबाकर चूसने लगी.. ओह वो पहली बार था.. जब किसी औरत का छूना मैंने महसूस किया था। में भी कुछ ना सोचते हुये उनका साथ देने लगा और उनके दोनों मलाईदार दूध को अपने हाथों से दबाने लगा। वो कसमसा कर ज़ोर से मुझसे चिपक गई और मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मुझसे ज़ोर से चिपक गई और कहने लगी कि प्लीज.. जो भी करना है जल्दी कर दो। में खड़ा हुआ और मैंने अपना पजामा उतारा.. तभी वो मेरे 7 इंच के लंड की तरफ ऐसे लपकी कि जैसे कोई भूखी बिल्ली हो।

भाभी ने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकालकर ऐसे चूसने लगी कि जैसे कोई आइसक्रीम हो। में बहुत कामुक हो गया था.. में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। फिर में उनके मुँह से अपना लंड निकालकर उनकी चूत की तरफ बढ़ा तो खुद ही भाभी ने जल्दी से अपनी काली पेंटी उतार दी और एकदम क्लीन शेव चूत मेरे सामने कर दी और तभी मेरी हालत खराब हो गई.. मुझे तो पता भी नहीं था कि भाभी की चूत इतनी गोरी होगी।

भाभी को पटककर में उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा। devar bhabhi

तभी भाभी बोली कि में आज कहीं भागने वाली थोड़े ना हूँ.. इतनी जल्दी भी क्या है? मुझे तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था। में तो चूत चाट चाटकर पानी पीता जा रहा था। कुछ देर बाद हम 69 की पोज़िशन में आ गये और भाभी मेरे लंड को चूसने लगी। रंडी पूरे गले तक मेरे लंड को ले ले रही थी। तभी मैंने पिचकारी छोड़ दी उनके मुँह में.. इस बीच उषा भाभी 2 बार झड़ चुकी थी। भाभी ने मेरे लंड को फिर से चाटना शुरू किया।

5 मिनट के बाद मेरा शेर फिर खड़ा हो गया। devar bhabhi

तब मैंने भाभी को लेटाया और थोड़ी देर अपने लंड को भाभी की चूची पर रगड़ता रहा। मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था। उस दिन मैंने भाभी का दूध भी पीया था। भाभी ने कहा अब और मत तड़पाओ.. प्लीज मुझे चोद दो जान.. मैंने भाभी को खड़ा किया गाउन उठाई और खड़े खड़े अपना लंड भाभी की चूत में डालने लगा।

में पहली बार सेक्स कर रहा था इसलिये बहुत दर्द हो रहा था.. devar bhabhi

लेकिन भाभी के साथ सेक्स के नशे में में चूर था इसलिये मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। में अपनी स्पीड तेज करता चला गया। भाभी के मुँह से अजब अजब आवाजें आने लगी.. चोदो जान.. आह आह हह और चोदो। में भी और मस्त हो गया और अपनी स्पीड बढ़ा दी। करीब 15 मिनट के बाद मुझे एहसास होने लगा कि में झड़ने वाला हूँ.. तभी मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ डालूँ अपना वीर्य.. तो वो बोली चूत में मत डालना प्लीज।

मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर भाभी की चूची पर सारा पानी छोड़ दिया। भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी। में भाभी के उपर लेट गया.. हम पसीने से पूरे भीग गये थे। क्या रात थी वो यारो? जब भी मुझे मौका मिलता है.. तो में भाभी की चूत ज़रूर चाटता हूँ और भाभी की पेंटी भी सूँघता हूँ ।।

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Bhai Ko Mard Banaya Behan Ne https://sexstories.one/bhai-ka-lund-liya-behan-ne/ Sun, 03 Jan 2021 04:23:57 +0000 https://sexstories.one/bhai-ko-mard-banaya-behan-ne-part-2-xxx-storiez/ दीदी की गांड के दबाव से मेरे लंड में कुछ हरकत हुई और थोड़ा सा तनाव आया । पर ज़्यादा देर बरक़रार नहीं रह सका । दीदी को अहसास हुआ तो उन्होंने और ज़्यादा दबाव ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दीदी की गांड के दबाव से मेरे लंड में कुछ हरकत हुई और थोड़ा सा तनाव आया । पर ज़्यादा देर बरक़रार नहीं रह सका । दीदी को अहसास हुआ तो उन्होंने और ज़्यादा दबाव बनाया पर कोई फायदा नहीं हुआ और फिर हम ऐसे ही सो गये । अगले 3-4 दिन तक यही सिलसिला चलता रहा । bhai ka lund

दीदी रोज़ रात को मेरे साथ ऐसे ही सोती और अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ती रहती । मेरे लंड में थोड़ी हरकत तो होती पर ज़्यादा देर तक कायम नहीं रह पाती ।

फिर शनिवार आया और क्यूंकि अगले दिन हमारी छुट्टी थी । bhai ka lund

इसलिए हम देर तक बातें करते रहे । फिर आपस में लिपट कर सो गये । सुबह जब मेरी आँख खुली तो मुझे बहुत तेज़ पेशाब लगी थी । मैं जल्दी से बाथरूम भागा और पेशाब कर के वापस आया तो देखा दीदी पेट के बल सोयी हुई थी और उनकी टाइट गांड उनके लोअर को फाड़ने का इरादा कर के उभरी हुई पड़ी थी ।

अचानक मेरे लंड ने झटका खाया और अपना आकार बढ़ाने लगा । मुझे उस वक्त दीदी की गांड के अलावा कुछ और नहीं सूझ रहा था । मैं स्नेहा दीदी को दीदी न समझ कर सिर्फ सोनू ही imagine कर रहा था । मैंने आनन फानन में अपने सारे कपडे उतार फेंके और बेड पे जाकर दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी की गरदन , कान और गालों को चूमने लगा।

दीदी मेरे वजन को महसूस कर के नींद से जग गयी और बिना किसी देरी के सारी बात समझ गयी और अपने एक हाथ से मेरे बालों को सहलाने लगी ।

मेरे ऊपर वासना इस कदर हावी थी कि मैं दीदी को न सिर्फ चूम रहा था बल्कि बीच बीच में हल्का हल्का काट भी रहा था । मेरी साँसें धोंकनी की तरह चल रही थी और मेरे हर चुम्बन पर दीदी के मुंह से सिसकारियां फूट रही थी ।

जैसे ही मैं उन्हें कहीं काटता तो उनके मुंह से दर्द और मस्ती भरी आह निकल जाती । bhai ka lund

मैं पूरी तरह से नग्न था और दीदी ये बात समझ चुकी थी और मेरा भरपूर सहयोग कर रही थी । मैंने अपने लंड का दबाव दीदी की गांड पर बना रखा था जिससे दीदी को भी पूरा मज़ा आ रहा था और वो बीच बीच में अपनी गांड को उछाल रही थी ।

उस वक्त मुझे ये ज़रा भी ख्याल नहीं था कि मेरे नीचे मेरी स्नेहा दीदी और एक लड़की है । मैं तो उन्हें लड़का ही इमेजिन कर रहा था । करीब 2 मिनट तक ऐसे ही दीदी को चूमने और रगड़ने के बाद मैंने दीदी के कान में कहा , “सोनू ! ”

दीदी ने धीरे से जवाब दिया , “हम्मम.. ” bhai ka lund

मैंने खुमारी में पूछा , “ पहले किसी ने तेरी ली है ? ”

दीदी फुसफुसाते हुए बोली , ” नहीं यार मेरा फर्स्ट टाइम है ।”

मैं उसी तरह फिर बोला , ” थोड़ा दर्द होगा झेल लेगा ? ” bhai ka lund

दीदी धीमे स्वर में बोली , “ कोशिश करूँगा पर अंदर डालने से पहले कुछ चिकनाई लगा लेना ।”

मैं यह सुनते ही तुरंत उठा और अपनी अलमारी से नारियल तेल की बोतल निकाल लाया , दीदी वैसे ही बिना हिले डुले पड़ी रही ।

मैंने दीदी के लोअर की इलास्टिक पकड़ी और नीचे की और खींचा , दीदी ने थोड़ा सा अपनी गांड को हवा में उठा कर मुझे लोअर निकालने में मदद की ।

मैंने लोअर को उनके घुटनों से थोड़ा नीचे तक सरका दिया । उन्होंने अंदर कोई पैंटी नहीं पहनी थी ।

दीदी ने अपने पैरों की मदद से लोअर को शरीर से अलग कर के बेड से नीचे गिरा दिया ।

फिर मैंने अपने हाथ में तेल लिया और उनकी गांड पर अच्छे से मल दिया और अपने लंड को भी तेल से नहला दिया ।

दीदी उसी मुद्रा में लेटी रही । मैं दीदी के ऊपर झुका और अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर टिका कर उनके कान के पास अपना मुंह ले जाकर बोला , “सोनू ! तैयार है ? ”

दीदी ने अपने दोनों हाथों से तकिये को भींच लिया और सिर्फ “ हम्म्म्म …” कहा । bhai ka lund

मैंने धीरे धीरे लंड का दबाव बनाया और साथ ही दीदी की गरदन को बेतहाशा चूमने लगा ।

थोड़ा सा और दबाव बनाते ही लंड की टोपी फिसल कर अंदर चली गयी और दीदी के मुंह से कराह निकल गयी आह हहहह ………..।

मैंने थोड़ा सा दबाव और दिया और लंड थोड़ा सा और अंदर सरक गया और दीदी के मुंह से फिर एक दर्द भरी आह हहह निकली और उनकी आँखों से आंसू आगये ।

पर वासना में डूबे हुए मेरे दिमाग को कुछ नहीं सुनाई दे रहा था । मैंने अपना काम ज़ारी रखा और धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा ।

दीदी की टाइट गांड ने मेरे लंड को बड़ी मज़बूती के साथ जकड़ रखा था । जिसकी वजह से मुझे आनंद तो बहुत आ रहा था पर थोड़ा थोड़ा दर्द भी महसूस हो रहा था । गांड की सख्ती के कारण लंड बड़ी मुश्किल से आगे पीछे हो पा रहा था ।

दीदी का हाल और भी बुरा था । वो दर्द के मारे छटपटा रही थी और पूरी ताकत के साथ तकिये को अपनी मुट्ठी में भींचे हुए थी ।

मैं बड़ी सावधानी से लंड को आगे पीछे कर रहा था । तेल की चिकनाई के कारण आधे से ज़्यादा लंड दीदी की गांड में जा चुका था ।

जब स्नेहा दीदी से दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो दीदी कराहते हुए बोली ,

” आह हहहह … समू बहुत दर्द हो रहा है । प्लीज ! बाहर निकाल ना यार ! ”

मैंने उत्तेजना के बहाव में जवाब दिया , ” बस आज ही दर्द होगा मेरे राजा । उसके बाद तो तू रोज़ मेरा लंड मांगेगा ।”

दीदी ने फिर कराहते हुए कहा , “ प्लीज यार समू , एक बार निकाल ले बाहर । फिर दोबारा डाल लेना । ”

मैंने सोचा ठीक है , ये इतना बोल रहा है तो निकाल लेता हूँ और दीदी को कहा , “ ठीक है यार , पर सिर्फ थोड़ी देर के लिये । ”

दीदी ने कराहते हुए कहा ,” आह… हाँ , ठीक है ।” bhai ka lund

और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया । पर वैसे ही दीदी की पीठ पर लेटा रहा ।

लंड के बाहर आते ही दीदी की जान में जान आयी और उन्होंने एक राहत भरी सांस ली , उह हहह … ।

मैं दीदी को कभी गाल पर , कभी गरदन पर चूमता चाटता रहा । करीब 1 मिनट बाद मैंने दीदी के कान में कहा , “ सोनू ! फिर से डालूं ? ”

तो दीदी ने थोड़ा सा खुद को एडजस्ट किया और बोली , “ हम्म्म तू ऐसे ही लेटा रह , मैं डालता हूँ । तू बस धक्के लगाना ।”

मैंने कहा ठीक है ,” तू ही डाल । ” bhai ka lund

दीदी अपना सीधा हाथ अपने पेट के नीचे से पीछे लायी और मेरे लंड को पकड़ के गांड के छेद पर टिकाते हुए बोली , ” हम्म…. अब धीरे धीरे करना । ”

मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर डाला ।

दीदी के मुंह से फिर दर्द भरी आवाज़ निकली ,” आहिस्ता ! आहिस्ता !”

मैंने धीरे धीरे लंड को फिर आगे बढ़ाया । एक बार पहले लंड अंदर करने के बाद भी गांड उतनी ही टाइट महसूस हो रही थी ।

जैसे ही आधा लंड अंदर गया , स्नेहा दीदी के मुंह से हलकी से एक चीख निकली , “ एआइइइइ आअह्ह्ह …” और उन्होंने बेडशीट को सख्ती के साथ अपनी मुट्ठी में भींच लिया । उन्हें दर्द से निजात दिलाने के लिए मैंने उन्हें पागलों की तरह चूमना चाटना शुरू कर दिया ।

दीदी को थोड़ी राहत मिली और अब उनके मुंह से धीमी धीमी सिसकारियां निकलने लगी थी ।

असल में जिसे गांड समझ कर मैं चोद रहा था वो दीदी की चूत थी । दीदी ने बड़ी ही चालाकी से मेरे लंड को अपने चूत के छेद पर रखा था और मैं वासना और उत्तेजना के बहाव में उनकी चूत को ही उनकी गांड समझ कर चोदे जा रहा था । क्यूंकि मैं उन्हें एक लड़का ही समझ रहा था और ये भूल गया था कि दीदी एक लड़की है और उनके पास दो छेद हैं , वो भी लगभग मिले हुए ।

धीरे धीरे मैंने अपना पूरा लंड दीदी की चूत में पेल दिया और आगे पीछे करने लगा । bhai ka lund

दीदी दर्द और आनंद की मिक्स feelings दे रही थी और उनकी चूत धीरे धीरे काफी गीली हो गयी थी ।

जिस के कारण अब लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था । उनकी चूत भी उनकी गांड की तरह ही टाइट थी और मैं तो उसे गांड समझ कर ही चोद रहा था ।

धीरे धीरे दीदी को दर्द का अहसास कम हुआ और वो अपनी गांड पीछे की और उछालने लगी ।दीदी भी अब पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी ।

मैंने अपने धक्के लगाने की स्पीड बढ़ा दी और दीदी ने भी अपनी गांड उछालना तेज़ कर दिया ।

फिर अचानक स्नेहा दीदी ने अपने बदन को थोड़ा सा ऊपर उठाया और अपनी टीशर्ट को आधी पीठ तक ऊपर खींच लिया । फिर मेरे दोनों हाथों को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूचियों को मेरे हाथ से मसलने लगी और साथ ही अपनी गांड को तेज़ी से पीछे करने लगी । शायद दीदी झड़ने ही वाली थी और इस समय बहुत उत्तेजना में थी , पर हुआ कुछ उल्टा ।

जैसे ही मुझे दीदी की चूचियों का स्पर्श हुआ , मेरे दिमाग में हलचल मच गयी । और जैसे मैं किसी सपने से जाग गया और मुझे अहसास हुआ कि असल में मैं किसी लड़की को चोद रहा हूँ ।

तो मेरे लंड का तनाव खत्म होने लगा और मेरी धक्का लगाने की स्पीड कम होती गयी और फिर मैं रुक गया ।

उधर दीदी की मदहोशी में खलल पड़ गया था , उनको कामतृप्ति का सुख मिलना बंद हो चुका था ।

वो अपनी चूत को मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी । पर मेरा लंड ढीला पड़ता जा रहा था और कुछ ही पल बाद मेरा लंड मुरझा कर उनकी चूत से बाहर आ गया ।

फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी । bhai ka lund

दीदी अपना सीधा हाथ अपने पेट के नीचे से पीछे लायी और मेरे लंड को पकड़ के गांड के छेद पर टिकाते हुए बोली , ” हम्म…. अब धीरे धीरे करना । ”

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सगी बहन की पीरियड वाली चूत को चोदा https://sexstories.one/bahan-ki-khoon-bhari-choot-chodi/ Thu, 31 Dec 2020 04:02:50 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%b8%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%a1-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/ दोस्तों कैसे हैं आप सभी आज मैं हुकुम आपके सामने आया हूँ क्यूंकि मुझे आप सब से कुछ कहना है | मुझे बहुत अच्छा लगा जब किसीने अपनी चुदाई की कहानी लिखी और उसको मैंने ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तों कैसे हैं आप सभी आज मैं हुकुम आपके सामने आया हूँ क्यूंकि मुझे आप सब से कुछ कहना है | मुझे बहुत अच्छा लगा जब किसीने अपनी चुदाई की कहानी लिखी और उसको मैंने पढ़ा | मुझे लग रहा था मैंने कोई गलती कर दी है और इससे मैं किसी के साथ साझा नहीं कर सकता | मुझे तो पता भी नाघी है कि आप सब मेरे बारे में क्या सोचेंगे पर ये बहुत ज़रूरी है की मैं आपको ये बात बताऊँ | bahan ki choot

मुझे तो बहुत डर लगता था पहले ये बताने में कि मैंने अपनी बहन के साथ सेक्स किया|

चूँकि मैं एक अच्छा लड़का तो मुझे ये सब शोभा नहीं देता.. bahan ki choot

पर क्या करे इसके बिना चलता भी नहीं हैं | मेरे बारे में एक चीज़ समझ लीजिये की अगर मैं कसीस से प्यार करने लगा तो बस उसका ही होक रह जाता हूँ और मेरी बहन से मैं बहुत प्यार करता हूँ | मुझे ये समझ नहीं पता कि रिश्तों में चुदाई को इतना गन्दा क्यूँ कहा जाता है जबकि ये भी जिंदगी का एक एहम हिस्सा है | तो दोस्तों आप लोग अब समझ ही गये होंगे कि मेरी कहानी क्या है और मुझे किस चीज़ की तलाश थी और मुझे वो किसने दी | अब मैं आपको ये बतात हूँ ये सब क्या हुआ और हुआ तो हुआ कैसे | मैं उस समय अपने कॉलेज में था और वो भी कॉलेज में ही थी हम दोनों एक दिन एक ही समय पर पैदा हुए थे |

तो मुझे वो बहुत अच्छे से जानत थी और मुझे समझती भी थी | मेरे मम्मी पापा से ज्यादा बनती नहीं थी मेरी [पर वो ही एक लौटी थी घर में जो मेरा ख्याल रखती थी | बिलकुल जैसे एक माँ अपने बचे का रखती है | मुझे जब भी अच्छा नहीं लगता मैं उसकी गोद में सर रखके लेट जाता था और वो मेरे सर के बाल सहलाते हुए कहती थी क्या हुआ ? तो मैं उसे हर बात बता देता था | वो मुझे अच्छे से समझाती थी कि देख तेरे साथ मैं हूँ न तेरे साथ तुझे कुछ भी चाहिए तू मुझसे कहना | मैंने कहा कुछ भी तो उसने कहा हाँ | वो मुझसे बड़ा खुली हुयी थी तो उसने कहा बस मेरी इज्ज़त मत माँगना फिर कहा खेर तेरे लिए वो भी दे दूंगी |

मैंने कहा नहीं मुझे नहीं चाहिए बस तू हमेशा मेरे साथ रहना | bahan ki choot

तब वो प्यार से कहा करती थी तू मेरा प्यारा भाई है तुझे छोड़ के कैसे जाउंगी कहीं | मैं भी उसे गले लगा लेता था और मेरे माथे पर किस कर देती थी | फिर वो मुझे गले लगाकर सुला देती थी | मैं जब 10 साल का था तब से मुझसे बहुत प्यार करती थी और हमेशा मेरे लिए खड़ी रहती थी | मैं भी भाई होने का फ़र्ज़ निभाता था जो भी उसे व्चैये होता था मैं उसे लाकर देता था | हम दोनों का कोलेगे ख़तम हुआ और हम दोनों ने ही सोचा कि चलो अपना काम शुरू किया जाए | उसने भी कहा तेरा आईडिया बिलकुल सही है और उसने कहा पर इतने पैसे लाएंगे कहाँ से | मैंने कहा चल पापा से बात करके देखते हैं | पापा उस दिन बहुत खुश थे क्यूंकि मेरा सिलेक्शन एक बड़ी कंपनी में मेनेजर की पोस्ट पर हो गया था और ये बहुत ही गर्व की बात थी |

पर जिया ने कहा पापा हम दोनों अपना काम करना चाहते हैं | bahan ki choot

उसके बाद तो पापा का दिमाग ऐसा खराब हुआ की उन्होंने हमसे एक महीने तक बात नहीं की | फिर एक उन्होंने कहा तुमलोगों को जो करना है करो बस मुझसे कोई उम्मीद मत रखना | इस बार मैं टूट गया था पर मुझसे ज्यादा टूटी थी जिया पर मैंने उसे संभाला और कहा कि हमलोग कोई न कोई तरीका निकाल लेंगे | तब मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया भाई ऑनलाइन काम कर सकता बस इसके लिए कंप्यूटर और इन्टरनेट चाहिए | मैंने ये बात किया को बताई तो उसने कहा चल एक बार शुरुवात तो करके देखते हैं | मैंने भी कहा चल क्यूंकि ये दोनों चीज़ें हमारे पास थी और हमे बस इनका पूरा इस्तमाल करना था | हमने ऑनलाइन ऑर्डर्स पे अपने टैग्स दिए और हमे एक साथ चार प्रोजेक्ट्स मिल गये पैसा कम था पर शुरुवात करने के लिए उतना बुरा भी नहीं था | फिर हम दोनों ने काम चालू किया और हमारे क्लाइंट्स को हमारा काम पसंद आने लगा और तीन महीने बाद हुमदोनो ५०००० रू महिना कमाने लगे थे |

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फिर क्या था पापा ये सब देखते रहते थे और धीरे धीरे हमलोग और बढ़ गये | फिर पापा ने कहा तुम लोग ये घर में करते क्या रहते हो | तो जिया ने बताया पापा हमलोगों ने बस अपने कंप्यूटर और इन्टरनेट से कुछ चालु किया और आज देखिये हम खुद इतना कम लेते हैं जितना ये मेनेजर की पोस्ट से कमाता | पापा को सुनकर अच्छा लगा तो उन्होंने कहा शाबाश आगे क्या करना है | तब जिया ने कहा पापा अब आप रहने दीजिये वो हम देख लेंगे की हमे आगे क्या करना है ? अब पापा को समझ आ गया था कि उन्होंने अपने बच्चो को पहचानने में गलती की | पर अब कोई मतलब नहीं था पछताने का क्यूंकि अब हम उनका सहारा नहीं लेना चाहते थे | अब हमे एक ऑफिस ले लिया था जहाँ हमारा केबिन अलग था और वर्कर्स काम करते थे | हमारी लाइफ मस्त कट रही थी क्यूंकि अब हम लाख लाख रूपये महिना निकाल लेते थे सारे खर्चे काटने के बाद | उसके बाद क्या था मैंने भी जिया से आहा देख चार साल हो गये हैं हमे काम करते हुए और अब एक महीने बाद पांचवां साल होगा तो जशन तो बनता है |

उसने भी कहा हाँ अगर तू बोल रहा है तो ज़रूर करुँगी फिर उसने मुझे गले लगाया और कहा मेरा भाई खुश रहना चाहिए बस | मैंने कहा जिया कई दिन हो गये मैंने तेरी गोद में सर नहीं रखा | उसने कहा आजा पागल द्बोलना चैये न | इस बार जब मैं लेता था तो उसकी चूत से कुछ अजीब सी महक आ रही थी तो मैंने पुछा टॉयलेट करके आई क्या अभी ? तब उसने कहा नहीं पीरियड चल रहे है | मैंने बोला ये क्या होता है ? तो उसने कहा इस टीम पर लड़की की चूत से ख्हों निकलता है | मैंने कहा दिखा तो उसने अपना जीन्स नीचे किया और पेंटी हटा के मुझे दिखाया | मैंने कहा यार इसे देख कर मेरा तो खड़ा हो गया उसने कहा काबू में रख नहीं तो अपनी बहन के साथ ही सेक्स करना पड़ेगा फिर उसने कहा चलो अब कल की तैयारी करनी है पार्टी भी देनी है सबको | फिर मैंने कहा हाँ ठीक है और हम दोनों सारा सामन लेने चले गये और रातभर ऑफिस को सजाया |

उसके बाद हमने साड़ी तयारी कर ली थी और फिर सब आ गए थे | bahan ki choot

फिर हमने पार्टी शुरू कि और हमने दारु भी रखी थी क्यूंकि जिया ने कभी पी नहीं थी तो उसको एक बार पीना था | मैं अपनी बहन के लिए कुछ नही कर सकता था | फिर पार्टी रात तक चली और हम नशे में चूर हो चुके थे | पर जिया ने उतनी नहीं पे थी तो वो मुझे संभाल रही थी | सब चले गए और वो मुझे अन्दर केबिन में ले गयी | मैंने कहा जिया मुझे वो चूत अभी टक याद आ रही है और मेरा लंड भी खड़ा है | तो उसने कहा चुप बहन हूँ में तेरी मैंने कहा जिया प्लीज न एक बार | तब उसने कहा अच्छा ठीक है चोद ले मुझे मैं तुझे मन भी तो नहीं कर सकती | फिर उसने अपने कपडे उआरे और क्या चिकना बदन था उसका |

मैं तो नशे में था.. bahan ki choot

इसलिए उसने मेरे भी कपडे उतारे और फिर कहा सुन मेरे दूध को चूस | मैंने नशे में उसके दूध चूसे और वो उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् कर रही थी | फिर मैंने उसके चिकने पेट पर अपनी जीभ लगाके चाटा | उसने कहा अपनी बहन को इतना प्यार करते हो | मैंने कहा जिया मुझे नहीं पता क्या हो रहा है पर अच्छा हो रहा है | उसके पीरियड चालु थे तो मैंने उसकी चूत नहीं चाटी पर मन तो मेरा बहुत था क्यूंकि क्या चूत थी उसकी |

फिर मैंने उसकी चूत पे लंड रखा और अन्दर कर दिया.. bahan ki choot

वो आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् करके चीख पड़ी | उसकी चूत पैक थी तो उसे बहुत दर्द हुआ था | उससे खून भी निकला था पर उसे पता नहीं चला क्यूंकि पीरियड का भी खून था | फिर मैंने जोर जोर से उसको चोदना चालु किया और वो उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् उम्म्म्मम्म्म्मम्म्म्म आअह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी | फिर आधे घंटे बाद हम दोनों झड़ गए और लेट गए | फिर मेरा लंड खड़ा हुआ और मैंने उसे फिर से चोदा और ये सुबह तक चलता रहा | हम अक्सर चुदाई करते पर उसकी शादी होने वाली है तो थोडा कम कर दिया है |  दोस्तों आप लोगों को मेरी ये कहानी कैसी लगी कमेंट में जरुर बताइयेगा |

मुझे इंतजार रहेगा | bahan ki choot

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हमारी किरायेदार https://sexstories.one/%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0-hindi-sex-stories/ Fri, 07 Aug 2020 09:37:23 +0000 https://sexstories.one/?p=44 मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी होगी। हमारे घर का ऊपर का माला हमने किराये पर दिया है जिसमें एक खूबसरत आंटी और उसका पति रहता है, उनकी शादी को कुछ 2-3 साल हुए हैं पर अभी तक उन्हें कोई बच्चा नहीं है। आंटी बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं। desi sex chudai

वो जबसे हमारे यहाँ रहने आये थे तब से ही मुझे उस आंटी के साथ सेक्स करने की ख्वाहिश थी और मेरी हरकतों से वो यह जान गई थी। उसका बदन ही ऐसा है कि कोई भी उस पर फ़िदा हो जाये, गोरा बदन, लम्बे बाल बड़े-बड़े भरे हुए स्तन, वो जब चलती है तो उसकी गांड क्या मस्त दिखती है ! उसका आकार होगा 38″…

जब भी मौका मिलता, मैं उसके बदन को छूता और वो कुछ नहीं कहती थी। ऐसा बहुत दिन तक चलता रहा। अब मैंने उसके साथ सेक्स करने की योजना बनाई।

एक दिन मेरे घर वाले एक शादी में जाने वाले थे। तब मैंने “मेरी तबीयत ख़राब है !” यह कह कर जाने को टाल दिया…

Daily chudai story – पारुल की वर्जिन चुत

जब सब चले गए तो मैं उस आंटी के कमरे में चला गया। उसका पति भी दफ़्तर गया हुआ था और रात को आठ बजे के बाद आने वाला था। अब पूरे घर में हम अकेले ही थे। मैंने पहले तो उससे यहाँ-वहाँ की बातें शुरु की, फिर उसके काम में हाथ बंटाने लगा और इसी बहाने उसे बार-बार छूने लगा और जब मुझे पूरा यकीन हो गया कि उसे कोई एतराज नहीं है तो मैंने अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने कहा- यह क्या कर रहे हो? desi sex

मैं डर गया लेकिन और थोड़ी हिम्मत कर के मैंने कहा- आज कुछ मत बोलो !

और उसे अपनी तरफ खींच लिया। तब वो मुझसे अलग होने की झूठी कोशिश करने लगी, फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी चुनरी हटा दी और उसके पूरे शरीर पर हाथ फिराने लगा। मैंने उसकी कमीज़ की ज़िप खोल दी और अन्दर हाथ डालकर उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा। फिर मैं उसके गले पर, उसकी पीठ पर चूमता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ पूरी उतार दी, जिससे उसका गोरा बदन, उसकी गुलाबी रंग की ब्रा मेरे सामने आ गई। यह सब देख कर मेरा लंड फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरु किया और अपने हाथों से उसकी ब्रा खोल दी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, वो दो बड़े-बड़े स्तन छलांग लगा कर मेरे सामने आ गए। मैंने हल्के से उन्हें अपने हाथों में पकड़ा और जोर से दबा दिया और साथ मैं अपने दांतों से उसके चुचूकों को काटने लगा, जिसकी वजह से उसकी मुँह से आह की जोर से आवाज निकली…

फिर बहुत देर तक मैं उसके स्तन चूसता रहा… desi sex

फिर मैंने उसकी सलवार निकाल दी, उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और अपनी टी-शर्ट और जींस उतारकर उसके ऊपर आ गया। मैंने उसे बहुत चूमा उसके स्तनों को बहुत चूसा और नीचे की तरफ बढ़ा…

पहले तो मैंने उसकी पैंटी के आसपास अपनी जीभ घुमाई और फिर पैंटी के ऊपर जीभ घुमाने लगा। उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुँह से आह उम् ऊह्ह की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने अपने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी गीली गोरी चूत को देख कर पागल हो गया, मैंने अपनी जीभ जैसे ही उसकी चूत पर लगाई उसने मेरे बालों को खींच कर मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी।

मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत को चाटते हुए देखा है लेकिन तब पहली बार ऐसा किया … मैं उसकी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में भी डाली और वो सेक्सी आवाजें निकालती गई…

फिर वो उठ गई और मेरा लंड बाहर निकाला और बिना हाथ लगाये सीधे मुँह में ले लिया। इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था…

वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर वो अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी …. यह मेरा पहला ही सेक्स अनुभव था इसलिए दो मिनट में मैंने उसका मुँह अपने माल से भर दिया और वो उसे ऐसे पी गई जैसे पानी हो…

Office sex kahani – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई

गजब की बात तो मुझे यह लगी कि मेरा माल निकलने के बाद भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा था और वो उसे चूसे जा रही थी। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत और वो मेरा लंड चूसने लगी और दूसरी बार मेरा माल उसने अपने मुँह में भर लिया।

उसने कहा- अब मुझसे और सहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो ! desi sex

और यह कहते हुए वो बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर फैला दिए। उसकी चूत को देख कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसने अपने हाथों से मेरा लंड अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर थोड़ी देर रगड़ता रहा और अचानक ही उसकी चूत में घुसा दिया जिससे वो चीख उठी, मेरा अभी आधा लंड ही उसकी चूत में था, मैंने और जोर लगाया और उसकी चूत में पूरा घुसा दिया, जैसे ही पूरा अन्दर गया उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.. फिर मैं उसे उस अवस्था में तब तक चोदता रहा जब तक मेरा माल नहीं निकल गया।

उस बीच मैंने उसके होंठों को बहुत चूसा और उसे भी यह बहुत अच्छा लगता था तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

चोदते-चोदते मैं उसके स्तन और चुचूक भी जोर से दबा रहा था लेकिन चुम्बन की वजह से वो चीख भी नहीं पा रही थी बस मुँह में ही आवाज निकाल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझे जोर से चोदने को कहने लगी तो मुझे पता चल गया कि वो पानी छोड़ने वाली है।

मैं उसे जोर से चोदता रहा और उसने अपनी सांस रोक कर पानी छोड़ दिया, कुछ देर बाद मैंने भी अपना माल निकाल दिया।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से उसकी चूत चाटने लगा। पीछे से उसकी गांड क्या खूब लग रही थी, कुछ देर चूत चाटने के बाद मैं उसकी गांड भी चाटने लग गया और उसकी गांड गीली कर दी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसके मुँह में चाटने के लिए दी और उसकी गांड में घुसा दी। उसकी गांड कुँवारी थी तो उसे दर्द होने लगा और वो निकालने के लिए बोलने लगी। फिर दो मिनट बाद मैंने उंगली निकाल ली और अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रख दिया।

वो मुझे कहने लगी- गांड मत मारो ! desi sex

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी, कब से मैं उसकी गांड को देख-देख कर मुठ मारता था और आज मौका मिला तो कैसे जाने देता…

फिर मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को बाहर की तरफ खींच दिया और फिर बहुत जोर से अपने लंड को धक्का दिया। तब सिर्फ आगे का हिस्सा ही अन्दर गया और वो- आह मर गई इसे बाहर निकालो…आह …. करके चीखने लगी …

लेकिन मैंने और एक धक्का दिया तब आधा अन्दर गया और जब तीसरी बार कोशिश की तो पूरा का पूरा उसकी गांड में फिट बैठ गया… वो बहुत चीख रही थी, उसे बहुत दर्द भी हो रहा था… फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुप रहा और नीचे से मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और हिलाने लगा। तब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा।

फिर धीरे धीरे मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और उसकी चूत में भी ऊँगली डालता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और मैं जोर से उसकी गांड मारने लगा…

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मैं जब उसकी गांड मार रहा था तो उसके स्तन बहुत जोर जोर से हिल रहे थे… desi sex

कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी तो उसे दर्द होने लगा और वो मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी। जिससे मुझे और अच्छा लग रहा था।

और दो मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया। जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, मेरा माल उसकी गांड के बाहर आने लगा।

उसके बाद हमने आराम किया और कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत और गांड फिर से मारी…

यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है आपको मेरी कहानी कैसी लगी, यह जरूर बताइए..

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